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जरूरी है शांति और धैर्य | संपादकीय ब्लॉग बमुश्किल दो साल के भीतर चार बड़े आंदोलन। पहले स्वामी रामदेव, फिर टीम अन्ना, फिर रामदेव और अब यह स्वत:स्फूर्त जनांदोलन.. सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर। इसके पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं आई कि नई दिल्ली में धारा १४४ लगाई जाए, जगह-जगह बैरिकेडिंग की जाए और शहर को छावनी में तब्दील कर दिया जाए। पर अब स्थिति यहां तक पहुंच गई तो लगता है कि पानी सिर से ऊपर गुजरने लगा है। भारत की जनता आसानी से अपना धीरज नहीं खोती। खराब से खराब स्थितियों में भी इसे अपना धीरज बनाए रखने के लिए जाना जाता है। इसने चरमसीमा तक महंगाई झेली और झेले जा रही है, बेरोजगारी झेल रही है, भ्रष्टाचार झेल रही है, आतंकवाद और अराजकता झेल रही है, लेकिन अब.. यह बहन-बेटियों की इज्जत पर हाथ डालना और उसमें भी दरिंदगी की सारी हदें पार कर जाना.. आखिर कहां तक कोई बर्दाश्त करेगा? बर्दाश्त की सारी हदें जब पार हो गई और नेताओं ने जनता के विश्वास की सारी हदें तोड़ दीं तो लोगों के पास चारा भी आखिर क्या था? वाकई अब तो न केवल सरकार, बल्कि व्यवस्था के साथ-साथ पूरा देश मुश्किल में फंस गया है। रेड:भरोसा तोड़ने वाली राजनीति युवा भावनाओं के उबाल का यह दौर वास्तव में जिम्मेदार लोगों के धीरज और संयम की परीक्षा का दौर है। विपक्ष से लेकर सरकार तक सभी युवाओं के आक्रोश को सही ठहरा रहे हैं। किसी में इतना साहस नहीं है, जो अपना दामन बचाने के लिए औपचारिक तौर पर भी यह कहने का साहस जुटा सके कि युवाओं का इतना गुस्सा करना गलत है। कोई कहे भी कैसे? यह केवल किसी एक कारण से तो है नहीं। गौर से देखा जाए तो जो दरिंदगी हुई है, उसके पीछे भी केवल एक ही कारण नहीं है। इसके पीछे भी कई कारण हैं और इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ वे दरिंदे ही नहीं हैं। यहां तक कि दरिंदों के साथ-साथ केवल पुलिस तक को भी जिम्मेदार ठहराने से काम नहीं चलेगा। असलियत यह है कि इसके लिए हमारी पूरी व्यवस्था जिम्मेदार है। इस व्यवस्था में पुलिस भी शामिल है, परिवहन विभाग, प्रशासन और शासन भी। असल में यह सबकी अनदेखी की प्रवृत्ति का नतीजा है। दिल्ली में दुष्कर्म अब कोई एक दिन की बात नहीं है। यहां आए दुष्कर्म की घटनाएं होती रहती हैं। कभी किसी युवती के साथ तो किसी नाबालिग लड़की के साथ। यहां तक कि अबोध बच्चियां और बुजुर्ग महिलाएं भी यहां सुरक्षित नहीं हैं। रास्ते, सार्वजनिक स्थलों और सुनसान जगहों की तो बात छोडि़ए, खुद अपने घरों में भी स्ति्रयां सुरक्षित नहीं हैं। बेशक, इसके लिए बहुत हद तक हमारे समाज का नजरिया जिम्मेदार है और इसका स्थायी समाधान भी इसके बदलने एवं सुधरने में ही निहित है। इसका यह मतलब भी नहीं कि हमारे समाज का हर पुरुष दुष्कर्मी मनोवृत्ति और स्त्री के प्रति उपभोक्तावादी नजरिया रखने वाला है। वास्तव में ऐसे लोग समाज में बहुत थोड़े से हैं, लेकिन उनके बेहिसाब हल्ले के बीच शरीफ लोगों की आवाज दब जाती है। आम लोगों की आवाज दब इसलिए जाती है, क्योंकि वे उस तरह छल-प्रपंच नहीं कर सकते जैसे असामाजिक तत्व करते हैं। वास्तव में फरेब उनकी ही जरूरत भी है। शरीफ आदमी को न तो इसकी जरूरत होती है और न वह यह सब सीखता है। यही वजह है कि वह अक्सर इनके अत्याचार का शिकार होता रहता है। उसे अराजक तत्वों से बचाने के लिए ही सरकार की जरूरत होती है और सरकार अपना काम ठीक से कर सके, इसके लिए ही पुलिस-प्रशासन और उसके पूरे अमले की जरूरत होती है। अगर यह अमला ठीक से काम नहीं कर रहा है तो यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उसे समझा-बुझा कर या सख्ती करके रास्ते पर ले आए। यहां हालात बिलकुल उलट गए हैं। अराजक तत्व तो खुलेआम घूम-घूम कर वारदात कर रहे हैं और बेचारे आम जन डरे-सहमे केवल अपनी जान बचाने में लगे हैं। वह अपने धन-मान की रक्षा के लिए कहां जाएं, किससे गुहार लगाएं। पुलिस सुनती नहीं है, उसके बारे में आम धारणा यह है कि अपराधियों से मिली हुई है। इस धारणा को गलत साबित कर सके, ऐसी कोई घटना जल्दी सामने आती नहीं है। अपराधी कहीं से कुछ भी करके निकल जाते हैं और पुलिस उनका कुछ नहीं करती। यहां तक कि राष्ट्रीय राजधानी की व्यस्त सड़कों पर नियम-कानून की धज्जियां उड़ाती एक बस घंटों चलती रही, उसमें एक लड़की की इज्जत छह दरिंदे मिल लूटते रहे, उसके साथ वे वह सब करते रहे जिससे मनुष्यता तो क्या दानवता तक शरमा जाए और हमारी पुलिस सोती रही। आखिर है किसलिए यह पुलिस? अगर पुलिस की यही सीमा है तो फिर उसकी उपयोगिता और जरूरत क्या है? क्यों हम उसका बोझ उठाएं? वस्तुस्थिति यह है कि पुलिस केवल वीवीआइपी सुरक्षा का एक औजार बन कर रह गई है। रेड:रिटेल पर राजनीति सौ वर्ग गज की मौत
हथकध । हथकढ़: होने को फसल ए गुल भी है, दावत ए ऐश भी है बारिशें नहीं होती इसलिए ये रेगिस्तान है। इसका दूसरा पहलू ये भी है कि ये रेगिस्तान है इसलिए बारिशें नहीं होती। एक ही बात को दो तरीके से कहा जा सके तो हमें ये समझ आता है कि हल कहीं इसी बात में ही छिपा हुआ है। अगर रेगिस्तान में कुछ पेड़ और पौधे बढ़ जाएँ तो यहाँ से गुज़रने वाले बादलों को रुकने के मौका मिल सकता है। वे बरस भी सकते हैं। उनके बरस जाने पर रेगिस्तान जैसी कोई चीज़ बाकी न रहेगी। मुझे ये खयाल इसलिए आया कि बुधवार को संसद में खाद्य सुरक्षा बिल प्रस्तुत कर दिया गया। यूपीए सरकार में इस बिल को लाने के प्रति बड़ी उत्सुकता थी। जिस तरह मनरेगा एक मील का पत्थर और जन कल्याणकारी योजना साबित हुई उसी तरह की आशा इस बिल के लागू होने से भी की जा रही है। इस पर काफी दिनों से चल रही खींचतान ने इसे भी कई लंबित योजनाओं में शामिल कर दिया था। ये आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि गरीब और आम अवाम के लिए लाई जानी वाली योजनाओं पर खूब समर्थन और विरोध की बातें होती हैं। हर कोई भला करने का अधिकार अपने पास रखना चाहता है और दूसरे ये काम करें इसे स्वीकार नहीं करता। मैंने बचपन में कई बार सुना कि फेमीन शुरू होने वाली है। मेरे लिए फेमीन शब्द का अर्थ था कि कोई काम शुरू करना जिससे लोगों को रोज़गार मिल सके। फेमीन का शाब्दिक अर्थ बहुत अरसे के बाद समझ आया। इसका अभिप्राय ये है कि रेगिस्तान के लोगों का और अकाल का वास्ता जन्म जन्मांतर का रहा है। सरकारों ने इस सूखे भू-भाग और देश के ऐसे ही अनेक हिस्सों में अपने नागरिकों को भूख से मरने से बचाने के लिए योजनाएँ बनाई और उनका क्रियान्वयन किया। इस बार जो खाद्य सुरक्षा बिल लाया जा रहा है इससे देश की दो तिहाई आबादी के लाभान्वित होने की उम्मीद है। इस योजना के मुताबिक गरीबों को दो रुपए किलो गेहूं, तीन रुपए किलो चावल और एक रुपए किलो मोटा अनाज राशन दुकानों के माध्यम से दिया जाएगा। एक परिवार को हर माह पच्चीस किलो अनाज मिलेगा। गांवों की पचहत्तर फीसदी और शहरों में करीब पचास फीसदी आबादी तक यह योजना पहुंचेगी। इस योजना को फिलहाल तीन साल के लिए लागू करने की बात कही जा रही है। खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत मिड डे मील, आईसीडीएस भी शामिल हो जाएंगे। अनुमान के मुताबिक इस योजना के लागू होने से सरकार को प्रतिवर्ष एक लाख चौबीस करोड़ रुपए की सब्सिडी देनी होगी। आज के भाव से एक किलो चावल पर साढ़े तेईस और गेहूं पर प्रतिकिलो अट्ठारह रुपए की सब्सिडी देनी होगी। तीन साल में करीब छः लाख करोड़ की सब्सिडी दिए जाने का अनुमान है। योजना के तहत देश की पैंसठ प्रतिशत आबादी को सस्ते दामों में अनाज मुहैया कराया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस योजना के लागू किए जाने का सारा जिम्मा राज्य सरकारों पर डाल दिया है। यह एक तरह से संघीय ढांचे को मजबूत किए जाने हेतु उठाया गया कदम है। केंद्र और राज्यों को मिल कर ही इस तरह की योजनों का क्रियान्वयन करना चाहिए। केंद्र सरकार सब्सिडी दे रहा है और राज्य सरकारें ये तय करे कि इसका फायदा किसको दिया जाना है। चयनित होने वाले लाभार्थी तक जो सस्ता राशन पहुंचेगा उसे उपलब्ध कराने का सारा श्रेय केंद्र सरकार न ले जाए इसलिए कुछ राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि किसी भी रूप में उनका सिस्टम केंद्र के लाभ के लिए काम करे। लेकिन ये जो विरोध करने वाली सरकारें हैं वे ही अक्सर केंद्र से कई मामलों में सहायता दिये जाने की गुहार लगाती रहती है। क्या उस वक़्त उनको नहीं लगता कि केंद्र से मिला हुआ धन लाभार्थी को प्रभावित करेगा। या उनके विरोध की वजहें कुछ और हैं। एक वजह ये हो सकती है कि सब राज्यों की सरकारों ने गरीबों के लिए अपने स्तर पर कई योजनाएँ चला रखी हैं। वे इसका क्रेडिट ही चाहती है और केंद्र की भव्य योजना के सामने उन लघु योजनाओं के दम तोड़ देने के भय से घिरी हुई हैं। इधर लोग अक्सर एक ही शिकायत करते हैं कि रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराने की जगह सरकारें इस तरह की योजनाएँ लाती हैं जिनसे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हो। वही सिस्टम और वे ही उसके लाभ उठाने वाले। समाज का बहू संख्यक वर्ग ये मानता है कि आज राजनीति में आने के उत्सुक और आकांक्षी लोगों का पहला लालच यही है कि वे सरकारी योजनाओं में सेंध लगा कर अपने लिए कुछ चुरा सकें। सब्सिडी का खेल ही इसके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। हाल ही में ये तय किया गया है कि रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी को उपभोक्ता के बैंक खाते में जमा करवाया जाएगा। ऐसा निर्णय करने के पीछे का सबक ये है कि आम उपभोक्ता की जगह रसोई गैस का बहुतायत से दुरुपयोग हो रहा है। तो क्या इस खाद्य सुरक्षा बिल के बारे में भी यही संदेह नहीं उभरता है। ये देश की राशनिंग प्रणाली को फिर ज़िंदा करने का काम है और हम सब जानते हैं कि राशन की दुकानों का खेला कैसा है। ज़रूरत इस बात की है सिस्टम को पहले दुरुस्त किया जाए। हम एक नयी सोच से मनुष्य के लिए रोजगार के अवसर बनाएँ। ताकि वह खुद कमा कर खा सके। उसके बच्चों को स्कूल के पोषाहार और बीवी को राशन वाली दुकान की कतार में न खड़ा होना पड़े। याहया जस्दानवाला का एक शेर है- होने को फसल ए गुल भी है दावत ए ऐश है मगर अपनी बहार का मुझे आज भी इंतज़ार है । [तस्वीर सौजन्य : रेडिफ़]
मुंबई में एस्कॉर्ट महिलाओं (मुंबई) स्टार्ट इंडिया मुंबई (मुंबई) एस्कॉर्ट महिलाओं एस्कॉर्ट महिलाओं मुंबई में (मुंबई) - शहर चयन -अमृतसरचंडीगढ़चेन्नई (मद्रास)दिल्लीगुडगाँवजयपुरजालनाकोलकाता (कलकुत्ता)मुंबई (मुंबई)पुणे (पूना) २ हिट्स द्वारा फ़िल्टरइंडियामुंबई (मुंबई)एस्कॉर्ट महिलाओं मुंबई (मुंबई) / इंडिया आयु: २२उपलब्धता:राज्यव्यापी, देशव्यापी, दुनिया भर आयु: २२उपलब्धता:देशव्यापी, दुनिया भर, आउटकॉल (होटल के दर्शक) अनुरक्षण मुंबई (मुंबई)देवियोंपुरुषों के लिएपुरुषों और महिलाओं एजेंसियों अनुरक्षण बुत अनुरक्षण मुंबई (मुंबई)डोमिनट्रिक्स्सविचित्र महिलाओंमहिला दास और नौकरानियोंमास्टर्स एस्कॉर्ट के विकल्प मुंबई (मुंबई)समलैंगिकसमलैंगिकोंट्रांसदुओसयुगल एस्कॉर्ट एजेंसियों मुंबई (मुंबई)विचित्र अनुरक्षण एजेंसियोंसमलैंगिक अनुरक्षण एजेंसियोंट्रांस अनुरक्षण एजेंसियों
बिग बॉस १३: इस तरह होगा माहिरा शर्मा का एविक्शन, भूत के साथ जाएंगी घर से बाहर बिग बॉस १३ में मिड नाइट एविक्शन का समय अब आ गया है। चर्चा है कि माहिरा शर्मा इस बार घर से बेघर होंगी और उन्हें भूत ले जाएगा। अगर आप बिग बॉस सीजन १३ देख रहे हैं तो जाहिर है कि आपके अंदर इस बात को जानने की चाहत जरूर होगी कि बिग बॉस फिनाले के ४ दिन ही बचे हैं और घर में अभी ७ सदस्य हैं। हालाकि बहुत दिनों से मिड नाइट एविक्शन की चर्चा चल रही है। मगर, अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला है। शो के लास्ट वीकेंड के वार में भी किसी का एविक्शन नहीं हुआ। ऐसे में घर वालों और सदस्यों दोनों के ही बीच में बहुत कंफ्यूजन है कि आखिर टॉप ५ फाइनलिस्ट हैं कौन? इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए बिग बॉस एक ट्विस्ट लेकर आ रहे हैं। इस ट्विस्ट में एक भूत घर के अंदर आएगा और माहिरा शर्मा को अपने साथ ले जाएगा। यह भूत कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड एक्टर विक्की कौशल होंगे। विक्की कौशल अपनी फिल्म 'भूत पार्ट-१: द हॉन्टेड शिप' में आने वाले हैं और अपनी इस फिल्म को प्रमोट करने के लिए वह बिग बॉस हाउस में आधी रात में घुस जाते हैं। यह बिग बॉस का ही गेम प्लान होता है। बहुत दिनों से मिड नाइट एविक्शन की बात चल रही है और अब यह एविक्शन १2 फरवरी के एपिसोड में देखने को मिल सकता है। इसे जरूर पढ़ें: बिग बॉस१३ लाटेस्ट उपकेट्स: क्या सच में माहिरा शर्मा को आधी रात में घर से बेघर कर देंगे बिग बॉस ? गौरतलब है , इस वक्त बिग बॉस हाउस में माहिरा शर्मा, आरती सिंह और शहनाज गिल घर से बेघर होने के लिए नॉमीनेटिड हैं। देखा जाए तो इन तीनों में माहिरा शर्मा का खेल ही सबसे कम नजर आ रहा है। वह शुरुआत से ही पारस छाबड़ा के साथ ही नजर आई हैं और उनका गेम उन्हीं से शुरू होकर उन्हीं पर खत्म हो जाता है। हिमांशी खुराना या माहिरा शर्मा, इन ७ तस्वीरों से तय कीजिए कौन है सबसे ज्यादा स्टाइलिश बहुत दिनों से सोशल मीडिया पर इस बात के चर्चे भी है कि माहिरा शर्मा का मिड नाइट एविक्शन हो रहा है। माहिरा शर्मा की मां से जब इस बारे में पूछा गया था तब उन्होंने इस बात के लिए इंकार कर दिया था कि माहिरा घर से बेघर होने वाली हैं। मगर, अब सोशल मीडिया पर यह बात जोरों से वायरल हो रही हैं कि माहिरा शर्मा को भूत अपने साथ ले जाएगा। यहां भूत से आशय विक्की कौशल से है। माहिरा शर्मा को भी शायद इस बात का अंदाजा है कि वह टॉप-५ फाइनलिस्ट में नहीं हैं क्योंकि बीते कुछ एपिसोड्स में उन्हें यह कहते देखा गया है कि वह इस बार घर से बेघर हो जाएंगे। आपको बता दें कि बिग बॉस को अपने टॉप ४ फाइनलिस्ट पहले ही मिल चुके हैं। सिद्धार्थ शुक्ला, आसिम रियाज, रश्मि देसाई और पारस छाबड़ा बिग बॉस सीजन १३ के ४ फाइनलिस्ट हैं । अब माहिरा के एविक्शन के बाद यह बात क्लीयर हो जाएगी कि आरती सिंह और शहनाज गिल में से कौन टॉप- ५ फाइनलिस्ट होगा।
ब्सल ने बढ़ाई र्स १,१88 वाले प्लान की वैलिडिटी, मिलेंगे ये बेनिफिट्स ब्सल ने अपने र्स ११८८ मारुतम प्रीपेड प्लान की वैलिडिटी को ९० दिन आगे बढ़ा दिया है.... नई दिल्ली, टेक डेस्क। ब्सल ने इस साल जुलाई में अपने यूजर्स को बेहतर सर्विस मुहैया कराने के लिए र्स १,१88 वाला 'मारुतम' प्रीपेड प्लान लॉन्च किया था, इसकी वैलिडिटी ३४५ दिन है। वहीं अब कंपनी ने इस प्लान में वैलिडिटी को ९० दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया है। इसके बाद यूजर्स इस प्लान का उपयोग 2१ जनवरी २०२० तक कर सकते हैं। यह कंपनी का प्रमोशनल प्लान है जो कि लॉन्ग टर्म वैलिडिटी की सुविधा प्रदान करता है। इस प्लान को ३४५ दिनों की वैलिडिटी के साथ लॉन्च किया गया था। लेकिन ये प्लान केवल आंध्रप्रदेश और तेलंगाना सर्किल में ही उपलब्ध है। इस प्लान के तहत यूजर्स कुल ५गब डाटा उपयोग कर सकते हैं। टेलीकॉम टाल्क की रिपोर्ट के अनुसार इस साल जुलाई में लॉन्च किए गए 'मारुतम' प्रामेशनल प्रीपेड प्लान की वैधता २३ अक्टूबर २०१९ थी लेकिन इसे ९० दिनों तक बढ़ाने के बाद अब यह प्लान २१ जनवरी २०२० तक वैलिड होगा। कंपनी ने ये फैसला यूजर्स के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए लिया है। इस प्लान में यूजर्स को कुल ५गब डाटा की सुविधा मिलती है। ब्सल के र्स १,१88 वाले प्रीपेड प्लान के अन्य बेनिफिट्स की बात करें तो इसमें ५गब डाटा खत्म होने के बाद आपको अगल से डाटा प्लान का टॉप-अप लेना होगा। इसके अलावा डाटा समाप्त होने के बाद आपको 2५ पैसे प्रति म्ब के हिसाब से भुगतान करना होगा। वहीं इसमें आपको अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग की भी सुविधा मिलेगी। वहीं अन्य नेटवर्क पर कॉलिंग के लिए आपको 2५0 मिनट मिलेंगे। इस प्लान में 34५ दिनों तक १,२०० स्म्स का लाभ उठा सकते हैं। ब्सल ने हाल ही में अपने यूजर्स की सुविधा के लिए ४२९ रुपये का प्रीपेड प्लान पेश किया है, इसमें आपको एक्स्ट्रा डाटा का बेनिफिट मिलेगा। ७१ दिनों की वैलिडिटी वाले इस प्लान में यूजर्स प्रतिदिन १गब डाटा का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा एक्स्ट्रा डाटा के तौर पर इसमें आपको १.५गब डाटा मिलेगा। वहीं कंपनी आने वाले दिनों में इस प्लान में फिर से बदलाव कर सकती है जिसके बाद यूजर्स को डबल डाटा का लाभ मिलेगा।
होम > उत्पादों > गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला (गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला के लिए कुल २४ उत्पादों) थोक चीन से गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला खोजने की आवश्यकता है। बस गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे गार्डन कला कांस्य मूर्तिकला का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं।
जिंदल-ओबामा विवाद पहुंचा अदालत वाशिंगटन | डेस्क: अमेरिका के ल्युसियाना प्रांत के भारतीय मूल के गवर्नर और राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के १७ दावेदारों में से एक बॉबी जिंदल और ओबामा प्रशासन के बीच स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ा मुद्दा अदालत पहुंच गया है. जिंदल की कोशिश है कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम से प्लांड पैरेंटहुड गल्फ कोस्ट नाम की संस्था को हटा दिया जाए. यह संस्था सरकारी मेडिक एड प्रोग्राम के तहत प्रजनन स्वास्थ्य एवं मातृ तथा शिशु स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराती है. दरअसल गर्भपात रोधी कार्यकर्ताओं ने गुप्त रूप से कुछ वीडियो बनाए हैं, जिन्होंने क्लीनिक में होने वाले ऑपरेशनों को कठघरे में खड़ा कर दिया है. इन्हीं वीडियो के आधार पर जिंदल ने प्लांड पैरेंटहुड पर रोक लगाने की कवायद शुरू की है. सिर्फ जिंदल ही नहीं बल्कि रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद के सभी १७ दावेदारों ने कहा है कि चुनाव जीतने पर वे मेडिक एड प्रोग्राम को मिलने वाली संघीय मदद को रोक देंगे. जिंदल की कोशिशों के खिलाफ प्लांड पैरेंटहुड ने ल्युसियाना संघीय अदालत की शरण ली है. यूएसए टुडे की रपट में बताया गया है कि इस मामले की सुनवाई से पहले कानून विभाग के वकीलों ने भी अदालत में अर्जी लगाई. अर्जी में कहा गया है कि राज्य ने संघीय मदद हासिल करने वाली स्वास्थ्य सेवा को मुहैया कराने वाले से उसका काम छीनने की कोई वाजिब वजह नहीं बताई है. अर्जी में कहा गया है, राज्य के पास इस बात का कोई असीमित अधिकार नहीं है कि वह तय करे कि संघीय स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की योग्यता किसी के पास है या नहीं. मामले की सुनवाई बेटन रुज में अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन डि ग्रावेलेस की अदालत में बुधवार को होगी. जिंदल ने एक बयान में कहा है, राष्ट्रपति ओबामा प्लांड पैरेंटहुड के बेबी हारवेस्टिंग ऑपरेशन को बचाने के लिए इतने प्रतिबद्ध हैं कि उन्होंने कानून विभाग के अपने वकीलों को मुझ पर मुकदमा ठोकने और हमें इन करारों को रद्द करने से रोकने के लिए बेटन रुज भेज दिया. बयान में जिंदल ने कहा है, राष्ट्रपति ओबामा ने वीडियो नहीं देखे, लेकिन उनके पास मुकदमा दायर करने का वक्त है. ठीक है, मेरे पास उनके लिए एक खबर है- हम पीछे नहीं हटने जा रहे हैं. प्लांड पैरेंटहुड ने बीते महीने गवर्नर भवन के सामने प्रदर्शन किया था. जवाब में जिंदल की तरफ से क्लीनिक में होने वाले गर्भपात ऑपरेशनों के गुप्त रूप से शूट किए गए वीडियो एक पर्दे पर दिखाए गए थे. टैग्स: बराक ओबामा, बॉब्बी जिंदल, बराक ओबामा, बॉबी जिंदल, रिपब्लिकन पार्टी
परिस्थितियों से विचलित न हो, उन्हें चुनौती समझकर आगे बढे यह वाक्य इंटरनेशनल माइंड व मेमोरी ट्रेनर बीके शक्तिराज ने मध्यप्रदेश के मन्दसौर में कहे जहां सुपर फ्यूचर के अंतर्गत दयामंदिर सिनेमा हॉल में चल रहे राजयोग के चमत्कार विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए बीके शक्तिराज ने कहा की जो जीवन की परिस्थितियों से हार जाते है उन्हें दुनिया याद भी नहीं करती. इस मौके पर सेवाकेंद्र प्रभारी बीके समिता, इंदौर की मुख्य क्षेत्रीय संयोजिका बीके हेमलता और बीके अनीता समेत नगर पालिका अध्यक्ष प्रल्हाद भदवर, विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष मदन लाल राठौर ने दीप प्रज्वलन कर सत्र का उद्घाटन किया. आगे सभी शिविरार्थियों से दुसरों की गलतियों को माफ कर देने की प्रतिज्ञा कराई और इसप्रकार नए जन्म का केक काटकर एवं दीप प्रज्वलन कर उत्सव मनाया गया. कार्यक्रम के अंतिम दिन मंदसौर के विभिन्न सामाजिक संगठन समरसता मंच, दशपुर जागृति संगठन, आध्यात्मिक चेतना मंच, मन्सौर महिला सकल ब्राह्मण समाज, इनर व्हील क्लेब द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया साथ ही सभी लोगों ने रोज एक घंटा आत्मचिंतन के लिए निकालने का संकल्प भी लिया.
मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा ने निकाली कैंसर जागरूकता रैली, सम गरिमा सिंह हुई शामिल - न्यूज११ मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा ने निकाली कैंसर जागरूकता रैली, सम गरिमा सिंह हुई शामिल रांची : मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा के तत्वावधान में कैंसर जागरूकता रैली निकाली गयी. रैली में सदर अनुमंडल पदाधिकारी गरिमा सिंह, जेएफसीसीआइ के अध्यक्ष दीपक भी मारू शामिल हुए. रैली रांची विश्वविद्यालय से शुरू होकर कचहरी चौक तक गयी. रैली में विभिन्न स्कूल के बच्चे व सेवा सदन की नर्सें हाथों में कैंसर के प्रति जागरूकता का सन्देश लेकर चल रही थीं. जेवीएम कार्यकर्ताओं ने रक्तदान कर मनाया बाबूलाल मरांडी का जन्मदिन मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी गरिमा सिंह ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है. कैंसर के प्रति लोग जागरूक हो और लड़ें. उन्होंने कहा कि महिला समपर्ण का यह काम सराहनीय है. ऐसे काम हर सामाजिक संस्थानों को करना चाहिए. जागरूकता से ही रोकथाम संभव : किरण खेतान मारवाड़ी महिला युवा मंच समपर्ण शाखा की अध्यक्ष किरण खेतान ने कहा कि जागरूकता फैलाकर ही कैंसर की रोकथाम की जा सकती है. आज कितने गरीब तबके के लोग हैं, जो जानकारी नहीं होने के कारण कैंसर की चपेट में आ गए हैं. हमारे झारखंड में ही हर दिन तीन लोग कैंसर की चपेट में आ रहे. यह मानव जीवन के लिए काफी भयावह है. पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय के निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया शोक १४ जनवरी को आयोजित होगा निःशुल्क कैंसर जांच शिविर उन्होंने बताया कि मारवाड़ी युवा मंच महिला समपर्ण शाखा के द्वारा १४ जनवरी को अल्बर्ट एक्का चौक के समीप सुबह ९ शाम ५ बजे तक निःशुल्क कैंसर जांच शिविर डीके आयोजन किया जा रहा है. जिसमें विभिन्न प्रकार के कैंसर की जांच की जाएगी. इस कार्यक्रम की संयोजिका चंदा अग्रवाल, सीमा अग्रवाल एवं डिम्पल सोनी है. रैली को सफल बनाने में इनका रहा योगदान रैली को सफल बनाने में फ्ज्क्सी के अध्यक्ष दीपक मारू, पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा, मुख्यालय उपाध्यक्ष नेहा पटवारी, मंडलीय उपाध्यक्ष रोहित शारदा, साउथ शाखा के पूर्व अध्यक्ष सुरेश बोथरा, रांची शाखा अध्यक्ष तुषार विजयवर्गीय, राजू खेतान, दीपक गोयनका, वरुण जालान, सुभाष पटवारी, मनीष लोधा, सचिन मोतिका, आशीष अग्रवाल, प्रकाश दलानिया, किरण खेतान, सुमिता लाठ, मीनू अग्रवाल, नीलम मोदी, विनीता बियानी, अनु पोद्दार, मीना टाईवाला, डिंपल सोनी, राधा ड्रोलिया, श्वेता भल्ला, पिंकी अग्रवाल, सिमा अग्रवाल, चंदा अग्रवाल, ममता गोयल, अमृता अग्रवाल, निर्मला बगड़िया, ममता बोरा, बलबीर जैन, ज्योति मोदी, सोनी सुनीता, मोनिका सिंह , अंजना अग्रवाल रीना अग्रवाल, प्रीति अग्रवाल, सदर हॉस्पिटल के एएनएम, नर्सिंग टीचर रंजीता कुमारी, हाउसकीपिंग से गिरजा सीना, हॉस्टल की महिला गार्ड सरोज कुमारी,१५ नर्सेस, संत ज्ञानोदय स्कूल से २५ बच्चे एवं वहां के प्रिंसिपल अजय कुमार का योगदान रहा. यह जानकारी समर्पण शाखा की मीडिया प्रभारी राधा ड्रोलिया ने दी. बकरीद को लेकर हुई शांति समिति की बैठक में प्रशासन ने की अपील, शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं त्यौहार ऑगस्ट १२, २०१८ संजीव कम्मंट ऑफ ऑन बकरीद को लेकर हुई शांति समिति की बैठक में प्रशासन ने की अपील, शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं त्यौहार सबका साथ सबका विकास के लिए काम कर रही है भाजपा सरकार : मिस्फिका अक्टोबर १४, २०१८ पवन कम्मंट ऑफ ऑन सबका साथ सबका विकास के लिए काम कर रही है भाजपा सरकार : मिस्फिका जून २१, २०१८ पवन कम्मंट ऑफ ऑन खाने को लेकर बारातियों ने किया बखेड़ा, लड़की ने शादी से किया इंकार
सरकारी नौकरी || कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम भर्ती २०१७ (० रिक्तियों) कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम भर्ती २०१७ लास्ट चेकड:इंजीनियरिंग तिरुवनंतपुरम कॉलेज भारत में एक अग्रणी और प्रमुख व्यावसायिक संस्थान है। इस संस्था त्रावणकोर के महाराजा द्वारा १९३९ में शुरू किया गया था; २१ छात्रों के साथ। अब कैम्पस ताकत के बारे में ४००० के परिसर में १२५ एकड़ जमीन की हरियाली का विस्तार कमांडिंग शहर की सीमा के भीतर कुलथूर में अपने परिसर में स्थित है। जमा विशेषज्ञता और पिछले छह दशकों से अधिक की गुणवत्ता में लगातार सर्वोच्च प्रतिशतक के बीच इस संस्था की स्थिति बनाए रखने के। इंस्टीट्यूशन केरल विश्वविद्यालय से संबद्ध है और मान्यता प्राप्त एआईसीटीई द्वारा और आईएसओ ९००० के मानकों के अनुरूप है। इस समय कोई सक्रिय नौकरियों नहीं है कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम में सीमिलर जॉब्स कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से हाल ही में नौकरी अधिसूचना - २०१७ कंपनी का नाम:कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेस्सोर्स क्यों रोजगारलीवे में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम भर्ती - २०१७? रोजगारलीवे सभी सरकारी नौकरी भर्ती अधिसूचना के लिए एक प्रमुख काम वेबसाइट है। यह पेज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से नयी भर्ती की अधिसूचना के लिए एक विशेष पेज है। रोजगारलीवे टीम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम के लिए इस विशेष भर्ती पेज में कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से सभी भर्ती और नौकरी के उद्घाटन पेश करने के लिए करता है। यह पेज कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम से सभी सक्रिय और हाल ही में समाप्त नौकरी के उद्घाटन और भर्ती अधिसूचना में शामिल है। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम नौकरियों २०१७ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम नौकरी की रिक्तियां कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम नौकरी रिक्ति कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम करियर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम नवसिखुआ नौकरी २०१७ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग त्रिवेंद्रम नौकरी के उद्घाटन में
मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी होम > उत्पादों > मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी (मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी के लिए कुल २४ उत्पादों) मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से हम विशेष हैं मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं / कारखाने चीन से। कम कीमत / सस्ते के रूप में उच्च गुणवत्ता के साथ थोक मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी, चीन से अग्रणी ब्रांडों में से एक मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी में से एक, ग्लोबल ट्रेड ऑनलाइन लिमिटेड। थोक चीन से मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी खोजने की आवश्यकता है। बस मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे मोबिलिटी स्कूटर यूएसए आयात सांख्यिकी का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं।
सघन मिशन इन्द्रधनुष में १०१ प्रतिशत उपलब्धि के साथ इंदौर देश में द्वितीय - हिन्दन्यूसर्विसेस होम मध्य प्रदेश सघन मिशन इन्द्रधनुष में १०१ प्रतिशत उपलब्धि के साथ इंदौर देश में... भोपाल। (हिन्द न्यूज सर्विस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में ८ अक्टूबर को आरंभ किये गए सघन मिशन इन्द्रधनुष के प्रथम एवं द्वितीय चरण में १०१ प्रतिशत की उपलब्धि के साथ इंदौर (शहर) देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने यह जानकारी राष्ट्रीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दी। कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान श्री नड्डा २४ राज्यों के प्रमुख सचिव एवं संबंधित अधिकारियों से रू-ब-रू हुए और सघन मिशन इन्द्रधनुष की समीक्षा की। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण गौरी सिंह ने मध्यप्रदेश में किये गए प्रयासों की जानकारी दी। नड्डा ने अक्टूबर और नवम्बर-२०१७ में मिशन के तहत मध्यप्रदेश की टीकाकरण छतरी, टीकाकरण कैप और स्वच्छता मिशन के वाहनों का सघन मिशन इन्द्रधनुष प्रचार के लिए उपयोग की सराहना की। उन्होंने सभी राज्यों से आँगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस, एनवायके का उपयोग सामाजिक जागरूकता के लिए बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे रोज राज्य एवं जिला-स्तर पर मॉनीटरिंग करने के साथ फीडबैक देते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने वाली पंचायतों को राज्य में २ लाख रुपये का पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। निर्णय की सराहना करते हुए श्री नड्डा ने अन्य राज्यों से भी इस योजना का अनुसरण करने के निर्देश दिए। सिंह ने बताया कि लक्ष्य की उपलब्धि के लिए आशा, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है। नड्डा ने कहा कि ४ चरणों में होने वाले इस अभियान की पूर्ति के बाद सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि वाले राज्य एवं जिले को भी पुरस्कृत किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली में दिया जाएगा। सघन मिशन इन्द्रधनुष देश के २४ राज्यों के २०१ जिलों और १८ शहरों में टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के उद्देश्य से चार चरणों में संचालित किया जा रहा है। अभियान के दो चरण अक्टूबर और नवम्बर में पूर्ण हो चुके हैं। तृतीय चरण ७ से १८ दिसम्बर और चतुर्थ चरण ७ से १८ जनवरी-२०१8 तक होगा। अभियान में डिप्थीरिया, काली खाँसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा आदि के टीके लगाये जाएंगे। सघन मिशन इन्द्रधनुष में २ वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती माताओं तक पहुँचने का लक्ष्य रखा गया है, जो टीकाकरण कार्यक्रम में यह सुविधा नहीं पा सके हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान स्वास्थ्य विभाग के संचालक डॉ. बी.एन. चौहान, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. ओ.पी. तिवारी, उप संचालक टीकाकरण विपिन श्रीवास्तव, राज्य कोल्डचेन अधिकारी डॉ. अश्विन भागवत और समन्वयक डॉ. जतिन ठक्कर भी उपस्थित थे। प्रेवियस आर्टियलप्रदेश के सभी गांव वर्ष २०१८ तक सड़कों से जुड़ेंगे-मुख्यमंत्री चौहान नेक्स्ट आर्टियलनिर्माण कार्य पूर्ण नहीं कराने वाली एजेंसियों पर होगी एफआईआर
बच्चा कब बोलना शुरू करता है और आप उसे किस तरह सहायता दे सकते हैं? बच्चे का कब नहीं बोलना (बच्चे का बोलना) आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है? यहां जानिए सब कुछ... बच्चे की बोली सभी को अच्छी लगती है. हर किसी को अपने बच्चे के मुंह से निकलने वाले पहले शब्द को सुनने का बड़ी बेसब्री से इंतजार रहता है. ३ साल तक बच्चा अपने माता-पिता द्वारा बोली जाने वाली भाषा को सीखता है. इसी समय इनका दिमागी विकास शुरू होता है. बच्चे के सीखने की क्षमता पर निर्भर है कि वह कितनी तेजी से बोलना (बच्चे का बोलना) सीखता है. सीखने की क्षमता हर बच्चे में अलग-अलग होती है. अगर आप तुलना करें तो कोई भी दो बच्चा एक साथ रेंगना, बोलना और चलना शुरू नहीं करते हैं, चाहे बच्चा एक ही परिवार का क्यों ना हो. बच्चा कब बोलना शुरू करता है और आप उसे किस तरह सहायता दे सकते हैं, इन सबकी जानकारी आपको यहां बताने जा रहे हैं. साथ ही यह भी बताएंगे कि बच्चे का कब नहीं बोलना आपके लिए चिंता का कारण बन सकता है. ७ वर्ष की उम्र में बच्चे का दिमाग सबसे अधिक बढ़ता है और इसी समय बच्चा सबसे अधिक सीखता है, खासकर बोलना. बच्चे के आस-पास अगर अच्छे बोलचाल और साफ भाषा का माहौल हो तो, ऐसा माहौल शिशु को जल्दी बोलना सीखने में मदद करता है. इसी शुरूआती वर्ष में बच्चे का दिमाग तेजी से बढ़ता और सोचने-समझने के लिए तैयार होता है. इन्हीं वर्षों में आपका शिशु बोलना व भाषा सीखने लगता है. जन्म लेते ही बोलना शुरू करता है नवजात बच्चे का बोलना १. कोई भी बच्चा जन्म लेते ही बात करना शुरू कर देता है. बच्चा भूखा होने पर, गीला होने पर या फिर किसी तरह की बेचैनी होने पर आपसे रोकर बात करता है. लेकिन बोलने और भाषा सीखने के लिए उसे एक लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. २. तीन महीने की उम्र तक आपका बच्चा आवाज पहचानना शुरू कर देता है. आपने ध्यान भी दिया होगा छोटे बच्चे जानी पहचानी आवाज की तरफ आपना सिर ले जाने की कोशिश करने लगते हैं. और बोलने वाले का चेहरा भी देखने लगता है. ३. ३ से ४ महीना पूरा करते करते वह तुतलाने लगता है. इनका तुतलाना ही बोलने के शुरूआत की निशानी है. इस उम्र में शिशु हंस कर मुस्करा कर, खुशी व नाराजगी भी जाहिर करना सीख जाता है और समाज से जुड़ने की कोशिश करने लगता है. जब शिशु तुतलाना शुरू करता है तो सबसे पहले उसके मुंह से प, म, ब, मुह, पुह, बुह आदि आवाजें निकतली है. ४. ९ से १२ महीने का शिशु हाथों से बाय-बाय करना शुरू कर देता है. साथ ही वह न के अलावा का, कू आदि शब्दों के साथ बड़ों से बातें करना सीख जाता है. १२ महीना होते ही बच्चा अपना पहला शब्द जैसे दादा, पापा और मामा आदि बोलने लगता है. ५. शिशु १८ महीने की उम्र में आपकी बातों को एक बार में ही समझने लायक हो जाता है. यहां तक की उसे २० से १०० शब्दों की जानकारी भी हो जाती है. ६. २ साल की उम्र के शिशु को २00 शब्दों तक की जानकारी हो जाती है और वो दो शब्द वाले वाक्य भी बोलने लगता है. वह सुने हुए बातों को दोहराता है, बोलने की कोशिश करते हुए कहां, क्या जैसे आपके सवालों को भी समझने लगता है. ७. बच्चे की उम्र ३ वर्ष होने पर उसे ८०० से ९०० शब्दों की जानकारी हो जाती है और साथ ही वह २ से ३ शब्दों में बातें करना भी शुरू कर देता है. वह हां और ना में जवाब भी देने लगता है. ८. ४ वर्ष होते ही आपका बच्चा अच्छी तरह से बोलना सीख जाता है. वह आपके साथ बातें करना, कहानियां सुनना भी शुरू कर देता है. बच्चा आपकी हंसी-मजाक भी समझने लगता है. बोलना सीखने में ऐसे करें अपने बच्चे की मदद बच्चे का बोलना बच्चे के साथ हमेशा बातचीत करने की कोशिश करते रहें. शिशु के साथ बात करते समय अपनी बातों को रखने के बाद उसकी प्रतिक्रिया का इंतजार करें. बातचीत में हमेशा अलग-अलग तरह के शब्दों का प्रयोग करें. नाटकीय खेलों में शिशु को शामिल करें. बच्चे के लिए गाना गाएं, भले ही बच्चा आपने गानों ना ना समझे लेकिन वो आपकी आवाज सुनकर प्रतिक्रिया देना सीख लेगा. इशारों के माध्यम से ही अपने शिशु के साथ कुछ-कुछ खेलने का प्रयास करते रहें. ६ से ९ महीने का उम्रे में बच्चे को आइना दिखाकर उससे पूछे कि यह बच्चा कौन है. शरीर के अंगों की जानकारी देने के लिए आप अंगों की ओर इशारा करते हुए जोर-जोर से उनका नाम लें, जैसे गाल, नाक, आंख आदि. १. आपका बच्चा अगर देरी से बोलना शुरू किया है तो उसे कभी भी अन्य बच्चों का उदाहरण देना उचित नहीं है. २. बच्चे के प्रयास को हमेशा प्रोत्साहित करते रहें. ३. सोते वक्त रात को शिशु को कहानी सुनाएं, जिससे उसमें कम्युनिकेशन स्किल का विकास हो सके. ४. कभी-कभी तो माता-पिता की व्यस्त जिंदगी के कारण भी बच्चा देरी से बोलता है. ऐसे बच्चों के लिए आप ऐसा माहौल तैयार करें. वह अपने दिन का कुछ समय अन्य लोगों के साथ बिता सकें. ऐसे में इन्हें बोलने का भरपूर मौका मिल सके. ५. अपने बच्चे को अन्य बच्चों के साथ घुलने-मिलने का मौका दें. ऐसे में बच्चा अन्य बच्चों के संपर्क में आकर. उन्हें देखकर बोलना सीखता है. ६. आप अपने शिशु को खेलने के लिए जानवर उपकरण के खिलौने दें. साथ ही बच्चे के साथ खेलते वक्त खिलौनो और जानवर की आवाज निकाले. ऐसे में बच्चा आपकी नकल करने की कोशिश करेगा. जिससे उसके अंदर कम्युनिकेशन स्किल का विकास होगा. अगर यहां बताए उम्र के अनुसार आपका बच्चा बोलना शुरू नहीं करता है तो फिर आपको विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए.
