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६ साल की बच्ची अपनी मां के लिए बनी मां | उपुक्लाइव
६ साल की बच्ची अपनी मां के लिए बनी मां
जो प्यार, करुणा और देखभाल का स्वभाव ईश्वर ने बेटियों को दिया है, वह बेटों को हासिल नहीं है। मां को ब्रेन हैमरेज हो जाने के बाद छह साल की मासूम ने जिस तरह से मां की देखभाल की, उसे देखकर लगता है कि मां असल में बेटी है और बेटी मां है। काई चेंगचेंग जब महज छह साल की थी, तो उसकी मां चेन ली को ब्रेन हैमरेज हो गया था। इसकी वजह से उनकी याददाश्त खराब हो गई।
बीते चार साल से अपनी मां को पढ़ना, लिखना और बोलना सिखाना ही काई की दिनचर्या का हिस्सा हो गया है। वह कहती है कि कभी मां ने मुझे पढ़ना, लिखना सिखाया था, अब मेरी बारी है कि मैं अपनी मां को पढ़ना लिखना सिखाऊं। मैं मां के लिए पढ़ाई किसी खेल की तरह सिखाती हूं, ताकि उनके लिए इसे समझना आसान हो जाए।
उदाहरण के लिए जब मैं उन्हें एपल के बारे में बताती हूं, तो उन्हें सेब देती हूं, ताकि वह इसे खाकर उसका स्वाद और उसके बारे में जान सकें। जब मैं रैबिट के बारे में बताती हूं, तो उन्हें खरगोश पकड़ने के लिए देती हूं।
काई के पिता एक छोटी सी दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण और पत्नी के इलाज का खर्च निकाल रहे हैं। इसलिए वह पत्नी की देखभाल के लिए ज्यादा समय नहीं निकाल पाते हैं। वहीं, बड़ा भाई काई लिंग ने हाई स्कूल में दाखिला लिया है, जिसकी वजह से वह भी मां की देखभाल नहीं कर पाता है। ऐसे में काई ही अपनी मां की देखभाल करती हैं।
वह मां को चीनी भाषा सिखाने के साथ ही उन्हें रोज समय पर दवाएं देना भी नहीं भूलती हैं। इसके साथ ही मां को जल्दी से ठीक करने के लिए वह फीजियोथैरेपी एक्सरसाइज कराती हैं। काई कहती हैं कि मां को हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी है और ठीक होने के लिए उन्हें लगातार समय पर दवाएं लेना जरूरी है। यदि कोई उन्हें याद नहीं दिलाए, तो वह दवा लेना ही भूल जाती हैं।
बीचे चार साल से काई लगातार कड़ी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद स्कूल में न सिर्फ अच्छे ग्रेड हासिल करती हैं, बल्कि लीडरशिप रोल भी निभाती हैं। मां के प्रति काई के समर्पण को देखते हुए स्थानीय सरकार ने उन्हें पुरस्कृत किया है और स्थानीय सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी ने भी उन्हें पहचान दी है। चीन की मीडिया उन लोगों के बारे में अक्सर समाचार दिखाती है, जो इस तरह के काम करते हैं।
उपुक्लाइव: ६ साल की बच्ची अपनी मां के लिए बनी मां |
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आज भी प्रासंगिक हैं गांधी के वैश्विक विचार - प्रवाकता.कॉम | प्रवक्ता.कॉम
आज भी प्रासंगिक हैं गांधी के वैश्विक विचार
गांधी के आदर्श विचार उनके निजी जीवन तक ही सीमित नहीं रहे। उन्होंने अपने आदर्श विचारों को आजादी की लड़ाई से लेकर समाज निर्माण जैसे जीवन के विविध पक्षों में भी आजमाया। उस समय लोग कहा करते थे कि आजादी के लक्ष्य में सत्य और अहिंसा नहीं चलेगी और न ही इससे सभ्य समाज का निर्माण होगा। लेकिन गांधी ने दिखा दिया कि सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर भी आजादी और समाज निर्माण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। आजादी के आंदोलन के दौरान गंाधी ने लोगों को संघर्ष के तीन मंत्र दिए-सत्याग्रह, असहयोग और बलिदान। उन्होंने खुद इसे समय की कसौटी पर कसा भी। सत्याग्रह को सत्य के प्रति आग्रह बताया। यानी आदमी को जो सत्य दिखे उस पर पूरी शक्ति और निष्ठा से डटा रहे। बुराई, अन्याय और अत्याचार का किन्हीं भी परिस्थितियों में समर्थन न करे। सत्य और न्याय के लिए प्राणोत्सर्ग करने को बलिदान कहा। अहिंसा के बारे में उनके विचार सनातन भारतीय संस्कृति की प्रतिध्वनि है। गांधी पर गीता के उपदेशों का व्यापक असर रहा। वे कहते थे कि हिंसा और कायरता पूर्ण लड़ाई में मैं कायरता की बजाए हिंसा को पसंद करुंगा। मैं किसी कायर को अहिंसा का पाठ नहीं पढ़ा सकता वैसे ही जैसे किसी अंधे को लुभावने दृश्यों की ओर प्रलोभित नहीं किया जा सकता। उन्होंने अहिंसा को शौर्य का शिखर माना। उन्होंने अहिंसा की स्पष्ट व्याख्या करते हुए कहा कि अहिंसा का अर्थ है ज्ञानपूर्वक कष्ट सहना। उसका अर्थ अन्यायी की इच्छा के आगे दबकर घुटने टेक देना नहीं। उसका अर्थ यह है कि अत्याचारी की इच्छा के विरुद्ध अपनी आत्मा की सारी शक्ति लगा देना। अहिंसा के माध्यम से गांधी ने विश्व को यह भी संदेश दिया कि जीवन के इस नियम के अनुसार चलकर एक अकेला आदमी भी अपने सम्मान, धर्म और आत्मा की रक्षा के लिए साम्राज्य के सम्पूर्ण बल को चुनौती दे सकता है। गांधी के इन विचारों से विश्व की महान विभुतियों ने स्वयं को प्रभावित बताया। आज भी उनके विचार विश्व को उत्प्रेरित कर रहे हैं। लोगों द्वारा उनके अहिंसा और सविनय अवज्ञा जैसे अहिंसात्मक हथियारों को आजमाया जा रहा है। ऐसे समय में जब पूरे विश्व में हिंसा का बोलबाला है, राष्ट्र आपस में उलझ रहे हैं, मानवता खतरे में है, गरीबी, भूखमरी और कुपोषण लोगों को लील रही है तो गांधी के विचार बरबस प्रासंगिक हो जाते हैं। अब विश्व महसूस भी करने लगा है कि गांधी के बताए रास्ते पर चलकर ही विश्व को नैराश्य, द्वेष और प्रतिहिंसा से बचाया जा सकता है। गांधी के विचार विश्व के लिए इसलिए भी प्रासंगिक हैं कि उन विचारों को उन्होंने स्वयं अपने आचरण में ढालकर सिद्ध किया। उन विचारों को सत्य और अहिंसा की कसौटी पर जांचा-परखा। १९२० का असहयोग आंदोलन जब जोरों पर था उस दौरान चैरी-चैरा में भीड़ ने आक्रोश में एक थाने को अग्नि की भेंट चढ़ा दी। इस हिंसक घटना में २२ सिपाही जीवित जल गए। गांधी जी द्रवित हो उठे। उन्होंने तत्काल आंदोलन को स्थगित कर दिया। उनकी खूब आलोचना हुई लेकिन वे अपने इरादे से टस से मस नहीं हुए। वे हिंसा को एक क्षण के लिए भी बर्दाश्त करने को तैयार नहीं थे। उनकी दृढ़ता कमाल की थी। जब उन्होंने महसूस किया कि ब्रिटिश सरकार अपने वादे के मुताबिक भारत को आजादी देने में हीलाहवाली कर रही है तो उन्होंने भारतीयों को टैक्स देने के बजाए जेल जाने का आह्नान किया। विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आंदोलन चलाया। ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर टैक्स लगाए जाने के विरोध में दांडी यात्रा की और समुद्र तट पर नमक बनाया। उनकी दृढ़ता को देखते हुए उनके निधन पर अर्नोल्ड टोनी बी ने अपने लेख में उन्हें पैगंबर कहा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक आइंस्टीन का यह कथन लोगों के जुबान पर है कि आने वाले समय में लोगों को सहज विश्वास नहीं होगा कि हांड़-मांस का एक ऐसा जीव था जिसने अहिंसा को अपना हथियार बनाया। हिंसा भरे वैश्विक माहौल में गांधी के विचारों की ग्राहयता बढ़ती जा रही है। जिन अंग्रेजों ने विश्व के चतुर्दिक हिस्सों में युनियन जैक को लहराया और भारत में गांधी की अहिंसा को चुनौती दी, आज वे भी गांधी के अहिंसात्मक आचरण को अपनाने की बात कर रहे हैं। विश्व का पुलिसमैन कहा जाने वाला अमेरिका जो अपनी धौंस-पट्टी से विश्व समुदाय को उपदेश देता है अब उसे भी लगने लगा है कि गांधी की विचारधारा की राह पकड़कर ही विश्व में शांति स्थापित की जा सकती है। सच तो यह है कि गांधी के शाश्वत मूल्यों की प्रासंगिकता बढ़ी है। गांधी अहिंसा के न केवल प्रतीक भर हैं बल्कि मापदण्ड भी हैं जिन्हें जीवन में उतारने की कोशिश हो रही है। अभी गत वर्ष पहले ही अमेरिका पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ह्वाइट हाउस में अफ्रीकी महाद्वीप के ५० देशों के युवा नेताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि आज के बदलते परिवेश में युवाओं को गांधी जी से प्रेरणा लेने की जरुरत है। गत वर्ष पहले अमेरिका की प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका ने महात्मा गांधी की अगुवाई वाले नमक सत्याग्रह को दुनिया के सर्वाधिक दस प्रभावशाली आंदोलनों में शुमार किया। याद होगा अभी कुछ साल पहले जाम्बिया के लोकसभा सचिवालय द्वारा विज्ञान भवन में संसदीय लोकतंत्र पर एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें राष्ट्रमंडल देशों के लोकसभा अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों ने शिरकत की। जाम्बिया की नेशनल असेम्बली के अध्यक्ष असुमा के. म्वानामवाम्बवा ने इस सम्मेलन के दौरान गांधी के सिद्धान्तों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि भारत के साथ हम भी महात्मा गांधी की विरासत में साझेदार हैं। उन्होनें बताया कि अहिंसा के बारे में गांधी जी की शिक्षाओं ने जाम्बिया के स्वतंत्रता आन्दोलन को बेहद प्रभवित किया। सच तो यह है कि अब गांधी के वैचारिक विरोधियों को भी लगने लगा है कि गांधी के बारे में उनकी अवधारणा संकुचित थी। उन्हें विश्वास होने लगा है कि गांधी के नैतिक नियम पहले से कहीं और अधिक प्रासंगिक और प्रभावी हैं और उनका अनुपालन होना चाहिए। गांधी जी राजनीतिक आजादी के साथ सामाजिक-आर्थिक आजादी के लिए भी चिंतित थे। समावेशी समाज की संरचना को कैसे मजबूत आधार दिया जाए उसके लिए उनका अपना स्वतंत्र चिंतन था। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में विषमता रहेगी, हिंसा भी रहेगी। हिंसा को खत्म करने के लिए विषमता मिटाना जरुरी है। विषमता के कारण समृद्ध अपनी समृद्धि और गरीब अपनी गरीबी में मारा जाएगा। इसलिए ऐसा स्वराज हासिल करना होगा, जिसमें अमीर-गरीब के बीच खाई न हो। शिक्षा के संबंध में भी उनके विचार स्पष्ट थे। उन्होंने कहा है कि मैं पाश्चात्य संस्कृति का विरोधी नहीं हूं। मैं अपने घर के खिड़की दरवाजों को खुला रखना चाहता हूं जिससे बाहर की स्वच्छ हवा आ सके। लेकिन विदेशी भाषाओं की ऐसी आंधी न आ जाए कि मैं औंधें मुंह गिर पड़ूं। गांधी जी नारी सशक्तीकरण के प्रबल पैरोकार थे। उन्होंने कहा कि जिस देश अथवा समाज में स्त्री का आदर नहीं होता उसे सुसंस्कृत नहीं कहा जा सकता। आज के दौर में भारत ही नहीं बल्कि विश्व समुदाय को भी समझना होगा कि उनके सुझाए रास्ते पर चलकर ही एक समृद्ध, सामथ्र्यवान, समतामूलक और सुसंस्कृत विश्व का निर्माण किया जा सकता है। आधुनिक भारतीय चिंतन प्रवाह में गांधी के विचार सार्वकालिक हैं। सच तो यह है कि गांधी भारतीय उदात्त सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत के अग्रदूत के साथ-साथ सहिष्णुता, उदारता और तेजस्विता के प्रमाणिक तथ्य हैं। सत्यशोधक संत भी हैं तो शाश्वत सत्य के यथार्थ समाज वैज्ञानिक भी। राजनीति, साहित्य, संस्कृति, धर्म, दर्शन, विज्ञान और कला के अद्भूत मनीषी भी तो मानववादी विश्व निर्माण के आदर्श मापदण्ड भी। सम्यक प्रगति मार्ग के चिंह्न भी तो भारतीय संस्कृति के परम उद्घोषक भी। गांधी के लिए वेद, पुराण एवं उपनिषद का सारतत्व ही उनका ईश्वर है और बुद्ध, महावीर की करुणा ही उनकी अहिंसा है। सत्य, अहिंसा, ब्रहमचर्य, अस्तेय, अपरिग्रह, शरीर श्रम, आस्वाद, अभय, सर्वधर्म समानता, स्वदेशी और समावेशी समाज निर्माण की परिकल्पना ही उनके जीवन का परम लक्ष्य है।
प्रेवियस भारत की मिट्टी की विशिष्टता और बंदा बैरागी
नेक्स्ट प्रदेश की मेधाशक्ति के हित में आदेश, जिस पर राजनीति होना तय है |
बाइट--०१-- जगराम (ग्रामीण श्रृद्धालु)
मेले में सदगुरु महराज के शिष्यों ने पहले साधू संतो को भोजन कराया गया फिर उन्हें भेंट में कम्बल दिया गया। वहीं इस अवसर पर जलौन के सांसद भानू प्रताप वर्मा भी मौजूद रहें और उन्होंने मीडिया से बातचित करते हुए कहा कि इस मेले में हम आते हैं क्योंकि सदगुरू महाराज में हमारी आस्थाह है।
बाइट--०२-- भानू प्रताप वर्मा (सांसद जालौन)
आपको बता दें कि हर साल सदगुरु महराज की समाधी स्थल पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। जहां देश-विदेश से सदगुरु महराज के भक्त पहुंचकर पुजा-अर्चना करते हैं । |
रांची। राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी द्वारा जारी पत्र को फर्जी बताया कि इस तरह के आरोप लगाने वालों को शर्म आनी चाहिए। नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जानना चाहा कि क्या बाबूलाल मरांडी को महाभारत के संजय की तरह दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई थी।
साथ ही बाबूलाल जिस चिट्ठी की बात कर रहे हैं क्या उसकी सत्यता सिद्ध कर पाएंगे। मंत्री ने कहा कि ऐसे में तो कल कोई भी व्यक्ति किसी पर भी कोई भी आरोप लगा दे सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने से पहले थोड़ी शर्म जरुर आनी चाहिए।
रांची : जनता के सामने भाजपा का असली चेहरा उजागर- झाविमो
सीपी सिंह ने बाबूलाल मरांडी को चुनौती देते हुए जांच कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि जांच का सामना करने के लिए उनकी पार्टी तैयार है। मंत्री ने कहा कि इस तरह किसी का चरित्र हनन करना उचित नहीं है। हम भी किसी का चरित्र हनन कर सकते हैं मगर ये हमारी पार्टी का संस्कार नहीं है। इस तरह का काम संस्कारहीन व्यक्ति ही कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति में इस तरह के संस्कारहीन लोग हैं जो इस तरह के काम कर रहे हैं।
लातेहार : बोरे की दीवार और कागज के छत में रहती...
डेक्कन क्रोनिकल पर ३० करोड़ रुपये के घोटाले में मामला...
साहिबगंज : बुनियादी सुविधाओं का संकट है आदिम समुदाय के...
कटक टी-२० : टेस्ट, वनडे में श्रीलंका को धूल चटाने...
निरसा : बेकाबू कार ने हाइवा को मारी टक्कर, पांच... |
प्रियंका वाड्रा ने चाय पर बुलाया तो अनिल बलूनी ने पहाड़ी व्यंजनों का तड़का लगाया ब्रेकिंग उत्तराखंड
प्रियंका वाड्रा ने चाय पर बुलाया तो अनिल बलूनी ने पहाड़ी व्यंजनों का तड़का लगाया
प्रियंका गांधी वाड्रा का ३५ लोधी एस्टेट वाला बंगला राज्य सभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख भाजपा अनिल बलूनी को आवंटित किया जा चुका है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ३५ लोधी एस्टेट के बंगले को छोड़ने से पहले बलूनी जी को चाय पर आमंत्रित किया
इसके प्रत्युत्तर में राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने पत्र लिख कर प्रियंका वाड्रा को उत्तराखंड के परम्परागत पहाड़ी भोजन पर आमंत्रित किया।
बताया गया कि बिना किसी सरकारी पद के प्रियंका गांधी २३ साल से इस बंगले पर अवैध रूप से काबिज थी इसलिए यह बंगला खाली करना पड़ा। लेकिन राजनेताओं की ऐसी नायाब आपसी कैमिस्ट्री से कार्यकर्ताओं को निश्चित रूप से सीख मिल सकती है।
प्रेवियस पोस्ट:जलागम की सभी योजनाओं में उत्तराखंड आए प्रवासी नागरिकों और बेरोज़गारों को भी जोड़ें
नेक्स्ट पोस्ट:दूधी को घास न समझें, इन रोगों की दिव्य औषधि है |
दाद (रिंगवर्म) एक प्रकार चर्म रोग है। जिसे डर्माटोफायोटासिस या टिनिया भी कहा जाता है। इसका अगर सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो यह एग्जिमा का रूप ले लेती है। जो कि दाद से ज्यादा खतरनाक त्वचा से जुड़ी बीमारी है।
जब मौसम बदलते हैं तो आपको स्किन से जुड़ी कई तरह की समस्याएं होती हैं। जैसे कि खुजली, दाग और दाद। दाद जिसे रिंगवॉर्म भी कहा जाता है, ये एक प्रकार का फंगल संक्रमण है जो आपकी त्वचा की ऊपरी परत पर विकसित होता है। आमतौर पर यह तीन तरह की फंगस के कारण होता है ट्राइकोफिटन, माइक्रोस्पोरम और एपिडर्मोफिटन। दाद आपके शरीर पर कहीं भी हो सकता है, जैसे चेहरे, हाथ, पैर, जांघ, पीठ, छाती, उंगली आदि। आइए जानते हैं इसके प्रकार, होने के कारण, लक्षण और रोकथाम के कुछ सरल उपाय। |
मदरसे में स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान का विरोध,सरकारी अनुदान बंदी के साथ देशद्रोह का मामला।विडिओ।। | मुंबई आस पास
गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के अरबिया एहले गर्ल्स स्कूल मैं राष्ट्रगान नहीं गाया जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार एक्शन में आ गई है और इस मदरसा प्रबंधन के इस कारस्तानी को गंभीर मानते हुए मदरसे का सरकारी अनुदान पूर्ण रूप से बंद कर दिया है इसके साथ स्थानीय पुलिस ने मदरसा प्रबंधन पर राष्ट्रद्रोह का मामला भी दर्ज किया है
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कोल्हुई थाना क्षेत्र के बड़ागो स्थित अरबिया एहले गर्ल्स कॉलेज मे स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराने का कार्यक्रम हुआ लेकिन एक समुदाय विशेष के लोगों ने इसके बाद राष्ट्रगान की जगह सारे जहां से अच्छा गीत गाने की सख्त हिदायत दी
इसी बात पर वहां उपस्थित कुछ अन्य शिक्षकों ने इसका विरोध किया वहीं इस पूरे मामले का वीडियो किसी ने बना लिया और इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया सोशल मीडिया पर यह मामला जोर-शोर से वायरल हुआ और राज्य सरकार के साथ स्थानीय पुलिस के भी तुरंत नजर में आ गया राज्य सरकार जहां इसे गंभीरता से लेते हुए उस मदरसे का सरकारी अनुदान बंद कर दिया है वहीं स्थानीय पुलिस ने मदरसा प्रबंधक के विरुद्ध देशद्रोह का मामला दर्ज किया है
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने का विरोध करना पड़ा महंगा, ओवैसी के पार्षद को एक साल की जेल
सनातन संस्था के प्रमुख को गिरफ्तार करने की मांग करनेवाले भ्रष्टाचारी राधाकृष्ण विखे पाटील को ही पहले गिरफ्तार करें ! |
कम से कम कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ तो दिलाएं जयराम: राणा - राजेन्द्र राना
कम से कम कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ तो दिलाएं जयराम: राणा
सुजानपुर: भाजपा के चुनावी दृष्टि पत्र पर अमल न करने व कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल के वरिष्ठता लाभ से वंचित रखने को लेकर सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जयराम सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी हितैषी होने का ढिंढोरा पीटने वाली जयराम सरकार ने कदम कदम पर कर्मचारियों के साथ छल किया है और वायदे न निभाकर कर्मचारियों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने वायदे के विपरीत कर्मचारियों को अनुबंध कार्यकाल की वरिष्ठता लाभ से भी वंचित रखा है, जबकि कमीशन के माध्यम से भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार ही भर्तियां की जाती हैं।
राजेंद्र राणा ने याद दिलाया कि वर्ष २००७ में भाजपा की तत्कालीन धूमल सरकार ने प्रदेश में ८ साल के अनुबंध कार्यकाल के आधार पर भर्ती करने का निर्णय लिया था तथा वर्ष २००९ में अधिसूचना जारी होते ही अनुबंध आधार पर पहली भर्ती की गई। वर्ष २०१२ में सत्ता से जाते-जाते उन्होंने अनुबंध का कार्यकाल ६ साल करने की घोषणा की थी। उसके बाद कांग्रेस की वीरभद्र सिंह ने सत्ता में आने के बाद वर्ष २०१४ में कर्मचारियों का अनुबंध कार्यकाल ५ साल तथा वर्ष 201६ में इसे घटाकर ३ साल कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने शासनकाल में कर्मचारियों को छलने व बरगलाने का ही काम किया है।
राणा ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकारों के साथ केंद्र में रहते हुए भी भाजपा नीत एन.डी.ए. सरकारों ने कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है जिसकी शुरूआत वर्ष २००३ में केंद्र की तत्कालीन एन.डी.ए. सरकार ने कर्मचारियों को धोखा देते हुए पैंशन बंद कर काले अध्याय लिखा था। उसके बाद अनुबंध पर नौकरियां देने का फैसला भाजपा सरकार ने ही लिया और अब जयराम सरकार ने ट्रिब्यूनल को बंद कर कर्मचारी विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से अनेकों वायदे किए थे जिनमें पैंशन को लेकर भी एक कमेटी गठित करने की बात कही थी। लेकिन सत्ता के नशे में मदहोश जयराम सरकार अब तक कमेटी गठित करने सहित किसी भी वायदे पर दृष्टि डालने में भी फेल साबित हुई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि चुनावी दृष्टि पत्र तो सरकार की नजर-ए-इनायत कब होगी और कर्मचारियों से किए वायदों को लेकर कब नींद से जागेगी, यह तो सरकार व मुख्यमंत्री ही जानें। लेकिन अनुबंध कार्यकाल का वरिष्ठता लाभ कर्मचारियों का जायज हक है जिसका लाभ देकर भाजपा की पूर्व केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा लिए कर्मचारी विरोधी फैसलों के दाग भाजपा के ऊपर से थोड़े बहुत जरूर धुल जाएंगे। उन्होंने कहा कि ४-९-1४ के बारे में भी भाजपा सरकार का कर्मचारियों से किया गया वायदा महज एक छलावा साबित हुआ है। कर्मचारी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दृष्टि पत्र में कर्मचारियों से वायदा किया था कि सत्ता में आने पर कर्मचारियों को ४-९-1४ का लाभ दिया जाएगा। लेकिन अब सरकार के २ साल पूरे होने को है लेकिन कर्मचारी अभी तक सरकार की तरफ टकटकी लगाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को वेतन आयोग के लाभों से भी वंचित रख रही है।
मनाली-रोहतांग मार्ग दलदल में तब्दील, प्रशासन ने रात को सफर न करने की हिदायत दी |
आईआईटी रुड़की ने लांच किया एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क - नवल टाइम्स
आईआईटी रुड़की ने लांच किया एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क
आईआईटी रुड़की ने दुनिया भर में रहने वाले अपने एलुमनी के साथ एक व्यापक संबंध स्थापित करने के लिए आईआईटी रुड़की एलुमनी का ग्लोबल नेटवर्क लांच किया है। यह संस्थान और उसके एलुमनी के एक व्यापक और सटीक एलुमनी डेटाबेस की जरूरत को पूरा करेगा।
इसके अलावा, कई एलुमनी एक ऐसे नेटवर्क की मांग कर रहे थे जो उन्हें एलुमनी को खोजने और उनके साथ जुड़ने में मदद कर सकता हो। साथ ही एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से संस्थान के साथ संवाद करने की सुविधा भी प्रदान करता हो। ग्लोबल नेटवर्क इस जरूरत को भी पूरा करने की कोशिश करेगा। यह ग्लोबल नेटवर्क, थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग से यूनिवर्सिटी ऑफ रुड़की और अब आईआईटी रुड़की की यात्रा को संजोकर रखने में योगदान देगा। वर्ष १८४७ में स्थापित इस संस्थान के शानदार इतिहास का हिस्सा रहे एलुमनी की पुरानी और नई पीढ़ियों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगा। आईआईटी रुड़की एलुमनी का यह ग्लोबल नेटवर्क एलुमनी वालंटियर्स द्वारा संचालित किया जाएगा।
नेटवर्क के कार्यान्वयन में प्रावधान बनाए जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सदस्यों की गोपनीयता संबंधी चिंताओं का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए।
इसके अलावा, सदस्यों के पास अपनी इच्छा के अनुसार संदेशों और सेवाओं की सदस्यता शुरू और समाप्त करने का विकल्प होगा। डेटाबेस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाएगा। नेटवर्क की सदस्यता से कई लाभ मिलेंगे। उदाहरण के लिए, नेटवर्क की लाइफ मेंबरशिप फ्री होगी।
सभी सदस्यों को एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। सदस्यों के पास दुनिया भर के लोकल, रीजनल और नेशनल नेटवर्क पर एलुमनी के साथ सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के अवसर होंगे। यह संकट में फंसे किसी एलुमनी या उसके परिवार के लिए, उनके सहयोगी एलुमनी से मदद जुटाने के लिए एक प्रणाली का निर्माण करेगा।
सदस्यों के पास स्टूडेंट्स मेंटोरशिप प्रोग्राम्स, इंटर्नशिप और संस्थान की अन्य गतिविधियों जैसी योजनाओं में भाग लेने और योगदान करने के अवसर होंगे।
सदस्यों को ई-न्यूजलेटर्स के माध्यम से एलुमनी और अल्मा मेटर के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त होगा। नेटवर्क में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सदस्यों को उपयुक्त रूप से मान्यता दी जाएगी। पहचान पत्र धारकों के लिए विभिन्न संगठनों के उत्पादों और सेवाओं के लिए विशेष छूट की सुविधा दी जाएगी।पहचान पत्र सदस्यों को परिसर में सुचारू रूप से प्रवेश करने में मदद करेगा।
उपलब्धता के अनुसार, सदस्य रियायती दर पर आईआईटी रुड़की के गेस्टहाउस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। सदस्यों को एक ही प्लेटफॉर्म के माध्यम से डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंटध्सेंटर, विशेष क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले फैकल्टी या संस्थान के कार्यालय से जुड़ने का अवसर मिलेगा। जहां भी संभव हो, सदस्यों के लिए पुस्तकालय सेवाओं का विस्तार करने की संभावना का पता लगाया जाएगा। अनुरोध पर, सदस्यों को स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस के अवसर पर आमंत्रित किया जाएगा।
सदस्य रविवार को परिसर के दौरे के लिए अनुरोध कर सकते हैं। परिसर के दौरे में जेम्स थॉमसन बिल्डिंग, हैंगर, इंस्टीट्यूट आर्काइव, मेडलिकॉट म्यूजियम और महात्मा गांधी सेंट्रल लाइब्रेरी के दौरे शामिल होंगे।
अनुरोध कम से कम एक सप्ताह पहले किया जाना चाहिए। इस अवसर पर, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत चतुर्वेदी ने कहा, इस डिजिटल युग में, सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के संबंध में काफी बदलाव आया है। सूचना प्रौद्योगिकी ने एक पदानुक्रमित और नौकरशाही प्रणाली के बजाय एक सीधा और कुशल मंच के लिए एलुमनी और स्टूडेंट्स की अपेक्षाओं को बढ़ाया है। वे एक-दूसरे के साथ और संस्थान के साथ भी जुड़ना चाहते हैं।
उन्होंने कहा यह देश में संभवतरू अपनी तरह का पहला नेटवर्क होगा। हमें विश्वास है कि यह नेटवर्क अन्य शैक्षणिक संस्थानों में लागू किए जाने में भी सक्षम होगा। |
इन्दौर लोकसभा सीट : सुमित्रा 'ताई' की सीट पर बड़े अंतर से जीते भाजपा के शंकर लालवानी - अजय भारत
होम टॉप स्टोरी इन्दौर लोकसभा सीट : सुमित्रा ताई की सीट पर बड़े अंतर से...
इन्दौर । मध्य प्रदेश की आर्थिक रूप से सबसे समृद्ध समझी जाने वाली लोकसभा सीट इन्दौर से भाजपा के शंकर लालवानी ने रिकार्ड जीत दर्ज की है। उन्होंने इन्दौर से ८ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को २०१४ में मिली ४६६९०१ मतों की जीत के रिकार्ड को तोड़ते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस के पंकज संघवी को ५४७७५४ मतों से हराया है। भाजपा प्रत्याशी लालवानी को कुल 106८569 मत मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी को 520८15 मत मिले। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने विजयी प्रत्याशी शंकर लालवानी को सांसद निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र दिया। इस मौके पर सुमित्रा महाजन व विधायक रमेश मैंदोला भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि इन्दौर से ८ बार सांसद रहीं सुमित्रा महाजन को इस भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। उनकी जगह ललवानी को पार्टी ने मैदान में उतारा था। हालांकि सुमित्रा महाजन इस सीट पर फिर से चुनाव लड़ने की इच्छुक थीं, लेकिन पार्टी की ओर से उम्मीदवार के नाम के ऐलान में देरी होते देख उन्होंने खुद ही यह ऐलान कर दिया था कि वह इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी।
इस सीट पर पिछले मुकाबलों की बात करें तो लगातार ८ बार बीजेपी की तरफ से सुमित्रा महाजन कुर्सी पर काबिज रहीं। वहीं, कांग्रेस आखिरी बार 19८4 में यहां से लोकसभा का चुनाव जीती थी। २०१४ के चुनाव में भाजपा की सुमित्रा महाजन को ८54972, कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को 3८८071 व आम आदमी पार्टी के अनिल त्रिवेदी को ३५१२४ मत मिले थे। इस बार २०१९ के लोकसभा चुनाव में इन्दौर सीट पर २० प्रत्याशी चुनावी मैदान होकर मुख्य मुकाबला कांग्रेस के पंकज संघवी और भाजपा के शंकर लालवानी के मध्य था और लालवानी ने यह मुकाबला ५४७७५४ मतों के रिकार्ड अंतर से जीत लिया है।
यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत दर्ज की है। लालवानी ने १९९३ में पहली बार विधानसभा क्षेत्र-४ से भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। इसके बाद १९९६ में नगर निगम चुनाव में वे अपने भाई और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश लालवानी को हराकर पार्षद बने। वे नगर निगम सभापति भी रहे। इसके बाद वे नगर अध्यक्ष रहे। वे इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे।
१९९८ में भाजपा की सुमित्रा महाजन से लोकसभा चुनाव हार चुके पकंज संघवी पर कांग्रेस ने एक बार फिर से भरोसा जताया, लेकिन उन्हें दूसरी बार भी हार का मुंह देखना पड़ा। संघवी १९८३ में पहली बार पार्षद का चुनाव जीते। इसके बाद १९९८ में पार्टी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, लेकिन सुमित्रा महाजन ने उन्हें ४९ हजार ८५२ वोट से चुनाव हार दिया। इसके बाद २००९ में महापौर का चुनाव लड़े और भाजपा के कृष्णमुरारी मोघे से करीब ४ हजार वोट से हार गए। २०१३ में वे इंदौर विधानसभा पांच नंबर सीट से करीब १२ हजार ५०० वोट से विधानसभा चुनाव हारे।
:: इंदौर को ३० साल बाद पुरुष सांसद मिला ::
इन्दौर लोकसभा सीट से १९५२ में कांग्रेस के नन्दलाल जोशी, १९५७ में कांग्रेस के कन्हैयालाल खेड़ीवाला, १९६२ में सीपीआई के होमी दाजी, १९६७ में कांग्रेस के प्रकाशचंद्र सेठी, १९७१ में कांग्रेस के रामसिंह भाई, १९७७ में भारतीय लोकदल के कल्याण जैन, १९८० और १९८४ में कांग्रेस के प्रकाशचन्द्र सेठी ने दो बार जीत हासिल की। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने १९८९ के आम चुनाव में पहली बार लोकसभा चुनाव में भाग लिया और उन्होंने कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी को हराया। फिर भाजपा के टिकट पर सुमित्रा ताई ने १९९१, १९९६, १९९८, १९९९, २००४, २००९ और २०१४ में जीत दर्ज की। वो प्रथम महिला हैं जो कभी लोकसभा चुनावों में पराजित नहीं हुई और आठ बार लोकसभा चुनाव जीतने वाली प्रथम महिला बनी। लालवानी के जीत से अब इन्दौर को ३० साल बाद पुरुष सांसद मिला है।
:: जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी : लालवानी
अपनी जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शंकर ललवानी ने कहा जीत का विश्वास तो था, पर इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी। जनता ने इतनी बड़ी जीत दी है, तो मेरे ऊपर शहर की जनता का भार भी काफी रहेगा। बीआरटीएस के विकल्प के रूप में एलिवेटेड ब्रिज होगा, जो शहर की समस्या दूर होगी। ट्रैफिक सुधार और शहर के विकास के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। लालवानी ने जीत का श्रेय सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अपनी पार्टी को दिया। अपने प्रतिद्वंदी पंकज संघवी को लेकर कहा कि वे टूरिस्ट वीजा लेकर चुनाव के मैदान में आते रहे हैं, जबकि उन्हें लगातार सक्रिय रहकर समाज की सेवा करना चाहिए। जनता के बीच रहना चाहिए, जो उन्होंने नहीं किया और इसके परिणाम सामने हैं।
:: संघवी ने लालवानी को दी जीत की बधाई ::
कांग्रेस के प्रत्याशी पंकज संघवी ने हार के बाद ट्वीट पर भाजपा के शंकर लालवानी को जीत की बधाई दी है। संघवी ने लिखा- हार जीत का फैसला तो भगवान करता है। इंसान कोशिश और मेहनत करता है। भाई शंकर लालवानी को जीत की बधाई। उन्होंने आगे लिखा वल्लभ नगर मेरे निवास पर कई सालों से समाजसेवा जारी थी। आगे भी जारी रहेगी। गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद आखिरी सांस तक करता रहूंगा।
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रावत राज में उत्तराखंडी भरेंगे ईमानदारी की रोयल्टी - जंपक्ष
त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में दिनों दिन उत्तराखंड की व्यवस्था बेपटरी होती जा रही हैं| मक्कारों का मकडजाल उत्तराखंड को चहू और से लूटने में लगा है| उत्तराखंड विधुत वितरण निगम उनमे से एक है जो मक्कारों को प्रोत्साहित करता हैं की वो बिजली की चोरी करे व इमानदार लोगो को बिल बढ़ाकर प्रताड़ित किया जा रहा हैं|
उत्तराखंड विधुत वितरण निगम अपने अन्दर फैले भ्रष्टाचार को लगाम ना लगा पाने के कारण फिर आयोग में बिजली की दरो को बढाने के लिए प्रस्ताव भेजा हैं व आकड़ो की आने तो इस बार वितरण निगम को वर्ष २०१८-१९ में ६२५ करोड़ की शुद्ध हानि हुई हैं जबकि २०१७-१८ में यही हानि २२९ करोड़ थी इसका मतलब यह है की इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले ३९६ करोड़ ज्यादा की हानि हुई हैं|
वर्ष २०१६ में केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार व वितरण निगम के बीच में एक समझोता हुआ था जिसके अंतर्गत उपक्ल को अपने एट&च हानि को २०१८-१९ में १४.५ प्रतिशत तक लेकर आनी थी लेकिन विधुत वितरण खंड हल्द्वानी के अनुसार उनका पारेषण, वितरण व आय का अन्तराल २०.०६ प्रतिशत हैं जिसका मतलब की हल्द्वानी में एक करोड़ की बिजली के बदले ७९ लाख ९६ हजार ही आते हैं|
सिर्फ हल्द्वानी में अगर २० प्रतिशत बिजली चोरी हो रही हैं तो आप समझ सकते हैं की पूरे प्रदेश का हाल क्या होगा? २०% त&ड की हानि हैं तो उसमे से आधा हिस्सा चोरी का हैं जिसे की उत्तराखंड विधुत वितरण निगम को रोकना चाहिए था| इस वर्ष ६२५ करोड़ की भरपाई के लिए निगम ने आयोग से बिजली की दरो को बढाने की गुहार की है|
यह बिजली की दरे केवल और केवल इमानदार उपभोक्ताओं के लिए बढेंगी क्योकि मक्कार व चोर लोग बिजली पहले की तरह फ्री में जलाते रहेंगे और इनको देख कर और लोग भी चोरी के लिए प्रेरित होंगे और यह घाटा दिनोंदिन बढ़ता रहेगा जो की आय व्यय के आंकड़ो में नज़र आता हैं| अगर आप देखे तो पिछले साल २०१७-१८ में २२.०१ प्रतिशत का त&ड हानि थी और २२9 करोड़ का घाटा हुआ था जबकि २०१८-१९ में घाटा २०.०६ हुआ हैं जबकि हानि पिछले साल से तिगुना ६२५ करोड़ की शुद्ध हानि हुई हैं जो की घाटा घटने के बाद भी तिगुनी हुई हैं|
उत्तराखंड की जनता आज उत्तराखंड में इमानदार होने की रोयल्टी दे रही हैं क्योकि बढे हुए दरें केवल और केवल ईमानदार लोग ही भरेंगे वो भी बिना किसी विरोध के ओर यही बढ़ा हुआ पैसा ही उत्तराखंड में हमारे ईमानदार बने रहने की रॉयल्टी हैं।
आपकी टिप्पणियों का स्वागत हैं आप हमें ०५९४६ २२२२२४ पर व्हात्सप्प भी कर सकते हैं |
किराना, रेस्तरां के लिए सिंगल-विंडो, रिनुवल ख़त्म
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नेक्स्ट नेक्स्ट पोस्ट: भ्रष्टतम व बदतर होती नोयडा की व्यवस्था |
पालिका सीट दूसरे राउंड में भी वत्सला आगे | दैनिक दर्शन २४ न्यूज़
फर्रुखाबाद। नगर निकाय चुनाव के दूसरे राउंड की मतगणना खत्म हो गई। इसमें सदर नगर पालिका से बसपा प्रत्याशी वत्सला अग्रवाल ने लगभग १०६४७मतों से बढ़त बना ली है। जबकि दूसरे नंबर पर मौजूद मिथलेश अग्रवाल को १४७७७ वोट मिले। इसके अलावा सपा प्रत्याशी दमयंती सिंह ७९१८ वोटों के साथ तीसरे स्थान पर हैं। कांग्रेस के हाजी अहमद अंसारी को ३१०३ वोट मिले।
फर्रुखाबाद दूसरा राउंड |
जम्मू कश्मीर के विलय पर दूसरी आजादी का जश्न:साव
बिलासपुर न्यूज - बिलासपुर | भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा बुधवार की शाम बस स्टैंड में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा ३७०...
