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आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है बेस्ट उपकोमिंग स्मारफोन सिप्तंबर-अक्टोबर के बारे में जानेंगे इन स्मार्टफोन में क्या है खास और बात करेंगे प्राइजिंग के बारे में। इस पोस्ट में पूरी जानकारी देखने को मिल जाएगी इसलिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर महीने स्मारफोन लॉन्च होते हैं तो सिप्तंबर और अक्टोबर में भी काफी सारे फोन देखने को मिल जाएंगे। बात करेंगे इन्हीं स्मार्टफोंन के स्पेसिफिकेशन के बारे में और जानेंगे लॉन्च डेट के बारे में और क्या रहेगी इनकी प्राइसिंग तो आज की है पोस्ट आप सभी के लिए बहुत ज्यादा बेहतरीन होने वाली है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें मैं आप सभी को एक-एक करके सभी फोनों के स्पेसिफिकेशंस के बारे में बताऊंगा।
रियामे ग्य्ट नियो काफी बेहतरीन स्मार्टफोन है यह स्मारफोन लगभग सितंबर के महीने में लॉन्च हो जाएगा। सबसे पहले बात करते हैं इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले की तो इसमें आपको ६.४३इंच की सुपर अमोलेड १२०हज़ रिफ्रेशिंग रेट के साथ देखने को मिल जाती है। तो बाते इसकी बैटरी की ओर तो इसमें आपको ४५००माह के साथ ५०व की फास्ट चार्जिंग देखने को मिल जाती है। तो अब आते हैं इस फोन के कैमरा की ओर इस फोन के पीछे की और आपको ६4म्प+८म्प+२म्प के साथ 1६म्प का फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाता है बात करें इसके प्रोसेसर के बारे में इसमें आपको मीडिया टेक डायमेनसिटी १२०0म्त६८93 देखने को मिल जाता है। इसमें आपको ६गब रेम और 1२८गब रोम देखने को मिल जाती है बात करें इस फोन के वाइट की इस फोन का जो वाइट है १७९गम। इस फोन में आपको तीन कलर वेरिएंट देखने को मिल जायेंगे एक है ब्लैक,सिल्वर,फेंटेसी। अब आते हैं इसकी प्राइस इन की ओर इस स्मार्टफोन का कब प्राइस लगभग २0,००० के अराउंड देखने को मिल जाएगी।
देखने को मिल जाएगी। तो अब आते हैं इस फोन की डिस्प्ले के बारे में इसमें आपको ६.७इंच की डिस्प्ले देखने को मिल जाती है जो ९०हज़ के रिफ्रेशिंग रेट के साथ आती है। अब आते हैं इसके कैमरास की ओर तो इसका रियल कैमरा है ६4म्प+1६म्प+२म्प के साथ 1६म्प+८म्प का फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाएगा। बात करें इस फोन के परफॉर्मेंस की इसमें आपको क्वालकॉम स्नैपड्रेगन ८७0 का प्रोसेसर देखने को मिल जाता। इसमें आपको ६गब राम और 1२८गब इंटरनल स्टोरेज देखने को मिल जाती है बात करें इस स्मार्टफोन के प्राइसिंग के बारे में तो लगभग-लगभग २२000 के अंडर में आपको देखने को मिल जाएगा।
यह स्मार्टफोन आपको सितंबर के फर्स्ट ईयर सेकंड वीक में देखने को मिल जाएगा। सबसे पहले बात करते हैं इसकी कैमरे के बारे में इसमें आपको १२म्प का वाइड एंगल प्राइमरी कैमरा, १२म्प टेलिफोटो कैमरा और १२म्प का अल्ट्रा वाइड एंगल कैमरा मिल जाता है अगर सेल्फी कैमरा की बात करें तो वह ८म्प का है। तो अब आते हैं इसकी बैटरी की ओर तो इसमें आपको ४५००माह के साथ ३०व की फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिल जाता है। बात करें इसके डिस्प्ले की तो इसमें आपको ६.५इंच की ऑलेड डिस्प्ले के साथ गोरिल्ला ग्लास प्रोटेक्शन वेद १२0हज़ रिफ्रेशिंग रेट के साथ आती है। बात करते हैं इस फोन के प्रोसेसर के आपको स्नैपड्रैगन ८८८ का प्रोसेसर देखने को मिल जाता। बात करते हैं इस फोन के स्टोरेज की तो इसमें आपको १२गब राम और 2५६गब इंटरनल स्टोरेज के साथ आप इसकी स्टोरेज को १त्ब एक्सपेंडेबल कर पाएंगे। अब आते हैं इसकी प्राइजिंग की ओर तो इस फोन का प्राइस लगभग ६६,००० अंदर अंदर देखने को मिल जाएगा।
यह फोन आपको सितंबर के फर्स्ट वीक में देखने को मिल जाएगा। इसमें आपको ६.८१इंच एमोलेड डिस्प्ले के साथ गोल्ड क्लास प्रोडक्शन वेद १२०हज़ प्रेसिंग रेट के साथ देखने को मिल जाएगी। बात करें इसकी बैटरी की तो इसकी बैटरी ५०००माह के साथ ६7व फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी मिल जाएगा। अब आते हैं इसके प्रोसेसर की ओर तो इसमें आपको स्नैप ड्रैगन ८८८ कपड़ों से सर देखने को मिल जाएगा और इसमें आपको ८गब राम और 12८गब इंटरनल स्टोरेज भी देखने को मिल जाएगी। बात करते हैं इसके कैमरास की तो पीछे की तरफ आपको इस में ५०म्प+८म्प+१३म्प और २०म्प का सेल्फी कैमरा मिल जाता है। बात करें इस स्मार्टफोन के प्राइजिंग की तो लगभग ५५,००० के अंदर देखने को मिल जाएगा।
यह स्मार्टफोन भी सितंबर के फर्स्ट वीक में लॉन्च हो जाएगा।
इसमें आपको ४५००माह की बैटरी के साथ २५व फास्ट चार्जिंग का भी सपोर्ट मिल जाएगा। अब आते हैं इसकी डिस्प्ले की ओर तो इसमें आपको ६.५इंच की सुपर अमोलेड डिस्प्ले के साथ १२०हज़ की रिफ्रेशिंग रेट के साथ मिल जाएगी। अब आते हैं इसके कैमरा की ओर तो इसमें आपको। ६4म्प+१२म्प+५म्प का माइक्रो कैमरा और ५म्प डिप्त कैमरा के साथ-साथ ३२म्प का फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाता है इसमें आपको ६गब राम और १२8गब इंटरनल स्टोरेज देखने को मिल जाती है। बात करें इसके प्रोसेसर की तो उसमें आपको स्नैप ड्रैगन ७२०ग का सपोर्ट दिया गया है बात करें इसके प्राइसिंग की तो यह स्मार्टफोन लगभग 3६,००० का हो सकता है।
इसमें आपको सैमसंग एक्सीनोस ९ ओक्टा प्रोसेसर का सपोर्ट देखने को मिल जाता है इसमें आपको ८गब राम और १2८गब इंटरनल स्टोरेज के साथ-साथ ऑफिस की स्टोरेज को १त्ब तक बढ़ा सकते हैं।बात करें इस स्मार्टफोन की बैटरी की इसमें आपको मॉन्स्टर बैटरी दी गई है वह ७०००माह के साथ २५व की फास्ट चार्जिंग का भी सपोर्ट दिया गया है। बात करें इस स्मार्टफोन की डिस्प्ले की ६.७इंच की सुपर अमोलेड प्लस की डिस्प्ले दी गई है। हम आते हैं इस स्मार्टफोन के कैमरास की हो इसमें आपको ६4म्प+१2म्प+५म्प का माइक्रो कैमरा और ५म्प डिप्त कैमरा के साथ-साथ ३२म्प फ्रंट कैमरा देखने को मिल जाता है बात करें इसे स्मार्टफोन किस प्राइसिंग की लगभग २४,००० की रेंज में मिल सकता है।
यह स्मार्टफोन सितंबर के फर्स्ट वीक में लॉन्च हो सकता है। सबसे पहले बात करेंगे इस स्मार्टफोन के कैमरास के बारे में तो इसमें आपको एक्स एक्स कैमरा सेटअप देखने को मिल जाएगा ६४म्प+८म्प+२म्प माइक्रो कैमरा के साथ 3२म्प का फ्रंट कैमरा दिया गया है। अब आते हैं इसके प्रोसेसर की ओर तो इसमें आपको स्नैप ड्रैगन 77८ग दिया गया है। बात करें इसकी बैटरी की तो इसमें आपको ४३००माह जो आती है ६५व की फास्ट चार्जिंग के साथ बात करें इसकी डिस्प्ले की इसमें आपको ६.४३इंच की सुपर अमोलेड डिस्पले जो आती है 1२0हज़ रिफ्रेशिंग रेट के साथ तो आप बात करते हैं इस फोन में स्टोरेज कितनी है तो इसमें आपको ६गब राम और 1२८गब इंटरनल स्टोरेज भी मिल जाती है। तो अब बात करते हैं इस फोन के प्राइजिंग के बारे में लगभग इस स्मार्टफोन की प्राइसिंग होने वाली है वह २7,००० के अंदर देखने को मिल जाएगी।
उम्मीद करता हूं इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक साबित होगी। इन स्मार्टफोंस के अलावा भी और भी फोन आ सकते हैं अभी तक कुछ इंफॉर्मेशन नहीं आई है मगर हां मैं आप सभी को उन फोंस के नाम जरूर बता सकता हूं। सबसे पहला जो नाम है वह रियल मी के रियल मी के बहुत सारे फोन लॉन्च हो सकते हैं अभी पक्का नहीं कह सकते और सभी में से रिलायंस भी एक स्मार्टफोन लॉन्च कर सकता है उम्मीद करता हूं यह सभी जानकारी आपके लिए आपको पसंद आई हो पसंद आए तो इस पोस्ट को जरुर शेयर करें और नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। |
एकाद स्ट्रॉन्ग की इब्रानी : २५९- का अर्थ है एक इकाई जिसमें एक से अधिक होते हैं (उदाहरण उत्पत्ति १:५, ९; २:२१, २४; ३:२२; व्यवस्थाविवरण ६:४; गिनती १३:२३; यहेजकेल ३7 :१7)।
याकिद स्ट्रॉन्ग की इब्रानी : ३१७३ -का अर्थ केवल एक ही है (उदाहरण यिर्मयाह ६:२६; उत्पत्ति २२: २,1२,1६; न्यायियों ११:३४; भजन संहिता २5:1६; नीतिवचन ४:३; आमोस ८:१० ; जकर्याह 1२:१०)।
परमेश्वर ने स्वयं को एकाद शब्द के साथ संदर्भित किया। हे इस्राएल, सुन, हमारा परमेश्वर यहोवा, यहोवा एक है (एकाद) (व्यवस्थाविवरण ६:४)। इसका अर्थ है कि वह एक जटिल प्राणी है; वह बहुवचन है। यदि यहोवा यह कहना चाहता कि मैं एक और केवल एक हूँ, तो वह (याकिद) शब्द का प्रयोग करता।
१- आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया और परमेश्वर का आत्मा जल के ऊपर मँडराता था (उत्पत्ति १:१, २)। यहाँ, सृष्टि के कार्य में परमेश्वर और पवित्र आत्मा का संदर्भ दिया गया है।
२- तब परमेश्वर ने कहा, हम मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार अपने स्वरूप के अनुसार बनाएं (उत्पत्ति १:२6)। बहुवचन हम को प्रारंभिक चर्च के विद्वानों ने ईश्वरत्व के तीन व्यक्तियों की ओर इशारा करते हुए माना था। यह कथन कि मनुष्य को हमारे स्वरूप में बनाया जाना था, इस समझ की ओर ले जाता है कि संचार करने वालों को एक ही ईश्वरत्व के व्यक्ति होने चाहिए।
३- तब यहोवा परमेश्वर ने कहा, देखो, मनुष्य भले बुरे का ज्ञान पाने के लिये हम में से एक के समान हो गया है (उत्पत्ति ३:२२)। शब्द हम कम से कम दो व्यक्तियों की एक साथ बातचीत करने की उपस्थिति की आवश्यकता है।
४- आओ, हम नीचे उतरें और वहां उनकी भाषा में गड़बड़ी करें, कि वे एक दूसरे की बात को न समझें (उत्पत्ति ११:७)। यहाँ, सर्वनाम हम का फिर से प्रयोग, परमेश्वर के कम से कम दो व्यक्तियों की भागीदारी को संकेत करता है।
५- तब यहोवा ने सदोम और अमोरा पर, यहोवा की ओर से स्वर्ग से गन्धक और आग बरसाई (उत्पत्ति १९:२४)। यहाँ, हम ईश्वरत्व के दो सदस्यों को सदोम और अमोरा के न्याय पर कार्य करते हुए देखते हैं।
६- मैं तब तक देखता रहा, जब तक कि सिंहासन न रख दिए गए, और अति प्राचीन विराजमान हो गया मैं रात के दर्शन में देख रहा था, और देखो, मनुष्य के पुत्र के समान कोई स्वर्ग के बादलों के साथ आ रहा है! वह अति प्राचीन के पास आया, और वे उसे उसके साम्हने समीप ले आए (दानिय्येल ७:९, १३)। यहाँ, परमेश्वर पिता भविष्यद्वाणी के दर्शन में पुत्र के साथ उपस्थित है।
७- मैं आज्ञा की घोषणा करूंगा: यहोवा ने मुझ से कहा है, तू मेरा पुत्र है, आज मैंने तुझे जन्म दिया है (भजन संहिता २:७)। यहाँ, पिता यीशु को अपने पुत्र के रूप में स्वीकार करता है।
८- इस कारण परमेश्वर, तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों से बढ़कर आनन्द के तेल से तेरा अभिषेक किया है (भजन संहिता ४५:७)। यहाँ, पिता परमेश्वर ने पुत्र का मसीहा के रूप में अभिषेक किया है।
९- यहोवा ने मेरे प्रभु से कहा, मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूं (भजन संहिता ११०:१)। परमेश्वर के लिए इब्रानी शब्दों को प्रतिस्थापित करते हुए, हमारे पास निम्नलिखित हैं, यहोवा ने एदोनाई से कहा। अपने ईश्वरत्व की पुष्टि करने वाले यीशु के शब्दों के अनुसार, संवाद पिता परमेश्वर और पुत्र परमेश्वर के बीच हुआ (मत्ती २२:4१-४५)।
१०- क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया है; और सरकार उसके कंधों पर होगी। और उसका नाम अद्भुत, युक्ति करनेवाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा (यशायाह ९:६)। यहाँ, यीशु पुत्र, पिता से कम परमेश्वर नहीं है। वह अनंत काल से पिता के साथ एक था (भजन ९0:२; नीतिवचन ८:२२-३०; मीका ५:२)।
१- बपतिस्मा लेने के बाद, यीशु तुरंत पानी से ऊपर आया; और क्या देखा, कि आकाश खुल गया, और उस ने परमेश्वर के आत्मा को कबूतर की नाई उतरते और उस पर ज्योति करते देखा। और एकाएक स्वर्ग से यह शब्द हुआ, यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिस से मैं अति प्रसन्न हूं (मत्ती ३:१6,१7)।
२- इसलिए जाकर सब जातियों को चेला बनाओ, और उन्हें पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो (मत्ती २8:१९)।
३- और पवित्र आत्मा उस पर [यीशु] शारीरिक रूप में कबूतर के रूप में उतरा, और स्वर्ग से एक आवाज आई, तू मेरे [पिता के] प्रिय पुत्र है, मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं (लूका ३) :२२)।
४- परन्तु सहायक, पवित्र आत्मा, जिसे पिता मेरे [यीशु के] नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा (यूहन्ना 1४:२६)।
५- जब वह सहायक आएगा, जिसे मैं [यीशु] पिता की ओर से तुम्हारे पास भेजूंगा, वह सत्य का आत्मा है जो पिता की ओर से निकलता है, तो वह मेरे विषय में गवाही देगा (यूहन्ना 1५:२६)।
६- और उन के साथ इकट्ठे होकर उस [यीशु] ने उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम से न चले जाएं, परन्तु पिता के उस वचन की बाट जोहते रहें, जिस के विषय में उस ने कहा, कि तू ने मुझ से सुना है; क्योंकि यूहन्ना ने तो जल से तो सचमुच बपतिस्मा दिया है, परन्तु अब से अधिक दिन न रहकर तुम पवित्र आत्मा से बपतिस्मा पाओगे (प्रेरितों के काम १:४,५)।
७- इसलिये परमेश्वर के दाहिने हाथ पर ऊंचा किया गया, और पिता से पवित्र आत्मा की प्रतिज्ञा प्राप्त करके, उस [यीशु ने] जो तुम देखते और सुनते हो, उसे उंडेल दिया है (प्रेरितों के काम २:३३)।
९- जो हमारे प्रभु यीशु मसीह, पवित्र आत्मा के अनुसार मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा सामर्थ के साथ परमेश्वर का पुत्र ठहराया गया (रोमियों १:४)।
१०- और तुम में से कितने ऐसे ही थे, परन्तु तुम प्रभु यीशु मसीह के नाम से और हमारे परमेश्वर के आत्मा से धोए गए, और पवित्र हुए और धर्मी ठहरे॥ (१ कुरिन्थियों ६:११)।
११- प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह, और परमेश्वर का प्रेम, और पवित्र आत्मा की संगति, तुम सब पर बनी रहे (२ कुरिन्थियों १३:१४)।
१२- कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर, जो महिमा का पिता है, तुम्हें अपनी पहचान में ज्ञान और प्रकाशन की आत्मा दे (इफिसियों १:१7)।
१३- क्योंकि उसी [यीशु] के द्वारा हम दोनों की एक ही आत्मा में पिता तक पहुंच होती है (इफिसियों २:१८)।
१४- जिस में [यीशु] तुम भी आत्मा में परमेश्वर [पिता] के निवास के लिये एक साथ बनाए जाते हो (इफिसियों २:२२)।
१५- जिसे [पवित्र आत्मा] उस [पिता] ने हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के द्वारा हम पर बहुतायत से उंडेला (तीतुस ३:६)।
१६- मसीह का लहू, जिसने अनन्त आत्मा के द्वारा अपने आप को परमेश्वर [पिता] के लिये निष्कलंक बलिदान किया है, तुम्हारे विवेक को मरे हुए कामों से शुद्ध करके जीवते परमेश्वर की सेवा करने के लिये कितना अधिक शुद्ध करेगा? (इब्रानियों ९:१४)।
१७- परमेश्वर पिता के पूर्वज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के कार्य के द्वारा, यीशु मसीह की आज्ञा मानना, और उसके लहू से छिड़का जाना; अनुग्रह और शान्ति पूर्ण रीति से तुझे मिलती रहे (१ पतरस १:२)।
१८- ४ वरदान तो कई प्रकार के हैं, परन्तु आत्मा एक ही है। ५ और सेवा भी कई प्रकार की है, परन्तु प्रभु एक ही है। ६ और प्रभावशाली कार्य कई प्रकार के हैं, परन्तु परमेश्वर एक ही है, जो सब में हर प्रकार का प्रभाव उत्पन्न करता है। (१ कुरिन्थियों १2:४-६)।
२०- एक ही देह और एक ही आत्मा है, जैसा तुम बुलाए गए थे, वैसे ही तुम्हारे बुलाए जाने की एक ही आशा है; एक प्रभु [यीशु], एक विश्वास, एक बपतिस्मा; एक ही परमेश्वर और सबका पिता, जो सब से ऊपर, और सब के द्वारा, और तुम सब में है (इफिसियों ४:४-६)।
पुराने और नए नियम दोनों ही ईश्वरत्व के ३ व्यक्तियों को मनुष्य के उद्धार के लिए एकजुट रूप से कार्य करते हुए प्रकट करते हैं। उन सात आत्माओं की ओर से जो उसके सिंहासन के सामने हैं, और यीशु मसीह की ओर से, जो विश्वासयोग्य साक्षी, मरे हुओं में से पहलौठा, और पृथ्वी के राजाओं पर शासक है। जिस ने हम से प्रेम किया, और अपने ही लहू में हमें हमारे पापों से धोया, और अपने परमेश्वर और पिता के लिये हमें राजा और याजक ठहराया, उसकी महिमा और प्रभुता युगानुयुग बनी रहे (प्रकाशितवाक्य १:४-६)। |
व्याकरण उस शास्त्र को कहा जाता हैं, जिसमे भाषा के शुद्ध करने वाले नियम बताए गए हो। किसी भी [[भाषा]] के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन '''व्याकरण''' (ग्रामर) कहलाता है। व्याकरण वह विद्या है जिसके द्वारा किसी [[भाषा]] को शुद्ध बोला, पढ़ा और शुद्ध लिखा जाता है। किसी भी भाषा के लिखने, पढ़ने और बोलने के निश्चित नियम होते हैं। भाषा की शुद्धता व सुंदरता को बनाए रखने के लिए इन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। ये नियम भी व्याकरण के अंतर्गत आते हैं। व्याकरण भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
किसी भी "भाषा" के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन "व्याकरण" कहलाता है, जैसे कि शरीर के अंग प्रत्यंग का विश्लेषण तथा विवेचन "शरीरशास्त्र" और किसी देश प्रदेश आदि का वर्णन "भूगोल"। यानी व्याकरण किसी भाषा को अपने आदेश से नहीं चलाता घुमाता, प्रत्युत भाषा की स्थिति प्रवृत्ति प्रकट करता है। "चलता है" एक क्रियापद है और व्याकरण पढ़े बिना भी सब लोग इसे इसी तरह बोलते हैं; इसका सही अर्थ समझ लेते हैं। व्याकरण इस पद का विश्लेषण करके बताएगा कि इसमें दो अवयव हैं - "चलता" और "है"। फिर वह इन दो अवयवों का भी विश्लेषण करके बताएगा कि (च् अ ल् अ त् आ) "चलता" और (ह अ इ उ) "है" के भी अपने अवयव हैं। "चल" में दो वर्ण स्पष्ट हैं; परंतु व्याकरण स्पष्ट करेगा कि "च" में दो अक्षर है "च्" और "अ"। इसी तरह "ल" में भी "ल्" और "अ"। अब इन अक्षरों के टुकड़े नहीं हो सकते; "अक्षर" हैं ये। व्याकरण इन अक्षरों की भी श्रेणी बनाएगा, "व्यंजन" और "स्वर"। "च्" और "ल्" व्यंजन हैं और "अ" स्वर। चि, ची और लि, ली में स्वर हैं "इ" और "ई", व्यंजन "च्" और "ल्"। इस प्रकार का विश्लेषण बड़े काम की चीज है; व्यर्थ का गोरखधंधा नहीं है। यह विश्लेषण ही "व्याकरण" है। |
सर विलियम लॉरेंस ब्रैग ( १८९० - १९७१) आस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध भौतिकविज्ञानी थे जिन्हें १९१५ में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे प्रसिद्ध वैज्ञानिक विलियम हेनरी ब्रैग के पुत्र थे। ये दूसरे सबसे कम आयु के नोबेल पुरुस्कार विजेता है। इन्होने २५ वर्ष की उम्र मैं नोबेल पुरस्कार जीता था।
इनका जन्म ३१ मार्च १८९० को आस्ट्रेलिया के ऐडिलेड में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा इसी नगर में पाने के पश्चात् सन् १९१६ में आप केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज के फैलो हो गए।
अपने पिता के साथ एक्स-रे-स्पेक्ट्रोमीटर की सहायता से आपने अनेक प्रकार के क्रिस्टलों की रचना की खोज की। इस कार्य के लिए इन्हें और इनके पिता को संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार तथा बारनर्ड स्वर्णपदक मिले। सन् १९१९ से १९३७ तक आप विक्टोरिया विश्वविद्यालय ((मैंचेस्टर)) में भौतिकी के लैंगवर्दी प्रोफेसर तथा सन् १९३७-३८ में नैशनल फिजिकल लेबोरेटरी के निदेशक थे तथा सन् 19३८ में कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्रायोगिक भौतिकी के कैवेंडिश प्रोफेसर नियुक्त हुए।
क्रिस्टल संरचना पर आपने कई एक महत्व के निबंध लिखे हैं। विद्युत, क्रिस्टलों की संरचना तथा खनिजों की परमाणवीय संरचना पर भी आपने पुस्तकें लिखी हैं।
यह जीवनचरित लेख एक आधार है। जानकारी जोड़कर इसे बढ़ाने में विकिपीडिया की मदद करें।
अन्तिम परिवर्तन ०९:३४, १ मई 202१। |
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वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी और डेफी के लिए २०२१ एक शानदार वर्ष था। यह उल्लेखनीय है कि डिजिटल परिसंपत्ति वर्ग ने वर्ष के दौरान पहली बार $ ३ ट्रिलियन के संचयी बाजार पूंजीकरण को पार कर लिया है। और, बीटीसी ने भी अक्टूबर में एक नए एटीएच को छूने के बाद कुछ रिकॉर्ड लाभ दर्ज किया।
ऐसा कहा जा रहा है, हम जानते हैं कि क्रिप्टो गोद लेने वाले वर्ष में आसमान छू गया है, साथ ही परिसंपत्ति वर्ग के बारे में उत्सुकता भी बढ़ गई है।
एनालिटिक्स फर्म ग्लोबलदाता की एक हालिया रिपोर्ट प्रकट किया वह बित्कोइन २०२१ में ट्विटर इन्फ्लुएंसर्स और रेडिटर्स के बीच सोशल मीडिया पर बातचीत के मामले में सबसे अधिक उल्लिखित क्रिप्टोकरेंसी थी। ८८१,९००+ चर्चाओं के साथ, बिटकॉइन ने प्लेटफार्मों पर सबसे अधिक कर्षण देखा, जब अमेरिकी प्रतिभूति नियामकों ने अक्टूबर में पहले बीटीसी फ्यूचर्स ईटीएफ को मंजूरी दी, रिपोर्ट में कहा गया है।
९ दिसंबर तक, रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल क्रिप्टो चर्चा में भी सालाना ४००% से अधिक की वृद्धि देखी गई। स्मितारानी त्रिपाठी, सोशल मीडिया एनालिस्ट, ग्लोबलदाता टिप्पणी की,
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो, एथेरियम, को भी ३०५,८००+ चर्चाओं के साथ सोशल मीडिया वार्तालापों में दूसरे स्थान पर रखा गया। ग्लोबलडाटा कहा गया है,
एथेरियम के आसपास सोशल मीडिया की बातचीत बिटकॉइन से बेहतर प्रदर्शन करने पर बढ़ गई। क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया में सहायक विकास क्षेत्रों के साथ एथेरियम का जुड़ाव, जैसे कि विकेन्द्रीकृत वित्त (डीएफआई), अपूरणीय टोकन (एनएफटी), और मेटावर्स इसके शानदार प्रदर्शन के लिए कुछ प्रमुख चालक थे।
इसके साथ ही दोगे २०२० में ८,०००% की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर आ गया, इसके बाद पोलकाडॉट, बिनेंस कॉइन, टीथर, सोलाना और शीबा इनु जैसे सिक्के हैं। ऐसा कहने के बाद, दोगे के प्रतिद्वंद्वी शिब ने २०२१ में १६,०००% की वृद्धि देखी, जो मुख्य रूप से रॉबिनहुड पर इसकी लिस्टिंग की अटकलों से प्रेरित थी।
यह विशेष रूप से सच है जब मस्क ने दोगे उपग्रह के बारे में ट्वीट किया और मर्चेंडाइज के लिए मेम टोकन की स्वीकृति दी।
मूनून को !!
कहा जा रहा है, क्रिसमस के करीब आने के साथ, बित्कोइन $५०क के उत्तर में वापस चला गया है। लेखन के समय, बीटीसी है मँडरा कुछ हद तक भालू के वाक्यांश के बाद, लगभग $ ५१,३०० के स्तर पर। हालांकि, एसईसी के हालिया फैसले को वाल्कीरी और क्रिप्टोइन द्वारा प्रस्तावित दो भौतिक रूप से समर्थित बिटकॉइन ईटीएफ को नीचे गिराने के लिए समुदाय को निराश किया है।
निकिता को प्रौद्योगिकी और व्यवसाय रिपोर्टिंग में ७ साल का व्यापक अनुभव है। उसने 201७ में पहली बार बिटकॉइन में निवेश किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालाँकि वह अभी किसी भी क्रिप्टो मुद्रा को धारण नहीं करती है, लेकिन क्रिप्टो मुद्राओं और ब्लॉकचेन तकनीक में उसका ज्ञान त्रुटिहीन है और वह इसे सरल बोली जाने वाली हिंदी में भारतीय दर्शकों तक पहुंचाना चाहती है जिसे आम आदमी समझ सकता है। |
वोमेन एशिया कप: महिला एशिया कप २०२२ के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का सामना श्रीलंका की महिला क्रिकेट टीम के साथ हुआ। इस मैच में श्रीलंका की कप्तान ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया।
पहले खेलते हुए श्रीलंका की टीम भारतीय गेंदबाजी के सामने पूरी तरह से धराशाई हो गई और २० ओवर में ९ विकेट पर ६५ रन ही बना पाई और भारत को जीत के लिए ६६ रन का लक्ष्य मिला। भारत ने जीत के लिए मिले लक्ष्य को २ विकेट खोकर हासिल कर लिया और इस मैच को जीतते हुए एशिया कप २०२२ का खिताब अपने नाम किया।
भारतीय महिला टीम ने रिकार्ड ७वीं बार एशिया कप खिताब अपने नाम किया। भारत ने २०२२ से पहले २००४, २००५-०६, 20०६, २००८, २०१२ और २०१६ में एशिया कप खिताब अपने नाम किया था। वहीं साल साल २०१८ यानी पिछले सीजन में भारतीय टीम फाइनल में पहुंची थी, लेकिन उसे बांग्लादेश ने हराकर पहली बार ये खिताब अपने नाम किया था। यानी लगातार ६ बार खिताब जीतने के बाद भारत का सिलसिला टूट गया था, लेकिन हरमनप्रीत की कप्तानी में भारत ने पिछली सफलता को फिर से दोहराया। |
२६ अप्रैल, २०२२ को कैबिनेट द्वारा मध्य प्रदेश नगरपालिका विधि (संशोधन) अध्यादेश, २०२२ के प्रारूप को मंज़ूरी दी गई।
इस अध्यादेश के तहत मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सड़क या सार्वजनिक स्थान पर जान-बूझकर या उपेक्षापूर्वक किसी मवेशी या अन्य पशु को छोड़ा या बांधा जाता है, तो संबंधित व्यक्ति से एक हज़ार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रस्तावित जुर्माना राशि ५,००० रुपए थी, किंतु मंत्रियों के सुझाव पर इसे १,००० रुपए कर दिया गया।
गौरतलब है कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर जानवरों को खुला छोड़ने की बढ़ती समस्या को लेकर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अनेक याचिकाएँ दाखिल की गई थीं, जिन पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने राज्य सरकार को विचरण करने वाले बेसहारा पशुओं के संबंध में नियमित कार्रवाई तथा ज़ुर्माने की राशि निर्धारित करने के निर्देश दिये थे। |
देहरादून, न्यूज़ आई: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय से एक्सिस बैंक द्वारा चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किए गए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के वाहन का फ्लैग ऑफ किया। एक्सिस बैंक द्वारा स्वास्थ्य विभाग को ३१ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्सिस बैंक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड के दौरान एक्सिस बैंक द्वारा जनसेवा के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। देशभर में कोविड टीकाकरण तेजी से चल रहा है। उत्तराखंड में चार माह में शत प्रतिशत लोगों का टीकाकरण किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं उत्तराखंड की जनता के सहयोग से प्रदेश को आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य सरकार जनता की साझीदार के रूप में कार्य कर रही है।
इस अवसर पर एक्सिस बैंक के श्री डी.के दास, श्री विवेक, श्री रघुवीर सिंह चौहान, श्री नितिन गुप्ता, श्री पंकज रावत उपस्थित थे। |
सैमसंग गैलेक्सी एस२३ अल्ट्रा में २०० मेगापिक्सल का कैमरा होने की बात कही गई है। टिपस्टर ने यह भी कहा कि मुख्य कैमरा सेंसर जारी किया जाना बाकी है। सैमसंग ने पिछले साल सितंबर में अपने २००-मेगापिक्सल इसोसेल हप१ सेंसर की घोषणा की थी। इस मई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के मोबाइल डिवीजन और सैमसंग इलेक्ट्रो-मैकेनिक्स द्वारा विकसित किया जा रहा एक बेहतर २००-मेगापिक्सेल सेंसर, जिसे इसोसेल हप३ के रूप में जाना जाता है, इसके पूरा होने के करीब था। सेंसर के दक्षिण कोरियाई कंपनी के आगामी फ्लैगशिप स्मार्टफोन में डेब्यू करने की उम्मीद है। सैमसंग गलक्सी स२३ अल्ट्रा नया सेंसर पेश करने वाला कंपनी का पहला हैंडसेट हो सकता है।
विश्वसनीय टिपस्टर आइस यूनिवर्स (ट्विटर: @यूनिवर्सइस) के अनुसार, सैमसंग का आगामी फ्लैगशिप स्मार्टफोन हो सकता है सुसज्जित २०० मेगापिक्सल के कैमरे के साथ। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, टिपस्टर ने यह भी कहा कि संबंधित सेंसर की घोषणा की जानी बाकी है।
याद करने के लिए, सैमसंग ने पिछले साल सितंबर में अपने २००-मेगापिक्सेल इसोसेल हप१ सेंसर की घोषणा की। ए रिपोर्ट गुड इस मई ने कहा था कि एक बेहतर २००-मेगापिक्सेल सेंसर, जिसे इसोसेल हप३ के रूप में जाना जाता है, जिसे सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स मोबाइल डिवीजन और सैमसंग इलेक्ट्रो-मैकेनिक्स द्वारा विकसित किया गया था और यह कथित तौर पर पूरा होने वाला था। नवीनतम लीक से संकेत मिलता है कि गैलेक्सी स2३ अल्ट्रा वह स्मार्टफोन हो सकता है जो नए सेंसर से लैस है। सेंसर को इसोसेल हप१ का उन्नत संस्करण कहा जाता है जो २०० मेगापिक्सेल का अधिकतम छवि रिज़ॉल्यूशन देने के लिए एक नई पिक्सेल-बिनिंग तकनीक का उपयोग करता है।
सैमसंग इसोसेल हप३ सेंसर की विशेषताओं और विशिष्टताओं का खुलासा होना बाकी है कंपनी ने अभी तक कैमरा सेंसर के अस्तित्व की पुष्टि नहीं की है। यह सेंसर छवियों को कैप्चर करने के लिए २००-मेगापिक्सेल रिज़ॉल्यूशन की पेशकश करने की उम्मीद है, जो इसे किसी भी हैंडसेट में स्थापित सबसे बड़े सेंसर में से एक बनाता है। |
यानी इस महीने के अंत तक लिंक नहीं कराने पर जुर्माने की रकम पांच सौ से बढ़कर एक हजार हो जाएगी। १ जुलाई से पेन और आधार को लिंक करवाने के लिए एक हजार जुर्माना देना होगा।
नियमो के मुताबिक एक हजार जुर्माने देकर लिंक कराने की मियाद ३१ मार्च २०२३ तय की गई है। इस अवधि तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया गया तो पैन कार्ड रद्द कर दिया जाएगा।
सीए एसोसिएशन का कहना है कि केंद्र सरकार ने पहले सिंतबर और बाद में ३१ मार्च २०२२ तक का समय लिंक कराने के लिए दिया था। तय समय के बाद भी लिंक कराने वाले लोगों से ही ऑनलाइन जुर्माना वसूल किया जा रहा है।
को लिंक नहीं करा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या अभी भी हजारों में है। एसोसिएशन का दावा है कि राजधानी में कारोबारियों ने शत-प्रतिशत आधार और पैन कार्ड लिंक करा लिया है।
लेकिन आम लोग और सरकारी-प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग अभी भी आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं करा रहे हैं। ऐसे लोगों की संख्या अभी भी हजारों में है।
न्यूजअभी शुल्क के साथ ऐसे करें लिंक पैन और आधार कार्ड लिंक करने के लिए इंकम टैक्स की ऑफिशियल वेबसाइट ( पर क्लिक करने के बाद बायीं ओर लिंक आधार का ऑप्शन आता है।
इस पर क्लिक करने के बाद नया पेज खुलेगा। इसमें अपना पैन और आधार नंबर के साथ मांगी गई जानकारी देनी होगी। इसी में ऑनलाइन जुर्माना अदा करने का भी आप्शन आता है। डेबिट-क्रेडिट के अलावा दूसरे ऑनलाइन मोड से शुल्क का भुगतान किया जा सकता है।
अगर दोनों कार्ड पहले से लिंक हैं तो उसकी जानकारी भी पेज पर आ जाती है। दोनों कार्ड लिंक होने पर सक्सेसफुली लिंक का मैसेज भी डिस्पले होता है।
पैन कार्ड रद्द होने से ये होगी परेशानी ५ लाख रुपए से ज्यादा का सोना नहीं खरीदा जा सकता। बैंकों में ५0 हजार से ज्यादा जमा और विड्रॉल नहीं होगा।
न्यूजम्यूचल फंड या वित्तीय योजनाओं में निवेश नहीं कर पाएंगे। शासकीय योजनाओं का फायदा लेने में भी दिक्कतें आएंगी। ऑनलाइन रकम ट्रांसफर नहीं होगी।
रिटर्न भी नहीं मिलेगा। राजधानी समेत राज्यभर में हजारों की संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने अभी तक आधार और पैन कार्ड को लिंक नहीं कराया है।
जिनके पास दोनों कार्ड हैं उन्हें जल्द से जल्द लिंक करवाकर परेशानियों से बचना चाहिए। अभी ५०० की पेनाल्टी के साथ ऑनलाइन लिंक कराया जा सकता है। इसमें पांच मिनट से भी कम का समय लगता है। |
३द्प नेट विंडोज १० - नेटवर्क कार्ड के लिए ड्राइवरों का एक सेट। अनुप्रयोग एक स्टैंडअलोन सॉफ़्टवेयर उत्पाद है जिसे ऑपरेटिंग सिस्टम को पुनः इंस्टॉल करने के बाद कंप्यूटर पर इंटरनेट तक पहुंच को व्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। उपयोगिता में बड़ी संख्या में निर्माताओं के नेटवर्क कार्डों का एक पुस्तकालय शामिल है, वाईफाई एडेप्टर और गीगाबिट इंटरफेस की परिभाषा का समर्थन करता है, जिससे आप बैकअप और डेटा को पुनर्स्थापित कर सकते हैं।
प्रोग्राम स्थापित नेटवर्क उपकरणों के बारे में विस्तृत जानकारी का उत्पादन कर सकता है और कनेक्शन प्रबंधकों के इष्टतम ड्राइवर सेट और संस्करणों का चयन करने में सक्षम है। आप सकते मुफ्त डाउनलोड ३द्प नेट आधिकारिक नवीनतम संस्करण विंडोज १० हिंदी। |
आज बेरोजगार छात्रों के आंदोलन में बिहार बंद चल रहा है, और देश में जगह-जगह छात्रों का प्रदर्शन हो रहा है। दरअसल रेलवे की एक भर्ती परीक्षा को लेकर यह बवाल खड़ा हुआ है क्योंकि रेलवे अपने कुछ सबसे निचले दर्जे के पदों के लिए भर्ती की मुनादी करने के बरसों बाद उसके लिए इम्तिहान करवा रहा था, और देश में बेरोजगारी का हाल यह है कि एक लाख पदों के लिए करीब सवा करोड़ लोगों ने अर्जी दी थी। अब केंद्र सरकार और रेलवे के सामने दिक्कत यह हो गई थी कि इनका इम्तिहान किस तरह लिया जाए। और फिर बात महज इम्तिहान की नहीं है, बेरोजगारों के बीच यह मजबूत नजरिया बना हुआ है कि सरकारी नौकरियों में भारी भ्रष्टाचार के आधार पर लोगों को चुना जाता है। और इसकी एक सही वजह भी है। लोगों को याद होगा कि मध्यप्रदेश में किस तरह से मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए व्यापक और संगठित भ्रष्टाचार हुआ जिसमें पिछली भाजपा सरकार के एक मंत्री को जेल जाना पड़ा, बहुत से अधिकारी और कर्मचारी जेल गए, और एक गवर्नर क्योंकि गुजर गए इसलिए वे बच भी गए। सरकारी नौकरियों के लिए होने वाले इम्तिहानों में बड़े पैमाने पर धांधली होती है, और इसीलिए उत्तर प्रदेश, बिहार के यह नौजवान छात्र और बेरोजगार सडक़ों पर हैं क्योंकि इन राज्यों में सरकारी नौकरी के अलावा अधिक काम नहीं है, लोग बेरोजगार हैं, और किसी एक नौकरी का मौका निकला तो उसके इम्तिहान में तरह तरह की गड़बड़ी दिखी, और छात्रों ने कहीं ट्रेन रोकी कहीं डिब्बों में आग लगा दी, कई शहरों में हिंसा हुई, और आज बिहार बंद चल रहा है।
लोगों को यह बात भी बड़ी अटपटी लगती है कि आज जो देश के रेल मंत्री हैं, वे विदेशों से पढक़र या काम करके लौटे हुए हैं, और वह रेलवे की सबसे निचले दर्जे की नौकरी के लिए भी इम्तिहान ठीक से नहीं करवा पा रहे हैं. वर्षों तक इसके लिए इंतजार करते हुए नौजवान अब उम्र की सीमा पार करने जा रहे हैं, उनका बर्दाश्त जवाब दे रहा है। ऐसे बेरोजगार प्रदर्शनकारी छात्रों को देखें तो उनका दर्द मन को हिला देता है, उनमें से एक यह कहते हुए सुनाई पड़ा कि गांव में मां बीमारी का इलाज कराने के बजाय उस पैसे को शहर बेटे को भेज रही है ताकि वह इम्तिहान की तैयारी कर सके, और नौकरी पा सके। ऐसे तकलीफजदा परिवारों के बच्चों को जब नौकरी पाने की इस प्रक्रिया पर संदेह हो रहा है, तो यह संदेह खतरनाक साबित हो सकता है। लोगों को याद होगा कि अभी कुछ दिन पहले ही देश के मुख्य न्यायाधीश ने इस बात पर अफसोस जाहिर किया था कि अब देश में छात्र आंदोलन होने बंद हो गए हैं, और उन्होंने यह याद किया था कि हिंदुस्तान में आखिरी छात्र आंदोलन आपातकाल के दौरान हुआ था. लेकिन यह याद रखने की जरूरत है कि इमरजेंसी के दौरान लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक जिस छात्र आंदोलन से आगे निकले हुए नेता हैं, उनका बिहार आज एक ऐसा आंदोलन देख रहा है जिसने बेरोजगारों को एक साथ जोड़ दिया है। ऐसे में एक छात्र की कही हुई इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि केंद्र सरकार छात्रों को सडक़ पर आने को मजबूर न करे, वरना सरकार सडक़ पर आ जाएगी। यह बात अपने इस दर्द के साथ सरकार के लिए खतरनाक है, जो दर्द एक बेरोजगार के दिल-दिमाग में बैठा हुआ है।
यह भी समझने की जरूरत है कि केंद्र सरकार अभी-अभी साल भर चले हुए किसानों के आंदोलन के सामने अपनी शिकस्त मानते हुए कृषि कानूनों को वापस लेकर एक शर्मिंदगी झेल कर हटी ही है, और अभी इस दूसरे बड़े आंदोलन का खतरा पांच राज्यों के चुनाव के दौरान आ खड़ा हुआ है जिसमें से एक सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश इस आंदोलन कि आज को सीधे झेल रहा है. यह सिलसिला खतरनाक है, इसलिए नहीं कि इससे भाजपा उत्तर प्रदेश का चुनाव हार सकती है, बल्कि इसलिए कि एक साल तक आंदोलन चलाने वाले किसानों के पास तो फिर भी खेत थे, उसका कुछ काम देखना था, इन बेरोजगार छात्रों के पास तो कुछ भी नहीं है, न पढऩे को कुछ बचा है ना कोई नौकरी है, न घर जाकर मुंह दिखाने के लायक हैं. इसलिए यह आंदोलन लंबा और अधिक खतरनाक हो सकता है. किसान आंदोलन की अपनी सीमाएं थीं लेकिन यह बेरोजगार कल के दिन अगर अधिक हताशा और निराशा में फंसते हैं तो यह सडक़ों पर किस तरह के आत्मघाती काम करेंगे, इस खतरे को केंद्र सरकार को समझना चाहिए।
यह आंदोलन इस बात का भी सुबूत है कि देश में बेरोजगारी का क्या हाल है। अभी कुछ दिन पहले ही हमने इसी जगह पर भारत के एक प्रमुख आर्थिक सर्वेक्षण संस्थान की रिपोर्ट के आंकड़े दिए थे कि देश में बेरोजगारी किस तरह सिर पर चढक़र बोल रही है। और अब बेरोजगार छात्रों का यह आंदोलन किस बात का सबूत है. एक लाख छोटी सी कुर्सियों के लिए एक-सवा करोड़ बेरोजगार इम्तिहान में बैठने के लिए तैयार खड़े हुए हैं। आज तो यह आंदोलन उत्तर प्रदेश और बिहार में केंद्रित है, लेकिन हमने देखा हुआ है की हाल के वर्षों में किस तरह किसान आंदोलन दिल्ली की सरहद से शुरू होकर देश की सरहदों तक पहुंच गया था. आज हिंदुस्तान के बड़े-बड़े तबकों को इस तरह, बहुत बुरी तरह, बहुत बुरी हद तक नाराज करके और निराश करके केंद्र सरकार पता नहीं कितना खतरा उठाने का हौसला रखती है। यह बात भी समझना चाहिए कि छात्र आंदोलन शायद शुरू तो हुआ है रेलवे की कुछ नौकरियों को लेकर, लेकिन अगर यह व्यापक मुद्दों को लेकर फैलते चले गया तो किसी सरकार के पास इस आग पर काबू पाने का कोई जरिया नहीं रहे। |
बिना कोचिंग किए दूसरे ही प्रयास में सलोनी ने पाई ऑल इंडिया ७०वीं रैंक, जानिए ऐसे की परीक्षा की तैयारी !
मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली सलोनी ने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया।
इयास अधिकारी बनना बहुत से लोगों का सपना होता है, लेकिन कुछ ही उम्मीदवार ऐसे होते हैं जो उपस्क की परीक्षा पास कर पाते हैं, जो देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक है। यूपीएससी की सफल यात्रा कठिन है और सफलता का स्वाद चखने के लिए उम्मीदवारों को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस साल के टॉपर्स में सलोनी वर्मा हैं, जिन्होंने यूपीएससी सीएसई में ऑल इंडिया रैंक ७० हासिल की है।
मूल रूप से झारखंड के जमशेदपुर की रहने वाली सलोनी ने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिताया। उसने ग्रेजुएशन के ठीक बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और वह अपने दूसरे प्रयास में सफल रही। उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा बिना किसी कोचिंग के पास की।
एक इंटरव्यू में सलोनी ने कहा कि हमें अपनी क्षमता और रुचि को समझना चाहिए। फिर हम उपस्क के टॉपर्स के इंटरव्यू देख सकते हैं और ब्लॉग पढ़ सकते हैं। सलोनी का मानना है कि यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए कोचिंग की जरूरत नहीं है। अगर आपको सही मार्गदर्शन नहीं मिलता है तो आप कोचिंग ज्वाइन कर सकते हैं। लेकिन सफलता कड़ी मेहनत और स्वाध्याय से ही मिलेगी।
सलोनी के मुताबिक उन्होंने सिलेबस को समझा और अपनी स्टडी मटेरियल तैयार किया। उनके मुताबिक कम समय में सफलता हासिल करने के लिए एक अच्छी रणनीति जरूरी है। हालांकि वह पहले प्रयास में फेल हो गई, लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती चली गई।
सलोनी के मुताबिक अगर आप यूपीएससी की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको बेहतर रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा। वह कहती है कि आप अपनी मंजिल तक तब तक नहीं पहुंच पाएंगे जब तक आप इसके लिए हर दिन प्रयास नहीं करते। उनके अनुसार सफलता के लिए कड़ी मेहनत, सही रणनीति, अधिकतम रिवीजन, उत्तर लिखने का अभ्यास और सकारात्मक दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण हैं। |
भारत सरकार, भारत तथा उसके हर भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेवार है । सशस्त्र सेनाओं की सर्वोच्च कमान राष्ट्रपति के पास निहित होती है । राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेवारी मंत्रिमंडल के पास निहित होती है । यह जिम्मेवारी रक्षा मंत्रालय के जरिए निभाई जाती है जो सशस्त्र सेनाओं को देश की सुरक्षा के संबंध में उनकी जिम्मेवारी निभाने के लिए नीति संबंधी ढांचा तथा साधन उपलब्ध कराता है। रक्षा मंत्री रक्षा मंत्रालय के प्रमुख होते हैं। रक्षा मंत्रालय का मुख्य कार्य रक्षा और सुरक्षा संबंधी सभी मामलों पर सरकार के नीति-निर्देश प्राप्त करना तथा उन्हें लागू करने के लिए सेना मुख्यालयों, अंतर-सेवा संगठनों, उत्पादन स्थापनाओं तथा अनुसंधान एवं विकास संगठनों को सूचित करना है । उससे यह भी अपेक्षित है कि वह सरकार के नीति निर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन तथा आवंटित संसाधनों के भीतर अनुमोदित कार्यक्रमों का निष्पादन सुनिश्चित करें । रक्षा मंत्रालय में चार विभाग हैं अर्थात रक्षा विभाग, रक्षा उत्पादन विभाग, रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग तथा इनके अलावा वित्त प्रभाग भी ।
कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी की सर्वोच्च सरकार में वर्ष १७७६ में एक सैन्य विभाग बनाया गया था जिसका मुख्य कार्य ईस्ट इंडिया कंपनी सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा जारी किए सेना से संबंधित आदेशों की पूर्णतया जांच करना तथा उन्हें रिकार्ड करना था । सैन्य विभाग ने शुरू में लोक विभाग की एक शाखा के रूप में काम किया और सेना कार्मिकों की सूची बनाए रखने का काम किया ।
१८८३ के चार्टर अधिनियम के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी की सरकार के सचिवालय को एक सैन्य विभाग सहित चार विभागों में पुनर्गठित किया गया था जिनमें से प्रत्येक विभाग का प्रमुख सरकार का एक सचिव था । बंगाल, बम्बई और मद्रास प्रेसीडेंसियों में सेना ने अप्रैल, १८९५ तक संबंधित प्रेसीडेंसी की सेना के रूप में काम किया और तब से उन्हें एक एकल भारतीय सेना के रूप में एकीकृत कर दिया गया था । प्रशासनिक सुविधा के लिए इसे चार कमानों अर्थात पंजाब (उत्तर-पश्चिम फ्रंटियर सहित), बंगाल, मद्रास (बर्मा सहित) तथा बम्बई (सिंध, क्वेटा तथा अदन सहित) में विभाजित किया गया था । भारतीय सेना के ऊपर सर्वोच्च प्राधिकार सम्राट के नियंत्रण के अध्यधीन, जिसका प्रयोग भारत के लिए सेक्रेटरी ऑफ स्टेट द्वारा किया जाता था, गर्वनर जनरल-इन-काउंसिल के पास निहित था । परिषद में दो सदस्य सैन्य कार्यों के लिए जिम्मेवार थे, जिनमें से एक सैन्य सदस्य था, जो सभी प्रशासनिक तथा वित्तीय मामले देखता था जबकि दूसरा कमांडर-इन-चीफ था जो सभी संक्रियात्मक मामलों के लिए जिम्मेवार था । सैन्य विभाग मार्च १९०६ में समाप्त कर दिया गया और इसे दो विभागों द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया गया था अर्थात, सेना विभाग और सैन्य आपूर्ति विभाग । अप्रैल, १९०९ में सैन्य आपूर्ति विभाग समाप्त कर दिया गया था और इसके कार्यों का प्रभार सेना विभाग ने ले लिया था । सेना विभाग को जनवरी १९३८ में रक्षा विभाग के रूप में पदनामित कर दिया गया था । अगस्त १९४७ में रक्षा विभाग एक केबिनेट मंत्री के अधीन रक्षा मंत्रालय बन गया ।
स्वतंत्रता के बाद एक मंत्रिमंडल सदस्य के प्रभार के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय बनाया गया तथा प्रत्येक सेना को उसके एक कमांडर-इन-चीफ के अधीन रखा गया । १९५५ में कमांडर-इन-चीफों के नाम बदलकर क्रमशः थलसेनाध्यक्ष, नौसेनाध्यक्ष तथा वायुसेनाध्यक्ष रख दिया गया । नवंबर १९६२ में रक्षा उपस्करों के अनुसंधान, विकास तथा उत्पादन के कार्यों को देखने के लिए रक्षा उत्पादन विभाग गठित किया गया । नवंबर १९६५ में, रक्षा आवश्यकताओं के आयात प्रतिस्थापन के लिए योजनाएं बनाने तथा उन्हें कार्यान्वित करने के लिए रक्षा पूर्ति विभाग बनाया गया । बाद में इन दोनों विभागों को मिलाकर एक रक्षा उत्पादन तथा पूर्ति विभाग बना दिया गया । २००४ में रक्षा उत्पादन तथा पूर्ति विभाग का नाम बदलकर रक्षा उत्पादन विभाग कर दिया गया । १९८० में रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग बनाया गया । २००४ में भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग बनाया गया ।
रक्षा सचिव, रक्षा विभाग के प्रमुख के रूप में कार्य करता है और वह अतिरिक्त रूप से मंत्रालय के चारों विभागों के कार्य-कलापों में समन्वय बनाने के लिए भी जिम्मेवार है ।
मंत्रालय का प्रमुख कार्य रक्षा और सुरक्षा संबंधी मामलों पर नीति संबंधी निदेश तैयार करना और उन्हें कार्यान्वयन हेतु तीनों सेना मुख्यालयों, अंतर-सेवा संगठनों, उत्पादन स्थापनाओं तथा अनुसंधान एवं विकास संगठनों को सूचित करना है । इससे यह भी अपेक्षित है कि वह सरकार के नीति निर्देशों का प्रभावी कार्यान्वयन तथा आवंटित संसाधनों के भीतर अनुमोदित कार्यक्रमों का निष्पादन सुनिश्चित करें।
रक्षा विभाग, एकीकृत रक्षा स्टाफ (आई डी एस) और तीनों सेनाओं तथा विभिन्न अंतर सेवा संगठनों संबंधी कार्य करता है । यह विभाग रक्षा बजट, स्थापना संबंधी मामलों, रक्षा नीति, संसद संबंधी मामलों, विदेशों के साथ सहयोग और रक्षा संबंधी सभी कार्य-कलापों के समन्वय के लिए भी जिम्मेवार है ।
सैन्य कार्य विभाग (डीएमए): सैन्य कार्य विभाग के प्रमुख चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) हैं और यह विभाग संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सुविधाजनक बनाने और तीनों सेवाओं के बीच संयुक्तता को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
रक्षा उत्पादन विभाग के प्रमुख एक सचिव हैं और यह विभाग रक्षा उत्पादन, आयातित सामानों उपस्करों तथा अतिरिक्त हिस्से-पुर्जों के स्वदेशीकरण, आयुध निर्माणियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों की विभागीय उत्पादन यूनिटों की आयोजना एवं नियंत्रण का कार्य करता है ।
रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग के प्रमुख एक सचिव हैं । इसका कार्य सैन्य उपस्करों और संभारिकी के वैज्ञानिक पहलुओं पर सरकार को सलाह देना और सेनाओं द्वारा अपेक्षित उपस्करों के लिए अनुसंधान, डिज़ाइन तथा विकास योजनाएं तैयार करना है ।
इस विभाग के प्रमुख एक सचिव हैं और यह विभाग भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास, कल्याण तथा पेंशन संबंधी सभी मामलों संबंधी कार्य करता है। |
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण योजना केरल स्टार्टअप मिशन (कसुम) के माध्यम से लागू की जाएगी।
यह भारत में सरकारी अनुसंधान संस्थानों से अपने उत्पादों के व्यावसायीकरण और पैमाने के लिए प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्राप्त करते समय नए स्टार्टअप उद्यमों द्वारा किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति करेगा।
इस योजना के तहत, सरकारी अनुसंधान संस्थानों से प्रौद्योगिकी खरीदने या सोर्सिंग करने वाले स्टार्टअप और उन पर काम करने वाले उत्पादों को विकसित करने के लिए अधिकतम १० लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिनका व्यवसायीकरण किया जा सकता है।
राज्य सरकार स्टार्टअप द्वारा प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्रदान करने वाले अनुसंधान संस्थानों को भुगतान किए गए प्रौद्योगिकी शुल्क के ९० प्रतिशत की प्रतिपूर्ति करेगी।
इस योजना का अंतिम लक्ष्य शामिल लागत को कम करके स्टार्टअप को अपने विचारों को नया करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस योजना के लिए कौन से स्टार्टअप पात्र हैं?
यह योजना उन स्टार्टअप्स के लिए लागू है जिनका केरल स्टार्टअप मिशन (कसुम) के साथ सक्रिय पंजीकरण है।
स्टार्टअप केरल में लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (ल्प) या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में एक पंजीकृत कंपनी होनी चाहिए।
यह केंद्र सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डिप्प) में एक पंजीकृत कंपनी भी होनी चाहिए।
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ इसकी सक्रिय या सक्रिय अनुपालन स्थिति होनी चाहिए।
राज्य में किसी भी सरकारी एजेंसी, कसुम और अन्य इन्क्यूबेटरों के पास इसका कोई बकाया नहीं होना चाहिए।
केरल स्टार्टअप मिशन (कसुम) क्या है? |
आपको जानकार प्रसन्नता होगी कि बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट द्वारा स्थापित अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. , परौरा मीरगंज बरेली मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान के लिए कृत संकल्प है ।
बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. आलोक की उज्जवल रेखा से जड़ता की सृष्टि को ध्वस्त करता हुआ युवाओं के लिए एक नवीन उपहार है ।
आज उच्च तकनीक के युग में अपनी महान उपस्थिति से चमत्कृत करता हुआ अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. उनकी साधना व् लगन का सार्थक परिणाम है ।
जीवकोपार्जन के क्षेत्र में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु एवं सम्मानित समाज को केंद्रित करते हुए बाबा एजुकेशनल ट्रस्ट ने अनुबिस प्रा.आई.टी.आई. का निर्माण करके महान कार्य किया है ।
शैक्षिक तकनीक का उपयोग करके शिक्षा की गूढ़वत्ता को सुधारने के लिए एवं संस्कृति के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए ये संस्थान सदैव अग्रणीय रहेगा । |
सरकार ने खेतीहारी मजदूरों के लिए न्यूनतम दिहाड़ी तय कर दी है, जिससे अब मजदूरों को अपनी मजदूरी का न्यूनतम पैसा मिल पाएगा. जानें क्या हैं नए रेट:- मजदूरों की दिहाड़ी:- उत्तर प्रदेश सरकार एक बार फिर राज्य के मजदूरों के लिए खुशखबरी लेकर आई है. इस बार यह खुशखबरी खेतीहारी मजदूरों के लिए है. बता दें कि सरकार ने खेतीहारी मजदूरों की दिहाड़ी तय कर दी है. अब उन्हें अपने काम के रोजाना न्यूनतम २१३ रुपए मिलेंगे. हालांकि इससे अधिक भुगतान भी किया जा सकता है मगर इससे कम नहीं. इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है. अब देखें तो खेतीहारी मजदूरों को १ महीने में ३० दिन काम करने पर ६३९० रुपए मिलेंगे. उत्तर प्रदेश श्रम विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि बड़ें किसान व कृषि फर्म मजदूरों का भुगतान उनकी सहमति से ही करें. जितनी राशि तय की गई है उतनी या उससे अधिक का भुगतान करना अनिवार्य है. क्योंकि कई बार मजदूरों की तरफ से शिकायत दर्ज की जाती है कि उन्हें काम के हिसाब से पैसा नहीं मिलता है. जिसको देखते हुए अब सरकार ने मजदूरों की न्यूनतम दिहाड़ी तय कर दी है. इन क्षेत्र में काम रहे मजदूरों को मिलेगा फायदा:- कृषि एक व्यापक क्षेत्र है जहां पर हर काम के लिए श्रम की आवश्यता पड़ती है. हालांकि अब मशीनों के आने से श्रम का काम थोड़ा कम जरूर हुआ है. लेकिन अभी भी मशीनों को हर जगह उपयोग में नहीं लाया जा सकता, जिसके लिए खेतीहारी मजदूरों का ही सहारा लिया जाता है. इसमें खेत जोतना, फसल काटना, फसल की देखभाल , फसल उगाना, रोपाई, सिंचाई आदि काम शामिल हैं. सरकार द्वारा यह न्यूनतम दिहाड़ी मधुमक्खी पालन, होर्टिकल्चर, मुर्गी पालन और मिल्क प्रोडक्शन के लिए भी तय की गई है. सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से खेतीहारी मजदूरों को काफी राहत मिली है. क्योंकि खेतीहारी मजदूरों का आर्थिक रुप से शोषण किया जाता है. इतना ही नहीं कभी-कभी मजदूरों को बिना पैमेंट के ही घर भेज दिया जाता है. लेकिन अब खेतीहारी मजदूरों को इससे काफी मदद मिलेगी. स्त्रोत:-एग्रोस्टर किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद! |
आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी का पता चलते ही करण जौहर की आंखों से छलके आंसू, आखिर क्या है दोनों का रिश्ता?
होम / इंडिया / आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी का पता चलते ही करण जौहर की आंखों से छलके आंसू, आखिर क्या है दोनों का रिश्ता?
आलिया भट्ट जल्द ही मां बनने जा रही है आलिया भट्ट ने रणबीर कपूर के साथ शादी रचाई थी आपको बता दें कि आलिया भट्ट और रणबीर कपूर काफी समय से एक साथ रिलेशनशिप में थे और दोनों ने शादी के बंधन में बनने का फैसला लिया और दोनों ने एक दूसरे के साथ शादी रचा ली और शादी के कुछ ही महीनों बाद में आलिया भट्ट प्रेगनेंट हो गई जिसके बाद से यह खबर सुनकर सभी आश्चर्यचकित रह गए थे और उनके परिवार और कपूर परिवार में तो जैसे खुशियां ही खुशियां छा गई है।
आपको बता दें कि भट्ट परिवार और कपूर परिवार के अलावा एक शख्स ऐसा भी है जिसे आलिया भट्ट के प्रेग्नेंट होने पर काफी ज्यादा खुशी है और वह इंसान है करण जोहर आपको पता ही होगा कि करण जौहर और आलिया भट्ट एक दूसरे के साथ काफी ज्यादा करीबी बॉन्ड शेयर करते हैं यही कारण है कि करण जौहर आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी के बारे में जानने के बाद काफी ज्यादा एक्साइटेड नजर आते हैं करण जौहर ने अपने इंटरव्यू के दौरान बताया कि करण जौहर अपने ऑफिस गए हुए थे और उनके बाल उस दिन बेहद खराब हो रहे थे और वह हुडी पहन कर अपने ऑफिस में बैठे हुए थे तभी आलिया भट्ट एकदम से आई और उन्हे प्रेगनेंसी के बारे में बताया तब करण की आंखों में आंसू आ गए क्योंकि जो करण जोहर आलिया भट्ट को अपनी बेटी की तरह मानते हैं।
करण जौहर ने बताया कि जब आलिया भट्ट १७ साल की थी तब वह पहली बार करण जौहर के ऑफिस में आई थी और आज वह २९ साल की हो चुकी है करण जौहर ने बोला कि उनका पेरेंटिंग का कैरियर आलिया भट्ट से ही शुरु हुआ है उन्होंने आलिया भट्ट को हमेशा एक बेटी की तरह माना है और अब वह अपनी बेटी के बेबी का इंतजार जोरों शोरों से कर रहे हैं और वह एक काफी इमोशनल पल होने वाला है जब करण जौहर आलिया भट्ट के बेबी को अपनी गोद में उठाने वाले हैं करण जोहर को जबसे आलिया भट्ट की पहली प्रेग्नेंसी के बारे में पता चला है तो उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। |
अगर आप भी तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो देखना पसंद करते हैं तो आपको इस शो के किरदार अब्दुल के बारे में बताने की कोई भी जरूरत नहीं है।
इस किरदार को बहुत ही बेहतरीन तरीके से शरद संकला द्वारा निभाया गया है। इस शो में शरद संकला अब्दुल नाम की किरदार में दिखाई देते हैं।
जोकि सोसाइटी के बाहर एक् सोडे की दुकान चलाता है और अपनी दुकान से सोसायटी के लोगों को सामान घर-घर पहुंचाता है।
आज हम अपने आर्टिकल के जरिए आपके सामने शरद संकला के जीवन के बारे में कुछ जरूरी बातें बताएंगे।
इसके साथ ही साथ उनकी पत्नी की जानकारी भी आपको देंगे जो अपने जमाने में खूबसूरती के मामले में कईयों को मात देती थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें शरद संकला ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में करियर बनाने के लिए काफी पापड़ बेले हैं।
उन्होंने २५ से ज्यादा फिल्मों में चार्ली चैप्लिन का किरदार निभाया है और उन्होंने एक इंटरव्यू में यह तक बताया था कि उन्हें अपने पहले रोल के लिए सिर्फ ५० मिले थे।
आज वह एक शो के एक एपिसोड के लिए २२००० चार्ज करते हैं इनके नाम दो रेस्टोरेंट भी हैं।
शरद संकला सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहते हैं और अपने फैंस के लिए रोज ना रोज कोई फोटोस और वीडियो शेयर करते रहते हैं।
इन तस्वीरों में वह अपने साथ ही साथ अपने परिवार की फोटोस भी लोगों के लिए शेयर करते हैं।
इन तस्वीरों को देखकर आप भी पूरी तरह अचंभित हो जाएंगे कि शो में साधारण सा दिखने वाला अब्दुल रियल लाइफ में इतना डैशिंग कैसे हो सकता है।
अगर इनके वर्कफ्रंट की बात करें तो वह तारक मेहता शो के शुरुआती दिनों से अभी तक इस शो में वह लगातार जुड़े हुए हैं और अपनी अदाकारी से लोगों का खूब मनोरंजन कर रहे हैं।
अगर इनकी फैमिली की बात करें तो इनकी एक पत्नी है जिनका नाम प्रेमिला संकला है। इनके दो बच्चे भी हैं जिनमें से एक इनका बेटा है जिसका नाम मानव संकला है बेटी का नाम कामिया संकला है।
बेहद ग्लैमरस और खूबसूरत हो गई हैं कभी खुशी कभी गम की छोटी सी पू, स्टाइल में करीना से भी आगे !
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प्रणब मुखर्जी हेल्थ उपकेट्स: भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत अभी भी स्थिर है और वह वेंटिलेटर पर हैं। प्रणब अभी भी गहरे कोमा में हैं। सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल ने यह जानकारी दी।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी रविवार को सुबह भी गहरे कोमा में हैं लेकिन उनकी हालत स्थिर है। हॉस्पिटल ने रविवार की सुबह यह जानकारी दी। ८४ साल के मुखर्जी का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि अब भी वह वेंटिलेटर पर हैं।
बता दें कि मुखर्जी को १० अगस्त को दिल्ली छावनी स्थित सेना के रिसर्च ऐंड रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके दिमाग की सर्जरी हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति की जांच में कोरोना वायरस संक्रमण की भी पुष्टि हुई थी। बाद में उन्हें फेफड़े का कैंसर हो गया था जिसका इलाज किया जा रहा है।
अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'प्रणब मुखर्जी की हालत में आज सुबह तक कोई परिवर्तन नहीं आया है। वह गहरे कोमा में हैं और उनके श्वास नली में संक्रमण का इलाज किया जा रहा है। उनकी हालत स्थिर है और वह अब भी वेंटिलेटर पर हैं।' प्रणब मुखर्जी २०१२ से २०१७ तक भारत के राष्ट्रपति थे।
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देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं? |
जैसा कि जलवायु परिवर्तन एक वास्तविक समय के खतरे में बदल गया है, मेघालय ने अपने पारंपरिक नेताओं और संस्थानों को इंजीलवादियों और जलवायु अभिनेताओं, और क्रूसेडरों में बदल कर आह्वान किया है।
मेघालय के वन मंत्री जेम्स संगमा ने राज्य के लिए जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और शमन के बारे में जागरूकता और रणनीति बनाने के लिए पारंपरिक संस्थानों के पैतृक अवधारणाओं और स्वदेशी आदिवासी नेताओं से पारिस्थितिक ज्ञान और जलवायु ज्ञान एकत्र करने का निर्णय लिया है।
री-भोई नामक प्रांत के १८ गांवों के साथ एक जमीनी स्तर पर मिनी क्लाइमेट चेंज कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी जो तेजी से आ रही जलवायु परिवर्तन वास्तविकता के कहर का सामना करने के लिए जाना जाता है।
औपचारिक सरकारी प्रणालियों (राज्य विधायिका और न्यायपालिका) के साथ-साथ स्वायत्त जिला परिषदों के अलावा, जिन्हें मेघालय में आदिवासी समुदायों को अधिक स्वायत्तता आवंटित करने के लिए तैयार किया गया था, राज्य के ग्रामीण स्तर के पारंपरिक संस्थानों को खासी और जयंतिया हिल्स में दोरबार और गारो हिल्स में नोकमा कहा जाता है। ग्रामीण स्तर के प्राधिकरण हैं जो स्थानीय स्तर पर स्थानीय विवादों के निपटारे, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और बुनियादी सेवाओं के प्रावधान जैसी क्विडियन गतिविधियों के मामले में प्रशासन करते हैं।
उस अर्थ में, मेघालय एक मजबूत विकेन्द्रीकृत समाज है जहां ये दोरबार और नोकमा अपने नागरिकों के लिए सामुदायिक और सामाजिक जीवन को व्यवस्थित करते हैं और लोगों के बीच ऐतिहासिक वैधता की एक बड़ी डिग्री रखते हैं।
वास्तव में, मेघालय को ७३वें संविधान संशोधन अधिनियम से छूट दी गई थी, जो अपने मजबूत जमीनी स्तर और सामुदायिक शासन संरचना के कारण विकेंद्रीकृत पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से शासन के हस्तांतरण की अनुमति देता है।
दुनिया भर में कोविड की प्रतिक्रिया से उभरने वाली वैश्विक सीखों में से एक विकेंद्रीकृत शासन का एक नया रूप है जहां राज्य पारंपरिक और जमीनी संस्थानों और नेताओं के साथ गठबंधन में काम करता है।
सामाजिक लामबंदी और जलवायु परिवर्तन जैसी २१वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए यह बॉटम अप अप्रोच महत्वपूर्ण है।
बातचीत में उभर रहे कई स्थानीय जलवायु कानूनों के स्वदेशी उदाहरणों के साथ जलवायु परिवर्तन, घटती बारिश के पैटर्न, हरित आजीविका जैसे कई जटिल मुद्दों पर चर्चा की गई। विचारों के आदान-प्रदान में, हरित ऊर्जा और आजीविका, कृषि वानिकी मॉडल और कई संरक्षण मॉडल के बारे में बातचीत हुई, जो ग्रामीणों और जुंटा को जलवायु कार्रवाई अर्थव्यवस्था का एक नया टेम्पलेट बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते थे।
अपनी नदियों में से एक के जहरीले औद्योगिक कचरे को साफ करने के लिए स्वदेशी शैवाल या फाइको-रेमेडिएशन के बहु उपभेदों का उपयोग करके एक सफल परियोजना का संचालन करने के बाद, वन मंत्री ने स्थानीय पारिस्थितिक ज्ञान को अपनाने और प्रकृति आधारित समाधान बनाने के लिए एक खुला जनादेश शुरू किया है।
मेघालय में सेक्रेड ग्रोव्स, जो समुदाय आधारित पवित्र वन हैं, समुदाय आधारित वन प्रबंधन प्रथाओं और बड़े पैमाने पर संरक्षण में बड़े पैमाने पर सहायक रहे हैं। शैवाल और कार्बन खेती, कृषि-वानिकी मॉडल और लोक चिकित्सा का उपयोग करते हुए कल्याण पर्यटन जैसे अधिक हरित आजीविका विकल्प थे उच्च मूल्य वाले स्वदेशी कल्याण ज्ञान प्रणालियों की प्रचुरता के साथ जमीनी स्तर के प्रतिनिधियों के साथ भी चर्चा की गई।
वन प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीति को सामाजिक-सांस्कृतिक और पारिस्थितिक घटनाओं को एकीकृत करना चाहिए और इसका उद्देश्य मानव आवश्यकताओं को बनाए रखना और पारिस्थितिकी तंत्र की अखंडता को बनाए रखना होना चाहिए।
प्रांत को जलवायु कार्रवाई क्षेत्र में बदलने के लिए मुखियाओं के साथ कई हरित हस्तक्षेपों के साथ-साथ स्कूल के एक हिस्से के रूप में जलवायु परिवर्तन और संरक्षण को शामिल करने पर भी जोर दिया गया है।
ग्रासरूट सम्मेलन, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए स्वदेशी ज्ञान, सामुदायिक जुड़ाव और विकेन्द्रीकृत शासन को सशक्त बनाने के लिए सरकार की ओर से पहले हस्तक्षेपों में से एक था। |
गुरुवार से शुरू हो रही ४ टेस्ट मैचों की सीरीज से पहले आज टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि वह और उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया को किसी खास टीम की तरह नहीं देख रहे हैं। विराट ने कहा, जैसे हम दूसरी टीमों के खिलाफ होने वाले मैचों से पहले तैयारी करते हैं, ठीक वैसे ही हमारी टीम इस सीरीज के लिए भी तैयारी कर रही है। हम हर बार अपनी विपक्षी टीम की ताकत और कमजोरियों पर प्लान बनाते हैं और इस बार भी ऐसा ही कर रहे हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है।
ऑस्ट्रेलियन पेस बैटरी के अगुआ मिशेल स्टार्क के बारे में जब पूछा गया तो विराट ने उनकी भी खूब तारीफ की। भारतीय कप्तान ने कहा, वह एक शानदार बोलर है। मैंने उसे आईपीएल में और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेला था। लेकिन तब से अब तक उसकी बोलिंग में काफी बदलाव आया है। उसने कड़ी मेहनत की है और वह एक वर्ल्ड क्लास बोलर है। बता दें कि स्टार्क और कोहली दोनों ही अपने आक्रामक खेल के लिए जाने जाते हैं। क्रिकेट प्रेमी भी इन दो बड़े खिलाड़ियों का आमना-सामना होने को लेकर रोमांचित हैं। स्टार्क कोहली की कप्तानी वाली आईपीएल टीम बेंगलुरु में भी खेलते हैं। हालांकि, इस साल स्टार्क ने आईपीएल में नहीं खेलने का फैसला किया है।
मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए कप्तान विराट कोहली ने बताया कि हर एक मैच चुनौतीपूर्ण है, हर सीरीज चुनौतियों से भरी होती है। सभी दूसरी टीमें मजबूत हैं, तो ऑस्ट्रेलिया को लेकर भी हम कोई विशेष चिंता नहीं कर रहे हैं। विराट ने कहा कि टीम इंडिया हर विपक्षी टीम का सम्मान करती है, लेकिन हम अपनी क्षमता और अपने खेल पर फोकस करते हैं। उन्होंने कहा, हमारा ध्यान ऑस्ट्रेलिया टीम पर नहीं है और यही हमारी टीम की सबसे बड़ी ताकत है। हम वैसे ही तैयारी कर रहे हैं, जैसे किसी भी दूसरी विपक्षी टीमों के खिलाफ करते हैं। टीम की ताकत के बारे में विराट ने कहा कि हमारे सभी खिलाड़ी टीम के हितों को ध्यान में रखकर अपना खेल खेलते हैं, यही हमारी टीम की सबसे बड़ी ताकत है।
अपने खेल और कप्तानी से जुड़े सवाल के जवाब में विराट ने कहा, मैं हर सीरीज के बाद खुद को जज नहीं करता हूं, मेरी प्राथमिकता और लक्ष्य अपने देश के लिए खेलना और जीतना है। मैं हर वक्त अपनी गलतियों को सुधारना चाहता हूं और इसमें कोच अनिल कुंबले अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा जहां तक कप्तानी का सवाल है, तो कप्तानी टीम पर निर्भर करती है। कैप्टन की सफलता टीम के परफॉर्मेंस से तय होती है।
मीडिया से जुड़े एक सवाल के जवाब में विराट ने कहा कि मेरा ध्यान सिर्फ अपने खेल पर है। लोग लिखते हैं और बोलते हैं, वे तारीफ भी करते हैं और आलोचना भी उन पर मेरा नियंत्रण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब मैं २२ साल का था, तो लोग उम्मीद करते थे कि मैं ३५ साल के खिलाड़ी की तरह परिपक्व खेल दिखाऊं। लेकिन अब मुझे अपने खेल पर बहुत विश्वास है। कप्तानी मिलने के बाद अपने खेल में आए बदलाव पर विराट ने कहा, ६-७ साल बाद, अगर तब तक कप्तान बना रहा, तो अपनी कप्तानी की समीक्षा कर पाऊंगा। अभी १८ २० महीने के छोटे से समय में कप्तानी की समीक्षा करना संभव नहीं है।
बता दें कि टेस्ट रैंकिंग में नंबर १ भारतीय टीम पिछली ६ टेस्ट सीरीज से अजेय है और इस बीच ऑस्ट्रेलिया टीम के प्रदर्शन में निरंतर उतार-चढ़ाव दिखा है। |
जयपुर। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (एमयूजे) द्वारा एक्स्ट्राम्यूरल लेक्चर सीरीज की ५वीं टॉक का आयोजन किया गया, जिसके तहत ब्रह्म कुमारी सिस्टर शिवानी ने 'एन्हांसिंग इमोशनल इंटेलिजेंस' विषय पर वार्ता की। उन्होंने इमोशनल इंटेलिजेंस को बढ़ाने के लिए भावनात्मक आहार के बारे में समझाया। कार्यक्रम का परिचय के साथ लेक्चर सीरीज की शुरुआत हुई। जिसके बाद एमयूजे के अध्यक्ष, प्रो. जीके प्रभु ने सिस्टर शिवानी का स्वागत किया और मणिपाल शिक्षा समूह के बारे में बताया। सिस्टर शिवानी ने एक उत्साहपूर्ण व्याख्यान दिया और इमोशनल इंटेलिजेंस की शक्ति को समझाते हुए सकारात्मकता का संचार किया है। उन्होंने सफल होने के अर्थ को परिभाषित किया। उन्होंने तनाव, इमोशनल डिजीज, इमोशनल हैल्थ, इमोशनल आहार और नींद के चक्र पर विस्तार से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने इमोशनल हैल्थ के संबंध में शारीरिक गतिविधियों के बारे में बात की और कहा "जैसा अन्न वैसा मन, जैसा पानी वैसी वाणी"। सिस्टर शिवानी ने माइंड के विज्ञान, दैनिक गतिविधियों में प्रयोग करके और उसके परिणामों के बारे में समझाते हुए वार्ता का समापन किया। सत्र ने विभिन्न प्रोफेशन के सभी आयु के प्रतिभागियों को अत्यधिक लाभान्वित किया। |
टोरंटो, २१ सितंबर (ऐजेंसी/अशोक एक्सप्रेस)। कनाडा के लोगों ने सोमवार को चुनाव में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत दिलाई है लेकिन अधिकतर सीटों पर बड़ी जीत की उनकी मंशा पूरी नहीं हो पायी है।
लिबरल पार्टी ने किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं। ट्रूडो ने २०१५ के चुनाव में अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का सहारा लिया और चुनाव में जीत हासिल की थी। फिर पार्टी का नेतृत्व करते हुए पिछले दो बार के चुनाव में उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलायी।
लिबरल पार्टी १४८ सीट पर आगे है जबकि कंजरवेटिव पार्टी १०३ सीटों पर आगे है, ब्लॉक क्यूबेकोइस २८ और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी २२ सीटों पर आगे है।
फिलहाल ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित करा पाएंगे। लेकिन वह इतनी सीटें जरूर जीत जाएंगे उन्हें पद से हटाने का खतरा नहीं रहेगा।
विपक्ष ट्रूडो पर अपने फायदे के लिए समय से दो साल पहले चुनाव कराने का आरोप लगाता रहा है। ट्रूडो ने दावा किया था कि कनाडा के लोग महामारी के दौरान कंजरवेटिव पार्टी की सरकार नहीं चाहते। कनाडा वर्तमान में दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसके अधिकतर नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। |
नई दिल्ली। रूस से जर्मनी के तक जाने वाली प्राकृतिक गैस पाइपालइन में रिसाव की खबर के बाद यूरोपीय संघ भड़क उठा है। उसने इसको लेकर जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि संदेह है कि पानी के नीचे बनी दो प्राकृतिक गैस पाइपलाइन को जानबूझकर क्षतिग्रस्त किया गया।
ईयू के २७ सदस्य देशों की ओर से जारी एक बयान में बोरेल ने कहा, सभी उपलब्ध जानकारी व सबूत इस ओर इशारा करते हैं कि रिसाव जानबूझकर किए गए कृत्यों का परिणाम है।
उन्होंने कहा, यूरोपीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे में जानबूझकर कोई भी व्यवधान डालने की कोशिश पूरी तरह से अस्वीकार्य है। एकजुटता से इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। दरअसल, भू-वैज्ञानिकों ने मंगलवार को बताया था कि बाल्टिक सागर में विस्फोटों से पहले रूस से जर्मनी तक जाने वाली पानी के नीचे बनी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में रिसाव की जानकारी मिली है।
नेहा सिंह इंटर्न डिजिटल पत्रकार हैं। अनुभव की सीढ़ियां चढ़ने का प्रयत्न जारी है। ई-रेडियो इंडिया में वेबसाइट अपडेशन का काम कर रही हैं। कभी-कभी एंकरिंग में भी हाथ आजमाने से नहीं चूकतीं।
आबात एरेडियो इंडिया: भारत में तेजी से उभरता वेब पोर्टल ई-रेडियो इंडिया समाज में समाचारों के माध्यम से जनता व सरकार के बीच एक पुल की तरह कार्य कर रहा है। यह भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड न्यूज एजेंसी, वेब पोर्टल है। |
मेरे लिए खाना घर है। जब मेरी माँ रोज़ काम से मुझे फ़ोन करती हैं तो सबसे पहली बात यह पूछती हैं कि "क्या तुमने खाना खाया है?"। मैं जो कुछ भी करता हूं वह घूमता है इसके आसपास। खाना पकाने और तैयार करने का हर कार्य एक मातृभूमि के लिए एक संबंध और लालसा दोनों की तरह लगता है, जो कि जैसे-जैसे मैं बड़ा होता गया हूं, और अधिक दूर होता गया। भोजन और कला दोनों प्रदान करते हैं इन चल रहे प्रश्नों को बंद करने या कम से कम कुछ निकटता की भावना। भोजन की भूमिका है जटिल और राजनीतिक दोनों। बुरी तरह से प्रस्तुत किया गया लेकिन सुकून देने वाला। मुझे लगता है कि यही मेरे अभ्यास में प्रवेश का इतना दिलचस्प और आवश्यक बिंदु बनाता है।
इस मंच के माध्यम से, मैं अपनी कला के माध्यम से अपने अन्वेषण और भोजन के प्रति प्रेम को एक स्थान पर लाने की आशा करता हूं। मेरा मानना है कि मैं अपनी माँ और अपने परिवार की अन्य महिलाओं के रूप में सबसे शानदार शिक्षकों के आसपास पला-बढ़ा हूँ, जिन्होंने मुझे अच्छे भोजन, आराम और अविश्वसनीय स्वादों की प्रशंसा करना सिखाया है! मैं चाहता हूं कि यह स्थान मेरी कलाकृतियों और खाद्य कहानियों के लिए अभिलेखीय, लेकिन सहयोगी भी हो।
मेरे चल रहे 'रेसिपी' प्रोजेक्ट के माध्यम से मेरे परिवार के व्यंजनों का संग्रह और रिकॉर्ड रखने के साथ-साथ, साइट पर आने वाले लोग अपने स्वयं के व्यंजनों को मुझे प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे मुझे सामूहिक/साझा इतिहास को भी होस्ट करने के लिए जगह। |
इसके अलावा आज ही के दिन १९२१ में देश के सबसे चर्चित और सम्मानित कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण का जन्म हुआ। 'कॉमन मैन के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों को लकीरों ही लकीरों में बेहद व्यंग्यात्मक शैली में पेश करने में लक्ष्मण को महारत हासिल थी। वहीं २४ अक्टूबर १९८४ में भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा की शुरूआत हुई। पहली मेट्रो कलकत्ता (कोलकाता) में चलाई गई।
१६०५ : अकबर के निधन के बाद शहजादे सलीम ने मुगल सल्तनत की बागडोर संभाली। इतिहास में उन्हें जहांगीर के नाम से जाना जाता है।
१७७५ : भारत के आखिरी मुगल शासक बहादुर शाह जफर का जन्म।
१८५१ : कलकत्ता (अब कोलकाता) और डायमंड हार्बर के बीच पहली आधिकारिक टेलीग्राफ लाइन की शुरूआत।
१९१४ : महान स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मी सहगल का जन्म।
१९२१ : देश के सबसे चर्चित और सम्मानित कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण का जन्म। कॉमन मैन के जरिए देश के ज्वलंत मुद्दों को लकीरों ही लकीरों में बेहद व्यंग्यात्मक शैली में पेश करने में लक्ष्मण को महारत हासिल थी।
१९४५: संयुक्त राष्ट्र की स्थापना।
१९५४ : महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ रफी अहमद किदवई का निधन।
१९८४ : भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा की शुरूआत। पहली मेट्रो कलकत्ता (कोलकाता) में चलाई गई और बाद में यह राजधानी दिल्ली सहित देश के अन्य शहरों में परिवहन के एक प्रमुख साधन के तौर पर सामने आई।
१९९७ : केरल में शिक्षण संस्थाओं में रैगिंग पर रोक लगाई गई। बाद में शैक्षणिक संस्थानों में फैली इस बुराई पर देशभर में रोक लगाई गई और इसके खिलाफ बाकायदा अभियान चलाया गया।
२००० : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सीताराम केसरी का निधन।
२००३ : ब्रिटेन ने सुपरसोनिक यात्री विमानों को विदाई दी। इस श्रेणी के अंतिम विमान ने हीथ्रो हवाई अड्डे से उड़ान भरी।
२००४ : ब्राजील ने अंतरिक्ष में पहला सफल रॉकेट परीक्षण किया।
२०१३ : सुप्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायक मन्ना डे का निधन।
२०१७ : प्रसिद्ध ठुमरी गायिका गिरिजा देवी का निधन।
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं? |
इन्टरनेट की सुविधा आज देश के सभी शहरों में मौजूद हैं और इसका उपयोग लोग दिन रात करते रहते हैं. लेकिन आपको बता दें कि जो लोग गांव में रहते हैं उनमें अभी भी इसकी कमी देखी गई है. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने डिजिटल अभियान को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एवं गांव क्षेत्र में इसका विकास करने के लिए एक प्रोजेक्ट बनाया है. इसे उन्होंने घर तक फाइबर योजना(फ्त्ध) नाम भी दिया है. इस योजना के अंतर्गत आज लातेहार ज़िले के प्रखंड बरवाडीह में इस योजना की शुरुवात पलामू प्रमंडल के तम कमलेश कुमार के द्वारा की गई । जिससे प्रखंड क्षेत्र में तेज इन्टरनेट की सुविधा मिल सकेगी ।
घर तक फाइबर योजना, के अंतर्गत प्रत्येक गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने के लिए शुरू की गई योजना है. इस योजना को प्रत्येक गांव में विकास हो इस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया है. इसके लिए गांव में ऑप्टिकल फाइबर के द्वारा तेज इन्टरनेट की सुविधा पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे गांव के लोग भी अब इन्टरनेट का उपयोग आसानी से कर सकें. मोदी जी ने हाल ही में हुए १५ अगस्त के दिन दिए भाषण में यह कहा था कि साल २०१४ में केवल ६० ७० गांव में ही यह सुविधा उपलब्ध थी किन्तु पिछले ५ साल में यह संख्या १.५ लाख तक पहुंच गई है. इस तरह से प्रत्येक गांव को डिजिटल इंडिया मूवमेंट के तहत भी जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है ।
ब्सल पलामू प्रमंडल के तम कमलेश कुमार के द्वारा बताया गया की ऑप्टिकल फाइबर के माद्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी इंटरनेट की स्पीड १०० म्ब्प्स तक मिल सकेगी । इसे ७७७ से ४००० के प्लान के तहत लाया गया है । जिनकी जैसी जरूरत वे अपने हिसाब से इस योजना का लाभ उठा सकते है। अब ग्रामीण क्षेत्र के सभी छोटे व्यवसायी क्स्क , कस्प सभी हाइ स्पीड इंटरनेट का लाभ ले सकेंगे । *१०० मीटर तक ऑप्टिकल्स फ़ाइबर तार निःषुल्क एवं उस के बाद कि दूरी पर आउटसोर्सिंग कंपनी द्वारा मिनीमम निर्धारित शुल्क लगेगा । आने वाले समय मे इस योजना को छिपादोहर, गारू,बारेसाड, महुआडांड़ जगहों पर भी शुरू की जाएगी ।
आज घर तक फाइबर योजना(फ्त्ध) के शुरुवात के लिए *पलामू प्रमंडल स्डो अमित श्रीवास्तव *पलामू प्रमंडल तम कमलेश कुमार , पलामू प्रमंडल सर्किल इंचार्ज विवेक दुबे , पलामू प्रमंडल मोबाइल स्डो दामोदर कुमार एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित थे । |
हमारे देश में बहुत से ऐसे लोग हैं जो संसार के प्रेम को त्याग कर संयम के मार्ग पर चल रहे हैं। कई तो पूरे परिवार के साथ दीक्षा भी लेते हैं। पिछले कुछ सालों में कई लोगों ने गुजरात में दीक्षा ली है। विशेष रूप से जैन धर्म में दीक्षा की प्रथा बढ़ गई है। फिर एक और परिवार ने अपनी संपत्ति दान कर दीक्षा का रास्ता अपनाया है।
छत्तीसगढ़ के राजनांद गांव में रहने वाले डकलिया परिवार ने अपनी सारी संपत्ति दान कर अध्यात्म की ओर रुख किया है. डकलिया परिवार में कुल छह सदस्य हैं। उनमें से पांच को औपचारिक रूप से साधु और भिक्षुणियों के रूप में दीक्षा दी गई है। बेटी का बपतिस्मा ५ फरवरी को राजिम में होगा। परिजनों ने बताया कि वे स्वेच्छा से अध्यात्म की ओर बढ़ रहे हैं।
बिनोली के बाद डकलिया परिवार के सभी सदस्यों की औपचारिक शुरुआत की गई। आचार्य पीयूष सागर महाराज के मार्गदर्शन में, सभी जैन भिक्षुओं और ननों को दीक्षा दी गई। दीक्षा समारोह के लिए शहर के जैन उद्यान में समाज की ओर से व्यापक तैयारियां की गयी थी. दीक्षा समारोह में प्रदेश समेत जिले भर से श्रद्धालु शामिल हुए।
मुमुक्षु भूपेंद्र ने कहा कि उनकी संपत्ति करोड़ों में है। इसमें जमीन, दुकान और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। ९ नवंबर को, उसके परिवार ने बपतिस्मा लेने का आखिरी फैसला किया। इसके बाद पूरा परिवार एक साथ परित्याग की राह पर चल पड़ा। जैन धर्म के लोगों ने बताया कि खरतरगच्छ संप्रदाय में यह पहला मौका है जब पूरे परिवार ने एक साथ दीक्षा ली है. परिवार ने ३० करोड़ रुपए की संपत्ति दान कर दीक्षा ली है। |
गेट २०२३ रजिस्ट्रेशन्स: आईआईटी, कानपुर की ओर से गेट २०२३ परीक्षा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया अवधि आगे बढ़ा दी है। उम्मीदवार अब वे ०४ अक्तूबर, २०२२ तक आवेदन कर सकते हैं।
गेट २०२३ रजिस्ट्रेशन्स: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर की ओर से गेट २०२३ परीक्षा के लिए पंजीकरण प्रक्रिया अवधि आगे बढ़ा दी है। उम्मीदवार ध्यान दें कि अब वे ०४ अक्तूबर, २०२२ तक आधिकारिक वेबसाइट गेट.ईतक.एक.इन पर आवेदन कर सकते हैं। तारीखों के विस्तार की घोषणा ट्विटर पर की गई और साथ ही इसे वेबसाइट पर भी डाल दिया गया है। गेट २०२३ के लिए पंजीकरण ३० अगस्त, २०२२ को शुरू हुआ और तकनीकी रूप से अंतिम तिथि ३० सितंबर, २०२२ थी, लेकिन इसे ०४ अक्तूबर, २०२२ तक आगे बढ़ा दिया गया है।
आईआईटी कानपुर की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि प्रिय उम्मीदवारों, हमने आपकी मांग को सुना और #गेट२०२३ के लिए आवेदन की समय-सीमा बढ़ा दी गई है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने गेट २०२३ परीक्षा के लिए बिना विलंब शुल्क भुगतान के पंजीकरण विंडो बढ़ा दी है। विस्तारित अवधि के अनुसार, उम्मीदवार ०४ अक्तूबर, २०२२ तक इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। परीक्षा के लिए विलंब शुल्क के भुगतान सहित आवेदन पत्र जमा करने की तिथि में कोई बदलाव नहीं हुआ है। उम्मीदवार ०७ अक्तूबर, २०२२ तक विलंब शुल्क भुगतान के साथ परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
ईत कानपुर ०४, ०५, ११ और १२ फरवरी, २०२२ को कंप्यूटर-आधारित ऑनलाइन मोड में गेट २०२३ परीक्षा आयोजित करेगा। इसके लिए एडमिट कार्ड तीन जनवरी, २०२२ को डिजिटल प्रारूप में जारी किए जाएंगे।
सबसे पहले ईत कानपुर की आधिकारिक वेबसाइट गेट.ईतक.एक.इन पर लॉग इन करें।
परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए संबंधित लिंक पर क्लिक करें।
वेबसाइट पर खुद को पंजीकृत करें और परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए उम्मीदवार पोर्टल पर साइन इन करें।
लॉग इन पोस्ट करें, परीक्षा के लिए आवेदन पत्र भरने के लिए आगे बढ़ें और निर्धारित प्रारूप में सभी दस्तावेज अपलोड करें।
आवेदन शुल्क का भुगतान करें और सभी विवरण जमा करें।
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श्री देवसागर सिंघी जैन मन्दिर ट्रस्ट के शताब्दी समारोह के उपलक्ष में मानव सेवा संस्थान के तत्वाधान में महावीर सेवा सदन कोलकाता के सहयोग से आज रविवार को नि:शक्तजनों के सहारे के लिए नि:शुल्क कृत्रिम हाथ, पांव कैलीपर्स शिविर का आयोजन किया जायेगा। मानव सेवा संस्थान के माणकचन्द सराफ ने बताया कि श्री देवसागर सिंघी जैन मन्दिर ट्रस्ट के ट्रस्टी विजयराज सिंघी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरपरिषद सभापति डा. विजयराज शर्मा होंगे तथा विशिष्ट अतिथि राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य हीरालाल गोदारा, विकास अधिकारी सी.आर. मीणा व समाजसेवी कन्हैयालाल डूंगरवाल होंगे। |
२० अक्टोबर होरोस्कोप: मेष राशि समेत इन राशियों पर होगी माँ लक्ष्मी प्रसन्न, ज्योतिष आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए राशि के अनुसार आपका दिन कैसा रहेगा और किन उपायों से इसे आप बेहतर कर सकते हैं। साथ ही जानिए आज आपके लिए लकी रंग और लकी नंबर कौन से होंगे। तो आइये जाने आज का राशिफल।
आज गुरुवार २० अक्टूम्बर कार्तिक कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि और गुरुवार का दिन है। दशमी तिथि आज शाम ४ बजकर ४ मिनट तक रहेगी, उसके बाद एकादशी तिथि शुरू हो जाएगी। आज शाम ५ बजकर ५3 मिनट तक शुभ योग रहेगा। साथ ही आज सुबह १० बजकर ३० मिनट तक आश्लेषा नक्षत्र रहेगा, इसके बाद मघा नक्षत्र लग जायेगा। इसके अलावा आज शाम ४ बजकर ४ मिनट तक भूलोक की भद्रा भी रहेगी। आइये जाने आज सभी राशियों का दिन कैसा रहेगा।
आज आपका दिन खुशहाल रहेगा ल आज कोई खुशखबरी मिलेगी जिससे आप पूरा दिन उत्साहित रहेंगे ल ऑफिस में दोस्तों के साथ पार्टी कर सकते हैं ल दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा ल आज आपके विचारों में उग्रता आयेगी लहार्डवेयर के करोबारियों का दिन लाभदायक साबित होगा। लवमेट से आपको सरप्राइज मिलेगा, आपके रिश्ते में मिठास बढ़ेगी। स्टूडेंट अपने पहले के पेंडिंग काम को सहपाठी की सहायता से पूरा कर लेंगे,और पढने में मन लगायेगें ल कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ने की योजना आज सफल होगी। भगवान की भक्ति में मन लगाये जिससे घर में सुख शांति बनी रहेगी।
आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। धार्मिक कार्यों की तरफ आपका झुकाव रहेगा। दूसरों की मदद आदि के कार्य में रूचि बढ़ेगी। अगर आपने किसी से रुपए उधार लिए हैं.. तो आप जल्द उसे चुकता कर देंगे। वैवाहिक जीवन में सुख संतोष में वृद्धि होगी। अगर आपकी खुद की शॉप है, तो आपकी सेल्स में बढ़ोतरी होगी। आपके व्यक्तिगत जीवन की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। आपको हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। आज आपके स्वास्थ्य में थोड़ा उतार चढ़ाव हो सकता है।
आज आपका दिन बढ़िया रहने वाला है। आज का दिन आपके रिश्ते में मिठास घोलेगा। कंस्ट्रक्शन के कारोबारियों का चल रहा काम आज पूरा हो जायेगा।आज आप पूरी तरह स्वस्थ रहेंगे। आज फ़ास्ट फ़ूड को अवॉयड करें, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इस राशि के राजनीतिज्ञ कोई समारोह करने की योजना बना सकते हैं, समाज हित में काम करेंगे। पुत्र पक्ष से आपको सुख मिलेगा। शिक्षक छात्रों के डाउट क्लियर करेंगे।
आज आपका दिन अनुकूल रहेगा। आज बुजुर्गों का धार्मिक कार्यों में मन लगेगा। दोस्तों के साथ आज रेस्टोरेंट जायेंगे, जहां मस्ती का माहौल बना रहेगा। ऑफिस में किसी बात को लेकर मूड अपसेट हो सकता है, जहाँ तक होसके नार्मल रहे। लॉ कर रहे छात्रों को नए टॉपिक में काफी इंटरेस्ट आएगा। सोशल मीडिया पर आपके फैन्स बढ़ेंगे, आपको काफी ज्यादा प्रोत्साहन मिलेगा। आपके रिश्ते की बात फाइनल होगी, जल्द शादी की तैयारियां करेंगे। आज आप फिट रहेंगे, कुल मिलाकर दिन अच्छा जायेगा।
आज आपका दिन नार्मल रहने वाला है। आज आपके किसी काम की तारीफ़ होगी। कम्पटीशन की तैयारी में आपको सफलता मिलेगी। अपने अभ्यास को जारी रखें। इस राशि की जो महिलायें अपना बिजनेस स्टार्ट करना चाहती हैं, उनके लिए आज अच्छे योग बन रहे हैं। कठिन कार्यों में भी आप हार नहीं मानेंगे, आप तरक्की के बहुत नजदीक है। मसालेयुक्त खाना.. आप अवॉयड करें, स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। जीवनसाथी के साथ गलत फहमियाँ ख़त्म होंगी। लव मेट आज रिश्ते की नयी शुरुआत करेंगे।
आज आपका दिन शानदार रहने वाला है। आज भाई बहनों के साथ खूब मनोरंजन करेंगे। आस-पड़ोस के लोगों से मधुरता बनाये रखें। प्रोफेसर्स के लिए दिन लाभदायक रहेगा। हाल ही में डांस एकेडमी ज्वाइन किये लोग मन लगा कर सीखें। आगे बढ़ने का मौका आपको जल्द ही मिलेगा। बिजनेसमैन आज डील साइन करेंगे, जो तरक्की के साथ लाभदायक साबित होगी। आज करीबी रिश्तेदार आपसे मदद मांग सकते हैं, उनकी संभव मदद जरूर करेंगे। माता-पिता बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए विचार कर सकते हैं। |
कार्तिक मास में ३ दिवाली आती हैं। कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी को छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। इसके बाद अमावस्या को बड़ी दिवाली मनाते हैं एवं पूर्णिमा को देव दिवाली मनाते हैं। आओ जानते हैं देव दिवाली मनाने के ७ खास कारण।
१. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का संहार किया था जिससे वो त्रिपुरारी रूप में पूजित हुए।
२. इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था।
३. कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा को ही श्रीकृष्ण को आत्मबोध हुआ था।
४. यह भी कहा जाता है कि इसी दिन देवी तुलसीजी का प्राकट्य हुआ था।
५. देवउठनी एकादशी के दिन देवता जागृत होते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन वे यमुना तट पर स्नान कर दिवाली मनाते हैं, इसीलिए इसे देव दिवाली कहते हैं।
६. इस पूर्णिमा को ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अंगिरा और आदित्य आदि ने महापुनीत पर्व प्रमाणित किया है।
७. इसी दिन गुरुनानक देवजी महाराज का जन्म हुआ था। |
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सुकन्या समृद्धि योजना: आपके रोज १०० रुपयें जमा करने पर बेटी बन जाएगी लाखपति, इसके इसके क्या हैं फायदें?