कांग्रेस : प्रत्याशी तय करने के दो और सर्वे करवाने की कवायद - खबर्थेन्यूज.कॉम होम खबर कांग्रेस : प्रत्याशी तय करने के दो और सर्वे करवाने की कवायद कांग्रेस : प्रत्याशी तय करने के दो और सर्वे करवाने की कवायद दिल्ली की दो एजेन्सियों को सौंपा सर्वे कार्य, एक लेगी लोगों से राय, दूसरी गुपचुप तैयार करेगी रिपोर्ट बीकानेर। कांग्रेस तीन महीनों बाद तीन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी तय करने के लिए दो और सर्वे करवाने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए दिल्ली की दो एजेन्सियों को काम सौंपा गया है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक जिन दो एजेन्सियों को सर्वे का काम सौंपा गया है, उन्होंने रविवार से ही विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपनी टीमों के गठन का काम शुरू कर दिया है। जिस एजेन्सी को लोगों से मिलकर राय जानने का कार्य सौंपा गया है, उसके प्रतिनिधि सितम्बर के शुरुआती दिनों में यहां पहुंच जाएंगे। जानकारों ने बताया कि इस बार सर्वे करने वाली एजेन्सियों के प्रतिनिधि टिकट दावेदारों से नहीं मिलेंगे बल्कि उनके क्षेत्रों में पहुंच कर आमलोगों से उनके बारे में राय लेेंगे। इस राय में दोनों पार्टियों के मजबूत प्रत्याशियों का नाम जानने की कोशिश की जाएगी। इन नामों के आधार पर विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के जातिगत समीकरण के संबंध में फैसला लिया जाएगा। जानकारों ने बताया कि जिस एजेन्सी को गुपचुप रिपोर्ट तैयार करने का कार्य दिया गया है, उस एजेन्सी को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से टिकटों के दावेदारों के नामों की सूची सौंपी गई है और इन दावेदारों के नेगेटिव, पॉजीटिव पॉजीशन जानने तथा विधानसभा क्षेत्र में जातिगत समीकरण के हिसाब से कौन प्रत्याशी भारी रह सकता है, इसकी रिपोर्ट बनाने के लिए कहा गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस एजेन्सी को यह काम संबंधित विधानसभा क्षेत्र के पूरी तरह से जानकार व्यक्ति से करवाने के लिए कहा गया है। इसमें ऐसे लोगों के चयन की सलाह दी गई है, जो चिकित्सक, इंजीनियर अथवा मीडिया जैसे किसी पेशे जुड़े हुए हों तथा जिन्हें इलाके की राजनीतिक हलचल का पूरी तरह से पता हो। सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाहें जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने अपनी एक विंग को पूरी तरह से सोशल मीडिया पर पैनी निगाहें जमाएं रखने को कह रखा है। सोशल मीडिया पर टिकट के दावेदारों को लेकर हो रही टिप्पणियों को जानने के काम में कांग्रेस ने इस विंग को लगा रखा है। इसके साथ ही यूट्यूब और स्थानीय समाचार पत्रों, न्यूज पोर्टल पर भी निगाहें चौबंद रख कर स्थानीय नेताओं की गतिविधियों और उनसे संबंधित समाचारों के आधार पर भी रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है।
साल के इस खास मौके पर भारत में लांच होगा रेडमी का यह स्मार्टफोन, जानें क्या होगी कीमत - पूरी दुनिया | पूरी दुनिया होम टेक्नोलॉजी गैजेट साल के इस खास मौके पर भारत में लांच होगा रेडमी का... साल के इस खास मौके पर भारत में लांच होगा रेडमी का यह स्मार्टफोन, जानें क्या होगी कीमत नई दिल्ली। चीन की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी श्याओमी ने अपने बहू चर्चित रेडमी ५आ वेरिएंट को भारत में लॉन्च कर दिया है। आपको बताते चले कि ग्राहक इसे ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट औक कंपनी की ऑफीशियल वेबसाइट मी.कॉम से खरीद सकते हैं। रेडमी ५आ के इस नए वेरिएंट को ४,९९९ रुपए की कीमत के साथ लिस्ट किया गया है। कंपनी ने बुधवार को ट्वीट कर रोज गोल्ड वेरिएंट के बारे में जानकारी दी। ट्वीट में लिखा गया कि मैं खूबसूरत हूं मैं दमदार हूं.. मैं सभी की पसंद हूं अंदाजा लगाइए मैं कौन हूं? पर्दा कल हटेगा! इसके अलावा फ्लिपकार्ट ने वेबसाइट पर बैनर लगाकर इस नए वेरिएंट की पुष्टि की। कहा जा रहा है कि वेंलेंटाइंस डे को देखते हुए कंपनी ने यह नया वेरिएंट लॉन्च किया है। रोज गोल्ड कलर होने के कारण ज्यादा से ज्यादा यूजर को यह फोन आकर्षित करेगा। जानें फोन के फीचर्स के बारे में बजट सत्र की शुरुआत, सरकार को घेरेगी विपक्ष कम अखिलेश जीते, कपड़े उतारने वाली पूनम पांडे ने किया चियर्स
एक निजी युद्ध की भावनात्मक चुनौतियों पर रोसमंड पाईक - पुरस्कार | अगस्त २०२० 'एक निजी युद्ध' रोसमंड पाइक दिवंगत युद्ध पत्रकार मैरी कॉल्विन को चित्रित करने के बीच में था जब परिस्थितियां इतनी वास्तविक हो गई थीं कि वह परियोजना को समाप्त कर सकती थी या नहीं। कोल्विन के रूप में, पाइक ने अनगिनत युद्ध क्षेत्रों में जीवित रहने के दौरान कठिन, उलझे हुए रिपोर्टर की भूमिका निभाई, यहां तक कि एक के बाद एक विस्फोटक चोटों ने उसे एक आँख के पैच के साथ छोड़ दिया और पस्ड उसके दिमाग को मारता है। निर्देशक मैथ्यू हेनमैन, ऑस्कर-नामांकित वृत्तचित्र के बाद अपनी कथा की शुरुआत करते हुए; कार्टेल लैंड एंड डिड्को; और इसके फॉलोअप ; सिटी ऑफ घोस्ट्स, ; वास्तविक शरणार्थियों के साथ कई परिदृश्यों में पाईक कास्ट करें। एक दृश्य में, जॉर्डन सीरिया के लिए खड़ा था, और पाइक ने एक सीरियाई शरणार्थी के साथ एक दृश्य में अभिनय किया जिसके भतीजे को होम्स में एक रैली के दौरान उसके कंधों से गोली मार दी गई थी। स्क्रिप्ट ने पुर्ननिर्मित युद्ध क्षेत्र में मृत बच्चे के लिए प्रतिक्रिया करने के लिए आदमी को बुलाया, जबकि पाइक का चरित्र जारी था। ; इस आदमी से दुःख का भाव बहुत दर्दनाक था, ; पाइक ने कहा। ; कमरे में होना पूरी तरह से मुश्किल था। ; वह सवाल करने लगी कि क्या वह इस परियोजना को जारी रख सकती है। ; मुझे इस तरह का भ्रम, गहरी करुणा, और नुकसान की त्रासदी पर क्रोध की अनाम भावना के कुछ प्रकार थे; ; उसने कहा। ; और मैं इस बात को लेकर उलझन में था कि हम क्या कर रहे थे। मुझे वहां रहने का क्या अधिकार था '> उन्होंने अपने अनुभव से अपने स्वयं के तुलना करके परियोजना पर वापस बात की। ; मुझे लगता है कि आप क्या कर रहे हैं ; फिर से जा रहा है जब मैं वृत्तचित्र बनाने के माध्यम से जाना, और र्डको; उसने उसे याद करते हुए बताया। ; आपकी मानवीय वृत्ति कैमरे को नीचे रखना और किसी को स्थान देना है। लेकिन एक फिल्म निर्माता के रूप में आपका दायित्व कैमरा को चालू रखकर सच्चाई को पकड़ना है। ; एल्क कोव ऑरगॉन तट पाइक सेट पर वापस आ गया, और उसका बाद का प्रदर्शन इस वर्ष के आश्चर्य की एक घटना है और गिरावट का मौसम है - शारीरिक उथलपुथल और पत्रकारीय कौशल का एक भयावह, दहनशील आंकड़ा जो वर्ष के सर्वश्रेष्ठ में से एक है। ब्रिटिश अभिनेत्री ने मैरी ब्रेनर के ; २०१२ के वैनिटी फेयर लेख को पढ़ने के बाद खुद के लिए इसे मांगा, जिसने कोल्विन के अंतिम क्षणों पर नज़र रखी। हेनमैन, जिन्होंने मूल रूप से परियोजना से बाहर होने से पहले भाग के लिए चार्लीज़ थेरॉन से बात की थी, उन्होंने अभी तक अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए अंतिम रूप दिया था ; सिटी ऑफ़ घोस्ट्स, ; सीरिया में भूमिगत पत्रकारों का उनका सुरीला-प्रशंसित चित्र। पाइक ने फिल्म निर्माता को सीएए में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए नीचे ट्रैक किया, जो उन दोनों का प्रतिनिधित्व करता है, और कॉल्विन के कुछ लिखित विचारों को साझा किया, जो उसने तैयार किए थे। ; कभी-कभी आप जैसा महसूस करते हैं उससे पहले किसी और के प्रभाव से प्रभावित होते हैं, यह आपके विचारों को नीचे लाने के लिए महत्वपूर्ण है, ; पाइक ने कहा। ; मेरे पास इस तरह की धारा-चेतना थी जो मैरी के बारे में थी। मुझे पता नहीं है कि यह कहां से आया है। ; कुछ दिनों के भीतर हीमैन ने उसे कास्ट कर लिया। परियोजना में पाईक का निवेश केवल वहां से तीव्र हुआ। वह कॉल्विन के मित्रों और परिवार के साथ सीधे जुड़ गया और उन्हें यह समझाने के लिए कि ; एक निजी युद्ध ; स्पष्ट हैग्राफिक बीट्स से आगे निकल जाएगा - जो यह करता है, कोल्विन के " अपने निजी जीवन को जटिल बनाने की आदत डालने के साथ-साथ दुनिया भर में पीड़ित का पता लगाने के लिए उसकी खोज में मनोवैज्ञानिक धीरज की किसी भी मात्रा को पीछे धकेलने की आदत। पाइक ने कॉल्विन के वीडियो का अध्ययन उसके शारीरिक तानों की नक़ल करने के लिए किया, जिसमें आगे और पीछे रॉक करने के लिए एक नर्वस प्रवृत्ति भी शामिल थी क्योंकि वह अपने रोजमर्रा के जीवन के साथ युद्ध के मैदान की यादों को घर वापस करने के लिए संघर्ष करती थी। अभिनेत्री को यहां तक कि उन्हें हिला देने के लिए अपनी उंगलियों के बीच तिनके निचोड़ने की आदत हो गई, उन्होंने पीटीएसडी के लक्षणों को इतनी तीव्रता से अपनाया कि वह अक्सर इसे अपने साथ घर लाने के लिए चिंतित रहती थी। (; मेरे बच्चों ने मुझे इससे बचने में मदद की, ; उसने कहा।) फिल्म महोत्सव की समय सीमा पाइक के प्रदर्शन के लिए पाइक और सक्रियता तब से तेज हो गई है जब डेविड फिंचर ने उसे ; गौरव और पक्षपात ; और २०१४ और रस्को; स ; चला गया लड़की के लिए उसे फेमेल फेटले में बदलने का अपरंपरागत निर्णय लिया। ; उन्होंने अपने थिएटर का काम भी नहीं देखा था। उस बिंदु पर, पाइक ; का सबसे बड़ा श्रेय बहुत अधिक निंदनीय था ; कयामत, ; वह जिस तरह की सामग्री चाहती है, उससे दूर एक दुनिया है। ; यह ; ऐसा नहीं है जैसा मैंने सोचा था कि मैंने पहले बुरा विकल्प बनाया है, ; उसने कहा। ; मेरे द्वारा पेश किए गए सामान के साथ मैंने सबसे अच्छा करने की कोशिश की। मैं ; एक ही दर्शन के साथ अटक गया मेरा पूरा जीवन, आपके पास जो भी आकार का हिस्सा है, उसके साथ सबसे अच्छा करें, इसे सत्य के साथ करें, कोशिश करें और अपने चरित्र के लिए एक ही स्तर की पृष्ठभूमि बनाएं चाहे आप ; को १० लाइनें या ३०० लाइनें मिलीं। ; आखिरकार, वह हेनमैन के अपरंपरागत दृष्टिकोण में बस गई। हॉम्स-सेट के एक अन्य दृश्य में, उसने तहखाने में एक महिला के साथ बातचीत की, जहां महिलाएं और बच्चे बम से छिपे हुए थे। कैमरे के लुढ़कने के साथ, पाइक ने दृश्य में एक शरणार्थी के साथ बातचीत शुरू की, जिसने कहा कि वह की वजह से स्तनपान नहीं कर सकती थी, क्योंकि वह आघात से ग्रस्त थी। ; मैं एक अनुवादक के साथ थोड़ा जांचा, ; पाइक ने कहा। ; मैंने पूछा कि क्या हुआ था और उसने कहा कि उसका घर एक खोल से चपटा हुआ था और वह भाग कर अपने बच्चों के साथ भाग गई, और तब उसे एहसास हुआ कि उसका एक बच्चा गायब है। ; उसने खुद को रोका और एकत्र किया। ; कैमरा चुपचाप वहां था, और र्डको; उसने कहा। ; तो मैंने कहा, आपकी एक बेटी मलबे के नीचे थी; ; और उसने कहा हां। मैंने पूछा कि उसकी बेटी कितनी पुरानी है, और उसने कहा कि वह पाँच साल की थी। यह किसी का क्षण था जो आपको इस भयानक, अत्याचारी, दुखद बात के बारे में सच्चाई बता रहा था जो उनके साथ हुआ था। ; वहाँ से, उसने दृष्टिकोण अपनाया। ; आप ; हमेशा एक अभिनेता के रूप में आश्चर्यचकित दिख रहे हैं, और यह पूरी तरह से नया अनुभव था, ; उसने कहा। ; आपको पता नहीं था कि क्या सामने आएगा, लेकिन तब मुझे ऐसा लगा कि एक पत्रकार कहानी को इकट्ठा कर रहा है। मेरा उस पर कोई ध्यान नहीं था। मैं सिर्फ सुन रहा था, जो वास्तव में अभिनय का सबसे अच्छा हिस्सा है। ; वीप सीज़न ६ एपिसोड १ कई तनावपूर्ण लंबे समय तक थे, और कॉल्विन के जीवन के अधिक कसौटी पर आधारित दृश्यों के विपरीत, अमेरिकी जीवन, युद्ध क्षेत्र के क्षण विकास की एक निरंतर अवस्था में थे। ; आमतौर पर कुछ प्राप्त करने का केवल एक मौका था, इसलिए आपको जो मिलता है वह पल का पूर्ण सत्य है, ; उसने कहा। ; इसमें कोई और नहीं है; अक्सर एक और अवसर के लिए इसे थोड़ा बेहतर बनाने का अवसर मिलता है। ; पाइक ने करियर शिफ्ट के नवीनतम प्रकोप के रूप में भूमिका निभाई, जिसमें ; गॉन गर्ल, ; जिसने उसे एक महत्वाकांक्षी अग्रणी महिला के रूप में बदल दिया। ; इसने मुझे उकसाने वाली ड्राइव दी, ऐसे किरदार निभाने के लिए जो लोगों को उनकी राय का मूल्यांकन करने और उन्हें डाइम करने पर बदल देता है, ; उसने कहा। ; मेरी जैसी है। वह एक नायिका है, लेकिन वह निर्दोष नहीं है। वह एक जटिल महिला है जो भाग मिथक और भाग परेशान आत्मा है। उसे यह तीव्र शक्ति एक तीव्र भेद्यता के साथ मिल गई जिसे वह छिपा कर रखती है। ; अगली बार, वह एक और मैरी - मैरी क्यूरी - ईरानी में जन्मे फिल्म निर्माता मार्जेन सट्रैपी की आगामी बायोपिक में मैरी-क्यूरी का किरदार निभा रही हैं। (; यह ; रेडियोएक्टिविटी पर एक साइकेडेलिक लुक है)), लेकिन वह अभी भी 'ए प्राइवेट वॉर' की गूंज के साथ आ रही है। ऑनस्क्रीन ऑनरशिप इमोशन को चित्रित करने के लिए उसका रिश्ता फिल्म द्वारा बदल दिया गया था, जो संभवतः अच्छे के लिए था। ; कैमरे पर कुछ चालबाजी है, ; उसने कहा, ; लेकिन बड़े और, मुझे लगता है कि फिल्म पर सभी आँसू असली आँसू हैं। ; ; एक निजी युद्ध ; अब न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स में खेल रहा है।
बिजनेस स्टैंडर्ड - विदेशी बॉन्ड के पक्ष में नहीं रिजर्व बैंक विदेशी बॉन्ड के पक्ष में नहीं रिजर्व बैंक अनूप रॉय / मुंबई ऑगस्ट १२, २०१९ भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर में विदेशी सॉवरिन बॉन्ड के पक्ष में मत देने की संभावना कम है। सरकार के साथ रिजर्व बैंक की १६ अगस्त को बैठक होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक को डर है कि विदेशी बॉन्डों को हरी झंडी देने से स्थानीय बॉन्डों में हस्तक्षेप खत्म हो जाएगा, जो रिजर्व बैंक द्वारा कड़ाई से नियंत्रित किए जाते हैं और केंद्रीय बैंक सरकार के धन का प्रबंधक होता है। बहरहाल विदेशी बॉन्डों और स्थानीय बॉन्डों को लंबे समय तक अलग अलग खांचे में नहीं रखा जा सकता और इससे अर्थव्यवस्था में ब्याज दरें प्रबंधित करने की रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता उल्लेखनीय रूप से कम हो जाएगी। इस मसले पर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए इस बात पर जोर दिया कि रिजर्व बैंक का जो भी विचार होगा, सरकार को बता दिया जोगा। वहीं सूत्रों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने इसे लेकर पहले ही अपनी आपत्तियां जता दी है और १६ अगस्त की बैठक में वह औपचारिक रूप से ऐसा कर देगा। इस समय ग्लोबल यील्ड शून्य करीब, यहां तक कि तमाम अर्थव्यवस्थाओं में यह शून्य से नीचे है और सरकार के लिए धन जुटाना सस्ता होगा, लेकिन केंद्रीय बैंक इसकी जरूरत नहीं महसूस कर रहा है क्योंकि घरेलू बॉन्ड यील्ड जनवरी के बाद से १०० आधार अंकों से भी ज्यादा कम हुआ है। सॉवरिन बॉन्ड की मौजूदगी मुद्रा में नॉन डिलिवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ) मार्केट की तरह से काम कर सकता है, जिससे घरेलू मुद्रा बाजार की धारणा संचालित होती है। रिजर्व बैंक का एनडीएफ बाजार पर कोई नियंत्रण नहीं होता, यह व्यापक तौर पर अटकलबाजियोंं से संचालित होता है। एनडीएफ बाजार की विनिमय दरें प्राय: स्थानीय दरें निर्धारित करती हैं। संकट के समय में यह कनेक्शन और ज्यादा स्वाभाविक हो जाता है। रिजर्व बैंक की पूर्व डिप्टी गवर्नर उषा थोराट की अध्यक्षता में बने एक कार्यबल ने सुझाव दिया था कि उसी तरह की बुनियादी ढांचा सुविधाएं और ऑनशोर मुक्त कारोबार की सुविधाएं देकर किस तरह से ऑफशोर बाजार को ऑनशोर लाया जा सकता है। बहरहाल मुद्रा के विपरीत से बॉन्डों की मात्रा का संचालन करना आसान नहीं है और ऐसे में इस तरह के अनुचित ऑफशोर प्रभाव की संभावना कम है। लेकिन रिजर्व बैंक को डर है कि इससे जो संकेत जाएगा, वह स्थानीय बाजार में व्यवधान डालने के लिए पर्याप्त होगा। एक और चिंता की बात यह है कि सभी बाजार हिस्सेदारों को डर है कि जब भी सॉवरिन बॉ्ज आएगा क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप (सीडीएस) होगा और यह पूरी तरह से सट्टेबाजी पर आधारित होगा। चिंता की बात है कि इन सीडीएस का कारोबार होगा और आगे उसे टुकड़ोंं में विभाजित कर विभिन्न साधनों में समायोजित किया जाएगा। इसकी वजह से संपत्तियोंं का विभिन्न वर्ग बनेगा और इसका सरकार से कोई संबंध नहीं होगा बल्कि यह घरेलू बॉन्ड बाजार में संकेत भेजेगा। इससे साधनों में हेरफेर आसान होगा और इससे स्थानीय बॉन्डों पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। पिछले सप्ताह एक नोट में इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च में कहा, 'इससे (सीडीएस) से जहां मूल्य की खोज में मदद मिलेगी, विदेशी बॉन्डों से घरेलू बाजार पर विदेशी बाजारोंं की वजह से विपरीत असर पड़ेगा। तमाम हेज फंड व निवेश कंपनियां सीडीएस कॉन्ट्रैक्ट कर सकती हैं, और इसमें सिक्योरिटी की जररूरत नहीं होगी व यह पूरी तरह से अटकलबाजियोंं पर आधारित होगा।' रिजर्व बैंक की चिंता भी कुछ इसी तरह की है, जिसका माना है कि विदेशी सॉवरिन बॉन्ड जारी किए जाने से 'फीडबैक प्रॉसेस' को प्रमुखता मिलेगी और घरेलू ऋण बाजार पर इसका असर पड़ेगा और इससे मौद्रिक नीति का असर कमजोर हो सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस तरह के बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव २०१९-२० के बजट में रखा था और तर्क दिया था कि भारत का बाहरी कर्ज सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के ५ प्रतिशत से कम है। मार्च २०१९ के आखिर तक कुल विदेशी कर्ज १०३.८ अरब डॉलर था, जो जीडीपी का ३.८ प्रतिशत है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नरों ने इस कदम पर आपत्ति जताई है। रघुराम राजन ने कहा था कि इस कदम से लाभ होने की कोई संभावना तो नहीं है, लेकिन जोखिम भरपूर है। राजन ने कहा कि कुल १० अरब डॉलर का बॉन्ड हो सकता है,जो सकल उधारी का १० प्रतिशत है, लेकिन समय बीतने के साथ इसके बढऩे का डर है। सॉवरिन बॉन्ड जारी होने से रिजर्व बैंक के कर्ज प्रबंधन का अधिकार कम हो सकता है, जो केंद्रीय बैंंक संभवत: छोडऩा नहीं चाहेगा।
१३ अप्र- २०१८-३:०३ प्म १३ अप्र- २०१८-३:०९ प्म एडमिन १६२ वियूज ० कम्मंट प्रियंका चोपड़ा, फिल्म का ट्रेलर, बॉलीवुड, हॉलीवुड फिल्म प्रियंका चोपड़ा की हॉलीवुड फिल्म का ट्रेलर देखकर आप भी हो जाएंगे भावुक देखें। बॉलीवुड के साथ-साथ हॉलीवुड में भी अपनी कला कर परचम लहराने वाली अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा एक बार फिर अपनी एक फिल्म के कारण चर्चा में आ गई हैं। हाल ही में प्रियंका की हॉलीवुड फिल्म द किड लाइक जेक का ट्रेलर रिलीज़ हो गया है। फिल्म के ट्रेलर में आप देख सकते है प्रियंका चोपड़ा नजर आ रही हैं। इस फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद आप भी बहुत इमोशनल हो जाएंगे। ट्रेलर देखकर ही आप समझ जाएंगे कि फिल्म की कहानी एक बच्चे और माता-पिता पर आधारित है। फिल्म में प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिका में नजर आएंगी। प्रियंका के साथ इस फिल्म में जिस पर्सन्स और क्लेयर डांस भी मुख्य किरदार में नजर आएँगे। फिल्म के ट्रेलर में प्रियंका की एक झलक देखने को मिलती है जहां प्रियंका उस बच्चे से उसके बारे में पूछती हुई नजर आती हैं। आपको बता दें इस फिल्म का प्रीमियर साल २०१८ फेस्टिवल में भी हुआ था। इस दौरान प्रियंका ने फिल्म से सम्बंधित कई पोस्ट भी किये थे। जब से लोगों ने फिल्म का प्रीमियर देखा है तब से ही वो इस फिल्म को पसंद कर रहे है। कुछ दिन पहले ही प्रियंका को हॉलीवुड प्रोजेक्ट क्वांटिको सीजन ३ के ट्रेलर में भी देखा गया था। कपिल शर्मा पर पूछा गया सवाल, सीरियस सुनील ग्रोवर करने लगे कॉमेडी विडियो सलमान खान की रेस-३ के एक्टर साकिब का डाइट और वर्कआउट प्लान जानिए
दूध में कीड़े की सजा ३५० रु. जुर्माना छत्तीसगढ़ खबर : खबर दुनिया भर छत्तीसगढ़ सरगुजा दूध में कीड़े की सजा ३५० रु. जुर्माना जुलाई १०, २०१६जुलाई ११, २०१६ अंबिकापुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में दूध में कीड़े मिलने पर ३५० रुपये जुर्माना किया गया है. यह जुर्माना दूध की सप्लाई करने वाले देवभोग कंपनी पर नहीं बल्कि उसे मैनपाट तक परिवहन करके लाने वाले पर किया गया है. इस जुर्माने के अलावा दूध का परिवहन करने वाले पर छः पैकेटो के खराब हो जाने के कारण प्रति पैकेट बावन रुपया पचास पैसे की दर से तीन सौ पन्द्रह रुपये अलग से वसूला जायेगा. आंगनबाड़ी केन्द्र में दूध के पैकेट की शिकायत पाये जाने पर कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेश सिसोदिया शनिवार को मैनपाट पहुंचे. उन्होंने टेट्रा पैक के स्थान पर पॉलीपैक में अमृत दूध सप्लाई किये जाने पर यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह देवभोग का विषय है. दूध के परिवहनकर्ता पर साढ़े तीन सौ रुपयों का जुर्माना लगाये जाने पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि यह मामलें पर कार्यवाही न करके उसे हल्के ढ़ंग से लेना है. उन्होंने कहा इस मामलें को कांग्रेस छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में उठायेगी. उन्होंने कहा कि एक अच्छी योजना के क्रियांवयन में लापरवाही बरती जा रही है जिससे बच्चों का नुकसान हो रहा है. टीएस सिंहदेव ने दूध के पैकेट पर कीड़े मिलने पर की गई कार्यवाही को लापरवाही पूर्ण करार दिया है. कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेश सिसोदिया ने कहा कि घर में उपयोग किये जाने वाले दूध को भी बेहतर तरीके से रखा जाता है, ताकि उसमें किसी प्रकार की खराबी न आ जाये. इसी प्रकार बच्चों को पिलाने के लिए मिलने वाले दूध के पैकेट की जांच भी पूरी सावधानी के साथ रखना होगा, ताकि पैकेजिंग एवं रख-रखाव के दौरान किसी तरह की खराबी आने पर संबंधित दूध का सेवन न कराया जाये. उन्होंने कहा कि है कि यू.एच.टी. विधि से निर्मित दूध की पैकेजिंग के दौरान पूरी सावधानी बरती जाती है तथा उसके गुणवत्ता की जांच भी की जाती है. इसके बावजूद भी संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दूध पिलाने से पूर्व पैकेट की सूक्ष्मता से जांच करने के निर्देश दिये गये है. उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में कुपोषण दूर करने के लिये बांटे जाने वाले दूध में कीड़े मिले हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा के मैनपाट में बच्चों को बांटे जाने वाले अमृत दूध के पैकेट के ऊपर कीड़े लगे हुये पाये गये. छत्तीसगढ़ में मई माह से मुख्यमंत्री अमृत योजना शुरु की गई है. जिसके तहत राज्य के ५० हजार आंगनबाड़ी केन्द्रो में तीन से छः साल के बच्चों को सप्ताह में एक दिन मीठा दूध दिया जा रहा है. इसके लिये धन राज्य सरकार की ओर से दिया जा रहा है. आंगनबाड़ी केन्द्रो में पहले से ही कुपोषण दूर करने के लिये बच्चों को गर्म नाश्ता दिया जा रहा है. इस साल लोक सुराज अभियान के समय मुख्यमंत्री अमृत योजना का शुभारंभ किया गया. छत्तीसगढ़: सांप को काटने की सजा मिली छत्तीसगढ़: अवैध शराब का जखीरा जब्त छत्तीसगढ़ का पोंटी चड्ढा प्रेम
..यहां बच्चों के लिए पानी ही बेमानी खलीलाबाद के प्राथमिक विद्यालय गोलारगड़गंज में लगे इंडिया मार्क हैंडपंप बदबूदार पानी देते हैं। संतकबीर नगर: खलीलाबाद के प्राथमिक विद्यालय गोलारगड़गंज में लगे इंडिया मार्क हैंडपंप बदबूदार पानी देते हैं। मगहर स्थित कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय के दोनों इंडिया मार्क हैंडपंपों से एक बूंद पानी नहीं निकलता। जिले के अनेक विद्यालयों का यही हाल है। एक तरफ कानवेंट स्कूल की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में सुविधा देने की पहल चल रही है, दूसरी तरफ यहां बच्चों के लिए पानी तक बेमानी बन हुआ है। जिले के नौ ब्लाक में १,5१8 विद्यालयों में करीब २,७०० में से २3 फीसद इंडिया मार्क हैंडपंप खराब हैं। माडल प्राथमिक विद्यालय खलीलाबाद प्रथम में २२5 बच्चों के लिए दो इंडिया मार्क हैंडपंप लगे हैं, एक खराब है। कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय मगहर द्वितीय के परिसर में प्राथमिक विद्यालय भी है। दोनों हैंडपंप बेपानी हैं। यहां ९८ बच्चियां पढ़ती हैं। यहां है हैंडपंप खराब प्राथमिक विद्यालय मैलानी, प्राथमिक विद्यालय रक्शा, देवडीह, कुईपार व उच्च प्राथमिक विद्यालय-मेंहदावल सहित अन्य परिषदीय विद्यालयों के हैंडपंप खराब हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालय जंगलऊन, प्राथमिक विद्यालय मीरगंज द्वितीय में हैंडपंप लगे ही नहीं। विद्यालयों के खराब हैंडपंपों को ठीक कराया जाएगा। यहां सब मर्सीबल पंप लगाने का प्रस्ताव है। दिक्कत दूर कर साफ पानी उपलब्ध कराने की पहल चल रही है। सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए ..तो दम घुटने से हुई वहाब व केदारनाथ की मौत
मोदी सरकार ने रूस के प्रस्ताव को किया खारिज, अडानी ग्रुप के साथ करना चाहता था ये काम | भस्मसुर मोदी सरकार ने रूस के प्रस्ताव को किया खारिज, अडानी ग्रुप के साथ करना चाहता था ये काम मोदी सरकार ने रूस के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने अडानी ग्रुप के साथ मिलकर भारत में एके-सीरीज की आधुनिक असॉल्ट राइफलें बनाने की पेशकश की थी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की रूस यात्रा होनी है। इस यात्रा में क्लाशनिकोव-१०३ असॉल्ट राइफलों के भारत में उत्पादन को लेकर दोनों देशों के बीच करार को लेकर वार्ता हो सकती है। रूस ने प्रस्ताव दिया था कि वह भारत में अपनी इस असॉल्ट राइफल के संयुक्त उत्पादन के लिए निजी क्षेत्र की कंपनी अडानी के साथ साझेदारी करना चाहता है लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव से इनकार कर दिया. नियमों के मुताबिक दो सरकारों के बीच हुए समझौते में कोई भी पक्ष अपने लिए निजी क्षेत्र के सहयोगी का नाम नहीं सुझा सकता. इन राइफलों के संयुक्त उत्पादन के लिए रूस की ओर से साझेदार वही कंपनी होगी, जो एके-४७ सीरीज की राइफलें बनाती है. साझेदार कंपनी चुनने में छूट न मिलने के बाद देश की ऑर्डिनेंस फैक्टरी को संभवतः प्रोडक्शन एजेंसी बनाया जा सकता है. रक्षा मंत्रालय की असल योजना के मुताबिक, ऑर्डिनेंस फैक्टरी को इस प्रोजेक्ट में प्रोडक्शन एजेंसी बनाया जा सकता है. एके-१०३ राइफलें एक-४७ असॉल्ट राइफलों का आधुनिक वर्जन हैं. यह पूरी दुनिया में काफी पसंद की जाती है. एके-४७ राइफलों को उत्पादन दूसरे विश्व युद्ध के खत्म होने के बाद शुरू हुआ था. प्रेवियस आर्टियलब्लैकमेलिंग के खिलाफ कोई भी पत्रकार संगठन कभी नहीं बोला ! नेक्स्ट आर्टियलअभी अभी: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका, इस दिग्गज नेता ने
सहारा ने संपत्ति की बिक्री के लिए बोली समयसीमा बढ़ाकर की २० मई - इंडित्व पैसा नई दिल्ली। समस्या में फंसे सहारा समूह ने अपनी ३० संपत्ति की बिक्री के लिए बोली सीमा २० मई तक के लिए बढ़ा दी है। इसका कारण है कि इन संपत्तियों में रूचि रखने वाली कंपनियों ने संपत्तियों की जांच-पड़ताल के लिए कुछ और समय मांगा है। संभावित खरीददारों में टाटा, गोदरेज और अडाणी जैसे संभावित खरीदार शामिल हैं। यह भी पढ़ें: देश में फोन यूजर्स की संख्या बढ़कर १.१8 अरब हुई, फरवरी में जारी हुए १.३७ करोड़ नए मोबाइल कनेक्शन नाइट फ्रैंक से १३ अप्रैल तक संपत्ति की बिक्री पूरी करने को कहा गया था ताकि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार समयसीमा का पालन हो सके लेकिन संभावित खरीदारों द्वारा समय मांगे जाने से ऐसा नहीं हो पाया। सहारा समूह की ये संपत्ति दिल्ली, पुणे, इंदौरान, लखनऊ, कोयंबटूर, चंडीगढ़, भोपाल, गुना, कोलकाता, हरिद्वार आदि जगहों पर स्थित हैं। यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार ने ङट के डीजल वाहनों पर दिए ऐतिहासिक आदेश का किया विरोध, कहा कानून के प्रावधानों से अलग है आदेश
थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट होम > उत्पादों > थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट (थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट के लिए कुल २४ उत्पादों) थोक चीन से थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट , लेकिन कम कीमत के अग्रणी निर्माताओं के रूप में सस्ते थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट खोजने की आवश्यकता है। बस थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट पर उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों पा कारखाना उत्पादन, आप आप क्या चाहते हैं, बचत शुरू करते हैं और हमारे थोक मेकअप आंखों के छायाएं पैलेट का पता लगाने के बारे में भी राय, आप में सबसे तेजी से उत्तर हम करूँगा कर सकते हैं।
भाजपा कांग्रेस एक है और मिलकर जनता को लूट रही हैं: आप - २४ हिन्दी न्यूज भाजपा कांग्रेस एक है और मिलकर जनता को लूट रही हैं: आप भोपाल- छिन्दवाड़ा प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने अमरवाड़ा, छिन्दवाड़ा शहर जुनारदेव का दौरा किया। अग्रवाल ने इन तीनो क्षेत्र में पदाधिकारियों की कार्यशाला ली और संगठन में चल रही गतिविधियों पर चर्चा की। कार्यशाला में सभी कार्यकर्ताओ ने संगठन पर अपनी बात रखी। कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए अग्रवाल ने कहा कि १ माह में हमे हमारे संगठन को बूथ स्तर लेकर जाना है। जब संगठन बूथ तक होगा तो हम दिल्ली की आम आदमी पार्टी के अच्छे कार्यो को आसानी से जनता बीच ले जा पाएगे अग्रवाल ने कहा भाजपा कांग्रेस एक है और मिलकर जनता को लूट रही हैं। प्रदेश में विपक्ष के सभी मुद्दे आम आदमी पार्टी उठा रही है, चाहे बिजली दर का मुद्दा हो, पानी का या शराब बंदी का। प्रदेश की जनता यह सब देख रही है और प्रदेश में भी दिल्ली की तरह व्यवस्था परिवर्तन होगा। गरीबो के हक़ मार रही है बीजेपी सरकार: आप राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य व प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल छिन्दवाड़ा के दौरे पर है। इस प्रवास का मुख्य मक़सद संगठन की समीक्षा है। यात्रा की शुरुवात अग्रवाल ने चौराई विधानसभा में समीक्षा बैठक से की। बैठक में चौराई विधानसभा के सभी सेक्टर प्रभारी ने भागीदारी की। तत्पश्चात सौसर विधानसभा में उन्होंने संगठन की समीक्षा की और किसानो से मुलाकात की। बैठक के दौरान अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है। मध्य प्रदेश में भी जनता हमे बहुत पसंद करती है और हमारे साथ जुड़ रही है। बस इन्हे जोड़कर हमे संगठन पूरा करना है। संगठन के माध्यम से ही हम दिल्ली में हो रहे जनता हितैषी कार्यो को जनता के बीच पुहँचा पाएगे। अग्रवाल ने कहा बीजेपी सरकार गरीबो का हक़ मार रही है। बीपील कार्ड गरीबो की जगह उनको मिला है जिन्हें इसकी जरूरत नही है। चौराई नगर पालिका में १३ शासकीय कर्मचारी भी बीपील कार्ड धारक पाए गए है। आम आदमी पार्टी गंभीरता से इस मद्दे पर कार्य कर रही है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल कल छिन्दवाड़ा शहर में कार्यकर्ताओ को सम्बोधित करेगे।
हर दिन को महिला दिवस के रूप में मनाया जाए: सूचना एवं प्रसारण मंत्री सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जूबिन ईरानी ने कहा कि वह उत्साह जिससे महिलाएं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन करती हैं, एक दिन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, वरन् इसे पूरे वर्ष मनाया जाना चाहिए. वह ८ मार्च, 201८ को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर यहॉं इंदिरा गॉंधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आई जी एन सी ए) में आयोजित त्रिदिवसीय शक्ति पर्व को संबोधित कर रहीं थी. केंद्रीय मंत्री ने तीन पुस्तकों नामत: रानी लक्ष्मीबाई, रजिया सुल्तान और प्राचीन भारत के स्त्री रत्न का भी इस अवसर पर विमोचन किया. उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई और रजिया सुल्तान पर पुस्तक प्रकाशित करने के लिए प्रकाशन विभाग की सराहना भी की. इन पुस्तकों को एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत् १३ भाषाओं में प्रकाशित किया गया है. रानी लक्ष्मीबाई पर पुस्तक को मराठी, संस्कृत, बंगाली, गुजराती, तेलुगू, तमिल, उर्दू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, मैथिली, अंग्रेजी और उडिय़ा भाषा में प्रकाशित किया गया है, जबकि रजिया सुल्तान पर पुस्तक को मराठी, संस्कृत, बंगाली, गुजराती, तेलुगु, तमिल, उर्दू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड़, मैथिली, असमी और उडिय़ा भाषा में प्रकाशित किया गया है.