बिलासपुर | भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा बुधवार की शाम बस स्टैंड में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में धारा ३७० और ३५-ए हटाने के फैसले का स्वागत करते हुए खुशियां मनाई। भारत गणराज्य में जम्मू-कश्मीर के पूर्ण विलय के संबंध में जनमानस को अवगत करते हुए इस मौके पर सांसद अरुण साव का सम्मान किया गया। सांसद साव ने कहा कि भारत के उज्जवल भविष्य के नव निर्माण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ५ वर्षों में अनेक ऐतिहासिक साहसिक निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि जैसे 1५ अगस्त १९४७ को देश आजाद हुआ था उसी तरह ५ अगस्त २०१९ को देश को दूसरी आजादी के रूप में जम्मू कश्मीर का पूर्ण विलय भारतीय गणराज्य में हुआ। इस मौके पर बेलतरा विधायक रजनीश सिंह ने कहा कि देश को आजादी के ७२ वर्षों में आज देश की जनता को महसूस हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार लगातार देश के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रही है। महापौर किशोर राय ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पं.दीनदयाल उपाध्याय ने जो सपना देखा था उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह ने ५ जुलाई २०१९ को पूरा कर दिया। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर ने सांसद अरुण साव का शाल एवं श्रीफल भेंट कर सम्मान किया। कार्यक्रम में बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, महापौर किशोर राय, भाजपा जिला महामंत्री रामदेव कुमावत का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में भाजयुमो जिलाध्यक्ष दीपक सिंह ठाकुर, सुशांत शुक्ला, दुर्गा कश्यप, लोकेशधर दीवान, जयश्री चौकसे, संदीप दास, आदि मौजूद थे।
भाजयुमाे के बस स्टैंड में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते भाजपा नेता।
जूदेव की पुण्यतिथि पर भाजपाइयों ने दी श्रद्धांजलि
बुधवार को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव ६वीं पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके संस्मरणों को विशेष रूप से याद किया गया। इस मौके पर बिलासपुर के सांसद अरुण साव, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह, छतीसगढ़ महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय, महापौर किशोर रॉय , जिला महामंत्री रामदेव कुमावत , राष्ट्रीय सदस्य सुशांत शुक्ला, युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष दीपक सिंह, राजेश सिंह ठाकुर , राकेश तिवारी , सुनीता मानिकपुरी, जयश्री चौकसे, नंदू सोनी, संजय मुरारका आदि उपस्थित हुए। |
अजित सिंह की पार्टी को तीन सीटे देना चाहते हैं जबकि रालोद ५ सीटें लेने पर अड़ी है. इसी को लेकर पेच फंसता दिखाई दे रहा है
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के मुखिया शनिवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गठबंधन का औपचारिक ऐलान कर सकते हैं. शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हम महागठबंधन में शामिल हैं,
लेकिन सीटों पर कोई बात नहीं हुई है. अजित सिंह ने कहा कि मायावती और अखिलेश यादव की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में कोई जानकारी नहीं है. सम्मानजनक सीटों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह अगर-मगर की बात नहीं करना चाहते हैं.
इस गठबंधन में राष्ट्रीय लोकदल के शामिल होने की संभावनाओं पर पार्टी प्रमुख अजित सिंह का कहना है कि अभी सीटों को लेकर उनकी कोई बात नहीं हुई है, लेकिन हमले महागठबंधन में शामिल हैं.
आपको बता दें कि अजित सिंह का ये बयान तब सामने आया है जब रालोद का सीटों को लेकर पेच फंसता दिख रहा है. सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में अजित सिंह की पार्टी को तीन सीटे देना चाहते हैं जबकि रालोद ५ सीटें लेने पर अड़ी है. इसी को लेकर पेच फंसता दिखाई दे रहा है.
#अजित सिंह #बहुजन समाज पार्टी अखिलेश यादव मायावती समाजवादी पार्टी |
शुक्र ग्रह तुला पर शासन करता है। कुलस्वामिनी को तुला राशि का आराध्य माना जाता है। इस राशि के व्यक्ति ठण्डी और सुहावनी रातें वाले मौसम में पैदा होते हैं। इस राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ भोले भाले होते हैं। तुला राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ चर्म रोग और किडनी की समस्याओं से ग्रस्त होते हैं। रामअविता नाम की लड़कियाँ दृष्टिदोष तथा निचले हिस्से में पीठ दर्द की समस्याओं से परेशान रहते हैं। तुला राशि के रामअविता नाम की लड़कियाँ ज़रूरत पड़ने पर किसी भी प्रियजन के लिए त्याग करने से कतराते नहीं हैं।
रामअविता नाम का स्वामी शुक्र ग्रह और शुभ अंक ६ है। रामअविता नाम वाली ६ अंक की लड़कियां बहुत आकर्षक व खूबसूरत होती हैं। रामअविता नाम की महिलाओं को स्वच्छता का बहुत ख्याल रहता है और कला के क्षेत्र में हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती हैं। रामअविता नाम वाली लड़कियां व्यव्हार से सहनशील और घूमने-फिरने के शौक़ीन होती हैं। ६ अंक वाली लड़कियां दूसरों को बड़ी जल्दी आकर्षित कर लेती हैं। अपने जीवन में परिवार का प्यार और सहयोग भरपूर मिलता है रामअविता नाम की लड़कियों को।
रामअविता नाम वाली महिलाओं की राशि तुला है। रामअविता नाम की लड़कियां अक्सर अपने लाभ के बारे में सोचती हैं और इसलिए इनमें संतुलन की कमी होती है। तुला राशि वाली महिलाएं जिनका नाम रामअविता है, वे लोग ज़रूरतों और अपनी चाहतों के मुताबिक सोच बदल लेती हैं। रामअविता नाम की लड़कियों के पास हर बात का तर्क होता है। ये भविष्य के बारे में ज्यादा सोचती हैं। रामअविता नाम की लड़कियों का स्वभाव बहुत अच्छा होता है, लेकिन ये कभी खुद निर्णय नहीं लेती हैं क्योंकि इन्हें जिम्मेदारी लेना पसंद नहीं होता। रामअविता नाम की महिलाएं हमेशा चीजों व लोगों की आपस में तुलना करने लग जाती हैं।
रामअविता की तुला राशि के हिसाब से और नाम |
नगर परिषद ने खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन को हटाया | नगर परिषद ने खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन को हटाया - बान्सवारा न्यूज,बांसवाड़ा न्यूज़,बांसवाड़ा समाचार
नगर परिषद ने खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन को हटाया
बान्सवारा न्यूज - खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन हटाते परिषद कर्मचारी। बांसवाड़ा। नगर परिषद ने अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद अब...
खांदू कॉलोनी में अवैध केबिन हटाते परिषद कर्मचारी।
बांसवाड़ा। नगर परिषद ने अतिक्रमण चिन्हित करने के बाद अब इन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसी के तहत सोमवार को खांदू कॉलोनी में स्थित शुभ गार्डन के समीप बिना स्वीकृति लगाए गए एक केबिन हटाया गया। हल्का निरक्षक हेमंत भट्ट ने बताया कि केबिन अतिक्रमण की श्रेणी में था। जिस पर जाहिद खान और कुलदीप निनामा टीम के साथ पहुंचे और हटाने की कार्रवाई की। गौरतल है कि इससे पहले परिषद ने सभी वार्डों में अतिक्रमण चिन्हित कर उन पर लाल रंग से क्रॉस लगाने का अभियान चलाया था। यह प्रक्रिया पूरी होने पर अब चिन्हित अतिक्रमण हटाए जा रहे है। |
तेलुगु देशम और टी आर एस की दिल्ली में सरगर्मीयां मुख़्तलिफ़ क़ाइदीन से मुलाक़ातें - थे शियासत डेली
होम / इंडिया / तेलुगु देशम और टी आर एस की दिल्ली में सरगर्मीयां मुख़्तलिफ़ क़ाइदीन से मुलाक़ातें
तेलुगु देशम और टी आर एस की दिल्ली में सरगर्मीयां मुख़्तलिफ़ क़ाइदीन से मुलाक़ातें
आंध्र प्रदेश की इलाक़ाई जमातों ने अलाहिदा रियासत तेलंगाना के मसले पर आज मुख़्तलिफ़ सियासी जमातों से सिलसिला वार मुलाक़ातें की।
सदर तेलुगु देशम पार्टी एन चंद्राबाबू नायडू ने जहां बी जे पी और जनतादल ( यू) क़ाइदीन से मुलाक़ात की वहीं टी आर एस सरबराह के चन्द्र शेखर राव ने सी पी आई क़ाइदीन से मुलाक़ात की।
दोनों पार्टीयों ने आर एलडी सरबराह अजीत सिंह से तीन घंटे के वक़फ़ा से अलहदा मुलाक़ातें कीं। सी पी आई और आर एलडी ने जहां इस बिल की ताईद का यक़ीन दिलाया वहीं जनतादल (यू) ने कहा कि वो किसी फ़ैसले से पहले पार्टी मीटिंग में ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करेगी।
तेलुगु देशम पार्टी सदर एन चंद्राबाबू नायडू की ज़ेरे सदारत पार्टी वफ़द ने आज सदर बी जे पी राजनाथ सिंह से मुलाक़ात की। चंद्राबाबू नायडू ने रियासत को तक़सीम करने कांग्रेस के फ़ैसले की वजह से पैदा शूदा सूरत-ए-हाल से सदर बी जे पी को वाक़िफ़ किराया।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि वो दुसरे इलाक़ों के अवाम के साथ मुकम्मिल इंसाफ़ को यक़ीनी बनाए बगै़र बिल को मंज़ूर होने ना दें। इस ज़िमन में वो मर्कज़ पर दबाव डालें।
चंद्राबाबू नायडू ने राज नाथ सिंह से मुलाक़ात के बाद मीडीया से बात करते हुए मर्कज़ पर रियासत की तक़सीम के सिलसिले में दस्तूरी क़वाइद की मुबय्यना तौर पर ख़िलाफ़वरज़ी का इल्ज़ाम आइद किया।
उन्होंने ये जानना चाहा कि क्या किरण कुमार रेड्डी को इस मसले पर सड़कों पर आना चाहीए या वो सोनिया गांधी के साथ इस मसले को हल करने की कोशिश करें ?।
उन्होंने कहा कि किरण कुमार रेड्डी और जगन मोहन रेड्डी के पास ये हौसला नहीं है कि वो सोनिया गांधी के घर के रूबरू धरना दें। बादअज़ां चंद्राबाबू नायडू ने सदर जमहूरीया परनब मुखर्जी से मुलाक़ात की और आंध्र प्रदेश तंज़ीम जदीद बिल २०१३ में ख़िलाफ़ वरज़ीयों को उजागर क्या।
दूसरी तरफ़ टी आर एस ने इस यक़ीन का इज़हार किया कि ये बिल पार्लियामेंट में मंज़ूर होजाएगा। ज़राए इबलाग़ के नुमाइंदों से बातचीत करते हुए के चन्द्र शेखर राव ने कहा कि उन्हें बिल की मंज़ूरी का सद फ़ीसद यक़ीन है।
वो नहीं समझते कि बी जे पी अपने मौक़िफ़ से पलट जाएगी। उन्होंने सीनीयर बी जे पी लीडर सुषमा स्वाराज के तेलंगाना बिल की ताईद में दिए गए बयान का हवाला दिया।
प्रेवियस सदर आई सी सी की मुत्तहदा अरब इमारात को मुबारकबाद
नेक्स्ट सी एन जी और पाइप पर मुबनी पकवान गैस की कीमतों में कमी |
शरिया न्यायालय: लोकतंत्र के स्थान पर धर्मतंत्र लागू करने का घातक मंसूबा -डॉ. प्रमोद पाठक | क्रांतिदूत
शरिया न्यायालय: लोकतंत्र के स्थान पर धर्मतंत्र लागू करने का घातक मंसूबा -डॉ. प्रमोद पाठक
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने घोषणा की है कि बोर्ड पूरे भारत में शरिया कोर्ट स्थापित करना शुरू करने वाला है । य...
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने घोषणा की है कि बोर्ड पूरे भारत में शरिया कोर्ट स्थापित करना शुरू करने वाला है । यह एक ऐसा असंवैधानिक कदम है जिसे बोर्ड बिना बिचारे अविवेकपूर्ण ढंग से उठाने जा रहा है । उसने यह भी नहीं सोचा कि इससे मुस्लिम समाज का भी को हित है अथवा नहीं ।
कुछ वर्ष पहले, इस्लामी संगठनों ने केरल में, विशेष रूप से मुस्लिम बहुल जिलों में शरिया कोर्ट शुरू किए थे, लेकिन उन्हें कभी कोई मान्यता नहीं मिली । निश्चित रूप से, काजियों और कठमुल्लाओं द्वारा दिए गए निर्णयों को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया ।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जो भारत में मुस्लिम आबादी का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है और सत्तारूढ़ केंद्र सरकार के समक्ष शक्ति प्रदर्शन पर आमादा है, जब ऐसा कदम उठाये, तब उसके छुपे मकसद को समझकर गंभीरता से लेने की जरूरत है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि मुसलमानों के सिविल मामलों को निबटाने के लिए, पहले से ही भारतीय संविधान में मुस्लिम पर्सनल लॉ निर्मित है, जो लगभग शरिया के आदेशों के अनुरूप ही है। जहाँ तक आपराधिक मामलों का प्रश्न है, वे तो चाहे जितने शरीया कोर्ट बना लो, चलेंगे संविधान के अनुरूप ही | अपराध चाहे हिन्दू करे या मुसलमान, पुलिस कार्यवाही तो एक समान होगी | तो अब सवाल उठता है कि फिर देश में समानान्तर शरिया अदालतों को चलाने की आवश्यकता ही कहां है?
किसके लिए होंगे ये शरिया न्यायालय?
एआईएमपीएलबी पर मुख्यतः कट्टरपंथी सुन्नीयों का प्रभुत्व है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में, इस्लाम के शिया संप्रदाय के लोगों ने रामजन्मभूमि, ट्रिपल तलाक जैसे विषयों पर, सुन्नी संप्रदाय की राय से अलग राय व्यक्त की हैं | जाहिर है कि वे सुन्नियों द्वारा अपने साथ किये जा रहे भेदभाव को महसूस करते हैं। मुस्लिम संप्रदायों के बीच कई अन्य धार्मिक मतभेद हैं और उन्हें कभी सुलझाया नहीं गया है। खोजा, बोहरा और अन्य जैसे छोटे छोटे संप्रदाय, सुन्नी बहुमत के साथ मतभेद रखते हैं और भेदभाव महसूस करते हैं। इसके बाद भी सुन्नी प्रभुत्व वाला एआईएमपीएलबी, मुस्लिम समुदाय के बीच खिची सांप्रदायिक विभाजन की ओर बिना ध्यान दिए, सभी पर समान रूप से शरिया कोड लागू करने की कोशिश कर रहा है? ऐसे में सवाल उठता है कि क्या काजियों द्वारा धुर सांप्रदायिक आधार पर दिए गए फैसले, पूरी मुस्लिम आबादी को स्वीकार्य होंगे? क्या मुसलमानों के पासमांडा, असलाट और अर्जल, ताकत के बूते अशरफ द्वारा लगाए गए शरिया को स्वीकार करेंगे?
गुजरे जमाने की आपराधिक न्यायप्रणाली
माना जाता है कि शरिया कानून, पवित्र कुरान के आदेशों पर आधारित हैं तथा हदीस कथाओं द्वारा समर्थित हैं | सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात जैसे इस्लामी देशों में और अफगानिस्तान में अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा इनका कड़ाई से पालन किया जाता हैं। न्याय, खुले में होता है, जहां अपराधियों को जमीन पर पटक कर उनका सिर या कोई अन्य अंग आदि काटा जाता है ।
क्या भारत में भी शरिया अदालतें इसी प्रकार आपराधिक मामलों पर विचार करेंगी और उपरोक्त इस्लामी देशों की तर्ज पर फैसले भी लागू करेंगी? इन दंडों को वे कैसे लागू करेंगे ? जो भी न्यायाधीश या उनका अधीनस्थ इस प्रकार के दंड देगा, क्या वह भारतीय संविधान के विरुद्ध नहीं होगा ? ऐसी परिस्थिति में भारतीय न्याय तंत्र क्या चुपचाप तमाशा देखेगा?
एआईएमपीएलबी और बोर्ड के सभी सदस्य भी क़ानून के जानकार हैं, तथा वे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि उनके इस कदम का हर स्तर पर विरोध होगा । और वे चाहते भी यही हैं | उनका एकमात्र उद्देश्य तो मुस्लिम जन के मन में लोकतंत्र के प्रति विरोधी वातावरण बनाना और मुल्लाओं के प्रभुत्व को स्वीकार करने की मानसिकता तैयार करना है। कुल मिलाकर यह आने वाले लोकसभा चुनावों में मुसलमानों के ध्रुवीकरण का प्रयास है | मुस्लिम जनता चुनाव में केवल उसी को वोट करे, जो पिछले दरवाजे से उनके ईश्वरीय शासन को लागू करने का वादा करे | निश्चय ही यह एक भयानक षडयंत्र का खाका खींचा जा रहा है । इसका एक मकसद उन मदरसा स्नातकों को रोजगार मुहैय्या कराना भी है, जो इस्लामी ग्रंथों और अरबी भाषा से परे कुछ भी नहीं जानते ।
काश मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की उम्मीदें ओंधे मुंह गिरें, क्योंकि इसके पीछे केवल भारत को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करना है। यह मुस्लिम समाज के प्रगतिशील लोगों के लिए सही समय है कि वे मुल्लावाद के विरोध में खुलकर आवाज उठायें, जैसा कि अन्य इस्लामी देशों में भी हो रहा है।
क्रांतिदूत: शरिया न्यायालय: लोकतंत्र के स्थान पर धर्मतंत्र लागू करने का घातक मंसूबा -डॉ. प्रमोद पाठक |
होम न्यूज रणवीर सिंह रामलीला के बाद फिर गुजराती किरदार में आएंगे नजर, इस महीने से शुरु करेंगे नई फिल्म की शूटिंग
रणवीर सिंह रामलीला के बाद फिर गुजराती किरदार में आएंगे नजर, इस महीने से शुरु करेंगे नई फिल्म की शूटिंग
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) लंबे वक्त बाद यश राज फिल्म्स (यश राज फिल्म्स) के साथ फिल्म जय भाई जोरदार (जयेश भाई जोरदार) में नजर आएंगे। इसमें वो एक गुजराती शख्स के किरदार में दिखेंगे। जानिए कब शुरू होगी इसकी शूटिंग।
रणवीर सिंह लंबे वक्त यश राज फिल्म्स के साथ नजर आएंगे (फोटो:इंस्टाग्राम)
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह) ने गल्ली बॉय जैसी बेहतरीन फिल्म से अपनी शुरूआत की थी। इसके बाद वो जल्द ही कबीर खान (कबीर खान) की फिल्म ८३ में नजर आएंगे। ये फिल्म कपिल देव की लाइफ पर बनी है। इसके साथ ही उनकी झोली में करण जौहर की फिल्म तख्त (तख्त) भी है। इन फिल्मों के अलावा अब उनके पास यश राज बैनर की एक और फिल्म आ गई है। लंबे वक्त बाद रणवीर सिंह और ये प्रोडक्शन हाउस एक साथ आ रहे हैं।
रणवीर सिंह (रणवीर सिंह मूवीस) इस बैनर के तहत बनने वाली फिल्म जय भाई जोरदार (जयेश भाई जोरदार) में नजर आएंगे। इसमें रणवीर सिंह रामलीला के बाद एक बार फिर गुजराती शख्स के किरदार में दिखेंगे। इसे मनीष शर्मा प्रोड्यूस करेंगे। इस फिल्म की शूटिंग अक्टूबर से शुरू होगी। इसके राइटर और डायरेक्टर हैं दिव्यांक ठक्कर हैं। आपको बता दें कि मनीष शर्मा ने बतौर डायरेक्टर अपना करियर रणवीर सिंह की फिल्म बैंड बाजा बारात से शुरू की थी।
इस फिल्म के बारे में रणवीर सिंह ने एक इंटरव्यू में खुशी जाहिर करते हुए कहा-
जयेशभाई एक बड़े दिल वाली फिल्म है। इसका विचार ही इसका विस्तार है। इसकी कहानी शानदार है। मैं शुक्रगुजार हूं यशराज फिल्म्स का जिन्होंने मेरे लिए इतनी जोरदार कहानी चुनी। अच्छी पटकथा हो तो वो फिल्म लिखते समय ही दिखने लगती है। दिव्यांग ने इस कहानी पर काफी मेहनत की है और उनके टैलेंट को देखते हुए ही मैंने फिल्म के लिए तुरंत हां कर दी। इस फिल्म में मनोरंजन भी है और यह दिल को भी छू लेती है।
इतना ही नहीं, रणवीर सिंह ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फनी वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में वो इसके डायरेक्टर दिव्यांक ठक्कर के साथ नजर आ रहे हैं। इसमें वो दोनों गुजराती में बात कर रहे हैं। इसमें रणवीर सिंह कुछ मजेदार सवाल दिव्यांक से पूछते हैं और वो इसका जवाब देते हैं। इसमें उन्होंने ये भी जाहिर कर दिया है कि इस फिल्म में वो नजर आने वाले हैं।
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ज्नू रो: हाईकोर्ट ने पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी के खिलाफ दायर याचिका खारिज की
नई दिल्ली: जेएनयू देशद्रोह मामले की जांच को कथित तौर पर प्रभावित करने के लिए पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली एक याचिका को आज दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि यह याचिका प्रचार के लिए है और अदालतों पर ऐसी याचिकाओं का बोझ नहीं डाला जा सकता.
मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायाधीश जयंत नाथ ने सुनवाई शुरू होने के तत्काल बाद कहा, आपने यह याचिका क्यों दायर की? हम इस बात पर हैरान हैं कि यह जनहित में नहीं बल्कि प्रचार हित में है. पीठ ने याचिकाकर्ता से यह भी पूछा कि वह किस आधार पर ये आरोप लगा रहा है? याचिकाकर्ता सतीश पांडे की ओर से पेश हुए वकील ने अखबार में छपीं खबरों का हवाला दिया और कहा कि याचिका बस्सी की ओर से दिए गए बयान पर आधारित है, जो मीडिया में व्यापक तौर पर प्रकाशित हुआ था.
इसपर पीठ ने कहा, हम अखबार की खबरों के अनुरूप नहीं चलेंगे. यदि आपके पास इन अखबारों की खबरों के अलावा कुछ और सामग्री है तो आप हमें बता सकते हैं. इस संक्षिप्त सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि याचिका प्रचार के लिए नहीं है. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर अखबार की खबरों का हवाला दिया.
इसपर पीठ ने कहा, हम इस तरह की याचिकाओं का बोझ इस अदालत पर नहीं डाल सकते. अखबार की खबरों के अलावा हमें कोई अन्य सामग्री नहीं मिली है. रिट याचिका खारिज की जाती है. पीठ ने यह भी कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट की जानकारी में है और जांच अभी अधूरी है.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि बस्सी का बयान- पुलिस जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जमानत याचिका का विरोध नहीं करेगी- दरअसल इस मामले में निष्पक्ष एवं स्पष्ट जांच के साथ-साथ अदालती कार्रवाई को भी प्रभावित कर सकता है.
याचिका में दावा किया गया कि पुलिस कुछ ऐसे राजनीतिक दलों के हाथों में खेल रही है, जिनके अंतर्गत दिल्ली पुलिस काम कर रही है. याचिका में कहा गया कि बस्सी को निर्देश दिए जाने चाहिएं कि वह १६ फरवरी और १७ फरवरी को दिए अपने बयानों पर अपने विचार स्पष्ट करें.
अपनी याचिका में पांडे ने दावा किया था कि पुलिस आयुक्त जैसे उच्च स्तर के अधिकारी की ओर से बेवजह दबाव बनाए जाने की स्थिति में ऐसे किसी मामले में कोई जांच अधिकारी मामले की जांच निष्पक्ष ढंग से नहीं कर सकता.
याचिकाकर्ता ने अदालत से अनुरोध किया था कि वह बस्सी को जांच प्रभावित न करने का निर्देश दे.
पांडे ने दावा किया था, आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह और आपराधिक साजिश के आरोप कोई अकेले व्यक्ति द्वारा अंजाम दिया गया अपराध नहीं है बल्कि एक सार्वजनिक अपराध है और देश का हर नागरिक प्रभावित है. बस्सी के अलावा, याचिकाकर्ता ने कन्हैया, केंद्र और दिल्ली सरकार को प्रतिवादी बनाया था. |
पहली फिल्म की रिलीज से पहले ही हिट हुई सैफ अली खान की बेटी सारा, क्या है अगली नंबर १ एक्ट्रेस
सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान जल्दी ही सैफ अली खान की बेटी होने की इमेज से बाहर आ जाएंगी। जिस तरीके से बड़े फिल्म मेकर उनको साइन कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है।
सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान की भले ही अभी पहली फिल्म भी रिलीज नहीं हुई है लेकिन सैफ अली खान की बेटी अभी से ही तमाम बड़े फिल्म मेकर्स की पसंद बन गई है। बता दें कि सारा अली खान की डेब्यू फिल्म केदारनाथ है जो ७ दिसंबर को रिलीज होगी। इसमें वह सुशांत सिंह राजपूत के साथ आ रही हैं। हाल ही में फिल्म का टीजर रिलीज हुआ है और इसमें सारा के काम की काफी तारीफ हो रही है।
इसके अलावा, इसी साल के अंत में वह रणवीर सिंह के अपोजिट रोहित शेट्टी की फिल्म सिंबा में दिखेंगी। इस यूनिट की भी यही राय है कि सारा अली खान आने वाले समय की सुपरस्टार हैं। वैसे लगता है कि सारा अली खान की इन ताारीफों से इम्तियाज अली खासे प्रभावित हो गए हैं। सुनने में आया है कि उन्होंने सारा को प्यार का पंचनामा फेम कार्तिक आर्यन के अपोजिट अपनी अगली फिल्म के लिए साइन किया है।
अलसो रेड : बढ़ते प्रदूषण से परेशान हुईं करीना कपूर खान, गंदी हवा से बचने के लिए जिम में नहीं घर पर ही करती हैं व्यायाम
अलसो रेड : दिशा पाटनी ने बिकिनी पहन शेयर की ऐसी फोटो, फैंस बोले- 'आओ कभी हवेली पर'
डीएनए की एक खबर के मुताबिक, इम्तियाज की तमाम फिल्मों में ट्रैवलिंग कहानी का एक अहम हिस्सा होती है और इस नई कहानी में भी ऐसा ही फ्लेवर है। कार्तिक का चयन फिल्म के लिए पहले ही कर लिया गया था और उनके अपोजिट किसी नए चेहरे की तलाश थी जिसको पर्दे पर ज्यादा दर्शकों ने देखा न हो। जब इम्तियाज ने केदारनाथ और सिंबा के टीजर्स में सारा अली खान का काम देखा तो उन्होंने उनको कास्ट करने का मन बना लिया।
खबर के अनुसार, सारा अली खान को भी फिल्म की कहानी पसंद आई है और वह भी इसके लिए हां कर चुकी हैं। फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू करने की प्लानिंग है। बेशक ये सब देखकर तो लगता है कि सारा अली खान को जल्द ही और भी बड़े ऑफर मिलने वाले हैं। देखना ये होगा कि इस दौड़ में क्या वह जान्हवी कपूर से आगे निकल पाती हैं या नहीं !
पहली फिल्म की रिलीज से पहले ही हिट हुई सैफ अली खान की बेटी सारा, क्या है अगली नंबर १ एक्ट्रेस डेस्क्रिप्शन: सारा अली खान न्यूज : सारा अली खान जल्दी ही सैफ अली खान की बेटी होने की इमेज से बाहर आ जाएंगी। जिस तरीके से बड़े फिल्म मेकर उनको साइन कर रहे हैं, उससे तो यही लगता है। टाइम्स नो |
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३. अब आगे खुलने वाली विंडो में इनपुट टूल्स के आगे दिये ऑफ पर क्लिक करके उसे ऑन कीजिए (स्टेप ५) और चित्रानुसार स्टेप ६, स्टेप ७ व स्टेप ८ को मैनेज कीजिए। स्टेप ९ के अनुसार सब बदलाव सहेज दीजिए।
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प्रेवियस आर्टियलस्मार्ट वर्क और कड़ी मेहनत को लेकर ब्लॉगिंग में ३ भ्रम
नेक्स्ट आर्टियलसफल ब्लॉग के लिए डोमेन, होस्टिंग और प्रीमियम टेम्पलेट चाहिए |
पारंपरिक डॉक्टरों की भी सेवानिवृत्त की उम्र ६५ वर्ष होः तिब्बी कांग्रेस
नई दिल्ली (भाषा)। यूनानी डॉक्टरों की संस्था ऑल इंडिया तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी ६५ वर्ष करने की मांग की है।
संस्था के महासचिव डॉक्टर सैयद अहमद खान ने कहा कि डॉक्टरों की कमी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा के सभी डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर ६५ वर्ष करने के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने संबंधी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किये गए बयान में यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों को शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि तिब्बी कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर गुजारिश की है कि देश के पारंपरिक डॉक्टरों के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए।
डॉक्टर खान ने पत्र में प्रधानमंत्री से मामले में दखल देने का अनुरोध करते हुए कहा कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र का यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टर महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और ये डॉक्टर केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी काम करते हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री से इस भेदभाव को खत्म करने को कहते हुए यूनानी, आयुर्वेदिक और होमियोपेथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की उम्र भी ६५ वर्ष करने का ऐलान २१ जून को मनाए जाने वाले योग दिवस से पहले करने की मांग की है। |
औथोर दि संडे पोस्ट डेस्क ११
भारत में न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय बेंच बनाकर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। सभी जानते हैं कि भारत की अदालतों में भ्रष्टाचार व्याप्त है आम धारणा यह है कि निचली अदालतों में भ्रष्टाचार बहुत अधिक है और जैसे-जैसे ऊपर की अदालतों में जाते हैं, वह कम होता जाता है।
भारतीय इतिहास में पहली बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जज के खिलाफ मामला दर्ज होने जा रहा है। भ्रष्टाचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के मौजूदा जस्टिस के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया रंजन गोगोई ने सीबीआई को तत्काल मामला दर्ज करने के लिए कहा है।हाईकोर्ट के जस्टिस एस एन शुक्ला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। न्यायमूर्ति शुक्ला पर यूपी के मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के लिए प्रवेश में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गड़बड़ी करने का आरोप है। कहा गया कि निजी मेडिकल कालेज को लाभ पहुंचाने के लिए न्यायमूर्ति शुक्ला ने सत्र २०१७-१८ में प्रवेश तिथि बढ़ाई थी। यही वजह है कि जस्टिस एस एन शुक्ला के न्यायिक फैसले लेने पर जनवरी 20१८ से रोक लगी हुई है। वहीं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्य स्थल परिवर्तन प्रस्ताव भी ठुकरा दिया। खास बात है कि सीजेआई ने पीएम मोदी को जून माह में पत्र लिखकर संसद में अभियोग लाकर शुक्ला को पद से हटाने की मांग भी की थी। तीस बरसों में ऐसा पहली बार हुआ है कि सीबीआई को किसी सिटिंग जज के मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि तीस साल पहले १९९१ में वीरास्वामी केस में किसी भी जांच एजेंसी को सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट में कार्यरत किसी भी जज के खिलाफ दस्तावेज सीजेआई को दिखाए बिना जांच शुरु करने के लिए एफआईआर दर्ज करने की अनुमति नहीं दी थी। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट में कार्यरत किसी भी जज के खिलाफ १९९१ से पहले किसी भी एजेंसी ने किसी भी मामले में हाईकोर्ट में कार्यरत जज के खिलाफ मामले में जांच नहीं की थी। उसके बाद से यह पहली बार है जब कोई जांच एजेंसी को सिटिंग जज के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी गई है।
प्रियंका चोपड़ा ने अपना बर्थडे पर काटा लाखो रु का केक, जानिए खासियत
नीति और नीयत पर संदेह
मुकद्दर का सिकंदर बने महानायक को मिलेगा दादा साहेब फाल्के अवार्ड
विपक्षी एकजुटता के बाद भी संसद से पारित हुआ नागरिकता संशोधन विधेयक
ट्रेन की पटरी पर फेंका खाना खाता व्यक्ति का वीडियो वायरल, लोग बोले हमें शर्म आनी चाहिए |
मुख्यपृष्ठमैथेमेटिक्स विज़नभिन्न या दशमलव वाली संख्याओं का ल.स और म.स पता करना। ल.स और म.स का टू इन ओन.
हल : ४ / ५, और ३ / ७ का ल.स.
= अंश का ल.स. / हर का म.स.
या = ४ और ३ का ल.स. / ५ और ७ का म.स.
या = १२ / १
चलिए अब हम ४ / ५, और ३ / ७ का ल.स. और म.स. बिना भिन्न वाले सूत्र लगायें ज्ञात करते हैं । इसके लिए हमको इन दोनों भिन्नों को खंडित करना होगा। भिन्नों को तोड़ना या खंडित करने के लिए हमें हर वाले मान को समाप्त करना होगा। हर वाले मान को दो प्रकार से हटाया या समाप्त किया जा सकता :
भिन्न को दशमलव में बदलकर ।
किसी संख्या से अंश में गुणा करें और जो ल. स. और म.स. मिला है उसमें में उसी संख्या से भाग कर दें जिससे पहले गुणा किया गया था । बहुत ही आसानी से काम हो जायेगा।
चलिए उदाहरण की सहायता से समझते हैं।
उदाहरण : भिन्नों ४ / ५, और ३ / ७ का ल.स. और म.स. बिना भिन्न वाले सूत्र लगायें ज्ञात करने के लिए हम सबसे पहले दोनों भिन्नों के हर का ल.स. निकालना होगा या फिर ऐसी संख्या का गुणा करें दोनों भिन्नों कि हर वाला मान हट जाये । ५ और ७ का ल.स. = ३५ होगा। इसलिए ४ / ५, और ३ / ७ में ३५ का गुणा करने पर,
( ४ / ५ ) 3५ = ४ ७
और ( ३ / ७ ) ३५ = ३ ५
अब २८ और १५ का म.स.और ल.स. आसानी से पता कर सकते हैं।
२८ = १ २ २ ७ और
दोनों गुणनखंडो में सिर्फ एक ( १ ) मिल रहा है। इसलिए २८ और १५ का म.स. = १ होगा। चुँकि हमने भिन्नों को तोड़ने के लिए ३५ से गुणा किया था , इसलिए हमें ३५ से भाग करनी पड़ेगी । भाग करने पर, १ / ३५ होगा। अतः भिन्न ४ / ५, और ३ / ७ का म.स. = १ / ३५
अब २८ और १५ का ल.स. = २८ १५ = ४२०.
चुँकि हमने २८ और १५ प्राप्त किया है भिन्नों ४ / ५, और ३ / ७ में ३५ का गुणा करने पर । इसलिए अब हमें ३५ से ४20 में भाग करनी पड़ेगी। भाग करने पर,
४२० / ३५ = ६ ७ १० / ५ ७
अतः भिन्न ४ / ५, और ३ / ७ का म.स. = १२
आगे जारी है... दशमलव का ल.स.और म.स. ।
नोट : भिन्नों को दशमलव में भी बदलकर ल.स.और म.स. निकाला जा सकता है। पर जो भिन्नें पूर्णतः विभाजित होती हैं । उनका ही आसानी से ल.स.और म.स. निकाला जा सकता है । |
संजय राउत बोले- मजबूत होने का मजा ही तब है...
शिवसेना प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत लगातार ट्वीट कर विरोधियों पर निशाना साध रहे हैं.
संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा है कि मजबूत होने का मजा ही तब है, जब सारी दुनिया कमजोर करने पर तुली है.
मुंबई. महाराष्ट्र (महाराष्ट्र) में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस (शिव सेना, नप एंड कांग्रेस) गठबंधन की सरकार ने शनिवार को अपना बहुमत साबित कर दिया और रविवार को विधानसभा स्पीकर (असेंबली स्पेकर) का चुनाव किया जाना है. वहीं, शिवसेना नेता और राज्यसभा संजय राउत (संजय राउत) ने एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है.