आपको बता दें को १० वर्ष या इससे कम आयु के बालिकाओं/ बेटियों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जायेगा,
इस योजना के द्वारा आपको कुल १५ प्रतिमहीने तक निर्धारित राशी का निवेश करना होगा,
अगर आपकी बेटी को २१ वर्ष होने का इन्तेजार करते हैं, तो आपको कुल १५ लाख २२ हजार 2२१ रुपयों की प्राप्ति होगी,
आपको बता दें की इस योजना के द्वारा ७.६ % का ब्याज दर प्रदान किया जायेगा,
आपकी बेटियों की उज्जवल भविष्य का निर्माण भी किया जायेगा,
आपको बता दें की सुकन्या समृधि योजना में आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले अपने पोस्ट ऑफिस में जाना होगा,
आपको वहां पर जाने के बाद सुकन्या समृधि योजना एप्लीकेशन फॉर्म प्राप्त करना होगा,
आपको इसके बाद अच्छे से ध्यान से इस आवेदन फॉर्म को भरना होगा,
इसके बाद आपसे मांगे जाने वालें सभी दस्तावेजों की स्व अभिप्रमाणित छायाप्रतियों को अटैच करना होगा,
हमने आप सभी उम्मीदवारों को अपने इस आर्टिकल के माध्यम से सुकन्या समृद्धि योजना के बारे पूरे विस्तार से आप सभी को जानकारी प्रदान किये, ताकि आप इन सभी इसका लाभ उठा सकें।
आपको सुकन्या समृधि योजना के लिए कितने वर्षों का भुगतान करना होगा?
आपको बताना चाहते हैं की इस योजना के द्वारा आपको कुल १५ प्रतिमहीने तक निर्धारित राशी का भुगतान करना होगा, जबकि खाते की परिपक्वता अवधि न्यूनतम २१ वर्ष है।
आधार कार्ड हिस्ट्री चेक: कोई और तो नहीं करा रहा है आपके आधार कार्ड को अपडेट, ऐसे करें चेक?
कर्ज माफ़ी योजना: ८० लाख किसानों पर बोझ बना कर्ज, अब माफ करने जा रही सरकार, लिस्ट में चेक करें अपना नाम?
आयुष्मान भारत योजना: पांच लाख रुपये का करा सकते हैं मुफ्त इलाज, जानें कौन लोग कर सकते हैं स्कीम में आवेदन? |
भारत के विश्व धरोहर स्थल- यूनेस्को की सूची में इटली प्रथम स्थान पर (५३ विरासत स्थल) है। द्वतीय स्थान पर चीन (५२ विरासत स्थल), स्पेन तृतीय स्थान पर (४६ विरासत स्थल) है। फ्रांस के ४३ स्थल और जर्मनी के कुल ४२ स्थल इस लिस्ट में शामिल है। भारत अपने ३८ विरासत स्थलों के साथ ६वें स्थान पर है।
१८ अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (वर्ल्ड हेरिटेज डे) मनाया जाता है। यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की ऑफिसियल साईट के अनुसार इस समय यूनेस्कों की वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में कुल ११२१ स्थल शामिल है। लिस्ट में ८६९ स्थल सांस्कृतिक है। २१३ प्राकृतिक, ३९ मिश्रित स्थल शामिल है। देश में विश्व धरोहर स्थलों की संख्या बढ़कर अब ३८ हो गई है जिनमें ३० सांस्कृतिक, सात प्राकृतिक और एक मिश्रित स्थल हैं।
१. आगरा का किलाः आगरा का किला, इसे लाल किला भी कहते हैं, भारत के आगरा शहर में स्थित है। वर्ष १983 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। यह ताजमहल से करीब २.५ किलोमीटर दूर है। वर्ष १५6५ में महान मुगल सम्राट अकबर ने इसका निर्माण करवाया था। प्राचीन काल में आगरा भारत की राजधानी हुआ करता था। यह शानदार किला यमुना नदी के किनारे बना है। ३८०,००० वर्गमीटर (९४ एकड़) में बना यह किला अर्द्धवृत्ताकार है। इसके चार दरवाजे हैं, किले के दो दरवाजे दिल्ली गेट और लाहौर गेट नाम से जाने जाते हैं।
२. अजंता की गुफाएं:- भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले में पड़ने वाली अजंता की गुफाओं में चट्टानों की बनी करीब ३० बौद्ध गुफा स्मारक हैं जिनका निर्माण ई.पू. २ शताब्दी से लेकर ४८० या ६५० ई. तक किया गया था। गुफा में बने चित्र बौद्ध धर्म कला की प्रसिद्ध रचनाओं पर आधारित हैं, इसमें भगवान बुद्ध को भी चित्रित किया गया है और जातक कथाओं (भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित कहानियां) का चित्रण भी है। अजंता की गुफाएं १९८३ से यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में हैं।
३. एलोरा की गुफाएं:- एलोरा भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद जिले के २९ किलोमीटर (१८ मील) उत्तर पश्चिम में स्थित एक परातात्विक स्थल है। इसका निर्माण कलाचूरी, चालुक्य और राष्ट्रकूट राजवंश ने ६वीं से ९वीं शताब्दी के दौरान कराया था। ३4 गुफाएं वास्तव में चारनंद्री पहाड़ियों के लंबवत हिस्से पर बनाई गई हैं। ये गुफाएं हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म को समर्पित हैं। १७ हिन्दू (गुफा संख्या 1३२९), १२ बौद्ध (गुफा सं. 1१२) और ५ जैन (गुफा सं. ३0३4) को एक दूसरे के साथ साथ बनाया गया है। एलोरा की गुफाओँ को 1९8३ में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था।
४. ताज महलः उत्तर प्रदेश: के आगरा जिले में १७ हेक्टेयर जमीन पर बने मुगल गार्डन के भीतर बना ताज महल यमुना नदी के किनारे स्थित है। इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में करवाया था। १६३२ ई. में इसका निर्माण कार्य शुरु हुआ था और 16४8 में बन कर यह तैयार हो गया था। ताज महल के मुख्य वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी थे। इसके निर्माण के लिए पूरे साम्राज्य और मध्य एशिया एवं ईरान से राजमिस्त्री, पत्थर काटने वाले, भीतर की दीवार बनाने वाले, नक्काशीकार, चित्रकारों, सुलेखकों, गुंबद बनाने वालों और अन्य कारीगरों को बुलाया गया था।
५. महाबलीपुरम के स्मारकों का समूह:- अभयारण्यों का यह समूह, पल्लव राजाओं द्वारा बनाया गया था। ७वीं और ८वीं शताब्दी में कोरोमंडल के तट के चट्टानों पर खुदाई करवाया गया था। यह मुख्य रूप से अपने रथों ( रथ के रूप में मंदिरों), मंडप (गुफा अभयारण्य), विशालकाय उभरी हुई नक्काशियां जैसे प्रसिद्ध गंगा के अवतरण, शिव की महिमा को दर्शाते हजारों मूर्तियों वाले किनारे पर बने मंदिर (थे टेम्पल ऑफ रीवाज) के लिए जाना जाता है।
६. सूर्य मंदिर कोणार्कः भारत की विरासत में वास्तुकला का चमत्कार, कोणार्क का सूर्य मंदिर, आमतौर पर जिसे कोणार्क नाम से जाना जाता है, भारत के पूर्वी राज्य ओडीशा (पहले उड़ीसा कहा जाता था) में स्थित है और पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण केंद्र में से एक है। कोणार्क भगवान सूर्य को समर्पित विशाल मंदिर है। कोणार्क शब्द कोण और अर्क से मिल कर बना है। कोण का अर्थ है कोना और अर्क का अर्थ है सूर्य, इसलिए इसका अर्थ हुआ कोने का सूर्य। कोर्णाक का सूर्य मंदिर पुरी के उत्तर पूर्वी कोने में बना है और यह भगवान सूर्य को समर्पित है।
७. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यानः काजीरंगा भारत के असम राज्य के दो जिलों नागांव जिले के कालियाबोर सबडिविजन और गोलाघाट जिले के बोकाखाट सबडिविजन के बीच २६३० उ और २६४५ उ आक्षांश और ९३०८ पू से ९३३६ पू देशांतर के बीच स्थित है। काजीरंगा 3७8 वर्ग किमी (१४६ वर्ग मील) में फैला है। यह विश्व विरासत स्थल है। यहां एकसींग वाले गैंडे की दो तिहाई आबादी पाई जाती है। विश्व के संरक्षित इलाकों में से काजीरंगा में सबसे अधिक बाघ पाए जाते हैं और इसे २००६ में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था।
८. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान:- भरतपुर पक्षी अभयारण्य के नाम से जाना जाने वाला केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान भारत के दो सबसे ऐतिहासिक शहरों आगरा और जयपुर के बीच है। उत्तर भारत का यह उद्यान देश के राजस्थान राज्य के उत्तर पश्चिम हिस्से में स्थित है। वर्ष 19८2 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था और 19८5 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया। यह उद्यान बास्किंग पैथॉन (बास्किंग अजगर), पेंटेड स्टॉर्क, हिरण, नीलगाय और अन्य पशुओं समेत ३७० से अधिक पक्षी और पशु प्रजातियों का निवास स्थान है। यह मुख्य रूप से प्रवासी साइबेरियाई सारसों के लिए जाना जाता है।
९. मानस वन्यजीव अभयारण्य: यह असम राज्य के भूटान हिमालय पर्वतमाला की तलहटी में बसा है। यह अनूठे जैवविविधता और परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है। वर्ष 1९73 में प्रोजेक्ट टाइगर परियोजना के तहत टाइगर रिजर्व के नेटवर्क में शामिल होने वाला यह पहला रिजर्व था। 1९85 में मानस वन्यजीव अभयारण्य को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला। वर्ष 1९8९ में, मानस को बायोस्फीयर रिजर्व का दर्जा मिला। यह पश्चिम में संकोश नदी और पूर्व में धानसीरी नदी के साथ २८३७ वर्ग किमी के इलाके में फैला है।
१०. गोवा के चर्च और आश्रम (कॉन्वेंट): भारत के पश्चिमी तट पर स्थित इस राज्य के वेल्हा (पुराने) गोवा के चर्च और आश्रम पुर्तगाली शासन के युग से ही हैं। १६वीं और १७वीं शताब्दी के बीच पुराने गोवा में व्यापक स्तर पर चर्चों और गिरजाघरों का निर्माण किया गया था, इनमें शामिल हैं से कैथेड्रल, सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी के चर्च और आश्रम, सेंट कैथरीन चैपल, बेसिलिका ऑफ बोम जीसस, चर्च ऑफ लेडी ऑफ रोजरी, चर्च ऑफ सेंट. ऑगस्टीन। इस भव्य भवन का निर्माण राजा जोम सेबैस्टियो (१५५७-७८) के शासनकाल में १५६२ ई. में शुरु हुआ था और यह १६19 में बन कर तैयार हुआ। चर्च की लंबाई २५० फीट और चौड़ाई १८१ फीट है। इमारत का मुख हिस्सा ११५ फीट उंचा है। भवन पुर्तगाली गौथिक शैली में बना है जिसका बाहरी हिस्सा टक्सन शैली और आंतरिक हस्सा कोरिंथियन शैली में बना है। कैथेड्रल की बाहरी साजसज्जा अपने सादगी भरे शैली के लिए उल्लेखनीय है जबकि इसकी गुंबदनुमा आंतरिक सज्जा पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
११. फतेहपुर सीकरी: फतेहपुर सीकरी का निर्माण बादशाह अकबर ने १६वीं सदी में बनवाया था। फतेहपुर सीकरी ( विजय का शहर) करीब दस वर्षों तक मुगल साम्राज्य की राजधानी था। स्मारकों का परिसर और मंदिर, सभी एकसमान वास्तुकला शैली में बने हैं, इसमें भारत के सबसे बड़े मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद भी है। सूफी संत शेख सलीम चिश्ती ( जो एक गुफा में रहते थे) के सम्मान में बादशाह अकबर ने अपने घर और दरबार को आगरा से लाकर सीकरी में बसा लिया था।
१२. हंपी में स्मारकों का समूह:- हंपी की सादगी और भव्यता में मुख्य रूप से अंतिम महान हिन्दू साम्राज्य विजयनगर साम्राज्य ((१४वीं १६वीं शती ई.) की राजधानी के अवशेष मिलते हैं। संपत्ति ४१८७, २४ हेक्टेयर इलाके में है जो मध्य कर्नाटक के बेलारी जिले में तुंगभद्रा घाटी में है। हंपी के शानदान सेटिंग में भौतिक अवशेषों की व्यापकता के साथ तुंगभद्रा नदी, ऊबड़खाबड़ पर्वत श्रृंखलाएं और खुले मैदान की प्रमुखता है। बचे हुए १६00 अवशेषों से शहरी, शाही और धार्मिक प्रणालियों की विविधता का पता चलता है। इन अवशेषों में किले, नदी किनारे बनी कलाकृतियां, शाही एवं धार्मिक परिसर, मंदिर, आश्रम, स्तभ वाले कक्ष, मंडप, स्मारक संरचनाएं, द्वार, सुरक्षा चेक पोस्ट, अस्तबल, पानी की संरचना आदि शामिल हैं।
१३. खजुराहो के स्मारकों का समूह:- खजुराहो के मंदिर (मध्यप्रदेश में) देश के सबसे खूबसूरत मध्ययुगीन स्मारकों में से एक हैं। इन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासकों ने ९०० और 1१३0 ई. के बीच करवाया था। वह चंदेलों के शासन का स्वर्णयुग था। माना जाता है कि प्रत्येक चंदेल शासक ने अपने शासनकाल के दौरान एक मंदिर का निर्माण करवाया था। इसलिए खजुराहो के सभी मंदिर किसी एक चंदेल शासक द्वारा नहीं बनवाए गए हैं बल्कि मंदिर का निर्माण कराना चंदेलों की परंपरा थी जिसका चंदेल वंश के लगभग सभी शासकों ने पालन किया।
१४. एलिफेंटा की गुफाएं:- एलिफेंटा की गुफाएं (स्थानीय स्तर पर घरापुरीची लेनी, मूल रूप से घरापुरी के नाम से जाना जाता है) महाराष्ट्र के मुंबई में एलिफेंटा द्वीप या घरापुरी (शाब्दिक अर्थ गुफाओं का शहर) पर स्थित मूर्तियों की गुफाओं की श्रृंखला है। द्वीप अरब सागर में है, यहां गुफाओं के दो समूह हैं पहला समूह बड़ा है औऱ इसमें हिन्दुओं की पांच गुफाएं हैं। दूसरा समूह छोटा है और इसमें दो बौद्ध गुफाएं हैं। हिन्दू गुफाओँ में चट्टानों को काट कर मूर्तियां बनाई गईं हैं, जो शैव हिन्दू संप्रदाय का प्रतीक हैं और भगवान शिव को समर्पित है।
१५. महान चोल मंदिर: महान चोल मंदिरों का निर्माण चोल साम्राज्य के राजाओं द्वारा करवाया गया था। यह पूरे दक्षिण भारत और पड़ोसी द्वीपों में बना हुआ है। यहां ११वीं और १२वीं शताब्दी के मंदिर तंजावुर का बृहदेश्वरा मंदिर, गंगाईकोंडाचोलिश्वरम का बृहदेश्वर मंदिर और दारासुरम का एरावाटेश्वर मंदिर। गंगाईकोंडाचोलिश्वरम का मंदिर का निर्माण राजेन्द्र प्रथम ने करवाया था और यह १०३५ई. में बनकर तैयार हुआ था। इसका ५३ मी का विमान (गर्भगृह मीनार) के कोने धंसे हुए हैं और उनमें सुंदर उर्ध्व नक्काशी की गई है, यह तंजावुर का सीधा एवं सख्त मीनार के जैसा है। एरावाटेश्व मंदिर परिसर का निर्माण राजराजा द्वितीय ने दारासुरम में करवाया था, इसमें २४ मी का विमान और शिव की पत्थर की मूर्ति है।
१६. पत्तदकल के स्मारकों का समूह:- कर्नाटक में पत्तदकल उद्धारक कला का उत्कृष्ट नमूना है। इनका निर्माण चालुक्य वंश के दौरान ७वीं और ८वीं शताब्दी में कराया गया था। इसमें उत्तर एवं दक्षिण भारत की वास्तुकला का सामंजस्य देखने को मिलता है। नौ हिन्दू मंदिरों की प्रभावशाली श्रृंखला के साथ साथ इसमें एक जैन अभयारण्य भी है। समूह का उत्कृष्ट नमूनाविरुपाक्ष मंदिर है, इसका निर्माण महारानी लोकमहादेवी ने ७40 ई. में अपने पति की दक्षिण के राजाओं पर मिली जीत की याद में करवाया था।
१७. सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान:- विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा, सुन्दरबन, भारत और बांग्लादेश के १०,२०० वर्ग किमी में फैले सदाबहार वन में है। भारत की सीमा में पड़ने वाला वन का हिस्सा सुन्दरबन राष्ट्रीय उद्यान कहलाता है और पश्चिम बंगाल राज्य का दक्षिणी हिस्सा है। सुंदरबन ३८,५०० वर्ग किमी इलाके में है। इसका एक तिहाई हिस्सा पानी/दलदल से भरा है। इस जंगल में सुंदरी वृक्षों की संख्या बहुत अधिक है। सुंदरवन रॉयल बंगाल टाइगर के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
१८. नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान:- वर्ष १९८२ में नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना राष्ट्रीय उद्यान के तौर पर की गई थी। यह उत्तर भारत के उत्तराखंड राज्य में नंदा देवी की पहाड़ी (७८१६ मी) पर स्थित है। वर्ष १९८८ में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था। इस उद्यान को १९८२ में अधिसूचना द्वारा संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नाम से स्थापित किया गया था लेकिन बाद में इसका नाम नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया। फूलों की करीब ३१२ प्रजातियों समेत यहां १७ दुर्लभ प्रजातियां पाई जाती हैं। देवदार, संटी, रोडोडेंड्रन और जुनिपर मुख्य वनस्पति हैं।
१९. सांची का बौद्ध स्तूप:- भारत में बौद्ध पर्यटकों के लिए सांची काफी लोकप्रिय स्थान है। यह मध्य प्रदेशके रायसेन जिले के सांची में स्थित है। सांची का स्तूप भारत में सबसे पुराने पत्थर से बनी इमारतों में से एक है। मूल रूप से इसे सम्राट अशोक ने बनवाना शुरु किया था। स्तूप ९१ मीटर (२९८.४८ फीट) ऊंची पहाड़ी पर बना है। यूनेस्को ने १९89 में इसे विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
यह भारत में अनूठा है क्योंकि इसकी उम्र और गुणवत्ता, बौद्ध स्तूरों के समूह, मंदिरों और सांची के मठ (जिसे प्राचीन काल में काकान्या, काकानावा, काकानादाबोटा और बोटा श्री पर्वत कहते थे) मौजूद सबसे पुराने बौद्ध अभयारण्यों में से एक हैं। ये स्मारक ३ सदी से १२वीं सदी के बीच 1३00 वर्षों की अवधि, लगभग संपूर्ण शास्त्रीय बौद्ध काल में, के दौरान बौद्ध कला और वास्तुकला की उत्पत्ति एवं विकास की कहानी कहते हैं।
२०. हुमायूं का मकबरा, दिल्ली:- दिल्ली स्थित हुमायूं का मकबरा पहला भव्य शाही मकबरा है जो मुगल वास्तुकला और स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है जो और जिसने अपने निर्माण के ८० वर्षों के बाद ताज महल को जन्म दिया। हुमायूं का मकबरा २१.६० हेक्टेयर में बना है। इसमें १६वीं सदी के मुगल उद्यान के गुंबदों जैसे नीला गुंबद, इसा खान, बू हलीमा, अफसरवाला, नाई का मकबरा भी है। साथ ही परिसर में हुमायूं के मकबरे के लिए काम पर रखे गए वास्तुकार अरब सेराई रहते थे। हुमायू का मकबरा था, हुमायूं के बेटे महान शहंशाह अकबर के संरक्षण में 15६० के दशक में बना था।
२१. कुतुब मीनार, दिल्ली:- कुतुबमीनार दिल्ली के दक्षिण में कुछ किलोमीटर दूर करीब १३वीं सदी में बना था। कुतुबमीनार, लाल बलुआ पत्थर से बनी मीनार ७२.५ मी ऊंची है, इसकी चौड़ाई २.7५ मीटर और इसके आधार से १४.3२ मी. की उंचाई से प्रार्थना की जाती है। इसके आसपास अलाई दरवाजा द्वार, हिन्दू मुस्लिम कला का उत्कृष्ट नमूना (१३11 में बना) है। कुतुब मीनार के बनने में काफी समय लगा (करीब 7५ वर्ष)। इसका निर्माण कुतुबउद दीन ऐबक ने ११९३ में शुरु करवाया था और इसका निर्माण कार्य इल्तुतमिश ने पूरा कराया था।
२२. भारत के पहाड़ी रेलवे:- भारत के पहाड़ी रेलवे में तीन रेलवे हैं दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे, जो पश्चिम बंगाल (उत्तर पूर्व भारत) में हिमालय की तलहटी में स्थित है, क्षेत्रफल ५.३४ हेक्ट., नीलगिरि माउंटेन रेलवे, तमिलनाडु (दक्षिण भारत) के नीलगिरी पहाड़ी पर ४.५9 हेक्. क्षेत्र में बना और कालका शिमला रेलवे जो हिमाचल प्रदेश (उत्तर पश्चिम भारत) में हिमालय की तलहटी में ७९.०६ हेक्. क्षेत्र में है। ये सभी तीन रेलवे अभी भी पूरी तरह से काम कर रहे हैं और चालू हैं।
२३. बोध गया का महाबोधी मंदिर परिसर:- २६० ई.पू. तीसरी सदी में बना महाबोधी मंदिर परिसर सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया पहला मंदिर है। मौजूदा मंदिर उत्तर गुप्त काल में पूरी तरह से ईंट से निर्मित संरचनाओं में से सबसे प्राचीनतम और अत्यंत भव्य संरचनाओं में से एक है। इसके पत्थर के गढ़े हुए जंगले पत्थर की मूर्तिकला संबंधी नक्काशी का उत्कृष्ट प्रारंभिक उदाहरण है। यह पूरी तरह से ईंटों से बना सबसे पहले बौद्ध मंदिरों में से एक है, और सदियों से ईंट वास्तिकला के विकास में इसका महत्वपूर्ण प्रभाव माना जाता है। बोध गया में महाबोधी मंदिर परिसर का वर्तमान परिसर में ५०मी. ऊंचा विशाल मंदिर, वज्रासन, पवित्र बोधी वृक्ष औऱ भगवान बुद्ध के अन्य छह पवित्र स्थल है जो कई प्राचीन स्तूपों से घिरे हैं। इनका रखरखाव बहुत अच्छे से किया जाता है और ये आंतरिक, मध्य एवं बाहरी गोलाकार चारदीवारों से संरक्षित हैं। यह कुल ४.८६०० हेक्टेयर इलाके में है।
२४. भीमबेटका पाषाण आश्रय:- यह पांच पाषाण आश्रयों का समूह है और २००३ में इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला था। भीमबेटका पाषाण आश्रय विंध्य पर्वतमाला के तलहटी में मध्य भारतीय पठार के दक्षिणी छोर पर स्थित है। बहुत मात्रा में बलुआ पत्थर और अपेक्षाकृत घने जंगलों के बीच ये पांच प्राकृति पाषाण आश्रयों का समूह हैं। इनमें मध्यपाषाण काल से ऐतिहासिक काल के बीच की चित्रकला मिलती है। इस स्थान के आसपास के इक्कीस गांवों के निवासियों की सांस्कृतिक परंपरा में पाषाणों पर मिली चित्रकारी की बहुत अधिक छाप मिलती है। भीमबेटका के पाषाण आश्रय में पाई गई चित्रकारी में से कुछ तो करीब ३०,००० वर्ष पुराने हैं। गुफाएं नृत्य के प्रारंभिक साक्ष्य भी देते हैं। ये पाषाण स्थल मध्य प्रदेश में हैं।
२५. चंपानेर पावागढ़ पुरातत्व उद्यान:- मोटे तौर पर अनजान पुरातात्विक, ऐतिहासिक और जीवित सांस्कृतिक विरासत स्थल जो प्रागैतहासिक स्थलों से घिरे प्रभावशाली लैंडस्केप के बीच स्थित है, पूर्व हिन्दू राजधानी का पहाड़ी वन और १६वीं सदी तक गुजरात राज्य की राजधानी रहा। यहां अन्य अवशेषों के साथ ८ वीं से १४वीं शती के बीच बने दुर्ग, महल, धार्मिक भवन, आवासीय परिसर, कृषि भूमि और जल प्रतिष्ठान भी हैं। पावागढ़ पहाड़ी के शीर्ष पर बना कालिका माता मंदिर को महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है और यहां पूरे वर्ष श्रद्धालु आते रहते हैं। यह एक मात्र पूर्ण और अपरिवर्तित इस्लामी मुगलपूर्व शहर है।
२६. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पहले विक्टोरिया टर्मिनस):- छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पहले विक्टोरिया टर्मिनस कहते थे), अरब सागर के तट को छूते भारत के पश्चिमी हिस्से में मुंबई में है। इस भवन का डिजाइन एफ. डब्ल्यू. स्टीवेंस ने तैयार किया था, यह २.८५ हेक्टेयर इलाके में फैला है। वर्ष १८७८ में इसका निर्माण कार्य शुरु हुआ था और करीब दस वर्षों में बन कर यह तैयार हुआ। यह विश्व के सबसे अच्छे कार्यात्मक रेलवे स्टेशन भवनों में से एक है और रोजाना तीस लाख से अधिक यात्री इसका प्रयोग करते हैं। यह दो संस्कृतियों के संगम का उत्कृष्ट नमूना है, क्योंकि इसमें ब्रिटिश वास्तुकारों ने भारतीय कारीगरों के साथ मिल कर काम किया था ताकि वे भारतीय वास्तुकला परंपरा और प्रतीकों को इसमें शामिल कर सके और मुंबई के लिए नई शैली तैयार कर सकें। यह उपमहाद्वीप का पहला ट्रमिनस स्टेशन था।
२७. लाल किला परिसर (दिल्ली):- वर्ष १६३८ में शाहजहां ने अपनी राजधानी दिल्ली को बनाया और शाहजहांबाद शहर की नींव रखी। यह दिल्ली का सातवां शहर था। यह कंकड़-पत्थर से बनी दीवार से घिरी थी और जगह जगह पर गढ़, फाटक और दरीचे बने थे। लाल किले में चौदह दरवाजे हैं और लाहौरी गेट इसका मुख्य दरवाजा है। इसका निर्माण १३ मई १६३८ में मुहर्रम के पावन महीने में शुरु हुआ था और आगामी नौ वर्षों में यह बन कर तैयार हुआ था। शाहजहां खुद इसके निर्माण की निगरानी करते थे। वर्ष २००७ में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया था।
२८. जंतर मंतर, जयपुर:- जयपुर का जंतर मंतर खगोलीय प्रेक्षण स्थल है जिसका निर्माण १८वीं सदी के आरंभ में किया गया था। इसमें करीब २० मुख्य निश्चित उपकरणों का सेट है। इसमें ज्ञात उपकरणों के स्मारक संबंधी उदाहरण हैं लेकिन कई मामलों में उनके खुद के विशेष लक्षण हैं। नंगी आंखों से खगोलीय स्थिति के अवलोकन हेतु डिजाइन किए गए जंतर मंतर में कई नवीन वस्तुओं एवं उपकरणों को लगाया गया था। यह भारत के सर्वाधिक महत्वपूर्ण, सबसे व्यापक और सर्वश्रेष्ठ संरक्षित ऐतिहासिक वेधशालाओं में से एक है। यह मुगल साम्राज्य के अंत में एक विद्वान राजकुमार के खगोलीय कौशलों और ब्रह्मांड से संबंधित अवधारणाओं की अभिव्यक्ति है। हालांकि इसके निर्माता राजकुमार जय सिंह द्वितीय के प्रोत्साहन के माध्यम से वेधशाला अलग अलग वैज्ञानिक संस्कृतियों की बैठकों का केंद्र बना और ब्रह्मांड विज्ञान से जुड़े व्यापक सामाजिक प्रथाओं को जन्म दिया।
२९. पश्चिमी घाट:- पश्चिमी घाट तापी नदी की चोटी से निकलकर कन्याकुमारी की गुफा तक १६०० किमी की दूरी तक फैला है इसकी औसत उंचाई १२०० मीटर है। यह वास्तविक पहाड़ी श्रृंखला नहीं है, बल्कि यह प्रायद्वीपीय पठार के टूटे हुए हिस्से का भाग है। पश्चिमी घाटों की ऊंचाई उत्तर से दक्षिण की तरफ बढ़ती है जबकि पूर्वी घाट की ऊंचाई दक्षिण से पूर्व की ओर बढ़ती है। पश्चिमी घाट पूर्वी घाट की तुलना में अधिक अविरल है।
हिमालय की पहाड़ों से पुराने पश्चिमी घाट की पहाड़ी श्रृंखला अनूठे जैवभौतिक और पारिस्थितिक प्रक्रियाओँ के साथ बेहद महत्वपूर्ण भू आकृतियों से भरा है। इलाके के उंचे पर्वतीय वन पारिस्थितिकी प्रणालियां भारतीय मॉनसून के पैटर्न को प्रभावित करती हैं। इलाके के उष्णकटिबंधीय जलवायु को संयमित करने के साथ यह स्थान इस ग्रह पर मॉनसून प्रणाली का सर्वश्रेष्ठ उदाहरणों में से एक है। साथ ही इसमें जैव विविधता एवं स्थानीयता का असाधारण उच्च स्तर भी है। इसे विश्व के जैव विविधता का आठवां सबसे अधिक आकर्षकण का केंद्र भी माना जाता है। यहां के जंगलों में गैरविषुवतीय उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन के कुछ सबसे अच्छे उदाहरण भी मिलते हैं। ये जंगल कम से कम ३२५ प्रकार के फूलों, वनस्पतियों, पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों और मछली की विलुप्तप्राय प्रजातियों का निवास स्थान है।
३०. राजस्थान के पहाड़ी किले:- राजस्थान राज्य में स्थित सिलसिलेवार स्थान। इसमें छह आलीशान किले चितौड़गढ़, कुंभलगढञ, सवाई माधोपुर, झालवार, जयपुर और जैसलमेर, हैं। किलों की उदार वास्तुकला, ८ वीं से 1८ वीं शताब्दी के बीच इलाके में राजपूत रिसायसों की चरण सत्ता का प्रमाण आस पास के करीब २० किलोमीटर के दायरे में देता है। रक्षात्मक दीवारों से घिरे प्रमुख शहरी केंद्रों, महलों, व्यापारिक स्थानों और मंदिरों समेत अन्य भवनों अक्सर समय से पूर्व बने दुर्गों में विस्तृत सभ्य संस्कृति का विकास हुआ जो शिक्षा, संगीत और कला का समर्थन करते थे। दुर्ग में बने कुछ शहरी केंद्र अभी भी बचे हैं क्योंकि कई स्थलों में मंदिर और अन्य पवित्र भवन हैं। किले इलाके द्वारा प्रदान किए गए प्राकृतिक सुरक्षा उपायः पहाड़, रेगिस्तान, नदियां और घने वन, का प्रयोग करते थे। इनमें व्यापक जल संचयन संरचना भी है जिनका आज भी प्रयोग जारी है।
३१. रानीकीवाव (रानी की बावड़ी) पाटण, गुजरात:- सरस्वती नदी के किनारे पर बनी रानीकी वाव का निर्माण आरंभ में ११वीं शताबदी में एक राजा के स्मारक के तौर पर कराया गया था। बावड़ियां भारती उपमहाद्वीप में भूमिगत जल संसाधन और भंडारण प्रणालियों का एक विशेष रूप हैं और इनका निर्माण ईसा पूर्व तीसरी सहस्राब्दी में किया गया था। समय के साथ इनका विकास हुआ जो मूल रूप से रेतीली मिट्टी में गढ्ठा के रूप में हुआ करता था, विकसित रूप में यह वास्तुकला एवं स्थापत्य कला की बहुमंजिला इमारत बन गया।
रानीकीवाव का निर्माण बावड़ी के निर्माण और मारु गुर्जर स्थापत्य शैली में कारीगर की क्षमता के आधार पर बनाया गया था। यह उसके जटिल तकनीक और विस्तार एवं महारथ को दर्शाता है। एक औंधे मंदिर के डिजाइन वाले इस बावड़ी में पानी की पवित्रता पर प्रकाश डाला गया है।
उच्च कलात्मक गुणवत्ता के मूर्तिकला पैनल के साथ यह सीढ़ियों की सात स्तरों में विभाजित है। इसमें ५०० से अधिक मुख्य और एक हजार से अधिक गौण मूर्तियां हैं। ये मूर्तियां धार्मिक, पौराणिक और धर्मनिर्पेक्ष कल्पना और साहित्यिक कृतियों को दर्शाती हैं। चौथा स्तर सबसे गहरा। इसमें ९.५ मीटर गुना ९.४ मीटर का आयताकार टैंक है और उसकी गहराई २३ मीटर है। यह बावड़ी संपत्ति के पश्चिमी छोर पर स्थित है और इसमें १० मीटर व्यास और ३० मीटर गहरा एक शाफ्ट है।
३२. ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान (घ्नप):- यह भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लु जिले में स्थित है। जीएचएनपी को १९९९ में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था। यह ७५४.४ वर्ग किमी इलाके में फैला है। ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान कई प्रकार की वनस्पतियों का आवास है और ३७६ से भी अधिक प्रकार की जीव प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। इनमें ३२ स्तनधारी, १८० पक्षी, ३ सरीसृप, १० उभयचर, १२ कीड़े, १८ घोंघा और १२6 प्रकार के मकोड़े शामिल हैं। 2३ जून 201४ को इसे विश्व धरोहर स्थल का दर्जा मिला था।
३३. नालंदा महाविहार (नालंदा विश्वविद्यालय), बिहार:- महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा-केन्द्र में हीनयान बौद्ध-धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे। वर्तमान बिहार राज्य में पटना से लगभग ७५ किलोमीटर दक्षिण-पूर्व और राजगीर से लगभग १० किलोमीटर उत्तर में एक गाँव के पास अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा खोजे गए इस महान बौद्ध विश्वविद्यालय के भग्नावशेष इसके प्राचीन वैभव का बहुत कुछ अंदाज़ करा देते हैं।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम ४५०-४७० को प्राप्त है। अत्यंत सुनियोजित ढंग से और विस्तृत क्षेत्र में बना हुआ यह विश्वविद्यालय स्थापत्य कला का अद्भुत नमूना था।
इसका पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण की ओर मठों की कतार थी और उनके सामने अनेक भव्य स्तूप और मंदिर थे। मंदिरों में बुद्ध भगवान की सुन्दर मूर्तियाँ स्थापित थीं। केन्द्रीय विद्यालय में सात बड़े कक्ष थे और इसके अलावा तीन सौ अन्य कमरे थे। इनमें व्याख्यान हुआ करते थे।
अभी तक खुदाई में तेरह मठ मिले हैं। वैसे इससे भी अधिक मठों के होने ही संभावना है। मठ एक से अधिक मंजिल के होते थे। कमरे में सोने के लिए पत्थर की चौकी होती थी। दीपक, पुस्तक इत्यादि रखने के लिए आले बने हुए थे। प्रत्येक मठ के आँगन में एक कुआँ बना था। आठ विशाल भवन, दस मंदिर, अनेक प्रार्थना कक्ष तथा अध्ययन कक्ष के अलावा इस परिसर में सुंदर बगीचे तथा झीलें भी थी।
३४. कंचनजंघा राष्ट्रीय उद्यान, सिक्किम:- कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान सिक्किम, भारत में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान और एक बायोस्फीयर रिज़र्व है। इस उद्यान को अपना नाम कंचनजंगा पर्वत से मिलता है। इस उद्यान का कुल क्षेत्रफल १७८४ वर्ग कि.मी. है जो कि सिक्किम के कुल क्षेत्रफल का २५.१४% है। ज़ेमु हिमनद सहित पार्क में कई हिमनद हैं। कस्तूरी मृग, हिम तेंदुए और हिमालय तहर जैसे वन्यजीव उद्यान में रहते हैं।
३५. कैपिटल कॉम्प्लेक्स, चंडीगढ़:- चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स भारत के चंडीगढ़ शहर के सेक्टर-१ में स्थित ली कोर्बुज़िए द्वारा डिजाइन किया गया एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है।यह की लगभग १00 एकड़ जमीन क्षेत्र में फैला हुआ है और यह चंडीगढ़ की वास्तुकला की एक महान अभिव्यक्ति है। इसमें तीन इमारतें, तीन स्मारक और एक झील है, जिनमें विधान सभा, सचिवालय, उच्च न्यायालय, मुक्त हस्त स्मारक, ज्यामितीय पहाड़ी और टॉवर ऑफ शैडोज़ शामिल हैं।
३६. अहमदाबाद:- गुजरात की ६०६ साल पुरानी सिटी अहमदाबाद अब विश्व धरोहर सिटी के नाम से जानी जाएगी। यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज समिती द्वरा अहमदाबाद शहर को यह दर्जा दिया गया है। पिछले ६०० सालों से अहमदाबाद एक शांतिप्रिय शहर के रूप में पहचाना जाता रहा है। यही वो शहर है जहां से महात्मा गांधी ने अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी।
अहमदाबाद में कई ऐसे हिंदू और जैन मंदिर है जिनकी नक्काशी काफी सुंदर है। लकड़ी पर बनी ये नक्काशियां यहां आने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। इसके साथ ही यह शहर इंडो-इस्लामिक वास्तुकला और हिंदू-मुस्लिम कला का एक जीता जागता उदाहरण है।
अहमदाबाद को विश्व धरोहर वाले शहर का दर्जा देने के लिए कई देशों ने भारत का समर्थन किया। जिनमें तुर्की, लेबानन, क्यूबा और पोलैंड जैसे देश शामिल है। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि देश का एक शहर विश्व धरोहर में शामिल हुआ है। इसका पूरा श्रेय शहर में रहने वालों लोगों को जाता है जिन्होंने ६०० साल पुरानी नक्काशियों और कलाकृतियों को अभी भी जीवित रखा है।
३७. विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको इमारतें:- मुंबई की विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको इमारतें भव्य वास्तुकला शैलियों में बनी हैं। वे देश के एक जीवंत धरोहर और करीब दो सदियों में शहर के विकास के परिदृश्य का प्रतिनिधित्व करती हैं। दक्षिण मुंबई में स्थित विक्टोरियन गोथिक आर्ट डेको के भवनों को मियामी के बाद दुनिया की सबसे बड़ी भवन श्रृंखला में शामिल किया जाता है।
मुंबई हाई कोर्ट का भवन विक्टोरियन गोथिक शैली का बेहतरीन उदाहरण है। इनका निर्माण १९वीं सदी में हुआ था। ओवेल मैदान के पश्चिमी इलाके में स्थित आर्ट डेको भवनों का निर्माण १९30 से १९50 के बीच हुआ है। मुंबई की आर्ट डेको बिल्डिंग में अस्पताल, मूवी थिएटर, आवासीय भवन , व्यावसायिक दफ्तर आदि आते हैं।
३८. जयपुर:- भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में शुमार गुलाबी नगरी जयपुर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरीटेज सिटी घोषित कर दिया। जयपुर बहादुरी और संस्कृति की विरासत सहेजे एक शहर है। जयपुर शहर एक सुनियोजित विकास की मिसाल है, जो परकोटे की चारदीवारी से घिरी हुई है और इसमें ७ दरवाजे हैं। जयपुर बसने से पहले कछवाहों की राजधानी आमेर हुआ करती थी। मगर साल 1७2७ में पूर्व महाराज जयसिंह ने जयपुर का निर्माण शुरू करवाया। यह शहर अलग-अलग काल खंडों में बनकर तैयार हुआ।
जयपुर के पूर्व राजघराने के ठीक सामने पुराने शहर में गोविंद देव जी का मंदिर है। जयपुर के बारे में कहा जाता है कि नगर नियोजन यहां परंपरा रही है। यही वजह है कि राज्य के राजे-रजवाड़े के समय भी परकोटे के अंदर की सड़कों की चौड़ाई १०७ मीटर थी, तो बाजार के बरामदे की चौड़ाई ९२ मीटर हुआ करती थी।
साल १८९६ में जब प्रिंस ऑफ वेल्स जयपुर आ रहे थे तो उनके स्वागत में जयपुर के पूर्व महाराज ने पूरे शहर को गुलाबी रंग से रंगवा दिया था, तब से इस शहर की पहचान गुलाबी नगरी के रूप में होती है। यहां के प्रमुख स्मारकों में आमेर, नाहरगढ़, जयगढ़ जल महल, हवा महल, जंतर मंतर सिटी पैलेस और अल्बर्ट हॉल शामिल हैं। |