अरबों के बजट वाला बच्चों का मरघट स्वास्थ्य सेवाओं के करोड़ों रु. के घोटाले अगर आपको सिर्फ आंकड़े लगते हैं तो इसकी मानवीय कीमत जानने के लिए पूर्वी यूपी आना चाहिए. यहां बच्चे जिस तरह से दम तोड़ रहे हैं और अपाहिज हो रहे हैं, वह भारतीय लोकतंत्र पर काला धब्बा है. बच्चों का श्मशान बने कुशीनगर से लौटकर बता रहे हैं आशीष मिश्र. लखनऊ, २७ नवंबर २०१२, अपडेटेड ०४ दिसंबर २०१२ ०८:३४ इस्ट उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से ८० किमी दूर कुशीनगर का जिला अस्पताल इन्सेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) की रोकथाम के सरकारी दावों की पोल खोलने के लिए काफी है. जून माह में राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग को एक रिपोर्ट भेजकर इन्सेफ्लाइटिस पीडि़त कुशीनगर इलाके के जिला अस्पताल को २४ घंटे स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने का दावा किया. हकीकत यह है कि २४ घंटे चलने वाली इमरजेंसी सेवा के लिए यहां एक भी मेडिकल ऑफिसर तैनात नहीं है. इन्सेफ्लाइटिस रोगियों के लिए अलग से कोई आइसीयू भी नहीं है. गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज का नेहरू अस्पताल शायद देश का इकलौता अस्पताल है, जहां बीते ३४ वर्ष के दौरान ८,३०० बच्चे इन्सेफ्लाइटिस के कारण दम तोड़ चुके हैं. चाचा नेहरू के नाम पर बने अस्पताल में इस साल अब तक ४९० मासूम इस बीमारी से जिंदगी की जंग हार चुके हैं, और सैकड़ों बच्चे अब भी मौत से संघर्ष कर रहे हैं. कुशीनगर के रामपुर गांव से आई ३५ वर्षीया शीला की तीन साल की बेटी प्रीति आइसीयू में वेंटिलेटर की नकली सांसों के सहारे इस बीमारी से लड़ रही है तो इसी बिस्तर पर दो साल का आफरीन भी अचेत पड़ा है. वेंटिलेटर का मॉनिटर बता रहा है कि आफरीन की सांसें ठीक चल रही हैं, लेकिन वह कब तक खुद की सांसों के सहारे जीने लगेगा, डॉक्टर इस बारे में कुछ नहीं बता पा रहे. एक हफ्ते के भीतर यहां १८ बच्चों की मृत्यु हो चुकी है और १०८ बिस्तरों वाले इस वार्ड में भर्ती ९६ बच्चों के परिजन हर वक्त किसी अनहोनी की आशंका के साथ जी रहे हैं. इन्सेफ्लाइटिस पूर्वांचल के जिलों के लिए एक त्रासदी बन चुकी है. गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्घार्थनगर, संत कबीर नगर, बहराइच, लखीमपुर खीरी और गोंडा में हर साल इस बीमारी के कारण सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती है. इस बार भी २० नवंबर तक इन जिलों में कुल मिलाकर दिमागी बुखार से पीडि़त ३,११२ मरीज सामने आ चुके हैं, जिनमें ५१० की मृत्यु हो चुकी है. पिछले सात वर्षों के दौरान इस बीमारी ने २५,००० से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में लिया है और अब तक कुल ४,९०७ के लिए यह जानलेवा साबित हुई है. हालांकि जाड़े का मौसम आते ही बीमारी अपने ढलान पर है, लेकिन भर्ती मरीजों की मौत का सिलसिला अब भी जारी है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. के.पी. कुशवाहा बताते हैं, ''इन्सेफ्लाइटिस बीमारी से पीडि़त ३० से ४0 फीसदी बच्चों की मृत्यु हो जाती है. पूर्वांचल के जिलों में दिमागी बुखार की यह बीमारी १९७८ से हर वर्ष हजारों बच्चों को अपनी चपेट में ले रही थी, लेकिन २००५ में इसके सबसे भयंकर रूप में सामने आने पर केंद्र और राज्य सरकार चेतीं. बीमारी के कारणों पर शोध हुआ तो जापानी इन्सेफ्लाइटिस (जेई) वायरस की पहचान हुई, जो बच्चों की मौत का कारण था. इसके बाद २००६ में ३,५०० करोड़ रु. खर्च करके ६० लाख और चार साल बाद २०१० में ५,५०० करोड़ रु. खर्च करके 7५ लाख बच्चों को जापानी इन्सेफ्लाइटिस से बचाव के टीके लगाए गए. टीकाकरण का असर दिखा और जापानी इन्सेफ्लाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आई. 200५ में जहां जापानी इन्सेफ्लाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या १,१0१ थी, वहीं 20११ में यह १6५ रही और इस वर्ष अब तक १4१ मरीजों को जापानी इन्सेफ्लाइटिस ने अपना शिकार बनाया है. जेई का प्रकोप भले कम हो गया पर दूसरी तरह के वायरस का खतरा बढ़ गया है. वर्ष २००७ से अब तक हर वर्ष दिमागी बुखार से मरने वाले बच्चों की तादाद ५०० का आंकड़ा पार कर रही है और ३,००० से ज्यादा बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं. डॉ. कुशवाहा बताते हैं, ''बीते पांच वर्षों में जेई वायरस का प्रकोप कम हुआ है. अब एंटीरोवायरस बीमारी की वजह बन रहा है. दूषित पेयजल के जरिए बदन में दाखिल होकर दिमाग में सूजन पैदा करने वाले एंटीरोवायरस से बचाव के लिए कोई टीका नहीं है. केवल स्वच्छता से इसे फैलने से रोका जा सकता है, लेकिन इस ओर कोई भी प्रयास नहीं हो रहे हैं. समाजसेवी संस्था पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति के उप-निदेशक फादर सोबिन बताते हैं कि दिमागी बुखार से पीडि़त ज्यादातर मरीज ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं. यहां पर भूगर्भ जल की ऊपरी परत प्रदूषित है. वे कहते हैं, ''गांवों में हैंड पंपों की बोरिंग ८० फुट तक ही गहरी है, जिसे बढ़ाकर कम-से-कम १२० से १५० फुट करना चाहिए. यह बीमारी रोकने में कारगर हो सकता है. बीमारी की रोकथाम के लिए चले सरकारी टीकाकरण अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं. गोरखपुर में 'इन्सेफ्लाइटिस उन्मूलन अभियान के चीफ कैंपेनर और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आर.एन. सिंह कहते हैं, ''जेई टीकाकरण तभी कारगर है, जब एक टीके के ३६५ दिन के भीतर दूसरी डोज भी दी जाए, लेकिन सरकार केवल एक ही डोज से काम चला रही है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के आइसीयू में भर्ती गोविंदपुर, देवरिया निवासी सात वर्षीय आभास के पिता ३० वर्षीय अवधेश राम कहते हैं, ''दो साल पहले मेरे बेटे को जेई का टीका लगने के बावजूद उसे बीमारी हो गई. असल में स्थानीय प्रशासन के पास अभी तक कोई ऐसा आंकड़ा नहीं है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि किन लोगों का टीकाकरण हुआ है. सरकार का दावा है कि दिमागी बुखार पीडि़त जिलों में शत-प्रतिशत लोगों को टीका लगाया गया है. स्वास्थ्य निदेशालय में तैनात एक संयुक्त निदेशक बताते हैं कि विभाग के पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि किन लोगों को टीके लगाए गए थे. इससे इस बात की पड़ताल नहीं हो पा रही कि टीकाकरण कितना प्रभावी साबित हुआ है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो. डी.के. श्रीवास्तव सुझाव देते हैं, ''दिसंबर महीने में शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान में राशन कार्ड या बीपीएल कार्ड में टीका लगाए जाने की जानकारी दर्ज करनी चाहिए. बदकिस्मती से दिमागी बुखार के मरीजों से पटा पड़ा बीआरडी मेडिकल कॉलेज का बाल रोग विभाग भी डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. २००९ में कॉलेज के बाल रोग विभाग में ६ वरिष्ठ शिक्षक, १० सीनियर रेजिडेंट, २० जूनियर रेजिडेंट समेत अन्य सहायक कर्मचारियों के १५९ पद सृजित हुए, लेकिन अभी तक डॉक्टरों के पद भर नहीं पाए हैं. मेडिकल कॉलेज में चार सीनियर रेजिडेंट, चार जूनियर रेजिडेंट और महज एक शिक्षक तैनात है. बाकी पद खाली हैं. इस कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. कुशवाहा बताते हैं कि उक्त पदों पर तैनात लोगों के वेतन के लिए एनआरएचएम से २००९ में ५ करोड़ ८८ लाख रु. मिले थे, जो पिछले वर्ष अप्रैल माह में समाप्त हो गया. इसके बाद वेतन की राशि की अगली किस्त जारी होने में करीब पांच माह का समय लगा और संविदा यानी कांट्रेक्ट पर तैनात सभी शिक्षक मेडिकल कॉलेज छोड़कर चले गए थे. नई तैनाती के लिए प्रयास चल रहा है. कुशवाहा कहते हैं, ''मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में डिप्लोमा की सीटें वर्ष २०१३ में १० से बढ़कर २० हो जाएंगी. इससे डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी. इन्सेफ्लाइटिस से पीडि़त १० जिलों में से गोरखपुर को छोड़कर अन्य किसी जिले में अभी तक वेंटिलेटर युक्त आइसीयू नहीं है. इन जिलों में मौजूद कुल ५३ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रोंसीएचसीमें से आधे में बच्चों के डॉक्टर तैनात नहीं हैं. कुशीनगर के कसया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों के लिए अलग वार्ड तो बना दिया गया, लेकिन इलाज के लिए जरूरी ऑक्सीजन, एम्बुबैग की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण पिछले चार माह के दौरान यहां से ३५० मरीजों को गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की कोर कमेटी के चेयरमैन डॉ. योगेश दुबे कहते हैं, ''इन्सेफ्लाइटिस से हजारों बच्चों की मौत के लिए केंद्र और राज्य, दोनों ही सरकारें जिम्मेदार हैं. पूर्वांचल के लिए अभिशाप बन गए दिमागी बुखार ने अब तक २०,००० बच्चों को जीवन भर की विकलांगता भी दी है. बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती दो वर्षीया पूजा दिमागी बुखार से तो जीत गई, लेकिन बड़ी दिमाग की कोशिकाओं के बड़ी संख्या में नष्ट हो जाने के कारण उसका मस्तिष्क खराब हो चुका है. बिस्तर पर पड़ी पूजा लगातार अपना पैर चला रही है और डॉक्टरों का कहना है कि अब वह जीवनभर ऐसे ही करती रहेगी. ऐसे मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में बना मनोविकास केंद्र औपचारिकता भर है. मानसिक रूप से विकलांग हो चुके बच्चों के लिए यहां एक भी न्यूरोलॉजिस्ट नहीं है. जर्जर भवन में चल रहे इस केंद्र में संविदा पर तैनात डेढ़ दर्जन कर्मचारी कुछ उपकरणों के सहारे विकलांगों के पुनर्वास की कोशिश करते हैं. लेकिन कितनों को अब तक इस केंद्र से लाभ मिला है, इसका कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं है. इसी ब्यौरे को दर्ज करने के लिए यहां के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगाया गया कंप्यूटर अरसे से खराब पड़ा है. पूर्वांचल के १० पीडि़त जिलों के बीच एकमात्र मनोविकास केंद्र होने के बावजूद यहां अधिकतम १५ से २० मरीज ही हर रोज पहुंचते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन कहते हैं, ''हमारी सरकार दिमागी बुखार से पीडि़त जिलों के अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आइसीयू मुहैया कराने की दिशा में प्रयास कर रही है. यहां कम-से-कम १०० वेंटिलेटर लगेंगे. जिन अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है, उसे पूरा किया जा रहा है. प्रदेश के मुख्य सचिव इस बीमारी की रोकथाम पर लगातर नजर रख रहे हैं. हमारी सरकार दिमागी बुखार से हो रही मौतों को हर हाल में रोकेगी. मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने इन्सेफ्लाइटिस प्रभावित जिलों के जिलाधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों को ऐसी व्यवस्था करने को कहा है कि अगले साल इससे कोई मौत न हो. उन्होंने उनकी जिम्मेदारियों को स्पष्ट कर दिया है और यह भी जता दिया है कि इस बीमारी से मौत के मामलों में अधिकारियों को जिम्मेदार माना जाएगा. पाड़ित बच्चों और उनके माता-पिता की परेशानियों से सरकार की नींद खुल जाए तो सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रोकथाम के उपाय करके काफी मासूमों की जिंदगी बचा सकते हैं. दिमागी बुखार से अब तक २५१ की मौत दिमागी बुखार से अबतक २२७ बच्चों की मौत दिमागी बुखार: इस साल भी वही मंजर, वही तबाही दिमागी बुखार से मरने वालों की संख्या ४२ हुई
ब्पा का क्या मतलब है? बोर्डगेम प्लेयर्स एसोसिएशन (बीपीए) एक एसोसिएशन है जो बोर्ड गेम खिलाड़ियों के साझा हितों का समर्थन करने के लिए स्थापित है। बिसफेनोल ए (बीपीए) एक कार्बनिक सिंथेटिक यौगिक है। ब्पा का उपयोग मुख्य रूप से कुछ प्लास्टिक और रेजिन जैसे पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक और एपॉक्सी रेजिन बनाने के लिए किया जाता है। पॉली कार्बोनेट प्लास्टिक का उपयोग अक्सर पानी की बोतल और खाद्य कंटेनर बनाने के लिए किया जाता है। बीपीए को दो फिनोल के साथ एसीटोन (इसलिए नाम में प्रत्यय) के संक्षेपण द्वारा संश्लेषित किया जाता है। बिजनेस प्रोसेस ऑटोमेशन (ब्पा) लागत, संसाधन और निवेश को कम करने के लिए व्यावसायिक गतिविधियों या सेवाओं की प्रौद्योगिकी-सक्षम स्वचालन है। बोनेविले पावर एडमिनिस्ट्रेशन (ब्पा) एक संघीय एजेंसी है जो कोलंबिया नदी पर स्थित बोनविले डैम से बिजली का उत्पादन करने और संयुक्त राज्य में उस शक्ति को संचारित करने के लिए आवश्यक सुविधाओं का निर्माण करने के लिए बनाई गई है। ब्रिटिश पार्किंग एसोसिएशन (ब्पा) एक व्यापार संघ है जो यूनाइटेड किंगडम में पार्किंग और यातायात उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है। बिजनेस प्रोफेशनल्स ऑफ अमेरिका (ब्पा) एक कैरियर और तकनीकी छात्र संगठन है जिसका मुख्यालय कोलंबस, ओहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका में है। ब्लडस्टैन पैटर्न विश्लेषण (ब्पा) फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में एक विशेषता है जिसमें रक्त के अध्ययन और विश्लेषण शामिल हैं जो रक्त बहा घटनाओं से संबंधित अपराध दृश्य के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बांग्लादेश पुलिस अकादमी (ब्पा) एक पुलिस प्रशिक्षण संस्थान है जो सरदा, राजशाही बांग्लादेश में स्थित है। ब्रैडफोर्ड पार्क एवेन्यू (ब्पा) या ब्रैडफोर्ड (पार्क एवेन्यू) एसोसिएशन फुटबॉल क्लब, एक अंग्रेजी फुटबॉल क्लब है जो ब्रैडफोर्ड, वेस्ट यॉर्कशायर, इंग्लैंड, यूनाइटेड किंगडम में स्थित है। इसका नाम ब्रैडफोर्ड में हॉर्टन पार्क एवेन्यू पर क्लब के पुराने स्टेडियम से लिया गया है। ब्रिटिश पैराशूट एसोसिएशन (ब्पा) यूनाइटेड किंगडम में खेल पैराशूटिंग के लिए राष्ट्रीय शासी निकाय है।
समय के साथ बदल गया है आपका पार्टनर, तो उसे इस तरह करें हैंडल अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आपका पार्टनर अब पहले जैसा नहीं रहा तो आप परेशान होने की बजाय इन टिप्स को अपनाएं। बदलाव प्रकृति का नियम है। एक वक्त में बाद हर चीज में बदलाव आता ही है, भले ही वह आपका रिश्ता ही क्यों न हो। अमूमन देखने में आता है कि रिश्ते की शुरूआत में व्यक्ति के मन में अपने पार्टनर को लेकर प्यार व जुनून होता है, लेकिन समय के साथ-साथ वह जुनून भी कम होने लगता है। साथ ही एक वक्त के बाद व्यक्ति की जिम्मेदारियां बढ़ने लगती हैं और वह अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने में इस कदर व्यस्त हो जाता है कि उसका स्वभाव बदलने लगता है और उसे इसका पता ही नहीं चलता। पुरूष को भले ही इस बात का अहसास न हो, लेकिन उनमें आने वाले बदलावों का असर न सिर्फ रिश्ते पर पड़ता है, बल्कि इसके कारण महिला के मन में भी कई तरह की उथल-पुथल होने लगती है। अगर आप भी अपने पार्टनर के बदलते स्वभाव के कारण बैचेन हैं, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। इन आसान उपायों को अपनाकर आप बेहद आसानी से इसे मैनेज कर सकती हैं- अगर आपको अपने पार्टनर में बदलाव नजर आ रहे हैं तो उसके लिए पैनिक न हों। दरअसल, कई बार व्यक्ति अपने कामों में इस कदर उलझ जाता है कि उसका स्वभाव थोड़ा बदल जाता है। यह बिल्कुल सामान्य है और इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं होती। आप इसे सहजता से लें, अगर आप ऐसा करेंगी तो इससे आपके रिश्ते पर असर नहीं पड़ेगा। अपने पार्टनर के व्यवहार को लेकर परेशान होने या झगड़ा करने से पहले आप खुद से भी सवाल करें और पूछे कि क्या आपका स्वभाव भी अब पहले जैसा ही है। क्या अब भी आप अपने पार्टनर के साथ वैसा ही व्यवहार करती हैं, जैसा पहले किया करती थीं। यकीनन आपको जवाब ना में ही मिलेगा, जिस तरह समय बीतने और जिम्मेदारियों के बढ़ने के बाद आपका स्वभाव बदल गया है, उसी तरह आपके पार्टनर के व्यवहार में परिवर्तन आना स्वाभाविक है। अगर आपको लग रहा है कि आपके पार्टनर के स्वभाव में परिवर्तन के पीछे कोई परेशानी है। मसलन, अगर आपके पार्टनर के चेहरे पर आपको चिंता नजर आती है, उनके खाना खाने का तरीका भी बदल गया है और वह ज्यादातर चुप-चुप रहते हैं तो इसका अर्थ है कि वह मन ही मन किसी बात को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में आप उनसे बात जरूर करें और यह जानने का प्रयास करें कि किस बात की वजह से उनका स्वभाव बदला है। जब आपको कारण पता चल जाए तो आप अपनी परेशानी जरूर साझा करें। जीवन जब एक ही ढर्रे पर चलने लगता है तो उसमें एक बोरियत छा जाती है और इस बोरियत का असर आपके स्वभाव पर भी पड़ता है। ऐसे में अपने रिश्ते में नयापन लाने के लिए आपको ही कुछ कदम उठाने होंगे। जैसे आप अपने पार्टनर के लिए सरप्राइज डिनर डेट या वेकेशन प्लान कर सकती हैं। जब आप दोनों को अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी से छुट्टी मिलेगी तो आपको अपने रिश्ते को रिजुविनेट करने का मौका मिलेगा। इसे भी पढ़ें: बिजी लाइफ में अपने रिश्ते के लिए समय निकालने के लिए अपनाएं यह आसान उपाय कई बार पार्टनर का बदलता स्वभाव आपके रिश्ते के लिए खतरे की घंटी हो सकता है और आपको समय रहते ही इस दस्तक को सुन लेना चाहिए। जैसे अगर आपके पार्टनर का व्यवहार एकदम से काफी बदल गया हो और वह आपसे बातें छिपाने लगें या फिर अपने फोन में लॉक रखें। आपसे छिपकर दूसरों से बात करें। इस तरह के बदलते व्यवहार को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और अपने पार्टनर से इस बारे में साफ-साफ बात करें।
- पंचायतों के लिए युवा कांग्रेसियों ने छेड़ा अभियान, कथुआ न्यूज इन हिन्दी -अमर उजाला बेहतर अनुभव के लिए अपनी सेटिंग्स में जाकर हाई मोड चुनें। कथुआ पंचायतों के लिए युवा कांग्रेसियों ने छेड़ा अभियान कठुआ। पंचायतों को अधिकार दिलाने के उद्देश्य से शुरू की गई मुहिम का शनिवार को जोरदार आगाज हो गया। युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने कठुआ जिले में तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपकर पंचायती राज अधिनियम से संबंधित संशोधन को जम्मू कश्मीर में लागू करने की मांग उठाई। इससे पूर्व युवा कांग्रेसियाें के पदाधिकारियों का समूह शहीद भगत सिंह पार्क में एकत्रित हुआ और जुलूस की शक्ल में जिला उपायुक्त कार्यालय तक नारेबाजी करते हुए गुजरा। जुलूस का नेतृत्व कर रहे युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रदेश युवा कांग्रेस प्रभारी चेतन चौहान समेत अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि ७३वें और ७४वें संशोधन को लागू किए बिना जम्मू कश्मीर में सत्ता विकेंद्रीकरण का लक्ष्य अधूरा है। राज्य में सफलतापूर्वक पंचायतों के चुनाव करवाए गए लेकिन उन्हें अधिकारियों से वंचित रखकर चुनाव की महत्ता को चरितार्थ नहीं किया गया। रियासत में न तो ग्राम सभाओं के जरिये पारदर्शिता बहाल हो पा रही है और ना ही पंचायती अदालतों का गठन किया जा सका है। विधानसभा का कार्यकाल छह वर्ष का है, लेकिन पंचायतों को पांच वर्ष का कार्यकाल दिया गया है। पंचायती नुमाइंदों को अभी तक मानदेय की सुविधा भी नहीं दी गई है। जिला उपायुक्त को ज्ञापन देने से पूर्व युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने पार्टी और पंचायती अधिकारों के समर्थन में नारेबाजी भी की। इस अवसर पर विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष पंकज शर्मा ने कहा कि ज्ञापन सौंपने के लिए कठुआ से आगाज किया गया है। इसी तरह से पच्चीस अगस्त तक जिला व तहसील स्तर पर ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इस अवसर पर युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शहनवाज चौधरी, संसदीय क्षेत्र अध्यक्ष पंकज बसोत्रा, संसदीय क्षेत्र के महासचिव परमजीत सिंह, अजातशत्रु, संसदीय क्षेत्र उपाध्यक्ष प्रणव शगोत्रा, विधानसभा क्षेत्र उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार, महासचिव विकास शर्मा समेत कुछ पंचायती नुमाइंदे भी शामिल थे। कैसा लगा
मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ी, बदली होने की चर्चा की संभावना: गोवा के डिप्टी स्पीकर - विस डेली मनोहर पर्रिकर की तबीयत बिगड़ी, बदली होने की चर्चा की संभावना: गोवा के डिप्टी स्पीकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने रविवार को कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत खराब हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के स्थान पर चयन करेंगे। बैठक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने रविवार को कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की तबीयत खराब हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोहर पर्रिकर के स्थान पर चयन करेंगे। बैठक सुबह १०.३० बजे से शुरू होनी है। माइकल लोबो ने कहा कि भाजपा ने फैसला किया है कि अगले मुख्यमंत्री को विधायकों में से चुना जाना चाहिए। माइकल लोबो ने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी ने शनिवार को एक बैठक में मनोहर पर्रिकर के प्रतिस्थापन पर चर्चा की। "उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है। वरिष्ठ नेता आज आ रहे हैं। वे सहयोगी दलों गोवा फॉरवर्ड पार्टी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ चर्चा करेंगे। पार्टी के भीतर से किसी का चयन किया जाएगा। पार्टी ने फैसला किया है कि इसे विधायकों में से एक होना चाहिए," माइकल लोबो। उन्होंने कहा कि भाजपा गोवा में अपने सहयोगियों को मनाने की कोशिश करेगी। डिप्टी स्पीकर ने शनिवार को कहा था कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की जांच कर रहे डॉक्टर कह नहीं रहे हैं कि वह ठीक हो जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि जब तक पर्रिकर, जो उन्नत अग्नाशय के कैंसर से पीड़ित हैं, जीवित हैं, तब तक भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा। आज, हालांकि, उन्होंने कहा कि पर्रिकर की बीमारी को देखते हुए मुख्यमंत्री को प्रतिस्थापित किया जा सकता है।
सूरत जिला एसओजी और कडोदरा पुलिस ने संयुक्त छापेमारी बारडोली. सूरत जिला एसओजी और कडोदरा पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर वरेली गांव की एक बिल्डिंग से दो किलो गांजा के साथ तीन जनों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में रमेश ने यह गांजा सुरेश से मंगवाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने सुरेश को वांछित घोषित किया। जानकारी के अनुसार सूरत जिला के पलसाना तहसील में वरेली गांव के शांतिनगर निवासी फूलचंद राजमणी पांडे के बिल्डिंग के रूम नंबर ६ में गांजे का जत्था होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद सूरत जिला एसओजी और कडोदरा पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर मौके से वरेली के शांति नगर निवासी और मूल झारखंड के नंदलाल देवेंद्र महंतो (२८), मूल उत्तर प्रदेश निवासी अखिलेश उर्फ मुन्ना राजेंद्रप्रसाद भारती (२५) और मूल एमपी निवासी प्रभु बाबूलाल राजपूत (२७) को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से २.१०० किलो गांजा बरामद किया। इसकी कीमत रु 1२ हजार ६०० बताई गई। पुलिस ने उनके पास से चार मोबाइल फोन, नकद १९० रुपया समेत करीब २0 हजार रुपए का सामान जब्त किया। पूछताछ में रमेश ने यह गांजा सुरेश से मंगवाने की बात कही, जिसके बाद पुलिस ने सुरेश को वांछित घोषित किया। मोता गांव में शुक्रवार से गणेश कथा तहसील के मोता गांव स्थित देवनारायण धाम में कथाकार प्रफुल शुक्ल के तत्वावधान में शुक्रवार से गणेश कथा शुरू होगी। यह कथाकार शुक्ल की ७५०वीं कथा है। २० सितंबर तक चलने वाले आयोजन में दोपहर २ से ५ बजे तक कथा वाचन होगा। कथा के आयोजक ताराचंद बापू ने बताया कि श्रीनिवास मणिशंकर बोहरा के हाथों दीप प्रज्वलन के साथ कथा शुरू होगी। कथा से पहले प्रतिदिन सुबह ११ बजे १०८ लड्डू से अथर्वशीश गणेश याग किया जाएगा। यह पहला मौका है जब गांव में गणेश कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर सूरत के आईआरएस घनश्याम सोनी, आईटी ऑफिसर मीनाक्षी द्विवेदी, कनू टेलर पद्मश्री समेत दक्षिण गुजरात के अन्य अग्रणी उपस्थित रहेंगे। धूमधाम से आज विराजेंगे गणपति बप्पा
इसीस ने ली लंदन में ब्रिटिश संसद पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी, आठ लोग गिरफ्तार सुदर्शन न्यूज इसीस ने ली लंदन में ब्रिटिश संसद पर आतंकी हमले की जिम्मेदारी, आठ लोग गिरफ्तार लंदन : ब्रिटेन की राजधानी लंदन में संसद परिसर के बाहर हुए आतंकी हमले में बाद सुरक्षा बलों ने बर्मिंगम शहर में छापेमारी मार कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएसआईएस ने ली है। आतंकी संगठन ने दावा किया है कि खलीफा के सिपाही ने ब्रिटिश संसद पर हमले को अंजाम दिया। ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे ने कहा कि हमलावर का जन्म ब्रिटेन में हुआ था। कुछ वर्ष पहले उस शख्स का झुकाव आतंकवाद की तरफ था। बता दें कि इस आंतकी हमले में पांच लोगों की मौत हो गई और ४० लोग घायल हो गए। आतंकवाद निरोधी प्रमुख मार्क रॉले ने कहा कि पीड़ित अलग-अलग देशों से हैं। उन्होंने कहा कि घायलों में सात लोग अब भी हॉस्पिटल में हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। इसके आगे उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने दुकानों की एक क़तार के ऊपर दूसरी मंजिल के एक फ्लैट में धावा बोला था। जिसके बाद इस लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस छापेमारी का संबंध लंदन में हुए आतंकी हमले से हैं। बता दें कि हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इमारत को बंद कर दिया गया है और एक आतंकी को भी मार गिराया है। बताया जा रहा है कि जिस समय संसद के बाहर हमला हा उस समय संसद की कार्यवाही चल रही थी, जिसे स्थगित कर दिया गया। राजनेताओं, पत्रकारों और आगंतुकों को लगभग पाँच घंटे तक संसद से बाहर नहीं जाने दिया गया। संसद से लेकर पास की वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च से सैकड़ों लोगों को सुरक्षित दूसरी जगहों पर ले जाया गया। हमले के बाद वेस्टमिंस्टर अंडरग्राउंड स्टेशन को भी बंद कर दिया गया है। लंदन के मेयर ने कहा कि आनेवाले कुछ दिनों में लंदन की सड़कों पर हथियारबंद और बिना हथियार वाले पुलिसकर्मियों की गश्त बढ़ा दी जाएगी। बुधवार को एक ने संसद के पास टेम्स नदी पर बने पुल वेस्टिमिंस्टर ब्रिज पर तेजी से कार दौड़ा दी और लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में कम-से-कम दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। इसके बाद यह कार संसद के बाहर की रेलिंग से जा भिड़ी। इसके बाद हमलावर ने चाकू लेकर संसद परिसर में घुसने कोशिश की तो एक पुलिसकर्मी ने उसे रोका। हमलावर ने उसे भी चाकू मार दिया जिससे उस पुलिसकर्मी की मौत हो गई। उस पुलिसकर्मी के पास कोई हथियार नहीं था। इसके बाद दूसरे पुलिसकर्मियों ने उस हमलावर को गोली मार दी। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने कहा कि उनका देश ऐसे हमलों से डरने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंक के आगे ब्रिटेन कभी नहीं झुकेगा। हमले के बाद हुई आपात बैठक के बाद दिए अपने बयान में उन्होंने कहा कि ये (लंदन) महान शहर रोज की तरह जागेगा। लंदन के लोग हमेशा की तरह बस और ट्रेनों में सफर करेंगे। प्रधानमंत्री मे ने हमले में मारे गए लोगों के परिवारवालों के लिए प्रार्थना की और पुलिस व इमरजेंसी सर्विस को श्रद्धांजलि दी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर ट्वीट कर इस हमले की निंदा की है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि वह इस हमले से बेहद दुखी है। हमले के शिकार लोगों के लिए संवेदना जताते हुए उन्होंने कहा कि हम उनके व उनके परिवार के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत ब्रिटिश सरकार के साथ खड़ा है। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने भी कहा कि इस हमले में किसी भारतीय के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। मैं लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के लगातार संपर्क में हूं। बैंक से कर्ज नहीं मिलने पर मुस्लिम छात्रा ने पीएम को लिखा खत, लगाई मदद की गुहार आज सुदर्शन न्यूज़ चैनल में २३ मार्च शहीदी दिवस पर शहीदों को याद किया गया |
जंगल में लगी भीषण आग, महत्त्वपूर्ण जड़ी बूटियाँ जली - अखंड भारत न्यूज होम उत्तर प्रदेश झाँसी जंगल में लगी भीषण आग, महत्त्वपूर्ण जड़ी बूटियाँ जली जंगल में लगी भीषण आग, महत्त्वपूर्ण जड़ी बूटियाँ जली जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर लगभग २ बजे मन्दिर परिसर मे बगल मे खेतीहर भूमि पर लगे बृक्षों मे अचानक आग लग गयी। जिससे आस पास के किसान एकत्र हो गये तथा आग पर काबू पाने के लिए प्रयास किया। लेकिन आग की पलटे इतनी भयानक थी कि आग पर काबू पाना मुश्किल हो गया। मन्दिर के महन्त सोमेश्वरा नन्द महाराज ने घटना की सूचना केातवाली पुलिस सहित स्थानीय प्रशासन को दी। दो धण्टे बाद मौके पर पहुॅची दमकल टीम ने आग पर काबू पाते जब तक सैकडों वृक्ष आग की चपेट मे आकर जलकर नष्ट हो गये ।तथा खेत मे रखा भूषा भी जलकर खाक हो गया। तथा जडी बूटियाॅ भी जल गयी। वहीं दोपहर बडाबाजार स्थित नायक देवढी के समीप दो दिन पूर्व बदली गयी विधुत केविल मे अचानक आग लग जाने से दुकानदारों मे हडकम्प मच गया। तथा राहगीरो को आवागमन मे परेशानी हुयी। किसी तरह दुकान दारो ने आग पर पानी की मदद से काबू पाया। नोट- जंगल मे लगी आग की फोटों ५मेल पर प्रेवियस आर्टियलसफाई कर्मियों के साथ बीडीओ ने की अभद्रता नेक्स्ट आर्टियलयोगी के फरमान को पलीता लगा रहे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी
इरा ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें पापा आमिर खान क्रिसमस के मौके पर उन्हें कुछ गिफ्ट देते नजर आ रहे हैं. मुंबई: बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की बेटी इरा खान (ईरा खान) ने अपने बचपन की कुछ तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें वे पासा आमिर के साथ नजर आ रही हैं. तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये क्रिसमस का समय रहा होगा. इरना इन तस्वीरों में काफी क्यूट लग रही हैं. बता दें कि इरा ने अभी तक बतौर एक्ट्रेस बॉलीवुड में एंट्री नहीं की है लेकिन हाल ही में आईं उनकी कुछ तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री कर लेंगी. अलसो रेड - अपनी फोटोज की वजह से एक बार फिर ट्रोल हुई इरा खान, ट्रोलर्स ने कहा- 'पापा से थोड़ा पैसा लेकर टचअप करवा लो' इरा ने जो तस्वीरें शेयर की हैं उनमें पापा आमिर खान क्रिसमस के मौके पर उन्हें कुछ गिफ्ट देते नजर आ रहे हैं. इरा ने तस्वीर शेयर करते हुए लिखा- संता हेल्पेरी एवन हवे थे इयर्स फॉर इट! अलसो रेड - सरफरोश, थ्री इडियट्स से लेकर दंगल तक, ये हैं आमिर खान की १० वो फ़िल्में जिन्होंने सोचने को किया मजबूर अलसो रेड - हैप्पी बीर्थदय: मात्र ११ साल की उम्र से फिल्मों में काम करने वाले आमिर खान को इस फिल्म से मिली थी बॉलीवुड में पहचान बता दें कि बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की बेटी इरा खान ने हाल ही अपना एक बोल्ड फोटोशूट करवाया, जिसकी एक तस्वीर फिलहाल इंटरनेट पर छाई हुई हैं. इरा ने इंस्टाग्राम पर अपनी ये तस्वीरें साझा कीं, जिनमें उन्हें पर्पल कलर के बैकलेस हाई स्लिट गाउन में देखा जा सकता है. हालांकि आमिर को भी अपनी बेटी इरा खान पर बेहद गर्व है जिन्होंने हाल ही में अपने थिएटर प्रोडक्शन यूरिपिडिस मेडिया के साथ निर्देशन के क्षेत्र में डेब्यू किया. आमिर ने इंस्टाग्राम पर अपनी बेटी के लिए लिखा था, इरा मुझे तुम पर गर्व है. यूरिपिडिस मेडिया सबसे लोकप्रिय ग्रीक त्रासदी में से एक है जिसमें आमिर के बेटे जुनैद खान और अभिनेत्री हेजल कीच सहित कई और कलाकार भी हैं. ए.आर. रहमान नहीं चाहते हैं नए कलाकारों के साथ काम करना, जानिए क्या है वजह
जम्मू-कश्मीर: बीजेपी- पीडीपी गंठबंधन में मतभेद - थे शियासत डेली जम्मू-कश्मीर: बीजेपी- पीडीपी गंठबंधन में मतभेद श्रीनगर। विचारधारा के स्तर पर विरोधी के सहयोग से गठबंधन सरकार चलाना एक कला है और इसे सफलतापूर्वक चलाना जादू है। आज के जो हालात हैं, उनमें ऐसा लग रहा है कि जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जादूगर नहीं हैं। जम्मू एवं कश्मीर विधानमंडल के दोनों सदनों का अभूतपूर्व हंगामे के बीच निर्धारित समय से छह दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होना भले ही विपक्ष के हंगामे का नतीजा लगे, लेकिन इसकी मूल वजह महबूबा की कश्मीर केंद्रित पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और इसकी सहयोगी जम्मू केंद्रित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच के विचारधारात्मक मतभेद हैं। अच्छे से तैयार किए गए एक बयान में महबूबा ने विधानसभा में कहा कि संविधान की धारा ३७० और ३५ को निशाना बनाना कश्मीरियत के नाम से मशहूर राज्य की धर्मनिरपेक्ष और बहुलवादी संस्कृति की जड़ों को काटने के समान है। इसीलिए धारा ३७० पर कोई भी हमला राष्ट्र विरोधी है। ताज्जुब है कि भाजपा के खेमे से किसी ने इसका विरोध नहीं किया। यह बयान सोमवार को दिया गया। मंगलवार को जब विधानसभा की कार्यवाही हुई तब निर्दलीय विधायक पवन गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता से सदन की कार्यवाही से राष्ट्र विरोधी शब्द को निकालने का आग्रह किया। अब भाजपा सदस्यों ने इस मांग का समर्थन किया। गुप्ता ने कहा कि वह पहले कार्यवाही का रिकार्ड देखेंगे। विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान को निकालने की मांग उनकी ही गठबंधन सहयोगी (भाजपा) द्वारा करना उनमें अविश्वास जताने के समान है और मुख्यमंत्री को इस पर सदन में सफाई देनी चाहिए। सदन को स्थगित कर दिया गया। बुधवार को कार्यवाही शुरू होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने रिकार्ड देखा है और मुख्यमंत्री के भाषण में ऐसा कुछ भी नहीं पाया है जिसे निकालने की जरूरत है। इसके बाद ऐसा हंगामा हुआ, जैसा राज्य विधानसभा में कभी देखा नहीं गया। माइक उखाड़ लिए गए, एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकी गईं, वरिष्ठ नेताओं तक के साथ मारपीट की नौबत आई। दो मार्शल घायल हो गए। कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई। महबूबा ने मंगलवार और बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया। पीडीपी ने कहा कि अध्यक्ष के स्पष्टीकरण के बाद मुख्यमंत्री को कोई बयान देने की जरूरत नहीं है। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस टिप्पणी पर बहस के दौरान महबूबा ने यह साफ कर दिया कि वह अपने बयान के हर शब्द पर कायम हैं। भाजपा के साथ पीडीपी के गठबंधन के समय महबूबा के पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा था कि यह उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव का मिलन है। उन्होंने कहा था कि यह गठबंधन राज्य के हर हिस्से के विकास के लिए किया गया है। इसीलिए भाजपा, जो धारा ३७० का खात्मा चाहती है और पीडीपी जो स्वशासन चाहती है, दोनों ने अपने मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया। महबूबा के लिए इस गठबंधन को बनाए रखना आसान नहीं है। उनके पास वह अनुभव और धैर्य नहीं है जो उनके पिता में था और जिसकी जरूरत उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव जैसे दो एक-दूसरे से विचारधारात्मक रूप से उलट नेतृत्व को होती है।
राम रहीम की 'विषकन्याओं' का खुला राज! राम रहीम के आदेश पर करती थीं ये चौंकाने वाला काम.. - र्न टाइम्स हिन्दी होम अपराध राम रहीम की विषकन्याओं का खुला राज! राम रहीम के आदेश पर... राम रहीम की विषकन्याओं का खुला राज! राम रहीम के आदेश पर करती थीं ये चौंकाने वाला काम.. १३ अगस्त, २०१७ दो साध्वियों से रेप के जुर्म में २० साल की सजा भुगत रहे गुरमीत राम रहीम की विषकन्याओं पर एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. क्रूर तानाशाह की तरह डेरे में अपनी सल्तनत चलाने वाले राम रहीम ने विष कन्याओं का दल भी बना रखा था जिसका कनेक्शन गुफा स्थित उसके शयन कक्ष से जुड़ा था. गुफा में ऐशो-आराम का हर सामान होने का खुलासा पहले ही हो चुका है. ख़बरों के मुताबिक डेरे में राम रहीम की विष कन्याओं का एक ग्रुप था. इस ग्रुप की महिलाओं का काम था डेरे की सुंदर लड़कियों को अपने झांसे में लेकर राम रहीम की गुफा तक पहुंचाना. ये विष कन्या राम रहीम की बेहद खास थीं और पहले खुद भी इस सब से गुजर चुकी होती थीं. विष कन्याओं के इस दल में वो महिलाएं शामिल थीं जो खुद कभी ना कभी गुरमीत की गुफा के जाल में फंस चुकी थीं. उम्रदराज होने के बाद उन्हें गुरमीत की हर सुख सुविधा का ध्यान रखने के काम पर लगा दिया जाता था. विष कन्याओं के दल में उन्हीं महिलाओं को शामिल किया जाता था जिन पर गुरमीत को पूरा भरोसा होता था. ये विष कन्याए अलग-अलग तरीकों से लड़कियों को बहकाती थीं. कहती थीं कि बाबा ने उनको अपना सबसे खास शिष्य मानाकर आशीर्वाद देने के लिए बुलाया है. विष कन्याएं मासूम लड़कियों से कहती थीं कि बाबा ने उनको पवित्र करने और आशीर्वाद देने के लिए अपने पास गुफा में बुलाया है. किसी साध्वी के मुंह से गलती से भी डेरे या गुरमीत के खिलाफ कोई शब्द निकल जाता तो उसे ऐसी यातना दी जाती थी कि जिसे वो कभी ना भूल सके. साध्वियों को आपस में बात करने की भी इजाजत नहीं दी जाती थी. ये विष कन्याएं हीं इस बात पर भी नजर रखती थीं कि डेरे की कोई भी लड़की राम रहीम के खिलाफ बात ना करे. जिसको ऐसा करते देख लिया जाता था उसको २४ घंटे तक बिना खाना-पानी के रखा जाता था. जो लड़कियां फिर भी नहीं मानती थीं उनको मन सुधार कमरे में लेकर जाया जाता था. वहां उनको कुर्सियों से बांध दिया जाता था और पीटा जाता था. विषकन्याएं जिन साध्वियों को गुफा में तैनाती के लायक नहीं समझती थीं, उनसे दिन रात डेरे में खाना बनाने, साफ सफाई, मंच की साज सज्जा समेत तमाम काम कराए जाते थे. वहीं सुंदर और पढ़ी-लिखी लड़कियों को गुफा की सेवा के अलावा स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती थी. गुरदास सिंह का राम रहीम जैसे दरिंदे को सजा दिलाने में नाम के शख्स का अहम रोल है. वह सीबीआई के गवाह थे. उन्होंने बताया कि उन विष कन्याओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कुछ विष कन्याएं कथित तौर पर अभी डेरे में मौजूद हैं. उनमें से एक तो प्रेग्नेंट हो जाने वाली साध्वियों का गर्भपात करवाती थी. सोचने वाली बात यह है कि सीबीआई की चार्जशीट में जिक्र होने के बाद भी इन विषकन्याओं के खिलाफ ना तो अब तक कोई केस दर्ज हुआ है और ना ही उनकी धरपकड़ के लिए कोई कोशिश. ये जानते हुए भी कि ये विषकन्याएं गुरमीत के गुनाहों में भागीदार रही है. राम रहीम के पकडे जाने के बाद एक-एक करके सारे राज खुल रहे हैं. प्रेवियस आर्टियलवीडियो: ऑस्ट्रेलिया में हिन्दुओं के देवी-देवताओं का हुआ अपमान! इसके बाद हिन्दुओं में जबरदस्त आक्रोश नेक्स्ट आर्टियलमोदी सरकार की बड़ी जीत! अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को दे डाला ये बड़ा झटका, सदमे में दाऊद
आज पूरे देश में पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर हैं। यानी तेल के दामों में आज कोई बदलाव नहीं है। पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार घट रहे हैं या फिर स्थिर हैं। पिछले ४ दिन से डीजल के दाम स्थिर हैं और पेट्रोल के दाम भी पिछले ३ दिन से स्थिर हैं। तेल की कीमतों में लगातार नरमी आ रही है। इससे महंगाई भी नियंत्रण में रहने की उम्मीद जताई जा रही है। चेक करें अपने शहर में आज का रेट! गुरुवार यानी आज ७ नवंबर को दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है। दिल्ली में पिछले ३ दिनों से पेट्रोल के दाम स्थिर हैं। पेट्रोल की कीमत ७2.६० रुपये प्रति लीटर है। जबकि डीजल के दाम पिछले ४ दिन से स्थिर हैं। डीजल की कीमत ६५.७5 रुपये प्रति लीटर है। मुंबई में भी पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं। पेट्रोल की कीमत ७८.२८ रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत ६८.९६ रुपये प्रति लीटर है। यानी कल के भाव से ही तेल की बिक्री हो रही है। ऐसे ही कोलकाता में भी पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं है। पेट्रोल के दाम ७५.३२ रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम बिना कोई बदलाव के ६८.१६ रुपये प्रति लीटर है। इसी तरह चेन्नई में भी पेट्रोल ७५.४५ रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम ६९.५० रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है। यानी यहां भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं है।
कहानी / नायं हन्ति न हन्यते ! / राहुल देव | रचनाकार नायं हन्ति न हन्यते ! मत्स्यगंधा एक्सप्रेस खेत-खलिहानों, नदी-नालों को पार करती तेजी से आगे बढ़ती जा रही थी। इसी ट्रेन के द्वितीय श्रेणी ... मत्स्यगंधा एक्सप्रेस खेत-खलिहानों, नदी-नालों को पार करती तेजी से आगे बढ़ती जा रही थी। इसी ट्रेन के द्वितीय श्रेणी शयनयान के डिब्बे में अपनी बर्थ पर लेटा हुआ अमित सोच रहा था- छोटे से शहर महादेवपुरम में उसका बचपन बीता। पिता का ट्रान्सफर हो गया और वे दिल्ली आ गए। कुछ वर्षों के लिए सबकुछ छूट सा गया। हमेशा याद आई उनकी, इतने वर्ष बीत गए। क्या कर सकता है वह अपने गुरूजी के लिए, अपने जीवन आदर्श के लिए ? मिल पाउँगा उनसे, कैसे मिलूँगा, क्या कहूँगा ! ऐसे तमाम सवाल अमित के मस्तिष्क में उमड़-घुमड़ रहे थे। मास्टर जी का तेजस्वी चेहरा उसके मस्तिष्क के सामने आ रहा था, धुंधलका हट रहा था.... हमारे शिक्षक श्री सत्य प्रकाश जी, यथा नाम तथा गुण। बड़े ही अच्छे अध्यापक और वो भी हिंदी के। कोचिंग चलाते थे वे। प्रधानाचार्य थे वे एक छोटे से कोचिंग संस्थान के। स्वच्छन्द, बड़े ही अनुशासन प्रिय, सरल एवं प्रभावी व्यक्तित्व। लड़कों की पहली पसंद। वे जब भी पढ़ाते तो हमें ऐसा प्रतीत होता जैसे उनके पीछे कोई शक्ति पड़ी हो। कभी-कभी जोर-जोर से चिल्लाने लगते तो कभी इतना धीरे बोलते कि लड़के कूपमंडूक सुना ही करते। सत्य प्रकाश जी हिंदी साहित्य में निष्णात, कवि हृदय पुरुष थे। साहित्यानुराग उनके अन्य गुणों के साथ बोनस की तरह जुड़ा हुआ था। उन्हें अपने विषय पर गहरी पकड़ थी सो बगैर किताब के ही उनका लेक्चर शुरू हो जाता। छोटे से छोटे टॉपिक पर भी घंटों बोला करते। घंटी तो उन्हें सुनाई ही न पड़ती थी। जब बच्चे यह कहते कि गुरूजी कुछ प्रश्न-उत्तर, व्याख्या, जीवनी लिखवा दीजिये तो वे कहते- लिखा तो किताब में है ही, उसे ही पढ़ो। कक्षा में मैं जो बोलूं उसे ध्यान से सुनो। पुराने जमाने में जब किताबें नहीं थी तब मौखिक ही शिक्षण होता था और शुरू हो जाता उनका उपदेश। अब लड़के ठहरे हाईस्कूल/इन्टर स्तर की निचली कक्षाओं के और वो भी ग्रामीण बच्चे। कहाँ से समझ पाते इतनी गहराई की बातें। मेहनत व्यर्थ जाती उनकी लेकिन जी न चुराते पढ़ाने से। शायद इसीलिए संस्थान का रिजल्ट कभी इतना बढ़िया नहीं रहा। उनका शिक्षण सिर्फ पढ़ा देने या अंक दिला कर पास करा देने तक ही सीमित नहीं था। उनका शिक्षण बहुआयामी था। सभी लड़के-लड़कियां उनका बहुत सम्मान करते थे। वे भी उन्हें अपने बच्चों समान मानते थे। सत्य प्रकाश जी आर्थिक दृष्टि से थोड़ा विपन्न थे। वे पुरुषार्थ के बाकी तीन अवयवों का तो बखूबी पालन करने में तत्पर रहे परन्तु एक अवयव यानी की अर्थ से वे विलग ही रहे। उन्होंने कभी अपने या अपने परिवार के लिए धन इकट्ठा नहीं किया। शाहखर्च थे वे। जेब में पैसे हों तो क्या कहने, न हों तब भी कोई गम नहीं। जब लोग उनसे इस बारे में कहते तो वे सुनी सुनाई एक लाइन से सबको निरुत्तर कर देते वे कहते, पूत कपूत तो क्या धन संचे पूत सपूत तो क्या धन संचे। लोगों ने उन्हें मास्टर मस्तराम की संज्ञा दे दी थी। उन पर यह कहावत एकदम सटीक बैठती थी, मस्तराम मस्ती में आग लगे बस्ती में। कोचिंग में लड़कों ने सभी शिक्षकों के कुछ न कुछ नाम रख दिए थे। भौतिकी विषय के शिक्षक काफी मोटे थे उनका नाम गैंडास्वामी रखा गया, केमिस्ट्री के अध्यापक महोदय हमेशा अजीब से शकल लिए रहते थे मानो प्रेशर आया हुआ हो इसलिए उनका नामकरण हुआ- हगासा, कॉमर्स के टीचर क्लास में अक्सर हाथ उठा-उठाकर, ताली बजा बजाकर पढ़ाया करते थे उनका नाम रख गया- किन्नर, बायो के अध्यापक की शकल व बालों की स्टाइल फ़िल्मी हीरो शाहरुख़ खान से मिलती-जुलती थी इसलिए उनका नाम पड़ गया शाहरुख़ खान, गणित विषय के अध्यापक महोदय के चेहरे व शरीर पर सफ़ेद दाग थे सो उनका नाम दिया गया- सफेदा, कंप्यूटर के शिक्षक नाटे कद के थे इसलिए उनका नाम छोटू रखा गया। सभी अध्यापकों के पीठ पीछे हम उन्हें इन्हीं नामों से बुलाया करते। सचमुच वह भी क्या खूब मजे के दिन थे। इन सब बातों से दूर सत्यप्रकाश जी अन्य अध्यापकों से एकदम अलग थे वे लड़कों से कभी खुद ही पूछते- आज पढ़ने की इच्छा नहीं है क्या ! तो वो कभी चाय पिलवाते तो कभी नाश्ता करवाते। कोचिंग के अन्य शिक्षणगण विस्मित होते उनके व्यवहार से। वे छात्र एवं अध्यापक के संबंधों की गरिमा को अच्छी तरह से समझते थे। वे मनोवैज्ञानिक ढंग से बच्चों को डील करते थे। विश्राम करने के लिए सत्य प्रकाश जी कभी-कभी ऑफिस में ही ऊँघ लेते। कोई देखे तो यही कहे शायद देर रात तक जगते हैं। मगर ऐसा कुछ भी नहीं था। ये तो आदत थी उनकी। अब कुर्सी की पीड़ा को कौन झेले तो वही कोचिंग के ऑफिस में एक तखत भी डलवा लिया। जैसे ही थोड़ी फुर्सत/मौका मिलता तो वे उसी तखत पर पसर जाते। कभी-कभी सभी लोग चले जाते और वे छुट्टी के बाद भी घोड़े बेच कर सोया ही करते जब तक घर से उनका लड़का उन्हें बुलाने न आ जाये। वे कर्मयोगी थे। एक दार्शनिकता सी थी उनके जीवन में। प्रबंधक सहित सभी शिक्षक सोचते थे जब ये दिनभर एक दो पीरियड पढ़ाने के अलावा सोया ही करते हैं तो आखिर सभी रजिस्टर, फाइलें, फीस इंट्री, आय-व्यय का विवरण कैसे रखते होंगे। यही सोचकर एक दिन हो गया सत्य प्रकाश जी के ऑफिस का औचक निरीक्षण। प्रबंधक सहित कार्यकारिणी के कई वरिष्ठ सदस्य कोचिंग परिसर में दाखिल हुए। उन्होंने देखा कि सत्य प्रकाश जी आराम फरमा रहे हैं। प्रबंधक महोदय का पारा चढ़ गया। उन्होंने सोचा कि अगर सभी एंट्रियाँ पूर्ण न मिलीं तो इन्हें रखने से क्या फायदा। ये तो अव्यवस्था है, बच्चे क्या सोचते होंगे ? ऐसा बड़बड़ाते हुए उन्होंने मेज पर, अलमारी के सभी कागज़ पत्रों की जांच कर डाली। आश्चर्य ! सबकुछ इतना मेनटेन था कि प्रबंधक सहित सभी शिक्षकों को हैरानी हुई। तभी सत्यप्रकाश जी उठ बैठे और बेमतलब खड़े हुए शिक्षकों से बोले, आप लोग यहाँ पर क्या कर रहें हैं। जाइये अपने-अपने क्लास लीजिये। कितना शोर हो रहा है। बेचारे प्रबंधक जी खिसिया गये, क्या कहते- चुपचाप लौट गये। सत्यप्रकाश जी के विरोधियों को काटो तो खून नहीं। उनके सहज और शांत स्वभाव के कारण संस्थान के वरिष्ठ शिक्षकों की निगाहें उनकी कुर्सी पर लगीं रहतीं और वे मौका पा के प्रबंधक महोदय के कान भरा करते, परास्त होने पर अपनी खीझ बच्चों पर निकालते। हम सब लड़के सब समझते थे। गुप्त रूप से सारी सूचनाएँ गुरूजी के पास पहुँच जातीं। कुल मिलाकर उनका सूचनातंत्र बड़ा सबल था। मेहनत से वे कतराते न थे। समय से पहले ही उनका सब काम पूरा हो जाता। अब इतना बचा समय। करें तो क्या करें तो सोचते कि विश्राम किया जाए। कभी-कभी अपनी तरफ से वे आकस्मिक अवकाश घोषित कर देते या कभी बच्चों से कहते, अब तुम लोग थक गये होगे। चाहो तो अपनी-अपनी बेंचों पर लेट जाओ। कम पड़ें तो ऑफिस से उठा लाओ। मानो कोचिंग नहीं आरामगाह हो। सत्यप्रकाश जी कहा करते, पढ़ो भी, आराम भी करो ! प्रतिरोधक क्षमता/शक्ति बढती है इससे। पता नहीं उनकी इस आरामतलबी के पीछे क्या कारण था। खैर जो भी हो थे बड़े ही अच्छे। एक आदर्श अध्यापक में जो गुण होने चाहिए थे वे सभी उनमें विद्यमान थे। विद्यार्थियों और उनके बीच के भाव कृत्रिम नहीं बल्कि अपनत्व से भरे थे। फीस के लिए तो उन्होंने कभी कहा ही नहीं लेकिन जब उन्हें जरुरत पड़ती तो किसी छात्र विशेष को अकेले में बुलाकर सत्यप्रकाश जी संकोच से कहते, बेटा ! कुछ पैसे हों ज़रा दे देना, बाद में मुझसे ले लेना। मानो उधार मांग रहे हों। मेरा मानना था कि यदि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ होते तो सबकी फीस खुद ही जमा कर देते। बड़े ही नेक इंसान थे सत्यप्रकाश जी ! लेकिन इतना सब कुछ कैसे और कब तक चलता। कोचिंग में घाटा तो लगना ही था। बमुश्किल ५०-६० बच्चे और ५ अध्यापक ऊपर से बिल्डिंग का किराया, प्रबंधक का हिस्सा तथा अन्य खर्चे अलग। सत्यप्रकाश जी किसी से कुछ न कहते। वे अपने विद्यार्थियों से हमेशा जोर देकर कहते कि, अभी पढ़ लो, आगे विश्राम करोगे जिंदगी भर। मैं उनसे बहुत प्रभावित था। दूरदराज़ के जो बच्चे शहर में किराये का कमरा लेकर रहते थे उन्हें कभी-कभी वे अपने लड़के के हाथ अपने घर से भोजन बनवा के पिठवा देते या कभी कुछ। अपने शिष्यों का ऐसा ख़याल कौन रखता है आज के जमाने में। उनके बारे में सोचकर बड़ा अच्छा लगता। सत्य प्रकाश जी मिसाल थे पूरी शिक्षक जाति के लिए। वे समर्पित थे शिक्षा के प्रति/अपने शिष्यों के प्रति। शिक्षा के सम्बन्ध में वे स्वामी विवेकानंद के विचारों से बहुत प्रभावित थे, वे अक्सर कहा करते कि जो इस संसार माया से पार उतार दे, जो कृपा करके सारी मानसिक आधि-व्याधियों को मिटा दे वही यथार्थ गुरु है। जो ज्ञानी हैं, जो दूसरों को संसार सागर से उबार सकने में समर्थ हैं वही असली गुरु हैं। उन्हें पाते ही चेले हो लो नात्र कर्ता विचारणा ! कुछ समय बाद उनका कोचिंग आना बंद हो गया। अन्य कोई प्रधानाचार्य बना था। मगर आश्चर्य ज्योंही पता चला सत्यप्रकाश जी चले गये हैं एक भी बच्चा कोचिंग न आया। मायूस हो गये सब और कोचिंग बंद हो गयी, हमेशा के लिए। उधर बच्चे उनसे मिलने उनके घर पहुँच गये। विह्वल हो रोने लगे सब। बताने लगे सब अपनी-अपनी व्यथा। मानो अपने गुरु नहीं अपने पिता से बातें कर रहें हों। सत्यप्रकाश जी ने सबको ढाढस बंधाया। पुत्रवत स्नेह से सबको गले लगा लिया। ऐसे थे सत्यप्रकाश जी। मानो वे शिक्षा के लिए और अपने बच्चों के लिए ही बने थे। उनकी हर एक बात याद रहती थी बच्चों को। उनका आदेश वेदवाक्य था शिष्यों के लिए। ऐसे व्यक्ति विरले ही होते हैं और मेरा गुरु विरला ही था जिनके खुद के पसंदीदा व्यक्ति प्रसाद और निराला जैसे बीहड़ व्यक्तित्व के स्वामी थे। गुरुदक्षिणा तो देनी ही होगी उन्हें। जो वे कहेंगे चरणों में डाल दूंगा लाके। बहुत दिन हुए उनसे मिले, न जाने कैसे हों ? अमित ने सोचा। यादों के झरोखे से बाहर आकर अमित ने देखा गाड़ी रुकी हुई थी उसका गंतव्य महादेवपुरम आ चुका था। वह उतरा, बहुत बदला-बदला से लग रहा था उसे चारों ओर। अब तो सीधे दिल्ली से रेलगाड़ी की व्यवस्था है सो कोई ख़ास परेशानी न हुई। उत्कट अभिलाषा थी अपने प्रिय आचार्य से मिलने की और इतने वर्षों बाद जब वे मुझे देखेंगे तो कैसा लगेगा। गुरु शिष्य का दुबारा मिलन, होगी भेंट मज़ा आ जायेगा। अमित को रोमांच हो रहा था, यों सोच मानो उसकी यात्रा की सारी थकान, सारा खुमार उतर गया। अमित ने स्टेशन से बाहर आकर ऑटो किया। पूछते-पाछते, ढूंढते-ढांढते वह उनके पैतृक निवास तक पहुंचा तो देखा वहाँ कुछ न था। यहाँ तो खण्डहर है। अमित ठिठका- कहीं गलत स्थान पर तो नहीं आ गया। उसने इधर-उधर पूछा। वह सही था, शेष नहीं उनका कोई वंशज। मात्र ४८ वर्ष की अल्पायु में क्षय रोग से पीड़ित होकर हमें छोड़कर चले गये। सदा-सर्वदा आराम करने के लिए। परिवार भी भयानक बरसात के फलस्वरूप एक दिन कच्ची छतों के नीचे दबकर कालकवलित हो गया। शेष नहीं बची उनकी कोई कृति, समय ने सबकुछ लील लिया ! निकटवर्ती लोगों ने अमित को ऐसा कुछ बताया। अप्रत्याशित उत्तरों से अमित को झटका सा लगा। वह पता नही क्यों बेचैन सा हो गया। व्यथित हो उलझ गया वह स्वयं से- क्या अर्थ ही है सबकुछ ?? पूछूँ में किससे क्यूँ हो जाता है अंत महामानवों का, इतनी जल्दी ! आज सत्यप्रकाश जी नहीं हैं। बची हैं तो सिर्फ उनकी यादें। आज लोग शिक्षा के आदर्श रूप में उनकी मिसाल देते हैं तो लगता है कि ऐसे मस्तराम जी दोबारा फिर न हो सकेंगे। उनके साथ गुजरा एक-एक क्षण अतीत के चलचित्रों की तरह अमित की आँखों के सामने आ रहा था। मानो कल ही की बात हो। उन जैसे गुरु को पाकर मैं धन्य था। उनकी शिक्षाओं/सिद्धांतों को जिसने जीवन में उतार लिया वह आदमी बन चुका था। खेद है मैं गुरुदक्षिणा न चुका सका। अमित ने सोचा। टूटे घरौंदे पर जमीं घास मुस्कुरा रही थी। अमित बेबस था, क्रोध आता था उसे ईश्वर पर, उसके अस्तित्व पर। अमित बोझिल क़दमों से वापस लौटने को मुड़ा कि उसे लगा मानो उस खण्डहर से गुरूजी पुकारते हों। वह रुक जाता, उसे उनकी परछाई सी महसूस होती, गूंजती उनकी तेज आवाज़। अमित यथार्थ के कठोर पृष्ठ पर लौट आया। चौराहे पर खड़ा होकर वह इधर-उधर देखता, राहों को ताकता। उसकी अवचेतना झंकृत हो उठी। कदम चलते, मस्तिष्क करता वंदन ! काश वे फिर आयें, कहें मुझसे- विश्राम कर लो अमित ! सुबह फिर जुटना है ! रचनाकार: कहानी / नायं हन्ति न हन्यते ! / राहुल देव
केन्द्रीय गृहमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति द्वारा असम, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और राजस्थान तथा संघशासित प्रदेश लक्षद्वीप के लिए १,१6१.१7 करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद को मंजूरी केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समिति की बैठक में असम (२०१७-१८ के दौरान बाढ़ से प्रभावित) हिमाचल प्रदेश (२०१७-१८ के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित), सिक्किम (२०१७-१८ के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित) और राजस्थान (२०१७ के दौरान खरीफ मौसम में सूखे से प्रभावित) तथा संघशासित प्रदेश लक्षद्वीप (२०१७ के दौरान चक्रवाती तूफान ओखी से प्रभावित) के लिए १,१6१.१7 करोड़ रुपये की केंद्रीय मदद को मंजूरी दी गई। केन्द्रीय मदद के तहत उच्चस्तरीय समिति ने असम के लिए ४८०.८७ करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की है। इसके अतिरिक्त समिति द्वारा राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष से हिमाचल प्रदेश के लिए ८४.६० करोड़ रुपये, सिक्किम के लिए ६७.४० करोड़ रुपये तथा संघशासित प्रदेश लक्षद्वीप के लिए २.१६ करोड़ रुपये तथा राजस्थान के लिए 5२6.१४ करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी गई। कुल मिलाकर यह केंद्रीय मदद १,१६१.१7 करोड़ रुपये की है। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, केन्द्रीय गृह सचिव राजीव गाबा, परिव्यय विभाग के केंद्रीय सचिव अजय नारायण झा तथा गृहमंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और नीति आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में मौजूद थे।
खुलासा: सिर्फ सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए यह टीम करती थी बैठक नासिर हुसैन ने कहा कि सचिन तेंदुलकर की तकनीक शानदार थी. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने कहा कि उन्हें तो यह भी याद नहीं कि सिर्फ सचिन तेंदुलकर (सचिन तेंडुलकर) को आउट करने पर चर्चा के लिए उन्होंने कितनी टीम मीटिंग की होगी. नई दिल्ली. इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन (नासिर हुसैन) ने शनिवार को कहा कि सचिन तेंदुलकर (सचिन तेंडुलकर) और उनकी शानदार तकनीक के कारण उनकी टीम को सिर्फ इस महान भारतीय बल्लेबाज को आउट करने की रणनीति बनाने के लिए कई बैठक करनी पड़ती थीं. तेंदुलकर ने २०१३ में संन्यास लेने से पहले दो दशक तक भारतीय क्रिकेट में दबदबा बनाया हुआ था, जिसमें उनके नाम कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड रहे, जिसमें टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक रन बनाने के अलावा सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक भी शामिल हैं. हुसैन ने याद करते हुए कहा कि जब मैं सर्वकालिक बल्लेबाजों के बात करता हूं तो सचिन तेंदुलकर की तकनीक शानदार थी. जब मैं इंग्लैंड का कप्तान था तो मुझे याद नहीं कि हम सिर्फ तेंदुलकर को आउट करने पर चर्चा के लिए कितनी टीम बैठक किया करते थे. वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के पॉडकास्ट क्रिकेट इनसाइड आउट के ताजा एपिसोड पर इयान बिशप और एलमा स्मिट से बात कर रहे थे. गेंद को बल्ले पर आने देते हैं सचिन तेंदुलकर हुसैन ने कहा कि मेरे लिए पूरी दुनिया के सभी हिस्सों में रन बनाना तकनीक है और मैं उसे पसंद करता हूं जो सहज ढंग से खेलते हैं और गेंद को बल्ले पर आने देते हैं. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से केन विलियमसन के पास मौजूदा दौर में बहुत अच्छी तकनीक है, वह गेंद को सहज ढंग से देरी से खेलते हैं. उन्होंने कहा कि टी२० क्रिकेट के कारण खिलाड़ी वर्तमान में काफी आक्रामक खेलते हैं. विलियमसन सभी तीनों प्रारूपों में खेल सकते हैं और प्रत्येक के हिसाब से अपने खेल को बदल सकते हैं. बिशप ने भी कहा कि उन्होंने अपने करियर में जितने भी बल्लेबाजों को गेंदबाजी की, उसमें तेंदुलकर को गेंदबाजी करना सबसे कठिन था. उन्होंने कहा कि मैंने अपने करियर में जिन बल्लेबाजों को गेंदबाजी की थी, उनमें से सचिन तेंदुलकर एक थे जिन्हें गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल होता था. वह हमेशा स्ट्रेट लाइन में हिट किया करते थे.