सामना में शरद पवार की जमकर तारीफ, बीजेपी पर प्रहारशिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एनसीपी के मुखिया शरद पवार की जमकर तारीफ की गई है. इसमें कहा गया है कि पवार के बगैर राजनीति नीरस और रुचिहीन है. पूर्व सीएम पर हमला करते हुए लिखा गया है कि महाराष्ट्र में विपक्ष नहीं रहेगा और पवार की राजनीति खत्म हो चुकी है, ऐसी हास्यास्पद और बचकानी बातें करने वाले देवेंद्र फडणवीस को यह दांव उल्टा पड़ गया है. |
द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन, बाइनरी विकल्पों पर व्यापार
कुछ उपयोगकर्ता यह भी लिखते हैं कि वहां हैऐसे ऑटोक्लिकर्स जो आपके व्यक्तिगत डेटा (पासवर्ड, लॉगिन) को उन स्कैमर को प्रेषित करते हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक अपनी कड़ी मेहनत की है। क्या कोई अतिरिक्त द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन कार्यक्रम वास्तव में सार्थक है? फिलहाल, "एसईओप्रिंट" किसी भी ऑटोक्लिकर्स का समर्थन नहीं करता है और दृढ़ता से उन्हें काम करते समय उपयोग करने की सलाह नहीं देता है, अन्यथा वे उपयोगकर्ता को बैंक सूची में भेजते हैं। और आप सेओस्प्रिंट पर कमाई खो देंगे। समीक्षा, हालांकि, इस तरह के कार्यक्रमों के बारे में एक सकारात्मक नस में लिखी गई है, आमतौर पर डेवलपर्स स्वयं या अन्य बेईमान उपयोगकर्ताओं द्वारा लिखी जाती है।
एक निर्धारित राशि के लिए उपयोगकर्ता एक महीने के लिए सेवा के लिए उपयोग मिल जाएगा। यह एक बहुत अच्छा सौदा, में निवेश के रूप में है द्विआधारी विकल्प - पूर्वानुमान रोबोट और मेरी सिफारिशों से बस कुछ ही दिनों में खुद के लिए कई बार भुगतान करना होगा। मुद्रास्फीति प्रबंधन में उपायों के एक सेट का उपयोग शामिल है जो कुछ हद तक मदद करता है जो आय स्थिरीकरण के साथ मूल्य वृद्धि (मामूली) को जोड़ता है। पश्चिमी देशों में प्रयुक्त प्रक्रिया प्रबंधन उपकरण मुद्रास्फीति की प्रकृति और स्तर, व्यापार पर्यावरण के विनिर्देशों और आर्थिक तंत्र के विनिर्देशों के आधार पर भिन्न होते हैं।
मोरस्ती शहर में भूमध्यसागरीय सागर के तट पर रिबैट एक भव्य ट्यूनीशियाई किले है। यह सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण रक्षात्मक काम है जो अरब विजेताओं द्वारा द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन माघरेब तट पर खड़ा हुआ है। इस्लाम। यह ७९६ में स्थापित किया गया था, यह इमारत मध्ययुगीन काल के दौरान, कई पुनर्गठन प्रारंभिक रूप से एक चतुर्भुज की तरह आकार में, इसमें चार आंतरिक आंगनों वाले दो भवन हैं। इसके अलावा, यह माघरेब के सबसे पुराना और सबसे महत्वपूर्ण रिबेट माना जाता है, इसे मोनास्टिर का प्रमुख स्मारक माना जाता है। ग्यारहवीं शताब्दी के दौरान, अन्नालुसियाई भूगोल और इतिहासकार अल बकरी ने मोंस्थिर के रिबेट पर निम्नलिखित विवरण छोड़े: "यह एक बहुत ही उच्च और ठोस रूप से निर्मित किले है। जमीन के ऊपर, पहली मंजिल पर, एक मस्जिद है जहां एक शेख है, जो पुण्य और योग्यता से भरा है, जो खड़ा है, जिस पर समुदाय की दिशा तय है। " दुष्टो का बल हिन्सा है, शासको का बल शक्ती है,स्त्रीयों का बल सेवा है और गुणवानो का बल क्षमा है ।
फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐमजॉन के शेयरों द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन में २ फीसदी की बढ़ोतरी से बेजॉस की कुल संपत्ति में ९० करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ और वह दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं। टूर्नामेंट चयन में (गद९१) व्यक्तियों के एक नंबर टूर आबादी से यादृच्छिक पर चयन किया जाता है, और इस समूह से सबसे अच्छा व्यक्ति माता-पिता के रूप में चुने गए हैं. यह प्रक्रिया अक्सर दोहराया है ने कहा कि व्यक्तियों का चयन. इन चयनित माता-पिता वर्दी यादृच्छिक संतान उत्पन्न. टूर्नामेंट के चयन के लिए पैरामीटर टूर टर्नेरिंगटॉरेल्सन है. टूर मूल्यों से लेकर ले जाता है २ - ओसीआर के लिए सिफारिश की (जनसंख्या में लोगों की संख्या). तालिका ५ और चित्रा ९ टूर्नामेंट आकार और चयन के बीच संबंधों को मजबूत बनाने के शो (बट९५)।
बुनियादी तत्व पूरा होने के बादछवि, आप जारी रख सकते हैं। कार्य का अगला तत्व, चरणों में एक ओलंपिक तेंदुए को कैसे आकर्षित किया जाए, छवि के अंगों और विवरणों को चित्रित करने में शामिल हैं। बैंकों ने एल्गोरिदम का लाभ भी लिया है जो कि इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर मुद्रा जोड़े की कीमतों को अपडेट करने के लिए प्रोग्राम किए जाते हैं। ये एल्गोरिदम गति को बढ़ाता है जिस पर बैंक बाजार की कीमतों का उद्धरण कर सकते हैं, साथ ही मैन्युअल कामकाजी घंटों की संख्या को कम कर देते हैं, जो कीमतों का उद्धरण लेते हैं।
इस बारे में सोचें कि आप आइटम कैसे बेच सकते हैं। आप अपने व्यक्तिगत सामान को उन लोगों को बेच सकते हैं जिन्हें आप जानते हैं, या अजनबियों, या इंटरनेट पर। आप कहां रहते हैं इसके आधार पर, इनमें से प्रत्येक विधि आपको त्वरित आय ला सकती है।
फीफा रैंकिंग में भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम एक स्थान नीचे खिसक कर ९७वें स्थान पर पहुंच गई है. इससे पहले टीम ९६वें स्थान पर थी। संबंध जोड़कर तोड़ना बहुत मुश्किल है, विवाहित होकर के फिर संबंध तोड़ना कठिन कार्य है। मन की वैयावृति मानसिक वैयावृति कैसे होती है, यह जानना बहुत आवश्यक है। मोक्षमार्ग में असंख्यात गुनी निर्जरा होती है, ऐसा चिंतन करना चाहिए। तुमसे मेरे कर्म कटे, मुझसे तुम्हें द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन क्या मिला? तुमने अनेकों गतियों में भ्रमण करके संख्यात या असंख्यात काल पर्यंत बिना विश्राम किए दुख सहे है, तब अति अल्प काल के लिए इस भव में यह थोडा सा दुःख क्यों नही सहते हो?
२०१८/०७/२५ मुद्रा बाजार में शांत है: सबसे मुद्राओं संकीर्ण सीमाओं महत्वपूर्ण घटनाओं इस सप्ताह से पहले समेकित - डोनाल्ड ट्रम्प, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ज्यां क्लाड जंकर और यूरोपीय सेंट्रल बैंक के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की बैठक । यह वास्तव में एक बहुत ही आसान काम है, लेकिन यह आप उपकरण या एक संकेतक के प्रत्येक बिक्री के लिए, क्योंकि प्रत्येक ग्राहक के लिए पैसे की एक सुंदर राशि कमाने का मौका देता है, इस सहबद्ध साइट वे कमीशन मिलता है, मंच करने के लिए देता है। यह इन दिनों में काफी अच्छा कमीशन है। इस प्रक्रिया में लोगों को अभी केवल सौंपा गतिविधियों के प्रचार के लिए बाहर ले जाने के लिए की जरूरत है और कुछ में खुद को शामिल करने की जरूरत नहीं है क्योंकि द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन यह बहुत आसान काम कहा जाता है। यदि आप अधिक इस तरह की पेशकश के मामले में, एक विदेशी मुद्रा व्यापार में रुचि रखते हैं, जो उन लोगों के लिए पैसे की एक सुंदर राशि अर्जित करने के लिए बहुत अच्छा मौका है। सहबद्ध साइटों की मदद से विपणन के लिए सही प्रचार गतिविधियों और सही दृष्टिकोण के साथ, पैसे की एक सुंदर राशि प्रवाह कर सकते हैं।
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डिज़ाइन परियोजना बाहर ताजा और मूल दिखता है, लेकिन पहले से ही देखा है के रूप में, कई मंचों, उत्पादों की इस तरह उच्च उपज परियोजनाओं के लिए है, न कि केंद्र के लिए की तुलना में सूट करेगा। शामिल जानकारी का एक न्यूनतम राशि संसाधन के पेजों को भरने, पाठ केवल अंग्रेजी भाषा के सामग्री तैयार की। होम प्रदर्शित करता है लाभ का एक कैलकुलेटर गणना के साथ निवेश की योजना, नीचे जमा और भुगतान पर कंपनी के फायदे और हाल ही के लेनदेन को दर्शाता है। अमेरिकी एथलीट मार्क फिलिप शल्ट्ज - ओलंपिक चैंपियन और दो बार विश्व चैंपियन। एक फ्रीस्टाइल पहलवान, वह अमेरिकी लड़ाई के राष्ट्रीय हॉल ऑफ फेम का मानद सदस्य है।
गुणा करना। बोनस शेयर जो अगले महीने के भीतर एक निश्चित ट्रेडिंग कारोबार बनाने की योजना बना रहे हैं यह निम्नानुसार कार्य करता है: माह की शुरुआत में ग्राहक बोनस "गुणा" के लिए लागू होता है, जिसमें वे कितने लोगों की योजना बनाते हैं। पहले से, व्यापार संचालन के लिए उन्हें बोनस प्रदान किया जाता है। और अधिक - अधिक बोनस बीआईआर छुट्टी द्विआधारी विकल्प कारोबार में मुद्राओं के सहसंबंध के प्रैक्टिकल आवेदन की अवधि बच्चे की देखभाल (३ साल) के मुकाबले कुछ हद तक कम है। इस प्रकार की छुट्टियों की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि उनका उपयोग प्रासंगिक कार्य अनुभव के संचय को निलंबित नहीं करता है। |
अूनप पाण्डेय, नई दिल्ली
जीटीबी अस्पताल में मंगलवार को बच्चा बदले जाने के एक मामले को लेकर सुबह से शाम तक गाइनी वार्ड में हंगामे की स्थिति बनी रही। शाम के वक्त पुलिस और अस्पताल प्रशासन ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। जानकारी के मुताबिक, बड़ौत के रहने वाले इमरान ने डिलिवरी के लिए अपनी पत्नी फरजाना को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया था जहां ऑपरेशन के बाद फरजाना को बच्चा पैदा हुआ। पति इमरान ने बताया कि मेडिकल कारणों से मां और बच्चे के अलग-अलग रखा गया था।
सुबह के वक्त अस्पताल की एक महिला स्टाफ फरजाना के पास एक बच्चे को लेकर आई और बोली कि तुम्हें बेटा पैदा हुआ है, इसे अपना दूध पिलाओ। दूध पिलाने के बाद वह फिर बच्चे को लेकर चली गई। वही स्टाफ थोड़ी देर बाद दोबारा आई और बोली कि तुम्हें बेटा नहीं, बेटी हुई है। इसके बाद फरजाना के परिजनों ने बच्चा बदलने का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामे को बढ़ता देख मौके पर पुलिस और अस्पताल के अधिकारी पहुंच गए।
सुबह से लेकर शाम तक चले हंगामे के बाद अस्पताल प्रशासन ने फरजाना के परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। जब नए सिरे से सारे पेपर चेक किए गए तो पता चला कि फरजाना को बेटा नहीं, बेटी ही पैदा हुई थी। अस्पताल की उस महिला स्टाफ की एक गलतफहमी की वजह से ऐसी अजीब स्थिति बन गई। हंगामे के दौरान दोनों ही मांओं का रो-रोकर बुरा हाल था। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर सुनील कुमार गौतम ने बताया कि इस मामले की जानकारी अभी उन तक नहीं पहुंच पाई है। |
महाराष्ट्र: शिवसेना-एनसीपी की सरकार बनाने की तैयारी लोकभारत
मुंबई। महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद सरकार बनाने से इंकार करने के बाद अब बीजेपी का विपक्ष में बैठना तय माना जा रहा है। वहीँ अब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं।
बीजेपी द्वारा सरकार बनाने से इंकार किये जाने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने कहा कि उद्धव जी ने साफतौर पर कहा है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा, यदि उन्होंने कहा है तो हर कीमत पर मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा।
वहीँ इससे पहले महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस प्रभारी और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है और यही फैसला हमारा है।
उन्होंने कहा कि कुछ बयानों में कांग्रेस के शिवसेना को समर्थन देने की बात सामने आ रही है और कुछ इससे इंकार कर रहे हैं लेकिन इन बयानों में कोई सच्चाई नहीं है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है। ऐसे में अकेले सरकार बना पाना किसी भी पार्टी के लिए सम्भव नहीं है। बीजेपी शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन दोनों दलों के बीच में मुख्यमंत्री पद को लेकर रार पैदा हो गयी।
हालाँकि शिवसेना की तरफ से दावा किया जा रहा है कि उसे महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन मिलेगा। हालाँकि कांग्रेस और एनसीपी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर शिवसेना को समर्थन देने की बात नहीं कही है।
ऐसे में देखना होगा कि क्या राज्यपाल कोश्यारी शिवसेना को सरकार बनाने का न्यौता देंगे? यदि ऐसा होता है तो शिवसेना को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस समर्थन देते हैं अथवा नहीं। |
बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों के लिए खुशखबरी -
बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों के लिए खुशखबरी
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि जो सेवाओं अभी नि:शुल्क हैं २० जनवरी के बाद भी वे फ्री रहेंगी और कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डी.बी महापात्रा ने शुक्रवार को संवाददाताओं से चर्चा में यह स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि सभी सरकारी बैंक राष्ट्र सेवा और देशवासियों की सेवा में लगे हुए हैं।
इसके मद्देनजर देशवासियों पर बैंकिंग सेवाओं को लेकर कोई भी अतिरिक्त प्रभार नहीं लगाया गया है। सभी सरकारी बैंकों में २० जनवरी से किसी भी नि:शुल्क सेवा को शुल्क में दायरे में नहीं लाया जा रहा है।
इस संबंध में वित्तीय मामलों के सचिव राजीव कुमार ने भी बैंकों से जानकारी ली है और उन्होंने भी ट्वीट के जरिये यह साफ किया है कि २० जनवरी से कोई भी सरकारी बैंक नि:शुल्क सेवाओं को समाप्त नहीं कर रहा है और इन सेवाओं पर शुल्क नहीं लगा रहा है।
प्रेवियस पोस्टप्रिवियस छेड़छाड़ मामला : ५ महीने बाद जेल से बाहर आए विकास बराला
नेक्स्ट पोस्टनेक्स्ट सलमान ने १९२१ के लिए जरीन खान को दी शुभकामनाएं |
हेडली, इशरत व भारतीय पाखंड
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जब अमेरिका में हेडली से पहली पूछताछ में एनआईए ने उसके ब्योरे को पेश किया तो यह राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया कि इशरत लश्कर से जुड़ी थी और अपना मिशन पूरा नहीं कर पाई। संदर्भ हटा दिए गए, उन्हें निरस्त और खारिज कर दिया गया। अब हेडली अपने २०१० के बयान को ही दोहरा रहा है। हेडली के दावों से तीन विवादित तस्वीरें उभर रही हैं।
पहली उसका दावा एकदम खोखला है। वह दोषी है। साथ ही ऐसा दोहरा एजेंट रहा है, जिसने अमेरिकी और भारतीय कानून में टाडा अदालत से माफी के जरिए राहत पाई है। इशरत के बारे में उसका बयान राजग सरकार द्वारा दी गई माफी के बदले एहसान भी हो सकता है। लिहाजा, उनकी मूल धारणा में कोई बदलाव नहीं आया है कि इशरत निर्दोष थी, जो फर्जी मुठभेड़ की भेंट चढ़ गई।
दूसरा, अब तमाम सबूत बोलते हैं कि इशरत लश्कर की सक्रिय सदस्य थी और अगर पुलिस ने उन लोगों का उड़ा दिया तो इसमें क्या समस्या है, आपको आतंकियों से सक्रियता के साथ निपटने की दरकार है।
तीसरी तस्वीर नागरिक अधिकारवादियों का यह सुविधाजनक पहलू कि अगर वह आतंकी थी भी, तो क्या? क्या इससे फ़र्जी मुठभेड़ को वैधता मिल जाती है?
इन सभी तस्वीरों के तर्क भारी पड़ते हैं लेकिन ये तथ्य और नैतिकता के आधार पर दोषपूर्ण भी हैं। चलिए उन शुरुआती तीन पहलुओं के संदर्भ में इन्हें कसौटी पर कसते हैं। पहला यह कि संप्रग शासन के दौरान खुफिया हलकों में यह मान लिया गया था कि इशरत एलईटी की सदस्य थी। उस गिरोह को सुनियोजित मुठभेड़ में मार गिराया गया, जो आतंक से निपटने की कवायद के 'अनुरूप' ही था। असल में संप्रग के दूसरे कार्यकाल में ही यह शुरू हुआ, जब सरकार को गुजरात से चुनौती कड़ी होती दिखी और उसके मोदी, शाह और उनके सक्रिय पसंदीदा पुलिसकर्मियों पर उनके विशेष परिचालन समूहों ने सक्रियता बढ़ा दी और 'फर्जी मुठभेड़' पर मातमपुर्सी का सिलसिला शुरू हुआ। इसके दोहरे मकसद थे। एक तो राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की जड़ें काटना और दूसरा मुसलमानों को पीडि़त के तौर पर पेश कर चुनावी फायदा उठाना।
वास्तव में जब अदालती दखल और शीर्ष राजनीतिक स्तर पर संप्रग के फैसले से मुठभेड़ सुर्खियों में लौटी और राजेंद्र कुमार को लपेटा जाने लगाए जब देश में पहली बार आईबी के किसी अधिकारी के साथ ऐसा सुलूक हो रहा था तो संगठन के अंदरूनी ढर्रे की परतें खुलनी लगीं, जिससे सुरक्षा हलकों में बेचैनी बढ़ गई। तमाम वयोवृद्ध दिग्गजों सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इसका विरोध किया और तर्क दिया कि यह बेहद जोखिमभरा है और ऐसी मुठभेड़ें का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए
मगर सियासत इस पर हावी हो गई। एक स्तर पर यह सीबीआई बनाम आईबी की लड़ाई बन गई। दूसरी ओर कांग्रेस के विशेष परिचालन समूह के सदस्यों ने नए सिद्धांत गढ़ लिए, जैसे कि कुमार और नरेंद्र मोदी का (नजदीकी याराना) रहा है और जब मोदी हिमाचल में भाजपा के प्रभारी थे तो चंडीगढ़ में आईबी की कमान संभाल रहे कुमार के साथ उनकी करीबी बढ़ी। यह खोज करने में संप्रग को एक दशक, तीन गृह मंत्री और पांच आईबी प्रमुख लग गए।
अब यह खुलासा हो चुका है और कांग्रेस को नहीं पता कि उसे कहां मुंह छिपाना है। यह किसी से छिपा नहीं रहा कि सुरक्षा संबंधी सभी खतरों से निपटने में कांग्रेस खासी क्रूर रही है। वर्ष १९८४ से १९९३ के दरमियान उसने बेमिसाल एकनिष्ठता के साथ गुप्त तरीके से पंजाब में अलगाववाद को नेस्तनाबूद किया। अगर विशाल भारद्वाज की 'हैदर' में नब्बे के दशक की शुरुआत के दौरान कश्मीर में आतंक विरोधी गतिविधियों से निपटने की हृदय विदारक तस्वीर ने आपको विचलित किया हो तो याद रखिए कि यह सब नरसिंह राव की 'कमजोर' और अल्पमत वाली कांग्रेस सरकार के दौरान हो रहा था। इसलिए कांग्रेस के लिए सीधा जवाब यही होगा कि देखो इस मसले पर कौन आवाज उठा रहा है।
सबसे बेवकूफाना तर्क यह है कि भाजपा ने हेडली को माफी दी और इशरत को लेकर उसका दावा सौदेबाजी का हिस्सा है। हेडली को लेकर सौदेबाजी संप्रग के समय में ही शुरू हुई थी।
अगर आपको संदेह है तो तत्कालीन अमेरिकी राजदूत टिम रोमर की नारायणन से बातचीत के लीक अमेरिकी केबल पर गौर कीजिए, जिसमें वह कहते हैं कि भारत खुद को ऐसे पेश नहीं कर सकता कि वह प्रत्यर्पण से पीछे हट रहा है, लेकिन फिलहाल इसे नहीं उठाएगा। स्वाभाविक रूप से रोमर इशारा करते हैं कि अमेरिकी कानून में अगर किसी को दोषी ठहराया जाता है तो जब तक सजा पूरी न हो जाए, उसका प्रत्यर्पण नहीं हो सकता और यह मामला ३५ साल की सजा से जुड़ा है। लिहाजा, भारतीय माफी महज औपचारिकता है।
नागरिक अधिकारवादियों का मामला ज्यादा पुख्ता है, खासतौर से जब वे यह कहते हैं कि अगर वह आतंकी थी भी तो क्या। कोई भी कानून फर्जी मुठभेड़ों को वैधता नहीं देता। यह सर्वमान्य है। भाजपा का तर्क है कि आतंकियों को किसी भी सूरत में ठिकाने लगाया जा सकता है, भले ही वह नैतिक और कानूनी रूप से गलत हो। सवाल है कि क्या इशरत मामला फर्जी मुठभेड़ है।
फर्जी और वास्तविक मुठभेड़ों (बटला हाउस मुठभेड़ भी संप्रग के दौर में हुई) के अलावा एक तीसरी और प्रचलित श्रेणी है।
खुफिया लोगों ने सबसे अशिष्ट चीज के लिए बेहद शिष्ट शब्द गढ़ा है। इसे वे निर्देशित हत्या का नाम देते हैं। इशरत मुठभेड़ न तो वास्तविक थी और न ही फर्जी। मेरे नजरिए ये यह नियंत्रित हत्या थी। अगर आतंकी खतरों के बढऩे से ऐसी और हत्याएं जरूरी हैं तो आपको भी अमेरिका की तरह कानूनी ढांचा बनाना होगा। या फिर स्कैंडेनेवियाई देशों की राह चलना होगा। अगर इस अवैध और अनैतिक कृत्य को लेकर आप असंतोष जताते हैं तो आपको इसकी शुरुआत कुछ पहले से करनी होगी और अगर १९६८-७१ के दौर वाले नक्सली अध्याय से नहीं तो १९८४-९३ के पंजाब से ही सही। आप इशरत पर भी नहीं रुक सकते। क्या संप्रग के राज में किसी आजाद नाम के माओवादी पर कोई हंगामा हुआ, आजाद भारत में किसी अन्य की तुलना में कांग्रेस के राज में ही सबसे ज्यादा नियंत्रित हत्याएं हुईं। असंतोष जताने के लिए सुविधावादी नहीं हुआ जा सकता। |
इस नेता का बड़ा बयान, कहा पीएम मोदी करते है कपड़ों से...इनकी पहचान
इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, मेरे घर में हाल ही में निर्माण कार्य चल रहा था। इस दौरान मेरे यहां काम कर रहे मजदूर जब खाना खाने बैठे तो मुझे उनके खाना खाने का तरीका कुछ अजीब लगा।
वे सभी पोहा खा रहे थे। मैंने उनके सुपरवाइजर से पूछा कि ये लोग बंगलादेशी हैं क्या? इसके बाद वे मजदूर काम पर ही नहीं आए।
बता दें कि असम में न्र्च के खिलाफ हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के दौरान पीएम मोदी झारखंड में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मंच से उन्होंने कहा था कि देश में आग कौन लोग लगा रहे हैं, यह उनके कपड़ों से पता चल जाता है।
पीएम मोदी ने कहा था, ये कांग्रेस और उसके साथी हो-हल्ला मचा रहे हैं, तूफान खड़ा कर रहे हैं. उनकी बात चलती नहीं है तो आगजनी फैला रहे हैं. ये जो आग लगा रहे हैं, टीवी पर जो उनके दृश्य आ रहे हैं, ये आग लगाने वाले कौन हैं, उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन जारी है। पिछले दिनों पीएम मोदी ने कहा था कि जो लोग देश में आग लगाते हैं, उनके कपड़ों से ही पता चल जाता है कि वे कौन लोग हैं।
अब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, मेरे घर में काम कर रहे मजदूरों के पोहा खाने के तरीके से मैं समझ गया कि वह बांग्लादेशी हैं।
प्रेवियस केजरीवाल के सपोर्ट उतरा ये चाय वाला, फ्री में पीला रहे ४ किस्म की चाय
नेक्स्ट बाबा रामदेव ने मोदी सरकार को दी ये नसीहत, कहा इस पर दे ध्यान |
दर्शनशास्त्र एक विज्ञान है जिसका जन्म हुआउम्र की गहराई। यह हर समय महत्वपूर्ण और प्रासंगिक था। स्वाभाविक रूप से, दर्शन अभी भी इसकी लोकप्रियता खो नहीं है। और आजकल इसमें मनुष्य के स्थान और उससे संबंधित मामलों में शामिल महान विचारक शामिल हैं। आधुनिक दर्शन में काफी बदलाव आया है, लेकिन इसका अर्थ नहीं खो गया है। आइए सभी सुविधाओं को और अधिक विस्तार से देखें।
हमारे समय का दर्शन हैसभी प्रकार के अभ्यास का एक सेट। यह एक अभिन्न दुनियादृश्य नहीं है, लेकिन बारहमासी मुद्दों के लिए विभिन्न दृष्टिकोण हैं। आधुनिक दर्शन पहले की तुलना में अधिक सहनशील है। अब व्यक्ति को चुनने का पूरा अधिकार है। एक आधुनिक व्यक्ति खुद को तय कर सकता है कि दुनिया का क्या विचार है और इसमें किसी व्यक्ति की जगह उसके करीब है। साथ ही, एक व्यक्ति अपनी वैचारिक स्थिति की पसंद के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेता है।
आधुनिक दर्शन ने निर्माण करने से इंकार कर दियाकोई सटीक सिस्टम। विचारक दृढ़ निष्कर्ष पर पहुंचे कि न तो मूल पैमाने और न ही पूर्ण संदर्भ प्रणाली मौजूद हो सकती है। हमारे समय के दर्शन ने मनुष्य को पूर्ण स्वायत्तता दी है। अब राज्य, विचारकों और समाज के व्यक्ति में अब तक तथाकथित "शिक्षक" नहीं हैं। नतीजतन, उनके जीवन की ज़िम्मेदारी एक व्यक्ति केवल अपने कंधों पर भालू होती है।
आधुनिक दर्शन लगभग पूरी तरह से हैदुनिया और किसी भी सामाजिक संस्थानों को बदलने का विचार छोड़ दिया। विचारकों ने एक और अधिक तर्कसंगत और कुशल तरीके से होने की अपरिपूर्णता को खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि एक व्यक्ति को पहले खुद को बदलना चाहिए, और उसके बाद, पूरी दुनिया अनिवार्य रूप से बदल जाएगी।
हालांकि, इस अनुशासन का अपना हैसमस्याओं। कुछ विशेषज्ञ दार्शनिक विचारों के संकट को भी ध्यान में रखते हैं। कारण क्या है? आधुनिक तकनीक हर दिन विकसित हो रही है। जीवन बहुत तेज़ी से बदल रहा है, क्योंकि यह कई क्षेत्रों में वास्तविक सफलता की उम्र है। दर्शनशास्त्र में ऐसी महत्वपूर्ण प्रगति के लिए समय नहीं है। हालांकि, एक व्यक्ति का आध्यात्मिक विकास इसके सफल गठन पर निर्भर करता है। सभी तकनीकी नवाचारों के साथ, जीवन के अमूर्त पहलुओं के बिना सभ्यता विकसित की जानी चाहिए। यही कारण है कि आधुनिक दुनिया में दर्शन की भूमिका बस विशाल है।
आइए संक्षेप में मुख्य समीक्षा करने का प्रयास करेंइस अनुशासन के निर्देश। सबसे पहले, यह एक विश्लेषणात्मक दर्शन है। इसमें भाषाविज्ञान द्वारा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। विश्लेषणात्मक दर्शन ने भाषा को व्यावहारिक रूप से अपनी नींव बना दी है। यह दिशा जीवन के ज्ञान के लिए एक तर्कसंगत, तार्किक, अनुसंधान दृष्टिकोण का पालन करती है।
दूसरा, यह फेनोमिनोलॉजी है। यह दिशा मानव मनोविज्ञान की गहराई में जाती है। इसके अनुसार, प्रत्येक वस्तु और घटना को किसी भी विशेषताओं के साथ भौतिक वस्तुओं के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। यह याद रखना उचित है कि एक वास्तविक जीवन की चीज़ और किसी व्यक्ति के दिमाग में इसकी समझ काफी भिन्न हो सकती है। यह ऐसी घटनाओं और वस्तुओं की छवियां हैं जिन्हें इस प्रवृत्ति को उनके आधार के रूप में माना जाता है और उन्हें तय किया जाता है, जिससे उन्हें घटना कहा जाता है।
तीसरा, यह आधुनिकतावाद है। यह एक बहुत ही विविध और विविध दिशा है। हालांकि, यह सामान्य विचार से एकजुट है कि सभी पुराने रूढ़िवादों, दृष्टिकोणों को त्यागना जरूरी है जो अब दार्शनिक विचारों के सफल विकास में बाधा डालना शुरू कर चुके हैं। आधुनिकतावाद पुराने परंपराओं को खारिज कर देता है और दुनिया के ज्ञान के नए रूपों की तलाश में है।
अब आप आधुनिक की सभी सुविधाओं को जानते हैंदर्शन। इस अवधि के दौरान, यह अनुशासन एक अस्थिर स्थिति में है, इसलिए इसकी मुख्य विशेषताओं को स्पष्ट रूप से पहचानना मुश्किल है।
समाज की संस्कृति और आध्यात्मिक जीवन में दर्शन की जगह और भूमिका |
रीवा में आचार्य विद्यासागर के सम्मान में २१ फीट ऊंचा संयम कीर्ति स्तंभ
जैन संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर के सम्मान में किया गया स्थापित,सकल दिगंबर जैन समाज ने सहयोग से रखी है आधारशिला
रीवा। रीवा शहर के हृदय स्थल में स्थित अस्पताल चौराहे की पहचान अब संयम कीर्ति स्तंभ से की जाएगी। सफेद संगमरमर का यह स्तंभ न केवल शहरियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा बल्कि जैन धर्म के बारे में तमाम जानकारियों से भी अवगत कराएगा।
संयम कीर्ति स्तंभ को सकल दिगंबर जैन समाज और श्री दिगंबर जैन समाज कल्याण समिति के संयुक्त प्रयाय से स्थापित किया जा रहा है। जैन समाज के महामंत्री राजेश जैन ने बताया कि जैन समाज के संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज की दीक्षा को ५० वर्ष हो गए।
इस अवसर पर उनके सम्मान में संयम स्वर्ण महोत्सव मनाया जा रहा है। देशभर के २५६ शहरों में संयम कीर्ति स्तंभ स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में रीवा में अस्पताल चौराहे पर संयम कीर्ति स्तंभ स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें करीब छह लाख रुपए का खर्च आया है जो जैन समाज के लोगों के सहयोग से संभव हुआ है। उन्होंने अस्पताल चौराहे पर स्थापित करने के उद्देश्य के बारे में बताया कि जैन समाज संयमित जीवन जीता है। जैन धर्म यही सिखाता है। संतों की वाणी भी यही कहती है। संयम कीर्ति स्तंभ सभी समाज के लोगों को संयम धारण करने और संयमित जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा देगा। खास बात ये है कि संयम कीर्ति स्तंभ राजस्थान के मकराना से मंगाया गया है।
जनवरी में होगा लोकार्पण
संयम कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण जनवरी में पूजा-पाठ और शुद्धिकरण कर किया जाएगा। इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। स्तंभ के अलावा चौराहे के ग्राउंड का रंग-रोगन और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। लोकार्पण से पहले कटरा स्थित जैन मंदिर में संतों की मौजूदगी में पूजा-पाठ होगा और स्तंभ शुद्धिकरण किया जाएगा।
इसमें उपदेश हैं उल्लेखित
संयम कीर्ति स्तंभ २१ फीट ऊंचा है। इसमें आचार्य श्री विद्यासागर महाराज द्वारा लिखे ग्रंथो के कुछ अंश लिखे हुए हैं। जैन धर्म के उपदेश उल्लेखित हैं। शिखर पर कलश स्थापित है तो जैन संतों के द्वारा धारण किए जाने वाले पीछी और कमंडल भी अंकित हैं।
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रहस्य: ९०० साल सूखा पड़ा था, पूरी सभ्यता ही नष्ट हो गई | नेशनल न्यूज
कोलकाता। सिंधु घाटी सभ्यता की समाप्ति के रहस्यों को जानने की कोशिश आज भी हो रही है। कुछ ने सूखे को तो कुछ भयंकर बाढ़ को तो कुछ बाहरी आक्रमण को सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह मानते हैं। कुछ वैज्ञानिकों ने जलवायु परिवर्तन को भी एक वजह माना है। हाल ही में आइआइटी, खड़गपुर के वैज्ञानिकों ने लगभग ४३५० साल पहले सिंधु घाटी सभ्यता के खत्म होने की वजह बने सूखे की अवधि का पता लगाया है। आइआइटी खड़गपुर के वैज्ञानिकों को एक शोध में पता चला है कि यह सूखा कुछ साल या कुछ दशक नहीं बल्कि पूरे ९०० साल तक चला था।
वैज्ञानिकों ने उस थ्योरी को भी गलत साबित कर दिया, जिसमें सूखे के २०० साल में खत्म हो जाने की बात कही गई थी। आइआइटी, खड़गपुर के भूगर्भशास्त्र और भूभौतिकी विभाग के शोधकर्ताओं ने पिछले लगभग ५००० साल के दौरान मॉनसून के पैटर्न का अध्ययन किया और पाया कि लगभग ९०० साल तक उत्तर पश्चिम हिमालय में बारिश न के बराबर हुई। इस कारण सिंधु और इसकी सहायक नदियां जो बारिश से साल भर भरी रहती थीं, सूख गईं। इन नदियों के किनारे ही सिंधु घाटी सभ्यता अस्तित्व में थी। नदियों में पानी खत्म होने से लोग पूर्व और दक्षिण की ओर गंगा-यमुना घाटी की ओर चले गए जहां बारिश बेहतर होती थी। |
नई दिल्ली। फिल्म 'एवेंडर्स एंडग्मे' ने बॉक्स-ऑफिस पर रिलीज होते ही धमाल मचा दिया है. दर्शकों को इस फिल्म का लंबे समय से इंतजार था. हालांकि इस फिल्म के क्लाइमेक्स को देखकर लोग अपने इमोशन्स पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ रहा है. सुनकर हैरानी होना लाजमी है लेकिन यह बात एकदम सच है. बता दें, ऐसा ही एक मामला चीन में देखने को मिला. जहां फिल्म देखने आई २१ साल की एक लड़की को तुरंत अस्पताल पहुंचाना पड़ा.
चीन में २१ साल की एक मार्वल फैन उनकी 'एवेंजर्स एंडगेम' देखने के लिए थियेटर पहुंचीं. लेकिन इस फिल्म का अंत देखकर वो अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकी और इतना रोई कि उसे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. बताया जा रहा है कि यह लड़की 'हाइपरवेंटिलेशन' (हाइपर्वन्टिलेशन) सिंड्रोम से पीड़ित थी. आइए जानते हैं आखिर क्या है यह बीमारी, लक्षण और बचाव का तरीका.
हाइपरवेंटिलेशन एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति सामान्य समय की तुलना गहरी और तेज सांसे भरने और छोड़ने लगता है. यह किसी अटैक की तरह होता है. जिसमें व्यक्ति के ज्यादा सांस लेने की वजह से खून में से कार्बन डाइऑक्साइड का निष्कासन बढ़ जाता है. जिसकी वजह से रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड का दबाव कम होने लगता है. यह स्थिति मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाएं संकुचित करने लगती है. पुरुषों की तुलना में महिलाओं में और १५ से ५५ वर्ष की आयु के लोगों में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है.
चिंता ,घबराहट और अत्याधिक तनाव हाइपरवेंटिलेशन का सबसे आम कारण है. नींद की कमी-दिल का दौरा- इस स्थिति में व्यक्ति का दिल ऑक्सीजन युक्त रक्त को पंप नहीं कर पाता है. जो कि हाइपरवेंटिलेशन का कारण बनता है.फेफड़ों से जुड़ी बीमारी जैसे अस्थमा, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (कॉपड), पल्मोनरी एम्बोलिज्म फेफड़ों की कुछ सामान्य बीमारियां हैं जो क्रोनिक हाइपरवेंटिलेशन का कारण बनती हैं.