अल्मोड़ा। जिलाधिकारी व जिला निर्वाचन अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोगध्मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखण्ड देहरादून से प्राप्त निर्देशों के क्रम में ४९-सल्ट विधानसभा निवार्चन क्षेत्र के लिए उप निर्वाचन २०२१ के दृष्टिगत सल्ट विधानसभा क्षेत्रान्तर्गत आयोग के निर्देशानुसार मतदाता शिक्षा एवं जागरूकता हेतु प्रत्येक ग्राम, मोहल्लों, हैमलेट, अनुभाग आदि में सुव्यवस्थित ढ़ग से ईवीएम वीवीपैट का प्रदर्शनजागरूकता अभियान सम्पादित किया जाना है। उन्होने बताया कि ईवीएम वीवीपैट का प्रदर्शन जागरूकता अभियान १५ मार्च से प्रारम्भ हो चुका है जा ०८ अप्रैल तक चलेगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में सम्मिलित ग्राम, मोहल्लों हैमलेट अनुभागों के अन्तर्गत ईवीएमध्वीवीपैट का प्रदर्शनध्जागरूकता अभियान हेतु चलाया जाना है। उन्होंने निर्वाचन क्षेत्रान्तर्गत ईवीएमध्वीवीपैट का प्रदर्शनध्जागरूकता अभियान हेतु मास्टर ट्रेनरों एवं विधान सभा क्षेत्र के रूट प्लान के अनुरूप सशस्त्र पुलिस कार्मिक व वाहन उपलब्ध कराये जाने हेतु उपजिलाधिकारी अपने स्तर से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं संभागीय परिवहन अधिकारी से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ईवीएमध्वीवीपैट का प्रदर्शनध्जागरूकता अभियान हेतु उप जिलाधिकारीध्तहसीलदार सल्ट, भिकियासैंण को निर्देश दिये है कि वे प्रत्येक बी०एल०ओ० प्रदर्शन के लिए गाॅवों में एक उपयुक्त सरकारी या सरकारी प्राप्त भवन को चिन्ह्ति कर लें। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन कार्यक्रम हेतु प्रयुक्त ईवीएमध्वीवीपैट को एक अस्थाई स्ट्राॅग रूमध्सेफ रूम जो की सरकारी भवन में हो, में सुरक्षित रखा जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये है कि किसी भी परिस्थिति में मशीनों को किसी निजी भवन में न रखा जाय इस कार्य में किसी भी लापरवाही के लिए सम्बन्धित उप जिलाधिकारीध्तहसीलदार व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने उप जिलाधिकारी सल्ट को निर्देश दिये है कि सम्बन्धित बीएलओध्बीएलए को इस कार्य में सम्मलित करेंगे उन्हें कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार हेतु निर्देशित किया जाय। वे सभी महत्वपूर्ण स्थानों जैसे पंचायत भवन, बाजार, हाट व अन्य प्रमुख स्थानों पर पोस्टर, बैनर आदि के माध्यम से कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें। |
बेनीपट्टी(मधुबनी)। अंचल क्षेत्र के करहरा, समदा, बेतौना, बेहटा व बेनीपट्टी में बाढ़ के कारण जो समस्याएं उत्पन्न हुई है उसके लिए जिम्मेवार जलसंसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल झंझारपुर वन के कार्यपालक अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता हैं। बिहार विधान परिषद में भी करहरा पंचायत के सोहरौल गांव में टूटे धौस नदी के सुरक्षा बांध का मुद्दा उठाया गया था। यह बातें एमएलसी घनश्याम ठाकुर ने बेनीपट्टी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही।
एमएलसी ठाकुर ने कहा कि मधुबनी के डीएम ने बाढ़ नियंत्रण विभाग झंझारपुर वन के कार्यपालक अभियंता को ससमय टूटे तटबंध की मरम्मत करने का निर्देश दिया था। लेकिन, विभाग के द्वारा अब तक मरम्मत कार्य नहीं कराया गया। जिसके कारण बेनीपट्टी अंचल क्षेत्र के पश्चिमी भू-भाग में तीसरी बार बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गई है। एक महीने पूर्व बाढ़ नियंत्रण विभाग के सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा गया था।
इस बार की बाढ़ में जो सड़कों की क्षति हुई है और जानमाल का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के वेतन या पीएफ फंड की राशि से किए जाने की मांग वो सरकार से करते हैं। एमएलसी घनश्याम ठाकुर ने कहा कि सीओ को उन्होंने बर्री एवं बिशनपुर में बांध पर रह रहे बाढ़ पीड़ितों को पॉलीथिन व राहत उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
सीओ ने यह बात स्वीकार की है कि करहरा में नाव की कमी है। अब इस बार तो संभव नहीं हो पाया लेकिन, अगली बार यदि सरकार नहीं कर पाई तो वो एमएलसी फंड से करहरा एवं बेनीपट्टी अंचल क्षेत्र में नाव की कोई कमी नहीं रहने देंगे। इस मौके पर डॉ. बागीशकांत झा आदि मौजूद थे। |
बस शब्द अपने कहीं न कहीं तो सुना ही होगा बस फुल फॉर्म बंगतान सोनियेओंदन हैं तथा इसका दूसरा नाम बंगतान बॉयज़ (बंगटन बॉयज) या बुलेप्रूफ बॉयज़ स्काउट के नाम से भी जानते है। यह एक दक्षिण कोरियाई बॉयज बैंड ग्रुप है। यह एक दुनिया भर में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय म्यूजिक तथा डांस ग्रुप में से एक है। इस लेख में हम इसके बारे में ही विस्तार से जानेंगे। तो आइये बिना किसी देरी के इन सभी के बारे में यानि दे बस (बंगतान सोनियेओंदन) तथा इसके सदस्यों के बारे में भी जान लेते है।
बस यानि के बंगतान सोनियेओंदन ग्रुप में केवल मुख्य ७ सदस्य है, यह एक विश्वप्रसिद्ध संगीत तथा नृत्य ग्रुप है। यह अभी तक दुनिया के अलग अलग बहुत सी जगहों पर दुनिया भर में बहुत सारे आवार्ड जीत चूका है। जिनके बारे में हम निचे इस लेख में ही विस्तार से जानेंगे।
बस एक दक्षिण कोरियाई ७ सदस्यों का एक बॉय बैंड ग्रुप है। बस ग्रुप को सन २०१० में बनाया गया था। तथा यह ११ सितंबर २०१३ को बिग हित एन्टर्टेन्मन्ट की मदद से लॉन्च किया गया था, इसका पहला एल्बम २ कूल ४ स्कूल था। इस एल्बम को पूरी दुनिया में बहुत ही अच्छा रेस्पोंस मिला था। इसकी वजह से बस बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो गया। इसकी वजह से आगे चलकर उन्हें नव आर्टिस्ट ऑफ थे ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दोस्तों र्म दक्षिण कोरियाई बैंड ग्रुप बस के लीडर है। इनका पूरा नाम किम नम-जों है इनका जन्म १२ सिप्तंबर १९९४ को डोंगजक-गु, सेऊल, साउथ कोरिया में हुआ था। इन्हें स्टेज पर र्म के नाम से बुलाते है। इन्होने २०१५ में अपना पहला एल्बम बनाया था। क्म एक सोंग राइटर, रपर, तथा रिकॉर्ड प्रोडूसर भी है। इन्हें २०१८ में हवागवान ऑर्डर ऑफ कल्चरल मेरिट अवार्ड से सम्मानित भी क्या गया है।
से सम्मानित किया गया है।
दोस्तों यह तो रही बस ग्रुप के सदस्यों की बात आइये अब इनके बारे में थोड़ी जानकारी और जान लेते है।
दोस्तों बस बैंड ग्रुप की एक वेबसाइट भी है जहाँ से आप इनके बारे में और भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हो।
दोस्तों इस ग्रुप का एक ऑफिसियल इंस्टाग्रम अकाउंट भी है जहाँ से आप इन्हें फॉलो भी कर सकते हो तथा इनके बारे में सभी प्रकार की वर्तमान समय की जानकारी भी आसानी से प्राप्त कर सकते हो।
७ सदस्यों के इस ग्रुप को २०१४ से लेकर अब तक 3७5 अवार्ड्स जित चूका है।
इस ग्रुप के बहुत सरे लोकप्रिय एलबम्स है जिनके कुछ खास एलबम्स के नाम की सूची निचे दी गई है, दोस्तों इन एलबम्स को आप युतुबे में भी देख सकते हो।
दोस्तों अभी हमने दक्षिण कोरियाई बॉयज बैंड ग्रुप बस के बारे में तो जाना आइये अब बस शब्द के दुसरे फुल फॉर्म्स के बारे में भी थोडा सा जान लेते है।
दोस्तों हमने बस मिनिंग के बारे में विस्तार सभी प्रकार की जानकारी को जानने का प्रयास किया है। अगर आप इस ग्अरुप के बारे में और भी अधिक जानकारी प्गराप्रत करना चाहते हो तो यहाँ क्लिक करें। आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
मेरा नाम देव परतेती है। इस वेबसाइट पर आप फुल फॉर्म, कंप्यूटर, गेमिंग, टेक न्यूज बायोग्राफी आदि सभी प्रकार की जानकारी अपनी मात्र भाषा हिंदी में प्राप्त कर सकते हो। |
जयपुर, ३१ अक्टूबर, २०२२। आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आयोजित किये जा रहे कार्यक्रमों की श्रृंखला में सोमवार को स्नातकोत्तर पशुचिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पी.जी.आई.वी.ई.आर.), जयपुर में ३१ अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य पर एकता दिवस मनाया गया। संस्थान की अधिष्ठाता प्रो. (डॉ.) शीला चौधरी के मार्गदर्शन में एकता दौड़ का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। अधिष्ठाता महोदया ने अपने सम्बोधन में बताया कि सरदार पटेल के अथक प्रयासों से ही एकीकृत भारत का निर्माण संभव हो सका। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन से जूडे विभिन्न पहलूओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को सरदार वल्लभ भाई पटेल के आदर्शो को अपने जीवन में उतारने की अपील की। इस कार्यक्रम में संस्थान के सभी विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों तथा कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। |
मुंबई| भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा ने कहा है कि स्विट्जरलैंड के पुरुष खिलाड़ी रोजर फेडरर और स्पेन के राफेल नडाल टेनिस के दो महान खिलाड़ी हैं और वो सिर्फ इसलिए नहीं कि इन दोनों के बीच बेहतरीन प्रतिद्वंदिता है बल्कि इसलिए कि दोनों के दिल में एक-दूसरे के प्रति बेहद सम्मान है। सानिया मिर्जा इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) में इनके साथ टीम में रह चुकी हैं। उन्होंने हाल ही में इन दोनों महान खिलाड़ियों के बीच की प्रतिद्वंदिता पर बात की।
मिर्जा ने यह बात डिस्कवरी प्लस पर दिखाई जा रही डॉक्यूमेंट्री स्ट्रोक्स ऑफ जीनियस के प्रीमियर के इतर कही।
भारत की ओलम्पिक रजत पदक विजेता महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी. सिंधु ने कहा ने इस प्रतिद्वंदिता को टेनिस में ही नहीं बल्कि सभी खेलों में महानतम बताया है। |
मदर टेरेसा का जीवन-परिचय: यूगोस्लाविया के स्कोपजे नामक एक छोटे से नगर में मदर टेरेसा का जन्म २६ अगस्त, १९१० को हुआ था। उनके पिता का नाम अल्बेनियन था जो एक भवन निर्माता थे। मदर टेरेसा का बचपन का नाम एग्नेस बोहाझिउ था। उनके माता-पिता धार्मिक विचारों के थे। बारह वर्ष की अल्प आयु में ही मदर टेरेसा ने अपने जीवन का उद्देश्य तय कर लिया था।
मानव प्रेमी ऐसी सर्वोत्तम भावना है जो उसे सच्चा मानव बनाती है। मानवता के प्रति प्रेम को देश, जाति या धर्म जैसी संकुचित परिधि में नहीं बाँधा जा सकता। व्यक्ति के मन में यदि ममता, करुणा की भावना हो तो वह अपना समस्त जीवन मानव सेवा में समर्पित कर देता है। विश्व में मानव की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने वाली अनेक विभूतियों में से मदर टेरेसा सर्वोच्च थीं। उन्हें ममता, प्रेम, करुणा और सेवा की प्रतिमूर्ति कहा जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
अठारह वर्ष की अवस्था में इन्होंने नन बनने का निर्णय कर लिया। इसके लिए वे आयरलैंड जाकर लॉरेटो ननों के केंद्र में शमिल हो गईं। वहाँ से उन्हें भारत भेजा गया। १९२९ में मदर टेरेसा लॉरेटो एटेली स्कूल में अध्यापिका बनने कलकत्ता पहुँची। यहाँ रहकर इन्होंने अध्यापिका के रूप में सेवा कार्य किया। अपनी योग्यता, कार्यनिष्ठा तथा सेवाभाव के कारण कुछ ही दिनों बाद इनको स्कूल की प्रधानाध्यापिका बना दिया गया। मदर टेरेसा को यह पद पाकर संतोष नहीं मिला।
पीड़ित मानवता की पुकार उन्हें कचोट रही थी। १० दिसम्बर, १९४६ को जब वह रेल से दार्जिलिंग जा रही थीं तो उन्हें अपने भीतर से पुकार सुनाई दी कि उन्हें स्कूल छोड़कर ग़रीबों के बीच रहकर उनकी सेवा करनी चाहिए। उन्होंने अपने अंदर से आयी आवाज़ को सुन स्कूल छोड़ दिया। १९५० में इन्होंने मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। इसके बाद ये नीली किनारी वाली सफेद साड़ियाँ लेकर पीड़ितों की सेवा करने के लिए मैदान में उतर पड़ीं।
इससे पूर्व मदर टेरेसा ने १९४८ में बंगाल के कोलकाता स्थित एक झुग्गी बस्ती में रहने वाले बच्चों के लिए स्कूल खोला। इसके कुछ दिनों बाद ही काली मंदिर के पास निर्मल हृदय नामक धर्मशाला की स्थापना की। यह धर्मशाला सिर्फ असहाय लोगों के लिए थी। धर्मशाला बनने के बाद असहाय लोगों को छत नसीब हो सकी। मदर टेरेसा अपनी सहयोगी सिस्टरों के साथ सड़क किनारे तथा गलियों में पड़े मरीज़ों को उठाकर निर्मल हृदय ले जातीं जहाँ उनका उपचार निःशुल्क किया जाता। उल्लेखनीय है कि इन्होंने अपना नाम १६वीं शताब्दी में संत टेरेसा के नाम से प्रसिद्ध हुई एक नन के नाम पर टेरेसा रख लिया था।
शुरुआत में मदर टेरेसा सेवा भाव की दृष्टि से ऐसे गरीब मरीज़ों की तलाश में शहर भर में घूमती थीं जो मरणासन स्थिति में होते थे। पहले ये क्रिक लेन में रहती थीं बाद में आकार मदर टेरेसा सरकुलर रोड में रहने लगीं। वे जहाँ जिस मकान में रहती थीं वह मकान आज विश्वभर में मदर हाउस के नाम से जाना जाता है। १९५२ में स्थापित निर्मल हृदय केंद्र ने आज विशाल रूप ग्रहण कर लिया है। विश्व भर के करीब १२० देशों में इस संस्था के शाखाएँ काम कर रही हैं। इस संस्था के तहत वर्तमान में १६९ शिक्षण संस्था, १३६९ उपचार केंद्र और ७५५ आश्रय गृह संचालित हैं।
मदर टेरेसा का स्वभाव अत्यंत सहनशील, असाधारण और करुणामय था। उनके मन में रोगियों, वृद्धों, भूखे-नंगे ग़रीबों के प्रति असीम ममता थी। मदर टेरेसा ने अपने जीवन के ५० वर्ष तक वृद्धों, असहायों, रोगियों और बदहाल महिलाओं की सेवा और सुश्रुषा की। अनाथ तथा विकलांग बच्चों के जीवन को प्रकाशवान करने के लिए अपनी युवावस्था से जीवन के अंतिम क्षणों तक उन्होंने प्रयास किया।
मदर टेरेसा हृदय रोग से पीड़ित थीं। १९८९ से पेसमेकर के सहारे उनकी साँसे चल रही थीं। आख़िरकार सितम्बर १९९७ में वह परलोक सिधार गयीं। पीड़ितों की तन-मन से सेवा करने वाली मदर टेरेसा आज हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए अनाथ, असहाय एवं बीमारों की सेवा का संकल्प लेना चाहिए। |
सन २००८ के आर्थिक मंदी के दरम्यान इस आयात ने शिखर छू लिया और वह ४५,००० करोड़ तक पहुंच गयी। इस तरह से भारत विश्व में यूरिया एवं डीएपी कि सबसे अधिक आयात करने वाला देश बन गया। देश को लूटना कोई काँग्रेस से सीखे। इन के सामने तो इनकी इटालियन मम्मी के इटालियन माफिया भी लज्जित हो जायें।
कल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी महोदय के भाषण में उन्होंने नीम कोटेड यूरिया एवं उसकी किसानों को हुई सुविधा के बारें मे कहा तो कुछ बातों का स्मरण होना स्वाभाविक था।
अटल सरकार को हराकर सन २००४ में सत्ता ये आने के पश्चात युपीए सरकार में दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। पहला यूरिया एवं डीएपी [डायमोनियम फॉस्फेट (डप)] की आयात की जाये; यह निर्णय आश्चर्यकारक इस कारण था क्योंकि भारत इन दोनों रसायनों का उत्पादन करने में स्वयं पूर्ण सक्षम था। दूसरा निर्णय उससे भी आश्चर्यकारक था, वो ये था कि आयात किये हुए खाद को सबसिडी देना। कुछ भारतीय कंपनीयों के बंद होने के पीछे इन दोनों निर्णयों का महत्वपूर्ण योगदान है।
इन दो निर्णयों के संयुक्त परिणामस्वरूप अटल सरकार के समय जो आयात केवल पॉटॅश तक सीमित था, उसे अब उपा सरकार ने यूरिया , अमोनिया, एवं डीएपी तक विस्तारित कर दिया था। सन २००४ में जब भारत में १०% खाद की आयात होती थी, वहीं २०१२ तक आयात बढ़कर ४४% तक पहुंच गयी। युपीए सरकार ने न केवल आयात को सबसिडीयुक्त कर दिया अपितु इन चीजों के पॅकिंग, मजदूरी, एवं यातायात को भी सबसिडी दी। इस आसमान को छूती आयात के साथ सब्सिडीयुक्त कींमतों ने वो कहर बरपाया कि भारतीय कंपनीयों की गतीविधियां ठहरी की ठहरी रह गयीं। युपीए की सोनिया सरकार के अगले १० वर्षों के कार्यकाल में न तो किसी भारतीय कंपनी का उत्पादन बढ़ा न ही किसी नयी कंपनी को स्थापित किया गया।
सन २००८ के आर्थिक मंदी के दरम्यान इस आयात ने शिखर छू लिया और वह ४५,००० करोड़ तक पहुंच गयी। इस तरह से भारत विश्व में यूरिया एवं डीएपी कि सबसे अधिक आयात करने वाला देश बन गया। देश को लूटना कोई काँग्रेस से सीखे। इन के सामने तो इनकी इटालियन मम्मी के इटालियन माफिया भी लज्जित हो जायें। अब आप विचार कर रहे होंगे कि इस कहानी के बीच अचानक भड़क उठने का क्या प्रयोजन है? तो वो यह है कि यह सारी आयात इंडियन पोटॅश लिमिटेड [इंडियन पोटाश लैड.(इप्ल)] इस एकलौती कंपनी के माध्यम से किया जाता था। सही बात है, भ्रष्टाचार हमेशा केंद्रीकृत पद्धति से हो तो करने में सुविधा होती है। है न?
इंदिरा गांधी ने जब कहा था कि भ्रष्टाचार एक वैश्विक मामला है तब उस कथन का सत्य स्वरूप लोग तब समझ नहीं पाये थे। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हर चीज के व्यापार के पीछे गिरोह होते हैं, जो इस खाद के व्यापार के पीछे भी थे एवं हैं। इसी काल में डीएपी की कीमतें दो सौ डॉलर प्रति मीट्रिक टन से बढ़कर नौ सो डॉलर प्रति मीट्रिक टन तक पहुंच गयीं। बात साफ है कि यूरिया एवं डीएपी के आयात के विषय में खरीदारी से लेकर यातायात तक भ्रष्टाचार होता रहा।
जब सन २०१४ में मोदी सरकार आयी, तब यूरिया को नीम कोटेड करने का निर्णय लिया गया जिससे कि यूरिया के खेती के अन्यथा उपयोग पर प्रतिबंध लग गया। इस वर्ष आयात में ४९.८८ लाख मीट्रिक टन से लेकर ४९.८३ मीट्रिक टन इतनी थोडी सी कमी आयी और कुल बचत हुयी १.०८ मिलियन डॉलर, घरेलू उत्पादन १77.८४ लाख था।
अब आज की बात करें तो भारत में तीस यूरिया उत्पादन इकाईयां (युनिट) हैं जिनकी संयुक्त उत्पादन क्षमता २०७.५४ मीट्रिक टन जितनी है। आयात कम कर उत्पादन बढाने हेतू फर्टिलायझर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (फ्सिल) तथा हिंदूस्थान फर्टिलायझर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (हक्ल) इन दो कंपनीयों के बंद पडे पांच ईकाईयों में पुन: उत्पादन आरंभ करने कि दिशा में मोदी सरकार प्रयासरत है। इतना ही नहीं, ब्रह्मपुत्रा व्हॅली फर्टिलायझर कॉर्पोरेशन लिमिटेड इस कंपनी में एक नया यूरिया प्लांट लगाने का भी निर्णय किया है जिसकी प्रतिवर्ष उत्पादन क्षमता होगी ८.६४६ लाख मीट्रिक टन।
मैं अनेक विषयों में मोदी सरकार की आलोचना करता आ रहा हूं। परंतु जिन विषयों मे प्रशंसा होनी चाहिए उन विषयों की जानकारी न होने के कारण एवं निर्णयों के परिणामों की कालावधी ज्ञात न होने के कारण मैं एवं सामान्यजनों को तत्काल प्रभाव से कुछ दिखाई नहीं देगा। इस कारण मेरा यह मानना है कि मोदी सरकार का २०१९ में भारी बहुमत से चुना जाना न केवल आवश्यक है अपितु अनिवार्य भी है।
यदि आपने सारी पोस्ट पढ़ी है तो आपके अमूल्य समय के लिये आभार एवं लंबी पोस्ट के कारण क्षमाप्रार्थी। |
निपुण का मतलब नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन प्रोफिशिएंसी विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी है। निपुण भारत कार्यक्रम का उद्देश्य बुनियादी शिक्षा और संख्यात्मक ज्ञान के लिए एक सुलभ वातावरण प्रदान करना है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा कि प्रत्येक बच्चा कक्षा ३ के अंत तक २०२६-२७ तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित में वांछित सीखने की क्षमता हासिल कर ले। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने समझ और संख्या के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल (निपुन भारत) की शुरुआत की। इस पहल को शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा आगे बढ़ाया जाएगा। आज हम आपको यहां निपुण भारत गाइडलाइन्स पफ की पूरी जानकारी विस्तार से प्रदान करेंगे। जिसके लिए आपको हमारा यह आर्टिकल अंत तक ध्यान से पढ़ना होगा।
जैसा की हमने आपको बताया की निपुण भारत योजना के माध्यम से आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाया जाएगा। आप सभी जानते ही होंगे की सन २०२० में देश में एक नई शिक्षा नीति आरंभ की गई थी। इस लागु की गयी नई शिक्षा नीति के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए ही निपुण भारत प्रोग्राम को शुरू किया गया है। इसके लिए सरकार द्वारा दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। यदि आपको इस दिशानिर्देशों के बारे पूरी जानकारी पानी है तो आप इसके लिए निपुण भारत योजना गाइडलाइन्स पफ डाउनलोड कर सकते हैं। जिसका लिंक आपको नीचे आर्टिकल में प्रदान किया गया है।
५ जुलाई २०२१ को शिक्षा मंत्रालय द्वारा निपुण भारत योजना को शुरू किया गया। नेशनल इनीशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी (निपुण) के माध्यम से देश की शिक्षा में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के ज्ञान को छात्रों को प्रदान किया जायेगा। निपुण भारत कार्यान्वयन प्रक्रिया के अंतर्गत सन २०२६-२७ तक प्रत्येक वह बच्चा जो तीसरी कक्षा पास कर चूका हो उसे पढ़ने, लिखने एवं अंकगणित का पूरा ज्ञान होगा अर्थात उन्हें सीखने की क्षमता प्रदान की जाएगी। निपुण योजना के लिए ५ स्तरीय तंत्र राष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लाक-स्कूल स्तर पर संचालित किया जाएगा। जिसका कार्यान्वयन स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अंतर्गत किया जाएगा।
आधारभूत साक्षरता तथा संख्यामकता के प्रकार क्या है?
निपुण भारत के लिए दिशा-निर्देश और रूपरेखा राज्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद बनाई गई है। इस प्रक्रिया में एनसीईआरटी के साथ-साथ बाहर के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है। सीबीएसई, केवीएस और एनवीएस ने भी अपना समर्थन दिया है। आप नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से निपुण भारत दिशा-निर्देश डाउनलोड कर सकते हैं। |
बिना नोटिस सत्याग्रह करने की जांच वाणिज्य विभाग के प्रो. अजेय गुप्त व रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने की है। आरोप है कि धरना-प्रदर्शन से पठन-पाठन का काम बाधित होता है। विश्वविद्यालय की छवि खराब होती है। इसे लेकर प्रो. कमलेश गुप्त को कारण बताओ नोटिस भी दी गई है।
प्रोफेसर कमलेश गुप्ता। - फोटो : अमर उजाला।
गांधी जयंती पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर में सत्याग्रह करने वाले हिंदी विभाग के प्रो. कमलेश कुमार गुप्त के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई की है। उन्हें बिना नोटिस धरना-प्रदर्शन करने व विश्वविद्यालय की छवि खराब करने के आरोप में जांच समिति की संस्तुति पर निलंबित किया गया।
प्रो. गुप्त को इसके पहले भी निलंबित किया गया था, लेकिन बहाल कर दिया गया था। वे लगातार कुलपति प्रो. राजेश सिंह के कार्यकाल के समय हुए कार्यों, आयव्यय की जांच की मांग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, बिना नोटिस सत्याग्रह करने की जांच वाणिज्य विभाग के प्रो. अजेय गुप्त व रसायन विज्ञान विभाग के प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी ने की है।
आरोप है कि धरना-प्रदर्शन से पठन-पाठन का काम बाधित होता है। विश्वविद्यालय की छवि खराब होती है। इसे लेकर प्रो. कमलेश गुप्त को कारण बताओ नोटिस भी दी गई है। जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो जांच समिति गठित कर दी गई।
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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि पश्चिमी उदार लोकतांत्रिक देशों में पैदा हुए संकट के कारण सारी दुनिया को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा- मेरी राय में लोकतांत्रिक देश एक बड़े संकट में हैं। मैं इन देशों की व्यवस्था को उदार लोकतंत्र कहता हूं। क्यों? इसलिए कि एक तो ये खुला समाज हैं, यहां बहुत खुलापन है, और ये सहयोग का रुख रखने वाले लोकतंत्र हैं।
पर्यवेक्षकों ने ध्यान दिलाया है कि मैक्रों ने वही बात कही है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कहते रहे हैं। बाइडेन ने २१वीं सदी की प्रतिस्पर्धा को लोकतंत्र बनाम तानाशाही के मुकाबले के रूप में प्रस्तुत किया है। विश्लेषकों के मुताबिक हाल के महीनों में दुनिया भर में बने आर्थिक मंदी के माहौल के कारण लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के भविष्य को लेकर दी जा रही चेतावनियों को अधिक गंभीरता से लिया जाने लगा है। यह राय भी बनी है कि यूक्रेन पर रूस के हमले से भी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए नई चुनौती खड़ी हुई है।
मैक्रों इस वर्ष अप्रैल में दूसरे कार्यकाल के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए थे। लेकिन जून में वहां हुए संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई। इन चुनावों में वामपंथी और धुर दक्षिणपंथी नेताओं को बड़ी सफलता मिली। समझा जाता है कि फ्रांस के जनमत ने वहां जारी स्थिति के खिलाफ मतदान किया। उन्होंने दो चरमपंथी नेताओं को अपना समर्थन दिया। उससे जहां मैक्रों के लिए शासन चलाना मुश्किल हो गया है, वहीं फ्रांस में लोकतंत्र के भविष्य को लेकर नई आशंकाएं पैदा हुई हैँ।
मैक्रों ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं जन इच्छा का सम्मान करती हैं। वहां विभिन्न संस्कृतियों का स्वागत किया जाता है। इन व्यवस्थाओं में सभी वर्गों के बीच पारदर्शिता और सहयोग की भावना बनाए रखी जाती है। ऐसा हो, इसके लिए सबसे महत्त्वपूर्ण संतुलन कायम रखना है। विश्लेषकों के मुताबिक मैक्रों का इशारा लोकतांत्रिक समाजों में बढ़ते वामपंथी और दक्षिणपंथी ध्रुवीकरण की तरफ है। अमेरिका में भी ऐसा ध्रुवीकरण हाल के वर्षों में बढ़ा है। उधर यूरोप के कई देशों धुर दक्षिणपंथी पार्टियों को बड़ी सफलता मिली है। पिछले हफ्ते स्वीडन में धुर दक्षिणपंथी पार्टी सबसे बड़ा दल बन कर उभरी। इस रविवार को इटली में भी ऐसा होने की संभावना है।
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बिग बॉस १६ के शुरू होते ही हंगामा होना भी शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया पर एक एक कंटेस्टेंट को लेकर बातें हो रही है। लोग जिससे सबसे ज्यादा खफा हैं वो हैं मेरठ के हस्तिनापुर से कांग्रेस की प्रत्याशी रही चुकीं अर्चना गौतम। अर्चना को मिस बिकिनी भी कहा जाता है। वो सोशल मीडिया पर जितनी बोल्ड हैं उतनी ही मुंहफट भी हैं। अपने इसी स्वभाव के चलते उनसे कुछ ऐसा हो गया जिसके बाद लोग उनपर भड़क गए हैं।
दरअसल, सलमान खान ने २७ सितंबर को ही ऐलान कर दिया था कि सोशल मीडिया सेंसेशन अब्दु राजिक भी बिग बॉस १६ के घर में नजर आएंगे। १९ साल के राजिक देखने में काफी क्यूट हैं और उन्हें हिन्दी भी थोड़ी-थोड़ी आती है। अब्दु ने घर में सबसे दोस्ती करनी कोशिश की पर अर्चना गौतम उनकी हाइट को लेकर बाकी घरवालों के साथ उनका मजाक उड़ाती नजर आईं।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें बिकिनी क्वीन अर्चना बोल रही हैं, अरे यह कौन है, ये कही अंधेरे में बॉल की तरह किसी के पैरों के नीचे ना आ जाए। इतना कहने के बाद वो हंसने लगीं और बाकी घरवाले भी उनका साथ दे रहे थे। पास ही बैठे अब्दु को हिन्दी नहीं आने के कारण यह सब समझ नहीं पाए।
अर्चना गौतम की इस हरकत पर अब सोशल मीडिया यूजर्स भड़क गए हैं। उनका कहना है कि कोई हमारे देश के गेम शो में हिस्सा लेने लाया है और आप उसका इस तरह से मजाक उड़ा रही हैं। जितने भी लोग हंस रहे हैं उन्हें शर्म आनी चाहिए और अब्दु से माफी मांगनी चाहिए।
बता दें कि टीवी सीरियल इमली की लीड एक्ट्रेस सुम्बुल तौकीर भी जब घर में आई थीं तो अर्चना उनका नाम सुनकर हंस रही थीं, कह रही थी कि यह कैसा नाम है सुम्बुल, कोई अच्छा नाम रख लेती। इसके साथ याद दिला दें कि अर्चना गौतम ने शो में सलमान से कहा कि मैं नेता हूं और शो के माध्यम से फेम कमाकर किसी सांसद से शादी करना चाहती हूं। साथ ही ये अपने लगेज में सिल बट्टा भी लेकर गईं। उन्होंने सलमान खान को खूब हंसाया। |
दोस्तों आपने कही ना कही तो सुना होगा की किक क्या हैं, जी हां दोस्तों आज हम आपको किक क्या हैं | किक की हिंदी में जानकारीदेने वाले है। आप सभी को किक के जितने भी सवाल है वो सभी सवालों को जवाब आपको आज इस आर्टिकल्स में मिलने वाला है ।
१.१ किक क्यों महत्वपूर्ण है ?
अगर अपने कोई नया मोबाइल लिया होगा, तो आपने एक नया सिम कार्ड लिया होगा तो पहले आपको सिम कार्ड लेने के लिए आधार कार्ड की फोटोकॉपी देनी पड़ती थी दोस्तों आज समय सिर्फ (ए-किक) के माध्यम से सिम कार्ड मिल जाता है कोई डाक्यूमेंट्स की फोटोकॉपी देनी की जरुरत नहीं है ।
अब आपको जानकारी देते है की किक क्या है ? किक का फुल फॉर्म ( क्नो यूर कस्टमर ) होता है। और किक का हिंदी में आप अपने ग्राहक को पहचान ना होता है, दोस्तों कोई भी कंपनी या फिर कोई भी बैंक अपने कस्टमर वेरिफ़िएड करने के किये कुछ जरुरी डाक्यूमेंट्स लेती है, किक क्या हैं आपने जो भी डाक्यूमेंट्स कंपनी या फिर कोई भी बैंक में देते है तो उसको किक डॉक्यूमेंट कहलाया जाता है,
दोस्तों हम और आप सभी जानते है की हमारा डाक्यूमेंट्स बैंक वाले क्यू मंगवाते है, क्योकि जब भी हमारा नई अकाउंट ओपन करना है, या फिर म्यूच्यूअल फण्ड खरीदी करते है, और बैंक में लॉकर बनवाते है, इस लिए कोई बैंक या फिर कंपनी वाले सभी जरुरी किक डाक्यूमेंट्स मंगवाते है,
किक क्यों महत्वपूर्ण है ?
बैंक और वित्तीय संस्थानों के लिए किक का बहुत जरुरी और महत्वपूर्ण होता हैं,क्योंकि इस विधि दौरान व्यक्ति के आवेदन और उसकी पहचान को वेरिफ़िएड होता है। किक क्या हैं और दोस्तों इस बात से आश्वस्त हो जाते हैं कि जो भी वयक्ति ने डाक्यूमेंट्स दिये गये हैं, वे वास्तविक हैं,
ऐसे किक प्रकरण हुए हैं, जिसमें धोखाघड़ी और और जालसाजी कर अकाउंट से पैसे निकाल लिए गए,यदि आवेदक की पहचान सुनिश्चित हो जाती हैं, किक क्या हैं तो जालसाजी की सम्भावना कम हो जाती है और इसे रोका जा सकता ह,
इन सभी प्रक्रिया खाता खोलने करने के लिए पहले कस्टमर से आधार कार्ड पैन कार्ड ये सभी डाक्यूमेंट्स लेके ऑफिस में जाना होता था।,किक क्या हैं अब अपने किक के माध्यम से सभी काम हो जाते है,
सबसे पहले जो भी व्यक्ति है उसका पहचान के लिए (इंडिविदुअल) के लिए ए किक सबसे महत्वपूर्ण बात होती है और ज्यादातर इस्तमाल होता है, किक क्या हैं व्यक्ति की पहचान को सत्यापित करना होता है,जैसे किमोबाइल सिम के लिए या आरक्षित श्रेणी इंडियन रेलवे में वास्तविक रूप में टिकट होल्डर की पहचान को सत्यापित करना होता है मतलब ये कि आपने अपना और अपने पिता का जो नाम बताया है वो सही है या नहीं,
बैंक में अकाउंट खुलवाने या लेन-देन के लिए, शेयर मार्किट,म्यूच्यूअल फण्ड वगैरह में निवेश के लिए अकाउंट खुलवाना,इन मामलों में किक इसलिए जरूरी होता है किक क्या हैं ताकि कोई व्यक्ति सिर्फ अपने नाम से ही निवेश कर सके,इससे हर व्यक्ति का जवाब देही तय होती है और हमारे देश में कला धन रोक सकती है,
बैंक में अकाउंट खुलवाने या लेन-देन के लिए, शेयर मार्किट,म्यूच्यूअल फण्ड वगैरह में निवेश के लिए अकाउंट खुलवाना,इन मामलों में किक इसलिए जरूरी होता है ताकि कोई व्यक्ति सिर्फ अपने नाम से ही निवेश कर सके,इससे हर व्यक्ति का जवाब देही तय होती है और हमारे देश में कला धन रोक सकती है,
अगर आप अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसक्शन नहीं करते है उसकी वजह से आपका अकाउंट बंद कर दिया गया है,और किक क्या हैं अपने अकाउंट को फिर से स्टार्ट करने के लिए उसे आपको फिर से किक प्रक्रिया करना बहोत जरुरी होता है,
पासपोर्ट साइज फोटो या पैन कार्ड भी दे सकते है,लेकिन दोस्तों आप अपना पैन कार्ड भी दे सकते है,लेकिन पैन कार्ड आपका पहचान प्रमाण भी है,
पैन कार्ड में आपका घर का एड्रेस नहीं होता है,और आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, इलेक्शन कार्ड इन सभी डॉक्यूमेंट में आप एड्रेस वेरिफ़िएड कर सकते है, और इन सभी डॉक्यूमेंट किक डाक्यूमेंट्स कहलाते है,
आधार कार्ड ये ए-किक पेपरलेस किक प्रकिया है और आपके जो पहचान प्रमाणके लिए आपका एड्रेस प्रूफ इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रमाणित अन्य विवरणों का प्रमाण (ऑथेंटिकेशन) किया जाता है,
बैंक में अकाउंट खुलवाना, म्यूच्यूअल फण्ड,अकाउंट बैंक लाकर,ऑनलाइन गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के लिए किक को अपडेट कराते रहना बहोत जरुरी होता है, किक क्या हैं हां जो भी डॉक्यूमेंट की एक सूची दी है उसके आधार पर व्यक्ति की पहचान और उसके पते को वेरिफ़िएड किया जाता है,
डिजिटल इंडिया का उद्देश्य, डिजिटल हो पूरा देश तो हम इस वेबसाइट पर ऑनलाइन पैसा कमाने, ब्लॉगिंग, ब्लॉगिंग से पैसा कमाने, व्यापार करने और इंटरनेट से संबंधित नई जानकारी साझा करते हैं। |
देहरादून, २७ अगस्त । प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती ज्योति रौतेला के नेतृत्व में महिला कांग्रेस पदाधिकारियों नें विधानसभा में हुयी बैक डोर भर्ती का विरोध करते हुए विधानसभा के मुख्य द्वार पर सरकार का पुतला दहन करते हुए जमकर नारेबाजी की।
इस प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखण्ड की जनता ने आशा और विश्वास के साथ भाजपा को भारी बहुमत के साथ प्रदेश की सत्ता सौंपी थी परंतु भय भ्रष्टाचार मुक्त का दावा करनें वाली सरकार अपने चहेतों को लाभ पहुंचानें के लिए इस तरह के कृत्यों को अंजाम दे रही है। उत्तराखण्ड की डबल इंजन सरकार भ्रष्टाचार रोकनें मे पूरी तरह से विफल साबित हुयी है।
ज्योति रौतेला ने कहा कि राज्य सरकार नौजवानों को रोजगार मुहया कराना तो दूर जिन सरकारी पदों पर भर्तियां की गयी हैं उनमें भारी भ्रष्टाचार तथा भाई भतीजावाद को अंजाम दिया गया है।
उन्होनें यह भी कहा की राज्य के सहकारिता विभाग में विभिन्न पदों पर हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता तथा भाई भतीजावाद की पहले ही पोल खुल चुकी है सहकारी बैंकों में ६१ पदों पर हुई भर्तियों में बैंक अध्यक्ष सचिव तथा अधिकारियों पर मिलीभगत कर अपने रिश्तेदारों चहेतों को रेवड़ी बांटने के आरोपों से ऐसा प्रतीत होता है कि सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाले को राज्य सरकार की छत्रछाया में अंजाम दिया गया है।
उन्होनें कहा रोजगार के वायदे के साथ सत्ता में आयी भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखण्ड के नौजवानें से छल करने का काम किया तथा देवभूमि को कलंकित करनें का काम किया है, प्रदेष का युवा खुद को ठगा सा महसूस कर रहा है जिस तरह से विधानसभा में बैक डोर से नियुक्तियां हुयी हैं यह कहीं ना कहीं प्रदेष में अन्य भर्ती पदों पर हुए भ्रष्टाचार को भी उजागर करता है।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग कर कहा कि यदि विधानसभा में बैकडोर से हुयी नियुक्तियों की निष्पक्ष जांच एवं दोषियों पर कड़ी कार्रवाही नहीं की जाती है तो प्रदेश महिला कांग्रेस आगेेेेेे उग्र आंदोलन करेगी।
इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष आशा मनोरमा शर्मा, राधिका शर्मा, चन्द्रकला नेगी, पुष्पा पंवार, अनुराधा तिवारी, रेखा ढिंगरा, सुशीला बेलवाल शर्मा, शशीबाला, सर्वेश्वरी, शशी सेमवाल, लक्ष्मी देवी, मंजू चौहान, अंजू भारती, गायत्री, ममता शाह, बाला शर्मा आदी मौजूद रहीं। |
एथेरियम मूल्य $ १,३०० पुनः प्राप्त करने के लिए, संभावनाएं क्या हैं?
