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कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन की हिरासत के लिए आवेदन करेगा राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई), दरअसल पिछले महीने पीयूष जैन के परिसर से भारी मात्रा में सोना और नकदी जब्त की गयी थी और बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया था। सूत्रों ने कहा कि डीआरआई जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की छापेमारी के दौरान पीयूष जैन से उनके आवास से बरामद 23 किलो सोना के बारे में पूछताछ करना चाहते हैं। पीयूष जैन फिलहाल कानपुर जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। केंद्रीय एजेंसी उद्योगपति के रिमांड के लिए अदालत जाएगी और फिर उनसे से सवाल करेगी कि उनके पास इतना सोना कैसे आया। परफ्यूम के कारोबार से जुड़े पीयूष जैन को 26 दिसंबर को टैक्स चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कानपुर और कन्नौज में जैन के आवास और कारखाने में छापे की एक श्रृंखला में 197. 49 करोड़ रुपये नकद, 23 किलो सोना और 6 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का अन्य सामान मिला था। वित्त मंत्रालय ने कहा था कि यह एक प्रवर्तन एजेंसी द्वारा "नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती" थी। मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने बताया कि यह पैसा माल ट्रांसपोर्टर द्वारा फर्जी इनवॉयस और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ा था। प्राथमिक जांच से पता चला था कि पीयूष जैन से जुड़ी एक फर्म दुबई में इत्र के लिए कच्चा माल भेज रही थी, जिसके बदले में उसे कथित तौर पर छापे के दौरान जब्त की गई सोने की छड़ें (विदेशी चिह्नों के साथ) प्राप्त हो रही थीं। सूत्रों ने यह भी कहा कि सिंगापुर में इत्र के लिए कच्चा माल भेजने के दौरान कथित तौर पर इसी तरह के तौर-तरीकों का इस्तेमाल किया गया था। पीयूष जैन पर अंतरराष्ट्रीय चिह्नों वाले सोने की बरामदगी के बाद डीआरआई को पीयूष जैन की जांच में शामिल किया गया था। बता दें कि जब्त सोने के स्विट्जरलैंड कनेक्शन को छिपाने के लिए कंपनी के नाम खरोंच कर हटा दिए गए थे। डीआरआई को शक है कि जिन कंपनियों के नाम खरोंच कर मिटा दिए गए हैं, अनुमान लगाया जा रहा है कि यह दोनों ही कंपनियां स्विट्जरलैंड की हैं।
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याची का कहना था कि उसने खर्च का लेखा दिया है किन्तु उसे स्वीकार न कर 2013 में नोटिस जारी की गयी। संतुष्ट न होने पर अयोग्य करार दे दिया गया और याची की आपत्तियों को सुना नहीं गया। इलाहाबादः हाईकोर्ट ने मैनपुरी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे शैलेन्द्र सिंह उर्फ बेल्टन को अपने चुनाव खर्च का लेखा एक हफ्ते में चुनाव आयोग को सौंपने का मौका दिया है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस पर दो हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश भी दिया है। आयोग ने चुनाव खर्च का ब्यौरा न देने वाले 40 से अधिक प्रत्याशियों को अगले तीन वर्ष के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है। जिसे याचिका में चुनौती दी गयी थी। -यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने शैलेन्द्र सिंह की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। -याची का कहना था कि उसने खर्च का लेखा दिया है किन्तु उसे स्वीकार न कर 2013 में नोटिस जारी की गयी। -संतुष्ट न होने पर अयोग्य करार दे दिया गया और याची की आपत्तियों को सुना नहीं गया। -इस पर चुनाव आयोग के अधिवक्ता का कहना था कि याची को नोटिस दी गयी थी। -इसके बावजूद चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया गया तो मजबूर होकर आयोग को कड़ा कदम उठाना पड़ा। -कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 11 के अन्तर्गत आयोग को याची के संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
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केंद्र सरकार रिटेल सेक्टर को विदेशी निवेश (FDI) के लिए पूरी तरह खोलने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकार विदेशी कंपनियों को भारत में बने सामान बेचने की इजाजत दे सकती है। यह देश की फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट पॉलिसी में सबसे बड़ा रिफॉर्म होगा। रुचिका चित्रवंशी, नई दिल्ली केंद्र सरकार रिटेल सेक्टर को विदेशी निवेश (FDI) के लिए पूरी तरह खोलने के एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकार विदेशी कंपनियों को भारत में बने सामान बेचने की इजाजत दे सकती है। यह देश की फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट पॉलिसी में सबसे बड़ा रिफॉर्म होगा। जिस पॉलिसी पर विचार चल रहा है, वह ऑफलाइन और ऑनलाइन रिटेल, दोनों पर लागू होगी। इससे वॉलमार्ट, टेस्को, ऐमजॉन और अन्य कंपनियों के लिए भारत में रिटेल शुरू करने में आ रही बाधाएं खत्म हो जाएंगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि रिटेल में निवेश आकर्षित करने के साथ ऐसी पॉलिसी से 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया, 'भारत में बने सामान बेचने के लिए विदेशी निवेश से सभी पाबंदियां हटाने का प्रस्ताव रखा गया है। सरकार इस मामले पर जल्द ही विचार करेगी। ' अभी विदेशी मालिकाना हक वाली रिटेल कंपनियां देश में सिर्फ मार्केटप्लेस या ऐसे प्लैटफॉर्म के तौर पर काम कर सकती हैं, जो खरीदारों और सामान बेचने वालों को एक जगह लाती हैं। वे अपनी तरफ से ग्राहकों को सामान नहीं बेच सकतीं। उन्हें अपना स्टॉक रखने की इजाजत नहीं है। वॉलमार्ट जैसी मल्टी-ब्रैंड रिटेलर्स को अभी भारतीय वेंचर में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने की ही इजाजत है और इसके लिए उन्हें कई दूसरी शर्तें पूरी करनी पड़ती हैं। मौजूदा पॉलिसी में देसी उत्पादकों को किसी भी चैनल (ऑनलाइन या ऑफलाइन) के जरिए सिर्फ अपने सामान बेचने की इजाजत है। सिर्फ फूड प्रॉडक्ट्स के मामले में लोकल प्रोसेस्ड आइटम्स को किसी को भी किसी भी चैनल के जरिए बिक्री की जा सकती है। यह पॉलिसी पिछले साल अगस्त में बनाई गई थी। इसका मकसद देश में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना था। रिटेल कंपनियां किराना का सामान और पर्सनल केयर आइटम्स के लिए भी ऐसी ही छूट की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि सिर्फ फूड प्रॉडक्ट्स के लिए ऐसी छूट देने का कोई बिजनस सेंस नहीं है। वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी की बजट भाषण में कहा था कि सरकार एफडीआई पॉलिसी में और रियायत देने की सोच रही है। अभी भी 90 पर्सेंट एफडीआई ऑटोमैटिक अप्रूवल रूट से आ रहा है यानी इसके लिए सरकारी एजेंसियों से मंजूरी नहीं लेनी पड़ती। ऐमजॉन ने हाल में सरकार के पास फिजिकल स्टोर्स खोलने के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। कंपनी ने कहा था कि वह इन दुकानों से भारत में बने फूड प्रॉडक्ट्स बेचना चाहती है। कंपनी ने ऑनलाइन प्लैटफॉर्म से भी इसे बेचने में दिलचस्पी दिखाई थी। इससे पहले एक प्रस्ताव में उसने हाइब्रिड मॉडल की मांग की थी, जिसमें वह इंडिपेंडेंट सेलर्स के साथ अपने सामान भी बेच सके। हालांकि सरकार ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था क्योंकि वह 'मेक इन इंडिया' के मुताबिक नहीं था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि रिटेल सेक्टर के लिए विदेशी निवेश की पाबंदियां खत्म करने से प्रोड्यूसर्स को फायदा होगा। अर्न्स्ट ऐंड यंग के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर देवराज सिंह ने कहा, 'जिस तरह से मैन्युफैक्चरर्स को ढील दी गई, उसी तरह से रिटेल कंपनियों के लिए इन रूल्स में रियायत देने से देश की इकॉनमी को फायदा होगा। ' उन्होंने कहा कि इससे जॉब मार्केट पर बुरा असर नहीं पड़ेगा और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा।
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Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : बीएसएसआर यूनियन जमशेदपुर इकाई की वार्षिक सभा का आयोजन रविवार को आंध्र स्कूल टिनप्लेट में किया गया. इस आम सभा में यूनियन के विगत एक वर्ष के क्रियाकलापों पर चर्चा की गई. यूनियन के सचिव एवं कोषाध्यक्ष ने एक साल के कार्यक्रमों एवं लेखा का विवरण सभी के समक्ष रखा, जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया. सदस्यों ने अपनी राय एवं सुझाव दिए. मौके पर यूनियन के जिला इकाई सचिव विनय कुमार ने कहा कि आज हम सभी सेल्स प्रमोशन एम्प्लॉई विकट परिस्थितियों का सामना कर रहे हैंं. जहां एक तरफ मालिक वर्ग द्वारा लगातार छटनी, वेतन कटौती, पोर्टल लॉक एवं विभिन्न प्रकार की यातनाएं दी जा रही है. वही सरकार भी श्रम कानून में बदलाव कर मालिक वर्ग का साथ निभा रही है. उन्होंने अत्याचार के खिलाफ साथ मिलकर आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया. इसी कड़ी में 5 अप्रैल को दिल्ली रैली में भाग लेकर सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने एवं मालिकों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एकजुटता का परिचय देने का संकल्प लिया गया. सभा को राज्य सचिव सुब्रतो विश्वास, पी आर गुप्ता एवं संयुक्त महासचिव केडी प्रताप ने भी संबोधित किया. उन्होंने आने वाले दिनों में सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों एवं मालिकों के दमनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. सभा को सीआईटीयू के महासचिव बी देब ने भी संबोधित किया. उन्होंने सदस्यों से आह्वान किया कि 5 अप्रैल को दिल्ली में होने वाली रैली के मुद्दों का प्रचार करें एवं आम जनता को जागरूक करने में अपनी भूमिका निभाएं.
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कोलकाताः वेस्टइंडीज के उपकप्तान निकोलस पूरन ने शुक्रवार को भारत के खिलाफ दूसरे टी20 मैच में 41 गेंद में 62 रन की धमाकेदार पारी खेली लेकिन अपनी टीम को जीत की दहलीज पार करा पाने में नाकाम रहे। पूरन ने सीरीज के पहले मैच में भी 43 गेंद में 61 रन की पारी खेली थी। लगातार दो अर्धशतक जड़ने के साथ ही निकोलस पूरन अंतरराष्ट्रीय टी20 में भारत के खिलाफ भारतीय सरजमीं पर पचास रन से ज्यादा की तीन पारियां खेलने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले दुनिया का कोई बल्लेबाज टीम इंडिया के खिलाफ उसके घर पर ऐसा नहीं कर सका था। पूरन ने इससे पहले भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी20 में अर्धशतकीय पारी साल 2018 में चेन्नई में खेली थी। उस मैच में पूरन ने 25 गेंद में नाबाद 53* रन बनाए थे। पूरन ने ये स्पेशल उपलब्धि भारत के खिलाफ भारतीय सरजमीं पर छठा टी20 मैच खेलते हुए हासिल की है। भारत के खिलाफ भारत की धरती पर पूरन का बल्ला जमकर रन उगलता है। उनके नाम भारत में टीम इंडिया के खिलाफ अबतक खेले 6 मैच की 6 पारियों में 54. 50 की औसत से 218 रन निकले हैं। इस दौरान उनका स्ट्राइकरेट 166. 41 का रहा है और उन्होंने 3 अर्धशतक जड़े हैं। शुक्रवार को खेली 62 रन की पारी भारत में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। शुक्रवार को निकोलस पूरन एक बार फिर लय मे नजर आए। उन्होंने शानदार अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 34 गेंद में इंटरनेशनल टी20 में सातवां अर्धशतक जड़ा। अपनी 41 गेंद में 62 रन की पारी के दौरान उन्होंने रोवमैन पॉवेल के साथ तीसरे विकेट के लिए 60 गेंद में 100 रन की साझेदारी की और टीम को जीत के करीब पहुंचाया। उनके भुवनेश्वर कुमार की गेंद पर आउट होते ही मैच का पास पलट गया और टीम इंडिया 8 रन के अंतर से मैच जीतने में सफल रही।
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मंदिरों को चेन्नई जिले का एक अभिन्न अंग माना जाता है। चेन्नई जिले के मंदिर अपनी परंपरा और स्थापत्य सुंदरता में समृद्ध हैं। चेन्नई जिले के विशाल मंदिर हर साल बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। केवल धार्मिक उत्साह के लिए ही नहीं चेन्नई के मंदिर भी तमिलनाडु की संस्कृति, धर्म और वास्तुकला के वैभव के झांकी हैं। चेन्नई जिले के मंदिर विभिन्न स्थापत्य शैली के हैं। मंदिरों के बारे में एक सामान्य बात यह है कि उनमें से अधिकांश में ऊंचे टॉवर हैं और वे चेन्नई की गौरवशाली विरासत के पथ प्रदर्शक भी हैं। चोल और पल्लव कला की कलात्मकता 9वीं शताब्दी ईस्वी के स्थापत्य वैभव को दर्शाते हुए चेन्नई के मंदिरों को सुशोभित करती है। चेन्नई जिले के मंदिरों में धार्मिक उत्सव मनाना आम बात है। यह हिंदू धर्म की पिछली विरासत को उजागर करने में भी समर्थन करता है। कुछ प्रमुख त्यौहार एक निश्चित समुदाय तक सीमित नहीं रहते हैं। चेन्नई जिले के मंदिरों में कई देवी-देवताओं की विभिन्न शैलियों में पूजा की जाती है। चेन्नई में बालाजी, श्रीकृष्ण, लक्ष्मी, गणेश, महादेव (भगवान शिव), भगवान विष्णु के मंदिर हैं और तीर्थयात्रा पर कई भक्त नियमित रूप से चेन्नई जिले के मंदिरों में जाते हैं। चेन्नई जिले के ये सभी मंदिर ईसा पूर्व पहली कुछ शताब्दियों के दौरान बनाए गए थे और उनमें से कुछ तो और भी पुराने हैं। चेन्नई जिले के कुछ सबसे उल्लेखनीय मंदिरों में परथासारथी मंदिर, श्री वडापलानी अंदावर मंदिर, कपालेश्वर मंदिर, अष्टलक्ष्मी मंदिर, कालीगंबल मंदिर, अय्यप्पन मंदिर, शिरडी साईं बाबा मंदिर, मारुथेश्वर मंदिर, थिरुनीरमलाई विष्णु मंदिर, अंजनेस्वामी मंदिर आदि हैं।
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हैम्बर्ग, जहां जगहें वर्ष ऐतिहासिक तिमाहियों में केंद्रित कर रहे हैं, और बंदरगाह क्षेत्र में जर्मनी के शहर की ओर आकर्षित कई यात्री। जर्मनी में अन्य शहर सांस्कृतिक और इस तरह के एक असामान्य संयोजन गर्व कर सकता है ऐतिहासिक स्मारकों, अति आधुनिक शॉपिंग मॉल, हरे-भरे बागानों और रोमांटिक नहरों, और वास्तु कृतियों में से सबसे दिलचस्प पर्यटक स्थलों के बीच में खड़े हैं। हैम्बर्ग के आकर्षणः सुरम्य जर्मन शहर के प्राचीन भाग लेने से कुछ ही पुरानी इमारतों, सड़क Deyhshtrase के रूप में कई वास्तु इमारतों युद्ध के दौरान नष्ट हो गए थे और बम विस्फोट की वजह से नष्ट पर स्थित बच गए। इसलिए, आधुनिक हैम्बर्ग, जिसका स्थलों अक्सर युद्ध पूर्व इमारतों की प्रतिकृतियां, उत्कृष्ट के लिए दिलचस्प धन्यवाद है संरक्षणकर्ताओं के काम और जर्मन आर्किटेक्ट। रोमांटिक शहर के साथ परिचित हैं, तो आप पुनर्जागरण सिटी हॉल, इमारत जहां में 1886-1897 के वर्षों में बनाया एक दौरे के साथ शुरू कर सकते हैं स्वदेशी लोगों हैम्बर्ग के प्रमुख प्रतीक कहा जाता है। एक ऐतिहासिक इमारत की मुखौटा बड़े पैमाने पर अच्छी तरह से ज्ञात जर्मन सम्राटों के आंकड़ों के साथ सजाया गया है और अब टाउन हॉल और संसद के पहले महापौर पर बैठता है। इस के बावजूद, विदेशी पर्यटकों के अंदर की अनुमति दी, और आगंतुकों स्टाइलिश कमरे की एक किस्म के माध्यम से चल सकता है। और वास्तुकला का एक उत्कृष्ट कृति के बगल में आप पानी जो सुंदर सफेद हंसों है की सतह पर सुरम्य झील देख सकते हैं। कैथेड्रल "माइकल": - तथाकथित नागरिकों राजसी की जांच हैम्बर्ग के आकर्षण, आप अतीत पुराने गिरजाघर "माइकल" नहीं जा सकते मंदिर Arhangela Mihaila। इस चर्च, 1750 में लगाया, रंगीन शहर के मुख्य प्रतीकों में से एक है, और इतिहासकारों उस में त्रिक वास्तुकला का एक अच्छा उदाहरण पर विचार बरॉक शैली। पर मंदिर के मुखौटा विशाल यांत्रिक घड़ी दिखावा, और सोने और सफेद और भूरे रंग के स्वर में जीवित रहने के आंतरिक सजावट, उष्णकटिबंधीय लकड़ी का बना पर हावी है। चर्च टावर की ऊंचाई 132 मीटर है, और एक असामान्य अवलोकन डेक, जो Hanseatic शहर और Alster नदी के पैनोरमा के पुराने हैम्बर्ग जगहें अच्छी तरह से देखने हो सकता है के लिए एक लिफ्ट द्वारा यात्रियों की सिफारिश की जा सकती है। Kunsthalle संग्रहालयः हैम्बर्ग, जिसका आकर्षण न केवल ऐतिहासिक स्मारकों, लेकिन यह भी एक उत्कृष्ट म्यूजियम संग्रह में शामिल हैं से आ रहा है, आप Kunsthalle संग्रहालय के लिए जा सकते हैं। यहाँ उत्तर जर्मन कला संग्रह, 1869 के बाद से एकत्र, और अपनी परीक्षा के लिए धन्यवाद में सबसे अच्छा यूरोपीय चित्रकला के इतिहास को समझने कर सकते हैं। संग्रह में काम करता है F. O. Runge और K. D. Fridriha, साथ ही चित्रों उन्नीसवीं सदी के, रूमानियत की शैली में कर रहे हैं। यात्राः स्थानीय ट्रैवल एजेंसियों हैम्बर्ग के लिए आ रहा सबसे असामान्य दर्शनीय स्थलों की यात्रा यात्रियों प्रस्तुत करते हैं, और बस और चलने दौरे के दौरान, पर्यटकों Hanseatic शहर के सबसे रहस्यमय स्थानों की खोज कर सकते हैं। आप आधुनिक भूमिगत सुरंग है, जो राजसी एल्बे यात्रियों के नीचे रखी है पर टहलना तो नदी के विपरीत बैंक से हैम्बर्ग के चित्रमाला प्रशंसा। इस जगह नदी स्टेशन और प्राचीन मंदिरों का एक अच्छा विचार है, साथ ही बिस्मार्क को स्मारक पर से। सबसे पहली बार के लिए हैम्बर्ग में आने के यात्रियों के लिए दिलचस्प, बंदरगाह के सुरम्य जल पर एक छोटी सी नाव पर नाव यात्रा हो जाएगा। नदी से भव्य जिले Blankenese के आकर्षक चित्रमाला को खोलता है, "उजागर" जो हरे परिदृश्य और एल्बे शानदार निजी मकान के उच्च बैंक पर निर्माण कर रहे हैं। गर्मियों में, खुशी जहाजों नियमित रूप से नदी Alster, "बाहरी" और "आंतरिक" जल पर विश्वसनीय ताले के कृत्रिम विभाजन चलती हैं।
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नई दिल्ली : दो मिनट में तैयार हो जाने वाली मैगी नूडल्स को भारत में खाद्य सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया है। लेकिन इस पर भी विचार करें कि मुंबई में बिकने वाला 64 प्रतिशत खुला तेल मिलावटी होता है, यह बात पिछले साल भारतीय उपभोक्ता मार्गदर्शक सोसाइटी द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आई थी, अध्ययन के दौरान तेलों के 291 नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसमें तिल का तेल, नारियल का तेल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, सूरजमुखी का तेल, बिनौला तेल इत्यादि शामिल हैं। इसके अलावा अनाज, दालों, सब्जियों, मूलों, कंदों में आर्सेनिक खतरनाक स्तर से अधिक पाया गया, इसी तरह 2013 में बड़ोदा के एमएस विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अध्ययन में अनाज, दही, और फलों में कैडमियम खतरनाक स्तर से अधिक पाया गया। ये दोनों धातुएं मनुष्य के लिए हानिकारक हैं। दूसरी चीजों पर नजर डालें तो भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा 2013 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, उत्तर प्रदेश के बरेली देहरादून, इज्जतनगर कस्बों में 28 प्रतिशत अंडे ईकोलाई से दूषित थे और पांच प्रतिशत मल्टी-ड्रग प्रतिरोधी साल्मोनेला बैक्टीरिया से, इस तरह हम देख सकते हैं कि हम दूषित और मिलावटी भोज्य पदार्थो से घिरे हुए हैं, जो भारतीय सुरक्षा और पैकेजिंग मानकों को पूरा नहीं करते। हमने यहां भारतीय भोज्य पदार्थो पर हाल में किए गए अध्ययनों के सिर्फ एक नमूना भर पेश किया है, फिर मैगी ही सुर्खियों में क्यों हैं? दरअसल, इसकी लोकप्रियता के कारण मैगी का मामला तेजी से जरूरत से ज्यादा उछला है, क्योंकि कई सारे राज्यों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसके चलते नेस्ले इंडिया अपने इस उत्पाद को भारतीय बाजारों से वापस ले रही है। नेस्ले इंडिया की ओर जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, "उपभोक्ताओं का विश्वास और हमारे उत्पादों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। दुर्भाग्य से हाल के घटनाक्रम और निराधार चिंताओं के कारण उपभोक्ताओं में उत्पाद को लेकर थोड़ी हलचल है। इसलिए इतनी मात्रा में हमने इसे वापस लेने का फैसला किया है, वहीं, उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, "यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए सरकार ने पहली बार उपभोक्ताओं की ओर से स्वतः संज्ञान लिया है, यह कदम तब उठाया गया है, जब उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस उत्पाद के नमूनों का विश्लेषण करने के बाद पाया कि इसमें तय सीमा से तीन गुना अधिक सीसा मौजूद है, उत्तर प्रदेश की इस एजेंसी के निष्कर्षो के बाद कई राज्यों में भी मैगी का प्रशिक्षण किया गया। जिसके चलते राज्यों में सिर्फ मैगी को प्रतिबंधित ही नहीं किया गया, बल्कि नूडल्स के अन्य ब्रॉड पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, सीसा सिर्फ मैगी में ही नहीं, बल्कि घर के पेंट में भी मौजूद है। सीसा और अन्य कासिनोजेनिक भारी धातु दिल्ली और नागपुर में पालक से लेकर पश्चिम बंगाल में बैगन, टमाटर और बीन्स में भी आमतौर पर पाए गए हैं। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2011 के अनुसार, मोनो सोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) को पास्ता और नूडल्स में नहीं मिलाया जाना चाहिए। इसी तरह ग्लूटामेट सबसे आम है जो स्वाभाविक रूप से पाया जाने वाले गैर सुगंधित अमीनो एसिड में से एक है, जो टमाटर, पनीर, आलू, मशरूम और अन्य सब्जियों और फलों में पाया जाता है, अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा एमएसजी को आमतौर पर सुरक्षित माना गया है। हालांकि भारत में यह हानिकारक माना जाता है। एमएसजी से पैदा होने वाली प्रमुख परेशानियों में मुंह, सिर और गले में जलन, सिर दर्द, हाथों-पैरों में कमजोरी, पेट की गड़बड़ी शामिल हैं, भारत में मैगी सर्वाधित लोकप्रिय नूडल्स में से एक है। लिहाजा इस मिलावट के खुलासे के बाद राष्ट्रव्यापी हंगामा भी जायज है। इसके साथ ही अन्य पदार्थों में भी मिलावट किया जा रहा है, इस तरह जहां उत्पाद सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, वहीं सरकारी एजेंसियां उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई भी कर रही हैं, खाद्य पदार्थो में मिलावट से संबंधित मामलों की संख्या 2011-12 में 764 से बढ़कर 1013-14 में 3,845 हो गई है। यानी 403 प्रतिशत की बढ़ोतरी। लेकिन क्या यह आंकड़ा पूरी तस्वीर प्रस्तुत करता है?
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Sagar News :सागर (नवदुनिया प्रतिनिधि)। एक युवक के खिलाफ छतरपुर कलेक्टर द्वारा जिलाबदर की कार्रवाई करने के आदेश की सुनवाई न करने और कलेक्टर के आदेश को खारिज न करने पर हाईकोर्ट ने सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला को अवमानना का नोटिस देने के आदेश दिए हैं। याचिका कर्ता की ओर से पैरवी अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर व अंजनी कुमार ने की। छतरपुर जिला निवासी कल्लू लोधी के विरुद्ध कलेक्टर छतरपुर ने 4 जुलाई 2022 को आदेश पारित कर जिलाबदर की कार्रवाई की थी, जबकि पूर्व में भी छतरपुर कलेक्टर ने दिनांक 21 नवम्बर 2018 को भी ठीक उन्हीं आपराधिक धाराओं में जिलाबदर की कार्रवाई की जा चुकी थी। इन समस्त तथ्यों को उल्लेखित करके कमिश्नर सागर के समक्ष अपील की गई थी जिसे कमिश्नर ने कलेक्टर द्वारा की गई अवैधानिक कार्रवाई को स्थगित नहीं किया और न ही अपील की समुचित सुनवाई की। इसलिए याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में छतरपुर कलेक्टर के पारित आदेश को संविधान के अनुच्छेद 20 के प्रावधानों के विपरीत बताया व पुलिस अधीक्षक छतरपुर, संबंधित पुलिस थाना पिपट के थाना प्रभारी ने अपने आला अधिकारियों को गुमराह कर याचिकाकर्ता के विरुद्ध लिखित में गलत जानकारी देकर तथ्यों को छिपाकर प्रतिवेदन दिया। त्वरित सुनवाई का आवेदन भी हुआ था दाखिल इन समस्त तथ्यों को लेकर कल्लू लोधी ने याचिका दायर की थी। इसकी प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस एसए धर्मधिकारी की खंडपीठ ने समस्त तथ्यों को कंसीडर करने व आदेश दिनांक 22 दिसम्बर 22 से 15 दिवस के अंदर बोलता हुआ आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे। आदेश को कमिश्नर सागर की न्यायलय में दिनांक 26 दिसम्बर 2022 को हाइर्कोर्ट के आदेश से अवगत करा दिया गया था व कमिश्नर के समक्ष त्वरित सुनवाई का आवेदन भी दाखिल किया था, लेकिन कमिश्नर ने हाईकोर्ट के आदेश को कोई तर्जी नहीं दी। इसलिए याचिका कर्ता ने सागर कमिश्नर के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर की। उक्त याचिका की सुनवाई 7 फरवरी को जस्टिस एमएस भट्टी की अदालत में की गई। न्यायालय ने पाया की कमिश्नर को स्पष्ट निर्देश के बाबजूद भी अपील निराकृत नहीं की गई है। इसलिए न्यायलय द्वारा व्यक्तिगत रूप से मुकेश कुमार शुक्ला कमिश्नर सागर को अवमानना कार्रवाई पंजीवद्ध करके कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
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इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने पीशीन-मंद संयुक्त सीमावर्ती बाज़ार के उद्घाटन और बिजली सप्लाई लाइन की शुरुआत की ओर इशारा करते हुए कहा कि कई और संयुक्त सीमावर्ती परियोजनाओं पर काम चल रहा है। विदेशमंत्री ने गुरुवार की शाम ट्वीट कर ईरान और पाकिस्तान के बीच सीमावर्ती बाज़ार की शुरुआत पर यह बात कही। उन्होंने लिखा कि राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और पाकिस्तान के प्रधानमंमत्री शहबाज़ शरीफ़ तथा दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पीशीन-मंद संयुक्त सीमावर्ती बाज़ार और बिजली सप्लाई लाइन का उद्धाटन हुआ। उन्होंने कहा सीस्तान व ब्लोचिस्तान तथा पाकिस्तान के पड़ोसी क्षेत्रों का जितना ज़्यादा विकास हो वह दोनों राष्ट्रों के हित में है। दूसरी ओर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने सीमा बाज़ार के आधिकारिक संचालन और ईरान से पाकिस्तान तक बिजली सप्लाई लाइन पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि तेहरान और इस्लामाबाद के बीच भाईचारे के संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। पाकिस्तान के सीस्तान व ब्लोचिस्तान के इलाक़े पीशीन में ईरान के पहला सीमा बाज़ार गुरुवार को इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शाहबाज़ शरीफ़ की पहल से शुरु हुआ। इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के विदेशमंत्री बुलावल भुट्टो ज़रदारी ने कहा कि पीशीन-मंद सीमा बाज़ार की शुरुआत और पोलान-गबद बिजली ट्रांसमिशन लाइन का उद्घाटन खुशी का कारण है और यह विकास, एक दूसरे की सीमाओं में लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार और क्षेत्र के मूल निवासियों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए एक मौलिक कारक साबित होगा। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय ने यह भी यह एलान किया है कि सीमावर्ती बाज़ारों की शुरुआत, सीमावर्ती निवासियों के जीवन और पड़ोसी प्रांतों के विकास में सुधार का कारण बनेगी और इससे तस्करी की घटना को दूर करने में काफ़ी मदद मिलेगी। पाकिस्तान के प्रधान मंत्री कार्यालय का कहना है कि इस्लामाबाद 5 अन्य बाज़ारों पर काम कर रहा है जिन्हें जल्द ही खोला जाएगा। (AK) हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!
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अमेरिकी सिंगर कैटी पेरी की दमदार आवाज दुनियाभर में मशहूर है। लोग उनके बिंदास अंदाज के भी दीवाने हैं। कैटी पेरी जब भी स्टेज आती हैं तो धमाल कर देती हैं। वो अपने टैटू के लिए भी जानी जाती हैं। उनका एक खास टैटू आर्टिस्ट है, जो उनके टैटू बनाता है। कम ही लोग जानते होंगे कि कैटी की बाजू पर एक टैटू है, जो अंग्रेजी में नहीं बल्कि संस्कृत में है। कैटी के दाहिने हाथ में संस्कृत का एक टैटू है। जिसे बने हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन इसकी तस्वीर एक बार फिर वायरल हो रही है। उनके टैटू में लिखा है 'अनुगाचति प्रवाह', जिसका अर्थ है 'प्रवाह के साथ जाना'। आपको बता दें कैटी के एक्स हसबैंड रसेल ब्रांड ने भी ठीक ऐसा ही टैटू गुदवा रखा है। ब्रांड ने भी अपने हाथ पर 'अनुगाचति प्रवाह' का टैटू बनवाया हुआ है। बता दें कि कैटी के एक्स हसबैंड ब्रांड एक टैटू लवर हैं, जिनके शरीर के कई हिस्सों पर कई धार्मिक टैटू बने हुए हैं। केवल कैटी और उनके एक्स पति ही नहीं, बल्कि बॉलीवुड के कई सितारों ने संस्कृत में टैटू बनवा रखे हैं। बता दें कि कैटी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और आए दिन कुछ न कुछ शेयर करती रहती हैं। उनके पोस्ट पर हजारों लोग कमेंट्स करते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके पूरे 157 मिलियन फॉलोवर्स हैं। कैटी अपने हर कॉन्सर्ट में अतरंगी अवतार लेकर पहुंची हैं। उनकी गायकी के साथ-साथ लोग उनके स्टाइल के भी फैन हैं। हाल ही में कैटी oops मोमेंट का शिकार हो गई। वो अमेरिकन आइडल शो में परफॉर्मेंस दे रही थीं। इसी बीच गाने पर डांस करते हुए कैटी पेरी की पैंट पीछे से फट गई। लेकिन घबराने की बजाय कैटी ने एक क्रू मेंबर से टेप मांगा और पैंट के फटे हुए एिया में येलो टेप चिपका दी और परफॉर्मेंस को चालू रखा।
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वृक्ष विचरण (arboreal locomotion) जानवरों के वृक्षों पर चढ़ने या चढ़कर वृक्ष-से-वृक्ष घूमने को कहते हैं। कई प्राणी पेड़ों पर आहार प्राप्त करने या छुपाने, वन-फ़र्श पर घूम रहे परभक्षियों से बचने, ऊँचाई से वन के बड़े क्षेत्र पर ग्रास या परभक्षियों पर दृष्टि डालने या प्रजनन में अपनी संतान अथवा अंडों को सुरक्षित रखने के लिये चढ़ जाते हैं। कुछ जानवर अपना पूरा या अधिकांश जीवन ही पेड़ों पर व्यतीत करने वाले वृक्षवासी होते हैं। . 14 संबंधोंः नोमास्कस, नीलगिरी (यूकलिप्टस), पर्णाहारी, पूर्वजगत बंदर, पॉइज़न आइवी, लार गिबन, सियामंग, हायलोबेटीस, हूलोक गिबन, विशाल चींटीखोर, वृक्ष-कंगारू, खींप, गिबन, आंगवांतीबो। नोमास्कस (Nomascus) गिबन के चार जीववैज्ञानिक वंशों में से एक है। यह दक्षिणी चीन के युन्नान प्रान्त से लेकर वियतनाम तक विस्तृत है और हाइनान द्वीप पर भी पाया जाता है। अन्य गिबन वंशों की तुलना में इस वंश में सर्वाधिक जीववैज्ञानिक जातियाँ हैं, हालांकि सभी विलुप्ति के संकट में हैं। . नीलगिरी (यूकलिप्टस) नीलगिरी मर्टल परिवार, मर्टसिया प्रजाति के पुष्पित पेड़ों (और कुछ झाडि़यां) की एक भिन्न प्रजाति है। इस प्रजाति के सदस्य ऑस्ट्रेलिया के फूलदार वृक्षों में प्रमुख हैं। नीलगिरी की 700 से अधिक प्रजातियों में से ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया मूल की हैं और इनमें से कुछ बहुत ही अल्प संख्या में न्यू गिनी और इंडोनेशिया के संलग्न हिस्से और सुदूर उत्तर में फिलपिंस द्वीप-समूहों में पाये जाते हैं। इसकी केवल 15 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया के बाहर पायी जाती हैं और केवल 9 प्रजातियां ऑस्ट्रेलिया में नहीं होतीं. प्राणी विज्ञान में पर्णाहारी (folivore) ऐसे शाकाहारी प्राणी होते हैं जो अधिकतर पत्ते खाते हैं। शिशु पत्तों को छोड़कर, पूरी तरह से विकसित पत्तों में सेलुलोस की भरमार होती है जिसे पचाना कठिन होता है। इसके अलावा कई पत्तों में विषैले पदार्थ भी पाए जाते हैं। इस कारणवश पर्णाहारी पशुओं में पचन तंत्र की नली बहुत लम्बी होती है और पचन-क्रिया धीमी होती है, जिस से वह सेलुलोस को रसायनिक क्रिया से तोड़कर हज़म कर सकें और विष भी निकालकर अलग कर सकें। नरवानर जैसे कई पर्णाहारियों में भी शिशु पत्तों को चुनकर खाने की आदत देखी गई है क्योंकि उन्हें पचाना अधिक आसान होता है। . पूर्वजगत बंदर (Old World monkey) एशिया और अफ़्रीका के महाद्वीपों पर मिलने वाले बंदरों का जीववैज्ञानिक कुल है। इसमें वर्षावनों, सवाना घासभूमि और अन्य स्थानों पर रहने वाले कई बंदर आते हैं। यूरोप में भी इस कुल के बंदरों के जीवाश्म (फ़ॉसिल) मिले हैं और जिब्राल्टर पर भी कुछ बंदरों की टोलियाँ अस्तित्व में हैं हालांकि यह शायद अन्य जगहों से लाई गई हो। जीववैज्ञानिक नाम से पूर्वजगत बंदरों के कुल को सेर्कोपिथेसिडाए (Cercopithecidae) बुलाया जाता है। ध्यान दे कि केवल पूर्वजगत के बंदर ही इस कुल में आते है। नवजगत (मसलन दक्षिण अमेरिका) के बंदरों का कुल अलग है। . टॉक्सिकोडेंड्रोन रेडिकंस (पॉइज़न आइवी; पुराने समानार्थक शब्द रुस टॉक्सिकोडेंड्रोन, रुस रेडिकंसUSDA अग्नि प्रभाव सूचना व्यवस्था), ऐनाकार्डियासी परिवार का एक पौधा है। यह एक जंगली लता है जो युरुशियोल नामक एक त्वचा प्रदाहक उत्पन्न करने की अपनी क्षमता के लिए काफी मशहूर है जो अधिकांश लोगों में होने वाली एक खुजली वाली फुंसी का कारण है जिसे तकनीकी तौर पर युरुशियोल-प्रेरित संपर्क त्वचादाह के रूप में जाना जाता है लेकिन यह एक वास्तविक आइवी (हेडेरा) नहीं है। . लार गिबन (Lar gibbon), जो श्वेत-हस्त गिबन (white-handed gibbon) भी कहलाता है, गिबन के हायलोबेटीस वंश की एक जाति है। यह अन्य गिबनों से अधिक जाना जाता है और अक्सर विश्व के चिड़ियाघरों में मिलता है। इसका निवास स्थान युन्नान, पूर्वी बर्मा, थाईलैण्ड, मलय प्रायद्वीप और पश्चिमी सुमात्रा द्वीप है। इनका शरीर काला या भूरा होता है लेकिन हाथ-पाँव सफ़ेद होते हैं और मुखों पर अक्सर श्वेत रंग के बालों का एक चक्र होता है। . सियामंग (Nomascus) गिबन के चार जीववैज्ञानिक वंशों में से एक है जो मलेशिया, थाईलैण्ड और सुमात्रा में पाया जाता है। काले रंग का यह वृक्ष विचरणी प्राणी अन्य सभी गिबनों से बड़े आकार का होता है और १ मीटर लम्बा तथा १४ किलोग्राम तक के भार वाला होता है। . हायलोबेटीस (Hylobates) गिबन के चार जीववैज्ञानिक वंशों में से एक है। यह नाम यूनानी भाषा से लिया गया है, जिसमें "हुले" (ὕλη) का अर्थ "वन" और "बेतिस" (βάτης) का अर्थ "चलनेवाला" होता है, यानि नाम का अर्थ "वन में चलने वाला" होता है। यह गिबनों का सबसे विस्तृत वंश है और दक्षिणी चीन के युन्नान प्रान्त से लेकर पश्चिम और मध्य जावा में फैला हुआ है। हायलोबेटीस गिबनों के मुखों पर अक्सर श्वेत रंग के बालों का एक चक्र होता है और आनुवांशिक दृष्टि से इनमें ४४ गुणसूत्र (क्रोमोसोम) होत हैं। . हूलोक गिबन (hoolock gibbon) गिबन के चार जीववैज्ञानिक वंशों में से एक है। इसमें दो जीववैज्ञानिक जातियाँ आती हैं और इसके सदस्य पूर्वोत्तरी भारत, दक्षिणपूर्वी चीन के युन्नान प्रान्त, पूर्वी बांग्लादेश और बर्मा में विस्तृत हैं। सियामंग के बाद यह दूसरे सबसे बड़े आकार का गिबन होता है। . विशाल चींटीखोर (Myrmecophaga tridactyla), जिसे चींटी भालू भी जाना जाता हैं, एक विशाल कीटभक्षी स्तनधारी हैं, जो मध्य और दक्षिण अमेरिका का मूल निवासी हैं। यह चींटीखोरों की चार जीवित प्रजातियों में से एक है और पिलोसा प्रकार में स्लोथ के साथ वर्गीकृत किया गया हैं। अन्य जीवित चींटीखोरों और स्लोथ के विपरीत जो वानस्पतिक या अर्ध-वानस्पतिक होते हैं, यह प्रजाति ज्यादातर स्थलीय हैं। अपने परिवार का सबसे बड़ा सदस्य, विशाल चींटीखोर की लम्बाई तथा नर और मादा का वज़न क्रमशः और होता हैं। यह अपनी लम्बी थूथन, जंगली पूँछ, लंबे सामने के पंजे, और विशिष्ट रंग के ऊर्णाजिन से पहचानने योग्य हैं। . वृक्ष-कंगारू (tree-kangaroo) डेन्ड्रोलागस जीववैज्ञानिक वंश के धानीप्राणी (मारसूपियल) होते हैं। इनके शरीर वृक्ष विचरण के लिए अनुकूलित होते हैं और यह नया गिनी द्वीप के उष्णकटिबंधीय वर्षावनों, ऑस्ट्रेलिया के सुदूर पूर्वोत्तर के क्वीन्सलैंड राज्य के वर्षवनों और कुछ निकटवर्ती द्वीपों में मिलते हैं। इन स्थानों पर वनों को संकट होने से लगभग सभी वृक्ष-कंगारू जातियाँ संकटग्रस्त हो गई हैं। मैक्रोपोडों में यह एकमात्र वास्तविक वृक्ष विचरणिय वंश है। . खींप जिसका वानस्पतिक नाम (लेप्टाडेनिया पाइरोटेकनिका/Leptadenia pyrotechnica) होता है यह एक रेगिस्तानी आयुर्वेदिक अर्थात एक प्रकार की घास होती है जो विशेष रूप से राजस्थान के रेगिस्तानी हिस्सों में ही पाई जाती है इसे पंजाबी में खीप कहते हैं खींप का कूटने से में जो पानी निकलता है वो पानी अर्थात इसका रस शरीर के लिए काफी नुकसानदेह होता है इससे शरीर पर खुजली हो जाती है राजस्थान में खींप के सूखने के पश्चात झोंपड़ा बनाने में तथा झाड़ू बनाने में काफी हद तक प्रयोग किया जाता है। . गिबन (Gibbon) लंबी बाहोंवाला, पेड़ों पर दौड़नेवाला एक कपि का जीववैज्ञानिक कुल है जो उत्तरपूर्वी भारत, पूर्वी बंग्लादेश और दक्षिणपूर्वी चीन से लेकर इण्डोनेशिया के कई द्वीपों (सुमात्रा, जावा और बोर्नियो समेत) में पाया जाता है। गिबन कुल के चार जीववैज्ञानिक वंश और १७ जीववैज्ञानिक जातियाँ अस्तित्व में हैं। इनका रंग काला, भूरा और श्वेत का मिश्रण होता है। पूरे श्वेत रंग के गिबन बहुत् कम ही दिखते हैं। गिबन जातियों में सियामंग, श्वेत-हस्त या लार गिबन और हूलोक गिबन शामिल हैं। यह मानव, चिम्पैन्ज़ी, ओरंग उतान, गोरिला और बोनोबो जैसे महाकपियों की तुलना में आकार में छोटे होते हैं और उनसे अधिक बंदर-जैसे दिखते हैं लेकिन सभी कपियों की भाँति इनकी भी पूँछ नहीं होती और यह अक्सर अपने पिछले पाँवों पर चलते हैं। इन्हें अक्सर हीनकपि (smaller apes) कहा जाता है। ये पृथ्वी पर खड़े होकर तो चल सकते ही हैं, पेड़ों पर भी हाथ के सहारे से खड़े होकर चलते हैं। यह वृक्षों में डाल-से-डाल लटककर बहुत तेज़ी से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में सक्षम होते हैं। इन्हें एक डाल से ५० फ़ुट (१५ मीटर) दूर की डाल तक कूदते हुए और ५५ किमी प्रति घंटे (३४ मील प्रति घंटे) की गति से पेड़ों में घूमते हुए मापा गया है। उड़ सकने वाले स्तनधारियों को छोड़कर, यह विश्व के सबसे गतिशील वृक्ष विचरणी स्तनधारी हैं। गिबन आजीवन एक ही जीवनसाथी चुनकर उसके साथ रहने के लिये जाने जाते हैं हालांकि कुछ जीववैज्ञानिक इसपर विवाद करते हैं और उनके अनुसार गिबनों में कभी-कभी तलाक जैसी प्रक्रिया भी देखी जा सकती है। . आंगवांतीबो (Angwantibo) अफ़्रीका के मुख्य महाद्वीप में मिलने वाला निशाचरी (रात्रि में सक्रीय) नरवानर प्राणी होते हैं। यह नरवानर गण के स्ट्रेपसिराइनी उपगण के लीमरिफ़ोर्मीस अधोगण (इन्फ़ाऑर्डर) के लोरिसिडाए कुल में आर्कटिसीबस (Arctocebus) नामक वंश की दो जातियों का साधारण नाम हैं। यह दिखने में पोटो जैसे लगते हैं लेकिन इनका रंग सुनहरा होता है, जिस कारणवश इन्हें सुनहरा पोटो (golden potto) भी कहा जाता है। आंगवांतीबो की दोनो जातियाँ - कालाबार आंगवांतीबो और सुनहरा आंगवांतीबो - दोनों मध्य अफ़्रीका में रहते हैं और उनका विस्तार नाइजीरिया और कैमरून से लेकर कांगो लोकतांत्रिक गणतंत्र के उत्तरी भाग तक है। .