चक्कर आना, उंगलियां, हाथ और मुंह के आस-पास सुन्न महसूस करना, छाती में दर्द, घबराहट और सांस की तकलीफ, सांसों की कमी, सूजन और पेट फूलना,शारीरिक कमजोरी महसूस करना
इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति सबसे पहले अपनी सांसों को निंयत्रित करें. इसके लिए उसे हर ५ सेकंड में एक बार सांस लेने की कोशिश करनी चाहिए. इसके अलावा अपने होठों को ऐसे रखें जैसे कि आप सीटी बजा रहे हों. ऐसा करते हुए सांस लेने की कोशिश करें. तीसरा, अपनी नाक के एक छेद को बंद करके दूसरे नथुने से सांस लें. इन श्वास तकनीकों का उद्देश्य आपके रक्त में अधिक कार्बन डाइऑक्साइड का संचार करना है. बावजूद इसके अगर हाइपरवेंटिलेशन की स्थिति ३० मिनट तक बनी रहती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें. |
बुलंदशहर हिंसा: सीएम योगी ने जताया दुख, दो दिन में जांच पूरी करने का दिया आदेश - थे शियासत डेली
बुलंदशहर में हुई हिंसा में एक पुलिस इंस्पेक्टर समेत दो लोगों की मौत हो गई। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गहरा दुख जताया है। साथ ही दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिए है।
दरअसल, बुलंदशहर के चिंगरावठी इलाके में गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिलने के बाद भीड़ उग्र हो गई। गुस्साई भीड़ के जरिए हिंसा को अंजाम दिया गया। हिंसा में स्याना के कोतवाल इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय निवासी सुमित की मौत हो गई। जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है। |
डॉ. मनीष कुमार भारत की राजनीति का यह अजीबोग़रीब दौर है. संत राजनीति कर रहे
बाबा रामदेव ने कल रामलीला मैदान में शानदार मीटिंग की। उस मीटिंग में अनेक स्वनामधन्य
डॉ.मनोज जैन स्वामी रामदेव के कालाधन और भ्रष्टाचार बिरोधी अभियान से घबरा कर भ्रष्टाचार
-हरीशंकर साही बाबा रामदेव ने योग की शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का कभी प्रण
बाबा रामदेव ने जब से राजनैतिक शुध्दिकरण अभियान का शंखनाद किया है एक राष्ट्रव्यापी बहस
-जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा रामदेव को अभिताभ बच्चन के बाद सबसे बड़ा ब्रांड या मॉडल मान
-जगदीश्वर चतुर्वेदी टेलीविजन युग की यह खूबी है कि जो टीवी पर्दे पर दिखता है
-जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा रामदेव फिनोमिना की मीमांसा करते हुए अनेक किस्म के पाठकों प्रतिक्रियाएं मिली
-जगदीश्वर चतुर्वेदी मुझे बाबा रामदेव अच्छे लगते हैं। वे इच्छाओं को जगाते हैं आम आदमी
-जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा रामदेव फिनोमिना मध्यवर्गीय घरों में घुस आया है। बाबा के सिखाए योगासन
योग गुरू बाबा रामदेव और कांग्रेस की नजर में देश के भावी प्रधानमंत्री राहुल गांधी |
कोई सरकारी प्रतिबंध सिगरेट नहीं, क्योंकि एक कर संग्रह सिगरेट से आता है। अगर वे सिगरेट... रेड मोर
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नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों में डाक्टरों की हड़ताल समाप्त हो जाने के तथ्य को ध्यान में रखते हुये सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिये दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर दी. न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अवकाश पीठ ने कहा कि वह नोटिस (केन्द्र को) जारी नहीं करेगी परंतु चिकित्सकों की सुरक्षा के व्यापक मुद्दे को विचार के लिये खुला रखेगा. पीठ ने कहा, हम याचिका पर आज सुनवाई के लिये सहमत हो गये थे क्योंकि पश्चिम बंगाल और दूसरे राज्यों में चिकित्सकों और उनकी मेडिकल बिरादरी ने हड़ताल कर रखी थी.
चूंकि हड़ताल खत्म हो गयी है और ऐसा लगता है कि अब याचिका पर सुनवाई की जल्दी नहीं है. इसे (मामले को) उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाये.
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने भी न्यायालय में दायर याचिका में पक्षकार बनने के लिये एक आवेदन दायर किया है. इस आवेदन में कहा गया है कि देश भर में चिकित्सकों को संरक्षण प्रदान किये जाने की आवश्यकता है. पीठ ने कहा कि चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने के मामले में समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है. पीठ ने कहा, हम समझते है. कि यह एक गंभीर विषय है लेकिन हम दूसरे नागरिकों की कीमत पर चिकित्सकों को संरक्षण नहीं दे सकते. हमें व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा. हमें व्यापक परिप्रेक्ष्य को देखना होगा. हम चिकित्सकों को संरक्षण प्रदान करने के विरूद्ध नहीं है.
पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों ने हड़ताल कर रखी थी क्योंकि पिछले सप्ताह उनके दो सहयोगियों की एक मरीज के रिश्तेदारों ने कथित रूप से पिटाई की थी. इस मरीज की इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी. चिकित्सकों ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बातचीत के बाद सोमवार की रात अपनी हड़ताल समाप्त कर दी. मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों को आश्वासन दिया कि सरकार राज्य में सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करेगी. शीर्ष अदालत में शुक्रवार को दायर याचिका में देश में सभी सरकारी अस्प्तालों में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती का केन्द्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था.
याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था कि कोलकाता के अस्पताल में दो जूनियर चिकित्सकों पर हमला करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये. याचिका में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा गया था कि देश भर में ७५ प्रतिशत से अधिक चिकित्सकों को किसी न किसी तरह की हिंसा का सामना करना पड़ा है. याचिकहा मे कहा गया है कि एसोसिएशन के अध्ययन के अनुसार हिसा की ५० प्रतिशत घटनायें अस्पतालों के सघन चिकित्सका इकाईयों में हुयी हैं और ७० फीसदी मामलों में मरीजों के रिश्तेदार ऐसी घटनाओं में संलिप्त रहे हैं.
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हल्द्वानी- बिग बाजार बंद होने से जनता सस्ते दाम पर फल सब्जी से भी महरूम, मैनेजर ने डीएम से की यह मांग - न्यूज तोडे नेटवर्क
होम उन्कैटेगरिज़्ड हल्द्वानी- बिग बाजार बंद होने से जनता सस्ते दाम पर फल सब्जी...
हल्द्वानी बिग बाजार पर जिला प्रशासन द्वारा खोलने की पाबंदी लगाने के बाद स्टोर मैनेजर विकास गुप्ता ने बिग बाजार खोलने की मांग की है। बिग बाजार दुर्गा सिटी सेंटर में काफी समय से संचालित हो रहा है जहाँ जनता को कम दामों में घरेलू सामान मिलता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिग बाजार में लगातार ४ से ५ बार पूरे मॉल को सेनिटाइजर से साफ करा रहे हैं जिसके कारण कोई भी अप्रिय घटना नहीं होगी। साथ कि बुखार पीड़ित और किसी भी इन्फेक्शन से पीड़ित को पूर्ण रूप मॉल में आने की पाबंदी लगा दी है। जबकि यहाँ पर फल, सब्ज़ी, दूध दही आटा सहित कई ग्रोसरी आइटम्स सस्ते दाम पर जनता को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। ऐसे में जनता को बिग बाजार बंद होने से काफी असुविधा हो रही है।
गौरतलब है कि देश कोरोना की चपेट में आने के बाद जिला प्रशासन ने मॉल , सिनेमा घर सहित सभी भीड़ भाड़ वाले इलाकों में जनता के एकत्रित होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी कर दी है। जबकि बताया जा रहा है कि कई स्टोर अभी भी पाबंदी के बाद खुले हुए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्युष सिंह से इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने जिलाधिकारी से मॉल द्वारा फल सब्जी बेचने के मामले में निर्देश लेने की बात की है।
कोरोना से प्रभावित बिग बाजार
बिग बाजार पर पाबंदी हटाने की मांग
हल्द्वानी बिग बाजार
प्रेवियस आर्टियलहल्द्वानी- नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश ने बोला त्रिवेन्द्र सरकार पर हमला, कहा ३ साल बाद भी नही हुआ कोई विकास
नेक्स्ट आर्टियलदेहरादून- सरकार ने कर्मचारियों को दिए राज्य बनने के बाद पहली बार ऐसे निर्देश,आप भी रह जाएंगे सन्न |
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को १० रुपये का नया नोट जारी किया है। इससे पहले की आपको नए नोट के बारे में कुछ बताएं, ये जान लेना बेहद जरूरी है कि नए नोट के साथ-साथ पुराने नोट भी बाजर में पहले की तरह ही चलते रहेंगे, ऐसे में नए नोट और पुराने नोट को लेकर किसी भी तरह की उलझन नही होनी चाहिए।
आपको बता दें कि नए नोट का रंग चॉकलेटी ब्राउन रंग की तरह है। इसके आगे की ओर पहले वाले नोट की तरह ही गांधी जी की तस्वीर है, जबिक नोट के पिछले हिस्से में कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर की तस्वीर दी गई है।
तो वहीं नोट के पिछले हिस्से में स्वच्छ भारत अभियान का लोगो लगाया गया है। इस नोट के सीरियल नंबर बढ़ते क्रम में दिए गए है। जिसका मतलब यह है कि सीरियल नंबर का सबसे पहले नंबर का आकार सबसे छोटा है और सबसे अंतिम वाले नंबर का आकार सबसे बड़ा है।
खबरों के अनुसार बैंक ने १० रुपये के नोट में करीब एक अरब रुपये के छपाई की है, ताकि बाजार में नए नोट की उपलब्धता आसानी से हो सके। गौर हो कि १० रुपये के नोट में आखिरी बार २००५ में बदलाव साल हुआ था, इस दौरान १० रुपयें के नोट में काफी सारे बदलाव किए गए थे।
लोकसभा बंद! ५०४ घंटे में सिर्फ १३ बैठक और ६१ घंटे काम, देखिए आंखे खोलने वाली रिपोर्ट...
आपको बता दें कि ८ नंवबर २०१६ में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए नोटबंदी के बाद से रिजर्व बैंक ने अब तक १०, ५०, ५०0, २००, २००0 के साथ नए नोट बाजार में नए बदलाव के साथ पेश किए गए हैं। जबकि २०० और २००0 रुपये के नोट पहली बार जारी किए गए हैं। |
मेसी सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले फुटबॉलर, इन तीन दिग्गजों को पछाड़ा तरुण मित्र | तरुण मित्र
स्पेनिश क्लब एफसी बार्सिलोना से खेलने वाले अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी दुनिया में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले फुटबॉल खिलाड़ी बन गए हैं। मेसी ने इस सूची में पुर्तगाल के करिश्माई खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो, फ्रांस के एंटोनी ग्रीजमैन और ब्राजील के नेमार को पछाड़ा।
मेसी लंबे समय से बार्सिलोना के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करते आए हैं। स्पेनिश लीग ला-लीगा में उन्होंने अपने क्लब के लिए ४०० से अधिक गोल किए हैं। टॉप १० में प्रीमियर लीग, ला लिगा, सीरी ए और लीग १ के खिलाड़ी हैं, जबकि जर्मन लीग (बुंदेसलिगा) का एक भी खिलाड़ी इसमें जगह नहीं बना पाया। रियल मैड्रिड के गैरेथ बेल छठे, बार्सिलोना को कोटिन्हो सातवें, मैनचेस्टर यूनाइटेड के एलेक्सिस आठवें, पेरिस सेंट जर्मेन के किलियन एमबाप्पे नौवें और आर्सेनल के मेसुत ओजिल दसवें स्थान पर हैं।
टैग्स: इन तीन दिग्गजों को पछाड़ा, मेसी सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले फुटबॉलर
प्रेवियस धोनी की विश्व कप में मौजूदगी पर युवराज सिंह ने दिया ये बड़ा बयान
नेक्स्ट सानिया, अथिया ने सेव द चिल्ड्रन के लिए हाथ मिलाया |
ईत कानपुर दुनिया के टॉप ५०० संस्थानों में शामिल, ये हैं टॉप १०
टाइम्स हायर एजुकेशन ने हाल ही में विश्व की टॉप ५०० विश्वविद्यालयों को लेकर एक सर्वे किया है। जिसमे भारत के विश्वविद्यालय भी अपनी जगह बनाने में सफल हुए हैं।
आईआईटी कानपुर दुनिया के टॉप ५०० विश्वविद्यालयों की लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने में सफल रहा है। वर्ल्ड रैकिंग में उसे २०१-२५० की श्रेणी के बीच में रखा गया है। दुनिया के टॉप संस्थानों में एशिया का वर्चस्व रहा है।
टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट में एशिया का शैक्षिक क्षेत्र में दबदबा बरकरार है। इनमें से १३२ संस्थान एशिया के हैं। टॉप १० में भी एशिया के संस्थानों ने स्थान पाया है। १२७ संस्थान अमेरिका, कनाडा आदि देशों से हैं।
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आईआईटी कानपुर विश्व के विश्वविद्यालों में लगातार अपनी रफ्तार बनाए हुए है। इस रैंकिंग को जारी करते हुए एकेडमिक रेप्युटेशन, एम्प्लॉयर रेप्युटेशन, फैकल्टी, स्टॉफ, पेपर आदि चीजों को ध्यान में रखा गया है।
टाइम्स हायर एजुकेशन की इस रैंकिंग में इंजीनियरिंग में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएस), बैंगलोर टॉप १०० में जगह बनाने में कामयाब रहा है। जिसमे इसने ८९वीं रैंक हासिल की है।
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नलहाटी शक्ति पीठ, मां नलतेश्वरी मंदिर
नलहाटी शक्ति पीठ हिन्दूओं के एक लिए पवित्र स्थान है जो कि भारत के राज्य, पश्चिम बंगाल (कोलकत्ता) के, बीरभूल जिले के रामपुरहट में स्थित है। यह मंदिर मां नलतेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। नलहाटी शक्ति पीठ आस पास का इलाका पहाड व सुन्दर वन से घिरा हुआ हैै।
यह मंदिर माता के ५१ शक्तिपीठों में से एक है। इस मंदिर में शक्ति को कालिका के रूप पूजा जाता है और भैरव को योगीश के रूप में पूजा जाता है। पुराणों के अनुसार जहाँ-जहाँ सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाते हैं। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हुए हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी सती ने उनके पिता दक्षेस्वर द्वारा किये यज्ञ कुण्ड में अपने प्राण त्याग दिये थे, तब भगवान शंकर देवी सती के मृत शरीर को लेकर पूरे ब्रह्माण चक्कर लगा रहे थे इसी दौरान भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को ५१ भागों में विभाजित कर दिया था, जिसमें से सती का उदर नली इस स्थान पर गिरा था।
ऐसा माना जाता है कि २५२ वें बंगाली वर्ष या बोंगापतो, कामदेव (प्रेम और इच्छा के हिंदू देवता) जिन्होंने इस शक्ति पीठ के अस्तित्व के बारे में सपना में देखा था, इस नालाहती जंगल में मां सती के उदर नली की खोज की। ऐसा कहा जाता है कि, मंदिर की मूल मूर्ति के नीचे, माता का नाला व गला है। जिसमें कितना भी पानी डालों न पानी बहता है ना कभी सूखता है।
नलहाटी शक्ति पीठ में सभी त्यौहार मनाये जाते है विशेष कर दुर्गा पूजा और नवरात्र के त्यौहार पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इन त्यौहारों के दौरान, कुछ लोग भगवान की पूजा के प्रति सम्मान और समर्पण के रूप में व्रत (भोजन नहीं खाते) रखते हैं। त्यौहार के दिनों में मंदिर को फूलो व लाईट से सजाया जाता है। मंदिर का आध्यात्मिक वातावरण श्रद्धालुओं के दिल और दिमाग को शांति प्रदान करता है।
मानचित्र में नलहाटी शक्ति पीठ
प्रभु हम पे कृपा करना |
आम आदमी पार्टी और उसका इतिहास
आम आदमी पार्टी (आप) पहली बार एक गैर राजनेता के द्वारा शुरू की गई थी , और इसका किसी भी उम्र के राजनीतिक दल के साथ कोई संबंध नहीं था। पार्टी के संस्थापक इंडिया अगेंस्ट करप्शन (इयाक) आंदोलन का एक हिस्सा थे, जिसका नेतृत्व अनुभवी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किया था।
भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने कार्यकर्ताओं को जन लोकपाल विधेयक के अधिनियमित के लिए प्रेरित किया, जिसमें लोक सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच और परीक्षण के प्रावधान थे। आंदोलन ने पूरे देश की सोच को एक नई दिशा दिया । लेकिन पूर्व आईआरएस अधिकारी अरविंद केजरीवाल और उनके तत्कालीन संरक्षक अन्ना हजारे के बीच राजनीतिक रूप से भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन चलाने पर मतभेद पैदा हो गए। जबकि अनुभवी गांधीवादी का मानना था कि उनके आंदोलन का राजनीतिकरण करने की आवश्यकता नहीं है, केजरीवाल के चाहने वालों को वांछित बदलाव लाने के लिए राजनीतिक प्रणाली का हिस्सा बनने की आवश्यकता महसूस हुई। इसलिए, उन्होंने सामाजिक आंदोलन से बाहर निकलकर २६ नवंबर, २०१२ को औपचारिक रूप से आप का शुभारंभ किया। इसे मार्च २०१३ में चुनाव आयोग से मान्यता मिली। आप ने भारतीय राजनीति का चेहरा बदल दिया जिससे आम आदमी को गेम चेंजर बनने की उम्मीद थी । पार्टी का नेतृत्व करते हुए, अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी के लिए आम आदमी की लड़ाई को एक महत्वपूर्ण बिंदु में बदल दिया। २०१३ के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ७० में से २८ सीटें जीतने के बाद आप ने राजनीतिक सर्किटों में धक्कामुक्की करते हुए सत्ता हासिल करने की ताकत के रूप में उभरी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इनक) से बाहरी समर्थन के साथ अपनी सरकार बनाई। २८ दिसंबर २०१३ को, पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
आप के संस्थापक
नई दिल्ली के रामलीला मैदान, अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के उपरिकेंद्र, ने २०११ में एक क्रांति की शुरुआत देखी। एक असामान्य शैली वाले एक आम आदमी ने सरकार को सिर पर लिया और एक अपरंपरागत राजनीतिक लड़ाई शुरू की। अरविंद केजरीवाल, पूर्व नौकरशाह, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (ईत), खड़गपुर से स्नातक हैं। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम (रती) लागू करने के अपने प्रयासों से कुछ स्तंभों को हिला देने से पहले उन्होंने भारतीय राजस्व सेवा (इर्स) की सेवा की।
इमर्जेंट लीडरशिप के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार के प्राप्तकर्ता, केजरीवाल ने नई दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपनी सनसनीखेज शुरुआत में आप को एक फ्रिंज खिलाड़ी से विशालकाय हत्यारे में बदल दिया। हालाँकि, उनकी जीत को और अधिक मीठा बनाने वाला तथ्य यह है कि आप के निर्माण में केजरीवाल को सिर्फ एक साल लगा, और पूरे देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। आईआईटीयन ने दिग्गज कांग्रेसी राजनेता और तीन बार नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया। विधानसभा चुनाव के फैसले के बाद, केजरीवाल ने २८ दिसंबर, २०१३ को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। हालांकि, उन्होंने ४९ दिन बाद इस्तीफा दे दिया जब कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उनके सामने प्रस्तावित जन लोकपाल बिल को रोक दिया।
आप ने २०१४ के आम चुनावों को बड़े पैमाने पर लड़ने का फैसला किया। पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा यूपी के वाराणसी संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार। लेकिन वह मोदी से बुरी तरह हार गए।
अरविंद केजरीवाल द्वारा नेतृत्व की गई, आप की घटना ने कुछ ही समय में भारतीय राजनीतिक स्पेक्ट्रम पर कब्जा कर लिया। सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग और उच्च शिक्षित स्वयंसेवकों को शामिल करने के साथ, आप ने घर-घर जाकर प्रचार किया। आप की राजनीतिक मामलों की समिति में गोपाल राय, कुमार विश्वास, मनीष सिसोदिया, प्रशांत भूषण, संजय सिंह और योगेंद्र यादव शामिल थे।
भारतीय राजनीति में इसकी शुरुआत ने विभिन्न क्षेत्रों से कई प्रमुख नामों को आकर्षित किया। कैप्टन गोपीनाथ, एयर डेक्कन के संस्थापक; मल्लिका साराभाई, प्रख्यात डैन्यूज़; मीरा सान्याल, रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड-इंडिया की सीईओ; समीर नायर, स्टार टीवी के पूर्व सीईओ; वी बालकृष्णन, इंफोसिस बोर्ड के सदस्य; और कई और आप के साथ हाथ मिलाया। हालांकि उनमें से अधिकांश अब केजरीवाल के दिमाग की उपज के साथ नहीं हैं।
किसी भी अन्य राजनीतिक मंच की तरह, आप के पास भी इन-फाइटिंग और अवनति का हिस्सा था। आंतरिक कलह से असंतुष्ट नेताओं ने अपने स्वयं के सदस्यों के साथ गलती खोजना शुरू कर दिया। हालांकि, आप राजनीतिक ताकत के रूप में बच गई है
आप का चुनाव चिह्न
अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने भ्रष्टाचार के देश की सफाई का कठिन काम किया है। इस उद्देश्य के साथ, आप ने अपने आधिकारिक चुनाव चिन्ह के रूप में विनम्र झाड़ू को चुना। उनका नारा झाड़ू चललाओ, भीमना भगाओ (झाड़ू पोंछा, धोखा से छुटकारा) का उद्देश्य भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को उसके भ्रष्ट राजनेताओं से बचाना है। पार्टी एक अधिक पारदर्शी प्रणाली के लिए लड़ रही है, जो देश को अपनी लोकतांत्रिक पहचान को पुनः प्राप्त करने में मदद करेगी।
आप की उपलब्धियां
नई दिल्ली में सत्ता में आने के बाद, पार्टी ने सब्सिडी के माध्यम से ४०० यूनिट तक बिजली के बिल को कम कर दिया। इसने घरों में पानी के मीटर (२० किलोलीटर तक) के लिए मुफ्त पानी उपलब्ध कराया। केजरीवाल सरकार ने बहु-खुदरा क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को भी खत्म कर दिया। अपनी मूल दृष्टि से चिपके हुए, आप ने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों पर रिपोर्ट करने के लिए नागरिकों के लिए एक भ्रष्टाचार-विरोधी हेल्पलाइन की स्थापना की।
आप की क्रांति
आप की क्रांति (या आप की क्रांति) आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है जिसका उद्देश्य हर दरवाजे पर कदम रखना है। यह उस हिस्से का एक समाचार पत्र है, जो आप की विचारधाराओं के बारे में आम नागरिकों को सूचित करने और पार्टी की विभिन्न गतिविधियों के बारे में आम आदमी की विभिन्न गतिविधियों को सूचित करने के लिए प्रचार करने पर केंद्रित है। आप आप सदस्य गोपाल राय के सदस्यों में से एक की देखरेख में परियोजना का संचालन किया जा रहा है, जबकि एक अन्य पार्टी सदस्य दीपक पायलट परियोजना के पहलुओं के लिए प्रबंधन और टीम के विस्तार का काम देख रहे हैं। एक पाठक को सिर्फ रु। हर १५ दिनों में प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र का एक मुद्दा रखने के लिए १०० सालाना। नागरिकों की किसी भी शिकायत को सिर्फ हेल्पलाइन नंबर ८५८८८३३५५० पर डायल करके पता किया जा सकता है।
स्वराज की गांधीवादी अवधारणा को ध्यान में रखते हुए, इसने अपने मिशन के बयानों को व्यक्त करने का सार्वजनिक रास्ता अपनाया और शिकायतों को व्यक्तिगत रूप से सुनने के लिए सार्वजनिक बैठकों में व्यस्त रहा।
सीएम के रूप में, केजरीवाल ने सरकारी अधिकारियों या मंत्रियों की कारों पर लाल बीकन पर प्रतिबंध लगाने के अलावा भारत में प्रचलित वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने की मांग की, साथ ही उनके लिए विशेष विशेषाधिकार भी प्रदान किए। पार्टी ने एनसीआर में ऑटो रिक्शा के लिए ५,५00 नए परमिट जारी किए।
दिल्ली विधानसभा चुनाव २०१५ में आम आदमी पार्टी
जबकि पार्टी ने काफी सफलता हासिल की है, फिर भी आगे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी इसका आर्थिक मॉडल तैयार नहीं किया गया है। इसके अलावा, यह देखते हुए कि पार्टी कांग्रेस और भाजपा के मजबूत प्रतिरोध से निपट रही है, जो केजरीवाल को भगोरा (सरकार चलाने की अपनी जिम्मेदारी से बच गए) के रूप में चित्रित करते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा कि केजरीवाल कितने दूर हैं? सभी अंतर बना सकते हैं। पार्टी ने दिल्ली के सभी ७० विधानसभा क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। पार्टी प्रमुख फिर से नई दिल्ली की सीट से कांग्रेस के किरण वालिया और भाजपा के नूपुर शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
दिल्ली के लिए आम आदमी पार्टी (आप) का चुनाव घोषणापत्र २०१५
आम आदमी पार्टी (आप) ने २०१५ के दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए ३१ जनवरी २०१५ को अपना घोषणा पत्र जारी किया। घोषणापत्र ७० अंकों का ब्लू-प्रिंट है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह दिल्ली को ग्लोबल सिटी में बदलने की क्षमता रखता है। इसे आप के दिल्ली डायलॉग्स (मोहल्ला सभाओं के दौरान लोगों के साथ बातचीत) के दौरान सामने आने वाले मुद्दों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था। घोषणापत्र मुख्य रूप से महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण वोटों पर केंद्रित है। पार्टी ५० प्रतिशत की दर से बिजली उपलब्ध कराने और सभी को मुफ्त पानी देने के अपने चुनावी एजेंडे पर अड़ी हुई है। आप घोषणापत्र के कुछ प्रमुख बिंदु हैं:
आप दिल्ली के लिए पूर्ण राज्यत्व पर जोर देगी।
बिजली दरों को घटाकर आधा कर दिया जाएगा और सभी को स्वच्छ और मुफ्त पेयजल मुहैया कराया जाएगा।
अगर सत्ता में वोट दिया जाता है, तो पार्टी लोगों को आठ लाख नई नौकरियां प्रदान करेगी।
३०,००० बेड शहर के विभिन्न अस्पतालों में जोड़े जाएंगे।
दिल्ली में २० नए कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
शहर में २०० नए स्कूल बनाए जाएंगे।
जरूरतमंद छात्रों को एजुकेशन लोन मिलेगा।
अपराध की घटनाओं पर नजर रखने के लिए बसों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों और सार्वजनिक स्थानों पर हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
आप सौर ऊर्जा जैसे ऊर्जा के अक्षय और वैकल्पिक स्रोतों के लिए एक चरणबद्ध बदलाव की सुविधा प्रदान करेगी।
सीवर उपचार और नियंत्रण समृद्ध निर्वहन सहित यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
दिल्ली में लगभग दो लाख सार्वजनिक शौचालय स्थापित किए जाएंगे।
आप लोकसभा और विधानसभा चुनाव परिणाम |
जब स्टीव वॉ ने की थी राहुल द्रविड़ की स्लेजिंग (फाइले फोटो)
राहुल द्रविड़ ने इस मैच में १८० रनों की पारी खेली थी
वीवीएस लक्ष्मण ने इस मैच मे २८१ रनों की पारी खेली थी
राहुल-लक्ष्मण के बीच पांचवें विकेट के लिए ३७६ रनों की साझेदारी
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया जब आमने-सामने होते हैं तो सिर्फ मैच नहीं होता बल्कि एक युद्ध के जैसा माहौल होता है. यूं तो भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुआ हर मैच रोमांचक रहा है, लेकिन २००१ में ऐसा ऐतिहासिक मैच खेला गया था, जिसकी यादें भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों की देशों के खिलाड़ियों और क्रिकेट फैन्स के जेहन में ताजा होंगी. १४ मार्च २००१... ईडन गार्डन का मैदान... भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया... मैदान पर राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की शानदार बल्लेबाजी... और क्रिकेट इतिहास में यह खास दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया.
वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने यूं तो कई शानदार पारियां खेली हैं, लेकिन १४ मार्च २००१ को ईडन गार्डन में खेली पारी सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो चुकी है. इसी पारी ने लक्ष्मण को वेरी वेरी स्पेशल और द्रविड़ को द वॉल का खिताब दिलवाया था.
इस मैच की यादों को ताजा करते हुए १६ साल बाद राहुल द्रविड़ ने एक राज से पर्दा उठाया है. हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल द्रविड़ ने बताया कि २००१ के उस ऐतिहासिक ईडन गार्डन टेस्ट में किस तरह उन्होंने स्टीव वॉ की स्लेजिंग का सामना किया था.
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने २००१ की बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के दौरान ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की स्लेजिंग की याद को साझा किया. उन्होंने बताया कि कैसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान स्टीव वॉ की स्लेजिंग का सामना करते हुए उन्होंने बेहतरीन पारी खेली.
द्रविड़ ने बताया, ''ईडन गार्डन में खेले जा रहे टेस्ट मैच में स्टीव वॉ उनकी जमकर स्लेजिंग कर रहे थे, लेकिन उनकी बयानबाजी से उन पर कोई असर नहीं पड़ा और वो विकेट पर टिके रहे और भारतीय टीम को एक यादगार टेस्ट जीत दिलाई.''
विडियो : जब ब्रेट ली के खतरनाक बाउंसर ने निकाला था द्रविड़ के कान से खून
बेंगुलुरु में गो स्पोर्ट्स एथलीट के कार्यक्रम में द्रविड़ ने कहा, ''कोलकाता के उस ऐतिहासिक टेस्ट मैच में पहले तीन दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम पूरी तरह से भारतीय टीम पर हावी थी. व्यक्तिगत तौर पर मेरा फॉर्म भी अच्छा नहीं था. मुंबई में खेले गए मैच में मैंने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था. यहां पर भी पहली पारी में मेरे बल्ले से रन नहीं निकले थे. यहां तक कि मुझे नंबर ६ पर बल्लेबाजी के लिए भेज दिया गया था.''
द्रविड़ ने बताया कि दूसरी पारी में जब मैं बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरा तो स्टीव वॉ ने मेरी स्लेजिंग की और कहा, ''राहुल इस मैच में तुम्हे नंबर ६ पर बैटिंग के लिए भेजा गया है, अगले मैच में तुम्हारा क्या होगा, क्या तुम्हे नंबर १२ पर बल्लेबाजी के लिए भेजा जाएगा.''
राहुल द्रविड़ ने आगे कहा, ''मेरे लिए काफी अजीब बयान था क्योंकि मैं काफी निराश हो चुका था. मैं उस स्थिति में नहीं था जहां से आगे के बारे में कुछ भी सोच सकूं. क्रिकेट में एक समय पर सिर्फ एक ही गेंद पर ध्यान देना होता है और मैं बस वही कर रहा था.''
द्रविड़ ने कहा, ''मैंने सोचा कि देखता हूं मैं कितनी गेंदें खेल सकता हूं और इस तरह से मैं एक-एक गेंद खेलता गया और इस तरह मैंने एक बड़ी और यादगार पारी खेली.''
इस पारी ने ना केवल राहुल और लक्ष्मण को, बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी नई पहचान दिलवाई. 'वेरी वेरी स्पेशल' लक्ष्मण की २००१ में अविजित मानी जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ दूसरी पारी में बनाए २८१ रन बनाए थे. इसी मैच में 'द वॉल' राहुल द्रविड़ ने १८० रन बनाकर लक्ष्मण के साथ पांचवें विकेट के लिए ३७६ रनों की साझेदारी की थी. ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के सामने भारत के इन दोनों बेहतरीन बल्लेबाजों का कोई तोड़ नहीं था. सीरीज के इस दूसरे टेस्ट मैच में भारत को १७१ रनों से जीत मिली थी.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच के दौरान दूसरी पारी में जब सचिन जल्दी आउट हो गए, तब लोग स्टेडियम छोड़कर जाने लगे. लेकिन अगले दिन बड़ी संख्या में लोग वापस स्टेडियम पहुंचे, लोगों की यह वापसी सचिन के लिए नहीं, बल्कि वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के लिए थी. इस मैच में सचिन के आउट होने के बाद लक्ष्मण और गांगुली के आउट होने के बाद द्रविड़ मैदान पर उतरे और फिर हुआ ये चमत्कार.
इस मैच में दोनों के बीच ३७६ रनों की साझेदारी हुई. द्रविड़ १८० रन बनाकर आउट हुए जबकि लक्ष्मण ने २८१ रन बनाए. भारत ने अपनी दूसरी पारी की घोषणा ६५७ रनों पर कर . इस तरह ऑस्ट्रेलिया के सामने ३८३ रन का लक्ष्य था. लक्ष्मण और द्रविड़ के बाद हरभजन सिंह ने अपना कमल दिखाया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के छह विकेट लेने में कामयाबी हासिल की और ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम सिर्फ २१२ रन पर ऑल आउट हो गई. इस तरह भारत ने इस मैच को १७१ रन से जीत लिया था. |
फ़ुरसतिया: मिलो न तुम तो हम घबरायें
मिलो तो आँख चुराएं, हमें क्या हो गया है।
यह गाना बज रहा था आज जब हम पहुंचे 'पंकज टी स्टाल' पर।
सुबह निकलते हुए आज साढ़े छह बज गए । साईकिल निकाली तो लगा पैसे नहीं रखे। देखा तो जेब छूँछी। सोचा ऐसे ही निकल लें। आज की चाय उधार रहेगी। फिर सोचा किसी की बोहनी का बखत होगा। सुबह की शुरुआत उधार से करना ठीक नहीं। साइकिल स्टैंड पर खड़ी की। कमरे पर गए। पैसे लिए। जेब में डाले फिर साईकल स्टार्ट की।
निकलते ही सूरज भाई दिखे। सुबह की धूप हल्की थी। कोहरीली धूप। ऐसा लगा जैसे जाड़े में धूप की बढ़ी हुई मांग को सूरज भाई धूप में कोहरा मिलाकर पूरा कर रहे हों- जैसे गर्मी में दूध में पानी और त्यौहारो में खोये में मिलावट बढ़ जाती है।
यह बात हमने सूरज भाई से कही तो वे हंसने लगे। किरणें भी खिलखिलाने लगीं। ऐसा लगा मानों मेरी शिकायत सुनते ही सूरज भाई ने मुझसे कहा हो-'अरे यार बाकियों की चिंता छोड़ । ये लो तुम्हारे लिए बढ़िया प्योर खिली हुई स्पेशल धूप।'
सुनहरी , खिली हुई धूप और खिलखिलाती किरणों ने मुझे चुप कर दिया। हम और कुछ कह नहीं पाये। आगे चल दिए।
मोड़ पर ही छट्ठू सिंह के साथी मिल गए। आज छट्ठू सिंह नहीं आये थे। दो दिन से तबियत ढीली है। हमने उनके साथियों से कहा-"आप लोग बाहर जाओ कहीँ घूमने के लिए। अच्छा लगेगा। क्या यहीं टहलते रहते हैं।" उन्होंने हामी भरी और फिर नमस्ते करके चले गए।
सरिया लेकर टहलती बुजुर्ग महिला आज भी सरिया लिए टहल रहीं थी। अलबत्ता आज सरिया का मुड़ा हुआ हिस्सा सड़क की तरफ था। पहले दिन वह हाथ की तरफ था।
बस स्टैंड पर लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। एक बच्ची एकदम सावधान मुद्रा में खड़ी किसी पतली सी किताब से कुछ पढ़ रही थी। तल्लीन थी पढ़ने में वह। शायद उसका कोई टेस्ट या इम्तहान हो। यह लगा 'पीके' फ़िल्म की तरह ऐसी सुविधाएं आने लगें कि बच्चे किताब का मसाला किताब छूकर ही दिमाग में डाउनलोड कर सकें।
आगे एक बस रुकी। हार्न दिया। एक महिला लपकती हुई आई। साथ की बच्चे को बस में लपककर जमा सा करके नीचे से बस्ता उसको थमाया।बस स्टार्ट ही रही। बच्चे के जमा होते ही चल दी। महिला ने बच्चे को बस में बैठाने के पहले की हड़बड़ाहट चेहरे से पोंछ कर मुस्कराते हुए बच्चे को टाटा किया। बस जब दूर हो गयी तो उसने चेहरे की मुस्कान को भी समेट कर चेहरा सामान्य कर लिया।
महिला को देर तक मुस्कराना शायद उसको फिजूलखर्ची लगा हो। शायद उसको लगता हो कि मुस्कान अनमोल है। फिजूल में खर्च नहीं करना चाहिये। पता नहीं कब किस गम को छिपाने के लिए जरूरत पढ़ जाए। वो गाना है न:
तुम इतना क्यों मुस्करा रहे हो
क्या गम है जो मुझसे छिपा रहे हो।
पंकज टी स्टाल पर वही गाना बज रहा था जो ऊपर बताया:
मिलो न तुम तो हम घबराएं
चाय की दूकान पर दो चिलमची चिलम सुलगा रहे थे। एक ने माचिस की तीली सुलगाई। दूसरे ने नीचे झुककर आँख मूँदकर जल्दी-जल्दी सांस खींचकर चिलम सुलगाई। चिलम जब सुलग गयी तो जल्दी-जल्दी वाली साँस बन्द करके उसने चैन की सांस ली। थोड़ा सन्तोष भी मिला हुआ था चैन की सांस में कि जल्दी सुलग गयी चिलम।
दोनों चिलमची काले कपड़े पहने हुए थे।नीचे बैठकर चिलम सुलगाते हुये व्यक्ति की मुद्रा कुछ वैसी ही थी जैसे प्रेमी अपनी प्रेमिका को शादी के लिए प्रस्ताव पेश करते समय झुकता है। चिलम सुलगते ही वे दोनों एक कोने में चले गए।
इस बीच जीसीएफ फैक्ट्री में काम करने वाला एक स्टाफ वहां आ गया। फैक्ट्री के पुराने जीएम की बुराई कर रहा कि वो बहुत टाइट करके चले गए फैक्ट्री। अब भी वैसा ही हाल बना हुआ है। इत्ता टाइट थोड़ी करना चाहिए था। हर बात में सख्ती।
फिर वह मुझसे पूछने लगा कि ये बताइये कि ३३ का क्या हो रहा है? मुझे कुछ समझ में नहीं आया तुरन्त। मैंने कहा-'देखो क्या होता है।'
फिर वह सरकार पर अपनी नाराजगी उतारने लगा और बिना रुके कहता रहा:
"इनकी बस मुंडी मटकती है, इसकी बुराई, उसकी बुराई। बोलना बहुत अच्छा आता है। जब आये थे तब बोले कि- ये विकास होगा होगा, वो नौकरी लगेगी। लेकिन हुआ कुछ नहीं। सब ऐसे ही खाईबाजी चल रही है। कहीं डिजिटल इण्डिया, कहीं स्वच्छ भारत। कीमत पर कोई कंट्रोल नहीं। मास्टर ५००० में काम कर रहा है। न बच्चे हैं न कुछ। न सरकारी स्कूल हैं न डॉक्टर। ऐसे ही पांच साल निकाल देंगे। फिर कहेंगे पांच साल और चाहिये। हमें यह लगता है कि कहीं अपनी फैक्ट्रियों को भी न सड़क पर ला दें। बीएसएनएल को बर्बाद कर ही दिया। प्रमोद महाजन ने किया था। बिहार में जीते तो ३३ साल कर देंगे।"
३३ से मुझे याद आया कि उनकी नाराजगी का कारण वह सम्भावित योजना है जिसके अनुसार कोई भी व्यक्ति सरकार की नौकरी से ३३ साल की नौकरी या फिर ६० साल की उम्र में से जो पहले होगा सेवा से रिटायर हो जायेगा। इन भाई साहब के ३५ साल नौकरी के हो चुके हैं। ५ साल अभी भी बाकी हैं। मतलब २० साल की उम्र में आये थे नौकरी में। यही इनके लिए चिंता का विषय है कि सेवा अवधि ३३ साल की हो जायेगी तो फौरन पेंशन पेपर थमा दिए जाएंगे।
अपनी चिंता को विस्तार देते हुए उन्होंने बताया कि पहले १९-२० साल की नौकरी में आ जाते थे लोग। आज अगर ३३/६० लागू होगा तो ५०० से १००० लोग हर फैक्ट्री से बाहर हो जाएंगे।
मेरा मन हुआ कहें कि नए लड़कों की नौकरी मिलेगी भी तो। लेकिन फिर कहा नहीं। वह भी ड्यूटी जाने की जल्दी में था। चला गया।
इस बीच तीन बच्चे मेरी बगल में आकर बैठ गए। बात की तो पता चला कि उनके दादा जीसीएफ में काम करते हैं। पिता प्राइवेट काम करते हैं। क्या करते हैं बच्चों को पता नहीं। बच्ची ५ में पढ़ती है, बच्चे २ में। आज स्कूल नहीं गए। गाँव जाना है।कुछ काम है। मम्मी के साथ जाएंगे। बिहार के हसनपुर में गाँव है।
बच्चे बड़े प्यारे लग रहे थे। छोटे बच्चे के गाल का एक हिस्सा कुछ गुलाबी रंगत लिए बहुत प्यारा लग रहा था। मैंने फोटो के लिए पूछा तो पहले तो मना कर दिया बच्ची ने। पर बातचीत के बाद दुबारा पूछा तो कहा- ले लीजिये। फोटो दिखाई तो खुश हुए बच्चे।
लौटते में दीपा को देखने गए। उसके हाथ में चोट लगी दिखी। बताया-खेलते में गिर गयी थी। चोट हल्की ही थी पर कोई दवाई न लगाने से बढ़ गयी थी। हल्का सा मवाद भी आ रहा था। हमने उसके पिता से पूछा कि इसको दवा क्यों नहीं लगवाई तो बोला- 'कल जाएंगे।आधार कार्ड भी बनवा लेंगे।'
हमें लगा कि यह हाल हैं अपने समाज में स्वास्थ्य सुविधाओं के कि एक साधारण खरोंच तक के लिए लोग दवा नहीं लेते या ले पाते। स्कूल में भी प्राथमिक चिकित्सा की कोई सुविधा होती तो चोट अब तक ठीक हो जाती।
उसके स्कूल का समय हो रहा था। इसलिए यह सोचकर कि शाम को उसको अस्पताल से पट्टी करवा देंगे हम चले आये वापस। चलने से पहले दीपा का एक फोटो लिया तो दीपा ने कहा -'हम शेरू का फोटो लेंगें।' लिया उसने और खुश हुई कि अच्छा आया।
क्रासिंग बन्द थी। हमने खुलने का इंतजार करते हुए वहीं साइकिल पर बैठे-खड़े पोस्ट का शुरूआती हिस्सा टाइप किया। डबल क्रास था। दोनों ट्रेने निकल गयीं तब फाटक खुला। हम वापस कमरे पर आये। चाय पीते हुए पोस्ट लिखी।
अब जा रहे हैं फैक्ट्री के लिए। आज गुणवत्ता माह की शुरुआत है। सबको मुबारक हो।
आपका दिन मंगलमय हो शुभ हो। |
लेटेक्स एलर्जी क्या है?