ओसाका में देवकॉन: आवेदन अब खुले हैं!
शुरुआत में, एथेरियम से संबंधित अधिकांश विकास और अनुसंधान एथेरियम फाउंडेशन के भीतर हुआ। आज, एथेरियम पारिस्थितिकी तंत्र एक छोटे से बगीचे से एक विशाल, जीवंत वर्षावन में विकसित हो गया है। साथ ही, पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर एथेरियम फाउंडेशन की भूमिका लगभग उतनी ही बदल गई है। हालांकि, एथेरियम को हमारी सर्वश्रेष्ठ क्षमता का समर्थन करना हमारे नंबर एक लक्ष्य के रूप में स्थिर रहा है।
से देव अनुदानप्रति मापनीयता-केंद्रित अनुदान), प्रति सामान्य प्रयोजन समर्थन, अनुदान लंबे समय से इस बात का एक बड़ा हिस्सा रहा है कि हम एथेरियम का समर्थन कैसे करते हैं। हमारे अनुदान कार्यक्रम का उत्तोलन बढ़ाने से चक्रवृद्धि लाभ होते हैं। तदनुसार, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
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जल्द ही, हम एक विस्तारित शुरुआत करेंगे पारिस्थितिक तंत्र समर्थन कार्यक्रम वेबसाइट. यह उन सभी तरीकों पर अधिक विवरण प्रदान करेगा जिसमें हम सहायता प्रदान कर सकते हैं, और भविष्य में उन विवरणों को ढूंढना आसान बना देगा (आखिरकार, एथेरियम पारिस्थितिकी तंत्र में प्रत्येक व्यक्ति के लिए, दर्जनों और रास्ते में हैं ). भविष्य के ब्लॉग पोस्ट और इकोसिस्टम सपोर्ट प्रोग्राम वेबसाइट का उपयोग करते हुए, हम उन परियोजनाओं और लोगों की २०१९ समीक्षा प्रदान करेंगे जिनका हमने समर्थन किया है, हमने कितना पैसा आवंटित किया है, हम मूल्यांकन कैसे करते हैं, और बहुत कुछ।
इकोसिस्टम सपोर्ट प्रोग्राम टीम के भीतर एक समूह है जो आवेदकों को उनके आवेदनों को परिष्कृत करने में मदद करके, उन्हें सलाहकारों या संभावित सहयोगियों को निर्देशित करने के साथ-साथ अन्य सहायता प्रदान करने के लिए समर्पित है। आज, हम इस कॉल फॉर एप्लिकेशन के साथ चीजों को एक पायदान ऊपर उठा रहे हैं। हम परियोजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला में मदद करने और अपनी समर्थन देने वाली क्षमताओं का परीक्षण और परिशोधन करने के लिए उत्साहित हैं।
निम्नलिखित उन एप्लिकेशन प्रकारों की सूची है जिनमें हम विशेष रूप से रुचि रखते हैं।
इसमें शामिल है कि क्या आप औद्योगिक-ग्रेड एथ२ लाइट क्लाइंट बनाने के लिए समर्पित टीम बनाने या उसमें शामिल होने में रुचि रखते हैं।
यदि आप एक गणितज्ञ हैं जो एथेरियम या क्रिप्टोइकोनॉमिक्स स्पेस से संबंधित समस्याओं के बारे में जानने में रुचि रखते हैं जो आपके कौशल का लाभ उठाते हैं, तो हम आपसे सुनना पसंद करेंगे।
क्रिप्टो संपत्तियों के लिए सुरक्षा-प्रयोज्य व्यापार-बंद स्थान की खोज।
उदाहरण के लिए, बटुए के लिए सामाजिक पुनर्प्राप्ति तंत्र, या नियम जो संपत्ति के प्रकार / मूल्य / अन्य विशेषताओं के आधार पर भिन्न होते हैं।
एथेरियम डेवलपर अनुभव (स्टैक के किसी भी स्तर पर) को बेहतर बनाने के लिए एक विश्वसनीय मामले के साथ कुछ भी।
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पिछले अनुवादों को साझा करने के लिए बोनस अंक, और/या अनुवाद के लिए अपने शीर्ष लक्ष्यों की सूची साझा करने के साथ-साथ इस स्पष्टीकरण के साथ कि आपने अपनी पसंद को कैसे प्राथमिकता दी।
उपरोक्त सूची का उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र समर्थन कार्यक्रम की सीमा को व्यक्त करना है, लेकिन यह एथेरियम के लिए महत्वपूर्ण चीजों की पूरी सूची से बहुत दूर है। हम अन्य क्षेत्रों से संबंधित अनुप्रयोगों में रुचि रखते हैं, जैसे कि हमारी पूर्व की मापनीयता, उपयोगिता, शिक्षा, सुरक्षा, और बहुत कुछ। हमेशा की तरह, हम पारिस्थितिकी तंत्र की उभरती जरूरतों के बारे में अपनी समझ बढ़ाने में मदद के लिए समुदाय और उसके सक्रिय योगदानकर्ताओं की ओर देखते हैं।
तो कृपया, शर्मीले न हों यदि आपकी परियोजना या विचार उपरोक्त आवेदन प्रकारों में से एक के अंतर्गत नहीं आता है। चाहे वह एक बड़ी परियोजना हो, एक छोटा और सटीक विचार हो, एक टीम जो वास्तव में जानती है कि वे क्या करना चाहते हैं, एक दुर्लभ कौशल वाला व्यक्ति इसे सर्वोत्तम तरीके से लागू करने की तलाश में है, या ऐसा कुछ जिसे हमने अभी तक सोचा भी नहीं है, हम आपसे सुनने में रुचि रखते हैं।
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टोंकोइन उच्च लाभ को चिह्नित करना जारी रखता है, बड़ा कदम आ रहा है? |
बी.सी.( ब.च.) के फ्रेजर वैली बाइबिल बेल्ट के केंद्र में स्थित, त्वू कनाडा का सबसे बड़ा ईसाई स्कूल है। इसमें एक विविध छात्र संगठन है: २५ फीसदी कनाडा के बाहर के हैं। एक नए छात्रावास से निवास स्थान की संख्या १,२०० से अधिक बढ़ गई है। कक्षा का आकार छोटा रखा जाता है, जिसमें औसतन लगभग २५ छात्र होते हैं। त्वू ४८ पूर्वस्नातक और १9 स्नातक या पेशेवर डिग्री कार्यक्रम प्रदान करती है। मुख्य विषयों में व्यवसाय, लीडरशिप, नर्सिंग, शिक्षा, कंप्यूटर साइंस और एक पूजा कला कार्यक्रम शामिल हैं। त्वू एथलेटिक्स एक पावरहाउस है, जो १0 से अधिक वर्षों से कम से कम एक खेल में राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतती है। ट्यूशन ज्यादा है, लेकिन आने वाले ९७ फीसदी छात्रों को आर्थिक मदद मिलती है। |
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री की लेकर कांग्रेस की भीतरी राजनीति गर्म हो गई है। अशोक गहलोत चाहते हैं कि, राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री पद पर भी बने रहें। दूसरी ओर पार्टी की एक व्यक्ति एक पद के नियम को देखते हुए यह संभव नहीं है कि, दोनो पद पर अशोक गहलोत एक साथ बने रहें।
सियासी हंगामे के बीच कांग्रेस नेता कमलनाथ पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक करने पहुंचे। इस बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने कहा, वह केवल नवरात्रि की कामना के लिए वहां गए थे। उन्होंने कहा, मुझे (कांग्रेस) अध्यक्ष पद में कोई दिलचस्पी नहीं है, केवल नवरात्रि की शुभकामनाओं के लिए गया था।
अजय माकन ने कहा,१०२ गहलोत के वफादारों ने हमसे कहा था कि उनमें से किसी को सीएम बनाया जाना चाहिए। हमने उनसे कहा कि उनकी राय पार्टी प्रमुख के सामने पेश की जाएगी और पारित प्रस्तावों से कोई शर्त नहीं जुड़ी है, पार्टी प्रमुख विचार-विमर्श के बाद फैसला करते हैं। दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद।
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अजय माकन ने कहा, मल्लिकार्जुन खड़गे और मैंने राजस्थान में हमारी बैठकों के बारे में विस्तार से कांग्रेस अध्यक्ष को जानकारी दे दी है। उन्होंने हमसे एक लिखित रिपोर्ट मांगी। हम उन्हें आज रात या कल तक दे देंगे।
चाल, चरित्र और चेहरा शर्मिंदा ! |
कुल पदों की संख्या : ०८ पद।
पात्रता और आयु सीमा:- इस छत्तीसगढ़ व्यापमं भर्ती ( छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट रिक्रूटमेन्ट ) के लिए आवेदक की शैक्षणिक योग्यता किसी मान्यता प्राप्त संस्था/बोर्ड/विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट होना चाहिए। छत्तीसगढ़ व्यापाम रिक्रूटमेन्ट के लिए आवेदक की आयु २१ से ३५ वर्ष के बीच होनी चाहिए।
चयन प्रक्रिया और वेतनमान:- इस क्ग व्यापाम प्रपे सरकारी भारती २०२२ पर सही उम्मीदवार के चयन के लिए विभाग द्वारा लिखित परीक्षा/कौशल परीक्षा/दस्तावेज सत्यापन या साक्षात्कार आयोजित किया जाएगा और उपरोक्त में प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवार का चयन का चयन क्ग व्यापाम प्रपे जॉब्स के लिए किया जाएगा। चयनित उम्मीदवार को ३५४००-११२४०० का वेतनमान मिलेगा। अन्य छत्तीसगढ़ जॉब्स जानकारी प्राप्त करें।
इन रिक्तियों के अधिक विवरण के लिए, हम आपको नीचे दिए गए लिंक से क्ग व्यापाम प्रपे सब इंस्पेक्टर रिक्रूटमेन्ट आधिकारिक अधिसूचना डाउनलोड करने और उसका निरीक्षण करने की सलाह देते हैं। उसके बाद, यदि आप छत्तीसगढ़ व्यापमं भर्ती के सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, तो आप अपने क्ग पुलिस आप्लिकेशन फॉर्म विभाग को जमा कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण लिंक्स :- इस क्ग व्यापाम प्रपे सब इंस्पेक्टर रिक्रूटमेन्ट रोजगार समाचार से संबंधित ऑफिशियल नोटिफिकेशन एवं आवेदन फार्म या अप्लाई लिंक की जानकारी के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें। |
राजनीति, भूगोल और इतिहास की कुछ चुनिंदा बेहतरीन किताबें, जो आपके लिए उपस्क प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी में मददगार साबित हो सकती हैं।
परीक्षा के लिए अगर आपने ठीक ढंग से योजना बनाकर तैयारी नहीं की है, तो सफलता मिलना मुश्किल है। अब चाहे वह परीक्षा देश की सबसे मुश्किल यूपीएससी (बुक्स फॉर उपस्क कसे) हो या फिर कोई और। पायनियरिंग एविएटर, एंटोनी डी सेंट-एक्सुपरी ने भी एक बार कहा था, आपका लक्ष्य बिना योजना के सिर्फ एक इच्छा बनकर रह जाता है। मतलब साफ है कि अगर मंजिल तक पहुंचना है और वहां तक जाने की राह आसान बनानी है, तो सिलसिलेवार ढंग से आगे बढ़ना होगा।
फिलहाल, हम बात संघ लोक सेवा आयोग (उपस्क), सिविल सेवा परीक्षा (कसे) की कर रहे हैं, जहां सफलता के लिए कड़ी मेहनत की दरकार होती है। लेकिन मेहनत के साथ-साथ जरूरत, अध्ययन सामग्री के लिए एक रणनीति बनाए जाने की भी है, ताकि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा तैयारी की जा सके और इसमें सबसे बड़ी भूमिका होती है सही किताबों (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन) के चयन की।
आपको एक बेहतर शुरुआत देने के लिए, हमने यूपीएससी (आईएएस) प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी के लिए कुछ सबसे ज़रूरी किताबों की एक चेकलिस्ट बनाई है। इनके लिंक भी साथ में दिए गए हैं, ताकि आप इन किताबों को आसानी से खरीद सकें। आईएएस टॉपर्स ने भी तैयारी के दौरान इन २० किताबों (एनसीईआरटी के अलावा) से पढ़ाई करने की सलाह दी। ये किताबें आपको विषय के बारे में गहरी समझ और बुनियादी बातों पर अच्छी पकड़ बनाने में मदद करेंगी।
इसे राजनीति के बाइबल के रूप में भी जाना जाता है। यूपीएससी की तैयारी करने वालों के लिए खासतौर पर तैयार की गई, यह किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन) विषय के बारे में एक व्यापक समझ देती है। इसे ढंग से पढ़ा जाए, तो यह प्रीलिम्स के साथ-साथ मेंस में भी अच्छे अंक दिलाने में काफी मददगार साबित हो सकती है। यह यूपीएससी की सबसे ज्यादा बिकने वाली गाइड में से एक है। इस किताब के लेखक, राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएट हैं और सिविल सेवा के उम्मीदवारों को ट्रेनिंग देने का उन्हें वर्षों का अनुभव रहा है।
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अगर भारतीय कला और संस्कृति के बारे में गहराई से जानना है, तो इससे बेहतर किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन) आप को नहीं मिलेगी। यह देश की विविध संस्कृति और कला में एक गहन मार्गदर्शक है। इसमें प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों के लिए भारतीय कला, पेंटिंग, संगीत और वास्तुकला के बारे में काफी जानकारी दी गई है। लेखक पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट थे। उसके बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज की तरफ रुख किया। वह, इस विषय पर भी उम्मीदवारों का मार्गदर्शन करते रहे हैं।
संप्रभु राज्यों के बनने से लेकर आज के समय तक के वैश्विक मुद्दों तक, इस किताब में सभी प्रमुख घटनाओं को शामिल किया गया है। हर तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले सभी छात्रों की यह पहली पसंद है। इसके लेखक पुष्पेश पंत, पद्मश्री से सम्मानित हैं। वह एक शिक्षाविद् और इतिहासकार हैं और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में प्रोफेसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं।
अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के लिए एक और बेहतरीन किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन), इसे भारतीय विदेश सेवा अधिकारी राजीव सीकरी ने लिखा है। अपने ३६ साल के अनुभव, विचारों और नीति-उन्मुख दृष्टिकोण को उन्होंने अपनी इस पुस्तक में संकलित किया है। यह भारत की शक्तिशाली विदेशनीति के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में बात करती है और विदेश नीति निर्माण में नवीनतम रुझानों का भी विश्लेषण करती है।
हाल के कुछ सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए हैं। यह किताब देश में आर्थिक विकास और विकास के उतार-चढ़ाव के बारे में व्यवस्थित ढंग से जानकारी देती है। बेहतर और व्यापक समझ के लिए इसमें फ्लो चार्ट, टेबल ग्राफ और उदाहरण शामिल किए गए हैं। आर्थिक कूटनीति, ऊर्जा सुरक्षा, कूटनीति, रक्षा और विदेशी संगठनों के बीच बातचीत, कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर चर्चा की गई है। लेखक अर्थशास्त्र विषय में पोस्ट ग्रेजुएट हैं।
यह बैचलर ऑफ आर्ट्स/ कॉमर्स स्नातकों के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। यह किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन) भारतीय अर्थव्यवस्था का गहन विश्लेषण करने के साथ-साथ, स्वतंत्रता के बाद देश में तैयार की गई प्रमुख आर्थिक नीतियों के बारे में जानकारी देती है। यूपीएससी के अलावा, यह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी है। टी आर जैन और वीके ओहरी दोनों ही अर्थशास्त्री हैं। यह किताब सीबीएसई और यूजीसी पाठ्यक्रम का भी हिस्सा है।
एक यूपीएससी उम्मीदवार के पास एटलस का होना जरूरी है। खासकर उनके लिए जिन्होंने भूगोल को वैकल्पिक विषय के रूप में चुना है। फिलहाल, इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए काफी सारी एटलस मार्केट में उपलब्ध हैं। लेकिन बेहतरीन प्रिंटिंग क्वालिटी और व्यापक डाटा के चलते सबसे बेहतर ऑक्सफोर्ड स्कूल एटलस को माना जाता रहा है। स्पष्ट और समझने में आसान मानचित्रों के साथ पाठक इसकी विवरण की सटीकता और गहराई पर भरोसा करते हैं।
यह किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन), भारत की भौगोलिक विशेषताओं का वर्णन करती है। इसमें देश की भौगोलिक स्थिति के नक्शे डेटा और आंकड़े शामिल हैं। नए, नौवें संस्करण में जम्मू व कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में हाल-फिलहाल में जो भी बदलाव किए गए हैं, उसकी पूरी जानकारी के साथ इसे अपडेट किया गया है। किताब में सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं और अभियानों को भी जगह दी गई है। इसके लेखक एक प्रसिद्ध भूगोल के जानकार और शिक्षक हैं।
इस किताब में विश्व जलवायु और वनस्पति क्षेत्र जैसे भूगोल के प्रमुख तत्वों के साथ-साथ, मानव भूगोल के साथ उनके संबंधों पर विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें कई स्थानीय उदाहरण दिए गए हैं, जिससे इन्हें समझना आसान हो जाता है। साथ ही अभ्यास के लिए प्रश्न भी दिए गए हैं, जो उम्मीदवारों को उनकी संबंधित परीक्षा के लिए तैयार करते हैं।
पर्यावरण से जुड़े सभी प्रमुख मुद्दों के बारे में जानकारी लेनी हो और या फिर उनका समाधान ढूंढना हो, सब कुछ आपको इस एक किताब में मिल जाएगा। सिविल सेवा परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले विषय आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए गए हैं। इस किताब को मैकग्रा हिल ने प्रकाशित किया है। इस किताब के जरिए पर्यावरण जैसे जटिल विषय को आसानी से समझा जा सकता है।
किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन) में देश की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों और अन्य समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई है। इसके नए चौथे संस्करण में जम्मू और कश्मीर की वर्तमान स्थिति, नए सोशल मीडिया कोड, भारत में इंटरनेट प्रतिबंध और कोविड-१९ के प्रभाव जैसे मुद्दों को भी शामिल किया गया है। पुस्तक के सह-लेखक अशोक कुमार इप्स हैं और विपुल अनेकांत दानिप्स हैं। इसे मैकग्रा हिल ने प्रकाशित किया है।
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए, यह एक महत्वपूर्ण किताब। इसमें प्रश्न-पत्रों को हल किया गया है। साथ ही लेखन तकनीक को सुधारने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए काफी सारी सामग्री हैं। जी सुब्बाराव और पीएन राय की यह किताब यूपीएससी या फिर किसी भी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए एक बेस्टसेलर मानी जाती है।
इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम का अध्ययन किए बिना यूपीएससी की तैयारी कभी पूरी नहीं होती है। इस किताब के सभी लेखक जाने-माने इतिहासकार हैं। यहां १८५७ से लेकर १९४७ के बीच के समय की पूरी विस्तृत जानकारी दी गई है। किताब को गहन शोध के बाद तैयार किया गया है।
इंडियाज स्ट्रगल फॉर इंडिपेंडेंस की अगली कड़ी के रूप में इसे बिपन चंद्रा, मृदुला मुखर्जी और आदित्य मुखर्जी ने लिखा है। किताब में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता के बाद देश को मिली सफलता और चुनौतियों का व्यापक रूप से विश्लेषण किया गया है। भारत के पांच दशकों के सफर की कहानी का विस्तारपूर्वक अध्ययन किया गया है। नेहरू सरकार के समय में मौजूद राजनीतिक और आर्थिक एजेंडे के साथ-साथ, विदेश नीति को भी इसमें शामिल किया गया है।
मध्यकालीन भारत के इतिहास को अपने में समेटे इस किताब (बुक्स फॉर उपस्क प्रेपरेशन) में ८वीं से लेकर 1८वीं सदी के भारत का गहन विश्लेषण किया गया है। इस दौरान हुए आक्रमण और आर्थिक व सामाजिक बदलावों का भारत पर क्या असर पड़ा, इस पर व्यापक प्रकाश डाला गया है। लेखक एक लोकप्रिय इतिहासकार और जेएनयू के रिटायर प्रोफेसर हैं।
यह इतिहास (न्सर्ट) की किताब है। इसे बाद में भारत के प्राचीन अतीत के रूप में प्रकाशित किया गया। किताब में हड़प्पा सभ्यता, वैदिक काल और मौर्य राजवंश के उदय की विस्तृत जानकारी दी गई है। यह, नवपाषण और ताम्र पाषाण काल साम्राज्य के विकास और व्यापार के गौरवशाली इतिहास को संजोने का प्रयास करती है। लेखक प्राचीन युग की विशेष जानकारी रखते हैं और एक जाने-माने इतिहासकार हैं।
राजनीति स्पेक्ट्रम से प्रकाशित यह किताब, देश में पुर्तगलियों के आने और उनसे जुड़ी घटनाओं के बारे में जानकारी देती है। भारत में उतरने वाले पहले यूरोपीय के पूर्ण शक्ति स्थापित करने से लेकर शक्तिशाली सम्राटों और उनके राज्यों के पतन तक सभी घटनाओं को सिलसिलेवार ढंग से रखने का प्रयास किया गया है।
यह किताब आधुनिक दुनिया में हुईं प्रमुख घटनाओं और उनके परिणामों की जांच करती है। इसकी भाषा का स्तर सामान्य है, जिसे आसानी से समझा जा सकता है। जिन्हें इतिहास से लगाव है, उन उम्मीदवारों के लिए यह काफी उपयोगी है। लेखक इतिहासकार और शिक्षक हैं उन्हें इस क्षेत्र में तीन दशकों से ज्यादा का अनुभव है।
इस किताब में समाज के साथ-साथ देश की पूरी न्यायपालिका पर प्रभाव डालने वाले सबसे महत्वपूर्ण अदालती निर्णयों का विस्तार से उल्लेख किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के जिन फैसलों से संविधान में बदलाव करने की राह मिली है, उन अदालती निर्णयों को संकलित कर इसे एक पुस्तक का रूप दिया गया है। महत्वपूर्ण अदालती मामलों की जानकारी के लिए इससे बेहतर किताब शायद ही आपको मिले। लेखक एक शिक्षक और सिविल सेवा परीक्षा प्रशिक्षक हैं।
भारत की विविध संस्कृति और परम्पराओं के बारे में पढ़ना कई बार काफी बोझिल हो जाता है। लेकिन यह किताब इन विषयों को भी रुचिकर बना देती है। यह देश की कला वास्तुकला साहित्य और बौद्धिक परंपरा, विश्वास और मिथकों के लिए एक बेहतरीन मार्गदर्शक है। इसमें अभ्यास के लिए काफी सारे हल किए गए प्रश्नपत्र दिए गए हैं। साथ ही कुछ अनसुलझे प्रश्न भी हैं। पुस्तक को शिक्षकों या विशेषज्ञों द्वारा संपादित किया गया है। इसे स्पेक्ट्रम ने प्रकाशित किया है। |
उत्तर प्रदेश के पहले चरण का मतदान हो गया है। इस बार करीब ६१.०६% वोटिंग हुई है। २०१७ में इन ५८ सीटों पर औसतन ६३.७५% मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब २% वोटिंग कम हुई है। २01२ में इन्हीं ५८ सीटों पर ६१.०३% वोटिंग हुई थी, यानी २०१७ में करीब २% का वोटों में इजाफा हुआ था।
२०१७ में जब २.७% वोटिंग में इजाफा हुआ तो ४३ सीटों का फायदा हुआ था, जबकि बसपा १८ और सपा को 1२ सीटों का नुकसान हुआ था। २०१७ में भाजपा को इन ५८ सीटों में से ४३ पर जीत मिली थी। २01२ में इन ५८ सीटों में भाजपा को १० सीट, सपा को १४ और बसपा को २0 सीटें मिली थीं। ११ सीटें निर्दलियों ने जीती थीं।
शामली में वोटिंग के प्रति लोगों में अच्छा उत्साह दिखा। यहां ६६.०१% वोटिंग हो चुकी है। दूसरे नंबर पर मुजफ्फरनगर और तीसरे में मथुरा रहा है। यहां क्रमश: ६५.३२% और ६२.९०% वोटिंग हुई है। वहीं, गाजियाबाद वोटिंग के मामले में फिसड्डी है। यहां महज ५२.४३% मतदान हुआ है। कई जिलों में एवम खराब होने से वोटिंग में दिक्कत आई। |
जागरण संवाददाता, कानपुर : देश भर में गंगा बेसिन में चल रही चीनी मिलों के लिए बनाए गए नए मानकों के चार्टर पर सहमति की मुहर लग चुकी है। अब तय हो गया है कि सभी चीनी मिलों में शुद्ध जल का दुरुपयोग रोकने और उत्प्रवाह पर नियंत्रण के लिए फ्लोमीटर लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही पूर्व में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रदूषण के मानकों में भी बदलाव किया गया है।
गंगा बेसिन में ८८ चीनी मिलें संचालित हैं। इनसे निकलने वाले उत्प्रवाह से नदी में काफी प्रदूषण होता है। इस पर नियंत्रण के प्रयास में ही भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन की अध्यक्षता में समिति गठित की। इसमें आइआइटी, बनारस हदू विवि, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रतिष्ठित चीनी मिलों के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने नए मानकों का चार्टर तैयार किया, जिस पर सुझाव और विमर्श के लिए उप्र, उत्तराखंड और बिहार की चीनी मिलों के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को एनएसआइ में बैठक हुई। उनके सामने चार्टर के बिंदु रखते हुए प्रो. नरेंद्र मोहन ने बताया कि वर्तमान में चीनी मिलों से निकलने वाले दूषित जल के संदर्भ में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा केवल एक ही प्रकार के मानक निर्धारित किए गए हैं। जबकि इकाइयां भिन्न प्रकार की चीनी जैसे प्लांटेशन व्हाइट शुगर, रिफाइंड शुगर आदि का निर्माण करती हैं। लिहाजा, इकाइयों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। उनके अनुसार अलग-अलग मानक निर्धारित किए हैं। हालांकि शुद्ध जल के अधिक प्रयोग और उत्प्रवाह नियंत्रण के लिए फ्लोमीटर सभी इकाइयों को लगाने होंगे। बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एडीशनल डायरेक्टर एके विद्यार्थी, एनएसआइ के चीफ डिजाइन इंजीनियर जेपी श्रीवास्तव और बसंत दादा शुगर इंस्टीट्यूट पुणे के डॉ. आरबी दानी भी उपस्थित थे।
-वर्तमान में प्लांटेशन व्हाइट शुगर बनाने वाली चीनी मिलें २०० लीटर प्रति टन गन्ने की दर से दूषित जल मिल के बाहर भेज सकती हैं। इन मानकों का कड़ा करते हुए इस मात्रा को घटा कर सितंबर २०१८ तक १८० लीटर और मार्च २०१९ तक १६० लीटर प्रति टन गन्ना करनी होगी।
-ताजे पानी की खपत को सितंबर २०१८ तक ५० लीटर प्रति टन गन्ना और मार्च २०१९ तक ३० लीटर प्रति टन गन्ना लाना होगा।
इकाइयों में कंडेनसेट पॉलिशिंग यूनिट, कूलिंग टॉवर लगाने होंगे।
-प्लांटेशन व्हाइट शुगन बनाने वाली मिलों को ब्राइन रिकवरी सिस्टम लगाना होगा। |
नई दिल्ली: फिटजी टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम (एफटीआरई) एक ऐसा अवसर है, जिसकी मदद से छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अपने पोटेंशियल का मूल्यांकन कर सकते हैं। इन परीक्षाओं में जेईई एडवांस, जेईई मेन, केवीपीवाई, एनटीएसई, एनएसईजेएस और ओलंपियाड आदि शामिल हैं। इस मूल्यांकन के आधार पर छात्र अपनी तैयारी को बेहतर कर वास्तविक परीक्षा में सफल हो सकते हैं। फिटजी टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम (एफटीआरई) देश के १८० से भी ज्यादा शहरों में २९ दिसंबर २०१९ को आयोजित किया जाएगा।
वर्तमान में पांचवीं, छठी, सातवीं, आठवीं, नौवीं, दसवीं, ग्यारहवी, बारहवीं में पढ़ रहे छात्र और बारहवीं पास छात्र एफटीआरई २०१९ में शामिल हो सकते हैं। यह परीक्षा उन्हें यह समझने में मदद करती है कि वे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कितना तैयार हैं और क्या वे इसे क्रैक करने की काबीलियत रखते हैं। इस परीक्षा के माध्यम से छात्रों को सही समय पर अपनी गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है जिससे वे वास्तविक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर पाते हैं। |
सिद्धार्थनगर। जनपद मे मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार द्वारा शासन के निर्देश पर आंगनबाडी केन्द्र को गोद लेकर आदर्श आंगनबाडी केन्द्र बनाये जाने हेतु जिलाधिकारी द्वारा आवंटित आंगनबाडी केन्द्र ग्राम बुढनइया, विकास खण्ड-जोगिया का भ्रमण किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य आंगनबाडी केन्द्रां पर अतिकुपोषित,कुपोषित बच्चों का कुपोषण मुक्त कराना तथा केन्द्र पर पंजीकृत ०३ से ८ वर्ष के बच्चों हेतु अनौपचारित शिक्षा के स्तर में सुधार करना है। ग्राम में आंगनबाडी केन्द्र का भवन निर्मित है। आगनबाडी द्वारा बताया गया कि भवन में शौचालय निर्मित नही है। इस ग्राम में कुल चार अतिकुपोषित,कुपोषित बच्चे चिन्हित है। जिसमें अश्वनी पुत्री गुरूप्रसाद, प्रीतम पुत्री प्रदीप, आन्या चौधरी पुत्र राहुल एवं मोहिनी पुत्री मोहित है। जिसमें सर्वाधित अतिकुपोषित बच्ची आन्या पुत्र राहुल आयु १ वर्ष ८ माह के घर जाकर कुपोषण की स्थिति की जानकारी एवं उनके माता-पिता से वार्तालाप किया गया। आगनबाडी कार्यक्रत्री एवं सुपरवाईजर को निर्देशित किया गया कि इस बच्ची को एन०आर०सी० में एडमिट कराकर इलाज करावें। जिससे इसकी सेहत में सुधार हो सके। बच्ची की माता को बताया गया कि वे स्वंय की सेहत एवं खानपान का ध्यान रखे एवं बच्ची को एन०आर०सी० में एडमिट कराये। केन्द्र पर पंजीकृत ०३ से ८ वर्ष के बच्चों हेतु अनौपाचारित शिक्षा ई०सी०सी०ई० के स्तर में सुधार के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने तथा प्रतिमाह बच्चों का वचन करने तथा गर्भवती महिलाओं की नियमित देखभाल करने तथा समय से डाई राशन किट, तेल घी आदि वितरण किये जाने के निर्देश दिये गये। |
बिहार की बेटी स्वस्ति नित्या कलर्स टीवी के झलक दिखला जा में वाइल्डकार्ड से आई है! स्वस्ति के साथ ४ और बच्चो को प्रवेश मिला है, ये बच्चे है सिद्धार्थ निगम, स्पंदन चतुर्वेदी, तेरिया मगर और ग्रेसी गोस्वामी! ये सभी बच्चे अपने छोटे परदे पे अपने काम के कारण बहुत प्रसिद्ध है! अपनी स्वस्ति नित्या ने ज़ी त्व का इंडियास बेस्ट ड्रामेबाज़ सीजन २ जीता था! स्वस्ति नित्या भागलपुर की है! सिद्धार्थ निगम ने कलर्स त्व के सीरियल चक्रवर्तीन अशोक सम्राट में अशोक के बचपन का रोल कर के प्रशिद्धि पाई है, सिद्धार्थ ने धूम-३ में आमिर खान के बचपन का रोल भी किया था! स्पंदन चतुर्वेदी ने कलर्स त्व के सीरियल उड़ान में चकोर के बचपन का रोल किया है, उसने अपने इस रोल के लिए के अवार्ड भी जीते है जिसमे ज़ी गोल्ड अवार्ड फॉर बेस्ट चाइल्ड एक्टर भी शामिल है! नेपाल की तेरिया मगर ने ज़ी त्व डांस शो डांस इंडिया डांस लिटिल मास्टर्स 201४ में जीत था! ग्रेसी गोस्वामी ने कलर्स त्व के सीरियल बालिका वधु में निम्बोली के रोल कर के सब का दिल जीत लिया था!
अब ये पाँचो बाल कलाकार ५ बड़े कलाकार को टक्कर देगे जो की १४ कलाकारों में कड़ी टक्कर के बाद चुने गए है!
स्वस्ति नित्या ने अपने पार्टनर प्रीतजोत के साथ धूम ताना ताना गाने पे डांस किया! सिद्धार्थ निगम ने अपने पार्टनर वैष्णवी के साथ सुल्तान के टाइटल सांग पे डांस किया! स्पंदन चतुर्वेदी ने अपने पार्टनर हार्दिक के साथ चीटियां कलैया बे गाने पे डांस किया! तेरिया मगर ने अपने पार्टनरआर्यन के साथ नगाड़ा संग ढोल बाजे गाने पे डांस किया! ग्रेसी गोस्वामी ने अपने पार्टनर सचिन के साथ मैं घनी बावरी हो गयी गाने पे डांस किया!
अपने पहले परफॉरमेंस में सभी बच्चो ने सभी का दिल जीत लिया! झलक दिखला जा के जजो ने स्वस्ति नित्या के परफॉरमेंस को पावर पैक परफॉरमेंस करार दिया! |
क्या आप बेसिल, लिफ्ट ओपरेटर एडमित कार्ड २०२२ की खोज कर रहे हैं? तो आप सही वेबसाइट पर हैं। बेसिल लिफ्ट ओपरेटर एडमित कार्ड २०२२ की पफ फाइल की डायरेक्ट लिंक इस वेबपेज पर विशेष रूप से प्रकाशित की गयी है। इस वेबसाइट पर आप लगभग पूरे भारत के सभी सरकारी एव गैर सरकारी जॉब संबधित एडमित कार्ड देख सकते हैं। हम इस वेबपेज पर बेसिल लिफ्ट ओपरेटर एडमित कार्ड २०२२ की लिंक प्रदान कर रहे है। आप यहां बेसिल लिफ्ट ओपरेटर एडमित कार्ड २०२२ के संदर्भ में आधिकारिक वेबसाइट की डायरेक्ट लिंक प्राप्त कर सकते हैं। ब्रॉडकस्ट इंजीनियरिंग कन्सल्टांट इंडिया लिमिटेड (बेसिल) का एडमित कार्ड और आधिकारिक लिंक का विवरण नीचे है। आप इसे पफ प्रारूप में डाउनलोड कर सकते हैं तथा इसे प्रिंट आउट भी कर सकते हैं।
यदि आपने बेसिल लिफ्ट ओपरेटर वेकेंसी के लिए ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा किया है और बेसिल एडमित कार्ड या हाल टिकट पफ फाइल डाउनलोड करना चाहते हैं। लेकिन अगर आपको ब्रॉडकस्ट इंजीनियरिंग कन्सल्टांट इंडिया लिमिटेड (बेसिल) के बेसिल एडमित कार्ड, बेसिल हाल टिकट को डाउनलोड करने की प्रक्रिया के बारे में नहीं पता है, तो यहां हम आपको बेसिल एडमित कार्ड २०२२ को चेक करने या डाउनलोड करने की सटीक प्रक्रिया के बारे में बता रहे हैं। आप नीचे दी गई चरण-दर-चरण प्रक्रिया का पालन कर सकते हैं और बेसिल एडमित कार्ड २०२२ को चेक या डाउनलोड कर सकते हैं ।
होम पेज को नीचे स्क्रॉल करें।
नोटिफिकेशन बटन पर क्लिक करें।
अपना लॉगिन विवरण दर्ज करें और उन्हें सबमिट करें।
आपका प्रवेश पत्र स्क्रीन पर प्रस्तुत किया जाएगा।
क. क्या बेसिल के एडमित कार्ड की हार्ड कॉपी उपलब्ध कराई जाएगी?
उत्तर:- नहीं, बेसिल एडमित कार्ड केवल ऑनलाइन ही उपलब्ध होगा। उम्मीदवार अपने बेसिल हाल टिकट को डाउनलोड कर सकते हैं और इसे प्रिंट आउट कर सकते हैं।
क. क्या परीक्षा हॉल में बेसिल एडमित कार्ड ले जाना अनिवार्य है?
उत्तर:- हां, उम्मीदवार को परीक्षा हॉल में बेसिल हाल टिकट ले जाना होगा अन्यथा प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
क. बेसिल एडमित कार्ड के साथ अन्य कौन से दस्तावेज ले जाने की आवश्यकता है?