बैक हिन्दी - विज्ञान - मोटापा ले सकता है बच्चों की जान ब्रिटिश हर्ट फॉउंडेशन में हृदय रोग की वरिष्ठ नर्स डोइरन मैडॉक बॉडी मास इंडेक्स के अनुसार जिन बच्चों का दो साल की उम्र में बॉडी मास इंडेक्स २०.५ है उन्हें काफी मोटा माना जाता है लेकिन अगर किसी १८ साल के लड़के का इंडेक्स 3५ है तो उन्हें भी बहुत मोटा माना जाता है. शोध में कहा गया है, सबसे बुरी खबर यह है कि १२ वर्ष से कम उम्र के मोटे बच्चों में हृदय रोग के लक्षण दिखाई दिए हैं. ब्रिटिश हर्ट फॉउंडेशन में हृदय रोग की वरिष्ठ नर्स डोइरन मैडॉक का कहना है, हालांकि यह काफी छोटा अध्ययन है, फिर भी इस खबर से निराशा होती है. डोइरन मैडोक का कहना है, . हालांकि वो कहती है, यह एक ऐसी समस्या है जिसका समधान ढ़ूढ़ा जा सकता है और अवयस्क बच्चों में बढ़ रहे मोटापा को कम किया जा सकता है.
ब्लू फिल्म के जरिए भाजपा गुजरात जीतना चाहती है : राज ठाकरे - हिन्दी न्यूज होम पॉलिटिक्स ब्लू फिल्म के जरिए भाजपा गुजरात जीतना चाहती है : राज ठाकरे महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ब्लू फिल्म के जरिए जीतना चाहती है. ठाणे में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि २०१४ के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा विकास का ब्लू प्रिंट लाती थी लेकिन, अब वह गुजरात का चुनाव ब्लू फिल्म दिखाकर जीतना चाहती है. भाजपा ने अब लोगों के निजी जीवन में ताकझांक शुरू कर दी है. ठाकरे ने बुलेट ट्रेन के मुद्दें पर घेरते हुए कहा कि बुलेट ट्रेन सिर्फ गुजरत के लिए और एक लाख करोड़ का कर्ज सारे देश वासी भरें, यह कहां की इंसाफी है. उन्होंने कहा कि यदि सिर्फ गुजरातियों के लिए बुलेट ट्रेन चलानी है और विदर्भ को अलग करने से समृद्धि मार्ग बनाना है तो कतई मंजूर नहीं. उन्होंने योग दिवस और स्वच्छ भारत अभियान का मजाक बनाते हुए कहा कि आज दश भर में बलात्कार, लूट, फरेब और जाति-धर्म के नाम पर क्या खाया जा रहा है. पहले मुल्ला और मौलवी फ़तवा निकालते थे, लेकिन अब जैन साधक और जैन मुनि निकाल रहे है. ऐसे इन सभी बुराइयों को दूर करने और अपराधों को लगाम लगाने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योगा कर इसके टिप्स बांटते रहे हैं. ठाकरे ने कहा कि, भाजपा सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार कर रही है, भाजपा सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का मजाक उड़ाती है, लेकिन राहुल ने पीएम मोदी सहित तमाम भाजपा नेताओं की नाक में दम कर रखा है, जिसकी वजह से अब भाजपा को कुछ और सूझ नहीं रहा है
बिखरे हुए नीले पानी की लहर ड्रॉप तत्व नीले पानी की, बूंदें, पानी, का मुफ्त डाउनलोड के लिए पंग और औड़ फ़ाइल बिखरे हुए नीले पानी की लहर ड्रॉप तत्व नीले पानी की मुक्त पंग तथा औड़ पंगत्री > मुक्त औड़ > बिखरे हुए नीले पानी की लहर ड्रॉप तत्व नीले पानी की यहां बिखरे हुए नीले पानी की लहर ड्रॉप तत्व नीले पानी की ग्राफिक संसाधन जो बूंदें, पानी, का के हैं दोनों को पारदर्शी पृष्ठभूमि और औड़ फाइलों के साथ पंग छवि प्रदान करते हैं ताकि आप अपनी इच्छानुसार किसी भी फाइल को डाउनलोड कर सकें। रिपोर्ट छवि बूंदें पानी का बहाव पानी बूंदें के बिखरे हुए नीले पानी की लहर ड्रॉप तत्व नीले फूल पानी पानी की सतह पानी पानी छल्ला छप पानी फूल पानी छींटे लहर बौछार पानी
यूपीए बैठक: ओम बिड़ला के समर्थन पर सहमति, 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर फैसला नहीं सूत्रों के मुताबिक संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की अगुवाई में यूपीए नेताओं की बैठक में स्पीकर के अलावा फ्लोर मैनेजमेंट पर भी चर्चा हुई. कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने मंगलवार को बैठक की. इस बैठक में फैसला किया गया कि लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में वह एनडीए उम्मीदवार ओम बिड़ला का समर्थन करेगा और उपाध्यक्ष के विषय पर फिलहाल सरकार के रुख की प्रतीक्षा करेगा. सूत्रों के मुताबिक संसद भवन परिसर में कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की अगुवाई में यूपीए नेताओं की बैठक में स्पीकर के अलावा फ्लोर मैनेजमेंट पर भी चर्चा हुई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सदन में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी एवं मुख्य सचेतक के. सुरेश, द्रमुक के टीआर बालू एवं कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले, नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला और कई अन्य दलों के सदन के नेता शामिल हुए. ओम बिड़ला पर बनी सहमति इस बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता और बंगाल से सांसद चौधरी ने बताया कि स्पीकर को लेकर यूपीए एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन करेगा. गौरतलब है कि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव बुधवार को होने जा रहे हैं. इस पद के लिए एनडीए ने कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला को उम्मीदवार बनाया है. उपाध्यक्ष के चुनाव पर सरकार के रुख का इंतजार सूत्रों के मुताबिक यूपीए नेताओं की बैठक में फ्लोर मैनेजमेंट पर भी चर्चा हुई और यह तय हुआ कि सपा और बसपा जैसे समान विचारधारा वाले दलों को भी विभिन्न मुद्दों पर सदन में साथ लिया जाए. लोकसभा उपाध्यक्ष के चुनाव के विषय पर भी यूपीए की बैठक में चर्चा हुई और यह फैसला हुआ कि फिलहाल प्रतीक्षा की जाए कि इस पर सरकार क्या रुख अपनाती है. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर फैसला कल वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक राष्ट्र, एक चुनाव के विषय पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में अपने रुख को लेकर यूपीए बुधवार सुबह फैसला करेगा. बैठक के बाद इस बारे में पूछे जाने पर सोनिया गांधी ने संवाददाताओं से कहा, आप को इस पर कल बताया जाएगा. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और सहयोगी दल बुधवार सुबह संसद भवन में मुलाकात बैठक करेंगे जिसमें यह फैसला होगा कि प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में उनका क्या रुख रहेगा. वहीं टीएमसी ने पहले ही इस बैठक में हिस्सा लेने से मना कर दिया है. जय श्रीराम से लेकर अल्लाह-हू-अकबर तक, हंगामे के बीच संसद में ये रहा खास हिंदी में शपथ लेने वाले केरल के कांग्रेसी सांसद को सोनिया गांधी ने झाड़ा!
'काला' का 'बहुत भारी है...' गाना रिलीज, रजनीकांत पर हो जाएंगे फिदा... धनुष रजनीकांत के दामाद भी हैं. धनुष ने ट्वीट किया है कि सुपरस्टार रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए एक सरप्राइज है. धनुष की वंडरबार फिल्म्स ने कई भाषा में काला फिल्म का निर्माण किया है. सुपरस्टार रजनीकांत की आने वाली फिल्म काला का पहला गाना रिलीज हो चुका है. इस फिल्म के प्रोड्यूसर धनुष ने यह जानकारी दी. धनुष रजनीकांत के दामाद भी हैं. धनुष ने ट्वीट किया है कि सुपरस्टार रजनीकांत के प्रशंसकों के लिए एक सरप्राइज है. धनुष की वंडरबार फिल्म्स ने कई भाषा में काला फिल्म का निर्माण किया है. इसमें नाना पाटेकर, हुमा कुरैशी, समुद्रकनी और ईश्वरी राव मुख्य भूमिका में हैं. यह फिल्म ७ जून को दुनिया भर में सिनेमा घरों में प्रदर्शित होने जा रही हैं. इस फिल्म का निर्देशन पी रंजीत ने किया है. बहुत भारी है
विटामिन सी के औषधीय लाभों की विशाल श्रृंखला के साथ, यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह बाजार पर सबसे लोकप्रिय स्टैंड-अलोन सप्लीमेंट्स में से एक है। २००२ में अमेरिकन जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में एक रिपोर्ट से पता चला कि विटामिन सी की खुराक संयुक्त राज्य अमेरिका में मल्टीविटामिन के बगल में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली खुराक थी। विटामिन सी में शरीर में विभिन्न प्रकार के कार्य होते हैं, जिनमें प्रतिरक्षा बढ़ाने, त्वचा के स्वास्थ्य और एंटीऑक्सीडेंट कार्यों शामिल हैं। वर्तमान में वहां विटामिन सी के कुछ रूप हैं, जो इसे चुनना मुश्किल बना सकते हैं। विटामिन का नियमित एस्कॉर्बिक एसिड रूप पर्याप्त है? या हमें अधिक पैसा खर्च करना चाहिए और अधिक "बेहतर" विटामिन सी की खुराक में निवेश करना चाहिए। यहां पर एक नज़र डालें कि आपके दैनिक विटामिन सी को कैसे प्राप्त किया जाए, इस बारे में अधिक सूचित निर्णय लेने में आपकी मदद करने के लिए क्या है। एस्कोरबिक एसिड पूरक पदार्थों में विटामिन सी का सबसे आम रूप है और यह भी रूप है कि यह खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। प्राकृतिक और सिंथेटिक एस्कॉर्बिक एसिड में समान जैव उपलब्धता दिखाई देती है। एस्कोरबिक एसिड में उच्च अम्लता का स्तर होता है और पेट पर काफी कठोर हो सकता है, खासकर अगर उच्च खुराक में लिया जाता है। खनिज एस्कॉर्बेट्स एस्कॉर्बिक एसिड के बफर किए गए रूप होते हैं और इसलिए नियमित एस्कॉर्बिक एसिड की तुलना में पेट पर कम अम्लीय और जैंटलर होते हैं। जो लोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अप्सेट्स से ग्रस्त हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे एस्कॉर्बिक एसिड पर बफर किए गए खनिज एस्कॉर्बेट्स का चयन करें। हालांकि, अध्ययनों के मुताबिक, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि खनिज एस्कोरबतस पेट पर जैंटलर हैं। खनिज एस्कोरबतस कैल्शियम एस्कॉर्बेट, सोडियम एस्कॉर्बेट, पोटेशियम एस्कॉर्बेट, मैग्नीशियम एस्कॉर्बेट और इतने पर कई रूपों में आते हैं। एस्टर सी विटामिन सी पर एक विशेष रूप के लिए एक ब्रांड नाम है जिसमें ज्यादातर कैल्शियम एस्कॉर्बेट होता है लेकिन अन्य विटामिन सी मेटाबोलाइट्स (जैसे ऑक्सीकरण एस्कॉर्बिक एसिड और कैल्शियम थ्रोननेट) की थोड़ी मात्रा भी होती है। एस्टर सी के आसपास का दावा न केवल पेट पर जैंटलर है बल्कि यह भी कि उत्पाद में थ्रियोनेट इसके अवशोषण और जैव उपलब्धता में वृद्धि में मदद करता है। हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि एस्टर सी एस्कॉर्बिक एसिड से बेहतर अवशोषित है। यह भी देखें: विटामिन सी और प्रतिरक्षा प्रणाली पर इसका प्रभाव विटामिन सी प्लस बायोफालावोनॉयड्स प्रकृति में, विटामिन सी अन्य पदार्थों के साथ मौजूद है, जिनमें से कुछ हम अभी तक के बारे में भी नहीं जानते हैं, इससे इसकी अवशोषण और जैव उपलब्धता में वृद्धि होती है। बायोफ्लावोनॉयड्स के साथ विटामिन सी के निर्माताओं ने विटामिन सी की प्रभावशीलता में वृद्धि के लिए फल और सब्जियों में पाए जाने वाले इन पॉलीफेनॉलिक संयंत्र रसायनों के साथ जो भी रूप में नियमित रूप से विटामिन सी जोड़ दिया है, लिनस पॉलिंग इंस्टीट्यूट की एक समीक्षा के मुताबिक, १ अलग-अलग अध्ययनों पर एक नज़र डाली गई बायोफ्लेवनोइड्स के साथ नियमित एस्कॉर्बिक एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड की तुलना करते समय विटामिन सी जैव उपलब्धता में कोई महत्वपूर्ण वृद्धि नहीं। एसरोला नामक सबसे लोकप्रिय बायोफालावोनॉयड ने विटामिन सी के मूत्र विसर्जन को मापने वाले अध्ययनों के माध्यम से विटामिन सी अवशोषण को बढ़ाने में कुछ वादा दिखाया है। एसरोला सेवन में एस्कॉर्बिक एसिड विसर्जन में कमी आई है, और अधिक विटामिन सी प्रतिधारण का सुझाव दिया है। बायोफालावोनॉयड्स में अतिरिक्त एंटीऑक्सीडेंट लाभ होते हैं और किसी भी घटना में उन्हें आपके विटामिन सी शासन में जोड़ने में कम से कम कोई नुकसान नहीं होता है।
क्या यह संभव है कि दुनिया की नजर में विश्व का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति भी कभी बेबस और लाचार हो सकता है? क्या हम कभी अपनी कल्पना में भी ऐसा सोच सकते हैं कि एक व्यक्ति जो विश्व के सबसे शक्तिशाली देश के सर्वोच्च पद पर आसीन है, उसके साथ उस देश का सम्पूर्ण सरकारी तंत्र है और विश्व की आधुनिकतम तकनीक से युक्त फौज है, उस व्यक्ति के खिलाफ भी कभी कुछ गलत प्रचारित किया जा सकता है? शायद नहीं? या फिर शायद हाँ? आज जब अमेरिका के राष्ट्रपति गूगल फेसबुक और ट्विटर पर अपने अपने प्लैटफोर्म से जनता के सामने अपने खिलाफ लगातार और बार बार फेक न्यूज़ परोसने का इल्जाम लगाते हैं, आज जब "डोनाल्ड ट्रंप" जैसी शख़सियत कहती है कि गूगल पर "ट्रंप न्यूज़" सर्च करने पर उनके खिलाफ सिर्फ बुरी और नकारात्मक खबरें ही पढ़ने को मिलती हैं, आज जब इंटरनेट पर "इडियट" सर्च करने पर ट्रँप,चाय वाला,फेंकू, सर्च करने पर नरेन्द्र मोदी और पप्पू सर्च करने पर राहुल गाँधी जैसा चेहरा आता है तो क्या कहेंगे आप? "फेक न्यूज़", आज से दो साल पहले तक शायद ही किसी ने इस शब्द का प्रयोग किया हो लेकिन आज यह सम्पूर्ण विश्व के समक्ष एक चुनौती बनकर खड़ा है। अगर इसकी शुरुआत की बात करें तो इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले हिलेरी क्लिंटन ने ८ दिसंबर २०१६ को चुनाव के दौरान अपने एक भाषण में किया था जब उन्होंने सोशल मीडिया में दुर्भावनापूर्ण रूप से झूठी खबरों के प्रचार प्रसार को फेक न्यूज़ और एक महामारी तक कहा था। इसके बाद जनवरी २०१७ में ट्रंप ने सी एन एन की एक पत्रकार को फेक न्यूज़ कहकर संबोधित किया और उसके बाद से यह शब्द दुनिया भर के नेताओं और पत्रकारों से लेकर आम आदमी तक की जुबान पर ही नहीं आया बल्कि उनकी जिंदगी से भी खेलने लगा।खासतौर पर तब, जब इस देश के चालीस बेक़सूर लोग मोब ल्य्न्चिंग के शिकार हो जाते हैं। कहा जा सकता है कि यह दौर सिटीजन जर्नलिस्म का है जहाँ हर व्यक्ति यह मानता है कि उसके पास जो सूचना है चाहे गलत हो या सही वह सबसे पहले उनके माध्यम से लोगों तक पहुँचनी चाहिए। लेकिन हर बार इसकी वजह "सबसे पहले" वाली सोच ही हो यह भी आवश्यक नहीं है कई बार जानबूझकर भी ऐसा किया जाता है। लेकिन अब जब इसके घातक परिणाम देश भुगत रहा हैं तो आवश्यक हो गया है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट को नियंत्रित करने एवं इनका दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार कुछ नियम कानून बनाए। इसके लिए उन देशों से सीखा जा सकता है जो अपने देश में इस समस्या को कानून के दायरे में ले आए हैं। फेक न्यूज़ पर लगाम लगाने के उद्देश्य से हाल ही में मलेशिया में एंटी फेक कानून २०१८ लागू किया गया है जिसमें फेक न्यूज़ फैलाने का आरोप सिद्ध होने पर दोषी को छ साल तक के कारावास और अधिकतम एक लाख तीस हजार डॉलर तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा जर्मनी की संसद ने भी इंटरनेट कम्पनियों को उनके सोशल मीडिया प्लैटफार्म पर अवैध,नस्लीय, निंदनीय सामग्री के लिए जिम्मेदार ठहराने वाला कानून पारित किया है। इसके तहत उन्हें एक निश्चित समयावधी में आपत्तिजनक सामग्री को हटाना होगा अन्यथा उन पर ५० मिलियन यूरो तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।यह कानून लोकतांत्रिक देशों में संभवतः अब तक का सबसे कठोर कानून है। खास बात यह है कि वहाँ जब इंटरनेट कम्पनियों ने इस कानून को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया तो जर्मनी के न्याय मंत्री ने यह कहा कि "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वहाँ समाप्त होती है जहाँ आपराधिक कानून शुरु होता है"। तो हमारे देश की सरकार भी इन देशों से सीख लेकर इंटरनेट कम्पनियों पर लगाम लगाकर फेक न्यूज़ जैसी समस्या से जीत सकती है।
आदर्श पुस्तक प्रमाण पत्र धारक कागज बॉक्स फ़ोल्डर पुस्तक कपड़ा लपेटा कपड़े रंग के लिए आदर्श नमूना पुस्तक लौवर कस्टम लक्जरी चुंबकीय शादी की स्मारिका पैकेजिंग बॉक्स थोक कस्टम लोगो रंगीन मुद्रित कागज उपहार पैकेजिंग फिसलने दराज बॉक्स गत्ता प्रमाण पत्र धारकों अनुकूलित डिप्लोमा धारक या कवर ८.५क्स११ कस्टम लोगो मुद्रण थोक मूल्य कागज बॉक्स चुंबकीय तह उपहार बॉक्स कस्टम लक्जरी गत्ता बक्से डिजाइन अपने लोगो पैकेजिंग रंग चुंबकीय तह उपहार बॉक्स फोल्डबल चुंबक प्रीमियम कागज पैकेजिंग तह बक्से गत्ता कठोर चुंबकीय उपहार बॉक्स इच्छित मुद्रण के साथ अंगूठी बांधने की मशीन के साथ चुंबकीय बटन चमड़े फ़ाइल फ़ोल्डर लोगो शानदार अंधा और रंगों नमूने पुस्तक निर्माता उच्च अंत प्रदर्शन नमूना पुस्तक कस्टम मुद्रित डिजाइन मजबूत चिपकने वाला पर्यावरण के अनुकूल शिपिंग झोला पैकेजिंग लहर बिंदु पोलीमेलर बैग थोक कारखाने ग्रे स्वयं सील चिपकने वाला लिफाफा पीई प्लास्टिक पैकिंग कूरियर एक्सप्रेस पाली मेलिंग बैग कस्टम लोगो के साथ पुनर्नवीनीकरण कागज कस्टम परिधान पैकिंग उपकरण बक्से कस्टम चमड़े डिप्लोमा कवर या धारक, स्नातक प्रमाण पत्र कवर या धारक, आ४ डिप्लोमा को शामिल किया गया चीन कस्टम डिजाइन मुद्रित बैग/शिपिंग के साथ गुलाबी रंग का थोक पाली मैलर्स लोगो थोक कस्टम लोगोफ्लावर्स पाली मेलर लिफाफा कूरियर शिपिंग प्लास्टिक पैकेजिंग बैग
इप्ल२०१८: किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई को दमदार मानता हूं: विराट कोहली ७ मई का मैच बड़ा रोमांचक था. आमने-सामने थी सनराइजर्स हैदराबाद और रॉयल चैलेंजर बैंगलोर. हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए २० ओवर में १४६ रन बनाए. इतना कम स्कोर होने के बावजूद बैंगलोर हार गई. कोहली के पंटर २० ओवर में १४१ रन ही बना पाए. और इसी जीत के साथ हैदराबाद एक बार फिर पॉइंट्स टेबल के टॉप पर पहुंच गई और बैंगलोर लगभग प्लेऑफ की दौड़ से बाहर! मैच के बाद बैंगलोर के कप्तान विराट कोहली ने बताया की इस बार का इप्ल कौन जीत सकता है. कोहली ने कहा, हैदराबाद के पास कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं जो प्रेशर में भी अच्छा खेल लेते हैं. इसी वजह से वो इस सीजन में अब तक जीत रहे हैं. वो अपनी ताकत और कमजोरियां जानते हैं. इसी वजह से वो सफल हो रहे हैं. बॉलिंग के पॉइंट ऑफ व्यू से हैदराबाद मजबूत टीम है. आगे कोहली ने कहा- ओवरऑल बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग देखें तो मैं किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई को दमदार मानता हूं. बेटी ने पिता पर लगाया छेड़छाड़ का झूठा आरोप, कोर्ट ने... इंसान के अच्छे और बुरे होने की वजह है जस्त आ... कविता- परदेसी की माँ कविता मार्च १६, २०१८ मैं भी विराट कोहली के जैसा खेलने का प्रयास करता हूं:...
१७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन (१७-ओएच) टेस्ट १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (१७-ओएच) क्या है? १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट को १७-ओएच प्रोजेस्टेरोन भी कहा जाता है। यह किडनी के ऊपर मौजूद एक छोटी ग्रंथि एड्रिनल ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। यह हार्मोन मुख्य रूप से स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल बनाने में एक प्रीकर्सर (पहले बनने वाला) के रूप में कार्य करता है। कोर्टिसोल मेटाबॉलिज्म को ठीक प्रकार से बनाए रखने में और प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित रखने में मदद करता है। हालांकि, कुछ लोगों में कुछ विशेष एंजाइम की कमी होती है जिसके कारण कोर्टिसोल का उत्पादन कम हो जाता है और परिणामस्वरूप व्यक्ति में कोर्टिसोल की कमी हो जाती है। इस स्थिति में रक्त में १७-ओएच प्रोजेस्टेरोन का जमाव हो जाता है। १७-ओएच प्रोजेस्टेरोन के उच्च स्तर का सबसे सामान्य कारण कंजेनिटल एड्रिनल हाइपरप्लासिया (सीएएच) है। यह एक अनुवांशिक स्थिति है इसमें कोर्टिसोल की कमी हो जाती है और एण्ड्रोजन (पुरुष सेक्स हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है। १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट सीएएच की पहचान करने में मदद करता है। १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (१७-ओएच) क्यों किया जाता है? यह टेस्ट नवजात शिशुओं में करना जरूरी होता है। इसके अलावा यदि किसी व्यक्ति में सीएएच के लक्षण दिखाई देते हैं तो भी ये टेस्ट किया जा सकता है। नवजात शिशुओं में सीएएच के मुख्य लक्षण निम्न हैं: प्यूबिक हेयर होना ऊर्जा की कमी होना जवान लड़कियों या महिलाओं में इसके लक्षण निम्न हैं: अत्यधिक बाल होना जवान लड़कों और पुरुषों में इसके लक्षण निम्न हैं: प्यूबर्टी जल्दी शुरू होना अच्छी व स्वस्थ मांसपेशियां पेनिस का बड़ा होना लेकिन टेस्टिकल का छोटा होना १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (१७-ओएच) की तैयारी कैसे करें? टेस्ट से आठ घंटे पहले तक कुछ भी खाने पीने से मना किया जा सकता है। डॉक्टर आपसे कुछ ऐसी दवाएं लेने से भी मना कर सकते हैं जो टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, यदि यह टेस्ट किसी नवजात शिशु पर किया जा रहा है तो ऐसा करना जरूरी नहीं है। १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन के स्तर दिन में हर समय अलग-अलग हो सकते हैं। इसीलिए डॉक्टर यह टेस्ट दिन में किसी निश्चित समय पर करेंगे। यदि बच्चे का टेस्ट किया जा रहा है तो यह जरूरी है कि बच्चे ने टी-शर्ट पहनी हो ताकि टेस्ट आसानी से किया जा सके। १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (१७ -ओएच) कैसे किया जाता है? परीक्षण के लिए ब्लड सैंपल की थोड़ी सी मात्रा ली जाएगी। डॉक्टर बांह की नस में सुई लगाकर नस से पर्याप्त मात्रा में रक्त निकाल लेंगे। जिस जगह इंजेक्शन लगाया जाना है उस जगह को अल्कोहॉल युक्त दवा से साफ किया जाएगा। ऐसा हो सकता है कि सुई लगने से आपको बिलकुल भी दर्द न हो या चुभन जैसी संवेदना भी हो सकती है। ब्लड टेस्ट से जुड़े कुछ सामान्य जोखिम निम्न हैं: रक्त निकाली गई जगह पर अत्यधिक रक्त स्त्राव उचित सावधानियां बरतने पर इनमें से अधिकतर खतरों को कम किया जा सकता है। १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (१७ -ओएच) के परिणाम का क्या मतलब है? बच्चों, नवजात शिशुओं और वयस्कों में सामान्य और असामान्य वैल्यू अलग होगी। आमतौर पर निम्न वैल्यू को सामान्य माना जाता है: बच्चे: ४००-६०० नैनोग्राम प्रति डेसीलिटर (ङ/डल) से कम प्यूबर्टी से पहले की अवस्था के बच्चे: १०० ङ/डल व्यस्क: २०० ङ/डल से कम १७-अल्फा हाइड्रोक्सी प्रोजेस्टेरोन टेस्ट (१७ -ओएच) के उच्च स्तर एड्रिनल ग्रंथि के ट्यूमर या सीएएच की तरफ संकेत कर सकते हैं। असामान्यता का सही कारण जानने के लिए आगे अन्य टेस्ट भी किए जा सकते हैं।
दाग-धब्बों से ले कर बालों की प्रॉब्लम को दूर करे दालचीनी पाउडर मसालों के रूप में प्रयोग की जाने वाली दालचीनी चेहरे तथा बालों की समस्ओं को दूर करने के लिये काफी लाभकारी होती है। आप इसके पावडर का इस्तमाल कर सकती हैं। दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो आपके चेहरे पर होने वाले मुंहासों को रोकने में सहायक है। अगर आपकी स्किन ऑइली है तो आपको इसे रोजाना प्रयोग करना चाहिये। इससे आपकी स्किन के पोर्स टाइट होंगे तथा चेहरा साफ हो जाएगा। तो अब अपने पैसों की बचत करें और घर पर ही उपलब्ध दालचीनी के पावडर का प्रयोग करें। महीन रेखाओं को मिटाए दालचीनी पावडर के साथ २ चम्मच ऑलिव ऑइल या फिर पिट्रोयिम जैली मिला कर चेहरे पर लगाइये। यह आपके चेहरे से महीन रेखाओं को बिल्कुल साफ कर देगा। सिर के लिये भी अच्छा १ चम्मच दालचीनी पावडर, चम्मच गरम ऑलिव ऑइल और १ चम्मच शहद को मिक्स कर के सिर की मसाज करें। फिर कुछ घंटो के बाद बालों को हल्के शैंपू से धो लें। त्वचा की तकलीफ दूर करे अगर त्वचा में खुजली या जलन है तो १ चम्मच दालचीनी पावडर और शहद मिक्स कर के लगाएं। लेकिन इससे पहले थोड़ा सा पैच टेस्ट कर लें। चोट को ठीक करे दालचीनी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो त्वचा के कट जाने या चोट लग जाने पर बैक्टीरिया को दूर रखता है तथा चोट को जल्दी से जल्दी ठीक करता है। चेहरे की रंगत सुधारे चेहरे को गोरा बनाने के लिये दालचीनी पावडर में थोड़ा सा पका केला, दही और नींबू का रस मिला कर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे तथा गर्दन पर लगा कर सूखने के लिये छोड़ दें और फिर गरम पान से चेहरा धो लें। बॉडी स्क्रब की तरह भी काम आए १ चम्मच दालचीनी पावडर, २ कप दरदरा पिसा कॉफी पावडर, १/२ कप सी सॉल्ट( ३ चम्मच बादाम तेल मिक्स कर के स्क्रब तेयार करें। नहाने से पहले बॉडी पर यह स्क्रब लगाएं और फिर देंखे कि आपके शरीर में कितनी एनर्जी भर उठती है। दाग धब्बे मिटाए चेहरे पर मुंहासे के दाग धब्बे मिटाने के लिये आपको १ चम्मच दालचीनी पावडर में ३ चम्मच शहद मिक्स कर के उस जगह पर लगाना होगा। फिर इसे २० मिनट छोड़ कर हल्के गरम पानी से चेहरा धो लें। इसको नियमित करें। नेक्स्ट पोस्ट: शहद और पानी का सेवन रखता है आपके लीवर को साफ प्रेवियस पोस्ट: हरी मेथी है गुणों से भरपूर , करे इसको अपने भोजन में शामिल
पोको फ१ को मिलेगा एंड्रॉयड पाई और एंड्रॉयड क्यू अपडेट गैजेट्स ३६० स्टाफ, ३१ अक्टूबर २०१८ १४:५८ इस्ट स्नैपड्रैगन ८४५ प्रोसेसर है पोको फ१ की अहम खासियत हाल के दिनों में पोको एफ१ में कई कमियां आईं थीं सामने पोको फ१ को लॉन्च किए जाने के बाद से इस स्मार्टफोन की तारीफ कीमत के साथ कस्टम मीयूआई फॉर पोको रॉम के लिए होती रही है। इस बीच पोको ब्रांड के मुखिया जय मनी ने जानकारी दी है कि पोको फ१ को कम से कम एंड्रॉयड पाई और एंड्रॉयड क्यू का अपडेट ज़रूर मिलेगा। इससे साफ है कि कंपनी दो साल तक बड़े सॉफ्टवेयर अपडेट के वादे को निभाना चाहती है। इसके अलावा मनी ने कुछ और नहीं कहा है जिससे कई लोगों को निराशा होगी। ज़ियाओमी ने पहले ही पुष्टि की थी कि एंड्रॉयड पाई इस साल की चौथी तिमाही तक रिलीज होगी। एंड्रॉयड क्यू के लिए तो लंबा इंतज़ार करना ही होगा। ट्विटर पर एक यूज़र की मांग के जवाब में जय मनी ने लिखा कि पोको फ१ को कम से कम एंड्रॉयड पाई और एंड्रॉयड क्यू अपडेट मिलेगा। यह एक तरह से सभी पोको एफ१ यूज़र के लिए खुशखबरी है। देखा जाए तो पोको ने हाल के दिनों में सक्रियता से अपडेट ज़ारी किया है। इसके अलावा हैंडसेट यूज़र के फीडबैक को भी अमल में लाया है। पोको फ१ कस्टमाइज़्ड मीयूआई फॉर पोको ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलता है। इसमें पोको लॉन्चर और स्टॉक एंड्रॉयड का क्विक सेटिंग्स है। यह आउट ऑफ बॉक्स एंड्रॉयड ९.६ पर चलता है। फोन को जल्द ही मीयूआई १0 ग्लोबल स्टेबल रोम मिलने की संभावना है।
ओंकार १६ सितंबर २०१७ को ५:३१ प्म विराट कोहली क्रिकेट का जो धुरंधर जोश है जिसके अंदर... तिल दिखने में अदना होता पर ,बहुत बड़ा इसका दिल होता... विरह विरह बहु अंतरा शादी के बाद जब आती है अपने मम्... ऐसा बाँधा तुमने बाहुपाश में बड़ी ही रंगत थी तेरे हु... मन बहला लिया करता मैं अपने मन को बस इस तरह से ,बहल... छोड़े न मगर गुलगुले गए कुछ आयेगें और खायेगें ,कुछ आ... सर्वपितृ अमावस -नमन पुरखों को हम अपने पुरखों को ,क... हम साथ साथ है बहुत उछाला, इक दूजे पर हमने कीचड़ बहु... अकेले जिंदगी जीना किसी को क्या पता है कब , ... उचकते है कुछ पैसे पा उचकते है कुछ कुर्सी पा उचकते ... क्या मैं न्याय कर पारहा हूँ?मुझे मेरे माँ बाप ने म... न जाने कौन,कब किस दिन.... किसी से भी कभी यारों न ... अध्याय नहीं ,परिशिष्ट सही तुम्हारी जीवन पुस्तक का ... गणपति बाप्पा से बरस भर में ,सिरफ दस दिन,यहां आते ह... बिमारी गरदन की बड़ी कम्बख्त है, बिमारी यार गरदन की,... तृण से मख्खन एक सूखा हुआ सा तृण भी निखर कर बने मख्... बुढ़ापे की दवा वो पागलपन ,वो दीवानगी ,वो जूनून अब ह... तूने तो बस पूत जना था तूने तो बीएस पूत जना था ,लाय... कंस-एक चितन कल सुना आकाशवाणी पर जानलेवा होता है डे... बदलते रहते है मौसम,कभी गर्मी, कभी पतझड़ ,किसी का भी... मैं क्यों बोलूं ?मैं क्या बोलूं,? मैं क्यों बोलूं?...