प्राकृतिक रूप से मिलने वाली लेटेक्स रबड़ (रबड़ के पेड़ से मिलने वाला एक उत्पाद) में मौजूद कुछ प्रोटीन के प्रति होने वाली प्रतिक्रिया को लेटेक्स एलर्जी कहते हैं। इसके संपर्क में आने से कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है। रबड़ के दस्ताने व अन्य उत्पादों जैसे कंडोम या मेडिकल उपकरणों से भी ये एलर्जी हो सकती है।
इससे प्रभावित व्यक्ति में त्वचा पर खुजली जैसे लक्षण दिख सकते हैं, इस स्थिति में गले में सूजन और सांस लेने में दिक्कत भी हो सकती है। डॉक्टर इन लक्षणों के आधार पर यह निर्धारित करते हैं कि व्यक्ति को लेटेक्स एलर्जी है या नहीं या फिर इसके होने की कितनी संभावना है। एलर्जी के लक्षणों को समझ कर और लेटेक्स के स्रोतों के बारे में जानकर इस स्थिति से बचा जा सकता है।
लेटेक्स एलर्जी के लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के शरीर में लेटेक्स सांस के जरिए पहुंचा है या फिर किसी चीज को छूने से हुआ है। यदि लेटेक्स एलर्जी का समय पर उपचार नहीं किया जाए, तो यह स्थिति समय के साथ बदतर हो सकती है।
इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
पित्ती या दाने
गंभीर लक्षणों में शामिल हैं:
आंखों में खुजली व आंखों से पानी आना
लेटेक्स एलर्जी के कारण
सीधे संपर्क में आने से:
यदि कोई व्यक्ति लेटेक्स एलर्जी से ग्रस्त है, तो संभव है कि उसे ये बीमारी लेटेक्स रबड़ से बने उत्पादों जैसे दस्ताने, गुब्बारे को छूने के बाद हुई हो।
सांस के माध्यम से:
जब कोई व्यक्ति लेटेक्स से बने दस्तानों को अपने हाथ से निकालता है या लेटेक्स को हवा में रगड़ता है, तो वातावरण में लेटेक्स के अति सूक्ष्म कण मिल जाते हैं, जोकि सांस के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं।
लेटेक्स एलर्जी का इलाज
डॉक्टरों का मानना है कि लेटेक्स एलर्जी के लक्षणों को एंटी-हिस्टामिनन (एलर्जी रोकने वाले) या कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं (सूजन, लालिमा, एलर्जी और खुजली कम करने वाली) के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। यदि लक्षण गंभीर हैं तो ऐसी स्थिति में एपिनेफ्रीन आईवी फ्लूइड्स (नस के जरिए ड्रिप से फ्लूइड चढ़ाना) जैसी दवाएं व अन्य इमरजेंसी मेडिकल केयर की आवश्यकता पड़ सकती है। डॉक्टर की सलाह पर प्रभावित व्यक्ति को एपिनेफ्रीन (एलर्जी रोकने वाली) के दो शॉट्स (इंजेक्शन) लेने पड़ सकते हैं।
लेटेक्स एलर्जी के डॉक्टर
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६ "कम कार्बन गैल्वनाइज्ड वाटर वेल स्क्रीन, जॉनसन टाइप वाटर वेल स्क्रीन जॉनसन वी तार के पानी की अच्छी स्क्रीन एवी या पच्चर के आकार के तार द्वारा निर्मित होती है, जो अनुदैर्ध्य समर्थन छड़ के एक आंतरिक सरणी के आसप... रेड मोर
स्वनिर्धारित १० स्लॉट वेल स्क्रीन, स्टील वेल केजिंग पाइप लांग सर्विस लाइफ़
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१६ "कम कार्बन जस्ती वाल्व वायर, जस्ती स्क्रीन ट्यूब वेज वायर तरल पदार्थ, वायु और सूक्ष्म कणों के पारित होने के लिए एक कुशल और आर्थिक समाधान प्रदान करता है, जिससे निलंबित सामग्रियों की निरंतर वसूली में पूर्ण विश... रेड मोर |
पूर्व में प्रशिक्षित शिक्षकाें के वेतनमान निर्धारण का अादेश
मुज़ाफ़रपुर न्यूज - पूर्व में डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें काे जल्द ही प्रशिक्षित वेतनमान का...
पूर्व में डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें काे जल्द ही प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ मिलेगा। डीपीअाे स्थापना अब्दुस्सलाम अंसारी ने सभी बीइअाे काे अादेश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर पूर्व से प्रशिक्षण प्राप्त नियाेजित शिक्षकाें की सूची एवं प्रमाण पत्र वेतन प्रभारी काे उपलब्ध करा दें।
इसी अाधार पर उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। वैसे नियाेजित शिक्षक, जिन्हाेंने प्रशिक्षित नियम लागू हाेने से पहले ही डीएलएड या किसी अन्य संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त किया था, उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। वेतनमान निर्धारण के लिए वैसे शिक्षकाें से दाे प्रति प्रशिक्षित प्रमाण पत्र एवं अंक पत्र स्वअभिप्रमाणित छाया प्रति विभाग ने मांगी है। विभाग द्वारा अंक पत्र एवं प्रशिक्षण प्रमाण पत्र काे बाेर्ड द्वारा सत्यापित कराया जाएगा। सत्यापन के बाद शिक्षकाें काे प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाएगा। डीपीअाे द्वारा प्रशिक्षित वेतनमान निर्धारण के लिए अादेश निर्गत करने पर परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ ने धन्यवाद दिया है।
संघ के प्रमंडलीय संगठन प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहा, इस अादेश के लिए संघ लगातार प्रयास कर रहा था। साथ ही वेतन भुगतान से संबंधित अादेश भी अधिकारी की अच्छी पहल है। संघ इसके लिए धन्यवाद देता है। |
नए कानूनों के तहत विमान अपहरणकर्ता को मिलेगा मृत्युदंड
नई दिल्ली, इंडियन एयरलाइंस के एक विमान का अपहरण करके कंधार ले जाने के करीब १६ वर्ष बाद केन्द्रीय मत्रिमंडल की स्वीकृति के लिये जल्द ही एक ऐसे विधेयक को पेश किया जायेगा जिसमें अपहरणकर्त्ता विमानस्थल पर किसी कर्मचारी को भी जानमाल का नुकसान पहुचाता है तो उसे मृत्युदंड देने का प्रावधान किया गया है ।इससे पहले के विधेयक में विमान अपहरणकर्त्ता को बंधकों: विमान यात्री और विमान क्रू:विमान चालक दल के सदस्य और सुरक्षा कर्मियों के मारे जाने की स्थिति में अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड देने का प्रावधान था । संशोधित विधेयक विमान अपरहण की आतंकी जैसे घटनाओं से निबटने के लिये विश्व में कठोर कानूनों में से एक होगा । इस विधेयक के जरिये सरकार विमान अपहरण जैसी घटनाओं के दौरान विमानस्थल के कर्मचारियों, हवाई अड्डे के कर्मचारी और अन्य के मारे पर अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड की सजा दिला सकेगी ।नागर विमानन मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार एंटी हाइजेकिंग संशोधन विधेयक में उक्त बदलाव करके उसे और विचार विमर्श करने के लिये कानून एवं न्याय मंत्रालय को भेजा गया है । कानून एवं न्याय मंत्रालय से विधेयक वापस आने के बाद इसे स्वीकृति के लिये केन्द्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जायेगा।मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, विधेयक को पिछले साल दिसंबर में पेश करने के बाद इसे मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। अब समिति की सिफारिशों को इस विधेयक में शामिल कर लिया गया है। हमारे यहां पर विमान अपहरणकर्त्ताओं से निबटने के लिये विश्व का सबसे कठोर कानून होगा जिसमें ऐसी घटना के दौरान ग्राउंड पर भी किसी की भी दुर्घटना होने की स्थिति पर उसे मृत्युदंड दिये जाने का प्रावधान किया गया है ।नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने पिछले साल संसद में एंटी हाइजेकिंगःसंशोधनः विधेयक २०१४ को पेश किया था । विघेयक में विमान अपहरणकर्त्ता के लिये मृत्युदंड और ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतों के साथ सांठगांठ करने वाले व्यक्तियों के लिये कठोर सजा का प्रावधान था। अपहरणकर्त्ताओं के साथ साजिश करने वाले व्यैक्तिक के दायरे को शामिल करके अपहरण की परिभाषा को व्यापक बनाया गया है।मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि एक बार नया कानून अमल में आ गया तो अपहरणकर्त्ता को मृत्युदंड दिया जा सकेगा और कठोर दंड़ को स्पष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों में अपहरणकर्त्ता को अधिकतम सजा आजीवन कारावास और जुर्माना का प्रावधान है। यह बदलाव अंतररष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के बीजिंग प्रोटोकॉल के अनुरूप है जिसे अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों के अनुसार भारतीय कानून में सुधार किया गया है।अधिकारी ने कहा, मौजूदा कानून के तहत अगर मानव बम का उपयोग किया जाता है और घटना में इसमें शामिल अपराधी मारा जाता है तो इसकी योजना को अंजाम देने वाले शामिल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। नये कानून में इनके खिलाफ कार्रवाई करने और अपहरणकर्त्ता की संपत्ति जब्त करने का भी प्रावधान है।
प्रस्तावित कानून में सुरक्षा बलों को विमान को गतिहीन करने और उसे उडने से रोक देने का भी अधिकार प्राप्त होगा। अपहृत विमान को रोककर उसके नीचे उतरने के मजबूर करने के लिये भारतीय वायु सेना अपने लडाकू विमान को भेज सकेगी। इसके अलावा सुरक्षा बलों के पास यह भी अधिकार होगा कि वे अपने महत्वपूर्ण ठिकाने से मिसाइल का उपयोग करके विमान को मार गिरा सकते है।
एंटी हाइजेकिंग:संशोधनः विधेयक को २०१० में राज्यसभा में १९८२ के कानून को निरस्त करने के लिये पेश किया गया था। तत्कालीन पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने विधेयक को मार्च २०१० में मंजूरी दी थी। इसके बाद इसे संसद की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया था। समिति ने उसी अक्तूबर में अपनी रिपोर्ट सौंपी था
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लाइव विविंद: बारिश के चलते ओवरों में कटौती, अब ३५-३५ ओवर का होगा मैच
वेस्टइंडीज और भारत के बीच तीन वन-डे मैचों की सीरीज का तीसरा व आखिरी मुकाबला त्रिनिदाद में खेला जा रहा है। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी कैरेबियाई टीम ने खबर लिखे जाने तक २४ ओवर में २ विकेट के नुकसान पर १६८ रन बना लिए हैं। शिमरोन हेटमायर (२४) और शाई होप (२४) रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। बता दें कि बारिश की वजह से यह मुकाबला ३५-३५ ओवर का कर दिया गया है।
एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है और मैदान पर कवर्स लौट आए हैं। २२ ओवर में वेस्टइंडीज का स्कोर १५२/२, शाई होप ४० गेंद पर १९ और शिमरोन हेटमेयर २३ गेंद पर १८ रन बनाकर नॉटआउट हैं।इससे पहले भी बारिश ने १.३ ओवर में मैच में खलल डाला था। सभी खिलाड़ियों को मैदान से वापस लौटना पड़ा था।उस समय क्रिस गेल ९ गेंद पर छह रन और एविन लुइस बिना खाता खोले नॉटआउट पवेलियन लौटे थे और उस वक्त वेस्टइंडीज का स्कोर ८/० था।
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क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के बीच का अंतर
आज मुझे एक क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के बीच का अंतर पता चला।
एक धूमकेतु बस एक अपेक्षाकृत छोटी खगोलीय वस्तु है जिसमें एक "पूंछ" होती है, जिसे कोमा कहा जाता है, जो धूमकेतु के लिए एक अस्थायी वातावरण बनाता है। दूसरी तरफ, क्षुद्रग्रह इस पूंछ को प्रदर्शित नहीं करते हैं और उन्हें केवल एक खगोलीय वस्तु के रूप में परिभाषित किया जाता है जो सूर्य के चारों ओर कक्षाओं में होता है, लेकिन यह ग्रह या धूमकेतु नहीं है।
एक धूमकेतु की पूंछ सूर्य से बना है जिसमें धूमकेतु के विभिन्न पदार्थों को गर्म किया जाता है, जैसे बर्फ के रूप में पानी, अंतरिक्ष के निर्वात में उबलते बिंदु स्तर से परे। इन वाष्पीकृत पदार्थों को तब धूमकेतु से निकाल दिया जाता है और पूंछ बनाते हुए सौर हवाओं से निकलते हैं। यही कारण है कि धूमकेतु की पूंछ हमेशा धूमकेतु की स्थिति के सापेक्ष सूर्य से दूर होती है, और अक्सर अंतरिक्ष के माध्यम से अपने वेक्टर के सापेक्ष धूमकेतु के पीछे चित्रित नहीं होती है।
इन पूंछों ने इस धारणा को जन्म दिया कि धूमकेतु बर्फ में एम्बेडेड विभिन्न कणों के साथ कुछ अपेक्षाकृत छोटे कोर के आस-पास बर्फ के बने होते थे। दूसरी तरफ, क्षुद्रग्रहों को आम तौर पर धातुओं और विभिन्न प्रकार के चट्टानों के रूप में माना जाता है जो सूर्य के करीब पर्याप्त रूप से बने होते हैं कि अधिकांश बर्फ या अन्य अपेक्षाकृत आसानी से वाष्पीकृत सामग्री को लंबे समय से निष्कासित कर दिया गया है। हालांकि, पिछले एक दशक में, यह पाया गया है कि, वास्तव में, यह हमेशा मामला नहीं है और क्षुद्रग्रह और धूमकेतु का मेकअप वास्तव में इतना अलग नहीं है, हालांकि धूमकेतु में आमतौर पर अधिक बर्फ होता है, धन्यवाद प्रारंभ में "बर्फ क्षेत्र" से परे गठित किया जा रहा है।
इस और अन्य चीजों का अध्ययन करने के लिए, २००१ में, नासा की दीप स्पेस १ टीम ने पाया कि धूमकेतु की सतह बोरेलली बर्फ से बना नहीं थी, बल्कि, बहुत गर्म और पूरी तरह सूखी थी, बिना पानी या बर्फ के, बहुत से लोग क्षुद्रग्रहों। बेशक, वस्तु एक पूंछ का प्रदर्शन कर रही थी, इसलिए यह ज्ञात था कि कहीं कहीं अपेक्षाकृत आसानी से वाष्पीकृत पदार्थ होना चाहिए था। तो, इस बिंदु पर सिद्धांत यह था कि बर्फ सतह से नीचे होना चाहिए या बर्फ की परत को कवर करने वाला कुछ प्रकार का मामला था, अनिवार्य रूप से बर्फ को देखने योग्य होने से रोक रहा था।
धूमकेतु टेम्पल १ पर २००५ में आगे का शोध किया गया था। इस मामले में, उन्होंने इन धूमकेतुओं को देखने के लिए इस धूमकेतु में एक क्रेटर को विस्फोट करने की जांच की थी। उन्होंने जो पाया वह यह था कि उपर्युक्त सिद्धांत सही था और बर्फ सतह के नीचे केंद्रित है।
वहां से, एक विशिष्ट क्षुद्रग्रह और धूमकेतु के बीच भेद अधिक हो जाता है क्योंकि कुछ क्षुद्रग्रहों को भी उनकी सतह के नीचे बर्फ के रूप में पानी की महत्वपूर्ण मात्रा में माना जाता है। इसके अलावा, हाल की खोजों से पता चला है कि धूमकेतु की धूल मेकअप में क्षुद्रग्रह धूल के बहुत करीब दिखती है, पूर्व सिद्धांतों के विपरीत, यह सुझाव देती है कि वे एक ही चीजों से बने होते हैं, सिमेट पर अभी भी बर्फ की संभावित बड़ी मात्रा को छोड़कर।
तो हम एक बार फिर मुख्य अंतर पर वापस आते हैं, बस यह है कि धूमकेतु में अभी भी पर्याप्त आसानी से वाष्पीकरण योग्य सामग्री है, मुख्य रूप से पानी, जब वे हमारे सौर मंडल के भीतरी हिस्से में आते हैं, तो बर्फ के रूप में कुछ पानी पिघल जाता है और निष्कासित कर दिया जाता है , उन्हें अच्छा "पूंछ" दे रहा है। आखिरकार, सभी पानी और अन्य आसानी से वाष्पीकृत सामग्री को धूमकेतु से बाहर निकाला जाएगा, जो तब क्षुद्रग्रह बन जाता है।
२००६ में कुछ क्षुद्रग्रहों, धूमकेतु, छोटे ग्रह आदि को कॉल करने के संदर्भ में, इन विभिन्न वस्तुओं के मेकअप के बारे में अधिक जानने के लिए नामांकन समस्याओं में से कुछ पाने के लिए, "छोटे सौर मंडल निकाय" छोटे ग्रहों, धूमकेतु, क्षुद्रग्रहों, और इसी तरह की अपेक्षाकृत छोटी खगोलीय वस्तु को संदर्भित करने के लिए अपनाया गया।
क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं के बीच एक और भेद यह था कि धूमकेतु क्षुद्रग्रहों की तुलना में काफी अधिक कक्षाएं हैं, जिनमें से कुछ चौंकाने वाली ५०,००० खगोलीय इकाइयों (एक एयू पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी) से अधिक दूरी पर कक्षा में जाने जाते हैं। हालांकि, अल्पकालिक वस्तुओं की कक्षाएं हैं जो हमारे सौर मंडल में किसी भी ग्रह के मुकाबले कक्षाओं से अधिक दूरी पर नहीं हैं, जिन्हें धूमकेतु माना जाता है, और ऐसे कुछ क्षुद्रग्रह हैं जिनमें इनमें से कुछ शॉर्ट टर्म धूमकेतु की तुलना में बड़ी कक्षाएं हैं (इन्हें शायद कम धूमकेतु)। धूमकेतु भी हाल ही में पाए गए हैं कि हमारे सौर मंडल के क्षुद्रग्रह बेल्ट के भीतर अधिकतर परिपत्र कक्षाओं में कक्षा; इसलिए, इन विशेष मामलों में अस्पष्टता के कारण इस विशेष भेद को क्यों छोड़ना शुरू कर दिया गया है।
एक धूमकेतु बनाम एक क्षुद्रग्रह की "पूंछ" परिभाषा का उपयोग करते हुए, केवल ४००० ज्ञात धूमकेतु बनाम लाखों क्षुद्रग्रहों की सूची बनाई गई है जिन्हें सूचीबद्ध किया गया है। हमारे सौर मंडल के विकास में बहुत पहले, धूमकेतु की संख्या शायद काफी अधिक हो गई है, आजकल कई क्षुद्रग्रहों ने पूंछ परिभाषा के आधार पर धूमकेतु बनाये हैं।
सबसे बड़ा ज्ञात क्षुद्रग्रह सेरेस है, जो लगभग ६०० मील व्यास है, जबकि सबसे छोटे अस्थिर क्षुद्रग्रह व्यास में केवल गज की दूरी पर हैं।
"धूमकेतु" लैटिन "धूमकेतु" से आता है, जो बदले में ग्रीक "कोमेट्स" से आता है, जिसका अर्थ है "लंबे बालों वाले"। यह बदले में ग्रीक "कौन", "काउंटिंग" ("बालों के साथ सितारों") के व्युत्पन्न का उपयोग करके अरिस्टोटल से आता है, जो अंत में लैटिन में "कोमेट्स" (लंबे बालों वाले) और फिर "धूमकेतु" के रूप में आया था, और अंत में अंग्रेजी में "धूमकेतु"।
पूरे रिकॉर्ड इतिहास में धूमकेतु मनाए गए हैं। हाल ही में आखिरी दो शताब्दियों तक उन्हें लगभग सार्वभौमिक रूप से बेहद बुरे ओमन्स माना जाता था।
हैली का धूमकेतु २४० ईसा पूर्व तक देखा गया है, हालांकि १८ वीं शताब्दी तक यह नहीं था कि एडमंड हैली के नाम से एक व्यक्ति को एहसास हुआ कि यह एक धूमकेतु वही था जो सदियों से नियमित समय अंतराल में दिखाई दे रहा था ।
हैली का धूमकेतु अगले रुचि के लिए २०६१ के मध्य में दिखाई देगा।
एक धूमकेतु का कोमा सूर्य के व्यास से बड़ा हो सकता है और पूंछ का आयनिक भाग १ एयू से अधिक हो सकता है।
जब एक धूमकेतु कक्षीय क्षेत्र सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के साथ छेड़छाड़ करता है, तो एक उल्का शॉवर परिणामस्वरूप होती है, धूमकेतु से निकाले गए कणों के लिए धन्यवाद। इनमें शामिल हैं: जब पृथ्वी स्विफ्ट-टटल धूमकेतु कक्षीय क्षेत्र से गुज़रती है, जो हर साल ९ अगस्त से १३ अगस्त तक और अक्टूबर में होती है, जब पृथ्वी हैली के धूमकेतु की कक्षा से गुज़रती है।
वर्तमान में लगभग ७००० ज्ञात क्षुद्रग्रह हैं जो पृथ्वी की कक्षा के बहुत करीब हैं, जिनमें से लगभग एक हजार एक किलोमीटर से बड़ा है।
संदर्भ के लिए, एक उल्का जो व्यास में केवल ५-१० मीटर है जो पृथ्वी पर हिट करता है, जो प्रति वर्ष एक बार होता है, एक विस्फोट बनाता है जो हिरोशिमा (लगभग 1५ किलो टन टीएनटी) पर बम के बराबर है, लेकिन इसके बराबर है, लेकिन बेशक, विकिरण की समस्या के बिना। हमारे लिए भाग्यशाली, ये पृथ्वी के वायुमंडल में उच्च विस्फोट करते हैं, और, उनके द्वारा जारी की जाने वाली भारी मात्रा में ऊर्जा के कारण, अधिकांश मामलों का वाष्पीकरण होता है।
प्रत्येक दो मिलियन वर्ष, उपरोक्त १ किलोमीटर या अधिक आकार के उल्काओं की तरह वस्तुएं पृथ्वी पर आती हैं और ५ किलोमीटर या उससे अधिक के बड़े लोगों को हर दस या दस लाख वर्षों में पृथ्वी पर मारा जाता है। वे विस्फोट स्पष्ट रूप से बहुत अधिक हैं, और अधिक विनाशकारी वैश्विक प्रभाव है।
हमारी जल्द से जल्द कुछ संभावित, अपेक्षाकृत बोलने, एक क्षुद्रग्रह से प्रभाव १६ मार्च, २८८० के आसपास आएगा जिसमें ३०० में से १ की संभावना है कि यह पृथ्वी पर हमला करेगा। क्षुद्रग्रह को केवल २ ९ ०७५ लेबल किया गया है और आकार में लगभग एक किलोमीटर है।
अपेक्षाकृत कम द्रव्यमान के कारण, कई धूमकेतु और क्षुद्रग्रह अनियमित रूप से आकार के होते हैं, गोलाकार आकार की वस्तुओं जैसे गोलाकार, जो गुरुत्वाकर्षण शक्तियों के लिए धन्यवाद हैं।
धूमकेतु की पूंछ का नीला-आश रंग इलेक्ट्रॉनों द्वारा बनाया जाता है जो धूमकेतु से निकाले गए गैसों से अलग हो जाते हैं। यह आम तौर पर मानव आंखों द्वारा देखने योग्य नहीं है। आम तौर पर मानव आंख क्या देख रही है धूल का निशान है।
एमिनो एसिड, जीवन के निर्माण खंड, धूमकेतु, विशेष रूप से, एमिनो एसिड ग्लाइसीन पर पाए गए हैं। नासा के स्टारडस्ट मिशन के लिए धन्यवाद। |
४७ भारतीय रुपया (इनर) कन्वर्ट सोने की औंस (ज़ौ) के लिए, मुद्रा विनिमय दरें आज
४७ इनर भारतीय रुपया सेवा मेरे ज़ौ सोने की औंस
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२५७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
५३७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
१०९७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
२२१७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
४४५७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
८९३७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
१७८९७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
३५८१७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
७१६५७ भारतीय रुपया तो सोने की औंस
४७ भारतीय रुपया तो इंडोनेशियाई रुपिया
४७ भारतीय रुपया तो क्फा फ्रैंक ब्सआओ
४७ भारतीय रुपया तो साओ टोम और प्रिंसिपे डोबरा
४७ भारतीय रुपया तो बहरीनी दीनार
४७ भारतीय रुपया तो सामोन ताला
४७ भारतीय रुपया तो तुर्की लीरा
४७ भारतीय रुपया तो पेरू सोल
३.६७१५९ एगप सेवा मेरे रोन
९९९९९९९९.९९९९९ गफ सेवा मेरे म्रो
९९९९९९९९.९९९९९ टॉप सेवा मेरे क्सल
१.3१083 टूड सेवा मेरे ब्र्ल
४८ हड सेवा मेरे क्ल्प
६८०५१७ स्द सेवा मेरे स्ब्द
२६ ट्री सेवा मेरे ख्र
९९९९९९९९.९९९९९ ज़्प्फ सेवा मेरे जम्ड़
१२१३५९५ ख्र सेवा मेरे हर्क
९९९९९९९९.९९९९९ मिर सेवा मेरे एर्न |
'सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहा' जानिए सच क्या है?
होम वायरल चेक सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहा जानिए सच क्या है?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि सीएम ने राष्ट्रपति को श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर संबोधित किया। सोशल मीडिया में वायरल किए जा रहे इस वीडियो में कैप्शन दिया गया है कि देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंदजी.. कहकर संबोधित किया उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश के राष्ट्रपति को
देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंदजी.. कहकर संबोधित किया उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश के
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस स्टेटमेंट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल किया गया। इस वीडियो में उनके बयान का पूरा हिस्सा ना दिखाते हुए सिर्फ छोटा हिस्सा दिखाकर फेसबुक, ट्वीटर पर शेयर किया जा रहा है। ये जाने बगैर कि सच क्या है आधे, अधूरे वीडियो को शेयर किया जा रहा है।
ये वीडियो ४ अक्टूबर का है। महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपनी पत्नी के साथ पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक बतौर अतिथि शामिल हुए।
कार्यक्रम के दौरान जब मंच पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहुंचे तो उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रपति के आगमन पर राष्ट्रपति के साथ-साथ सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद को सम्मान देते हुए कहा देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद। इस कथन को गलत तरीके से प्रचारित करने की कोशिश की गई। वास्तविकता यही है कि देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति की पत्नी होती है। इसलिए सीएम ने उन्हें देश की प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर पुकारा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।
बयान को इस तरह से दिखाने की कोशिश की गई कि देश के राष्ट्रपति को सीएम ने प्रथम महिला श्रीमती रामनाथ कोविंद कहकर पुकारा जो सच नहीं है। आईआईटी रुड़की का यह कार्यक्रम यूट्यूब पर लाइव प्रसारित हुआ था। नीचे दिए गए लिंक पर ५६:१६- ५७:३५ के बीच वास्तविक वीडियो को देखेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि किस तरह से सीएम की छवि खराब करने के लिए वीडियो को गलत ढंग से प्रचारित किया गया।
सोशल मीडिया पर अब लोगों ने सीएम के पूरे बयान को भी शेयर करना शुरू कर दिया है ताकि लोगों को समझ आ सके कि सच क्या है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह के बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। जो दावा किया गया वह सच नहीं है।
श्रीमती रामनाथ कोविंद |
नवरात्र स्पेशल आरती - माँ के इस रूप की आरती सुनने से समस्त पाप बाधायें कर्ज से मुक्ति मिलती हैं |
वोदफ़ोन ईडिया होगी बंद!, केएम बिड़ला ने कहा बिना सरकारी मदद के कारोबार चलाना होगा मुश्किल - न्यूज़नेटवर्क२४
होम देश वोदफ़ोन ईडिया होगी बंद!, केएम बिड़ला ने कहा बिना सरकारी मदद के...
नई दिल्ली- टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि यदि सरकार ने कोई राहत न दी तो वोडाफोन आइडिया को मजबूरन बंद करना होगा। एजीआर मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई राहत न मिलने पर कंपनी के कदम पर पूछे गए सवाल के जवाब में बिड़ला ने कहा कि हमें अपना कारोबार बंद करना होगा। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बड़ा बयान, कहा-गुजराल की सलाह मानी होती तो न होता सिख दंगा-
हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में भाग लेने यहां आए बिड़ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह संकेत दिया कि यदि सरकार से कोई राहत नहीं मिलती है तो उनका समूह कंपनी में कोई भी नया निवेश नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अपने पैसे को बर्बाद करने का कोई औचित्य नहीं है।आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि एजीआर पर यदि सरकार कोई राहत नहीं देती है तो उनकी कंपनी दिवालापन प्रक्रिया के विकल्प को चुनेगी।
टेलीकॉम लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के अलावा जुर्माना और ब्याज के साथ दूरसंचार उद्योग पर १.४ लाख करोड़ रुपए की देनदारी बन गई है। वोडाफोन-आइडिया को इसका लगभग एक तिहाई भुगतान करना है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने भारत सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में ब्याज और जुर्माने से राहत देने की मांग की है। दूरसंचार उद्योग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका भी दायर की है।
प्रेवियस आर्टियलहैदराबाद एनकाउंटर से यूपी पुलिस कुछ सीखे: बीएसपी प्रमुख मायावती
नेक्स्ट आर्टियलसिद्धार्थनगर कर दिया गया नौगढ़ रेलवे स्टेशन का नाम |
जस्टिस कल्पेश होंगे ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें चीफ जस्टिस
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनित शरण को पदोन्नति देते हुए सुप्रीमकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है।
जागरण संवाददाता, कटक। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। इस संबंध में कानून मंत्रालय की तरफ से शनिवार को विज्ञप्ति जारी कर दी गई।
ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विनित शरण को पदोन्नति देते हुए सुप्रीमकोर्ट का जज नियुक्त किया गया है। जस्टिस जावेरी पहली बार गुजरात हाईकोर्ट में अस्थाई न्यायाधीश के तौर पर २००४ में नियुक्त हुए थे। इसके बाद वर्ष २००५ में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट का स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। वर्ष २०१६ में जस्टिस उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश बनाया गया। जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी ओडिशा हाईकोर्ट के ३०वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर अपना दायित्व संभालेंगे।
शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जस्टिस कल्पेश सत्येंद्र जावेरी को ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति पर अपनी मुहर लगा दी। इससे पूर्व ओडिशा हाईकोर्ट के २९वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस विनित शरण ने २६ फरवरी २०१६ अपना दायित्व संभाला था। |
सीमांध्र बंद का आंशिक असर
सीमांध्र बंद का आंशिक असर यू अरे हेरेनेशनलवेडनेस्ड्य, फेब्रुवारी १९, २०१४-१:३३ प्महैदराबाद: आंध्रप्रदेश में वाई एस आर कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से लोकसभा में तेलंगाना विधेयक पारित किए जाने के विरोध में सीमांध्र के तेरह जिलों में आज बंद के आह्वान का आंशिक असर रहा।
आंध्रप्रदेश सड़क परिवहन निगम की लंबी दूरी की बस सेवाएं और नगरीय बसें तथा आटो रिक्शा पहले की तरह सड़कों पर दिखे। हालांकि निगम ने लंबी दूरी की कुछ सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गई। सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार जरूरत पड़ी तो किसी भी स्थिति में नगर सेवाएं भी बंद की जा सकती है। उधर विभिन्न शहरों में तेदेपा, कांग्रेस और वाईएसआर समर्थकों ने बस डिपों के सामने धरना, प्रदर्शन किया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। जनप्रतिनिधियों के आवासों पर अतिरिक्त बलों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार अभी तक कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है और माहौल शांतिपूर्ण है। |
कश्मीर में परंपराओं को तोड़कर नए सपने बुनती क्रिकेट कोच सकीना अख्तर - थे शियासत डेली
कश्मीर में परंपराओं को तोड़कर नए सपने बुनती क्रिकेट कोच सकीना अख्तर
श्रीनगर: सकीना अख्तर एक ऐसी लड़की जो रिवायत पसंद है, वह सपने देखती है, सपना है भारत के लिए क्रिकेट खेलना। जब उन्होंने यह सपना देखा था तो उनके घर में ही उनका समर्थन करने वाला कोई नहीं था। वह अपनी पसंद के अनुसार आगे बढ़ने में असमर्थ थीं। एक दिन फैसला लिया कि उन्हें किसी हर हल में आगे बढना है। उनके सामने कई सारे मुद्दे थे। इन सबका सामना करते हुए उन्होंने कश्मीर विश्वविद्यालय तक की मंजिल तय की। यहां पिछले ८ वर्षों से वह क्रिकेट ट्रेनर हैं। सकीना ने अपनी मेहनत और जिम्मेदारी से कई स्टार खिलाड़ियों को तैयार करने का कारनामा किया है।
योर स्टोरी डॉट कॉम के अनुसार श्रीनगर में मनव्वरबाद से संबंध रखने वाली सकीना के दिल में बस एक ही सपना था, हर समय वह क्रिकेट के बारे में ही सोचती रहती। इसके अलावा उनके मन में कोई दूसरा विचार जगह ही नहीं पाता। आज वह कश्मीर में अकेली महिला क्रिकेट ट्रेनर हैं और १९ साल से कम उम्र की टीम को प्रशिक्षण देती हैं।
सकीना बताती हैं, कि जब मैं छोटी थी, लड़कों के साथ ही क्रिकेट खेला करती था। उनके साथ ही मैंने क्रिकेट के बारे में जाना।
सकीना जब बच्ची थी और प्राथमिक स्कूल में पढ़ती थी, तब तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था। इस समय उनके क्रिकेट खेलने पर किसी को आपत्ति नहीं था, लेकिन जब वह मिडिल स्कूल में गईं तो उनका क्रिकेट खेलना बंद हो गया। क्योंकि उस समय उनका क्रिकेट खेलना किसी को भाता नहीं था। कुछ दिन तो ऐसे ही चलता रहा, लेकिन कहते हैं न कि जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। स्कूल की क्रिकेट टीम में उन्हें जगह मिल ही गई। १९९८ में उन्होंने जिला और फिर स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन में उनके खेल का जिक्र होने लगा।
१९९८ में सकीना को एक खिलाड़ी के रूप में महत्वपूर्ण सफलता मिली जब अंडर १९ में उन्हें खेलने का मौका मिला। उन्हें बेस्ट प्रदर्शन अवार्ड भी मिला। श्रीनगर में जब वीमेंस कॉलेज में प्रवेश हुआ तो कई बार क्लास छोड़कर उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर खूब ध्यान दिया और अपने आप को खेल के लिए तैयार किया। वह बताती हैं, कि जब घर के लोगों ने देखा कि मेरा शौक कम नहीं हो रहा है तो घर से भी प्रेरित होने लगी। लेकिन मेरा खुद अपने खेल पर ध्यान देना जरूरी था। घर के लोगों ने भी यही कहा कि खेलना है तो खेल पर अधिक ध्यान दें।
कॉलेज से निकलने के बाद जब वह युनिवेर्सिटी में आईं तो उनके सामने अपना लक्ष्य था। कश्मीर युनिवेर्सिटी में पहले सेमेस्टर के बाद ही उन्होंने शिक्षा अधूरी छोड़ कर वह दिल्ली के लिए रवाना हो गईं। यहां उन्होंने बीसीसीआई का ए स्टैण्डर्ड का परीक्षा में सफलता प्राप्त किया। इस परीक्षा के बाद उन्हें कश्मीर स्पोर्ट्स परिषद में काम करने का मौका मिला। युवाओं के कई क्रिकेट शिविर आयोजित किए। वह बताते हैं। |
मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश | | संमार्ग
मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश
भोपाल तरबतर, कई जिलों का सड़क संपर्क बंद
भोपालः दक्षिण-पश्चिम मानसून के एक बार फिर मध्यप्रदेश में जोर पकड़ने के चलते मंगलवार को अनेक स्थानों पर झमाझम बरसात हुई। राजधानी में सोमवार की रात वर्षा होने के बाद मंगलवार की सुबह वर्षा ने जो गति पकड़ी वह दोपहर तक जारी रही। लगभग ४.३० घंटे की वर्षा में पूरा शहर तरबतर हो गया। भोपाल, होशंगाबाद और बैतूल के अलावा अनेक स्थानों पर हुई बारिश से निचली बस्तियों में जलभराव की स्थिति बन गयी। वर्षा के चलते सुबह से भोपाल-बैतूल मार्ग बंद हो गया। देवास में नदी नाले बहने लगे। झमाझम वर्षा के कारण स्कूली बच्चों तथा कर्मचारियों को भी काफी परिशानियां उठानी पड़ीं। भोपाल में इस साल एक दिन में यह सर्वाधिक बरसात रही।
भोपाल के अनेक निचले हिस्सों में पानी भर जाने से पंचशील नगर क्षेत्र के नाले में बाढ़ के कारण २ बच्चे बहने लगे। एक बालक को वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया और दूसरा बालक डुकू (४) बह गया, जिसे खोजने के लिए पुलिस, नगर निगम और आपदा प्रबंधन की टीम गोताखोरों के साथ जुट गयीं। नाले में पानी का बहाव काफी तेज था और वह आगे जाकर एक बांध में मिल जाता है। पुल बोगदा इलाके में एक किशोर भी बह गया था लेकिन कुछ ही दूरी पर एक पेड़ का सहारा मिलने से वह बच गया। बाद में कुछ लोगों की मदद से वह सुरक्षित निकल आया।
तालाब में तब्दील हुआ मैदान
भोपाल समेत सीहोर, राजगढ़, आगर-मालवा, खंडवा, हरदा, होशंगाबाद, बैतूल, बुरहानपुर, रायसेन, विदिशा, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा और सागर जिले में तेज बारिश हुई।
रायसेन जिले में भी कई निचली बस्तियां जलमग्न हो गयीं वहीं बेतवा नदी के पगनेश्वर पुल पर पानी आ जाने से विदिशा-रायसेन राजमार्ग बंद हो गया। जिला भाजपा कार्यालय के सामने पूरा रामलीला मैदान तालाब में तब्दील हो गया है।
बैतूल जिले के नदी-नालों में पानी भर गया। पहाड़ी इलाकों के छोटे नाले और नदियों में बाढ़ की स्थिति बन गयी। शाहपुर, भौरा इलाके में हो रही तेज बारिश के कारण बैतूल-भोपाल राजमार्ग पर सूखी नदी में बाढ़ से यातायात बंद हो गया। इसके चलते होशंगाबाद और भोपाल से जिले का सड़क संपर्क बंद हो गया।
मौसम विभाग ने आगामी २४ घंटे में राज्य के भोपाल, होशंगाबाद और जबलपुर ३ संभागों के जिलों, पूर्वी क्षेत्र के जिलों के साथ शेष हिस्सों में भारी बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारों की संभावना जाहिर की।
चिप्पी छोटे नाले और नदियों में बाढ़ निचली बस्तियों में जलभराव स्कूली बच्चे व कर्मचारी परेशान
प्रदर्शनकारी शिक्षकों को हिरासत
झुंझुनू में महिला से दुष्कर्म |
श्रीलंका की जीत में चमके परेरा |
श्रीलंका की जीत में चमके परेरा
ढाका: तिसारा परेरा के तूफानी अर्धशतक और गेंदबाजों के अनुशासित गेंदबाजी की मदद से श्रीलंका ने पहले वनडे में मेजबान बांग्लादेश को १३ रन से हराकर तीन मैचों की श्रृंखला में १ . ० की बढ़त बना ली.