उत्तर:- उम्मीदवार को बेसिल एडमित कार्ड, एक आईडी प्रूफ की मूल और फोटोकॉपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो ले जाना होगा।
उत्तर:- उम्मीदवार को पर जाकर बेसिल अधिसूचना की जाँच करनी चाहिए।
अगर आप इस बेसिल लिफ्ट ओपरेटर एडमित कार्ड २०२२ के बारे में ताजा जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस वेबसाइट को बुकमार्क में ऐड करे। यहाँ पर आप इस बेसिल जॉब संबंधी परीक्षा तिथि एडमिट कार्ड डाउनलोड लिंक प्राप्त कर सकते है। प्रिय पाठकों, हम आशा करते हैं कि आपको बेसिल लिफ्ट ओपरेटर एडमित कार्ड २०२२ के बारे में पूरी जानकारी मिल गई है। अधिक अपडेट के लिए इंडियनेटवर्कन्यूज.कॉम से जुड़े रहें। |
एजेंसी/ तिरुवंतपुरम। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एक नया आरोप लगाकर सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। स्वामी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी ने साल २०११-१२ के दौरान देश में फिर एक बार आपातकाल लगाने का सुझाव दिया था।
आपातकाल की ४१वीं वर्षगांठ पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए स्वामी ने ये बात कही। स्वामी ने कहा कि साल २०११-१२ के दौरान सोनिया गांधी ने हिंदुत्व आतंकवाद का हौवा खड़ा कर फिर एक बार राजनीतिक आपातकाल लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन उस वक्त के सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह ने उनकी बात का समर्थन नहीं किया और सोनिया गांधी की ये योजना विफल हो गई।
अयोध्या मामले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में स्वामी ने कहा कि मुस्लमानों को बाबरी मस्जिद बनाने के लिए सरयू नदी की दूसरी तरफ जमीन मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को कृष्णा पैकेज के लिए राजी हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और काशी की महत्ता को देखते हुए मुसलमानों को हिंदुओं को कम से कम तीन मंदिर बनाने देना चाहिए क्योंकि मुगल काल के दौरान यहां हजारों मंदिरों को तोड़ा गया था।
भाजपा सांसद ने कहा कि जैसे भगवान कृष्ण ने कौरवों से पांडवों को मात्र पांच गांव देने का आग्रह किया था, उसी तरह वो मुस्लिमों से आग्रह करते हैं कि वो हिंदुओं को अयोध्या, काशी और मथुरा की महत्ता को ध्यान में रखते हुए हिंदुओं को कम से कम तीन मंदिर बनाने दें।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को लेकर स्वामी ने कहा कि एयरसेल मैक्सेस मामले में पी चिदंबरम को जेल होनी तय है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम और उनके परिवार को इस मामले में जेल होगी। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस की अगली वर्किंग कमेटी की मीटिंग तिहाड़ जेल में होगी। |
कृषि यंत्र सबसिडी योजना: किसान नागरिकों को कृषि कार्यों को करने हेतु यंत्रों की खरीद करने पर सरकार के माध्यम से सब्सिडी प्रदान की जा रही है। अब सभी किसान नागरिक आधी कीमतों में कृषि उपकरणों की खरीद कर सकते है। कृषि यंत्र सब्सिडी योजना का लाभ किसान नागरिकों को उनकी श्रेणी के आधार पर दिया जायेगा। यानि की लघु एवं सीमान्त किसान नागरिकों को ५० प्रतिशत अनुदान एवं अन्य किसान नागरिकों को यंत्रों की खरीद में ४० प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। कृषि कार्यों को आधुनिकी तरीके से करने के लिए एवं कृषि उत्पादन में वृद्धि करने के लिए यह कृषि यंत्र सब्सिडी योजना सरकार के द्वारा शुरू की गयी है।
किसान नागरिक कृषि में उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों को ५०% सब्सिडी के रूप में खरीद सकते है। राज्यों के आधार पर कृषि यंत्र खरीदने के लिए कृषि यंत्र सब्सिडी योजना को शुरू किया गया है। अब किसान नागरिक अपनी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न उपकरणों की खरीद बेहतर कीमतों में कर सकते है। आधुनिकी तरीके से खेती करने के लिए एवं कृषि कार्यों को सुगमता से करने हेतु यह योजना एक पहल के रूप में सरकार के द्वारा शुरू की गयी है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण किसान नागरिक खेती में उपयोग होने वाले महंगे उपकरणों को खरीदने में सक्षम नहीं हो पाते है। इस समस्या के हल हेतु कृषि उपकरण सब्सिडी योजना शुरू की गयी है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य श्रेणी वाले सभी किसान नागरिक यंत्रों की खरीद हेतु आवेदन कर सकते है।
योजना हेतु किसानों के पास आवेदन करने हेतु सभी प्रकार के आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए।
श्रेणी के अनुसार ही किसानों को ४० प्रतिशत से लेकर ५० प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
कृषि यंत्रों की खरीद करने पर छूट प्राप्त करने के लिए किसान नागरिकों को अपने राज्य के कृषि पोर्टल के माध्यम से योजना हेतु आवेदन करना होगा। जिसके तहत उन्हें विभिन्न प्रकार के उपकरण जैसे- धान ट्रांसप्लांटर, टेबल/चावल ड्रायर, रोटावेटर, रिपर ट्रैक्टर संचालित स्पेयर , बाइंडर, उर्वरक ब्रॉडकास्टर, उपकरण को सब्सिडी के रूप में खरीदने का अवसर मिलेगा। कृषि यंत्रों की खरीद करने हेतु राज्यों के आधार पर पोर्टल विकसित किये गए किसान नागरिक अपने अपने राज्यों के अनुसार पोर्टल में कृषि उपकरणों के लिए आवेदन कर सकते है।
ऐसी ही और भी सरकारी योजनाओं की जानकारी पाने के लिए हमारी वेबसाइट पम्मोदियोजनाये.इन को बुकमार्क जरूर करें । |
विक्रमजीत सिंह क्रिकेटर- मात्र १९ वर्षीय भारतीय मूल के विक्रमजीत सिंह का जन्म पंजाब के चीमा खुर्द में हुआ था। वह ७ साल के थे जब वह नीदरलैंड चले गए थे। ९ जनवरी २००३ को पंजाब के चीमा खुर्द में जन्में विक्रमजीत सिंह बाएं हाथ से बालेबाजी करते हैं। मात्र १५ साल की आयु में नीदरलैंड ए के लिए डेब्यू किया। आज जब भारत और नीदरलैंड टी२० वर्ल्ड कप २०22 (त२० व्क २०22) के लिए आमने सामने हैं। विक्रमजीत सिंह जो की मूल रूप से भारतीय हैं और नीदरलैंड्स की प्लेइंग-११ में शामिल हैं। वह नीदरलैंड के बल्लेबाज हैं।
आज हम आपको विक्रमजीत सिंह जो की एक क्रिकेटर हैं उनके बारे में बताएँगे। विक्रमजीत सिंह क्रिकेटर की जीवनी, उनका कैरियर, परिवार, टीम सभी के बारे में आप जान सकेंगे। तो चलिए जानते हैं भारतीय मूल के विक्रमजीत सिंह जी के बारे में विस्तार से।
विक्रमजीत सिंह एक डच क्रिकेटर हैं जिनका जन्म चीमा खुर्द ,पंजाब में हुआ था। इनके पिता हरप्रीत सिंह इन्हें मात्र ७ साल की आयु में अपने साथ नीदरलैंड ले गए थे। इनका पैतृक गांव पंजाब में है। हरप्रीत जो की इनके पिता हैं उन्हें मात्र ५ साल की आयु में पंजाब को छोड़ना पड़ा था। साल १९८० के दशक में पंजाब में काफी विद्रोह बढ़ चुका था जिस कारण विक्रमजीत के दादा जी ख़ुशी चीमा ने पंजाब छोड़ने का फैसला लिया।
विक्रमजीत सिंह ७ साल की आयु तक पंजाब ही रहे जिसके बाद उनके पिता उन्हें अपने साथ नीदरलैंड ले गए। जब विक्रमजीत सिंह १५ साल के हुए उस वक्त वह नीदरलैंड्स की ए टीम में शामिल किये जा चुके थे। इस समय उन्हें नीदरलैंड की टी२० वर्ल्ड कप स्क्वाड का हिस्सा बनाया गया है।
विक्रमजीत सिंह जब महज १५ वर्ष के थे उन्होंने नीदरलैंड ए के लिए डेब्यू किया था। वह बायें हाथ के क्रिकेटर हैं और इस समय महज १९ वर्ष के हैं। सितम्बर २०१९ -२० में उन्हें आयरलैंड ट्राई नेशन सीरीज के लिए नीदरलैंड की त२० इंटरनेशनल टीम में शामिल किया गया था। १९ सितंबर २०१९ को उन्होंने स्कॉटलैंड के खिलाफ नीदरलैंड के लिए अपना त२०ई डेब्यू किया था। २०२० में वह १७ डच -बेस्ड क्रिकेटर के सीनियर स्क्वाड में नामित किये गए थे।
११ मई २०२१ को आयरलैंड के खिलाफ नीदरलैंड ए टीम में अपनी लिस्ट ए की शुरुआत की थी। इसी माह उन्हें स्कॉटलैंड के खिलाफ डच एकदिवसीय अंतराष्ट्रीय (ओड़ी) टीम में नामित किया गया। साल २०२२ में उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे के लिए टीम में नामित किया गया था। और २९ मार्च २०२२ को न्यूजीलैंड के खिलाफ नीदरलैंड के लिए इन्होने अपना वनडे डेब्यू किया था। हाल ही में इन्होने २७ अक्टूबर २०२२ को भारत के खिलाफ त२० मैच खेला था। |
सपने मे हैलमेट देखना ! व्यक्ति कभी कभी सपने में हेलमेट देखता है। जो इंसान सपने में हेलमेट देखता है उसके मन में इस सपने का अर्थ जानने की इच्छा होती है। सपने में हेलमेट देखना शुभ और अशुभ दोनों माना जाता है। अगर आप भी सपने में हेलमेट को देखते है तो आप इस लेख को ध्यान से पढ़िए। इस लेख में आप जानेंगे कि सपने में हेलमेट को देखने से क्या होता है। अगर आप सपने में हेलमेट को देखते है तो आपको इसका अर्थ जरूर जानना चाहिए।
इस लेख में हम आपको बताने जा रहे है कि स्वप्न में हेलमेट देखने का मतलब क्या होता है। बाइक चलाने वाला व्यक्ति आमतौर पर हेलमेट लगाता है, वैसे तो बिल्डिंग या पुल बनाने वाले मिस्त्री भी काम करते समय हेलमेट जैसा टोपी लगाते है। आजकल कोई भी मेन रोड पर बिना हेलमेट के बाइक नही चला सकता है क्योंकि हेलमेट बिना बाइक चलाने पर चालान काटने का डर है। हां तो हम बात कर रहे है कि स्वप्न में हेलमेट देखने का मतलब क्या होता है। अगर आप हेलमेट का स्वप्न देखते है या आपको स्वप्न में हेलमेट दिखा है तो आपको इसका मतलब जरूर जानना चाहिए।
सपने मे हैलमेट देखना ! सपने में हेलमेट देखना शुभ है। सपने में हेलमेट देखने का मतलब है शरीर स्वस्थ रहना। जो व्यक्ति स्वप्न में हेलमेट देखता है उसका शरीर स्वस्थ रहता है, उसे रोग नही होता है। अगर आप स्वप्न में हेलमेट देखते है तो इसका अर्थ है कि आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और आपके शरीर पर किसी भी रोग आधी व्याधि का प्रभाव नही पड़ेगा।
सपने में बाइक चलाते हुए हेलमेट पहनना शुभ है। सपने में बाइक पर हेलमेट पहनने का मतलब है आसमान में उड़ना, अर्थात ऊंची ख्वाहिश रखना। जो व्यक्ति स्वप्न में बाइक चलाते हुए हेलमेट पहनता है उसकी इच्छा, आकांक्षा या अभिलाषा पूरी हो जाती है। अगर आप भी यह स्वप्न देखते है तो समझ लें कि आपकी कोई मनोकामना पूर्ण होनेवाली है।
सपने में हेलमेट के साथ खेलना अच्छा नही माना जाता है। सपने में हेलमेट के साथ खेलने का मतलब है अवसर का लाभ उठाने से चूक जाना। जो व्यक्ति स्वप्न में हेलमेट से खेलता है वह महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाने से चूक जाता है और बाद में पछताता है। अगर आप भी हेलमेट से खेलने का स्वप्न देखते है तो आपको समय का भलीभांति सदूपयोग करना चाहिए जिससे का हर अवसर का लाभ उठा सकें।
स्वप्न में अग्निशामक हेलमेट देखना अच्छा नही माना जाता है। सपने में अग्निशामक हेलमेट देखने का मतलब है अपमानित होना। जो व्यक्ति सपने में अग्निशामक हेलमेट देखता है उसे अपमानित होना पड़ता है। उसके द्वारा कुछ ऐसा कर्म हो जाता है जिसके लिए उसे अपमान सहना पड़ता है।
अब आप समझ गए होंगे कि सपने मे हैलमेट देखना ! सपने में हेलमेट देखने का मतलब क्या होता है। |
तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुए हेलीकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बुधवार सुबह बेंगलुरू के सैन्य अस्पताल में निधन हो गया। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने कहा कि बहादुर ग्रुप कैप्टन ने आज सुबह दम तोड़ दिया।
वायु सेना ने ट्वीट किया कि आईएएफ को यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि बहादुर ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जो ८ दिसंबर २०२१ को हुए हेलीकॉप्टर हादसे में घायल हो गए थे...उनका आज सुबह निधन हो गया। भारतीय वायुसेना गहरी संवेदना व्यक्त करती है और शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ता से खड़ी है। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। |
मनोविश्लेषण के दफ़्तर में होने को बहुत सारे कमरे होते होंगे जिनके बारे में मनोविश्लेषण की शाखा का अध्ययन करने वाले विस्तार में बात कर सकेंगे। जितने कमरे होंगे उतने बयान भी हो सकते हैं। ऐसे में हमें सोचना होगा कि हम क्या कर सकते हैं?
यह तो सच ही है कि हम जहां शरीर की दीखने वाली बीमारियों तक को अनदेखा करना सीख जाते हैं , वहां मन के स्वास्थ्य पर बात करना कहां आसान हो पाता है।
बड़ी हिम्मत से कहने पर जब दिमाग का फितूर है सुनते हैं तो बड़ी मुश्किल से जुटाई गई वह थोड़ी सी हिम्मत भी उड़ जाती है और मन थोड़ा और गहरे अंधेरे में पहुंच जाता है। हम बिजली के बहुत सारे स्विच ऑन कर देते हैं। भागने की एक कोशिश यह भी होती है पर बिजली के वे बहुत सारे स्विच भी हमारे भीतर के अंधेरे को राहत नहीं दे पाते। हालांकि हम इसे खुद को संभालने की कोशिश की तौर पर देखते हैं उस वक़्त!!
एकदम शांत से समय में आप अजीब से सवालों में खुद को बुरी तरह उलझा पाते हैं और उस उलझन से उस वक़्त निकल न पाने की छटपटाहट आपके भीतर बौखलाहट भर देती है।
आपको कुछ लोग ऐसे भी मिलेंगे जो आपकी इस बेचैनी को आपकी भावुकता कह अनजाने में ही आपको थोड़ा और डरा देंगे।
हमने और हमारे समाज ने अभी अवसाद को बहुत गंभीरता से नहीं लिया। हमारे लिए बाहर दीखती हुई रोशनी ज़्यादा ज़रूरी है भीतर के अंधेरे को हम मज़ाक में लेते हैं जबकि वह अंधेरा किसी के भीतर बहुत बड़ा शून्य तैयार कर रहा होता है।
हमें, कहने का मतलब है कि, हर किसी को, सोचना होगा उस शून्य के बारे में जो जीवन में निस्सारता भर देता है। यह भी सोचने की ज़रूरत है कि वह निस्सारता कहाँ से आती है जो हँसते मुसकुराते हाँ को त्रासद ना में तब्दील कर देती है। मनुष्य के होने बनाम न होने का प्रश्न वैसे भी ज्ञान की किसी एक शाखा का प्रश्न नहीं है इसलिए हमें लगातार इसके जवाब खोजते रहना है, हर जगह खोजना है।
अवसाद पर सोचते हुए मुझे सुसाइड शीर्षक की एक किताब याद आ रही है। १८९७ में आई इस किताब में लेखक और समाजशास्त्री एमिल दुर्खीम कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति समाज और समुदाय से अपनी संबद्धता और सामंजस्य खो देता है, तो वह अर्थहीनता, उदासीनता और अवसाद का शिकार हो जाता है और शायद इसीलिए वह जीना नहीं चाहता। वे अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि जिस समाज में आत्महत्या की दर बढ़ रही है, उस समाज को देखो। कहीं ऐसा तो नहीं कि उसके समाजार्थिक बदलाव मनुष्य को नैतिक उलझन और दिशाहीनता का शिकार बना रहे हैं।
सही समय पर सही हस्तक्षेप बहुत ज़रूरी है। अवसाद को जी रहे व्यक्ति के लिए कहना बहुत जरूरी है, ज़रूरी है पागल कहलाने के किसी भी डर से बाहर निकल अपनी दिक्कत कहना, ज़रूरी है खुद को प्यार करना पर उससे कहीं ज़्यादा ज़रूरी है एक समाज के तौर पर हमें उन्हें सुनने और और समझने की कैफ़ियत रखना। हमें एट रिस्क लोगों की मदद का ढांचा खड़ा करना होगा। समाज में संवाद और रचनात्मक व सांस्कृतिक गतिविधियों का वातावरण बनाना होगा। हमें अपने आसपास के लोगों को समझना और महसूस करना शुरू करना होगा।
सबसे पहले ज़रूरी है मानसिक रोग को हम टैबू की तरह लेना बंद करें और उस पर बातचीत करें। हालांकि यह अच्छी बात है कि इस पर बातचीत शुरू हो रही है, पर हमें और अधिक खुलना होगा, एक समाज के तौर पर और अधिक उदार होना होगा। हमें अपने भीतर एक्सेप्टेन्स (लोगों को अपनाने, उन्हें स्वीकार करने की प्रवृत्ति) की प्रवृत्ति को विकसित करना होगा। हमें समझना होगा कि हर व्यक्ति अलग है, उसकी यात्रा अलग है, हमें उस यात्रा को भी समझना होगा और उस व्यक्ति को भी। हमें समझना होगा कि मानसिक रोग एक रोग है जिसे सवालिया निगाहों से देखे जाने की जगह समुचित इलाज़ की ज़रूरत है। समाज के तौर पर हमें निश्चय ही और गंभीर, और संवेदनशील होने की ज़रूरत है। यह सच है कि आत्महत्या एक त्रासदी है जो होने के बाद ही पता चलती है पर यकीन मानिए वह इतना भी अचानक नहीं घटित होती कि उसके आसपास के लोगों को पता न चले। जाने वाला व्यक्ति किसी न किसी भाषा में मदद के लिए पुकारता ज़रूर है। हमें पुकार की उस भाषा, जो स्पष्ट भी हो सकती है और सांकेतिक भी, को समझने और उसपर चर्चा करने, जागरूकता फैलाने की ज़रूरत है।
आप भी कहिए, बातें करिए, खुद को शेयर कीजिए, दोस्तों से बातें कीजिए उनका हालचाल लीजिए, उनकी आंगिक, वाचिक भाषा को समझने की कोशिश कीजिए और हाँ खुद को और दूसरों को प्यार कीजिए! इस दुनिया को बहुत सारे प्यार और बहुत सारी करुणा की ज़रूरत है!! |
डे नाईट न्यूज़ । राज्य सरकार गांव-गांव में जल संचयन, जल संरक्षण और हरियाली लाने के कार्य तेजी से करा रही है। उसकी योजना इन कामों से ग्रामीणों को रोजगार के ढेरों अवसर भी उपलब्ध कराना है। इसके लिए ग्राम्य विकास विभाग की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और मनरेगा के तहत गांवों में नहरों का निर्माण, तालाबों का गहरीकरण और मनरेगा पशु बाड़ा निर्माण के कार्य तेजी से पूरा कराए जा रहे हैं।
प्रदेश में दूसरे पारी में फिर से सत्ता संभालने वाली योगी सरकार ने १०० दिनों में मनरेगा के तहत ६०० तालाबों की सूरत बदलने की कार्ययोजना बनाई है। इसको समय पर पूरा कराने की कवायद तेज कर दी गई है। जनपद महोबा और प्रतापगढ़ में तालाबों के गहरीकरण और पुनरोद्धार के कार्य किये जाने हैं। सरकार ने ग्राम विकास विभाग को ०१ साल में योजना से १५४६३ तालाबों के गहरीकरण और पुनरोद्धार कराने का भी लक्ष्य दिया है। तालाबों के गहरीकरण योजना में श्रमिकों और ग्रामीणों को बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर बनेंगी।
राज्य सरकार की इस योजना से जल के उपयोग व संरक्षण के स्रोत तालाबों को नया जीवन तो मिलेगा ही। पशु-पक्षियों को पीने के लिए पानी उपलब्ध होगा। गांव में हरियाली के साथ भूजल स्त्रोत बनाए रखने में भी तालाब सहायक बनेंगे। सरकार का प्रयास गांव-गांव में संचालित कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण को रोजगार उपलब्ध कराकर उनको मजबूत बनाना भी है। गौरतलब है कि सरकार ने पिछले ५ वर्षों में 92५76 तालाबों के निर्माण और जीणोद्धार का काम कराया है। श्रावस्ती के विकास खंड गिलौला की ग्राम पंचायत कोट मुबारकपुर और जनपद जौनपुर में सामुदायिक तालाबों के निर्माण से काफी बदलाव आया है। |
जल चिन्ह, अग्नि चिन्ह, पृथ्वी चिन्ह, वायु चिन्ह। प्रत्येक राशि इन चार तत्वों में से किसी एक के प्रभाव में होती है। प्रत्येक तत्व तीन संकेतों को नियंत्रित करता है, और आज हम एयर सिगन्स और उनके व्यक्तित्व लक्षणों के बारे में बात करेंगे।
आपकी जन्म कुंडली के अन्य तत्वों की तरह, ये तत्व हमें इस बात की व्याख्या और समझ प्रदान कर सकते हैं कि कुछ क्यों राशि चक्र के संकेत उनके जैसा व्यवहार करते हैं।
वायु संकेत सभी बौद्धिक और मानसिक ऊर्जा के बारे में हैं। सोचना, विश्लेषण करना (और अधिक सोचना) उनके जीवन का तरीका है।
विचारोत्तेजक प्रश्न, भावुक वाद-विवाद आदि सहित मानसिक उत्तेजना न होने पर ये राशियाँ आसानी से ऊब जाती हैं।
यदि आपकी राशि वायु श्रेणी के अंतर्गत आती है, या यदि आप इसके बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आपको वायु राशियों के लक्षणों के बारे में जानने की जरूरत है और उनका दिमाग नीचे कैसे काम करता है!
राशि चक्र के वायु संकेत क्या हैं?
ये राशि चक्र के तीन वायु संकेत हैं: कुंभ, मिथुन और तुला। ये व्यक्ति आमतौर पर लेखकों, शिक्षकों, संपादकों या वाणिज्य में काम करते हैं क्योंकि संचार उनका मुख्य अभिविन्यास है।
पानी के संकेतों के विपरीत ( कैंसर , वृश्चिक , तथा मीन राशि ), जो पूरी तरह से अपने अंतर्ज्ञान और भावनाओं पर भरोसा करते हैं, सभी हवाई संकेत तार्किक दृष्टिकोण से चीजों तक पहुंचते हैं।
वे चार तत्वों में सबसे अधिक सामाजिक भी हैं। वे पार्टी की जान हैं, और वे निश्चित रूप से इस बात पर ध्यान नहीं देते कि दूसरे उनके बारे में क्या सोचते हैं। उनके वायु चिन्हों की विशेषताएँ वास्तव में प्रेरक हैं।
हालाँकि, इन राशियों में कुछ नकारात्मक लक्षण भी होते हैं। कभी-कभी, वे अनिश्चित और अप्रत्याशित हो सकते हैं। वे चीजों को सोचने और फिर से सोचने में बहुत समय व्यतीत करते हैं, जिससे उनके लिए निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है (भले ही यह आसान हो)।
इन सभी बातों के साथ, आइए देखें कि इन तीन वायु राशियों में वायु तत्व कैसे प्रकट होता है।
शनि (व्यवस्था और अनुशासन का ग्रह) द्वारा शासित कुंभ राशि के लोग दूरदर्शी और क्रांतिकारी होते हैं। वे अपने आसपास हर जगह संभावनाएं देखते हैं। वे बिंदुओं को जोड़ते हैं, चीजों को काम करने का एक तरीका ढूंढते हैं, और सभी आकारों और आकारों में विविधता का स्वागत करते हैं।
वे आँख बंद करके दूसरों का अनुसरण नहीं करते हैं, लेकिन ट्रेंडसेटर हैं। वे वही हैं जो दूसरों के पकड़ने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, यदि लोगों का एक समूह एक ही काम कर रहा है, तो कुंभ राशि के लोग इसका हिस्सा नहीं होंगे क्योंकि वे जन्मजात नेता होते हैं और भोला नहीं होते हैं। वे अपनी गतिविधियों के बारे में सावधान रहते हैं और जिनके साथ वे अपना समय बिताते हैं।
बॉक्स के बाहर सोचना और वे जो कुछ भी करते हैं उसमें मूल होना मुख्य है कुंभ राशि लक्षण . इसीलिए बिस्तर में एक कुंभ राशि का व्यक्ति चाहता है कि उसकी महिला नई चीजों को आजमाने के लिए तैयार रहे। दिनचर्या सवाल से बाहर है।
ठीक वैसे ही जैसे पृथ्वी चिन्ह ( वृषभ , कन्या , तथा मकर राशि ), कुंभ राशि के लोग गंभीर विचारक होते हैं। यह चिन्ह जलवाहक द्वारा दर्शाया गया है, जिसका अर्थ है कि वे दुनिया को ज्ञान देते हैं।
वे अद्वितीय, अभिनव हैं, और उनमें स्वयं की एक मजबूत भावना है। इस वजह से, इस निश्चित संकेत के दिमाग को बदलना वाकई मुश्किल है।
मिथुन वायु राशियाँ राशि चक्र के सबसे अनुकूल संकेतों में से एक हैं। यह परिवर्तनशील चिन्ह अपनी बहुमुखी प्रतिभा और अनुकूलन क्षमता के कारण सामाजिक आयोजनों का एक महान आयोजक है।
वे लगातार जानकारी को अवशोषित और विश्लेषण कर रहे हैं, और वे सभी के कम से कम निर्णय लेने वाले हैं राशि चक्र के संकेत . क्यों? क्योंकि वे परिस्थितियों का विश्लेषण केवल अपने दृष्टिकोण के बजाय अलग-अलग दृष्टिकोणों से करते हैं।
इस वजह से जेमिनी आसानी से किसी के भी साथ मिल जाते हैं। साथ ही इनका सभी राशियों में सबसे अधिक परिवर्तनशील स्वभाव होता है, जो अच्छी या बुरी चीज हो सकती है।
वे दिनचर्या और उबाऊ कार्यक्रम के लिए व्यवस्थित नहीं होते हैं, लेकिन वे लगातार मानसिक उत्तेजना और चीजों को मसाला देने की तलाश में रहते हैं। यदि कोई मिथुन आपकी कंपनी में ऊब महसूस करता है, तो वे कहीं और जाने में संकोच नहीं करेंगे जहां उन्हें अधिक मज़ा आएगा।
और यह न भूलें, अगर जेमिनी के बारे में मैंने एक चीज सीखी है, तो वह यह है: इफ एक मिथुन पुरुष आपको पसंद करता है , वह खेल नहीं खेलेगा। वह पूरी दुनिया को दिखा देगा कि वह आपका कितना दीवाना है।
बिल्कुल की तरह आग के संकेत ( मेष राशि , लियो , धनुराशि ), जो बेहद भावुक हैं, पाउंड का ट्रेडमार्क उनका आकर्षक और चुंबकीय व्यक्तित्व है।
वे भी जेमिनी की तरह ही सामाजिक तितलियाँ हैं। अंतर केवल इतना है कि जब परिचितों की बात आती है तो वे अधिक पसंद करते हैं।
तुला एक कार्डिनल चिन्ह है जो शुक्र द्वारा शासित है। यह ऊर्जा दिखावे के लिए एक उथले जुनून के रूप में प्रकट हो सकती है, जो किसी भी सुंदर चीज की उनकी प्रशंसा में दिखाई देती है।
कूटनीतिक, चुंबकीय और आशावादी होना प्रमुख हैं पाउंड लक्षण . उन्हें खुद को किसी और के स्थान पर रखने और विभिन्न दृष्टिकोणों से चीजों का विश्लेषण करने में कोई समस्या नहीं है। वे किसी भी चीज़ से ऊपर निष्पक्षता और सद्भाव को महत्व देते हैं।
उन्हें टकराव पसंद नहीं है, जो एक बुरी बात हो सकती है क्योंकि वे समस्या से निपटने के बजाय चुप रहना और पीड़ित होना पसंद करते हैं।
तुला राशि के नकारात्मक लक्षण लोगों को खुश करने वाले और अधिक विचारक हैं। एक बार मेरे दोस्त ने टैरो रीडिंग की, और ठीक यही उन्होंने उससे कहा। लेकिन यह निश्चित रूप से उन्हें कम चुंबकीय नहीं बनाता है!
कुंभ, मिथुन और तुला राशि में वायु तत्व उन्हें महान संचारक और अद्भुत विचारक बनाते हैं। वे रचनात्मक आत्माएं, सामाजिक तितलियां और नवप्रवर्तक हैं।
पानी और हवा के संकेतों का एक चुनौतीपूर्ण संबंध हो सकता है क्योंकि एक जल चिन्ह हवा के संकेतों को ठंडा होने का पता लगा सकता है। पृथ्वी और वायु चिन्ह वास्तव में मेल नहीं खाते क्योंकि पृथ्वी के चिन्ह वायु चिन्हों के लिए बहुत पुराने हैं।
यदि आप इस सब में गहराई से जाना चाहते हैं, तो अपनी चंद्र राशि, उदीयमान राशि और सूर्य राशि की भी जांच करना सुनिश्चित करें। साथ ही कुंडली और अमावस्या के दौरान हो रहे परिवर्तनों पर भी ध्यान दें। |
पूर्व वित्त मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने सर्वोच्च न्यायालय से अपनी याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्हें सीबीआई हिरासत में रखने को चुनौती दी गई थी। आईएनएक्स मीडिया मामले में प्रर्वतन निदेशालय द्वारा पूछताछ से पहले अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया है।
चिदंबरम अभी तक सीबीआई की हिरासत में १५ दिन गुज़ार चुके हैं और इस फैसले के बाद अब उन्हें प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नज़रबंदी का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड मंजूरी में कथित अनियमितताएँ मिली थीं, जिसमें तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम की भी भूमिका संदिग्ध है। इसी भूमिका पर प्रर्वतन निदेशालय चिदंबरम को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाह रही है। |
नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अध्ययन के बजाय सीखने पर अधिक जोर दिया गया है और यह पाठ्यक्रम से परे गहन चिंतन पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि यह सभी पक्षकारों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अक्षरश: लागू किया जाए ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि नयी शिक्षा नीति में छात्रों पर किसी विशेष संकाय को चुनने के दबाव को समाप्त कर दिया गया है।उन्होंने कहा कि अब हमारे युवा अपनी पसंद के अनुरूप शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे ।प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पहले छात्र अपने रूझान से परे एक संकाय चुनते थे और बाद में इसे महसूस करते थे। इन सभी समस्याओं पर एनईपी में ध्यान दिया गया है।
मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भविष्य को ध्यान में रखते हुए व्यापक प्रावधान किए गए है। जैसे-जैसे तकनीक का विस्तार गांवों तक हो रहा है, वैसे-वैसे सूचना और शिक्षा की पहुंच भी बढ़ रही है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर कॉलेज में तकनीकी समाधान को ज्यादा बढ़ावा दें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शिक्षा नीति, सरकार की शिक्षा नीति नहीं है। ये देश की शिक्षा नीति है। जैसे विदेश नीति देश की नीति होती है, रक्षा नीति देश की नीति होती है, वैसे ही शिक्षा नीति भी देश की ही नीति है।उन्होंने कहा कि देश की आकांक्षाओं को पूरा करने का महत्वपूर्ण माध्यम शिक्षा नीति और शिक्षा व्यवस्था होती है। शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी से केंद्र , राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सभी जुड़े होते हैं, लेकिन यह भी सही है कि शिक्षा नीति में सरकार, उसका दखल, उसका प्रभाव, कम से कम होना चाहिए ।
मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में ज्ञान अर्जन और भाषा पर ध्यान केंद्रित है। इसमें सीखने के परिणाम और शिक्षक प्रशिक्षण पर भी ध्यान दिया गया है।उन्होंने कहा कि नयी नीति में पहुंच और मूल्यांकन को लेकर भी व्यापक सुधार किए गए हैं। इसमें हर छात्र को सशक्त बनाने का रास्ता दिखाया गया है। |
गलती तो सुम्बुल तौकीर की है ही, पर शालीन भनोट और टीना दत्ता भी दूध के धुले नहीं हैं!
ईडी ने कहा कि ज़ियाओमी इंडिया ने रॉयल्टी की आड़ में विदेशों में धन प्रेषित किया, जिससे फेमा का उल्लंघन हुआ।
देश के शीर्ष धन शोधन रोधी निकाय ने आज एक बयान में कहा कि भारतीय विदेशी मुद्रा प्राधिकरण ने चीनी फोन निर्माता श्याओमी से विदेशों में अवैध धन भेजने के लिए ५,५५1 करोड़ रुपये की जब्ती की पुष्टि की है।
प्रवर्तन निदेशालय या ईडी ने अप्रैल में ज़ियाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्वट लैड से ५,५५1 करोड़ रुपये जब्त किए, जो देश की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है।
जांच एजेंसी ने आज एक बयान में कहा, अब, विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम या फेमा के तहत प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि ईडी ने ज़ियाओमी के फंड को जब्त करने में सही था, जिसे चीनी फर्म ने कथित तौर पर अवैध रूप से भारत से बाहर स्थानांतरित कर दिया था।
फेमा भारत की नियम पुस्तिका है जो सभी विदेशी मुद्रा लेनदेन का मार्गदर्शन करती है।
ईडी ने कहा कि विदेशी मुद्रा प्राधिकरण इस बात से सहमत है कि जिस तरह से ज़ियाओमी इंडिया ने एक समूह इकाई की ओर से देश के बाहर धन रखा है, उसने फेमा का उल्लंघन किया है और धन को जब्त कर लिया गया है।
अप्रैल में, ईडी ने कहा कि ज़ियाओमी इंडिया ने रॉयल्टी की आड़ में विदेश में धन भेजा, जो फेमा का उल्लंघन था।
ज़ियाओमी इंडिया चीन स्थित ज़ियाओमी समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। उन्होंने २०१४ में भारत में काम करना शुरू किया और एक साल बाद विदेश में पैसा भेजना शुरू किया।
ईडी ने कहा कि ज़ियाओमी इंडिया ने उन तीन विदेशी संस्थाओं से किसी भी सेवा का उपयोग नहीं किया, जिन्हें धन भेजा गया था, यह कहते हुए कि फोन निर्माता ने विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को भ्रामक जानकारी भी प्रदान की।
ज़ियाओमी इंडिया ने धन की जब्ती को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। कोर्ट ने जुलाई में याचिका खारिज कर दी थी।
मई में, चीनी राज्य मीडिया ने बताया कि ज़ियाओमी कॉर्प पर शारीरिक हिंसा का आरोप लगाने के बाद भारत को चीनी कंपनियों पर नियामक हमले को रोकना चाहिए। ज़ियाओमी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया था कि उसके शीर्ष अधिकारियों को अवैध प्रेषण में प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दौरान धमकियों और जबरदस्ती का सामना करना पड़ा। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपों को झूठा और निराधार बताया। |
कारे। आप डिस्काउंट के लिए योग्य है यह पता करेंछूट। आपके घर के लिए प्ग&ए छूट खोजेंकटौतियां। बिजली कि कटौतियां देखें और रिपोर्ट करें।मेडिकल बेसलाइन भत्ता। आवेदन कैसे करे यह जानें।नौकरियां/कारकिर्दी। प्ग&ए में नौकरियों के बारे में पता करें।सौर ऊर्जा। स्वच्छ ऊर्जा के साथ शुरुआत करें।पेपरलेस बिलिंग। साइन अप कैसे करे यह जानें।
प्ग&ए कई कार्यक्रम प्रदान करता है जो आपको पैसे और ऊर्जा बचाने में मदद कर सकते हैं। इन कठिन समयों में, हम अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए समर्पित हैं। प्ग&ए उन समुदायों का हिस्सा होने पर गर्व करता है जिनकी हम सेवा करते हैं। एक साथ, हम समाधान पा सकते हैं।
निम्नलिखित अनुभाग बताते हैं कि आप अपनी ऊर्जा लागत और उपयोग के लिए मदद कैसे प्राप्त कर सकते हैं।
आप निम्नलिखित तरीकों से सहायता प्राप्त कर सकते हैं: सामुदायिक सहायता के जरिए एनर्जी सहायता (रीच) प्रोग्राम के माध्यम से $३०० तक एक-बार का एनर्जी क्रेडिट प्राप्त करें (एनर्जी क्रेडिट सहायता, धन की उपलब्धता के अधीन है)। जब अचानक कठिनाई आती है, तो यह कार्यक्रम एनर्जी के लिए भुगतान करने में आपकी सहायता करता है। प्ग&ए, रीच को प्रायोजित करता है तथा डॉलर एनर्जी फंड उत्तरी तथा मध्य कैलिफोर्निया में स्थित १७० कार्यालयों से यह कार्यक्रम चलाता है। रीच (सामुदायिक सहायता के जरिए एनर्जी सहायता के लिए राहत - रिलीफ फॉर एनर्जी असिस्टेंस थ्रॉ कम्युनिटी हेल्प) पर जाएं।
कृपया ध्यान दें: १२ महीने की अवधि में रीच केवल एक बार उपलब्ध होता है तथा ग्राहक को कार्यक्रम के लिए पात्र जरूर होना चाहिए।
निम्न-आय घरेलू एनर्जी सहायता कार्यक्रम (लो-इन्कम होम एनर्जी असिस्टेंस प्रोग्राम - लिहिप) आपकी पात्र घरेलू एनर्जी लागतों, जिनमें हीटिंग, कूलिंग तथा घर के मौसमीकरण के खर्चों के लिए आपके बिल शामिल है, के भुगतान के लिए वित्तीय सहायता में $१,००० तक प्रदान करता है। इस कार्यक्रम की पात्रता आय के संघीय दिशानिर्देशों पर आधारित है। आय के दिशानिर्देशों तथा भाग लेने वाली ऐसी एजेंसियों की सूची के लिए जो आवेदन करने में आपकी सहायता कर सकती हैं, 2११ अथवा (८६६) ६७५-६६२३ पर कॉल करें।
बजट बिलिंग के साथ अपने मासिक बिलों के उतार और चढ़ाव को संतुलित करें। योजना के साथ, आपके बिल पूरे वर्ष में लगभग समान होते हैं, यहां तक कि गर्म या ठंडे मौसम में भी। बजेट बिलिंग के विषय मे जानें।
ऊर्जा के लिए कैलीफ़ोर्निया की वैकल्पिक दरें (कैलिफोर्निया आल्टरनेट रेट फॉर एनर्जी, कारे) कार्यक्रम में नामांकन करके अपने मासिक गैस और बिजली बिल पर २० प्रतिशत या अधिक की बचत करेंकारे के विषय मे जानें।
यदि आपके घर में तीन या अधिक लोग हैं, तो अपने बिजली बिल पर मासिक छूट प्राप्त करें। पारिवारिक इलेक्ट्रिक दर सहायता (फमिली इलेक्ट्रिक रेट असिस्टेंस, फेरा) कार्यक्रम में नामांकन करें। फेरा के विषय मे जानें।
यदि आप एक चिकित्सा स्थिति से संबंधित विशेष ऊर्जा आवश्यकताओं वाले ग्राहक हैं, तो सहायता प्राप्त करें। कृपया ध्यान दें: यह कार्यक्रम आय पर आधारित नहीं है। मेडिकल बेसलाइन भत्ते के लिए आवेदन करें। मेडिकल बेसलाइन भत्ता के विषय में जानें।
प्ग&ए का ग्रीन सेवर कार्यक्रम चुनिंदा समुदायों में आय-योग्यता प्राप्त रिहायशी ग्राहकों को १००% सौर ऊर्जा अपना कर उनके बिजली के बिल पर २०% बचत करने में सक्षम करता है। ग्रीन सेवर कार्यक्रम विज़िट करें।
ऊर्जा बचत सहायता कार्यक्रम में नामांकन करके प्रकाश, मौसम, पानी की बचत के उपायों और अन्य जैसे बिना किसी लागत के उन्नयन के साथ अपने घर की ऊर्जा दक्षता में सुधार करें। ऊर्जा बचत सहायता कार्यक्रम पर जाएं।
घरों को गर्म करने या ठंडा करने में मदद।
मौसम-रोधक घरों के लिए मदद।
वे परिवार जो अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा बिजली पर खर्च करते हैं।
बुजुर्ग या विकलांग सदस्यों वाले परिवार।
तीन साल से कम उम्र के बच्चों वाले परिवार।
डायल २-१-१ लिहिप आय नियमों और संस्थाओं की सूची के लिए कैलिफोर्निया सामुदायिक सेवा और विकास विभाग पर जाएं।
किस्तें आपको आपकी वर्तमान राशि अगले कुछ महीनो तक १२ किस्तों तक के समय के लिए विस्तारित करने की अनुमति देती हैं।
विस्तार आपको बाद की तारीख में पूरी राशि का भुगतान करने की अनुमति देता है। बस उस तारीख को दाखिल करें जिस पर आप पूरी राशि का भुगतान करना चाहते हैं।
हम अपने ग्राहकों के लिए भरोसेमंद गैस एवं बिजली के महत्व को जानते हैं, इसीलिए हम वित्तीय सहायता कार्यक्रमों की पेशकश करते हैं। फरवरी २०२१ में, हम बकाया प्रबंधन योजना (एम्प) लॉन्च करेंगे जो अर्ह आवासीय ग्राहकों को उनके बिलों पर अदत्त बकाया धनराशि को कम करने में सहायता करने के लिए एक नया भुगतान योजना विकल्प है। यह जानने के लिए कि क्या आप एम्प, या आज आवेदन करने के लिए के लिए पात्र हैं, कृपया प्ग&ए अकाउंट में प्गे.कॉम पर लॉग इन करें या १-८००-७४३-५००० पर कॉल करें।
एम्प में कौन भाग ले सकता है?
प्ग&ए के वित्तीय सहायता कार्यक्रमों, कारे या फेरा में जरूर नामांकित होना चाहिए।
अपने गैस तथा बिजली के बिल पर कम से कम $५०० अथवा अधिक का, या अपने गैस बिल पर कम से कम $२५० अथवा अधिक का (केवल गैस के ग्राहकों पर लागू होता है) देनदार जरूर होना चाहिए।
पिछले ९० दिनों से अधिक का बकाया जरूर होना चाहिए।
कम से कम ६ महीने से प्ग&ए का ग्राहक जरूर होना चाहिए तथा कम से कम एक बार समय पर भुगतान किया होना चाहिए।
पात्रता की उपर्युक्त अपेक्षाएं पूरी करने के लिए अपना बिल पढ़ने के तरीके पर अतिरिक्त तरकीबें खोजें।
नेट एनर्जी मीटरिंग (नेम), मास्टर-मीटर्ड ग्राहक तथा सब-मीटर्ड किरायेदारों के साथ मास्टर-मीटर्ड ग्राहक फिलहाल एम्प में भाग लेने के पात्र नहीं हैं।
मैं कैसे नामांकन करूं?
चरण १: इस बात को निर्धारित करने के लिए कि क्या आप पात्र हैं, अरेअराज मैनेजमेंट प्लान (एम्प) बैनर देखें।
चरण १: अगर आप अरेअराज मैनेजमेंट प्लान (एम्प) के लिए पात्र हैं तो हमारी स्वचालित सेवा के ज़रिए आपको जानकारी दी जाएगी।
चरण २: एम्प के लिए पात्र ग्राहक हमारी स्वचालित नामांकन सेवा के ज़रिये फोन से आवेदन कर सकते हैं या हमारे कार्यक्रम और आवेदन प्रक्रिया से होकर गुजरने के लिए कस्टमर सर्विस रिप्रसेंटटिव (क्स्र) के पास स्थानान्तरित किया जा सकता है।
एक बार जब मैं एम्प में नामांकित हो जाता हूँ, मैं अपने नामांकन की जानकारी और वर्तमान स्थिति को कैसे जांचू?
चरण १: अपने प्ग&ए अकाउंट में प्गे.कॉम पर लॉग इन करें।
एम्प जनता के लिए कब उपलब्ध होगी?
प्ग&ए फरवरी २०२१ में एम्प लॉन्च करने की योजना बना रहा है।
एम्प किस तरह काम करती है?
आपके मौजूदा प्रभारों के समय पर हर भुगतान के साथ, नामांकन के समय एम्प आपके पात्र देनदारी कर्ज का १/१2 माफ कर देगा। आपके मासिक चालू प्रभारों के बारह भुगतान समय पर करने पर, आपके पात्र कर्ज का $८,००० तक माफ कर दिया जाएगा।
क्या एम्प के जरिए कर्ज माफी के लिए कोई ऊपरी सीमा अथवा अधिकतम धनराशि पात्र है?
हाँ, एम्प माफी के लिए किसी वर्ष में अधिकतम पात्र धनराशि $८,००० है।
क्या क्का के ग्राहक अभी भी एम्प में भाग लेने के पात्र हैं?
हाँ, क्का के ग्राहक जब तक कारे अथवा फेरा में नामांकित हैं, उपर्युक्त पात्रता संबंधी अपेक्षाएं पूरी करते हैं, तथा उनके क्का ने भाग लेने की सहमति व्यक्त की है, तब तक वे भाग लेने के पात्र हैं। अगर आपका क्का भाग ले रहा है, तो आपके प्ग&ए प्रभार तथा क्का प्रभार - दोनों ही इस कार्यक्रम के लिए पात्र होंगे।
यदि आपका क्का, एम्प की पेशकश न कर रहा हो, तो माफी के लिए केवल प्ग&ए का मासिक बिजली वितरण तथा ट्रांसमिशन प्रभार ही पात्र होंगे। आपके क्का के मासिक विद्युत उत्पादन प्रभार इस कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं हैं।
अधिक जानने के लिए, अपने प्रदाता से संपर्क करें।
क्या क्टा के ग्राहक एम्प में भाग लेने के लिए पात्र हैं?
हाँ, एम्प की पात्रता संबंधी अपेक्षाएं पूरी करने वाले कोर ट्रांसपोर्ट एजेंट (क्टा) ग्राहक एम्प में भाग ले सकते हैं। फिर भी, माफी के लिए केवल प्ग&ए के मासिक गैस वितरण तथा ट्रांसमिशन प्रभार ही पात्र होंगे। आपके क्टा के मासिक गैस प्रभार इस कार्यक्रम के लिए पात्र नहीं हैं।
क्या डा के ग्राहक एम्प में भाग लेने के लिए पात्र हैं?
हाँ, एम्प की पात्रता अपेक्षाएं पूरी करने वाले आवासीय डायरेक्ट एक्सेस (डा) ग्राहक एम्प में भाग ले सकते हैं। फिर भी, केवल प्ग&ए के बिजली वितरण तथा ट्रांसमिशन प्रभार ही पात्र होंगे। किसी डा कार्यक्रम के ग्राहक अपने बिजली सेवा प्रदाता (एस्प) के बिजली कमोडिटी प्रभारों के लिए जिम्मेदार बने रहेंगे।
क्या मैं अपने मौजूदा एम्प कार्यक्रम में नया कर्ज जोड़ सकता/सकती हूँ?
नहीं, एम्प में नामांकन अथवा बहाली पर या उसके बाद जारी किसी भी नए प्रभार का भुगतान करना आपकी ज़िम्मेदारी है तथा उसे आपके एम्प बकाए में नहीं जोड़ा जा सकता।
एम्प को पूरा करने के लिए कितने भुगतानों की जरूरत होती है?
$८,००० तक की आपकी पात्र कर्ज की धनराशि को माफ करने के लिए समय पर १२ मासिक भुगतान करने की जरूरत होती है।
यदि मैं कोई भुगतान न कर पाऊँ, तो क्या होगा?
जब तक आप मौजूदा बिल तथा चूके हुए भुगतान (भुगतानों), दोनों का अगली बिलिंग देय तिथि पर समय पर भुगतान करते हैं, तब तक आप दो गैर-क्रमिक भुगतानों को चूक सकते हैं। दो क्रमिक भुगतान करने में चूकने पर, अथवा १२वें भुगतान की अदायगी करने में विफल होने पर, आपको एम्प से स्वचालित रूप से हटा दिया जाएगा।
अगर मैं एम्प के लिए साइन अप करता/करती हूँ, मगर फिर मैं अपने नियमित मासिक भुगतानों को समय पर नहीं कर पाता/पाती, तो क्या होता है?
यदि आप समय पर बारह भुगतान करने से पहले एम्प भंग कर देते हैं, तो पहले से ही माफ किए जा चुके कर्ज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। फिर भी, आपका शेष कर्ज माफ किए जाने के लिए पात्र नहीं होगा।
क्या मैं एम्प कार्यक्रम पूरा करने के बाद फिर से साइन अप कर सकता हूँ?
जब आप एम्प पूरा कर लेते हैं, तब आप १२ महीने की प्रतीक्षा अवधि के बाद दोबारा साइन अप करने के लिए पात्र हो जाते हैं।
क्या मैं किसी दूसरी भुगतान योजना में रहते हुए एम्प में नामांकन कर सकता/सकती हूँ?
हाँ, लेकिन आप एक समय में केवल एक भुगतान योजना में ही रह सकते हैं। यदि आप एम्प के लिए पात्र होते हैं, तो आपकी पिछली भुगतान योजना को आपके नए एम्प अनुबंध से बदल दिया जाएगा।
यदि मैं एम्प में नामांकित हूँ, तो क्या मैं रीच तथा लिहिप कार्यक्रमों में भी भाग ले सकता/सकती हूँ?
हाँ, आप रीच तथा लिहिप में भाग ले सकते हैं। एम्प में नामांकित रहने के दौरान लिहिप कार्यक्रम से कोई भी वित्तीय सहायता भुगतान (वचन) केवल मौजूदा प्रभारों पर लागू होगा।
यदि मैं एम्प में नामांकित हूँ तथा फिर लिहिप में नामांकन कराता/कराती हूँ, तो क्या मैं अपने पिछले बकाए का भुगतान करने के लिए लिहिप से वित्तीय सहायता भुगतान का प्रयोग कर सकता हूँ?