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एक चुंबन, जिसने मुल्क़ में बवाल मचा रखा है! एक जोड़े को कई महीने की जेल की सज़ा इसलिए दी गई है क्योंकि वे कार में एक दूसरे को चूम रहे थे. ये मामला ट्यूनीशिया का है. अल्जीरियाई मूल के फ्रांसीसी नौजवान नसीम अवदी और उनकी ट्यूनीशियाई गर्लफ़्रेंड को ये सज़ा पिछले हफ़्ते बुधवार को कोर्ट ने सुना. तभी से ट्यूनीशिया की सोशल मीडिया पर ये मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है. नसीम 33 बरस के हैं और उनकी गर्लफ़्रेंड की उम्र 44 है. बात यहां तक बढ़ी कि इस मामले में ट्यूनीशिया में फ्रांसीसी दूतावास को दखल देना पड़ा. नसीम के वकील ने कहा, "दोनों ने क्लब से निकलने से पहले थोड़ी सी शराब पी थी और कार के भीतर एक दूसरे को चूम रहे थे. वहां पुलिस से उनकी झड़प हुई और पुलिस उन्हें थाने लेकर आ गई. " कोर्ट के प्रवक्ता के मुताबिक़ ये मामला सार्वजनिक नैतिकता के ख़िलाफ़ है. हालांकि उनका कहना है कि इस जोड़े को सज़ा इसलिए दी गई क्योंकि उन्होंने एक सरकारी मुलाज़िम को उसकी ड्यूटी करने से रोका था. जज ने नसीम को चार महीने और उनकी गर्लफ़्रेंड को तीन महीने की जेल की सज़ा सुनाई है. इस मामले के बाद नसीम की मां ने ट्यूनीशिया आकर फ्रांसीसी दूतावास से मदद मांगी. इस वाकये को लेकर ट्यूनीशिया की सोशल मीडिया में लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक ने कहा, "ट्यूनीशिया में गर्लफ़्रेंड को चूमने पर आपको चार महीने की जेल हो सकती है. जबकि किसी को पीटने पर कोई सज़ा नहीं होती. " एक इंटरनेट यूजर ने लिखा है, "नौजवान जोड़ों को मोहब्बत के गुनाह के लिए जेलों में भेजा जा रहा है. " फ्रांस के राजदूत ने अपनी फ़ेसबुक पोस्ट में इसका जिक्र करते हुए नसीम की मां को क़ानूनी मदद का भरोसा दिलाया है. सामान्य तौर पर महिलाओं के अधिकारों के मामले में दूसरे अरब मुल्कों के बनिस्बत ट्यूनीशिया को थोड़ा आधुनिक माना जाता है. ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति भी मर्दों और औरतों के लिए बराबरी के हक़ की बात करते सुने जाते रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ने इस घटना के बाद लोगों से सड़कों पर आकर किस कैम्पेन चलाने का आह्वान किया है. दूसरी तरफ कई सामाजिक कार्यकर्ताओं को ये भी लगता है कि 2011 की क्रांति से मिली स्वतंत्रताओं को ग़लत तरीके से समझा गया है और ऐसे मुद्दे ट्यूनीशिया समाज की प्राथमिकता में नहीं है. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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नयी दिल्ली। अगर आप पेट्रोल, डीजल और एलपीजी के बढ़ते दामों से परेशान हैं तो आपको इन ईंधनों के लिए पहले से और ज्यादा पैसा देना पड़ सकता है। असल में एक राज्य सरकार पेट्रोल, डीजल और एलपीजी पर नया टैक्स शामिल करने पर विचार कर रही है। मध्य प्रदेश सरकार का इरादा पेट्रोल, डीजल और एलपीजी पर 'गाय उपकर' (Cow Cess) लगाने का है। इसका सीधा भार राज्य की जनता पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ईंधन पर गाय उपकर लगाने की योजना बना रही है। इससे सरकार को कम से कम सालाना 200 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में एलपीजी, पेट्रोल और डीजल पर लगाए जाने वाले उपकर का इस्तेमाल गाय कल्याण के लिए किया जाएगा। बता दें कि पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पहले से ही गाय उपकर वसूला जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में भी गाय उपकर लागू करने के लिए राज्य के पशुपालन विभाग ने प्रस्ताव रखा है। पशुपालन विभाग ने पेट्रोल और डीजल दोनों पर 15-15 पैसे प्रति लीटर और प्रति रसोई गैस सिलेंडर पर 10 रुपये का उपकर लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उपकर से राज्य को सालाना 120 करोड़ रुपये की इनकम होगी, जबकि सिलेंडर पर लगने वाले इस चार्ज से हर साल 83 करोड़ रुपये आएंगे। 20 नवंबर को गठित गाय कैबिनेट की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सीएम चौहान ने 'गौमाता' कर लगाने के संभावित कदम के पीछे 'भारतीय संस्कृति' का हवाला दिया था। शिवराज सिंह ने कहा था कि मैं गौमाता (गाय) के कल्याण के लिए और गौशालाओं के उत्थान के लिए कुछ मामूली कर लगाने के बारे में सोच रहा हूं। क्या यह ठीक है? उन्होंने कहा कि हम गायों को पहली 'रोटी' खिलाते थे। इसी तरह हम कुत्तों को आखिरी रोटी खिलाते थे। भारतीय संस्कृति में जानवरों के लिए ऐसी चिंता थी जो अब लुप्त हो रही है, इसलिए हम गायों की खातिर जनता से छोटी कर राशि वसूलने की सोच रहे हैं। आज दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बदलाव नहीं आया। पेट्रोल 83. 71 रुपये प्रति लीटर और डीजल 73. 87 रुपये प्रति लीटर पर बरकरार रहा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी तेल कंपनियां रोज कीमतों की समीक्षा के बाद पेट्रोल और डीजल के नये रेट जारी करती हैं। सरकारी कंपनियों में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल रेट और डीजल रेट में संशोधन करती हैं। अब बात करते हैं कि पेट्रोल और डीजल ग्राहकों द्वारा चुकाए जाने वाले टैक्स की। खुदरा में पेट्रोल और डीजल जिस रेट पर बिकता है उसमें टैक्स का बड़ा हिस्सा होता है। आपको जान कर शायद हैरानी होगी कि पेट्रोल की कुल कीमत में करीब 55. 5 फीसदी टैक्स होता है। वहीं डीजट के मामले में 47. 3 फीसदी होता है। दोनो ईंधनों पर आधा हिस्सा टैक्स का होता है।
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दृष्टि किसी व्यक्ति के मुख्य संवेदी अंगों में से एक है, इसलिए इसे युवाओं से संरक्षित किया जाना चाहिए। आधुनिक तकनीक की हमारी उम्र में, लोगों को तेजी से दृष्टि की समस्याएं आ रही हैं, और वे स्कूल उम्र के बच्चों में भी दिखाई देते हैं। स्कूली बच्चों में दृश्य हानि के सबसे आम कारण और मायोपिया, अस्थिरता, स्ट्रैबिस्मस जैसी बीमारियों के शुरुआती विकास, कंप्यूटर गेम का दुरुपयोग और टीवी पर कार्टून देख रहे हैं। खुली हवा में चलने के बजाय, सक्रिय आराम और खुराक पढ़ने के बाद, बच्चे अपने सभी खाली समय मॉनीटर के सामने बिताते हैं, जो उनके दृष्टि के शरीर को प्रभावित नहीं कर सकते हैं। स्कूली बच्चों की नजर में कंप्यूटर का नकारात्मक प्रभाव यह है कि आंखों की मांसपेशियों, जो अभी तक मजबूत नहीं हुई हैं, लंबे समय से बहुत थके हुए हैं। यदि यह नियमित आधार पर होता है, तो दृष्टि तेजी से गिरने लगती है। हालांकि, कंप्यूटर और टीवी पर प्रतिबंध लगाने से, इससे आंखों के तनावपूर्ण काम (गृहकार्य, पढ़ना) आराम से आराम से बचा जा सकता है। इसके अलावा, डॉक्टर-नेत्र रोग विशेषज्ञ दृढ़ता से घर और स्कूल दोनों में, आंखों के लिए स्कूली बच्चों के लिए जिमनास्टिक आयोजित करने की सलाह देते हैं। स्कूली बच्चों की दृष्टि की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मायोपिया, एक नियम के रूप में, इलाज करना बहुत मुश्किल है। आंखों के लिए जिमनास्टिक युवा स्कूली बच्चों में दृश्य विकार को रोकने के लिए सबसे उपयुक्त तरीका है, क्योंकि यदि आप इन अभ्यासों को करने के लिए कम उम्र में एक बच्चे को सिखाते हैं, तो यह एक बहुत ही उपयोगी आदत बन जाएगा। अगर आपके बच्चे के छात्र में पहले से ही कोई दृश्य विकार है, तो दृश्य जिमनास्टिक आवश्यक रूप से किया जाना चाहिए। आंखों के लिए नियमित अभ्यास दृष्टि के पतन को रोक देगा, जो विद्यार्थियों के लिए अक्सर चश्मा निर्धारित करने के साथ समाप्त होता है। कक्षाओं को दिन में 2-3 बार किया जाना चाहिए, इसे 10-15 मिनट तक समर्पित करना चाहिए। इन अभ्यासों के दौरान, आंखों की मांसपेशियों में आराम और आराम होता है, और आंखों पर बाद का भार बहुत आसान माना जाता है। आंखों के लिए इस तरह की चार्जिंग न केवल स्कूली बच्चों के लिए उपयोगी है, यह वयस्कों को चोट नहीं पहुंचाती है, खासतौर पर जिनके काम में कंप्यूटर के साथ दैनिक "संचार" शामिल होता है। नीचे वर्णित अभ्यास का उद्देश्य आंखों की मांसपेशियों से तनाव को राहत देना, उन्हें प्रशिक्षण देना, साथ ही आवास बढ़ाना, आंखों के ऊतकों में रक्त परिसंचरण में सुधार करना है। उनमें से प्रत्येक को कई बार दोहराया जाना चाहिए (पहले 2-3 बार, तब जब बच्चा पहले से ही जानता है कि क्या करना है - 5-7 बार)। जब बच्चे के लिए आवाज उठाते हैं, तो उन्हें उनके साथ निष्पादित करना सुनिश्चित करेंः कभी-कभी एक दृश्य उदाहरण किसी भी शब्द से बेहतर काम करता है। - "डेड मैन्स ब्लफ़"। दृढ़ता से 5 सेकंड के लिए अपनी आंखों को तंग करें, और फिर उन्हें खोलें। - तितली अपनी आंखों को झुकाएं, जैसे तितली अपने पंखों को लहराते हुए - जल्दी और आसानी से। - "यातायात प्रकाश। " रेलवे यातायात की रोशनी के रूप में वैकल्पिक रूप से बाईं ओर बंद करें, फिर दाहिनी आंखें। - ऊपर और नीचे। अपने सिर को झुकाए बिना, पहले नीचे देखो। - "एक घंटे के लिए। " आंखें दाईं ओर देखो, बाईं ओर, घड़ी की तरहः "टिक-हां। " इस अभ्यास को 20 बार दोहराएं। - "टिक-टैक-पैर की अंगुली। " अपनी आंखों के साथ घड़ी के अनुसार एक बड़ा सर्कल बनाएं, और फिर इसके खिलाफ। अब एक क्रॉस बनाएंः पहले दाईं ओर, फिर बाईं ओर, और इसके विपरीत, दो परंपरागत रेखाओं को पारदर्शी रूप से देखते हुए देखें। - "Peepers"। जब तक संभव हो अपनी आंखों को झपकी न दें। जब आप झपकी देते हैं, तो अपनी आँखें बंद करें और आराम करें, कल्पना करें कि आप सो रहे हैं। - "मालिश"। अपनी पलकें बंद करें और धीरे-धीरे अपनी आंखों को अपनी उंगलियों से मालिश करें। - "बहुत करीब"। अपनी आंखों को पहले उस वस्तु पर केंद्रित करें जो कमरे के विपरीत छोर पर है (कैबिनेट, ठंडा बोर्ड, आदि) और इसे 10 सेकंड के लिए देखो। फिर धीरे-धीरे निकट वस्तु को देखें (उदाहरण के लिए, अपनी उंगली पर) और इसे 10 सेकंड के लिए भी देखें। - "ध्यान केंद्रित करें"। चलती वस्तु (आपके हाथ) पर, अपनी आँखें बंद किए बिना देखो। इस मामले में, हाथ स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है, और दूरी में अन्य सभी वस्तुओं - धुंधला होना चाहिए। फिर पृष्ठभूमि की वस्तुओं पर, इसके विपरीत, आंख पर ध्यान केंद्रित करें। आंखों के लिए जिमनास्टिक, जूनियर स्कूली बच्चों और किंडरगार्टन में भाग लेने वाले बच्चों के लिए डिज़ाइन किया गया है, इसमें गेम के तत्व शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, इन अभ्यासों को एक काव्य रूप में पूरा किया जा सकता है और, ऑडियो रिकॉर्डिंग के रूप में, उन्हें पूरी टीम द्वारा निष्पादित किया जा सकता है।
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भवभूति, भारवि, दंडी, राजशेखर, माघ और श्रीहर्ष, ऐतिहासिक कल्हण,. दार्शनिक धर्मकीर्त्ति, शांतरक्षित, कुमारिल और शंकर, कोष- व्याकरणकार हेमचंद्र, स्मृतिलेखक मेधातिथि, अपराजित और विज्ञानेश्वर - सव इसी काल के हैं । भारतीय कला के कुछ अत्यंत सुंदर नमूने, जिनका पीछे उल्लेख किया गया है, जैसे-वेरूल, पुरी तांद के मंदिर, भी इसी काल के हैं । ज्ञान के समान कला भी इस काल में पूर्णता को पहुँच गई। पर अपने सौंदर्य को पूर्णता में भी वह गुप्तकालिक कला के सरोजको नहीं पहुंच पाती और नवीं सदी के बाद अवनति स्पष्ट दिखाई देने लगती है। रचना के स्वाभाविक सौंदर्य का स्थान लंकरण और भूषा लेने लगती है । ईस्वी सन् की तेरहवां से पंद्रहवी सदी तक दिल्ली की पहली सल्तनत का युग है । इस युग में तुर्कों की प्रधानता रही, तो भी अनेक प्रांतों में हिंदुओं ने अपनी स्वतंत्रता बनाए रखी। वैसे प्रांतों में हमारी मिथिला का प्रथम स्थान है। दिल्ली और लखनौती में तुर्क सल्तनत स्थापित हो जाने पर भी मिथिला में सन् १३२५ ई० तक कर्णाट राज्य स्वतंत्र बना रहा । उसके बाद प्रायः तीस-चालीस वरस ही मिथिला पर दिल्ली का अधिकार रहा था कि कामेश्वर ठाकुर के वंशजों ने उसे फिर स्वाधीन कर लिया पंद्रहवीं सदी के अंत तक स्वाधीन रक्खा । कर्णाटों और ठाकुरों के. शासनकाल में मिथिला में अनेक विद्वानों को आश्रय मिला । विद्यापति ठाकुर कामेश्वर-वंश के ही प्राश्रित थे । स्मृति ग्रंथों पर अनेक निबंध इस युग में मिथिला में लिखे गए ।
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स्वामी विवेकानंद (नरेंद्र दत्त)के आविर्भाव को तत्कालीन वर्त्तमान भी महसूस नहीं कर सका था.... . पर धीरे धीरे उस सूर्य ने अपनी तेजस्वी रोशनी इस तरह फैलाई कि विश्व उस रोशनी से आज भी चमक रहा है....... तो क्या आज फिर से सभ्य जगत के पास अमृत का सन्देश पहुंचाने के लिए भारत वर्ष प्रस्तुत होने गया है ? ? ? ? "अब तो भारत ही केंद्र है. हे मानव! गतकाल के लिए शोक करना छोड़ वर्त्तमान में प्रयत्न करने हम तुम्हे बुला रहे हैं . . वृथा संदेह दुर्बलता तथा दास जाति सुलभ ईर्ष्या द्वेष को छोड़ इस महायुगचक्र प्रवर्तन में सहायक बनो. " तब भी सुसुप्त जनता में से कुछ ही जागरण के लिए तैयार हुए थे. हिन्दू धर्म के सम्बन्ध में विदेशियों के भ्रमपूर्ण विश्वासों को दूर कर उसके उदार भावों का आधुनिक वातावरण के अनुकूल वैज्ञानिक युक्तियों द्वारा प्रचार करने के लिए ३१ मई १८९३ को अपने स्वातंत्र्य के गौरव से सर ऊंचा किये उन्होंने (स्वामी विवेकानंद)शिकागो प्रस्थान किया. वे कोलम्बो होते हुए सिंगापुर से हांग कांग पहुंचे सीक्यांग नदी के मुहाने से ८० मील दूर दक्षिण चीन की राजधानी कनतन शहर देख आये. वहां अनेक बौद्ध मठ देखे तथा वहां के सबसे बड़े मंदिर का दर्शन किया. प्राचीन सभ्यता के उत्तराधिकारी दो महान राष्ट्र भारत वर्ष और चीन की स्थिति की उन्होंने आपस में तुलना की और कहा,"सभ्यता की सीढ़ी पर जो चीनी व भारतवासी एक पैर भी अग्रसर नहीं हो रहे हैं उसका एक कारण उनकी गरीबी है. साधारण भारतवासी और चीनी के दैनिक जीवन में छोटी-छोटी चीज़ों का अभाव उसका नित्य प्रति इतना समय नष्ट कर डालता है कि उसे और कुछ सोचने का अवसर तक प्राप्त नहीं होता. "पर जापान को देखकर वे बहुत खुश हुए. नागासाकी,कोबी बंदरगाह,याकोहामा,ओसका,किआतो व टोकियो आदि शहरों को देखकर उन्होंने समझ लिया कि वर्त्तमान काल की आवश्यकताओं को जापानियों ने समझ लिया है. याकोहामा से अपने मद्रासी शिष्यों को एक पत्र में लिखा,"जापानियों के सम्बन्ध में मेरे मन में कई बातें आ रही हैं,एक संछिप्त पत्र में उसे प्रकट नहीं कर सकता ,परन्तु इतना कह सकता हूँ कि हमारे देश के युवकों को प्रतिवर्ष दल के दल में जापान आना चाहिए.... . और तुम लोग क्या कर रहे हो? जीवन भर वृथा बकते रहते हो. आओ इन्हे देख जाओ...बेपचा कुछ अंश लगातार रटते जा रहे हो. . तुम्हारा प्राण मन तीस रूपये की क्लर्की पर निछावर है...अरे,मैं कहता हूँ,क्या समुद्र में जल का अभाव हो गया है? तुम सब अपनी पुस्तकें,गाऊन विश्वविद्यालय डिप्लोमा आदि सब कुछ डूबा क्यों नहीं देते . ? " आओ मनुष्य बनो. इस प्रकार वे युवाओं को झकझोरते थे. को अधिकाधिक प्रतिबिंबित करें . 'मैं,मेरा,मुझे 'जैसे संकीर्ण शब्दों से जितना हो सके बचें ताकि विश्व के सबसे विशाल प्रजातंत्र के सशक्त रहनुमा की समूह में काम करने,अपने टीम को साथ लेकर पूर्ण सहभागिता की आपसी भावना से कर्म क्षेत्र में आगे बढ़ने की दिशा में कोई बाधा ना आये ...क्योंकि शब्दों का बहुत महत्व होता है शब्द हमारे विचार ,हमारी भावना ,हमारे कर्त्तव्य के दर्पण होते हैं . . . हम भारतीय उनमें एक नए उदीयमान सूर्य का दर्शन कर रहे हैं और उस प्रकाश से ऊर्जावान हो आत्म विकास ,आत्मगौरव ,स्वाभिमान के उजाले को समेट कर परिवार समाज देश को उन्नति के प्रकाशवान राहों पर ले जाने को कृत संकल्प हैं . प्रधानमंत्री जी की अमेरिका यात्रा पर सभी भारतवासियों को हार्दिक शुभकामना .
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समाजवादी पार्टी के संरक्षक नेता मुलायम सिंह यादव का निधन हो गया है। उनके निधन के बाद समाजवादी पार्टी समेत देश की राजनीति के एक युग का अंत हो गया है। मुलायम सिंह यादव तबीयत बिगड़ने के बाद के बीते कई दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 10 अक्टूबर की सुबह 8. 16 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली है। निधन के बाद मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव, उनके भाई शिवपाल यादव और बहू अपर्णा यादव भी अस्पताल पहुंचे। बता दें कि हाल ही में लगभग 93 दिन पूर्व इसी अस्पताल में उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हुआ था। मुलायम सिंह यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई में 22 नवंबर 1939 को हुआ था। मुलायम के परिवार में कुल पांच भाई थे जिनमें से मुलायम तीसरे नंबर पर थे। राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह यादव अध्यापक रहे थे। इसके साथ ही वो पहलवानी किया करते थे। उन्होंने लोहिया आंदोलन में हिस्सा लिया, जिसके बाद वर्ष 1992 में चार अक्टूबर को उन्होंने समाजवादी पार्टी की स्थापना की। मुलायम को उनकी सूझ बूझ और राजनीतिक समझ के लिए राजनीति के अखाड़े का पहलवान माना जाता था। बता दें कि उन्होंने शिकोहाबाद क्षेत्र के गांव इटोली में शुरुआती पढ़ाई की थी। उन्होंने यहां रहते हुए कुश्ती के दांव पेच सीखे। मुलायव सिंह यादव ने इटोली गांव में रहकर आदर्श कृष्ण कॉलेज पढ़ाई की। इटोली गांव से साधन ना होने के कारण वो अपने दोस्तों के साथ ही पैदल पैदल शिकोहाबाद स्थित आदर्श कृष्ण कॉलेज पढ़ने जाते थे। मुलायम सिंह यादव ने इटावा के कर्मक्षेत्र से पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में बीए कोर्स किया। उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए भी किया। बीटी करने के बाद वो इंटर कॉलेज में प्रवक्ता निुयक्त हुए। हालांकि सरकारी नौकरी को भी उन्होंने तब छोड़ दिया था जब उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया था। बता दें कि मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर कुल पांच दशकों तक का रहा। इस दौरान उन्होंने कई उतार चढ़ाव देखे। मगर अपने राजनीतिक सफर में वो हमेशा आगे बढ़ते रहे।
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कर्ण मिश्रा. ग्वालियर। पति की मारपीट के बाद अस्पताल में भर्ती हुई महिला (25) की मौत हो गई है। दोनों ने 4 साल पहले लव मैरिज की थी। बीते कुछ दिनों से उसका पति उसके साथ बेतहाशा मारपीट करता था। ऑटो ड्राइवर पति महिला को दीपावली के दिन बेल्ट और लाठी से बेतहाशा पीटा था। यहां तक की सके सीने पर पैर रखकर खड़ा हो गया था। इससे महिला अंदरूनी चोटें भी आई थी। महिला का मौत से पहले परिवार को किए गए वीडियो कॉल का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दरअसल शिंदे की छावनी डोंगर पुरा की रहने वाली काजल बाथम ने 4 साल पहले बकरा मंडी शासकीय मल्टी में रहने वाले सोनू शिवहरे से लव मैरिज की थी। सोनू पेशे ऑटो ड्राइवर है। काजल उसके घर काम करने जाती थी। इसी दौरान दोनों के बीच प्यार हो गया। साल 2017 में दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। बीती 6 नवंबर को काजल ने अपने पिता को फोन कर सूचना दी थी कि उसके पति ने उसके साथ मारपीट की है। उसके सीने पर पैर रखकर खड़ा भी हो गया था। सूचना के बाद मृतक काजल के पिता ने उसे जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां कुछ दिन इलाज के बाद वह अपने घर वापस आ गई थी। बीते दिनों उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। इसके बाद उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। पीएम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। हालांकि पुलिस किसी भी वायरल वीडियो और परिजनों के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों से सहमत नजर नहीं आई है। जनकगंज टीआई डॉ. संतोष यादव ने कहा कि जांच के बाद जो भी तस्वीर सामने आएगी उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी के मालिक व बॉलीवुड अभिनेता जॉन अब्राहम ने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरु इंडोर स्टेडियम में पूर्वोत्तर की लड़कियों के साथ हुई छेडख़ानी की घटना को लेकर नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने एक बयान जारी कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया। जॉन अब्राहम ने अपनी टीम के पेज पर बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वह पूर्वोत्तर की उन लड़कियों के साथ है जिन्हें स्टेडियम में कुछ बदमाशों के इस तरह के शर्मनाक हरकत का सामना करना पड़ा। जॉन अब्राहम ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से उन लड़कियों से मिलना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वे सही कर रही हैं। आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरु इंडोर स्टेडियम में इंडियन सुपर लीग(आईएसएल)2017-18 के तहत चेन्नईयीन एफसी व नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड एफसी के बीच मैच खेला गया था। मैच के दौरान पूर्वोत्तर की लड़कियों के साथ छेडख़ानी हुई थी। जॉन अब्राहम ने कहा, मैं नहीं मानता कि जो लोग लड़कियों के साथ शर्मनाक हरकत में शामिल थे वे मेरे या अभिषेक बच्चन के सच्चे फैंस हैं। आपको बता दें कि बॉलीवुड अभिनेता चेन्नईयीन एफसी के मालिक हैं। जॉन अब्राहम ने घटना की निंदा करते हुए इसे तकलीफदेह करार दिया। उन्होंने कहा कि वह इस बात से बहुत परेशान हैं कि खेल जैसा सकारात्मक माध्यम किसी के लिए असुरक्षित प्लेस हो जाए। जॉन अब्राहम ने लोगों को महिलाओं के खिलाफ इस तरह के घृणित हरकत के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। तमिलनाडु पुलिस ने पूर्वोत्तर की लड़कियों से छेडख़ानी के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दोनों आरोपियों की पहचान विजय उर्फ तमिल सेल्वन और कार्तिक कुमार के रूप में हुई है। तमिल सेल्वन बिजनेस करता है जबकि कार्तिक कुमार इंजीनियरिंग का छात्र है। अगर यह साबित हुआ कि दोनों ने नस्लीय टिप्पणियां की थी, तो उन्हें पांच साल तक की सजा हो सकती है। घटना का एक वीडियो भी सामने आया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में कुछ स्थानीय लोग पूर्वोत्तर की लड़कियों के साथ छेडख़ानी करते हुए दिखाई दे रहे थे। फेसबुक पर वीडियो अपलोड करने वाले सागर अरोनईसा नामक छात्र अपनी पोस्ट में लिखा, घटना के वक्त मदद की गुहार करना या कुछ भी कार्रवाई करना संभव नहीं था क्योंकि वहां कोई पुलिस कर्मी नहीं था। यही बेहतर था कि वे उनके उकसाने पर कोई जवाब ना दें और स्थिति को हैंडल करें। घटना के सामने आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मांग की थी कि फुटबॉल क्लब चेन्नईयीन एफसी, जिसके फैंस नॉर्थ ईस्ट यूनाइटेड की महिला समर्थकों की तरफ अश्लील इशारे करते हुए पाए गए थे,को आईएसएस लीग से ड्रॉप करना चाहिए। बीरेन सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी थी। इसमें उन्होंने कहा था, यह बेहूदगी है। सही शिक्षा की जरूरत है। उन्हें पहली क्लास से भूगोल और भारत का इतिहास सीखने दीजिए। उन्हें सीखने दीजिए कि भारत में कितने राज्य और समुदाय हैं। कोई अनुशासन नहीं। इस तरह के बर्ताव से अन्य देशों के सामने हमार सिर शर्म से झुक जाता है। उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। संबंधित लोगों को शिकायती व निंदा पत्र लिख रहा हूं। मैं एआईएपएफ को लिख रहा कि आई लीग को चेन्नई से अन्य जगह शिफ्ट किया जाए या फिर चेन्नईयीन एफ. सी. को आई लीग से ड्रॉप किया जाए।
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क्या मैं सीता हरने वाला दुष्ट रावण कहूं ? क्या मैं आपको पिता कहूं या चमार चांडाल की जात का कहूं, मैं आपको दादा कहूं या पक्का दुश्मन कहूं चाहे आप रुपये लो, इसकी मुझे दरकार नहीं है, किन्तु इन पांच हजार के लिये 'मदनपाल' सेठ अपना घरबार, आभूषण, वासन इत्यादि वेच एक भिखारी हालत में आ जायगा तभी पूरा होगा, तो फिर आपकी पुत्री वहां क्या खायगी ? 'खाने को खाक और बदन में आग सिवाय इसके क्या रहेगा ? तब आपकी पुत्री आपको क्या श्राप देगी ? क्या आपने इस विषय का यत्किञ्चित विचार भी किया है ? इस तरह लक्ष्मी के लोभ में अंधे क्यों बनते हो, लक्ष्मी तो आज है कल नहीं, आप क्या यह नहीं जानते कि धन, आयुष्य और योवन यह विजली के समान चपल हैं ? जो आपको स्वार्थ ही साधना था तो फिर मुझे जन्मते ही विष क्यों नहीं दे दिया ? पालन पोषन कर वडी क्यों की ? वडी की तो खैर, परन्तु पढा लिखाकर समझवान् क्यों की ? इसलिये पिता जी इस रंक पुत्री का कहा मानों ! मैं मस्तक नमाकर कहती हूं कि मानों ! पिताजी जरा मानों !! गरीब गाय का कहना मानों !!! जरा तो दया लाओ ! आपके दुष्ट विचारों को जरा शिक्षा दो !! हाय ! पिता जी लाचार हूं ! पुत्री पर किञ्चित क्रोध लिभरी ! दुखित !! दीन पुत्री !!! "मोती गौरी" का सविनय नमन, नगीनलाल" समाचार पत्र पढ़ने के पश्चात् सिगरेट सुलगा आराम कुर्सी पर आराम लेने के लिये झाड़ा पड़ा, हमेशा अनुसार अधिक समय हो जाने से निद्रा देवी के अनुचर एक के ऊपर एक आकर ....संताने लगे इससे उनके हुक्म को चादर दे "नगीनलाळ कपड़े उतार टूटी पर रह, एक धुला हुआ पञ्ज्वा पहिन सिगरेट पी सुख शय्या पर सो गया" तत्पश्चात् "मोतीगौरी के पत्र का विचार करता हुआ निंद्रा देवी के आधीन होगया। उतीय परिव्यद पुराणी बाबा का पराक्रम । र के मालिक जग जाने पर चोर जैसे पोवारा कर जाते हैं वैसे ही सूर्योदय का समय हो जाने से तारागण एक के बाद एक अदृश्य होने लगे, मुरगे ने अपनी ध्वनि से जन समूह को अरुणोदय की चेतावनी दी. पक्षी भी अपने २ घोंसले से निकळ उदर पूर्ति के लिए बाहर गए कर्णेन्द्रिय को प्रियलगें; ऐसे मधुर बचन तोता मैना के बोलते हुए कर्णगोचर होने लगे; घटियों के टन २ शब्द सुनाने लगे; कौवे . "कांव; कांव" की ध्वनि से कोलाहल मचाने लगे चिड़ियाँ २ करने लगी; चारों भोर प्रभांतियों का गान शुरू होने लगा गवैया भिन्न २ बाजों से अनेक तरह के गायन गाने लगे; पर स्त्री के पास पड़े हुए कामी पुरुष निस्तेज बदन नङ्गे पांव चोरों के मुताबिक छिपते २ घर की ओर गमन करने लगे । पाठशाला के विद्यार्थी प्रार्थना करने लगे; मुनिगण ध्यानस्थ होने लगे; देव मन्दिरों में घण्टे के शब्द कर्णगोचर होने लगे; पतिव्रता स्त्रियाँ स्वामी की सेवा से निवृत हो; घर का काम करने लगी; बदमाश स्त्रियां पति को धिक्कारने लगी, ज्योति २ में पूर्व दिशा के सुवर्ण मय कपाट खुलने लगे, और सूर्य का प्रकाश धीरे २ बढ़ने लगा, दर्शन होते ही प्राणी मात्र श्रानन्द में मग्न होने लगे सब कोई शैय्या से उठ, शौच स्नानादि क्रिया ले निवृति हो, अपने २ कार्यों में लगने लगे " नगीनलाल" सेठ भी सुख शय्या से श्रालस्य मरोड़ उठ, और शौच जा आप इससे एक नौकर ने पांव धोने को जल की भारी, दांत साफ करने को दांत भंजन तथा विलायती वुरुश और एक दुवाल लाकर हाजिर किया; दांत साफ कर भारी के जल से मुख प्रक्षालन कर, दुवाल से मुँह पोंछ दिवान खाने में एक श्राराम कुर्सी पर जाकर बैठ गए; तुरन्त ही चाय, विस्कुट और मास्ता हाजिर हुआ, चा, विस्कुट उड़ा लिया; इतने ही में एक फैशनेविल बाक्स से सिमेंट निकाल जलाई उसे पीते २ किसी की राह
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हिजबुल्लाह का अल्टीमेटम। तथाकथित "फ्री सीरियन आर्मी" ने हिजबुल्लाह को एक अल्टीमेटम दियाः इसमें मांग की गई कि लेबनानी शिया अपने देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करें। "विद्रोहियों" के बयान का पाठ विपक्ष के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया है, रिपोर्ट करता है "Lenta. ru". पाठ के अनुसार, विपक्ष हिजबुल्लाह सेनानियों को विरोधियों के रूप में (सभी परिणामों के साथ) विचार करेगा यदि वे 48 घंटों के भीतर "विद्रोहियों" का समर्थन करने वाले सीरियाई गांवों पर हमला करना बंद नहीं करते हैं। बीबीसी न्यूज के अनुसार, फरवरी एक्सएनयूएमएक्स पर, लेबनानी शियाओं ने उन गांवों पर हमला किया जिनके निवासी फ्री आर्मी का समर्थन करते हैं। आगामी लड़ाई के दौरान, दोनों पक्षों में कई लोग मारे गए थे। सीरियाई विद्रोहियों ने हमले को दोहराते हुए कहा कि हिजबुल्ला आतंकवादियों ने विशेष रूप से दमिश्क के साथ समन्वय किया और हवाई समर्थन का आनंद लिया। उसके बाद, एक अल्टीमेटम दिखाई दिया। "इसके बावजूद . . . " लंदन में प्रकाशित अरबी भाषा के समाचार पत्र अल-कुद्स अल-अरबी ने सीरिया के राष्ट्रपति द्वारा किए गए एक बयान को जारी किया - दमिश्क में जॉर्डन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान, रिपोर्ट MIGnews. com. बैठक में, जॉर्डन के प्रतिनिधियों और सीरिया के राष्ट्रपति ने "सीरिया के खिलाफ साजिश" की निंदा की। उनके अनुसार, यह अभियान "सलाफिस्ट या इस्लामवादियों के खिलाफ नहीं, बल्कि ज़ायोनीवादियों और संयुक्त राज्य अमेरिका के खिलाफ होगा। " इससे पहले, MIGnews. com को याद करते हुए, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रमुख, जॉन केरी ने कहा कि सीरिया में संकट के किसी भी समाधान के लिए अपने राष्ट्रपति असद का इस्तीफा देना चाहिए। केरी ने जोर देकर कहा कि वह असद को छोड़ने के लिए राजी करना चाहता था। नए राज्य सचिव के अनुसार, सीरियाई राष्ट्रपति से गलती हुई है, और उनके सत्ता में रहने के दिन गिने जाते हैं। इस प्रकार, हम अपने दम पर जोड़ते हैं, जॉन केरी, जैसा कि अपेक्षित था, अपने स्टेट डिपार्टमेंट के पूर्ववर्ती - हिलेरी क्लिंटन की लाइन जारी रखेगा। खैर, कट्टर बशर अल-असद अपनी लाइन से झुकेंगे। 385 मिलियन। जैसा corr। ITAR-TASS इवान Lebedev, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सीरिया के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए 19 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि प्रदान की, जिससे इन उद्देश्यों के लिए आवंटित धनराशि 385 मिलियन डॉलर तक बढ़ गई। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रेस सेवा के अनुसार, पड़ोसी देशों में स्थित शरणार्थियों सहित, सीरियाई लोगों के लिए भोजन और दवा खरीदने के लिए अतिरिक्त लाखों जाएंगे। प्रेस सेवा के अनुसार, अतिरिक्त धन का एक हिस्सा एसएआर में काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय रेड कमेटी के माध्यम से खर्च किया जाएगा। "संयुक्त राज्य द्वारा आवंटित धन के साथ, 875 चिकित्सा कर्मचारियों को सीरिया में प्रशिक्षित किया गया था, 410 चिकित्सा देखभाल हजारों रोगियों को प्रदान की गई थी, और 29 हजार चिकित्सा संचालन किए गए थे। " वित्तीय संसाधन भी जॉर्डन में हजारों सीरियाई शरणार्थियों के 50 से अधिक को भोजन टिकट प्रदान करेंगे। अपने क्षेत्र के साथ-साथ तुर्की, लेबनान, इराक और मिस्र में अब सीरिया से 870 हजार शरणार्थी रहते हैं। अमेरिकी प्रशासन ने इन लोगों की मदद के लिए 170 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं। इसी समय, यह बहुत उत्सुक है कि राज्य विभाग की प्रेस सेवा ने पत्रकारों को सीरियाई विपक्ष के साथ अपने कार्यों के समन्वय के बारे में सूचित किया। यह पता चला है कि संयुक्त राज्य अमेरिका सीरियाई "विद्रोहियों" के प्रतिनिधियों के साथ सहायता के वितरण का समन्वय करने की कोशिश कर रहा है। यह ऐसा दृष्टिकोण है जो माना जाता है कि सबसे अधिक जरूरतमंदों तक इसकी डिलीवरी सुनिश्चित करता है। विदेश विभाग के प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने कल कहा कि अमेरिका सीरियाई विपक्ष को भोजन, दवा, संचार के साथ आपूर्ति कर रहा है, लेकिन सैन्य नहीं हथियार. अबू धाबी में T-90CM। AIDEX-90 हथियार सैलून में उन्नत मुख्य युद्धक टैंक T-2013СМ सैन्य उपकरणों के दैनिक प्रदर्शन में भाग लेता है, रिपोर्ट करता है हाथों-TASS. Uralvagonzavod Corporation के जनरल डायरेक्टर ओलेग सिएनको का कहना है कि T-90СM प्रदर्शन ने सैलून के आयोजकों से उच्च अंक प्राप्त किए। प्रदर्शनी में बीएमपी- 3 पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन और अमीरात की सेना से लैस पैंटीर-एसएक्सएनयूएमएक्स पैदल सेना के वाहन भी हैं। उन्नत संस्करण के धारावाहिक उत्पादन की शुरुआत टंका T-90SM वर्तमान वर्ष के लिए निर्धारित है। सीरिया के खिलाफ कतर। फरवरी 13 पर, कतर के अधिकारियों ने दोहा में सीरियाई दूतावास की इमारत को "विपक्षी" को हस्तांतरित करने का फैसला किया। सीरियाई विपक्ष और क्रांतिकारी बलों के राष्ट्रीय गठबंधन द्वारा दूतावास के हस्तांतरण की घोषणा की गई थी। NKORS ने पहले ही कतर में अपना "राजदूत" नियुक्त कर दिया है। इसके अलावा, विपक्षी प्रतिनिधियों को उम्मीद है कि अन्य देश कतर के उदाहरणों का पालन करेंगे, रिपोर्ट "रूसी शांतिदूत". कतर ने लंबे समय से सीरियाई विपक्ष के आतंकवादियों का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए अमीर शेख हमदा अल-थानी ने कहा कि अरब देशों को सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का इंतजार किए बिना, सीरिया में अपने सैनिकों को भेजना चाहिए। सीरियाई विपक्ष का राष्ट्रीय गठबंधन खुद कतर की राजधानी, दोहा एक्सएनयूएमएक्स में पिछले नवंबर में बनाया गया था। सीरियाई विपक्ष के आतंकवादी घटक ने कई अरब देशों और कुछ पश्चिमी देशों, विशेष रूप से, फ्रांस, ग्रेट ब्रिटेन और यूएसए को गठबंधन को "सीरियाई लोगों के आधिकारिक प्रतिनिधि" के रूप में मान्यता देने से नहीं रोका। कतर सीरिया के इलाके में "आतंकवादी समूहों को शरण देने, वित्तपोषण करने और आतंकवादी समूह बनाने" में भाग लेता है। संयुक्त राष्ट्र के सीरियाई राजदूत, बशर जाफ़री के अनुसार, क़तरी विशेष सेवाओं ने तुर्की के क्षेत्र में स्थित सीरियाई आतंकवादियों के लिए प्रशिक्षण शिविरों के निर्माण में भाग लिया। "इन केंद्रों का उपयोग सीरिया के नागरिकों के खिलाफ आतंकवादियों की शत्रुता को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, जिसमें नागरिकों के नरसंहारों का कमीशन भी शामिल है," जाफरी ने कहा। कतर सीरिया के खिलाफ सूचना युद्ध छेड़ रहा है। अल-जज़ीरा चैनल यहां सबसे आगे है। यह वह था जिसने दो साल पहले "सीरियाई विद्रोह" की साजिश रची और इसे सही दिशा में निर्देशित किया। यह चैनल कतर में इस्लामिक आतंकवादियों के लिए वैचारिक कवर भी प्रदान करता है, जिसे वर्ल्ड काउंसिल ऑफ इस्लामिक थियोलॉजिस्ट यूसुफ अल-क़राडवी के अध्यक्ष द्वारा किया जाता है। उसी समय, यह कतरी कंपनी, जो फिल्म सजावट के उत्पादन में माहिर है, "सीरियन" फिल्म बना रही है समाचार"। उपनगरों में अल-जुबेर के क्षेत्र में, दमिश्क, लताकिया और अलेप्पो जैसी इमारतों और सड़कों का निर्माण किया गया था। दृश्यों और अभिनेताओं की मदद से, अरब टेलीविजन चैनल एक सूचना युद्ध छेड़ रहा है, जो विश्व समुदाय को सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप की आवश्यकता के बारे में समझाने की कोशिश कर रहा है। लीबिया के संघर्ष के दौरान इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया गया था। यह अल-जज़ीरा टेलीविज़न चैनल था, अल-अरब के साथ निकट सहयोग में, जिसने त्रिपोली पर कब्जा कर लिया, जो कि, जैसा कि यह निकला, कतर में दृश्यों के बीच में शूट किया गया था। त्रिपोली की धांधली पकड़ने वाली फुटेज को पश्चिमी मीडिया द्वारा प्रसारित किया गया था। अल-जज़ीरा के पूर्व कर्मचारी, टीवी प्रस्तोता लीना जहीर अल-दीन ने कहा कि सीरिया में आतंकवादियों द्वारा किए गए अपराधों के बारे में चैनल की चुप्पी विश्व समुदाय को गुमराह करने की योजना का हिस्सा है। जैसा कि रूसी शांतिदूत याद करते हैं, कतर के अमीर के संरक्षण में, इस चैनल को 1996 में भाइयों डेविड और जीन फ्रीडमैन, फ्रांस के अरबपतियों और इजरायल के प्रधानमंत्रियों यित्ज़ाक राबिन और एहुद बराक के सलाहकारों द्वारा बनाया गया था। उस समय, बीबीसी के अरब संपादकीय कर्मचारियों के एक महत्वपूर्ण हिस्से ने दोहा में मुख्यालय के साथ एक नई अंतरराष्ट्रीय टेलीविजन कंपनी को छोड़ दिया और चले गए। इसलिए कतर में, हम खुद से जोड़ते हैं, एक नया हॉलीवुड दिखाई दिया, जो सामाजिक विज्ञान कथाओं के फिल्मांकन में विशेषज्ञता रखता है। तुर्की में गिरफ्तारी। ओल्गा खलदेज़ (रूस की आवाज) ने बताया कि तुर्की के कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने अमेरिकी दूतावास के पास फरवरी की शुरुआत में हुए विस्फोट के संबंध में वामपंथी चरमपंथी समूह के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। देश के 28 प्रांतों में, तुर्की के मुख्य सुरक्षा निदेशालय ने वामपंथी आतंकवादी समूह डीएचकेपी-सी ("क्रांतिकारी पीपुल्स लिबरेशन पार्टी-फ्रंट") में शामिल होने के संदिग्धों को हिरासत में लेने के लिए एक अभियान चलाया। 