वेदिका, आन्या, देवांश व अमोघ एकल फायनल में - इंदौर समाचार वेदिका, आन्या, देवांश व अमोघ एकल फायनल में (इन्दौर) वेदिका, आन्या, देवांश व अमोघ एकल फायनल में इन्दौर । म.प्र. टेनिस संघ द्वारा इन्दौर टेनिस क्लब में आयोजित ऑल इंडिया टेलेंट सीरिज सब जूनियर टेनिस टूर्नामेंट में अंडर-१२ बालिका एकल का खिताबी मुकाबला मध्य प्रदेश की वेदिका श्रीधर व आन्या चौबे के बीच होगा। वहीं अंडर-१२ बालक एकल का फायनल मध्य प्रदेश के देवांश छाबड़ा और महाराष्ट्र के अमोघ दामले के बीच होगा। फायनल मुकाबले सायं ४ बजे से खेले जायेंगे। गुरूवार को खेले गए अंडर-१२ बालिका एकल सेमीफायनल में म.प्र. की देविका श्रीधर ने अपने ही राज्य की भुविका भल्ला को ६-४, ६-४ से तथा दूसरे सेमीफायनल में म.प्र. की आन्या चौबे ने पहल खरड़कर को तीन गेम के संघर्ष में ६-३, २-६, ७-५ से शिकस्त दी। अंडर-१२ बालक एकल सेमीफायनल में म.प्र. के देवांश छाबड़ा ने महाराष्ट्र के आयुष पुजारी को तीन गेमों में ७-५, १-६, ६-३ से परास्त किया, वहीं दूसरे सेमीफायनल में महाराष्ट्र के अमोघ दामले ने अपने ही राज्य के स्वराज धामदरे को ६-३, ६-४ से शिकस्त दी। :: वैदिका-आन्या और अमिका-भुविका के बीच युगल फायनल :: अंडर-१२ बालिका युगल के खिताबी मुकाबले में वैदिका श्रीधर-आन्या चौबे और अमिका भल्ला व भुविका भल्ला की जोड़ी आमने-सामने होगी। गुरूवार को स्पर्धा के सेमीफायनल में वैदिका-आन्या की जोड़ी ने वैष्णवी सिंह चौहान व सयाली बासलकर को ६-२, ६-२ से तथा दूसरे सेमीफायनल में अमिका-भुविका की जोड़ी ने विशा ठक्कर व श्रेष्ठी राणा को ६-३, ६-१ से शिकस्त दी। :: अमोघ-रूशिल और आयुष-स्वराज के बीच युगल फायनल :: अंडर-१२ बालक युगल खिताब के लिए अमोघ दामले व रूशिल दुबे और आयुष पुजारी-स्वराज घामदरे की जोड़ी के बीच भिड़ंत होगी। गुरूवार को स्पर्धा के सेमीफायनल में अमोघ दामले व रूशिल दुबे की जोड़ी ने अनुष गुप्ता व शब्बीर बड़वानीवाला को सीधे सेटों में ६-०, ६-२ से शिकस्त दी। वहीं दूसरे सेमीफायनल में आयुष पुजारी-स्वराज घामदरे की जोड़ी ने साक्ष्य बजाज व अद्वेय व्यास को ६-२, ६-२ से परास्त किया। प्रकाश/१३ जून २०१९ संलग्न चित्र वैदिका श्रीधर मतदाता को मिलेगी निविदत्त-मतपत्र की सुविधा इन्दौर (ईएमएस)। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिये हैं कि यदि मतदाता को मतदान केन्द्र में जाने पर पता चलता है कि उसका मत डाला जा चुका है, तो पीठासीन अधिकारी पहचान संबंधी प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर पाने के बाद उस मतदाता को निविदत्त मतपत्र प्रदान करेगा। यह मतपत्र उसी डिजाइन का होगा जैसा कि [] कमल चावला एशियन स्नूकर चैम्पियनशिप में खेलेंगे इन्दौर/भोपाल । पूर्व वर्ल्ड नं. २ राजधानी के क्यूईस्ट कमल चावला, एशियन ६ रेड स्नूकर व टीम स्नूकर चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। बैंगलूरू मे सम्पन्न हुए नेशनल सलेक्शन कैम्प में पूर्व ६ रेड नेशनल चैम्पियन कमल ने २4 खिलाड़ियों में तीसरा तथा स्नूकर में चौथा स्थान हासिल किया। कर्नाटक स्टेट बिलियर्ड्स एसोसिएशन के [] इंदौर, ०४ दिसंबर (वार्ता) स्थानीय सर्राफा बाजार में मांग तथा रुपये की नरमी से सोना तथा चांदी के भाव बढ़त लिए रहे। व्यापार में सोना नीचे में ३१७२५ रुपये प्रति १० ग्राम व चांदी ३६३५० रुपये प्रति किलोग्राम बिका। सोना ३१९२० रुपये प्रति १० ग्राम। चांदी ३७६५० रुपये प्रति किलो। चांदी सिक्का ६२५ रुपये नग। [] आध्यात्मिक शक्ति ही विश्व में भारत की पहचान कमलनाथ केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर सोमवार को नई दिल्ली में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए। बलरामपुर में आठ शराब तस्कर गिरफ्तार,१५० लीटर शराब बरामद
जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जमीयत उलेमा ए हिन्द) का नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन बड़ी संख्या में जिला मुख्यालय पर लोगों ने किया प्रदर्शन (प्रोटेस्ट अगेंस्ट कैब) प्रदर्शन करने के बाद राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन गाजियाबाद. नागरिकता संशोधन बिल (सिटीजन अमेंडमेंट बिल-२०१९-कैब) के मामले में लगातार विरोध बढ़ता ही जा रहा है। गाजियाबाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद (जमीयत उलेमा ए हिन्द) ने जिला मुख्यालय के बाहर इस बिल को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद बिल के खिलाफ प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। गाजियाबाद के सिटी मजिस्ट्रेट (गाज़ियाबाद सिटी मजिस्ट्रेट) ने इस ज्ञापन को लिया। गौरतलब है कि भारी संख्या में संगठन के कार्यकर्ता सुबह से ही जिला मुख्यालय के बाहर जमे हुए थे। यह भी पढ़ें: देवबंदी मुस्लिम धर्मगुरु ने नगरिकता संशोधन बिल पास होने पर की कड़ी निंदा प्रदर्शन के बाद मीडिया से मुखातिब जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्यों ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल (सिटीजन अमेंडमेंट बिल-२०१९-कैब)जो पास किया है। वह न सिर्फ कानून के खिलाफ है, बल्कि यह हिंदुस्तान की तहजीब के भी खिलाफ है। यानी इस बिल के अंदर सभी को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए, जो नहीं दिया गया है। इसलिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद इसका पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा है। यदि जल्द ही इस तरफ ध्यान नहीं दिया गया तो जमीयत उलेमा-ए-हिंद बड़े स्तर पर आंदोलन करेगा। यह भी पढ़ें: पानीपत मूवी के खिलाफ जाटों ने प्रदर्शन, पुलिस ने मॉल में शो को कराया बंद उधर, इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट शिव प्रताप शुक्ला ने बताया कि नागरिक संशोधन बिल के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सदस्यों के द्वारा एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया है, जिसे राष्ट्रपति तक पहुंचा दिया जाएगा। गाज़ियाबाद: उपद्रवी, असामाजिक तत्व न करें शरारत, अगले निर्देश तक इंटरनेट सेवा रहेगी बंद
बर्न- नयी दिल्ली। स्विट्जरलैंड में बीते साल २०१७ में सिर्फ तीन भारतीय जाली नोट पकड़े गए। हालांकि, इससे पिछले साल स्विट्जरलैंड में जाली भारतीय मुद्रा की जब्ती का आंकड़ा चार गुना बढ़ा था। लंबे समय तक स्विट्जरलैंड को कालेधन का पनाहगाह कहा जाता रहा है। स्विस संघीय पुलिस कार्यालय (फेडपोल) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार २०१७ के दौरान १०० रुपये के दो जाली नोट और ५०० रुपये का एक जाली नोट जब्त किया गया। वर्ष २०१६ के दौरान जाली विदेशी मुद्रा के मामले में भारतीय रुपया तीसरे स्थान पर था। यूरो और डॉलर के बाद सबसे अधिक भारतीय जाली मुद्रा जब्त की गई थी। उस साल ५०० और १,००० के जाली नोट जब्त हुए थे। नवंबर, २0१6 में नोटबंदी के तहत इन नोटों को बंद कर दिया गया था। नोटबंदी के बाद २,००० का नोट पेश किया गया था। स्विट्जरलैंड में २००० का कोई जाली नोट जब्त नहीं किया गया है। फेडपोल के आंकड़ों के अनुसार २0१6 में १००० के १,४३७ जाली नोट जब्त किए गए थे जबकि ५०० के पांच जाली नोट जब्त हुए थे। वहीं २0१५ में स्विट्जरलैंड में ३4२ भारतीय जाली नोट जब्त किए गए थे। इनमें से पांच ५०० के , ३३६ १००० के और एक १00 का नोट था। आंकड़ों के अनुसार २0१7 में १990 जाली स्विस फ्रैंक जब्त किए गए जबकि २0१6 में यह आंकड़ा २,३७० था। इसी तरह २0१7 में ३,8२6 जाली यूरो मुद्रा जब्त की गई , जबकि इससे पिछले साल ५,३79 जाली यूरो जब्त किए थे। डॉलर के मामले में यह आंकड़ा १,44३ से बढ़कर १,९७६ हो गया। वहीं २0१7 में २,५०० जापानी येन जब्त किए गए।
निर्भया केस: फांसी से बचने को दोषी विनय का नया पैंतरा, कोर्ट में बोला- गंभीर बीमारी से ग्रस्त हूं, इलाज की जरूरत निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी से बचने के लिए हर दिन कोई न कोई नया पैंतरा आजमा रहे हैं। इस क्रम में दोषी विनय शर्मा ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उसकी मानसिक स्थिति का हवाला देते हुए समुचित इलाज की मांग की गई है। निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी से बचने के लिए हर दिन कोई न कोई नया पैंतरा आजमा रहे हैं। इस क्रम में दोषी विनय शर्मा ने पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें उसकी मानसिक स्थिति का हवाला देते हुए समुचित इलाज की मांग की गई है। पटियाला हाउस कोर्ट में वकील एपी सिंह ने यह याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि दोषी विनय के सिर और हाथ में चोट लगी है। वह मानसिक बीमारी से ग्रस्त है और किसी को पहचान नहीं पा रहा है। इस पर कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन से तुरंत इलाज उपलब्ध कराने को कहा है। शनिवार दोपहर १२ बजे इस मामले की सुनवाई होगी। अर्जी में कहा गया है कि विनय शर्मा चोट लगने के बाद अपनी मां तक को नहीं पहचान पा रहा है। वकील की तरफ से कहा गया है कि उसे गंभीर मानसिक बीमारी सिजोफ्रेनिया हो सकती है। ऐसे में उसका मेडिकल चेक अप करवाया जाए और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो। इस याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट ने तिहाड़ जेल को कहा कि दोषी विनय का ट्रीटमेंट कराया जाए। कोर्ट ने तिहाड़ जेल को निर्देश दिया है कि वो दोषी विनय शर्मा का इलाज कराए। कोर्ट ने कहा है कि शनिवार को इस मामले में वो दोबारा सुनवाई करेंगे। बता दें कि १६ फरवरी को विनय ने तिहाड़ जेल में अपना सिर दीवार पर मार दिया था। इस कारण वह चोटिल हो गया था। हालांकि, उसको मामूली चोट आई थी। गौरतलब है कि दोषियों को ३ मार्च को सुबह ६ बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले भी दो बार डेथ वारंट जारी हो चुका है। इससे पहले कोर्ट ने २२ जनवरी का डेथ वारंट जारी किया था जिसे बाद में रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने एक बार फिर १ फरवरी का डेथ वारंट जारी किया। इसे भी कानूनी पेचीदगियों के कारण रद्द करना पड़ा। अब इस मामले में एक बार फिर नया डेथ वारंट जारी किया गया है।
शैक्षिक योग्यता भारतीय पुलिस सेवा / केंद्र / राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेश / सेंट्रल / स्टेट पुलिस ऑर्गनाईजेशन / डिफेन्स फोर्सेस के नियमित अधिकारी कृपया सटीक जानकारी के लिए इस रोजगार के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन जरूर देखें | आयु सीमा क्या है उम्मीदवार की आयु २५-०४-२०१८ के अनुसार ५६ वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए | कृपया आयु में छूट एवं अन्य जानकारियों के लिए प्रकाशित नोटिफिकेशन देखिये | पोस्ट २ ४७,६००-१,5१,१00 /- रुपये नोट इब इंटेलिजन्स ब्यूरो रिक्रूटमेन्ट से सम्बंधित अधिक जानकारियों के लिए आप पब्लिश्ड नोटिफिकेशन देख सकते है कृपया इस जानकारी को अपने दोस्तों को शेयर करें एवं उनकी हेल्प करें एवं दैनिक रोजगार के लिए यहाँ क्लिक करें
परंपरागत रूप से, केवल औद्योगिक रूप से विकसित राज्य मौलिक रूप से नए हथियारों और उपकरणों के निर्माण में लगे हुए हैं। हालांकि, कई विकासशील देश वर्तमान में इस सिद्धांत को चुनौती देने की कोशिश कर रहे हैं और नए, साहसिक प्रोजेक्ट विकसित करने की शुरुआत कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, कई साल पहले, तुर्की उन्नत रेल उपकरणों के निर्माण पर काम में शामिल हो गया। एम्त कार्यक्रम का पहला वास्तविक परिणाम असेल्सन तूफान बंदूक बुर्ज का एक प्रोटोटाइप था। तुर्की रेल तोप विकास कार्यक्रम, विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त, २०१४ वर्ष में लॉन्च किया गया था। एम्त (एलेकत्रोमानातिक टॉप) के नाम से अनुसंधान और विकास कार्य के हिस्से के रूप में, मौजूदा समस्याओं का अध्ययन करना, असामान्य के लिए संभावनाओं का निर्धारण करना था। हथियारोंऔर तैयार प्रणाली की वास्तुकला के लिए सबसे सुविधाजनक विकल्प भी खोजें। इन कार्यों के परिणामों के अनुसार, परीक्षण के लिए बनाना और जमा करना आवश्यक था, पहले बेंच नमूने और फिर वाहक पर बढ़ते हुए उपयुक्त पूर्ण गन सिस्टम। सामान्य आसेल्सन तूफान का सामान्य दृश्य एक प्रमुख तुर्की डेवलपर और सैन्य उत्पादों के निर्माता, असेल्सन ने उन्नत हथियारों के मुख्य अनुसंधान और विकास का कार्य किया है। इसके अलावा, विभिन्न आंकड़ों के अनुसार, कुछ उपठेकेदार काम में शामिल थे, जिनमें से कार्य कुछ सहायक कार्यों को पूरा करना था। आज तक, तुर्की रक्षा उद्योग ने ईएमटी कार्यक्रम के कुछ चरणों को पूरा किया है और यहां तक कि इसे पहले प्रोटोटाइप और नए नमूनों के निर्माण के परीक्षण चरण में लाया है। रिपोर्टों के अनुसार, एक्सएनयूएमएक्स के रूप में, एसेलसन ने पहले परिणाम प्राप्त किए, और कुछ मूल डिजाइनों के लिए पेटेंट भी जारी किए। इसके बाद काम जारी रहा और एक अनुभवी बंदूक का उदय हुआ, जिसे बेंच परीक्षणों के लिए डिज़ाइन किया गया। यह उत्पाद पिछले साल बनाया गया था, और दिसंबर में पहला परीक्षण शॉट बनाया गया था। यह बताया गया है कि सफल परीक्षण बेंच मॉडल काम करना जारी रखेगा और अंततः सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग के लिए उपयुक्त एक तोपखाने प्रणाली का निर्माण करेगा। एसेलसन ईएमटी प्रणाली के पहले प्रोटोटाइप का परीक्षण दिसंबर २०१६ के अंतिम दिनों में किया गया था। कार्यक्रम की मौलिक सफलता को प्रदर्शित करते हुए पांच शॉट्स का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा, इस चेक ने हमें मौजूदा नमूने की अनुमानित विशेषताओं को स्थापित करने की अनुमति दी। कंपनी-डेवलपर के अनुसार, आगे के विकास के दौरान, तुर्की बंदूक को उच्चतम विशेषताओं को दिखाना था। प्रक्षेप्य का प्रारंभिक वेग २-२,५ किमी / एस तक लाना था, जिसने ३०० किमी के स्तर पर फायरिंग रेंज प्राप्त करने की अनुमति दी। पहली पायलट शूटिंग को अंजाम देने के बाद, परियोजना का विकास जारी रहा। तोपखाने इकाई की तकनीकी उपस्थिति की मुख्य विशेषताओं की पहचान करने के बाद, कंपनी-डेवलपर ने आशाजनक परिसर के अन्य तत्वों को बनाना शुरू किया। आज तक, कम से कम, इस काम का थोक सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। इसके लिए धन्यवाद, एसेलसन पहले सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए उपयुक्त एक प्रोटोटाइप का निर्माण करने में सक्षम था। एक होनहार ईएमटी परियोजना के ऐसे "प्रीमियर" के लिए जगह आईडीईएफ एक्सएनयूएमएक्स प्रदर्शनी थी, जो मई में इस्तांबुल में हुई थी। रेल गाइड एक विशेष आकार के लंबे आवरण के अंदर होते हैं अंतरराष्ट्रीय सैन्य तकनीकी सैलून के मंडप में, एक नए प्रोटोटाइप रेल उपकरण, जो एक चल रहे कार्यक्रम के हिस्से के रूप में बनाया गया था, प्रस्तुत किया गया था। इस उत्पाद को अपना स्वयं का पदनाम असेल्सन तूफान ("बाढ़" या "बाढ़") प्राप्त हुआ। पिछले मॉडल के विपरीत, इस तरह के आर्टिलरी कॉम्प्लेक्स को टॉवर लेआउट के अपेक्षाकृत कॉम्पैक्ट सिस्टम के रूप में बनाया गया है। यह वास्तुकला सशस्त्र बलों द्वारा हथियारों का उपयोग करने की संभावना को इंगित करता है। सबसे पहले, इस तरह के एक जटिल नौसैनिक बलों के लिए रुचि हो सकती है और युद्धपोतों के हथियार बन सकते हैं। तुफान प्रोटोटाइप की एक जिज्ञासु विशेषता बाहरी भागों और असेंबली का अपेक्षाकृत सरल डिजाइन है जो बाहरी प्रभावों और प्रायींग आँखों से मुख्य उपकरणों को कवर करती है। सभी महत्वपूर्ण उपकरणों को बाड़ों और पतवारों के अंदर रखा गया है, जो, जाहिर है, कवच स्टील से बना हो सकता है और जवाबी गोलाबारी से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इस मामले में, शरीर का आकार तथाकथित में कुछ ज्ञात विकासों के अनुप्रयोग के बारे में बोल सकता है। स्टील्थ तकनीक। ठेठ कटा हुआ बाड़े को ठीक से प्रतिबिंबित करने और रडार संकेतों को फिर से विभाजित करने के लिए डिज़ाइन किया जा सकता है। सामान्य तौर पर, एक रेल बंदूक से लैस तुफान लड़ाकू मॉड्यूल में एक बड़े आकार के तीन मुख्य ब्लॉक होते हैं। पहला सहायक उपकरण है। शायद, एक अपेक्षाकृत बड़ी बहुभुज इकाई को सीधे वाहक जहाज के डेक पर रखा जाना चाहिए। यह एक छोटी ऊँचाई द्वारा प्रतिष्ठित है और इसमें विभिन्न कोणों पर सामने, ओर और पिछाड़ी भागों को स्थापित किया गया है। पक्षों और कठोर पर आंतरिक उपकरणों तक पहुंच के लिए टोपियां हैं। परिसर के समर्थन तत्व की छत में पूर्ण मोड़ टॉवर बढ़ते के लिए कंधे का पट्टा है। जाहिर है, बंदूक के क्षैतिज पिकअप के लिए, पूरे टॉवर को मोड़कर प्रदर्शन किया जाता है, रिमोट कंट्रोल वाले इलेक्ट्रिक ड्राइव का उपयोग किया जाता है। तूफान प्रणाली के टॉवर को एक जटिल आकार की एक टोपी मिली। इसी समय, इसकी उपस्थिति के अनुसार, सभी आवश्यक इकाइयों को इस तरह के एक मामले के अंदर रखा जाता है, और इसके अलावा, उन्हें रखरखाव के लिए काफी आसान पहुंच प्रदान की जाती है। टॉवर के ललाट भाग में कई सतह होते हैं जो विभिन्न कोणों पर अनुदैर्ध्य अक्ष, ऊर्ध्वाधर और एक दूसरे पर स्थापित होते हैं। इस मामले में, रॉकिंग आर्टिलरी यूनिट को माउंट करने के लिए टॉवर के सामने एक बड़ा ऊर्ध्वाधर कट-आउट प्राप्त हुआ। टॉवर के किनारे बड़े पैनलों की एक जोड़ी पर आधारित हैं, और सामने की तरफ एक डबल हैच बढ़ते हुए है। पक्षों के सामने के पैनल को बाहर की ओर पतन के साथ स्थापित किया गया है, जबकि पीछे के पैनल, इसके विपरीत, अभिसरण करते हैं। टॉवर का स्टर्न ऊपर एक मध्यम आकार के आला और एक पच्चर के आकार की निचली इकाई द्वारा बनता है। उत्तरार्द्ध के पैनलों में दो और बड़े हाचस हैं। प्रदर्शनी खोलने के बाद नमूना झूलते हुए तोपखाने इकाइयों के मुख्य तत्व के रूप में सीधे रेल बंदूक। इसके अलावा, इस इकाई की विधानसभा में बन्धन साधन और एक विशेषता आकृति के आवरण शामिल हैं। "ट्रंक" का थूथन सामने के छोर पर त्रिकोणीय खांचे के साथ अंडाकार खंड के आवरण के साथ कवर किया गया है। इस आवरण का पिछला भाग खुला हुआ है। बेवल के पीछे एक कम अनुभाग का अंडाकार आवरण होता है, जिसके पीछे एक बड़ा शरीर होता है। सुरक्षा का यह तत्व ब्रीच से और थूथन कवर तक लगभग सभी बंदूक को कवर करता है। यह बढ़े हुए आकार और अलग-अलग आकार के बहुभुज के रूप में बदलते अनुभाग में भिन्न होता है। ट्रूनियन बढ़ते आर्टिलरी इकाइयां, जाहिरा तौर पर, टॉवर के साइड हैच के स्तर पर हैं। रेल उपकरण के डिजाइन के बारे में विस्तृत जानकारी अभी तक घोषित नहीं की गई है, लेकिन उनके बिना भी हम कुछ निष्कर्ष निकाल सकते हैं। लगभग झूलते हुए भाग की पूरी लंबाई के साथ, दो गाइड रेल गुजरती हैं, जो गोला-बारूद को फैलाने के लिए आवश्यक हैं। जाहिरा तौर पर, टफ़न परियोजना इन भागों के क्षैतिज प्लेसमेंट की पेशकश करती है - "बोर" के ऊपर और इसके तहत। परियोजना की कुछ सामग्री बताती है कि घुमावदार कामकाजी सतह वाली रेल का उपयोग किया जाता है। बुर्ज के स्टर्न में, शायद, बैरल के लिए गोला-बारूद की आपूर्ति की एक निश्चित प्रणाली है। यह संभव है कि एक विकसित फीड आला में गोला-बारूद की स्वचालित आपूर्ति के लिए यंत्रीकृत स्टोव हैं। इस मामले में, उपकरण के संचालन के सिद्धांतों से निम्नानुसार, जटिल को केवल प्रोजेक्टाइल को स्टोर करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार के केमिकल के प्रोपेलिंग चार्ज के साथ किसी कंटेनर की आवश्यकता नहीं होती है। एम्त कार्यक्रम के भाग के रूप में, असेल्सन ने एक होनहार हथियार के लिए एक नया गोला-बारूद विकसित किया है। कई कारणों से तैयार गोले का उपयोग संभव नहीं है, जिसके लिए एक विशेष शॉट के निर्माण की आवश्यकता होती है। रेल बंदूकों की विशेषता के कारण, प्रक्षेप्य के अलावा, इसके सही त्वरण को सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपकरण विकसित करना आवश्यक था। दरअसल, टफान प्रोजेक्टाइल बड़े बढ़ाव का एक धातु "रिक्त" है, जिसकी लंबाई लगभग आधा है जो जीवंत सिर पर गिरता है। शरीर के पिछले आधे हिस्से में एक बेलनाकार आकार होता है। रोटेशन के कारण प्रक्षेप्य का स्थिरीकरण, परिभाषा के अनुसार बैरल की राइफलिंग से जुड़ा हुआ है, असंभव है, जिसके कारण प्रक्षेप्य की पूंछ अनुभाग में छोटे दायरे के विमान-स्टेबलाइजर्स प्रदान करता है। इस तरह के एक प्रक्षेप्य का वजन लगभग ७ किलो होता है। विभिन्न प्रयोजनों के लिए गोला-बारूद बनाना संभव है, एक दूसरे से वारहेड के प्रकार में भिन्न होना। रेल बंदूक के "बैरल" के साथ प्रक्षेप्य के सही मार्ग के लिए, विशेष अग्रणी उपकरणों को विकसित किया गया था। वांछित स्थिति में, गोला बारूद एक विशेष प्लास्टिक ढांकता हुआ ट्रे द्वारा आयोजित किया जाता है। इसमें दो भाग होते हैं, एक साथ बांधा जाता है। पैन को असेंबल करना प्रोजेक्टाइल के तहत आंतरिक गुहा के साथ एक सिलेंडर का आकार होता है, और इसकी बाहरी सतह पर दो आयताकार प्रोट्रूशन होते हैं जो प्रमुख बेल्ट के कार्यों को करते हैं। प्रोजेक्टाइल के पैन के पीछे एक अतिरिक्त पार्ट-पुशर लगाया जाता है, जो शॉट को त्वरण प्रदान करता है। यह उपकरण धातु से बना है और इसमें जटिल आकार है। जब निकाल दिया जाता है, अवतल सतहों को गाइड रेल के साथ बातचीत करनी चाहिए, और सामने के छोर को प्रक्षेप्य के साथ पैन को धक्का देना चाहिए। ऑपरेशन के सिद्धांत के अनुसार, उत्पाद असेल्सन तूफान अपनी कक्षा के अन्य विकासों से अलग नहीं है। स्वचालन की मदद से, कॉम्प्लेक्स को पटरियों पर संग्रह में एक शॉट रखना चाहिए, जिसके बाद रिमोट-नियंत्रित ड्राइव को एक टिप-ऑफ करना चाहिए। शॉट को एक उच्च शक्ति स्रोत से रेल को चालू करके बनाया जाता है। नतीजतन, एम्पीयर बल रेल्स के साथ पुशर को तेज करता है, और बदले में, प्रक्षेप्य के साथ आवेग को फूस तक पहुंचाता है। थूथन से गुजरने के बाद, फूस को अलग किया जाता है, और फिर प्रक्षेप्य को लक्ष्य पर भेजा जाता है। पुशर विस्तार को त्वरण के दौरान आंशिक रूप से जलने की संभावना है और फिर इसके अवशेष जमीन पर या पानी में गिर जाते हैं। यह बताया गया है कि तुर्की विकास का एक आशाजनक उपकरण एक्सएनयूएमएक्स एमजे के स्तर पर थूथन ऊर्जा दिखा सकता है, जो कम से कम आधुनिक टैंक गन की विशेषताओं के रूप में अच्छा है। रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा १४-क्ग प्रोजेक्टाइल ७ किमी / घंटा के क्रम की गति को तेज करता है। ऐसी प्रारंभिक गति के साथ, गोला बारूद कम से कम २ समुद्री मील की दूरी पर लक्ष्य को मारने में सक्षम होगा। इस प्रकार, कई बुनियादी विशेषताओं के संदर्भ में, फ्लडिंग कॉम्प्लेक्स में मौजूदा शिपबोर्न आर्टिलरी सिस्टम पर ध्यान देने योग्य फायदे हैं। रेल बंदूकों और विद्युत चुम्बकीय प्रभावों का उपयोग करने वाली अन्य प्रणालियों की एक विशिष्ट समस्या, बिजली की महत्वपूर्ण खपत है। असेल्सन तूफान परिसर की आवश्यक शक्ति निर्दिष्ट नहीं की गई थी। इस तरह के विदेशी विकास की ख़ासियत को जानने के बाद, यह माना जा सकता है कि इस तरह की प्रणाली के वाहक को पर्याप्त शक्तिशाली जनरेटर प्राप्त करना चाहिए और रेल को आवश्यक विशेषताओं के साथ एक वर्तमान आपूर्ति के लिए आवश्यक अन्य साधन चाहिए। यह संभव है कि इस तरह के उपकरणों के उपयोग से पारंपरिक डिजाइन के मौजूदा आर्टिलरी सिस्टम की तुलना में समग्र आयाम या वजन में ध्यान देने योग्य लाभ नहीं होगा। अपने वर्तमान स्वरूप में, टफ़न गन माउंट जहाज वाहक को कुछ नई सुविधाएँ दे सकता है। उदाहरण के लिए, प्रोपेलिंग चार्ज के साथ गोले के इनकार और तत्काल आसपास के क्षेत्र में टॉवर और तहखाने का पता लगाने की आवश्यकता की अनुपस्थिति के कारण पतवार और अधिरचना के आंतरिक संस्करणों के उपयोग को अनुकूलित करना संभव है। इसके अलावा, गोला-बारूद के एक निश्चित आकार के साथ शुरू करना, एक रेल बंदूक के साथ एक जटिल अधिक कॉम्पैक्ट और आसान है। आग की विशेषताओं के दृष्टिकोण से, जैसे थूथन ऊर्जा या फायरिंग रेंज, रेल बंदूक आधुनिक मॉडलों की सबसे गंभीर "पाउडर" प्रणालियों की तरह दिखती है। बंदूकें तुफान के लिए गोला बारूद। पृष्ठभूमि में, एक प्रक्षेप्य, एक ढकेलनेवाला और एक फूस; सामने में - विधानसभा में एक शॉट इसी समय, इस वर्ग के हथियारों की कई समस्याओं को अभी तक हल नहीं किया गया है, और यह संभावना नहीं है कि वे निकट भविष्य में छुटकारा पाने में सक्षम होंगे। पारंपरिक तोपखाने परिसर से असेल्सन तूफान और उसके जैसे अन्य लोग अधिक जटिल और निर्माण के लिए महंगे हैं। इसके अलावा, उच्च ऊर्जा और उच्च-वेग प्रक्षेप्य के रूप में लाभ कम द्रव्यमान द्वारा मुआवजा दिया जाता है और, परिणामस्वरूप, गोला बारूद की अपर्याप्त शक्ति। तुर्की बंदूकधारियों द्वारा प्रस्तावित शॉट फॉर्म फैक्टर वारहेड के द्रव्यमान पर गंभीर प्रतिबंध लगाता है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रक्षेप्य के आगे के विकास का पूरे परियोजना के भविष्य पर एक निर्णायक प्रभाव हो सकता है। शोषण की लागत में वृद्धि और एक व्यक्तिगत शॉट की लागत में वृद्धि के संबंध में, निर्देशित गोला बारूद बनाने में एक भावना है। हालांकि, सीमित आकार और वजन स्वीकार्य अग्नि विशेषताओं को बनाए रखने और वांछित शक्ति प्राप्त करने के दौरान इस समस्या को सफलतापूर्वक हल करने की संभावना नहीं है। परियोजना की मुश्किल स्थिति में आने का खतरा तब होता है जब नियंत्रण की उपलब्धता आग की प्रभावशीलता को कम कर देगी, वॉरहेड बढ़ने से प्रक्षेप्य भारी हो जाएगा और इसकी प्रारंभिक गति कम हो जाएगी, और अंत में यह सब पारंपरिक बारूद तोपखाने पर वास्तविक लाभ का नुकसान होगा। हाल ही में आईडीईएफ २०१७ प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया है, रेल बंदूक से लैस एसेलसन तूफान आर्टिलरी सिस्टम, आधुनिक और होनहार मध्यम और बड़े विस्थापन युद्धपोतों पर स्थापना के लिए है, जो आवश्यक बिजली आपूर्ति भी कर सकते हैं। क्या परीक्षण जहाजों पर बंदूकें की स्थापना या यहां तक कि पूर्ण संचालन के लिए परियोजना को लाना संभव होगा बेड़ा - अभी के लिए, कोई केवल अनुमान लगा सकता है। इस बीच, एलेकत्रोमानातिक शीर्ष कार्यक्रम का विकास जारी है। असेल्सन और उपमहाद्वीप के विशेषज्ञ विद्युत चुम्बकीय तोपखाने के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना और इसके विकास के आगे के तरीकों की पहचान करना, साथ ही मौजूदा संरचनाओं के आवश्यक शोधन का निर्धारण करना जारी रखते हैं। इस संदर्भ में तुर्की उद्योग की योजनाओं की घोषणा पहले ही की जा चुकी है। एम्त प्रोग्राम का वांछित आउटपुट निम्नानुसार है। सेना और उद्योग जमीन या समुद्र में उपयोग के लिए उपयुक्त एक बड़ी कैलिबर रेल बंदूक चाहते हैं। इस प्रणाली को कम से कम २ किमी / सेकंड की गति के लिए गोला-बारूद को तेज करना होगा और इसे ३०० किमी की दूरी पर भेजना होगा। मार्गदर्शन प्रणाली से लैस लोगों सहित विभिन्न प्रयोजनों के लिए नए गोला बारूद बनाने की संभावना को बाहर नहीं किया गया है। क्या तुर्की के इंजीनियर सभी कार्यों को हल करने में सक्षम होंगे और सशस्त्र बलों को मौलिक रूप से नए हथियार दे सकते हैं। हालांकि, ईएमटी कार्यक्रम का बहुत अस्तित्व और हाल ही में शुरू किए गए प्रोटोटाइप तूफान ने कुछ बहुत ही दिलचस्प चीजों को प्रदर्शित किया है। परियोजना और नमूना दिखाते हैं कि अधिकांश औद्योगिक रूप से विकसित देश भी आशाजनक क्षेत्रों का अध्ययन करने में सक्षम नहीं हैं और यहां तक कि कुछ सफलता भी दिखाते हैं। फिर भी, इन सफलताओं के विकास और नए विकास को व्यावहारिक अनुप्रयोग में लाने की संभावना कुछ संदेह का सामना कर सकती है। और फिर भी, अस्पष्ट संभावनाओं के साथ, वर्तमान बहादुर तुर्की परियोजना बहुत रुचि है। सीप्री शीर्ष १००: २०१४ में सबसे बड़े हथियार निर्मातादूसरे प्रोटोटाइप रेल उपकरण का परीक्षण शुरू होता है दिम२०१७ २८ जून २०१७ ०६: ४७ नया पांचवें पैराग्राफ "२-२,५ किमी / घंटा" में त्रुटि को ठीक करें। और फिर आपके पास रेलगन से एक प्रक्षेप्य है जो लगभग ३०० घंटे तक 1५0 किमी की उड़ान भरेगा। फैल्कन५५५५ २८ जून २०१७ १२: ५३ नया और १८ वें पैराग्राफ में। पुनश्च: जैसा कि मैं इसे समझता हूं, २ किमी / सेकंड, जिसका मतलब था (१८ वें पैराग्राफ में), कोई भगवान नहीं है, जब पारंपरिक तोपखाने के साथ तुलना की जाती है, उदाहरण के लिए, टैंक बंदूकों के साथ। और इस "बंदूक" में बारूद और बेकाबू के बिना गोले भी हैं। बसर २८ जून २०१७ २२: ३३ नया यहां तक कि तुर्क रेलगनों के प्रोटोटाइप बनाते हैं ... हमारे पास केवल प्रयोगशाला नमूने हैं। सेत्रा १ जुलाई 20१7 ००: ०५ नया बंदूक को इतनी लंबी दूरी बनाने का कोई मतलब नहीं है। शेल को फेंकना सैद्धांतिक रूप से संभव है, लेकिन जहां आवश्यक है, वहां पहुंचना भी सैद्धांतिक रूप से असंभव है। गोलिब्जों २८ जून २०१७ ०७: ०१ नया समय आ गया है जब रूस को तुर्क देशों के साथ प्रौद्योगिकी साझा करनी चाहिए। जब आज अन्य देश पश्चिमी देशों के खिलाफ संघर्ष में रूस का समर्थन नहीं करते हैं, न तो चीनी, न ही भारतीय, और न ही फारसी, केवल तुर्क सभ्यता और तुर्क राज्य पास खड़े होते हैं, भले ही वे रूसियों से नफरत करते हैं)) लेकिन यह इस भूमि को बचाने के लिए बहुत महंगा है। मैरोस २९ जून २०१७ ११: ३८ नया राजनीति में दोस्ती नहीं होती। आप अभी भी क्षेत्र और संसाधनों को साझा करने की पेशकश करते हैं। रूस को स्वयं उन्नत तकनीकों को लागू करना चाहिए, और तुर्क देशों के साथ साझा नहीं करना चाहिए। और फिर इतिहास थोड़ा उलट जाएगा और बहुत ही देश बहुत आसानी से रूस के खिलाफ हो जाएंगे, या, पहले से ही ९० के दशक में, वे अपने "जिहाद" और "ख़लीफ़ाओं" के साथ रूसी मुसलमानों के अंदर दिमाग लगाना शुरू कर देंगे। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में व्यावहारिकता और विवेकशीलता होनी चाहिए। पर्याप्त "हमेशा के लिए दोस्ती।" पहले से ही कानों को खाया। लाल पार्टी २८ जून २०१७ ०८: १९ नया और आग के संसाधन गाइड और दर के बारे में क्या? यदि इस प्रणाली की दो मुख्य समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो आपको रेल बंदूकों का उपयोग करने के बारे में भी सोचना होगा। यदि अधिक शक्तिशाली बिजली स्रोत के कारण आग की दर अभी भी बढ़ सकती है, तो ट्रंक के बचे रहने के साथ समस्या अनसुलझे रहती है। यहां तक कि अमेरिकी कई सौ से अधिक शॉट्स के संसाधन के साथ एक बैरल नहीं बना सके, और फिर भी उनकी वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षमता तुर्की की तुलना में बहुत अधिक है। निकोले के २८ जून २०१७ ०८: ४४ नया । यहां तक कि अमेरिकी कुछ सौ शॉट से अधिक के संसाधन के साथ एक बैरल नहीं बना सकते थे और आप सीखेंगे कि २०० मिमी (एक रेलगाड़ी के लिए लंबी दूरी की ऊर्जा में तुलनीय) के ऊपर एक कैलिबर की आधुनिक बंदूकों के लिए क्या संसाधन उपलब्ध है, यह उसी के बारे में है। लाल पार्टी २८ जून २०१७ ०९: ०४ नया २ एमबी के समय से बड़े कैलिबर की जहाज बंदूकों में अधिक संसाधन होंगे, हालांकि वे भी छोटे हैं। बैरल का संसाधन उपयोग किए गए गोले पर अत्यधिक निर्भर है। कवच-भेदी के गोले बैरल को बहुत जल्दी से बाहर निकालते हैं, और लाइनर की जगह के बिना एचई शेल का उपयोग करके एक हजार से अधिक शॉट्स बनाए जा सकते हैं। निकोले के २८ जून २०१७ ०८: ४९ नया मैंने लेखक को एक प्लस लगा दिया, हालांकि लेख पंजे के साथ फिर से भरा हुआ है, २ किमी / घंटा पर प्रक्षेप्य गति से शुरू होकर, एक आयताकार बैरल जो चुपके तकनीक का उपयोग करके और बड़ी मात्रा में बिजली का उपभोग करता है। हां, ऐसा लगता है कि रेलगनों के विकास में भी तुर्क हमसे आगे हैं। लोपैटोव २८ जून २०१७ ०९: २३ नया एक बात जो मुझे समझ में नहीं आती है, वह यह है कि उच्चतम संभव प्रारंभिक गति के साथ एक उपकरण बनाने का प्रयास क्यों किया जाता है? वास्तव में, उदाहरण के लिए, एक रेल रेल मोर्टार सबसे कुशल प्रणाली हो सकती है। जिस पर आप ऐसे समाधान निकाल सकते हैं जो आपको प्रारंभिक गति को लगातार बढ़ाने की अनुमति देते हैं। और यहाँ यह रिकॉर्ड हवाई जहाज की तरह निकलता है, शांत की तरह, लेकिन आप इसे सेवा में नहीं डाल सकते। त्चोनी २८ जून २०१७ ०९: ५५ नया खैर, शायद यह कोई मोर्टार नहीं है) यह अभी भी एक अधिक उन्नत हथियार है और विशेष रूप से इसके पीछे जनरेटर खींचने के लिए अनुकूलित नहीं है) जब तक कि स्व-चालित संस्करण में नहीं।) लेकिन प्रायोगिक रूप में लगभग १००० मीटर / सेकंड की प्रारंभिक प्रक्षेप्य गति के साथ जहाज का एसी, मौजूदा प्रौद्योगिकियों को बनाने के लिए संभव बनाता है) निकोले के २८ जून २०१७ १२: ३३ नया उसे घसीटने के लिए एक जनरेटर विशेष रूप से अनुकूलित नहीं है) ठीक है, चलो कहते हैं, एक जनरेटर नहीं, लेकिन कैपेसिटर, कुछ शॉट्स के लिए एक छोटी बैटरी की ऊर्जा पर्याप्त है। सामान्य तौर पर, मोर्टार के साथ विचार दिलचस्प है। आपने अभी एक पोर्टेबल नहीं बनाया है, लेकिन एक ट्रैक या चेसिस चेसिस पर यह बहुत संभव है लोपैटोव २८ जून २०१७ १८: ४७ नया आपने अभी एक पोर्टेबल नहीं बनाया है, लेकिन एक ट्रैक या चेसिस चेसिस पर यह बहुत संभव है पोर्टेबल मोर्टार एक मिथक हैं। नहीं, बेशक आप मोर्टार को खुद ही खींच सकते हैं। लेकिन वे सभी आसान हैं, कैलिबर जितना छोटा है। और कैलिबर जितना छोटा होता है, उतने अधिक गोला-बारूद की आवश्यकता होती है, इसलिए, आप कुछ वाहनों के बिना नहीं कर सकते ... लेकिन मैं, निश्चित रूप से, स्व-चालित मोर्टार के बारे में। १२० मिमी में कैलिबर वाणिज्यिक। एक अपेक्षाकृत कम प्रारंभिक गति, जिसे विवेकहीन रूप से नहीं बदला जा सकता है, जैसा कि अभी है, लेकिन सुचारू रूप से, अर्थात्। बहुत प्रभावी ढंग से "प्ले" ट्रैजेटरी की क्षमता। स्वचालित लोडिंग में कोई समस्या नहीं है। केवल रडार की मदद से एक शॉट का पता लगाया जा सकता है, जो बदले में, आरईपी साधनों द्वारा आसानी से दबाया जा सकता है या नष्ट हो सकता है। संक्षेप में, कुछ "बन्स" ... जिज्ञासु २८ जून २०१७ ०९: ३४ नया मैं ऐसा शुरू करूंगा। "परंपरागत रूप से, बजट में कटौती के लिए मौलिक रूप से नए हथियारों और उपकरणों का निर्माण केवल औद्योगिक और सैन्य रूप से विकसित राज्यों द्वारा लागू किया जाता है। हालांकि, वर्तमान में, कई विकासशील देश भी इस पद्धति में महारत हासिल कर रहे हैं और नए बोल्ड प्रोजेक्ट विकसित करने की शुरुआत कर रहे हैं।" त्चोनी २८ जून २०१७ ०९: ४७ नया रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा ७-किलोग्राम शेल लगभग २ किमी / घंटा की गति को तेज करता है। इस प्रारंभिक गति पर, गोला बारूद कम से कम 3२ समुद्री मील की दूरी पर एक लक्ष्य को मार सकता है। इस प्रकार, कई बुनियादी विशेषताओं के संदर्भ में, फ्लड कॉम्प्लेक्स में मौजूदा नौसैनिक तोपखाने प्रणालियों पर ध्यान देने योग्य फायदे हैं। ये आंकड़े रेलगन थीम पर अमेरिकी बयानों की तुलना में सामान्य ज्ञान के अनुरूप हैं। इसके अलावा, डिस्क की गतिज ऊर्जा पर भरोसा करने के बजाय, एक वारहेड के साथ शेल की आपूर्ति करने का इरादा भी पर्याप्त दिखता है। अन्य बातों के अलावा, लेखक ने उच्च-बैलिस्टिक गोले की समस्या को रेखांकित किया, जिसमें वॉरहेड के कम द्रव्यमान (ताकत की आवश्यकताओं के कारण) और मार्गदर्शन प्रणालियों की क्षमताओं में अंतराल शामिल हैं। जिसके लिए विशेष धन्यवाद) लाल पार्टी २८ जून २०१७ १०: २५ नया विद्युतचुंबकीय बंदूकें को विद्युत चुम्बकीय लोगों की तुलना में अधिक आशाजनक माना जाता है। एक प्रणोदक को प्रज्वलित करने के लिए एक शक्तिशाली इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज का उपयोग प्रक्षेप्य के प्रारंभिक वेग को बढ़ा सकता है, और बंदूक के ईटीएक्स का डिजाइन पारंपरिक बंदूकों से बहुत अलग नहीं है। मगेरो २८ जून २०१७ १०: ४३ नया लेख में, लकड़ी या प्लास्टिक का यह "नमूना" अकस्मात बनाया गया है? शायद आप मंच उपयोगकर्ताओं को जानते हैं? पत्थर २८ जून २०१७ ११: ०६ नया जैसा कि आप तुर्की सैन्य-औद्योगिक परिसर को देखते हैं, आपको लगता है कि लक्ष्य काम करने वाले मॉडल बनाना नहीं है, बल्कि प्रदर्शनियों और प्रस्तुतियों में अपनी आंखों में अधिक धूल डालना है। इस तरह का ईरानी दृष्टिकोण, प्राच्य। और एक विमान वाहक, और एक ५ वीं पीढ़ी के लड़ाकू, और एक रेलगन। अंत में कुछ नहीं होगा रोम्ब २८ जून २०१७ १३: २२ नया लेकिन अच्छा किया। कदम दर कदम, तुर्की रक्षा उद्योग अधिक से अधिक उच्च तकनीक क्षेत्रों का विकास कर रहा है। इस दृष्टिकोण के साथ, आने वाले वर्षों में वे कुछ विशेष प्रकार के नवीनतम हथियारों में विश्व के नेताओं को तोड़ने में सक्षम होंगे। कोस्टाडिनोव ३० जून २०१७ १६: ०७ नया मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि तुर्की के इंजीनियर यूएसए या ईयू में अपने सहयोगियों की तुलना में बेहतर और कम पैसे के साथ कुछ भी करने में सक्षम होंगे। लेकिन यह विशेष हथियार अनावश्यक और अप्रभावी दिखता है। क्या यह रॉकेट या बैरल आर्टिलरी से बेहतर है? वदिम कुर्बातोव ३ जुलाई २०१७ १६: ३1 नया वास्तव में, एक रेलगन को अपने आयामों का त्याग किए बिना एक टैंक पर नहीं चढ़ाया जा सकता है, लेकिन बेड़े के लिए यह बेहतर नहीं है कि आप इस बिंदु पर गोली न चलाएं कि अगर आप रेगिस्तान में रक्षा प्रणाली का उपयोग करते हैं और इस तरह के हवाई रक्षा तोपखाने का उपयोग संभव है तो रडार पर चमकती है।