नहीं। आपका लिहिप भुगतान केवल भावी एनर्जी प्रभारों पर लागू होगा। यदि आप एम्प में नामांकित हैं, तो आपके लिहिप भुगतानों को एम्प कर्ज माफी के लिए पात्र किसी भी कर्ज की धनराशि पर लागू नहीं किया जा सकता।
प्ग&ए के पास प्रत्येक ग्राहक की वित्तीय परिस्थितियों को समायोजित करने के लिए कार्यक्रम हैं।
इन कार्यक्रमों में ऊर्जा के लिए कैलिफोर्निया वैकल्पिक दरें (कैलिफोर्निया आल्टरनेट रेट फॉर एनर्जी, कारे) और ऊर्जा बचत सहायता शामिल हैं।
पात्र ग्राहक अपने ऊर्जा बिलों में महत्वपूर्ण रूप से बचत कर सकते हैं।
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अमेठी १५ जनवरी २०२०, जिलाधिकारी अरुण कुमार व्यवश्था मे सुधार लाने के लिए लगातार कार्यालयो का औचक निरीक्षण करते देखे जा रहे है डी एम ने आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भादर का निरीक्षण किया।
डी एम अरूण कुमार को निरीक्षण के दौरान डॉ राजन पाठक अनुपस्थित मिले जिस पर जिलाधिकारी ने उनका एक दिन का वेतन रोकने के साथ स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने सीएससी में ओपीडी खुलने की जानकारी ली साथ ही डेंटल सर्जन, औषधि वितरण कक्ष, औषधि भंडारण कक्ष, नेत्र सर्जन कक्ष, एक्स-रे कक्ष, महिला वार्ड, जेई/एईएस वार्ड सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण किया।
जिलाधिकारी ने जेई/एईएस वार्ड में गंदगी देखकर अधीक्षक को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने गोल्डन कार्ड प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद मरीजों से दवाई सहित अन्य सुविधाओं के मिलने की जानकारी ली।
निरीक्षण के क्रम मे जिलाधिकारी अरुण कुमार ने ब्लॉक भादर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान खंड विकास अधिकारी सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी बिना पूर्व सूचना के नदारद रहने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए बीडियो सहित १३ कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी बुधवार को जन सुनवाई के उपरांत ब्लॉक भादर का औचक निरीक्षण करने पहुंचे डीएम ने लापरवाह अधिकारियों/कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई साथ ही अनुपस्थित रहने पर खंड विकास अधिकारी रामकृष्ण पांडे सहित संतोष कुमार शुक्ल पंचायत एडीओ पंचायत, मोइज उल्ला खां एडीओ कोआपरेटिव, शिव बहादुर सिंह एडीओ आईएसबी, अमरीश मिश्रा एडीओ एस के, अशोक कुमार सिंह लेखाकार तथा तकनीकी सहायक अरविंद कुमार पांडे, शिव कुमार यादव, अरुण कुमार, देवेंद्र श्रीवास्तव, आशुतोष ओझा, शिव कुमार तिवारी, लाल बहादुर का एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए साथ ही वरिष्ठ सहायक अखिलेश कुमार शुक्ला का भी एक दिन का वेतन रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए,
वही खंड विकास अधिकारी ने बताया कि सहायक कार्यक्रम अधिकारी प्रतिदिन ब्लॉक नहीं आते हैं जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए दिनेश प्रताप सिंह सहायक कार्यक्रम अधिकारी की संविदा सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री आवास, मुख्यमंत्री आवास की प्रथम, द्वितीय व तृतीय किस्त जारी होने की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि १५ मई २०१९ को मुख्य विकास अधिकारी द्वारा ब्लॉक का निरीक्षण किया गया था उसके बाद किसी भी अधिकारी द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया है। |
खतौली। देवबन्द में रेलवे लाइन पर ब्लॉक होने के कारण खतौली रेलवे स्टेशन पर शालीमार ओर उत्कल ट्रैन घण्टो खड़ी रही, जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जब इस घटना के बारे मे स्टेशन मास्टर से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि देवबन्द में रेलवे लाइन पर कुछ खराबी होने के कारण ब्लॉक लेने के बाद कुछ ट्रेनों को रोक दिया गया था। खतौली रेलवे स्टेशन पर शालीमार एक्स्प्रेस १९.२६ पर आने के बाद २०.५५ पर रवाना हुई । उससे पहले उत्कल एक्सप्रेस १७.४० पर आने के बाद १८.३७ पर रवाना हुई। जिसमें दोनो ट्रेन खतौली में घण्टो खड़ी रही। जिससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अनोखा मामला देश की राजधानी से महज १२० किमी दूर स्थित मुजफ्फरनगर शहर से सामने आया है, जहां शादी के मौके पर दहेज की जमकर नुमाइश की गई। इसके लिए विवाह स्थल के मेन गेट पर बाकायदा एक बैनर भी लगाया गया, जिसमें कार के लिए दी जा रही पूरी रकम की जानकारी दी गई। इतना ही नहीं बैनर पर ना केवल दूल्हा-दुल्हन का नाम प्रिंट कराया गया, बल्कि दूल्हे का फोटो तक लगा दिया गया। अब ये फोटो सोशल मीडिया पर पूरी तरह से वायरल हो रहा है और इस पूरे मामले की जमकर छीछलेदर भी हो रही है। पुरानी घास मंडी का है मामला दरअसल ये पूरा मामला सिविल लाइन थाना इलाके की पुरानी घास मंडी का है। जहां आफताब मैरिज हॉल के नाम से बैंकट है। २८ फरवरी को दिलनवाज़ और सीमा सलमानी का इसी बैंकट हॉल में निकाह हुआ है। लड़की पक्ष ने अपनी हैसियत के हिसाब से खूब दान-दहेज दिया है, जिसमें कार के लिए नकद रकम भी दी गई है। लड़की पक्ष ने लगवाया बैनर??? लड़की पक्ष की तरफ से कार ना देकर साढ़े सात लाख रुपये नकद दूल्हे पक्ष को बतौर दहेज दिया गया। लोगों के बीच अपना दिखावा करने की होड़ में लड़की पक्ष ने कुछ ऐसा कारनामा कर डाला कि अब उसकी जमकर जग-हंसाई हो रही है। |
असल न्यूज़: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर बेहद घातक साबित हो रही है। हर दिन आने वाले नए मामले रिकॉर्ड बना रहे हैं। अब वैज्ञानिकों का कहना है कि भारत में कोरोना के ताबड़तोड़ नए मामलों के पीछे सबसे बड़ी वजह इसके अलग-अलग वेरिएंट को पहचान न पाना हो सकता है। भारत में इन वेरिएंट्स को पता लगाने में देरी हो रही है जिसकी वजह से तबाही कई गुणा ज्यादा हो सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इससे न सिर्फ इलाज बल्कि वैक्सीन का असर भी प्रभावित हो सकता है।
सरकारी डेटा के मुताबिक, भारत अपने पॉजिटिव सैंपलों में से सिर्फ एक प्रतिशत को ही जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजता है। वहीं, ब्रिटेन कुल संक्रमितों के ८ प्रतिशत सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग करता है। बीते हफ्ते तो यूके में ३३ फीसदी सैंपलों को सिक्वेंस किया गया। अमेरिका में भी एक हफ्ते में आए ४ लाख नए मामलों के ४ फीसदी सैंपलों की जांच की गई।
बुधवार को भारत में कोरोना वायरस के १ लाख १5 हजार नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके बाद भारत में कोरोना वायरस के कुल मामले १.२८ करोड़ तक पहुंच गए हैं। अब भारत कुल संक्रमितों के मामले में सिर्फ ब्राजील और अमेरिका से पीछे है। भारत में महाराष्ट्र कोरोना का गढ़ बना हुआ है, जहां लगातार रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं।
बीते साल दिसंबर में अंतरराष्ट्रीय सफर कर आने वाले कुछ यात्रियों में कोरोना का यूके वाला वेरिएंट मिला था, जिसके बाद भारत ने राज्यों द्वारा संचालित १० लैबोरेटरी को मिलाकर एक कंजोर्शियम बनाया था ताकि पॉजिटिव सैंपलों की सिक्वेंसिंग की जा सके। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने ३० मार्च को एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जनवरी से मार्च के बीच देश में सिर्फ ११ हजार ६४ सैंपलों की ही सिक्वेंसिंग की गई, जोकि ०.६ प्रतिशत से भी कम है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में ३० मार्च तक कोरोना के यूके वेरिएंट वाले ८०७ केस, दक्षिण अफ्रीकी वेरिएंट वाले ४७ केस और ब्राजील के वेरिएंट वाला एक केस मिल चुका था।
खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने मंगलवार को ११ राज्यों के साथ मीटिंग के दौरान यह बताया था कि पंजाब में ८० फीसदी नए मामले कोविड-१९ के यूके वेरिएंट की वजह से हैं। उन्होंने बताया था कि जीनोम सिक्वेंसिंग से ही इसकी पुष्टि हुई है। उन्होंने यह भी कहा था कि शादियों, स्थानीय निकाय चुनावों और किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। |
नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हमारे देश हिंदुस्तान में इन दिनों लोनडाउन चल रहा है और जिसके लिए पूरे देशवासी हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ खड़े हैं और उनकी दी गई हिदायतों का पालन कर रहे हैं और आज हम आपको कुछ ऐसे जानकारी जानें देनें जा रहें हैं जिसके बारें में आप का जानना बहुत ही जरुरी हैं।
दोस्तों आपको बता दें की हैं यदि आपको कोरोना से लड़ना है तो आपको अपनी इम्यूनिटी पावर को बढ़ाना होगा क्योंकि कोरोना आज एक विश्वव्यापी खतरा बन चुका है डॉक्टरों का दावा है कि जिस व्यक्ति का इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है उसे कोरोना का खतरा अधिक बढ़ जाता है और साथ ही आपको बता दें की रोग प्रतिरोधक क्षमता हमें छोटी-मोटी बीमारियों से बचाकर रखते हैं और हमारे शरीर को प्रोटेक्ट करती है।
आपको बता दें कि बहुत से लोग बहुत जल्दी बीमार हो जाते हैं क्योंकि उनका इम्यूनिटी पावर सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है और वह लोग बदलते मौसम के साथ खांसी बुखार जुखाम जैसी समस्याओं से ग्रसित हो जाते हैं। आपको बता दें किरोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से हमारे शरीर में बीमारी होने का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है ज्यादातर है बच्चों में होता है।
१. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आपको अच्छी नींद लेनी चाहिए और आपको अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए टाइम पर सोना चाहिए और पूरी नींद लेनी चाहिए और आपको बता दें कि यदि आप रात में देर तक रखते हैं तो इसे आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती हैं और आपको कम से कम ८ से ९ घंटे तक सोना चाहिए।
२.आपको बता दें कि बहुत सी बीमारियां हमारे खान-पान से पैदा होती हैं अगर आप अपना खानपान अच्छा से नहीं खाएंगे तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाएगी और बीमारी आपको अपनी चपेट में ले लेगी। दोस्तों यदि आप अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरकरार रखना चाहते हैं तो आपको जंक फूड मीठी चीजें पैकेट बंद फास्ट फूड हां जी को बहुत कम कर देना चाहिए। आपको बता दें कि यह सब हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसान पहुंचाती हैं और अपनी प्रतिरोधक क्षमता भड़ाना चाहते हैं तो आपको फल फ्रूट और हरी सब्ज़ीयों का अधिक सेवन करे।
दोस्तों आप सभी से गुजारिश है कि यदि आपको हमारी दी गयी हिदायतें पसंद आए तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और आप हमारी पोस्ट पर लगातार बनी रहे। |
पृथ्वी के वायुमंडल में प्रक्षेपण और पुन: प्रवेश के दौरान रॉकेट का लगभग हर हिस्सा नष्ट हो जाता है। यह स्पेसफ्लाइट को वास्तव में महंगा बनाता है। कक्षा में एक किलोग्राम भी रॉकेट पहुंचाने में हजारों डॉलर का खर्च आता है। लेकिन क्या होगा अगर हम अपने पेलोड को सीधे कक्षा में रख सकें, और रॉकेट की बिल्कुल भी आवश्यकता न हो?
यह एक अंतरिक्ष लिफ्ट का विचार है, जिसे पहली बार १८९५ में रूसी रॉकेट वैज्ञानिक कोन्स्टेंटिन त्सोल्कोवस्की द्वारा परिकल्पित किया गया था। त्सोल्कोवस्की ने भूस्थिर कक्षा तक सभी तरह से एक टॉवर बनाने का सुझाव दिया, यह वह बिंदु है जहां एक उपग्रह ऊपर आकाश में गतिहीन दिखाई देता है। धरती। यदि आप अंतरिक्ष यान को ऊपर तक ले जा सकते हैं, और उन्हें उस टॉवर से मुक्त कर सकते हैं, तो वे एक छोड़े गए रॉकेट की कीमत के बिना कक्षा में होंगे। एक अंश अधिक ऊर्जा और वे सौर मंडल का पता लगाने के लिए पृथ्वी से दूर यात्रा करेंगे।
इस विचार के साथ प्रमुख दोष यह है कि टावर का पूरा भार नीचे के हर हिस्से पर संकुचित हो जाएगा। और पृथ्वी पर या ब्रह्मांड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है, जो इस तरह के संपीडन बल को संभाल सके। लेकिन विचार अभी भी समझ में आता है।
अंतरिक्ष लिफ्टों के बारे में नई सोच एक केबल का उपयोग करने का प्रस्ताव करती है, जो भूस्थैतिक कक्षा से परे फैली हुई है। यहां बाहरी अभिकेंद्र बल गुरुत्वाकर्षण बल का मुकाबला करता है, जिससे तार पूरी तरह से संतुलित रहता है। लेकिन अब हम हजारों किलोमीटर लंबी केबल की तन्यता ताकत के साथ काम कर रहे हैं।
कल्पना कीजिए कि शक्तिशाली ताकतें इसे अलग करने की कोशिश कर रही हैं। कुछ समय पहले तक, उन ताकतों का सामना करने के लिए पर्याप्त मजबूत सामग्री नहीं थी, लेकिन कार्बन नैनोट्यूब के विकास ने इस विचार को और अधिक संभव बना दिया है।
आप अंतरिक्ष लिफ्ट का निर्माण कैसे करेंगे? सबसे उचित विचार यह होगा कि किसी क्षुद्रग्रह को भूस्थिर कक्षा में ले जाया जाए - यह आपका प्रतिसंतुलन है। तब क्षुद्रग्रह पर एक केबल का निर्माण किया जाएगा, और उसे पृथ्वी की ओर उतारा जाएगा।
जैसे-जैसे केबल नीचे की ओर बढ़ती है, क्षुद्रग्रह पृथ्वी से आगे परिक्रमा करता है, सब कुछ संतुलन में रखता है। अंत में, केबल पृथ्वी की सतह पर पहुंचती है और एक ग्राउंड स्टेशन से जुड़ी होती है।
सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीनें अंतरिक्ष लिफ्ट से जुड़ी होती हैं और पृथ्वी की सतह से भूस्थिर कक्षा तक ऊपर चढ़ती हैं। यहां तक कि २०० किमी/घंटा की गति से यात्रा करने पर भी, पर्वतारोही को सतह से ३६, ००० किलोमीटर की ऊंचाई तक की यात्रा करने में लगभग १० दिन लगेंगे। लेकिन लागत बचत नाटकीय होगी।
वर्तमान में, भूस्थिर कक्षा में एक पेलोड भेजने के लिए रॉकेट की कीमत लगभग २५,००० डॉलर प्रति किलोग्राम है। एक स्पेस एलेवेटर २०० डॉलर प्रति किलो के हिसाब से समान पेलोड दे सकता है।
जाहिर है कि इस तरह के मेगास्ट्रक्चर से जुड़े जोखिम हैं। यदि केबल टूट जाती है, तो इसका कुछ हिस्सा पृथ्वी पर गिर जाएगा, और लिफ्ट में यात्रा करने वाले मनुष्य पृथ्वी के वैन एलन बेल्ट में हानिकारक विकिरण के संपर्क में आ जाएंगे।
पृथ्वी से एक अंतरिक्ष लिफ्ट बनाना हमारी तकनीक की सीमा पर है। लेकिन सौर मंडल में ऐसे स्थान हैं जो लिफ्ट बनाने के लिए और अधिक उपयोगी स्थान बना सकते हैं।
उदाहरण के लिए, चंद्रमा में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का एक अंश होता है, इसलिए व्यावसायिक रूप से उपलब्ध सामग्रियों का उपयोग करके एक लिफ्ट वहां काम कर सकती है। अंतरिक्ष लिफ्ट के लिए मंगल एक और बेहतरीन जगह हो सकती है।
कुछ भी हो, विचार पेचीदा है। और अगर कोई अंतरिक्ष लिफ्ट का निर्माण करता है, तो वे सौर मंडल की खोज को इस तरह से खोल देंगे जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
कार्ल सगन ने क्यों कहा कि हम स्टार स्टफ हैं?
ब्लॉग शनि के छल्ले किससे बने होते हैं?
ब्लॉग एक दूसरा ग्रह प्रॉक्सिमा सेंटॉरी की परिक्रमा करते हुए पाया गया हो सकता है! और यह एक सुपर अर्थ है।
हम अन्य ग्रहों को खोजने के लिए ट्रांजिट विधि का उपयोग करते हैं। पृथ्वी को खोजने के लिए कौन सी अलौकिक सभ्यताएँ पारगमन विधि का उपयोग कर सकती हैं? |
रीत सिलेबस २०२२: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान द्वारा निर्धारित रीत सिलेबस २०२२ नीचे विस्तार से दिया गया है। रीट नोटिफिकेशन २०२२ ११ अप्रैल २०२२ को जारी की गई है और रीट आवेदन प्रक्रिया २०२२, १८ अप्रैल २०२२ से शुरू होगी। जो उम्मीदवार रीट परीक्षा २०२२ के लिए उपस्थित होने की इच्छा रखते हैं, उन्हें रीट परीक्षा २३ और २४ जुलाई २०२२ के रूप में अपनी तैयारी शुरू करनी चाहिए। उम्मीदवारों को पेपर १ और २ और रीट परीक्षा पैटर्न के लिए रीट पाठ्यक्रम की जाँच शुरू करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे उस सामग्री की सीमा को समझते हैं जिसे उन्हें कवर करने की आवश्यकता है। इस लेख में, उम्मीदवार रीट पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न २०२२ के बारे में विस्तार से जानेंगे।
रीट एक शिक्षण पात्रता परीक्षा है जो राजस्थान शिक्षा बोर्ड द्वारा राजस्थान सरकार में स्कूल कक्षा ई- वी को पढ़ाने के लिए आयोजित की जाती है। रीट परीक्षा दो स्तरों के लिए आयोजित की जाती है, अर्थात स्तर ई और स्तर ई के लिए। इस परीक्षा को पास करने वाले उम्मीदवार केवल शिक्षण पदों के लिए ४६५०० तृतीय श्रेणी रिक्तियों के लिए आवेदन करने के लिए उपयुक्त होंगे जो जल्द ही समाप्त हो जाएंगे। परीक्षा को पास करने के लिए, आपको अच्छी तरह से सुसज्जित होना चाहिए और रीट पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न के साथ रणनीति तैयार करनी चाहिए। रीट परीक्षा २०२२ के लिए उपस्थित होने के इच्छुक सभी उम्मीदवारों को रीट पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न पता होना चाहिए।
उम्मीदवार थर्ड ग्रेड के लिए पात्र होने के लिए स्तर -१ और स्तर -२ परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक व्यक्ति जो दोनों स्तरों (कक्षा ई से व और कक्षा वि से वी) के लिए पढ़ाने का इरादा रखता है, उसे दोनों पेपर (पेपर ई और पेपर ई) में उपस्थित होना होगा। लेकिन परीक्षा में आने से पहले आपको रीट पाठ्यक्रम के बारे में विस्तार से जानना होगा। इससे उन्हें अपनी तैयारी की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
जो उम्मीदवार रीट परीक्षा को पास करना चाहते हैं, उन्हें उचित परीक्षा रणनीति के लिए रीट पाठ्यक्रम का पालन करना चाहिए। आपकी सुविधा के लिए, हमने आपको रीट २०२२ के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम प्रदान किया है। आप नीचे दिए गए सीधे लिंक से अनुभाग-वार पाठ्यक्रम पीडीएफ भी डाउनलोड कर सकते हैं।
बाल विकास वृद्धि एवं विकास की संकल्पना, विकास के विभिन्न आयाम एवं सिद्धान्त, विकास को प्रभावित करने वाले कारक (विशेष रूप से परिवार एवं विद्यालय के संदर्भ में ) एवं अधिगम से उनका संबंध।
वंशानुक्रम एवं वातावरण की भूमिका।
व्यक्तिगत विभिन्नताएँ अर्थ, प्रकार एवं व्यक्तिगत विभिन्नताओं को प्रभावित करने वाले कारक।
व्यक्तित्व संकल्पना, प्रकार व व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले कारक। व्यक्तित्व का मापन।
बुद्धि संकल्पना, सिद्धान्त एवं इसका मापन, बहुबुद्धि सिद्धान्त एवं इसके निहितार्थ।
विविध अधिगमकर्ताओं की समझ पिछड़े, विमंदित, प्रतिभाशाली, सृजनशील, अलाभान्वित-वंचित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चे एवं अधिगम अक्षमता युक्त बच्चे।
अधिगम का अर्थ एवं संकल्पना। अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।
अधिगम के सिद्धांत एवं इनके निहितार्थ।
अभिप्रेरणा व इसके अधिगम के लिए निहितार्थ।
शिक्षण अधिगम की प्रक्रियाएँ, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा २००५ के संदर्भ में शिक्षण अधिगम की व्यूह रचना एवं विधियाँ।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम २००९ अध्यापकों की भूमिका एवं दायित्व।
पर्यायवाची, विलोम, वाक्यांशों के लिए एक शब्द, शब्दार्थ, शब्द शुद्धि, उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय।
रेखांकित शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना, वचन, काल, लिंग ज्ञात करना। दिए गए शब्दों का वचन, काल और लिंग बदलना।
वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार, पदबंध, मुहावरे और लोकोक्तियाँ, विराम चिह्न।
भाषा की शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषा दक्षता का विकास।
भाषायी कौशलों का विकास (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना), हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियाँ, शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्य पुस्तक, बहु-माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन।
भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परिक्षण का निर्माण, समग्र एवं सतत मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण।
शब्दरूप-धातुरूप-कारक-विभक्ति-उपसर्ग-प्रत्यय-संधि-समास-लकार-सर्वनाम-विशेष्य-विशेषण-लिंग-संख्याज्ञानम्-समयज्ञानम्-अव्ययेषु प्रश्ना: ।
एकम् अपठितं पद्यांशम् वा श्लोकम् राजस्थानस्य इतिहास-कलां-संस्कृति आदिनाम् आधारीकृत्य निम्नलिखित-बिन्दुसम्बन्धिन: व्याकरण प्रश्ना: -सन्धि-समास-कारक-प्रत्यय-छन्द-लकारसम्बन्धिन: प्रश्ना: ।
विशेष्य-विशेषण-लिंगसम्बन्धिन: प्रश्ना: ।
संस्कृतानुवाद: स्वर-व्यंजन-उच्चारणस्थानानि, वाच्यपरिवर्तनम् (लट्लकार) अशुद्धिसंशोधनम् संस्कृत सूक्तय: ।
(ई) संस्कृत भाषा-शिक्षण-विधय: ।
(ई) संस्कृत भाषा-शिक्षण-सिद्धान्ता: ।
(ई) संस्कृत शिक्षणाभिरूचिप्रश्ना: ।
संस्कृतशिक्षणे-अधिगमसाधनानि, संस्कृतशिक्षणे सम्प्रेषणस्य साधनानि, संस्कृतपाठ्यपुस्तकानि।
संस्कृतभाषाशिक्षणस्य मूल्यांकन-सम्बन्धिन: प्रश्ना:, मौखिक-लिखितप्रश्नानाम प्रकारा: सततमूल्यांकनम उपचारात्मक-शिक्षणम्।
एक अपठित गद्यांश आधारित निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न :युग्म शब्द, वाक्यांश के लिए एक शब्द, शब्द शुधि, उपसर्ग, प्रत्यय, संधि, समास, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, लिंग, वचन, काल ।
वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के भेद, पदबंध, मुहावरे, लोकोक्तियाँ। कारक चिहन, अव्यय, विराम चिन्ह।
भाषा शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषायी दक्षता का विकास।
भाषायी कौशलों का विकास (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) शिक्षण अधिगम सामग्री-पाठ्य पुस्तक, बहु-माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन।
भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र एवं सतत् मूल्यांकन। उपचारात्मक शिक्षण।
एक करोड़ तक की पूर्ण संख्याएँ, स्थानीय मान, तुलना, गणितीय मूल संक्रियाएँ जोड़, बाकी, गुणा, भाग, भारतीय मुद्रा।
भिन्न की अवधारणा, उचित भिन्न, समान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, मिश्र भिन्न, असमान हर वाली उचित भिन्न की तुलना, भिन्न की तुलना, भिन्न की जोड़ व बाकी, अभाज्य एवं संयुक्त संख्याएँ, अभाज्य गुणनखण्ड, लघुत्तम समापवर्त्य, महत्तम समापवर्तक।
ऐकिक नियम, औसत, लाभ-हानि, सरल ब्याज।
समतल व वक्रतल, समतल व ठोस ज्यामितिय आकृतियाँ समतल ज्यामितिय आकृतियों की विशेषताएँ बिन्दु, रेखा, किरण, रेखा खण्ड, कोण एवं उनके प्रकार।
लम्बाई, भार, धारिता, समय, क्षेत्रमापन एवं इनकी मानक इकाइयां एवं उनमें संबंध वर्गाकार तथा आयताकार वस्तुओं के पृष्ठ तल का क्षेत्रफल एवं परिमाप।
गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति, पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता, गणित की भाषा, सामुदायिक गणित, आंकड़ों का प्रबंधन।
औपचारिक एवं अनौपचारिक विधियों द्वारा मूल्यांकन, शिक्षण की समस्याएँ, त्रुटी विश्लेषण एवं शिक्षण एवं अधिगम से संबंधित, निदानात्मक एवं उपचारात्मक शिक्षण।
परिवार आपसी संबंध, एकल एवं संयुक्त परिवार, सामाजिक बुराइयां (बाल विवाह, दहेज प्रथा, बालश्रम, चोरी), दुर्व्यसन (नशाखोरी, धूम्रपान) और इनके व्यक्तिगत, सामाजिक एवं आर्थिक दुष्परिणाम।
वस्त्र एवं आवास विभिन्न ऋतुओं में पहने जाने वाले वस्त्र, घर पर वस्त्रों का रख-रखाव, हस्त करघा तथा पावरलूम, जीव जंतुओं के आवास, विभिन्न प्रकार के मानव-आवास, आवास और निकटवर्ती स्थानों की स्वच्छता, आवास निर्माण हेतु विभिन्न प्रकार की सामग्री।
व्यवसाय अपने परिवेश के व्यवसाय (कपड़े सिलना, बागवानी, कृषि कार्य, पशुपालन, सब्जीवाला आदि), लघु एवं कुटीर उद्योग, राजस्थान राज्य के प्रमुख उद्योग एवं हस्तकलाएँ, उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता, सहकारी समितियां।
सार्वजनिक स्थल एवं संस्थाएं सार्वजनिक स्थल जैसे विद्यालय, चिकित्सालय, डाकघर, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक संपत्ति (रोड़ लाइट, सड़क, बस, रेल, सरकारी इमारतें आदि), विद्युत और जल का अपव्यय, रोजगार नीतियां, संसद, विधानसभा, राजस्थान के जिले एवं राजस्थान में पंचायती राज।
हमारी सभ्यता, संस्कृति राष्ट्रीय प्रतिक, राष्ट्रीय पर्व, राजस्थान के मेले एवं त्योहार, राजस्थान की वेशभूषा एवं आभूषण, राजस्थान का खान-पान, राजस्थान की वास्तुकला, राजस्थान के पर्यटन स्थल, राजस्थान की प्रमुख विभूतियाँ एवं गौरव, राजस्थान की विरासत (प्रमुख दुर्ग, महल, स्मारक) राजस्थान की चित्रकला, राजस्थान की लोकोक्तियाँ, राजस्थान के लोकदेवता।
परिवहन एवं संचार यातायात और संचार के साधन, सड़क पर चलने और यातायात के नियम, यातायात के संकेत, संचार साधनों का जीवन शैली पर प्रभाव।
अपने शरीर की देख-भाल शरीर के बाह्य अंग और उनकी साफ-सफाई, शरीर के आंतरिक भागों की सामान्य जानकारी, संतुलित भोजन की जानकारी और इसका महत्त्व, सामान्य रोग (आंत्रशोथ, अमियोबायोसिस, मेटहीमोग्लोबिन, एनीमिया, फ्लुओरोसिस, मलेरिया, डेंगू) उनके कारण और बचाव के उपाय, पल्स पोलियो अभियान।
सजीव जगत पादपों और जंतुओं के संगठन के स्तर, सजीवों में विविधता, राज्य पुष्प, राज्य वृक्ष, राज्य पक्षी, राज्य पशु, संरक्षित वन क्षेत्रों एवं वन्य जीव ( राष्ट्रीय उद्यान, वन्य जीव अभयारण्य,बाघ संरक्षित क्षेत्र, विश्व धरोहर) की जानकारी, पादपों तथा जंतुओं की जातियों का संरक्षण, कृषि पद्धतियां।
जल जल, वन, नमभूमि और मरुस्थल की मूलभूत जानकारी, विभिन्न प्रकार के प्रदुषण एवं इनका नियन्त्रण, जल के गुण, जल के स्त्रोत, जल-प्रबंधन, राजस्थान में कलात्मक जल स्रोत, पेयजल व सिंचाई स्रोत।
हमारी पृथ्वी व अंतरिक्ष सौर परिवार, भारत के अंतरिक्ष यात्री।
पर्वतारोहण पर्वतारोहण में कठिनाइयां एवं काम आने वाले औजार, भारत की प्रमुख महिला पर्वतारोही।
पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्र एवं संकल्पना पर्यावरण अध्ययन का महत्त्व, समाकलित पर्यावरण अध्ययन, पर्यावरण शिक्षा के अधिगम सिद्धांत, पर्यावरण अध्ययन का विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों के साथ अंतर्सम्बंध एवं क्षेत्र,
बहु विकल्प प्रश्नों का मापदण्ड कक्षा १ से ५ तक के राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम एवं शैक्षणिक सत्र २०१9-२० की प्रचलित पाठ्य पुस्तकों के आधार पर होगा, लेकिन प्रश्नों का कठिनाई स्तर सैकंडरी (कक्षा-१0) तक की पाठ्य पुस्तकों का होगा।
रीट पाठ्यक्रम २०२२ क्या है?
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट परीक्षा के पेपर १ और पेपर २ के लिए रीट पाठ्यक्रम २0२२ को अधिसूचित किया है। दो पेपर में परीक्षा का पूरा सिलेबस शामिल होता है। हमने रीट लेवल १ और लेवल २ के सिलेबस को विस्तार से देखा। उम्मीदवारों को अपनी तैयारी शुरू करने से पहले रीट पाठ्यक्रम से गुजरना चाहिए। इससे छात्रों को अपनी तैयारी की सही रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
रीट पाठ्यक्रम कौन निर्धारित करता है?
रीट परीक्षा का पाठ्यक्रम राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा शिक्षण पदों के लिए निर्धारित किया गया है। आधिकारिक अधिसूचना के साथ, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट पाठ्यक्रम जारी करता है।
क्या रीत का सिलेबस लेवल १ और लेवल २ के लिए समान है?
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्तर ई और स्तर ई शिक्षकों का चयन करने के लिए रीट परीक्षा आयोजित करता है। कक्षा पहली से पांचवीं (प्राथमिक शिक्षक) के शिक्षकों का चयन रीट स्तर १ के माध्यम से किया जाता है, जबकि कक्षा ६ से ८वीं (उच्च प्राथमिक पाठ्यक्रम) के शिक्षकों का चयन रीट स्तर २ के माध्यम से किया जाता है। हालांकि दोनों स्तरों में शामिल विषय लगभग समान हैं, हालांकि, इन स्तरों की कठिनाई अलग है।
क्या रीट का सिलेबस तीन महीने में खत्म करना संभव है?
हां, यदि आप प्रभावी ढंग से और समझदारी से तैयारी करते हैं तो आप रीट पाठ्यक्रम २०२२ को तीन महीने में पूरा कर सकते हैं। यदि आपके पास विषय की अवधारणात्मक समझ है, तो आप अभ्यास कर सकते हैं और अपने कौशल में सुधार कर सकते हैं। तीन महीनों में, सुनिश्चित करें कि आप बहुत सारे रीट मॉक टेस्ट का अभ्यास करते हैं ताकि आप जान सकें कि सभी प्रकार के प्रश्नों का सही उत्तर कैसे दिया जाए।
क्या रीट का पाठ्यक्रम यूपी टीईटी पाठ्यक्रम के समान है?
उम्मीदवारों को यूपी टीईटी पाठ्यक्रम और रीट पाठ्यक्रम में कोई बड़ा अंतर नहीं दिखाई देगा क्योंकि दोनों परीक्षाएं समान प्रश्न प्रारूप का उपयोग करती हैं। इसके अलावा, दोनों परीक्षाओं के विषय समान हैं। पेपर १ को दोनों परीक्षाओं के लिए पांच सेक्शन में बांटा गया है, जबकि पेपर २ को वैकल्पिक सेक्शन के साथ चार सेक्शन में बांटा गया है।
मैं रीट के पाठ्यक्रम की तैयारी कैसे कर सकता हूं?
मैं रीट पाठ्यक्रम पीडीएफ हिंदी में कैसे डाउनलोड कर सकता हूं?
गणित के लिए रीट पाठ्यक्रम क्या है?
गणित के लिए रीट के पाठ्यक्रम में सूचकांक, बीजगणितीय अभिव्यक्ति, पहचान कारक, समीकरण, रुचि, अनुपात और अनुपात, रेखाएं और कोण, समतल आंकड़े, समतल आंकड़ों का क्षेत्र, सतह क्षेत्र और आयतन, सांख्यिकी और ग्राफ जैसे विषय शामिल हैं।
सामाजिक विज्ञान के लिए रीट का पाठ्यक्रम क्या है?
सामाजिक विज्ञान के लिए रीट पाठ्यक्रम में भारतीय सभ्यता, संस्कृति और समाज, मौर्य और गुप्त साम्राज्य और उत्तर-गुप्त काल, मध्यकालीन और आधुनिक काल, भारतीय संविधान और लोकतंत्र, सरकार: संरचना और कार्य, पृथ्वी के मुख्य घटक जैसे विषय शामिल हैं। संसाधन और विकास के प्रकार, भारत के भूगोल और संसाधन, राजस्थान का भूगोल और संसाधन, राजस्थान का इतिहास और संस्कृति, शैक्षणिक मुद्दे १ और २। |
अगर आपका किसी बैंक में खाता है और आप बैंक से सम्बंधित कोई जानकारी रखते है तो आपने फिक्स्ड डिपोसित के बारे में सुना हो होगा।
अगर आप नही जानते तो आपको बता दू कि जब आप बैंक में एक निश्चित धनराशि एक निश्चित समय के लिए जमा जमा कर देते है तो इस प्रोसेस को फिक्स्ड डिपोसित कहा जाता है।
आज जब आप बैंक में अपना फिक्स्ड डिपोसित कराते है तो बैंक आपको उस पर ७ फीसदी से १५ फीसदी तक का ब्याज प्रदान करता है।
जब आप किसी बैंक में फिक्स्ड डिपोसित करते है तो आपको उसमे समय को भी मेंशन करना पड़ता है कि आप उस धनराशि को कब निकाल सकते है।
अगर किसी कारण बश आपको अपने पैसो की जरूरत पड़ जाती है तो आपको अपनी फिक्स्ड डिपोसित को तुडवाना पड़ता है जिससे आपको काफी नुकसान होता है।
अब बैंक आपको अपने उस फिक्स्ड डिपोसित पर लोन भी दे सकती है जिसके आपको अपनी फ़्द को तुडवाना नही पड़ता है।
अपने फिक्स्ड डिपोसित पर लोन लेने का एक और भी फायदा है कि इसमें आपको गारंटी के तौर पर किसी चीज़ को रखना नही होता है, फिक्स्ड डिपोसित पर लोन लेने के लिए आप अपनी फिक्स्ड डिपोसित की स्लिप को यूज़ कर सकते है। |
व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ व्ब हेल्थ उम्मीदवारों को १२ डिस्ट्रिक्ट एपिडेमिओलॉजिस्ट रिक्तियों के लिए आवेदन करने के लिए आमंत्रित कर रहा है। व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए, आप यहां आधिकारिक अधिसूचना देख सकते हैं और अंतिम तिथि से पहले आवेदन कर सकते हैं।
व्ब हेल्थ डिस्ट्रिक्ट एपिडेमिओलॉजिस्ट रिक्तियों के लिए १२ नौकरी के उद्घाटन के लिए उम्मीदवारों की तलाश कर रहा है। उम्मीदवार जो डिस्ट्रिक्ट एपिडेमिओलॉजिस्ट रिक्तियों की भूमिका के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ के लिए संपूर्ण विवरण और प्रक्रिया यहां देख सकते हैं।
व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ के लिए योग्यता म.स्क, म्स, म्फ है। दी गई योग्यता को पूरा करने वाले उम्मीदवार अंतिम तिथि से पहले नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं।
डिस्ट्रिक्ट एपिडेमिओलॉजिस्ट के लिए कुल रिक्तियां १२ है। योग्य उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से जा सकते हैं और नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। वेतन और चयन प्रक्रिया का पूरा विवरण नीचे दिया गया है।
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा / व्यक्तिगत साक्षात्कार / चिकित्सा परीक्षण / वॉकिन साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। एक बार एक उम्मीदवार का चयन हो जाने के बाद उन्हें व्ब हेल्थ में डिस्ट्रिक्ट एपिडेमिओलॉजिस्ट के रूप में रखा जाएगा।
आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि २१/१०/२०२२ है। नियत तारीख के बाद भेजे गए आवेदनों को कंपनी द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उम्मीदवारों को व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ के लिए २१/१०/२०२२ से पहले आवेदन करना होगा। वर__कम्पनी_नामी डिस्ट्रिक्ट एपिडेमिओलॉजिस्ट भर्ती २०२२ के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया नीचे दी गई है। आवेदन लिंक नीचे दिया गया है,
चरण ४: आवेदन के तरीके की जांच करें और व्ब हेल्थ भर्ती २०२२ के लिए आवेदन करें।
रोजगरलैइव - भारत का नंबर १ नौकरी साइट । यहाँ आप भारत में विभिन्न पदों के रिक्त पदों के लिए नवीनतम २०२२ सरकार के साथ ही प्राइवेट नौकरी भर्ती सूचनाएं पा सकते हैं। दोनों नवसिखुआ और अनुभवी के लिए कंपनी के शीर्ष नौकरी मिलती है । नौकरी तलाशने वालों, उपयोगी साक्षात्कार सुझाव प्राप्त सर्विस एवं साक्षात्कार सवाल और जवाब फिर से शुरू कर सकते हैं । साक्षात्कार की तैयारी के लिए उपयोगी है, जो नि: शुल्क ऑनलाइन परीक्षा का अभ्यास करें। नवीनतम रोजगार समाचार / रोजगार समाचार सूचनाएं प्राप्त करने के लिए हमारे साथ रजिस्टर । इसके अलावा ई-मेल के माध्यम से दैनिक नवीनतम मुक्त सरकार और अन्य सरकारी नौकरी अलर्ट प्राप्त करें। |
परिषद की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं, परीक्षाफल, प्रमाणपत्र/अंकपत्र में संशोधन, अपूर्ण अथवा रुके हुये परीक्षाफल को घोषित कराने, प्रमाणपत्र एवं अंकपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि निर्गत कराने, माईग्रेशन सर्टिफिकेट निर्गत कराने, उत्तर पुस्तिकाओं की स्क्रूटिनी कराने, आदि सम्बन्धी विविध कार्याे हेतु परिषद के निम्नांकित क्षेत्रीय कार्यालयों से सीधे सम्पर्क किया जाय।
१. विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी विभागों/संस्थाओं के संस्थाधिकारियों को एवं नियोक्ताओं को विशेष रुप से निर्देशित किया जाता है कि वे अपने यहां नियुक्त अध्यापकों/कर्मचारियों अथवा संस्था में प्रवेश लिये छात्र-छात्राओं के वर्ष २००३ से २०२० तक के शैक्षिक विवरणों का सत्यापन इस वेबसाइट पर उपलब्ध कराये गये परीक्षाफल से ही आनलाइन कराये ।
२. ऑफलाइन सत्यापन हेतु वर्ष २003 से पूर्व के वर्षों के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरणों को तथा इसके साथ ही वर्ष २003 से २0२0 के मध्य की परीक्षाओं कतिपय ऐसे छात्र-छात्राओं शैक्षिक विवरणों को जिनके आनलाइन अपलोड विवरणों में कोई आंशिक भिन्नता है, केवल ऐसे प्रकरणों के सत्यापन हेतु ही उन्हें परिषद के सम्बन्धित क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजा जाय। इन्हे सचिव, मााध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज न भेजा जाय ।
३. सचिव, मााध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज को केवल १९८६ से पूर्व के (परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के जनपदों हेतु १९८४ से पूर्व के) परीक्षा वर्षों के ही अभिलेख सत्यापन हेतु भेजे जांय ।
४. सम्बन्धित छात्र-छात्रा/अभ्यर्थी ने जिस जनपद से अपनी हाईस्कूल अथवा इण्टरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण किया है उसके शैक्षिक विवरणों को अर्थात उसके अंकपत्र/प्रमाणत्रों को उस जनपद से सम्बन्धित परिषद के क्षेत्रीय कार्यालयों को भेजा जाय ।
५. ऑफलाइन सत्यापन हेतु छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरणों से सम्बन्धित जो भी अभिलेख यथा उनके अंकपत्र/प्रमाणपत्र भेजे जांय उन्हे हाईस्कूल/इण्टरमीडिएट परीक्षावार, तदोपरांत परिषद के सम्बन्धित क्षेत्रीय कार्यालयों के अन्तर्गत आने वाले जनपदवार, इसके पश्चात परीक्षा वर्षवार एवं अनुक्रमांकवार छांटकर उन्हे अलग-अलग करके सुव्यवस्थित तरीके से परिषद के सम्बन्धित क्षेत्रीय कार्यालयों को सीधे भेजा जाय, जिससे समय से सत्यापन कार्य कराया जाना सम्भव हो सके ।
क्षेत्रीय कार्यालयों के नाम जनपदों के नाम जो सम्बन्धित क्षेत्रीय कार्यालय के अन्तर्गत आते हैं। परीक्षा वर्ष का विवरण जिनकी परीक्षाओ के परीक्षाफलों के रिकॉड्स सम्बन्धित क्षेत्रीय कार्यालयों में व्यवहृत किये जा रहे है।
उत्तरांचल राज्य के जनपद- हरिद्वार, देहरादून, उत्तरकाशी, टेहरी, पौढ़ी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनीताल, उधमसिंह नगर ।
नोट : उत्तरांचल राज्य के गठन के पश्चात वर्ष २००० से अविरल हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के इन जनपदों के रिकॉड्स उत्तरांचल बोर्ड द्वारा व्यवहृत किये जा रहे है। यद्यपि वर्ष २००१ तक उत्तरांचल राज्य के इन जनपदो की परीक्षायें मा०शि०प० प्रयागराज (इलाहाबाद) द्वारा ही आयोजित करायी गयी थीं । वर्तमान उत्तरांचल राज्य के इन सभी १३ जनपदों के वर्ष १९८६ से वर्ष १९९९ तक के रिकॉड्स क्षेत्रीय कार्यालय बरेली द्वारा व्यवहृत किये जा रहे है।
बहराइच, श्रावास्ती, गोण्डा, बलरामपुर, बस्ती, सन्तकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर वर्ष १९८६ से वर्ष २०१७ तक के रिकॉड्स। २०१७ में क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर के गठन के पश्चात वर्ष २०१८ की हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट परीक्षाओं के रिकॉड्स क्षेत्रीय कार्यालय गोरखपुर द्वारा व्यवहृत किये जा रहे है ।
५. गोरखपुर बहराइच, श्रावास्ती, गोण्डा, बलरामपुर, बस्ती, सन्तकबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर (कुल ११ जनपद) वर्ष २०१८ से वर्तमान वर्ष तक के रिकॉड्स। इन जनपदो के वर्ष २०१८ से पूर्व के वर्षों के अर्थात २०१७ से १९८६ तक के रिकॉड्स क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी द्वारा व्यवहृत किये जा रहे हैं।
मुख्यालय प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय बरेली, प्रयागराज, वाराणसी एवं गोरखपुर के अन्तर्गत आने वाले समस्त ५८ जनपद, तथा उत्तरांचल राज्य के समस्त १३ जनपद। १९२३ से १९८५ तक के रिकॉड्स।
क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ अन्तर्गत आने वाले समस्त १७ जनपद। १९२३ से १९८३ तक के रिकॉड्स। |
न्यूज़ डेस्क। पीएम नरेन्द्र मोदी ने २५ नवंबर को उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि २१वीं सदी का नया भारत आज सर्वश्रेष्ठ आधुनिक बुनियादी ढांचे में से एक का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा, बेहतर सड़कें, बेहतर रेल नेटवर्क, बेहतर एयरपोर्ट ये सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स ही नहीं होते बल्कि ये पूरे क्षेत्र का कायाकल्प कर देते हैं, लोगों का जीवन पूरी तरह से बदल देते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तरी भारत का लॉजिस्टिक्सगेटवे बनेगा। उन्होंने कहा कि यह इस पूरे क्षेत्र को नेशनल गतिशक्ति मास्टरप्लान का एक सशक्त प्रतिबिंब बनाएगा।
प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के विकास के आर्थिक प्रभाव को लेकर कहा कि हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान रोजगार के हजारों अवसर बनते हैं। हवाई अड्डे को सुचारु रूप से चलाने के लिए भी हजारों लोगों की आवश्यकता होती है। इसलिए यह हवाई अड्डा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को नए रोजगार भी देगा। उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक बाद, पहली बार उत्तर प्रदेश को वह मिलना शुरु हुआ है, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से, आज उत्तर प्रदेश देश के सबसे कनेक्टेड क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। उन्होंने कहा कि नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के बढ़ते विमानन क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा और विमानों के रखरखाव, मरम्मत और संचालन का एक प्रमुख केंद्र होगा। श्री मोदी ने बताया कि मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल के लिए ४० एकड़ में एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) प्रतिष्ठान का निर्माण किया जा रहा है है, जिससे सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा। आज भारत विदेशों में इन सेवाओं को प्राप्त करने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च करता है।
उन्होंने आने वाले एकीकृत मल्टी-मोडल कार्गो हब पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे लैंड-लॉक्ड राज्य में हवाई अड्डा बहुत उपयोगी होगा। यह हब अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद और बरेली जैसे औद्योगिक केंद्रों की सेवा करेगा। उन्होंने कहा कि खुर्जा कारीगरों, मेरठ खेल उद्योग, सहारनपुर फर्नीचर, मुरादाबाद के पीतल उद्योग, आगरा के जूते-चप्पल और पेठा उद्योग को आगामी बुनियादी ढांचे से काफी मदद मिलेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को अभाव और अंधकार में बनाए रखा, पहले की सरकारों ने जिस उत्तर प्रदेश को हमेशा झूठे सपने दिखाए,वही उत्तर प्रदेश आज राष्ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय छाप छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में और केंद्र में पहले जो सरकारें रहीं, उन्होंने कैसे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास को नजरअंदाज किया, उसका एक उदाहरण यह जेवर हवाई अड्डा भी है। श्री मोदी ने कहा कि दो दशक पहले उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस प्रोजेक्ट का सपना देखा था,लेकिन बाद में यह हवाई अड्डा अनेक सालों तक दिल्ली और लखनऊ में पहले जो सरकारें रहीं, उनकी खींचतान में उलझा रहा। उत्तर प्रदेश में पहले जो सरकार थी उसने तो बाकायदा चिट्ठी लिखकर, तब की केंद्र सरकार को कह दिया था कि इस हवाई अड्डे के प्रोजेक्ट को बंद कर दिया जाए। अब डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से आज हम उसी हवाई अड्डे के भूमिपूजन के साक्षी बन रहे हैं।
नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में यमुना एक्सप्रेसवे अंतर्राष्ट्रीय विकास प्राधिकरण के जेवर में १,३३४ हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग ७२ किमी, नोएडा से लगभग ५२ किलोमीटर, आगरा से लगभग १30 किलोमीटर और दादरी स्थित मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स हब से लगभग ९० किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा।
हवाई अड्डा रणनीतिक रूप से सभी दिशाओं में उत्कृष्ट पहुंच वाली सड़कों के साथ स्थित है। यहां ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ने वाला १०० मीटर चौड़ा यमुना एक्सप्रेसवे है। १०० मीटर चौड़ा वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, फॉर्मूला-१ ट्रैक पर यमुना एक्सप्रेसवे से होकर गुजरता है और पलवल, मानेसर, गाजियाबाद, बागपत एवं मेरठ को जोड़ता है।
अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें। |
शब्बीर अहमद, भोपाल / दिनेश शर्मा, सागर। मध्यप्रदेश की सागर नगर कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी भंग कर दी गयी है. नगर अध्यक्ष रेखा चौधरी को भी बर्खास्त कर दिया गया है। कमलनाथ के कहने पर कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया। कुछ दिन पहले सागर के वयोवृद्ध नेता अरुणोदय चौबे ने पार्टी छोड़ दी थी।
नगर संसद अध्यक्ष रेखा चौधरी ने लगभग ११ वर्षों तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। इनसे निजात पाने के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं। उनके अपदस्थ होने के बाद, कांग्रेस में एक नया अध्यक्ष घोषित करने के लिए पैरवी शुरू हुई। नेशनल असेंबली के संगठन प्रभारी संसदीय उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने एक पत्र जारी किया। |
एक्सप्ल्र्जर आप्प क्या है (व्हेट इस एक्सप्ल्र्जर आप्प इन हिन्दी) यह एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। जिसे अभिनेता सोनू सूद ने लॉन्च किया है। एक्सप्ल्र्जर आप्प उन लोगो के लिए बहुत ही शानदार है, जिन लोगो को ट्रेवल करना पसंद है। हालाकिं इसमें बहुत से ऐसे फीचर्स को ऐड किया गया है, जो की अभी तक किसी भी सोशल मीडिया आप्प के अंदर नहीं है।
एक्सप्ल्र्जर आप्प एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म है। जिसकी मदद से आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जुड़ सकते है, जो पहले से ही एक्सप्ल्र्जर आप्प का उपयोग कर रहे है। इसके अलावा इस एप्प का सबसे शानदार फीचर्स उन लोगो के लिए है, जिन लोगो को घूमना बहुत ज्यादा पसंद है। इस एप्प में आपको मेनू में पॉपुलर प्लेसेस का एक ऑप्शन मिल जाता है, जहाँ आपको आपके पास के ५ मिल्स से लेकर ५00 मिल्स तक के सभी पॉपुलर प्लेसेस को आप देख सकते है।
इसमें आपको आपको एक फ़िल्टर भी मिल जाती है, जिसकी मदद से आप चाहे तो ५ मिल्स या १० मिल्स पर सेलेक्ट करके पास के पॉपुलर प्लेसेस देख सकते है। एक्सप्ल्र्जर आप्प पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है, जो की आपकी बहुत सी गतिविधियों को आटोमेटिक ट्रेस करता है। यह एप्लीकेशन पूरी तरह से मेड इन इंडिया है, इसे बनने के लिए अन्य किसी भी देश की सहायता नहीं ली गयी है।
एक्सप्ल्र्जर आप्प लॉन्च होने के कुछ ही दिन बाद इसे ५० देशो में करीब ८ लाख से ज्यादा लोगो डाउनलोड भी कर लिया है। इस एप्लीकेशन पर बहुत समय से काम चल रहा है, जिसे जून ७, २०२२ को लॉन्च किया गया है। ऐसा इसलिए क्योकिं इसमें बहुत से शानदार फीचर्स है, जो की हमें अन्य किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म में देखने के लिए नहीं मिलते है।
यहाँ पर यूजर अपनी ट्रेवल गतिविधियों को ट्रेस करने के अलावा फोटो, वीडियो, और स्टोरी आदि को भी अपलोड कर सकते है। साथ ही आप एक्सप्ल्र्जर आप्प की मदद से पैसे भी कमा सकते है। जिसके बारे में हम निचे के लिए में जानेगे। उम्मीद है, की आपको एक्सप्ल्र्जर आप्प क्या है? इसके बारे में पता चल गया होगा।
सबसे पहले आपको अपने फ़ोन में प्ले स्टोर को ओपन करना है।
इसके बाद आपको सर्च बार में एक्सप्ल्र्जर आप्प लिखना है।
आपके सामने एक्सप्ल्र्जर आप्प आ जायेगी, आपको इंस्टाल के बटन पर क्लिक कर देना है।
जब आप डाउनलोड हो जायेगी, तो आपके सामने ओपन का बटन आ जायेगा।
आप ओपन के बटन पर क्लिक करके आप्प को ओपन कर सकते है, और अपना अकाउंट बना सकते है।
सबसे पहले आपको अपने फ़ोन में गूगल प्ले स्टोर को खोलना है, और उसके सर्च बार में एक्सप्ल्र्जर आप्प लिखकर सर्च करना है। आपके सामने एक्सप्ल्र्जर आप्प आ जाएगी, अब आपको इसे अपने फ़ोन में इंस्टाल कर लेना है। जैसे की आपको निचे स्क्रीनशॉट में दिखाया गया है।
आप्प इनस्टॉल करने के बाद आपके सामने आप्लिकेशन का पूरा एक डैशबोर्ड आ जायेगा, अगर आपका पहले से एक्सप्ल्र्जर आप्प पर अकाउंट है, तो आप अपना मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी डालकर लॉगिन कर सकते है। लेकिन यहाँ पर हम आप्प पर एक नया अकाउंट बना रहे है, तो इसके लिए आपको सिगनूप बटन पर क्लिक करना होगा।
जैसे ही आप सिगनूप बटन पर क्लिक करते है, आपके सामने एक नया पेज ओपन हो जाता है। इसके बाद आपको यहाँ पर आपने मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी डालनी है। इसके बाद आपको नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करना है।
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पासवर्ड डालने के बाद आप जैसे ही नेक्स्ट के बटन पर क्लिक करते है, तो आपके द्वारा डाले गए ईमेल या मोबाइल नंबर पर एक ओटप जाएगा। आपको यह ओटप यहाँ पर एन्टर करना है, और वेरीफी के बटन पर क्लिक करना है।
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इन्ही में से एक एक्सप्ल्र्जर भी है। अगर आपके पास एक मोनेटाइज ब्लॉग है, तो आप यहाँ से पैसे कमा सकते है। इसके अलावा अगर आपके पास एक आफीलीते मार्केटिंग का ब्लॉग है, तो भी आप यहाँ से अपने ब्लॉग पर ट्रैफिक भेजकर पैसे कमा सकते है।
जितिन भाटिया और सोनू सूद द्वारा एक्सप्ल्र्जर आप्प को जून ७, २०२२ को लॉन्च किया गया था।
नोट : यह लेख एक्सप्ल्र्जर आप्प क्या है? इसके बारे में था। जिसमे आपको इस एप्प से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में आपको बताया गया है। अगर आपका इस लेख से सम्बंधित कोई भी सवाल है, तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया इस लेख को अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, धन्यावद।
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अरमान कोई सीने में आग लगा देता है, एक ख्वाब आकर रातों को नींद उड़ा देता है, पूछता हूँ जिस से भी मंजिल का पता मैं, हर कोई रस्ता तेरे घर का बता देता है। प्यार दरिया है जिसका साहिल नहीं होता, हर शख्स मोहब्बत के काबिल नहीं होता, रोता है वो जो डूबा है किसी के प्यार में, और रोता वो भी है जिसे प्यार हासिल नहीं होता। अ..से..(अखिलेश).$स....'''''''''!
किस-किस को तू खुदा बनाएगी, किस-किस की तू हसरतें मिटाएगी, कितने ही परदे डाल ले गुनाहों पे, बेवफा तू बेवफा ही नजर आएगी। अ..से..(अखिलेश).$स....'''''''''!
ख़ामोशियाँ कभी बेवजह नहीं होती, कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते हैं। अ..से..(अखिलेश).$स....'''''''''!
भुला कर हमें क्या वो खुश रह पाएंगे, साथ में नही तो मेरे जाने के बाद मुस्कुरायेंगे, दुआ है खुदा से की उन्हें कभी दर्द न देना, हम तो सह गए पर वो टूट जायेंगे। अ..से..(अखिलेश).$स....'''''''''!
ज़िन्दगी में रिश्ते ख़राब होने की एक वजह ये भी है ! कि लोग ज़रा सा झुकना पसंद नहीं करते !! अ..से..(अखिलेश).$स....'''''''''! |
सिद्धार्थ मल्होत्रा की आने वाली फिल्मों और २०२१, २०२२ और २०२३ की रिलीज की तारीख के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख पढ़ें। उन्होंने २८ साल की उम्र में अपने अभिनय करियर की शुरुआत की, अब वह उद्योग में एक अग्रणी व्यक्ति हैं।
बॉलीवुड के युवा लंबे अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा ने खुद को युवा पीढ़ी के बीच एक मूल्यवान अभिनेता के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत २०१२ में आलिया भट्ट और वरुण धवन के साथ की थी और ये सभी आज सफल अभिनेता हैं।
सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्मों में स्टूडेंट ऑफ द ईयर (२०१२), हसी तो फासी (२०१४), एक विलेन (२०१४), ब्रदर्स (२०१५), कपूर एंड संस (२०१६), बार बार देखो (२०१६), इत्तेफाक (२०१७) से लेकर शेर तक शामिल हैं। शाह।। (२०२१) ने उन्हें बॉलीवुड का लीडिंग एक्टर बना दिया। वास्तविक जीवन के नायक, कारगिल युद्ध के नायक शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा की बायोपिक पर आधारित इस फिल्म ने सिद्धार्थ मल्होत्रा को एक अधिक मूल्यवान अभिनेता बना दिया।
रोहित शेट्टी और सिद्धार्थ मल्होत्रा एक अमेज़न प्राइम वीडियो ओरिजिनल कॉप-एक्शन वेब सीरीज़ के लिए हाथ मिलाएंगे, विवरण अभी आना बाकी है।
मिशन मजनू एक स्पाई थ्रिलर बॉलीवुड फिल्म है, दक्षिण फिल्म प्रेमी इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि फिल्म में सिद्धार्थ के साथ मुख्य अभिनेत्री के रूप में लेडी सुपरस्टार रश्मिका मंदाना हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म २०२२ के अंत तक नेटफ्लिक्स पर लाइव रिलीज होगी।
सिद्धार्थ मल्होत्रा के लिए यह एक बड़ी घोषणा है, क्योंकि वह करण जौहर की पहली एक्शन फिल्म फ्रेंचाइजी के प्रमुख हैं। राशी खन्ना और दिशा पटानी प्रमुख अभिनेत्री हैं।
मरजावां अभिनेता-निर्माता जोड़ी सिद्धार्थ मल्होत्रा और भूषण कुमार एक एक्शन थ्रिलर के लिए फिर से साथ आए हैं।
सिद्धार्थ मल्होत्रा ने एक सहायक निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया और अब वह इस फिल्म के साथ मुख्य निर्देशक के रूप में अपनी शुरुआत करेंगे, जहां मि. मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के बेटे जावेद अपना एक्टिंग डेब्यू करेंगे। |
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डेस्क्रिप्शन: डा. वी मोहन इन समयों में फैड आहार और त्वरित वज़न कमाने के कार्यक्रमों के कारण मधुमेह का फेरबदल विशेष रूप से सामाजिक मीडिया पर एक गर्म चर्चा का विषय बन गया है।
फैड आहार और त्वरित वज़न कमाने के कार्यक्रमों के इस दौर में मधुमेह का फेरबदल विशेष रूप से सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर गर्म चर्चा का विषय बन गया है। यद्यपि कुछ व्यक्तियों के लिए इस प्रकार का फेरबदल संभव है जो टाइप २ मधुमेह के रोगी हैं, परंतु टाइप १ मधुमेह फेरबदलीय नहीं है। तथापि मधुमेह के विपरिवर्तन के बारे में कई पहलू हैं, जिनसे लोग अवगत नहीं हैं।
यह एक उदाहरण है। मेरे रोगी में से एक ३५ वर्षीय आदमी को छह साल तक मधुमेह था। आरंभ में हमने उसे इंसुलिन के साथ गोलियां दीं क्योंकि उसकी चीनी की मात्रा बहुत अधिक थी। हमने उसे कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट आहार पर रखा, जिसके बाद उसका वजन दो वर्षों के दौरान १२३ किलो से ९९ किलो तक कम हो गया। उसने अपने मधुमेह को कम कर दिया। उसकी एचबीए१सी ८.४% से घटकर ५.४% हो गई। उसका उपवास का शर्करा ८३ म्ग/डल और उपवास के बाद का शर्करा ११0 म्ग/डल तक पहुंच गया। सभी एंटिडिबिटिक दवाओं को बंद कर दिया गया।
इसके बाद वह चारों ओर चला गया और सभी को बताया कि वह निरोगी है। उसने आगे की जांच के लिए आने से इंकार कर दिया। वह बिना किसी प्रतिबंध के भोजन करने चला गया। नौ महीने बाद वह बीमार हो गया और एक समीक्षा के लिए वापस आया। उसने १३ किलोग्राम कम कर लिया था। उसकी हबा१च ९.६% तक और उसकी रक्तचाप 32१ म्ग/डल तक हो गई थी. उसे अपनी मधुमेह दवाओं को फिर से शुरू करना पड़ा। मधुमेह का पुनरावर्तन हुआ था। मैंने ऐसे बहुत से लोगों को देखा है जिन्होंने विभिन्न फेड आहारों और उलटी कार्यक्रमों का प्रयास किया है, जिनकी मधुमेह अब उन दिनों की तुलना में बुरी है, जब उन्होंने ये कार्य-पद्धति शुरू की थी।
टाइप २ मधुमेह के प्राकृतिक इतिहास में (जैसे ग्राफ में दिखाया गया है), सामान्य ग्लूकोज सहन की अवस्था होती है, जिसके बाद मधुमेह पूर्व की अवस्था और अंत में मधुमेह होती है। यह प्रगति अच्छी तरह से ज्ञात है। कम-से-कम ज्ञात तथ्य यह है कि कुछ लोग भी विपरीत दिशा में जा सकते हैं- मधुमेह से पूर्व मधुमेह और सामान्य में।
अमरीकी मधुमेह एसोसिएशन के अनुसार मधुमेह के परिवर्तन का सही शब्द है मधुमेह का परिवर्तन। यद्यपि वे परस्पर-परिवर्तनीय रूप से प्रयोग किए जाते हैं, किंतु अर्थ में एक सूक्ष्म अंतर है। परिवर्तन से यह संकेत मिलता है कि मधुमेह कभी वापस नहीं आएगा। चूंकि यह दुर्लभ होता है, इस शब्द का अर्थ है छूट। यह एक कैंसर की तरह है जो रीमेशन में जा रहा है।
मधुमेह को कम करने के लिए कई उपचार विकल्प हैं। इनमें से एक जीवनशैली में बदलाव जो आमतौर पर कम कैलोरी वाले आहार (८०० कैलोरी/दिन) के माध्यम से होता है। इससे कैलोरी का ऋणात्मक संतुलन उत्पन्न होता है और यह तीव्र वजन कम करने में सहायक होता है। कम कार्बोहाइड्रेट आहार (१०% से कम) का भी व्यापक उपयोग किया जाता है। कम कार्बोहाइड्रेट आहार की समस्या यह है कि यह आहार में वसा की मात्रा में काफी वृद्धि कर सकता है जिससे खराब (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और इस प्रकार हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, कम कार्बोहाइड्रेट आहार हमारे देश में शायद ही सतत् है।
बदलने के प्रयासों के लिए आजकल विभिन्न प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जा रहा है। सबसे आम तौर पर मोबाइल फोन या एक प्रशिक्षक या मधुमेह शिक्षक का उपयोग किया जाता है, जो लोगों से संपर्क रखता है और उन्हें वजन कम करने और उनके जीवनशैली में परिवर्तन लाने के लिए प्रेरित करता है। इस प्रयोजन के लिए विभिन्न एप्लिकेशनों का उपयोग किया जाता है जो एक व्यक्ति द्वारा प्रतिदिन किए जाने वाले कदमों और/या आहार में कैलोरी की गणना करते हैं और व्यक्ति को मधुमेह को कम करने में मदद करने के लिए निरंतर पृष्ठपोषण प्रदान करते हैं। समस्या यह है कि बहुत ज्यादा प्रचार किया जाता है और झूठे बयान किए जाते हैं।
अधिकतर मामलों में, ह्रास गंभीर वजन के कारण होता है। यदि लोग सामान्य रूप से ऐसा करते हैं, जैसे कि वे अपना वजन पुनः प्राप्त करते हैं, तो मधुमेह प्रायः प्रतिशोध के साथ वापस आ जाता है। यद्यपि मेरे कुछ रोगियों ने कई वर्षों तक निदान की स्थिति बनाए रखी है, लेकिन अधिकतर लोगों में मधुमेह वापस आता है और उन्हें फिर दवाओं का सेवन करना पड़ता है। इस प्रकार, दीर्घकालिक सतत्ता परिवर्तन कार्यक्रमों में एक समस्या है।
पुनर्परिवर्तन एक वास्तविकता है। इसलिए उन लोगों के लिए, जिन्होंने ह्रास को कम कर लिया है, यह महत्वपूर्ण है कि वे अपना वजन कम करें और आहार और व्यायाम जारी रखें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चिकित्सक की नियमित मुलाकात अनिवार्य है, क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी करना अनिवार्य है। यह मानना गलत है कि व्यक्ति निरोगी है। यह कोई बात नहीं है अगर आप छूट प्राप्त नहीं कर रहे हैं। मेरे कुछ रोगियों ने ६० या ७० साल तक मधुमेह होने के बावजूद अपनी १००वीं वर्षगांठ मनायी है और जीवन भर अपने दवाओं को जारी रखा है। मधुमेह को नियंत्रित रखना और नियमित जांच करने के लिए जाना मधुमेह के बावजूद एक लंबे और स्वस्थ जीवन की कुंजी है। |
ग्वालियर। विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में इंजीनियर की छात्रा ने फांसी लागकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल पता नही चल सका है, लेकिन मृतका क्रिकेट मैच देखने के बाद कमरे में चली गई थी। पुलिस ने घटना स्थल का मौका मुआयना करने के बाद मर्ग कायम कर विवेचना प्रारंभ कर दी है।
होटल सीता मैनोर के पीछे बने बालाजी इन्कलेव में रहने वाले योगेश कम्ठान सहायक आबकारी अधिकारी हंै। योगेश की बेटी सुरभि उम्र २५ वर्ष एमआईटीएस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थी। बीती रात को किक्रेट का मैच देखने के बाद सुरभि अपने कमरे में चली गई और जब काफी देर के बाद भी उसके कमरे में कोई हलचल नही हुई तो परिजनों ने कमरे में झांककर देखा तो दंग रह गए। सुरभि का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। सुरभि ने अपने दुपट्टे से फांसी लगाकर आत्महत्या की थी, सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। सुरभि ने अचानक फांसी क्यों लगाई फिलहाल कारणों का पता नही चल सका है।
लेकिन सूत्र बताते हैं कि सुरभि को किक्रेट का मैच देखना पंसद था संभवत: उसने भारत की हार से दुखी होकर यह कदम उठाया होगा। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट आदि भी नहीं मिला है, पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना प्रारंभकर दी है।
बताया गया है कि बीते रोज वेस्टइण्डीज से भारत का मैच होने पर सुरभि ने परिजनों से कहा था कि यदि भारत मैच जीतेगा तो वह १०० रुपए का प्रसाद चढ़ाएगी और हार जाने पर जान दे दगी। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।
छात्रा ने अपने कमरे में फांसी लागकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस मामले की तहकीकात करने के बाद ही कारणों का खुलासा कर सकेगी। |
जाह्नवी की इन तस्वीरों पर फैंस के खूब कमेंट्स भी आ रहे हैं. उसके दोस्त ओरहान अवतारमणि ने टिप्पणी की, डिस्को व्यसनी। इसके अलावा कई फैंस उन्हें गॉर्जियस और ब्यूटी आइकॉन भी कह रहे हैं। जाह्नवी कपूर ने शनिवार को अपनी बहन खुशी कपूर की डेब्यू फिल्म द आर्काइव्स का टीजर जारी किया. फिल्म का निर्देशन जोया अख्तर ने किया है। इस पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने इसका कैप्शन दिया द कूल किड्स।
जाह्नवी ने द आर्काइव्स का एक पोस्टर भी शेयर किया है और अपनी बहन खुशी को बधाई देते हुए एक लंबा नोट लिखा है. उसने लिखा, क्या आप शांत रह सकते हैं मैं नहीं रह सकती आप लोग इसे करने के लिए महीनों से अथक परिश्रम कर रहे हैं। इन पात्रों को खोजें और इस यात्रा को जीना शुरू करें और इससे बाहर निकलें। मार्गदर्शन करने के लिए @ज़ोयाख्तर की तुलना में। मेरी बहन, मैं दुनिया को यह देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकती कि तुम अंदर और बाहर कितनी खूबसूरत हो। मैं तुमसे प्यार करता हूँ और काश मैं तुम्हारे साथ रह पाता।
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संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव व प्रौद्योगिकी पर दूत, अमनदीप सिंह गिल ने यह प्रकाशन जारी करते हुए कहा कि ये कहानियाँ "वास्तव में प्रेरणादायक हैं और इनसे पता चलता है कि जब आप लोगों, सही प्रक्रिया व तकनीक को एक साथ लाते हैं, तो कैसा जादू होता है."
ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउण्डेशन के अध्यक्ष, समीर सरन ने कहा, वास्तविक प्रगति तभी सम्भव है जब हमारे प्रयास समावेशी, हरित, समुदायों के नेतृत्व वाले व कुशल नीतियों एवं नेतृत्व द्वारा उत्प्रेरित हों यानि एक उभरती हुई, लेकिन विशिष्ट भारत की कहानी के सभी गुणों से ओत-प्रोत." |
बॉलिवुड में इन दिनों पेरेंट्स बनने का सिलसिला चल रहा है। एलिया भट्ट और रणबीर कपूर के बाद अब बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर पेरेंट्स बन गए हैं। बिपाशा बसु ने बेटी को जन्म दिया है। काफी समय से दोनों इस खुशखबरी का इंतजार कर रहे थे और अब फाइनली दोनों लाइफ की इस नई जर्नी को साथ में एंजॉय करने वाले हैं।
अगस्त में बिपाशा बसु और करण ने एक्ट्रेस की प्रेग्नेंसी की अनाउंसमेंट की थी। दोनों ने एक्ट्रेस की बेबी बंप की फोटोज शेयर की थीं जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं। वैसे उससे पहले से बिपाशा बसु की प्रेग्नेंसी की खूब खबरें आ रही थीं, लेकिन एक्ट्रेस ने तब कुछ नहीं कहा। वह कई इवेंट्स और पार्टीज में नहीं जाती थीं। एक इंटरव्यू के दौरान बिपाशा बसु ने कहा था कि वह और करण कोविड से पहले बेबी को लेकर प्लानिंग कर रहे थे, लेकिन फिर कोविड के बढ़ते मामलों की वजह से दोनों ने इस आइडिया को तब ड्रॉप कर दिया था। इसके बाद साल २०२१ में दोनों ने फिर ट्राई किया और फिर एक्ट्रेस प्रेग्नेंट हो गईं।
करण ने बिपाशा बसु के लिए स्पेशल बेबी शावर भी रखा था। इसमें कई सेलेब्स और परिवार वाले शामिल हुए थे। बेबी शावर की फोटोज सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थीं। इसके अलावा एक ट्रेडिशनल गोद भराई भी हुई थी जिसे दोनों ने परिवार वालों के साथ सेलिब्रेट किया।
बिपाशा बसु ने अपनी प्रेग्नेंसी का एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया था कि उनकी फिजिकली एक्टिव प्रेग्नेंसी नहीं रही है और उनका रुटीन भी काफी बदल गया था। लेकिन करण इस दौरान काफी सपोर्टिव रहे। करण उन्हें कुछ भी नहीं करने देते थे क्योंकि वह जानते थे कि प्रेग्नेंसी के दौरान बिपाशा बसु अच्छा महसूस नहीं कर रही थीं। वह उनके मूड स्विंग्स भी अच्छे से हैंडल करते थे और ज्यादा से ज्यादा समय बिपाशा के साथ बिताते थे। बिपाशा ने कहा था कि करण सिंह ग्रोवर जितने परफेक्ट पति हैं, वह जानती हैं कि आगे वह पिता भी बहुत अच्छे होंगे। |
बिटकॉइन मूल्य भविष्यवाणी बीटीसी $ १६.९क पर अटका हुआ है, क्या हम आज $ १७क से ऊपर जा रहे हैं?
बिटकॉइन इन्वेस्टर कॉहोर्ट्स के पास अब क्लोज कॉस्ट-बेसिस है, यह मार्केट के बारे में क्या कहता है?
अमेज़ॅन क्रिप्टो अफवाहें बीटीसी को $ ४०,००० से अधिक भेजती हैं, टीथर के अधिकारियों को आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ रहा है और इस साल बिटकॉइन की तुलना में अधिक लोगों ने ईथर का कारोबार किया है? इस सप्ताह क्रिप्टो में ये कहानियाँ और बहुत कुछ।
इस सप्ताह की शुरुआत में रिपोर्ट सामने आई कि अमेज़न था कथित तौर पर स्वीकार करने के लिए देख रहे हैं भविष्य में भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी। खबर के बाद, बिटकॉइन ४०,००० डॉलर से अधिक बढ़ गया, हालांकि बाद में यह पता चला कि शुरुआती रिपोर्ट अफवाहों पर आधारित थी और व्यापारिक उत्साह बाद में शांत हो गया। अमेज़न अभी नहीं देख रहा है बीटीसी स्वीकार करने के लिए।
लोकप्रिय स्थिर मुद्रा टीथर के पीछे कार्यकारी अधिकारी हैं संभावित रूप से आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ रहा है एक जांच के बाद जिससे पता चलता है कि उन्होंने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को धोखा दिया। न्याय विभाग (डीओजे) ने दावा किया है कि टीथर ने संभवतः इस तथ्य को छिपाकर बैंक धोखाधड़ी की है कि उसके लेनदेन बड़े पैमाने पर क्रिप्टो से जुड़े थे न कि यूएसडी से।
बिनेंसदुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एकके लिए काम कर रहा है असत्यापित के बीच गतिविधि सीमित करें उपयोगकर्ता। जो ग्राहक प्लेटफॉर्म के केवाईसी प्रोटोकॉल में शामिल नहीं होंगे वे करेंगे केवल अनुमति दी जाए ०.०6 बीटीसी वापस लेने के लिए, २ बीटीसी के पिछले आंकड़े से एक बड़ी गिरावट। जो ग्राहक सहायक दस्तावेज अपलोड करने के इच्छुक हैं, वे प्रतिदिन 1०० बीटीसी तक निकाल सकते हैं।
भुगतान प्रदाता पेपाल ने खुलासा किया कि कंपनी के सुपर ऐप वॉलेट का प्रारंभिक संस्करण कोड पूर्ण था और अगले कई महीनों में संयुक्त राज्य अमेरिका में वॉलेट पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। सुपर ऐप वॉलेट में उच्च उपज बचत, प्रत्यक्ष जमा राशि तक जल्दी पहुंच, संदेश भेजने की क्षमता और अतिरिक्त क्रिप्टो सुविधाएं होंगी।
वॉल स्ट्रीट निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स दायर एसईसी के साथ पहली बार डेफी ईटीएफ लॉन्च करने के लिए। फंड अपनी संपत्ति का कम से कम ८०% उन कंपनियों में निवेश करेगा जो ब्लॉकचेन तकनीक और वित्त के डिजिटलीकरण को आगे बढ़ाती हैं। एसईसी अब एक दर्जन से अधिक क्रिप्टो से संबंधित ईटीएफ अनुप्रयोगों की समीक्षा कर रहा है, जिनमें से कई पर देरी से निर्णय लिया गया है।
कोका-कोला बेच रहा है चार अपूरणीय टोकन (एनएफटी) की एक श्रृंखला जिसे विशेष ओलंपिक इंटरनेशनल को लाभान्वित करने वाली आय के साथ एकल संपत्ति के रूप में बेचा जाएगा। इस एनएफटी लॉन्च के लिए विशिष्ट विशेषता यह है कि डिजिटल संपत्ति को आभासी दुनिया में पहना जा सकता है डिसेंट्रलंड और कोका-कोला लॉन्च का जश्न मनाने के लिए मंच पर रूफटॉप पार्टी की मेजबानी भी करेगा।
ई-कॉमर्स दिग्गज शॉपीफी ने इसे संभव बनाया पात्र विक्रेताओं के लिए अपने प्लेटफॉर्म पर क्रेडिट या डेबिट कार्ड का उपयोग करके सीधे एनएफटी बेचने के लिए। नफ्ट की पेशकश करने वाले पहले शॉपीफी व्यापारियों में से एक शिकागो बुल्स होगा, जिसने एक एनएफटी विरासत संग्रह फ्रैंचाइज़ी के छह विश्व चैंपियनशिप के छल्ले की विशेषता।
दुनिया के कुछ सबसे बड़े क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों के आंकड़े बताते हैं कि २०२१ की पहली छमाही में ईथर ट्रेडिंग आगे निकल गई बिटकॉइन का. जबकि पहले छह महीनों के दौरान ईटीएच की मात्रा में १,४०० प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, बीटीसी तुलना में पिछड़ गया, उसी अवधि के दौरान परिसंपत्ति की ट्रेडिंग मात्रा में केवल ४८९ प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इस हफ्ते क्रिप्टो में यही हुआ है, अगले हफ्ते मिलते हैं।
एनएफटी के साथ क्या डील है?
देवकन४ वीडियो और तस्वीरें जारी! |
आज हम आपको एक ऐसी वीडियो से परिचय कराने जा रहे है जिसे देखने के बाद आप अपनी हंसी पर काबू नहीं कर पाएंगे जी हाँ सोशल मीडिया पर कई दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे सोशल मीडिया पर बार-बार देखा जा रहा है इस वीडियो में है कुछ ख़ास जिसे देखने के बाद आप होजाएंगे हंसी से लोट पॉट-आज कल शादियों का सीजन चल रहा है जिसमे कई ऐसी वीडियोस सामने आ रहे है जो बेहद वायरल हो रही है आइये आप भी देखिये इन वीडियोस को जिसे देखने के बाद होजाएंगे हंसी से लोटपोट।
दरअसल, ये तीनों दूल्हे के दोस्त होते हैं. वहीं जब आपकी नजर जयमाला की कुर्सी के पीछे जाती है तो आपको दिखेगा कि दूल्हा बेचारा यहां पर खड़ा हुआ है. दूल्हे के दोस्तों ने उसे उठाकर कुर्सी के पीछे खड़ा कर दिया है जिसके बाद दूल्हे का रिएक्शन देख कर हर कोई हंस रहा है आइये आप भी देखिये इस मजेदार वीडियो को जो इन दिनों हो रही है खूब वायरल। |
कदम - कदम बढ़ाये जा, ओमीक्रॉन ३,ग्रेटर नोएडा में जागरूकता संदेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रीमती गीता भाटी (प्र०अ०)राज्य पुरस्कार प्राप्त बे०शि०वि० उ०प्र०ने बताया कि अपने आस - पास के सभी जरूरत मंद बच्चों को स्टेशनरी वितरित कर उन्हें बहुत से जागरूकता संदेश दिए, अपने बुजुर्गो का सम्मान करना, संस्कारों से जुड़े रहना, आस - पास स्वच्छ्ता का महत्त्व, अपने जन्म दिवस पर हमेशा पौधे लगाना व सभी को मिलजुलकर रहना व सहयोग करना जैसे आदि संदेशो स रूबरू किया गया तथा सभी बच्चों ने अपने - अपने विचारों को रखा व प्रतियोगिता में हिस्सा लिया व सभी बच्चों ने हमेशा अपने देश के विकास के लिये एकजुट होकर राष्ट्र -हित की भावना के साथ जीवन में आगे बढ़ते रहना ही सच्चे नागरिक का कर्त्तव्य होता है। |
इथियोपिया से एक नदी का उद्गम होता है जो कोई ६४० किलोमीटर चल कर उत्तरी केनिया में अपनी यात्रा समाप्त करती है। अपने इस रास्ते में यह नदी कई नाटकीय पतले मोड़ों से गुजरती है जिसके फलस्वरूप कई झरने भी बनते हैं। इस नदी का आखिरी पड़ाव अनूठा है। जहां नदी समाप्त होती है वहां एक विशाल झील है जिसमें पानी के साथ साथ कीचड़ और तलछट ( सेडीमेंट ) भी जमा हुआ है। ऊपर से ज्वालामुखी की राख एक मोटी परत बना देती है। इस पर जब नदी का पानी गिरता है तो एक राजमार्ग सा बन जाता है। नदी का यह पानी झील की राख पर किसी बाज के विशाल पंजे को तरह फैल जाता है। देखने में यह सब रोमांच पैदा करता है। ऐसा लगता मानो किसी इंजीनियर ने बड़े जतन से मार्ग बनाया है। ज्वालामुखी के लावा की राख में बड़ी मात्रा में धोवन सोडा ( वाशिंग सोडा ) इस झील के पानी में मिला हुआ होता है।
उत्तर पश्चिम केनिया का यह हिस्सा पूर्णतः बंजर है इसमें बिरले लोग ही यात्रा कर पाते हैं। इस झील में विशालकाय मगरमच्छ रहते हैं पर वे मनुष्य पर हमला नहीं करते क्योंकि इस झील में बड़ी संख्या में नाइल पर्च नामक ९० किलो वजन वाली मछलियां भी होती हैं। मछलियों का शिकार कर मगरमच्छ अलाश्य के मारे पसरे रहते हैं जिनकी संख्या कोई १२०० से ज्यादा की है। सोडे के संपर्क से इनकी चमड़ी खुरदरी और भद्दी सी होने से आदमी इन मगरमच्छों का शिकार नहीं करता है। इस झील में मगर कोई दस लाख साल से भी अधिक समय से रह रहे है। मगरों के अलावा तुरकाना झील में कुछ पक्षी व हिप्पो भी रहते हैं। झील के आसपास के क्षैत्र में तकरीबन २० लाख साल पुराने दो पैरों पर चलने वाले जीवों के निशान भी पाए गए हैं जो लगता हैं कि आधुनिक मनुष्य के पूर्वज रहे होंगे। |
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभााग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना २०२२ में १४१ प्रकरणों में २१ करोड़ ८५ लाख रुपए की वसूली हो गई है। उन्होंने बताया कि १८ अक्टूबर तक विभाग द्वारा ३ हजार ४२० करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया है जो गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4६३ करोड़ रुपए से भी अधिक है। उन्होंने खनिज विभाग में जीरो रिमाइण्डर सिस्टम विकसित करने के निर्देश दिए हैं। एसीएस माइंस शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से माइंस विभाग की मासिक रिव्यू बैठक ले रहे थे। उन्होेंने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना, २०२२ अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के ३1 मार्च, 20२१ तक के प्रकरणों पर लागू की गई है। योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम ९० प्रतिशत व कम से कम ४० प्रतिशत तक की राहत दी गई है। जिन बकायादारों में केवल ब्याजराशि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनिज अभियंता व सहायक खनिज अभियंता द्वारा स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं। बकाया व ब्याजमाफी योजना २९ अगस्त को आदेश जारी कर ६ माह के लिए लागू की है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल मेें सर्वाधिक ५७ प्रकरणों में 1६ करोड़ १८ लाख, भीलवाडा सर्कल में ५ प्रकरणों में ३ करोड़ १० लाख, जयपुर सर्कल में १२ प्रकरणों में एक करोड़ ९१ लाख की वसूली हुई है। उन्होंने एमनेस्टी योजना के सभी प्रकरणों में संबंधित से संवाद कायम कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रेरित करने निर्देश दिए हैं। एसीएस ने राजस्व वसूली पर बताया कि विभाग द्वारा १८ अक्टूबर तक ३ हजार ४२० करोड़ ८२ लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया गया है जो कि गत वर्ष के अक्टूबर माह के २९५७.७२ करोड़ की तुलना में 4६३ करोड़ रु. अधिक है। राजस्व अर्जन में बीकानेर वृत आगे रहा हैं वहीं एमई एएमई कार्यालयों में टोंक एएमई ने लक्ष्यों के विरुद्ध 1६9 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की है। बीकानेर, बारां, जैसलमेर, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर, राजसमंद प्रथम, बिजौलिया और जयपुर ने लक्ष्यों के विरुद्ध सौ प्रतिशत से भी अधिक उपलब्धि हासिल की है।निदेशक माइंस प्रदीप गवांडे ने विभाग की राजस्व वसूली, एमनेस्टी योजना की प्रगति, बकाया प्रकरणों आदि के बारे में पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी। उप सचिव नीतू बारुपाल ने बकाया प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण को कहा। रिव्यू बैठक में विभागीय जांच, लोकायुक्त, न्यायालय के प्रकरणों के प्राथमिकता से निस्तारण और विधानसभा प्रश्नों, आश्वासनों के शीघ्र निस्तारण पर जोर दिया। |
चमोली। उत्तराखंड सरकार द्वारा संचालित महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर देहरादून और श्री हरि सिंह थापा स्पोर्ट्स कॉलेज पिथौरागढ़ में शैक्षिक सत्र २०२१-२२ में बालकों के लिए एथलेटिक्स, फुटबॉल, वॉलीबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, क्रिकेट और जुडो खेलों में कक्षा ६ में प्रवेश के लिए प्रारंभिक चयन बृहस्पतिवार को स्पोर्ट्स स्टेडियम गोपेश्वर में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून से आई टीम द्वारा लिया गया। ट्रायल में १० बालकों ने प्रतिभाग किया, जिसमें फुटबॉल में दिव्यांशु उनियाल, जूडो में वंश कठैत और अंशुल पंवार, हॉकी में प्रशांत नेगी, एथलेटिक्स में भारत भूषण और आयुष सिंह फरस्वाण का चयन अंतिम चयन ट्रायल के लिए किया गया। अंतिम चयन ट्रायल महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में ८ से १३ नवंबर तक आयोजित होगा। इस मौके पर खेल कार्यालय गोपेश्वर के विभागीय प्रशिक्षक रश्मि बिष्ट, कॉन्ट्रैक्ट प्रशिक्षक रमेश पंखोली, अजीत रावत, वरिष्ठ प्रशासनिक सहायक वीएस चौधरी, एनएस नेगी, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज रायपुर से चयन समिति में क्रिकेट प्रशिक्षक विनय सैनी, फुटबॉल प्रशिक्षक प्रकाश भट्ट, हॉकी प्रशिक्षक सुरेश बोंठियाल, बॉक्सिंग प्रशिक्षक ललित मोहन कुंवर और ग्राउंड स्टाफ रमेश पंवार, अनिल खंडूरी व प्रकाश ने ट्रायल कार्यक्रम संपन्न करवाया। |
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान यह नाम पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में है. अब आर्यन खान को देश में हर कोई जानने लगा है. लगभग २ महीने पहले ही वह २6 दिन के कारागार से वापस आए है. वह बेल पर जेल से बाहर है। आर्यन खान को जेल में इसलिए बंद किया गया था क्योंकि एक क्रू पार्टी में पुलिस ने इनके और इनके दोस्तों को हानिकारक चीजों का सेवन करते हुए पकड़ा था. इसी वजह से आर्यन खान को आज पूरा देश जानता है. आर्यन खान के जेल जानें के बाद।
वह सबसे ज्यादा इसलिए चर्चा में थे क्योकि वह शाहरुख खान के बेटे है. शाहरुख खान को दुनिया बॉलीवुड के किंग के नाम से जानती है। शाहरुख खान का फिल्म इंडस्ट्री में कितना नाम और इज्जत है वह सब जानते हैं. ऐसे में उनके सोशल मीडिया पर बहुत सारी फोटो और वीडियोस सामने आए थे. इसी बीच एक ऐसी वीडियो भी सामने आई थी जिसमे शाहरुख खान अपने बेटे के बारे में बात करते हुए नजर आए थे. आपको बता दें कि, शाहरुख खान के तीन बच्चे है. आर्यन खान शाहरुख और गौरी के बड़े बेटे हैं।
उनका जन्म १९९७ में हुआ था. इसके बाद उन्होंने बेटी सुहाना को सन २००० में जन्म दिया. इसके १३ साल बाद शाहरुख और गौरी ने बेटे अबराम को जन्म दिया था। वर्ष २०१७ में टेडेक्स टाल्क में शाहरुख ने लोगों की इस गलतफहमी पर बात की थी. शाहरुख ने बताया कि,आज से चार साल पहले मेरी पत्नी गौरी और मैंने तीसरा बच्चा करने का फैसला लिया था. उस वक्त लोग इस तरह का दावा कर रहे थे कि अबराम मेरे बड़े बेटे आर्यन का बच्चा है जो कि उस वक्त सिर्फ १५ साल का ही था।
जिस किसी ने भी यह झूठी खबर फैलाई उसने एक फेक वीडियो जिसमें आर्यन यूरोप में नजर आए, के सहारे यह दावा किया था। किंग खान शाहरुख ने यह भी बताया कि आर्यन खान को लेकर फ़ैल रही इस घटना से उनके घरवाले काफी परेशान हो गए थे. आर्यन खान भी उस समय इन ख़बरों से काफी हिल गए थे. शाहरुख कहते हैं- अब मेरा बेटा आर्यन १९ साल का है और आज भी अगर कोई उससे हेलो बोलता है, तो वह तुरंत पलटकर कहता है, भाई मेरा तो यूरोप का ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं बना है।
गौरतलब है कि, आर्यन खान पिछले साल ही ड्र्ग्स केस में अरेस्ट हुए थे. २३ साल के आर्यन खान को लंबी जदोजहद के बाद जमानत मिल पाई थी. उनके पिता ने देश के तमाम बड़े वकीलों की फ़ौज खड़ी कर दी थी. आर्यन के अरेस्ट होने के बाद से ही शाहरुख और उनका पूरा परिवार मीडिया से दूर है। कोई भी मीडिया के सामने आकर कुछ भी बोलने से बच रहा है. वही कई दिनों बाद हाल ही में शाहरुख अपने काम पर वापस लौटे हैं. जिस समय आर्यन खान को अरेस्ट किया गया था उस समय किंग खान दुबई में ही थे. आर्यन की जमानत शाहरुख खान की क्लोज फ्रेंड और जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री जूही चावला द्वारा दी थी।
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