बर्षा से बाधित मैच में एक समय ६७ रन पर आठ विकेट खोकर संघर्ष कर रही श्रीलंका की टीम को परेरा ने (५७ गेंद में नाबाद ८० रन) 1८० के सम्मानजक स्कोर तक पहुंचा दिया.
लक्ष्य को बचाने उतरी श्रीलंका के गेंदबाजों ने इसके बाद शानदार गेंदबाजी करते हुए बांग्लादेश की पूरी टीम को ४०वें ओवर में १६७ रन पर ढ़ेर कर दिया.
मेजबान टीम के लिए सलामी बल्लेबाज शमसुर रहमान ने ४९ गेंद में ६२ रन और मोमीनुकल हक ने ४४ रन की पारी खेली जिससे बांग्लादेश की टीम एक समय २०वें ओवर में दो विकेट पर ११४ रन बनाकर आसान जीत की ओर बढ़ रही थी लेकिन इसके बाद उसका बल्लेबाजी क्रम ढह गया.
श्रीलंका के कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने २१ रन देकर तीन जबकि सचित्र सेनानायके ने ३३ रन देकर दो विकेट लिए. बांग्लादेश ने अंतिम आठ विकेट सिर्फ ५३ रन पर ही गंवा दिए.
इससे पहले रूबेल हुसेन, साकिब अल हसन और अराफात सनी(दो-दो विकेट) के सामने श्रीलंका की पारी टिक ही नहीं पाई. एक समय २२वें ओवर में श्रीलंका का स्कोर आठ विकेट पर ६७ रन हो गया था. परेरा ने इसके बाद सेनानायके के साथ नौवें विकेट के लिए ८२ रन जोड़े जिससे श्रीलंका बांग्लादेश के खिलाफ १४७ रन के अपने पिछले न्यूनतम स्कोर को पार करने में सफल रहा.
परेरा ने अपनी पारी में दौरान छह छक्के और चार चौके मारे. सेनानायके ने ३० रन बनाए जबकि श्रीलंका की अंतिम दो जोड़ियों ने ११३ रन जोड़कर टीम को संकट से उबारा.
इससे पहले शेर ए बांग्ला स्टेडियम का आउटफील्ड गीला होने के कारण मैच देर से शुरू हुआ और इसे ४३ ओवर का कर दिया गया.
वेब तितले: श्रीलंका की जीत में चमके परेरा |
स्व० फूलचन्द प्रसाद गुप्त स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, स्पष्ट वादी, राष्ट्रवादी तथा निर्भिक व्यक्ति अमिला बाजार, मऊ के निवासी थे | यू तो राजनैतिक धरातल पर फूलचन्द(बाबा) जी श्री झारखण्डे राय के घोर विरोधी थे, परन्तु मानवीय आधार पर उनमे कोई विभेद नही था | श्री राय ने एकाधिक बार घोसी विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था | जब कभी वे अमिला आते बाबा जी से लखनऊ में उच्च इलाज हेतु अनुरोध करना भूलते | यह बात बाबा जी ने मुझे बताया था | उस जमाने में आज जैसी परस्पर कटुता नही थी, आपसी प्रेम व्यवहार बना रहता था | मेरे बाबा जी का सपना था कि घोसी सीट पर कांग्रेस कि विजय हो | १९६९ मध्यावधि चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर श्री रामबिलास पाण्डेय, कम्युनिस्ट पार्टी के स्व० जफर अजमी के विरुद्ध भारी मतों से विजयी रहे व श्री चन्द्रभानु गुप्त मंत्रीमण्डल में शामिल हुए | इस प्रकार बाबा जी के अन्तिम यात्रा के पूर्व उनका सपना पूरा हो चुका था |
बाबा जी जब कभी भी थककर घर आते मैं उनका पैर अवश्य दबाया करता था | मुझे याद है एक बार मैंने पैर दबाते समय उनसे पूछा था आपके दोनों पैरों के टखनों की हड्डियाँ क्यों दबी है ?
उन्होंने कहा था "बेटे देश को आजाद कराने के लिए मेरे प्रयासों कि यही एक निशानी है, पैरों में कांटेदार बेडियों का दर्द हमने सहा है | हम समझ सकते है गुलाम भारत माता को कितना दर्द होता होगा |" मैं जूनियर क्लास का छात्र उनके दर्द के दंश कि गहराई पूर्णतया नही समझ सका था | आज मुझे गर्व होता है वह मेरे बाबा थे | आजादी की लड़ाई के दोरान उन्हें इंडियन पैनल कोड की धारा ४३६ व ३५ डी०आई०आर० के अंतर्गत दिनांक २९-०४-१९४३ से दिनांक २२-०४-१९४४ तक आजमगढ़ जिला कारागार में बेडियों में जकड़ कर रखा गया था |
कुछ लोंग बाबा जी के स्पष्टवादी तथा निर्भीकता के विषय पर चर्चा करते हुए बताते है कि अंग्रेजी हुकूमत के दहशत से जब अधिकांश लोग घरों से बाहर नही निकलते थे, उस समय वे महान स्वतन्त्रता सेनानी स्व० पटेश्वरी राय (निवासी अतरसावा) को घर पर आमन्त्रित कर के आजादी का बिगुल फूका था | स्व० पटेश्वरी राय व बाबा जी के अतिरिक्त स्व० राजकिशोर प्र० गुप्त, श्री विश्वनाथ प्र० गुप्त, स्व० रमाशंकर राय, स्व० स्वामीनाथ गुप्त, स्व० रघुनाथ प्रसाद, स्व० रघुवीर सिहं कि उत्साही टोली ने टाउन एरिया कार्यालय, रेलवे स्टेशन व डाक कार्यालय में तोड़ फोड़ किया एवं राजकीय अभिलेखों को जला कर नष्ट कर दिया था | इसी अभियोग में आपको जेल की यातनाएं सहनी पड़ी | अंग्रेज पुलिस ने घर पर लूट की, तबाही मचायी, परिवार के सदस्यों को कई दिनों तक उपवास करना पड़ा, फिर भी इनकी राष्ट्रीयता अडिग व अविचलित रही |
जीवन पर्यन्त बाबा जी का प्रख्यात स्वतन्त्रता सेनानी स्व० पण्डित अलगू राय शास्त्री व उनके अनुज स्व० रामलक्षन राय पर उनकी देश भक्ति व राष्ट्रीयता के कारण अगाध श्रधात्मक स्नेह रहा | बाबा जी जब भी अमिला रहते, मुझे स्व० रामलक्षन राय जी से सम्पर्क अवश्य कराते व उनके आशीर्वाद पाने के प्रेरित कराते रहते |
हम ऐसे स्वतन्त्रता सेनानीयों के कृतित्व व व्यक्तित्व से सीख लेनी चाहिए ताकि हम अपने राष्ट्र के स्वतंत्रता को चिर काल तक अक्षुण बनाये रख सके | |
एप्पल के लिए गौण
सामान के लिए एप्पल घड़ी
घड़ी ग्लास रक्षक घड़ी मामले घड़ी चार्जर घड़ी बैंड
के लिए सैमसंग आ९१ के लिए सैमसंग आ८१ के लिए सैमसंग आ७१ के लिए सैमसंग आ५१ रिस्टबैंड सैमसंग नोट के लिए १०/१० प्रो आ७० के लिए आ९ स्टार के लिए आ५० के लिए आ३० के लिए म३० के लिए म२० के लिए म१० के लिए के लिए सैमसंग स१०ए के लिए सैमसंग स१० के लिए सैमसंग स१० प्लस सैमसंग स९ के लिए/स९ प्लस सैमसंग के लिए स८/स८ प्लस के लिए गैलेक्सी स७/स७ बढ़त के लिए सैमसंग ज८ सैमसंग के लिए ए के लिए सैमसंग आ९ के लिए सैमसंग आ७ २०1८ के लिए सैमसंग आ६ प्लस के लिए सैमसंग आ६ सैमसंग नोट ९ के लिए सैमसंग के लिए ज७ प्रो सैमसंग के लिए ज६ २०1८ सैमसंग के लिए जे २०1८ सैमसंग ज२ के लिए प्रो २०1८ सैमसंग आ५ के लिए २०1८ सैमसंग नोट ८ के लिए सैमसंग नोट ७ के लिए सैमसंग टैबलेट के लिए के लिए गैलेक्सी स६/स६ के बढ़त के लिए ससम्न्ग ज७ सैमसंग के लिए ज५ २०1६ सैमसंग के लिए ज५ सैमसंग के लिए ज२ सैमसंग के लिए उ २०1७ सैमसंग के लिए आ५१0
रिस्टबैंड पोको के लिए फ१ एम आई के लिए ८ एम आई के लिए ९ रेडमी नोट के लिए ७ रेडमी के लिए ४क्स एम आई के लिए ५ प्लस रेडमी २ स के लिए रेडमी नोट ४ के लिए काले शार्क के लिए रेडमी नोट के लिए ५ प्रो एम आई के लिए ५क्स
हुवी मेट के लिए ३० संचिका हुवी के लिए प३० संचिका हुवी मेट के लिए २०/२०प्रो/२० लाइट हुवी के लिए प१० लाइट हुवी के लिए य७ २०1८ के लिए हौवी ७च हुवी के लिए ७आ हुवी के लिए य९ २०1८ हुवी के लिए य६ २०1८ हुवी के लिए य५ २०1८ हुवी के लिए प स्मार्ट सम्मान के लिए १०/१० प्लस हुवी के लिए प२०/प२० प्रो/प२० लाइट हुवी मेट १० के लिए प्रो हुवी मेट १० के लिए लाइट हुवी के लिए प१० हुवी सम्मान के लिए ६क्स हुवी साहब ८ के लिए हुवी मेट ९ के लिए हुवी के लिए प९ हुवी प९ के लिए प्लस हुवी प९ के लिए लाइट हुवी सम्मान के लिए ४च
माइक्रो केबल प्रकार-सी केबल बिजली केबल
एप्पल के लिए सैमसंग के लिए हुवी के लिए ज़ियाओमी के लिए मोटो के लिए
के लिए के लिए पिक्सेल २ गूगल के लिए पिक्सेल एक्स्ट्रा लार्ज गूगल के लिए पिक्सेल
मामले के लिए सोनी एक्सपेरिया
सोनी एक्सपेरिया के लिए ज़्ज़ प्रीमियम सोनी एक्सपेरिया के लिए ज़्ज़२ कॉम्पैक्ट सोनी एक्सपेरिया के लिए ज़ा २ अल्ट्रा सोनी के लिए ल२ सोनी एक्सपेरिया ज़५ के लिए प्रीमियम सोनी एक्सपेरिया के लिए ज़५ कॉम्पैक्ट सोनी एक्सपेरिया के लिए ज़५ सोनी एक्सपेरिया के लिए म५ सोनी एक्सपेरिया के लिए म४ एक्वा
इपद ९.७ के लिए २०१८ इपद ९.७ के लिए २0१७ इपद प्रो १२.९ के लिए २०१५ इपद प्रो १२.९ के लिए २0१७ इपद के लिए प्रो ९.७ इपद के लिए प्रो १०.५ आईपैड एयर के लिए इपद २३४ के लिए इपद मिनी ४ के लिए के लिए इपद मिनी १/२/३ आईपैड एयर २ के लिए
मोटो ज़२ के खेलने के लिए मोटो के लिए ए४ प्लस मोटो के लिए ग६ मोटो के लिए ग५ प्लस मोटो के लिए ग५ मोटो जी-के लिए प्लस के लिए मोटो जी-/जी-प्लस मोटो जी-खेलने के लिए मोटो ग२ के लिए मोटो के लिए ग३ ३र्ड मोटो एक्स के लिए शैली मोटो एक्स के लिए खेलने मोटो एक्स के लिए बल मोटो नेक्सस ६ के लिए मोटो के लिए ज़ मोटो मैक्स्क्स के लिए मोटो द्रॉयड टर्बो एट1२५४ के लिए मोटो ई के लिए
फोन के मामले में पैकेजिंग टेम्पर्ड ग्लास पैकेजिंग
रास्पबेरी पीआई सामान
नई आगमन पारदर्शी हार्ड प्रकरण एक्रिलिक पिछला कवर शॉकप्रूफ सुरक्षात्मक मोबाइल फोन के सामान के लिए इफोन ११ २०१९
नई आगमन छत्ते शॉकप्रूफ बम्पर मामले सुरक्षात्मक मोबाइल फोन के सामान के लिए इफोन ११ २०१९
साधारण पत्र मामलों एयरपोड्स सुरक्षात्मक मामले ब्लूटूथ ईरफ़ोन के लिए कार्टून सिलिकॉन कवर के लिए एप्पल हवा फली सामान फंडा
इफोन के लिए एक्स फोन के मामले के लिए स्मार्ट फोन कवर मोबाइल फोन एप्पल इफोन ७ ६ ८
नए कपड़े फोन के मामले में कार्टून भालू नरम आलीशान कवर के लिए इफोन ११/इफोन ११ प्रो/इफोन ११ प्रो अधिकतम २०१९
२०१९ लोकप्रिय फैशन मोबाइल फोन के मामलों ग्लास सेल फोन के मामले में रेडमी नोट ८ मामले के लिए
नई आगमन खोल बनावट डिजाइन चमकदार आईएमडी मामले को कवर के लिए इफोन ११/इफोन ११ प्रो/इफोन ११ प्रो अधिकतम २०१९
२.१म्म नई बिजली से स्वतंत्र बटन के साथ त्पू स्पष्ट मामले के लिए पारदर्शी त्पू इफोन ११ प्रो मामले
अंगूठी फोन के मामले में कैंडी रंग सिलिकॉन त्पू फोन के मामले में कवर के लिए इफोन ११/११ प्रो/११ प्रो मैक्स, फोन कवर के लिए इफोन ११
१ में २ चुंबकीय वायरलेस तेजी से इव्च के लिए बिजली चार्जर के लिए इफोन चार्जर यूएसबी केबल
इफोन मामले के लिए मूल ब्लिंग गुलाबी इफोन६ के लिए शॉकप्रूफ पिछला कवर सुरक्षात्मक मोबाइल फोन के मामले में/६ एस ४.७
अमेज़न गर्म बेच सिलिकॉन प्रतिस्थापन बैंड एप्पल इव्च बैंड ३८म्म ४२म्म एप्पल के लिए घड़ी का पट्टा |
यूपी पुलिस की लिखित परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर टंकी पर चढ़ गये युवक आगरा। यूपी पुलिस की लिखित परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर फतेहपुर सीकरी रोड पर स्थित कस्बा मिढ़ाकुर में पानी ट... रेड मोर
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स्वरा का एक और बोल्ड बयान स्वरा भास्कर बॉलीवुड में एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर जानी जाती तो अपने बोल्ड रवैये से लोगो का मुंह बंद कर देती हैं। हाल ही में स्वरा भास्कर की फिल्म वीरे दी वेडिंग र... रेड मोर
जयंती पर विशेष। एजेंसी चरित्र अभिनेता चमन पुरी और मदन पुरी के छोटे भाई अमरीश पुरी हिन्दी फिल्मों की दुनिया का एक प्रमुख स्तंभ रहे हैं। अभिनेता के रूप निशांत, मंथन और भूमिका जैसी फ़िल्मों से... रेड मोर
स्वप्निल सन्सार। संजोग वॉल्टर। एजेंसी। टॉम बीच ऑल्टर मसूरी, के निवासी, टॉम ऑल्टर के पूर्वज इंग्लिश और स्कॉटिश थे । इनके पूर्वज बम्बई अब मुंबई में और लन्दूर के हिमालयी हिल स्टेशन में रहते थे।... रेड मोर |
बीमा कंपनियां दे सकेंगी ५ लाख रुपये से अधिक का बीमा कवर
होमदेश विदेशबीमा कंपनियां दे सकेंगी ५ लाख रुपये से अधिक का बीमा कवर
भारतीय बीमा विनियामक (इंडिया इंश्योरेंस पॉलिसी कम्पनी)और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को आरोग्य संजीवनी बीमा पॉलिसी (आरोग्य संजीवनी पॉलिसी) के तहत अधिकतम पांच लाख रुपये की सीमा से अधिक बीमा सुरक्षा देने की मंगलवार को अनुमति दे दी। इसके लिए उसने संशोधित नियम भी अधिसूचित कर दिए हैं। इरडा के नए दिशानिर्देशों के अनुसार साधारण और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के लिए अब एक लाख रुपये की न्यूनतम से कम और पांच लाख रुपये की अधिकतम सीमा से ज्यादा की भी बीमा सुरक्षा दे सकेंगी।
यह बीमा सुरक्षा ५०,००० रुपये के मल्टीपल में होगी। इसके लिए इरडा ने मानक व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा उत्पाद से जुड़े नियमों में संशोधन किया है। पहले इस बीमा पॉलिसी (इंडिया इंश्योरेंस पॉलिसी कम्पनी) के तहत कंपनियों को न्यूनतम एक लाख रुपये और अधिकतम पांच लाख रुपये की बीमा सुरक्षा उपलब्ध कराने की अनुमति थी। यह बीमा सुरक्षा ५०,००० रुपये के गुणांकों में ही उपलब्ध कराई जा सकती है।
बदलाव से साथ फिर से लॉन्च करने का निर्देश
इरडा ने बीमा कंपनियों को इस पॉलिसी को बदलाव के साथ फिर से पेश करने को कहा है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के तहत अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, कम सीमा के साथ मोतियाबिंद जैसे खर्च, दांतों का इलाज, बीमारी या दुर्घटना के कारण जरूरी प्लास्टिक सर्जरी, सभी प्रकार के डेकेयर इलाज, एंबुलेंस खर्च शामिल हैं. आयुष के तहत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती के खर्च, अस्पताल में भर्ती होने से ३० दिन पहले तक का खर्च और अस्पताल से छुट्टी के बाद ६० दिन तक के खर्च को भी कवर किया जाएगा। इरडा ने कहा कि कोई क्लेम नहीं किए जाने पर हर साल के लिए बीमा राशि (बोनस को छोड़कर) को ५ फीसदी बढ़ाया जाएगा। बिना ब्रेक के पॉलिसी का नवीनीकरण होगा।
पोर्टेबिलिटी की सुविधा
आरोग्य संजीवनी पॉलिसी (आरोग्य संजीवनी पॉलिसी)की शुरुआत १ अप्रैल २०२० को हुई थी। यह पॉलिसीधारकों की बुनियादी चिकित्सा जरूरतों को कवर करती है। इरडा के निर्देशों के अनुसार, आरोग्य पॉलिसी में बीमाधारकों को पोर्टेबिलिटी की सुविधा मिलती है। यह हेल्थ इंश्योरेंस प्लान एक साल की अवधि के साथ आता है। हालांकि, इस पॉलिसी को जिंदगीभर रिन्यू कराया जा सकेगा। इस हेल्थ इंश्योरेंस प्लान के तहत देशभर में प्रीमियम समान रखा गया है। वार्षिक प्रीमियम पेमेंट मोड के लिए ग्रेस पीरियड के तौर पर ३० दिन की अवधि होगी। पेमेंट के अन्य मोड के लिए ग्रेस पीरियड के तौर पर १5 दिन ही मिलेंगे। |
राजनीति में रखे पहले कदम से उत्साहित आरती | खबर लहरिया (खबर लहरिया)
खबर लहरिया राजनीति में रखे पहले कदम से उत्साहित आरती
द्वारा लिखित खबर लहरिया नोवंबर ८, २०१५ १० बार देखा गया
जिला महोबा ब्लाक कबरई गांव ग्योड़ी। यहां से जिला पंचायत सदस्य के पद का चुनाव आरती साहू ने पांच हजार छह सौ आठ वोटों से जीता है।
आरती साहू पहली बार चुनाव लड़ीं और जीतीं भी। उन्होंने बताया कि इससे पहले तो उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह राजनीति में आएंगी। जीत से खुश आरती साहू ने कहा कि उनकी मेहनत रंग लाई। सुबह आठ बजे से रात नौ बजे तक वह प्रचार करने क्षेत्रों में निकलती थीं।
आरती साहू पढ़ाई एम.ए. एम.कॅाम. और पी.एच.डी. कर चुकी हैं। उन्होंने पढ़कर टीचर बनने की सोची थी। अभी तक वह घर गृहस्थी का काम करती थीं। घरवालों के सहयोग से वह राजनीती के मैदान में आ गईं हैं।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले वो गांव दोबारा से जाकर लोगो की समस्या सुनेंगी । बिजली पानी और सड़क सुधारने के लिए प्रस्ताव विभाग में भेजेंगी। महिलाओं के लिये कुछ खास तो नहीं पर नौजवानों के लिये कुछ खास करने को कहा है। साथ ही कहा कि अगर अध्यक्ष बने तो हो रही लेखपालों द्वारा कमीशन खोरी या घूसखोरी को जरूर दूर कर देंगे। साथ ही जो जनता को पुलिस की बातें और न्याय के लिये चक्कर काटने पड़ते हैं। ये सारी चीजें दूर करने की कोशिश करेंगे। |
रसेहड़ गांव में महिला ने जहर खाकर की खुदकशी
उपमंडल के रसेहड़ गांव में एक महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकशी कर ली। हमीरपुर अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, महिला के पिता ने दामाद के खिलाफ बेटी को प्रताड़ित कर आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने की शिकायत दर्ज करवाई है।
बहरहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार रसेहड़ गांव में बीती शाम ३६ वर्षीय सलिता देवी ने जहरीला पदार्थ खा लिया तबीयत बिगड़ने पर उसे सरकाघाट अस्पताल लाया गया।
गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने उसे हमीरपुर अस्पताल रेफर किया, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। महिला के पिता रोशन लाल निवासी खरोट ने शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी बेटी की शादी रसेहड़ गांव में हुई थी। उनका दामाद फौज में है। आरोप लगाया कि शादी के कुछ माह बाद से ही दामाद उनकी बेटी के साथ मारपीट और प्रताड़ित करता रहता था।
जिसकी शिकायत आठ साल पहले स्थानीय चौरी पंचायत में दर्ज करवाई थी। तत्कालीन ग्राम पंचायत चौरी के प्रधान ने दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया और पंचायत के सामने उसके दामाद ने भविष्य में ऐसी घटना न दोहराने का वायदा भी किया था।
कुछ समय तक तो सब ठीक चला। लेकिन फिर उसके दामाद ने मारपीट शुरू कर दी। प्रताड़ना और मारपीट से तंग आकर उसकी बेटी ने जहरीला पदार्थ खाककर आत्महत्या कर ली।
पुलिस ने सरकाघाट थाना में महिला के पिता के बयान पर मारपीट कर प्रताड़ित करने व ३०६ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया। डीएसपी सरकाघाट संजीव भाटिया ने पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी पति को हिरासत में लेने के लिए पुलिस दल रवाना कर दिया है। |
गैंगस्टर नईम से राजनीतिक नेताओं के संबंध पर मुख्यमंत्री सख़्त नाराज - थे शियासत डेली
गैंगस्टर नईम से राजनीतिक नेताओं के संबंध पर मुख्यमंत्री सख़्त नाराज
हैदराबाद २० मई: गैंगस्टर नईम से संबंध रखते हुए ज़मीनात के मामले में और गैर कानूनी सरगर्मीयों में शामिल रहने वाले नेताओं से मुख्यमंत्री सख्त नाराज हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संजीदगी से जायज़ा लिया जा रहा है।
पता चला है कि टीआरएस के ७ नेताओं की नईम से दोस्ती थी ज़मीनात के मामले के अलावा दुसरे मुजरिमाना सरगर्मीयों में शामिल होने वाले पुलिसकर्मियों और राजनीतिक नेताओं के सारे सबूत के साथ एक रिपोर्ट तैयार कर के मुख्यमंत्री को पेश कर दी है। जिसके बाद ही ५ पुलिसकर्मियों को ससपेंड कर दिया गया।
उनके अलावा अधिक २० से २५ पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी करते हुए उनसे पूछताछ जारी है। बताया कि लिस्ट में ७ और २ सदस्यों विधान परिषद के अलावा २ अन्य नेताए भी मौजूद है। पुलिस के आला अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि नईम का एनकाउंटर करने से सरकार को अच्छा नाम आया है। हर तरफ से पुलिस विभाग की प्रशंसा हो रही है। इस मामले में टीआरएस नेताओं के तार गैंगस्टर नईम के साथ मिलने से सरकार की नेकनामी पर सवालिया निशान भी लग रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री इस मसले पर विचार करें।
नईम से संबंध रखने वाले टीआरएस नेताओं पर चीफ़ मिनिस्टर केसीआर सख्त नाराज हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करने का जायज़ा लिया जा रहा है। जिन नेताओं पर आरोप हैं वे अतीत में कांग्रेस का हिस्सा थे।
टैग्स गैंगस्टर नईम मुख्यमंत्री राजनीतिक नेताओं |
खूनी हैलोवीन, फैशन, सादगी, हेलोवीन मुफ्त डाउनलोड के लिए पंग और औड़ फ़ाइल
खूनी हैलोवीन मुक्त पंग तथा औड़
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विदुर की सम्मति, द्रोण-भीष्म के वचनों का समर्थन - कृष्णकोश
विदुर की सम्मति, द्रोण-भीष्म के वचनों का समर्थन
महाभारत आदि पर्व के विदुरागमन राज्यलम्भ पर्व के अंतर्गत अध्याय २०४ के अनुसार विदुर की सम्मति, द्रोण-भीष्म के वचनों का समर्थन का वर्णन इस प्रकार है[१]-
१ विदुर का धृतराष्ट्र को पाण्डवों के हित में सलाह देना
विदुर का धृतराष्ट्र को पाण्डवों के हित में सलाह देना
विदुरजी बोले-राजन्! आपके (हितैषी) बान्धवों का यह कर्तव्य है कि वे आपको संदेह रहित हित की बात बतायें। परन्तु आप सुनना नहीं चाहते, इसलिये आपके भीतर उनकी कही हुई बात भी ठहर नहीं पा रही है। राजन्! कुरुश्रेष्ठ शंतनुनन्दन भीष्म ने आपसे प्रिय और हित की बात कही है; परंतु आप उसे ग्रहण नहीं कर रहे हैं। इसी प्रकार आचार्य द्रोण ने अनेक प्रकार से आपके लिये उत्तम हित की बात बतायी है; किन्तु राधानन्दन कर्ण उसे आपके लिये हितकर नहीं मानते। महाराज! मैं बहुत सोचने-विचारने पर भी आपके किसी ऐसे परमसुह्रद् व्यक्ति को नहीं देखता, जो इन दोनों वीर महापुरुषों से बुद्धि या विचार शक्ति में अधिक हो। राजेन्द्र! अवस्था, बुद्धि और शास्त्रज्ञान सभी बातों में ये दोनों बढ़े-चढ़े हैं और आपमें तथा पाण्डवों में समान भाव रखते हैं। भरतवंशी नरेश! ये दोनों धर्म और सत्यवादिता में दशरथनन्दन श्रीराम तथा राजा गय से कम नहीं है। मेरा यह कथन सर्वथा संशयरहित है। उन्होंने आपके सामने भी (कभी) कोई ऐसी बात नहीं कही होगी, जो आपके लिये अनिष्टकारक सिद्ध हुई हो तथा इनके द्वारा आपका कुछ अपकार हुआ हो, ऐसा भी देखने में नहीं आता। महाराज! आपने भी इनका कोई अपराध नहीं किया है; फिर ये दोनों सत्यपराक्रमी पुरुष सिंह आपको हितकारक सलाह न दें, यह कैसे हो सकता है ? नरेश्वर! ये दोनों इस लोक में नरश्रेष्ठ और बुद्धिमान् हैं, अत: आपके लिये ये कोई कुटिलतापूर्ण बात नहीं कहेंगे।। कुरुनन्दन! इनके विषय में मेरा यह निश्चित विचार है कि ये दोनों धर्म के ज्ञाता महापुरुष हैं, अत: स्वार्थ के लिये किसी एक ही पक्ष को लाभ पहुँचानेवाली बात नहीं कहेंगे। भारत! इन्होंने जो सम्मति दी है, इसीको मैं आपके लिये परम कल्याणकारक मानता हूँ। महाराज! जैसे दुर्योधन आदि आपके पुत्र हैं, वैसे ही पाण्डव भी आपके पुत्र हैं-इसमें संशय नहीं है। इस बात को न जानने वाले कुछ मन्त्री यदि आपको पाण्डवों के अहित की सलाह दें तो यह कहना पड़ेगा कि वे मन्त्रीलोग, आपका कल्याण किस बात में है, यह विशेष रुप में नही देख पा रहे हैं। राजन्! यदि आपके हृदय में अपने पुत्रों पर विशेष पक्षपात है तो आपके भीतर के छिपे भाव को बाहर सबके सामने प्रकट करने वाले लोग निश्चय ही आपका भला नहीं कर सकते। महाराज! इसीलिये ये दोनों महातेजस्वी महात्मा आपके सामने कुछ खोलकर नहीं कह सके हैं। इन्होंने आपको ठीक ही सलाह दी है; परंतु आप उसे निश्चितरुप से स्वीकार नहीं करते हैं। इन पुरुषशिरोमणियों ने जो पाण्डवों के अजेय होने की बात बतायी है, वह बिल्कुल ठीक है। पुरुषसिंह! आपका कल्याण हो। राजन्! दायें-बायें दोनों हाथों से बाण चलानेवाले श्रीमान् पाण्डुकुमार धनंजय को साक्षात् इन्द्र भी युद्ध में कैसे जीत सकते हैं? दस हजार हाथियों के समान महान् बलवान् महाबाहु भीमसेन को युद्ध में देवता भी कैसे जीत सकते हैं? इसी प्रकार जो जीवित रहना चाहता है, उसके द्वारा युद्ध में निपुण तथा यमराज के पुत्रों की भाँति भयंकर दोनों भाई नकुल-सहदेव कैसे जीते जा सकते है ?[१]
जिन ज्येष्ठ पाण्डव युधिष्ठिर में धैर्य, दया, क्षमा, सत्य और पराक्रम आदि गुण नित्य निवास करते हैं, उन्हें रण भूमि में कैसे हराया जा सकता है ? बलरामजी जिनके पक्षपाती हैं, भगवान् श्रीकृष्ण जिनके सलाहकार हैं तथा जिनके पक्ष में सात्यकि वीर है, वे पाण्डव युद्ध में किसे नहीं परास्त कर देंगे ? द्रुपद जिनके श्रशुर हैं और उनके पुत्र पृषतवंशी धृष्टद्युम्न आदि वीर भ्राता जिनके साले हैं, भारत! ऐसे पाण्डवों को रणभूमि में जीतना असम्भव है। इस बात को जानकर तथा पहले उनके पिता का राज्य होने के कारण वे ही धर्मपूर्वक इस राज्य के उत्तराधिकारी हैं, इस बात की ओर ध्यान देकर उनके साथ उत्तम बर्ताव कीजिये। राजन्! पुरोचन के हाथों जो कुछ कराया गया, उससे आपका बहुत बड़ा अपयश सब ओर फैल गया है। अपने उस कलंक को आज आप पाण्डवों पर अनुग्रह करके धो डालिये। पाण्डवों पर किया हुआ यह अनुग्रह हमारे कुल के सभी लोगों के जीवन का रक्षक, परम हितकारक और सम्पूर्ण क्षत्रिय जाति का अभ्युदय करने वाला होगा। राजन्! द्रुपद भी बहुत बड़े राजा हैं और पहले हमारे साथ उनका वैर भी हो चुका है। अत: मित्र के रुप में उनका संग्रह हमारे अपने पक्ष की वृद्धि का कारण होगा। पृथ्वीपते! यदुवंशियों की संख्या बहुत है और वे बलवान् भी हैं। जिस ओर श्रीकृष्ण रहेंगे, उधर ही वे सभी रहेंगे। इसलिये जिस पक्ष में श्रीकृष्ण होंगे, उस पक्ष की विजय अवश्य होगी। महाराज! जो कार्य शांतिपूर्वक समझाने-बुझाने से ही सिद्ध हो जा सकता है, उसी को कौन दैव का मारा हुआ मनुष्य युद्ध के द्वारा सिद्ध करेगा। कुन्ती के पुत्रों को जीवित सुनकर नगर और जनपद के सभी लोग उन्हें देखने के लिये अत्यन्त उत्सुक हो रहे हैं। राजन्! उन सबका प्रिय कीजिये। दुर्योधन, कर्ण और सुबलपुत्र शकुनि- ये अधर्मपरायण, खोटी बुद्धिवाले और मुर्ख हैं; अत: इनका कहना न मानिये। भूपाल! आप गुणवान् है। आपसे तो मैंने पहले ही यह कह दिया कि दुर्योधन के अपराध से निश्चय ही यह समस्त प्रजा नष्ट हो जायगी।[२]
१.० १.१ महाभारत आदि पर्व अध्याय 2०4 श्लोक १-१8
महाभारत आदि पर्व अध्याय २०४ श्लोक १९-३०
" से लिया गया |
महादेव के घर में बृहस्पति को स्थान
वाराणसी में दशाश्मेध घाट मार्ग और बाबा विश्वनाथ के निकट ही स्थित है गुरु मंदिर। बताते हैं कि ये मंदिर अति प्राचीन है। इसके महात्मय के चलते इस वृहस्पति मंदिर भक्तों का ताता लगा रहता है। काशी शिवशंकर का निवास स्थान बताया जाता है और वहीं पर बृहस्पति गुरू के मंदिर को भी स्थापित किया गया था। ये मंदिर काशी के सभी मंदिरों से सर्वोच्च स्थान पर स्थापित है।
स्वयं शिव ने दिया स्थान
स्थानीय जानकारों की मानें तो पौराणिक कथा है कि जब महादेव ने काशी को अपनी राजधानी बनाया तब अनेक देवता भी यहां वास करने की इच्छा जताने लगे। सभी ने महादेव से अपने लिए स्थान का अनुरोध किया। तब भोलेनाथ ने निश्चय किया कि वे भगवान वृहस्पति को जो सभी देवों के गुरु है, को अपने निकट स्थान देंगे। महादेव ने काशी विश्वनाथ मंदिर से कुछ ही दूर पर उनको स्थान देने का निर्णय करते हुए उन्हें देवों में सर्वोच्च मानकर और नौ ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ होने के चलते उनका मंदिर सभी से ऊंचा बनवाया।
नेवर पोस्टचुनाव के बाद प्रधानमन्त्री की उम्मीदवार देउवा नहीं, पौडल और मैं हूँः डॉ. शशांक कोइराला |
हिमाचल / नूरपुर में न्याय के लिए २४ बच्चों के माता-पिता नाक रगड़ते हुए डीसी ऑफिस पहुंचे
अप्रैल में हुए स्कूल बस हादसे में गई थी इन बच्चों की जान
इस तरह नाक रगड़ते अधिकारी के ऑफिस पहुंचे घरवाले।
शिमला. इस साल अप्रैल में नूरपुर में हुए बस हादसे में मारे गए २४ मासूम बच्चों के परिवार को न्याय पाने के लिए सड़कों पर नाक तक रगड़नी पड़ रही है। हादसे के कारणों और दोषियों का अभी तक पता न चलने से आहत परिजन सोमवार को धर्मशाला में नाक रगड़ते हुए डीसी ऑफिस तक पहुंचे। इनमें बुजुर्ग दादा-दादी, लाडलों को खो चुकी माएं और पिता शामिल थे। यहां भी जब आश्वासन मिलने लगे तो दुखी मांओं ने डीसी से इंसाफ की बात रखी। परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने का मांग की।
मृतक बच्चों के नाम से लिखा मार्मिक पत्र भी सौंपा : नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि सरकार जो कर सकती थी उससे अधिक किया और उससे अधिक करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा जो ट्रक गिरा था उस पर भी एफआईआर दर्ज हो गई है व सरकार ने कोर्ट में भी स्टेटमेंट दे दी है। प्रदेश सरकार व् प्रसाशन ने जो किया है उससे भी अधिक करने का प्रयास कर रही है।
जांच पर जो सवाल हैं, उस पर ध्यान देंगे: डीसी कांगड़ा संदीप कुमार ने कहा कि हादसे की न्यायिक जांच पर जो प्रश्न चिन्ह लगे हैं उस पर ध्यान दिया जाएगा। मृतक बच्चों के परिजनों ने जो पत्र दिया है उसे सरकार तक पहुंचाया जाएगा। परिजनों का कहना है कि हादसे के कारणों में जो भी दोषी हो, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह उनके दुख में सम्मिलित हैं तो वहां उपस्थित एक मां के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने रोते हुए कहा कि अपने जिगर के टुकड़ों को खोकर सब कुछ झेलते हम हैं और तड़पते हम हैं। अधिकारी गाड़ी में बैठते ही हर गम को भूल जाते हैं। डीसी ने स्मारक बनाने की बात कही तब भी लोगों ने दो टूक जवाब दे दिया-आप बस न्याय दिला दीजिए।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखा गए पत्र में मृतक बच्चों ने न्याय की गुहार लगाई है। पत्र में लिखा गया है कि हम सिर्फ देख रहे हैं और हमारे परिजन झेल रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही। पत्र में लिखा है कि जिस उम्र में हमने जिंदगी के सबक सीखने थे, उसी उम्र में मौत हमें अपना पाठ पढ़ाकर साथ ले गई।
सर, हम में से कुछ बच्चे तो ऐसे थे जो ९ अप्रैल को पहली बार स्कूल गए थे। पत्र में कहा गया है कि सर आपको आज तक जीवित लोगों के ही पत्र मिले होंगे शायद यह दुर्भाग्य से पहला मौका होगा जब आपको मृत बच्चों की ओर से पत्र मिलेगा। डीसी कांगड़ा संदीप कुमार ने कहा कि हादसे की न्यायिक जांच पर जो प्रश्न चिन्ह लगे हैं उस पर ध्यान दिया जाएगा।
मृतक बच्चों के परिजनों ने जो पत्र दिया है उसे सरकार तक पहुंचाया जाएगा। परिजनों का कहना है कि हादसे के कारणों में जो भी दोषी हो, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। संदीप ने कहा कि वह उनके दुख में सम्मिलित हैं तो वहां उपस्थित एक मां के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने रोते हुए कहा कि अपने जिगर के टुकड़ों को खोकर सब कुछ झेलते हम हैं और तड़पते हम हैं। अधिकारी गाड़ी में बैठते ही हर गम को भूल जाते हैं। डीसी ने स्मारक बनाने की बात कही तब भी लोगों ने दो टूक जवाब दे दिया-आप बस न्याय दिला दीजिए। |
"भविष्य पुराण" में शनैश्चर स्तवराज स्तोत्र का उल्लेख किया गया है| जो भी व्यक्ति अथवा साधक इस स्तोत्र का नियमित रुप से पाठ करता है वह हर प्रकार की समस्या तथा व्याधियों से मुक्त हो जाता है| जो कोई व्यक्ति असाध्य रोग से पीड़ित है उसके लिए यह पाठ राम बाण सिद्ध होता है| यदि पीड़ित व्यक्ति यह पाठ करने में असमर्थ है तब वह किसी ऎसे व्यक्ति से पाठ सुन सकता है अथवा करवा सकता है जिसे संस्कृत पढ़नी आती हो|
इस स्तोत्र का ११०० बार जाप करने से यह प्रभावशाली रुप से फल प्रदान करता है| किसी विद्वान आचार्य से संकल्प कराकर ११०० बार पाठ करना चाहिए| यदि ११०० बार पाठ करना संभव ना हो पाए तब कम से कम १२५ बार पाठ अवश्य ही करना चाहिए| जो व्यक्ति स्वयं इस स्तोत्र का नियमित रुप से पाठ करते हैं वह सभी प्रकार के भौतिक, दैविक तथा दैहिक कष्टों से छुटकारा पाते हैं|
इस शनि स्तवराज स्तोत्र का पाठ उन सभी लोगों को करना चाहिए जिन पर शनि का प्रकोप चल रहा हो| इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में शनि की महादशा अथवा अन्तर्दशा चल रही है, उन्हें भी इसका पाठ करना चाहिए| जो जातक इस स्तोत्र का पाठ हर शनिवार अथवा प्रतिदिन करता है उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं| शनिवार के दिन इसका पाठ अवश्य करना चाहिए| इस स्तोत्र का पाठ करने वाला व्यक्ति पुत्रवान तथा धनवान होता है| |
विधानसभा चुनाव से पहले 'ध्यान शिविर' में राहुल, कंबोडिया में बिताएंगे समय...