रोहतक (दीपक भारद्वाज): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में कुछ बड़े प्रोजेक्ट लॉन्च किए जाएंगे, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विभाग के अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर भी जारी है। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त आर एस वर्मा ने बताया कि कहा कि रोहतक जिले में कई परियोजनाएं पहले ही चल रही हैं, जिनके काम में गति के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। जिला उपायुक्त का कहना है कि मुख्यमंत्री की जो घोषणाएं हैं, उन सभी घोषणाओं को लेकर भी अधिकारियों से विचार विमर्श किया जा रहा है। जिन घोषणाओं का काम अभी चल रहा है उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उनका लक्ष्य अपने जिले में विकास कार्यों को गति देना है। गौरतलब है कि ८ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा के समापन पर रोहतक आएंगे। जिसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। उपायुक्त ने बताया कि रोहतक शहर में लगभग ४०० करोड़ रुपए की परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा महम, कलानौर व सांपला नगर पालिका क्षेत्र में भी ३ सौ करोड़ रुपए की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
भागलपुर में सृजन घोटाले का पर्दाफाश करने जा रहे थे तेजस्वी यादव, नीतीश सरकार ने लगा दी धारा-१४४ | उपखबर पटना। भागलपुर स्टेशन के सामने अंबेडकर की प्रतिमा के आगे बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, बांका के सांसद जयप्रकाश व अन्य साथियों के साथ बैठे हैं, प्रशासन ने बुधवार की देर रात उन्हें सर्किट हाउस में ठहराने से इनकार कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भागलपुर जाने से रोका गया जिस गेस्ट हाउस में ठहरना था, वहां धारा-१४४ लगा दी गई आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने अधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट में लिखा, मुझे ठहरने के लिए सर्किट हाउस नहीं दिया जा रहा, जिस गेस्ट हाउस में ठहरना था। वहाँ धारा-१४४ लगा दी गई है। डीएम और एसपी फ़ोन नहीं उठा रहे है। भागलपुर सिटी में प्रवेश कर चुका है, एयरपोर्ट के पास हूँ। पता नहीं बिहार सरकार कहाँ ठहरायेगी? मुख्य सचिव भी फ़ोन रिसीव नहीं कर रहे? सुबह ११ बजे भागलपुर में सृजन घोटाले को लेकर मेरी जनसभा निर्धारित थी। घबराकर नीतीश जी ने अभी रात को वहाँ पूरे सभा स्थल मे धारा-१४४ लगा दी है। यहां पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, हमने स्पष्ट रुप से पहले ही ये कहा था ये पूरी तरह से साजिश रची जा रही है कि हमारा यह भागलपुर का दौरा किसी तरह रद्द किया जाए। तेजस्वी यादव को भागलपुर जाने से किसी न किसी तरीके से रोका जाए। कल सुशील मोदी ने जो पूरी यात्रा को लेकर ड्रामा किया क्योंकि जनादेश अपमान यात्रा चल रही है। हमको छह-छह घंटे एक जिले को पार करने में लग जा रहा है। लोग सड़कों पर आए हुए हैं। आज हम लोग जब भागलपुर जब पहुंचने वाले थे तो हमको जानकारी में प्राप्त हुआ। बकायदा कार्यक्रम का नेता प्रतिपक्ष या हम लोगों के प्रोटोकॉल के हिसाब से हम लोग कार्यक्रम पहले ही प्रशासन को भेज देते हैं। जब पहले से ही ये सारी चीजें तय थी। जब उस विद्यालय से हमें प्रमिशन मिला हुआ है। किसी को आपत्ति नहीं है तो फिर अचानक से रात में क्या हुआ कि रात नौ बजे धारा १४४ लगा दिया गया। हक ने कहा- जयललिता की बॉडी बाहर क्यों नहीं निकाली जा सकती, हमें भी शक है इसलिए मौत का सच सामने आना ही चाहिए
इटारसी - विकिपीडिया विधायक श्री सीताशरण जी शर्मा नगर पालिका अध्यक्ष श्री मति सुधा राजेंद्र अग्रवाल । जनसंख्या २०१८= १ लाख १7 हजार(20११ के अनुसार[उपड़ते]) ३०५ मीटर (१,00१ फी॰) दूरभाष +९१ (०) ७५७२ निर्देशांक: २२३६४०न ७७४६०३ए / २२.६११न ७७.७६७४१ए / २२.६११; ७७.७६७४१ इटारसी (इतरसी) मध्य प्रदेश प्रान्त का एक शहर है जो कि होशंगाबाद जिले के अन्तर्गत आता हैं। इटारसी के नाम के उत्पत्ति ईंट और रस्सी शब्द के संयोग से हुई है इसका कारण प्राचीन काल में इन उद्योगों की बहुतायत होना। व्यावसायिक दृष्टि से, एक बड़ी कृषि मंडी, आयुध निर्माणी, एवम् रेलवे के कारखानो से। यह होशंगाबाद जिले में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। बोरी अभयारण और तवा बाँध निकट के कुछ दर्शन-योग स्थान है। इटारसी की कुछ प्रमुख बिभुतियों में श्री हरिशंकर परसाई एवं श्री विपिन जोशी का नाम सर्वोपरि है। इटारसी में केसर मल्टी लॉजिस्टिक हब की स्थापना ने यहां व्यापारियों के लिए एक्सपोर्ट की बड़ी सुविधा दे दी है २ जन सांख्यिकी ४.२ सड़क यात्रा ७ ग्रामीण क्षेत्र ८ इटारसी से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र ९ औद्योगिक संस्थान इटारसी २२३७न ७७४५ए / २२.६२न ७७.७५ए अक्षानंस पे स्थित है तथा इसकी समुद्र तल से औसत ऊँचाई ३०४ मीटर है। जन सांख्यिकी[संपादित करें] २००१ के जनगणना के अनुसार इटारसी के कुल आबादी ९९,७८३ रही थी जिसमें से ५२% पुरुष और ४८% महिलाएँ सम्मिलित थी। वर्तमान में इटारसी की जनसंख्या १ लाख १7 हजार के आसपास हो गई है। इटारसी मुख रूप से तहसील के श्रेणी में आती जिसका मुख्यालय होशंगाबाद जिला है। यह होशंगाबाद विधानसभा एवं होशंगाबाद - नरसिंहपुर संसदीय क्षेत्र अंतर्गत आती है। वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमति सुधा अग्रवाल जी है। इटारसी रेल एवं सड़क से जुड़ा हुआ है। इटारसी जंक्शन रेल द्वारा बडी आसानी से पहुँचा जा सकता है। दिल्ली-चेन्नई मेन लाइन एवं मुम्बई-जबलपुर मुख्य मार्ग में इटारसी स्टेशन पड़ता है। दिल्ली से रेल द्वारा १०-१४ घंटे लगते हैं। इटारसी शहर पश्चिम मध्य रेल्वे का मुख्य स्टेशन एवं सबसे बड़ा जंक्शन है। यहां से हर रोज लगभग ३५० गाड़िया गुजरती हैं। सड़क यात्रा[संपादित करें] इटारसी सड़क द्वारा भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सरकारी और निजी बसें भोपाल के लिये उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग ६९ से जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ ईंट और रस्सी बनाई जाती थी। भगवान शिव का एतिहसिक तिलक सिंदूर मंदिर तवा डेम की सुरम्य वादियां बूड़ी माता मंदिर बड़ा हनुमान मंदिर (फाटक वाले) श्री दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर रेलवे स्टेशन के सामने स्थापित वर्ष १९४१ के पूर्व। स्वप्नेश्वर हनुमान मंदिर विंध्येश्वरी माता मंदिर (महर्षि नगर) ग्रामीण क्षेत्र[संपादित करें] इटारसी के आस पास निम्न ग्रामीण क्षेत्र जुडे़ हैं- इटारसी से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र[संपादित करें] विद्युत इंजन शेड डीजल इंजन शेड इटारसी ऑइल एंड फ्लोर मिल प्राथमिक शिक्षा के लिए काफी संस्थान अग्रणी है पश्चिम मध्य रेल्वे सीनियर हाई सेकेंडरी स्कूल केन्द्रीय विद्यालय ओ ई एफ केन्द्रीय विद्यालय सी पी ई शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय श्री टैगौर विद्या मंदिर सरस्वती उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आदर्श हाई सेकेंडरी स्कूल नया यार्ड एम॰जी॰एम॰ स्कूल इटार्सी एम जी एम शासकीय महाविद्यालय शासकीय कन्या महाविद्यालय राजीव गाँधी महाविद्यालय शासकीय पॉलीटेक्निक महाविद्यालय इटारसी इटारसी का सेटेलाइट चित्र नर्मदांचल - विश्वजाल पर इटारसी-होशंगाबाद का कोना इटारसी पैसेंजर निरस्त होने से आक्रोश " से लिया गया अन्तिम परिवर्तन १६:१५, १० मई २०१९।
सलमान को ५ साल की जेल के बाद इन बड़ी फिल्मों पर पड़ेगा असर, फंस सकते हैं करोड़ों रुपए | न्यूज़ २४ नई दिल्ली ( ५ मार्च ): काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को दोषी करार दिया है। सलमान को ५ साल की सजा सुनाई गई है। गुरुवार को जोधपुर की अदालत इस मामले फैसला सुनाया।सजा सुनाते ही सलमान को हिरासत में ले लिया गया। ये मामला २० सालों से चल रहा था। सलमान खान को सजा के साथ ही यह अटकलें तेज हो गई हैं कि उनके प्रोफेशनल प्रोजेक्ट रुक सकते हैं। साथ ही करोड़ों रुपए की रकम भी फंस सकती है। सलमान इस समय कई प्रोजेक्ट से जुड़े हैं या जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। सलमान की सजा से किस तरह बिजनेस प्रभावित होगा जानिए...। -सलमान खान इस समय रेमो डिसूजा के निर्देशन में बन रही फिल्म रेस ३ की शूटिंग कर रहे हैं। इस फिल्म की शूटिंग अभी अधूरी है। इस फिल्म का बजट १०० करोड़ रुपए है। सलमान इसमें मुख्य अभिनेता हैं। यदि सलमान को ५ सला की सजा होने के बाद अटकले लग रही हैं कि ये प्रोजेक्ट अटक सकता है। साथ ही प्रोड्यूसर्स द्वारा फिल्म में लगाई रकम फंस सकती है। -सलमान खान भारत नाम की एक फिल्म में काम कर रहे हैं, जो कि कोरियन फिल्म ऑड टू माय फादर की हिन्दी रीमेक होगी। यदि सलमान को सजा के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि ये फिल्म भी ठंड बस्ते में जा सकती है। इस फिल्म का निर्माण अली अब्बास जफर कर रहे हैं। उनके साथ सलमान पहले सुल्तान और टाइगर जिंदा है बना चुके हैं। सलमान की इस फिल्म की शूटिंग जून में शुरू होनी है। इसकी शूटिंग पंजाब, मुंबई, दिल्ली और अबुधाबी में होनी है। -सुपरहिट सीरीज दबंग ३ में भी सलमान का होना तय है। इस फिल्म की शूटिंग भी साल के अंत में शुरू हो सकती है। सलमान को सजा के बाद ये प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में जा सकता है। -सलमान खान का नाम अब तक बिग बॉस के अगले सीजन के लिए तय है। अक्टूबर में शुरू होने वाले बिग बॉस १२ के लिए सलमान की जगह अन्य होस्ट खोजना पड़ सकता है। बता दें कि सलमान खान इस शो के लिए करीब ११ करोड़ रुपए फीस लेते हैं।
नोएडा: ऐमिटी यूनिवर्सिटी के सुपरवाइजर ने की आत्महत्या - न्यूज नेस्ट २०/०८/१९ ०२:२५ आम यू अरे एट:होमगाज़ियाबाद-आसपासनोएडा: ऐमिटी यूनिवर्सिटी के सुपरवाइजर ने की आत्महत्या नोएडा: ऐमिटी यूनिवर्सिटी के सुपरवाइजर ने की आत्महत्या नोएडा ( न्यूज़ नेस्ट)ई जिले के सेक्टर १२५ स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी में काम करने वाले एक हॉस्टल सुपरवाइजर ने बृहस्पतिवार को तड़के सेक्टर ९६ में एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी। थाना सेक्टर ३९ के प्रभारी निरीक्षक प्रशांत कपिल ने बताया कि सेक्टर ३६ में रहने वाले मोहनन (५५ वर्ष) सेक्टर १२५ स्थित एमिटी यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे। थाना प्रभारी ने बताया कि आज सुबह पुलिस को सूचना मिली कि सेक्टर ९६ के ग्रीन बेल्ट में स्थित एक पेड़ से फंदा लगाकर उन्होंने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मृतक के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है। थाना प्रभारी ने बताया कि मौके से कोई सूइसाइड नोट नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि पुलिस आत्महत्या के कारणों का पता लगा रही है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच की जा रही है। आत्महत्या ऐमिटी यूनिवर्सिटी सुपरवाइजर हॉस्टल गंदगी फैलाने पर शॉपिंग मॉल्स पर ५२ लाख रुपये का लगा जुर्माना नोएडा: बेरोजगारी से परेशान होकर युवक ने की खुदकुशी नोएडा: मंगलसूत्र दिलाने की मांग पूरी न होने पर महिला ने की आत्महत्या
रंगोली में उमा, मेहंदी में शालिनी ने मारी बाजी जिला सूचना अधिकारी जेएन यादव ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान रंगोली, मेंहदी और संगीत प्रतियोगिताएं हुईं। सीनियर वर्ग रंगोली प्रतियोगिता में उमा प्रजापति, जूनियर में प्रिया प्रथम रहीं। सीनियर वर्ग मेहंदी में शालिनी और जूनियर वर्ग में साक्षी केसरवानी अव्वल रहीं। संगीत सीनियर वर्ग में नीतू वर्मा और जूनियर वर्ग में निशा ने बाजी मारी। इसी तरह नृत्य में सीनियर वर्ग में अंकिता केसरवानी और जूनियर वर्ग में आकांक्षा मिश्रा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मुख्य अतिथि जिला सूचना अधिकारी ने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्र-छात्राओं को आगे बढ़ने का अवसर प्राप्त होता है। प्रधानाचार्या पूनम मिश्रा ने स्वागत किया। इस मौके पर प्रबंधक प्रदीप कुमार मिश्रा, संतलाल, अशोक नारायण तिवारी, ओमप्रकाश आदि मौजूद रहे।
गूगल पिक्सेल ३, पिक्सेल ३ज़्ल का देखें फर्स्ट लुक, लॉन्च से पहले पिक्चर्स हुईं लीक गूगल पिक्सेल ३, ३ज़्ल : पिक्चर्स में देखें कैसे दिखता है गूगल का आने वाला यह फोन नई दिल्ली (टेक डेस्क)। गूगल पिक्सल ३ और ३ज़्ल की लॉन्च डेट ९ अक्टूबर रखी गई है। लॉन्च से पहले ही गूगल पिक्सल ३ज़्ल की पिक्चर्स लीक हो गई हैं। पिक्चर्स में देखें कैसे दिखता है गूगल का आने वाला यह फोन: पिक्सेल ३ और पिक्सेल ३ ज़्ल की डिटेल्स: लीक हुई जानकारी के मुताबिक, पिक्सेल ३ ज़्ल में ड्यूल सेल्फी कैमरा दिया जा सकता है। वहीं, पिक्सेल ३ में ड्यूल रियर कैमरा सेटअप दिए जाने की उम्मीद है। दोनों पिक्सल मॉडल में दो स्पीकर्स दिए जा सकते हैं जो स्टीरियो ऑडियो आउटपुट को इनेबल करने में मदद करेंगे। पिछले हफ्ते लीक हुई पिक्सेल ३ ज़्ल की फोटोज के मुताबिक, फोन में रियर पैनल पर फिंगरप्रिंट सेंसर और रियर कैमरा सेटअप दिए जाने की उम्मीद है। टिप्सटर इवान ब्लास ने भी पिक्सेल ३ और पिक्सेल ३ ज़्ल के डिजाइन शेयर किए थे। लीक जानकारी के मुताबिक, पिक्सेल ३ ज़्ल में ६.२ इंच का क़द+ डिस्प्ले दिया जा सकता है जिसका पिक्सल रेजोल्यूशन १४४० क्स २880 होगा। वहीं, पिक्सेल ३ मे ५.५ इंच का डिस्प्ले साइज दिए जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि गूगल की पिक्सल सीरीज में पिक्सेल ३ ज़्ल में अब तक का सबसे बड़ा डिस्प्ले दिए जाने की उम्मीद है। पिक्सेल ३ और पिक्सेल ३ ज़्ल में वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट दिए जाने की उम्मीद है। वहीं, दोनों फोन स्नैपड्रैगन ८४५ प्रोसेसर और ४ जीबी रैम से लैस होने की उम्मीद है। ग्राफिक्स के लिए इनमें एड्रेनो 6३० जीपीयू दिया जा सकता है। साथ ही ये दोनों फोन एंड्रॉइड ९.० पाई पर काम करेंगे। चीन की वेबसाइट ज्द.कॉम के मुताबिक, पिक्सेल ३ की कीमत ४९९९ चीनी युआन यानी करीब ५२,8०० रुपये होगी। वहीं, पिक्सेल ३ ज़्ल की कीमत का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है। ज़ियाओमी लेकर आ रहा है एचडी ऑडियो वाला नया ईयरफोन, २५ फरवरी को होगा लॉन्च इसके अलावा इस फोन का मुकाबला अक्टूबर महीने में ही लॉन्च होने वाले वनप्लस ६त से हो सकता है। आपको बता दें कि कंपनी ने फिलहाल इस स्मार्टफोन से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। हालांकि, कुछ दिन पहले लीक हुई तस्वीरों और फीचर्स की बात करें तो यह फोन भी वनप्लस ६ की तरह ही क्वालकॉम स्नैपड्रैगन ८४५ प्रोसेसर के साथ आएगा। इसके आलावा इसमें कई और नए फीचर्स भी जोड़े जा सकते हैं। फोन एंड्रॉइड के लेटेस्ट ऑपरेटिंग सिस्टम एंड्रॉइड ९.० पाई के साथ आ सकता है। इसके अलावा फोन के डिस्प्ले फीचर्स की बात करें तो इसमें ८.४५ इंच का फुल स्क्रीन डिस्प्ले दिया जा सकता है। फोन का स्क्रीन एचडी प्लस ऑप्टिक एमोलेड हो सकता है। इसके आलावा इसमें ३.५ एमएम का ऑडियो जैक नहीं दिया जाएगा। फोन में यूएसबी सी टाइप ईयरफोन दिया जा सकता है जो बैटरी की बचत करेगा। इस स्मार्टफोन में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया जा सकता है। फोन के लॉन्च की तारीख के बारे में भी यह अनुमान लगाया जा रहा है कि फोन १७ अक्टूबर की सुबह ११ बजे लॉन्च किया जाएगा। हालांकि, कंपनी की तरह से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। आपोल एयर पॉड्स प्रो के नए अफोर्डेबल वेरिएंट को जल्द किया जा सकता है लॉन्च वनप्लस ६त प्री बुकिंग के लिए अमेजन ने लाइव किया वेबपेज, साथ मिलेंगे ये ऑफर्स रियामे जल्द ही अपने स्मार्ट टीवी को करेगा लॉन्च, मी त्व को मिलेगी चुनौती रियामे क्स५० प्रो ५ग आज होगा लॉन्च, जानें कीमत, फीचर्स और स्पेसिफिकेशन्स
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मैंने हमेशा मन से काम किया: राइमा सेन - मैंने हमेशा मन से काम किया: राइमा सेन हिंदी न्यूज़ मैंने हमेशा मन से काम किया: राइमा सेन मैंने हमेशा मन से काम किया: राइमा सेन आप तो हिंदी की बजाय बंगला फिल्मों को लेकर ज्यादा व्यस्त हैं? ऐसी कोई बात नहीं है। मैं तो अब भी हिंदी की फिल्में ज्यादा कर रही हूं। बंगला की तो सिर्फ दो फिल्में हैं, जिनमें से एक ऋतु दा (तुपर्णो घोष) की फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है। इसमें हम दोनों बहनों ने एक साथ काम किया है। आपको आपकी बहन से ज्यादा प्रतिभाशाली माना जाता है? मैं इस मामले में खुशनसीब हूं कि मैंने अब तक जिन फिल्मों में भी काम किया है, उनमें मेरे काम की तारीफ जरूर हुई है। मगर रिया के साथ ऐसा नहीं हुआ और न ही उसे अच्छे मौके ही मिले। वैसे मुझे पूरा यकीन है ऋतु दा की फिल्म में उसका टैलेंट खुल कर सामने आएगा। शायद इस फिल्म में मुझसे ज्यादा उसकी तारीफ होगी। मैं हमेशा उसे अपने आप से एक कदम आगे देखना चाहती हूं। बतौर हीरोइन आप दोनों की ही इमेज बिल्कुल जुदा रही है? यह तो काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आपको किस तरह के कैरेक्टर करने को मिल रहे हैं। रिया को शुरू से ही ग्लैमर लुक वाले कैरेक्टर ज्यादा करने को मिले हैं। जिस दिन रिया को कुछ चैलेंजिंग करने का मौका मिलेगा, वो अपने आपको प्रूव करने में पूरी तरह से सक्षम साबित होगी। दो बहनों के बीच का यह आपसी प्यार आज के दौर में बहुत कम देखने को मिलता है? अलग-अलग मूड के होने के बावजूद हम दोनों इतने करीब हैं कि वास्तव में हम एक लगते हैं। हमारी उम्र में सिर्फ एक साल का फर्क है। मैं उससे एक साल बड़ी हूं, मगर वो हमेशा मुझ पर धौंस जमाती रही है। मुझे उसका यह धौंस जमाना हमेशा अच्छा लगा। आपने टैलेंट की बात कही है, फिर भी आप स्टारडम के दौर में इतना पीछे क्यों रह गयीं? सच कहूं तो इसका जवाब मेरे पास बिल्कुल नहीं है। मुझे जो भी काम दिया गया, उसे मैंने हमेशा मन से किया, कोई शर्त नहीं रखी। मेरे काम की तारीफ भी काफी हुई, पर उस हिसाब से मेरे पास फिल्में नहीं आयीं, जैसी मैंने उम्मीद जोड़ रखी थी। क्या फ्लॉप फिल्मों ने आपकी अच्छी परफॉर्मेस को एक दायरे में कैद कर दिया है? इसके लिए आप आर्टिस्ट को तो दोष नहीं दे सकते। मुझे तो यही लगता है कि यहां तो सिर्फ हिट फिल्म की नायिका की कद्र होती है। इस मामले में हिट फिल्मों ने मेरे साथ दगा की है। फिर भी आप मेरे ख्बावों में जो आये.. जैसी नीरस फिल्मों में काम कर लेती हैं? असल में जब तक कोई फिल्म पूरी नहीं हो जाती, उसके स्तर का सही आकलन करना मुश्किल होता है, जबकि हम सभी फिल्म के सब्जेक्ट और अपने रोल को सुन कर उसमें काम करने का मन बनाते हैं। क्या आपने यह फिल्म अपने प्रिय दोस्त रणदीप हुड्डा की वजह से की थी? यदि ऐसा किया भी तो गलत क्या था। हम दोनों ने ही अपना रोल सुन कर काम करने का मन बनाया था। आपकी माइग्रेशन, जैपनीज वाइफ, सनग्लास, मेरीडियन आदि कई फिल्में रीलिज होने का नाम नहीं ले रहीं? इसका जवाब तो इन फिल्मों के प्रोडय़ूसर ही दे सकते हैं। वेब तितले:मैंने हमेशा मन से काम किया: राइमा सेन ब'दए स्प्ल: बंगाली ब्यूटी राइमा सेन के बारे में जानें दिलचस्प बातें राइमा ने कराई सजर्री होली के हंसगुल्ले
चाय बनाते समय मामूली विवाद में गर्भवती पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या - बहुजन पोस्ट डॉट कॉम होम क्राइम चाय बनाते समय मामूली विवाद में गर्भवती पत्नी की चाकू से गोदकर... चाय बनाते समय मामूली विवाद में गर्भवती पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या हत्या के बाद मौके पर लगी भीड़, विलखते परिजन लखीमपुर खीरी। पसगवां कोतवाली की नगर पंचायत बरवर के मोहल्ला गांधीनगर में चाय बना रही पत्नी और पति के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इससे गुस्साए पति ने चाकू से ताबड़तोड़ प्रहार कर गर्भवती पत्नी की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद किया है। शव पोस्टमार्टम को भेजा है। बरवर नगर पंचायत के मोहल्ला गंधीनगर निवासी बबलू पुत्र बद्रीप्रसाद की पत्नी रेनू देवी (३५) सोमवार की सुबह चाय बना रही थी। उसी समय किसी बात को लेकर पति से विवाद हो गया। इससे नाराज बबलू ने पत्नी पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गयी। मृतका के चाचा रामनरेश ने बताया की रेनू ६ माह की गर्भवती थी। हत्या करने के बाद बबलू मौके से फरार हो गया। घटना की सूचना स्थानीय चौकी पुलिस को सुबह सात बजे मिली। पुलिस ने गांव से ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पति बबलू ने पुलिस को बताया कि उसे पत्नी के चरित्र पर शक था। इसी को लेकर आपस मे आये दिन विवाद होता था। मृतका रेनू देवी के तीन बच्चे बादल (६), रक्षा देवी (५) और आयुष (३) है। मृतका के पिता खुसीराम निवासी कचनार कोतवाली मोहम्मदी ने घटना की तहरीर पुलिस को दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर बबलू के विरुद्ध हत्या का केस दर्ज कर लिया। शव पोस्ट मार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा है। रेनू देवी की मौत के बाद उसके बच्चों का रो रो कर बुरा हाल है। मृतका के पिता खुशीराम तीनों बच्चों को अपने साथ ननिहाल ले आए हैं। प्रेवियस आर्टियलगोल्ड ने बनाया ऊंचाई का नया रिकार्ड, कोरोना संकट के बीच निवेश का बना भरोसेमंद साधन नेक्स्ट आर्टियल९१.६९% लोगों ने माना चीना है भारत का सबसे बड़ा दुश्मन, नहीं खरीदेंगे चीनी सामान : सर्वे सचिन हुड्डा, फरीदाबाद मंझावली में यमुना पर बन रहे पुल को फरीदाबाद शहर से जोड़ने के लिए सड़क को चौड़ा किया जाना है। प्रशासन ने... इंग व्स वी १स्त टेस्ट दए २: वेस्टइंडीज की दमदार गेंदबाजी, २04 रन पर सिमटी इंग्लैंड की पहली पारी इंग व्स वी १स्त टेस्ट दए २: ११7 दिन के बाद खेले जा रहे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच में वेस्टइंडीज की... १० साल के बच्चे की गला दबाकर निर्माणाधीन मकान में फेंका शव
एमिनो एसिड पोषण घटकों - हमिक एसिड स्टोरी - समाचार - शीआन नेचरटेक कं, लिमिटेड एमिनो एसिड पोषण अवयव एमिनो एसिड सबसे बुनियादी पदार्थ हैं जो जीवों में प्रोटीन बनाते हैं और जीवन की गतिविधियों से संबंधित होते हैं, और जीवों में प्रोटीन अणुओं की मूल इकाइयां हैं, जो अमीनो एसिड हैं जो जीवों की जीवन क्रियाओं से निकटता से संबंधित हैं। यह एंटीबॉडी में विशेष शारीरिक समारोह है और जीव में अपरिहार्य पोषक तत्वों में से एक है। एमिनो एसिड उर्वरक संयंत्र की अमीनो एसिड पर आधारित हैं, इसकी विशाल सतह गतिविधि और अवशोषण क्षमता, पोषक तत्वों (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, लोहा, एमिनो एसिड तांबे, मैंगनीज, जस्ता, एल्यूमीनियम, बोरान, इत्यादि) का उपयोग करके जो आवश्यक हैं मानव पौधों के विकास और विकास को जोड़ दिया जाता है, और कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों को इसके अतिरिक्त और जटिलता द्वारा गठित किया जाता है। यह उर्वरक केवल बहुत सी तत्वों को धीमी गति से रिलीज और पूर्ण उपयोग नहीं रख सकता, बल्कि ट्रेस तत्वों की स्थिरता और दीर्घकालिक प्रभाव को भी सुनिश्चित कर सकता है। पौधों के श्वसन को बढ़ाने, पौधे की रेडॉक्स की प्रक्रिया में सुधार और पौधों के चयापचय को बढ़ावा देने का इसका अच्छा प्रभाव है। एमिनो एसिड यह प्रकाश संश्लेषण और क्लोरोफिल के गठन और ऑक्साइड की गतिविधि, एंजाइम की गतिविधि, बीज का अंकुरण, पोषक तत्वों का अवशोषण, और जड़ के विकास और विकास के रूप में शारीरिक और जैव रासायनिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा दे सकती है, स्पष्ट रूप से बढ़ावा देने और सक्रिय करने के प्रभाव । विशेष रूप से, पौधों के साथ इसकी आत्मीयता किसी भी अन्य पदार्थ के बराबर नहीं होती है। एमिनो एसिड उर्वरक की प्रभावकारीता ने जैविक उर्वरक का दीर्घकालिक प्रभाव, उर्वरक की त्वरित अभिनय, जैव-उर्वरक की स्थिरता और सूक्ष्म उर्वरक की दक्षता निर्धारित की। यह पत्र मुख्य रूप से इस उर्वरक में कृषि में एमिनो एसिड के आवेदन पर चर्चा करता है। मिट्टी का ढेर मिट्टी संरचना की मूल इकाई है। अमीनो एसिड का उपयोग, मिट्टी के नमक को बहुत अधिक, क्षारीय भी मजबूत, मृदा कण की ऊंचाई फैलाव, मिट्टी संरचनात्मक अंतर के भौतिक और रासायनिक पात्रों को बदल सकता है, मिट्टी का ढेर बनाने के लिए अमीनो एसिड, अमीनो एसिड को मिट्टी के बल्क को लागू करने के बाद बढ़ावा देता है घनत्व में स्पष्ट रूप से कमी आई है, कुल सरंध्रता और जल धारण क्षमता में वृद्धि हुई है, जिससे मृदा जल संरक्षण और निषेचन की क्षमता में सुधार करने में मदद मिली है, इस प्रकार पौधे की जड़ विकास और विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा कर रही हैं। मृदा सूक्ष्मजीव मिट्टी की संरचना में महत्वपूर्ण कारकों में से एक है, मिट्टी के कार्बनिक और अकार्बनिक गुणवत्ता का परिवर्तन, पोषक तत्वों का साइकलिंग और पौधों की जीवन गतिविधि की प्रक्रिया में एंजाइमों का गठन। अमीनो एसिड मिट्टी की सूक्ष्मजीव गतिविधियों को बढ़ावा दे सकती है, मिट्टी की सूक्ष्मजीवों की संख्या में वृद्धि, मिट्टी की एंजाइम गतिविधि बढ़ा सकती है, बड़ी संख्या में घरेलू और विदेशी अनुसंधान के आंकड़ों ने पुष्टि की है कि अमीनो एसिड का प्रयोग एरोबिक बैक्टीरिया, एक्टिनोमायसीट्स, फाइबर की संख्या में विघटन बैक्टीरिया में वृद्धि हुई यह कार्बनिक पदार्थों के खनिज को गति देने और पोषक तत्वों के तत्वों को जारी करने के लिए लाभप्रद है। रासायनिक उद्योग के तेजी से विकास के साथ, रासायनिक उर्वरकों के उत्पादन और आवेदन मात्रा में वृद्धि हो रही है, और रासायनिक उर्वरकों के आवेदन ने कृषि उत्पादन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन उर्वरक आवेदन की वृद्धि जैसे समस्याओं निवेश की लागत और उर्वरक उपयोग की कमी भी धीरे-धीरे प्रतिबिंबित होती है।
शिकायत में देरी का मतलब यह नहीं कि रेप पीड़िता झूठी है: कोर्ट तुरंत पुलिस में दर्ज कराने से इनकार करने का मतलब यह नहीं है कि पीड़िता झूठ बोल रही है बॉम्बे हाईकोर्ट ने सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में चार दोषियों की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि यौन हमले की रिपोर्ट तुरंत पुलिस में दर्ज कराने से इनकार करने का मतलब यह नहीं है कि पीड़िता झूठ बोल रही है. क्योंकि भारतीय महिलाएं विरले ही ऐसे झूठे आरोप लगाती हैं. जस्टिस ए एम बदर ने इस सप्ताह के शुरू में दत्तात्रेय कोरडे, गणेश परदेशी , पिंटू खोसकर और गणेश जोले की अपील खारिज कर दी. इन चारों ने अप्रैल २०१३ में सुनाए गए सत्र अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्हें सामूहिक बलात्कार के जुर्म में दस साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इन चारों को १५ मार्च २०१२ को एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने और उसके पुरुष दोस्त से मारपीट करने का दोषी ठहराया गया था. यह घटना तब की थी जब दोनों पीड़ित नासिक जिले में त्रयम्बकेश्वर से लौट रहे थे. दोषियों ने दावा किया कि उन्हें इस मामले में इसलिए फंसाया गया क्योंकि उन्होंने पीड़िता और उसके दोस्त को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था और उन्हें अशोभनीय व्यवहार के लिए पुलिस के पास ले जाने की धमकी दी थी.
विराट ने कर दिया साफ कि आखिरकार रोहित शर्मा को केपटाउन टेस्ट में क्यों मिला अवसर रहाणे की जगह रोहित को टीम में शामिल किए जाने पर कप्तान विराट ने ये सफाई दी है । केपटाउन टेस्ट के बाद भारतीय टीम के चयन पर सवाल उठने लगे अहम तौर पर अजिंक्य रहाणे को टीम में जगह नहीं मिली तथा रोहित शर्मा को आखिरी ११ में शामिल किया गया। रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ पिछले तीन टेस्ट मैचों में अच्छी बल्लेबाजी की थी और बहुत रन बनाए थे। विराट ने रोहित को टीम में चुने जाने पर कहा है कि रोहित की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम में शामिल किया गया। हमने टीम में खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए उन्हें अंतिम ग्यारह में शामिल किया। विराट ने कहा कि हमने अच्छे फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरने का फैसला किया था। इस दौरे से चार वर्ष पहले जब भारतीय टीम द. अफ्रीका आई थी उस वक्त रहाणे ने टेस्ट सीरीज में अच्छी बल्लेबाजी की थी और भारत की तरफ से सीरीज में रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर थे।
न्यूजीलैंड और चीन बीच जैविक खाद्य पदार्थो का हुआ समझौता न्यूजीलैंड-चीन में जैविक खाद्य व्यापार को लेकर हुआ समझौता वेलिंगटन। न्यूजीलैंड के प्राथमिक उद्योगों के मंत्रालय (एमपीआई) ने गुरुवार को कहा कि न्यूजीलैंड और चीन के बीच एक समझौता हुआ है, जिससे जैविक खाद्य पदार्थो के निर्माता निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं। न्यूजीलैंड और चीन के बीच जैविक खाद्य पदार्थो का हुआ समझौता मंत्रालय में खाद्य पौधों एवं पर्यावरण मामलों के निदेशक पीटर थॉमसन ने एक बयान में कहा कि म्यूचल रिकगनिशन अरेंजमेंट फॉर सर्टिफाइड ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स न्यूजीलैंड में जैविक उद्योग के विकास का समर्थन और उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक आश्वासन प्रदान करेगा। थॉमसन ने कहा, चीन से आयातित जैविक खाद्य पदार्थो में न्यूजीलैंड के उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ सकता है, क्योंकि एमपीआई ने चीनी प्रणाली का आकलन किया है, जिसके तहत उसे अच्छा पाया गया है। रविशंकर प्रसाद ने उद्यमियों से भारत को डाटा विश्लेषण का केंद्र बनाने में मदद...