167 लोगों को हिरासत में लेने के लिए एक वारंट जारी किया गया था, जिनमें से 50 इस्तांबुल में हैं। यह ऑपरेशन तुर्की के लोक सेवकों के व्यापार संघों के संघ का मुख्य केंद्र भी है। गिरफ्तार किए गए लोगों में डीएचकेपी-सी के साथ सहयोग करने का संदेह है, जो मध्य पूर्व तकनीकी विश्वविद्यालय से एक शिक्षाविद हैं। केवल अंकारा में ही 30 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। फरवरी 1 पर, रूस की आवाज़ को याद करते हुए, अंकारा में अमेरिकी दूतावास के आधिकारिक प्रवेश द्वार पर एक विस्फोट हुआ। परिणामस्वरूप, दूतावास के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई, एक आगंतुक घायल हो गया। विस्फोट के आयोजक को भी मार दिया गया था - डीएचकेपी-सी के एक सदस्य। एक्सएनयूएमएक्स-वर्षीय एज्वेन शनला। बंद हो गया अफगान आसमान। दुखद गलती के बाद विमानन नाटो के राष्ट्रपति, जिन्होंने कुनार प्रांत में एक बस्ती पर बमबारी की, ने संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की ISAF में सेना भेजने के लिए आलोचना की। करजई ने आईएसएएफ विमानों को देश के क्षेत्र में सैन्य अभियानों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया। इससे पहले, ऐसे बयान तालिबान नेताओं, नोटों द्वारा विशेष रूप से किए गए थे कोमर्सेंट स्तंभकार मैक्सिम युसिन. नाटो एविएशन की गलती के परिणामस्वरूप, जो तालिबान बेस के लिए गांव ले गया, दस नागरिक मारे गए - ज्यादातर महिलाएं और बच्चे। हामिद करज़ई ने कहाः "यह हमारे लिए शर्मनाक है कि राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय हमारे राज्य के निवासियों के खिलाफ नाटो बलों से हवाई समर्थन प्राप्त करता है। " अफगान राष्ट्रपति, जिन्हें उनके विरोधी "संयुक्त राज्य की कठपुतली" कहते हैं, ने पहले इस तरह के बयान नहीं दिए थे। रुइया इवाज अली रूस में रहती हैं। अलेक्जेंडर लुक्यानोव ("Vesti") ने अफगान शरणार्थी रुई इवाज अली के भाग्य के बारे में बात की। उसे रूस में अस्थायी शरण मिलीः संघीय प्रवासन सेवा ने उसे एक और वर्ष के लिए देश में रहने की अनुमति दी। अफगान का एक परिवार दो साल पहले रूस आया था, लेकिन इन लोगों को शरणार्थी का दर्जा नहीं मिल सका। माइग्रेशन सेवा अधिकारियों को पता चला कि लड़की के माता-पिता गायब हो गए हैं क्योंकि ताजिक नागरिकों को जारी किए गए पासपोर्ट के अनुसार अफगान परिवार रूस में रहता है। रुई ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गया। अफगानिस्तान में, मौत की सजा का इंतजार है। "अफगानिस्तान एक इस्लामिक देश है। मुझे डर है कि वे मुझे वहीं मार देंगे, "लड़की ने स्वीकार किया। रूसी संघ के एफएमएस के नागरिकता विभाग की उप प्रमुख लीलिया अरिस्तोवा कहती हैं, " जिन परिस्थितियों में उसने खुद को पाया है, उसके आधार पर रूस के एफएमएस का मानना है कि इस स्थिति में अस्थायी शरण देना एक मानवीय समाधान है। पर्म कैथेड्रल मस्जिद के इमाम खतीब, इल्हाम हज़रत ने समझायाः "शरिया किताबों में कहा गया है कि एक व्यक्ति जो किसी अन्य धर्म के पक्ष में इस्लाम से पीछे हट गया है, उसका सिर काटकर उसे मार देना चाहिए। " ट्यूनीशियाई थोड़ा सोना। एडम सेज ("द टाइम्स"; संक्षिप्त अनुवाद स्रोत - "Inopressa"), अनाम स्रोतों का जिक्र करते हुए, लिखते हैं कि फ्रांस पर ट्यूनीशियाई तानाशाह का सोना छुपाने का आरोप है। सूत्रों का दावा है कि "ट्यूनीशिया के पूर्व तानाशाह ज़िन अल-अबिदीन बेन अली और उनकी बेकार पत्नी लेयला ट्राबेल्सी ने निर्वासित जीवन में निर्वासित जीवन प्रदान करने के लिए ज़बरदस्त अफ्रीकी राज्य 1800 से सोने की छड़ें निकाली हैं। " बेन अली हॉलैंड के पूर्ववर्ती - जैक्स चिरक और निकोलस सरकोजी के करीबी थे। सीमा शुल्क अधिकारियों के अनुसार, 72 मिलियन पाउंड का सोना फ्रेंच हवाई अड्डों के माध्यम से ले जाया गया था, बावजूद यूरोपीय संघ द्वारा एक गिरते हुए निराशा के खातों को मुक्त करने के लिए कॉल किया गया था। फ्रांसीसी सीमा शुल्क स्रोतों को संदेह है कि परिवहन लीला द्वारा आयोजित किया गया था, जो अपने पति के साथ जनवरी 2011 में सऊदी अरब भाग गई थी। "हालांकि, पेरिस में अधिकारियों ने इन आरोपों को देखा, जिनकी जांच कभी नहीं हुई," ऋषि लिखते हैं। फ्रांसीसी रीति-रिवाजों के सूत्रों के अनुसार, "अरब स्प्रिंग" के शुरू होने के कुछ ही समय बाद सोने के कार्गो का वजन 10 से 40 किलो तक के ट्यूनीशियाई फ्रांसीसी हवाई अड्डों पर पहुंचने लगे। फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव से एक महीने पहले अप्रैल एक्सएनयूएमएक्स में गोल्ड रश समाप्त हो गया। हालांकि, पिछले हफ्ते एक और "मैसेंजर" एक सूटकेस में 2012 किलोग्राम सोना लेकर आया। रूस में हॉलैंड को क्या चाहिए। कुछ छिपे हुए कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, फ्रांस के राष्ट्रपति की मास्को की यात्रा फरवरी 28 पर होगी, रिपोर्ट "रूसी शांतिदूत". हाल के दिनों में, महाशय हॉलैंड ने सीरिया पर अपनी स्थिति के लिए रूसी राष्ट्रपति को "शांत" करने का वादा किया था। लेकिन भू-राजनीतिक स्थिति बदल गई है - और अब फ्रांस के राष्ट्रपति को रूस से मदद मांगनी होगी। फ्रांस को माली में वित्तीय और सैन्य समर्थन की आवश्यकता है, और रूस के बिना सीरिया में, पश्चिम सफल नहीं होता है। माली में, सेना के प्रयासों के बावजूद, स्थिति में वृद्धि जारी है। चरमपंथी समूह सरकारी पदों पर बड़े पैमाने पर हमले कर रहे हैं। बिना बाहरी मदद के फ्रांस इस समस्या का समाधान नहीं कर पाएगा। हम बात कर रहे हैं पैराट्रूपर्स की एक कंपनी के साथ एन-एक्सएनयूएमएक्स विमान के रूस से माली को भेजने की। रूसी सैन्य प्रशिक्षक फ्रांसीसी टुकड़ी और माली के सरकारी बलों का समर्थन कर सकते हैं। माली के पूर्व रूसी राजदूत ई। कोरेंदासोव के रूप में, ध्यान दें कि इस क्षेत्र में गज़प्रोम, सेवरस्टल और रोसाटोम के हित हैं। माली के अंतिम राष्ट्रपति जनरल अमादौ तुमनी टुरे ने एक बार रियाज़न हायर एयरबोर्न कमांड स्कूल में अध्ययन किया था। माली की वापसी रूसी हितों के अनुकूल होगी। एक अन्य कारण यह है कि मॉस्को सीरिया में शांति व्यवस्था में भाग लेने के लिए सहमत हो सकता है सीरिया के आसपास की स्थिति है। माली में ऑपरेशन के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान स्थानांतरित करने और सीरिया विरोधी खेल से फ्रांस को वापस लेने का एक मौका है। जर्मन crescents। निकिता सोरोकिन (रूस की आवाज) बताता है कि अगले जर्मन एकता दिवस हैम्बर्ग में अक्टूबर 3 पर चिह्नित किया जाएगा, जो कि पूर्व शहर लूथरन चर्च, कपेरानामुर्की में एक भव्य प्रार्थना के साथ है। यह इंटरफेथ सहिष्णुता का पहला चमत्कार नहीं है। पिछले अगस्त में, हैम्बर्ग के बर्गर मेयर ओलाफ स्टोलज़ ने पहली बार स्थानीय इस्लामी समुदायों के नेताओं के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए इतिहास जर्मनी ने भूमि स्तर पर मुसलमानों को आधिकारिक तौर पर धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करने और स्कूली शिक्षा में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी। इस्लामी समुदाय, अपने हिस्से के लिए, बुनियादी संवैधानिक मूल्यों को पहचानने और लिंग, राष्ट्रीय, धार्मिक और राजनीतिक आधार पर भेदभाव की अभिव्यक्तियों को छोड़ने के लिए सहमत हुए। जर्मन जनता को इस्लामिक संगठन नूर इस्लामिक सेंटर द्वारा लुथेरन चर्च कापरनौमकिरशेख की इमारत खरीदने की खबरों से हड़कंप मच गया। वर्तमान में, चर्च के पैरिशियन की संख्या में कमी के कारण सौदा संभव हो गयाः मंदिर खाली था। वैसे, ईसाई चर्चों को केवल हैम्बर्ग में ही मस्जिदों में पुनर्विकास नहीं किया जाता है। जर्मन मीडिया के अनुसार, 1990 लूथरन के ऊपर, 800 के बाद से पूरे जर्मनी में कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट चर्च बंद हैं। सच है, हर किसी को प्रार्थना के प्रदर्शन के लिए रीमेक नहीं किया गया है। सोफिया में विरोध। के रूप में प्रसारित करता है corr। ITAR-TASS इगोर ब्रोवार्निक, बुल्गारिया में कल आवास सेवाओं के लिए उच्च कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। पहली बार, इस तरह की रैलियां पुलिस के साथ झड़प में बदल गईं, जिसके बाद चौदह लोगों ने चिकित्सा सहायता मांगी। गार्ड्स ने 25 लोगों को हिरासत में लिया। प्रदर्शनकारियों के समूहों ने गश्ती कारों पर पथराव किया और स्टोरफ्रंट को तोड़ दिया। फिलहाल, सोफिया और वर्ना की स्थिति सामान्य हो गई है। सोफिया के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हुए। शहर के मध्य भाग में लगभग 2 हजार लोग एकत्र हुए। वे चिल्लाएः "इस्तीफा", "माफिया"। प्रदर्शनकारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सोफिया ईगल ब्रिज पर इकट्ठा हुआ। पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। पुलिस की कार्रवाई के विरोध में, प्रदर्शनकारियों ने गश्ती कारों पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। वर्ना, जहां दसवें दिन 8 हजार लोगों की भागीदारी के साथ रैली निकली, जुलूस ने ऊर्जा वितरण कंपनियों में से एक के प्रतिनिधि कार्यालय के कार्यालय पर पत्थर फेंके। विरोध रूस, बर्गास, प्लोवदीव, वेलिको टार्नोवो, ब्लागोवग्रेड में हुआ। बुल्गारिया के राज्य ऊर्जा और जल विनियमन आयोग ने नेशनल इलेक्ट्रिक कंपनी और अंतिम उपयोगकर्ता के बीच बिचौलियों को खत्म करने के लिए असंतुष्ट नागरिकों की मांगों के जवाब में चेक मध्यस्थ कंपनी CEZ के बल्गेरियाई ऊर्जा बाजार के लिए लाइसेंस को रद्द करने के लिए एक प्रक्रिया खोली है। आदेश, वैधता और न्याय पार्टी के अध्यक्ष, याने यनेवा के अनुसार, उल्लंघन के 17 कृत्यों को सीईजेड के खिलाफ तैयार किया गया था। प्योंगयांग में छुट्टी। डीपीआरके अधिकारियों ने प्योंगयांग को हाल के परमाणु परीक्षण की तैयारी और संचालन में भाग लेने के लिए वैज्ञानिकों, श्रमिकों और सैन्य कर्मियों को आमंत्रित किया। बताया गया है "Lenta. ru" ctac के संदर्भ में। प्योंगयांग में, ट्रायल प्रतिभागी कोरियाई लेबर पार्टी के विशेष अतिथि होंगे। मेहमानों को बर्फ के महल में और रोलरड्रोम में "हर्षित और आनंदमय समय" का वादा किया गया था। परमाणु परीक्षण प्रतिभागियों के लिए एक विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम विकसित किया गया था, जिसके तहत वे कुमसुसन पैलेस का दौरा कर सकेंगे, जहाँ किम इल सुंग और किम जोंग इल के मकबरे स्थित हैं, साथ ही मंगेंडे जिले में किम इल सुंग का घर और डीपीआरके राजधानी के अन्य ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल हैं। परमाणु सियोल? अन्ना एनालबेवा और ओल्गा ग्रिट्सको ("दृष्टि"), रेनहैप एजेंसी और ITAR-TASS का जिक्र करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ सेनुरी पार्टी से दक्षिण कोरियाई संसद के प्रतिनिधियों ने देश को परमाणु बनाने के लिए फिर से प्रस्ताव दिया। सियोल में खुद या अमेरिकी परमाणु हथियारों की आवश्यकता को डीपीआरके से खतरे से समझाया गया था। पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में विधायकों सिम चेओल और यू की जंग ने आवाज उठाई। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जहां उत्तर अपनी परमाणु मिसाइल क्षमताओं को दिखा रहा है, दक्षिण में शक्ति संतुलन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल जरूरत है। सिम चे चोल के अनुसार, उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे का मुकाबला केवल इस शर्त पर संभव है कि दक्षिण कोरिया के पास भी वही हथियार होंगे। "हमारी सुरक्षा को भय के संतुलन के माध्यम से सुनिश्चित किया जा सकता है। " उन्होंने बताया कि उन्होंने दक्षिण कोरिया में अमेरिकी सामरिक परमाणु हथियारों को वापस करना संभव माना। डिप्टी यू की जुंग ने उनके साथ सहमति व्यक्त की, यह देखते हुए कि वे आपातकालीन स्थिति के मामले में, सबसे महत्वपूर्ण उत्तर कोरियाई लक्ष्यों को एक पूर्वव्यापी हड़ताल देने की अनुमति देंगे। इसी समय, इस सांसद ने दक्षिण कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइलों की सीमा पर संयुक्त राज्य अमेरिका की सहमति से हाल ही में लगाए गए 800 किलोमीटर-किलोमीटर सीमा को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा। जापान का रिकॉर्ड विदेश व्यापार घाटा। जापान के वित्त मंत्रालय के अनुसार, जनवरी 2013 में, देश की अर्थव्यवस्था ने एक रिकॉर्ड विदेशी व्यापार घाटे का अनुभव कियाः यह लगभग 17,5 बिलियन डॉलर था, रिपोर्ट "बीबीसी रूसी सेवा". आठ महीनों में जापानी निर्यात पहली बार बढ़ा, लेकिन तेल और गैस की बढ़ती कीमतों के बीच आयात में बहुत अधिक वृद्धि हुई। यूरोपीय संघ के देशों के साथ व्यापार में अभी भी गिरावट है। जापान में उच्च स्तर के निर्यात को पहले कारों की मांग का समर्थन किया गया था, लेकिन हाल ही में इसमें गिरावट शुरू हुई। वजह थी गैस की ऊंची कीमतें। पॉल क्रेग रॉबर्ट्सः अमेरिकी सांसदों ने इजरायल समर्थक लॉबी की सेवा ली। अमेरिकियों पर लिखते हैं ग्लोबल रिसर्च डॉ। रॉबर्ट्स, यह शर्म की बात है कि उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों ने लंबे समय से अपने ही लोगों को धोखा देकर इजरायल के हितों का पालन किया है। लेकिन, इससे पहले कि सीनेटरों की हरकतें कितनी भी शर्मनाक क्यों न हों, किसी की तुलना उस शर्म से नहीं की जा सकती, जिसे कानून के जानकारों ने अमेरिकी रक्षा मंत्री के रूप में चक हेगेल की नियुक्ति पर सुनवाई में खुद को कवर किया था। चालीस रिपब्लिकन सीनेटरों ने स्पष्ट कर दिया कि वे न केवल इजरायल से पहले अमेरिका की सेवा करने से इनकार करेंगे, बल्कि यहूदी राज्य के बराबर अपनी मातृभूमि की सेवा भी नहीं करेंगे। हर अमेरिकी को शर्मसार करने के लिए, डॉ रॉबर्ट्स लिखते हैं, रिपब्लिकन लॉबिस्टों ने दुनिया को दिखाया है कि वे वाशिंगटन में इज़राइल की "सहायक" का प्रतिनिधित्व करते हैं। इजरायल की लॉबी के डर से हेगेल की उम्मीदवारी बिल्कुल अवरुद्ध थी। लिंडसे ग्राहम से शुरू होने वाली पूरी कांग्रेस इस लॉबी के लिए काम कर रही है। उनमें से किसे रक्षा सचिव की आवश्यकता है, जिन्होंने एक बार स्पष्ट रूप से कहा थाः "मैं संयुक्त राज्य अमेरिका का सीनेटर हूं, न कि इजरायल। " यह एक विधर्मी, एक धर्मत्यागी है! इसके अलावा, हैगेल का मानना नहीं है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए ईरान के साथ युद्ध शुरू करना एक अच्छा विचार है। दूसरे शब्दों में, चक हगेल "रेंगना नहीं है। " वह यह नहीं कहता कि इजरायल उससे क्या उम्मीद करता है। वह उन लोगों में से नहीं हैं, जो उस समय के लिए अपनी सारी जिंदगी का इंतजार करेंगे, जब उन्हें अंततः अमेरिकी रक्षा सचिव के रूप में इजरायल की सेवा करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, Hagel कोई मतलब नहीं है इसराइल की एक विरोधी है। उसने बस इतना कहाः "पहले, मैं अमेरिकी हूँ . . . " लेकिन कायरता की कमी के लिए, इजरायली लॉबी ने इसे "विरोधी-विरोधी" कहा। यहाँ, लिंडसे ग्राहम, रॉबर्ट्स लिखते हैं, रक्षा सचिव के पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनने के लिए सभी आवश्यक गुण हैं। लेखक ने लिखा है कि ग्राहम इजरायल की लॉबी को खुश करने के लिए संघर्ष करेगा। जैसे ही कोई कमी होगी, वह इजरायल के सामने रेंग जाएगा। हिलेरी ने अतिरिक्त पैसा कमाने का फैसला किया। न्यूयॉर्क स्थित एजेंसी हैरी वॉकर के अनुसार, जो प्रसिद्ध लोगों - राजनेताओं, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अर्थशास्त्रियों, व्यापारियों, लेखकों, पत्रकारों, संगीतकारों, एथलीटों द्वारा सार्वजनिक भाषणों का आयोजन करती है - पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन विभिन्न दर्शकों को व्याख्यान देने के लिए इकट्ठा हुई हैं। कैसे संचारित किया जाए "Vesti" ITAR-TASS के संदर्भ में, निम्नलिखित प्रसिद्ध लोग उपरोक्त एजेंसी के साथ सहयोग करते हैंः पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान, पूर्व मैक्सिकन राष्ट्रपति फेलिप काल्डेरोन, पूर्व ग्रीक प्रधान मंत्री जॉर्जियोस पापांड्रेउ, कैलिफोर्निया के पूर्व-गवर्नर और स्टार। हॉलीवुड अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर। वैसे, एक प्रदर्शन के लिए बिल क्लिंटन का शुल्क 290 हजार डॉलर तक पहुंच जाता है। यहाँ एक एजेंसी का बयान है जो हवाला देता है RIA "समाचार""हम रोमांचक समाचार साझा करना चाहते हैं पर गर्व है - पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन हैरी वॉकर से जुड़ गए हैं, जो विशेष रूप से उनके प्रदर्शन की मेजबानी करेंगे। " जनरल एलन ने सेवा छोड़ दी। साठ वर्षीय अमेरिकी जनरल जॉन एलन, जो पूर्व में यूरोप में नाटो बलों के कमांडर के पद के लिए एक उम्मीदवार थे, ने सैन्य सेवा छोड़ दी। रिपोर्ट के अनुसार, बराक ओबामा के फैसले से दुनिया को अवगत कराया गया था "Lenta. ru" फ्रांस-प्रेसे के संदर्भ में। जनरल के इस्तीफे का कारण अफगानिस्तान में बिताए 19 महीनों के बाद अपने परिवार के साथ रहने की उनकी इच्छा थी। द वाशिंगटन पोस्ट के साथ एक साक्षात्कार में, एलन ने अपनी पत्नी की बीमारी की सूचना दी और कहा कि उन्हें अपने परिवार की देखभाल करने के लिए अधिक समय चाहिए। जनरल ने इस सुझाव को खारिज कर दिया कि इस्तीफा रक्षा सचिव जिल केली के साथ उनके पत्राचार के कारण शुरू की गई जांच से संबंधित हो सकता है। टेक्सास में तीन वर्षीय मैक्सिम कुज़मिन की मौत की जांच की जाएगी। संयुक्त राज्य अमेरिका में रूसी दूतावास ने पता लगाया है कि हेक्टर काउंटी, टेक्सास के अधिकारी मैक्सिम कुज़मिन की मौत की जांच कर रहे हैं, और उम्मीद करते हैं कि अपराधियों को दंडित किया जाएगा यदि यह पता चलता है कि बच्चे की मौत का एक "आपराधिक घटक" है। बताया गया है corr। आरआईए "नोवोस्ती" डेनिस वोरोशिलोव. राजनयिक मिशन पुष्टि करता है कि रूसी दूतावास के वरिष्ठ राजनयिक और ह्यूस्टन के कांसुलर अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया और अधिकारियों और कुज़मिन के दत्तक पिता दोनों के प्रतिनिधियों के साथ बात करने का अवसर मिला। इससे पहले मैक्सिम कुज़मिन के टेक्सास में मौत की सूचना पावेल अस्ताखोव ने दी थी। उन्होंने कहा कि पालक की माँ बच्चे को नशीली दवा खिला रही थी, और मरने से पहले उसने उसे बुरी तरह पीटा। अस्पताल ले जाने के तुरंत बाद 21 जनवरी को लड़के की मौत हो गई। "हम आश्वस्त थे कि त्रासदी की जांच हेक्टर काउंटी के अधिकारियों द्वारा की जा रही थी। इस त्रासदी के बारे में हमें जो प्राथमिक जानकारी मिली थी, उसके आधार पर, हम मैक्सिम कुज़मिन के साथ जो हुआ उसके बारे में गहराई से चिंतित नहीं हो सकते। हम जांच के परिणामों के बारे में पूरी जानकारी की उम्मीद करते हैं और, अगर बच्चे की मौत के आपराधिक घटक की उपस्थिति की पुष्टि की जाती है, तो हम उम्मीद करते हैं कि दोषी पक्षों को कड़ी सजा दी जाएगी। अब अमेरिकन्स एलन और लौरा शेट्टो के परिवार में अभी भी एक और रूसी बच्चा है - मृतक का दो साल का भाई। भाग्यवश संयोग से, मैक्सिम और उनके दो वर्षीय भाई किरिल को पिकोरा अनाथालय से एक अमेरिकी परिवार में भेजा गया - वही जिसका शिष्य भीमा याकोवले था, जिसकी 2008 में मृत्यु हो गई थी, रिपोर्ट की गई है "Vesti" ITAR-TASS के संदर्भ में। यूएसए में, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अमेरिकी बच्चे मर रहे हैं। जैसा बताया गया है corr। ITAR-TASS अलेक्जेंडर बेक्रिनवा, स्मिर्ना (टेनेसी) का निवासी, 25 वर्षीय सामंथा हार्पर, जिसने पिछले अगस्त में अपने दो छोटे बच्चों को बंद कार में छोड़ दिया था, पर हत्या का आरोप लगाया गया था। पिछले साल 2 अगस्त को, हार्पर ने अपनी दो साल की बेटी सवाना और उसके तीन साल के बेटे डैनियल को घर के पास खड़ी कार में छोड़ दिया और वह घर में चली गई और सो गई। तीन घंटे बाद बच्चों के लौटने के बाद महिला ने उन्हें मृत पाया। पुलिस के अनुसार, कार के अंदर का तापमान 38 डिग्री से अधिक हो गया। इसी तरह की घटना के परिणामस्वरूप, जुलाई 2008 में, एक दो वर्षीय रूसी लड़के, डिमा याकोवले को अमेरिकियों द्वारा अपनाया गया था। फोस्टर पिता माइल्स हैरिसन, भूल गए, उसे बंद कार में नौ घंटे तक 32 डिग्री की गर्मी के साथ छोड़ दिया। अदालत ने इस व्यक्ति को बरी कर दिया। शेल गैस कहां गई? ब्लूमबर्ग न्यूज एजेंसी लिखती है कि 2012 के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में शेल गैस के भंडार का अनुमान "तेजी से बढ़ते उद्योग के लिए एक चौंकाने वाला कदम" है। "रूस का तेल". अमेरिकी ऊर्जा विभाग के नवीनतम अनुमान के अनुसार, देश में शेल पूल से लगभग 482 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस है। ये आंकड़े 42 से भंडार के अनुमान में 2011 प्रतिशत की गिरावट का संकेत देते हैं (इसी मूल्य 827 ट्रिलियन क्यूबिक फीट के भीतर था)। अनुमान में कमी अधिक विस्तृत जानकारी की प्राप्ति के कारण थी जो पिछले वर्ष में शेल गैस जमा के दोहन में वृद्धि के कारण उपलब्ध हुई थी। श्नाइर्स लाइब्रेरी लाइब्रेरी टू टॉलरेंस के लिए यहूदी केंद्र में जाएगी? व्लादिमीर पुतिन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को श्चेरसन लाइब्रेरी के हस्तांतरण को असंभव बताया और मास्को में यहूदी केंद्र के सहिष्णुता के लिए इसे रखने का सुझाव दिया, रिपोर्ट "Interfax". कॉमरेड पुतिन ने अपने रवैये के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, "दुर्भाग्य से, मैं केवल यह बता सकता हूं कि इस मुद्दे पर चर्चा को गोद लेने से संबंधित एक टकराव वाले विमान में बदल गया है, मेरी राय में, किसी दूसरे देश की अदालतों में गैरकानूनी फैसलों के बारे में। " अंतरजातीय संबंधों पर परिषद के दौरान यह समस्या। राष्ट्रपति ने कहा कि वह एक ऐसा समाधान खोजना चाहेंगे जो "मुख्य रूप से उन लोगों को लाभान्वित करे जो इन आध्यात्मिक मूल्यों में रुचि रखते हैं। " पुतिन ने कहा, "हम अब यहूदी सेंटर फॉर टॉलरेंस में हैं, मुझे लगता है कि मैं इस लाइब्रेरी को रखने के लिए संस्कृति मंत्रालय, सरकार को एक उपयुक्त निर्देश तैयार करने के लिए तैयार हूं। रूसी यहूदी सेंटर फॉर टॉलरेंस के परिसर में," पुतिन ने कहा। राष्ट्रपति ने कहा कि यह "इस पुस्तकालय की पूर्ण पहुँच उन सभी को प्रदान करने योग्य है जो इसे चाहते हैं। " क्या रूस "सरकार के रीसेट" की प्रतीक्षा कर रहा है? अगले पांच वर्षों में, सरकार का एक "रीसेट" रूस में होगा, या चुनावों को बुलाया जाएगा, मिन्चको कंसल्टिंग के एवगेनी मिन्चेंको और किरिल पेत्रोव के विश्लेषकों ने कहा, जिन्होंने पोलित ब्यूरो 2. 0 रिपोर्ट तैयार की, विश्वास करते हैं। उनकी राय में, भविष्य के प्रधान मंत्री और पुतिन के संभावित उत्तराधिकारी के स्थान की दौड़ पहले से ही रूस में शुरू हो रही है। बीबीसी आर्टेम क्रेचनिकोव की रूसी सेवा का ब्राउज़र यूजीन मिनचेंको के साथ रिपोर्ट में शामिल पूर्वानुमानों पर चर्चा की। लेखकों ने अग्रानुक्रम को नष्ट करने की समस्या पर प्रकाश डाला। "" दिमित्री अनातोलीयेविच यह दर्शाता है कि वह नहीं चाहता कि तन्मयता समाप्त हो जाए, और वह दावा करता है कि यह बना हुआ है - कि वह खुद दिमित्री अनातोलियेविच के अनुसार, "डाउनग्रेडशिपशिप" के लिए भेजा गया था, और वह राष्ट्रपति पद पर वापस आ जाएगा। और तदनुसार, ऐसे समूह हैं जो इसे पसंद नहीं करते हैं - जो कहते हैंः "नहीं, दोस्तों, प्रतीक्षा करें, यह सब है, कोई तालमेल नहीं है! " मेदवेदेव को बाहर करने के लिए युद्ध, मिनचेंको का मानना है, जारी रहेगा। "और अगर मेदवेदेव नहीं तो कौन? . . " फिर भी, जबकि निकट भविष्य में मेदवेदेव के प्रस्थान के लिए बहुत सारे तर्क नहीं हैं, मिनचेंको कहते हैं, क्योंकि पुतिन को "सिस्टम के तत्वों में से एक के रूप में उनकी आवश्यकता है। " सच है, "दिमित्री अनातोलीयेविच को वास्तव में समझ में नहीं आता है कि पुतिन को उसकी आवश्यकता क्यों है। " "बीबीसी": रिपोर्ट में शब्द शामिल हैंः "वर्तमान स्थिति में, पुतिन के लिए इष्टतम समाधान एक" सरकार का रीसेट "या राज्य ड्यूमा के लिए एक प्रारंभिक चुनाव होगा। " क्या ऐसी स्थिति है जिसमें यह संभावना है? यहां विश्लेषक रोगोज़िन के आंकड़े पर प्रकाश डालते हैं। हालांकि, वह "किसी भी हालत में पुतिन का उत्तराधिकारी नहीं बनेगा। " इसका मुख्य कारण "मिनोच कहते हैं," व्यक्तिगत रूप से उन पर निम्न स्तर का विश्वास है। "रोजोज़िन को इस बात में दिलचस्पी है कि मेदवेदेव को इस तरह का संकेत कैसे दिया जाएः" दिमित्री अनातोलीयेविच, मुझे खेद है - आप केवल वही नहीं हैं जो दावा कर सकते हैं, वास्तव में। " सोबयानिन और शोइगु के रूप में एक साक्षात्कार में उल्लेख किया गया। प्रधान मंत्री के संभावित प्रतिद्वंद्वियों के बीच, विशेषज्ञ भी अलेक्सी कुद्रिन और सर्गेई चेमेज़ोव कहते हैं, इरीना वोज्शिएन लिखते हैं ("Utro. ru"). "ऐसा लगता है कि मेदवेदेव ने पहले से ही कुछ समझा हैः अगर पिछले साल उन्होंने क्रेमलिन को आत्मविश्वास से नदी के रूप में वर्णित किया, जो दो बार दर्ज किया जा सकता है, तो दावोस में इस साल उन्होंने बहुत अधिक विनम्र व्यवहार किया और शपथ ली कि वह 2018 में पुतिन के साथ प्रतिस्पर्धा करने का इरादा नहीं रखते हैं" । एस्टोनियाई लोगों ने रूस में स्टालिनवाद की खोज की। पेरिस पेरिस ("ERR. Novosti", एस्टोनिया; अनुवाद स्रोत - "न्यूयॉर्क टाइम्स") लिखता है कि रूस में अधिकारियों को अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध का विरोध करना प्रतीत होता है, और विरोधाभासी रूप से, इस बहुमत के लोगों के समर्थन से। पत्रकार यह भी नोट करता है कि सत्ता का समर्थन करने वाले समाज की परतें लगातार बदल रही हैं - दुश्मनों की तरह। कई रूसी नागरिकों की तुलना प्रवासी कामगारों से की गई थी - काम के लिहाज से नहीं, बल्कि इस अर्थ में कि दोनों को "सताए हुए" के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। वे उन लोगों का पीछा करते हैं जो "बाकी से कुछ अलग हैं। " राजनीतिक वैज्ञानिक दिमित्री Oreshkin बताते हैंः "आपको सकारात्मक की कीमत पर समर्थन नहीं मिल सकता है, आपको नकारात्मकता की कीमत पर इसे देखना होगा। और नकारात्मक क्या हैः चारों ओर दुश्मन हैं, और हमें किसी भी नेता के आसपास रैली करने की आवश्यकता है ताकि वह हमें बचाए - यह एक तरफ है। दूसरा यह है कि हमारे देश में अभी भी कमीने लोग हैं जो हमें अच्छी तरह से जीने की अनुमति नहीं देते हैं। यह एक स्टालिनवादी विचारधारा है। " यह है कि एस्टोनियाई पत्रकार कैसे उदास रूसी तस्वीर देखते हैंः राज्य ड्यूमा में अपनाए गए कानून "एक ही स्टाम्पः निषेध, प्रतिबंधित, कसने" को सहन करते हैं। उसी समय, क्रेमलिन की बयानबाजी बताती है कि सड़क पर विरोध प्रदर्शन विदेश से भेजे जाते हैं, और दुश्मन से लड़ना चाहिए। संयुक्त राज्य अमेरिका में बच्चों को गोद लेने पर प्रतिबंध और होम्योप्रोपागांडा पर प्रतिबंध का मसौदा लेखक के अनुसार, एक उद्देश्य - व्यक्तिगत राय की अस्वीकृति का कार्य करता है। एस्टोनियाई ने कहा कि "जो लोग आज बहुमत के पक्ष में हैं, उनमें से कोई भी यह नहीं जान सकता कि वह कल किस श्रेणी में आएगा। " चिंता मत करो, श्री पेरिसः हम "होमो" की श्रेणी में नहीं आएंगे। और आप, सहिष्णु यूरोपीय लोगों को सलाह दी गई कि वे वहां न जाएं, लेकिन आप पहले से ही निराश हैं।
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बॉलीवुड का एक चर्चित सॉन्ग हम बात कर रहे है. अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा और अालिया भट्ट अभिनीत बॉलीवुड फिल्म 'कपूर एंड सन्स' का गीत 'लड़की ब्यूटीफुल कर गई चुल' गाकर चर्चा में आए सिंगर व रैपर 'फाजिलपुरिया' उर्फ राहुल यादव के बारे में जो के देखा जाए तो एक बार फिर से अपने सॉन्ग के कारण नहीं बल्कि अपनी एक हरकत के कारण सुर्खियों में बन आए है. जी हाँ पता चला है की बॉलीवुड के चर्चित सिंगर व रैपर 'फाजिलपुरिया' उर्फ राहुल यादव ड्रंक एंड ड्राइव मामले में फंस गए हैं. बता दे कि, उन पर आरोप है कि वह नशे में धुत्त होकर तेज गति से गाड़ी चला रहे थे. जी हाँ, बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने गानों से लोगों को झूमाने वाले 'फाजिलपुरिया' पर शनिवार रात को गुरुग्राम में शराब के नशे में तेज गति से कार चलाने के आरोपों के बाद उन्होंने जमकर हंगामा भी किया. पुलिस के मुताबिक, 'फाजिलपुरिया' अपनी मर्सिडीज कार से तेज गति से जा रहे थे. नियमों के खिलाफ तेज गति से कार चलाने पर पुलिस ने उन्हें एमजी रोड पर रोका. बताया जा रहा है कि इस बाबत शिकायत भी मिली थी, इसी के बाद पुलिस ने रोका. पुलिस मामले की जाँच कर रही है अगर वह दोषी होंगे तो उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.
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बनारस में जब भी किसी बड़े आयोजन को करना होता है तो पूरे शहर को चमका कर बदल दिया जाता है। ग्रीनरी के लिए फूल, पौधों से सजा दिया जाता है ताकि आने वाले देशी विदेशी मेहमान यहां की खूबसूरत इमेज देख वाह वाह कर सकें लेकिन आयोजन खत्म होने के बाद जो नजारा अब तक देखने को मिला है वो एक बार भी सामने है। जी हां,पिछले दिनों बनारस में हुए एनआरआई समिट (प्रवासी भारतीय सम्मेलन) में शामिल होने वाले मेहमानों के लिए भी शहर की एक अलग ही छवि तैयार कर दी गई थी। मेहमानों को यह शहर कहीं से खराब न दिखे इसके लिए सरकार ने यहां पैसा पानी की तरह बहाया था, लेकिन उनके जाते ही बनारस अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगा है। सड़क के चौराहों और डिवाइडर्स पर लाखों रुपए के पेड़ पौधों से की गई हरियाली खत्म होने लगी है। यहां रखे गमलों में लगे पौधे पानी बिना सूख रहे हैं, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। ऐसी हालत एक दो नहीं करीब-करीब हर उस जगह की है जहां नगर निगम की ओर से गमले और पेड़ लगाए गए हैं। सम्मेलन के दौरान नगर निगम के उद्यान विभाग की ओर से मलदहिया, सिगरा, गोदौलिया, लंका, बीएचयू, पांडेयपुर, आशापुर, सारनाथ समेत शहर के करीब 50 प्रमुख चौराहों पर साढ़े नौ हजार गमले और पौधे लगाकर शहर में हरियाली बढ़ाई गई थी। लेकिन आज हालत ये है कि हरियाली बचना तो दूर गमले भी टूटने लगे हैं। कई जगहों के तो गमले गायब भी हो चुके हैं। चौंकाने वाली बात ये भी है कि अधिकारियों को इसकी जानकारी तक नहीं है। तो कहां जा रहा दो टैंकर पानी? अधिकारियों की दलील है कि कहीं भी कोई पौधा नहीं सूख रहा है। हर पौधे में रोजाना पानी डाला जाता है। इसके लिए नगर निगम रोजाना दो टैंकर पानी भेजता है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि जब निगम पौधों के लिए दो टैंकर पानी भेज रहा है तो वह जा कहां रहा है? अगर वाकई पौधों को पानी मिलता तो शायद उनकी ऐसी हालत नहीं होती। सूत्रों की मानें तो प्रवासी सम्मेलन के दौरान तीन दिनों तक रोजाना पौधों में पानी डाला जाता था, लेकिन उसके बाद से बंद हो गया। ऐसा पहली बार नहीं है जब निगम की तरफ से इस तरह की लापरवाही की जा रही है। इससे पहले पिछले साल मार्च में भी पीएम मोदी के साथ बनारस आए फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुअल मैक्रो के लिए भी शहर में ऐसी ही हरियाली की गई थी। जिसके बाद हजारों गमले गायब हो गए थे। इससे विभाग को लाखों का नुकसान हुआ था। जो चौराहा जाली से कवर्ड या जहां बाउंड्री नहीं है वहां गाड़ी के धक्के से कुछ गमले टूटे हैं। रही बात सूखने की तो इसकी हरियाली के लिए दो टैंकर पानी जाता है। अगर पानी नहीं पड़ रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।
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झूठे हुये । हजरत ईसाने अपनी अन्तरदृष्टि से देखकर लोगोंसे कहा कि, उस धोबीको गठरी खोलो। लोगोंने गठरी खोली तो उनमेंसे एक बड़ा विषैला साँप निकल पड़ा। हजरत ईसाने लोगोंसे कहा कि, यदि यह विषैला साँप धोबीको काट लेता तो यह धोबी शोघ्र ही मर जाता। जिस समय मैंने लोगोंसे कहा था कि, धोबी घाट परसे जीवित नहीं आवेगा, उसी समय साँपको आज्ञा हुई थी कि इसको काटले, किन्तु धोबीने उस समय ऐसी उदारता और पुण्य किया कि, जिसके कारण इसके प्राण बच गये इसने अपने खानेकी रोटी एक कामिल फकीर पूर्ण महात्माको देदी। इसने पहली रोटी दी थी, तो फकीरने इसके अन्तःकरण शुद्ध होनेका आशीर्वाद दिया था। दूसरी रोटी फकोरने पाई थी तब कहा था कि, तुझे ईश्वर अचानक आपत्तियोंसे बचावे, फकोरने इतना कहा उसी समय सापके मुंहपर मुहर लग गई। साँप काट नहीं सका। फकीरने तीसरी रोटी खाकर उसे स्वर्गमें स्थान मिलनेका आशिर्वाद दिया अब उस धोबीका अन्तःकरण शुद्ध हो गया, वह किसी प्रकारको दुष्टता न करेगा। वह स्वर्गीय होगया है इस कारण, नरकियोंके समान दुष्ट व्यवहार न करेगा। उसी समय धोबी शुद्ध अन्तःकरण हो सदाचारी बन गया। फकीरको केवल तीन रोटी देनेसे धोबो मृत्युके मुखसे निकल कर स्वर्गका भागी हुआ । उपर वैयक्ति लंगोटी देनेसे चोर बढ़ा--महाराणी द्रौपदीने दुर्वासा ऋषिको एक लँगोटीदी थी, जिसके कारण उनका वस्त्र इतना बढा कि, दुःशासन जैसा पहलवान भी खींचते २ थक गया, कपड़ोंका ढेर लग गया पर वह कम नहीं हुआ और महारानीको प्रतिष्ठा रह गई। सहन शीलता और धैर्य । एक हाक साधु लोग जो दुःख उठाते हैं, उनका वर्णन कौन कर सकता है ? देखो ग्रीष्म ऋतुमें जब कठिन धूप पड़ती है, उस समय पाँच अथवा चौरासी धुनी लगाकर तापते हैं। ऊपरसे सूर्यकी गरमी, नीचेसे पृथिवीको तपन, चारों ओरसे अ अग्नीकी लू लगती है पर वे दृढ़ होते हैं कि, उससे तब तक हटना नहीं जानते जब तक कि, अग्नी न बुझ जावे। इसी प्रकार शरद कालमें जब कि, शके मारे दाँतोंसे दाँत बजते हैं उस समय पानीमें घुस जाते हैं। माघ पौषके महीने में पानीमें नङ्गे बैठे रहते हैं। प्राण जायँ तो जायँ पर अपनी टेकको नहीं छोड़ते । कोई उलटा लटक कर अग्निझप लेता है, कडकडोंपर लेटा रहता है, कोई बाण शय्या बनाकर सोता है, कोई मौन धारण करता है, कोई ठाढ़ेश्वरी बनता है, कोई दिन रात एक पगसे खड़ा होकर भजन करता है, कोई प्राणायाम और
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शहर के अधिकांश उद्यमी काफी खुश नजर आए और सरकार की जमकर तारीफ की। इस मौके पर एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने बताया कि आम तौर पर कोरोना वायरस महामारी के दौर में एक बड़ा ही बैंलेस और सुलझा हुआ बजट है। कार्पोरेट टैक्स 18 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत किया गया है। यह काफी अच्छा कदम है। जिसका उद्यमी काफी स्वागत करता है। MSME सेक्टर में 6 हजार करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान से सेक्टर का विकास होगा। बजट में 25 हजार किलोमीटर हाई-वे बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे उद्योगों में निर्मित मॉल और मैटेरियल के लाने-ले-जाने के समय में बचत होगी और यातायात सुगम होगा। मशीन आयात करने में आयात शुल्क कम किया गया है। स्टाटअप को प्रोत्साहन का लाभ देने के लिए निगमन की अवधि एक वर्ष बढ़ाए जाने से उद्योगों को राहत मिलेगी। यह बजट आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने वाला बजट है। इससे उद्योगों को काफी बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर एनईए अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन, महासचिव वीके सेठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश कोहली, धर्मवीर शर्मा, उपाध्यक्ष मोहन सिंह, राजेन्द्र मोहन जिंदल, मौ. इरशाद, कोषाध्यक्ष शरद चन्द्र जैन, सचिव राहुल नैययर, राजन खुराना के साथ-साथ सुधीर श्रीवास्तव, मयंक गुप्ता, प्रेम नारायण अरोड़ा, इन्द्र पाल खांडपुर, एमपी सिंह, राज कुमार गुप्ता और सुनील जैन समेत कई उद्यमी मौजूद रहे। social media.
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- 5 hrs ago राम चरण की सुपरहिट फिल्म 'आरआरआर' का जल्द आएगा सीक्वल, परंतु राजामौली नहीं होगे डायरेक्टर! - 6 hrs ago Shahrukh Khan की 'जवान' प्रीव्यू पर सलमान खान का शानदार रिएक्शन, बोले, "पठान जवान बन गया, वाह. . " Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? 'मुझे पता है कि मीडिया कैसे काम करता है' मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन का कहना है कि उन्हें पता है कि टेलीविजन चैनलों में किस प्रकार काम होता है। वह आगामी फिल्म 'रण' में एक बड़े मीडिया घराने के मालिक का किरदार निभा रहे हैं। अमिताभ ने कहा कि कई वर्ष पहले उन्होंने ब्रिटेन और अमेरिका में उपग्रह टेलीविजन शुरू किया था, जिस वजह से उन्हें चैनलों की कार्यप्रणाली के संबंध में कुछ जानकारियां है। अमिताभ ने कहा, "हमने एशियन टेलीविजन के नाम से चैनल शुरू किया था। सेटेलाइट चैनलों के शुरू होने से पहले ही हमने यह काम शुरू किया था। इस वजह से मुझे पता है कि यह कैसे काम करता है। " अमिताभ ने कहा, "लेकिन अब स्थिति बदल गई है। अब मीडिया एक बड़ा उद्योग बन गया है। अब चैनलों की कार्यप्रणाली जटिल बन गई है और इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। "अमिताभ की 'टीवी एशिया' को बाद में जी नेटवर्क ने लिया था। अमिताभ की आगामी फिल्म 'रण' 29 नवंबर को प्रदर्शित होगी। फिल्म का निर्देशन रामगोपाल वर्मा ने किया है। इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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मुंबई. बिग बॉस 13 (Bigg Boss 13) में इन दिनों सबसे चर्चित कंटेस्टेंट बनी हुई हैं रश्मि देसाई. शो में रश्मि देसाई (Rashmi Desai) कई चैलेंजेस से जूझ रही हैं. अरहान खान (Arhaan Khan) के साथ उनका रिश्ता कुछ ठीक नहीं चल रहा है तो वहीं आए दिन उनकी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कई बातें भी सामने आ रही हैं. रश्मि देसाई छोटे पर्दे की शानदार एक्ट्रेसेस में गिनी जाती हैं लेकिन काम के अलावा उनकी निजी जिंदगी भी खूब खबरों में रही है. रश्मि देसाई अपने एक्स पति नंदीश संधु (Rashmi Desai Nandish Sandhu Divorce) से तलाक लेने के कारण जबरदस्त चर्चा में रही थीं. रश्मि देसाई और नंदीश संधु की शादी 4 साल में टूट गई थी. आईएएनएस की एक रिपोर्ट की मानें तो रश्मि देसाई ने खुद ये दावा किया था कि उनकी शादी टूटने की वजह नंदीश की कई सारी लड़कियों से दोस्ती थी. वहीं नंदीश रश्मि के ओवर सेंसेटिव नेचर से परेशान थे. नंदीश ने कहा था कि 'मैंने पहले तो रश्मि से रिश्ते को एक और मौका देने की गुजारिश की थी लेकिन जब दूसरी बार उसने तलाक मांगा तो मैंने बिना कुछ कहे रिश्ता खत्म कर दिया. क्योंकि मैं जानता हूं मैंने अपनी तरफ से इस रिश्ते को बचाने की पूरी कोशिश की है'. वहीं रश्मि ने इस पर जवाब भी दिया था. उन्होंने कहा था कि 'अगर नंदीश हमारे रिश्ते को बचाने की कोशिश की होती तो हमारे बीच कभी कुछ गलत नहीं होता. मुझे उसकी महिला दोस्तों से कोई दिक्कत नहीं थी और ना ही मैंने कभी उस पर शक नहीं किया'. तलाक से पहले भी इन दोनों ने डांस रिएलिटी शो 'नच बलिए' में साथ हिस्सा लेकर रिश्ते को बचाने की कोशिश की थी लेकिन कुछ काम नहीं आ सका. कई मीडिया रिपोर्ट ये भी दावा करती हैं कि रश्मि के मिसकैरेज के बाद इन दोनों के बीच दरार आनी शुरू हो गई थी. बता दें कि रश्मि और नंदीश ने काफी समय तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद, 12 फरवरी 2012 में शादी की थी. वहीं शादी के कुछ समय बाद ही दोनों के बीच परेशानियां शुरू हो गईं थीं. रश्मि नंदीश का घर छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गई थीं. और बाद में 2016 में आखिरकार इन दोनों का तलाक हो गया. रश्मि देसाई अपने इस रिश्ते को लेकर ज्यादा बात करना पसंद नहीं करतीं. वहीं बिग बॉस में सलमान खान के खुलासे के बाद अब अरहान के साथ भी रश्मि का रिश्ता खत्म होता नजर आ रहा है. .
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फिल्म इंडस्ट्री से ताल्लुक रखने वाली एक्ट्रेस कई दफा एक्टिंग में यह सोचकर पर्दे आती हैं कि वे अपने मन मर्जी के अनुसार ही काम करेंगी और कुछ बाउंड्रीज को पार नहीं करेंगी. पर, अफसोस फीमेल स्टार के लिए ऐसा सोचना मुमकिन नहीं, क्योंकि इंडस्ट्री में कब किसे कौन सा किरदार मिल जाए किसे पता. सिनेमा में कुछ ऐसी एक्ट्रेसेस भी हैं जिन्हें पर्दे पर साफ सुथरे रोल से खूब पसंद किया गया लेकिन एक पढ़ाव ऐसा भी आया जब उन्हें अपनी सीमाओं को पार करना पड़ा. साउथ एक्ट्रेस अनुपमा परमेश्वरन (Anupama Parameswaran) को प्रेमम के जरिए देशभर में जबरदस्त सराहा गया था लेकिन जब उन्होंने फिल्म में किसिंग सीन की शुरुआत की तो उन्हें खूब ट्रोल किया गया. बहरहाल, यहां हम आपको इस बारे में जानकारी देते हैं कि आखिर पर्दे पर किसिंग सीन करने के लिए अनुपमा कैसे राजी हो गई थीं. बता दें कि अनुपमा परमेश्वरन ने पिछले साल से ही पर्दे पर नो किसिंग पॉलिसी को ब्रेक किया है. अभिनेत्री ने पहली बार फिल्म राउडी बॉयज (Rowdy Boys) में किसिंग सीन दिया था और इस फिल्म को खूब पसंद किया गया. अनुपमा ने 'Rowdy Boys' में अभिनेता आशीष रेड्डी (Ashish Reddy) को पर्दे पर किस किया था. ये उनका पहले ऑन स्क्रीन किस था जिसके जरिए उन्होंने अपने बोल्ड अंदाज से फैंस को रूबरू कराया है. पहले फिल्म में अनुपमा (Anupama Parameswaran Liplock Scene) ने इस सीन को करने से मना कर दिया था. रिपोर्ट्स के जरिए कहा गया कि अनुपमा शुरू में बोल्ड सीन को करने में असहज महसूस कर रही थीं लेकिन जब मेकर्स ने उन्हें मोटी तनख्वाह देने का वादा किया तो वो लिपलॉक के लिए सहमत हो गईं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राउडी बॉयज में अनुपमा को लीड रोल निभाने के लिए 50 लाख रुपये दिए गए थे. यह भी कहा जा रहा था कि एक्ट्रेस सिर्फ बोल्ड सीन के लिए एस्ट्रोनॉमिकल अमाउंट चार्ज कर रही हैं. फिल्म देखने के बाद जहां कुछ फैंस को अनुपमा का ये अंदाज झटका लगा था तो वहीं तमाम इसे मनोरंजन के तौर पर लेकर एंजॉय करते दिखे. आपको बता दें कि राउडी बॉयज से पहले अनपमा ने सिर्फ फैमिली ओरिएंटेड फिल्में ही की थीं. हालांकि, अब वे रोमांटिक फिल्में भी कर रही हैं और दर्शक उनके अभिनय को सराह रहे हैं. अनुपमा ने 'राउडी बॉयज' में जिस अभिनेता आशीष रेड्डी को पहला किस किया था वे निर्माता दिल राजू (Film Maker Dil Raj) के भतीजे हैं और इस फिल्म का निर्देशन हर्ष कोनुकोंडी ने किया है. इस फिल्म में अनुपमा और आशीष के अलावा कार्तिक रत्नम, सहदेव विक्रम, तेज कुरापति और कोमली प्रसाद जैसे कई अन्य प्रमुख चरित्र कलाकार भी हैं. देवी श्री प्रसाद ने फिल्म के लिए संगीत तैयार किया है जिनके द्वारा कंपोज किए गए पुष्पा के गाने में जबरदस्त छाए हुए हैं. बता दें कि अनुपमा परमेश्वरन ने पिछले साल से ही पर्दे पर नो किसिंग पॉलिसी को ब्रेक किया है. अभिनेत्री ने पहली बार फिल्म राउडी बॉयज (Rowdy Boys) में किसिंग सीन दिया था और इस फिल्म को खूब पसंद किया गया.
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राहुल गांधी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कांग्रेस संचालन समिति की बैठक में तय हुआ कि पार्टी का महाअधिवेशन 16-18 मार्च को दिल्ली में होगा। बैठक में बैंक घोटाले को लेकर पार्टी ने एक प्रस्ताव पारित कर मोदी सरकार से जवाब मांगा है। बैठक में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, समेत सभी 34 सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में ज्यादातर सदस्यों की राय थी कि दिल्ली में अधिवेशन कराना हर लिहाज से बेहतर है। बैठक में राहुल ने सभी वरिष्ठ नेताओं को स्पष्ट किया है कि नई कार्यसमिति में दलित, पिछड़ों और महिलाओं समेत सभी वर्गों की भागीदारी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष ने बैंकिंग घोटाले पर कहा कि प्रधानमंत्री को इस संबंध में देश को जवाब देना चाहिए। ऐसे कोई भी देश की जनता का पैसा लेकर भाग नहीं सकता है। हम सरकार से पूछेंगे कि आखिर कैसे उनकी नाक के नीचे इतना बड़ा घोटाला हो गया। इसे लेकर कांग्रेस ने एक प्रस्ताव भी पारित कर सरकार से जवाब मांगा है। बैठक में मौजूद नेताओं ने राहुल को बताया कि नीरव मोदी की कंपनियों के सभी एलओयू 2017 में जारी हुए हैं। बैठक में तय हुआ कि इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को भी संसद के अंदर एकता दिखानी होगी। इसके लिए पार्टी सभी विपक्षी दलों के नेताओं से बात करेगी। राहुल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को लगातार उठाना चाहिए। मौजूदा सरकार में सबसे अधिक उपेक्षा युवाओं और किसानों की है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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राजेश्वर सिंह, बोकारो : अंतर्राष्ट्रीय जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप में भारत और राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप में राज्य का कई बार प्रतिनिधित्व करने वाले बोकारो के प्रतिभावान खिलाड़ी संतोष कुमार आज बीएसएल प्लांट में ठेका मजदूरी करने को विवश हैं. जिला फुटबॉल संघ की ओर से संतोष को नियोजन देने की मांग को लेकर वर्ष 2000 में तत्कालीन राज्य सरकार को आवेदन भी भेजा गया था. लेकिन, उन्हें सरकार से किसी तरह की मदद नहीं मिल सकी. सेक्टर नौ स्थित शिव शक्ति कॉलोनी निवासी संतोष का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. पिता के देहांत के बाद परिवार की जिम्मेदारी संतोष पर आ गयी तो पहले वीडियो रिकॉर्डिंग का व्यवसाय किया. कोरोना वायरस के कारण इस बार काम बंद रहा तो संतोष के सामने परिवार चलाना मुश्किल हो गया. इसके बाद वह ठेका मजदूरी करने को विवश हैं. संतोष ने महज 10 साल की उम्र से फुटबॉल खेलना शुरू किया था. घर के सामने के मैदान में फुटबॉल खेल कर पांच साल के अंदर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक के टूर्नामेंट में प्रतिभा दिखायी. वर्ष 1995 में हुए सुब्रतो मुखर्जी स्कूली टूर्नामेंट की विजेता उच्च विद्यालय सेक्टर टू डी बोकारो की टीम का संतोष ने प्रतिनिधित्व किया. इसके बाद इजराइल में हुए नाटान्या स्कूल फुटबॉल चैंपियनशिप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया. इसमें भारतीय टीम तीसरे स्थान पर रही थी. पांच साल के छोटे कैरियर में संतोष कुमार ने कई मौकों पर इंटर स्टील प्लांट चैंपियनशिप में बोकारो स्टील प्लांट की टीम का, जिले की टीम का और जिले की स्कूली टीम का कई बार प्रतिनिधित्व किया. लेकिन, परिवार की बढ़ती हुई जिम्मेदारियों और नियोजन नहीं मिलने के कारण संतोष को वर्ष 2000 में फुटबॉल को अलविदा कहना पड़ा. जिला के खेल प्रेमियाें और फुटबॉल संगठनों का कहना है कि यदि राज्य में स्पष्ट खेल नीति होती तो संतोष को यह दिन नहीं देखना पड़ता. ऐसा ही रहा तो झारखंड के खेल और खिलाड़ियों को ऐसे ही दिन देखने पड़ेंगे. कोई भी खिलाड़ी खेल को कैरियर के रूप में अपनाना नहीं चाहेगा.