कांग्रेसकांग्रेस पार्टीकांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधीराहुल गांधीनेशनल कांग्रेस पार्टीबैंकॉक
कंबोडिया में ५ दिन के ध्यान शिविर में राहुल गांधी
ब्जप ने राहुल के बैंकॉक जाने का किया था दावा
भारत लौटकर राहुल लेंगे चुनाव अभियान में हिस्सा
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायनाड सांसद राहुल गांधी बैंकॉक नहीं बल्कि कंबोडिया गए हुए है। जहां राहुल ५ दिन तक लगने वाले ध्यान शिविर में समय बिताएंगे। वहां से लौटने के बाद राहुल गांधी हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार में जुट जाएंगे। इससे पहले सोशल मीडिया में राहुल गांधी के बैंकॉक चले जाने की खबर जोरशोर से वायरल हो रही थी।
अहमद पटेल साहब कल @भूपिंदरशोदा साहब से पूछ रहे थे पार्टी गई कहा ? आज पता चला पार्टी बैंकॉक गई है
दरअसल हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच शनिवार को ब्जप ने राहुल के बैंकॉक जाने का दावा किया था। हरियाणा के ब्जप नेता जवाहर यादव ने ट्वीट करते हुए बताया था कि विधानसभा चुनाव के ठीक १० दिन पहले राहुल गांधी बैंकॉक चले गए। इसके बाद से ही ट्वीटर में बैंकॉक तेजी से ट्रेंड करने लगा था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानी जाए तो कांग्रेस ने राहुल के बैंकॉक जाने की खबर को महज एक अफवाह बताते हुए उनके कंबोडिया में आयोजित ५ दिनों के शिविर में ध्यान लगाने की जानकारी दी है।
गौरतलब है कि हरियाणा और महाराष्ट्र में २१ अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसके लिए कंबोडिया से लौटने के बाद राहुल महाराष्ट्र और हरियाणा में १० अक्टूबर से १९ अक्टूबर के तक चुनावी रैलियों और रोड शोज़ में हिस्सा लेंगे। वहीं कांग्रेस के कई स्टार प्रचारक भी प्रचार अभियान में अपनी भागीदारी देंगे।
महाराष्ट्र इलेक्शन: भाजपा १५० और शिवसेना १२४ सीटों पर लड़ेगी चुनाव |
हांगकांग ओपन बैडमिंटन: सिंधू की संघर्षपूर्ण जीत, साई प्रणीत का सफ़र खत्म समना एक्टिविस्त
होम / स्पोर्ट्स / हांगकांग ओपन बैडमिंटन: सिंधू की संघर्षपूर्ण जीत, साई प्रणीत का सफ़र खत्म
कोलून। विश्व की तीसरे नंबर की खिलाड़ी भारत की पीवी सिंधू ने हांगकांग ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट के पहले दौर में बुधवार को जीत के साथ दूसरे दौर में जगह बना ली, लेकिन पुरूष खिलाड़ी बी साई प्रणीत पहला ही मुकाबला हारकर बाहर हो गये. टूर्नामेंट में तीसरी वरीयता प्राप्त सिंधू ने थाईलैंड की नित्चानोन जिंदापोल को एक घंटे एक मिनट तक चले मैच में २१-१५, १३-२१, २१-१७ से हराया.
सिंधू को हालांकि १४वीं रैंकिंग की जिंदापोल ने कड़ा संघर्ष दिया लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने जीत हासिल कर थाई खिलाड़ी के खिलाफ करियर रिकार्ड ५-१ पहुंचा दिया. जिंदापोल करियर के छह मुकाबलों में अब तक केवल एक बार ही सिंधू को हरा सकी हैं, उन्होंने 20१6 में सैयद मोदी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में एकमात्र बार ओलंपिक रजत विजेता के खिलाफ अपनी जीत दर्ज की है. सिंधू का दूसरे दौर में कोरिया की सुंग जी हियून से मुकाबला होगा जो दोनों खिलाड़ियों के बीच करियर की यह १४वीं भिड़ंत होगी.
विश्व में १०वीं रैंकिंग की सुंग ने सिंधू को पांच बार हराया जबकि भारतीय खिलाड़ी ने आठ बार कोरियाई खिलाड़ी को पराजित किया. वर्ष २०१८ में दोनों खिलाड़ियों के बीच यह तीसरा मैच होगा. इस वर्ष एशिया चैंपियनशिप में सुंग ने लगातार गेमों में सिंधू को हराया था जबकि विश्व चैंपियनशिप में सिंधू ने सुंग से हार का बदला लिया था.
प्रेवियस आज से लखनऊ जंक्शन से चलेगी वीआईपी ट्रेन लखनऊ मेल
नेक्स्ट पकड़े जाने के डर से चोरों ने लगायी छलांग, एक की मौत, दूसरा घायल
वाह! विराट कोहली सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले तीसरे बल्लेबाज
एडिलेड। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में खेले गए |
चित्तौड़ का अन्ग्रेजी में अर्थ
चित्तौड़ पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ चित्तौर] दे॰ 'चित्तौर' ।
चित्तौड़गढ़ राजस्थान का एक शहर है। यह शूरवीरों का शहर है जो पहाड़ी पर बने दुर्ग के लिए प्रसिद्ध है। चित्तौड़गढ़ की प्राचीनता का पता लगाना कठिन कार्य है, किंतु माना जाता है कि महाभारत काल में महाबली भीम ने अमरत्व के रहस्यों को समझने के लिए इस स्थान का दौरा किया और एक पंडित को अपना गुरु बनाया, किंतु समस्त प्रक्रिया को पूरी करने से पहले अधीर होकर वह अपना लक्ष्य नहीं पा सका और प्रचंड गुस्से में आकर उसने अपना पांव जोर से जमीन पर मारा जिससे वहां पानी का स्रोत फूट पड़ा, पानी का यह कुंड भीम ताल कहा जाता है। बाद में यह स्थान मौर्य अथवा मूरी राजपूतों के अधीन आ गया, इसमें भिन्न-भिन्न राय हैं कि यह मेवाड़ शासकों के अधीन कब आया, किंतु राजधानी को उदयपुर ले जाने से पहले १५६८ तक चित्तौड़गढ़ मेवाड़ की राजधानी रहा। यहां पर रोड वंशी राजपूतों ने बहुत समय राज किया यह माना जाता है कि रोड वंश के महान संस्थापक बप्पा रावल ने ८वीं शताब्दी के मध्य में अंतिम सोलंकी राजकुमारी से विवाह करने पर चित्तौढ़ को दहेज के एक भाग के रूप में प्राप्त किया था, बाद में उसके वंशजों ने मेवाड़ पर शासन किया जो १६वीं शताब्दी तक गुजरात से अजमेर तक फैल चुका था। अजमेर से खंडवा जाने वाली ट्रेन के द्वारा रास्ते के बीच स्थित चित्तौरगढ़ जंक्शन से करीब २ मील उत्तर-पूर्व की ओर एक अलग पहाड़ी पर भारत का गौरव, राजपूताने का सुप्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ का किला बना हुआ है। समुद्र तल से १३३८ फीट ऊँची भूमि पर स्थित ५०० फीट ऊँची एक विशाल ह्मवेल आकार में, पहाड़ी पर निर्मित्त इसका दुर्ग लगभग ३ मील लंबा और आधे मील तक चौड़ा है। पहाड़ी का घेरा करीब ८ मील का है तथा यह कुल ६०९ एकड़ भूमि पर बसा है। चित्तौड़गढ़, वह वीरभूमि है, जिसने समूचे भारत के सम्मुख शौर्य, देशभक्ति एवं बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। यहाँ के असंख्य राजपूत वीरों ने अपने देश तथा धर्म की रक्षा के लिए असिधारारुपी तीर्थ में स्नान किया। वहीं राजपूत वीरांगनाओं ने कई अवसर पर अपने सतीत्व की रक्षा के लिए अपने बाल-बच्चों सहित जौहर की अग्नि में प्रवेश कर आदर्श उपस्थित किये। इन स्वाभिमानी देशप्रेमी योद्धाओं से भरी पड़ी यह भूमि पूरे भारत वर्ष के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर रह गयी है। यहाँ का कण-कण हममें देशप्रेम की लहर |
आज के समय में दौड़ती भागती जिंदगी में तनाव होना आम बात है. इसकी वजह से हाई ब्लड प्रेशर होता है. हाई ब्लड प्रेशर या हाईपरटेंशन एक साइलेंट किलर बीमारी है. इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए १७ मई को हर साल वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है. ये एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई भी शिकार हो सकता है. यह भी माना जाता है कि तनाव की बजाय इस बीमारी के लिए कई और भी कारण जिम्मेदार हो सकते हैं.
इस दिन को मनाने की शुरूआत पहली बार साल २००५ में हुई थी. पहली बार १४ मई २००५ को वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग द्वारा मनाया गया था. वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे २०१९ की थीम क्नो यूर नंबर्स रखी गई है. हाई ब्लड प्रेशर के प्रति लोगों को जागरुक करने का लक्ष्य है.
प्रेवियस आर्टियलकोर्ट में पेश हुए पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह
नेक्स्ट आर्टियलशाहिद ने भी बेटे के लिए हायर की तैमूर की नैनी, लोग उडा रहे है जमकर मजाक, किए ऐसेऐसे कमेंट
दो ऑटो की टक्कर में एक पलटा, सात लोग घायल
जैतारण में आज ५ घंटे बिजली आपूर्ति बंद रहेगी
हाथों में तिरंगा लिए शहादत को नमन, आतंकवाद को ललकारा
रोनाल्डो पेनल्टी चूके, फिर भी युवेंटस ने शिवो वेरोना को ३-०...
जी-एडवांस्ड @ निर्धारित २.४५ लाख से हजारों अधिक स्टूडेंट्स को...
गीता जीवन जीने की कला सिखाती है : पवनदास
किरण अग्रवाल हिन्दुस्तान जिंक की चेयरमैन बनी
८६२१ वंचित बच्चों को दिलाया स्वास्थ्य लाभ
देश का अगला पीएम होगा कौन का दीजिए सटीक जवाब, जोमैटो...
बिकने के लिए आया धान बारिश से भीगा, किसान परेशानी में |
उत्तर भारत के कई राज्य बाढ़ से बेहाल | द्द न्यूज
होम | नेशनल | उत्तर भारत के कई राज्य बाढ़ से बेहाल
इस बार के मॉनसून ने कई राज्यों के लिए मुसीबत की शक्ल ले ली है. देश के उत्तरी हिस्सों में कई राज्य बाढ़ की चपेट में है. भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की वजह से पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अभी तक ३५ लोगों की मौत हो चुकी है. भारी बारिश के कारण इन राज्यों की नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है. देश के उत्तरी हिस्से में कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से हालात ख़राब हैं. हालांकि बारिश में आई कमी से कई जगहों पर हालात में कुछ सुधार भी हैं. भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की वजह से पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अभी तक ३५ लोगों की मौत हो चुकी है. पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में भी बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है.
सबसे पहले बात राजधानी दिल्ली की करें तो यहां यमुना नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है और किनारे बसे कई इलाकों और घरों में पानी फैल गया है. दोपहर एक बजे यमुना में जलस्तर २०६.८ मीटर पर था. जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर यमुना नदी पर बने लोहे के पुराने पुल को सड़क और रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. नदी के डूब क्षेत्र में रह रहे लोगों को दिल्ली सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा बनाए गए २२,००० से अधिक तंबुओं में भेजा गया है.
इन दिनों सबसे ज़्यादा बुरी हालत पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की है जहां पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते राज्य की सभी नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है. राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी आपदा प्रभावित इलाके का दौरा कर प्रभावित लोगों के लिए सभी ज़रूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. सीएम ने बताया कि अब तक इस आपदा में १५ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि ६ लोग लापता हैं. ८ लोग घायल भी हैं.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टोंस नदी की विभीषिका के बाद आईटीबीपी ने खोज अभियान चलाया. यहां बादल फटने से तबाह हुए टिकोची के पास आराकोट इलाके में एक शव निकाला गया है, जबकि कुछ अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है. देहरादून में हेलीकॉप्टर से राहत सामाग्री पहुंचाई गई.
वहीं हिमाचल में बारिश न होने से हालात सामान्य रहे. हालांकि हमीरपुर जिले में बाढ के चलते एक इमारत ढह गई.
उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और घाघरा सहित कई नदियों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश के कारण इन नदियों के जलस्तर में काफी वृद्धि हुई है.
पंजाब और हरियाणा में मंगलवार को बारिश नहीं हुई लेकिन पिछले कुछ दिनों लगातार हुई वर्षा के कारण दोनों राज्यों के अनेक हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हैं. कुछ प्रभावित क्षेत्रों से जल स्तर कम होना शुरू हो गया है. किंतु लुधियाना, रूपनगर और जालंधर के अनेक गांवों में अभी तक पानी भरा हुआ है. सतलुज नदी पर बने विभिन्न बांधों में दरार आने से इन गांवों में पानी भर गया. जालंधर में बाढ़ में फंसे लोगों को निकाला गया.
भारी बारिश और बाढ़ से उपजे हालात पर काबू पाने के लिए तमाम राज्यों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली में बाढ़ की स्थिति का जायज़ा लिया. इन राज्यों में एनडीआरएफ की २८ टीमों के अलावा सेना और वायु सेना की कई टीमें भी लगातार राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं. गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति की एक अन्य बैठक में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित ओडिशा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश को ४४३२ करोड़ रूपए की सहायता देने का ऐलान किया गया. समिति ने देश के अन्य हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का भी जायज़ा लिया. गृहमंत्री ने सभी संबंधित एजेंसियों को मुस्तैद रहने और राज्यों की हरसंभव सहायता करने का निर्देश दिया.
फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है और लोगों को बचाना सरकारों की पहली प्राथमिकता है.
लातविया के राष्ट्रपति इग्लिस लेविट्स से मिल उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू
०६-०१-२०२० | ७:५९ आम
उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने थामी रफ्तार, कल रिकार्ड तोड़ सर्दी के बाद आज दिल्ली में कुछ राहत
३१-१२-२०१९ | १०:१० प्म
३०-१२-२०१९ | १०:१८ प्म
२९-१२-२०१९ | ७:१८ आम |
टाइगर वुड्स जन्म तिथि से राशिफल | टाइगर वुड्स २०२० का राशिफल
होम सेलिब्रिटी राशिफल टाइगर वुड्स राशिफल
टाइगर वुड्स राशिफल
नाम: टाइगर वुड्स
जन्म तिथि: डेक ३०, १९७५
रेखांश: ११८ व ११
टाइगर वुड्स के बारे में
टाइगर वुड्स प्रेम राशिफल
टाइगर वुड्स करियर राशिफल
टाइगर वुड्स जन्म राशिफल/ जन्म कुंडली/ कुंडली
टाइगर वुड्स २०२० राशिफल
टाइगर वुड्स ज्योतिषीय रिपोर्ट
टाइगर वुड्स विशेष छवियाँ
टाइगर वुड्स की कुंडली के बारे में और पढ़ें
टाइगर वुड्स को कॅरिअर में बेहतर अवसर मिलेगे। इसके अलावा जमीन व वाहन की प्राप्ति होगी। आराम की वस्तुओं का उपभोग करेंगे। उच्च पदों से सहयोग मिलेगा और टाइगर वुड्स के पद व मान में बढोत्तरी होगी। टाइगर वुड्स की इच्छाओं की पूर्ति होगी।
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टाइगर वुड्स जन्म कुंडली/ कुंडली/ जन्म राशिफल
जन्म कुंडली टाइगर वुड्स के जन्म के समय आसमान का लिया गया चित्र है जन्म-कुंडली जन्म के समय का आकाशीय मानचित्र है। टाइगर वुड्स की कुंडली आपको बताएगी टाइगर वुड्स के जन्म के समय की ग्रहीय स्थिति, दशा, राशि कुंडली और राशि आदि। यह शोध-कार्य के लिए आपको टाइगर वुड्स की विस्तृत कुंडली एस्ट्रोसेज क्लाउड में खोलने की सुविधा भी देगा।
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टाइगर वुड्स ज्योतिष
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टाइगर वुड्स मांगलिक / मंगल दोष रिपोर्ट
टाइगर वुड्स शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट
टाइगर वुड्स दशा फल रिपोर्ट
टाइगर वुड्स गोचर २०२० राशिफल |
मधुमक्खियों को लेकर हाल ही में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने दावा किया कि वह अपने घरों का निर्माण खास तकनीक से करती हैं। घरों को इस तरह बनाती हैं कि गर्मी में भी उससे ठंडक का अहसास होता है।
मधुमक्खियां घने छत्तों में एक साथ रहती हैं, फिर भी इनको गर्मियों में खुद ठंडक का अहसास मिलता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता बताते हैं कि दरअसल, मधुमक्खियां अपने छत्ते का निर्माण ही कुछ इस प्रकार करती हैं कि जिससे गर्मियों में वह हवादार बना रहता है।
शोधकर्ता बताते हैं कि जब मधुमक्खियों को ऐसा लगता है कि छत्ते के भीतर गर्माहट आ गई है या छत्ता अंदर से काफी गर्म हो गया है तो कुछ मधुमक्खियां छत्ते के प्रवेश द्वार या छिद्रों के पास चली जाती हैं और अपने पंखों को फड़फड़ाने लगती हैं जैसे कि पंखा चल रहा हो। इस प्रकार वे अंदर की गर्मी को बाहर निकाल देती हैं। यह शोध-पत्र जर्नल ऑफ रॉयल सोसायटी इंटरफेस में प्रकाशित हुआ है।
इसमें शोधकर्ताओं ने मानव निर्मित कई मधुमक्खियों के छत्तों पर प्रयोग किया। इसमें देखा गया कि पंखों को फड़फड़ाकर मधुमक्खियां अपने छत्ते को हवादार बनाती हैं और गर्मियों में भी अपने घरों में ठंडक का अहसास करती हैं। शोध-पत्र के प्रथम लेखक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जैकब पीटर्स ने कहा, हमने यह प्रदर्शित किया कि मधुमक्खियों को अपने छत्ते को ठंडा रखने के लिए कृत्रिम उपाय करने की जरूरत नहीं होती है। |
एशियन गेम्स २०१८- छठे दिन झोली में ३ मेडल - ओपीनियन पोस्ट
होम खेल एशियन गेम्स २०१८- छठे दिन झोली में ३ मेडल
एशियन गेम्स २०१८ के छठे दिन भी भारत को खूब सारे मेडल मिलने की उम्मीद है। आज सुबह-सुबह ही रोइंग में भारत को एक गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मिल गए हैं। इसके अलावा मनु भाकर भी १० मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में पहुंच गई हैं। रोइंग के क्वाडरपल इवेंट में भारत ने गोल्ड जीता है। ये एशियन गेम्स २०१८ में भारत के लिए पांचवां गोल्ड आया है
रोहित कुमार और भगवान सिंह ने पुरुष लाइटवेट डबल्स स्कल्स इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। पुरुष लाइटवेट सिंगल स्कल्स इवेंट में दुष्यंत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
शूटर्स हरजिंदर सिंह और अमित कुमार चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। हरजिंदर ने ५६० का स्कोर बनाया और अमित कुमार ५५९ अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहे।
रोइंग में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरा मेडल जीत लिया है। रोइंग के क्वाड्रपल इवेंट में भारत ने गोल्ड जीता है। स्वर्ण सिंह, दत्तू भोकनाल, सुखमीत सिंह और ओम प्रकाश की टीम ने भारत को गोल्ड जिताया। इंडोनेशिया दूसरे और थाइलैंड तीसरे स्थान पर रहे। भारतीय टीम ने फाइनल में ६ मिनट और १७:१३ सेकेंड का समय लेकर पहला स्थान हासिल किया। एशियन गेम्स २०१८ में भारत का ये पहला गोल्ड और ओवरऑल पांचवां पदक है।
नरसिंह ने कहा हार नहीं मानूंगा, मेरी लड़ाई जारी रहेगी
स्क ने खारिज की श्रीदेवी की मौत की जांच संबंधी याचिका |
त्रिपल तलाक बिल: हंगामे के बीच पेश नहीं हो सका बिल, सदन बुधवार तक स्थगित
नई दिल्ली। राज्यसभा में हंगामे के बीच तीन तलाक बिल (त्रिपल तलाक बिल) पेश नहीं हो सका। जिसके बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया। अब सरकार संभवतः बुधवार को इस बिल को राज्यसभा में पेश करेगी। गौरतलब है कि
देहरादून। साल २०१८ को विदाई देने और नए साल के स्वागत के लिए द्रोणनगरी तैयार है। नए साल के जश्न को यादगार बनाने के लिए होटल और रेस्टोरेंटों ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। जश्न में शामिल होने के लिए लोगों को विशेष पैकेज देकर लुभाया जा रहा है।
शालीनता से मनाएं नववर्ष का जश्न, हुड़दंगियों पर पुलिस सख्त; देखें रूट प्लान
देहरादून। नववर्ष २०१९ के स्वागत का जश्न बेफिक्र होकर मनाइए, मगर मौज-मस्ती इस हद तक ही हो कि उसे पुलिस हुड़दंग न मान ले। नहीं तो नया साल जेल में मन सकता है। हंगामा करने वालों, नशेडिय़ों व असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने
मिथुन चक्रवर्ती अमेरिका के अस्पताल में भर्ती, कादर खान की हालत अब भी नाजुक
मुंबई। ख़बर आ रही है कि बॉलीवुड के ओरिजनल डिस्को डांसर मिथुन चक्रवर्ती को अमेरिका के लॉस एंजेलिस स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी पीठ दर्द की समस्या फिर से उभर गई है। इस बीच कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती कादर खान की हालत में कोई
हरीश रावत ,इंदिरा हर्यदेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करे सरकार
देहरादून : अब जब ये जग प्रमाण के साथ जग जाहिर हो चुका है कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत व उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती इंदिरा हर्यदेश ने रास बिहारी बोस सुभारती निजी विश्विद्यालय प्रस्ताव कैबिनेट व विधान सभा मे पारित किया उस समय कोर्ट से
कल राज्यसभा में पेश होगा तीन तलाक बिल, ब्जप और कांग्रेस ने अपने सांसदो को जारी किया व्हिप
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने लोकसभा और राज्य सभा के अपने सभी सांसदों को ३१ दिसंबर को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। कांग्रेस ने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन तलाक
बल्लीवाला में दूसरे फ्लाईओवर पर ठिठके सरकार के कदम
देहरादून। बल्लीवाला में एक और फ्लाईओवर की संभावनाएं तलाशने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुस्त गति से आगे बढ़ रही सरकार के कदम थमते नजर आ रहे हैं। मुआवजा और निर्माण में करीब १२० करोड़ रुपये खर्च होने के चलते शासन ने इससे हाथ खींच लिए हैं। सरकार
उत्तराखंड को शीतलहर के प्रकोप से नहीं मिल रही निजात
देहरादून। उत्तराखंड को शीतलहर के प्रकोप से निजात नहीं मिल पा रही है। दून के न्यूनतम तापमान में बीते दिन के मुकाबले शनिवार को मामूली बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन ठिठुरन में कोई कमी नहीं आई। यहां तापमान सामान्य से दो डिग्री नीचे ३.५ डिग्री सेल्सियस
ट्रेनें-बसें पैक, पैर रखने को जगह नहीं; ट्रेनों में चल रही २५० तक वेटिंग
देहरादून। शीतकालीन अवकाश और नव वर्ष के चलते इन दिनों ट्रेनों और बसों में यात्रियों का बुरा हाल है। पिछले कई दिनों से रेलवे स्टेशन और आइएसबीटी में यात्रियों की लगातार भीड़ उमड़ रही है। दून स्टेशन से जाने वाली ट्रेनों में २५० तक वेटिंग चल रही
बॉक्स ऑफिस: रणवीर सिंह को शादी का तोहफ़ा, सिंबा को पहले दिन मिले इतने करोड़
मुंबई। रणवीर सिंह और सारा अली खान की फिल्म सिंबा ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार शुरुआत की है। फिल्म ने पहले दिन करीब २१ करोड़ रूपये का कलेक्शन कर लिया है। रोहित शेट्टी के निर्देशन में बनी सिंबा ने अनुमान के मुताबिक पहले दिन करीब २१ करोड़ |
एक प्रगति की सदी मनोविज्ञान दुनिया
एक खेल के रूप में युद्ध युक्तियाँ और किताबें तूफान से बच्चों को ठीक करने में मदद करने के लिए ध्रुवीकरण का प्रथा कार्रवाई में कल्पना: शॉन मैकनिफ के साथ साक्षात्कार क्या क्रिसमस बोनस एक अच्छा विचार है? विज्ञान के साथ अंधा! क्यों काली कॉफी आप को शांत नहीं कर सकता प्रैक्टिस में सीखना सिद्धांत: हाउसब्रेकिंग एक पिल्ला अधिक नींद लेने से आपका रक्तचाप कम करें ३ उच्च शिक्षा में समस्याओं के समाधान क्या एक बच्चे के मस्तिष्क में क्या सीसा होता है? तथ्यों को छुपाना आपके रिश्ते पर कार्य करना अंदर की नौकरी है फोकस न्यूज के लिए फेसबुक का दोष न दें: यह हमारे, बहुत कुछ है क्या आप एक नैतिक नेता हैं?
सिर्फ एक हफ्ते पहले ढाका से कुछ मील की दूरी पर एक १०-मंजिला परिधान कारखाने में एक आग, एक बहु मिलियन निवास शहर और बांग्लादेश में सबसे बड़ा, कम से कम २९ ( डाइन के / सामग्री / लेख / 20१०/१२/१५ / आर20१०१२ )। आग ९ वीं मंजिल पर शुरू हुई फंसे हुए पीड़ितों में से कुछ अपनी मौत के लिए कूद गए। सिर्फ १०0 साल पहले शर्म, न्यूयॉर्क में १०-मंजिला परिधान कारखाने में एक आग, यहां तक कि एक लाख मिलियन निवासियों और संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़े, १४६ की मौत हो गई। आग ८ वीं मंजिल पर शुरू हुई फंसे हुए पीड़ितों में से कई अपनी मृत्यु के लिए कूद गए।
त्रिकोणीय शर्टवाइस्ट कंपनी की आग जो २५ मार्च, १ ९ ११ को न्यूयॉर्क शहर में आस्प बिल्डिंग के माध्यम से बह रही है, यह अमेरिका के इतिहास में सबसे कुख्यात व्यावसायिक आपदा है ( /ब्राउन.पफ)। हमें समकालीन रिकॉर्डों से न केवल उस त्रासदी का विवरण पता है, बल्कि भाग्यशाली बचे लोगों द्वारा लिखी गई कहानियों से भी, जिनमें से अंतिम 200१ में १07 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई थी।
त्रिभुज शर्टवाइस्ट में, महिलाओं को अपनी सिलाई मशीनों पर बेहतर रखने के लिए दुकान से बाहर निकलने के दरवाजे बंद किए गए थे। हाम-मीम ग्रुप के उप प्रबंध निदेशक, जो बांग्लादेशी ऑपरेशन को चलाता है, ने इनकार कर दिया कि दरवाजे को अपनी सुविधा में लॉक किया गया था ( )। १ ९ ११ में आस्प बिल्डिंग में, फायरमैन की सीढ़ियां केवल सातवीं मंजिल तक पहुंच गईं और नीचे दिए गए नेट्स को एक बार में इतने सारे कूदते हुए वजन से फाड़ दिया गया। बांग्लादेशी ब्लेज़ की छवियों का सुझाव है कि आधुनिक उपकरण में अग्निशामकों को इमारत की ऊंचाई तक पहुंचने की अनुमति दी गई, जो चीखने वाले पिकर ("स्नॉर्कल्स" को अग्निशमन परामर्श में) दिखाई देता है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह सहायता किसी भी जंपर्स को रोकने के लिए समय पर पहुंच गई है या नहीं। त्रिभुज त्रासदी के कई सालों बाद, कुछ पीड़ितों के परिवारों को एक सफल नागरिक मुकदमा में $ ७५ डॉलर प्राप्त हुए। फेडरेशन ऑफ बांग्लादेश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने घोषणा की कि वह हा-मीम पीड़ितों के परिवारों के लिए १,३७० डॉलर के बराबर १00,००० रुपये देगी। नोट, १ ९ १4 में $ ७५ का धन 20१0 में १,6१7 डॉलर की खरीद क्षमता के अनुरूप है। और वैसे, आप फेसबुक पर हा-मीम ग्रुप में शामिल हो सकते हैं हम एक लंबा रास्ता तय कर चुके हैं, बच्चे।
क्या हम ऐसा करने का चयन करना चाहिए, हम खुद को याद रख कर स्वयं को सांत्वना दे सकते हैं कि आग कोड स्थानीय मामलों हैं और यहां तक कि श्रम कानून भी अच्छे हैं, राष्ट्रीय रूप से। सब के बाद, यदि घर पर त्रिकोण शर्टवाइस्ट फायर के बाद से एक सौ साल बीत चुके हैं, तो शायद उस पर गर्व होने के लिए एक अंतराल की लंबाई है? दुर्भाग्यवश, २०११ में, उत्तरी कैरोलिना के हामलेट की केवल २० वीं वर्षगांठ का निशान होगा। उस १ ९९ १ की दुर्घटना में, एक चिकन भागों प्रसंस्करण सुविधा में कर्मचारियों, ज्यादातर महिलाओं, एक झंझट में फंस गए थे जिसमें २५ मृत बंद दरवाजे से भागने की कोशिश कर मर गया। ग्यारह साल में आग के लिए रन-अप, ऑपरेशन का कभी भी स्थानीय, राज्य या संघीय सुरक्षा नियामकों द्वारा निरीक्षण नहीं किया गया था
हा-मीम ग्रुप के ग्राहकों ने वाल-मार्ट से टॉमी हिलफिगर तक सीमा की सूचना दी, विदेशों में कामकाजी परिस्थितियों के संबंध में कुछ अंतर्राष्ट्रीय उत्तोलन किया है। कुछ कपड़ों के निर्माताओं द्वारा ली गई विदेशी रोजगार की स्थिति पर उच्च-प्रोफाइल रुख के द्वारा इस तरह के कार्यों का महत्व और संभावित प्रभाव दिखाया गया है। उपभोक्ताओं के रूप में, हमें इन कारकों पर विचार करना चाहिए, वर्ष के इस समय हमारे दिमाग में और साथ ही हमारे वार्डरोब को भी देखना चाहिए।
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हम कांग्रेस और बीजेपी के पाखंड के खिलाफ स्वतंत्र कार्यवाही की योजना बना रहे हैं : ओवैसी - थे शियासत डेली
हम कांग्रेस और बीजेपी के पाखंड के खिलाफ स्वतंत्र कार्यवाही की योजना बना रहे हैं : ओवैसी
अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, जो तेलंगाना में आठ सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और ७ दिसंबर के चुनावों में टीआरएस का समर्थन कर रहे हैं, इन चुनावों के आसपास के मुद्दों के बारे में लिज़ मैथ्यू से बात के मुख्य अंश ।
आप एआईएमआईएम और टीआरएस के प्रदर्शन के बारे में कितने आश्वस्त हैं, जिन्हें आपने सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है?
मुझे पूरा भरोसा है कि दोनों पार्टियां अच्छी तरह से काम करेंगी। न केवल हम अपने सात विधानसभा क्षेत्रों को बनाए रखेंगे, हमारे तालमेल में वृद्धि होगी। मुझे यह भी यकीन है कि तेलंगाना के लोग एक बार फिर चंद्रशेखर राव को आशीर्वाद देंगे और उन्हें मुख्यमंत्री बना देंगे।
आप संसद में जो कहते हैं और बाहर की राजनीतिक चाल के बीच अंतर है। आप वहां भाजपा पर हमला करते हैं, लेकिन बाहर ऐसे कदम उठाते हैं कि पार्टी को चुनावी परीक्षणों में मदद करेंगे। ऐसा क्यों हैं?
बीजेपी का विरोध करने का मतलब यह नहीं है कि मुझे संघर्ष नहीं करना चाहिए, इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे अपनी पार्टी का विस्तार नहीं करना चाहिए और इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे पार्टी के अधीन होना चाहिए जो अब तक धर्मनिरपेक्षता के नाम पर हमें धोखा दे रहा है, यानी कांग्रेस। तो पूरे तर्क में कि आप केवल धर्मनिरपेक्ष हैं यदि आप कांग्रेस के साथ हैं तो कोई मेटर नहीं है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। बिहार में, मैंने २००-विषम सीटों में से केवल छह में चुनाव लड़ा था। तर्क स्वयं गलत है।
दूसरा, जहां भी हमने चुनाव में भाग नहीं लिया, कांग्रेस हार गई है दिल्ली, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, सूची लंबी है। हमें विचारधारा के कारण बीजेपी का विरोध करना पड़ सकता है। लेकिन देश में पूरी बहस यह है कि ऐसा क्यों है कि कोई भी राष्ट्रवादी हो सकता है अगर वह भाजपा का समर्थन कर रहा है और धर्मनिरपेक्ष वह है जो कांग्रेस के साथ है। लोगों की एक बड़ी संख्या इससे सहमत नहीं है, खासकर क्षेत्रीय दलों और मेरे जैसे पार्टियां। हमें लगता है कि हमें एक स्वतंत्र कार्यवाही का सामना करना चाहिए और यही वह है जो हम कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले टीआरएस भाजपा के करीब आने के बारे में बात हो रही है। यदि ऐसा होता है, तो क्या यह आपकी पार्टी के लिए शर्मिंदगी या समस्या होगी?
जहां तक विधानसभा चुनावों का सवाल है, यह सवाल ही नहीं उठता। वास्तव में यहां कोई बीजेपी नहीं है, वास्तव में, वे अपनी पांच सीटों में से कुछ खो देंगे। कांग्रेस से यह सवाल कोई क्यों नहीं पूछ रहा है क्या आप १०० या १२० सीटें पार करने जा रहे हैं? आपको १२० सीटें मिलती हैं और गेम खत्म हो गया है। पूरे तर्क कि हम, चाहे वह मुझे या टीआरएस है, कांग्रेस में शामिल होना चाहिए। पर क्यों? कांग्रेस क्यों नहीं दे सकती? यह कांग्रेस की कमजोरी और विफलता के कारण है कि बीजेपी सत्ता में है। कांग्रेस के नेताओं से यह सवाल पूछा जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश में, कांग्रेस ने केवल तीन मुस्लिम टिकट दिए हैं। फिर उसके एक नेता का कहना है कि आपको ९० प्रतिशत वोट देना होगा। आप एक ऐसे राज्य में तीन सीटें देते हैं जहां मुस्लिम ८-९ प्रतिशत हैं। मेरा तर्क यह है कि हम आपके लिए वोट देने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। मेरा पूरा संघर्ष राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए है, क्योंकि जब तक कि यह समाज, वर्ग, समूह का एक वर्ग नहीं है, आप राजनीतिक रूप से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, आपके मुद्दों और विकास को बिल्कुल संबोधित नहीं किया जाता है। यह कांग्रेस और बीजेपी का पाखंड है।
बीजेपी एक सीट (एमपी में) और कांग्रेस तीन देती है। पूरे मध्यप्रदेश में, आपके पास सिर्फ चार मुस्लिम चुनाव लड़ रहे हैं। मैंने राहुल गांधी को उद्धृत करते हुए एक समाचार पत्र में एक लेख में पढ़ा कि उनकी पार्टी हिंदुओं के साथ है। अगर मैं इसी बात को अलग तरीके से कहता हुं, तो राष्ट्रवादी मुझे कत्ल कर देने की बात करते हैं। चूंकि राहुल गांधी ने कहा, जनउ-धारी हिंदू सही है। सौभाग्य से या दुर्भाग्य से, मैं वर्ण प्रणाली का हिस्सा नहीं हूं। तब मुझे कहाँ जाना चाहिए?
मंदिरों में जाने के साथ कांग्रेस के नए अवतार पर आपका क्या विचार है?
भारत एक ऐसा देश है जहां हम सभी धर्मों का जश्न मनाते हैं, और यहां तक कि वे लोग जो धर्म स्वीकार नहीं करते हैं। लेकिन कहने के लिए कि इस देश में केवल एक ही धर्म है, और जब तक आप इसका पालन नहीं करते हैं, तब तक आप सामाजिक रूप से प्रगति नहीं कर सकते हैं, मैं उस तर्क को नहीं मानता हूं। कांग्रेस ने स्वयं अपने नेता को जनउ-धारी हिंदू कहा है। यदि वह एक जनेउ-धारी हिंदू है, तो वर्ण प्रणाली के बाहर एक बड़ा हिस्सा है। उनके साथ क्या होगा?
आप मुझे बीजेपी और खुद के बीच का अंतर दिखाते हैं। यदि आप भाजपा को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो उनका पालन करें, आप मोदी (पीएम नरेंद्र) की दर्पण छवि बनने की कोशिश कर रहे हैं, तो लोगों के पास क्या विकल्प है?
२०१९ के चुनावों पर आपका अलगा कदम क्या है?
चुनाव के करीब, मैं एक राय बना सकता हूं। अभी मैं केवल एक चीज देख सकता हूं कि क्षेत्रीय दल दिल्ली में अगली सरकार के गठन में उचित भूमिका निभाएंगे। पांच राज्यों में ये चुनाव एक पर्दे उठाने वाला होगा और हमें एक संकेत दे देंगे कि देश किस तरह जाना चाहता है.
तेलंगाना में, टीआरएस के लिए आपकी पार्टी कितनी निर्वाचन क्षेत्रों को प्रभावित करती है और स्विंग कर सकती है?
मेरी पार्टी के नेता के रूप में, मैं हर निर्वाचन क्षेत्र के लिए कहूंगा। यह प्रजकुट्टामी ईस्ट इंडिया कंपनी २०१८ के अलावा कुछ भी नहीं है। एन चंद्रबाबू नायडू, अमरावती में बैठे हैं, और दिल्ली में बैठे कांग्रेस, तेलंगाना में भाग्य के स्वामी नहीं बन सकते हैं। यह एक नवनिर्मित राज्य है और हमें अभी भी पड़ोसी तेलुगू राज्य के साथ समस्याएं हैं। जहां तक सिंचाई परियोजनाओं का सवाल है, वहां एक बड़ी समस्या है, और आंध्र प्रदेश ने कई सिंचाई परियोजनाओं का विरोध किया है। यदि पड़ोसी राज्य से नायडू द्वारा बैकरूम रिमोट कंट्रोलिंग किया जाता है, तो मुझे नहीं लगता कि लोग इसके लिए तैयार हैं।
आपने कहा कि एक कांग्रेस नेता ने रैली रद्द करने के लिए आपके लिए २५ लाख रुपये की पेशकश की थी?
उपलब्ध ऑडियो में कांग्रेस उम्मीदवार भैंसा नगर पालिका के उपाध्यक्ष की अवाज में बात कर रहे थे जो मेरी पार्टी के सदस्य हैं. वह कह रहे हैं कि निर्मल निर्वाचन क्षेत्र का उम्मीदवार मेरे साथ बैठा है और मुझे ओवैसी साब को बताने के लिए कह रहा है कि हम आपको २५ लाख रुपये देंगे अगर निर्मल सार्वजनिक बैठक को रोक दें। इससे पता चलता है कि आप नहीं चाहते कि मैं एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करूं, इसलिए आप मुझे पहले एक सांप्रदायिक व्यक्ति कहते हैं, फिर आप कहते हैं कि वह भाजपा के साथ सहवासियों में है और जब यह काम नहीं करता है, तो आप कहते हैं कि हमारे पास पर्याप्त पैसा है, आप इसे लेते हैं । यह पार्टी का अहंकार है। १९९८ से २०१२ तक, मैं कांग्रेस के साथ था। क्या मैंने आपसे कुछ पूछा था? वैसे भी, आप का खुलासा किया गया है।
कश्मीर में विकास पर आप कैसे प्रतिक्रिया करते हैं?
महबूबा मुफ्ती को समान रूप से दोषी ठहराया जाना चाहिए। क्योंकि भाजपा के साथ इसका गठबंधन क्यों हुआ? बीजेपी और पीडीपी की वजह से, हम घाटी में आईएस की तरह के निष्पादन देख रहे हैं। आप शिक्षित युवा लोगों को पीएचडी हथियार उठाते हुए देख रहे हैं। आपने विशाल अलगाव देखा है। वह समान रूप से दोषी है। वे अब सरकार बनाना चाहते हैं, जबकि उन्होंने स्थानीय चुनाव भी नहीं लड़े। और अब, हमने गवर्नरों को नहीं देखा है चाहे वह बीजेपी या कांग्रेस शासन में है संवैधानिक निष्पक्षता के अपने महान मानकों तक जी रहे हैं। उन्होंने कभी बोमाई के फैसले का पालन नहीं किया है। क्या हुआ था निरंतरता। मुझे आशा है कि कोई इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगा. |
८ सीटों के लिए आज से होगा नामांकन, प्रकिया पूरी करने के लिए मिलेंगे सिर्फ चार दिन
लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत सोमवार से हो रही है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने बताया कि प्रथम चरण की आठ सीटों का नामांकन आज से शुरू हो जाएगा। प्रत्याशियों को नामांकन के लिए सिर्फ चार दिन ही मिलेंगे।
लू ने बताया कि २० व २१ मार्च को होली का अवकाश रहेगा। जबकि २३ मार्च को शनिवार व २४ मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। इसी कारण पहले चरण के चुनाव के उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच २६ मार्च तक होगी। २८ मार्च को दोपहर ३:०० बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश में पहले चरण में सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर सीटों पर लोकसभा चुनाव होने हैं। |
पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल यात्रा पर निकला युवा
जालोर. साइकिलिस्ट नरपत सिंह राजपुरोहित के जालोर पहुंचने पर शहर के राजपुरोहित हॉस्टल में समाजबंधुओं ने स्वागत किया। नरपतसिंह राजपुरोहित बाड़मेर के लंगेरा कोजाणियो कि ढाणी के रहने वाला है। जो २७ जनवरी को जम्मू एयरपोर्ट से साईकिल यात्रा पर रवाना हुए थे। यात्रा जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी,उतराखंड व राजस्थान के १२ जिले में हो गई है। पर्यावरण प्रेमी साईकिलिस्ट नरपतसिंह ने अभी तक ६ वर्षो में ८३ हजार से ज्यादा पौधे लगा चुका है। विरमसिंह लंगेरा ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण की पहल करते हुए इन्होंने अपनी ***** की शादी में दहेज के रूप में २५१ पौधे दिए थे। इस मौके इन्द्रसिंह भागली, महिपालसिंह चाड़वास, खेतसिंह बावतरा, ओमसिंह बावतरा, विक्रमसिंह सिणेर, डायालाल इटवाया व ईश्वरसिंह बावतरा समेत अन्य मौजूद रहे।
सघन पौधरोपण की तैयारी, किया श्रमदान
आहोर. पंचायत समिति परिसर में जल शक्ति अभियान के तहत सघन पौधरोपण करने को लेकर बुधवार को अधिकारी व कार्मिकों की ओर से विभिन्न कार्य किए गए। पौधरोपण के लिए पंचायत समिति परिसर में गड्ढे खुदवाए गए, वहीं श्रमदान कर साफ-सफाई की गई। पंचायत समिति परिसर में सहायक लेखाधिकारी देवाराम लखारा व लालसिंह राजपुरोहित, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कुंदनमल दवे के नेतृत्व में गड्ढे खुदवाए गए। वहीं अधिकारी व कार्मिकों की ओर से श्रमदान कर साफ सफाई की गई। इस मौके पर पंचायत प्रसार अधिकारी कुंदनसिंह राठौड़, नैनमल भट्ट, कनिष्ठ सहायक भरत शर्मा, कनिष्ठ तकनीकी सहायक रविन्द्रसिंह राठौड़, रितेश सक्सेना, लेखा सहायक जोराराम समेत कई जने मौजूद थे।
जीवन में सफलता के लिए समय प्रबंधन जरूरी
क्वालिटी ऐश्योरेंस में जिला अस्पताल राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित
आसानी से गुजर सकते है पर दुरूह व लम्बे मार्ग से जबरन धकेले जा रहे बस यात्री
पट्टे जारी होने के बाद जांच टीम पहुंची तो रजिस्टर में रही कमियां करने लगे पूरी
भगोड़ा घोषित नगरपरिषद सभापति सीजेएम कोर्ट में पेश, जमानत मंजूर |
दोस्तों आज एक शिक्षाप्रद लोककथा जो मैंने बहुत पहले किसी बुक में पढ़ी थी , आज मैं एक पहेली के रूप में उसे आप सब के साथ शारें कर रहा हूँ ! शायद आप में से कई व्यक्तियों ने इसे पढ़ा भी होगा और अपनाया भी होगा ! तो पहले कहानी ,बाकी बातें उसके बाद ,ठीक है ----
बस दोस्तों कहानी इतनी सी ही है ! लेकिन इस कहानी से हमें ३ अनमोल जीवन की शिक्षा मिलती हैं ! दोस्तों अब थोड़ी पहेली की बात , आप बता सकते हैं की वो ३ अनमोल शिक्षा कोन सी हैं ! अपनी अगली पोस्ट में मैं वो ३ शिक्षा आपको बताऊंगा जो उस लोककथा में मैंने पढ़ी थीं ! लेकिन दोस्तों हो सकता है ,की उन ३ के आलावा भी कोई और अनमोल शिक्षा इसमें छुपी हो ,जो उस लोककथा के लेखक को नजर ना आई हो ,लेकिन आप की पारखी नजरों से वो बच ना पाई हो ,है ना ?
वैसे दोस्तों ,वो तीनो सलाह या शिक्षाएँ जीवन में सच में अनमोल हैं ! पहले आने वाले ३ सही उत्तरों को आपके नाम और आपके शहर के नाम के साथ अगली पोस्ट में प्रकाशित करूँगा ! एल थे बेस्ट ......... |
दोनों ने ११ सितम्बर को अमेरिका में भाषण दिया, एक ने बुराई की, दूसरे ने भारत सर ऊंचा कर दिया <!- स्टार्ट डिसएबल कॉपी पेस्ट -->
दोनों ने ११ सितम्बर को अमेरिका में भाषण दिया, एक ने बुराई की, दूसरे ने भारत सर ऊंचा कर दिया
राहुल गाँधी ने अमेरिका में भाषण देने के लिए वही तारीख चुनी जिस तारीख को स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका में ही भाषण देकर भारत का मस्तक ऊंचा कर दिया था. स्वामी विवेकानंद का वह भाषण आज भी दुनिया का सबसे आकर्षक और दमदार भाषण माना जाता है, आज भी उस भाषण की सालगिरह मानाई जारी है. कल विवेकानंद के उसी भाषण की सालगिरह थी और राहुल गाँधी ने भी इसी तारीख पर अमेरिका में भाषण दिया.
विवेकानंद और राहुल गाँधी के भाषण में यह अंतर था कि राहुल गाँधी ने अपने भाषण में सिर्फ भारत की बुराई की, ऐसा लग ही नहीं रहा था कि राहुल गाँधी भारत के नागरिक हैं ही नहीं. ऐसा लग ही नहीं रहा था कि राहुल गाँधी को अपने देश से रत्ती भर भी प्यार है. आप देखते हैं कि किसी और के घर में जाकर कोई भी इंसान अपने घर की बुराई नहीं करता, अपने गाँव की बुराई नहीं करता, अपने शहर की बुराई नहीं करता, अपने प्रदेश की बुराई नहीं करता और अपने देश की बुराई नहीं करता. अगर बिहार का कोई युवक महाराष्ट्र जाता है तो वह अपने राज्य की तारीफ करता है, अपने राज्य की बुराई नहीं सुन सकता और ना ही करता है.
अब आप राहुल गाँधी का भाषण देखिये, उन्होंने सिर्फ भारत की यानी अपने घर की बुराई की. उन्होंने कहा कि हमारे भारत में मुस्लिमों पर हमले हो रहे हैं, दलितों को मारा जा रहा है, लिबरल पत्रकारों को गोली मारी जा रही है, राईट विंग के लोगों ने हिंसा पैदा कर दी है, नफरत पैदा कर दी है, धर्मिल धुर्वीकरण हो रहा है, आतंकवाद बढ़ रहा है, सब कुछ बुरा ही बुरा हो रहा है.
अब आप स्वामी विवेकानंद का भाषण देखिये, उन्होंने अपने भाषण में सिर्फ भारत की तारीफ की थी, उस समय भी हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था, उससे पहले भी सैकड़ों वर्षों तक भारत मुगलों का गुलाम रहा था उसके बावजूद भी स्वामी विवेकानंद ने भारत की बुराई नहीं की. उन्होंने सिर्फ यह बताया कि हमारे भारत में अच्छा क्या है, हमारी ताकत क्या है, हम किस प्रकार से दुनिया से अलग हैं, हम किस प्रकार से प्रकृति से प्यार करते हैं, जानवरों से प्यार करते हैं, पेड़-पौधों से प्यार करते हैं, इंसानों से प्यार करते हैं. उन्होंने कहा था कि हम पूरे विश्व को अपना घर मानते हैं. पूरे विश्व के बारे में सोचते हैं. हमारे भारत में विविधता है, कई भाषाएँ हैं, कई बोलियाँ हैं, इतनी विविधता होने के बाद भी हम एक दूसरे से जुड़े हुए हैं.
११ सितम्बर को विवेकानंद ने भारत की तारीफ करके हमारे देश का मस्तक गर्व से ऊंचा कर दिया था और इसी भाषण की वजह से उन्हें इतिहास में जगह मिली, लेकिन राहुल गाँधी ने ११ सितम्बर को अमेरिका में ही भारत की नाक कटा दी, अपने घर की ही बुराई कर दी. |
सिहोरा अस्पताल के डॉक्टर को नोटिस जारी
जबलपुर। सिहोरा जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. प्रवीण चौबे को कलेक्टर छवि भारद्वाज ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसे तामील करने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने अनुशंसा की है, जिसे हेल्थ कमिश्नर को भेजा है। धांधली चल रही है कलेक्टर छवि भारद्वाज ने सिहोरा जिला अस्पताल का गुरुवार को निरीक्षण किया था। इस द
सिहोरा जिला अस्पताल में पदस्थ डॉ. प्रवीण चौबे को कलेक्टर छवि भारद्वाज ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसे तामील करने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है। उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने अनुशंसा की है, जिसे हेल्थ कमिश्नर को भेजा है।
धांधली चल रही है
कलेक्टर छवि भारद्वाज ने सिहोरा जिला अस्पताल का गुरुवार को निरीक्षण किया था। इस दौरान वहां उन्होंने देखा कि अस्पताल में काफी धांधली चल रही है। संबंधित डॉक्टर मनमाने तरीके से ड्यूटी पर आ रहे हैं। उनकी शिकायत भी की गई। इससे कलेक्टर ने नाराजगी जताई।
सिहोरा में ही रहना होगा
कलेक्टर छवि भारद्वाज का कहना है कि जबलपुर से सिहोरा जाकर ड्यूटी नहीं की जाएगी डॉक्टरों को सिहोरा में ही नियमित रहना होगा। इसके लिए डॉक्टरों की पदस्थापना की जाएगी।
डॉक्टर पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इसे हेल्थ कमिश्नर के पास भेजा है। इसके अलावा कारण बताओ नोटिस जारी किया है जिसे तामील की जिम्मेदारी सीएमएचओ की है।
डॉ. प्रवीण चौबे को नोटिस दिया जा रहा है। उनसे जवाब मांगा जाएगा। |
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५२ सप्ताह के उच्च १०.०० (जून २५, १२) ५२ सप्ताह के निम्न १०.०० (जून २५, १२) |
ब्लोटिंग कास: पेट की गैस से हैं परेशान, तो आहार में करें ये जरूरी बदलाव
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डकार आने की तरह ही गैस पास होना भी एक सामान्य प्रक्रिया है, जो पाचन का हिस्सा है। पर अगर जरूरत से ज्यादा गैस बनने लगे तो आपको अपने आहार में जरूरी बदलाव करने चाहिए।
डकार आने की तरह ही गैस पास होना भी एक सामान्य प्रक्रिया है, जो पाचन का हिस्सा है। पर अगर जरूरत से ज्यादा गैस बनने लगे तो आपको अपने आहार में जरूरी बदलाव करने चाहिए। शटरस्टॉक
हॉ तो गेट रिड ऑफ ब्लोटिंग: क्या बार-बार होती है आपको ब्लोटिंग की परेशानी? जब हो पेट फूलने की परेशानी तो, ट्राई करें ये नैचुरल तरीके
भोजन ग्रहण करने से लेकर पचाने तक एक लंबी और पेचीदा प्रक्रिया है। इसमें गैस बनना एक सामान्य बात है। जो डकार या गैस के रूप में बाहर निकल जाती है। हर व्यक्ति को गैस बनती है जिसे वह गुदा द्वार से बाहर करता है। पर अगर यह इतनी ज्यादा बनने लगे कि आपको शर्मिंदा होना पड़े तो इसका अर्थ है कि आपके खाने और खाना खाने के तरीके में कुछ गलतियां (एसिडिटी कास) हैं। इन्हें सुधारने की जरूरत है।
जानने गैस बनने की प्रक्रिया
जब हम भोजन करते हैं तो वह एनर्जी में तब्दील होने से पहले बर्न होता है। जिसे भोजन का टूटना या जलना कहा जाता है। भोजन में फाइबर, विटामिन के साथ कुछ मसाले भी होते हैं। जो भोजन को बर्न करने में मदद करते हैं। इसी प्रक्रिया में कुछ रसायन (ब्लोटिंग कास) भी पैदा होते हैं। यदि यह पेट से उपर के हिस्से में बने हैं तो यह डकार के रूप में बाहर निकलते हैं। पर अगर इनकी मौजूदगी आंत के भीतर है तो यह गैस के रूप में बाहर निकलते हैं। यह एक सामान्य और जरूरी प्रक्रिया है।
अगर बनने लगे ज्यादा गैस
एक सामान्य व्यक्ति सामान्यत: दिन भर में १४ बार गैस पास करता है। यह उसके चयापचय और बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कुछ लोगों को खाना खाने के बाद पेट फूलने की समस्या होती है। यह तभी होती है जब पेट के भीतर बनी हुई गैस यानी दाखिल हुई हवा किसी भी तरह से बाहर नहीं निकल पाती। इससे पेट दर्द, सिर दर्द जैसी कई समस्याएं भी हो सकती हैं।
जरूरी हैं ये बदलाव
ईटिंग हेबिट को बदलें
अगर आपको सामान्य से ज्यादा गैस बनने लगी है तो इसका अर्थ है कि आपका खाना खाने का तरीका यानी ईटिंग हेबिट सही नहीं है। बहुत जल्दी-जल्दी खाना खाने, खाना खाते वक्त बहुत ज्यादा बाद करने, बिना ठीक से चबाए हुए खाना खाने से पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या हो सकती है। कुछ लोग टीवी देखते हुए खाना खाते हैं। यह खाना खाने का सबसे गलत तरीका है। इससे आपको यह पता ही नहीं चल पाता कि आपको भूख कितनी थी और आपने कितना खाना खाया।
क्या लेने लगे हैं तनाव
अगर आप छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत ज्यादा तनाव लेते हैं तो आपको पेट में ज्यादा गैस बनने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। तनाव के कारण हमारे मस्तिष्क से जो हॉर्मोन रिलीज होते हैं, वे हमारे मेटाबॉलिज्म को बहुत गहरे से प्रभावित करते हैं। जिससे खाना ठीक से पच नहीं पाता और कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।
तय करें नींद का समय
अगर आप देर से सोते हैं और देर से उठते हैं तो आपको पाचन संबंधी परेशानियों का सामना करना ही पड़ेगा। हमारे पाचन तंत्र पर सूर्य की रोशनी का बहुत प्रभाव पड़ता है। दिन ढलने के साथ ही पाचन शक्ति कमजोर होने लगती है और तनाव बढ़ाने वाले हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि हम खुद को आराम दें। इसके उलट अगर हम रात बारह बजे के बाद भी जागते रहते हैं तो पेट में गैस बनने लगती है। यह सिर्फ एक दिन की समस्या नहीं है। इसका असर अगले कई दिनों तक रह सकता है। इसलिए अपनी नींद का समय निश्चित करें।
खुद के लिए करें सही भोजन का चयन
एक जैसा शरीर होने के बावजूद सभी का मेटाबॉलिज्म रेट अलग-अलग होता है। इसलिए जो फूड एक को सूट करता है, जरूरी नहीं कि दूसरे को भी सूट करे। सजग होकर भोजन ग्रहण करें और उस आहार की पहचान करें जिसके कारण आपके पेट में ज्यादा गैस बनती हैं। छोले, राजमा, गोभी, उड़द दाल ये कुछ ऐसे आहार हैं जो कुदरती रूप से ज्यादा गैस बनाते हैं। इसके अलावा फास्ट फूड, डीप फ्राइड चीजें, ज्यादा मसालें भी पेट में गैस बनाते हैं। इन्हें अपनी क्षमता के अनुरूप ही खाएं।
पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या से |
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एनएच २८ पर मोतीपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में रविवार को दो सड़क हादसे हुए
मोतीपुर ( मुजफ्फरपुर ): एनएच २८ पर मोतीपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में रविवार को दो सड़क हादसे हुए. पनसलवा में एक अनियंत्रित ट्रक ने एक गैस सिलेंडर लदे मालवाहक गाड़ी टाटा४०७ को ठोकर मार दी. ठोकर मारने के बाद भागने के दौरान अनियंत्रित ट्रक ने एक बोलेरो गाड़ी में भी ठोकर मारी. ट्रक की ठोकर से बोलेरो सड़क किनारे पलट गई वहीं गैस लदा गाड़ी खेत मे चला गया. इस घटना में बोलेरो पर सवार तीन लोग, टाटा ४०७ गैस गाड़ी पर सवार दो लोग और एक बाइक सवार जख्मी हो गया. जख्मी लोगों में बोलेरो पर सवार पूर्वी चंपारण जिला के हरसिद्धि निवासी शीला अग्रवाल, मिथिलेश अग्रवाल और चालक सीताराम यादव वहीं गैस गाड़ी का चालक और खलासी तथा बाइक सवार शामिल है. सभी को चिकित्सा के लिए शहर भेजा गया है. पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को जपत कर लिया है. ठोकर मारने के बाद ट्रक का चालक गाड़ी लेकर भागने में कामयाब रहा. प्रत्यक्ष दर्शियों ने बताया कि मोतिहारी की ओर से तेजरफ्तार से आ रही एक एक अनियंत्रित ट्रक ने रतनपुरा गाव के समीप गैस लदे ४०७ मालवाहक गाड़ी को पीछे से जोर से ठोकर मार दी. भागने के दौरान पनसलवा चौक के समीप एक बोलेरो को भी ठोकर मार दी. घटना के बाद मौके।पर अफरा तफरी मच गई. मौके पर अपने समर्थकों के साथ पहुचे जद यू के जिला उपाध्यक्ष चंद्रभूषण प्रसाद ने एम्बुलेंस मंगवा कर जख्मी लोगों को इलाज के लिए शहर भेजवाया.सूचना पाकर मौके पर दलबल के साथ पहुचे थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने दुर्घटनाग्रस्त दोनों वाहनों को जप्त कर लिया.
प्रेवियस आर्टियलजयसिंहपुर विधान सभा में कमल शक्ति अभियान के तहत जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा बबिता अखिलेश तिवारी के नेतृत्व में महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ
नेक्स्ट आर्टियलमोतीपुर में अपराधियों का तांडव एचएच २८ बाइक सवार को मारी गोली, घटनास्थल पर ही मौत |
घर में कहां रखें पैसे कि सदा भंडार भरे रहें | एस्ट्रो टिप्स फॉर मोने
पुरानी कहावत है कि पैसा ही पैसे को खींचता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके घर में पैसों की तंगी न हो और आप अधिक पैसों को कमाएं, तो कुछ छोटे-छोटे उपाय करके देखिए। इससे न सिर्फ आपके घर में पैसों की तंगी दूर होगी, बल्कि व्यापार आदि में बरक्कत भी होगी। अपने कीमती सामान, आभूषण और पैसों को हमेशा पूर्व दिशा में रखी हुई तिजोरी में रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्व दिशा में कुबेर का निवास स्थान माना जाता है, इसलिए पूर्व दिशा में तिजोरी को रखना शुभ माना जाता है।
अपना कीमती सामान, पैसे आदि को कभी पश्चिम दिशा में न रखें क्योंकि इससे नकारात्मकता आती है और ऐसा करना वास्तुशास्त्र में अच्छा नहीं माना जाता है। हर किसी के घर में अलमारी होती है, जिसमें वे कपड़े और कीमती सामान रखते हैं। इसे आप दक्षिण दिशा में ऐसे रखें कि उसका मुंह उत्तर दिशा में खुले। ऐसा करने से हमेशा घर में पैसा आता रहेगा। सीढ़ियों के नीचे तिजोरी रखना शुभ नहीं होता है।
जाला न लगने दें, कबाड़ हटाएं
वैसे तो कोशिश करें कि पूरे घर में कहीं भी जाला नहीं लगे। मगर, खाततौर पर जिस कमरे में तिजोरी रखी है या कीमती सामान रखते हैं, उसमें इस बात का खास ख्याल रखें कि वहां जाला नहीं लगने पाए। इसके साथ ही उस कमरे में जाला भी नहीं लगने दें। इससे निगेटिव एनर्जी आती है, जो आपके घर की बरक्कत को खत्म कर देती है।
क्रिस्टल बॉल्स आपकी मदद कर सकती है
कहते हैं- 'जहां सुमति, तहां संपति नाना, जहां कुमती तहां विपति निधाना'। यानी यहां घर-परिवार में प्रेम होता है, बड़ों का आदर और छोटों को प्रेम मिलता है, उस घर में हर तरह की संपति का सुख मिलता है। वहीं, जिस घर में क्लेश होते हैं, वहां कई तरह की विपत्तियां घेर लेती हैं। इसलिए घर में शांति बनाए रखें, सुख-संपत्ति अपने आप घर में आने लगेगी। इस काम में क्रिस्टल बॉल्स आपकी मदद कर सकती है। माना जाता है कि क्रिस्टल बॉल्स आसपास की नेगेटिव ऊर्जा को अपने भीतर समा लेती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। अगर आपके घर में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं तो आपको अपने घर के लिविंग रूम में क्रिस्टल बॉल्स को रखना चाहिए। अगर आपके साथी से आपकी अनबन चल रही है तो बेडरूम में क्रिस्टल बॉल को रखें, लेकिन ध्यान रहे कि इस क्रिस्टल बॉल को दिन में तीन बार क्लॉक वाइज घुमाएं। तभी इसका पूरा लाभ मिलेगा।
तेजी से बढ़ेगा व्यापार
इसे आर्थिक दृष्टि से भी अच्छा माना जाता है। व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है या मनोवांक्षित सफलता नहीं मिल रही है, तो रंग बिरंगी क्रिस्टल बॉल ऑफिस या फेक्ट्री की उत्तर पश्चिम दिशा में रख दें। इससे व्यापार तेजी से बढ़ेगा। |
होम नेशनल न्यूज दिल्ली बीएस येदियुरप्पा ने ली सीएम की शपथ, कांग्रेस ने शुरू किया विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली: कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा को आज राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला ने मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक के २५वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उल्लेखनीय है कि तीसरी बार येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री की कुर्सी प्राप्त हुई है। बीएस येदियुरप्पा के स्वागत को राजभवन के बाहर समर्थकों व पार्टी कार्यकर्ताओं ने ज़बरदस्त तैयारियां की थीं। शपथ लेते ही राजभवन के बाहर ढोल-नगाड़े बजने शुरू हो गए। आज गुरुवार को अकेले येदियुरप्पा ने ही शपथग्रहण किया। मंत्रिमंडल का शपथग्रहण अगामी दिनों में जब विधानसभा में बहुमत साबित हो जाएगा तब होगा। वहीं इससे पूर्व कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद का नाटक सुप्रीम कोर्ट में रात में भी चलता रहा। सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की मांग कि शपथ को टाला जाए मानने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा कि वह राज्यपाल को इस मामले में आदेश नहीं दे सकते है, न ही शपथ पर रोक लगा सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद व अशोक गहलोत तथा सिद्धारमैया समेत कई कांग्रेस विधायक सहित अन्य नेता बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर चुके हैं। इसके लिए विधानसभा में महात्मा गांधी की मूर्ति के पास सभी नेता एकत्र हुए । वहीं सिद्धारमैया ने कहा हम लोगों के पास जाएंगे और उन्हें यह बताएंगे कि कैसे बीजेपी संविधान के खिलाफ काम कर रही है। कर्नाटक विधानसभा में २२२ विधायक हैं, शपथ के पहले भाजपा ने ११२ विधायकों की सूची राज्यपाल को पेश की गई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है संख्या जरूरी है ना की सबसे बड़ी पार्टी।
येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर उस समय गृहण लगना शुरू हो गया था जिस वक्त राज्यपाल के फैसले के विरुद्ध भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण ली, रात करीब २ बजे से लेकर गुरुवार अलसुबह ५.1५ बजे तक सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा के शपथ पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कांग्रेस-जेडी(एस) ने राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में तत्काल सुनवाई की अपील करी गई थी। जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए बोबडे तीन जजों की बेंच सुनवाई के लिए गठित कर दी थी।
रामजान २०१८ : मुबारक माह रमजान का पहला रोजा आज, चांद नजर आया (प्रेवियस न्यूज)
(नेक्स्ट न्यूज) आगरा-कानपुर हाईवे से नीचे गिरी रोडवेज बस, २ की मौत, १० घायल
१० करोड़ के पड़ घोटाले में मुख्यमंत्री केजरीवाल के साढ़ू का बेटा गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में तूफान-बारिश से ८ की मौत, कई लोग घायल |
क्बसे १०त रेसल्ट्स २०२०: सीबीएसई दसवीं का रिजल्ट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा. इस साल सीबीएसई ने मेरिट लिस्ट जारी नहीं करने का फैसला किया है.
नई दिल्ली. सीबीएसई बोर्ड दसवीं के रिजल्ट (क्बसे बोर्ड १०त रेसल्ट्स २०२०) की राह देख रहे लाखों छात्र-छात्राओं का इंतजार आखिरकार आज थोड़ी ही देर में खत्म हो जाएगा. सीबीएसई बोर्ड बुधवार १५ जुलाई को दसवीं के नतीजे जारी करेगा. इस बार दसवीं की परीक्षा में देशभर के १८ लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया है. पिछले साल दसवीं में ९१.१० प्रतिशत स्टूडेंट्स पास हुए थे. सीबीएसई ने गत सोमवार को ही बारहवीं क्लास के नतीजों का ऐलान किया था, जिसमें कुल पास प्रतिशत ८८.७८ रहा.
वेबसाइट्स पर जारी होंगे नतीजे
सीबीएसई बोर्ड बुधवार को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर रिजल्ट जारी करेगा. इस साल दसवीं की परीक्षा में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स बोर्ड की वेबसाइट क्बसे.निक.इन और क्बसेरेसल्ट्स.निक.इन पर अपना परिणाम देख सकते हैं. नतीजे एसएमएस के जरिये भी हासिल किए जा सकते हैं.
जो छात्र मेरिट लिस्ट का बेसब्री से इंतजार करते हैं, उनके लिए अहम खबर है. सीबीएसई ने इस साल मेरिट लिस्ट नहीं जारी करने का फैसला किया है. बोर्ड ने १२वीं के नतीजों में भी मेरिट लिस्ट जारी नहीं की थी और अब दसवीं में भी ऐसा ही किया जाएगा. बारहवीं में बुलंदशहर के तुषार और लखनउ की दिव्यांशी ने सौ प्रतिशत अंक हासिल किए थे.
१. सीबीएसई बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
२. दसवीं रिजल्ट के विकल्प पर क्लिक करें.
३. दी गई जगह पर अपना विवरण भरें.
४. सबमिट करते ही रिजल्ट स्क्रीन पर खुल जाएगा.
५. रिजल्ट को सेव कर लें और प्रिंट ले लें.
रद्द कर दी गईं थीं लंबित परीक्षाएं
बता दें कि कोरोना वायरस के चलते सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी थीं. बाद में लंबित परीक्षाएं जुलाई में कराने का फैसला किया गया. मगर कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के मद्देनजर बोर्ड ने लंबित परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया. |
उप्तत ७२८२५ लाटेस्ट न्यूज तोडे: हम सब को पता है कि रुपी ईश्वर दीपक मिश्र जो जज हे उनके कोर्ट में हमारा भविष्य पूर्ण रूप से सुरक्षित नजर आ रहा है।लेकिन जो पिछला आर्डर जज सहब ने हमसे लिखवाया हे हम खुद नही जानते की उनके मन में क्या चल रहा हे अगर देखा जाये तो एक तरफ उनका मानना हे कि ७२८२५ रिक्रूटमेन्ट हम से बस एकदम दूर है लेकिन अगर दूसरी तरफ देखा जाये तो वो बसे ऑफ सेलेक्शन लेकर बैठे हुये है। साथियो में हम में कहता हु की एक बार फिर आप लोगो को तेयार होना होगा ।रविवार को फिर से आप को ब्लॉक स्तर पर मीटिंग रखनी होगी ।अब समय देखा जाये तो हमारे पास ज्यादा नही बचा हे ।
७ डिसेंबर आते ही हमे अपने पुरे जीवन की लड़ाई जितनी होगी और इसके बाद हम फिर चेन से जी सकेंगे ।ये लड़ाई हम सब की है जो हमे जितनी हे, और इसे जितने के लिए हम सब को ही लड़ना पड़ेगा । इसी कारण दोस्तों सतर्क हो जाइये,आप की ज़िन्दगी आप का इन्तेजार कर रही हे जो बहुत अच्छी हे। दोस्तों अगर देखा जाये तो ७ डिसेंबर के दिन नागेश्वर राव ही हे जो एक बहुत अच्छे अधिवक्ता है।राव अधिवक्ता भारत में टॉप १० के अधिवक्ताओ में आते है। |