मुझे उम्मीद है आप सब कुशल मंगल और खुश है। सबसे पहले में मेरे प्यारे पाठकों से माफी चाहता हूँ कि पिछले दो सप्ताह से ज्यादा समय से मैं आप लोगों से दूर रहा। इसके पीछे ट्रेनिंग्स का मेरा बसी स्केजूल मुख्य कारण है। आज की कहानी एक ऐसी महिला मॉडल क बारे में है जिसने दुनिया के नजरिये को नकारा और फिर उसे बदला भी दिया। एक बार अमेरिका में उबेर टैक्सी में सफ़र कर रही बेहद काली महिला (ब्लैक वोमेन) को देखते हुए टैक्सी चला रहे गोरे ने पूछा, अगर तुम्हे कोई $१०,००० (लगभग ६,५०,०००) दे तो क्या तुम अपनी चमड़ी को ब्लीच करवा कर इसे अच्छा बनाना चाहोगी? महिला ने मुस्कान भरते हुए उत्तर दिया, कभी नहीं क्यूंकि मेरी चमड़ी का रंग मेरे लिए भगवान् का एक आशीर्वाद है। इस घटना के बाद से आज वह एक बड़ी पब्लिक फिगर, खूबसूरती का एक इकन तथा महिलाओं के लिए एक प्रेरणा बन गई। न्याकीम गट्वेच का जन्म एथियोपिआ में हुआ और शुरूआती बचपन साउथ सुडान में गुजरा। चूँकि न्याकीम का बचपन अफ़्रीकी देशों में गुजरा था तो उसे कभी कोई ज्यादा बड़ी परेशानी नहीं उठानी पड़ी थी। क्यूंकि अफ्रीका के देशों में सभी लोगों का रंग सांवला होता था। हालाँकि सभी लोग उस से कम सांवले थे फिर भी समाज में उसे आसानी से अपना लिया जाता रहा था। परेशानी तब शुरू हुई जब १४ वर्ष की उम्र में उसके माता पिता सन २००७ में उसे अमेरिका ले गए और वहां नव यॉर्क के बफेलो शहर में रहने लगे। सबसे पहली परेशानी उसे स्कूल में झेलनी पड़ी जहाँ सभी बच्चे उसे घूर-घूर कर देखा करते थे। बच्चे उसके काले चहरे के बीचोबीच चमक रहे उसके दांतों का मजाक उड़ाते थे। सभी बच्चे उसे से दूर भागते थे। यहाँ तक की लंच तथा क्लास रूम में भी कोई उसके साथ बैठना पसंद नहीं करता था। कुछ बच्चे तो उसे छुकर भाग जाते थे। उसकी पीठ पीछे से जोर में कहते थे की देखो ये कितनी गन्दी है। कुछ बच्चे उसे कहते थे की तुम बन्दर लगती हो। इस सब से परेशां होकर वह अपनी माँ की गोदी में रोटी और पूछती कि आखिर स्कूल में सब उसे गन्दा क्यूँ कहते हैं। उसकी बड़ी बहन ने उसे समझाया कि उसे ब्लीच कर लेना चाहिए ताकि वह भी अपनी बड़ी बहन की तरह अच्छी दिखना शुरू हो जाये जिसने अमेरिका आते ही अपने शारीर को ब्लीच करवा दिया था। कुछ वर्ष तक यह सिलसिला चलता रहा जिसका असर ये हो रहा था की वह अपने आत्मविश्वास खोता जा रही थी और गुमसुम और अकेला रहना शुरू कर चुकी थी। उसके कोई दोस्त भी नहीं थे क्यूंकि वह अपने आप पास के बचों द्वारा अपनाई नहीं जाती थी। कुछ साल बाद न्याकीम और उसका परिवार बफेलो से मिनेसोटा चला गया। वहां जिस स्कूल में उसने पढना शुरू किया वहां काफी अफ्रीकन लोग रहते थे। हालाँकि वहां पर भी सभी लोगों का रंग उसके मुकाबले काफी हल्का था मगर फिर भी वहां उसका मजाक नहीं उदय जाता था। इस नै जगह और नए स्कूल में उसने ऐसे दोस्त बनाने शुरू किये जो उसका मजाक न उड़ाते हों। उसने सिर्फ ऐसे लोगों के साथ रहना और दोस्ती करना शुरू किया जो उसे जैसे के तैसे ही अपनाना चाहते हों। इसके बाद उसने अपने आप को समझाना शुरू किया कि वह जैसी भी वह अपने आप में खुबसूरत है और किसी भी कीमत पर ज्यादा लोगों में अपनाये जाने के लिए अपने आप के रंग को बदलने की कोशिश नहीं करेगी। वह हर रोज आईने के सामने खड़ी होई और अपने आप को देखते हुए कहती तुम बहुत खुबसूरत हो, तुम्हे इस तरह के खुबसूरत रूप में इश्वर ने किसी खास वजह से बनाया है। एक दिन इस नए स्कूल में अफ्रीकन्स के लिए फशन शो आयोजित किया गया। उसकी एक टीचर ने उसे भी उस शो में हिस्सा लाइन के लिए कहा। मगर न्याकीम ने यह कह कर बात को टालना चाह कि वो न तो वह कोई मॉडल है और वह नहीं चाहती कि लोगों के सामने जाए और लोग उसे उसके रंग के बाते करना शुरू करे। उसने कहा कि बड़ी मुश्किल से उसने अपना आत्मविशवास वापिस पाया है और मुश्किल से अपने आप से प्यार करने लगी है। टीचर ने उस से कहा कि वह सच में खुबसूरत है और एक ख़ास ड्रेस है जो उसे पहन लेनी चाहिए। न्याकीम ने उस शो में हिस्सा लिया और हिसा लेने के बाद बहुत खुश भी थी। उस शो के बाद उसे ये महसूस हुआ कि वह मॉडल बन सकती है क्यूंकि वह इस शो को एंजॉय कर रही थी। उसके कुछ दिनों बाद एक लोकल फोटोग्राफर से फोटो शूट करवाया गया। जिसमे से कुछ तस्वीरों को उस ने अपने इंस्टाग्रम पर उपलोड कर दिया। कुछ की सप्ताह में वो फोट्ग्राफ अमेरिका, अफ्रीका और अन्य देशों के सोशल मीडिया में छा गए। लोगों ने उसके नेचुरल बने रहने, अपने आपको पसंद करने और अपने आप से प्यार करने के लिए उसे सराहा और फॉलो करना शुरू कर दिया। तब से न्याकीम गेटऊच ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। विश्वभर में आज वह एक विराल सेन्सशन बन गई है। ऐसा कोई अखबार या मेगइन या कोई लाइफेशैली शो नहीं जिसने इस खुबसूरत मॉडल को जगन न दी हो। दोस्तों, न्याकीम गट्वेच की कहानी से समझा जा सकता है कि इस विश्व में आप के लिए सबसे महत्वपूरण अगर कोई है तो वह आप सवयं हैं। अगर आप अपने आप को पसंद नहीं करेंगे तो यकीं मानिये दुनिया में दूसरा भी कोई नहीं करेगा। आप को भगवान ने इस विशेष रूप में किसी विशेष कारण से भेजा है।अगर आप अपने आप को सिर्फ इसलिए बदलना चाहते हैं ताकि आपको आस-पास के लोग अपनाएं जा तो इस से बड़ी कष्टदायक मनोवृति दूसरी और कोई नहीं हो सकती है। अगर आप ध्यान से सोचें तो समझ सकते हैं कि लोगों की इसी मेंटालिटी (दूसरों की तरह दिखने की चाहत) का फायदा उठा कर न जाने कितने ही लोग आज अरबोंपति बन गए हैं। विश्व की पूरी की पूरी कॉस्मेटिक इंडस्ट्री तथा गरमेंट इंडस्ट्री लोगों की इसी चाहत के ऊपर निर्भर है। मैं यह नहीं कह रहा हूँ कि आप अपने में कोई बदलाव न करें या फिर जीवन को बेहतर न बनायें। मेरा मानना तो सिर्फ इतना है किसी की देखा-देखी में अपने आप को न बदलें। आपकी अपनी एक इडेन्टाइटी है या पहचान है। इस पहचान से प्यार करना सीखे, इसे बनाकर रखें। दूसरों की देखा-देखि में इसे नष्ट न करें। सिर्फ इसलिए अपने आप को न बदलें क्यूंकि दुनिया आपको आपके नेचुरल इडेन्टाइटी के लिए एक्सेप्ट नहीं करती है।
समाजवादी कुनबे में ये सिंहासन पर कब्ज़े की लड़ाई है, टीपू ही सुल्तान होगा। बात पार्टी की आगे की रणनीति पर ही हो रही थी। लेकिन बातचीत में ही मुलामय सिंह के संबंधी ने कहा कि २०१७ के चुनाव में मुलायम की चुनौती शिवपाल होंगे। सालों पहले एक स्टोरी के सिलसिले में मुलायम सिंह के संबंधी के साथ बैठा था। बातचीत चल रही थी। पार्टी जीत कर सत्ता में आई थी। लिहाज़ा बात पार्टी की आगे की रणनीति पर ही हो रही थी। लेकिन बातचीत में ही मुलामय सिंह के संबंधी ने कहा कि २०१७ के चुनाव में मुलायम की चुनौती शिवपाल होंगे। अजीब सी बात लगी। और लगा कि शायद उनकी अपनी राजनीति का गणित शिवपाल के गणित से टकरा रहा है शायद इसी लिए ये कहा होगा। लेकिन बात गहरी थी। बात आयी-गयी हो गई। लेकिन जैसे ही अखिलेश और शिवपाल का झगड़ा शुरू हुआ तो लगा कि सालों पहले से ये प्लान मुलायम सिंह के दिमाग में साफ़ था। भाई और लड़के के भविष्य के बीच चुनाव करना है तो हिंदुस्तानी राजनीति और हिंदु्स्तानियों की परंपरा बेटे को ही चुनती है। भले ही भाई की कुर्बानी की तारीफ में नेताजी की ज़ुबान में कितने ही छाले पड़ जाएं। इस बार की सरकार में शिवपाल के लोग काफी थे। ऐसे तमाम विधायक थे जो शिवपाल के इशारे पर इस्तीफा दे भले नहीं लेकिन लंका लगा सकते थे। लिहाजा मुलायम अपने बेटे को समय समय पर भभकियां दे कर लोगों को और उससे भी ज्यादा अपने भाई को बहलाते रहे। सरकार के बीच में टूट जाने से बहुत से लोग शिवपाल के पाले में भी खड़े हो सकते थे। लिहाजा चार साल राम राम करते हुए गुजर गए। मंथराओं से भरे हुए सत्ता तंत्र में षड़यंत्र तो दिमाग तेज करने के काम आते है। लिहाजा षड़यंत्र बुने जाते रहे और लोग आते जाते रहे। मोहरे बदलते रहे और बिसात पर खेलने वाले पिता-पुत्र ही रहे। मुलायम सिंह की जमीनी समझ पर शायद ही किसी को ऐतराज हो। और पाला बदलने की उनकी योग्यता पहलावानी के अखाड़ों से उपजी हुई है। ऐसे में जब चुनाव नजदीक आ गए तो शिवपाल का पहाड़ा पढ़ने का समय भी आ गया। नेताजी की बिगड़ती हुई सेहत इस बात की ओर इशारा कर रही थी कि जल्दी ही अखिलेश का रास्ता निष्कंटक करना होगा नहीं तो चुनाव के बाद संकट शुरू हो सकता है। सरकार को बनाने के लिए विधायकों को जीताना होता है। और विधायकों को जीताने से पहले अपने आदमियों को टिकट देना होता है। टिकट बांटने का अधिकार किसी भी तरह से साझा करना सत्ता में साझा करना होता है। और मुलायम सिंह इसको किसी के साथ साझा नहीं करना चाहते थे। लिहाजा ये पूरा नाटक तैयार किया गया। शिवपाल जमीन पर मजबूत आदमी है। जातिवादी कबीलाई मानसिकता का जीता जागता रूप। अपने आदमी के लिए आखिरी तक लड़ने की मुलायम सिंह की आदत के एक दम अनुरूप। भाई के लिए परछाईयों से भी लड़ जाने वाले शिवपाल में सब कुछ सही था बस इतिहास उनके खिलाफ आ गया। इतिहास गवाह है कि ज्यादातर मौकों पर सत्ता बेटों को दी जाती है भाईयों को नहीं। और यही कारण है कि जातिवादी राजनीति के मसीहा और मुस्लिम यादव एकता के नायक मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह को धता बता दी। अब टिकट बंटवारे के वक्त अगर शिवपाल बगावत भी करते है तो उनकी आदत खराब बता कर उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएंगा। ये सारा खेल मुलायम सिंह का था और शिवपाल मुलायम की भाषा समझने में सबसे एक्सपर्ट होने के बावजूद दांव खा गए। ( इस लेख में व्यक्त किये गये विचार पूर्ण रूप से लेखक के हैं) 'आप' के विधायक पर ९ लाख रुपए ठगने का आरोप, सरीता सिंह ने बताया आरोप को आधारहीन अरुण जेटली से बेहतर वित्त मंत्री हो सकता हूं मैं: सुब्रमण्यम स्वामी ज&क में आर्मी हेडक्वार्टर पर आतंकी हमला, १७ जवान शहीद, ४ आतंकी ढेर, घायलों से मिलने पहुंचे आर्मी चीफ अमेरिका: न्यूयॉर्क के मैनहट्टन में ब्लास्ट, २६ लोग घायल
प्रधानमंत्री की इज़राइल यात्रा और दुनिया की राजनीति | टाइम्स ऑफ पीड़िया होम एडीटोरिअल & आर्टिक्ल्स प्रधानमंत्री की इज़राइल यात्रा और दुनिया की राजनीति प्रधानमंत्री की इज़राइल यात्रा और दुनिया की राजनीति दुनिया रफ्ता रफ्ता विकास और विकास शीलता के नाम पर विनाश की ओर बढ़ रही है ,विकास के बाद शान्ति का इमकान होना चाहिए लेकिन जितने भी विकासशील देश हैं वहां से अशांति व हथ्यारों की खरीद ो फरोख्त की आवाज़ें सुनाई देती हैं ।दुनिया के सभी देश मिसाइल और हथ्यारो के नए नए प्रयोग कररहे हैं ।हथयारों के बड़े खरीदारों और बेचने वालों को विकसित देश माना जा रहा है जबकि हथयारों का अंत विनाश है ।कैसी विडम्बना है,इजराइल और अमेरिका दुनिया के बड़े देश हैं जो दुनिया को हथ्यार बेचने का काम करते हैं ,हालांकि नार्थ कोरिया ने अमेरिका पर तंज़ कस्ते हुए उसकी सालगृह पर कोरियाई मिसाइल गिफ्ट करने की बात कही है जिसको अमेरिका और नार्थ कोरिया के बीच जंग के आसार भी कहा जारहा है। इजराइल और अमेरिका दोनों देशों का मुख्य कारोबार हथ्यार पर आधारित है , और हथ्यार अम्न के माहौल में नहीं जंग के माहौल में ही प्रयोग किये जाते हैं ,जिस तरह दवा बनाने वाली कम्पनियांम बीमारियों का इंतज़ार करती हैं बल्कि बीमारियां फैलाती हैं इसी तरह हथयारों की कंपनियां जंगों का इंतज़ार करती हैं या जंग का माहौल बनाती हैं । दुनिया वैचारिक आधारों पर पांच हिस्सों में बंटने जा रही है और किसी हद तक बट भी गयी है ,इस्लामिक दुनिया , यहूदी दुनिया , ईसाई दुनिया , बौद्ध,और कम्मुनिस्ट दुनिया ।फ़िलहाल बौद्ध इस्लाम से रिश्ते बनाये हुए है हालांकि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानो के क़त्ल इ आम को इससे अलग रखकर देखा जारहा है और इसको वयवसायिक जंग के रूप में देखा जारहा है या शहरी अधिकारों के बटवारे की जंग भी कहा जारहा है ।दुसरे यहूद और मुशरिक दुनिया (मूर्ती पूजक ) और आतिश परस्त (आग के पुजारी) आपस में ताल मेल बनाये हुए हैं , ईसाईयों के साथ फिलहाल यहूदी हैं क्योंकि उनके छोटे दुश्मन मुस्लिम वर्ल्ड से उनको निमटना है,मगर वास्तव में यहूद और ईसाई आपस में बड़े दुश्मन हैं जिसके तारीखी दस्तावेज़ मौजूद हैं ।कम्युनिस्ट वर्ल्ड फिलहाल कमज़ोर है वैचारिक रूप से हालांकि चीन में बौद्ध के अनुयायी जनता ज़्यादा मौजूद हैं ,मगर सत्ता पर क़ाबिज़ कम्युनिस्ट लॉबी है ।विश्व भर में एक बात कॉमन पाई जा रही है सत्ता में बैठे लोगों के वहाँ की जनता खिलाफ होरही है फिलहाल यह बात मुस्लिम वर्ल्ड में ज़्यादा पाई जा रही है और रफ्ता रफ्ता दुनिया में देखने को मिल रही है । इजराइल से दोस्ती पर भारत को कितना लाभ होसकता है इसका इमकान कम है हथ्यार खरीद में भारत को डॉलर्स देने हैं या यूँ कहें इजराइल को बसिनेस मिला है ,रिलायंस जियो लिंक से और एटॉमिक क्लॉक में सहयोग से देश को क्या लाभ होगा यह समझदार जनता जानती है कृषि क्षेत्र में सहयोग से अलबत्ता देश को लाभ होसकता है अगर इजराइल भारत के वैज्ञानिकों की बात मानले तो जिसको मांनने की उम्मीद भी कम है ।भारत को सबसे ज़्यादा लाभ अरब वर्ल्ड से अपने रिश्तों को मज़बूत करने में साफ़ नज़र आते हैं ,देश की सारी इकॉनमी का आधार पेट्रोल पर आधारित है जो सारे का सारा अरब दुनिया में मौजूद हैं , या फिर पडोसी देशों के साथ अच्छे सम्बन्ध रखने में देश का भला है जिसके फ़िलहाल संकेत अच्छे नहीं हैं , चीन और पाक से जंग में हमारा कितना नुकसान है यह विशेषज्ञ अच्छी तरह जानते हैं ।इसके आलावा देश में साम्प्रदायिकता ने देश की अंदरूनी ताक़त को बेहद कमज़ोर बना दिया है भारत में हिन्दू मुस्लिम सांप्रदायिक सोहाद्र की शक्ति ने दुनिया की साम्राज्येवादी ताक़त को परास्त करदिया था, आज देश का माहौल उल्टा है देश में सांप्रदायिक नफरत का माहौल है ऐसे में किसी भी देश के साथ टकराव घातक होसकता है हालांकि देश का अल्पसंख्यक आज भी भारत की शान और इज़्ज़त की खातिर अपनी जान की बाज़ी लगाने को तत्पर दिखाई देता है जिसको कमज़ोर करने की देश के दुश्मनो की लगातार कोशिश जारी है ।हमारे प्रधान मंत्री महोदय को दुनिया का दौरा करने की जगह देश को आंतरिक तौर से मज़बूत बनाने के लिए सांप्रदायिक सोहाद्र तथा बेरोज़गारी दूर करने का काम करने की शायद ज़्यादा ज़रुरत है ।।एडतिटर स डेस्क
पेइचिंग। चीन में एक एयर होस्टेस को उड़ान के दौरान शादी का प्रस्ताव स्वीकारना महंगा पड़ गया। विमानन कंपनी ने एयर होस्टेज को नौकरी से निकाल दिया। चाइना ईस्टर्न एयरलाइन्स में सफर कर रहे एयर होस्टेस के बॉयफ्रेंड ने घुटनों के बल बैठकर शादी का प्रस्ताव रखा और एयर होस्टेज इस प्रस्ताव को अस्वीकार नहीं कर पाई। खबर सामने आने के बाद विमानन कंपनी ने एयर होस्टेस को १० सितंबर को नौकरी से निकाल दिया। एशिया वन की रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के उड़ान भरने के ३० मिनट बाद ही बॉयफ्रेंड उनके सामने आ खड़ा हुआ और घुटने के बल बैठकर उन्हें प्रपोज किया। इससे संबंधित विडियो वायरल हो रहा है। कंपनी ने एयर होस्टेस को निकाले जाने पर दलील दी है कि काम के दौरान रोमांस से यात्रियों में खलबली मच गई और यह सुरक्षा को लेकर बेहद गैर जिम्मेदाराना व्यवहार है। पूर्व तानाशाह हुस्नी मुबारक के दोनों बेटों की गिरफ्तारी का आदेश
कांगड़ा से कार्यालय मंडी शिफ्ट करने पर बिफरी कांग्रेस, आंदोलन की चेतावनी दी कांगड़ा न्यूज जिला कांगड़ा से सरकारी कार्यालयों को मंडी शिफ्ट कर प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार सबसे बड़े जिला के साथ विकास में भेदभाव कर रही है। पानी की किल्लत से परेशान नेरटी पंचायत की महिलाएं पहुंची आइपीएच दफ्तर शाहपुर कांगड़ा न्यूज महिलाओं ने जागोरी संस्था की कार्यकर्ता सोनिका के नेतृत्व में एसडीओ आइपीएच विभाग शाहपुर के दफ्तर का घेराव किया और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। अर्की विकास मंच ने पेयजल किल्लत का मुद्दा उठाया विकास मंच अर्की के सदस्य मंच के अध्यक्ष राकेश भारद्वाज की अध्यक्षता में अधिशासी अभियंता सिचाई एंव जन स्वास्थ्य विभाग अर्की से मिले। उन्होंने अर्की शहर में पीने के पानी की समस्या विशेषकर वार्ड नम्बर एक दो तीन और सात बारे उन्हें अवगत करवाया और समस्या के कारण और उसके समाधानों की चर्चा की। अधिशासी अभियंता ने मंच की बातों को ध्यानपूर्वक सुन कर उपरोक्त वार्डों में जल समस्या के तुरंत समाधान करने के आदेश अधीनस्थ अधिकारियों को दिये। समस्या के दूरगामी समाधान हेतु एक लाख लीटर पानी का अतिरिक्त नया टैंकसकनी मैय्यामें बनाने तथा दो पुराने टैंकों शिलाई में खुला आइपीएच मंडल कार्यालय जिला सिरमौर में चालू वित वर्ष के दौरान पेयजल सचाई बाढ़ नियंत्रण और हैंड पंप स्थापित करने पर ४५ करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है। पेयजल योजनाओं का अधिकारियों ने किया निरीक्षण जाहू पंचायत की दोनों पेयजल योजनाओं का सचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षरण करके स्थिति का जायजा लिया है और योजनाओं की मशीनरी, पाइप लाइन व नलों का विवरण जुटाया है। इससे लंबे समय से योजनाओं के सरकारीकरण की मांग पूरा होने की पंचायत वासियों को उम्मीद बंधी है। हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल की जाहू पंचायत प्रदेश में ऐसी पहली पंचायत है कि जोकि ग्रामीणों को दो पेयजल योजनाओं जाहू उठाऊ पेयजल योजना एक व उठाऊ पेयजल योजना दो हौड़ के माध्यम अपने स्तर पर लंबे समय से पेयजल मुहैया करवा रही है। वाटर सेफ्टी प्लानग कमेटी गठन के निर्देश संवाद सहयोगी, धर्मशाला : वाटर सप्लाई एंड सेनीटेशन ऑर्गेनाइजेशन डब्ल्यूएसएसओ ने आइपीएच अधिक कूहलों की मरम्मत करे आइपीएच विभाग सहयोगी, चौंतड़ा : किसान यूनियन खंड इकाई चौंतड़ा की बैठक मुख्य सलाहाकार सुंका राम शम पानी व्यर्थ गंवाया तो कटेगा पेयजल कनेक्शन पानी व्यर्थ गंवाने पर उपभोक्ता का पेयजल कनेक्शन काटा जाएगा। दुराह में खंडहर बना आइपीएच कार्यालय का भवन जिला कुल्लू के आइपीएच आनी मंडल के तहत निथर उपमंडल में जहां पूरा क्षेत्र में पेयजल संकट छाया हुआ है वहीं दुराह स्थित भवन खंडहर में बदल चुका है। साहब! नल कई माह से सूखे, नाले के पानी का सहारा दैनिक जागरण के मंडी कार्यालय में हेलो जागरण कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने आइपीएच अधिकारियों को पानी की समस्या बताई। एसडीओ के विरुद्ध जांच तेज, कारण बताओ नोटिस जारी जागरण संवाददाता, मंडी : बैठक में बिना तैयारी आए सहायक अभियंता को सचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग आइपीएच विभाग से सूखे से प्रभावित क्षेत्रों की रिपोर्ट तलब नयनादेवी के विधायक एवं पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने सूखे से प्रभावित इलाकों की रिपोर्ट तलब की। आइपीएच मंडल कार्यालय थुनाग में काम शुरू सहयोगी, जंजहैली : सराज हलके के थुनाग में आइपीएच का मंडल कार्यालय खुल गया है। शुक्रवार क भराड़ी में आइपीएच मंडल खोलने का विरोध सहयोगी, धर्मपुर : धर्मपुर हलके के भराड़ी में खोले जा रहे आइपीएच मंडल को लेकर लोगों में प्राकृतिक पेयजल स्रोतों की करवाएं मरम्मत संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी: ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने आइपीएच विभाग के अधिकारीयों को ि कांगू में आइपीएच कार्यालय न बनने से रोष संवाद सहयोगी, कांगू : उपमंडल धनेटा के तहत आज तक सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अि कार्य संस्कृति का कड़ाई से पालन करें अधिकारी : जयराम जागरण संवाददाता, मंडी : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में अधिकारियों को अब क एसई ने बगौड़ा में जांची पेयजल व्यवस्था ग्राम पंचायत बगौड़ा में फैले डायरिया के मामलों में टांडा भेजे ग बैजनाथ में आइपीएच कार्यालय का घेराव संवाद सहयोगी, बैजनाथ : पंचायत बही के गांव घाड़ में हैंडपंप से पेयजल की आपूर्ति न होने से ख् नाहन में लगेंगे २० वाटर ट्रीटमेंट प्लाट जागरण संवाददाता, नाहन : सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव अनुराधा ठाकुर ने विभाग के प्रदूषण से परेशान प्रवासी परिंदे अब रांची की जगह जा रहे चीन
नीति आयोग संचालन परिषद की बैठकः प्रधानमंत्री मोदी ने पेश किया 'न्यू इंडिया' का दृष्टिपत्र - जंतजनार्दन सैतुर्ड्य, १८ जान्वरी २०२० | जनता जनार्दन को बुकमार्क बनाएं नीति आयोग संचालन परिषद की बैठकः प्रधानमंत्री मोदी ने पेश किया 'न्यू इंडिया' का दृष्टिपत्र जनता जनार्दन संवाददाता , अप्र २३, २०१७, १३:३१ प्म इस्ट नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं. बैठक में सभी राज्यों के शामिल होने की बात कही जा रही थी, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी इसमें शामिल नहीं हुए. बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि सारे राज्य के सहयोग और प्रयास से न्यू इंडिया विजन कामयाब होगा. नीति आयोग ने ट्वीट करके कहा, 'टीमइंडिया नीति भारत को आगे ले जाने के लिए राज्यों के साथ काम कर रहा है।' इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक अलग-अलग राज्यों की बेहतरीन नीतियों से सीखने का अवसर है. मोदी ने कहा कि बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया भारत में तेजी से हो रहे बदलाव के लिए आगे के रास्ते के बारे में बोलेंगे. जीएसटी पर भी प्रजेंटेशन होगा. प्रधानमंत्री ने शनिवार को इस बाबत ट्वीट किया, "नीति आयोग के संचालन परिषद् की तीसरी बैठक की कल अध्यक्षता करूंगा. महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर व्यापक चर्चा की उम्मीद करता हूं." उन्होंने कहा, "भारत के बदलाव में अद्वितीय विकास प्रयासों पर मैं राज्य के मुख्यमंत्रियों की बात सुनना चाहूंगा." उन्होंने कहा कि राज्यों ने कई क्षेत्रों में सुधार किए हैं. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, "कल नीति आयोग की बैठक में एक-दूसरे की बेहतरीन नीतियों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा." मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में "कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने वाले" प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की आय दोगुनी करने के रोडमैप पर प्रस्तुति देंगे. सूत्रों ने बताया कि आयोग १५ साल के लिए विकास खाके या विजन २०३० पर काम कर रहा है. परिषद में सभी मुख्यमंत्री शामिल हैं. परिषद में आर्थिक वृद्धि को बल देने के लिए अल्पकालिक व मध्यावधिक नीति की तीन वर्षीय कार्य योजना व सात वर्षीय रणनीति पर भी विचार किया जाएगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिषद की यह एक दिवसीय बैठक २३ अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में होगी. कार्य योजना, रणनीति व विजन दस्तावेज के साथ साथ १२वीं पंचवर्षीय योजना (20१२-१७) पर भी इसमें विचार होने की संभावना है. आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया भारत में त्वरित बदलाव लाने की योजना पर प्रस्तुतीकरण देंगे. इसमें दृष्टि पत्र के मुख्य पहलुओं का जिक्र होगा जिसमें सात वर्षीय रणनीति पत्र व तीन साल की कार्ययोजना शामिल है. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों की आय दोगुनी करने के लिए रणनीति के बारे में विचार रखेंगे. परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के सदस्य, विशेष आमंत्रित शामिल हैं. बैठक में जीएसटी के कार्यान्वयन की दिशा में हुई प्रगति पर भी विचार विमर्श किया जाएगा. सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार बैठक में पहले हुई दो बैठकों में लिये गये फैसलों पर की गई कार्रवाई पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा होगी. इससे पहले परिषद की दो बैठकें ८ फरवरी २०१५ और १५ जुलाई २०१५ को हुई थी.
हल फाइनल्स : सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला अर्जेटीना से भुवनेश्वर। हॉकी वल्र्ड लीग फाइनल्स के सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का सामना आज (शुक्रवार) शीर्ष विश्व वरीयता प्राप्त अर्जेंटीना से होगा। विश्व रैंकिंग में छठे स्थान पर काबिज भारतीय टीम और अर्जेंटीना दोनों ही टीमें फाइनल में पहुंचने के लिए जीत का भरसक प्रयास करेंगी। उल्लेखनीय है कि दोनों ही टीमें अब तक इस खिताब से वंचित हैं। रायपुर में २०१४-१५ में भारत को इस लीग में तीसरा स्थान हासिल हुआ था। उसने नीदरलैंड्स को तीसरे स्थान के लिए खेले गए मैच में ५-५ से ड्रॉ के बाद पेनाल्टी शूटआउट में ३-२ से मात दी थी। अर्जेंटीना ने अभी तक इस टूर्नामेंट में खिताबी जीत हासिल नहीं की है और न ही वह दूसरा या तीसरा स्थान हासिल कर पाया है। लीग में अब तक के प्रदर्शन को देखा जाए, तो पूल-ए में शामिल अर्जेंटीना को पहले मैच में बेल्जियम से ३-२ से हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बाद उसने २01२-1३ की खिताबी विजेता रही नीदरलैंड्स के साथ मैच ३-३ से ड्रॉ किया। स्पेन ने इसके बाद तीसरे मैच में अर्जेंटीना को २-१ से मात दी थी, लेकिन अपनी कोशिशों को जारी रखते हुए अर्जेंटीना ने क्वार्टर फाइनल में २0१२-१३ में तीसरे स्थान पर रही इंग्लैंड को ३-२ से हराया और सेमीफाइनल की राह तय की। पूल-बी में शामिल भारत का अब तक का सफर इस लीग में उतार-चढ़ाव से भरा रहा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का मैच १-१ से ड्रॉ रहा। हालांकि, दूसरे मैच में उसे इंग्लैंड से २-३ स हार का सामना करना पड़ा।
बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर की मौत, कम ने ५० लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने का किया एेलान लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में हुई हिंसा में एक इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या हो गई। कथित तौर पर सोमवार को गोकशी का विरोध करने वाली एक भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध की जान ले ली, जिससे शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ५० लाख रुपए और सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है। सीएम योगी ने इस पूरी घटना पर आपत्ति जताते हुए शोक प्रकट किया। इसके साथ ही उन्होंने सुबोध के माता-पिता को १० लाख और पत्नी को ४० लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की बात कही। इसके अलावा उन्होंने सुबोध के परिवार को आवास पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा कर दी। मंगलवार सुबह १० बजे के करीब सुबोध कुमार की श्रद्धांजलि सभा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर जिले के एक गांव में गन्ने के खेत में बड़े पैमाने पर गोकशी के अवशेष मिलने से हिंदू संगठनों में आक्रोश फूट गया। आक्रोशित भीड़ और पुलिस के बीच हुई झड़प में गोली लगने से स्याना थाने के इंस्पेक्टर सहित फायरिंग में घायल युवक की मौत हो गई।
बक़रीद कि नमाज़ घर पर पढ़े : शाह सैफ़ुल्लाह अबुल उलाई | टाइम्स ऑफ मुस्लिम दानापुर : भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभावों से हर कोई चिंतित है, जहां सरकार ने भी संदेश जारी किए हैं और लॉकडाउन में सावधानी बरतने के लिए कहा है। दूसरी ओर, ईद-उल-अधा १ अगस्त को मनाया जाना है। ख़ान्क़ाह सजजादिया अबुल उलाइया दानापुर पटना के साजजादा नशीन हज़रत हाजी सैयद शाह सैफ़ुल्लाह अबुल उलाई ने मुसलमानों से ईद-उल-अधा के बजाय अपने घरों में नफ़्ल की नमाज़ अदा करने और अल्लाह से रहम की दुआ करने की अपील की है। शाह साहब ने आगे कहा कि कुर्बानी हर सहेबे न्साब पर अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इसके बदले रुपया पैसा नहीं दिया जाता। ऐसा करने से कुर्बानी का इनआम नहीं मिलेगा बल्कि गुनाह होगा। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, इसलिए कुर्बानी एक खास जगह पर करें, यदि आप कर सकते हैं तो जरूरतमंदों की मदद करें और मुसीबत के इस समय में उनकी मदद करें, एहतियाती उपाय करें, इस्लामिक निषेधाज्ञा का सख्ती से पालन करें, अपने घरों में दिन में पांच बार नमाज़ जमात से पढ़े। हर समय वजु बना कर रहें, हज़रत इब्राहिम की सुन्नत का एहत्माम करें और उनके सब्र और यक़ीन को याद करके सबक सीखें और अपनी गलती के लिए अल्लाह से मगफ्रत चाहे। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, स्वच्छ और पारदर्शी रहें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें। टाइम्स ऑफ मुस्लिम: बक़रीद कि नमाज़ घर पर पढ़े : शाह सैफ़ुल्लाह अबुल उलाई
ऑर्गेनिक वाइन फिर भी आपको सिरदर्द देता है | लुनार एक्सप्लोरर ऑर्गेनिक जाना पर्यावरण के लिए अच्छा हो सकता है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए कुछ नहीं करता है मैं हाल ही में काफी भाग्यशाली था जो मार्सिले के पास फ्रांस के दक्षिण में वाइन-चखने के लिए गया था। जो कोई भी कभी नहीं रहा है, मैं आपको दृढ़ता से जाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं, आंशिक रूप से क्योंकि शराब बिल्कुल स्वादिष्ट है, और आंशिक रूप से क्योंकि दृश्य गंभीर रूप से सुंदर है। लेकिन आश्चर्यजनक स्वादिष्ट मदिरा के बीच, थोड़ा खट्टा नोट था। जब हम पहली वाइनरी के पास पहुँचे, उससे ठीक पहले हमने अपना पहला मनोरम पुआल रंग का मिश्रण आजमाया, तो हमें बताया गया कि ये वाइन अतिरिक्त अच्छी थीं। न केवल वे २५-वर्षीय दाखलताओं से बने थे - जाहिरा तौर पर शराब अंगूर के लिए एक सभ्य उम्र - लेकिन वे कुछ दूर, बेहतर थे। वे जैविक थे। न केवल इसका मतलब यह था कि हम वाइन पी रहे थे जो ग्रह के लिए अच्छा था, हम वाइन भी पी रहे थे जो हमारे लिए अच्छा था। आप देखते हैं, विंटनर ने कहा, ऑर्गेनिक वाइन में वे सभी गंदे रसायन नहीं होते हैं जो ज्यादातर वाइन करते हैं। और रसायनों से मुक्त होने के नाते, न केवल एक गिलास आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है - पीने के खतरों के बारे में उन तथाकथित स्वास्थ्य पेशेवरों से चेतावनी के बावजूद - लेकिन यह शराब इतनी अच्छी थी कि यह आपको सिरदर्द भी नहीं देगा। हैंगओवर भी नहीं! अगर यह सच होने के लिए बहुत अच्छा लगता है, तो, इसके लिए एक अच्छा कारण है। यह कथन शुरू हुआ - जैसा कि ऑर्गेनिक्स के बारे में सभी तर्क करते हैं - इस विचार के साथ कि ऑर्गेनिक्स के बारे में आंतरिक रूप से कुछ अलग है। ऐसा नहीं है कि वे साफ-सुथरे हैं, ठीक है, लेकिन यह है कि जैविक भोजन उगाने वाले किसान उन सभी रासायनिक रसायनों का उपयोग नहीं करते हैं, जिन्हें हम सभी जानते हैं कि वे आधुनिक खेती के ब्रेड-एंड-बटर हैं। यह उन्हें न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि आपके और मेरे लिए सुरक्षित बनाता है। यह पूरा विचार दो धारणाओं पर आधारित है। पहला यह है कि आधुनिक खेती हमारे स्वास्थ्य के लिए खराब है, क्योंकि इसमें ऐसे रसायनों का उपयोग किया गया है जो नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभाव का कारण बन सकते हैं। जबकि यह आंशिक रूप से सच है - कीटनाशकों का उच्च स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है - यह इस तथ्य की अनदेखी करता है कि मनुष्यों द्वारा उपभोग किए गए खाद्य पदार्थों में शेष कीटनाशकों का नगण्य स्तर सुरक्षित होने के लिए प्रदर्शित किया गया है। यह धारणा इस विचार में खेलती है कि निर्मित उत्पाद डरावने और बुरे हैं, और यह कि प्राकृतिक चीजें अच्छी होनी चाहिए, इस तथ्य की अनदेखी करते हुए कि प्राकृतिक चीजों में सांप का जहर और महान सफेद शार्क शामिल हैं और निर्मित चीजों में तले हुए अंडे और चॉकलेट केक शामिल हैं। दूसरी धारणा यह है कि जैविक खाद्य पदार्थों में कोई कीटनाशक नहीं होता है, और इसलिए वे परंपरागत रूप से खेती वाले सामानों से बेहतर होते हैं। यह स्पष्ट रूप से असत्य है। अधिकांश जैविक खेत कीटनाशकों का उदारतापूर्वक उपयोग करते हैं। कीटनाशकों की उत्पत्ति में एकमात्र अंतर है: यदि वे 'प्राकृतिक' स्रोतों से आते हैं, तो एक खेत को जैविक प्रमाणित किया जा सकता है और फिर भी उनका उपयोग किया जा सकता है। फिर, यह अनदेखा करता है कि मानव स्वास्थ्य के लिए 'प्राकृतिक' उत्पाद कितने हानिकारक हो सकते हैं। और जब हम कार्बनिक खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य लाभों को देखते हैं, तो, कोई भी नहीं है। मैंने अभी जिस अध्ययन का हवाला दिया, वह लगभग १००,००० अध्ययनों की एक व्यवस्थित समीक्षा है, और साहित्य के उस विशाल संग्रह में वैज्ञानिकों को ऑर्गेनिक्स के बारे में एक भी स्वास्थ्य दावा नहीं मिला जो वास्तव में विज्ञान द्वारा अच्छी तरह से समर्थित था। तो, जैविक शराब के स्वस्थ होने का आधार - कि यह खराब रसायनों से बचा जाता है - बस गलत है। लोग अभी भी क्यों कहते हैं कि यह है? वाइन के बारे में बहुत सारे 'ऑर्गेनिक' तर्क एक आम तौर पर जोड़े गए प्रिजर्वेटिव वर्ग में आते हैं जिसे सल्फाइट्स कहा जाता है। इस वर्ग में कई रसायन शामिल हैं जो शराब में बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करते हैं और इसे लंबे समय तक ताजा रखते हैं। एक बहुत ही सामान्य दावा है कि शराब के कारण होने वाले सिरदर्द सल्फाइट्स के कारण होते हैं। यह विचार है कि बहुत से लोगों को सल्फाइट्स से निम्न स्तर की एलर्जी होती है और उन्हें मदिरा में शामिल करना माइग्रेन का प्रमुख कारण है जो कुछ लोगों को पीने के बाद होता है। चूंकि कई जैविक मदिरा अपने उत्पादों में सल्फाइट नहीं जोड़ते हैं, इसलिए विचार यह है कि वे आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं और उन्हें पीने के बाद आपको सिरदर्द नहीं होगा। बेशक, यह पूरी तरह से शराब पीने के मुख्य आकर्षणों में से एक को अनदेखा करता है: शराब। जब तक सल्फाइट एलर्जी अज्ञात नहीं होती है - यह अनुमान लगाया जाता है कि लगभग १% आबादी में सल्फाइट एलर्जी के कुछ रूप हैं - शराब सिर दर्द और मतली सहित किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का कारण बनने के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। यह इस तथ्य को भी नजरअंदाज करता है कि कई खाद्य उत्पादों में वाइन की तुलना में सल्फाइट्स के उच्च स्तर होते हैं। यदि आपके पास सूखे फल की प्रतिक्रिया नहीं है, जिसमें लगभग १०क्स सल्फाइट होता है, जो अधिकांश वाइन के रूप में होता है, तो आपको शायद वाइन में सल्फाइट के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। मूल रूप से, वाइन में सल्फाइट्स स्वास्थ्य के मुद्दों का कारण बनने की संभावना नहीं है। और उन्हें जोड़ने वाली जैविक मदिरा किसी भी तरह से वाइन को स्वस्थ नहीं बनाएगी। ऑर्गेनिक वाइन के आस-पास के अन्य स्वास्थ्य संबंधी दावे ऑर्गेनिक मूवमेंट के मूल सिद्धांत पर वापस आते हैं: प्राकृतिक अच्छा है, निर्मित खराब है, इसलिए हमारे उत्पादों को १०क्स के लिए खरीदें। और जब तक यह विश्वास करने के लिए मोहक लगता है कि जैविक शराब पीने से आप स्वस्थ हो सकते हैं, यह सिर्फ मामला नहीं है। शराब आपकी सेहत के लिए खराब है। शराब युक्त उत्पाद आपके शरीर को असंख्य हानि पहुँचाते हैं। यह मानने का कोई कारण नहीं है कि जैविक शराब पीने का कोई स्वास्थ्य लाभ है, और संदेह करने के लिए बहुत सारे कारण हैं। शराब पीने के लिए केवल सही मायने में सुरक्षित राशि नहीं है। अंततः, यह सब एक साधारण तथ्य पर उतरता है: जैविक उत्पाद आपके स्वास्थ्य के लिए कुछ भी नहीं करते हैं। यह कहना नहीं है कि वे बेकार हैं। निश्चित रूप से सबूत हैं कि ऑर्गेनिक्स पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, और यदि आप जैव विविधता के बारे में चिंतित हैं तो जैविक फल और सब्जी पर कुछ अतिरिक्त डॉलर खर्च करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से, इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता है अगर आपके अंगूर को व्यवस्थित रूप से या पारंपरिक अंगूर के बाग में उगाया जाता है - परिणाम समान है। अगर आपको मज़ा आया, या सिर्फ शराब से प्यार है, तो नीचे दिए गए हाथ के बटन के साथ कुछ क्लैप्स भेजकर मुझे बताएं! आप मुझे यहां या ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं, या मेरे एक अन्य लेख को पढ़ सकते हैं कि क्यों मध्यम शराब पीना अभी भी आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा है, कच्चा दूध निश्चित रूप से आपके स्वास्थ्य के लिए बुरा है, या ब्रा शायद ठीक क्यों हैं। आप देख सकते हैं कि मैंने स्वाद के सवाल को स्पष्ट कर दिया है। यह आंशिक रूप से है क्योंकि शराब बनाना एक जटिल कला है, जिसके बारे में मैं बात करने के लिए योग्य नहीं हूं, और आंशिक रूप से इसलिए कि मैं एक प्लीब हूं जो वाइन को पसंद करता है जो "ग्रेपी" है और अधिक जटिल सूक्ष्मता के बारे में कोई विचार नहीं है जो वास्तव में शानदार वाइन में जाते हैं। । ऑर्गेनिक वाइन का स्वाद बेहतर हो सकता है, लेकिन ईमानदारी से मैंने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। मैं कभी-कभी एक दाख की बारी में जाने की सलाह देता हूं, वाइन निर्माताओं से अपनी वाइन पीने के दौरान बात करना एक अद्भुत अनुभव है। क्यूसी - एकात्मक ऑपरेटरों के साथ क्वांटम कंप्यूटिंग को नियंत्रित, हस्तक्षेप और उलझावपरिकल्पना परीक्षण५ बातें जो मैंने नील डेग्रसे टायसन से सीखींद बिगिनर्स पैराडॉक्स: वी मस्ट फॉल इन ऑर्डर टू राइज३० न्यूज़लेटर्स मैं इसके बिना नहीं रह सकता
आईएनएक्स मीडिया केस : सरकारी गवाह बनना चाहती है आरोपी इंद्राणी मुखर्जी - हिन्दी न्यूज आईएनएक्स मीडिया घूस मामले में आरोपी व पूर्व मीडिया प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी ने सरकारी गवाह बनने के लिए कोर्ट में याचिका दी है। इंद्राणी के पास वकील न होने के कारण इस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई नहीं हो सकी। उस पर एक सप्ताह बाद सुनवाई होगी। पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई जज सुनील कुमार राणा के समक्ष इंद्राणी की मुंबई की भायखला जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई। उसने बताया कि वह इसमें सरकारी गवाह बनना चाहती है। कोर्ट के पूछने पर उसने बताया कि उसके पास कोई वकील नहीं है, इसलिये उसे वकील मुहैया करवाया जाए। कोर्ट ने दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को सरकारी पर विचार करने का निर्देश दिया है। सीबीआई व ईडी ने आईएनएक्स मीडिया रिश्वत मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति, सीए भास्कर रमण व इंद्राणी मुखर्जी को आरोपी बनाया है। एजेंसी का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दिलाने के लिए चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग किया था और अपने बेटे कार्ति के जरिये ३०० करोड़ से ज्यादा की घूस ली थी। पूछताछ में इंद्राणी बता चुकी है कि वह एफआईपीबी की मंजूरी के सिलसिले में कार्ति चिदंबरम से मिली थी। गौरतलब है कि पी. चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित है, जबकि कार्ति जमानत पर बाहर हैं। चिदंबरम पर बेटे के जरिये रिश्वत ३०० करोड़ लेने का आरोप
४ साल बाद हनी सिंह लेकर आ रहे हैं इंडिया का सबसे बड़ा म्यूजिक वीडियो नई दिल्ली/टीम डिजिटल। यो यो हनी सिंह ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने कमबैक म्यूजिक सिंगल का पहला लुक अपने प्रशंसकों के साथ साझा किया है। पिछले कुछ वर्षों में, हनी सिंह 'ब्राउन रंग ने', 'एंग्रेज़ी बीट' और 'लक २८ कुडी दा' जैसे हिट गानों के साथ दर्शकों का मनोरंजन करते आये है और साल २०१४ में संगीत एल्बम 'देसी कलाकार' में आखिरी बार नजर आये थे। निक जोनस ने प्रियंका चोपड़ा के लिए खरीदा लगभग ४५ करोड़ का घर, सामने आई तस्वीरें वही, इस साल हनी सिंह ने दिल चोरी साड्डा हो गया, छोटे छोटे पेग, रंगतारी, उर्वशी, बिलिनीयर जैसे सुपरहिट गानों के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया है। चार साल के अंतराल के बाद, हनी सिंह अब टी-सीरीज़ के लेबल के तहत अपने एकल संगीत वीडियो के साथ वापसी कर रहे है। अपने प्रशंसकों के साथ इस खुशखबरी को साझा करते हुए हनी सिंह ने ट्वीट किया," यो यो हनी सिंह ने भारतीय संगीत उद्योग में अपने असाधारण संगीत और अक्षम शैली के साथ गहरी छाप छोड़ दी है। सिंगिंग सुपरस्टार ने वापसी कर ली है और एक बार फिर दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे है।
२९ जुल २०१७ रायपुर : सहकारी समितियों द्वारा मार्कफेड से अब तक लगभग ५ लाख मीटरिक टन खाद का उठाव रायपुर, २९ जुलाई २०१७ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता ने आज यहां बताया कि चालू खरीफ मौसम के दौरान प्रदेश के किसानों के लिए ६ लाख ५ हजार मीटरिक टन रासायनिक खाद के भंडारण और वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से अब तक ६ लाख ५ हजार ६20 मीटरिक टन खादों का भण्डारण हो चुका है और कप्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा लगभग ४ लाख 8४ हजार मीटरिक टन खादों का उठाव कर लिया गया है। श्री गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में मार्कफेड के खाते में ७७ हजार ९९० मीटरिक खाद शेष है, जबकि विभिन्न कंपनियों के खाते में ४3 हजार ६17 मीटरिक खाद का स्टाक बचा हुआ है। मार्कफेड अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष २०१६-१७ में ७० लाख मीटरिक टन धान खरीदी के लक्ष्य के विरूद्ध ६९ लाख ५९ हजार मीटरिक टन धान की खरीदी की गई। मिलर्स द्वारा सीधे सहकारी समितियों से ४१ लाख २५ हजार मीटरिक टन धान का उठाव किया गया और मार्कफेड के संग्रहण केन्द्रों में २८ लाख ३२ हजार मीटरिक टन धान रखा गया है। सहकारी समितियों में एक लाख १४ हजार मीटरिक टन धान शेष था। उन्होंने बताया कि मार्कफेड द्वारा भारतीय खाद्य निगम में २४ लाख मीटरिक टन चावल रखा गया है और राज्य खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम को २४ लाख टन मीटरिक टन चावल दिया गया। कस्टम मिलरों से अभी १० हजार ८०० मीटरिक टन चावल लेना शेष है। श्री गुप्त ने बताया कि मार्कफेड की सम्पतियों के उपयोग के लिए एक नई कार्य योजना बनाई गई है, जिसके अनुसार राजधानी रायपुर स्थित नूतन किसान राइस मिल परिसर में एक सौ करोड़ रूपए की लागत से मार्कफेड द्वारा व्यवसायिक परिसर बनाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही मार्कफेड ने दस किसान राइस मिलों को आधुनिक बनाने और उनकी संग्रहण क्षमता बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। दुर्ग स्थित पशु आहार संयंत्र में पीपी.पी माडल पर ४० लाख रूपए की लागत से पैलेट प्लांट निर्माण और ८० लाख रूपये की लागत से बायो फर्टिलाइजर एवं बायोपेस्टीसाइड प्रयोगशाला निर्माण की भी योजना बनाई गई है। कवर्धा में एक करोड़ २५ लाख रूपये की लागत से मार्कफेड द्वारा अपने जिला कार्यालय और व्यावसायिक परिसर निर्माण का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