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मेरी माँ (87 साल) की 13.4.14 को मृत्यु हो गई, हम 5 भाई और 3 बहन है। विरासत में मिली संपत्ति केवल भाइयों के नाम पर है। 1) क्या हम बेटियों का संपत्ति में हक़ है, किन परिस्थितियों में नहीं है? 2) हमे कैसे ट्रांसफर का तरीका पता चलेगा? 3) मेरी माँ जब जीवित थी, तो क्या वो सेल डीड / उपहार विलेख के माध्यम से भाइयों के नाम पर संपत्ति स्थानांतरण / उनके नाम पर रजिस्टर कर सकती है बेटियों की सहमति के बिना। क्या इसे चुनौती दी जा सकती है? 4) अगर बेटो के नाम पे वसीयत है- तो क्या हम बेटियां मांग कर सकती है? 5) या अगर माँ द्वारा किये गए भेदभाव को चुनौती दी जा सकती है? ansमहिलाओं को अब परिवार की पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा है और इसलिए एक बेटी की हिस्सेदारी एक बेटे की हिस्सेदारी के बराबर है। यह आपको हिन्दू मानते हुए है। kya unmarried befi ka bhi, apne pita k jivit rhte bhi, unki property me right h, ya uske liye suit file kar sakti h ? kya unmarried beti ka bhi, apne pita k jivit rhte bhi, unki property me right h, ya uske liye suit file kar sakti h ? Hum do Bhai Ar ek married sister h agr sister ko Papa hissa na Dena chay to.... Ismy KYa low h?
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शरीर सौ सहस्र योजन लम्बा और इतनाही चौड़ायागजासुर के तप से प्रसन्न हो ब्रह्माने बरदिया कि तू कामजिद पुरुप के हाथ गाराजायगा - ऐसा वरपाकर अपने पिताका वँरलेने हेतु देवतों को महादुःखदेने लगा तो शिवजी ( जो कागनिन् है ) ने उसको मारा और मरती समय उसने शिवजी से वर मांगलिया कि आप नित्य मेरे चर्मको स्पर्श किया कीजिये और कृतवासेश्वररूप से काशीजी में मुझे दर्शन दिया कीजियेउत्पल और विदल दैत्य ।। यह देनों दैत्य ब्रह्मा से वरपा महावली हुये और नारद से पार्वती की सुन्दरता सुन उनके हरने की इच्छा से कैलासपर गये तो शिवकी आज्ञानुसार पा र्षती ( जो गेंद खेल रहीथी) ने गेंद से उन दोनोंको मारडाला - यह दशा ज्येष्ठेश्वर लिंगके निकट हुईथी - तत्र देवतामने हर्पितहो वहींपर कुंडलेश अर्थात् गयंदकेश लिंग स्थापितकियावंशावली हरिकेश ।। रनभद्र (यक्षपति) पूर्णभद्र ( श्री कनकन्दला) हरिकेश यह और इसके पुरुषा सब बड़े शिवभक्त थे शिवने हरिकेश को काशीमें दर्शन दे दंडपाणि नाम से प्रसिद्ध किया और उसको ऐसा मान्यकिया कि एक समय वीरभद्र व अगस्त्यमुनि उसका सन्मान न करनेके कारण काशीसे निकालेगये - महानन्द ब्राह्मण ।। यह ब्राह्मण द्वापर में हुआ और अपने धर्म को त्याग इसने परस्त्री के संग
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टी20 वर्ल्ड कप में जब से भारतीय टीम को पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा है तभी से लगातार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लोग टारगेट कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से लगातार शमी चर्चा का विषय बने हुए हैं। लेकिन इसी बीच लोगों का ध्यान शमी की वाइफ हसीन जहां ने खींच लिया है। सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाली हसीन जहां को अब शमी के साथ चल रहे विवाद को लेकर लोगों ने निशाने पर ले लिया है। लोगों के निशाने पर हसीन जहांहसीन जहां सोशल मीडिया पर आए दिन कुछ ना कुछ पोस्ट करती रहती हैं। लोग भी उनको काफी बड़ी संख्या में फॉलो करते हैं और लगातार शमी को लेकर उनकी पोस्ट्स पर कमेंट होते हैं। लेकिन अब शमी की वाइफ को उनके पति के नाम पर फैले विवाद में घुसा दिया गया है। बता दें कि शमी की वाइफ ने इंस्टाग्राम पर एक नई तस्वीर शेयर की है। इस फोटो में उन्होंने काले रंग का एक टॉप पहना हुआ है। पोस्ट पर किए भद्दे कमेंट्स शमी की वाइफ हसीन जहां ने जैसे ही सोशल मीडिया पर अपनी नई फोटो शेयर की तभी लोगों ने उसपर बवाल मचाना शुरू कर दिया। एक यूजर ने तो यहां तक कह दिया कि शमी की बर्बादी की असल वजह तुम ही हो। वहीं कुछ लोगों ने हसीन जहां से कहा कि अब इस लड़ाई को भूलकर अपने पती यानी की मोहम्मद शमी को इस बुरे वक्त में सपोर्ट करो। लोग आए दिन शमी की पत्नी हसीन जहां को अपने निशाने पर लेते रहते हैं। दोनों के बीच बड़ा बवाल बता दें कि 2018 में मोहम्मद शमी पर उनकी पत्नी हसीन जहां के लगाए गए मारपीट, रेप, हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा जैसे आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया था। हसीन जहां ने शमी और उनके भाई के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। शमी के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 ए (दहेज उत्पीड़न) और धारा 354 (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज करवाया गया था, जबकि उनके भाई हासिद अहमद पर धारा 354 (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज करवाया गया था।केकेआर की चीयरलीडर थीं हसीन बता दें कि मोहम्मद शमी ने 6 जून 2014 को कोलकाता की मॉडल हसीन जहां से शादी की थी। हसीन एक मॉडल थीं। फिर वो कोलकाता नाइट राइडर्स की एक चीयरलीडर बनीं। इस दौरान दोनों की मुलाकात हुई और दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे। फिर शमी ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की। शमी 17 जुलाई 2015 को बेटी के पिता भी बने थे।
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माननीय प० तिलक के उपर्युक्त कथन से जो जैनधर्म को बौद्ध धर्म की शाखा या उससे उत्पन्न हुआ मानते हैं, आशा है उनका भ्रम दूर हो जायगा । आपने यह भी फरमाया था कि अहिंसा परमोधर्मः के उदार सिद्धान्त की चिरस्मरणीय छाप जैनधर्म ने ही ब्राह्मण धर्म पर भारी है। भारत में यज्ञों द्वारा जो असंख्य पशु हिंसा धर्म के नाम पर की जाती थी, उसको सदा के लिये बिदा कर देने का श्रेय भी जैनधर्म के हिस्से में है । आदि... श्रीयुत् महामहोपाध्याय, सत्यसम्प्रदायाचार्य, पंडित राममिश्रजी शास्त्री, प्रोफेसर संस्कृत कालेज वाराणसी ने पौष शुक्ला १ सं. १९६२ को व्याख्यान देते हुव जैनधर्म के विषय में जो उद्गार प्रकट किये थे उनका कुछ अश निम्न प्रकार हैः "ज्ञान, वैराग्य, शाति, क्षाति, अदम्भ, अनीर्ष्या, अक्रोध, अमात्सर्य, अलोलुपता, णम, दम, अहिंसा, समदृष्टिता इत्यादि गुणो मे एक एक गुण ऐसा है कि जहां वह पाया जाय वहां पर बुद्धिमान पूजा करने लगत है । तब तो जहां ( जैन धर्म ) में पूर्वोक्त सब गुण निरतिशय सीम होकर विराजमान है वहाँ उनकी पूजा न करना अथवा ऐसे गुण पूजकों की पूजा में बाधा डालना क्या इसानियत का कार्य है ? मै आपको कहाँ तक कहूँ, बड़े बड़े नामी आचार्यों ने अपने ग्रन्थों मे जो जैनमत का खंडन किया है उसे सुन व देख कर हँसी आती है । स्याद्राद का यह जैनधर्म अभेद्य किला है। उसके अंदर वादी-प्रतिवादियों के मायामय गोले नहीं प्रवेश कर सकते । सज्जनों, एक वह दिन था कि जैन सम्प्रदाय के आचार्यों की हुंकार से दशों दिशायें गूंज उठती थीं। जैनमत तब से प्रचलित हुआ जब से संसार में सृष्टि का आरंभ हुआ। इसमें मुझे किसी प्रकार का उज्ज्र नही कि जैनदर्शन वेदान्तादि दर्शनों से पूर्व का है । आदि... .। स्व० प्रसिद्ध इतिहासज्ञ विद्वान् साहित्यरत्न लाला कन्नोमल एम. ए. सेशन जज धौलपुर ने अपने एक लेख में लिखा थाः" सभी लोग जानते हैं कि जैनधर्म के आदि तीर्थंकर श्री ऋषभदेव स्वामी हैं, जिनका काल इतिहास परिधि से कहीं परे है। इनका वर्णन श्रीमद् भागवत पुराण में भी है । ऐतिहासिक गवेषणा से मालूम होता है कि जैनधर्म की उत्पत्ति का कोई निश्चित काल नही है । प्राचीन से प्राचीन ग्रन्थों में जैनधर्म का हवाला मिलता है ।" सुप्रसिद्ध दार्शनिक विद्वान् श्रीयुत् हरिसत्य भट्टाचार्य एम. ए. बी. एल. लिखते है - "जैन तथा बौद्ध धर्म के तत्वों की यदि ठीक-ठीक आलोचना की जाय तो यह स्पष्ट रूप में प्रकट हो जायगा कि ये दोनों धर्म एक दूसरे से पूर्णतया पृथक् हैं । बौद्धों का कहना है कि शून्य ही एक मात्र तत्व है । जैनों के मतानुसार सत्पदार्थ हैं एवं उसकी संख्यायें अगणित है। बौद्धमत के अनुसार आत्मा का कोई अस्तित्व नहीं है, परमाणु का भी कोई अस्तित्व नही । दिकू, काल, धर्म (गतितत्व ) ये कुछ भी नहीं हैं, ईश्वर नहीं
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WB Board Exams 2021: पश्चिम बंगाल सरकार ने आज कोविड-19 महामारी के कारण कक्षा 10 मध्यमिक और कक्षा 12 की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की है। WB Board Exams 2021: पश्चिम बंगाल सरकार ने आज कोविड-19 महामारी के कारण कक्षा 10 मध्यमिक और कक्षा 12 की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की है। सरकार ने पहले वर्तमान कोविड -19 की स्थिति का मूल्यांकन करने और राज्य में कक्षा 10 और कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाओं के बारे में निर्णय लेने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। सीएम बनर्जी ने कहा कि हमें आपकी मूल्यवान राय और सुझाव भेजने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। इस प्रकार डब्ल्यूबी 2021 के लिए माध्यमिक और उच्चमाध्यमिक परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले किया है। हम अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सबसे अच्छा संभव तरीका तैयार करेंगे। पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की थी कि कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाएं जुलाई के अंत में आयोजित की जाएंगी, जबकि कक्षा 10 की परीक्षाएं अगस्त के मध्य में आयोजित की जाएंगी। परीक्षाओं को रद्द करने का यह निर्णय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सीबीएसई कक्षा 12 परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की, जिसके बाद जल्द ही भारतीय स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षाओं (सीआईएससीई) ने आईएससी कक्षा 12 परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की थी। इसके बाद महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और अन्य जैसी कई राज्य सरकारों ने घोषणा की कि कक्षा 12 बोर्ड परीक्षाएं अपने संबंधित राज्यों में रद्द कर दी जाएंगी।
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Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर नगर निगम की पूर्व चेयरमैन राधा सांडिल समेत 34 पूर्व प्रत्याशी इस बार निकाय चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. बता दें कि 2014 से 2018 तक भाजपा के समर्थन से राधा सांडिल यहां की चेयरमैन रही थीं, इनके साथ वर्तमान मेयर विनोद श्रीवास्तव वाईस चेयरमैन थे, जिनसे आखिरी समय से संबंध बिगड़ने के बाद राधा सांडिल को अपने ही निगम के खिलाफ 7 दिनों तक कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठना पड़ा था. चूंकि इस बार एसटी महिला आरक्षित सीट हो गई है ऐसे में राधा सांडिल के चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी, लेकिन चुनाव आयोग द्वारा राधा सांडिल को अयोग्य घोषित किये जाने की वजह से वे एसटी महिला के आरक्षित सीट होने के बावजूद चुनाव नहीं लड़ सकेंगी. बता दें कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 2018 के चुनाव खर्च नहीं देने पर राधा सांडिल समेत नगर निगम क्षेत्र के 34 पूर्व प्रत्याशियों को अयोग्य घोषित किया है. जिसमें 2018 में मेयर का चुनाव लड़ चुके आजसू नेता कौशलेंद्र कुमार का भी नाम शामिल है. राधा सांडिल, कौशलेंद्र कुमार, गोपाल महतो, चंद्र मोहन महतो, किरण कुमारी मंडल, निर्मल कुमार पाल, बादल कुमार पाल, संजय दास, आनंद मोदी, मदन मांझी, विकास सरदार, पीसी गोराई, न्यूमैन पाल, सुभद्रा महतो, रविंद्र घोष, दुर्गा दास, अनिमा देवी, अनिल कुमार झा, सुप्रिया महतो, अरुण ओझा, प्रवीण चंद्र, मनीष कुमार, रमेश सिंह, गायत्री देवी, संजू संजना, ज्योत्सना एक्का, पिंकी देवी, कृपा देवी, नूतन देवी, श्यामा देवी, शैलजा शाही, रवि पांडेया और अनिल कुमार को अयोग्य घोषित किया गया है.
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Meerut : कुर्सी से गायब डॉक्टरों पर डीएम की फटकार शायद कुछ असर करे। शुक्रवार को औचक निरीक्षण में डीएम को पीएलशर्मा जिला चिकित्सालय में 16 डॉक्टर एवं 19 कर्मचारी गैरहाजिर मिले तो वहीं जनपद में संचालित सीएचसी-पीएचसी में सरकारी अस्पतालों में 72 डॉक्टर और 158 कर्मचारी नदारद थे। डीएम ने सभी का एक दिन का वेतन रोकने के आदेश दिए। डीएम के निर्देशन में गठित 45 अधिकारियों की टीम ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर छापेमारी की। सस्ती चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के पूर्ण प्रयास सरकार के हैं। सभी डॉक्टर आने वाले मरीजों के उपचार में कोई कोताही न बरते और निशुल्क मिलने वाली दवाओं का सही से वितरण कराएं। यदि किसी भी डॉक्टर ने पर्चे पर बाहर की दवा लिखीं तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। मरीजों के भोजन की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान देने के आदेश दिए। जिला अस्पताल में शराब की बोतले मिलीं। यही नहीं अस्पताल परिसर में जगह-जगह गंदगी के ढेर मिले। जिला अस्पताल की बदहाली पर जिलाधिकारी ने सख्त नाराजगी जताई। बच्चा वार्ड सहित सभी वार्डो के निरीक्षण के दौरान टॉयलेट में गंदगी देख डीएम ने फटकार लगाई। डीएम ने जिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड, पैथोलोजी विभाग, हड्डी विभाग, ईएनटी वार्ड, डेन्टल वार्ड, सर्जरी वार्ड, नेत्र विभाग, औषधि वितरण काउण्टर, राष्ट्रीय पोषण पुर्नवास वार्ड आदि विभागों का दौरा किया। नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अस्पताल परिसर में व उसके आसपास सफ ाई का ध्यान रखें। निरीक्षण को जा रहे डीएम ने बच्चा पार्क पर पड़े कूड़े के ढेर एवं वहां से उठ रही दुर्गन्ध पर नाराजगी व्यक्त करते हुए नगर निगम के अधिकारियों मौके पर बुलाकर जमकर फटकार लगाई। 8 डॉक्टर तथा 17 कर्मचारी गायब। एडीएम प्रशासन दिनेश चन्द्र को सीएचसी मवाना में 3 डॉक्टर तथा 17 कर्मचारी गायब मिले। एडीएम एलए डीपी श्रीवास्तव को सीएचसी दौराला में 1 कर्मचारी गायब मिला। एडीएम सिटी एसके दुबे को सीएचसी भूडबराल में 6 डॉक्टर गायब मिले। 45 प्रशासनिक अधिकारियों ने जनपद के सीएचसी-पीएचसी पर छापेमारी की। सीएमओ डॉ। रमेश चन्द्र सहित ऑपरेशन के दौरान मौजूद थे। मेरठः डीएम जगत राज ने हापुड रोड पर कमेले पर निर्मित राजकीय कन्या इण्टर कालेज का निरीक्षण किया। विद्यालय में छात्राओं की संख्या (1580) को देखकर वे गदगद हो गए और उन्होंने शिक्षिकाओं से कहा कि छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा देकर वे पुण्य कमाएं। डीएम ने डीआईओएस श्रवण कुमार यादव को छात्रा संख्या के अनुरूप शिक्षकों की तैनाती के निर्देश दिए।
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मुंबई। भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना के बीच महाराष्ट्र में सरकार बनाने की कवायद के बीच सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस और शिव सेना के वरिष्ठ नेता दिवाकर राउते ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से अलग अलग मुलाकात की। शिव सेना के वरिष्ठ नेता राउते आज सुबह 10. 30 बजे और मुख्यमंत्री फडनवीस ने 11 बजे कोश्यारी से मुलाकात की। हालांकि दोनों ही पाटी के नेताओं ने कहा कि यह बैठक शिष्टाचार मुलाकात थी। बाद में राउते ने कहा कि यह मुलाकात सिर्फ दीपावली के लिए थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 से हर वर्ष वह दीपावली के अवसर पर राज्यपाल से मुलाकात करने आते हैं। मैं राज्यपाल और उनके परिवार से मिला और उन्हें दीपावली की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि मुझे मिलने का समय फडनवीस से थोड़ा पहले दिया गया था लेकिन इस मुलाकात में कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। कुछ समय बाद फडनवीस ने भी कोश्यारी से मुलाकात की और दीपावली की शुभकामना दी। फडनवीस ने उन्हें वर्तमान परिदृश्य से अवगत कराया। राजभवन के अधिकारियों के अनुसार दोनों नेताओं की यह शिष्टाचार मुलाकात थी। भाजपा को तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन देने की कल घोषणा की। इसमें से दो भाजपा के ही बगावत कर चुनाव लड़ने वाले सोलापुर के बार्शी से चुनाव जीतने वाले राजेन्द्र राउत और ठाणे जिला के मीर-भयंदर क्षेत्र से चुनाव लड़ने पाली गीता जैन हैं। अमरावती से चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार रवी राणा ने भी समर्थन देने की घोषणा की है। शिव सेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने के बाद विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिला के अचलपुर से चुनाव जीतने वाले बच्चू काडू और मेलघाट से चुनाव जीतने वाले राजकुमार पटेल ने शिव सेना को समर्थन देने का प्रस्ताव दिया है।
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इंदौर, 24 अगस्तः मध्य प्रदेश के कई जिलों में जारी भारी बारिश का सिलसिला थमता नजर आ रहा है, जहां मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल में पिछले दिनों लगातार जारी भारी बारिश का सिलसिला अब थम चुका है। इसी के चलते मौसम साफ नजर आ रहा है। लेकिन दूसरे अंचलों में हो रही भारी बारिश के चलते नर्मदा नदी उफान पर नजर आ रही है। यही कारण रहा कि, खतरे के निशान से ऊपर निकल जाने के कारण मोरटक्का पुल को दूसरी बार बंद कर दिया गया, जहां पुल का आवागमन रोक दिया गया, तो वहीं नदी से लगे आसपास के गांव में भी अलर्ट जारी किया गया। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के मौसम पर एक नजर डालें तो यहां बारिश का सिलसिला बीते 24 घंटों से थमा हुआ नजर आ रहा है। यही कारण है कि, लोग अब राहत महसूस कर रहे हैं। मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश की चेतावनी दी गई थी, लेकिन राहत की बात रही कि रिमझिम बारिश का दौर चलने के बाद अब बारिश पूरी तरह से थमी हुई नजर आ रही है। वहीं आने वाले दिनों में भी इसी तरह की राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जहां रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। प्रदेश में लगातार झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। इसी के चलते नर्मदा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इतना ही नहीं नर्मदा नदी के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को पहले ही अलर्ट कर दिया गया है, जहां कई लोगों को घाट किनारे से दूर चले जाने की हिदायत भी दे दी गई है। उधर, नर्मदा पुरम संभाग में लगातार बढ़ रहे नर्मदा नदी के जलस्तर का असर अब प्रदेश के अन्य नदी किनारे वाले जिलों में भी देखने मिल रहा है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले दिनों में मौसम इसी तरह से साफ रहने की आशंका जताई जा रही है। वहीं यदि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में सिस्टम बनता है, तो एक बार फिर मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भारी बारिश का सिलसिला देखने मिल सकता है। लेकिन फिलहाल इस तरह की संभावना कम ही जताई जा रही है, जहां फिलहाल तो मौसम साफ रहेगा, लेकिन आने वाले दिनों में नया सिस्टम तैयार होने से भारी बारिश हो सकती है। Himachal mai Red Alert: 'पिछले 60 साल में ऐसी बारिश नहीं देखी. . . ', मंडी में डूबा मंदिर, कब मिलेगी राहत? फ्रांस में बास्तील दिवस पर उड़ेंगे भारतीय विमान, जानिए US दौरे की तरह PM मोदी की ये यात्रा क्यों है खास?
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लद्दाख में गुरुवार रात लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. रात को 10:22 मिनट पर भूकंप आया. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई है. फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है. केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में गुरुवार देर रात लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. रात को 10:22 मिनट पर भूकंप आया. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई है. फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है. जानकारी के मुताबिक भूकंप की गहराई जमीन से 10 किलोमीटर नीचे रही. मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले 5 अप्रैल को यहां भूकंप आया था. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.5 मापी गई थी. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने बताया था कि भूकंप के झटके शाम 6 बजकर 54 मिनट पर महसूस किये गए थे. इसका केंद्र भी जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में था. भूकंप से कैसे बचें? लद्दाख में आए इन भूकंप के झटकों से तो जानमाल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इससे बचाव के तरीके जानना बेहद जरुरी है. जानकारी के मुताबिक भूकंप महसूस होते ही फर्श पर बैठ जाएं और सिर को नीचे झुका लें. अगर हो सके तो किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर की आड़ लें. इसके साथ ही बुजुर्ग और बच्चों पर ध्यान रखें. उन्हें सबसे पहले सुरक्षित करें. अगर भूकंप तेज है तो घर से बाहर निकलें और खुले मैदान या सड़क पर चले जाएं. क्या है रिक्टर स्केल? भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का प्रयोग किया जाता है, यह एक प्रकार का मापक है. बताया जाता है कि साल 1935 में अमेरिकी भूकंपविज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने इसको बनाया था. भूकंप की तीव्रता सिस्मोग्राफ पर ऊंची लाइनों के रूप में दिखती है. हालांकि मॉडर्न समय में भूकंप को मापने के कई टेक्नोलॉजी आ चुकी हैं. लेकिन भूकंप की तीव्रता को हमेशा रिक्टर स्केल पर ही लिखा जाता है.
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छपरा,बिहार ( मिथिला हिन्दी न्यूज कार्यालय 12 फरवरी,20 ) । गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच शत - प्रतिशत सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है और इसका अनुपालन कराने की जिम्मेवारी सिविल सर्जन समेत सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दी गयी है। उक्त बातें बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अपर परियोजना निदेशक डॉ अभय प्रसाद ने सिविल सर्जन कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बुधवार को कही। इसके पहले उन्होंने सिविल सर्जन समेत सभी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ बैठक की और जिले में चल रहे एचआईवी जांच के कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले में करीब 61 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच हो रहा है, जिसे हर हाल में शत-प्रतिशत सुनिश्चित करना है। इसके लिए उन्होंने जन सहभागिता को बढ़ावा देने पर बल दिया और कहा कि इसमें सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को तीन मुख्य जिम्मेदारी लेनी होंगी। पहला वह स्वयं की एचआईवी जांच कराएं। दूसरा अपने घर तथा आस-पास के प्रत्येक गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच एवं तीसरा अपने रिश्तेदारों व मित्रों की एचआईवी जांच करवाएं। इससे हम एचआईवी संक्रमण पर काबू पाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि एचआईवी जानलेवा बीमारी है और सुरक्षा ही इसका बचाव है। साथ ही जांच में समय पर पता चल जाने से इसके संक्रमण को फैलने से न केवल रोका जा सकता है, बल्कि गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे बच्चों को भी संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तीन माह की गर्भवती महिलाओं की एचआईवी जांच होने से यह संभव हो सकेगा। तीन माह की गर्भवती महिला अगर एचआईवी पॉजिटिव पाई जाती है तो, छह माह तक ए आर टी सेंटर में उसे दवा दी जायेगी, जिससे उसका बच्चा एचआईवी से संक्रमण मुक्त पैदा होगा। उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इसकी जांच की व्यवस्था की गई है । साथ ही अब राज्य के सभी जेलों में आने वाले बंदियों की एचआईवी जांच कराई जा रही है । इस मौके पर सिविल सर्जन डा माधवेश्वर झा, पीपीटीसीटी राज्य समन्वयक आशीष कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार, केंद्र के परामर्शी उर्मिला कुमारी, अभय कुमार दास, धनंजय कुमार एवं प्रवीण कुमार आदि मौजूद थे। समस्तीपुर कार्यालय से राजेश कुमार वर्मा द्वारा सम्प्रेषित ।
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Posted On: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में 'फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) अंडर-17 महिला विश्व कप 2022' की मेजबानी के लिए गारंटी पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दे दी है। 'फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 2022' भारत में 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर 2022 के बीच आयोजित किया जाएगा। द्विवार्षिक युवा टूर्नामेंट का सातवां संस्करण पहला ऐसा फीफा महिला टूर्नामेंट होगा जिसकी मेजबानी भारत करेगा। फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 से जुड़ी सकारात्मक विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश महिला फुटबॉल के लिए एक विशिष्ट क्षण की तैयारी कर रहा है जिस दौरान दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ युवा महिला फुटबॉल खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को हासिल करने के लिए अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करेंगी। वित्तीय परिव्ययः अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को खेल के मैदान के रख-रखाव, स्टेडियम में बिजली, ऊर्जा एवं केबल बिछाने, स्टेडियम और प्रशिक्षण स्थलों की ब्रांडिंग, इत्यादि के लिए 10 करोड़ रुपये की सहायता के वित्तीय परिव्यय की पूर्ति 'राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को सहायता योजना' के लिए बजटीय आवंटन से की जाएगी। योजना के उद्देश्यः • फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप भारत 2022 में देश में महिला फुटबॉल को मजबूत बनाने की असीम क्षमता है। • फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप 2017 से जुड़ी सकारात्मक विरासत को आगे बढ़ाते हुए देश महिला फुटबॉल के लिए एक विशिष्ट क्षण की तैयारी कर रहा है जिस दौरान दुनिया भर की सर्वश्रेष्ठ युवा महिला फुटबॉल खिलाड़ी इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी को हासिल करने के लिए अपने अद्भुत कौशल का प्रदर्शन करेंगी। इससे जुड़ी एक सकारात्मक विरासत को पीछे छोड़ने के लिए निम्नलिखित उद्देश्यों पर विचार किया गया हैः • फुटबॉल के नेतृत्व और निर्णय लेने वाली संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना। • भारत में अधिक से अधिक बालिकाओं को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित करना। • छोटी उम्र से ही समान खेल की अवधारणा को सामान्य बनाकर महिला-पुरुष समावेशी भागीदारी को बढ़ावा देना। • भारत में महिलाओं के लिए फुटबॉल मानकों को बेहतर करने का अवसर प्रदान करना। • महिलाओं के खेल का व्यावसायिक महत्व बढ़ाना। फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप एक प्रतिष्ठित आयोजन है और यह भारत में पहली बार आयोजित किया जाएगा। यह अधिक से अधिक युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा और इसके साथ ही भारत में फुटबॉल के खेल को विकसित करने में मदद करेगा। इस आयोजन से न केवल भारतीय बालिकाओं के बीच पसंदीदा खेल के रूप में फुटबॉल को काफी बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह एक चिरस्थायी विरासत भी अपने पीछे छोड़ जाएगा जो देश में बालिकाओं एवं महिलाओं को फुटबॉल और सामान्य रूप से विभिन्न खेलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप 17 साल से कम उम्र या इस आयु तक की महिला खिलाड़ियों के लिए फीफा द्वारा आयोजित विश्व चैंपियनशिप है। यह आयोजन वर्ष 2008 में शुरू हुआ था और यह परंपरागत रूप से सम-संख्या वाले वर्षों में आयोजित किया जाता है। इस आयोजन का छठा संस्करण उरुग्वे में 13 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर, 2018 तक आयोजित किया गया था। स्पेन फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप का मौजूदा चैंपियन है। फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप भारत 2022 इस टूर्नामेंट का 7वां संस्करण होगा जिसमें भारत सहित 16 टीमें भाग लेंगी। एआईएफएफ ने इस प्रतियोगिता के मैचों को 3 स्थानों पर आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है; (ए) भुवनेश्वर; (बी) नवी मुंबई और (सी) गोवा। भारत ने 6 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, 2017 तक देश में नई दिल्ली, गुवाहाटी, मुंबई, गोवा, कोच्चि और कोलकाता जैसे 6 अलग-अलग स्थानों पर फीफा अंडर-17 पुरुष विश्व कप भारत-2017 की सफलतापूर्वक मेजबानी की थी।
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नागपुर प्रतिनिधि/दि. 9 - राज्य सरकार के राजस्व एवं वन विभाग ने विदर्भ के चार व्याघ्र प्रकल्पों की स्थानीय सलाहकार समिती के गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्तियों को एक आदेश जारी कर रद्द कर दिया है. इन चार व्याघ्र प्रकल्पों में मेलघाट, पेंच, नवेगांव-नागझिरा तथा बोर इन व्याघ्र प्रकल्पों का समावेश है. बता दें कि, राज्य सरकार ने वर्ष 2012 से इन समितियों को गठित करने की नीति तय की थी और राज्य में निसर्ग पर्यटन को लेकर 20 फरवरी 2008 को नीति घोषित की गई थी. इसके बाद एक जनहित याचिका पर हुए फैसले के चलते वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 38 ओ (1), (सी) के तहत व्याघ्र प्रकल्प में निसर्ग पर्यटन से संबंधित मार्गदर्शक निर्देश जारी किये गये. जिन्हें 9 नवंबर 2012 के निर्णयानुसार लागू किया गया. इसके तहत व्याघ्र प्रकल्प के आसपास स्थित क्षेत्रों में पर्यटन, सुविधा उद्योगोें से शुल्क लेकर इस संदर्भ में निर्णय लेते हुए प्राप्त होनेवाली आर्थिक आय से स्थानीय जनता की उपजिविका का विकास करने का प्रावधान किया गया है. जिसके लिए स्थानीय सलाहकार समिती गठित की गई है. विदर्भ के ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प हेतु 15 दिसंबर 2017, मेलघाट व नवेगांव-नागझिरा प्रकल्प हेतु 6 फरवरी 2018 तथा पेंच व बोर प्रकल्प हेतु 6 सितंबर 2018 को यह समिती स्थापित की गई थी, लेकिन बुधवार को जारी आदेश के अनुसार ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प छोडकर अन्य चारों प्रकल्पों की समितियों के गैर सरकारी सदस्यों की नियुक्ती को रद्द कर दिया गया है.
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अक्सर, एक फोटो शूट के दौरान, रहस्य का वातावरण बनाने या बस एक विशेष पृष्ठभूमि बनाने की आवश्यकता होती है, जो फोटोग्राफर के कलात्मक इरादे से मेल खाती है। ऐसे मामलों में, रंगीन धूम्रपान का उपयोग किया जाता है। हेडलाइट्स के साथ रात में एक फोटो शूट के दौरान रंगीन धुआं विशेष रूप से दिलचस्प है। धूम्रपान के साथ फोटोशन आपको अद्वितीय शॉट्स, उज्ज्वल और रंगीन पाने की अनुमति देता है। फोटो शूट के लिए धूम्रपान कैसे करें? फोटो शूट के लिए धूम्रपान करने के कई तरीके हैं। उन सभी को औद्योगिक और घर का बना दिया गया है। औद्योगिक उत्पादन का रंगीन धुआंः - एक फोटो शूट के लिए धूम्रपान करने का सबसे आम तरीका धूम्रपान बम का उपयोग करना है। वे काफी सुलभ हैं। इस विधि के फायदों में से एक गतिशीलता है। नुकसान कार्य प्रक्रिया को नियंत्रित करने में असमर्थता हैं - आप इसे चालू या बंद नहीं कर सकते हैं, प्रक्रिया को रोक या जारी नहीं कर सकते हैं। - पेंसिल और पेंटबॉल बंदूकें अक्सर उपयोग की जाती हैं। - धुआं-मशीन इस विधि का निर्विवाद लाभ मात्रात्मक और लौकिक आयामों में धूम्रपान के गठन की प्रक्रिया को आसानी से नियंत्रित करने की क्षमता है। नुकसान में एक विद्युत नेटवर्क की आवश्यकता शामिल है, जो हमेशा फोटो सत्र के स्थान और शर्तों से मेल नहीं खाती है। - छोटे स्टूडियो के लिए, "धूम्रपान-धुंध" के स्प्रे-कैन जैसे टूल उपयुक्त हैं। धूम्रपान की मात्रा सीमित है। लाभ - गतिशीलता, किसी भी परिस्थिति में उपयोग करने की क्षमता। रंगीन धुएं प्राप्त करने के लिए घर का बना विकल्पः - धूम्रपान के गठन के लिए घर का बना साधन। ऐसा चेकर अमोनियम नाइट्रेट या पोटेशियम (नुस्खा के आधार पर), चीनी, सोडा और डाई के आधार पर बनाया जाता है। एक रंगीन के रूप में हेनना, मैंगनीज, भोजन रंग है। यह विधि स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित नहीं है। - घर का बना धुआं मशीन। यह डिवाइस शुष्क बर्फ पर काम करता है। डिवाइस बनाने और इसे संचालन में रखने के लिए कुछ कौशल की आवश्यकता है। लागत और दक्षता पर फोटो शूट के लिए रंगीन धुआं पाने का सबसे अच्छा तरीका पेंटबॉल चेकर्स हैं। इस तरह के उत्पादों में शेल्फ जीवन, अंकन, फैक्ट्री उत्पादन की स्थिति पर डेटा है।
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Lenmid 5 Capsule डॉक्टर द्वारा लिखी जाने वाली दवा है, जो कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है। यह दवाई खासतौर से मल्टीपल माइलोमा के उपचार के लिए इस्तेमाल की जाती है। Lenmid 5 Capsule का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है। आयु, लिंग और रोगी की पिछली स्वास्थ्य जानकारी के अनुसार Lenmid 5 Capsule की खुराक दी जाती है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। इस बारे में और अधिक जानने के लिए खुराक वाले खंड में पढ़ें। Lenmid 5 Capsule के साथ आमतौर पर कुछ साइड इफेक्ट देखे जाते हैं, जैसे दुर्बलता, तंद्रा, एडिमा। कुछ मामलों में Lenmid 5 Capsule के कुछ अन्य साइड इफेक्ट भी देखे जा सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। Lenmid 5 Capsule के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। हालांकि अगर ये समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा Lenmid 5 Capsule को गर्भावस्था के दौरान लेने पर प्रभाव गंभीर होता है और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए इसका प्रभाव गंभीर है। आगे Lenmid 5 Capsule से जुड़ी चेतावनियों के सेक्शन में बताया गया है कि Lenmid 5 Capsule का लिवर, हार्ट, किडनी पर क्या असर होता है। अगर आपको पहले से न्यूट्रोपेनिया जैसी कोई समस्या है, तो Lenmid 5 Capsule देने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। ऐसी कुछ अन्य समस्याएं भी हैं, जीने बारे में नीचे बताया गया है। अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो Lenmid 5 Capsule न लें। Lenmid 5 Capsule के साथ कुछ अन्य दवाएं लेने से शरीर में गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं। नीचे ऐसी दवाओं की पूरी लिस्ट दी गई है। ऊपर दी गई सावधानियों के अलावा ये जानना भी आवश्यक है कि गाडी चलाते समय Lenmid 5 Capsule लेना असुरक्षित है और इसकी लत नहीं लग सकती है। यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Lenmid 5 Capsule की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Lenmid 5 Capsule की खुराक अलग हो सकती है। क्या Lenmid 5 Capsule का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है? जो महिलाएं गर्भवती हैं, उनको Lenmid लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करती हैं तो आपके शरीर पर इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं। क्या Lenmid 5 Capsule का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है? Lenmid को लेने वाली जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन पर इसके गंभीर दुष्प्रभाव होते है। इसलिए आपको डॉक्टर से पूछने के बाद ही इसे लेना चाहिए। Lenmid 5 Capsule का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है? "Lenmid को लेने के बाद दुष्प्रभाव महसूस हो सकते हैं। आपको भी दवा से कोई दुष्प्रभाव महसूस हो तो दवा न लें और इस बारे में डॉक्टर से पूछें। " Lenmid 5 Capsule का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है? Lenmid के नकारात्मक असर लीवर पर हो सकते हैं। आपके लीवर पर दुष्प्रभाव हों तो दवा को दोबारा न लें और अपनी मौजूदा स्थिति के बारे में डॉक्टर से सलाह करें। क्या ह्रदय पर Lenmid 5 Capsule का प्रभाव पड़ता है? जो पहले से हृदय रोग से पीड़ित हैं, उनके लिए Lenmid के दुष्परिणाम हो सकते हैं, यदि आप भी ऐसा कुछ महसूस करें तो दवा का सेवन ना करें और डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा को लें। क्या Lenmid 5 Capsule आदत या लत बन सकती है? नहीं, Lenmid 5 Capsule लेने से कोई लत नहीं पड़ती। फिर भी, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही Lenmid 5 Capsule का इस्तेमाल करें। क्या Lenmid 5 Capsule को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है? किसी मशीन के अलावा वाहन को चलाने में दिमागी सक्रियता की बेहद जरूरत होती है। लेकिन Lenmid 5 Capsule को खाने से आपको नींद व थकान होने लगती है। इसलिए इन कामों को करने से बचें। क्या Lenmid 5 Capsule को लेना सुरखित है? हां, परंतु इसको लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Lenmid 5 Capsule इस्तेमाल की जा सकती है? नहीं, मस्तिष्क विकार में Lenmid 5 Capsule का उपयोग कारगर नहीं है। क्या Lenmid 5 Capsule को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है? आप खाने के साथ भी Lenmid 5 Capsule को ले सकते हैं। जब Lenmid 5 Capsule ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या? Lenmid 5 Capsule के बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी मौजूद नहीं है। क्योंकि इस विषय पर अभी रिसर्च नहीं हो पाई है। अतः डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस दवा को लें। US Food and Drug Administration (FDA) [Internet]. Maryland. USA; Package leaflet information for the user; Revlimid (lenalidomide)
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- 9 hrs ago राम चरण की सुपरहिट फिल्म 'आरआरआर' का जल्द आएगा सीक्वल, परंतु राजामौली नहीं होगे डायरेक्टर! - 10 hrs ago Shahrukh Khan की 'जवान' प्रीव्यू पर सलमान खान का शानदार रिएक्शन, बोले, "पठान जवान बन गया, वाह. . " Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? निर्माता- निर्देशक करण जौहर ने अपनी आने वाली फिल्म तख्त को लेकर कुछ खुलासे किये हैं। करण जौहर ने कहा कि यह फिल्म मुगल जमाने की कभी खुशी कभी गम होगी। रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, भूमि पेडनेकर, विकी कौशल, करीना कपूर खान, जाह्नवी कपूर और अनिल कपूर स्टारर यह फिल्म 2020 में रिलीज होगी। यह फिल्म मुगल शासक शाहजहां के बेटों की कहानी होगी। ऋतिक रोशन की 'कृष 4'- रिलीज डेट में बदलाव- 2021 में होगा धमाका! करण जौहर की यह मल्टी स्टारर फिल्म काफी बड़े स्तर पर बनने वाली है। निर्देशक ने कहा है कि यह दो भाईयों के बीच टकराव की कहानी है. . लेकिन तथ्यों पर आधारित है। यह संघर्ष की कहानी है। साथ ही यह मेरी आज तक की सबसे बड़ी फिल्म है। चूंकि फिल्म में रणवीर सिंह भी हैं. . तो संजय लीला भंसाली की पद्मावत के तुलना होने की बात पर करण जौहर ने कहा- यदि मैं कहूंगा कि इस तुलना की मैं परवाह नहीं करता. . तो यह झूठ होगा। मैं खुद संजय लीला भंसाली की फिल्मों का फैन रहा हूं। मैं सिर्फ उम्मीद कर रहा हूं कि लोग भंसाली से तुलना के चक्कर में फिल्म को मौका ना दें।
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ऋतिक के साथ वाणी ने 'वार' में काम किया था, जबकि वह रणबीर के साथ 'शमशेरा' में दिखाई देंगी और उनकी आगामी फिल्म 'बेल बॉटम' में उनके विपरीत अक्षय कुमार हैं। फिल्म के मुख्य स्टार अक्षय कुमार और निर्माताओं ने फिल्म की शूटिंग शुरू करने का निर्णय लिया है और इसे स्कॉटलैंड में फिल्माया जाएगा। लॉकडाउन के पूरी तरह से हटने के बाद वाणी अपने काम पर लौटने के लिए तैयार हैं। अक्षय कुमार ने एक तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें उनके अलावा वाणी कपूर, हुमा कुरैशी, लारा दत्ता, जैकी भगनानी नज़र आ रहे हैं। अक्षय कुमार की ये फिल्म अगले साल अप्रैल महीने में रिलीज होगी। वाणी ने 2013 में फिल्म 'शुद्ध देसी रोमांस' के साथ बॉलीवुड में कदम रखा था, जिसमें उन्होंने तारा नाम की एक छोटी लड़की की भूमिका निभाई। वाणी कपूर अपनी खूबसूरती और फिटनेस के लिए जानी जाती हैं। वाणी कपूर ने पिछले दिनों जो टॉप पहना था वो उनकी मुसीबत का कारण बन गया है। उनके खिलाफ मामला पुलिस में जा पहुंचा है। अभिनेत्री वाणी कपूर ने फिल्म 'शमशेरा' में अपने को-स्टार संजय दत्त और रणवीर कपूर की तारीफ की है। रणबीर जल्द ही 'ब्रह्मास्त्र' मूवी में भी नज़र आएंगे, जिसमें आलिया भट्ट भी अहम भूमिका निभा रही हैं। बॉलीवुड अभिनेत्री वाणी कपूर का कहना है कि उन्हें यात्रा करना काफी पसंद है और वह यात्राओं को जीती हैं। इस 31 वर्षीय अभिनेत्री ने पर्यटन अध्ययन में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उनका कहना है कि उनकी शिक्षा ने ही उनके अंदर नई जगहों को देखने की भावनाओं को बढ़ाया है। ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ की फिल्म 'वॉर' आज रिलीज हो रही है। जानिए फिल्म पहले दिन कितने करोड़ की कमाई करेगी। ऋतिक रोशन के डांस का हर कोई दीवाना है। हाल ही में फिल्म 'वॉर' में ऋतिक रोशन 'घुंघरू' गाने पर डांस करते नजर आए थे। Ghungroo Song: अरिजीत सिंह और शिल्पा राव के गाए गाने में ऋतिक रोशन और वाणी कपूर जबरदस्त डांस करते दिख रहे हैं। War Trailer: ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ पहली बार एक फिल्म में नजर आने वाले हैं। Vaani Kapoor B'day: वाणी ने साल 2013 में 'शुद्ध देसी रोमांस' फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसमें सुशांत सिंह राजपूत और परिणीति चोपड़ा ने भी अहम भूमिका निभाई थी। ऋतिक रोशन, टाइगर श्रॉफ, वाणी कपूर स्टारर 'वार' का नया पोस्टर रिलीज किया गया है। इस पोस्टर में ऋतिक और वाणी बेहद रोमांटिक अंदाज में नजर आ रहे हैं। 'वॉर' में ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ भी हैं। यश राज फिल्म्स द्वारा निर्मित यह फिल्म 2 अक्टूबर को हिंदी, तमिल और तेलुगु में रिलीज होगी। अभिनेत्री वाणी कपूर ने कहा कि उन्हें अपने प्रोफेशनल फैसलों पर कोई अफसोस नहीं है और वह अपनी पसंद से बहुत खुश हैं। अभिनेत्री वाणी कपूर का कहना है कि वह अपनी आगामी फिल्मों में एक अभिनेत्री के रूप में अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाना चाहती हैं। ऑनस्क्रीन वह कैसी दिखना चाहती हैं?
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Datsun redi-GO AMT की कीमत अपने स्टैंडर्ड मैनुअल मॉडल से करीब 40,000 रुपये ज्यादा है। Datsun ने अपनी मशहूर हैचबैक redi-GO के ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (AMT) को भारतीय बाज़ार में लॉन्च कर दिया है। Datsun redi-GO AMT के T(O) ट्रिम की दिल्ली में एक्स-शोरूम कीमत 3. 80 लाख रुपये रखी गई है। वहीं, इसके S ट्रिम की कीमत 3. 90 लाख रुपये रखी गई है। कार के AMT वर्जन की कीमत इसके स्टैंडर्ड मैनुअल मॉडल से करीब 40,000 रुपये ज्यादा है। Datsun redi-GO AMT में 999 सीसी, 3-सिलिंडर, पेट्रोल इंजन लगा है जो 67 बीएचपी का पावर और 91Nm का टॉर्क देता है। इस इंजन के साथ 5-स्पीड ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन गियरबॉक्स लगाया गया है। AMT के अलावा कार के इंजन स्पेसिफिकेशन में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। Datsun redi-GO AMT को मैनुअल मोड में भी ड्राइव किया जा सकता है। कंपनी ने इस बारकार में Creep फंक्शन भी दिया गया है और सिटी ड्राइव के लिहाज़ से ये कार आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकती है। कार की डिजाइन में भी किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है और बाहर से ये कार अपने स्टैंडर्ड मॉडल की तरह ही नज़र आती है। Datsun redi-GO AMT में ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ ऑडियो सिस्टम, हैंड्स फ्री कॉलिंग और ऑडियो स्ट्रीमिंग जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इसके अलावा कार में एयरबैग, सेंट्रल लॉकिंग, रिमोट की और फ्रंट पावर विंडो जैसे फीचर्स भी दिए गए हैं। Datsun redi-GO AMT का सीधा मुकबला Maruti Suzuki Alto AGS और Renault Kwid AMT से होगा।
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Shocking: अचानक बंद हो गया 'द कपिल शर्मा शो', कपिल और चैनल के बीच ठीक है सब कुछ? कपिल शर्मा फैंस को एक बड़ा झटका लगा है, जी हां कपिल शर्मा ने बिना किसी फिनाले के अपने शो को बंद कर दिया है, लेकिन खबर है कि कुछ दिनों के गैप के बाद कपिल फिर इस शो में जुलाई में वापसी करेंगे वो भी नए रंग रूप के साथ. भारत का चर्चित लाफ्टर शो 'द कपिल शर्मा शो' 31 जनवरी से ऑफ एयर जा चुका है. जहां कुछ दिनों पहले ही शो के टीम ने इस खबर को सोशल मीडिया पर इशारों-इशारों में बताया था. लेकिन अब इस खबर को सच माना जा सकता है, क्योंकि रविवार को इस शो को टीवी पर नहीं दिखाया. कपिल ने अपने दर्शकों से विदा लेते हुए कोई ग्रैंड फिनाले नहीं किया है. माना जा रहा है ये शो टीवी पर वापस भी आ सकता है. लेकिन शो के पिछले एपिसोड ही टीवी पर दिखाए जाएंगे. कपिल के शो इस तरह अचानक ऑफ एयर जाने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. मालोग पूछ रहे हैं कि कपिल के शो का ग्रैंड फिनाले क्यों नहीं हुआ. क्या कपिल और चैनल के बीच सब कुछ ठीक नहीं है या कोई और वजह हैं. इससे पहले कलर्स पर भी कपिल का शो अचानक ही बंद हो गया था. हाल ही में कपिल ने ट्विटर पर आस्क कपिल सेशन खेला था. इस दौरान फैंस ने उनसे कई सवाल पूछे. वहीं एक यूजर ने कपिल से पूछा कि आपका शो क्यों ऑफ एयर हो रहा है? इस पर कपिल ने जवाब देते हुए लिखा, 'क्योंकि मुझे घर में अपनी पत्नी के साथ टाइम स्पेंड करना है. हम दूसरी बार पेरेंट्स बनने वाले हैं.' कपिल के इस ट्वीट पर फैन्स उन्हें बधाई देने लग गए थे. हमारे सूत्रों की मानें तो शनिवार यानि 30 जनवरी को कपिल शर्मा के शो का आखरी एपिसोड प्रसारित हुआ है. इसलिए रविवार को सोनी टीवी की TRP मशीन कहलाने वाला सिंगिंग रियलिटी शो इंडियन आइडल 12 को कपिल का ऑन एयर टाइम भी दिया गया. अगर ये प्रयोग TRP लाने में सफल होता है तो आने वाले दिनों में सुपर डांसर के ऑन एयर होने तक इंडियन आइडल के लंबे एपिसोड्स दिखाए जाएंगे. नहीं तो कपिल शर्मा के शो का रिपीट टेलीकास्ट दिखाया जाएगा. हालांकि चैनल की तरफ से इस बारें में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है. वहीं शो की मुख्य किरदार निभाने वाली भारती सिंह ने भी इसपर अपना रिएक्शन दिया था. भारती ने कहा था कि " हां अपने सही सुना है, कि ये शो बंद होने वाला है लेकिन ये बंद नहीं हो रहा है. हम एक छोटा सा ब्रेक ले रहे हैं. क्योंकि अब हम इस शो को और बड़ा बनाना चाहते हैं. जिस वजह से हम इसपर और काम करना चाहते हैं. वहीं कुछ लोगों के घरों में नन्हें मेहमान भी दस्तक देने वाले हैं.. तो हम पहले अपने काम निपटा लें और फिर एक धमाके के साथ वापस लौटेंगे. कुछ दिनों के गैप के बाद कपिल फिर इस शो में जुलाई में वापसी करेंगे वो भी नए रंग रूप के साथ. कहा यह भी गया था कि अभी भले ही शो कोरोना महामारी के कारण बिना ऑडियंस के चल रहा है, लेकिन जुलाई में जब शो फिर से ऑन एयर होगा, तब इसमें पहले की तरह ऑडियंस भी नजर आएगी.
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मलिनता विचारसे, ईश्वर-ध्यानसे, और अंको ईश्वरपरंतु मनका शरीरके साथ निकट संबंध है और विकार युक्त मन अपने अनुकूल भोजनकी तलाशमं रहता है । सविकार मन अनेक प्रकारके स्वाद और भोगोंको खोजता रहता है और फिर उस भोजन और भोगोंका असर मनपर होता है । इस अंशतक भोजनपर अंकुश रखने की और निराहारकी प्रावश्यकता अवश्य उत्पन्न होती है । विकार युक्त मन शरीर और इंद्रियोंपर अपना अधिकार करने के बदले शरीर और इंद्रियोंके अधीन चलता है । इस कारण भी शरीरके लिए शुद्ध और कम विकारोत्पादक भोजनकी मर्यादाकी और प्रसंगोपात्त निराहारकी, उपवासकी, आवश्यकता रहती है । इसलिए जो यह कहते है कि एक संयमी के लिए भोजनसंबंधी मर्यादाकी या उपवासकी आवश्यकता नहीं, वे उतने ही भ्रममें पड़े हुए हैं, जितना कि भोजन और निराहारको सब कुछ समझनेवाले पड़े हुए हैं। मेरा तो अनुभव यह सिखलाता है कि जिसका मन संयमकी ओर जा रहा है उसके लिए भोजनकी मर्यादा और निराहार बहुत सहायक होते हैं। उसकी मददके बिना मनकी निर्विकारता असंभव मालूम होती है । जिन दिनों दूध और अनाजको छोड़कर फलाहारका प्रयोग शुरू किया उन्हीं दिनों संयमके उद्देश्यसे उपवास भी शुरू किया। इसमें भी मि० केलनबेक मेरे साथी हुए । पहले जो उपवास करता था वह केवल आरोग्य की दृष्टिसे । देह - दमनके लिए उपवास करने की आवश्यकता है, यह बात में एक मित्रकी प्रेरणा से समझा । वैष्णव कुटुंबमें जन्म होने के कारण मेरी माता कठिन कठिन व्रत किया करती थी। इससे एकादशी इत्यादि व्रत मैंने देश में किये थे; परंतु वह तो देखा - देखी अथवा माता-पिताको खुश करनेके हेतुसे । उस समय मैं यह नहीं समझा था, कि ऐसे व्रतोंसे कुछ लाभ होता है; परंतु इन मित्रको देखकर तथा अपने ब्रह्मचर्य-व्रतके सहारेके लिए, में उनका अनुकरण करने लगा और एकादशी के दिन उपवास करनेका निश्चय किया। आम तौरपर लोग एकादशी के दिन दूध और फल खाकर मानते हैं कि एकादशी कर ली; परंतु मैं तो यह फलाहारवाला उपवास नित्य ही करता था । इसलिए पानी पीनेकी छुट्टी रखकर मैंने निराहार उपवास शुरू किया । जिन दिनों इन उपवासके प्रयोगोंका आरंभ हुआ, श्रावण मास पड़ता था । उस साल रमजान और श्रावण मास एक साथ आये थे । गांधी-कुटुंब में वैष्णव व्रतोंके साथ शैव व्रतोंका भी पालन किया जाता था । हमारे परिवारके लोग जिस प्रकार वैष्णव देवालयोंमें जाते उसी प्रकार शिवालयोंमें भी जाते । श्रावण मास प्रदोष तो हर साल कुटुंबमें कोई-न-कोई रखता ही था । इसलिए मैंने इस बार श्रावण मास के व्रत रखनेका इरादा किया । इस महत्त्वपूर्ण प्रयोगका आरंभ टॉल्स्टायम हुआ । वहां सत्याग्रही कैदियोंके कुटुंबोंको एकत्रकर मै और केलनबेक रहते थे । उसमें बालक और नवयुवक भी थे । उनके लिए एक पाठशाला रक्खी थी । इन नवयुवकोंमें चारपांच मुसलमान भी थे। उन्हें मैं इस्लाम के नियम पालने में मदद करता और उत्तेजन देता । नमाज वगैराकी सहूलियत कर देता । आश्रममें पारसी और ईसाई भी थे । नियम यह था कि सबको अपने-अपने धर्मोके अनुसार चलनेके लिए प्रोत्साहन दिया जाय । इसलिए मुसलमान नवयुवकोंको मैने रोजा रखनेमें उत्तेजन दिया और मुझे तो प्रदोष रखने ही थे । परन्तु हिन्दुओं, पारसियों और ईसाइयों को भी मैंन मुसलमान नवयुवकोंका साथ देने की सलाह दी । मैने उन्हें समझाया कि संयम पालनमें सबका साथ देना स्तुत्य है । बहुतेरे आश्रमवासियोंने मेरी बात पसंद की। हिंदू और पारसी लोग मुसलमान साथियोंका पूरा-पूरा अनुकरण नहीं करते थे, करने की आवश्यकता भी नहीं थी । मुसलमान इधर सूरज डूबनेकी राह देखते तबतक दूसरे लोग उनसे पहले भोजन कर लेते कि जिससे वे मुसलमानोंको परोस सकें और उनके लिए खास चीजें तैयार कर सकें। इसके अलावा मुसलमान सरगहीं करते - अर्थात् व्रतके दिनोंमें सवेरे सूर्योदयके पहले भोजन करते थे; पर दूसरे लोग उसमें शरीक नहीं होते थे । इधर मुसलमान तो दिन में भी पानी नहीं पीते थे; पर दूसरे लोग जब चाहते पी लिया करते । इस प्रयोगका एक फल यह निकला कि उपवास और एकासनेका महत्त्व सब लोग समझने लगे । एक-दूसरेके प्रति उदारता और प्रेमका भाव बढ़ा । श्राश्रम में अन्नाहारका ही नियम था; पर मुझे यह बात इस स्थानपर प्रसन्नता के साथ स्वीकार करनी चाहिए कि इस नियमको दूसरे मित्रोंने मांसके प्रति मेरे मनोभावों का ही खयाल करके स्वीकार किया था । रोजेके दिनोंमें मुसलमानों को मांस न खाना जरूर कठिन पड़ा होगा; परंतु उन नवयुवकों ने किसने मुझे इस बातका अनुभव न होने दिया । वे बड़े आनंद और स्वाद के साथ अन्नाहार करते । हिंदू बालक ऐसी स्वादिष्ट चीजे भी उनके लिए तैयार करते, जो आश्रम-जीवनके प्रतिकूल न होती । अपने उपवासका वर्णन करते हुए यह विषयांतर मेने जान-बूझकर किया है; क्योंकि मै इस मधुर प्रसंगका वर्णन दूसरी जगह नहीं कर सकता था और इस विषयांतरके द्वारा मैंने अपनी एक टेवका वर्णन भी यहां कर डाला है । जब मुझे यह मालूम होता कि जो काम में कर रहा हूं वह अच्छा है तो मैं अपने साथियोंका भी हमेशा उसमं शामिल करने का प्रयत्न करता हूं। यह उपवास और एकासनेके प्रयोग यद्यपि एक नई चीज थी, फिर भी प्रदोष और रमजान के बहाने मैंने उसमें सबको घसीट मारा । इस प्रकार आश्रम में संयमका वातावरण अनायास बढ़ा । दूसरे उपवास रएका भीमवासी शामिल होने लगे और मैं मानता हूं कि इसका परिणाम भी अच्छा ही निकला । यह बात मैं निश्चय-पूर्वक नहीं कह सकता कि संयमका असर सबके हृदयपर कितना हुआ, सबकी विषयेच्छाको रोकने में कितना भाग उपवास आदिका था; पर मेरा तो यही अनुभव है कि मुझपर तो आरोग्य और इंद्रिय- दमन दोनों दृष्टियोंसे उसका अच्छा असर हुआ है । फिर भी मैं यह जानता हूं कि उपवास आदिका असर सब पर अवश्य हो, यह अनिवार्य नियम नहीं है । हां, जो उपवास इंद्रिय- दमनके उद्देश्य से किये जाते हैं उनसे विषये - च्छामें रुकावट हो सकती है। कितने ही मित्रोंका तो यह भी अनुभव है कि उपवासके विषयेच्छा और स्वादेच्छा तीव्र हो जाती है। इसका अर्थ यह हुआ कि यदि उपवासके दिनोंमें विषयेच्छाको रोकनेकी और स्वादको जीतनेकी सतत भावना रहे तभी शुभ फल होता है। बिना इस हेतु के और बिना मनके किये शारीरिक उपवासका फल ऐसा होगा कि जिससे विषयोंका वेग रुक जाय, यह मानना बिलकुल भ्रमपूर्ण है । गीताके दूसरे अध्याय का यह श्लोक इस प्रसंगपर बहुत विचार करने योग्य है -- विषया विनिवर्तन्ते निराहारस्य देहिनः । रसवर्जं रसोऽप्यस्य परं दृष्ट्वा निवर्तते ।। उपवासी के विषय ( उपवास के दिनोंम ) शमन हो जाते है; परंतु उनका रस नहीं जाता । रस तो ईश्वर दर्शन से ही -- ईश्वर प्रसादसे ही शमन होते है । इससे हम इस नतीजेपर पहुंचे कि उपवास आदि संयमीके मार्ग में एक साधन के रूप में आवश्यक है; परंतु वही सब कुछ नहीं है । और यदि शारीरिक उपवासके साथ मनका उपवास न हो तो उसकी परिणति दंभमें हो सकती है और वह हानिकारक साबित हो सकती है । मास्टर साहब सत्याग्रह के इतिहास में जो बात नहीं आ सकी अथवा आंशिक रूपमें है वही इन अध्यायोंमें लिखी जा रही है। इस बातको पाठक याद रक्खेंगे तो इन अध्यायका पूर्वापर संबंध वे समझ सकेंगे । टॉल्स्टाय आश्रम में लड़कों और लड़कियोंके लिए कुछ शिक्षण प्रबंध आवश्यक था। मेरे साथ हिंदू, मुसलमान, पारसी और ईसाई नवयुवक थे, और कुछ हिंदू लड़कियां भी थीं। इनके लिए खास शिक्षक रखना असंभव था और मुझे भी मालूम हुआ । असंभव तो इसलिए था कि सुयोग्य हिंदुस्तानी शिक्षकोंका वहां अभाव था, और मिले भी तो काफी वेतन के बिना डरबनसे २१ मील दूर कौन आने लगा ? मेरे पास रुपयोंकी बहुतायत नहीं थी और बाहरसे शिक्षक बुलाना अनावश्यक माना; क्योंकि वर्तमान शिक्षा प्रणाली मुझे पसंद न थी और वास्तविक पद्धति क्या है, इसका मैने अनुभव नहीं कर देखा था । इतना जानता था कि आदर्श स्थितिमें सच्ची शिक्षा माता-पिताकी देखरेखमें ही मिल सकती है। आदर्श स्थिति में बाह्य सहायता कम-से-कम होनी चाहिए । टॉल्स्टाय-आश्रम एक कुटुंब था और मैं उसमें पिताके स्थानपर था । अध्याय ३२ : मास्टर साहब इसलिए मैंने सोचा कि इन नवयुवकोंके जीवन निर्माणकी जवाबदेही भरसक मुझीको उठानी चाहिए । मेरी इस कल्पनामें तो बहुतेरे दोष तो थे ही । ये सब नवयुवक जन्म हीसे मेरे पास नहीं रहे थे । सब अलग-अलग वातावरणमेपरवरिश पाये हुए थे । फिर सब एक-धर्मके भी नहीं थे । ऐसी स्थितिमें जो बालक-बालिका रह रहे थे उनका पिता अपने मानकर भी मैं उनके साथ कैसे न्याय कर सकता था ? परंतु मैने हृदयकी शिक्षाको अर्थात् चरित्र के विकासको हमेशा प्रथम स्थान दिया है, और वह यह विचार करके कि ऐसी शिक्षाका परिचय चाहे जिस उम्र और चाहे जैसे वातावरणमें परवरिश पाये बालक-बालिकाओं को थोड़ाबहुत कराया जा सकता है, इन लड़के-लड़कियों के साथ मै दिन-रात पिताके रूप में रहता था। सच्चरित्रताको मैंने उनकी शिक्षाका आधारस्तंभ माना था । बुनियाद यदि मजबूत है तो दूसरी बाते बालकोंको समय पाकर खुद अथवा दूसरोंकी सहायतासे मिल जाती हैं। फिर भी मैं यह समझता था कि थोड़ा-बहुत अक्षरज्ञान भी जरूर कराना चाहिए । इसलिए पढाई शुरू की और उसमें मैने मि० केलनबेक तथा प्रागजी देनाईकी सहायता ली । में शारीरिक शिक्षाकी भी आवश्यकता समझता था; परंतु वह शिक्षा ही मिल रही थी; क्योंकि ग्राम नौकर तो रक्खे ही नहीं गये थे । पाखानेमे लेकर खाना पकानेतकके सत्र काम आश्रमवासी ही करते थे । आश्रममे फतोके वृक्ष बहुत थे । नई खेती भी करनी थी। मिलनब्रेकको वेती का शौक था । वह खुद सरकारी आदर्श खेतोंमे कुछ समय रहकर खेतीका काम सीखे हुए थे । रोज कुछ समयतक उन सब छोटे-बड़े लोगोंको, जो रसोईके काम में लगे न होने, बगी में काम करने जाना पड़ता था। इनमें बालकोंका एक बड़ा भाग था । बड़े गढ़े खोदना, कलम करना, वोझ उठाकर ले जाना इत्यादि कामोंमें उनका शरीर सुगठित होता रहता । उसमें उनको आनंद भी आता था, जिससे उन्हें दूसरी कसरत या खेल की आवश्यकता नहीं रहती थी । काम करने में कुछ विद्यार्थी और कभी-कभी सब विद्यार्थी नखरे करते, काहिली भी कर जाते । बहुत बार में इन बातोंकी रखें मूंद लिया करता । कितनी ही बार उनसे सख्तीसे भी काम लेता । जब सख्ती करता और उन्हें देखता कि वे उकता उठे तो भी मुझे नहीं याद पड़ता कि सख्तीका विरोध कभी उन्होंने किया हो । जबजब मैं उनपर सख्ती करता तभी तब उन्हें समझाता और उन्हींसे कबूल करवाता कि कामके समय खेलना अच्छी आदत नहीं । वे उस समय तो समझ जाते; पर दूसरे ही क्षण भूल जाते । इस तरह काम चलता रहता; परंतु उनके शरीर बनते जाते थे । में शायद ही कोई बीमार होता । कहना होगा कि इसका बड़ा कारण था यहांकी आबहवा और अच्छा तथा नियमित भोजन । शारीरिक शिक्षा के सिलसिले में ही शारीरिक व्यवसायकी शिक्षाका भी समावेश कर लेता हूं । इरादा यह था कि सबको कुछ-न-कुछ उपयोगी धंवा सिखाना चाहिए । इसलिए मि० केलनवेक 'ट्रेपिस्ट मठ' में चप्पल गांठना सीख आये थे । उनसे मैंने सीखा और मैंने उन बालकोंको सिखाया, जो इस हुनरको सीखनेके लिए तैयार थे । मि० केलनबेकको बढ़ईगीरीका भी कुछ अनुभव था और में बढ़ईका काम जाननेवाला एक साथी भी था । इसलिए यह काम भी थोड़े बहुत अंश सिखाया जाता । रसोई बनाना तो लगभग सब ही लड़के सीख गये थे । ये सब काम इन बालकोंके लिए नये थे । उन्होंने तो कभी स्वप्न में भी यह न सोचा होगा कि ऐसा काम सीखना पड़ेगा, दक्षिण अफ्रीका में हिंदुस्तानी बालकोंको केवल प्राथमिक अक्षर ज्ञानकी ही शिक्षा दी जाती थी । टॉल्स्टायपहले ही यह रिवाज डाला था कि जिन कामको हम शिक्षित लोग न करें वह बालकोंसे न कराया जाय और हमेशा उनके साथ-साथ कोई-न-कोई शिक्षक काम करता । इससे वे बड़ी उमंगके साथ सीख सके । चार और अक्षर ज्ञान के संबंध अब इसके बाद । पिछले अध्याय में हमने यह देख लिया कि शारीरिक शिक्षा और उसके साथ कुछ हुनर सिखानेका काम टॉल्स्टाय में किस तरह शुरू हुआ । यद्यपि इस कामको मैं इस तरह नहीं कर सका कि जिससे मुझे संतोष होता फिर अध्याय ३३ : अक्षर-शिक्षा भी उसमें थोड़ी-बहुत सफलता मिल गई थी; परंतु अक्षर ज्ञान देना तो कठिन मालूम हुआ । मेरे पास उसके प्रबंधके लिए आवश्यक सामग्री न थी । मेरे पास उतना समय भी नहीं था, जितना में देना चाहता था और न इस विषयका ज्ञान ही था । दिन-भर शारीरिक काम करते-करते मैं थक जाता था और जिस समय जरा आराम करनेकी इच्छा होती उसी समय पढ़ाना पड़ता । इससे मैं तरोताजा रहने के बदले ठोक-पीटकर सचेत भर रह सकता था। सुबहका समय खेती और घरके काम में जाता था, इसलिए दोपहरको भोजनके बाद ही पाठशाला शुरू होती । इसके सिवा दूसरा समय अनुकूल नहीं था । अक्षर ज्ञानके लिए अधिक-से-अधिक तीन घंटे रक्खे थे । फिर वर्गों में हिंदी, तामिल, गुजराती और उर्दू इतनी भाषाएं सिखानी पड़तीं; क्योंकि यह नियम रक्खा गया था कि शिक्षण प्रत्येक बालकको उसकी भाषाके द्वारा ही दिया जाय, फिर अंग्रेजी भी सबको सिखाई ही जाती थी । इसके अलावा गुजराती, हिंदू बालकोंको कुछ संस्कृतका और सब लड़कोंको हिंदीका परिचय कराना, इतिहास, भूगोल और गणित सबको सिखाना, यह क्रम रक्खा गया था। तामिल और उर्दू पढ़ाना मेरे जिम्मे थे । मुझे तामिलका ज्ञान जहाजों और जेलोंमें मिला था । उसमें भी पोपकृत उत्तम 'तामिल स्वयं - शिक्षक से आगे मैं नहीं बढ़ सका था । उर्दू - लिपिका ज्ञान तो उतना ही था, जितना जहाजमें प्राप्त कर सका था । और खासकर अरबी-फारसी शब्दोंका ज्ञान भी उतना ही था, जितना कि मुसलमान मित्रोंके परिचय से मैं प्राप्त कर चुका था । संस्कृत उतनी ही जानता था, जितनी कि मैने हाईस्कूल में पढ़ी थी और गुजराती भी स्कूली ही थी । इतनी पूंजीसे मुझे अपना काम चलाना था और इसमें जो मेरे सहायक थे वे मुझसे भी कम जानते थे; परंतु देशी भाषाओंपर मेरा प्रेम, अपनी शिक्षाशक्तिपर मेरा विश्वास, विद्यार्थियोंका अज्ञान और उससे भी बढ़कर उनकी उदारता, ये मेरे काममें सहायक साबित हुए इन तामिल विद्यार्थियोंका जन्म दक्षिण अफ्रीका में ही हुआ था, इससे वे तामिल बहुत कम जानते थे। लिपिका तो उन्हें बिलकुल ही ज्ञान न था, इस लिए मेरा काम था उन्हें लिपि सिखाना और व्याकरणके मूलतत्त्वोंका ज्ञान कराना । यह सहज काम था । विद्यार्थी लोग इस बातको जानते थे कि तामिल बातचीत में वे मुझे सहज ही हरा सकते हैं और जब कोई तामिलभाषी मुझसे मिलने आते तो वे मेरे दुभाषियाका काम देते थे । परंतु मेरा काम चल निकला; क्योंकि विद्यार्थियोंसे मैंने कभी अपने ज्ञानको छिपाने का प्रयत्न नहीं किया । वे मुझे सब बातों में वैसा ही जान गये थे, जैसा कि वास्तवमं था । इससे पुस्तक ज्ञानकी भारी कमी रहते हुए भी मैंने उनके प्रेम और दरको कभी न हटनं दिया था । परंतु मुसलमान बालकोंको उर्दू पढ़ाना इससे आसान था; क्योंकि वे लिपि जानते थे । उनके साथ तो मेरा इतना ही काम था कि उन्हें पढ़नेका शौक बढ़ा दूं और उनका खत अच्छा करवा दूं । मुख्यतः ये सब बालक निरक्षर थे और किसी पाठशाला में पढ़े न थे । पढ़ाते-पढ़ाते मैंने देखा कि उन्हें पढ़ानेका काम तो कम ही होता था । उनका आलस्य छुड़वाना, उनसे अपने आप पढ़वाना, उनके सबक याद करने की चौकीदारी करना, यही काम ज्यादा था; पर इतनेसे में संतोष पाता था, और यही कारण है जो मैं भिन्न-भिन्न अवस्था और भिन्न-भिन्न विषयवाले विद्यार्थियोंको एक हीं कमरेमें बैठाकर पढ़ा सकता था । पाठ्य पुस्तकोंकी पुकार चारों ओरसे सुनाई पड़ा करती है; किंतु मुझे उनकी भी जरूरत न पड़ी । जो पुस्तकें थीं भी, मुझे नहीं याद पड़ता कि उनसे भी बहुत काम लिया गया हो । प्रत्येक बालकको बहुतेरी पुस्तकें देने की जरूरत मुझे नहीं दिखाई दी । मेरा यह खयाल रहा कि शिक्षक ही विद्यार्थियोंकी पाठ्य पुस्तक है । शिक्षकोंने पुस्तकों द्वारा मुझे जो कुछ पढ़ाया उसक। बहुत थोड़ा अंश मुझे आज याद है; परंतु जबानी शिक्षा जिन लोगोंने दी है वह आज भी याद रह गई है । बालक आंख के द्वारा जितना ग्रहण करते हैं उससे अधिक कानसे सुना हुआ और सो भी थोड़े परिश्रमसे ग्रहण कर सकते हैं । मुझे याद नहीं कि बालकोंको मैंने एक भी पुस्तक शुरूसे ग्राखीरतक पढ़ाई हो । मैंने तो खुद जो कुछ बहुतेरी पुस्तकोंको पढ़कर हजम किया था वही उन्हें अपनी भाषामें बताया और मैं मानता हूं कि वह उन्हें आज भी याद होगा । मैंने देखा कि पुस्तकपरसे पढ़ाया हुआ याद रखने में उन्हें दिक्कत होती थी; परंतु मेरा जबानी कहा हुआ। याद रखकर वे मुझे फिर सुना देते थे । पुस्तक
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दुनिया के 210 से ज्यादा देश कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। दुनियाभर के लोगों को जिस एक चीज का बेसब्री से इंतजार है, वह है कोरोना की एक सुरक्षित और कारगर वैक्सीन। वैक्सीन की रेस में सबसे पहले बाजी मारने वाले रूस ने अपनी पहली वैक्सीन स्पुतनिक-वी पर बड़ा दावा किया है। वैक्सीन पर वित्तीय मदद कर रही रूस के धन कोष के पदाधिकारियों ने बुधवार को कहा है कि अंतरिम परीक्षण परिणामों के मुताबिक स्पुतनिक-वी वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाने में 92 फीसदी कारगर है। इससे पहले जर्मनी के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित करने वाली अमेरिकी कंपनी फाइजर ने अपनी वैक्सीन को 90 फीसदी कारगर बताया था। अमेरिका की फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और जर्मन बायाटेक फर्म बायोनटेक (BioNTech) द्वारा वैक्सीन के 90 फीसदी सफलता का दावा करने के दो दिन बाद ही रूस ने स्पुतनिक-वी को लेकर यह दावा किया है। फाइजर की तुलना में रूस ने दो फीसदी ज्यादा सफलता का दावा किया है। बता दें कि रूस के दावे के मुताबिक, स्पुतनिक-वी दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन है, जिसे अंतिम चरणों के ट्रायल से पहले ही रूस ने 12 अगस्त को मंजूरी दे दी थी। बता दें कि बीते सोमवार को अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर (Pfizer) और जर्मन बायाटेक फर्म बायोनटेक (BioNTech) ने वैक्सीन पर मिल रही सफलता की खबर दी थी। कंपनियों का दावा है कि उनकी वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में 90 फीसदी तक सफल है। खबरों के मुताबिक, फाइजर ने कहा है कि ट्रायल में कोविड-19 के 94 मामलों का मूल्यांकन किया। कंपनी का दावा है कि वैक्सीन की दूसरी खुराक के ठीक सात दिन बाद यह कोरोना वायरस को रोकने में 90 फीसदी तक कारगर है। कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन लगाने के 28 दिन बाद व्यक्ति खतरे से बाहर होगा। रूस की पहली कोरोना वैक्सीन स्पुतनिक-वी भारत में भी अंतिम चरणों के ट्रायल में है। पिछले महीने भारतीय दवा नियामक डीसीजीआई ने इस वैक्सीन के बड़े पैमाने पर ट्रायल को यह तर्क देते हुए रोक दिया था कि रूस या अन्य देशों में भी बड़े पैमाने पर इंसानों पर वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ है। खबरों के मुताबिक नियामक ने इस संबंध में मजबूत आंकड़ा प्रस्तुत करने को कहा था। पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञ समिति (SEC) की सिफारिश के बाद इस वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दी है। अमेरिकी कंपनी फाइजर भी अपनी वैक्सीन पर मिल रही सफलता से उत्साहित है। कंपनी ने कहा है कि इस महीने के अंत में वैक्सीन की आपातकालीन अनुमति के लिए यूएस-एफडीए के पास आवेदन करने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीच वैक्सीन पर चल रहे क्लीनिकल अध्ययन का विश्लेषण जारी रहेगा। फाइजर ने कहा है कि आखिरी ट्रायल में आंकड़ों में और ज्यादा सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। कंकरोली (40 किलोमीटर उत्तर) यह एकलिंगजी से 18 किलोमीटर की दूरी पर है। हल्दीाघाटी इतिहास में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध के लिए प्रसिद्ध है। यह युद्ध 18 जून 1576 ई. को हुआ था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप की हार हुई थी। इसी युद्ध में महाराणा प्रताप का प्रसिद्ध घोड़ा चेतक मारा गया था। अब यहां एक संग्रहालय है। इस संग्रहालय में हल्दीधघाटी के युद्ध के मैदान का एक मॉडल रखा गया है। इसके अलावा यहां महाराणा प्रताप से संबंधित वस्तुसओं को रखा गया है। प्रवेश शुल्कएः 20 रु. thumb कोटा के निकट बनास नदी का दृष्य बनास एक मात्र ऐसी नदी है जो संपूर्ण चक्र राजस्थान में ही पूरा करती है। बन + आस अर्थात बनास अर्थात (वन की आशा) के रूप में जानी जाने वाली यह नदी राजसमंद जिले के अरावली पर्वत श्रेणियों में कुंभलगढ़ के पास 'वीरों का मठ' से निकलती है। यह नाथद्वारा, कंकरोली, राजसमंद और भीलवाड़ा जिले में बहती हुई टौंक, सवाई माधोपुर के पश्चात रामेश्वरम (त्रिवेणी) के नजदीक सवाई माधोपुर चंबल में गिर जाती है। इसकी लंबाई लगभग 512 किलोमीटर है। इसकी सहायक नदियों में बेडच, कोठरी, मांसी, खारी, मुरेल व धुन्ध है। बेडच नदी १९० किलोमीटर लंबी है तथा गोगु्न्दा पहाड़ियों (उदयपुर) से निकलती है। कोठारी नदी उत्तरी राजसमंद जिले के दिवेर पहाड़ियों से निकलती है। यह १४५ किलोमीटर लंबी है तथा यह उदयपुर, भीलवाड़ा में बहती हुई बनास में मिल जाती है। . कंकरोली और बनास नदी आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)। कंकरोली 0 संबंध है और बनास नदी 11 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (0 + 11)। यह लेख कंकरोली और बनास नदी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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द हंड्रेड टूर्नामेंट 2023 का 16वां मुकाबला लंदन स्पिरिट और ट्रेंट रॉकेट्स के बीच शनिवार (12 अगस्त) को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड, लंदन में खेला जाएगा। London Spirit vs Trent Rockets, Dream 11 Team: द हंड्रेड टूर्नामेंट 2023 का 16वां मुकाबला लंदन स्पिरिट और ट्रेंट रॉकेट्स के बीच शनिवार (12 अगस्त) को लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड, लंदन में खेला जाएगा। टूर्नामेंट की पॉइंट्स टेबल पर फिलहाल ट्रेंट रॉकेट्स की टीम अपने शुरुआती तीन मैचों के बाद तीन अंकों के साथ चौथे पायदान पर मौजूद हैं। बात करें अगर लंदन स्पिरिट की तो उनके लिए शुरुआत अच्छी नहीं रही है और वह महज 2 अंकों के साथ सातवें पायदान पर बने हुए हैं। इस मुकाबले में आप हरमनमौला खिलाड़ी डेनियल सैम्स पर दांव खेल सकते हैं। डेनियल सैम्स अच्छी फॉर्म में हैं और आपको बैटिंग और बॉलिंग दोनों से ही काफी सारे पॉइंट्स जीता सकते हैं। यह 30 वर्षीय खिलाड़ी टी20 क्रिकेट का खूब अनुभव रखता है और अब तक 142 मैचों में 1587 रन और 170 विकेट झटक चुका है, ऐसे में उन्हें कप्तान बनाना एक अच्छा फैसला होगा। उपकप्तान के तौर पर आप जो रूट या एलेक्स हेल्स को चुन सकते हो। यह मुकाबला लंदन के द लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। इस मैदान पर टी20 फॉर्मेट में पहली इनिंग का औसत स्कोर 151 रन रहा है। इस मैच में टॉस जीतने वाली टीम पहले बल्लेबाजी करना चाहेगी। इस मुकाबले को तेज गेंदबाज और बल्लेबाजी काफी इन्जॉय कर सकते हैं। LNS vs TRT: Where to Watch? द हंड्रेड के सभी मुकाबले भारत में सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क पर प्रसारित किये जाएंगे। क्रिकेट फैंस द हंड्रेड टूर्नामेंट को सोनी लिव और फैन कोर्ड ऐप पर भी इन्जॉय कर सकते हैं। Disclaimer: यह Fantasy Team लेखक की समझ और विश्लेषण पर आधारित है। अपनी टीम बनाते समय उल्लेखित बिंदुओं पर विचार करें और ध्यान पूर्वक फैसला लें।
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वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में त्योहारी सीजन के बाद अब लगन सीजन को लेकर ज्वेलर्स मार्केट में उछाल देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में सोने में एक हजार रुपए से अधिक बढ़ोतरी दिखने को मिली। वहीं, प्रति किलोग्राम चांदी भी भाव खाते हुए 450 रुपए की बढ़त बना ली है। कस्टमर्स शादी, तिलक, छेका, रिंग सेरेमनी व अन्य प्रायोजनों से आभूषण की डिमांड से जेवर बाजार में चहल-पहल बनी हुई है। हाल के सात दिनों में सोने के भाव की बात करें तो वाराणसी में 8 नवंबर को 24 कैरेट सोने का दाम प्रति ग्राम 4911 रुपए था। रविवार को 24 कैरेट सोने का भाव बढ़कर प्रति ग्राम 5104 रुपए हो गया है। टैक्स, उत्पाद शुल्क और मेकिंग चार्ज से बढ़े भाव पर पब्लिक को जरूरत के लिहाज से खरीदारी करनी पड़ रही है। एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में और भाव बढ़ सकते हैैं. वाराणसी सर्राफा बाजार में सोने के साथ चांदी के दामों मेंंं भी तेजी देखने मिली। 11 नवंबर को एक किलोग्राम चांदी की कीमत 67000 रुपए थी, जो गुरुवार को 400 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़कर 67400 रुपए हो गई। इतना ही नहीं चांदी के तेवर में अब भी तेजी बनी हुई है। हाल के दिनों में 100 रुपए की बढ़ोतरी से 67500 रुपए प्रति किलोग्राम पर बना हुआ है. नोट- 24 कैरेट सोने का भाव प्रति ग्राम. लगन के दिनों में इतने ऊंचे दामों पर जेवर की खरीदारी करने पर सावधान रहने की आवश्यकता है। गोल्ड की प्योरिटी को जांचने के लिए सरकार द्वारा लांच किए गए बीआइएस केयर एप से आप सोने की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। इस एप के जरिए सिर्फ सोने की शुद्धता की जांच ही नहीं, बल्कि इसके माध्यम से सोना-चांदी से जुड़ी अन्य शिकायतें भी की जा सकती हैं। यदि सामान का लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और हॉलमार्क नंबर गलत पाया जाता है, तो आप इसकी शिकायत तुरंत कर सकते हैं। शिकायत दर्ज करने की बाद एप के माध्यम से जानकारी तुरंत मिल जाएगी. घरेलू बाजार में शादी के सीजन के शुरू होते ही सोने-चांदी के जेवरों की डिमांड ने डोर पकड़ ली है। ज्वैलर्स के मुताबिक आगामी दिनों में यह डिमांड और बढऩे वाली है। इससे कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। सोने-चांदी की कीमतों में इजाफा होने से लगन वाले घरों का बजट गड़बड़ा रहा है। कोरोना के पहले यानि दो वर्ष पहले की तुलना में इस साल लोग आभूषण की खरीदारी तो कर रहे हैैं, बढ़ते भाव के चलते वजन में कमी आई है. लगन को लेकर बाजार में कस्टमर्स की अच्छी इंक्वायरी आ रही है। हाल के दिनों में 12 से लेकर 15 सौ रुपए तक 25 कैरेट सोने के भाव में इजाफा देखने को मिल रहा है। गुंजन अग्रवाल, चेतमणि जेम्स एंड ज्वेल्स प्रा। लि. लगन को लेकर सोने-चांदी के भावों में तेजी बनी है। अभी सोने के आभूषणों की खरीदारी करना बेहतर साबित हो सकता है। क्योंकि, आगामी दिनों में कीमतों में और इजाफा देखने को मिल सकता है.
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पाकिस्तानी क्रिकेट टीम टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच गई है. फाइनल के लिए आज भारत-इंग्लैंड में भिड़ंत हो रही है. अगर भारत को इंग्लैंड पर जीत मिली तो वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले में उसकी टक्कर पाकिस्तान से होगी. भले पाक सीरीज में आगे निकला हो, पर कमाई में पाकिस्तानी खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों से बहुत पीछे हैं. सबसे कमाऊ पाक खिलाड़ी बाबर आजम, शाहीन अफरीदी, रिजवान अहमद, इफ्तिखार अहमद और हैरिस रउफ हैं. बाबर आजम क्रिकेट और ब्रांड एंडोर्समेंट से मोटी रकम कमाते हैं. उनकी कुल संपत्ति 5 मिलियन डॉलर है. रिजवान के पास 5 मिलियन, इफ्तिखार के पास 2 मिलियन और हैरिस के पास 3. 69 मिलियन डॉलर की संपत्ति है. टॉप-5 कमाई वाले पाक खिलाड़ियों में शाहीन शाह अफरीदी के पास सबसे ज्यादा 7 मिलियन डॉलर की संपत्ति है. इन सभी पाक क्रिकेटरों पर कमाई के मामले में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली अकेले भारी हैं. Virat की नेटवर्थ टॉप पाक खिलाड़ियों की कुल संपत्ति से भी कई गुना ज्यादा 127 मिलियन डॉलर है. विराट सालाना 15 करोड़, महीने में 1. 25 करोड़, हफ्ते में 28. 84 लाख और दिन में 5,76,923 रुपये कमाते हैं.
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मुजफ्फरनगर। जनपद मे त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक व्यवस्थाओ के बीच शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुआ। डीएम -एसएसपी सहित समस्त अधिकारी मतदान केन्द्रो का भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेते नजर आए। चुनाव को निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कराने को पुलिस प्रशासन द्वारा पोलिंग बूथो व मतदान केन्द्र के आसपास पर्याप्त मात्रा मे पुलिस बल एवं अर्धसैनिक बलो के जवान तैनात रहे। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशो के चलते पूर्व निर्धारित चुनावी कार्यक्रम के अनुसार त्रिस्तरीय चुनाव के तहत जनपद मे दूसरे चरण के अर्न्तगत जनपद मे चुनाव हुआ। सुबह करीब सात बजे मतदान शुरू हुआ। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ,व एसएसपी अभिषेक यादव ने आज हो रहे मतदान को लेकर भारी पुलिस फोर्स के साथ मतदान स्थलों का निरीक्षण किया तथा जागरूक मतदाताओ से भी बातचीत की। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने इस दौरान मतदाताओं का कुशल क्षेम जाना व वैश्विक आपदा कोरोना से बचने के उपाय मास्क,सोशल डिस्टेंस व सैनिटाइजर का उपयोग करते रहने की बात कही। डीएम-एसएसपी ने मतदान केन्द्रो के स्थलीय निरीक्षण के दौरान वहां मौजूद पीठासीन अधिकारियों व अन्य अधिनस्थ अधिकारियो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एसपी सिटी अर्पित विजयवर्गीय ने नगर क्षेत्र के अलावा चरथावल क्षेत्र के मतदान केन्द्रो पर पहुंच कर चुनाव सम्बन्धी व्यवस्था तथा मतदान केन्द्र व उसके आसपास की गई सुरक्षा व्यवस्थाओं को जायजा लेते हुए मौके पर मौजूद अधिनस्थो को स्पष्ट निर्देश दिए कि मतदान के दौरान सभी मास्क लगाकर आए तथा सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए कतारबद्ध हो शांतिपूर्वक मतदान करें। इस दौरान मतदान केन्द्र व उसके आसपास बेवजह भीड ना लग पाये। एसपी सिटी ने बेवजह फालतू घूम रहे लोगों को जमकर हडकाया। एसपी सिटी ने इस दौरान चरथावल क्षेत्र मे कई मतदान केन्द्रो का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ एसडीएम सदर दीपक कुमार,सीओ सदर एवं चरथावल थाना प्रभारी सहित पुलिस फोर्स मौजूद रहा। वहीं दूसरी और सीओ सिटी कुलदीप कुमार ने गांव शहर कोतवाली क्षेत्र के निकटवर्ती मेरठ रोड स्थित गांव सूजडू व वहलना आदि मे पहुंचकर शांतिपूर्ण मतदान हेतु सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सीओ सिटी कुलदीप कुमार ने मतदान केन्द्र के आसपास बेवजह घूम रहे लोगो को हडकाया तथा मौके पर मौजूद अधिनस्थों को निर्देशित किया कि पोलिंग बूथो के आसपास कहीं कोई भीड एकत्र ना हो। वोटिंग के बाद मतदाता सीधे अपने घर जाए। फालतू लोगों का जमावडा ना लगने पाए। नगर क्षेत्र के विभिन्न पोलिंग बूथो का निरीक्षण करने के पश्चात डीएम व एसएसपी शाहपुर क्षेत्र के गांव कुटबी में पोलिंग बूथों का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी सेल्व कुमारी जे. व एसएसपी अभिषेक यादव ने मतदान करने आये लोगो से शांतिपूर्ण मतदान कर वापस अपने घरो प जाने, बेवजह खडे न रहने तथा कोविड नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है। साथ ही डियूटी पर तैनात पुलिस बल को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। शाहपुर क्षेत्र के गांव कुटबी मे मतदान केन्द्र का स्थलीय निरीक्षण के पश्चात डीएम-एसएसपी ने शाहपुर स्थित कसेरवा मे पोलिंग बूथों पर जारी मतदान का निरीक्षण किया तथा मतदान केन्द्र के आसपास बेवजह खडे लोगों से वापिस अपने घर जाने तथा कोविड नियमों का पालन करने की अपील की। एसएसपी अभिषेक यादव ने डियूटी पर तैनात पुलिस बल/अर्धसैनिक बल को सतर्क रहने, सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने तथा कोविड-19 नियमों का पालन करने व मतदान करने आये लोगो को कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाने हेतु निर्देशित किया। इस दौरान एसडीएम बुढाना, सीओ बुढाना,इंस्पैक्टर शाहपुर संजीव कुमार आदि मौजूद रहे। आला अधिकारियो ने मतदान के दौरान विभिन्न पोलिंग बूथो का भ्रमण कर मौके पर मौजूद अधिकारियो को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। भोपा। डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने पोलिंग बूथ पर पहुंच कर मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सम्बन्धी व्यवस्थाओ का जायजा लिया। जनपद मे हो रहे त्रिस्तरीय चुनाव के मददेनजर आज दोपहर के वक्त सहारनपुर से चलकर भोपा पहुंचे डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल ने कस्बा भोपा स्थित पोलिंग बूथ पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित किया। डीआईजी श्री अग्रवाल ने कई पोलिंग बूथो का निरीक्षण किया। इस दौरान एसपी देहात श्री श्रीवास्तव,एसडीएम जानसठ,सीओ जानसठ एवं इंस्पैक्टर भोपा दीपक चतुर्वेदी आदि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। मुजफ्फरनगर। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2021 में मतदाताओं मे मतदान को लेकर अच्छा-खासा उत्साह देखने को मिला। विभिन्न पोलिंग बूथो पर मतदाताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस दौरान मतदाता लाइन मे लगकर अपनी बारी आने का इन्तजार करते रहे। गर्मी के बावजूद भी मतदाताओ मे मतदान को लेकर अच्छा-खासा उत्साह बना रहा। आज हुए चुनाव मे मतदाताओं का आलम यह रहा कि पवित्र रमजान माह के बावजूद विभिन्न पोलिंग बूथ पर मुस्लिम महिलाएं शांतिपूर्वक लाइनो मे खडी नजर आई। नई मन्डी क्षेत्र के गांव सरवट,नसीरपुर,रथेडी तथा सूजडू,बागोवाली,मखियाली आदि विभिन्न गांवो मे स्थित मतदान केन्द्रो पर पहुंचे मतदाताओ ने शांतिपूर्ण तरीके से मतदान किया। गर्मी के बावजूद मतदाताओ का हौसला नही डिगा। युवाओ के साथ बुजुर्गो तथा महिलाओ ने भी मतदान मे बढचढ कर हिस्सा लिया। परिवार के अन्य सदस्यो के साथ पोलिंग बूथ पर पहुंचे बुजुर्गो ने अपने मताधिकार का प्रयाग कर लोकतांत्रिक व्यवस्था मे अपना सहयोग प्रदान किया। बुढाना। एडीएम प्रशासन ने मतदान केन्द्र का निरीक्षण कर मौके पर मौजूद अधिनस्थो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने क्षेत्र के गांव जौला स्थित पोलिंग बूथ का निरीक्षण कर वहां मौजूद अधिकारियो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम बुढाना,सीओ बुढाना व इंस्पैक्टर बुढाना एम. एस. गिल आदि पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। मुजफ्फरनगर। थाना कोतवाली नगर पर नियुक्त उ0नि0 भूपेन्द्र सिंह द्वारा मु0अ0स0 34/21 धारा 379 भादवि का अनावरण करते हुए 02 बाल अपचारी अभियुक्त राजा उर्फ दीपक पुत्र सतीश निवासी काशीराम आवास विकास कालोनी बुढाना मोड थाना कोतवाली नगर मु0नगर, अमृत अर्फ जोकर पुत्र विजयपाल निवासी खांजापुर बुढाना मोड थाना कोतवाली नगर मु0नगर को बुढाना मोड से शाहपुर रोड रजवाहे की पुलिया से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्तगण के कब्जे से 02 चोरी की मोटरसाइकिल बरामद की गयी। छपार। थाना छपार पर नियुक्त उ0नि0 रविशंकर पाण्डेय द्वारा अभियुक्त दानिश पुत्र इकराम निवासी कस्बा व थाना छपार मु0नगर को सहारनपुर हाइवे से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त के कब्जे से 01 तमंचा मय 01 जिन्दा कारतूस 315 बोर बरामद किये गये। मुजफ्फरनगर। थाना पुरकाजी पर नियुक्त उ0नि0 जीत सिंह द्वारा वांछित अभियुक्त रब्बानी पुत्र पप्पू निवासी हरिनगर थाना पुरकाजी मु0नगर को अभियुक्त के मसकन से गिरफ्तार किया गया। मुजफ्फरनगर। पूर्व निर्धारित चुनावी कार्यक्रम के तहत आज जनपद मे हुए मतदान को लेकर विभिन्न राजनैतिक दलो से समर्थित प्रत्याशी एवं प्रत्याशी समर्थक सुबह से ही अपने-अपने क्षेत्र के मतदान केन्द्रो पर भ्रमण कर चुनाव सम्बन्धी जानकारी हासिल करने का प्रयास करते नजर आए। प्रत्याशी अपने पोलिंग एजेंटो व परिचितो के माध्यम से चुनावी माहौल को जानने तथा मतदाताओं की नब्ज टटोलने की उधेडबुन मे लगे रहे। हालांकि जनपद मे चुनाव कार्य को शांतिपूर्ण एवं सुरक्षा व्यवस्थाओ के बीच सम्पन्न कराये जाने को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा पूर्व मे ही चुनाव सम्बन्धी पुख्ता इन्तजाम कर दिए गए थे। ताकि मतदान वाले दिन किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न ना हो और चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हो सके। कोविड-19 को लेकर जारी गाइडलाइन तथा प्रशासन की सख्ती के कारण पोलिंग बूथो व उनके आसपास कहीं किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नजर नही आई। प्रत्याशी/प्रत्याशी समर्थक मतदान केन्द्र से दूर दायें-बायें खडे ेहोकर मतदान के आंकडे फिट करते नजर आए। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जारी चुनावी कार्यक्रम के तहत आज सम्पन्न त्रिस्तरीय चुनाव मे जिला पंचायत व ग्राम प्रधान तथा बीडीसी व ग्राम पंचायत सदस्य पद प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र मे भ्रमण करते एवं इधर-उधर समर्थको के साथ खडे होकर मतदान प्रतिशत एवं चुनाव के रूझान पर चर्चा करने मे मश्गूल रहे। जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी एवं ग्राम प्रधान पद के प्रत्याशियो मे से अधिकतर प्रत्याशियो ने सुबह के वक्त मतदान केन्द्र पहुंच कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसके पश्चात उक्त सभी प्रत्याशी अन्य पोलिंग बूथो के लिए निकल पडे। सुबह के वक्त मतदान प्रतिशत काफी कम रहा परन्तु जैसे जैसे समय बढता गया वैसे वैसे मतदान केन्द्रो पर मतदाताओं की भीड जुटने लगी। विभिन्न प्रशासनिक व्यवस्थाओ के बीच मतदाताओ ने शांतिपूर्वक कतारब( हो अपने मतदाधिकार का प्रयोग कर प्रशासनिक व्यवस्था मे सहयोग किया। डीएम तथा एसएसपी सहित सभी अधिकारियो ने पोलिंग बूथो का स्थलीय निरीक्षण किया तथा व्यवस्थाओं के सम्बन्ध मे निर्देशित किया। शाहपुर। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे व एसएसपी अभिषेक यादव मतदान स्थलों का गांव-गांव जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। पुलिस प्रशासन की वोटरों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ-साथ शांति व्यवस्था से वोट डालने की अपील, जिले के पुलिस प्रशासनिक अधिकारी त्रिस्तरीय चुनाव को लेकर अलर्ट मोड़ पर। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को शांतिपूर्ण एवं सकुशल सम्पन्न कराने हेतु डीएम सेल्वा कुमारी जै० व एसएसपी अभिषेक यादव महोदय ने मय पुलिस बल के थानाक्षेत्र शाहपुर के गांव पलड़ी में पोलिंग बूथों पर जारी मतदान का निरीक्षण किया तथा मतदान करने आये लोगों से शांतिपूर्ण मतदान कर वापस अपने घरों पर जाने, बेवजह खडे न रहने तथा कोविड नियमों का पालन करने की अपील करते रहे। डयूटी पर तैनात पुलिस बल/अर्धसैनिक बल को सतर्क रहने, सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने तथा कोविड-१९ नियमों का पालन करने व मतदान करने आये लोगों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाने हेतु निर्देशित किया। मुजफ्फरनगर। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव को शांतिपूर्ण एवं सकुशल सम्पन्न कराने हेतु एसएसपी अभिषेक यादव महोदय मय पुलिस बल द्वारा थानाक्षेत्र शाहपुर स्थित कसेरवा में पोलिंग बूथों पर जारी मतदान का निरीक्षण किया जा रहा है तथा मतदान करने आये लोगों से शांतिपूर्ण मतदान कर वापस अपने घरों पर जाने, बेवजह खडे न रहने तथा कोविड नियमों का पालन करने की अपील की गयी। डियूटी पर तैनात पुलिस बल/अर्धसैनिक बल को सतर्क रहने, सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने तथा कोविड-१९ नियमों का पालन करने व मतदान करने आये लोगों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करवाने हेतु निर्देशित किया।
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धनु राशि वाले जातकों के लिए आज का दिन आपके लिए मिश्रित फल युक्त रहेगा. अपने व्यवहार को अच्छा बनाने की कोशिश करें. समाज में अपनी पहचान बनाने का प्रयास करें. अपने महत्वपूर्ण कार्यों को दूसरे के भरोसे ना छोड़े. आजीविका के क्षेत्र में संलग्न व्यक्ति कार्य क्षेत्र के प्रति अधिक सतर्क रहे. व्यापार करने वाले लोगों के व्यवसाय में स्थिति सामान्य रहेगी. ग्रह गोचर के अनुसार समय संघर्ष युक्त रहेगा. बनते बनते कार्यों में व्यवधान आएगा. किसी के बहकावे में ना आएं. अपने बुद्धि विवेक से कार्य करें. सामाजिक कार्यों के प्रति अभिरुचि कम होगी. कैसा रहेगा आर्थिक पक्ष ? - आज संपत्ति के क्रय विक्रय संबंध में सावधानी बरतें. - इस संबंध में जल्दबाजी में कोई बड़ा निर्णय न लें. - धन का संचय करें. - अनावश्यक धन खर्च होने की संभावना है. - आर्थिक स्थिति में कुछ सुधार होगा. - जमा पूंजी के धन में वृद्धि होगी. - धन के लेने देन में सावधानी बरते. - वाहन खरीदने की योजना सफल होगी. कैसा रहेगा भावनात्मक पक्ष ? - आज प्रेम संबंधों में परस्पर एक दूसरे के मध्य सुख सहयोग बना रहेगा. - भावनात्मक लगाव में वृद्धि होगी. - प्रेम प्रसंग में संदेहास्पद स्थिति से बचें. - परस्पर विश्वास की भावना को बनाए रखें. - दांपत्य जीवन में पति पत्नी के बीच सुख सहयोग में वृद्धि होगी. - पारिवारिक समस्याओं के हल होने के संकेत प्राप्त होंगे. आपका स्वास्थ्य कैसा रहेगा ? - आज स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां बरतें. - पेट व हड्डियों से संबंधित रोगों के प्रति विशेष सावधानी बरतें. - अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा, पाठ, योग,ध्यान, व्यायाम आदि के प्रति अभिरुचि बढ़ेगी. - स्वास्थ्य संबंधी विशेष परेशानी होने की संभावना कम होगी. - शारीरिक स्वास्थ्य की अपेक्षा मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहें. - आज सोने में पीला टाइगर बनवाकर धारण करें.
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"Ganesh Chaturthi 2022" : गणेश उत्सव आने को है। 31 अगस्त से बप्पा के दिन शुरू हो रहे हैं। गणपति जी के भक्त धूम-धाम से इस त्योहार को मनाते हैं। इस खास पर्व पर भक्त बप्पा की पूजा करते हैं और अपने घरों में स्थापित भी करते हैं। बप्पा के लिए भक्तों का प्रेम देखने लायक होता है। गणेश जी भी अपने भक्तों को कभी निराश नहीं करते हैं। विधि-विधान के साथ बप्पा की अराधना करने से सभी तरह के संकट से राहत मिलती है। गणेश उत्सव के दौरान भगवान गणेश के आठ विशेष मन्त्रों का जाप करने से आप किसी भी तरह की सिद्धि पा सकते हैं। चलिए जानते हैं कौन से हैं वो मंत्र. . . । ये चार अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख है। इस मंत्र के जप से खेल और राजनीति में पावर मिलती है। "वक्र तुण्डाय हुं। ये छः अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 6 लाख जप है। इस मंत्र के जप से मुसीबतों से छुटकारा मिलता है। ये भी छः अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 6 लाख जप है। विद्या प्राप्ति के लिये इस मंत्र का जप करनी चाहिए। "गं गणपतये नमः", ये आठ अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 8 लाख जप है। सफलता के लिये इस मंत्र का जाप करना चाहिए। यह वाम मार्गिय गणपति साधना का मंत्र है। इसकी जप संख्या एक लाख है। 12 अक्षर का उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र ही बताया गया है। इससे प्यार, पैसा और शोहरत सब कुछ मिलता है। यह अट्ठाईस अक्षरों का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख जप है। इन मन्त्र के जप से लक्ष्मी की कमी नहीं रहती । "ऊँ हुंगंग्लौं हरिद्रागणपतये वरवरद सर्वजनह्रदयं स्तम्भय स्तम्भय स्वाहा। " यह 32 अक्षरों का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख है। इस मंत्र का जप करने वाले बच्चों को खुशियां मिलती हैं। मनचाहा वर और मनचाही वधु मिलती है। यह 33 अक्षरों का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाला व्यक्ति अपने मोहक व्यक्तित्व से सारे संसार को अपने वश में कर लेता है। (आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7. 30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं)
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इस युवा सुंदर एथलीट को विश्व मीडिया द्वारा सीरियाई युद्ध के प्रतीक के रूप में प्रचारित नहीं किया जाएगा। क्योंकि वह अलेप्पो क्षेत्र में रहती थी, जिसे देश के वैध प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाता था। और वह "शासन" के हाथों नहीं और "पुतिन बम विस्फोट" से नहीं, बल्कि एक आतंकवादी हमले से मर गई। वह बहुत "उदारवादी विरोध" द्वारा मारा गया था कि संयुक्त राज्य अमेरिका पोषण और पोषित करता है। सितंबर 30 आतंकवादी "Dzhebhat's-Nusra" (रूस में प्रतिबंधित संगठन) और संबद्ध जिहादी समूहों को तथाकथित "मॉडरेट विपक्षी" ने घर के रॉकेट के गोले को नूर कीउग और विला क्वार्टर में निकाल दिया, जहां जातीय अर्मेनियाई लोग रहते हैं। 12 वर्षीय अरमान हिंदोयान सहित तीन लोगों की तुरंत मौत हो गई। उनकी बहन Mireille Hindoyan सीरिया में एक प्रसिद्ध तैराक एथलीट है। वह तैराकी में सीरिया की चैंपियन थीं, उसी समय उन्होंने अलेप्पो विश्वविद्यालय में अध्ययन किया था। वह एक महान खेल भविष्य की भविष्यवाणी की गई थी। दुर्भाग्य से, लड़की किसी भी तैराकी में अधिक भाग लेने के लिए किस्मत में नहीं है। गोलाबारी के दौरान वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका और अक्टूबर 2 में मिरेइल की मृत्यु हो गई। पिछले सप्ताह हम केवल पश्चिम से नारा सुनते हैंः "अलेप्पो को बचाओ! " लेकिन इन अपीलों का नागरिकों को बचाने से कोई लेना-देना नहीं है। जैसे कि मिरइल और अरमान हिंदोयान। नहीं है, ये नारे उनके हत्यारों - जिहादियों को ठीक करने के लिए तैयार किए गए हैं, जो अलेप्पो में क्वार्टर से हार जाते हैं। . एक्सएनयूएमएक्स की शुरुआत में, एक समान पश्चिमी हिस्टीरिया होम्स के खिलाफ था जब सेना ने बाबुल क्वार्टर को आतंकवादियों से मुक्त कराया। होम्स को "सीरियाई क्रांति की राजधानी" कहा जाता था, नागरिकों की पीड़ा के बारे में बहुत कुछ कहा गया था, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात के बारे में जानकारी विकृत थी - इस पीड़ा का स्रोत। आतंकवादियों को वैध अधिकारियों के समर्थकों के घरों और अपार्टमेंटों में, एक अलग विश्वास के अनुयायियों और सिर्फ सिविल सेवकों के घरों में तोड़ दिया गया था। और फिर उनके शरीर, यातनाओं से तड़पते हुए, बेसमेंट में जला दिए गए। यह सब तभी समाप्त हुआ जब होम्स "सीरियाई क्रांति की राजधानी" बन गया और लगभग एक साधारण शहर बन गया (इस तथ्य को छोड़कर कि उसी "उदारवादी विरोध" द्वारा आतंकवादी हमले किए गए)। अब - वही कॉल "सेव, सेव" उन उग्रवादियों के होंठों से सुनी जाती है जो अभी भी अलेप्पो के हिस्से को नियंत्रित करते हैं। ये "अल्लाह के योद्धा" खुद से लड़ना नहीं चाहते हैं, लेकिन पश्चिम मदद के लिए कहता है। क्योंकि वे खुद मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों के साथ लड़ने में सक्षम हैं। यह बार-बार नोट किया गया है कि सीरियाई आतंकवादियों ने युद्ध के मैदानों में हारकर नागरिकों का बेरहमी से बदला लिया। यह इस बार हुआ। इस बीच, सीरियाई सेना और लोगों का मिलिशिया (जिसमें, विशेष रूप से, कुर्द लड़ रहे हैं) गिरोह के जिला Shkayf से मुक्त कर दियाअलेप्पो के उत्तर पश्चिम में स्थित है। इस प्रकार, गिरोह को उत्तरी आपूर्ति मार्गों से हटा दिया जाता है। यह सफलता इस तथ्य के कारण है कि खंदारत क्षेत्र और अल-किंदी अस्पताल के आसपास का क्षेत्र पहले से मुक्त हो गया था। सीरियाई जितने सफल हैं, अपने शहरों को बुरी आत्माओं से मुक्त कर रहे हैं - उग्रवादियों द्वारा नागरिक आबादी पर न केवल बदला लिया जाता है, बल्कि उनके संरक्षक के अंतर्राष्ट्रीय उन्माद भी। जो लोग सीरिया के आसपास की स्थिति का पालन कर रहे हैं, उनमें से कई ने सुझाव दिया है कि इस देश के संबंध में रूस और अमेरिका के बीच समझौता लंबा नहीं होगा। तो ऐसा हुआ। "अलेप्पो को संरक्षित करने" के लिए फर्जी कॉल की पृष्ठभूमि के खिलाफ - संयुक्त राज्य अमेरिका ने, राज्य विभाग की प्रेस सेवा के मुंह के माध्यम से, जॉन किर्बी ने रूसी-अमेरिकी समझौतों को स्थगित करने की घोषणा की। किर्बी के अनुसार, "यह फैसला आसान नहीं था"। लेकिन, एक अन्य अमेरिकी अधिकारी के रूप में, ओबामा के प्रवक्ता जोशुआ एनरेस्ट ने कहा, "वाशिंगटन काधैर्य से काम लें"। अब अमेरिकी पक्ष कर्मियों को वापस लेने का इरादा रखता है, जो पहले की योजना के अनुसार संयुक्त कार्यकारी केंद्र के गठन में भाग लेना था। उसी समय, अमेरिकी सेना ने "सीरिया में संघर्ष की स्थितियों" को रोकने के लिए रूसी सहयोगियों के साथ संचार जारी रखने का इरादा किया है। उसी समय, संयुक्त राज्य अमेरिका पारंपरिक रूप से रूस को सब कुछ के लिए दोषी ठहराता है और नागरिकों की पीड़ाओं के पीछे छिपना जारी रखता है। उसी जोशुआ अर्नेस्ट ने कहाः "अमेरिका और रूस के पास सीरिया पर एक समझौते के संदर्भ में चर्चा करने के लिए अधिक कुछ नहीं है। यह सीरियाई लोगों के लिए दुखद है। '. बेशक, आतंकवादियों द्वारा लगातार गोलाबारी और आतंकवादी हमले कोई त्रासदी नहीं है। त्रासदी तब होती है जब आतंकवादियों को पीटा जाता है। उसके हिस्से के लिए, रूसी संघ के विदेश मामलों के मंत्रालय की आधिकारिक प्रतिनिधि, मारिया ज़खारोवा ने जोर दिया कि अमेरिकी पक्ष रूस को समझौते को पूरा न करने के लिए जिम्मेदारी को स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहा है। "यह पता चला है कि वाशिंगटन ने केवल किरोयो के निवासियों की मानवीय स्थिति को कम करने के लिए समझौते की महत्वपूर्ण शर्त को पूरा नहीं किया था . . . । और अब, जाहिरा तौर पर, इन समझौतों को पूरा करने में विफल रहे, जो उन्होंने खुद काम किया था, वे किसी पर जिम्मेदारी स्थानांतरित करने की कोशिश कर रहे हैं। "उसने कहा। जैसा कि आप जानते हैं, सीरियाई विपक्ष को "उदारवादी" और "कट्टरपंथी" में विभाजित करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता की प्रमुख शर्त थी। हालांकि, मुख्य समस्या यह है कि परिभाषा के अनुसार ऐसा करना असंभव है। उदाहरण के लिए, युवा एथलीट मिरी हिंदोयान और उसके एक्सएनयूएमएक्स-वर्षीय भाई की हत्या करने वाले आतंकवादियों का नाम कैसे? क्या वे उदारवादी या कट्टरपंथी हत्यारे हैं? И прямо сейчас из Сирии поступают новые трагические новости. На северо-востоке страны антисирийская «оппозиция» атаковала свадьбу (संयुक्त राज्य अमेरिका से अच्छे छात्र! ) एक आत्मघाती हमलावर ने विवाह समारोह के दौरान खुद को उड़ा लिया, जिससे 30 लोग मारे गए और 100 के आसपास घायल हो गए। पीड़ितों में सीरियाई एजेंसी SANA हवाल ईसा का पत्रकार था। "रेडली" या "मामूली" शादी को उड़ा दिया? और किस से बचाने के लिए आवश्यक है अलेप्पो, और हसाका, और अन्य सीरियाई शहर? किसी भी पर्याप्त व्यक्ति को यह स्पष्ट है कि आतंकवादियों से, और केवल संयुक्त राज्य अमेरिका, अपने हैंगर-ऑन के साथ मिलकर सीरिया को खुद से बचाना चाहते हैं।
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सरायकेलाः उपायुक्त अरवा राजकमल के निर्देशानुसार जिला परियोजना पदाधिकारी यू आई डी हेमंत कुमार के अध्यक्षता में बुधवार को आधार ऑनलाइन वेरिफिकेशन से संबंधित विषय पर प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले के सभी प्रखंडों के आधार संचालक को 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों का आधार ऑनलाइन वेरिफिकेशन से संबंधित विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। बताया गया कि आवेदकों का आधार पंजीकरण से पूर्व सभी दस्तावेजों का तकनीकी वेरिफिकेशन एवं भौतिक सत्यापन प्रखंड स्तर पर संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के देखरेख में किया जाएगा। उसके बाद ही आधार पंजीकरण की स्वीकृति दी जा सकेगी। कार्यशाला में हेमंत कुमार द्वारा सभी आधार संचालकों को कहा गया कि लाभुकों को आधार पंजीकरण या किसी प्रकार के सुधार सम्बन्धित कार्य की विस्तृत प्रक्रिया के बारे में जानकारी दें। उन्हें किसी भी प्रकार से अन्य कॉल मैसेज इत्यादि के माध्यम से ओ टी पी (ऑन टाइम पासवर्ड) साझा ना करने के प्रति भी जागरूक करने की बात कही। उन्होंने कहा कि ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में आधार संबंधित कार्यों के लिए आ रहे लोगों से सहयोगात्मक भाव रखते हुए उनके कार्य सरलता से करें। किसी भी प्रकार की शिकायत या अधिक पैसे लेने जैसे शिकायत ना हो यह सुनिश्चित करें।
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पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों में प्रैक्टिकल नॉलेज कैसे बढ़े, ताकि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। इसके लिए सीबीएसई ने कक्षा 10 तक आंतरिक मूल्यांकन शुरू किया। इसमें रचनात्मक क्रियाएं, रटने की क्षमता के अलावा बच्चों को खेल-खेल में सिखानेे की क्षमता आदि शामिल हैं। सीबीएसई के सभी स्कूलों में आंतरिक मूल्यांकन (सीसीई) किया जाता है लेकिन कई ऐसे भी हैं, जिन्हें आंतरिक मूल्यांकन का सही पैटर्न नहीं पता होने के कारण दिक्कत आती है। ऐसे में सीबीएसई ने सीसीई का सपोर्ट मैटर उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। यह मैटर ऑनलाइन, ऑफलाइन और मोबाइल फोन पर भी उपलब्ध होगा। इसके तैयार करने के लिए एजेंसियों का चयन भी कर लिया गया है। स्टूडेंट्स पर पढ़ाई का प्रेशर कम करने के लिए सीबीएसई ने कक्षा 10 तक की कक्षाओं में सीसीई की शुरुआत की है। इसमें बोर्ड परीक्षा के बजाय लगातार मूल्यांकन किया जाता है। पढ़ाई रटने के बजाय सीखने के आधार पर होती है। छोटी-छोटी गतिविधियों के आधार पर स्टूडेंट्स का मूल्यांकन किया जाता है। नया सिस्टम होने के कारण सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के टीचर्स और स्टूडेंट्स दोनों को इससे काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में सपोर्ट मैटेरियल के जरिए स्कूलों को सहयोग देने की कोशिश की जा रही है। सीबीएसई ने सपोर्ट मैटेरियल के लिए विभिन्न एजेंसियों का चयन कर लिया है। ये एजेंसियां सीसीई पर आधारित सपोर्ट मैटेरियल तैयार कर करेंगी। इसके बाद टीचर्स को ट्रेंड किया जाएगा। एजेंसियां अपनी मनमानी न कर सकें, इसलिए सीबीएसई ने सपोर्ट मैटेरियल की ऑनलाइन और ऑफलाइन कीमत भी तय कर दी है। सबसे बड़ी बात यह है कि सपोर्ट मैटेरियल हर टीचर को मोबाइल पर भी उपलब्ध हो सकेगा। कक्षा एक से पांच तक 500 बच्चों के लिए ऑनलाइन खर्च 12,500 व ऑफलाइन 18,750 रुपये आएगा। छठी से आठवीं तक के 300 बच्चों पर ऑनलाइन 7,500 और ऑफलाइन 11,250 रुपये खर्च आएगा। नवीं और 10वीं के 200 बच्चों के लिए ऑनलाइन 20,000 और ऑफलाइन 23,500 रुपये खर्च आएगा।
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या तो संयुक्त हो जाते हैं, अथवा उनमें संधि हो जाती है, अथवाय, वश्रुति के समावेश द्वारा उनका स्वतंत्र अस्तित्व सुरक्षित रखा जाता है; जैसेलकुट > लगुड > लउड, लौडी (= लकुटिका), द्य तकार > जूअश्रार > जुआर, पडित > पंडि> पांडे > पाँडे, सुगन्ध > सुश्रन्ध > सोध, चतुष्क> चउक्क > चौक सूपकार > सूचार > सुधार सुवार ५. अपभ्रंश का अन्त्य उद्दृत्त स्वर - इ श्रा० मा० प्रा० प्रायः - ई हो जाता है लेकिन 'उक्ति व्यक्ति' में प्रायः - इ ही दिखाई पड़ता है, और - श्री प्रत्यय के योग से वह - इा हो जाता है; बैसेसुखिया, दुखिया उपकारिश्रा आदि । ६. जहाँ तक तद्भव शब्दों में होनेवाले व्यंजन-विकारों का संबंध है, संयुक्त और दीर्घ व्यंजनों के सरलीकरण की प्रवृत्ति परवर्ती अपभ्रश में व्यापक रूप से दिखाई पड़ती है; परन्तु राजस्थान और पंजाब प्रदेश के में यह प्रवृत्ति उतनी नहीं मिलती, जितनी मध्यदेशीय अपभ्रंश में । 'उक्ति व्यक्ति' में इसके उदाहरण भरे पड़े हैं । ७. अन्य संयुक्त और संयुक्त व्यंजनों के विषय में 'उक्ति व्यक्ति' ने प्रायः पूर्ववर्ती के रूपों को भली भाँति मुरक्षित रखा है। उग्रह, जोएह, बेढ़, बूढ़, पढ़ब, सावज आदि शब्द ऐसे ही हैं जो अपभ्रंश में ही यह रूप प्राप्त कर चुके थे। ८. 'उक्ति व्यक्ति' को भाषा अपभ्रंश में प्रचलित संस्कृत के श्र तत्सम और तत्सम शब्दों को ग्रहण करके कभी-कभी अपनी ध्वन्यात्मक प्रवृत्ति के अनुसार उनमें परिवर्तन भी कर देती है। परिवर्तन करने में 'सावर्य' की अपेक्षा 'स्वर-भक्ति' और विप्रकर्प की प्रवृत्ति अधिक दिखाई पड़ती है। जैसे - 'रत्न' से रत्त न करके 'रतन' रूप बनाना और वर्ष से वस्स न करके वरिस । इस व्यापक विधान के अन्तर्गत 'उक्ति व्यक्ति के कुछ शब्द इस प्रकार हैमध्यक > मघक, आदर्श > रिस, सर्षप > सरिसव, वर्ष > घरिस, नित्य > नित, शुक्ल > सुकिल, त्यज > तज, लोक 7 लोग ।
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हमेशा हुआ है और अप्रत्याशित घटना की एक किस्म होगा, लोगों की योजनाओं को बदलने। उड़ान में विलंब इस के संबंध में, और के साथ। आप विमान के निरीक्षण में या तकनीकी विफलता के लिए राज्य सुरक्षा निकायों के आदेश के निष्पादन के प्रतिकूल मौसम की स्थिति में वाहक दोष नहीं दे सकते। हालांकि, अगर एयरलाइन बाहरी कारकों के कारण एक उड़ान में देरी में खुद को निर्दोष साबित करने में असमर्थ था, यह राशि संहिता या चार्टर हवाई परिवहन द्वारा निर्धारित एक यात्री मुआवजा भुगतान करता है। किसी भी मामले में, तथ्य यह है कि यह कारण था के बावजूद, एयरलाइन मुफ्त सेवाओं की एक सीमा के साथ यात्री प्रदान करनी चाहिए। उड़ान में देरीः यात्री अधिकार "एअरोफ़्लोत" सबसे पहले, यह स्पष्ट है कि, बनाने यदि उड़ान नहीं एक सौ से अधिक और बीस मिनट से देरी हो रही है चलो, एयरलाइन शुल्क मुआवजे के भुगतान का हिस्सा नहीं हैं या किसी सेवाएं प्रदान करने के। इस मामले में, यात्रियों सिर्फ धैर्य रखें और अगली उड़ान के लिए इंतजार करना चाहिए। 2007 के बाद से, एयरलाइन "एअरोफ़्लोत" कुछ अनिवार्य सेवाओं विमान उड़ान में देरी के मामले में यात्री के अधिकारों में शामिल शुरू की है। विमान समय और दो घंटे से अधिक पर दिवंगत नहीं किया है, लोगों को स्वतंत्र रूप से सात साल से कम आयु के एक बच्चे के साथ यात्री के लिए बाकी के कमरे और सुविधाओं का उपयोग करने का अधिकार है। उस मामले में, जब वहाँ एक उड़ान में देरी है, यात्रियों अधिकार शीतल पेय और गर्म भोजन मिल रहा है शामिल हैं। तुम भी दो फोन कॉल दस से कम यूरो खर्च कर सकते हैं या दो ई-मेल भेज सकते हैं। जब वहाँ एक उड़ान में देरी है, यात्रियों अधिकार होटल में निः शुल्क उपलब्ध हो रही है, शामिल उड़ान के रद्द होने के समय से करता है, तो दिन के दौरान आठ से अधिक घंटे, या छह कर दिया गया है - रात में। इसके अलावा, एयरलाइन न केवल संख्या, लेकिन अभी भी रेस्तरां में भोजन और एक शटल सेवा का भुगतान करने के लिए बाध्य है। यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि रात के समय 22:00 और सुबह से शुरू होती है - 6:00 पर। उस मामले में, जब वहाँ एक उड़ान में देरी है, विभिन्न एयरलाइनों के यात्रियों के अधिकारों थोड़ा अलग हो सकता। उदाहरण के लिए, "एअरोफ़्लोत", एक होटल में मुफ्त आवास के अलावा, अपने यात्रियों मुफ्त सामान रखने की जगह हवाई अड्डे पर प्रदान करता है। एक और कंपनी, "KrasAir", न केवल संख्या और यात्रियों की उसे प्रसव, लेकिन यह भी तीन भोजन एक दिन का भुगतान करती है। अगर वहाँ एक उड़ान में देरी था, यात्रियों ठीक बगल में प्रस्थान के लिए इंतज़ार कर के प्रत्येक घंटे में पच्चीस प्रतिशत की राशि में मुआवजे के लिए प्रदान करने के लिए। पैसे के लिए, आप रद्द करने के अपने टिकट पर एक विशेष निशान होना आवश्यक है। जाओ इस सील एयरलाइन के कर्मचारी हो सकता है। एक अनियोजित उड़ान में विलंब हवाई अड्डे पर, यात्री अधिकार भी ऊपर दिए गए सभी सेवाओं के प्राप्त करने, तीन भोजन एक दिन, निः शुल्क के भुगतान को छोड़कर शामिल है। प्रतीक्षा न करें - कार्य! लगता है कि एयरलाइन के प्रतिनिधियों, प्रत्येक यात्री के लिए चलाया जाएगा उड़ान में विलंब के लिए माफी मांग और मुफ्त सेवाओं की अपनी पूरी रेंज दे रही है। आप घंटे पर्याप्त भोजन और एक आरामदायक वातावरण के बिना हवाई अड्डे पर, खर्च करने के लिए नहीं तो अधिक नहीं करना चाहते हैं, कुछ कार्रवाई करने के लिए उड़ान में विलंब की स्थिति में होना चाहिएः - व्यवस्थापक हवाई अड्डे का पता लगाएं और उसे एक दस्तावेज़ उड़ान के रद्द होने के कारण और वास्तविक प्रस्थान समय के साथ डाक टिकट बताते हुए ले। - देखो समयः चार घंटे बाद एयरलाइन आप एक गर्म भोजन देना चाहिए, और उड़ान आठ से अधिक घंटे के लिए देरी हो रही है, तो - होटल और हस्तांतरण में एक कमरा। एयरलाइन इन सेवाओं को प्रदान करने के लिए मना कर दिया, सब अपने स्वयं के भुगतान करते हैं, लेकिन किसी भी मामले में, रसीदें फेंक नहीं है। के बाद आप अगली उड़ान के लिए प्रतीक्षा करें और अपने गंतव्य पर पहुंचे, एयरलाइन दावा सभी प्राप्तियों और दस्तावेजों मुआवजे के भुगतान के लिए आवश्यक का सबूत के रूप संलग्न से संपर्क करें। मामले में एयरलाइन पर ध्यान नहीं देता है, तो दावों यात्री अधिकार में पेश किया अदालत में एक आवेदन पत्र प्रस्तुत करने में शामिल हैं। न्यायशास्त्र से पता चलता है, यदि आप अनियोजित खर्चों है कि आप उड़ान में विलंब के कारण लगने वाले है, चाहे वह भोजन हो साथ सभी चेक प्रदान करते हैं, दवाओं, अक्षमता प्री-पेड यात्राओं में भाग लेने या व्यापार बैठक को बाधित करने के लिए, आप मुआवजे के रूप में भुगतान करना होगा की राशि पूरी तरह से लागत को कवर । छह महीने - प्रस्थान दावों और अदालत में अपील पर आप बहुत समय है। वह समझता है के रूप में मामले में दावा एक ही समय के लिए मुआवजे का भुगतान करने पर सहमत हुए। सभी दस्तावेजों, चेक और फोटोकॉपी बेहतर का दावा दो प्रतियां है। बेशक, अगर वहाँ उड़ान में देरी, और एयरलाइन था सभ्य और अपनी जिम्मेदारियों का परित्याग नहीं करता है, तो आप भी एक सूट और एक महंगी रेस्तरां में खाने का आदेश देने का अधिकार है, लेकिन फिर अदालत में आप को साबित करना है कि यह जरूरत का एक उपाय है, जो होना चाहिए था होगा के लिए वाहक भुगतान करते हैं। इसलिए, यह होटल और सस्ती रेस्तरां में सबसे आम संख्या से बचने के लिए सबसे अच्छा है। एक तरह से या किसी अन्य के लिए, लेकिन सूट के साथ ऐसी धोखाधड़ी क्रैंक करने के लिए आप केवल, अगर एयरलाइन ही सभी यात्रियों के लिए होटल और खानपान में रहने का आयोजन नहीं करता है उड़ान स्थानांतरित कर सकते हैं। अन्यथा, अपने हर लहर कोई भुगतान नहीं करना होगा। यह मानना है कि नियमों ऊपर उल्लेख किया निर्धारित फ्लाइट्स पर ही लागू एक गलती है। बिल्कुल नहीं। यह अक्सर चार्टर उड़ान देरी से होता है। इस मामले में यात्री अधिकार, प्रदान करते हैं एक नियमित उड़ान देरी के लिए के रूप में बिल्कुल वैसा हीः बाकी कमरों के मुफ्त इस्तेमाल, शीतल पेय और गर्म भोजन, दो निः शुल्क कॉल या हवाई अड्डे पर ई-मेल, सामान रखने की जगह से दो संदेश, मुफ्त कमरे और हस्तांतरण मौद्रिक क्षतिपूर्ति का भुगतान। अपवाद अमेरिका हैः चार्टर उड़ानों और छोटे विमानों जुर्माना के यात्रियों को भुगतान नहीं किया जाता है। असल में, चार्टर उड़ानों की देरी तथ्य के कारण है कि एयरलाइन पर्याप्त आरक्षित विमान उस पर यात्रियों को भेजने के लिए नहीं था है, ताकि लोग अपने प्रस्थान के लिए प्रतीक्षा करने की है। कई लोगों के लिए, यह कोई रहस्य नहीं है कि एयरलाइनों बोर्ड पर उपलब्ध सीटों की तुलना में अधिक टिकटों की पांच प्रतिशत के बारे में बेचते हैं। यह एक साधारण कारण के लिए होता हैः यात्रियों को एक जगह बुक का एक ही पांच प्रतिशत, विमान में दिखाई नहीं देते - टिकट या अंतिम मिनट में देर से गुजरती हैं। यही कारण है कि, ताकि एक आधा खाली विमान भेजने के लिए नहीं है, इस तरह के एक विमान सेवाओं घोटाला करने जा रहे हैं। हालांकि, विपरीत हो रहा हैः सभी यात्री जो सीटें बुक करने वाले कभी कभी तुरंत दिखाई देते हैं। इस मामले में, वाहक तथाकथित स्वयंसेवकों जो अगली उड़ान के लिए उड़ान भरने के लिए सहमत हैं की तलाश में है, और कंपनी उन्हें एक वाउचर या बोनस राशि के साथ प्रदान करेगा। इसके अलावा, वाहक उड़ान समय इंतजार कर के आधार पर, एक निः शुल्क होटल के कमरे, स्थानान्तरण और भोजन के लिए एक वाउचर प्रदान कर सकते हैं। घटना में है कि प्रस्थान के लिए आगे आए अगली उड़ान नहीं पाया जाता है में, विमान के लिए मजबूर किया जो उन लोगों के लिए एक जगह बाद में अन्य की तुलना में बुक करने वाले लगाए। अमेरिका में, यात्रियों अतिबुकिंग से प्रभावित, मुआवजा, राशि जिनमें से तीन सौ डॉलर तक किराया से भिन्न होता है प्रदान करते हैं। यात्रियों ओवरबुकिंग के साथ यूरोपीय संघ के देशों के लिए एक उड़ान में देरी में के रूप में ही सेवाएं प्रदान करने के। यदि नगर में प्राप्त करने में सक्षम नहीं हैं उड़ान आप एक विदेशी देश में थे, लेकिन देरी वीजा की वजह से के साथ एक समस्या की वजह से, व्यवस्थापक आव्रजन कार्यालय फोन और "आपातकालीन वीजा" प्राप्त करने के लिए संपर्क करने में संकोच। यह विशेष अप्रत्याशित घटना में अड़तालीस घंटे के लिए जारी किए गए। यह मुश्किल है, लेकिन एक प्रयास इसके लायक है। पोषण के बारे में वार्ता, एक होटल में बसने यदि आवश्यक हो तो, निः शुल्क फोन कॉल और अन्य तकनीकी पहलुओंः रद्द व्यवस्थापक या एयरलाइन कर्मचारी की सूचना पर बाहर निकलने के लिए यात्रियों प्रदान करती है और निर्देश देता है। आप अपने सामान प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो आप कैसे अपने आप को द्वारा होटल में जाने के लिए या सिर्फ हवाई अड्डे सीमा छोड़ जा रहे हैं, एयरलाइन प्रतिनिधि को सूचित करें। आम तौर पर सामान टेप, जहां यह लेने के लिए आसान हो सकता है करने के लिए भेजा जाता है। अगर आने वाले क्षेत्र में बातें नहीं था, तो सबसे अधिक संभावना है, वाहक उन्हें अगली उड़ान से भेजा है। फिर, यह गलतफहमी स्पष्ट करने और अपने सामान पाने के लिए अपने एयरलाइन से संपर्क करें। अगर यह पता चला कि वह खो दिया है, एयरलाइन अपनी पूरी मूल्य के मुआवजे का भुगतान करेगा। एक होटल के कमरे के लिए पैसे वापस कर रहे हैं? वहाँ कई यात्रियों काफी तार्किक सवाल यह हैः अगर एक होटल के कमरे जो अग्रिम में आरक्षित किया गया था और उड़ान के रद्द होने की वजह से उपयोग नहीं किया गया में रहने वाले दैनिक लागत वापस कर दी जाएगी। जवाब है हां। होटल में आ रहा है, तो आप कमरे में एक रात की वापसी का अनुरोध कर सकते हैं।
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सं० 7 - राष्ट्रपति जी ने श्री एच० आर० जोखी को, जो हाल ही में सीमाशुल्क गृह बम्बई में अपर सीमाशुल्क-समाहर्ता के रूप में तैनात थे, 15-1-72 के दोपहपूर्व से अगला आदेश होने तक, स्थानापन्न तौर पर अपीलीय समाहर्ता, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नियुक्त किया है। श्री जोखी ने उसी तारीख से अपीलीय समाहर्ता केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, बम्बई के नवनिर्मित पद का कार्यभार संभाल लिया। सं० 8 - - राष्ट्रपति जी ने श्री एच० एन० साहू को, जो हाल ही में, निरीक्षण निदेशालय, सोमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नई दिल्ली में उपनिदेशक के रूप में तैनात थे, 17-1-72 के दोपहपूर्व से अगला आदेश होने तक, स्थानापन्न अपीलीय समाहर्ता सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पादन शुल्क नियुक्त किया है। श्री साहू ने उसी तारीख से श्री एच० एस० कोहली को कार्यभार से मुक्त करते हुए अपीलीय समाहर्ता सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पादन शुल्क, दिल्ली के नवनिर्मित पद का कार्यभार संभाल लिया । सं० 9- स्थानान्तरण पर, श्री एच० एस० कोहली ने जो हाल ही में अपीलीय समाहर्ता, सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिल्ली के रूप में तैनात थे, 17-1-72 से के दोपहर-पूर्व से श्री ए० पी० अग्रवाल के स्थान पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क समाहर्ता कार्यालय दिल्ली में उप समाहर्ता केन्द्रीय उत्पाद शुल्क दिल्ली का कार्यभार संभाल लिया। श्री अग्रवाल का स्थानान्त रण हो गया है । सं० 10- स्थानान्तरण पर, श्री ए० पी० अग्रवाल ने, जो इसके पूर्व केन्द्रीय उत्पाद शुल्क समाहर्ता कार्यालय दिल्ली में उप समाहर्ता केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, के रूप में तैनात थे, 17-1-72 के दोपहरपूर्व से श्री एच० एन० साहू के स्थान पर, निरीक्षण निदेशालय सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नई दिल्ली में उप निदेशक का कार्यभार संभाल लिया । श्री साहू का स्थानान्तरण हो गया है। सं० 11 - - राष्ट्रपति, जी ते श्री. पी० एम० वार्के, सहायक समाहर्ता, सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क को, जो हाल ही में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क समाहर्ता कार्यालय बंगलौर में सहायक समाहर्ता, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क ( प्रधान कार्यालय) बंगलौर, के रूप में तैनात थे, 13-1-72 के दोपहर बाद से अगला आदेश होने तक भारतीय सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क सेवा श्रेणी 1 में स्थानापन उप समाहर्ता, सीमाशुरूक और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नियुक्त किया है। श्री. बार्क ने उसी तारीख से केन्द्रीय उत्पादन शुल्क समाहर्ता कार्यालय गुल्तूर में उप समाहर्ता केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, गुन्तूर का कार्यभार संभाल लिया । सं० 12 -- राष्ट्रपति जी ने श्री एस० एन० कारखानीस सहायक समाहर्ता, सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पादन शुल्क को जो हाल ही में निरीक्षण निदेशालय, सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, नई दिल्ली में निरीक्षी अधिकारी के रूप में तैनात थे, 14-1-71 के दोपहर पूर्व से अगला आदेश होने तक भारतीय सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क सेवा श्रेणी 1 में स्थानापन्न उप समाहुर्ता, सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क नियुक्त किया है । [PART I ~~ SEC. 2 श्री कारखानीस ने उसी तारीख से सीमाशुल्क गुह बम्बई में उप समाहर्ता, सीमाशुल्क का कार्यभार संभाल लिया । सं० 13-- राष्ट्रपति जी ने भारतीय प्रशासनिक सेवा आदि परीक्षा, 1970 के आधार पर, श्री एच० ए० भिर्मया ( जन्म तिथि 24-4-1943 ) को 17-1-1972 के दोपहर पूर्व से भारतीय सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क सेवा श्रेणी 1 में परिवीक्षाधीन अधिकारी नियुक्त किया है। श्री भिमैया को उसी तारीख से प्रशिक्षण निदेशालय, सीमाशुल्क और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, नई दिल्ली में विभागीय प्रशिक्षण के लिए तैनात किया गया है । टी० रामस्वामी, अवर सचिव ( आयकर संस्थापन) नई दिल्ली, दिनांक 7 मार्च सं० 49-1 - छुट्टी से लौटने पर, श्री एस० एस० हितकारी ने 31-1-72 के दोपहपूर्व से श्री बी० के० बागची, आयकर आयुक्त, पश्चिम बंगाल - 1, कलकत्ता को अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त करते हुए, आयकर आयुक्त, असम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर और त्रिपुरा, शिलांग का कार्यभार संभाल लिया। सं० 50- छुट्टी से लौटने पर, श्री स्वामी आनन्द बोधिसत्व ने 14-2-72 के दोपहपूर्व से श्री सी० वी० कोठारी, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त, भावनगर रेंज, भावनगर को अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त करते हुए, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त जामनगर रेन्ज, जामनगर का कार्यभार संभाल लिया । सं० 51 ~ श्री एन० एन० दास अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त, रेन्ज़ "आई" कलकत्ता, ने 29-1-72 के दोपहरबाद से, अपने स्वयं कार्य के अतिरिक्त, श्री जे० एम० दास के स्थान पर, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त, "एन०" और एफ" रेंज कलकत्ता का कार्यभार भी संभाल लिया । श्री वास छुट्टी पर गए हैं । सं० 52- छुट्टी से लौटने पर, श्री जे०एम० दास ने 92-1972 के दोपहरपूर्व से श्री एन० एन० दास, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त, रेन्ज "आई०" कलकत्ता को अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त करते हुए अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त रेन्ज "एफ० " कलकत्ता का कार्यभार और अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त रेन्ज "ए०" और "एन० " कलकत्ता का अतिरिक्त कार्यभार भी संभाल लिया है । सं० 53 - श्री बी० के० श्रीवास्तव, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त, रेन्ज " आई० " इलाहबाद ने 5-2-72 के दोपहरपूर्व से अपने स्वयं के कार्य के अतिरिक्त अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त रेन्ज "जी० " कलकत्ता का कार्यभार भी संभाल लिया है । सं० 54 -- श्री ओ० एन० त्रिपाठी, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त, गोरखपुर रेन्ज, गोरखपुर ने 1-2-72 के दोपहरबाद से श्री एन० आर० प्रभु, अपीलीय सहायक आयकर आयुक्त रेन्ज "सी०" कलकत्ता को अतिरिक्त कार्यभार से मुक्त कर हए, अपने स्वयं के कार्य के अतिरिक्त, अपीलीय सहायक आयकर अयुक्त, रेंज "एक्स॰" कलकत्ता का कार्यभार भी संभाल लिया है।
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तो, विस्तार में अधिक। श्रृंखला "ग्रीचांका" पर उत्कृष्ट काम चालक दल। अभिनेता और भूमिकाओं को बेहतर चुना जाता है और नहीं हो सकता। मुख्य चरित्र ओल्गा ग्रीशिना है यह - तातियाना नामक एक गाइड उसके मंगेतर ग्रेगोरि सेरेडू ने एंटोन फेकोटीस्टोव को खेला तस्वीर में नकारात्मक चरित्र ग्रेगरी सोफिया की मां है उनकी भूमिका अभिनेत्री ओल्गा सुमस्का के पास गई इसके अलावा, फिल्मी सितारों लित्विनेंको-Yasinovskaya विक्टोरिया (IL), Alymova अलीना (बेटी सोफिया ओल्गा), Fateev अलेक्सी (Lakshin सर्गेई), सोवा दिमित्री (निकोलस) कोलेस्निचेंको अलीना (सर्गेई की पत्नी), Bulitko विक्टोरिया (प्रेमिका तान्या जूलिया) Radchenko सेर्गेई (विक्टर), Saminin एंड्रयू (अभिनेता Gosha), बीन किरिल (साथी Grisha DiMA), Olga Morozova (Goshin पत्नी), विलानी एंटोनियो (लुसियानो), पोनोमारेंको एंड्री (Stas) Kalashnikova इरीना (नर्स क्रिस्टीन), Boyko वेलेंटाइंस (मां तान्या) Mostrenko एंड्रयू (प्रत्येक Lakshina कौआ) Cherevatenko एलेक्स (सेना सर्गेई पावेल प्रत्येक) Kochur मारिया (मिरोस्लाव), Vasko नतालिया Zinovenko अनातोली (स्पार्टक जेड) Kondratiuk रोमन (Antoshka) ग्लेशचेनेको जनवरी (प्रेमिका ओल्गा साशा), Drobot मार्क (ओल्गा का पति), Levitsky (क्लिनिक लिडा Semenovna के मालिक), व्लादिमीर (मरात Shaikenov चिकित्सक) Zadneprovsky व्लादिमीर (मिरोनोव), प्लेखानोव, व्लादिमीर (पुत्र Gosha Mitya), जिगोरो ऑरिका (निकोलस गलीना की मां) vertinskiy एलेक्स (सर्जियो) Tripenko Nastya (सर्गेई मरीना प्रेमिका), Nikolaenko व्लादिमीर (एम), Nikonorov व्याचेस्लाव (Misha), चेरी कैथरीन (पूर्व जुनून कोहली) Gershanik जूलिया (स्त्री फेफड़ों व्यवहार मैं), Komkova Xenia (धोखाधड़ी ऐलिस) Yaremchuk, बॉब हन्ना (मार्च)। श्रृंखला "क्रांति" कलाकारों और भूमिकाओं के निर्माताबहुत सावधानी से चुना गया। आइए मुख्य पात्रों के विस्तार में और अधिक विचार करें। चलो शुरूआत में तात्याना के साथ यह लड़की एक छोटे से प्रांतीय संग्रहालय में एक गाइड के रूप में काम करती है। नायिका बहुत सुंदर है, वह एक तुच्छ ग्रीक की तरह दिखती है। एक स्मार्ट, अमीर, सुंदर Muscovite शादी कर रही है, तान्या एक खुश महिला बनने की उम्मीद है। लड़की ओल्गा ग्रिसिना ने भी निभाई, "स्वता", "कल का युद्ध समाप्त हुआ," "1 9 43", "सबकुछ वापस आ जाएगी," "अधिकारियों की पत्नियों" की फिल्मों पर दर्शकों के लिए भी जाना जाता है। न केवल melodram श्रृंखला के प्रेमियों की तरह"ग्रीक महिला" अभिनेता और भूमिकाएं एक दूसरे के लिए परिपूर्ण हैं मुख्य पात्र, "सुंदर राजकुमार", एंटोन फेकोटीविस्तोव द्वारा चित्रित किया गया था, जो खुद को पूरी तरह से और स्वतंत्र रूप से कैमरे के सामने महसूस करते हैं। अभिनेता के खेल में एक सुखद प्रभाव छोड़ देता है एक प्रतिभाशाली और आकर्षक अभिनेता "द डेली केस नं। 1", "दी ट्रिकस्टर", "हैप्पी टिकीट", "द लुक इन अनन्तटीटी", "वॉन्गेलिया", "डॉली द भेड़ क्रोधित हुआ और जल्दी ही निधन हो गया।" सोफिया की नायिका ने एक प्रसिद्ध खेलायूक्रेनी अभिनेत्री ओल्गा Sumskaya। वह एक बड़ी सफलता थी। ऐसा लगता है कि एक महिला केवल बुराई करने के लिए पैदा होती है, दूसरों को दर्द का कारण बनती है। हालांकि, उसका जीवन "मीठा" होने से बहुत दूर है। तथ्य यह है कि वह इतनी मजबूत हो गई है कि वह अपने कठिन भाग्य का परिणाम है। वह दुनिया को "उसके" और "अजनबियों" में बिना किसी हिचकिचाहट के विभाजित करती है। इसके अलावा, वह बाद में हर तरह से नष्ट करने की कोशिश करती है, ताकि वे खुद को नुकसान न पहुंचे। कमजोरी के दुर्लभ क्षणों में, सोफिया अभी भी भ्रमित और निराश दिखती है। वह समझ में नहीं आ रही है कि क्यों उसके बच्चे बड़े होने के लिए बड़े नहीं हुए थे, क्यों वह दुबला नहीं था, कोई बात करने के लिए कोई नहीं था।
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बॉलीवुड के दिलकश अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत जिनका जबसे अपनी प्रेमिका अंकिता से ब्रेकअप हुआ है उसके बाद से ही सुशांत अपने आप को एकदम से अकेला सा महसूस कर रहे है, अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत अभी भी अंकिता के साथ में अपने रिश्ते से बाहर नहीं निकल पाए हैं. हाल ही में जब एक इंटरव्यू के दौरान सुशांत से उनकी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड रही अंकिता से हुए ब्रेकअप के बारे में पूछा गया, तो सुशांत ने कहा, 'मैं इस बारे में इस समय में कुछ नहीं कह सकता. सुशांत ने आगे कहा कि मुझे खुद अच्छा नहीं लगता, प्लीज समझने की कोशिश करें. ' अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के इस उत्तर से तो यह एकदम साफ़ जाहिर होता है की सुशांत अभी भी अपनी प्रेमिका को पूरी तरह से मिस कर रहे है. खबरों के मुताबिक, अंकिता व सुशांत के ब्रेकअप की बिल्कुल अलग ही वजह सामने आई है। इसके मुताबिक अंकिता परिवार की शुरुआत करना चाहती थीं, वहीं सुशांत फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं हुए। सूत्रों के मुताबिक अंकिता इसलिए भी परेशान थीं क्योंकि उन्हें एक सुपरस्टार के साथ अहम फिल्म को इसलिए छोड़ना पड़ा क्योंकि सुशांत की बॉलिवुड के एक टॉप प्रोडक्शन हाउस के साथ खटपट चल रही थी.
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हिन्दू धर्माभिमानी श्री. प्रभाकर भोसले की ओर से पुलिस में परिवाद प्रविष्ट ! - जो धर्माभिमानी हिन्दुओं के ध्यान में आता है, वह पुलिस के ध्यान में क्यों नहीं आता ? - ऐसी घटनाओं के विरोध में पुलिसद्वारा पूर्व से ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ? - परिवाद प्रविष्ट करने पर पुलिसकर्मी अपराध प्रविष्ट करते हैं; परंतु प्रत्यक्ष में अपराध होते समय भी पुलिसकर्मी कोई कार्रवाई क्यों नहीं करते ? मुंबई : कन्हैया कुमारद्वारा उसके कुर्ला (मुंबई) के आदर्श हायस्कुल में २३ अप्रैल २०१६ को आयोजित सभा में सुधीर ढवळे नामक एक विद्रोही लेखकद्वारा लिखित 'भांडवलाचा ब्राह्मणी देव बाळ ठाकरे' (भांडवल का ब्राह्मणी देव बाळ ठाकरे) पुस्तक का विमोचन एवं वितरण कर समाज में वैमनस्य उत्पन्न करने का प्रयास किया गया। इस विषय में यहां के नेहरूनगर पुलिस थाने में शिवकार्य प्रतिष्ठान, विक्रोली के श्री. प्रभाकर भोसलेद्वारा सुधीर ढवळे, कन्हैया कुमार एवं उसके सहयोगियों के विरोध में अपराध प्रविष्ट कर उन्हें दंड देने के विषय में परिवाद किया गया है। परिवाद करते समय श्री. भोसले ने कहा कि, १. यह पुस्तक अर्थात बालासाहेब ठाकरे पर की गई गंदी आलोचना है, उसे कोई प्रमाण अथवा आधार नहीं है ! २. इस पुस्तक की भाषा, रूख एवं जानकारी बालासाहेब ठाकरे एवं शिवसेना के कार्यकर्ताओं पर अकारण एवं बिना प्रमाण की आलोचना करनेवाली है ! ३. इस पुस्तक में पृष्ठ क्रमांक २० पर लिखा गया है कि, निष्ठावान लोगों को हिंसाद्वारा अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के अधिकार दिए गए हैं ! ४. पृष्ठ क्रमांक ३० पर 'जय भवानी जय शिवाजी' के नाम पर बाल ठाकरे के सैनिक, मनुष्यों की हत्या कर रहे हैं तथा पृष्ठ ३१ पर लेखकद्वारा शिवसैनिकों को हाथ में पत्थर ली हुई टोली का नाम दिया गया है ! ५. पुस्तक के ३२, ३३ एवं ३४ वें पृष्ठ पर किए गए लेखन में लेखक ने ऐसा संदेश दिया है कि, शिवसेना को हिंसा से रोकना पडेगा, जो सीधे शब्दों में लिखा नहीं है, तब भी पूरे लेखन से व्यक्त होता है ! ६. शब्दों में सीधी हिंसा न दर्शाते हुए अप्रत्यक्ष रूप से हिंसा के लिए एवं गुटों में वैमनस्य उत्पन्न करने का प्रयास करने एवं उसे भडकाने के उद्देश्य से यह पुस्तक लिखी गई है ! ७. इससे शिवसेना को माननेवाले एवं इस पुस्तक से भडके ऐसे दो गुट हो सकते हैं। इस से दंगे हो सकते हैं। समाज में अंतर उत्पन्न करना, गुट कर लडाई करना लेखक का उद्देश्य है ! ८. इंटरनेट पर लेखक सुधीर ढवळे के विषय में जानकारी से पता चला कि, इससे पूर्व भी ढवळे पर ऐसी पद्धति से अपराध प्रविष्ट किया गया था; परंतु प्रमाण के अभाव में उन्हें न्यायालयद्वारा मुक्त किया गया ! इस का अर्थ यह कि, लेखक की मानसिकता अपराधी होने की अधिक संभावना है !
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उपायुक्त कार्यालय, कामरूप (एम) के बारे मेंः जिला कामरूप मेट्रो को 3 फरवरी 2003 को पुराने कामरूप जिले को विभाजित करते हुए बनाया गया था। जिले का मुख्यालय गुवाहाटी है। कभी प्रागज्योतिषपुर (पूर्व का प्रकाश) के रूप में जाना जाता है, गुवाहाटी का नाम असमिया शब्द "गुवा" से आया है जिसका अर्थ है सुपारी और "हाट" का अर्थ है बाजार। गुवाहाटी में एक जादुई आभा है जो अभी भी लगातार बढ़ते शहर पर कायम है। उपायुक्त कार्यालय, कामरूप (एम) ने हाल ही में एक प्रशासनिक अधिकारी रिक्ति की भर्ती के लिए नौकरी की अधिसूचना मांगी है। इच्छुक उम्मीदवार नीचे निर्धारित पदों की संख्या, आयु सीमा, वेतन, योग्यता आदि के सभी नौकरी विवरण की जांच कर सकते हैंः उम्मीदवार ने असम में किसी भी उपायुक्त की स्थापना में कम से कम 15 (पंद्रह) वर्ष की सेवा की हो और विशेष रूप से सामान्य और स्थापना शाखा में विभिन्न शाखाओं में अनुभव किया हो और भारत में किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो। उपायुक्त कार्यालय, कामरूप (एम) नौकरी के लिए आवेदन कैसे करेंः उम्मीदवार जो इच्छुक है और सभी पात्रता को पूरा करता है, आयु, शैक्षणिक योग्यता, वर्तमान और स्थायी पता और विभिन्न शाखाओं में अनुभव बताते हुए प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रतियों द्वारा समर्थित आवेदन भेज सकता है, पिछले 5 (पांच) लगातार वर्षों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट के साथ हालिया पासपोर्ट आकार की तस्वीर की एक प्रति 20 मई 2022 को या उससे पहले "उपायुक्त कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिला, गुवाहाटी" तक पहुंच जानी चाहिए।
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Vande Bharat Train List: आठ वंदे भारत ट्रेन रोजाना सफर करती हैं और कुछ घटों ही घंटों में सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय कर लेती हैं। मेक इंडिया के कैंपेन के तहत इन ट्रेनों को चलाया गया है। Vande Bharat Train List: आजादी के अमृत महोत्वस और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने को ध्यान में रखते हुए साल 2019 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को सेमी-हाई स्पीड ट्रेन की सौगात दी थी। कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह ट्रेन में यात्रियों से सफल और सुखद यात्रा का खास ख्याल रखा जाता है। अब तक देश के अलग अलग हिस्से में आठ वंदे भारत ट्रेनें रोजाना पटरी पर दौड़ती हैं। नीले और सफेद रंग की ये ट्रेनें 160-180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती हैं। मौजूदा वक्त में पर चलने वाली आठ वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू किया गया है। इन ट्रेनों में नई दिल्ली-वाराणसी, नई दिल्ली-श्री वैष्णो देवी माता कटरा, गांधीनगर राजधानी-अहमदाबाद-मुंबई सेंट्रल, अंब अंदौरा-नई दिल्ली, मैसूर-पुरची थलाइवर डॉ एमजीआर चेन्नई मध्य, नागपुर - बिलासपुर, हावड़ा - न्यू जलपाईगुड़ी, और सिकंदराबाद - विशाखापत्तनम शामिल हैं। भारत की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी की तरफ से 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर लॉन्च किया गया था। ट्रेन आठ घंटे में 771 किमी की दूरी तय करती है। ट्रेन सोमवार और गुरुवार को छोड़कर सभी दिन चलती है। नई दिल्ली से वाराणसी के बीच एसी चेयर कार का किराया 1,805 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 3,355 रुपये है। 03 अक्टूबर, 2019 को गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से शुरू की गई देश की दूसरी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन 8 घंटे में 655 किलोमीटर की दूरी तय करती है और मंगलवार को छोड़कर सभी दिनों में चलती है। नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता कटरा का किराया एसी चेयर कार के लिए 1,545 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,805 रुपये है। गांधीनगर राजधानी-मुंबई सेंट्रल वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत 30 सितंबर, 2022 में की गई थी। यह ट्रेन 6 घंटे 20 मिनट में 520 किलोमीटर की दूरी तय करती है। ट्रेन रविवार को छोड़कर सभी दिन चलती है। दोनों स्टेशनों के बीच एसी चेयर कार का किराया 1,420 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का 2,630 रुपये है। अंब अंदौरा - नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस को 13 अक्टूबर, 2022 को हरी झंडी दिखाई गई थी। यह ट्रेन शुक्रवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है। यह ट्रेन 5 घंटे 25 मिनट में 415 किलोमीटर की दूरी तय करती है। दो स्टेशनों के बीच का किराया एसी चेयर कार के लिए 1,240 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,240 रुपये है। मैसूरु - पुरची थलाइवर डॉ एमजीआर चेन्नई सेंट्रल के बीच पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन 11 नवंबर, 2022 को किया गया था। यह ट्रेन बुधवार को छोड़कर सभी दिन चलती है। यह 6 घंटे 25 मिनट में 500 किलोमीटर की दूरी तय करती है। दो स्टेशनों के बीच का किराया एसी चेयर कार के लिए 1,365 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,485 रुपये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिसंबर, 2022 को नागपुर और बिलासपुर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। ट्रेन 5 घंटे 30 मिनट में यात्रा को कवर करती है। यह शनिवार को छोड़कर सभी दिन चलता है। नागपुर और बिलासपुर के बीच एसी चेयर कार का किराया 1,155 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का 2,065 रुपये है। हावड़ा - न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन 30 दिसंबर, 2022 को किया गया था। पूर्वी भारत की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन 7. 5 घंटे में पूरी यात्रा को कवर करती है। हावड़ा और न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशनों के बीच ट्रेन का किराया एसी चेयर कार के लिए 1,565 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,825 रुपये है। सिकंदराबाद-विशाखापत्तनम वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 जनवरी, 2023 को लॉन्च किया गया था। यह वंदे भारत सीरीज की सबसे नई ट्रेन हैं जिसका उद्घाटन किया गया। यह ट्रेन 8 घंटे 30 मिनट में 699 किलोमीटर की दूरी तय करती है। दो स्टेशनों के बीच ट्रेन का किराया एसी चेयर कार के लिए 1,665 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 3,120 रुपये है।
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जशपुरनगर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर की सड़कों पर डेरा जमाएं हुए निराश्रित मवेशियों की लगातार बढ़ती संख्या से शहर के मुख्य सड़क इन दिनों गोठान सा नजारा देखने को मिल रहा है। इन मवेशियों को काबू में करने में नगरपालिका पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। बीच सड़क में बैठे हुए इन मवेशियों से टकरा कर आए दिन वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहें हैं। सड़क हादसों को रोकने के लिए आयोजित राज्य और जिला स्तरीय समीक्षा बैठकों में भी आला अधिकारी,मवेशियों पर काबू पाने का निर्देश दे चुके हैं। फिलहाल तो इन निर्देशों का पालन,जिला मुख्यालय में होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष खरीफ फसल की बुआई के दौरान,फसल को मवेशियों से बचाने के लिए राज्य सरकार ने रोका छेका अभियान शुरू किया था। इस अभियान का आगाज करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सड़कों पर मवेशी नजर आने पर,नगरीय निकाय के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके,शहर में हालात जस के तस बने रहे। मवेशियों का झुंड महाराजा चौक से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक बीच सड़क में डेरा जमाएं बैठे,आसानी से देखा जा सकता है। 13 अगस्त को प्रमुख सचिव अमिताभ जैन ने भी विडियो कांफ्रेंस में सड़कों पर डेरा जमाएं मवेशियों को हटाने का निर्देश दिया था। इस वर्चुअल बैठक में कलेक्टर महादेव कावरे,एसपी विजय अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी जुड़े हुए थे। प्रदेश के आला अधिकारी के निर्देश का भी शहर में कोई असर नहीं नजर नहीं आ रहा है। निराश्रित मवेशियों को काबू में करने के लिए के लिए कानूनी रूप से नगरपालिका को अधिकार प्राप्त है। लेकिन इच्छा शक्ति के अभाव में पालिका के अधिकारी कार्रवाई करने की बजाय बहाने बनाते नजर आते हैं। वहीं,सड़क हादसों को रोकने के लिए यातायात पुलिस के जवान,सड़क के बीच में बैठे हुए इन मवेशियों को खदेड़ने के लिए मशक्कत करने के लिए मजबूर हैं। इन मवेशियों के पालकों के विरूद्व कार्रवाई करने के लिए यातायात पुलिस के जवानों को मशक्कत करनी पड़ती है। मवेशियों को कांजी हाउस पहुंचाने के लिए यातायात पुलिस के जवानों को दो किलोमीटर तक इन मवेशियों को खदेड़ कर लाना पड़ता है। यातायात पुलिस ने काउ कैचर वाहन उपलब्ध कराने के लिए नगर पालिका को तीन पत्र लिख चुकी है। लेकिन अब तक विभाग को ना इन पत्रों का जवाब मिला है और ना ही काउ कैचर वाहन ही उपलब्ध हो पाया है। नगरपालिका के रिकार्ड में नगरीय क्षेत्र में 122 मवेशी पालक हैं। इनमें से मात्र 77 पालकों ने ही पालिका में पंजीकरण कराया है। उन्होनें बताया कि एक साल के दौरान सड़कों में भटक रहे मवेशियों के 25 मामलों में जुर्माने की कार्रवाई करते हुए 16 हजार रूपए का जुर्माना वसूला है। उन्होनें बताया कि लापरवाह मवेशी पालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बुधवार को एक मामले में मवेशी पालक से 18 सौ रूपए जुर्माना वसूला गया है। साथ ही,फिर से मवेशी सड़क पर दिखाई देने पर,आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की चेतावनी दी गई है। नगर सरकार के इन दावों के बावजूद,निराश्रित मवेशियों की समस्या लगातार गंभीर बनी हुई है। इससे,पालिका के प्रति लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है. मांसपेशियों की मजबूती, वेट लॉस और रिकवरी में प्रोटीन की अहम भूमिका है. इसे डाइट में नैचुरल तरीके से या सप्लीमेंट के जरिए लिया जा सकता है. आमतौर पर जिम जाने वाले लोग प्रोटीन सप्लीमेंट ज्यादा लेते हैं. प्रोटीन सप्लीमेंट कई तरह के होते हैं, लेकिन इसमें सबसे फायदेमंद और लोकप्रिय व्हे प्रोटीन (Whey protein) है. व्हे प्रोटीन को आप बहुत आसानी से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये पाउडर के रूप में मिलता है और पानी, यॉगर्ट और कई अन्य ड्रिंक्स में मिलाकर इसे पिया जा सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट एक दिन में 25-50 ग्राम व्हे प्रोटीन (1 या 2 चम्मच) लेने की सलाह देते हैं. पोषक तत्वों के अलावा व्हे प्रोटीन में और भी कई फायदेमंद चीजें होती हैं. आइए जानते हैं कि आखिर हेल्थ एक्सपर्ट्स व्हे प्रोटीन को रोज लेने की सलाह क्यों देते हैं और क्या इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत- सारे सप्लीमेंट में व्हे प्रोटीन को सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि वो शुद्ध मट्ठे से बनता है. व्हे प्रोटीन दूध से बना प्रोडक्ट है लेकिन इसमें हाई क्वालिटी का प्रोटीन होता है क्योंकि इसमें सभी जरूरी नौ अमीनो एसिड होते हैं. इसके अलावा ये शरीर में आसानी से पच जाते हैं. एंटीऑक्सीडेंट फंक्शन को बढ़ाता है- व्हे प्रोटीन एंटीऑक्सीडेंट फंक्शन को बढ़ाता और मजबूत करता है. शरीर के टॉक्सिन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत जरूरी है, इनमें सबसे खास ग्लूटाथियोन एंटीऑक्सीडेंट है. ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में अमीनो एसिड से बनता है और अमीनो एसिड के लिए सही मात्रा में व्हे प्रोटीन लेना जरूरी है. वेट लॉस में मददगार- वेट लॉस के लिए सबसे जरूरी डाइट में प्रोटीन शामिल करना है. व्हे प्रोटीन तेजी से वेट लॉस करता है. ये कैलोरी की मात्रा कम करता है. व्हे प्रोटीन मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और स्वस्थ वजन बनाए रखता है. स्टडी में भी इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि सभी प्रोटीन में व्हे प्रोटीन वेट लॉस के लिए सबसे अच्छा है. ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है- डायबिटीज के मरीजों के लिए डाइट में कार्ब्स कम करना और ज्यादा प्रोटीन शामिल करना जरूरी है. स्टडीज के अनुसार, व्हे प्रोटीन इंसुलिन के स्तर को बढ़ाकर ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है. प्रोटीन के अन्य स्त्रोतों की तुलना में व्हे प्रोटीन डायबिटीज में ज्यादा फायदा पहुंचाता है. इंफ्लेमेशन में मददगार- इंफ्लेमेशन की वजह से पाचन तंत्र में कई तरह की दिक्कतें आ जाती हैं. क्रोहन्स डिजीज और कोलाइटिस जैसी बीमारी में व्हे प्रोटीन को बहुत कारगर माना गया है. अगर आप अपने पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो डाइट में व्हे प्रोटीन जरूर शामिल करें. व्हे प्रोटीन नेचुरल तरीके से इंफ्लेमेशन को कम करता है.
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अथ हल्लव नाम कवित लछण दूहौ वीस वीस चौतुक अखर, बेतुक कह बावीस । हल्ल सबद वर सुमझ, हल्लव नाम कहीसं ॥ २५४ अथ हल्लव नाम कवित उदाहरण हल हल्लिय गिराठ, सपत हल्लिय जळ सायर । धूजह हल्लिय धरण, गिरद हल्लिय नम छायर । सिर हल्लिय अध सेस, हहर चित्त कछप हल्लिय । हल्लिय दाढ़ वराह, दुसह हल हल्ल दहल्लिय । हल हल्लिय लंक गढ़ बंकसौ दस-धू पै हल काहल्लिय । हल्लिय पताख गजराज पै, विजै कटक राघव हल्लिय ।। २५५ कवित छप्पै नाम ताळू रब्यब लछण हौ लागै पढ़तां ताळवै, जीहा अग्र जरूर । कहजे छप्पय 'किसन' कवि, तिकौ ब्यंब ताळर ॥ २५६ अथ ताळ रव्यब छप्पै उदाहरण रट रट रे नर ईस, नाय औणे जिण सीसं । चाळ झाल कर चहू, देस ईछत जगदीसं ॥ ईस चळ सरणाय रीफ इज्जत द्रढ़ रक्ख्यण । दट ट त दूठ, ईस नां छोड धरण ।। २५४. चौतुक-चार तुक । २५५ हल हल्लिय- चलायमान हुए । सपत - सप्त, सात । सायर - सागर, समुद्र । धूजहध्रुव । वराह-विष्णुका एक श्रवतार विशेष । दलिय - भयभीत हुए, कपायमान हुए । दस-धू - दश शिर वाला रावण । ताळवं-तालु, तालू । जीहा - जिहा । तिकौ - वह् । व्यव ताळूर - तालूर व्यव । नाय-नमा कर । प्रोणे-चरणोमे । सरणाय - शरण देने वाला । रक्स्यण रखने वाला । दट - नाश पर प्रकृत- दुष्कर्म पाप । दूठ - दुष्ट, भयकर । ना-नही । श्रवक्खणअधक्षण ।
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भागवत ने कहा, 'जो धर्म मनुष्य को सुविधा संपन्न और सुखासीन बनाता है मगर प्रकृति को नष्ट करता है, वो धर्म नहीं है। उसी का अनुकरण अमेरिका और चीन को देखकर भारत करेगा तो ये भारत का विकास नहीं है। ' राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने भारत को अमेरिका या चीन जैसा न बनने देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर भारत यूएस या चीन जैसा बनने की कोशिश करता है तो यह उसका विकास नहीं होगा। भागवत ने कहा, 'जो धर्म मनुष्य को सुविधा संपन्न और सुखासीन बनाता है मगर प्रकृति को नष्ट करता है, वो धर्म नहीं है। उसी का अनुकरण अमेरिका और चीन को देखकर भारत करेगा तो ये भारत का विकास नहीं है। विकास होगा मगर भारत चीन और अमेरिका जैसा बनेगा। ' मोहन भागवत ने रविवार को मुबंई में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रकृति की रक्षा पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने वे आधार भी बताए जिन पर चलकर देश का विकास हो सकता है। भागवत ने कहा, 'भारत की दृष्टि, लोगों की परिस्थिति, संस्कार, संस्कृति, विश्व के बारे में विचार, इन सभी के आधार पर भारत का विकास होगा। अगर विश्व से कुछ अच्छा आएगा तो उसे लेंगे मगर हम प्रकृति और अपने शर्तो के अनुसार लेंगे। ' 'भारतीय संस्कृति में धर्म के बराबर कर्म' मोहन भागवत ने कुछ दिनों पहले कहा था कि भारतीय संस्कृति में कर्म को धर्म के बराबर माना जाता है और इसे एक 'विनिमय अनुबंध' के रूप में नहीं देखा जाता है। उन्होंने नागपुर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'प्रचलित दृष्टिकोण यह है कि अगर अनुबंध से संबंधित एक पक्ष अपनी प्रतिबद्धता को पूरा नहीं करता है, तो दूसरा पक्ष भी इसे पूरा करने से इनकार कर देगा। लेकिन यह दृष्टिकोण अब बदल रहा है और हमने अपने तरीके से सोचना शुरू कर दिया है। ' वहीं, मोहन भागवत 28 दिसंबर को उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जल की पवित्रता पर भारतीय विमर्श तैयार करने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ इसे जोड़ने पर अपने विचार रखेंगे। जल शक्ति मंत्रालय और दीनदयाल अनुसंधान संस्थान (डीआरआई) द्वारा आयोजित 'सुजलाम' नामक सम्मेलन 27 से 29 दिसंबर तक क्षिप्रा नदी के तट पर आयोजित किया जाएगा। डीआरआई के अधिकारी ने कहा कि सम्मेलन में लोक परंपराओं और सामाजिक रीति-रिवाजों में जल के विवरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। साथ ही जल से संबंधित त्योहारों का एक सार-संग्रह तैयार किया जाएगा।
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वीडियो में देखा जा सकता है कि कमांडो बगदादी के ठिकाने की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि ये तस्वीरें किसी ड्रोन से ली गई हैं, गोलियां भी चलती नजर आ रही हैं। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आज सुबह एक ट्रेन में आग लगने से 73 लोग जिंदा जल गए। हादसा इस्लामाबाद से 800 किमी. दूर रहीम यार खान जिले के लियाकतपुर में हुआ, जहां कराची-रावलपिंडी तेजगाम एक्सप्रेस में आग लगी। बताया जा रहा है कि ट्रेन में नाश्ता बनाते वक्त गैस सिलेंडर से ब्लास्ट हुआ। गुरुवार 31 अक्टूबर को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आज सुबह एक ट्रेन में आग लगने से 73 लोग जिंदा जल गए। आग कराची-रावलपिंडी तेजगाम एक्सप्रेस में भीषण आग लग गई। इस आगजनी में अब तक 73 यात्रियों की मौत की खबर है। वहीं कई यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। इस घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि ट्रेन में गैस सिलेंडर ब्लास्ट हुआ था। जिसके कारण ये हादसा हुआ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया के अगले कदम से संबंधी प्रस्ताव को पेश किया है। जिससे ट्रंप की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। व्हाइट हाउस ने महाभियोग को अवैध ढकोसला बताया है। चीन द्वारा शिनजियांग प्रांत में बड़ी संख्या में उइगर समुदाय के लोगों को हिरासत में लिए जाने का मामला ब्रिटेन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में उठाया गया। जिसमें बीजिंग के मानवाधिकार रिकार्ड की निंदा की गयी है। ढाका के रूपनगर आवासीय इलाके में एक स्कूल के पास गैस सिलेंडर फटने से पांच बच्चों की मौत हो गई। चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। गैस सिलेंडर में विस्फोट तब हुआ जब एक विक्रेता दोपहर 3:00 बजे के आसपास मोनीपुर स्कूल के पास रोड नंबर 11 पर एक गुब्बारे को फुला रहा था। पाक के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फेसबुक पोस्ट कर गुरु नानक देव की 550 वीं जयंती के अवसर पर स्मारक सिक्का जारी करने की घोषणा की है। नौ नवंबर को करतारपुर गलियारे का उद्घाटन होना है। करतारपुर साहिब रावी नदी के पार पाकिस्तान के नरोवाल जिले में स्थित है। कैमरून के पश्चिमी शहर बाफोउसाम में लगातार बारिश के बाद हुए भूस्खलन में 42 लोगों की मौत हो गई। लोगों की तलाश जारी है। मृतक संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। प्रधानमंत्री ने सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और वली अहद मोहम्मद बिन सलमान के साथ अनेक मुद्दों पर बातचीत की और इस दौरान अहम मुद्दों पर समन्वय के लिए रणनीतिक साझेदारी परिषद का गठन किया गया। विडियो में अली अमीन कहते हैं, 'यदि कश्मीर को लेकर भारत के साथ तनाव बढ़ता है पाकिस्तान को युद्ध के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जो देश ऐसे में भारत का समर्थन करेंगे, उन्हें हम दुश्मन मानेंगे और भारत के अलावा उन देशों पर भी मिसाइल दागी जाएगाी। '
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हरियाणा के सोनीपत में बाइक सवार बदमाशों ने पहले मोटरसाइकिल में 800 रुपए का पेट्रोल डलवाया। सेल्समैन को रुपए देने की बजाय पिस्तौल तान कर 3 हजार रुपए और लूट कर फरार हो गए। थाना बहालगढ़ पुलिस ने सेल्समैन की शिकायत पर दो बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पंप पर लगे सीसीटीवी से उनकी पहचान के प्रयास हो रहे हैं। दूसरी तरफ गोहाना शहर में आधे घंटे में बाइक सवार 3 बदमाशों ने लूट की 2 वारदातें अंजाम दी। गांव टांडा (झुंडपुर) के विजय ने बताया कि वह एक डेढ़ महीने से गढ़मिरकपुर स्थित यमुना पेट्रोल पंप पर सेल्समैन का काम कर रहा है। गुरुवार को पौने 3 बजे के करीब एक मोटर साईकिल पर सवार 2 युवक पंप पर पहुंचे। उन्होंने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था। दोनों में से एक फोन पर बात करने लगा और दूसरे ने बाइक में 800 रुपए का पेट्रोल डलवाया। पेट्रोल डलवाने के बाद युवक ने अपनी बाइक आगे कर ली। उसने युवक से पैसे मांगे। इस बीच उसके साथी ने जेब से पिस्तौल निकालकर उस पर तान दी। 800 रुपए देने की बजाय वे उसकी जेब से 3000 रुपए और निकालकर फरार हो गए। पेट्रोल पंप पर दूसरी मशीन पर वाहन में डीजल डाल रहे आविद से भी बदमाशों ने रुपए मांगे। पेट्रोल पंप पर उस दौरान आकीब, बंटी आदि भी थे। उनको देखकर बदमाश बाइक लेकर फरार हो गए। हथियारबंद होने के कारण वे उनको रोक नहीं पाए। थाना बहालगढ़ के एसआई हरेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने सेल्समैन विजय की शिकायत पर दोनों अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धारा 379B,34 IPC व 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी से बदमाशों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। सोनीपत के गोहाना शहर में बाइक सवार 3 बदमाशों ने आधे घंटे के अंतराल में लूट की दो वारदातों को अंजाम देकर सनसनी फैला दी। पहली वारदात रात 10 बजे के करीब राम नगर में रहने वाले गोविंद के साथ हुई। वह घर के बाहर खड़ा मोबाइल फोन पर बात कर रहा था। इसी बीच HR-11P-4564 नम्बर की बाइक पर सवार तीन युवक आए और उसका मोबाइल फोन छीन ले गए। दूसरी वारदात साढ़े 10 बजे के करीब गांव चिड़ाना के रोहताश के साथ हुई। वह इक्को गाड़ी से गोहाना बस स्टैंड पर सवारी छोड़ने आया था। वह गाड़ी चलाने लगा तो उसी दौरान 3 युवक अचानक से वहां आ गए। युवक उस पर हमला कर उसका पर्स छीन ले गए। पर्स में 1800 रुपए और कुछ डॉक्यूमेंट थे। ये तीनों लड़के HR-11P-4564 नम्बर की बाइक पर फरार हुए। गोहाना पुलिस ने दोनों वारदातों को लेकर पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी की मदद से युवकों का सुराग लगाने में जुटी है। बाइक नंबर की जानकारी भी जुटाई जा रही है। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि ये बाइक चोरी या छीनी हुई हो सकती है। ASI कुलदीप ने बताया कि पुलिस आगामी कार्रवाई में लगी है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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माइकल शूमाकर के सिडेशन (दवा देकर बेहोश करना) को कम किया जा रहा है ताकि उन्हें "होश में लाने की प्रक्रिया" को शुरू किया जा सके. उनकी मैनेजर सैबीन कह्म ने एक बयान में कहा कि फार्मूला वन लीजेंड को कोमा से बाहर लाने की इस प्रक्रिया में समय लग सकता है. पिछले साल 29 दिसंबर को फ़्रेंच एल्प्स में स्कीएंग के दौरान हुई एक दुर्घटना में शूमाकर के सिर में गंभीर चोट लगी थीं. ग्रेनोबल के एक क्लीनिक में उनके ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उन्हें चिकित्सीय रूप से कोमा में रखा हुआ है ताकि उनके दिमाग में बने खून के थक्कों को निकाला जा सका. डॉक्टरों ने 45 वर्षीय जर्मन फार्मूला वन ड्राइवर को नींद में इसलिए रखा है ताकि उनके दिमाग में सूजन कम हो जाए. शूमाकर की दुर्घटना के ठीक एक महीने बाद बुधवार को मीडिया ने कह्म को संपर्क कर उनसे शूमाकर की स्थिति जाननी चाही थी. कह्म का कहना थआ कि उनकी स्थिति "स्थिर" बनी हुई है. बयान में शूमाकर के परिवार और उनके डॉक्टरों की निजता का ख़याल रखने की अपील की गई है. हालांकि बयान में "दुनिया भर से मिली सहानुभूति के लिए बेहद आभार" भी जताया गया है. दुर्घटना के बाद से दुनिया भर से सैकड़ों चिट्ठियां और उपहार उनके परिवार को मिले हैं. इसी महीने की शुरुआत में दुर्घटना की जांच कर रहे जांचकर्ताओं ने कहा था कि दुर्घटनास्थल, रिज़ॉर्ट ऑफ़ मेरिबेल, में शूमाकर "बहुत अच्छे स्कीयर" की रफ़्तार से स्कीइंग कर रहे थे. विशेषज्ञों ने शूमाकर के स्कीइंग उपकरण और उनके हेल्मेट में लगे कैमरे की फ़ुटेज के आधार पर दुर्घटना का दृश्य पुनर्निर्मित किया ताकि दुर्घटना के कारणों का पता चल सके. फ़ॉर्मूला वन रेसिंग में 19 साल के करियर के बाद शूमाकर 2012 में रिटायर हो गए थे. उन्होंने बेनेटन के साथ 1994 और 1995 में खिताब जीते थे. 1996 में उन्होने फ़ेरारी का साथ रेसिंग शुरू की और 2000 तक लगातार पांच खिताब जीते. (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए यहां क्लिक करें. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं. )
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बीजेपी की निलंबित नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर उनकी टिप्पणी के लिए कड़ी फटकार लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के जजों में से एक जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि संवेदनशील मामलों में सोशल मीडिया ट्रायल के जरिए न्यायिक प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप किया जाता है। उन्होंने कहा कि जजों पर उनके फैसलों को लेकर व्यक्तिगत हमले एक खतरनाक परिदृश्य की ओर ले जाते हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने सुप्रीम कोर्ट के जजों जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस सूर्यकांत को नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान उनकी मौखिक टिप्पणियों के बाद निशाना बनाया। नूपुर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए। अपनी याचिका में उन्होंने अपनी जान को खतरा भी बताया था। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जजों ने नूपुर शर्मा पर तल्ख टिप्पणियां की थीं। जजों ने कहा था उनकी विवादित टिप्पणी के बाद देश में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। उदयपुर की घटना के लिए भी उनके बयान को जजों ने जिम्मेदार ठहराया था। जजों ने कहा था कि उनकी टिप्पणी की वजह से देश भर में लोगों की भावनाएं भड़की हैं। साथ ही यह भी कहा था कि पैगंबर के खिलाफ नूपुर शर्मा की टिप्पणी सस्ते प्रचार, राजनीतिक एजेंडे या कुछ नापाक गतिविधियों के लिए की गई थी। नूपुर शर्मा पर तल्ख टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी थी तीखी प्रतिक्रियाएंः रविवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि संविधान के तहत कानून के शासन को बनाए रखने के लिए पूरे देश में डिजिटल और सोशल मीडिया को रेगुलेट करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत में, जिसे पूरी तरह से परिपक्व लोकतंत्र के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है, सोशल मीडिया का इस्तेमाल अक्सर विशुद्ध कानूनी और संवैधानिक मुद्दों का राजनीतिकरण करने के लिए किया जाता है। बता दें कि नूपुर शर्मा के खिलाफ सख्त टिप्पणी करने वालों जजों को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी थीं। जजों को सोशल मीडिया पर यूजर्स ने जजों को ट्रोल किया था।
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IPL 2022 में मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच मुकाबले के शुरू होने से पहले रवींद्र जडेजा और रोहित शर्मा के बीच मजेदार नोंकझोंक हुई. (IPL Instagram) नई दिल्ली. आईपीएल 2022 मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स दोनों के लिए अब तक अच्छा नहीं बीता है. लेकिन, इसके बावजूद दोनों टीमों के कप्तानों रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा ने हंसने का मौका निकाल ही लिया. दरअसल, आईपीएल 2022 का 33वां मैच चेन्नई और मुंबई के बीच खेला जा रहा है. इस मैच के शुरू होने से पहले टॉस के दौरान ऐसा कुछ हुआ, जिसने दोनों ही कप्तानों को हंसने पर मजबूर कर लिया. दरअसल, इस मैच में टॉस चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान रवींद्र जडेजा ने जीता. इसके बाद उन्होंने गेंदबाजी का फैसला लिया और कॉमेंटेटर निक नाइट, जो टॉस के लिए वहां मौजूद थे, उनके सवालों के जवाब देने के बाद, जब जडेजा वापस डग आउट की तरफ लौट रहे थे, तब रोहित ने उन्हें रोक लिया और उनसे कहा, "तूने तो मुझे पहले बैटिंग का कहा था, जिस पर हंसते हुए रवींद्र जडेजा ने कहा कि नहीं मैंने बॉलिंग का कहा था". इसके बाद नाइट ने भी रोहित से कहा कि क्या जडेजा ने आपको अपने फैसले के बारे में बताया नहीं. रोहित कॉमेंटेटर के पास जाकर बात करते, उससे पहले दोनों को इस एक वाकये ने हंसने का मौका दे दिया. बता दें कि रोहित और जडेजा लंबे वक्त से टीम इंडिया का हिस्सा हैं और दोनों के बीच हुए इस वाकये को देखकर तो यह अंदाजा लग ही जाता है कि इनके बीच की बॉन्डिंग कितने कमाल की है. इस मुकाबले के लिए मुंबई इंडियंस ने अपने प्लेइंग-XI में तीन बदलाव किए हैं. तेज गेंदबाज राइली मेरेडिथ ने मुंबई के लिए डेब्यू किया, वहीं ऑफ स्पिनर रितिक शौकीन का भी यह पहला आईपीएल मैच है. इसके अलावा डेनियल सैम्स की मुंबई की प्लेइंग इलेवन में वापसी हुई है. मुंबई इंडियंस की शुरुआत अच्छी नहीं रही और टीम ने अपना पहला विकेट मैच के पहले ओवर की दूसरी ही गेंद पर गंवा दिया. पेसर मुकेश चौधरी ने मुंबई के कप्तान और सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को खाता खोले बगैर पवेलियन भेज दिया. जब रोहित आउट हुए उस समय मुंबई का खाता भी नहीं खुला था. रोहित का कैच मिचेल सैंटनर ने लपका. रोहित इसी के साथ आईपीएल के इतिहास में सबसे अधिक बार शून्य पर आउट होने वाले बल्लेबाज बने. वे 14वीं बार बिना खाता खोले लौटे. .
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अगर पहाड़ आपको प्रिय हैं तो हल्द्वानी से पर्वत दिखते ही मन हुलसने लगेगा, हमें तो nostalgia हो आया। लगा कितने दिन लगा दिए इस बार! और फिर भीमताल चढ़ने लगे। पहली बार ऑफ सीज़न में आए हैं सो इतने कम यात्री देखने को अनअभ्यस्त आँखों को सुकून मिला। शाम के 5 बजने को थे, अभी भीमताल से मुक्तेश्वर पहुँचने में कुछ समय था। 5 साल में आज ये रास्ता काफी विकसित और प्रकाशमय हो गया था। फिर भी जो लोग यहाँ आये हैं उन्हें पहाड़ के संकरे मोड़ों का घुमावदार कटाव मालूम होगा, एक लापरवाही और गहरी खाई ! जगह जगह पहाड़ से प्राकृतिक झरने रिसते मिल जाएंगे, यही है शुध्ध्तम मिनरल वाटर। चुल्लू लगाइए और आराम से पीजिए। अंधेरा गहरा रहा था। पतिदेव गूगल बाबा और फोन की मदद से धाना चूली तक मज़े मज़े में गाड़ी खींच लाए। बताते चलें इस रास्ते पर 1km पार करने में 3-4 मिनट आराम से लगा। Camp Craft पहुंचना था हमें, मुक्तेश्वर से कुछ पहले ही। गाड़ी पहुंची, मेज़बान लड़के खड़े थे एक डेड एंड पर। हमें परिचय देकर बहुत इत्मिनान से उन्होंने कुडकुड़ाती रात मे हमारा समान लादा और हमें अपने पीछे आने को कहा। 50 मीटर की सीधी चढ़ाई के बाद जो दृश्य दिखा वो न लिखा जा सकता है न उसकी तस्वीर उतर सकती है, उसे महसूसना होगा! पत्थर से कटे सीढ़ियों के बीच छोटी छोटी लाल झोपड़ियाँ, कई रंगों के झिलमिलाते बल्ब, हरी लाल पगदंडियाँ , टेंट, धीमा संगीत और गिरजे की घंटियों जैसी मीठी विंड चाइमस्! लगा धरती पर कहीं स्वर्ग है तो यहीं है, यहीं है! हम फ्रेश होने टेंट में आये तो मुँह खुला रह गया, साफ़ सुथरा बिस्तर, पानी गरम करने की केटली, जग, सोलर गीज़र, सब आधुनिक सुविधाओं से लैस टेंट में चप्पल ले जाना मना था,भीतर एक जोड़ी चप्पल थी। स्वच्छता के लिए ये जतन हमें बहुत अच्छा लगा। हमारे लिए मेज़बान ने बोन फायर जला दी और मिला गरमा गरम चाय का प्याला! आग तापते हुए पता चला इन पहाड़ी लड़कों ने ये कैंप खुद ही बनाया और सजाया है केवल एक वेल्डिंग और चुनाई का काम छोड़कर सीढियाँ, फर्श बनाना और पूरा इंटीरियर और आर्किटेक्चर इन्हीं का है। हम तो हतप्रभ रह गए। फिर स्वादिष्ट दाल मखनी, शाही पनीर के साथ पहाड़ी मिर्चों का स्वाद लिया, सच आनंद आ गया। अब पहाड़ पर रात सांय सांय कर रही है, हाथ में दो दिन और हैं मुक्तेश्वर के लिए। फिलहाल आँखें बंद हो रही हैं, कल देखते हैं क्या क्या कर पाते हैं! ये मौलिक रचना व फ़ोटो हैं, इन्हें बिना अनुमति कहीं प्रयोग करना दंडनीय होगा।
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आइनस्टाइन और फ्रायड की देन कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है । अरॉय के विचार में फ्रायड, मार्क्स और डार्विन ने नयो कविता के बारे में नई दृष्टि प्रदान की है इसलिए उनका प्रभाव नई कविता पर भी पड़ा है। डार्विन ने जैविक सम्बन्धों पर मार्क्स ने आर्थिक और फ्रायड ने मानसिक सम्बन्धों पर प्रकाश डाला है । फ्रायड और एडलर के अतिरिक्त अज्ञेय इलियट के विचारों से भी प्रभावित दिखाई देते हैं । इलियट के विचारों के प्रति उनके मत में पूर्ण से आस्था है । उन्होंने अपनी पुस्तक 'त्रिशंकु में 'हदि और मौलिकता' शीर्षक से इलियट के टूडिशन एण्ड दी इण्डिविजुअल टैलेण्ट' निबन्ध का प्रायः भावानुवाद ही किया है । वे इलियट के इस विचार को मानते हैं कि -- कविता भावों का उन्मोचम नहीं है, बल्कि मावों से मुक्ति है, वह व्यक्तित्व की अभिव्यंजना नहीं बल्कि उससे मोा है ।' इलियट के अनुसार कलाकार जितना ही सम्पूर्ण होगा, उतना ही भोगनेवाले प्राणी और रचनेवाले मनीषा का पृथकत्व स्पष्ट होगा ।' इसी पृथकत्व अथवा तटस्थता का जिक्र करते हुए अज्ञेय लिखते हैं -- जब साहित्यकार अनुभूतियों का चित्रण ही नहीं, उसके आगे बढ़कर अनुभूतियों का यथार्थ वस्तुजगत के साथ कार्य-कारण सम्बन्ध मी व्यक्त कर देता है, तभी उसे वह तटस्थता प्राप्स प्राप्त होती है और उसकी रचना को वह शक्ति जो परिवर्तन को सम्भव बनाती है ।' विभिन्न विद्वानों ने अज्ञेय की डी०एच० लारेंस, रोम्याँ रोलॉ, सार्च वादि पाश्चात्य साहित्यकारों से भी प्रभावित माना है। स्वयं असेय ने भी अपने शेखर को रोम्याँ रोलों के ज्याँ ख्रिस्तोफ से प्रेरित स्वीकार १ अरोय : आत्मनेपद, पृ०सं० १६६ । २ अज्ञेय : रेडियो परिसंवाद, प्रतीक जून, १९५१ ३ इलियट : सिलेक्टेड एसैन, पृ०सं० २१ । ४ अज्ञेय : त्रिशंकु, पृ०सं० १८ ५ वही, पृ०सं० ७८ । 4 अज्ञेय : वात्मनेपद, पृ०सं० ६४ ।
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यूपी के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने रामचरित मानस पर विवादित बयान देने वालों को बाबर की संतान करार दिया है। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव को सियासत के लिहाज से नासमझ भी बताया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर रविवार देर शाम मीडिया से बात करते प्रदेश के सहकारिता मंत्री ने कहा कि जो भी रामचरितमानस के बारे मे उल्टा -सीधा बोल रहे हैं, वह सब बाबर की संतान हैं। जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई हैं, ऐसे लोगों से हम और राम भक्त क्या उम्मीद कर सकते हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और सपा मुखियाअखिलेश यादव पर हमला करते हुए कहा कि दोनों सियासत के लिहाज से नासमझ हैं। एक प्रश्न के उत्तर में सहकारिता मंत्री ने बताया कि 2024 के संसदीय चुनाव में हमारी पार्टी प्रचंड बहुमत से जीतेगी। हम तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने जा रहे हैं। धर्म और सियासत के सवाल पर उनका कहना था कि इस वक्त जितना ही प्रहार हो रहा है, वह सब सनातन धर्म पर किया जा रहा है। आने वाले इलेक्शन में राज्य की जनता ऐसा करने वालों को मुहतोड़ जवाब दे देगी। उन्होंने ने कहा कि विपक्षियों को किसी भी जाति से मतलब नहीं है। चाहे अगड़े हों या पिछड़े, उनको तो अपनी सियासी रोटियां सेकना है। भाजपा की सरकार से देश और प्रदेश के लोग सभी खुश हैं, किसान भी संतुष्ट है। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अनुराग पांडेय, रमाकांत दुबे, कलपेंद्र भारती समेत अन्य भाजपाई उपस्थित रहे।
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परिवार स्थापित करने में सफल होने की चेष्टा करे, बाद में आदर्श नगर और देश ते देर न लगेगी। देश के नवनिर्माण से पहले गृहस्थी का नवनिर्माण होना अधिक ज़रूरी है । वृद्ध और नवयुवकों का जब पूर्ण सहयोग होगा, समाज की बहुत सी कुरीतियां भी दूर हो जाएँगी । नवयुवकों का सहयोग पाकर वृद्ध अपने में नवजीवन की स्फूर्ति अनुभव करेंगे जब कि अनुभवी वृद्धों के साए में रहकर नवयुवक गुमराह होने से बच जाएंगे। अतएव आर्थिक, सामाजिक तथा धार्मिक उत्थान के लिए यह आवश्यक है कि गृहस्थी का नवनिर्माण तेज़ी के साथ किया जाय श्रीर समस्याओं को सुलझाकर पारिवारिक जीवन को परस्पर सहयोग से सब प्रकार से पूर्ण और सुखी बनाने की भरसक चेप्टा की जाय । सरोवर के 'कमलों की तरह स्वजनों का भी परस्पर सहायता और सहयोग से उत्कर्ष होता है । सुखी समाज की आधारशिला - कहावत है घर-घर मिट्टी के चूल्हे हैं। पारिवारिक समस्याओं से कोई घर अछूता नहीं है। पर वाधाओं से जूझते हुए आगे बढ़ने का नाम ही ज़िन्दगी है। सुखी परिवार ही सुखी समृद्धशाली समाज का निर्माण करने में सफल होते हैं पर पारिवारिक जीवन तभी सफल हो सकता है जबकि दम्पतिसमझदार हों वे अपने कर्त्तव्य को निभाने की भरसक चेप्टा करते हों। आजकल मध्यम वर्ग में पारिवारिक जीवन की आधारशिला हिली हुई है। क्योंकि दुर्वल चरित्र, स्वार्थ, असहनशीलता ने उन्हें पारिवारिक ज़िम्मेदारियाँ सँभालने के योग्य नहीं रहने दिया । ऐसे दम्पति विवाह के पवित्र वन्धन को कोसते हैं, पर देखा जाय तो यह उनके चरित्र की अपनी कमज़ोरी जो उनके वैवाहिक जीवन को सफल नहीं बनने देती । पारिवारिक जीवन को सफल बनाने के लिए त्याग, सहनशक्ति, मानसिक प्रौढ़त्व और समझदारी की जरूरत है । पुरुष और स्त्री एक-दूसरे के पूरक हैं। इस नैसर्गिक सम्बन्ध को बनाए रखने के लिए समाज ने विवाह प्रणाली को स्वीकार किया । पर इस सम्बन्ध को केवल लोकापवाद के डर से निभाना असम्भव है । दाम्पत्य जीवन की सफलता शारीरिक आकर्षण की अपेक्षा पति-पत्नी की मानसिक और आत्मिक एकरूपता पर अधिक निर्भर है । यदि आपमें मानवोचित गुण हैं तो ग्राप जिसे अपनाते हैं, उससे प्रेम करना भी सीख जाते हैं । प्रेम का दीपक लग्न के साथ जलाया जाता है, उसे वासनारहित प्रेम से सींचा जाता है और स्वार्थ, असहनशीलता, अविवेक आदि के झोंकों से उसे बड़ी साधना से, बड़े यत्नों से बचाया जाता है, तब जाकर वह गृहस्थाश्रम को प्रकाशपूर्ण और आनन्दमय वना पाता है। विवाह का उद्देश्य - केवल शारीरिक आकर्षण की डोर से बँधकर यह सम्बन्ध स्थायी नहीं हो सकता। ऐसा प्रेम वासना की क्षणिक चिनगारी ज़रूर पैदा कर देगा पर आत्मा को आनन्दित नहीं कर सकता। महात्मा गांधी ने ठीक ही कहा है कि "विवाह का उद्देश्य पति-पत्नी के हृदय को हीन भावनाओं से शुद्ध करके उन्हें भगवान् के निकट ले जाना है । विवाह का आदर्श दो हृदयों की प्रेम-भावना तक ही सीमित नहीं है, यह
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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हेल्थ डेस्कः माना जाता है कि शराब हमारी सेहत के लिए हानिकारक होती है। इसका सेवन करने से आप मौंत के गाल में भी समा सकते है। लेकिन आप ये बात नहीं जानते है कि शराब पीने से भी कई फायदे मिलते है। बशर्ते यह एक लिमिट तक पी जाएं, तो फायदेमंद साबित होती है। (रोजाना सिर्फ एक गिलास करें इसका सेवन और पाएं पीरियड्स संबंधी हर समस्या से निजात) हाल में ही एक शोध हुआ जिसमें ये बात सामने आई कि शराब आपके दिमाग के लिए भी काफी फायदेमंद है। इस शोध के अनुसार शराब पीने से आपका दिमाग तेज होता है। रिसर्च में यह पाया गया है कि किसी चीज को पढ़ने के बाद शराब पीने से वास्तव में आप उसे याद रख सकते हैं कि आपने क्या सीखा है। (सावधान! बढ़ रहे है कम उम्र में हार्ट अटैक आने के मामले, ये है मुख्य कारण) हालांकि रिसर्चर इस बात पर जोर देते हैं कि शराब के सीमित सेवन से ही दिमाग पर सकारात्मक असर पड़ता है। अत्यधिक सेवन से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते है। इसलिए इसका सीमित मात्रा में सेवन ही फायदेमंद हो सकता है। हालांकि शोधकर्ताओं का मानना है कि शराब ने नई जानकारी सीखने को अवरुद्ध किया है। एक्सीटर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सेलेरिया मॉर्गन ने इस थ्योरी को हिप्पोकैम्पस बताया है कि मेमोरी में ब्रेन वाला हिस्सा काफी अहम होता है जो हमारी यादों को कम समय से लंबे समय तक दिमाग में स्थानांतरित करने में मदद करता है। इस रिसर्च के लिए 88 लोगों को लिया गया। जिसमें 31 पुरुष और 57 महिलाएं शामिल थी। जिनकी उम्र 18-53 आयु वर्ग के बीच थी। इन सभी लोगों को एक शब्द सीखने के लिए दिया गया था। परिणाम यह निकला कि शराब नहीं पीने वालों की तुलना में शराब पीने वालों को यह शब्द याद थे जबकि एक दूसरे टास्क में इन लोगों को एक फोटो को देखने को कहा गया। इसमें भी वही परिणाम देखने को मिला। शराब पीने वालों को अगले दिन भी उस इमेज के बारे में पता था।
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ICSI CS December 2021: इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने सीएस परीक्षा के दिसंबर 2021 संस्करण के लिए नामांकन विंडो को फिर से खोल दिया है। ICSI CS December 2021: इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (ICSI) ने सीएस परीक्षा के दिसंबर 2021 संस्करण के लिए नामांकन विंडो को फिर से खोल दिया है। विंडो आईसीएसआई की आधिकारिक वेबसाइट icsi. edu पर 12 नवंबर तक खुली रहेगी। दिसंबर 2021 परीक्षा सत्र के लिए परीक्षा नामांकन ऑनलाइन विंडो 10 नवंबर से 12 नवंबर, 2021 को दोपहर 2 बजे तक फिर से खोली जाएगी। आईसीएसआई द्वारा आधिकारिक नोटिस के अनुसार 10 नवंबर से 12 नवंबर के बीच परीक्षा केंद्र, माध्यम और मॉड्यूल बदलने के लिए ऑनलाइन विंडो बंद रहेगी। ऑनलाइन सुधार विंडो 1 नवंबर को दोपहर 3 बजे फिर से खुलेगी। सुधार विंडो 20 नवंबर तक खुली रहेगी। फाउंडेशन, कार्यकारी और व्यावसायिक कार्यक्रमों के लिए सीएस परीक्षा दिसंबर और जनवरी में आयोजित की जाएगी। सीएस फाउंडेशन परीक्षा 3 और 4 जनवरी को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड में रिमोट प्रॉक्टरिंग के जरिए होगी। परीक्षा प्रतिदिन चार बैच में होगी। सीएस एग्जीक्यूटिव और प्रोफेशनल परीक्षा 21-30 दिसंबर के बीच होगी। परीक्षा दोपहर 2-5 बजे से एक ही सत्र में आयोजित की जाएगी।
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।यमुरा (Yamura) वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। वृश्चिक राशि के यमुरा नाम की लड़कियों के आराध्य देव गणेश जी होते हैं। जिस मौसम में पेड़ों की जगह सड़कों पर पत्ते दिखाई देते हैं उस मौसम में यमुरा नाम की लड़कियाँ पैदा होते हैं। यमुरा नाम की लड़कियाँ डायबिटीज, सेक्स ऑर्गन्स, पेल्विस की हड्डी, और मूत्र प्रणाली के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं। यमुरा नाम की लड़कियाँ शराब को हाथ न लगायें तो इनके लिए बेहतर होगा। सेहत की दृष्टि से तनाव से दूर रहना इनके लिए फायदेमंद साबित होगा। इन यमुरा नाम की लड़कियों में अनुशासन और दूसरों की रक्षा करने का गुण कूट कूट कर भरा होता है। यमुरा नाम बहुत सुंदर और आकर्षक माना जाता है। इतना ही नहीं इसका मतलब भी बहुत अच्छा होता है। आपको बता दें कि यमुरा नाम का अर्थ चांद होता है। अपनी संतान को यमुरा नाम देकर आप उसके जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं। इस वजह से भी बच्चे का नाम यमुरा रखने से पहले उसका अर्थ पता होना चाहिए। नाम का मतलब चांद होने की वजह से यमुरा नाम के लोगों को समाज में भी बहुत पसंद किया जाता है। कुछ सामाजिक अवधारणाओं के अनुसार यमुरा नाम का अर्थ व्यक्ति के स्वभाव से जुड़ा होता है, यानी कि यमुरा नाम का अर्थ चांद है तो आपके स्वभाव में भी इसकी झलक दिखेगी। आगे यमुरा नाम की राशि व लकी नंबर अथवा यमुरा नाम के चांद अर्थ के बारे में विस्तार से बताया गया है। यमुरा नाम का राशि ग्रह मंगल और शुभ अंक 9 होता है। मंगल का प्रभाव होने के कारण यमुरा नाम की लड़कियां जीवन में कभी हार नहीं मानती। ये हर मुश्किल का डटकर सामना करती हैं। जीवन के शुरुआती समय में यमुरा नाम की लड़कियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन आगे चलकर ये अपनी मेहनत और दृढ इच्छा से सफलता जरूर प्राप्त करती हैं। 9 अंक वाले लोगों में साहस की कोई कमी नहीं होती, इसलिए ये उत्तम सैनिक या नेता बन सकते हैं। 9 अंक वाली यमुरा नाम की युवतियां गुस्सैल होती हैं। इन्हें किसी की बात सुनना जरा भी पसंद नहीं होता। इन्हें हर काम स्वतंत्र होकर करना पसंद होता है। 9 अंक वाली यमुरा नाम की महिलाएं हर काम अपनी मर्जी से करना पसंद करती हैं। यमुरा नाम की युवतियों की राशि वृश्चिक होती है। यमुरा वाली लड़कियां बहुत आक्रामक होती हैं और दूसरों पर हावी रहती हैं। ये दूसरों से पहले अपने बारे में सोचती हैं। यमुरा नाम की महिलाएं जरूरत पर साथ देने वाली होती हैं, प्यार के रिश्ते निभाना इस राशि की महिलाओं को बहुत अच्छी तरह आता है। इस राशि से जुड़ी यमुरा नाम की महिलाएं जिस व्यक्ति पर भरोसा करती हैं, उसके साथ निष्कपट होकर रिश्ते निभाती हैं नहीं तो ये साथ छोड़ देती हैं। यमुरा की महिलाएं गुस्सैल और आक्रामक होती हैं। किसी मुद्दे को सुलझाने में ये बातचीत का सहारा नहीं लेती। यमुरा नाम की महिलाएं स्वार्थी मानी जाती हैं, जबकि ये ऐसी बिलकुल नहीं होती। ।हर्षित, मुबारक हो, खुशी (कृष्ण के पिता) ।(आनंद की बेटी)
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उमरिया जिले के चंदिया थाना क्षेत्र के एक गांव में उस समय सनसनी फैल गई जब 20 वर्षीय युवती का शव खेत की मेड में पेड के नीचे मिला। मृतक युवती के परिवार ने बताया कि युवती की 26 जनवरी को सगाई हुई थी, जिसके बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन रात में युवती परिजनों के साथ घर में सो रही थी। अचानक मां की देर रात आंख खुली और उसने देखा कि युवती अपने बिस्तर में नहीं है। मां ने अपने बेटे और अन्य लोगों को आवाज देकर बुलाया और बताया कि युवती अपने घर में नहीं है। तब घर के सदस्य युवती को ढूंढने लगे और पास के ही खेत में युवती को मृत अवस्था में पाया। घटना की सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलते ही थाना प्रभारी चंदिया अपने स्टाप के साथ मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण कर जांच शुरू कर दी। मौके पर डॉग स्क्वायड को बुलाया गया। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि युवती गांव के एक युवक से प्रेम करती थी। संदेह पर प्रेमी युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, युवती का गला घोटकर हत्या की गई है। जानकारी मिलते ही पुलिस अधीक्षक उमरिया भी मौके पर पहुंचे। मौका निरीक्षण किया और थाना प्रभारी को घटना के संबंध में निर्देश दिया। This website follows the DNPA Code of Ethics.
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भारतीय लोकसंगीत भी भारतीय संस्कृति की भांति अत्यन्त विविधतापूर्ण है। पूरे भारत में लोकसंगीत के अनेक रूप विद्यमान हैं, जैसे भांगड़ा, लावणी, डंडिया, राजस्थानी आदि। . 19 संबंधोंः दोहा, पंडवानी, पंजाब क्षेत्र, प्रवचन, बंगाल, भारत की संस्कृति, भांगड़ा, भजन, महाराष्ट्र, लावणी, गरबा, गुजरात, ओड़िसी, ओडिशा, कर्नाटक, कीर्तन, अभंग, असम, छत्तीसगढ़। दोहा, मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में १३-१३ मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में ११-११ मात्राएँ होती हैं। विषम चरणों के आदि में प्रायः जगण (। ऽ।) टालते है, लेकिन इस की आवश्यकता नहीं है। 'बड़ा हुआ तो' पंक्ति का आरम्भ ज-गण से ही होता है. पंडवानी छत्तीसगढ़ का वह एकल नाट्य है जिसका अर्थ है पांडववाणी - अर्थात पांडवकथा, यानी महाभारत की कथा। ये कथाएं छत्तीसगढ़ की परधान तथा देवार छत्तीसगढ़ की जातियों की गायन परंपरा है। परधान गोंड की एक उपजाति है और देवार धुमन्तू जाति है। इन दोनों जातियों की बोली, वाद्यों में अन्तर है। परधान जाति के कथा वाचक या वाचिका के हाथ में "किंकनी" होता है और देवारों के हाथों में र्रूंझू होता है। परधानों ने और देवारों ने पंडवानी लोक महाकाव्य को पूरे छत्तीसगढ़ में फैलाया। तीजन बाई ने पंडवानी को आज के संदर्भ में ख्याति दिलाई, न सिर्फ हमारे देश में, बल्कि विदेशों में। तीजनबाई भारत भवन भोपाल में पंडवानी प्रस्तुति के दौरान . पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। . प्रवचन का अर्थ धार्मिक अथवा मौलिक बातें है। धार्मिक, नैतिक आदि गंभीर विषयों में परोपकार की दृष्टि से कही जाने वाली अच्छी तथा विचारपूर्ण बातें प्रवचन की श्रेणी में आती हैं। . बंगाल (बांग्लाः বঙ্গ बॉंगो, বাংলা बांला, বঙ্গদেশ बॉंगोदेश या বাংলাদেশ बांलादेश, संस्कृतः अंग, वंग) उत्तरपूर्वी दक्षिण एशिया में एक क्षेत्र है। आज बंगाल एक स्वाधीन राष्ट्र, बांग्लादेश (पूर्वी बंगाल) और भारतीय संघीय प्रजातन्त्र का अंगभूत राज्य पश्चिम बंगाल के बीच में सहभाजी है, यद्यपि पहले बंगाली राज्य (स्थानीय राज्य का ढंग और ब्रिटिश के समय में) के कुछ क्षेत्र अब पड़ोसी भारतीय राज्य बिहार, त्रिपुरा और उड़ीसा में है। बंगाल में बहुमत में बंगाली लोग रहते हैं। इनकी मातृभाषा बांग्ला है। . कृष्णा के रूप में नृत्य करते है भारत उपमहाद्वीप की क्षेत्रीय सांस्कृतिक सीमाओं और क्षेत्रों की स्थिरता और ऐतिहासिक स्थायित्व को प्रदर्शित करता हुआ मानचित्र भारत की संस्कृति बहुआयामी है जिसमें भारत का महान इतिहास, विलक्षण भूगोल और सिन्धु घाटी की सभ्यता के दौरान बनी और आगे चलकर वैदिक युग में विकसित हुई, बौद्ध धर्म एवं स्वर्ण युग की शुरुआत और उसके अस्तगमन के साथ फली-फूली अपनी खुद की प्राचीन विरासत शामिल हैं। इसके साथ ही पड़ोसी देशों के रिवाज़, परम्पराओं और विचारों का भी इसमें समावेश है। पिछली पाँच सहस्राब्दियों से अधिक समय से भारत के रीति-रिवाज़, भाषाएँ, प्रथाएँ और परंपराएँ इसके एक-दूसरे से परस्पर संबंधों में महान विविधताओं का एक अद्वितीय उदाहरण देती हैं। भारत कई धार्मिक प्रणालियों, जैसे कि हिन्दू धर्म, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म जैसे धर्मों का जनक है। इस मिश्रण से भारत में उत्पन्न हुए विभिन्न धर्म और परम्पराओं ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों को भी बहुत प्रभावित किया है। . भाँगङा पंजाब की नृत्य शैली है। यह पुरुष प्रधान नृत्य है। आम तौर पर यह नृत्य बैसाखी पर्व पर किया जाता है। भाँगङा नृत्य . भारतीय संगीत के मुख्य रूप से तीन भेद किये जाते हैं। शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत और लोक संगीत। भजन सुगम संगीत की एक शैली है। इसका आधार शास्त्रीय संगीत या लोक संगीत हो सकता है। इसको मंच पर भी प्रस्तुत किया जा सकता है लेकिन मूल रूप से यह यह किसी देवी या देवता की प्रशंसा में गाया जाने वाला गीत है। सामान्य रूप से उपासना की सभी भारतीय पद्धतियों में इसका प्रयोग किया जाता है। भजन मंदिरों में भी गाए जाते हैं। हिंदी भजन, जो आम तौर पर हिन्दू अपने सर्वशक्तिमान को याद करते हैं या गाते हैं। कुछ विख्यात भजन रचनाकारों की नामावली - मीराबाई, सूरदास, तुलसीदास, रसखान। . महाराष्ट्र भारत का एक राज्य है जो भारत के दक्षिण मध्य में स्थित है। इसकी गिनती भारत के सबसे धनी राज्यों में की जाती है। इसकी राजधानी मुंबई है जो भारत का सबसे बड़ा शहर और देश की आर्थिक राजधानी के रूप में भी जानी जाती है। और यहाँ का पुणे शहर भी भारत के बड़े महानगरों में गिना जाता है। यहाँ का पुणे शहर भारत का छठवाँ सबसे बड़ा शहर है। महाराष्ट्र की जनसंख्या सन २०११ में ११,२३,७२,९७२ थी, विश्व में सिर्फ़ ग्यारह ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या महाराष्ट्र से ज़्यादा है। इस राज्य का निर्माण १ मई, १९६० को मराठी भाषी लोगों की माँग पर की गयी थी। यहां मराठी ज्यादा बोली जाती है। मुबई अहमदनगर पुणे, औरंगाबाद, कोल्हापूर, नाशिक नागपुर ठाणे शिर्डी-अहमदनगर आैर महाराष्ट्र के अन्य मुख्य शहर हैं। . लावणी संगीत की एक विधा है जो प्रमुख रूप से भारतीय राज्य महाराष्ट्र में प्रसिद्ध है। . गरबा गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह नाम संस्कृत के गर्भ-द्वीप से है। . गुजरात (गुजरातीःગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। . ओड़िसी ओडिशाप्रांत भारत की एक शास्त्रीय नृत्य शैली है। अद्यतन काल में गुरु केलुचरण महापात्र ने इसका पुनर्विस्तार किया। ओड़िसी नृत्य करते हुए एक नृत्य मंडली ओडिसी नृत्य को पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर सबसे पुराने जीवित नृत्य रूपों में से एक माना जाता है। इसका जन्म मन्दिर में नृत्य करने वाली देवदासियों के नृत्य से हुआ था। ओडिसी नृत्य का उल्लेख शिलालेखों में मिलता है। इसे ब्रह्मेश्वर मन्दिर के शिलालेखों में दर्शाया गया है। . ओड़िशा, (ओड़िआः ଓଡ଼ିଶା) जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िशा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंततः बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िशा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िशा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। क्षेत्रफल के अनुसार ओड़िशा भारत का नौवां और जनसंख्या के हिसाब से ग्यारहवां सबसे बड़ा राज्य है। ओड़िआ भाषा राज्य की अधिकारिक और सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। भाषाई सर्वेक्षण के अनुसार ओड़िशा की 93.33% जनसंख्या ओड़िआ भाषी है। पाराद्वीप को छोड़कर राज्य की अपेक्षाकृत सपाट तटरेखा (लगभग 480 किमी लंबी) के कारण अच्छे बंदरगाहों का अभाव है। संकीर्ण और अपेक्षाकृत समतल तटीय पट्टी जिसमें महानदी का डेल्टा क्षेत्र शामिल है, राज्य की अधिकांश जनसंख्या का घर है। भौगोलिक लिहाज से इसके उत्तर में छोटानागपुर का पठार है जो अपेक्षाकृत कम उपजाऊ है लेकिन दक्षिण में महानदी, ब्राह्मणी, सालंदी और बैतरणी नदियों का उपजाऊ मैदान है। यह पूरा क्षेत्र मुख्य रूप से चावल उत्पादक क्षेत्र है। राज्य के आंतरिक भाग और कम आबादी वाले पहाड़ी क्षेत्र हैं। 1672 मीटर ऊँचा देवमाली, राज्य का सबसे ऊँचा स्थान है। ओड़िशा में तीव्र चक्रवात आते रहते हैं और सबसे तीव्र चक्रवात उष्णकटिबंधीय चक्रवात 05बी, 1 अक्टूबर 1999 को आया था, जिसके कारण जानमाल का गंभीर नुकसान हुआ और लगभग 10000 लोग मृत्यु का शिकार बन गये। ओड़िशा के संबलपुर के पास स्थित हीराकुंड बांध विश्व का सबसे लंबा मिट्टी का बांध है। ओड़िशा में कई लोकप्रिय पर्यटक स्थल स्थित हैं जिनमें, पुरी, कोणार्क और भुवनेश्वर सबसे प्रमुख हैं और जिन्हें पूर्वी भारत का सुनहरा त्रिकोण पुकारा जाता है। पुरी के जगन्नाथ मंदिर जिसकी रथयात्रा विश्व प्रसिद्ध है और कोणार्क के सूर्य मंदिर को देखने प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक आते हैं। ब्रह्मपुर के पास जौगदा में स्थित अशोक का प्रसिद्ध शिलालेख और कटक का बारबाटी किला भारत के पुरातात्विक इतिहास में महत्वपूर्ण हैं। . कर्नाटक, जिसे कर्णाटक भी कहते हैं, दक्षिण भारत का एक राज्य है। इस राज्य का गठन १ नवंबर, १९५६ को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले यह मैसूर राज्य कहलाता था। १९७३ में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल ७४,१२२ वर्ग मील (१,९१,९७६ कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का ५.८३% है। २९ जिलों के साथ यह राज्य आठवां सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है कन्नड़। कर्नाटक शब्द के उद्गम के कई व्याख्याओं में से सर्वाधिक स्वीकृत व्याख्या यह है कि कर्नाटक शब्द का उद्गम कन्नड़ शब्द करु, अर्थात काली या ऊंची और नाडु अर्थात भूमि या प्रदेश या क्षेत्र से आया है, जिसके संयोजन करुनाडु का पूरा अर्थ हुआ काली भूमि या ऊंचा प्रदेश। काला शब्द यहां के बयालुसीम क्षेत्र की काली मिट्टी से आया है और ऊंचा यानि दक्कन के पठारी भूमि से आया है। ब्रिटिश राज में यहां के लिये कार्नेटिक शब्द का प्रयोग किया जाता था, जो कृष्णा नदी के दक्षिणी ओर की प्रायद्वीपीय भूमि के लिये प्रयुक्त है और मूलतः कर्नाटक शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन एवं मध्यकालीन इतिहास देखें तो कर्नाटक क्षेत्र कई बड़े शक्तिशाली साम्राज्यों का क्षेत्र रहा है। इन साम्राज्यों के दरबारों के विचारक, दार्शनिक और भाट व कवियों के सामाजिक, साहित्यिक व धार्मिक संरक्षण में आज का कर्नाटक उपजा है। भारतीय शास्त्रीय संगीत के दोनों ही रूपों, कर्नाटक संगीत और हिन्दुस्तानी संगीत को इस राज्य का महत्त्वपूर्ण योगदान मिला है। आधुनिक युग के कन्नड़ लेखकों को सर्वाधिक ज्ञानपीठ सम्मान मिले हैं। राज्य की राजधानी बंगलुरु शहर है, जो भारत में हो रही त्वरित आर्थिक एवं प्रौद्योगिकी का अग्रणी योगदानकर्त्ता है। . हिन्दू धर्म में ईश्वर या देवता की भक्ति के लिये उनके नामों को भांति-भांति रूप में उच्चारना कीर्तन कहलाता है। यह भक्ति के अनेक मार्गों में से एक है। अन्य हैं - श्रवण, स्मरण, अर्चन आदि। . अभंग विट्ठल या विठोबा की स्तुति में गाये गये छन्दों को कहते हैं। महाराष्ट्र के वारकरी सम्प्रदाय के संतों ने 13वीं सदी के दौरान समाज में अलख जगाने के जो छंद क्षेत्रीय भाषा में गाये, उन्हें अभंग के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार से हिंदी के छंद की तरह है। मोटे और पर छंद के उलट, अभंग में मात्राओं के स्थान पर अक्षरों की संख्या गिनी जाती है। अक्षरों की संख्या का पालन कठोरता से नहीं किया जाता बल्कि, यों कहना सही होगा कि उच्चारण की सुविधानुसार अक्षरों की संख्या कम-ज्यादा हो सकती है। अभंग दो प्रकार के होते हैं - चार चरणों के और दो चरणों के.चार चरणों वाले अभंग की प्रथम तीन चरणों में 6-6 अक्षर होते हैं जबकि अंतिम चरण में चार अक्षर. असम या आसाम उत्तर पूर्वी भारत में एक राज्य है। असम अन्य उत्तर पूर्वी भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। असम भारत का एक सीमांत राज्य है जो चतुर्दिक, सुरम्य पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यह भारत की पूर्वोत्तर सीमा २४° १' उ॰अ॰-२७° ५५' उ॰अ॰ तथा ८९° ४४' पू॰दे॰-९६° २' पू॰दे॰) पर स्थित है। संपूर्ण राज्य का क्षेत्रफल ७८,४६६ वर्ग कि॰मी॰ है। भारत - भूटान तथा भारत - बांग्लादेश सीमा कुछ भागो में असम से जुडी है। इस राज्य के उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पूर्व में नागालैंड तथा मणिपुर, दक्षिण में मिजोरम तथा मेघालय एवं पश्चिम में बंग्लादेश स्थित है। . छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य का गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था। यह भारत का २६वां राज्य है। भारत में दो क्षेत्र ऐसे हैं जिनका नाम विशेष कारणों से बदल गया - एक तो 'मगध' जो बौद्ध विहारों की अधिकता के कारण "बिहार" बन गया और दूसरा 'दक्षिण कौशल' जो छत्तीस गढ़ों को अपने में समाहित रखने के कारण "छत्तीसगढ़" बन गया। किन्तु ये दोनों ही क्षेत्र अत्यन्त प्राचीन काल से ही भारत को गौरवान्वित करते रहे हैं। "छत्तीसगढ़" तो वैदिक और पौराणिक काल से ही विभिन्न संस्कृतियों के विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ के प्राचीन मन्दिर तथा उनके भग्नावशेष इंगित करते हैं कि यहाँ पर वैष्णव, शैव, शाक्त, बौद्ध संस्कृतियों का विभिन्न कालों में प्रभाव रहा है। .
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(source : IANS) (Photo Credit: (source : IANS)) बेलफास्टः ऑस्ट्रेलिया में आईसीसी टी20 विश्व कप के लिए तीन महीने से भी कम समय बचा है। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज लॉकी फग्र्यूसन ने अपनी टीम में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मेगा टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करने के लिए न्यूजीलैंड पूरी तरह से तैयार हैं। न्यूजीलैंड ने संयुक्त अरब अमीरात में टी20 विश्व कप के 2021 सीजन में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन ट्रांस-तस्मान प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया से फाइनल हार गए, जिन्होंने खेल के सबसे छोटे प्रारूप में अपना पहला विश्व कप खिताब जीता था। फग्र्यूसन सोमवार को बेलफास्ट में आयरलैंड के खिलाफ शुरुआती टी20 में न्यूजीलैंड की 31 रन की जीत में प्रमुख गेंदबाज थे, जिन्होंने 14 रन देकर चार विकेट लिए, जिससे मेहमान ने तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त ले ली। फग्र्यूसन ने एसईएनजेड ब्रेकफास्ट से कहा, टी20 विश्व कप में प्रभाव डालने के लिए हम अच्छी स्थिति में हैं। उन्होंने कहा, हमने पिछले साल (यूएई में) अच्छा प्रदर्शन किया था, इसलिए मुझे लगता है कि हम एक अच्छी (स्थिति) में हैं। निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया में खेलना अलग होगा, जाहिर है कि कुछ टीमें काफी मजबूत होगी। अक्टूबर के टी20 विश्व कप की तैयारी के लिए स्कॉटलैंड, वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 टूर्नामेंट में जाने से पहले न्यूजीलैंड के पास आयरलैंड के खिलाफ दो और टी20 मैच हैं। डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
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सावन का महीना बीत चुका था। आम की फसल इस बार कम ही थी, सो आम का समय भी गया ही समझो। कोयल की कूक तो बस अब अगले साल ही सुनने को मिल पाएगी। गर्मी के मारे बुरा हाल है। उमस भरी इस गर्मी से ज़मीन फट पड़ी है। यूँ समझो कि वो रोना चाहती है मगर उसकी आँखों का पानी सूख चुका है। अगर ऐसा ही रहा तो अबकी बार धान की फसल भी चैपट ही समझो। गन्ने की हालत पहले से ही ख़राब है। महेश के प्राण काँप उठे, वो जानता था कि अब छोटे को कम से कम चैदह दिन काल कोठरी में बिताने ही होंगे। मच्छरों और बदबूदार उस कोठरी की कल्पना भी किसी प्रताड़ना से कम नहीं है। मात्र पाँच हज़ार रुपए का कर्ज़ रह गया था छोटे पर। वो प्रतिवर्ष कुछ न कुछ रकम बैंक में जमा कर ही देता था लेकिन पिछले चार सालों से बेचारे पर आफ़त ही आफ़त थी। पहले भैंस मरी, फिर लड़की बीमार हो गई और अब बेचारे की पत्नी चल बसी। छोटे बैंक का कर्ज़ उतारना चाहता था लेकिन बेचारा उतार न सका जबकि भूरे कर्ज़ उतारने की स्थिति में था लेकिन उसकी नियत में बदी थी। वो ख़्वाब पाले बैठा था कि एक न एक दिन सरकार उसका कर्ज़ भी माफ़ कर देगी। गाँव में ऐसे कई लोगों के कर्ज़ माफ़ हो चुके थे। जिन्होंने सालों से बैंक को पाई भी न दी थी। महेश लगातार कर्ज़ दे रहा था परंतु उसका कर्ज़ माफ़ नहीं हो सका। वो व्यवस्था को कोसता हुआ समय व्यतीत कर रहा था। कर्ज़ माफ़ न होने की टीस उसे भी थी। जब सरकार ने बकाएदार किसानों के कर्ज़माफ़ी की घोषणा की थी, उस समय महेश बैंक के कर्ज़ वाले खाते में कुछ रकम जमा कर देना चाहता था लेकिन भूरे ने ही उसे रोक लिया था। भूरे ने कहा था - 'क्यों बेवकूफ बनता है महेश! जब सबका कर्ज़ माफ़ होगा तो क्या तेरा-मेरा नहीं होगा?' बात महेश की समझ में आ गई। बैंक में जमा करने के लिए एकत्र की गई रकम चुटकर-फुटकर में ही ख़त्म हो गई। महेश को पछतावा भी हो रहा था परंतु कर भी क्या सकता था। इस बार तो वैसे भी अकाल पड़ रहा है। डीजल पानी की तरह ख़र्च हो रहा है और क़ीमत है कि आसमान छू रही हैं। अचानक महेश की साईकिल का पहिया रास्ते में पड़े एक पत्थर के टुकड़े पर चढ़कर फिसल गया, साईकिल गिर गई और संभालने के चक्कर में महेश की कलाई में मोच आ गई। वो अभी उठ भी नहीं पाया था कि दूसरी ओर से साईकिल पर आ रहे मुन्नु ने उसे उठाया। महेश के तो जैसे होंठ सिल गए। -'ख़ामोश क्यों हो गए महेश।' मुन्नु ने उसके कंधों पर हाथ रखते हुए पूछा क्या कोई परेशानी है। -'ये तो होना ही था मेरे दोस्त! तुमने भूरे के कहने में आकर जो ग़लती की है उसका ख़ामियाजा तो भुगताना ही होगा। कर्ज़ माफ़ी के चक्कर में आकर तुमने अपनी आँखों पर लालच की पट्टी जो बांध ली थी।' मुन्नु ने उसे उलहाना देते हुए कहा। -'तुम मेरी मज़ाक बना रहे हो, मित्र!' महेश ने मुन्नु की ओर आश्चर्य से देखते हुए पूछा। -'सच और मज़ाक में अंतर होता है मित्र! मैं सच कह रहा हूँ, वो सच जो अक्सर कड़वा ही होता है।' मुन्नु ने दो टूक कह दिया। -'लेकिन लोगों के कर्ज़ माफ़ भी तो हुए हैं और वो सभी डिफाल्टर थे मैं तो फिर भी समय पर कर्ज़ चुका रहा था मगर उन्हें देखो जिन्होंने कर्ज़ लेने के बाद, बैंक की ओर रुख ही नहीं किया। उन लोगों के कर्ज़े तो सरकार ने माफ़ कर दिए हैं।' महेश ने शिक़ायती लहज़े में कहा। -'यही तो मैं कह रहा हूँ। कर्ज़ न देने के लिए तुमने कितना अच्छा तर्क खोज निकाला है। क्या लेते वक़्त तुमने यह सोचा था कि कर्ज़ माफ़ हो जाएगा। -'यही कि औरत का ख़सम आदमी और आदमी का ख़सम कर्ज़ होता है।' मुन्नु ने मुस्कराते हुए कहा। महेश ने मुन्नु की बात को अनसुना करते हुए अपनी साईकिल उठाई और बिना कुछ बोले ही चलता बना। तभी महेश का छोटा भाई सुरेश वहाँ पहुँच गया। वो मुन्नु के पास रुका और उसने महेश को आवाज़़ लगाई। महेश पलटकर उनके पास पहुँचा। -'एक बात कहूँ मुन्नु?' अबकी बार महेश आक्रोश भरे लहजे में बोला। - 'हाँ, बिल्कुल कहो।' मुन्नु ने उसकी ओर सवालिया निगाहों से देखा। - 'उपदेश देना अलग बात है और किसी की मदद करना अलग बात। .... सुनो जो किसी की मदद नहीं कर सकते वह सिर्फ़ उपदेश ही दे सकते हैं, जैसे कि तुम।' महेश ने मुन्नु को घूरते हुए कहा। - 'कहना क्या चाहते हो?' मुन्नु ने पूछा। - 'सुनाओ, मैं भी तो सुनूँ कौन सी ख़ास बात है।' मुन्नु ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा। - 'तो सुन .... और जो कह रहा हूँ उसकी तस्दीक अपनी पत्नी से कर लेना।' कहते हुए महेश ने गहरी सांस ली और फिर बोला-'तेरी बेटी के ससुराल वाले तेरी बेटी को छोड़ देना चाहते थे। पचास हज़ार की माँग थी उनकी और शादी के बाद तेरे पास एक भी धेला नहीं था, तो तूने अपनी पत्नी को उसके मायके भेज दिया था, पैसों का इंतजाम करने के लिए?' महेश न चाहने के बावजूद कह रहा था। - 'तो इसमें क्या बात हो गई? मेरी पत्नी और मेरी ससुराल ....... तुम्हें क्यों दर्द हो रहा है?' मुन्नु ने ताना मारा।
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पूर्व सीएम कमलनाथ के 'तोप' वाले बयान के बाद लगातार चर्चाओं का दौर जारी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों ने कमलनाथ के बयान पर नाराजगी जताई तो सिंधिया ने भी ट्वीट कर कमलनाथ पर निशाना साधा. मध्य प्रदेश के दो बड़े नेताओं के बीच इस वक्त जुबानी जंग चल रही है. दरअसल, टीकमगढ़ में पूर्व सीएम कमलनाथ से पूछा गया कि इस बार के चुनाव में आपके पास ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं हैं तो फिर कौन होगा ? इसके जवाब में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कहा कि उन्हें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है. वो कोई तोप नहीं हैं. अगर, वो इतने बड़े तोप थे तो ग्वालियर और मुरैना में महापौर का चुनाव नहीं हारते. अब कमलनाथ के हमलवार रुख को देखते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी जवाब दिया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा, मध्य प्रदेश कांग्रेस के 15 महीनों की तोप सरकार का रिकॉर्ड. 1. तबादला उद्योग, 2. वादाखिलाफी, 3. भ्रष्टाचार, 4. माफिया-राज, कमलनाथ जी, अच्छा है आपकी इस 'तोप' की परिभाषा में फिट नहीं हुआ. मध्य प्रदेश कोंग्रेस के 15 महीनों की तोप सरकार का रेकार्डः 1. तबादला उद्योग 2. वादाखिलाफ़ी 3. भ्रष्टाचार 4. माफिया-राज@OfficeOfKNath जी, अच्छा है आपकी इस तोप की परिभाषा में फ़िट नहीं हुआ। वहीं इसे लेकर जब बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय से भी सवाल किया गया तो कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कुछ तो होंगे तभी तो कांग्रेस और कमलनाथ सड़क पर आ गए हैं. बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीते शुक्रवार को कहा था कि उनके पूर्व पार्टी सहयोगी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने ग्वालियर क्षेत्र में भी राजनीतिक तौर पर बेमानी हो गए हैं. कमलनाथ ने विश्वास जताते हुए कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में विजयी होगी. ग्वालियर-मुरैना में महापौर का चुनाव क्यों हारे सिंधिया? उल्लेखनीय है कि दो साल पहले अपने समर्थक विधायकों के साथ सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो जाने से कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी. कमलनाथ ने सवाल किया, जब सिंधिया भाजपा में हैं तो पिछले साल ग्वालियर और उससे सटे शहर मुरैना में महापौर का चुनाव कांग्रेस से क्यों हारे. कांग्रेस नेता कमलनाथ एक कार्यक्रम में प्रदेश के राजधानी भोपाल से लगभग 270 किलोमीटर दूर टीकमगढ़ में थे. जुलाई 2022 में तत्कालीन सिंधिया रियासत की राजधानी ग्वालियर में कांग्रेस ने 57 साल बाद महापौर का चुनाव जीता था. इसके साथ ही मुरैना में भी कांग्रेस ने महापौर पद पर जीत दर्ज की. सिंधिया के कांग्रेस से बीजेपी में जाने से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में इसके संभावित प्रभाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि यदि सिंधिया इतने महत्वपूर्ण होते तो बीजेपी को उनके क्षेत्र ग्वालियर, मुरैना अंचल में पराजय नहीं देखनी पड़ती. उन्होंने कहा, हमें किसी सिंधिया की जरूरत नहीं है. कमलनाथ ने सवाल किया था कि अगर सिंधिया इतनी बड़ी तोप थे तो भाजपा ग्वालियर और मुरैना में स्थानीय निकाय चुनाव क्यों हार गई. (भाषा के इनपुट के साथ)
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भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं व वो बुधवार को सेना के साथ जुड़ गए. महेंद्र सिंह धोनी को आतंक प्रभावित दक्षिण कश्मीर में ड्यूटी मिली है जहां वो अन्य सैनिकों की तरह गश्त, गार्ड ड्यूटी व अन्य कार्य करेंगे. धोनी यहां पर 15 अगस्त तक 106 टीए बटालियन के साथ रहेंगे व सैनिकों की तरह कार्य करेंगे. आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि टेरिटोरियल आर्मी मुख्य सेना का ही अंग होता है व वो प्राकृतिक आपदाओं साथ ही अन्य जरुरी सेवाओँ को बनाए रखने में सेना की मदद करती है. धोनी के बारे में सेना के अधिकारियों ने बोला कि वो यहां पहुंच चुके हैं व यूनिट के साथ जुड़ गए हैं. धोनी यहां पर विक्टर फोर्स के साथ जुड़े हैं जो कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित जिलों जैसे कि शोपियां व अनंतनाम में कार्य करती है. धोनी ने सेना के साथ कार्य करने की अनुमति मांगी थी जिसे सेना मुख्यालय ने मंजूरी दी थी. विक्टर फोर्स का मुख्य कार्य आतंक विरोधी ऑपरेशन चलाना है. इस रेजीमेंट में सेना की बाकी सभी रेजिमेंट से जवान कश्मीर ड्यूटी के लिए शामिल किए जाते हैं. गौरतलब है कि वर्ल्ड कप के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि धोनी क्रिकेट को अलविदा कह देंगे, लेकिन उन्होंने इन बातों पर विराट लगा दिया था. धोनी ने बोर्ड से दो महीने का ब्रेक मांगा था ताकि वो पैराशूट रेजिमेंट को ये वक्त दे सकें. सेना के साथ जुड़ने के लिए धोनी ने वेस्टइंडीज टूर के लिए खुद को उपलब्ध नहीं बताया था.
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Retail inflation rate: खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में 11 महीने के निचले स्तर 5. 88 प्रतिशत पर आ गई, जो अक्टूबर में 6. 77 प्रतिशत थी। प्रासंगिक आंकड़ों की घोषणा सरकार ने सोमवार को की। जनवरी-सितंबर, 2022 के दौरान लगातार 3 तिमाहियों के लिए औसत मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत के मुद्रास्फीति लक्ष्य के ऊपरी सहिष्णुता स्तर से ऊपर थी। जनवरी-मार्च तिमाही में औसत महंगाई दर 6. 3 फीसदी, अप्रैल-जून की अवधि में 7. 3 फीसदी और सितंबर तिमाही में गिरकर 7 फीसदी पर आ गई. सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. इससे पहले सरकार ने सोमवार को आरबीआई की उस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया कि केंद्रीय बैंक लगातार तीन तिमाहियों तक मुद्रास्फीति को 6 फीसदी की ऊपरी सीमा के लक्ष्य के भीतर क्यों नहीं रख सका। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में एक लिखित जवाब में कहा, 'हां सर, आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45जेडएन और आरबीआई मौद्रिक नीति समिति और मौद्रिक नीति प्रक्रियाओं के अनुसार, आरबीआई ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है। नियमावली, 2016 के विनियम 7 के तहत अनिवार्य। उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिनियम, 1934 के प्रावधानों के तहत रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।
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खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बनारस-हुगली एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे इलाहाबाद निवासी युवक प्रेमनारायण साहू की ट्रेन में चढ़ते समय पैर फिसलने से मौत हो गई। युवक जनरल डिब्बे में सफर कर रहा था। खंडवा रेलवे स्टेशन पर पानी लेने के लिए उतरा। इसी दौरान ट्रेन चल दी। दौड़ते हुए चढ़ने की कोशिश की लेकिन वह संभल नहीं पाया व नीचे गिर गया। जिससे मौके पर ही उसकी ट्रेन से कटकर मौत हो गई। जीआरपी ने मौके पर पंचनामा बनाकर मर्ग कायम किया है। घटना दोपहर लगभग दो बजे की है। बनारस-हुगली एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर रुकी व फिर निर्धारित समय पर रवाना हुई। युवक पानी लेने के लिए नीचे उतरा था। ट्रेन को जाते देख उसने जनरल डिब्बे में चढ़ने की कोशिश की। इस दौरान वह गिर गया व ट्रेन की चपेट में आ गया। जानकारी मिलने पर रेलवे व आरपीएफ स्टाफ पहुंचा। युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय भिजवाया गया। साथ आए युवकों ने बताया कि वह इलाहाबाद से नौकरी के लिए जा रहे थे। घटना प्लेटफार्म नंबर एक पर मुंबई की तरफ वाले ट्रैक पर रेलवे ओवरब्रिज के पास हुई। पैदल चलते हुए कुछ लोगों ने भीड़ देखी तो वे भी वहीं रुक गए। उन्हें देखकर अन्य लोग भी अपने दो पहिया व चार पहिया वाहन खड़े कर देखने लगे। इससे रेलवे ओवरब्रिज पर जाम लग गया। लगभग 15 से 20 मिनट के बाद पुलिस पहुंची व लोगों को ब्रिज से हटाया गया।
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बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. मशहूर भोजपुरी एक्ट्रेस अंजना सिंह अपनी हॉटनेस को लेकर हमेशा लाइमलाइट में छाई रहती हैं. अंजना सिंह के हॉट डांस वीडियो आएदिन यूट्यूब पर खूब धमाल मचाते रहते हैं. एक्ट्रेस न सिर्फ रील लाइफ में बल्कि रियल लाइफ में भी फैन्स के दिलों की धड़कनें तेज करती रहती हैं. भोजपुरी एक्ट्रेस अंजना सिंह सोशल मीडिया लवर हैं. यही वजह है कि अंजना सिंह सोशल मीडिया पर आएदिन अपनी हॉट, सेक्सी, बोल्ड फोटो और वीडियो शेयर करती रहती हैं. इस बीच अंजना सिंह का एक ओर बेहद हॉट वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में अंजना सिंह पानी में आग लगाती नजर आ रही हैं. दरअसल, अंजना सिंह ने इंस्टाग्राम पर एक नया वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में अंजना सिंह स्विंमिंग पूल में बिकिनी पहने बेहद हॉट लग रही है. वीडियो में अंजना सिंह पानी में से अपने गीले बालों को झटके से पीछे की तरफ करती दिख रही हैं. वीडियो में अंजना सिंह का यह सेक्सी अंदाज फैन्स के दिलों पर छुरियां चलाती नजर आ रही हैं. वीडियो में उनकी अदाएं फैन्स को काफी मदहोश कर रही हैं. कुछ ही देर पहले शेयर किया गया यह वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. अंजना सिंह के इस हॉट बिकिनी वीडियो को अब तक हजारों लोेग देख चुके हैं. एक्ट्रेस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
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ब्रिटेन के साथ मिलकर चीन के ख़िलाफ़ युद्धों में भाग लिया (१८५६-१८५८ १८६०), हिन्दचीन को जीतना शुरू किया (१८६०- १८६१ ), सीरिया में ( १८६० - १८६१ ) और फिर मेक्सिको में ( १८६२- १८६७ ) सशस्त्र अभियान संगठित किया और अंत में (१८७०-१८७१) प्रशा के विरुद्ध युद्ध किया । पृ० २३८ * एंगेल्स द्वारा प्रयुक्त शब्द लूई बोनापार्त के द्वितीय साम्राज्य (१८५२ - १८७०) के शासक गुटों द्वारा चलायी गयी विदेश नीति के एक सिद्धांत को व्यक्त करते हैं। महान शक्तियों के शासक वर्गों ने इस तथाकथित "राष्ट्रीयता के सिद्धांत का देश-विजय तथा विदेशों में दुस्साहसिकता की अपनी योजनाओं को एक सैद्धांतिक आवरण प्रदान करने के लिए व्यापक उपयोग किया था। इस सिद्धांत और राष्ट्रीय प्रात्मनिर्णय के अधिकार की मान्यता में कोई साम्य नहीं था; वास्तव में उसका इस्तेमाल जातीय द्वेष और कलह को भड़काने और राष्ट्रीय आंदोलनों को विशेषतः छोटी जातियों के राष्ट्रीय आंदोलनों को, प्रतिद्वंद्वी महान शक्तियों की प्रतिक्रान्तिकारी नीतियों के एक साधन में बदल देने के लिए किया गया । - पृ० २३८ 96 जर्मन नहासंघ जिसे वियेना कांग्रेस ने ८ जून १८१५ को स्थापित किया था, सामन्ती - निरंकुशवादी राज्यों का संगठन था। उसने जर्मनी में राजनीतिक तथा आर्थिक फूट को जारी रखने में मदद दी । - पृ० २३६ प्रशा की विजय के फलस्वरूप एक जर्मन आस्ट्रिया नहीं था। इसी कारण उसका लघु जर्मन साम्राज्य " नाम पड़ा । नेपोलियन तृतीय की पराजय से फ़्रांस क्रान्ति को प्रेरणा मिली जिसने लूई बोनापार्त का तख्ता उलट दिया तथा ४ सितम्बर १८७० को जनतंत्र की स्थापना की । पृ० २३६ राष्ट्रीय गार्ड - सशस्त्र स्वयंसेवक सेना जिसके कमांडर निर्वाचित होते थे । राष्ट्रीय गार्ड ने फ्रांस तथा अन्य पश्चिम यूरोपीय देशों में काम किया। वह पहले-पहल फ्रांस में १७८६ में, पूंजीवादी क्रान्ति के आरम्भ के समय स्थापित हुआ था । १८७१ तक वह बीच-बीच में प्रकट होता रहा। १८७०-७१ में पेरिस के राष्ट्रीय गार्ड ने जिसे फ़्रांस-प्रशा युद्ध के दौरान आम जनवादी जनता की शिरकत ने मज़बूत बना दिया था, प्रमुख क्रान्तिकारी भूमिका अदा की।
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किया जा सकता है । कविता के विषय, विषय - प्रतिपादन की प्ररणाली, भाव- व्यंजन के ढंग आदि की ही गणना गुरण- विशेषों में है । वे ही एक काल के कवियों को दूसरे काल के कवियों से पृथक् कर देते जैसे प्रत्येक ग्रंथ में उसके कर्त्ता का आंतरिक रूप प्रच्छन्न रहता है और प्रत्येक जातीय साहित्य में उस जाति की विशेषता छिपी रहती है, वैसे ही किसी काल के साहित्य में परोक्ष रूप से उस काल की विशेषता भी गर्सिंत रहती है। किसी काल के सामाजिक जीवन की विशेषता रूपों में व्यंजित होती है, जैसे राजनीतिक संघटन, धार्मिक विचार, आध्यात्मिक कल्पना आदि। इन्हीं रूपों में से साहित्य भी एक रूप है, जिस पर अपने काल की जातीय स्थिति की छाप रहती है। उसका विचारपूर्वक अध्ययन करने से वह छाप स्पष्ट दिखाई देने लगती है इस विवेचन से यह ज्ञात होता है कि किसी कवि या ग्रंथकार पर तीन मुख्य वातों का प्रभाव पड़ता है। वे ही उसके कृतिजन्य रूप को स्थिर करने में सहायक होती है । वे साहित्य का विकास तीन बाते है जाति, स्थिति और काल । जाति, से हमारा तात्पर्य किसी जन समुदाय के स्वभाव से है। स्थिति से तात्पर्य उस सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और प्राकृतिक अवस्था मे है जो उस जन-समुदाय पर प्रभाव डालती है और काल से तात्पर्य उस समय के जातीय विकास की विशेषता से है। स्मरण रहे कि यद्यपि ये तीनो ही बाते जातीय साहित्य के विकास और ग्रंथकारो के विशेषत्व के उपादान में साधारणतः सहायक हो सकती है और होती भी हैं पर इसका यह अर्थ नहीं कि सभी ग्रंथकार इन्ही तीन शक्तियों के अधीन या इनसे प्रेरित होकर ग्रंथ रचना करते हैं। क्योकि यदि हम यह मान लेंगे, तो किसी कवि या ग्रंथकार की व्यक्तिगत सत्ता विशेषता का सर्वथा लोप हो जायगा, और जहाँ इसका लोप । हुआ, वहीं वास्तविक काव्य का भी लोप हो गया, समझिए । साधारण लेखकों की अपेक्षा प्रतिभाशाली लेखको के लेखो में कुछ विशेष प्रकार
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