१५ जुलाई रविवार का दिन किन राशियों के लिए रहेगा खास, जानने के लिए पढ़ें अपना आज का राशिफल आज का यह दिन किन राशियों के लिए लेकर आएगा ढेर सारी खुशियां और किन जातकों की बढ़ेगी मुश्किलें? यह सब जानने के लिए पढ़ें अपना दैनिक राशिफल। मेष: आर्थिक मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरतें नहीं तो भारी नुकसान हो सकता है। कामकाज के मोर्चे पर दिन आज कुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा है। दुश्मन षड्यंत्र करके आपको हानि पहुँचा सकते हैं, बेहतर होगा आप सावधान रहें। मानसिक और शारीरिक लाभ के लिए योग का सहारा लें। संतान पक्ष से कुछ कष्ट मिल सकता है। घर के अंदर और बाहर आप सावधानी बरतें आपको चोट लग सकती है। आज आपके अंदर क्रोध की अधिकता व चिड़चिड़ापन संभव है। परिवार में किसी भी प्रकार के मनमुटाव या झगड़ें से आपको बचना होगा। वृषभ: आज का दिन आपको मिलाजुला परिणाम दे सकता है। आर्थिक मामलों में आप अपने फैसले सोच समझ कर लेंगे तो आज आप अच्छा पैसा बना सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों के लिए आज का दिन बहुत ही शुभ रहने वाला है। आपके बेहतरीन काम के चलते आपको प्रमोशन मिलने का योग है। पारिवारिक सदस्यों के साथ कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यात्रा के लिए दिन अनुकूल है। कार्यक्षेत्र को लेकर आप कोई लंबी यात्रा कर सकते हैं जो आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। व्यर्थ की चिंता छोड़कर आज आप अपने ज़रूरी काम निपटाने की कोशिश करें। मिथुन: परिवार में शान्ति का माहौल बना रहेगा और घर के सदस्यों में एकजुटता व सौहार्द की भावना जागृत होगी। आर्थिक तौर पर आज का दिन आपके लिए लाभ कमाने वाला रहेगा। आप अपने पराक्रम व साहस के बल पर धन अर्जित करने में सफल रहेंगे। दांपत्य जीवन में अनुकूलता बनी रहेगी। जीवनसाथी के साथ किसी रोमांचक स्थल की सैर पर आप मानसिक प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। साथ ही आप दोनों का भावनात्मक लगाव भी बढ़ेगा। संयमित दिनचर्या व जीवनशैली अपनाकर आप अपने आपको सेहतमंद रख सकते हैं। आज की गई यात्रा मंगलमय और मनोरंजक रहेगी। अचानक शारीरिक समस्याओं से आपका सामना संभव है। कर्क: घरेलू जीवन के लिए आज का दिन मिलाजुला नज़र आ रहा है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य आज थोड़ा ख़राब रह सकता है। सामाजिक कार्यों में आपकी रुचि बढ़ सकती है। दाम्पत्य जीवन में अनुकूलता बनी रहेगी। आपका जीवनसाथी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। कार्यक्षेत्र को लेकर आप विदेश यात्रा कर सकते हैं। व्यवसाय से जुड़े जातकों को आज अतिरिक्त सावधानी बरतने की ज़रुरत है। आज आप डर, शंका और लालच जैसे नकारात्मक भावों से घिरे रहेंगे। बेहतर होगा आप पुरानी सारी बुरी यादों को भूल जाएं और एक नयी शुरुआत करें। सिंह: प्रेमी जोड़ों के लिए आज का दिन बहुत ही ख़ास है। अपने प्रेमी के साथ आप कुछ बेहतरीन पल बिता सकते हैं। नौकरी में परिवर्तन होने की सम्भावना है मगर यह परिवर्तन आपके लिए लाभकारी रहेगा। आज आपके बॉस आपकी मेहनत को भी सराहेंगे। माता-पिता का पूर्ण सहयोग प्राप्त होने से आप प्रसन्न रहेंगे। वैवाहिक जीवन आज सामान्य रहने वाला है। धन संबंधी लेन-देन में जल्दबाज़ी करने से बचें। आज चीज़ें आपके पक्ष में नज़र आ रही हैं। आप मेहनत करें और आगे बढ़ें, सफलता आपको ज़रूर मिलेगी। जीवनसाथी को अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा। कन्या: दिनचर्या को नियमित कर लेने से आपको कई प्रकार के फायदे होंगे और आप जल्दबाज़ी व हड़बड़ी से बचे रहेंगे। आर्थिक तौर पर आज का दिन अच्छा रहेगा। आप दूसरों पर कुछ ज़्यादा ख़र्चा कर सकते हैं। जीवनसाथी के साथ आज आप अच्छा समय व्यतीत करेंगे। इससे उनका अकेलापन भी दूर हो जाएगा। बेवजह की चिंता सिर्फ आपका कीमती समय बर्बाद करेगी। कामकाज में चली आ रही लम्बे समय से आपकी किसी परेशानी का आज आपको समाधान मिल सकता है। नौकरी में आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। प्रमोशन और आय में वृद्धि संभव है। तुला: पारिवारिक लोगों में मनमुटाव बना रह सकता है। आज छात्रों को शिक्षा में व्यवधानों का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक तौर पर आज कुछ सुधार होने से आप आसानी से काफ़ी वक़्त से लंबित बिल और उधार चुका सकेंगे। दोस्तों का साथ राहत देगा। जीवनसाथी के साथ आज कुछ खुशनुमा पल आपकी पुरानी यादों को तरोताज़ा कर देगा। बिज़नेस को लेकर आप लंबी दूरी की यात्रा कर सकते हैं। नौकरी में परिवर्तन या ट्रांसफर भी संभव है। वृश्चिक: वृश्चिक राशि वालों के लिए आज का दिन कुछ ख़ास होने वाला है। भूमि-मकान-वाहन से जुड़ा कोई बड़ा लाभ मिल सकता है। संतान पक्ष से कोई खुशखबरी मिल सकती है, उन्हें पढ़ाई में बड़ी सफलता मिल सकती है। दाम्पत्य जीवन के लिए आज का दिन अच्छा रह सकता है। जीवनसाथी आज आपका कुछ ज़्यादा ही खयाल रखेगा। व्यापार से जुड़े जातकों को अचानक कोई बड़ा फायदा मिलने का योग है। सेहत आपकी एकदम बढ़िया रहेगी। धनु: आर्थिक मोर्चे पर आज का दिन कुछ ठीक नहीं है। प्राप्त हुआ धन आपकी उम्मीद के मुताबिक़ नहीं होगा। साथ ही खर्च में बढ़ोतरी के कारण आपको आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जीवनसाथी का मूड आज अच्छा रहेगा और आप कुछ हसीन पल एक दूसरे के साथ बिताएंगे। नकारात्मक सोच को अपने दिमाग में घर न करने दें। आशावादी बनें। सेहत के प्रति लापरवाही मुश्किलें बढ़ा सकती है। मकर: मकर राशि वालों के लिए आज का दिन संभलकर रहने वाला है। अगर बात आपकी आर्थिक स्थिति की करें तो आज आपके खर्चों में बढ़ोतरी आपको परेशान कर सकती है। दांपत्य जीवन में कुछ मुश्किलें आ सकती है। मुमकिन है आज आप अपने प्रियजन को समझने में गलती कर दें जिसकी वजह से आप दोनों के बीच मनमुटाव हो सकता है। बेहतर होगा आप उनकी बात भलीभांति सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। अगर आप अपनी ज़ुबान पर क़ाबू नहीं रखेंगे तो आप अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल कर सकते हैं। सेहत से जुड़ी परेशानी आ सकती है जिसका प्रभाव आज आपके काम पर भी पड़ेगा। कुम्भ: बोलते वक़्त अपने शब्दों पर गौर करें और उतना ही बोलें जितना ज़रूरी हो नहीं तो आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। आपको अपनी महत्वाकांक्षाओं को क़ाबू में रखने की ज़रुरत है। दांपत्य जीवन सामान्य रहने वाला है। आप अपने जीवनसाथी के स्वभाव में एक गंभीरता का अनुभव करेंगे। कोई नया कार्य करने के लिए आज का दिन अत्यधिक शुभ है। आर्थिक मोर्चे पर आज कोई बड़ा लाभ मिलने का योग है। नया घर या वाहन खरीदने की सम्भावना है। सेहत से जुड़ी कुछ समस्या आ सकती है। मीन: आज आपकी शारीरिक समस्याओं में इज़ाफ़ा हो सकता है। शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर इससे निजात पाएं। पारिवारिक समस्याओं के कारण आप तनावग्रस्त रहेंगे किसी भी तरह के वाद विवाद में न पड़ें नहीं तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती है। आर्थिक मोर्चे पर आज का दिन अच्छा रहेगा। अगर आप सामूहिक गतिविधियों में हिस्सा लेंगे तो आप नए दोस्त बना सकते हैं। आज की गयी लंबी यात्रा आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। दाम्पत्य जीवन के लिए आज का दिन थोड़ा सावधानी रखने वाला है। जीवनसाथी के साथ कुछ मतभेद उत्पन्न होने की सम्भावना है इसलिए जहां तक हो सके वाणी पर संयम रखें। जुल १५, २०१८ की अन्य खबरें
होम टेलीविज़न पूर्व प्रेमी को सबके सामने मारा था थप्पड़, ब्रेकअप से पहले ६... दोस्तों छोटे पर्दे की जानी मानी अभिनेत्री अंकिता लोखंडे एक टीवी अभिनेत्री के तौर पर जानी पहचानी जाती हैं। दोस्तों उन्होंने टीवी के कई धारावाहिकों में काम कर घर-घर में अपनी एक अलग पहचान हासिल की हैं। अब वह एक फिल्म अभिनेत्री भी बन चुकी हैं। अंकिता लोखंडे की इस साल रिलीज हुई फिल्म मणिकर्णिका से उन्होंने बॉलीवुड में अपना डेब्यु भी कर लिया है। पहली फिल्म में वह एक महत्वपूर्ण किरदार में नजर आई थी। जिसकी वजह से अंकिता को काफी प्रशंसा भी मिली थी। टीवी जगत की इस अभिनेत्री की लव लाइफ में भी काफी उतार-चढ़ाव रहे हैं। दोस्तों आपको जानकर हैरानी होगी कि अंकिता लोखंडे पूरे ६ साल तक अभिनेता के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह चुकी हैं। यह अभिनेता और कोई नहीं बल्कि बॉलीवुड के धोनी कहे जाने वाले अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत हैं। कई बॉलीवुड फिल्मों में सुशांत सिंह राजपूत अब काम कर चुके हैं। टीवी सीरियल पवित्र रिश्ता में सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता लोखंडे ने एक साथ काम किया था और यह दोनों इस दौरान एक दूसरे को दिल दे बैठे थे। साल २०१० से लेकर साल २०१६ तक यह दोनों रिलेशनशिप में रहे। उसके बाद यह अलग हो गई। सुशांत सिंह राजपूत और अंकिता साथ में एक पार्टी को अटेंड करने पहुंचे थे। बताया जाता है कि वहां देर रात सुशांत सिंह राजपूत नशे में चूर होकर दूसरी लड़कियों के साथ डांस कर रहे थे। जो कि अंकिता को बिल्कुल पसंद नहीं आया। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत को सबके सामने जोरदार थप्पड़ लगा दिया था। जिसके बाद से ही इन दोनों के बीच दरार आ गई। ब्रेकअप के बाद से सुशांत सिंह राजपूत कई बॉलीवुड फिल्मों में नजर आ चुके हैं। सुशांत सिंह राजपूत भूमि पेडणेकर और सारा अली खान जैसी बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ अपना नाम जुड़वा चुके हैं। वहीं अंकिता इस समय बिजनेसमैन विक्की जैन को डेट कर रही हैं। इन दोनों ने अपने प्यार को भी कबूला है। उन्होंने इंटरव्यू के दौरान इस बात को कहा था। दोस्तों आपको अंकिता लोखंडे कैसी लगती हैं? हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा। प्रेवियस आर्टियलसोशल मीडिया पर छाया मर्दानी २ का फर्स्ट लुक, पुलिस की वर्दी पहने नजर आईं रानी मुखर्जी नेक्स्ट आर्टियलगरीब परिवार में हुई थी पैदा, ९ साल की उम्र से लगी थी कमाने, अब कमाई के साथ कर रही है पढ़ाई
नहीं थम रहा भू-माफियाओं का आतंक, आखिर किसके बल पर लगातार नगर पंचायत की जमीन पर हो रहे कब्ज़े - होमराष्ट्रीयउत्तर प्रदेशकौशाम्बीनहीं थम रहा भू-माफियाओं का आतंक, आखिर किसके बल पर लगातार नगर पंचायत की जमीन पर हो रहे कब्ज़े मई ९, 2०1९ कौशाम्बी ० भू माफियाओं द्वारा आखिर किसके बल पर लगातार नगर पंचायत की जमीन पर कब्जे हो रहे हैं यह गंभीर एवं जांच का विषय है । यह इसलिए भी जरूरी है कि उक्त भू माफिया गैंग के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही कर नगर पंचायत की जमीनों पर कब्जा होने से बचाया जा सके । आज ऐसे ही एक मामले मे कब्जे की भनक लगते ही ई.ओ. अझुवा सूर्यप्रकाश ने सरकारी जमीन पर नगर पंचायत की जमीन का बोर्ड लगवा दिया । बताते चलें कि नगर पंचायत अझुवा के वार्ड नं २ मे लंबे समय से नगर के कुछ भू माफियाओं का आतंक कायम है । जिनकी सरपरस्ती मे अब तक वार्ड की तमाम बंजर सरकारी जमीनों एवं तालाबों पर कब्जे कराते हुए उसे अच्छे दामों पर बेचकर करोड़ों के वारे-न्यारे कर चुके हैं। इसी क्रम मे भू माफिया द्वारा पुन: आज रात वार्ड नं २ की डूडा कालोनी के पास नहर रोड के बगल मे लाखों रुपये कीमत की दस बिस्वा से भी ज्यादा जमीन पर कब्जा करने के लिए पचासों ट्राली मिट्टी गिरवा दी गयी । जिसकी भनक लगते ही अझुवा के अधिशासी अधिकारी ने अपने कर्मचारी से इस खबर की पुष्टि करवाते हुए खबर सही पाए जाने पर उस जमीन पर नगर पंचायत की भूमि होने का बोर्ड गड़वाया। इस संदर्भ मे जब अधिशासी अधिकारी अझुवा से बात की गई तो उन्होने कहा कि नगर पंचायत की जमीन पर किसी ने कब्जा करने की नीयत से रात में काफी मात्रा में मिट्टी गिरवायी थी । इसकी जानकारी जब मुहल्ले वालों से ली गई तो रात का वक्त होने के कारण किसने ऐसा किया यह जानकारी नही मिल सकी । फिर भी उक्त जमीन पर एहतियात के तौर पर नगर पंचायत की भूमि होने का बोर्ड गड़वा दिया गया है । साथ ही उस पर नज़र रखी जाएगी और किसी को भी नगर पंचायत की जमीन पर नया कब्जा किसी भी हाल मे नही करने दिया जाएगा। सरकारी तालाब पर अवैध कब्जा कर हो रहा निर्माण प्रशासन जानकर भी बना अंजान
भगवान शनि देव और हनुमान जी को कुंभ राशि का आराध्य देव माना जाता है। कुम्भ राशि के सान्त्वन नाम के लड़कों की उत्तेजना और परिसंचरण को यूरेनस ग्रह द्वारा नियंत्रित किया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार जनवरी और फरवरी में इस राशि के सान्त्वन नाम के लड़के पैदा होते हैं। सान्त्वन नाम के लड़के स्वभाव से गुस्सैल किस्म के होते हैं। इन सान्त्वन नाम के लड़कों में एलर्जी, सूजन और हृदय सम्बन्धी समस्याओं और गठिया होने की सम्भावना रहती है। सान्त्वन नाम के लड़के अक्लमंद, ऊर्जा से भरपूर और परोपकारी होते हैं। इन्हें दोस्ती करना पसंद होता है। अगर आप अपने बच्चे का नाम सान्त्वन रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि सान्त्वन का मतलब सांत्वना होता है। सान्त्वन नाम का खास महत्व है क्योंकि इसका मतलब सांत्वना है जिसे काफी अच्छा माना जाता है। अगर आप अपने बच्चे को सान्त्वन नाम देते हैं तो जीवनभर के लिए उसका संबंध इस नाम के मतलब यानी सांत्वना से हो जाएगा। नाम का मतलब सांत्वना होने की वजह से सान्त्वन नाम के लोगों को समाज में भी बहुत पसंद किया जाता है। सान्त्वन नाम के अर्थ यानी सांत्वना का असर आप इनके स्वभाव में साफ़ देख सकते हैं। सान्त्वन नाम की राशि, सान्त्वन नाम का लकी नंबर व सान्त्वन नाम के लोगों के व्यक्तित्व अथवा इस नाम के मतलब जो कि सांत्वना है, आदि के बारे में आगे बताया गया है। सान्त्वन नाम का स्वामी शनि है एवं आपका शुभ अंक ८ होता है। जिन लोगों का नाम सान्त्वन और शुभ अंक ८ होता है, उन्हें धन की कोई कमी नहीं होती। इस अंक के लोगों की सबसे खास बात है कि ये अपने नियम खुद बनाते हैं। सान्त्वन नाम के व्यक्ति को संगीत से काफी लगाव होता है। सान्त्वन नाम के लोग मेहनत और लगन से सफल होते हैं। ये किस्मत पर निर्भर नहीं रहते। अन्य लोगों की तुलना में इस अंक के लोगों में दया भाव ज्यादा होता है। सफलता इन्हें आसानी से नहीं मिलती। सान्त्वन नाम के लोगों की कुंभ राशि होती है। ये लोग आत्मनियंत्रित, प्रतिभाशाली व नरम दिल के होते हैं। सान्त्वन नाम वाले लोग बहुत बुद्धिमान होते हैं और ये अपनी बुद्धिमता पर गर्व महसूस करते हैं। सान्त्वन नाम के लोगों को समझ पाना सबके बस की बात नहीं होती है। ये वैसे तो बहुत सामाजिक होते हैं, लेकिन अपने दोस्तों को सावधानी से चुनते हैं। सान्त्वन नाम के लोग सबकी मदद करते हैं। ये स्वभाव से दयालु होते हैं। सान्त्वन की कुंभ राशि के हिसाब से और नाम
उत्तराखंड के भागीरथी नदी में गिरी इन्दौर की बस, २२ तीर्थयात्रियों की मौत | पल पल न्यूज होम एक्सीडेंट उत्तराखंड के भागीरथी नदी में गिरी इन्दौर की बस, २२ तीर्थयात्रियों की... देहरादून (पलपलन्यूज)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गंगोत्री धाम से दर्शन कर लौट रही मध्यप्रदेश के इंदौर के यात्रियों से भरी बस गंगोत्री हाईवे पर नालूपानी के पास गहरी खाई में गिर गई जिससे २२ यात्रियों की मौत हो गयी और ८ घायल हो गये। तीन यात्रीयों का अभी तक पता नही चल पाया है। ये भी देखें दिल्ली-युवक ने युवती को गोली मारी और फिर खुद भी गोली मार की आत्महत्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की आज मंजूरी दी. मोदी ने दुर्घटना में गंभीर रुप से घायलों में से प्रत्येक को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से ५० हजार रुपये देने की मंजूरी दी. उत्तरकाशी जिले में कल शाम नलूपानी के नजदीक भागीरथी नदी में बस गिरने से मध्य प्रदेश के २१ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी. हादसे में आठ लोग घायल हो गए थे. यह दुर्घटना तब हुई जब तीर्थयात्री हिमालय स्थित गंगोत्री से लौट रहे थे. मोदी ने कहा, मेरी प्राथनाएं उत्तरकाशी में दुखद बस दुर्घटना में अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के साथ हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. प्रेवियस आर्टियलचन्द्रशेखर आजाद रावण द ग्रेट चमार मायावती की राजनीति के लिए चुनौती नेक्स्ट आर्टियलएशिया के मशहूर बाजार में लगी आग, फीकी पड़ी चांदनी चौक
ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के सेट से वायरल हुई तस्वीर में अमिताभ बच्चन को पहचानना हुआ मुश्किल - इब्न७ हिन्दी राजस्थान के ऐतिहासिक शहर जोधपुर में अपकमिंग फिल्म ठग्स ऑफ हिंदोस्तान की शूटिंग कर रहे अमिताभ बच्चन की तबीयत आज तड़के बिगड़ गई. आनन फानन में डाक्टरों की टीम को मुंबई से चार्टर्ड प्लेन के जरिए जोधुपर बुलाया गया. डॉक्टरों ने जांच के बाद कहा है कि बिग बी अब ठीक हैं, कोई चिंता की बात नहीं. बिग बी की तबीयत ठीक होने की खबर आने के बाद अब सोशल मीडिया पर ठग्स ऑफ हिंदोस्तान फिल्म से उनकी एक तस्वीर वायरल हो रही है. इस बार अमिताभ बच्चन का जो लुक सामने आया है वो बेहद हैरान करने वाला है. अमिताभ की तस्वीर देखकर उनको पहचानना बेहद मुश्किल है. उनके लुक को इस हद तक बदल दिया गया है कि पहली नजर में शायद ही कोई ये कह पाए कि वो अमिताभ हैं. तस्वीर में बिग बी काफी बूढ़े शख्स के लुक में नजर आ रहे हैं. उन्होंने अपनी पगड़ी से अपनी एक आंख छुपाई हुई है और उसके ऊपर से चश्मा पहना हुआ है. आपको बता दें कि ठग्स ऑफ हिंदोस्तान के सेट से पहले भी कई तस्वीरें वायरल होती रही हैं. फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ अभिनेता आमिर खान, फातिमा सना शेख और कैटरीना कैफ भी अहम किरदारों में नजर आएंगी. इस फिल्म का निर्देशन विजय कृष्ण आचार्य कर रहे हैं. फिल्म अगले साल रिलीज होगी. जब अपने फैन्स से अलग अंदाज में मिले अमिताभ बच्चन मैं कभी निर्देशन नहीं कर पाऊंगा : अमिताभ
केनी ओमेगा व्वे ऑफेर: रेसलर कैनी ओमेगा ने किया डब्लूडब्लूई के ऑफर का खुलासा केनी ओमेगा व्वे ऑफेर: प्रो रेसलिंग के एक दिग्गज रेसलर कैनी ओमेगा (केनी ओमेगा) ने आयू (केनी ओमेगा) का दामन थाम लिया है. जिसे लेकर फैन्स के बीच अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. रेसलर कैनी ओमेगा ने किया डब्लूडब्लूई के ऑफर का खुलासा नई दिल्ली. केनी ओमेगा व्वे ऑफेर: रेसलर कैनी ओमेगा (केनी ओमेगा) इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. हर तरफ उनकी चर्चा हो रही है. फेमस रेसलर कैनी ओमेगा इस समय फैन्स के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं. इसके पीछे बड़ी वजह ये है कि कैनी ओमेगा ने आयू (एल एलीट रेस्लिंग) का हाथ थाम लिया है. जिसके बाद उनके फैन्स उन्हें लेकर विभिन्न-विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रयाएं दे रहे हैं. और उनके फैन्स इसके पीछे की वजह भी जानना चाह रहे हैं. बता दें कि हाल ही में क्रिस जैरिको (क्रिस जेरिचो) और कोडी रोड्स (कोडी रोड्स) जैसे दिग्गज रेसलरों को व्वे छोड़कर आयू में शामिल हुए अधिक समय नहीं बिता है. ऐसे में प्रो रेसलिंग के एक और रेसलर कैनी ओमेगा ने आयू का दामन थाम लिया है. रिंग्सडेन्यूज़ और फाइटफुल डॉट कॉम पर कैनी ओमेगा ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि डब्लूडब्लूई की ओर से दिए गए प्रस्ताव की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि उनका कॉन्ट्रैक्ट बेहद अच्छा था. उसमें वह सब कुछ था जो मुझे चाहिए था लेकिन उनका मन नहीं बदला. न्यू जापान प्रो रेसलिंग के साथ ओमेगा का अनुबंध जनवरी २०१९ के अंत में समाप्त हो गया. कैनी ओमेगा ने कहा कि व्वे का प्रस्ताव निश्चित रूप से शानदार था. उनका कहा कि कंपनी मुझे कॉन्ट्रैक्ट देते हुए बेहद पेशेवर और विनम्र थी. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उनका डब्ल्यूडब्ल्यूई के साथ उनका अनुभव अलग था. व्वे से शानदार कॉन्ट्रैक्ट ऑफस मिलने के बाद भी कैनी ओमेगा ने आयू का दामन थाम लिया है. ओमेगा ने आयू (ऑल एलीट रेसलिंग) के साथ ४ साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. युवराज सिंह कन्ट्रोवर्सल आउट: जब कूल्हे पर बॉल लगने के कारण अंपायर डेरेल हार्पर ने युवराज सिंह को आउट देकर कहा था- और खाओ गुलाब जामुन
डेस्कटॉप के लिए वॉलपेपर के मुफ्त डाउनलोड. १०२४ क्स १०२४ १०२४*१०२४ १०२४क्स१०२४ फूल ऑनलाइन: प्रकृति का उपहार, गायब हो जाने वाली सौंदर्य, कला का कौशल. डेस्कटॉप के लिए वॉलपेपर के मुफ्त डाउनलोड. १०२४ क्स १०२४ १०२४*१०२४ १०२४क्स१०२४ फूल ऑनलाइन: प्रकृति का उपहार, गायब हो जाने वाली सौंदर्य, कला का कौशल गायब हो जाने वाली सौंदर्य: अन्य अद्भुत प्राणियों की तरह अद्भुत फूल, आप पहली बार प्यार करना चाहिए और उसके बाद ही कॉल करने के लिए. अद्भुत कल्पना परिचित धारणा द्वारा दिया सुस्त छवियों के रहस्यमय ढंग से विकृति की आश्चर्यजनक क्षमता है - रचनात्मकता का सपना, सुख का खिलना. | १०२४ क्स १०२४ वॉलपेपर पेज: पहले [१] अगला ३ ४ अंतिम | वॉलपेपर: १०२४क्स१०२४ १०२४क्स६०० १०२४क्स७६८ १080क्स१920 १080क्स९६० ११52क्स86४ १200क्स१०२४ १280क्स१०२४ १280क्स७२० १280क्स७६८ १280क्स८०० १280क्स85४ १280क्स९६० १३३४क्स७५० १३60क्स७६८ १३66क्स७६८ १४४0क्स१280 १४४0क्स९०० १६००क्स१200 १६००क्स९०० १680क्स१050 १920क्स१080 १920क्स१200 20४8क्स१5३6 20४8क्स20४8 2१60क्स१920 २८८०क्स२५६० ३60क्स6४0 ४00क्स८०० ४80क्स८०० ४80क्स85४ 5४0क्स९६० ६००क्स१०२४ ६००क्स८०० 6४0क्स११३6 6४0क्स४80 6४0क्स९६० ७२०क्स१280 ७२०क्स७२० ७५०क्स१३३४ ७६८क्स१०२४ ८००क्स१00३ ८००क्स१280 ८००क्स४80 ८००क्स६०० ८००क्स85३ ९६०क्स5४४ ९६०क्स6४0 ९६०क्स८०० ९६०क्स85४
चीन ट्रेंडी लेडी हाथ बैग थैला निर्माता और आपूर्तिकर्ता और फैक्टरी ट्रेंडी लेडी हाथ बैग थैला - निर्माता, कारखाने, आपूर्तिकर्ता चीन से (ट्रेंडी लेडी हाथ बैग थैला के लिए कुल २४ उत्पादों) कस्टम ट्रेंडी महिला चमड़े के साथ हाथ बैग महसूस किया कस्टम आकस्मिक समग्र ट्रेंडी महिला चमड़े के साथ हाथ बैग महसूस किया चुंबकीय स्नैप बंद के साथ फ्लैप करें दोहरे उद्देश्य के एक बैग, मां और बच्चे के बैग हैं, भंडारण आइटम अधिक सरल हैं, बाहर जाने के लिए और अधिक सुरक्षित हैं। सिलाई ठीक हैं और गुणवत्ता बकाया है। पीछे की ओर जिपर जेब आंतरिक दीवार जिपर जेब एंटीसेप्टिक और... ट्रेंडी लेडी हाथ बैग थैला ट्रेंडी लेडी हैंड बैग पु चमड़ा लेडी हाथ बैग क्राउन लेडी हैंड बैग ब्रांड लेडी बैग ब्लैक लेडी हैंड बैग प्रोमोशनल लेडीज़ बैग टीएसए लैपटॉप बैग बैग
चीन ८ इंच अंड्रॉयड ६.० निसान एक्स-ट्रेल 2०14 के लिए निर्माता विवरण:निसान एक्स-ट्रेल २०१४ के लिए एंड्रॉइड ६.०,८ इंच निसान एक्स-ट्रेल २०१४,एंड्रॉइड निसान एक्स-ट्रेल २०१४ होम > उत्पादों > अंड्रॉयड के निसान कार डीवीडी > ८ इंच अंड्रॉयड ६.० निसान एक्स-ट्रेल 2०14 के लिए ८ इंच अंड्रॉयड ६.० निसान एक्स-ट्रेल 2०14 के लिए कृपया अपना भुगतान करने के लिए अलीएक्सप्रेस एस्क्रो सेवा का उपयोग करें। अगर आपके पास विशिष्ट भुगतान के संबंध में कोई प्रश्न है, तो कृपया बेझिझक हमसे संपर्क करें। २. आयात कर जिस राशि से आप हमें भुगतान करते हैं, उसमें केवल आइटम की कीमत और शिपिंग प्रभार शामिल होते हैं। हम किसी भी आयात कर, सीमा शुल्क निकासी शुल्क, सीमा शुल्क विलंब और अन्य शुल्क के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। हम अपने ग्राहकों को टैक्स देने के जोखिम को कम करने में मदद करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन किसी भी खरीदार के स्थानीय आयात करों या कस्टम देरी के लिए ज़िम्मेदार नहीं होंगे। हम आपकी समझ और सहयोग की सराहना करते हैं। ३. शिपमेंट ध्यान दें भुगतान की पुष्टि करने के बाद हम ३ कार्य दिवसों के भीतर शिपमेंट की व्यवस्था करेंगे। यदि आपके शिपिंग पते को दूरस्थ क्षेत्र में पता लगाया जाता है, तो खरीदार को दूरस्थ क्षेत्र प्रभार का भुगतान करने के लिए कहा जा सकता है हम आइटम को भेजने से पहले आपको सूचित करेंगे। डिलिवरी समय में सप्ताहांत और त्योहार शामिल नहीं होता है कृपया हमें अपना पूरा डिलीवरी पता, टेलीफोन नंबर और अलीएक्सप्रेस पर डाक कोड दें। ब्राजील में नौवहन, कृपया हमें अपना कर आईडी नंबर बताएं आपके आदेश को भेज देने के बाद ट्रैकिंग नंबर आपको ईमेल किया जाएगा यदि कोई देरी है, तो खराब मौसम या कस्टम निरीक्षण के कारण हो सकता है। यदि आप अभी भी आइटम नहीं प्राप्त कर सकते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करने में संकोच न करें। ८ इंच अंड्रॉयड ६.० निसान एक्स ट्रेल 2०14 के चित्र: निसान एक्स-ट्रेल २०१४ के लिए ८ इंच के एंड्रॉइड ६.० के सामान: २०१३-२०१६ में कशकई एटी के लिए २ डिन कार स्टीरियो अब से संपर्क करें निसान एक्स-ट्रेल २०१४ के लिए एंड्रॉइड ६.० ८ इंच निसान एक्स-ट्रेल २०१४ एंड्रॉइड निसान एक्स-ट्रेल २०१४ निसान एक्स-ट्रेल के लिए कार डी.वी.डी. हिल्क्स 2०1६ के लिए एंड्रॉइड ८.० निसान कश्कूई / एक्स-ट्रेल २०१४ के लिए कार डीवीडी काज्जर 2०1६ के लिए एंड्रॉइड एक्स-ट्रेल २०१४ के लिए एंड्रॉइड हेड इकाइयां
इस तरह का रिज्यूमे दिलाएगा इंटरव्यू में सफलता अप्र ०१ 2०१8 ०५:१५ प्म वर्तमान में किसी भी सेक्टर में नौकरी पाना हो तो हमें उसके लिए पहले इंटरव्यू देना आवश्यक होता है. सरकारी हो या निजी क्षेत्र इंटरव्यू प्रक्रिया दोनों का ही अभिन्न अंग बन चुकी है. लेकिन इंटरव्यू के अलावा भी हमारा नौकरी के लिए चयन हमारे रिज्यूमे पर भी निर्भर करता है. एक रिज्यूमे हमारे बारे में सामने वाले व्यक्ति को सब कुछ बयां कर देता है, इसलिए हम आपको बता रहे है कि अगर आप कहीं नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रहे है तो आपको रिज्यूमे बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए. - आप इस बात का अवश्य ध्यान रखे कि नौकरी के लिए तैयार किया गया आपका रिज्यूमे हमेशा पेशेवर रूप में लिखा होना चाहिए. - आप अपने रिज्यूमे में उन्ही बातों को जगह दे जिनसे आपका प्रत्यक्ष रूप से सम्बन्ध हो. अनावश्यक बातों को अपने रिज्यूमे में ना दर्शाएं . - रिज्यूमे में अपनी शैक्षणिक योग्यता और कौशल को प्राथमिक रूप से दर्शाएं. - रिज्यूमे कभी भी दो या दो पेज से लंबा ना हो. - आप अपने रिज्यूमे में कभी रंगों का उपयोग न करें, नहीं तो इस कारण से आप नौकरी से हाथ धो बैठ सकते है. फ्रीलांसिंग में ये गलतियां करने से बचें इसलिए जॉब से नफरत करने लगते है हम ऑफिस पॉलिटिक्स से बचने के आसान तरीक़े आपकी बेरोजगारी के कहीं ये कारण तो नहीं १०वीं पास करें आवेदन, आकर्षक वेतन इस मॉडल को देखते ही आपके अंग-अंग से निकलेगा पसीना
।।७.६।। यह जानो कि समम्पूर्ण भूत इन दोनों प्रकृतियों से उत्पत्ति वाले हैं। (अत) मैं सम्पूर्ण जगत् का उत्पत्ति तथा प्रलय स्थान हूँ।। ।।७.६।। व्याख्या एतद्योनीनि भूतानि (टिप्पणी प० 4०१.१) जितने भी देवता मनुष्य पशु पक्षी आदि जङ्गम और वृक्ष लता घास आदि स्थावर प्राणी हैं वे सबकेसब मेरी अपरा और परा प्रकृतिके सम्बन्धसे ही उत्पन्न होते हैं।तेरहवें अध्यायके छब्बीसवें श्लोकमें भी भगवान्ने क्षेत्र और क्षेत्रज्ञके सम्बन्धसे सम्पूर्ण स्थावरजङ्गम प्राणियोंकी उत्पत्ति बतायी है। यही बात सामान्य रीतिसे चौदहवें अध्यायके चौथे श्लोकमें भी बतायी है कि स्थावर जङ्गम योनियोंमें उत्पन्न होनेवाले जितने शरीर हैं वे सब प्रकृतिके हैं और उन शरीरोंमें जो बीज अर्थात् जीवात्मा है वह मेरा अंश है। उसी बीज अर्थात् जीवात्माको भगवान्ने परा प्रकृति (७। ५) और अपना अंश (१५। ७) कहा है।सर्वाणीत्युपधारय स्वर्गलोक मृत्युलोक पाताललोक आदि सम्पूर्ण लोकोंके जितने भी स्थावरजङ्गम प्राणी हैं वे सबकेसब अपरा और परा प्रकृतिके संयोगसे ही उत्पन्न होते हैं। तात्पर्य है कि परा प्रकृतिने अपराको अपना मान लिया है (टिप्पणी प० 4०१.२) उसका सङ्ग कर लिया है इसीसे सब प्राणी पैदा होते हैं इसको तुम धारण करो अर्थात् ठीक तरहसे समझ लो अथवा मान लो।अहं कृत्स्नस्य जगतः प्रभवः प्रलयस्तथा मात्र वस्तुओंको सत्तास्फूर्ति परमात्मासे ही मिलती है इसलिये भगवान् कहते हैं कि मैं सम्पूर्ण जगत्का प्रभव (उत्पन्न करनेवाला) और प्रलय (लीन करनेवाला) हूँ।प्रभवःका तात्पर्य है कि मैं ही इस जगत्का निमित्तकारण हूँ क्योंकि सम्पूर्ण सृष्टि मेरे संकल्पसे (टिप्पणी प० 4०१.३) पैदा हुई है सदैक्षत बहु स्यां प्रजायेयेति (छान्दोग्य० ६। २। ३)।जैसे घड़ा बनानेमें कुम्हार और सोनेके आभूषण बनानेमें सुनार ही निमित्तकारण है ऐसे ही संसारमात्रकी उत्पत्तिमें भगवान् ही निमित्तकारण हैं।प्रलयः कहनेका तात्पर्य है कि इस जगत्का उपादानकारण भी मैं ही हूँ क्योंकि कार्यमात्र उपादानकारणसे उत्पन्न होता है उपादानकारणरूपसे ही रहता है और अन्तमें उपादानकारणमें ही लीन हो जाता है।जैसे घड़ा बनानेमें मिट्टी उपादानकारण है ऐसे ही सृष्टिकी रचना करनेमें भगवान् ही उपादानकारण हैं। जैसे घड़ा मिट्टीसे ही पैदा होता है मिट्टीरूप ही रहता है और अन्तमें टूट करके घिसतेघिसते मिट्टी ही बन जाता है और जैसे सोनेके यावन्मात्र आभूषण सोनेसे ही उत्पन्न होते हैं सोनारूप ही रहते हैं और अन्तमें सोना ही रह जाते हैं ऐसे ही यह संसार भगवान्से ही उत्पन्न होता है भगवान्में ही रहता है और अन्तमें भगवान्में ही लीन हो जाता है। ऐसा जानना ही ज्ञान है। सब कुछ भगवत्स्वरूप है भगवान्के सिवाय दूसरा कुछ है ही नहीं ऐसा अनुभव हो जाना विज्ञान है।कृत्स्नस्य जगतः पदोंमें भगवान्ने अपनेको जडचेतनात्मक सम्पूर्ण जगत्का प्रभव और प्रलय बताया है। इसमें जड(अपरा प्रकृति) का प्रभव और प्रलय बताना तो ठीक है पर चेतन(परा प्रकृति अर्थात् जीवात्मा) का उत्पत्ति और विनाश कैसे हुआ क्योंकि वह तो नित्य तत्त्व है नित्यः सर्वगतः स्थाणुरचलोऽयं सनातनः (गीता २। २4)। जो परिवर्तनशील है उसको जगत् कहते हैं गच्छतीति जगत्। पर यहाँ जगत् शब्द जडचेतनात्मक सम्पूर्ण संसारका वाचक है। इसमें जडअंश तो परिवर्तनशील है और चेतनअंश सदासर्वथा परिवर्तनरहित तथा निर्विकार है। वह निर्विकार तत्त्व जब जडके साथ अपना सम्बन्ध मानकर तादात्म्य कर लेता है तब वह जड(शरीर) के उत्पत्तिविनाशकको अपना उत्पत्तिविनाश मान लेता है। इसीसे उसके जन्ममरण कहे जाते हैं। इसीलिये भगवान्ने अपनेको सम्पूर्ण जगत् अर्थात् अपरा और परा प्रकृतिका भाव तथा प्रलय बताया है।अगर यहाँ जगत् शब्दसे केवल नाशवान् परिवर्तनशील और विकारी संसारको ही लिया जाय चेतनको नहीं लिया जाय तो बड़ी बाधा लगेगी। भगवान्ने कृत्स्नस्य जगतः पदोंसे अपनेको सम्पूर्ण जगत्का कारण बताया है (टिप्पणी प० 4०२)। अतः सम्पूर्ण जगत्के अन्तर्गत स्थावरजङ्गम जडचेतन सभी लिये जायँगे। अगर केवल जडको लिया जायगा तो चेतनभाग छूट जायगा जिससे मैं सम्पूर्ण जगत्का कारण हूँ यह कहना नहीं बन सकेगा और आगे भी बड़ी बाधा लगेगी। कारण कि आगे इसी अध्यायके तेरहवें श्लोकमें भगवान्ने कहा है कि तीनों गुणोंसे मोहित जगत् मेरेको नहीं जानता तो यहाँ जानना अथवा न जानना चेतनका ही हो सकता है जडका जानना अथवा न जानना होता ही नहीं। इसलिये जगत् शब्दसे केवल जडको ही नहीं चेतनको भी लेना पड़ेगा।ऐसे ही सोलहवें अध्यायके आठवें श्लोकमें भी आसुरी सम्पदावालोंकी मान्यताके अनुसार जगत् शब्दसे जड और चेतन दोनों ही लेने पड़ेंगें क्योंकि आसुरी सम्पदावाले व्यक्ति सम्पूर्ण शरीरधारी जीवोंको असत्य मानते हैं केवल जडको नहीं। इसलिये अगर वहाँ जगत् शब्दसे केवल जड संसार ही लिया जाय तो जगत्को (जड संसारको) असत्य मिथ्या और अप्रतिष्ठित कहनेवाले अद्वैतसिद्धान्ती भी आसुरी सम्पदावालोंमें आ जायँगे जो कि सर्वथा अनुचित है। ऐसे ही आठवें अध्यायके छब्बीसवें श्लोकमें आये शुक्लकृष्णे गती ह्येते जगतः पदोंमें जगत् शब्द केवल जडका ही वाचक मानें तो जडकी शुक्ल और कृष्ण गतिका क्या तात्पर्य होगा गति तो चेतनकी ही होती है। जडसे तादात्म्य करनेके कारण ही चेतनको जगत् नामसे कहा गया है।इन सब बातोंपर विचार करनेसे यह निष्कर्ष निकलता है कि जडके साथ एकात्मता करनेसे जीव जगत् कहा जाता है। परन्तु जब यह जडसे विमुख होकर चिन्मयतत्त्वके साथ अपनी एकताका अनुभव कर लेता है तब यह योगी कहा जाता है जिसका वर्णन गीतामें जगहजगह आया है। सम्बन्ध पूर्वश्लोकमें भगवान्ने अपनेको परा और अपरा प्रकृतिरूप सम्पूर्ण जगत्का मूल कारण बताया। अब भगवान्के सिवाय भी जगत्का और कोई कारण होगा इसका आगेके श्लोकमें निषेध करते हैं।
हेल्थ और ब्यूटी टिप्स हेल्थ टिप्स फल खाने का सही समय फल हमारी अच्छी सेहत बनाने में बहुत ही अहम भूमिका को निभाते हैं। फलों को सेहत का खजाना कहा जाता है। फलों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाएं जाते हैं जब भी कोई व्यक्ति इसका सेवन नियमित रूप से करता है तो वह कई रोगों से दूर रहता है। लेकिन क्या आप जानते हैं फल खाने का सही समय होता हैं। जब भी लोग फल का सेवन किसी गलत समय पर करते हैं तब उनको सर्दी जुकाम जैसी समस्या से गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं वह उस फल का लाभ दोबारा उठाने से भी कतराते हैं। हम आपको बता दें कि फल खाने का सही समय होता है। इसको खाने के कुछ नियम होते हैं। दिन में ऐसा समय होता है जिस समय फल का सेवन आपकी सेहत के लिए लाभकारी होता है। लेकिन जब आप गलत समय पर फल खाते हो तो आपके शरीर को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है। आपको फल का सेवन किस समय करना चाहिए। यह जानना आपके लिए बहुत ही जरूरी हैं। इसके लिए जानते हैं फल खाने का सही समय क्या है। संतरा खाने का सही समय संतरे का सेवन हमेशा दिन के समय करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि जब भी आप संतरे का सेवन करें वो समय सुबह या रात का न हो। इतना ही नहीं इसका सेवन खाना खाने के एक घंटा पहले या बाद में करें। अंगूर खाने का सही समय अंगूर का सेवन शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करने में सहायता करता है। अगर आप अंगूर का सेवन सुबह के समय में करते हो तो यह आपके शरीर के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। धूप में निकलने से पहले या फिर आने के बाद आप इसका सेवन कर सकते हो। अगर आप अंगूर का सेवन कर रहें हो इस बात का ध्यान रखें कि भोजन और अंगूर के मध्य कुछ समय का अंतर जरुर हो। मौसमी खाने का सही समय मौसमी का सेवन हमेशा दोपहर के समय करें कहीं बाहर धूप में जाने से पहले या बाद में भी इसका सेवन बहुत ही अच्छा होता है। सेब खाने का समय सुबह सेब का सेवन बहुत ही उचित माना जाता है। अगर आप सुबह खाली पेट सेब का सेवन करते हो तो इससे शरीर के टोक्सिन आसानी से बाहर निकल जाते हैं। तरबूज का सेवन आप दिन में किसी भी समय कर सकते हो। लेकिन इस बात को ध्यान में जरुर रखें कि जब भी आप तरबूज का सेवन करते हो तो उसके बाद एक घंटे तक आप पानी से दूरी बनाएं रखें। फलों से जुडी हुई अन्य जानकारी जब भी आप सुबह सो कर उठते हो तो कभी भी खाली पेट खट्टे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। शराब का सेवन करने के बाद कभी भी खट्टे फल नहीं खाने चाहिए। भोजन के दो घंटे बाद ही हमेशा फल खाने चाहिए। जो लोग सोरायसिस की समस्या से गुजरे हुए हो। उन लोगों में फल का सेवन करने से दोवारा यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। खासकर संतरा और अंगूर का सेवन उन्हें बिल्कुल ही नहीं करना चाहिए।
राष्ट्र्गान का सम्मान हमारा कर्तब्य | हिमधारा राष्ट्र्गान का सम्मान हमारा कर्तब्य ०८/०२/२०१७ | फाइल्ड अन्डर: विविध | पोस्टेड बाय: जगदीश बाली ३० नवंबर को देश की सर्वोच्च अदादल्त की दो सदस्यों वाली न्यायपीठ ने आदेश दिया कि देश के सभी सिनेमा घरों में किसी भी फ़ीचर फ़िल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्र गान चलाना होगा और साथ ही पर्दे पर तिरंगे को फ़हराते हुए दिखाना होगा। हॉल में उपस्थित सभी लोगों को खड़े हो कर राष्ट्रगान को सम्मन देना होगा। इस दौरान हॉल के दरवाज़े बंद रखने होंगे। एक याचिका के प्रत्युत्तर में ९ दिसंबर को सर्वोच्च अदालत ने अपने इस आदेश को निरस्त तो नहीं किया, परन्तु शारीरिक रूप से खड़े रहने में असमर्थ व्यक्ति को खड़े न होने से छूट ज़रूर दी। हालांकि अदालत ने स्पष्ट किया कि ऐसे असमर्थ व्यक्ति को इस दौरान इस तरह से पेश आना होगा जो किसी तरह से राष्ट्र गान का अपमान न लगे। २०११ में उपहार आग त्रासदी मामले में दिये फ़ैसले के संबंध में न्यायपीठ ने स्पष्ट किया कि दरवाजा बंद रखने का मतलब ये नहीं कि इसमें पूरी तरह से कुंडा लगा दिया जाए। इसका मक्सद केवल राष्ट्रगान के दौरान लोगों की आवाजाही को रोकना है। आपको स्मरण होगा कि ३ जून 1९९7 की शाम नई दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमाहॉल में आग लग गयी थी जिसमें 5९ लोग झुलसकर या दम घुटने से मर गए थे जिसके संदर्भ में २०११ में सर्वोच्च अदालत ने सिनेमा घरों के दरवाज़े बंद न रखे जाने के आदेश दिये थे। सर्वोच्च अदालत के इस फ़ैसले से कुछ बुद्धिजिवी इतफ़ाक नहीं रखते। वे मानते हैं कि यह फ़ैसला तंग राष्ट्रवादी सोच की ओर ईशारा करता है और एक तरह से मौलिक आज़ादी को भी चोट पहुंचाता है। ये वो तबका है जो अधिकारों और आज़ादी की बात तो बढ़-चढ़ कर करता है, परन्तु जब कर्तब्य की बात आती है तो कनि काट जाते हैं। मैं कोई न्यायविद तो नहीं हूं, परन्तु इतना ज्ञान ज़रूर रखता हूं कि जिस संविशान ने हमें अधिकार और आज़ादी दी है, उसी संविधान ने हमारे कर्तब्यों का भी ज़िक्र किया है। राष्ट्र गान और राष्ट्र ध्वज का सम्मान उन कर्तब्यों की फ़ेहरिस्त में अव्वल पर आता है। क्या ये कर्तब्य केवल संविधान के किताबी पन्नों में दफ़न रखने के लिए हैं? राष्ट्र गान और राष्ट्र ध्वज के सम्मान का मतलब है आप राष्ट्र का सम्मान कर रहे हैं। राष्ट्र का सम्मान किसी भी तरह की आज़ादी से बढ़कर होता है। अगर देश का नागरिक इस बात के लिए तैयार नहीं तो अफ़सोस ही किया जा सकता है। इस फ़ैसले से इतफ़ाक न रखने वाले दलील देते हैं कि देश प्रेम की भावना नागरिकों के अंतर मन से आनी चाहिए। इस बात से मैं भी सहमत हूं, पर इस देश प्रेम की भावना को जागृत करना भी तो कोई अनुचित बात नहीं खास तौर से उस वक्त जब इसे भुलाया जा रहा है। यदि नहीं, तो कल आप ये भी तो कह सकते हैं कि न्याययालयों में ब्यान देने से पहले गीता पर हाथ रख कर सत्य बोलने की प्रतिज्ञा नहीं होनी चाहिए ल्योंकि सत्य और असत्य बोलना तो अंतर मन की बात है। वास्तव में गीता की सौगंध भी सत्य बोलने के लिए प्रेरित करती है। ऐसा नहीं है कि सरहद पर जाकर दुश्मन से टक्कर लेते हुए शहीद होने से ही अपनी देश भक्ति का परिचय दिया जा सकता हैं, पर इतना ज़रूर है कि देश की शान एवं गौरव के प्रतीक राष्ट्र गान को हम खड़े हो कर सम्मान तो दे ही सकते हैं और राष्ट्र ध्वज को सलाम कर हम जय हिंद तो कह ही सकते हैं। मैं ये तो नहीं कहता कि जो खड़े हो कर राष्ट्र गान का समम्मान नहीं करते, वे देश भक्त नहीं या वे जो खड़े होते हैं, केवल वही देश भक्त हैं, परन्तु जो खड़े नहीं होते वे चाहे अनचाहे राष्ट्र का अपमान का गुनाह ज़रूर करते हैं। कुछ लोग एक दलील ये भी देते हैं कि टैगोर ने जन गण मन किंग जोर्ज के सम्मान में लिखा था जिस वजह से इसलिए यह देश प्रेम की भावना का प्रतीक नहीं। परन्तु इस इल्ज़ाम से क्षुब्ध हो कर टैगोर ने अपने एक पत्र में इस का खंडन करते हुए कहा था: मैं केवल खुद को अपमानित ही करूंगा यदि मुझे उन लोगों को जवाब देना पड़े जो ये मानते हैं कि मैं किसी जॉर्ज चतुर्थ या पंचम की शान में गाउंगा। खैर इस विवाद पर अलग से बहस की जा सकती है। संविधन में इसे राष्ट्र गौरव का प्रतीक माना है, तो फ़िर संविधन की इस पवित्र डोर में बंधना ही होगा। नहीं तो आप कल ये भी कह सकते हैं कि तिरंगा इस लिए तंग राष्ट्रवाद का प्रतीक हैं क्योंकि इसमें केवल तीन ही रंग है। इस बात में संदेह नहीं कि जन गण मन आज़ादी के पहले से आज तक हमारे मन में राष्ट्र चेतना जगाता रहा है। कोई किसी से प्यार करता है या कोई किसी का सम्मान करता है, इस बात का पता हमें बात-चीत में इस्तमाल किए जाने वाले शब्दों और ब्यवहार से लगता है। राष्ट्रप्रेम या राष्ट्रसम्मान हमारी भावनाओं का वह अहम पहलू है जिसे दुनिया के सामने आना ही चाहिए अन्यथा कोई भी हमें कमज़ोर समझने लगेगा। राष्ट्र्गान का सम्मान राष्ट्रसम्मान की एक अभिवयक्ति है। स्कूलों या सिनेमाघरों में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रगान हर महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में भी नियमित रूप से गाया जाना चाहिए। राष्ट्र गान के सम्मान में खड़े होना चाहिए या नहीं, यह परीक्षा में पूछा जाने वाला बहु वैकल्पिक उत्तर वाला सवाल नहीं है। इसका एक ही जवाब है हां। राष्ट्र्गान का सम्मान सबसे अहम अदर्श है जिसका अनुसरण करने के लिए संविधान हमारा आहवान करता है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त ने कहा है: