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Don't Miss! - Travel क्या होता है टिकट पर छपा PNR नंबर और कब तक यह वैध रहता है? मावॉक्स होन्चो ने भारत में ब्लूटूथ इनेबल्ड हेलमेट की एक विस्तृत रेंज को लॉन्च किया है। इन हेलमेट को 999 रूपये की किफायती कीमत पर लॉन्च किया गया है। ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ इन हेलमेट को कई रंग विकल्प में भी पेश किया गया है। कंपनी ने मावॉक्स होन्चो हेलमेट को पहचान देने के लिए 'बीट द ऑड्स' ब्रांड टैग लाइन रखा है। मावॉक्स होन्चो को 2019 में लॉन्च किया गया था। यह ब्रांड लेटेस्ट आईएसआई सर्टिफिकेशन और मानकों का पालन करती है। कंपनी ईसीई सर्टिफिकेशन पाने वाली सबसे नई हेलमेट बनाने वाली कंपनी है। हेलमेट के ऊपर और माउथ के जगह वेंटिलेशन के लिए वेंट दिए गए हैं जिससे हवा आसानी से अंदर जा सके। हेलमेट में लगे पारदर्शी वाइजर को लॉक-अनलॉक लिया जा सकता है। हेलमेट के माउथ गार्ड के सामने ब्लूटूथ डिवाइस को लगाया गया है। इसके अलावा इस हेलमेट में फॉग गार्ड भी लगाया गया है जो कोहरे या धुंध में भी चालक को बेहतर विजुअलिटी प्रदान करता है। कंपनी ने बताय कि यह हेलमेट मार्च 2020 के मध्य तक स्टोर में उपलब्ध हो जाएंगे। यह हेलमेट तीन वैरिएंट और तीन रंग विकल्प में मिलेंगे।
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पूर्वी दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने अवैध कसीनो का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने कसीनो पर छापा मारकर 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। वजीराबाद रोड स्थित हरनाम पैलेस हाल की बिल्डिंग में अवैध रूप से यह कसीनो चल रहा था। नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। पूर्वी दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने अवैध कसीनो का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने कसीनो पर छापा मारकर 41 लोगों को गिरफ्तार किया है। वजीराबाद रोड स्थित हरनाम पैलेस हाल की बिल्डिंग में अवैध रूप से यह कसीनो चल रहा था। पुलिस ने आरोपितों के पास से पांच लाख रुपये व 46 मोबाइल बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ कर पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है कब से कसीनो चल रहा था। उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने बताया कि एटीएस की टीम में तैनात एसआइ बलबीर को गुप्त सूचना मिली थी कि हरनाम पैलेस में अवैध रूप से कसीनो चल रहा है। सूचना के आधार पर एसआइ बलबीर के नेतृत्व में एएसआइ विपिन त्यागी, कांस्टेबल पावित कसाना, अमित डेढा व अन्य की टीम बनाई गई। पुलिस कि टीम हरनाम पैलेस पहुंची और वहां के सुरक्षा गार्ड से पूछताछ की तो उसने बताया कि पांचवी मंजिल पर शादी समारोह चल रहा है। बिना निमंत्रण समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं है। पुलिस ने गार्ड को हिरासत में लिया और पांचवीं मंजिल पर धावा बोल दिया। कसीनो के जरिये लोग सट्टे पर रकम लगा रहे। पुलिस के पहुंचते ही वहां भगदड़ मच गई,पुलिस ने किसी तरह से सबको काबू किया। पकड़ गए आरोपितों से पूछताछ कर पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है किसकी शह पर कसीनो चल रहा था।
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पांच धर युक्त महापीट का स्वरूप - शिखर रुजी जाडा कुंभ बहुभेया पामाया यस्खा विस्तकम्मणा भणिया । तत्तो थ कैसराई पणवीस भणामि मुलिला ॥ ६ ॥ मिरीविजयो महापउमो नंदावत्तो अ लच्छितिलओ अ । नरवेअ कमलहंसो कुंजरपासाय सत्त जिणे ॥ ५ ॥ श्रीविजय, महापद्म, नंद्यावर्त्त, लक्ष्मीतिलक, नरवेद, कमलहंस और कुंजर ये सात प्रासाद जिन भगवान के लिये उत्तम है ॥ ५ ॥ विश्वकर्मा ने अनेक प्रकार के प्रासाद के असंख्य भेद बतलाये हैं, किन्तु इनमें अति उचम केशरी आदि पच्चीस प्रकार के प्रासादों को मैं ( फेरु ) कहता हूँ ॥ ६ ॥ ' पच्चीस प्रकार के प्रासादों के नाम -- केसरि अ सव्वभद्दो सुनंदणो नंदिसालु नंदीसो । तह मंदिरु सिरिखच्छो अमिअन्भवु हेमवंतो अ ॥ ७ ॥ हिमकूटु कईलासो पुहविजओ इंदनीलु महनीलो । भूधरु अ रयणकूडो वइडुज्जो पउमरागो अ ॥ ८ ॥ वज्जंगो मुउडुज्जलु अइरावउ रायहंसु गरुडो अ । वसहो तह य मेरु एए पणवीस पासाया ॥ ९ ॥ केशरी, सर्वतोभद्र, सुनंदन, नंदिशाल, नंदीश, मन्दिर, श्रीवत्स, अमृतोद्भव, हेमवंत, हिमकूट, कैलाश, पृथ्वीजय, इंद्रनील, महानील, भूधर, रत्नकूड, वैडूर्य, पद्मराग, वज्रांक, मुकुटोज्वल, ऐरावत, राजहंस, गरुड, वृषभ और मेरु ये पच्चीस प्रासाद के क्रमरा नाम है ॥ ७८-६ ॥ पच्चीस प्रासादों के शिखरों की संख्या - पण अंडयाइ-सिहरे कमेण चउ बुड्ढि जा हवइ मेरु । मेरुपासायअंडय संखा इगहियसयं जाण ॥ १० ॥ पहला केशरी प्रासाद के शिखर ऊपर पांच अंडक ( शिखर के छोटे छोटे शिखर के आकार के रखे जाते हैं उनको अंडक कहते हैं, ऐसे प्रथम केशरी प्रासाद में एक शिखर और चार कोणें पर चार अंडक हैं।) पीछे क्रमशः चार २ अंडक मेरुप्रासाद तक बढ़ाते जावें तो पच्चीसवाँ मेरु प्रासाद के शिखर पर कुल एक सौ एक होते हैं ।। १० ।। १ इन पच्चीस प्रासादों का सचित्र सविस्तर वर्णन मेरा अनुवादित 'प्रासादमण्डन' ग्रन्थ जो अब छपनेवाला है उसमें देखो।
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द्दह्रक्त्रन्य॥ क्कक्त्र : राजघाट पुराना पुल पर फ्राइडे इवनिंग एक युवक ने जहर खा लिया। हालत बिगड़ने पर वह अचेत होकर गिर पड़ा। राहगीरों की सूचना पर टीपी नगर चौकी प्रभारी बदरुद्दीन ने युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने युवक की हालत गंभीर बताई। युवक के पास कागज का एक टुकड़ा मिला जिस पर सुसाइड करने की वजह लिखी थी। नाम, पता लिखा होने से पुलिस ने फैमिली मेंबर्स को दी सूचना। राजघाट पुराना पुल पर फ्राइडे इवनिंग करीब चार बजे अचानक एक युवक गिर पड़ा। उसके मुंह से झाग निकलता देखकर लोग शोर मचाने लगे। लोगों ने टीपी नगर चौकी प्रभारी को सूचना दी। कांस्टेबल के साथ चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे। अचेत युवक को जिला अस्पताल ले जाया गया। युवक की तलाशी लेने पर उसकी जेब में कागज का टुकड़ा मिला जिस पर शाहपुर एरिया के बौलिया रेलवे कालोनी निवासी प्रदीप का नाम लिखा था। जिला अस्पताल में उपचार के बाद देर शाम युवक होश में आया। पुलिस ने बताया कि युवक ने सुसाइड की कोशिश की। इसके लिए उसने पहले से जेब में कागज पर वजह लिखकर रखी थी। युवक का किसी युवती से प्रेम संबंध चल रहा था लेकिन दोनों के बीच रिश्तों में खटास आ गई। प्रेमिका ने उसको फोन करके मिलने के लिए गोरखनाथ मंदिर में बुलाया। वहां प्रेमिका के घरवालों ने उसकी धुनाई कर दी। प्रेमिका की दगाबाजी से आहत युवक को जिदंगी से भली मौत लगी इसलिए उसने रास्ते में जहर खरीदा। जान देने के लिए राजघाट पुल पर पहुंच गया। अचेत हाल मिले युवक को डिस्ट्रिक्ट हास्पिटल में एडमिट कराया गया। डॉक्टर्स के प्रयास पर वह होश में आ गया। उसके फैमिली मेंबर्स को घटना की सूचना दे दी गई है।
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WI vs ENG 2nd ODI: ब्रिजटाउन में 360 रन बनाने के बावजूद मिली हार के बाद वेस्ट इंडीज ने जबरदस्त पलटवार करते हुए इंग्लैंड को दूसरे वनडे में 26 रनों से हरा दिया है। इस जीत के बाद पांच मैचों की वनडे सीरीज 1-1 से बराबर हो गई है। इसके पहले केंसिंग्टन ओवल में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का निर्णय लिया। जहां वेस्ट इंडीज ने 50 ओवर में 289/6 रन स्कोरबोर्ड पर लगाए। क्रिस गेल और जॉन कैंपबेल ने वेस्ट इंडीज के लिए 61 रनों की ओपनिंग साझेदारी की। 61 के स्कोर पर कैंपबेल 23 (31) के रूप में वेस्ट इंडीज का पहला विकेट गिरा। वहीं पिछले मैच के शतकवीर क्रिस गेल ने इस मैच मैच में भी छक्कों की बारिश करते हुए 63 गेंदों में 50वां अर्धशतक पूरा किया। गेल ने इस पारी के दौरान 4 छक्के और एक चौका लगाया। जबकि शाई हॉप ने 33 रन बनाए। इसके बाद नंबर 5 पर बल्लेबाजी करने आए शिमरोन हेटमेयर ने डैरेन ब्रावो के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 76 रन जोड़ दिए। इसी बीच डैरेन ब्रावो 25 रन पर दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए। वहीं दूसरी ओर हेटमेयर ने अपने वनडे जीवन का चौथा शतक लगाते हुए नाबाद 104 रन बनाए। 104 रनों की इस पारी के लिए उन्होंने 83 गेंदों का सामना किया और 7 चौके व 4 छक्के लगाए। इंग्लैंड के लिए मार्क वूड, लियम प्लंकेट, बेन स्टॉक्स और आदिल रशीद ने एक-एक विकेट अपने नाम किए। जबकि टॉम करेन और मोइन अली को बिना विकेट के लौटना पड़ा। सीरीज में लगातार दूसरी जीत के लिए अब इंग्लैंड को 290 रनों की आवश्यकता थी। लेकिन 290 रनों की तलाश में इंग्लैंड ने अपने दोनों ओपनर जैसन रॉय और जॉनी बेयरस्टो को महज 10 रनों पर खो दिया। जैसन रॉय जहां 2 रन बनाकर चलते बने वहीं जॉनी बेयरस्टो अपना खाता भी नहीं खोल पाए। जबकि पिछले मैच में शतक जड़ने वाले जो रूट भी 36 रन बनाकर आउट हो गए। हालांकि कप्तान इयॉन मॉर्गन और ऑल राउंडर बेन स्टॉक्स ने मैच में वापसी की भरसक कोशिश की पर वे इंग्लैंड को जीत नहीं दिला सके। मॉर्गन ने 70 (83) और स्टॉक्स ने 79 (85) रनों की एकतरफा पारियां खेली। लेकिन निचले क्रम के 5 बल्लेबाज महज 35 रन जोड़ कर आउट हो गए और इंग्लैंड ये मैच 26 रनों से हार गया। वेस्ट इंडीज के लिए 7वां वनडे खेल रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज शेल्डन कॉटरेल ने अपने वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 5 इंग्लिश बल्लेबाजों को चलता किया। जबकि जैसन होल्डर को 3 व ओशन थॉमस और कार्लोस ब्रेथवेट को एक-एक विकेट मिला। 104 रनों की नाबाद शतकीय पारी खेलने वाले शिमरोन हेटमेयर को मैन ऑफ द मैच दिया गया।
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कर्ममें लागू पडता है, क्योंकि अन्य सभी कर्म विपाको दयके सिवाय अर्थात् प्रदेशोंदयद्वारा भी भोगे जा सकते हैं ५ मरणके सिवाय अन्य अर्थात् द्रव्य, क्षेत्र, काल आदि निमित्त भी कर्माशयके उद्घोधक होते हैं । ६ मरणके समय अवश्य उदयमान होनेवाला कर्म आयु ही है, इस लिये यदि प्रधानता माननी हो तो वह सिर्फ आयुष्कर्ममें ही घटाई जा सकती है, अन्य कमर्मि नहीं। ७ गौणकर्मका प्रधानकर्ममें आवागमन होता है यह बात गोल-माल जैसी है। आवागमनका पूरा भाव संकमणविधिको विना जाने ध्यान में नहीं आसकता, इस लिये कर्मप्रकृति, पंचसंग्रह आदि ग्रन्थसंक्रमणका विचार जान लेना चाहिये । सूत्र १५ - मूत्रकारने संपूर्ण दृश्यप्रपंचको विवेकिके लिये दुःखरूप कहा है, इस कथनका नयदृष्टिसे पृथकरण करते हुए उपाध्यायजी कहते हैं कि दृश्यप्रपंच दुःखरूप है योनिश्रयदृष्टि से, व्यवहारदृष्टि तो वह सुख दुःख उभ्यरूप है। इस पृथकरणकी पुष्टि के मिद्धमेनदिवाकरके एक स्तुनिचाक्यसे करते हैं। उस मात्र इस प्रकार है "देवीतराम ! तूने अनंत भवबीको फेंक दिया है, और अनंतान प्राप्त किया है, फिर भी तेरी कला न तो कम हुई है और न म विक, तू तो समभाव अधीन एक रूपताको ही चारण, धारण
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यूएवी शायद सबसे उत्कृष्ट उपलब्धि हैं विमानन पिछले दशक में। इन उपकरणों के लिए धन्यवाद, 8000 वीं सदी में युद्ध की तकनीक के बारे में विचार मौलिक रूप से बदल रहे हैं। पहले से ही आज, लगभग XNUMX मुफ़्तक़ोर. उनकी संख्या बढ़ेगी। यह स्पष्ट है कि मानव रहित विमान सैन्य, खुफिया और अनुसंधान क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आज की मानवरहित प्रणालियाँ उच्च तकनीक वाले उद्योगों के बीच सहयोग का एक उत्पाद हैं, और आधुनिक यूएवी के लिए अच्छे वायुगतिकी और इष्टतम उड़ान गुणों वाले विमान होना पर्याप्त नहीं है। सबसे पहले, "ड्रोन" को यूएएस (मानवरहित एरियल सिस्टम) में शामिल किया जाना चाहिए और एक कार्यकारी लिंक के रूप में इसके साथ काम करना चाहिए। दूसरे, पहले से ही यूएएस के साथ मिलकर इसे वैश्विक नेटवर्क सूचना और नियंत्रण स्थान C4I (नियंत्रण-नियंत्रण-संचार-खुफिया) में एकीकृत करने की आवश्यकता है, जैसा कि अब यह कहने के लिए प्रथागत है, इसके infosphere में एक अंतर-सहभागी भागीदार। एक और समस्या यह है कि जैसे-जैसे यह विकसित होता है बेड़ा इन उपकरणों के यूएवी को सभी सुरक्षा नियमों का पालन करने और हवाई यातायात के लिए संभावित खतरों का निर्माण नहीं करने के साथ-साथ अन्य विमानों के साथ अनियंत्रित हवाई क्षेत्र में उड़ान भरने की अनुमति प्राप्त करनी होगी। अंत में, मानवरहित प्रणालियों को अत्यधिक कुशल नियंत्रण स्टेशन ऑपरेटरों की आवश्यकता होती है। अब, तकनीकी कार्यों के उच्च-गुणवत्ता वाले प्रदर्शन के अलावा, स्टेशन कर्मियों को अपने मिशन के मानवीय पक्ष पर ध्यान देने की आवश्यकता है - आखिरकार, मानव जीवन अक्सर कंसोल पर किए गए निर्णयों पर निर्भर करता है। आधुनिक प्रकार का IAI स्काउट (ओरियोल) का पहला लड़ाकू ड्रोन इज़राइल द्वारा 1978 में Le Bourget में एयर शो में दिखाया गया था। 1982 में, सीरियाई सैनिकों के खिलाफ लेबनान में एक सैन्य अभियान में, इज़राइल ने अपने स्काउट्स की मदद से, वायु रक्षा प्रणाली को बाधित कर दिया, जिसे तब इजरायली हमले के विमानों द्वारा "समाप्त" कर दिया गया था। हवाई श्रेष्ठता प्राप्त करने के बाद, इज़राइल ने संघर्ष को जीत के लिए लाया। मानव रहित हवाई वाहनों में वर्तमान नेता मुफ़्तक़ोर - संयुक्त राज्य अमेरिका - 1990 के दशक के मध्य में ही गंभीरता से व्यवसाय में उतर गया। आज अमेरिका में, इस विषय को प्राथमिकता दी जाती है - 2010 में, मानव रहित वाहनों के विकास, खरीद और संचालन के लिए $ 5,4 बिलियन का आवंटन किया गया था, जो कि सभी 1990 के दौरान दोगुना था। इजरायल संयुक्त राज्य अमेरिका का एक गंभीर प्रतियोगी है, जो बहुत अच्छे यूएवी का उत्पादन करता है, जो हमेशा रूस सहित कई देशों में मांग में हैं। मानव रहित प्रणालियों के विकास और निर्माण के गतिशील रूप से विकसित क्षेत्र में, सबसे आशाजनक क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है। सबसे पहले, यह बहुउद्देश्यीय मानव रहित प्लेटफार्मों के उपयोग के लिए संक्रमण को ध्यान देने योग्य है, उदाहरण के लिए, उच्च सटीकता के साथ सशस्त्र और ड्रोन UAVs हथियार और "उसने स्काउट किया, उसने अपने हथियारों से मारा" के सिद्धांत पर कार्य किया। इसके अलावा, हम प्रकाश और मिनी-श्रेणी के सशस्त्र यूएवी के उपयोग की दिशा में उभरते आंदोलन के बारे में बात कर सकते हैं, जो एक समूह ("झुंड") के हिस्से के रूप में सस्ता और उपयोग करने में अधिक सुविधाजनक है। इस कार्य के भाग के रूप में, उच्च-सटीक मिसाइलों और छोटे-कैलिबर बमों को विकसित करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं - 1,5 से 30 किलोग्राम तक - हल्के यूएवी को 200-450 किलोग्राम के टेक-ऑफ वजन के साथ उत्पन्न करने के लिए जो सक्षम नहीं हैं " हेलफायर मिसाइल (वजन 50 किग्रा) और जीबीयू बम -12 (250 किग्रा) जैसे हथियार स्वीकार करना, जो मध्यम-भारी यूएवी प्रीडेटर-आईए (लगभग 1000 किग्रा वजन का टेक-ऑफ वजन) और रीपर (टेक-ऑफ वजन) से लैस हैं। 4500 किग्रा)। एक अन्य क्षेत्र प्रकाश यूएवी (इज़राइली हारोप को एक उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है) के आधार पर गैर-वापसी योग्य लॉकिंग गोला बारूद का विकास है, जो "अपने लक्ष्य को ट्रैक करने और पता लगाने के सिद्धांत के अनुसार काम करता है, और फिर, ऑपरेटर की आज्ञा पर, इसे नीचे झपट्टा मारता है"। यूएवी पर गैर-घातक प्रभाव के हथियारों को तैनात करने की परियोजनाएं भी हैं, जो तथाकथित ई-बम के रूप में दुश्मन के "साइबरनेटिक" सिस्टम (लोगों को नुकसान पहुंचाए बिना) को निष्क्रिय करने के लिए, शक्तिशाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण पैदा करते हैं जब एक चार्ज विस्फोट होता है, साथ ही ऑनबोर्ड माइक्रोवेव गन। हाल ही में, वैकल्पिक रूप से मानवयुक्त ओपीवी (वैकल्पिक रूप से पायलट वाहन) वाहनों की तकनीक, ईथर और मानवयुक्त संस्करणों में उड़ान भरने में सक्षम है, लोकप्रिय हो रही है। वे प्रमाणित हल्के हवाई जहाजों के आधार पर बनाए गए हैं, जो कि इन "अर्ध-पायलटों" को अनपेक्षित हवाई क्षेत्र में शामिल करने और इसे और अधिक निः शुल्क प्रशिक्षण और प्रदर्शन उड़ानें बनाने की समस्या को हल करना आसान बनाता है। यूएवी के "बौद्धिक" समूहों ("झुंड") की समस्याओं के अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जो उड़ान में समूह नियंत्रण के प्रदर्शनों के दौरान पहचाने जाते हैं, और अधिक कुशल नियोजन के लिए मानव रहित समूह की वितरित संरचना के लाभों की प्राप्ति होती है। एक उड़ान मिशन और युद्ध संचालन का आयोजन। वर्तमान में, STANAG4586 आम सहमति मानक वितरित किया जा रहा है, जो एकल यूएवी के साथ एक ऑपरेटर की बातचीत को नियंत्रित करता है और इंटरऑपरेबिलिटी के सभी स्तरों पर यूएवी के एक समूह के साथ होता है। मानक उपकरणों के नियंत्रण में और उनके बीच बातचीत में उपयोग किए जाने वाले आर्किटेक्चर, इंटरफेस, संचार प्रोटोकॉल, डेटा तत्वों और संदेश प्रारूपों को परिभाषित करता है। एक अन्य नवाचार एक मानवयुक्त टैंकर या यूएवी टैंकर से स्वचालित यूएवी ईंधन भरने के साथ प्रदर्शन उड़ानें हैं। गलती से नहीं, आज यूएवी (यूएवी) शब्द की जगह एक मानवरहित हवाई-आधारित प्रणाली (यूएएस) की अवधारणा द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है, जो "यूएवी" के संचालन से जुड़ी जटिल स्वचालित प्रणालियों की सामग्री को अधिक सटीक रूप से दर्शाता है। यूएएस मानव रहित हवाई प्रणाली लॉन्च पैड, रनवे, यूएवी लॉन्च और रिटर्न सिस्टम, एयरफील्ड टीमों, यूएवी समर्थन सुविधाओं, योग्य ऑपरेटरों की एक टीम के साथ नियंत्रण स्टेशनों के रूप में बुनियादी ढाँचा है। यूएएस यूएवी के साथ काम करने की दो अवधारणाओं का उपयोग करते हैंः यूएवी फ्लाइट ज़ोन से कई किलोमीटर के लिए दूरस्थ रूप से, और मोड में नियंत्रण स्टेशनों और लॉन्च साइटों की तैनाती के साथ लगभग मानव रहित संचालन स्थल के पास। दीर्घकालिक रणनीतिक संचालन और / या बहुत जिम्मेदार टोही और टक्कर के दौरान रिमोट कंट्रोल किया जाता है। एक उदाहरण ग्लोबल हॉक हाई-ऐलिट्यूड स्ट्रेटेजिक टोही का प्रबंधन है, साथ ही मध्यम-भारी सशस्त्र टोही और शॉक यूएवी प्रीडेटर और रीपर का उपयोग करके तालिबान और अल-कायदा नेताओं को नीचे ट्रैक करने और संचालित करने के लिए संचालन। रिमोट कंट्रोल की समस्याओं को हल करने के लिए, दो प्रकार के स्टेशनों का उपयोग किया जाता है। पहला दृश्य के करीब स्थित है और विशुद्ध रूप से एरोबैटिक कार्यों को हल करता हैः टेकऑफ़ सुनिश्चित करना, चढ़ना, किसी दिए गए कोर्स पर बाहर निकलना, वापसी और लैंडिंग। पायलट ऑपरेटर इसमें शामिल हैं - एक नियम के रूप में, पूर्व पायलटों में से। इस मामले में "घटनाओं के दृश्य से दूर नहीं" का अर्थ है कि यूएवी को सीमाओं के पास, उदाहरण के लिए, इराक और अफगानिस्तान, या, उदाहरण के लिए, सऊदी अरब में तैनात किया जाता है, जहां से काफी लंबी दूरी के प्रीडेटर और रीपर के लिए उड़ान कोई विशेष समस्या पेश नहीं करती है। एक अन्य स्टेशन जो उपग्रह चैनलों के माध्यम से यूएवी के संपूर्ण लक्ष्य संचालन का प्रबंधन करता है, संयुक्त राज्य अमेरिका में 15000 किमी से अधिक की दूरी पर स्थित है, उदाहरण के लिए, नेवादा में क्रीच वायु सेना बेस पर। ऑपरेटर, डिकोडर, ऑपरेटर, विश्लेषक, ऑपरेटर, नेविगेटर यूएवी से प्राप्त वीडियो जानकारी का विस्तृत विश्लेषण करते हैं, ऑपरेशन के दौरान आवश्यक समायोजन करते हैं, आवश्यक निर्णय लेते हैं और ड्रोन को उनके निष्पादन के लिए आगे बढ़ते हैं। ये विशेषज्ञ विशेषज्ञ प्रणालियों, कंप्यूटर विज़न सिस्टम, स्वचालित लक्ष्य पहचान और हाल ही में खेल टेलीविजन तकनीक के समर्थन का उपयोग करते हैं, जो आपको घटनाओं के बीच में सबसे आवश्यक और प्रभावशाली परिप्रेक्ष्य खोजने की अनुमति देता है। परिचालन-सामरिक योजना के सेना संचालन में भाग लेने वाले "ड्रोन" को नियंत्रित करने के कार्यों में, वीडियो टर्मिनल से लैस मोबाइल ग्राउंड स्टेशनों का उपयोग किया जाता है। स्टेशन लॉन्च पैड और ऑपरेशन स्थल के पास स्थित है। यूएस में, मोबाइल स्टेशनों को एकीकृत करने का निर्णय लिया गया ताकि वे विभिन्न प्रकार के यूएवी के साथ काम कर सकें। छोटी इकाइयों (समूह, पलटन) के लिए लाइट आर्मी यूएवी को पोर्टेबल उपकरणों का उपयोग करके नियंत्रित किया जाता है। नेटवर्क में "यूएवी" 4वीं शताब्दी ने वैश्विक सूचना और नियंत्रण प्रणाली के गहन परिचय की शुरुआत की, जो प्रौद्योगिकियों पर आधारित है जो शत्रुता (NCW, नेटवर्क-केंद्रित युद्ध) के संचालन को सुनिश्चित करती है, जिसके बिना मानव रहित विमान सहित सभी प्रकार के विमानन का विकास होता है। पहले से ही अकल्पनीय। NCW प्रौद्योगिकी में C4I सूचना के संचार, कमांड, इंटेलिजेंस, नियंत्रण, प्रसंस्करण और विश्लेषण की एक संयुक्त प्रणाली के साथ-साथ "सूचना युद्ध" आयोजित करने के उपायों की एक प्रणाली शामिल है। CXNUMXI में शामिल होने के लिए, मानव रहित हवाई प्रणालियाँ सामूहिक विनिमय की तकनीक का उपयोग करके डेटा लिंक (DLL) से लैस हैं। संचालन के लिए सूचना समर्थन बाहरी स्रोतों द्वारा AWACS विमान, रिपीटर्स, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस, साथ ही उपग्रह संचार और खुफिया प्रणालियों के रूप में प्रदान किया जाता है। यह ऑपरेटरों के लिए आवश्यक स्थितिजन्य जागरूकता प्रदान करना चाहिए और ऑपरेशन में सभी प्रतिभागियों के साथ इंटरऑपरेबिलिटी को व्यवस्थित करना चाहिए। प्रकाश और मिनी-श्रेणी के यूएवी पर, एलपीडी मुख्य रूप से एक लघु संस्करण में स्थापित होते हैं। यूएवी वायु यातायात नियंत्रण और वायु सुरक्षा के साथ-साथ ICAO, EASA, EUROCONTROL, वर्ल्ड एयर ट्रैफिक कंट्रोलर एसोसिएशन और अन्य के दबाव में जारी है। इन संगठनों के प्रतिनिधियों का मानना है कि यूएवी अप्रस्तुत हवाई क्षेत्र में हो सकता है, अर्थात् इसमें उड़ान भरें। अन्य विमानों के साथ, केवल अगर यह मानव चालित वाहनों से अपने व्यवहार में अविभाज्य है और हवाई टकराव के संभावित खतरे पैदा नहीं करता है। ऐसा करने के लिए, एक यूएवी बोर्ड पर, आपको एक स्वायत्त प्रणाली की आवश्यकता होती है, जो एक विमान के एक पायलट की तरह काम करता है, स्वतंत्र रूप से हवा की स्थिति का आकलन करेगा, खतरनाक वस्तुओं का पता लगाएगा और स्वचालित मोड में विकासकारी युद्धाभ्यास कर सकता है। यूएवी के प्रमाणन की समस्या और वैश्विक हवाई क्षेत्र में उड़ानों में प्रवेश के लिए इस तरह की ऑनबोर्ड प्रणाली की विश्वसनीयता एक आवश्यक शर्त है। यह प्रणाली "महसूस और सिकुड़ने" (नब्ज और बचने) के सिद्धांत को लागू करती है और इसे SAA कहा जाता है। अमेरिकी योजनाओं के अनुसार, SAN सिस्टम 2012 में शुरू होने वाले सभी अमेरिकी यूएवी पर स्थापित होना शुरू हो जाएगा। SAA प्रणाली के सेंसर छोटे आकार के रडार सिस्टम, राउंड-द-क्लॉक वीडियो कैमरा हैं, और इसमें नवीनतम वेक्टर ध्वनिक सेंसर भी होंगे, जो MEMS तकनीक का उपयोग करके एक लघु डिज़ाइन में बनाए गए हैं, जो उन्हें प्रकाशीय यूएवी पर रखना सुविधाजनक बनाता है। SAA सिस्टम का परीक्षण पहले ही किया जा चुका है और वास्तविक उड़ानों पर प्रदर्शित किया जा रहा है। प्रसिद्ध उच्च ऊंचाई टोही U-2 का वारिस, यह यूएवी अपने आकार के साथ विस्मित करता है। विंगपन बोइंग-एक्सएनयूएमएक्स से बड़ा है। प्रसिद्ध उच्च ऊंचाई टोही U-2 का वारिस, यह यूएवी अपने आकार के साथ विस्मित करता है। विंगपन बोइंग-एक्सएनयूएमएक्स से बड़ा है। सेना स्काउट, जिसका नाम "रैवेन" के रूप में अनुवाद किया जाता है, सीधे हाथ से लॉन्च किया जाता है, और वे इसे एक यात्रा सत्थेल में पहनते हैं। सेना स्काउट, जिसका नाम "रैवेन" के रूप में अनुवाद किया जाता है, सीधे हाथ से लॉन्च किया जाता है, और वे इसे एक यात्रा सत्थेल में पहनते हैं। नवीनतम गुप्त टोही यूएवी, "फ्लाइंग विंग" योजना और "स्टील्थ" तकनीक के अनुसार बनाया गया है। नवीनतम गुप्त टोही यूएवी, "फ्लाइंग विंग" योजना और "स्टील्थ" तकनीक के अनुसार बनाया गया है। मानवरहित नौसैनिक हेलीकॉप्टर। अन्वेषण के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन भविष्य में कार को शॉक फ़ंक्शन देना संभव है। मानवरहित नौसैनिक हेलीकॉप्टर। अन्वेषण के लिए डिज़ाइन किया गया है, लेकिन भविष्य में कार को शॉक फ़ंक्शन देना संभव है। टोही और परिवहन उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किया गया। कॉम्प्लेक्स में दो वैकल्पिक रूप से मानवयुक्त स्टेमे S-10VT मोटर ग्लाइडर, एक ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम और रखरखाव सुविधाएं शामिल हैं। टोही और परिवहन उद्देश्यों के लिए डिज़ाइन किया गया। कॉम्प्लेक्स में दो वैकल्पिक रूप से मानवयुक्त स्टेमे S-10VT मोटर ग्लाइडर, एक ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम और रखरखाव सुविधाएं शामिल हैं। टोही यूएवी की स्वायत्तता और उड़ान रेंज को बढ़ाने के लिए, हवा में ईंधन भरने वाले वाहनों के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास किया जा रहा है। ईंधन भरने को एक मानवयुक्त विमान से और दूसरे "ड्रोन" से किया जा सकता है। तस्वीर में, एक ग्लोबल हॉक "ईंधन" दूसरे के साथ साझा करता है। टोही यूएवी की स्वायत्तता और उड़ान रेंज को बढ़ाने के लिए, हवा में ईंधन भरने वाले वाहनों के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास किया जा रहा है। ईंधन भरने को एक मानवयुक्त विमान से और दूसरे "ड्रोन" से किया जा सकता है। तस्वीर में, एक ग्लोबल हॉक "ईंधन" दूसरे के साथ साझा करता है। यूएवी से आने वाले वास्तविक समय की वीडियो जानकारी के साथ काम करने वाले ऑपरेटर शाब्दिक रूप से आने वाले वीडियो फ्रेम पर घुट रहे हैं, जिन्हें जल्दी से पता लगाने की जरूरत है, यह निर्धारित किया जाता है कि क्या आवश्यक है, एक निर्णय करें, और फिर इसे निष्पादित करें। स्थिति इस तथ्य से जटिल है कि जीवित लोग अक्सर लक्ष्य होते हैं। उत्पादन की मात्रा और श्रेणी की चौड़ाई के संदर्भ में, यूएवी अपने एक्सएनयूएमएक्स% यूएसए के साथ नेतृत्व करते हैं, शीर्ष तीन इज़राइल (एक्सएनयूएमएक्स%) हैं, इसके बाद इंग्लैंड (एक्सएनयूएमएक्स%) और रूस (एक्सएनयूएमएक्स%) हैं। 32,5 में यूएवी के लिए वैश्विक बाजार $ 12,6 बिलियन की राशि है, और 5,6 के खिलाफ इसकी वृद्धि $ 5,5 - 2009 बिल पर अनुमानित है। सबसे अगोचरः UAV X-47B डेक-आधारित "फ्लाइंग विंग" तकनीक "स्टील्थ" के रूप में। वह परीक्षण के चरण में है, वह 2014 वर्ष में डेक से उड़ान भरेगा।
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चर्चा में क्यों? 5 मार्च, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में राज्य के विजेता खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को खेल पुरस्कार देने के लिये राज्य खेल पुरस्कार व सम्मान योजना बनाई है। - राज्य में खिलाड़ियों के चयन के लिये राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक की अध्यक्षता में नौ सदस्यीय चयन समिति बनाई गई है। - इस समिति के तहत इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी द्वारा चिह्नित खेलों के अंतर्गत भारत में संचालित राष्ट्रीय खेल महासंघों, अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स बोर्ड, स्कूल गेम फेडरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय खेल प्राधिकरण और पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया आदि संगठनों द्वारा आयोजित खेल प्रतियोगिताओं के विजेताओं का चयन होगा। - मैडल विजेता खिलाड़ियों को 29 अगस्त को हर साल होने वाले राष्ट्रीय खेल दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। - राज्य खेल पुरस्कार व सम्मान योजना के तहत ओलंपिक खेलों में व्यत्तिगत खेल में गोल्ड मैडल जीतने वाले खिलाड़ी को दो करोड़, सिल्वर मैडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले को एक करोड़ रुपए मिलेंगे। - एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीतने वाले को डेढ़ करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को एक करोड़ और कांस्य पदक जीतने वाले को 75 लाख रुपए दिये जाएंगे। - आधिकारिक एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल जीतने वालों को 75 लाख, सिल्वर जीतने वोले को 50 लाख और कांस्य पदक जीतने वाले को 30 लाख मिलेंगे। - अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीतने वाली भारतीय टीम में यदि बिहार के खिलाड़ी हैं तो उन्हें भी राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी। वर्ल्ड कप या टी-20 की विजेता या उपविजेता भारतीय टीम में बिहार के कोई खिलाड़ी हैं, तो उन्हें क्रमशः सरकार डेढ़ और एक करोड़ देगी। - राज्य सरकार चैंपियंस ट्रॉफी के विजेता और उपविजेता टीम के बिहारी सदस्य को क्रमशः एक करोड़ और 75 लाख मिलेंगे तथा राष्ट्रीय स्तर के राष्ट्रीय खेल के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले खिलाड़ी को चार लाख, तीन लाख और दो लाख रुपए देगी।
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अयोध्या, 5 अगस्त (एजेंसी) अयोध्या में ऐतिहासिक अध्याय का श्रीगणेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भूमि पूजन कर 'श्रीराम जन्मभूमि मंदिर' का शिलान्यास किया। उन्होंने राम मंदिर को राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक और भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक बताते हुए कहा कि सदियों का इंतजार आज खत्म हो रहा है। यह अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि जिस प्रकार स्वतंत्रता दिवस लाखों बलिदानों और स्वतंत्रता की भावना का प्रतीक है, उसी तरह राम मंदिर का निर्माण कई पीढ़ियों के अखंड तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है। राम मंदिर की आधारशिला रखने के साथ ही भाजपा का न सिर्फ एक प्रमुख चुनावी वादा पूरा हुआ, बल्कि उस अभियान की समाप्ति भी हो गई जिसके सहारे पार्टी ने राजनीतिक सत्ता के शिखर तक का सफर तय किया। इत्तेफाक से पिछले साल 5 अगस्त के दिन ही भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर विचारधारा से जुड़े अपने एक अन्य प्रमुख वादे को पूरा किया था। शिलान्यास के बाद प्रधानमंत्री ने एक समारोह को संबोधित किया और इसकी शुरुआत 'सियावर रामचंद्र की जय' के उद्घोष से की। उन्होंने कहा कि इस उद्घोष की गूंज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। उन्होंने कहा, 'बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है।' मोदी ने कहा कि राम सबके हैं, सब में हैं और उनकी सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि श्रीराम के नाम की तरह ही यह मंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा। मोदी ने कहा, 'राम का मंदिर भारतीय संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए कि इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आमंत्रित करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करते हुए कहा, राम काजु कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम। मोदी ने कहा कि आज भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे भारत एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है। कन्याकुमारी से क्षीरभवानी तक, कोटेश्वर से कामाख्या तक, जगन्नाथ से केदारनाथ तक, सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक, सम्मेद शिखर से श्रवणबेलगोला तक, बोधगया से सारनाथ तक, अमृतसर से पटना साहिब तक, अंडमान से अजमेर तक, लक्षद्वीप से लेह तक, आज पूरा भारत राममय है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। आज पूरा भारत भावुक भी है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। मोदी ने कहा, अयोध्या की महिमा तो खुद प्रभु श्रीराम ने कही है- जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि। यहां राम कह रहे हैं- मेरी जन्मभूमि अयोध्या अलौकिक शोभा की नगरी है। प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे खुशी कि आज प्रभु राम की जन्मभूमि की भव्यता, दिव्यता बढ़ाने के लिए कई ऐतिहासिक काम हो रहे हैं। - पारंपरिक धोती-कुर्ता पहनकर पहुंचे थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। - जन्मस्थान पर पूजा-अर्चना के प्ाश्चात तय मुहूर्त पर दोपहर 12.44 बजे आधारशिला रखी। - पूजा में 9 ईंटें व शिलाएं रखी गईं। - अयोध्या पहुंचने पर मोदी ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाकर हनुमान जी की पूजा-अर्चना की। - राम जन्मभूमि क्षेत्र पहुंचकर रामलला को दंडवत प्रणाम किया और पारिजात का पौधा लगाया। - 36 प्रमुख परंपराओं के 135 संत-महात्माओं समेत 175 लोगों को िनमंत्रण भेजा गया था। - करीब 2000 पवित्र जगहों से लाई गई मिट्टी और 100 से ज्यादा नदियों से लाया गया जल रखा गया।
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भ्रष्टाचार व काले धन के मुद्दे पर जनचेतना यात्रा के जरिए आप गांव-गांव जा रहे हैं, क्या आपको लगता है कि लोगों को यह मुद्दा समझ में आ रहा है और वह मौजूदा सरकार के खिलाफ वोट के रूप में सामने आएगा? देखिए, लोग सब समझते हैं। भारत का औसत आदमी अशिक्षित होते हुए भी राजनीतिक समझ रखता है। मैं जब बोलता हूं कि कितने लोग जेल में गए हैं, तिहाड़ में भी कैबिनेट की बैठक होगी, तब यह लोगों के दिमाग में बात बैठती है। लाखों करोड़ रुपये का हिसाब न समझते हुए भी लोग मूल मुद्दा समझते हैं। पढ़े-लिखे लोगों को समझ में आता है कि कर चोरी काला धन है या बेईमानी से कमाया धन काला धन है। जो धन विदेशी बैंकों में पड़ा हुआ है वह काला धन है। लोग आंकड़े भले न समझते हों, लेकिन मूल सवाल समझते हैं कि यह सब भ्रष्टाचार की कमाई है। 1990 की राम रथयात्रा और अब 2011 के जनचेतना यात्रा के आडवाणी में क्या अंतर है? 21 साल के समय का अंतर है। इससे राजनीतिक अनुभव बढ़ता है। उस समय मुद्दा दूसरा था। जिसने देश की राजनीति में असली पंथनिरपेक्षता पर बहस शुरू की थी। किसी भी स्टेज पर पंथनिरपेक्षता को गलत नहीं माना। असली पंथनिरपेक्षता यह है कि किसी भी धर्म का अनुयायी हो, उसका आदर करना चाहिए। यह पंथनिरपेक्षता इस देश की परंपरा है। इस बार की यात्रा भाजपा के मूल मुद्दों के बजाय राजग के मुद्दों व पंथनिरपेक्षता पर ज्यादा केंद्रित है, क्या आपने हिंदुत्व के मुद्दे को छोड़ दिया है? हिंदुत्व के बारे में यह दृष्टिकोण कि धर्म को मानना गलत है, देश की परंपराओं के खिलाफ है। धर्म व धार्मिकता एक सच्चाई है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत में धर्म का नाम लेते हैं तो दंगे याद आते हैं। जबसे जनसंघ बना और खासकर जब दीनदयाल उपाध्याय जनसंघ के अध्यक्ष रहे तो उन्होंने भी हमेशा कहा राष्ट्रवाद व हिंदुत्व भारतीयता के पर्यायवाची हैं। हम यही मानते हैं। हिंदुत्व का मुद्दा खत्म हुआ, यह सही नहीं है। आप कह रहे हैं कि यात्रा को नीतीश कुमार ने हरी झंडी दिखाई और नरेंद्र मोदी ने ब्लाग लिखकर समर्थन दिया है। तो क्या यह माना जाए कि दोनों के बीच मतभेद खत्म हो गए हैं और अगले चुनाव में मोदी बिहार में व नीतीश गुजरात में प्रचार करते नजर आएंगे? जब चुनाव होंगे, तब निर्णय करेंगे। आपने कहा था कि यात्रा का प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से कोई संबंध नहीं है, क्या आप प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं? मैंने तो कहा था कि मैं प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं। फिर भी यात्रा को प्रधानमंत्री पद से क्यों जोड़ रहे हैं? मैं भी इसको जोड़ नहीं रहा हूं, लेकिन क्या प्रधानमंत्री बनने की ख्वाहिश रखना गलत है? मैं नहीं मानता कि ख्वाहिश रखना गलत है। मैंने कहा है कि मेरी कोई ख्वाइश नहीं है। 2009 के चुनाव में जब मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार चुना गया था तब भी यह निर्णय पार्टी ने लिया था। इसके बावजूद भी कि पाकिस्तान में मेरे वक्तव्य के बाद पार्टी में नाराजगी थी, जब पार्टी ने कहा कि अध्यक्ष बनो तो मैं बना। जब सरकार बनी थी और वाजपेयीजी ने उप प्रधानमंत्री बनने को कहा था तो वह भी बना। अगले लोकसभा चुनाव में अगर पार्टी आपको कहे तो क्या आप प्रधानमंत्री बनना चाहेंगे? मैं क्यों इंकार करूंगा, लेकिन कई बातें हैं। मसलन मेरा स्वास्थ्य कैसा रहता है। अगर कोई घटना या दुर्घटना घट जाए। अभी तो कोई चुनाव भी नहीं हैं, पर हम लोग चुनाव के लिए तैयार हैं। आपने 1995 में अटल बिहारी वाजपेयी का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए घोषित किया। लेकिन इस बार आप किसी का नाम घोषित क्यों नहीं कर रहे हैं? क्योंकि अब मैं पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं। तब था तो घोषित किया था। तब भी पार्टी ने निर्णय किया था और अभी भी पार्टी निर्णय करेगी। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव से पहले किसी को प्रधानमंत्री के रूप में पेश नहीं किया जाएगा? क्या आप मानते हैं कि चुनाव में बगैर चेहरे के जाना चाहिए? जब संसदीय बोर्ड में चर्चा होगी तो मैं अपनी राय रखूंगा। मैं हमेशा इस मत का रहा हूं कि लोगों को अपना नेता पता होना चाहिए। भारत में और दुनिया भर में लोग जानना चाहते हैं कि उनका नेता कौन हो? चुनाव चाहे प्रदेश का हो या केंद्र का, चेहरा स्पष्ट होना चाहिए। राहुल गांधी भी दलितों के घर जा रहे हैं और यात्रा कर रहे हैं। आपकी और उनकी यात्रा की तुलना की जा रही है। आपका क्या कहना है? मुझे इस पर कुछ बोलना नहीं है। मेरी पार्टी की बहुत चर्चा होती है, लेकिन कांग्रेस के परिवारवाद के बारे में चर्चा क्यों नहीं होती? उत्तर प्रदेश में यात्राओं के जरिए भाजपा एक बार फिर काशी, मथुरा व अयोध्या का कार्ड खेलने जा रही है। क्या मौजूदा समय में यह मुद्दा जनता में असर करेगा? यह आप लोगों की सोच है। प्रदेश की यात्राओं को कहीं से शुरू करने व कहीं पर खत्म करने का आशय यह नहीं है। और अब कौन कह रहा है उन बातों को जो 1990 में कही गई थीं। हाईकोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या विवाद में स्पष्टता आ गई है। हाईकोर्ट ने माना है कि राम जन्मभूमि वहीं पर है। क्या आडवाणी व अन्ना हजारे का रास्ता एक ही है? लोकतंत्र में राजनीतिक विषयों पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी राजनीतिक दलों की है। कुछ सामाजिक संगठन इस बारे में काम करें, यह अच्छी बात है। भ्रष्टाचार के मद्दे पर भाजपा ही नहीं, सभी दल, यहां तक कि वामदल भी संसद की संयुक्त समिति के पक्ष में थे। इसी दबाव में जेपीसी बनाई गई। मैं भी इस बारे में अपनी जवाबदेही मानता हूं। इसलिए इस मुद्दे को संसद के भीतर उठाने के साथ जनता के बीच भी हूं।
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असम में एक आदिवासी महिला ने उससे और उसकी बेटी से रेप की कोशिश करने वाले का गुप्तांग काट कर उसके मार डाला। इसके बाद महिला ने उसे दफना दिया। मामले में महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने शव निकलवा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। गुवाहाटी असम में एक आदिवासी महिला ने उससे और उसकी बेटी से रेप की कोशिश करने वाले का गुप्तांग काट कर उसके मार डाला। इसके बाद महिला ने उसे दफना दिया। मामले में महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तर पूर्वी असम में बिश्वनाथ चारिली पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी महिला का नाम रीता ओरांग है। उसने जिस शख्स की हत्या की, उसका नाम कृष्णा भूमिजी था। रीता कहा कहना है कि 4 अप्रैल को कृष्णा उसके घर में घुस आया और उसके अलावा उसकी बेटी से भी रेप की कोशिश करने लगा। इसी दौरान उसने कुल्हाड़ी से उसपर वार किया और गिरने के बाद उसके प्राइवेट पार्ट को भी काट डाला। इसके बाद रीता ने पड़ोस की महिलाओं के साथ मिलकर उसके शव को दफना दिया। कृष्णा के घरवालों ने उसके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जांच में पता चला कि कृष्णा की हत्या कर दी गई है। पुलिस ने शव निकलवा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। कृष्णा अपराधी प्रवृत्ति का था और 2 मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी।
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निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 63. 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 600. 66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुद्ध लाभ को कम प्रावधान और शुद्ध ब्याज आय में बढ़ोतरी से सहारा मिला। पिछले साल की समान अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ 367. 29 करोड़ रुपये रहा था। यह बैंक का अब तक का सबसे बड़ा तिमाही लाभ है। बैंक का शेयर बीएसई पर करीब 1. 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 98. 80 रुपये पर बंद हुआ। फेडरल बैंक के एमडी व सीईओ श्याम श्रीनिवासन ने कहा, हमने क्रेडिट में व्यापक बढ़ोतरी दर्ज की, वहीं कुल लागत का भी अच्छी तरह से प्रबंधन किया गया, जिसकी वजह से सबसे ज्यादा मुनाफा दर्ज हुआ। बैंक की शुद्ध ब्याज आय 13. 1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1,604. 5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जिसकी मुख्य वजह उधारी की मजबूत रफ्तार रही। लेकिन अन्य आय सालाना आधार पर 30. 2 फीसदी घटकर 453 करोड़ रुपये रह गई, जिस पर कम ट्रेजरी लाभ और निवेश के दोबारा मूल्यांकन पर नुकसान से झटका लगा। शुद्ध ब्याज मार्जिन 3. 22 फीसदी रहा, जो सालाना आधार पर 7 आधारअंक और क्रमिक आधार पर 6 आधार अंक ज्यादा है। बैंक का प्रावधान सालाना आधार पर 74 फीसदी घटकर 166. 68 करोड़ रुपये रह गया, लेकिन क्रमिक आधार पर यह दोगुने से ज्यादा रहा। एलऐंडटी टेक्नोलॉजी सर्विसेज का शुद्ध लाभ 30 जून 2022 को समाप्त पहली तिमाही में 27 फीसदी बढ़कर 274 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही आधार पर कंपनी के लाभ में 4. 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तिमाही के दौरान इंजीनियरिंग सेवा कारोबार से प्राप्त राजस्व एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 23 फीसदी बढ़कर 1,873 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि राजस्व में तिमाही आधार पर 6. 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 13. 5 फीसदी से 15. 5 फीसदी राजस्व वृद्धि अनुमान जाहिर किया है। डॉलर में प्राप्त राजस्व 3. 2 फीसदी बढ़कर 23. 95 करोड़ डॉलर हो गया और इसमें स्थिर मुद्रा आधार पर 4. 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। तिमाही के दौरान कंपनी ने एक 5 करोड़ डॉलर से अधिक का सौदा हासिल किया। इसके अलावा 1. 5 करोड़ डॉलर के चार सौदे और 1 करोड़ डॉलर के दो सौदे हासिल हुए। तिमाही के दौरान कंपनी का एबिटा मार्जिन 21. 4 फीसदी रहा। कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोड़ने की दर अधिक होने के बावजूद मार्जिन के मोर्चे पर कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा। निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 63. 5 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 600. 66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। शुद्ध लाभ को कम प्रावधान और शुद्ध ब्याज आय में बढ़ोतरी से सहारा मिला। पिछले साल की समान अवधि में बैंक का शुद्ध लाभ 367. 29 करोड़ रुपये रहा था। यह बैंक का अब तक का सबसे बड़ा तिमाही लाभ है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। आयुर्वेद के देवता "'भगवान धन्वन्तरि"' आयुर्वेद (आयुः + वेद . A Latin copy of the Canon of Medicine, dated 1484, located at the P.I. Nixon Medical Historical Library of The University of Texas Health Science Center at San Antonio. द कैनन ऑफ मैडिसिन (अरबीः القانون في الطب Al-Qanun fi al-Tibb "औषधि विधान"; फारसीः قانون Qanun "Law"; लैटिनः Canon Medicinae "Canon of Medicine"; Chinese: Hui Hui Yao Fang "Prescriptions of the Hui Nationality") एक 14-खण्डीय अरबी चिकित्सा विश्वकोष है, जो फारसी मुस्लिम वैज्ञानिकों एवं चिकित्सक इब्न सिना द्वारा बनाया गया था। इसे सन 1025 में पूर्ण किया गया था। यह अरबी भाषा में लिखा है। यह उनके निजि अनुभव, मध्य कालीन इस्लामी औषधियों, यूनानी औषधज्ञों के लेख्क गैलेन के लेखों पर आधारिय था। इसके साथ ही यह भारतीय चिकित्सकों सुश्रुत एवं चरक व प्राचीन अरबी व फारसी औषधि ज्ञान पर भी आधारित था। कैनन को औषधि इतिहास में अतिमहत्वपूर्ण पुस्तक माना जाता है। . आयुर्वेद और कैनन ऑफ मैडिसिन आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): चरक, सुश्रुत। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार में महर्षि चरक की प्रतिमा चरक एक महर्षि एवं आयुर्वेद विशारद के रूप में विख्यात हैं। वे कुषाण राज्य के राजवैद्य थे। इनके द्वारा रचित चरक संहिता एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रन्थ है। इसमें रोगनाशक एवं रोगनिरोधक दवाओं का उल्लेख है तथा सोना, चाँदी, लोहा, पारा आदि धातुओं के भस्म एवं उनके उपयोग का वर्णन मिलता है। आचार्य चरक ने आचार्य अग्निवेश के अग्निवेशतन्त्र में कुछ स्थान तथा अध्याय जोड्कर उसे नया रूप दिया जिसे आज चरक संहिता के नाम से जाना जाता है । 300-200 ई. पूर्व लगभगआयुर्वेद के आचार्य महर्षि चरक की गणना भारतीय औषधि विज्ञान के मूल प्रवर्तकों में होती है।चरक की शिक्षा तक्षशिला में हुई ।इनका रचा हुआ ग्रंथ 'चरक संहिता' आज भी वैद्यक का अद्वितीय ग्रंथ माना जाता है। इन्हें ईसा की प्रथम शताब्दी का बताते हैं। कुछ विद्वानों का मत है कि चरक कनिष्क के राजवैद्य थे परंतु कुछ लोग इन्हें बौद्ध काल से भी पहले का मानते हैं।आठवीं शताब्दी में इस ग्रंथ का अरबी भाषा में अनुवाद हुआ और यह शास्त्र पश्चिमी देशों तक पहुंचा।चरक संहिता में व्याधियों के उपचार तो बताए ही गए हैं, प्रसंगवश स्थान-स्थान पर दर्शन और अर्थशास्त्र के विषयों की भी उल्लेख है।उन्होंने आयुर्वेद के प्रमुख ग्रन्थों और उसके ज्ञान को इकट्ठा करके उसका संकलन किया । चरक ने भ्रमण करके चिकित्सकों के साथ बैठकें की, विचार एकत्र किए और सिद्धांतों को प्रतिपादित किया और उसे पढ़ाई लिखाई के योग्य बनाया । . सुश्रुत प्राचीन भारत के महान चिकित्साशास्त्री एवं शल्यचिकित्सक थे। उनको शल्य चिकित्सा का जनक कहा जाता है। . आयुर्वेद 69 संबंध है और कैनन ऑफ मैडिसिन 11 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 2.50% है = 2 / (69 + 11)। यह लेख आयुर्वेद और कैनन ऑफ मैडिसिन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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भाजपा नेता और त्रिपुरा के सूरमा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहे आशीष दास ने आखिरकार पार्टी छोड़ दी। उन्होंने मंगलवार को राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए और पश्चाताप में अपना सिर मुंड़वा लिया। इतना ही नहीं उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर के नजदीक स्थित कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर में जाकर यज्ञ भी किया। विधायक ने त्रिपुरा की सत्ताधारी भाजपा पर राज्य में 'राजनीतिक अराजकता' को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि राज्यवासी राज्य सरकार के कामकाज और प्रदर्शन से नाखुश हैं, इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया है। बता दें कि आशीष दास पिछले दो साल से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव के घोर आलोचक रहे हैं। उन्होंने पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की थी और कहा था कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे ज्यादा योग्य हैं। आशीष दास ने मंगलवार को ममता बनर्जी को बंगाल की 'मां, माटी, मानुष की असली नेता' बताया और कहा कि यदि भविष्य में वह प्रधानमंत्री बनती हैं तो यह प्रत्येक बंगाली के लिए गर्व की बात होगी। "निजी कारणों" से कोलकाता आए दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने समावेशी विकास के मॉडल से 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीयों के दिल जीते थे मगर वह अपने वादों से लड़खड़ा गए। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने और ईंधन के बढ़ते दामों के लिए मोदी की आलोचना भी की।
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Home Decoration Items: घर की सजावट में अगर थोड़ी सी भी कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं, तो आपको यहां मौजूद टॉप 10 आइटम्स को जरूर देखना चाहिए। Home Decoration Items: अक्सर जब हम किसी के घर जाते है, तो उनका घर देखकर सोचते है की काश हमारा घर भी ऐसा ही सुन्दर दिखें। लेकिन उनके घर में लगे सामान का दाम ज्यादा होगा यह सोचकर रह जाते है। फिर जब कोई मेहमान हमारे घर आता हैं, तो Home Decor उन्हें पुरानी, खराब न लगे ये सोचकर परेशान हो जाते है। ऐसे में अब आपको स्ट्रेस लेने की कोई जरूरत नहीं, आप यहां मौजूद टॉप 10 आइटम को घर में सजाकर सबसे सुन्दर घर पा सकती हैं। अब आप अपने घर को सजाने के लिए किसी फेस्टिवल या इवेंट का इंतजार न करें। बल्कि अपने घर को अभी डिफरेंट लुक दे, ताकि आपको अचानक आए मेहमानों के सामने शर्मिंदा न होना पड़े। ये सभी प्रीमियम क्वालिटी के Home Decoration Items है, जो बहुत ही किफायती कीमत में दिए जा रहे हैं। यह मॉडर्न डिजाइन के डेकॉर आइटम है, जो आपके पूरे घर का लुक बदल सकते हैं। इन wall decoration items का मटेरियल बहुत ही अच्छा है। मैडम जी अब केवल खुद को सजाने से ससुराल वाले खुश नहीं होंगे, यहां मौजूद आइटम्स से घर को सजाकर आप बन सकती हैं, अपनी सास को खास। अब इंतज़ार किस बात का कर रही है, इन room decoration items को अभी घर लाएं। मेहमान घर के अंदर आने से पहले बाहर से अंदाजा लगाना शुरू कर देते हैं की घर अंदर से कैसा होगा। ऐसे में आप अपने गार्डन की शोभा को और भी ज्यादा बढ़ाने के लिए यहां मौजूद फाउंटेन लगा सकती हैं। यह देखने में भी काफी अट्रैक्टिव है। अगर आपके घर में प्लांट लगाने के लिए जगह नहीं है, तो आप यहां मौजूद लकड़ी का प्लांट स्टैंड लेकर भी घर के बहार या बालकनी में आसानी से सजा सकती हैं। यह प्लांट स्टैंड इंजीनियर्ड वुड से बना हुआ है, जिसकी वजह से यह काफी मजूबत है। आप इस decorative items में जितना भारी पौधा लगा लें, लेकिन यह स्टैंड टूटेगा नहीं। आपको बता दें, यह इनडोर या फिर आउटडोर बालकनी दोनों के लिए अच्छा ऑप्शन है। इस शानदार प्लांट स्टैंड को आप आज ही खरीद सकते हैं अमेजन पर। Plant Stand Price: Rs 1175. आप अपने बगीचे को सजाने के लिए यह लैंटर्न लैम्प भी घर में लगा सकती है, यह लकड़ी का शेल्फ़ है, जो 2 के सेट में मिल रहा है। इस लैंप के सेट का डिजाइन ओल्ड लुक को मॉडर्न तरीके से प्रेजेंट कर रहा है। आपके घर के हर उम्र के व्यक्ति को यह Home Decoration Items काफी पसंद आने वाले है। इस मिनिएचर फ्रेंच स्टाइल टी लाइट लैंटर्न में आकर्षक तरीके से कैंडल लाइट को अंदर फ्रेम करने के लिए ग्लास विंडो का डिज़ाइन दिया गया है। Tied Ribbons Lantern Lamp Price: Rs 899. क्या आपको पता है की घर के बाहर या बालकनी से विंड चाइम लगाकर आप सुन्दर से आवाज को सुन अपना पूरा दिन स्पेशल बना सकती है। ये कांसे की बेल विंड चाइम घर के लिए, पॉजिटिव एनर्जी प्रदान करने वाली होती है। इस डिजाइन बहुत ही प्यार है, जिसमें एक छोटा घर और कुछ बेल लगी हुई है। इस decorative items का कर्ल गोल्डन यानी सुनहरा है और इसमें 8 बेल है। Paradigm Wind Chimes Price: Rs 549. घर के बाहर की डेकोरेशन के बाद घर के अंदर की डेकोरेशन की बारी आती है। जब भी कोई घर के अंदर आता है, तो उसकी नजर मंदिर की और जाती है। ऐसे में आप अपने घर के मंदिर के wall decoration items आईटम के तौर पर यह ले सकती हैं। सजावट के लिए यह लोटस हैंगिंग/टेम्पल डेकोर फ्लोरल वॉल हैंगिंग है, जो घर की सजावट के लिए शोपीस का काम करता है। इसमें आपको 12 का पैक मिल रहा है, वो भी मल्टीकलर का। JH Gallery Lotus Hanging Price: Rs 759. यह बहुत हिन् सुन्दर और अनोखा वॉल आपके घर, होटल, ऑफिस, शादी और पार्टी में फ्लेयर जोड़ने के लिए एकदम सही है। इसमें शिल्प कौशल और सुरुचिपूर्ण मोती का काम आपके घर की सजावट को रोशन करने के लिए निश्चित रूप से करेगा। यह आपको खूबसूरत गोल्डन और रेड कलर के फॉर्म में मिल रहा है, जिसमें हिन्दू गॉड श्री कृष्ण बासुरी बजाते हुए देख रहे है। यह लोहे से तैयार की गई wall decoration items आपकी वॉल पर चार चाँद लगाने वाली है। Pranjals house Metal Krishna Price: Rs 1,599. आप अपने मंदिर को सजाने के लिए यह सुंदर वॉल डेकोर्स लाइट भी लगा सकती है। यह LED नियॉन ॐ लाइट साइन आपके घर की सजावट के लिए बेस्ट साबित हो सकती है। ये आपको 18 x 18 इंच के साइज में मिल रही है। यह सुंदर शांति सिलिकॉन एलईडी नियॉन लाइट आसानी से किसी भी जगह पर लगाई जा सकती है। इस तरह की Home Decoration Items वाली लाइट दिखने में खूबसूरत, ज्यादा दिन चलने वाली, और सिलिकॉन एलईडी नियॉन से बनी हुई होती है। Innovision Neon Lights Price: Rs 3,289. बेडरूम का मतलब बेड यानि आपको अपने बैडरूम में एक सभी मैट्रेस लगानी चाहिए, ताकि आपका बेड नया और आकर्षक। ऐसे में आप इस room decoration items में शामिल छह इंच की थिक नेस वाला गंदा खरीद सकती है। इस पर आपको सोने में बेहद आराम और रिलैक्स महसूस होगा। अगर आपको बैक पेन या फिर कमर दर्द की समस्या होती है, तो आप इस गद्दे को जरूरी ट्राई करें। इससे आपको आराम मिलेगा क्योंकि यह ट्रिपल जोन टेक है। ये मैट्रेस जिप कवर के साथ आ रहा है। Sleepwell Mattress Price: Rs 26,764. घर के डेकोरेशन में यह 100% हैवी पॉलिस्टर मटेरियल से बना हुआ रूम डार्केनिंग कर्टन आपके लिए बेस्ट साबित हो सकता है। यह थर्मल इंसुलेटेड पर्दा कमरे की गर्माहट को मेंटेन रखने में मदद करता है और र्रोम को ठंडा करता है। यह ग्रे कलर के कर्टेन Home Decoration Items में बेस्ट प्रोडक्ट में से एक है, जिसमें कई शानदार कलर ऑप्शन भी मिल रहे हैं। इनको मशीन में भी वॉश किया जा सकता है। Cloth Fusion Curtain Price: Rs 1,799. कोई भी रूम बिना वॉल क्लॉक के अधूरा सा लगता है, ऐसे में आप अपनी पुरानी क्लॉक को हटाकर यहां मौजूद काफी सुन्दर डिजाइन वाली room decoration items में शामिल क्लॉक को लगा सकती है। ये देखने में काफी ज्यादा खूबसूरत वॉल क्लॉक है। यह समय बताने के साथ दीवार की खूबसूरती को बढ़ाने में मददगार मानी जाती है। इसमें प्लास्टिक से बना हुआ डार्क ब्राउन फ्रेम मिल रहा है। यह शानदार दीवार घड़ी किसी को गिफ्ट देने के लिए भी एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकती है। Harbour Wall Clock Price: Rs 795. (Disclaimer: यहां कीमतें अमेज़न के संबंध में परिवर्तन के अधीन हैं। ) आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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भारतीय यूजर्स को अभी तक 5G नेटवर्क भी नहीं मिल पाया है लेकिन भारत सरकार (Indian government) ने 6G के ट्रायल (6G Trial) की मंजूरी दे दी है। दूरसंचार विभाग ने ट्रायल के लिए सरकारी टेलीकॉम रिसर्च कंपनी सी-डॉट को इसकी जिम्मेदारी दी है। जानकारी के अनुसार, विभाग ने सी-डॉट से 6जी नेटवर्क (6G Network) से संबंधित सभी तकनीकी संभावनाओं पर विचार करने के लिए कहा है। भारत सरकार ने मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा को और भी बेहतर बनाने के लिए 6जी नेटवर्क (6G network) के ट्रायल शुरू कर दिए हैं। दूरसंचार विभाग ने इसकी ज़िम्मेदारी सरकारी टेलीकॉम कंपनी सी-डॉट ने दी है। जानकारी के मुताबिक, विभाग ने सी-डॉट से 6जी नेटवर्क (6G network) से संबन्धित सभी तकनीकी संभावनाओं पर विचार करने के लिए कहा गया है। Samsung, LG और Huawei जैसी दुनियाभर की स्मार्टफोन निर्माता कंपनियां पहली ही 6G तकनीक पर काम शुरू कर रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 6G तकनीक में इंटरनेट स्पीड 5G के मुक़ाबले 50 गुना तक तेज़ हो सकती है। अनुमान लगाया जा रहा है कि 6G तकनीक को बाज़ार में 2028 से 30 के बीच लाया जा सकता है। भारत में फिलहाल 5जी नेवोर्क पर ट्राइल चल रहा है और इसे लॉन्च किया जाना बाकी है। अभी तक भारतीय यूजर्स 4G नेटवर्क का ही उपयोग कर पा रहे हैं और 5G के ट्रायल चल रहे हैं। अभी इसे बाज़ार में आने में कुछ समय लगना है। ऐसे में सवाल यह है कि जब 5G आ नहीं पाया है तो 6G के ट्रायल शुरू करना क्या मतलब है। दरअसल, सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि 6G के मामलों में भारत अन्य देशों की कंपनियों से पिछड़ न जाए। 5G नेटवर्क की राह देख रहे और 5G नेटवर्क पर स्मार्टफोन स्पीड का आनंद लेने के लिए एक नया 5G स्मार्टफोन खरीदने वाले लोगों को एक बाद झटका लगा है। क्या आपका 5G फोन भी हो गया है बेकार? असल में ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देश में 5G नेटवर्क टेस्टिंग को लेकर एक बाद मामला सामने आया है। असल में टेलीकॉम कंपनियों ने 5G टेस्टिंग को आगे बढ़ाने के लिए टेलीकॉम डिपार्ट्मन्ट से एक साल का और समय मांगा है, ऐसे में अगर आपने भी एक 5G स्मार्टफोन इसी कारण खरीद है कि आप जल्द ही इंडिया में 5G नेटवर्क को देख पाएंगे तो यह आपके लिए एक बड़े झटका लगने वाली बात है, असल में आप यह समझ सकते है कि अब एक साल के लिए आपका 5G स्मार्टफोन बेकार हो गया है। अब क्या आपने भी अभी हाल ही में इसी कारण एक 5G फोन खरीदा है कि आप 5G स्पीड का आनंद ले सकते हैं? आइए जानते हैं कि आखिर आपके 5G स्मार्टफोन के बेकार होने का क्या कारण है। जानकारी के लिए बात देते है कि देश में 5G के आने में अभी समय लग सकता है, अब अगर आप 5G के राह बेसब्री से देख रहे थे, तो आपके लिए यह खबर आपको चौंकाने वाली हो सकती है। यहाँ आपको बात देते है कि देश की बड़ी टेलिकॉम कंपनियों यानि Reliance Jio, Bharti Airtel, Vodafone Idea ने 5G ट्रायल को एक साल के लिए बढ़ाने के लिए टेलिकॉम डिपार्ट्मन्ट से कहा है। इसका मतलब है कि अभी देश में 5G को आने में लगभग एक साल का समय और लग सकता है। आपको बात देते है कि इस साल ही मई महीने में देश में 700Mz बैंड, 3.3-3.6GHz बैंड और 24.25-28.5GHz बैंड लगभग 6 महीनों के लिए परीक्षण के तौर पर दिए गए थे। अब सामने आ रहा है कि वर्तमान समयकाल नवंबर महीने में खत्म हो रहा है, उसके पहले ही टेलिकॉम कंपनियों ने साथ मिलकर टेलिकॉम डिपार्ट्मन्ट से कहा है कि उन्हें 5G परीक्षण के लिए और समय चाहिए। यह भी पढ़ेंः जियो धमाका प्लान्सः डेली डेटा लिमिट नहीं... रोजाना जितना डेटा चाहिए उतना इस्तेमाल करें..! 5G आखिर क्या है? (What is a 5G Network) 5G को एक इंडस्ट्री स्टैण्डर्ड के तौर पर देखा जा सकता है जो वर्तमान में चल रहे 4G LTE स्टैण्डर्ड से कुछ आगे बढ़कर सामने आने वाला है। जैसे कि 3G के स्थान पर 4G ने अपनी जगह बनाई थी वैसे ही ऐसा माना जा रहा है यह fifth generation के स्थान पर 5G नाम से आने वाला है। इसका मतलब है कि यह इस स्टैण्डर्ड का पांचवां standard है। 5G के बारे में ज्यादा जानें यहाँ! इसे अभी वर्तमान में चल रहे 4G LTE तकनीकी से भी तेज़ गति से चलने के लिए निर्मित किया गया है। हालाँकि इसे मात्र स्मार्टफोन में इन्टरनेट की स्पीड (Internet Speed) को बढ़ाने को लेकर ही नहीं देखा जा रहा है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इसके साथ फास्टर वायरलेस इन्टरनेट (Faster Wireless Internet) को सभी जगह सभी के लिए पहुँचाया जा सकता है। इसके माध्यम से कार्स को कनेक्ट किया जा सकता है। यह आप आसानी से स्मार्टफोंस (Smartphones) के साथ कर सकते हैं। ऐसा भी कहा जा सकता है कि भविष्य में आपके स्मार्टफोन (Smartphones) के साथ अन्य सेलुलर कनेक्टिविटी (Cellular Connectivity) वाले डिवाइस जो आपके पास हैं। वह सब 4G LTE तकनीकी (4G LTE Technology) के स्थान पर 5G का इस्तेमाल उसी तरह से करने वाले हैं, जैसा कि आज हम 4G का कर रहे हैं।
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रांचीः केन्द्र एवं राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिये चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को समय पर पूरा करायें, ताकि किसानों को उन योजनाओं का लाभ मिल सके। इन योजनाओं को धरातल पर उतराने के लिये विभिन्न आयामों का प्रयोग करते हुये योजनाओ को पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। यह निर्देश कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने वीडियो कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से पलामू, लातेहार एवं गढ़वा उपायुक्त एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों को दी। वह शुक्रवार को नेपाल हाउस में आयोजित प्रमण्डीय स्तरीय समीक्षा बैठक में पलामू प्रमण्डल में कृषि विभाग की ओर से किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना ही प्राथमिकता होनी चाहिए। मंत्री ने अधिकारियों निर्देश दिया कि कृषि ऋण माफी योजना में लाभुकों के चयन में तेजी लायें ताकि अधिक से अधिक किसानों का ऋण माफ किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि इस कार्य को अभियान चलाकर पूरा करें। कृषि ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुँचे, इसके लिये प्रयास करें। प्रत्येक प्रखण्ड में योजनाओं की जानकारी दें। इसके लिये प्रखण्ड के प्रमुख स्थानों को चिहिन्त करें एवं वहां पर फ्लैक्स लगाकर सरकार द्वारा किसानों के लिये चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओ की जानकारी दें। जिला,प्रमण्डल एवं प्रखण्ड स्तर पर कृषि विभागों के भवनों के दीवारों पर दीवार लेखन कर योजनाओं की जानकारी दे सकतें हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि कोविड गाईडलाईन का पालन करते हुये स्थानीय कलाकारों का सहयोग लेकर नुक्कड़-नाटक के माध्यम से भी लोगों को योजनाओं की जानकारी दे सकते हैं। इस तरह से प्रचार-प्रसार होने से अधिक से अधिक किसान योजनाओं के प्रति जागरुक होकर उन योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि बीज वितरण का कार्य ससमय सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिन प्रमण्डल में जिस बीज की मांग अधिक है। उसे ध्यान में ही रखकर बीज वितरण कार्य किया जाये। बैठक में बतलाया गया कि लातेहार में सात दाल मिल, पलामू में आठ और गढ़वा मे सात दाल मिल लगाया जायेगा। कृषि मंत्री ने पलामू उपायुक्त को निर्देश दिया कि पलामू का दाल कॉफी प्रसिद्ध है। इसे विदेशों तक पंहुचायें और इस कार्य में विभाग पूरी मदद करेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना को धरातल पर उतारने के जिसे उसके विभिन्न आयामों को पूराकर इस योजना को शत-प्रतिशत पूरा करायें। मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी किसानों का केसीसी कार्ड बनना हैं। उन्होंने पलामू प्रमण्डल के सभी उपायुक्तों को निदेश दिया कि पलामू प्रमण्डल में सभी किसानों का केसीसी कार्ड बनना है इसे सुनिश्चित करें। इस कार्य के लिये बैंक के साथ बात करें साथ ही उन्हें जल्द से जल्द इस कार्य मे तेजी लाने का निदेश दें। मौके पर कृषि सचिव अबु बकर सिद्दकी ने पलामू प्रमण्डल के उपायुक्तों एवं कृषि विभाग के पदाधिकारियों को भी कई दिशा निर्देश दिया।
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दी गई तैयारी को टैब्लेट में जारी किया गया हैप्रपत्र। सक्रिय संघटक स्पिरोनोलैक्टोन है एक गोली में 25 या 100 मिलीग्राम का पदार्थ होता है। इसमें सहायक घटक भी शामिल हैंः आलू का स्टार्च, मोनोहाइड्रेट, लैक्टोज, पोवीडोन, कैल्शियम स्टीयरेट। गोल की गोलियाँ 20 टुकड़ों के एक कार्डबोर्ड पैक में पैक कर रहे हैं। दवा "स्पिरोनोलैक्टोन" एक प्रतिपक्षी हैएल्डोस्टेरोन। यह अधिवृक्क प्रांतस्था का एक हार्मोन है एल्डोस्टेरोन, बाहर का नेफ्रोन की कोशिकाओं के प्रोटीन रिसेप्टर्स के साथ मिलकर, शरीर से सोडियम और पानी के उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है, लेकिन पोटेशियम की क्षीणता बढ़ जाती है। "स्पिरोनोलैक्टोन" इस हार्मोन के साथ प्रतिस्पर्धा करता है और सीधे विपरीत कार्य करता है। पोटेशियम आयनों को बनाए रखने के दौरान दवा शरीर से पानी और सोडियम के उत्सर्जन को बढ़ावा देती है। इलेक्ट्रोलाइट संतुलन परेशान नहीं है। वर्तमान समय में फार्माकोडायनेमिक्स का अच्छी तरह से अध्ययन किया गया हैदवा। जठरांत्र संबंधी मार्ग में प्रवेश करते समय, यह जल्दी से अवशोषित हो जाता है, प्लाज्मा प्रोटीन के लिए बाध्य है। गोलियों की जैवउपलब्धता लगभग 99% है भोजन के साथ एक बार का प्रशासन दवा के सक्रिय सक्रिय पदार्थ के अवशोषण को गति देता है। निर्देशों के अनुसार, चिकित्सीय प्रभाव, आता है5 दिनों में दवा की कार्रवाई को सक्रिय करने के लिए शरीर में इसकी एक निश्चित एकाग्रता के क्रमिक संचय की आवश्यकता होती है। अन्यथा, चिकित्सा पद्धति में इसे एक संचयी प्रभाव कहा जाता है। सक्रिय पदार्थ जल्दी से स्तन के दूध में प्रवेश करते हैं, और विटाव और मूत्र के साथ शरीर से उत्सर्जित होता है क्या रोगों पर डॉक्टर "Spironolactone" लिखते हैं? "स्पिरोनोलैक्टोन" के निर्देशों में यह सूचित किया जाता है कि दवा निम्नलिखित बीमारियों और रोगों के इलाज के लिए हैः - एडेमा सिंड्रोम, दिल की विफलता की पृष्ठभूमि पर उत्पन्न होने वाली। - Hyperaldosteronism। - जिगर के सिरोसिस के कारण माध्यमिक हाइपरलडोस्टरोनिज़्म होता है। एक डॉक्टर के साथ परामर्श के बाद एक बीमारी का उपचार शुरू किया जाना चाहिए। दवा के निर्देशों में कहा जाता है कि उसकाएडीसन की बीमारी, हाइपरलकसेमिया, मधुमेह मेलेटस वाले लोगों के लिए चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए उपयोग नहीं किया जाता है। विशेष देखभाल के साथ, मासिक धर्म अनियमितताओं, बढ़े हुए स्तन ग्रंथियों के साथ महिलाओं में दवा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह दवा मौखिक के लिए हैआवेदन। रोग का पानी-इलेक्ट्रोलाइट संतुलन और हार्मोनल पृष्ठभूमि की गड़बड़ी की गंभीरता के आधार पर, इसकी खुराक चिकित्सक द्वारा व्यक्तिगत रूप से निर्धारित की जाती है। न्यूरोटिक के कारण एडिमा के साथसिंड्रोम, चिकित्सा प्रति दिन दवा के 100-200 मिलीग्राम के साथ शुरू हो गया है। खुराक को दो या तीन मात्रा में विभाजित किया जाना चाहिए। उपचार के दौरान लगभग तीन सप्ताह का उपचार किया जाता है। Hyperaldosteronism और खून में एक कम पोटेशियम सामग्री के मामले में, दवा "Spironolactone-Darnitsa" प्रति दिन 300 मिलीग्राम की खुराक पर निर्धारित किया जाता है। कार्डियाक से जुड़े एडेमेटिक सिंड्रोम के साथपुरानी प्रकृति की कमी, इलाज के दौरान 5 दिनों का है। गोलियां 100-200 मिलीग्राम की खुराक में दी जाती हैं इसके अलावा, रोगियों को आमतौर पर थियाज़ाइड और पाश डाइरेक्टिक्स निर्धारित किया जाता है। वसूली की सकारात्मक गतिशीलता के साथ, खुराक को धीरे-धीरे 25 मिलीग्राम प्रति दिन कम कर दिया जाता है। किन दुष्प्रभाव करता है"Spironolactone"? इस दवा का एनालॉग गरीब सहिष्णुता की विशेषता है। "स्पिरोनोलैक्टोन", उनके विपरीत, तेजी से आत्मसात और एक अच्छा चिकित्सीय प्रभाव द्वारा विशेषता है कभी-कभी, दुष्प्रभाव का निदान किया जाता है, जो नीचे अधिक विवरण में वर्णित हैं। - सीएनएसः उनींदापन, सिरदर्द, मंदता में वृद्धि। - गैस्ट्रोइटीस्टिनल ट्रैक्टः पेट, अल्सर, आंतों के पेट में दर्द, दस्त में दर्द। - एंडोक्राइन सिस्टमः स्तंभन दोष, स्तन कार्सिनोमा, आवाज़ की जड़ें। यदि आप ऊपर बताए गए लक्षणों का अनुभव करते हैंयह एक डॉक्टर को देखने के लिए आवश्यक है एक नियम के रूप में, विशेषज्ञ "स्पिरोनोलैक्टोन" को बदलने का फैसला करता है इस दवा के एनालॉग का भी दुष्प्रभाव होता है, लेकिन वे कम व्यक्त करते हैं। "स्पिरोनोलैक्टोन" के उपचार के दौरानः - यह दवाओं के साथ-साथ उपयोग से बचा जाना चाहिए, जिसमें पोटेशियम मौजूद है। यदि गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ दवाओं को अतिरिक्त उपचार के लिए निर्धारित किया जाता है, तो रक्त में गुर्दे और इलेक्ट्रोलाइट सूचकांक के कामकाज की निगरानी करना आवश्यक है। चिकित्सा के प्रारंभिक चरण में, यह अनुशंसित हैएक गाड़ी चलाने से बचने और गंभीर तंत्र के साथ काम करने के लिए जो मनोचिकित्सक प्रतिक्रियाओं की उच्च गति और बढ़ते ध्यान की आवश्यकता होती है। इस प्रतिबंध की अवधि व्यक्तिगत रूप से सेट की जाती है, जो दवा "स्पायरोनोलेक्टोन" की सहनशीलता पर आधारित होती है। दवा की लागत से भिन्न होता हैइसके खुराक गोलियों के एक पैकिंग के लिए यह 30 से 50 रूबल से देना आवश्यक है। अंतिम लागत भी मार्कअप पर निर्भर करता है, जिसे कई फार्मेसी श्रृंखलाओं द्वारा निर्धारित किया जाता है। निर्देशों के अनुसार, बच्चों के हाथों से दुर्गम जगह में, 20 डिग्री से अधिक नहीं तापमान में दवा को स्टोर करने की सिफारिश की गई है। शेल्फ़ जीवन 3 साल है। मशहूर जेनरिक मेंनिम्न दवाइयांः "डेक्रिज़", "इंस्परा", "एस्पिरो", "एप्लटोर"। कार्रवाई के तंत्र द्वारा वे सभी "स्पिरोनोलैक्टोन" के समान हैं उपयोग और जैविक पाचनशक्ति के लिए संकेत भिन्न नहीं होते हैं। रक्तचाप को सामान्य करने के लिए, शरीर से अतिरिक्त द्रव को निकालने के लिए ये मूत्रवर्धक बहुत प्रभावी होते हैं। हालांकि, जेनेरिक वास्तव में पोटेशियम और मैग्नीशियम लवण से धोने के खिलाफ नहीं होते हैं, इसलिए कई डॉक्टर मूल दवा का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं।
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टी20 क्रिकेट में अन्य प्रारूपों की तुलना में बल्लेबाजों के द्वारा उतनी बड़ी पारियां नहीं देखने को मिलती जितनी अन्य प्रारूपों में मिलती हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण टी20 में बल्लेबाजों को मिलने वाली मात्र 120 गेंदे हैं। कम गेंदों में बल्लेबाज ज्यादा बड़ी पारी नहीं खेल पाते क्योंकि उनके दिमाग में तेजी से रन बनाने की योजना चल रही होती है और जब आप तेजी से रन बनाते हैं तो आपका विकेट गिरने की भी सम्भावना ज्यादा होती है। टी20 में बल्लेबाजों के द्वारा शतकीय पारियां कम और अर्धशतकीय पारियां ज्यादा देखने को मिलती हैं। कई भारतीय बल्लेबाज जिनके नाम अन्य प्रारूपों में शतक हैं , इस प्रारूप में शतक नहीं बना पाए हैं। भारत (Indian Cricket Team) और ऑस्ट्रेलिया (Australia Cricket Team) के बीच टी20 मैचों में भी कोई भी भारतीय बल्लेबाज अभी तक शतक नहीं बना पाया है। हालाँकि बल्लेबाजों ने अर्धशतक जरूर बनाये हैं। इस आर्टिकल में हम उन 3 भारतीय बल्लेबाजों की बात करने जा रहे हैं जिनके नाम टी20 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे ज्यादा अर्धशतक हैं : #3 रोहित शर्मा (3) भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा इस प्रारूप में भारत के सबसे शानदार बल्लेबाजों में से एक हैं। रोहित शर्मा अगर अपनी लय में हो तो किसी भी गेंदबाजी आक्रमण के सामने तेजी से रन बनाने की काबिलियत रखते हैं और इस बात को उन्होंने कई बार साबित किया है। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 के 19 मुकाबले खेले हैं। इन मुकाबलों में रोहित के बल्ले से 133 से भी ज्यादा की स्ट्राइक रेट 318 रन निकले हैं। रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 3 अर्धशतक लगाए हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 में रोहित के आंकड़े शानदार हैं और यह बल्लेबाज इस टीम के खिलाफ इस प्रारूप में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाने के मामले में तीसरे नंबर पर है। #2 युवराज सिंह (3) पूर्व भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह का नाम भारत के सबसे सफल सीमित ओवरों के खिलाड़ियों में शामिल होता है। युवराज ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से भारत को कई मैच जितवाए हैं। युवराज ने साल 2007 में खेले गए पहले टी20 विश्व कप में भी भारत को ट्रॉफी जितवाने में शानदार तरीके से अपनी भूमिका निभाई थी। युवराज ने अपने करियर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 10 टी20 मैच खेले हैं और इस दौरान उन्होंने 3 अर्धशतक जड़े हैं। युवी के नाम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 283 रन हैं। #1 विराट कोहली (6) भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पिछले कुछ सालों में इस प्रारूप में अपने प्रदर्शन में जबरदस्त निरंतरता दिखाई है। विराट भारत के लिए टी20 में कई अहम पारियां खेल चुके हैं। विराट ने इस प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाफ भी शानदार बल्लेबाजी की है और वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा अर्धशतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। विराट ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 16 मैचों में 6 अर्धशतक लगाए हैं।
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LUCKNOW: राजधानी में अप्रैल में कोरोना वायरस ने सबसे ज्यादा कर बरपाया है, जहां एक एक दिन में छह छह हजार से अधिक कोरोना संक्रमित केसेज देखने को मिल रहे थे, लेकिनए थोड़ी राहत की बात यह देखने को मिल रही है कि राजधानी में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट धीरे धीरे कम हो रहा है यानि कोरोना ग्राफ नीचे आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो अप्रैल में पॉजिटिविटी रेट 30 परसेंट तक पहुंच गया था, लेकिन अब यह मई में आते आते 15 परसेंट तक पहुंच गया है। हालांकि अभी आगे के 4 से 5 दिन और देखने वाले हैं। इसके बाद ही कहा जा सकेगा कि राजधानी में कोरोना का पीक अब ढलान की ओर शुरू हो चुका है। राजधानी में मार्च के आखिरी से शुरू हुआ कोरोना का कहर अप्रैल में सबसे ज्यादा देखने को मिला है। जहां बीते माह करीब 1,21,092 लोगों को कोरोना ने अपनी जद में लिया था, जहां 16 अप्रैल को सर्वाधिक 6,598 केसेस देखने को मिले थे। आलम यह था कि हफ्तों तक रोजाना पांच हजार से अधिक केसेस देखने को मिल रहे थे, जिसकी वजह से अस्पतालों तक में बेड फुल हो गए थे, जिसने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के भी हाथ पांव फूला कर रख दिए थे, लेकिन बीते 10 दिनों से कोरोना केसेस में धीरे धीरे कमी देखने को मिल रही है, जिससे विभाग के अधिकारियों को उम्मीद जगी है कि आगे भी अगर यहीं ट्रेंड चला तो जल्द ही कोरोना के मामले नीचे हो जाएंगे। एसीएमओ डॉ। मिलिंदवर्धन के मुताबिक अप्रैल के पीक में राजधानी में पॉजिटिविटी रेट 50 फीसद तक पहुंच गया था यानि हर 100 सैंपल में 50 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी, जो विभिन्न तरीकों से लिए गए सैंपल के माध्यम से देखने को मिली है, लेकिन बीते 10 दिनों मे राजधानी में पॉजिटिविटी रेट थोड़ा कम देखने को मिल रही है। यह रेट घटकर अब 20 से 21 परसेंट पॉजिटिविटी रेट पर पहुंच चुका है यानि पहले के मुकाबले अब 100 सैंपल में 20 से 21 ही पॉजिटिव आ रहे हैं। हालांकि पीक ढलान पर है या पॉजिटिविटी बहुत कम हुई है यह कहना अभी थोड़ा जल्दी होगा। ऐसे में अगले 4 से 5 दिन और देखने वाले हैं। अगर आगे भी केसेस नहीं बढ़ते हैं और ग्राफ ऐसे ही नीचे आता रहेगा तभी उम्मीद कर सकते हैं कि राजधानी में कोरोना अपने ढलान की ओर है। हालांकि यह सब अभी बहुत जल्दी मानना है, लेकिन हम लोगों को सर्तक रहने के साथ सावधान रहना होगा। डॉ। मिलिंद बताते हैं कि जो आंकड़े इस समय देखने को मिल रहे है, उनसे स्थिति कुछ बेहतर होती नजर आ रही है क्योंकि निजी लैब वाले भी बता रहे हैं कि पहले के मुकाबले उनके यहां जो सैंपल आते थे, उनमें पॉजिटिविटी रेट कम देखने को मिल रहा है। जहां पहले के मुकाबले करीब 20 से 25 परसेंट तक सैंपल में पॉजिटिविटी कमी आ रही है, जो एक अच्छा संकेत माना जा सकता है। हालांकि इन सब पर भी कड़ी नजर रखनी होगी क्योंकि अगर यहां भी कमी ऐसे ही आती रही तभी कुछ बेहतरी की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन हम सभी को आशावान रहने की जरूरत है। डॉ। मिलिंदवर्धन ने बताया कि जो पॉजिटिविटी रेट निकाला गया है वो चार तरह के हो रहे टेस्ट के आधार पर है, जिसमें आरटीपीसीआर, ट्रूनॉट, एंटीजन और सीबीनेट टेस्ट शामिल है, जो सरकारी और निजी दोनों सैंपल को मिलाकर निकाला गया है। इन सभी टेस्ट में भी पहले के मुकाबले पॉजिटिविटी में कमी देखने को मिल रही है, जो एक अच्छा संकेत माना जा सकता है। राजधानी में कोरोना पॉजिटिविटी रेट में आ रही कमी की कई वजह हैं, जिसमें पहले के मुकाबले अधिक लोगों द्वारा मास्क पहनना बड़ी वजह है। जहां पहले 10 परसेंट भी सही से मास्क नहीं लगा रहे थे। वहीं सख्ती के बाद अब लोगों ने मास्क लगाना शुरू किया है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा पहले के मुकाबले सख्ती भी ज्यादा की जा रही है, जिसका असर राजधानी में देखने को मिल रहा है। अगर इसी तरह की सख्ती और नियमों का पालन होता रहेगा तो आगे और बेहतर नतीजे देखने को मिलेंगे। राजधानी में पहले के मुकाबले पॉजिटिविटी रेट काफी कम हुआ है। पहले जहां 50 परसेंट तक पॉजिटिव आ रहे थे, अब वो घटकर 20 से 21 परसेंट तक पहुंच गया है। हालांकि अभी 4 से 5 दिन और देखने वाले हैं। इसके बाद ही कुछ बेहतरी देखने को मिल सकती है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। घोसी या गोसी, उत्तर भारत मे पाया जाने वाली एक मुस्लिम जाति है। घोसी का शाब्दिक अर्थ है -चिल्लाना, जैसा कि वह अपने जानवरो को चरने के समय चिल्लाते है। यह लोग दुधारू पशुओं को चराने व दुग्ध विक्रय का कार्य करते हैं। ब्रिटिश नागरिक सेवकों रोज़ व इबबेतसोन जैसे मानव वैज्ञानिकों के अनुसार, हिन्दू अहीरों से परिवर्तित होकर मुस्लिम बने लोगो को घोसी कहा जाता है। क्रूक के निजी मत के अनुसार भी, घोसी वह अहीर हैं जो बाद मे मुस्लिम बन गए थे तथा इन्हे सामान्य अहीरों से निम्न स्तर का माना जाता है। एडवर्ड अल्बर्ट के अनुसार घोसी व गद्दी मुस्लिम समुदाय के लोग मुस्लिम अहीर हैं जिंनका प्रमुख व्यवसाय पशु-पालन है। अल्प संख्या मे घोसी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत मे भी पाये जाते है। . हिन्दू घोषी (या घोसी, घोसी ठाकुर, घोसी यादव) हिन्दू अहीर जाति का एक समुदाय है, जो कि हिन्दू राजपूत समुदाय का पर्याप्त उपमान माना जाता है। हिन्दू गुर्जर जाति मे भी घोसी उपजाति पायी जाती है। दिल्ली व निकटतम इलाकों मे घोसी शब्द ऐतिहासिक रूप से हिन्दू व मुस्लिम समुदायों के दुग्ध-व्यवसायियों से संबन्धित है। परंतु, मध्य भारत मे लगभग सभी घोसी हिन्दू होते हैं जो स्वयं को घोसी ठाकुर कहते हैं व राजपूत होने का दावा करते हैं। घोसी शब्द हिन्दू व मुस्लिम दोनों धर्म के लोग प्रयोग करते है अतः इससे पारिभाषिक भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। इस संदर्भ मे इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 1918 मे दायर कानूनी प्रकरण "50 Ind Cas 424" मे यह निर्णय पारित किया गया कि "हिन्दू समुदाय में घोसी शब्द का प्रयोग एक वास्तविक कृषक जाति के लिए किया जाता है, जो कि हिन्दू अहीर जाति का ही अंग है। हिन्दू घोसी समुदाय की सामाजिक परम्पराएँ हिन्दू राजपूतो के समान होती हैं उत्तर प्रदेश के कुछ पश्चिमी जिलों मे घोसी अहीरों को शेष अहीर समुदाय से जनसंख्या व प्रतिष्ठा मे बेहतर समझा जाता है, जिससे वर्तमान राजनैतिक दल इनकी तरफ आकर्षित रहते है। राजनेता प्रायः विभिन्न अहीर उप-समुदायों (विशेष रूप से घोसी व कमरिया समुदायों) के मध्य दरार डालने के लिए योजनाए बनाते है व दरार की अपेक्षा रखते है। . घोसी जनजाति और हिन्दू घोषी आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): खड़ीबोली, गुर्जर, अहीर। खड़ी बोली वह बोली है जिसपर ब्रजभाषा या अवधी आदि की छाप न हो। ठेंठ हिंदी। आज की राष्ट्रभाषा हिंदी का पूर्व रूप। इसका इतिहास शताब्दियों से चला आ रहा है। यह परिनिष्ठित पश्चिमी हिंदी का एक रूप है। . सम्राट मिहिर भोज की मूर्तिःभारत उपवन, अक्षरधाम मन्दिर, नई दिल्ली गुर्जर समाज, प्राचीन एवं प्रतिष्ठित समाज में से एक है। यह समुदाय गुज्जर, गूजर, गोजर, गुर्जर, गूर्जर और वीर गुर्जर नाम से भी जाना जाता है। गुर्जर मुख्यतः उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफ़्ग़ानिस्तान में बसे हैं। इस जाति का नाम अफ़्ग़ानिस्तान के राष्ट्रगान में भी आता है। गुर्जरों के ऐतिहासिक प्रभाव के कारण उत्तर भारत और पाकिस्तान के बहुत से स्थान गुर्जर जाति के नाम पर रखे गए हैं, जैसे कि भारत का गुजरात राज्य, पाकिस्तानी पंजाब का गुजरात ज़िला और गुजराँवाला ज़िला और रावलपिंडी ज़िले का गूजर ख़ान शहर।; आधुनिक स्थिति प्राचीन काल में युद्ध कला में निपुण रहे गुर्जर मुख्य रूप से खेती और पशुपालन के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। गुर्जर अच्छे योद्धा माने जाते थे और इसीलिए भारतीय सेना में अभी भी इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है। गुर्जर महाराष्ट्र (जलगाँव जिला), दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। राजस्थान में सारे गुर्जर हिंदू हैं। सामान्यतः गुर्जर हिन्दू, सिख, मुस्लिम आदि सभी धर्मो में देखे जा सकते हैं। मुस्लिम तथा सिख गुर्जर, हिन्दू गुर्जरो से ही परिवर्तित हुए थे। पाकिस्तान में गुजरावालां, फैसलाबाद और लाहौर के आसपास इनकी अच्छी ख़ासी संख्या है। . अहीर प्रमुखतः एक भारतीय जाति समूह है,जिसके सदस्यों को यादव समुदाय के नाम से भी पहचाना जाता है तथा अहीर व यादव या राव साहब Rajasthan, Anthropological Survey of India, 1998, आईएसबीएन-9788171547661, पृष्ठ-44,45 शब्दों को एक दूसरे का पर्यायवाची समझा जाता है। अहीरों को एक जाति, वर्ण, आदिम जाति या नस्ल के रूप मे वर्णित किया जाता है, जिन्होने भारत व नेपाल के कई हिस्सों पर राज किया है। . घोसी जनजाति 6 संबंध है और हिन्दू घोषी 11 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 17.65% है = 3 / (6 + 11)। यह लेख घोसी जनजाति और हिन्दू घोषी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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हाल के वर्षों में, प्लास्टिक कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव के बारे में चिंता बढ़ रही है। कम घनत्व वाली पॉलीथीन (LDPE), आमतौर पर इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक, उन सामग्रियों में से एक है जो इस मुद्दे में योगदान करती हैं। हालांकि, एलडीपीई प्लास्टिक स्क्रैप का पुनर्चक्रण कचरे को कम करने और अधिक टिकाऊ भविष्य को बढ़ावा देने के लिए एक आशाजनक समाधान प्रदान करता है। - संग्रह और छँटाईः पहला कदम एलडीपीई रीसाइक्लिंग सामग्री का संग्रह और छंटाई है। एलडीपीई प्लास्टिक स्क्रैप पैकेजिंग, बोतलों और प्लास्टिक बैग सहित विभिन्न स्रोतों से आ सकता है। कर्बसाइड रीसाइक्लिंग कार्यक्रमों, ड्रॉप-ऑफ केंद्रों या विशेष रीसाइक्लिंग सुविधाओं के माध्यम से संग्रह किया जा सकता है। एक बार एकत्र हो जाने के बाद, प्लास्टिक स्क्रैप की छंटाई की जाती है, जहां इसे अन्य प्रकार के प्लास्टिक और कागज और धातुओं जैसे दूषित पदार्थों से अलग किया जाता है। - श्रेडिंग और धुलाईः छँटाई के बाद, LDPE प्लास्टिक श्रेडिंग प्रक्रिया से गुज़रता है। स्क्रैप यांत्रिक रूप से छोटे टुकड़ों में टूट जाता है, इसकी सतह का क्षेत्रफल बढ़ जाता है और बाद के प्रसंस्करण चरणों को सुविधाजनक बनाता है। श्रेडिंग के बाद, गंदगी, लेबल और एडहेसिव जैसी बची हुई अशुद्धियों को हटाने के लिए प्लास्टिक को अच्छी तरह से धोया जाता है। पुनर्नवीनीकरण सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। - मेल्टिंग और एक्सट्रूज़नः साफ और कटा हुआ प्लास्टिक स्क्रैप फिर उच्च तापमान पर पिघलाया जाता है। यह पिघला हुआ एलडीपीई एक एक्सट्रूडर के माध्यम से पारित किया जाता है, जो इच्छित अनुप्रयोग के आधार पर प्लास्टिक को एक सतत धारा या छर्रों में आकार देता है। इस प्रक्रिया के दौरान, एलडीपीई में एडिटिव्स को शामिल किया जा सकता है ताकि इसके गुणों को बढ़ाया जा सके, जैसे कि ताकत या रंग। - निर्माण और निर्माणः एक्सट्रूडेड एलडीपीई प्लास्टिक को ठंडा और ठोस किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप नए प्लास्टिक छर्रों या अन्य वांछित रूपों का निर्माण होता है। इन छर्रों को उन निर्माताओं को बेचा जा सकता है जो पैकेजिंग, निर्माण और मोटर वाहन सहित विभिन्न उद्योगों में एलडीपीई का उपयोग करते हैं। निर्माता तब पुनर्नवीनीकरण एलडीपीई को प्लास्टिक बैग, कंटेनर या पाइप जैसे नए उत्पादों में मोल्ड या एक्सट्रूड कर सकते हैं। - जीवन के अंत के विकल्पः एलडीपीई प्लास्टिक स्क्रैप कई पुनर्चक्रण चक्रों से गुजर सकता है, लेकिन अंततः, यह अपने उपयोगी जीवन के अंत तक पहुंच सकता है। इस स्तर पर, इसके निपटान के लिए वैकल्पिक विकल्प मौजूद हैं। एलडीपीई प्लास्टिक का उपयोग ऊर्जा के स्रोत के रूप में अपशिष्ट-से-ऊर्जा भस्मीकरण जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जा सकता है, जो बिजली या गर्मी उत्पन्न कर सकता है। इसके अतिरिक्त, कुछ कंपनियां नए प्लास्टिक बनाने के लिए LDPE प्लास्टिक को उसके मूल रासायनिक निर्माण ब्लॉकों में तोड़ने के लिए उन्नत रीसाइक्लिंग तकनीकों पर शोध और विकास कर रही हैं। - पर्यावरणीय प्रभावः प्लास्टिक स्क्रैप और एलडीपीई फिल्म रीसाइक्लिंग कुंवारी प्लास्टिक उत्पादन की आवश्यकता को कम करता है, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करता है और ऊर्जा की खपत को कम करता है। यह लैंडफिल में भेजे जाने वाले प्लास्टिक कचरे की मात्रा को कम करने या पारिस्थितिक तंत्र में समाप्त होने में मदद करता है, इस प्रकार पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है। - आर्थिक अवसरः LDPE प्लास्टिक के पुनर्चक्रण से संग्रह, छंटाई, प्रसंस्करण और निर्माण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। यह एक परिपत्र अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देता है, जहां सामग्री का पुनर्नवीनीकरण और पुनः उपयोग किया जाता है, आर्थिक विकास और स्थिरता को बढ़ावा देता है। - ऊर्जा संरक्षणः कच्चे माल से नए प्लास्टिक के उत्पादन की तुलना में प्लास्टिक स्क्रैप के पुनर्चक्रण में कम ऊर्जा की खपत होती है। ऊर्जा खपत में यह कमी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करती है। एलडीपीई फिल्म सहित एलडीपीई प्लास्टिक का पुनर्चक्रण खिंचाव लपेटो रीसाइक्लिंग, प्लास्टिक कचरे से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दों से निपटने के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करता है। एलडीपीई प्लास्टिक को कुशलतापूर्वक एकत्रित, सॉर्ट और संसाधित करके, इसे विभिन्न विनिर्माण अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त उच्च गुणवत्ता वाले पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक छर्रों में परिवर्तित किया जा सकता है। LDPE पुनर्चक्रण को अपनाना न केवल पर्यावरण के अनुकूल भविष्य में योगदान देता है बल्कि मूल्यवान संसाधनों का संरक्षण करते हुए आर्थिक अवसर भी पैदा करता है।
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लखनऊ. आपने जलेबी तो बहुत खाई होगी. लेकिन आपने दुनिया की सबसे बड़ी जलेबी आज तक नहीं देखी होगी. आज हम आपको News18 Local पर दिखाने जा रहे हैं दुनिया की सबसे बड़ी जलेबी जो लखनऊ के मुंशी पुलिया चौराहे के पास गोपाल खस्ता वाले हलवाई बनाते हैं. यह एक बार में 3 किलोग्राम की बनाई जाती है. इसकी कीमत 180 रुपये किलो होती है. इसे बनाने में करीब एक घंटे का वक्त लगता है. इसकी शुरुआत हलवाई सुरेंद्र सिंह ने की है. वह बताते हैं कि हाल ही में वह सोशल मीडिया पर अलग-अलग फूड ब्लॉगर्स के वीडियो देख रहे थे. उसी से उनको आईडिया आया कि क्यों न कुछ नया किया जाए. तो उन्होंने बना डाली दुनिया की सबसे बड़ी जलेबी. जिसे हाल ही में एक लखनऊ के ही फूड ब्लॉगर ने वीडियो बनाकर वायरल किया था. जिसके बाद बड़ी संख्या में इनके पास लोग पहुंचे और इस जलेबी को देख रहे हैं. लोग जलेबी के साथ सेल्फी ले रहे हैं और उनसे जानकारी भी ले रहे हैं. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि एक बार में 3 किलोग्राम की जलेबी बनाई जाती है. अगर किसी को भी बनवाना हो अपने घर या पार्टियां या शादी में तो भी उनसे संपर्क कर सकता है और वह उसे यह जलेबी बना कर देंगे जो उनकी शादी और पार्टी में चार चांद लगा देगी. यह दुकान करीब 32 साल पुरानी है और यहां पर जलेबी के अलावा खस्ता भी मिलता है और खास बात यह पूरी दुकान मुंशी पुलिया और उसके आसपास के इलाके में काफी मशहूर है. अगर आपको जलेबी का स्वाद चखना है तो सुबह 8:00 से लेकर 12:00 के बीच में मुंशी पुलिया चौराहे के पास पुलिस चौकी के करीब इनकी दुकान है. वहां जाकर देख सकते हैं और इसका स्वाद भी चल सकते हैं. ग्राहक आरके शुक्ला ने बताया कि वह करीब 32 साल से इस दुकान पर आ रहे हैं. इनकी जलेबी काफी मशहूर है. वह यहां से जलेबी अक्सर ले जाते हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी जलेबी आज से पहले उन्होंने नहीं देखी थी. पहली बार ही सुरेंद्र सिंह से शुरुआत की है और पहली बार वह भी देखने आए थे कि आखिर जलेबी कैसे बनती है. . 'हमारे पास तेज गेंदबाजों की लाइन नहीं लगी हुई है. . . ' प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराज दिखे रोहित, क्यों कहा ऐसा?
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नई दिल्ली॥ सुशांत सिंह राजपूत के निधन से हर कोई हैरान है। अभिनेता अर्जुन कपूर ने सुशांत को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर एक भावुक नोट लिखा है। अर्जुन कपूर ने सुशांत की फिल्म 'केदारनाथ' की रिलीज पर उन्हें बधाई दी थी। उन्होंने सुशांत के साथ हुई बातचीत और उनके साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की है। इसके कैप्शन में अर्जुन ने लिखा-'18 महीने पहले, मेरा उनको अंतिम मैसेज था, केदारनाथ की रिलीज के एक हफ्ते बाद जब पूरी टीम जश्न मना रही थी, वो अपनी मां को मिस कर रहे थे। मैं उसे उतने अच्छे से नहीं जानता पर यशराज फिल्म्स, इवेंट्स, स्क्रीनिंग्स के दौरान उससे मिला था। उन्होंने कहा कि मैं ये नहीं बोल रहा कि यह कदम उठाने के पीछे मैं उसकी भावनाओं को समझ रहा हूं, मगर मैं भी वो दर्द महसूस कर सकता हूं जो सुशांत ने अपनी मां को खोने और उनके खालीपन की वजह से महसूस किया था। मैं उम्मीद करता हूं कि तुम एक अच्छे और खुशनुमा जगह मौजूद हो मेरे दोस्त। उम्मीद करता हूं कि तुम्हें शांति मिल गई होगी। सुशांत के निधन ने जहां हर किसी को सदमे में डाल दिया है, वहीं उनके निधन ने लोगों को यह सोचने पर भी मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपनी लाइफ में इतने व्यस्त हो गई है कि किसी का हालचाल लेने की भी फुर्सत नहीं है। सुशांत सिंह राजपूत के निधन से हर कोई स्तब्ध है और हर किसी के जहन में अनेकों सवाल है। छोटे पर्दे से बड़े पर्दे तक का शानदार सफर तय करने वाले सुशांत अपने पीछे अनगिनत यादे छोड़ गए है। उनका इस तरह से चले जाना हर किसी के लिए अपनों से जुड़े रहने का सबक छोड़ गया है।
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बिहार में विपक्षी एकता की बैठक के बाद राहुल गांधी और नीतीश कुमार के बीच बातचीत का एक वीडियो सामने आया था. इसके बाद बिहार सरकार में कैबिनेट विस्तार की बात काफी हद तक साफ हो गई थी. माना जा रहा है कि कांग्रेस कोटे से दो मंत्री बनाए जा सकते हैं. आरजेडी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तेजस्वी यादव ने कांग्रेस को दो स्वर्ण समाज से मंत्री बनाने की सलाह दी है. सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव ने कहा है कि जेडीयू और आरजेडी की तरफ से पर्याप्त ओबीसी और एससी कोटे से मंत्री बनाए गए हैं. अगर स्वर्ण समाज के दो मंत्री बनाए जाएं तो बीजेपी के वोट बैंक को महागठबंधन की ओर खींचा जा सकता है. तेजस्वी ने इसके के लिए एक राजपूत और एक ब्राह्मण समाज से मंत्री बनाने का सलाह दी है. बता दें कि कांग्रेस ने 2020 के विधानसभा चुनाव में 70 में से 19 सीटें जीती थीं. इसके बदले कांग्रेस को दो मंत्री पद दिए गए हैं. कांग्रेस कोटे से मुरारी गौतम और अफ़ाक अहमद मंत्री बनाए जा चुके हैं. कांग्रेस ने पहले ही एक दलित और एक मुस्लिम समाज से मंत्री बनाया था. कांग्रेस अब तेजस्वी यादव की सलाह मानकर स्वर्ण समाज के दो विधायकों को मंत्री बनाकर जातीय समीकरण साध सकती है. सूत्रों की मानें तो अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल में स्वर्णों को शामिल करके बीजेपी के वोट बैंक मे सेंधमारी कर सकती है. माना जा रहा है कि नीतीश सरकार विपक्ष की दूसरी बैठक से पहले बिहार मे मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकती है. हालांकि इस मामले पर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार मुख्यमंत्री जी का विशेषाधिकार है. कब मंत्रिमंडल का विस्तार हो, किसको मंत्री बनाया जाए, ये मुख्यमंत्री जी निर्णय लेते हैं. फिल्हाल जो भी बाते अंदरखाने में चल रही हैं, इन बातों की कोई भी पुष्टि नहीं है. ये सब हमारी विरोधी पार्टियों के द्वारा ही अफवाह फैलाई जाती है. वहीं इस मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि कांग्रेस हमेशा सभी जातियों को लेकर चलती है. मंत्रिमंडल विस्तार पर आरजेडी और जेडीयू ने क्या सलाह दी है, मुझे नहीं पता. लेकिन इतना जरूर बताना चाहूंगा कि पहले से हमारे दो मंत्री हैं. एक अल्पसंख्यक है, एक दलित. स्वर्ण समाज से हमारे प्रदेश अध्यक्ष हैं. हमने सभी जाति को एक समान से इज्जत देने का काम किया है. इस मामले पर आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तेजस्वी जी ने क्या कहा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है. लेकिन हम लोग ए टू जेड की पार्टी है. हमारे पार्टी मे स्वर्ण, दलित,ओबीसी, अल्पसंख्यक सभी लोग हैं.
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(ङ ) 'माला' के अनुसार यह स्वरूप परिवर्तन देखकर तुलसीदास की अनन्यता पर 'सबनि के मन में इनकी ओर को बड़ो उत्कर्ष आयो है' और इन 'सबनि' में गोस्वामी विठ्ठलनाथ जी भी हो सकते हैं जो तुलसीदास को लिवा कर गए थे-जब कि 'वार्ता' के अनुसार मंदिर से बाहर आकर नंददास जी के साथ तुलसीदास ने भी गोस्वामी विट्ठलनाथ जी को साष्टांग दंडवत की है। (च) 'माला' में स्वरूप परिवर्तन का प्रसंग यहीं जाता है, किंतु 'वार्त्ता' में गोस्वामी विठ्ठलनाथ जी को अवसर पर तुलसीदास नंददास जी से यहाँ भी उसी . कराने के लिए कहते हैं जैसे नंददास जी ने उन्हें वहाँ कराए थे, और नंददास जी की विनती पर गोस्वामी विट्ठलनाथ जो अपने पाँचवें पुत्र रघुनाथ लाल जी से कहते हैं, 'रघुनाथ जी, तुम्हारे सेवक आए हैं, इनकुं दर्शन देवो ।" और रघुनाथ लाल जी तथा उनकी स्त्री जानकी बहू जी तुलसीदास को राम तथा सीता के रूप में दर्शन देते हैं । ( छ ) 'चरनौं अवध गोकुल गाम' शीर्षक पद 'माला' के अनुसार तुलसीदास ने वहाँ एक वैष्णव मित्र के कई दिनों के आग्रह पर बनाया था, जब कि 'वार्ता' के अनुसार यह पद उन्होंने रघुनाथ लाल जी तथा जानकी बहू जी के स्वरूप परिवर्तन पर रचा' । ( पद में व्रज तथा अवध का तुलनात्मक वर्णन हैः स्वरूप परिवर्तन अथवा दर्शन संबंधी कोई .संकेत नहीं हैं, यह द्रव्य है । [ तुलसीदास, पृष्ठ ८१-२ ] डा० माताप्रसाद गुप्तजी के इस 'तुलनात्मक अध्ययन में · आपने देख लिया होगा कि वास्तव में 'वार्ता' का लक्ष्य क्या है । हम अभी केवल इतना ही कह कर आगे बढ़ना चाहते हैं कि 'वार्ता' के अतिरिक्त अन्यत्र कहीं भी इस बात का कोई संकेत नहीं है कि वस्तुतः इस घटना से नंददास का कोई लगाव भी है। यहाँ तक कि स्वयं वल्लभ-कुल के भक्त नागरीदास को भी इसका पता नहीं । दूसरी ओर सभी इस घटना को साधु समझते अर इसका श्रेय तुलसीदास को देते हैं। परन्तु एक विशेषता इधर यह देखने को मिली है कि 'सं० १६९७ की वार्ता' में इस स्वरूपपरिवर्तन का कोई उल्लेख नहीं हुआ है। हाँ, उसमें इस घटना का नाम नहीं । इसको तो उसके संपादक 'संवत् १७५२ की लिखित हरिराय जी के भावप्रकाश वाली' प्रति के माथे मढ़ते हैं । अतएव हम भी इस प्रसंग को यहीं छोड़ अभी देखना यह चाहते हैं कि सचमुच इसके अनुसार 'तुलसीदास' का 'घर-चार' ठहरता किस देश में है । सो नंददास का अति संक्षिप्त परिचय है - अब श्री गुसांई जी के सेवक नंददास सनोढिया ब्राह्मण ( रामपुर में रहते ) तिनके पद ( अष्टछाप में ) गाइयत हैं, सो वे पूर्व में रहते, तिनकी वार्ता । [ अष्टछाप, पृष्ठ ५२५ ] कोष्ट के भीतर के अंश 'भाव-प्रकाश' के हैं । अतः उनको छोड़ देने पर काम के रह गए परिचय के दो सूत्र । उनमें से पहला तो है सनोदिया ब्राह्मण' और दूसरा है 'पूर्व', इन्हीं को सामने रखकर कुछ आगे का हाल देखना है । सो वार्ताकार स्वयं कहते हैं"सो एक दिन पूर्व को संग श्रीद्वारिका को श्री रणछोड जी के दर्शन को चलत हतो । [ वही, पृष्ठ ५२६ ] प्रश्न उठता है कि 'पूर्व' से यह 'संग' आ रहा था और मार्ग में टिक गया था अथवा 'पूर्व' से जाने की अभी तैयारी कर रहा था । समाधान के लिए जो थोड़ा सा सूत्र हाथ लगा यह है -
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हमारे बीच कौन आलू पसंद नहीं करता है? इसकी उच्च स्वाद गुणों और शरीर को अधिक आवश्यक विटामिन और माइक्रोएलेटमेंट के साथ तरजीह देने की क्षमता की सराहना की जाती है। इतने सारे व्यंजनों का एक हिस्सा होने के नाते, यह टेबल पर एक गैर-बदले जाने योग्य उत्पाद बन गया है। बोर्स्च, सूप, विभिन्न सलाद और स्नैक्स इस आश्चर्यजनक उत्पाद के बिना कल्पना नहीं किया जा सकता। आलू का प्रयोग पूरी दुनिया पर व्यावहारिक रूप से किया जाता है, सिवाय उन जगहों के लिए जहां यह खराब हो जाता है या बिल्कुल भी नहीं बढ़ता है। उदाहरण के लिए, एशियाई देशों ने इसे चावल और विभिन्न व्यंजन खाए हैं, इटालियंस पास्ता और पिज्जा के बिना नहीं रह सकते हैं लेकिन यदि आप आलू को लेते हैं और सही तरीके से तैयार करते हैं, तो विश्वास के साथ आप कह सकते हैं कि ऐसे भोजन के प्रति उदासीन लोग बिल्कुल भी नहीं रहेंगे। इसके अलावा, जानने के लिए स्वादिष्ट आलू भूनें बिल्कुल मुश्किल नहीं है! सबसे तेजी से और सबसे तेजी से खाना पकाने पकवानतला हुआ आलू है स्वादिष्ट, बहुत, बहुत स्वादिष्ट, यह भी सबसे बड़ी gourmets स्वाद होगा। और अगर कोई भरोसे से कहता है कि उन्हें चिप्स पसंद नहीं है, तो कोई भी एक निष्कर्ष निकाल सकता हैः वह सिर्फ यह नहीं जानता कि कैसे आलू को खाना बनाना है धो लें, काट लें और फ्राइंग पैन में फेंक दें - यह सभी कृतियों को नज़रअंदाज़ नहीं करता है जो आपको एक पाक मास्टरपीस बनाने के लिए आवश्यक हैं। यह उस उत्पाद को चुनना बहुत महत्वपूर्ण है जिस पर आलू भुना हुआ हो। यह सूरजमुखी के तेल, परिष्कृत या नहीं हो सकता है, जैसा कि किसी को इसे पसंद है, मक्खन या चरबी। सलाद पर बहुत स्वादिष्ट तला हुआ आलू आता है, और ज्यादातर लोग उसे पसंद करते हैं। अब आप सीखें कि स्वादिष्ट आलू को कैसे भूनेंवसा पर ऐसा करने के लिए, आपको पहले छोटे टुकड़ों में वसा काटा जाना चाहिए, और फिर उसे कमजोर आग पर फ्राइंग पैन पर डाल देना चाहिए, जिससे कि यह वसा गर्मी शुरू हो जाए, जो हमारे आलू को भुनाया जाएगा। इस बीच, आपको इसे साफ करने, इसे धोने और इसे हलकों, आधा छल्ले या भूसे में काटकर इस तरह काटकर उसे इस तरह काटा जाना चाहिए कि टुकड़े बहुत मोटी या पतले नहीं हैं। इसलिए, जब वसा की सही मात्रा में वसा से नशे में पीया जा रहा है, तो कट आलू को पैन में सावधानीपूर्वक लगाया जाना चाहिए, इसे थोड़ी सी छिड़क दें और मध्यम गर्मी पर भुना हुआ छोड़ दें। कुछ मिनटों के बाद, आलू को स्पटूला के साथ मिलाएं और इसे दूसरी तरफ तले हुए। कुछ सरगर्मी के बाद, ढक्कन के साथ फ्राइंग पैन को कवर करें और इसे "बेसस्क" के लिए थोड़ा सा दें, फिर ढक्कन हटा दें, नमक के लिए इसे आज़माएं और जब तक यह तैयार न हो जाए तब तक छोड़ दें। कुछ मिनट बाद तला हुआ आलू तैयार हो जाते हैंटेबल पर सेवा कर रहे हैं और आपको यह पता करने पर गर्व महसूस हो सकता है कि एक स्वादिष्ट आलू कैसे भूनें। यह पकवान खाना पकाने का सबसे आसान और मूलभूत तकनीक है, और यह भी स्वादिष्ट बनाने के लिए, आपको बस विभिन्न मसालों और सामग्री को जोड़ने की जरूरत है उदाहरण के लिए, आधा रिंगों में प्याज कटौती करता है, जो आलू में जोड़ा जाता है जब यह अभी तक पूरी तरह से पकाया नहीं जाता है, तब तक इसके साथ पकाया जाता है जब तक प्याज का सुनहरा रंग नहीं होता है, इस डिश के दिव्य स्वाद और अनूठे स्वाद देता है। इसके अलावा, मशरूम के साथ आलू कोई भी उदासीन नहीं छोड़ते। ऐसा करने के लिए, आपको तैयार मसालेदार मशरूम लेने की ज़रूरत है या, अगर ताजा खुलने वाले हैं, तो डिश के तैयार होने तक उन्हें कड़ाही और भून में जोड़ें। तेज और रसीला आलू के प्रेमी के लिए, आप काली मिर्च या बारीक कटा हुआ लहसुन डाल सकते हैं, जिसे फ्राइंग के अंत में जोड़ा जाता है और ढक्कन के साथ कवर किया जाता है, थोड़ा सा गश्त करते हैं।
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देश के 19 स्कूलों में पोर्टल और ऊर्जा दक्षता संबंधी गतिविधियां उपलब्ध कराई गई हैं जिससे वे कार्यक्रम के दौरान दृश्य माध्यम से जुड़े थे। मंत्री महोदय ने इन स्कूलों के बच्चों के साथ ऊर्जा संरक्षण के मुद्दे पर बातचीत की और उनके प्रश्नों के उत्तर दिए। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने अगले एक वर्ष में पोर्टल पर 1000 सक्रिय स्कूलों को रजिस्टर करने की आशा व्यक्त की है। बिजली मंत्रालय की ओर से ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा आयोजित वार्षिक राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार विजेताओं को 41 से अधिक प्रथम पुरस्कार और 37 द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए। इन पुरस्कार विजेताओं ने उद्योग, ताप-बिजली स्टेशन, कार्यालय भवन, बीपीओ भवन, होटल, अस्पताल, मॉल, जोनल रेलवे, रेलवे कार्यशाला, नगरपालिका आदि विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ ऊर्जा निष्पादकों का प्रतिनिधित्व किया था। केन्द्रीय बिजली मंत्रालय में सचिव श्री पी.के. सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। कार्यक्रम में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव श्री उपेन्द्र त्रिपाठी, बिजली मंत्रालय में विशेष सचिव श्री आर.एन. चौबे, श्री देवेन्द्र चौधरी और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर के अलावा विभिन्न मंत्रालयों और केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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कृपया खाता! अपने अभियान के भाषणों में, डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी सैन्य खर्च को अनुकूलित करने के विचार को दोहराया। जाहिर है, राजनेताओं को यूरोपीय भागीदारों के गर्म भाषण पसंद नहीं थे, जो अब तक यह सोचना पसंद करते हैं कि वाशिंगटन के रक्षा व्यय का संशोधन उन्हें बायपास करेगा या नहीं। हालांकि, इस सप्ताह की शुरुआत में, ओवल कार्यालय के भविष्य के मालिक ने देश के सैन्य खर्च को कम करने के लिए, शब्दों से कर्मों में जाने का प्रस्ताव किया, एक निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में प्रस्तावित किया। विशेष रूप से, राजनेता ने परियोजना की उच्च लागत को कोसते हुए, पांचवीं पीढ़ी के फाइटर F-35 के विकास कार्यक्रम की आलोचना की, जो पहले से ही 400 बिलियन डॉलर का अनुमान है। ऐसा लगता है कि अरबपति ने अब तक आधे उपायों के साथ काम किया है और राज्यों के बयान के लिए समान रूप से फायदेमंद नहीं है, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद के 2% को बचाने के लिए सभी नाटो सदस्यों को गठबंधन के गुल्लक के लिए आवश्यक है। इस प्रकार, संभावना है कि यूरोप अपनी सुरक्षा में वृद्धि के लिए पूरी तरह से भुगतान करेगा, जो पुरानी दुनिया के देशों के लिए वित्तीय कठिनाइयों से भरा है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस साल सैन्य-राजनीतिक ब्लॉक के एक्सएनयूएमएक्स प्रतिभागियों में से केवल एक्सएनयूएमएक्स सैन्य शांतिदूत के बजट में दो प्रतिशत योगदान को बढ़ा सकता हैः संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, एस्टोनिया, ग्रीस और पोलैंड। गठबंधन के अन्य सदस्यों का औसत सकल घरेलू उत्पाद का 5% है। फिर भी, गठबंधन के अधिकांश सदस्यों के ऐसे किफायती व्यवहार को समीचीन नीति कहा जा सकता है, जिसे डंडे, एस्टोनियाई और यूनानी नहीं कहा जा सकता है। यदि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम की अर्थव्यवस्था आपको पैसा बर्बाद करने की अनुमति देती है, तो तीन अन्य निवेशकों की सॉल्वेंसी वांछित होने के लिए बहुत कुछ छोड़ देती है। प्रस्तुत त्रिमूर्ति में, पोलैंड शायद सबसे स्पष्ट उदाहरण है। जैसा कि आप जानते हैं, पोलिश राजनेताओं के रसोफोबिक सिंड्रोम की अभिव्यक्तियों में से एक सैन्य खर्च में वृद्धि है। इसलिए, 2015 में, वारसॉ ने रक्षा पर सकल घरेलू उत्पाद का 1,95% खर्च किया, 2016% 2 में खर्च किया गया था, और अगले साल यह एक रिकॉर्ड 8,7 बिलियन डॉलर, या सकल घरेलू उत्पाद का 2,01% खर्च करने की योजना है। यह कहा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रम्प के वारसॉ के नाटो की मांग उनके राष्ट्रपति पद से बहुत पहले पूरी होने लगी थी। यह कहा जाना चाहिए कि आम लोग रक्षा बजट के एक बड़े हिस्से को काम करने के लिए मजबूर हैं। याद रखें कि 2013 में, पोलैंड गणराज्य ने सभी नागरिकों के लिए 67 वर्षों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई, अल्बानिया के बाद दुनिया में दूसरा स्थान लिया, जहां लोग 69,5 वर्षों तक काम करते हैं। इस फैसले से आबादी में अत्यधिक असंतोष हुआ और इसके परिणामस्वरूप, तीन सप्ताह पहले सेवानिवृत्ति के लिए पुरानी समयसीमा (पुरुषों के लिए - 65 वर्ष, महिलाओं के लिए - 60) वापस कर दी गई। इसके अलावा, हमें नए शिक्षा सुधार के खिलाफ पोलिश शिक्षकों के हालिया विरोध के बारे में नहीं भूलना चाहिए, जिसमें बारह साल की स्कूली शिक्षा को आठ साल से बदलने का प्रस्ताव है। जाहिर है, परियोजना के मामले में, कई शिक्षक कटौती का इंतजार करेंगे, जो वारसॉ को बजट का हिस्सा बचाने की अनुमति देगा, जो जाहिर है, सैन्य खरीद पर खर्च किया जाएगा। ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रम्प अभी भी अपने अभियान के वादे रखने का इरादा रखते हैं। नतीजतन, निकट भविष्य में, "शानदार" पोलिश अनुभव में नागरिक क्षेत्र की गिरावट के लिए सैन्य खर्च को व्यावहारिक रूप से पूरे यूरोप में अपनाया जा सकता है, इसकी सभी अनिच्छा के साथ। हालांकि, एक अच्छा रवैया विदेशी संरक्षक को एक बार भुगतान करने की आवश्यकता है। - लेखकः
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देश की महिलाएं स्वयं का बिजनेस प्रारम्भ करने के मुद्दे में भी कहीं आगे हैं. इस मुद्दे में दुनिया की टॉप-5 इकोनॉमी वाले राष्ट्रों में अमेरिका के बाद हम दूसरे नंबर पर हैं. जनसंख्या में हमसे लगभग बराबरी पर खड़े चीन से तुलना करें तो पिछले साढ़े 3 वर्ष में अपना बिजनेस प्रारम्भ करने वाली स्त्रियों की तादाद चीन के मुकाबले हिंदुस्तान में दोगुने से भी अधिक हैं. देश के नए उद्यमियों (एंटरप्रेन्योर) में स्त्रियों की हिस्सेदारी जहां 11% तक है, वहीं चीन में यह आंकड़ा केवल 5% पर अटका है. अमेरिका में यह हिस्सेदारी 18%, जर्मनी में 7% और जापान में केवल 3. 6% है. ग्लोबल आंत्रप्रिन्योरशिप मॉनीटर की 2022-23 की ग्लोबल रिपोर्ट में यह तस्वीर सामने आई है. नया बिजनेस प्रारम्भ करने के लिए बेहतर राष्ट्रों में भी यूएई, सऊदी अरब, ताइवान के बाद हिंदुस्तान चौथे पर है. - बेन एंड कंपनी के सर्वे के मुताबिक, स्त्रियों के मालिकाना अधिकार वाले स्टार्ट-अप का आरओआई (रिटर्न ऑन इंवेस्टमेंट) पुरुष मालिकों की फर्म से 35% तक अधिक रहा है. - सर्वे यह भी बताता है कि ग्रामीण इलाकों में 45% से अधिक स्त्रियों ने स्वयं की अलग पहचान बनाने के मकसद से अपना बिजनेस प्रारम्भ किया. - सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्र के कुल 5. 85 करोड़ उद्यमियों में से 80 लाख महिलाएं हैं, जो 14% की हिस्सेदारी दर्शाता है. इनकी कंपनियों में 2. 2 से 2. 7 करोड़ तक लोग काम करते हैं. - देश की 20% एमएसएमई इंडस्ट्रीज की मालिक महिलाएं हैं और करीब 23% लोगों को यही कंपनियां रोजगार दे रही हैं. - नया बिजनेस आइडिया देने वालों में स्त्रियों की 40% हिस्सेदारी रही. - 2030 तक स्त्रियों के मालिकाना अधिकार वाली 3 करोड़ से अधिक नयी कंपनियों में 15-17 करोड़ तक रोजगार पैदा होने का अनुमान है. - देश की जीडीपी में अभी स्त्रियों की हिस्सेदारी करीब 22% पर ही है, जबकि पूरे विश्व में औसत लगभग 45% है. - हमारे स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में स्त्री लीडर्स की तरक्की का बड़ा संकेत यह भी है कि 2019 से 2022 के बीच 17% निवेश सौदे उन स्टार्ट-अप के साथ हुए हैं, जिनकी मालिक महिलाएं हैं. 2030 तक यह हिस्सेदारी कई गुना बढ़ने की उम्मीद. - इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार, स्त्री लीडर वाले बिजनेस में निवेश की वजह यह है कि वे अधिक रिटर्न के लिए अधिक जोखिम उठा सकती हैं. - केपीएमजी सर्वे के मुताबिक, 43% महिलाएं अधिक जोखिम को तैयार हैं. - सीमित वुमन फ्रेंडली सेक्टरः अधिकतर स्त्री उद्यमी शिक्षा, कपड़े, ब्यूटी केयर जैसे सेक्टरों तक सीमित हैं. जबकि, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन और इसी तरह के अधिक मुनाफे वाले कई सेक्टरों पर मर्दों का दबदबा है. - घरेलू कामः करीब 43 करोड़ वर्किंग एज स्त्रियों में 34 करोड़ ऐसे कामों में लगी हैं, जिनके लिए वेतन नहीं मिलता. रोजगारयोग्य 1. 9 करोड़ स्त्रियों के पास नौकरी ही नहीं है. - फंड का इंतजामः राष्ट्र में अधिकतर स्त्रियों के नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं होती, जिससे नए बिजनेस के लिए लोन में कठिनाई होती है.
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स्वतन्त्रता स्वच्छन्दता नहीं है स्वतन्त्रता का अर्थ इच्छा, मौज या रुचि के अनुमार अथवा मनक में आकर काम करना नही; स्वतन्त्रता का अर्थ किसी प्रकार के अंकुश, नियंत्रण या मर्यादा का ध्यान न रखते हुए मनमाने ढंग से आचरण या व्यवहार करना भी नही, स्वतंत्रता का मतलब नैतिक और सामाजिक दृष्टि से अनुचित तथा निन्दनीय आचरण या व्यवहार करना भी नही, भ्रष्ट आचरण भी स्वतंत्रता नही; बिना किसी अड़चन या बाधा के जहाँ चाहें, वहीं विचरण करते फिरना भी स्वतन्त्रता नही । स्वतंत्रता मुख्यतः प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्रों का शब्द है। इसमें परकीय तन्त्र या शासन से मुक्त या रहित होने का भाव प्रधान है। इसके विपरीत स्वच्छन्दता मुख्यतः आचारिक और व्यावहारिक क्षेत्रों का शब्द है और इसमें शिष्ट-कम्मत नियमों और विधि-विधानों के बंधवों के प्रति अवज्ञा का भाव प्रधान रहता है। स्वतन्त्रता का सीमातिक्रमण स्वच्छन्दता है, आजादी का दुरुपयोग स्वच्छन्दता है । स्वतंत्रता के 'स्व' पर 'तन्त्र' की शिथिलता स्वच्छन्दता है; नियम-उपनियमो की अवहेलना स्वच्छन्दता है। अहं का विस्फोट स्वच्छन्दता है । स्वयं अपने प्रति उत्तरदायी होने का संकल्प स्वतन्त्रता है। ज्ञान दोप से मनुष्य का अन्तर्मम प्रकाशित हो जाना आत्मिक स्वतन्त्रता है। जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए शासन स्वतंत्रता है। समूह में चरित्र विकास का अवसर सतत प्राप्त होना सामाजिक स्वतंत्रता है। अर्थ के उपार्जन और उपभोग की आजादी आर्थिक स्वतंत्रता है। व्यक्ति जब स्वतंत्रता के साथ स्वच्छन्दता का उपभोग अरे, तो वह प्रभावी बन जाता है, नारी स्वच्छन्दचारिणी बन जाए, तो वेश्या कहलाती है। समाज स्वच्छन्द हो जाए, तो उसमें गुंडागर्दी का वर्चस्व होता है। स्वच्छन्द राष्ट्र तो अपनी स्वतंत्रता खोकर परतत्रता ओढ़ता है । आर्थिक स्वच्छन्दता ऐय्याशी है; ऐय्याशी अंधी होती है और मनुष्य को बिगाड़ देती है । ३४२ / स्वतन्त्रता स्वच्छन्दता नही है रावण ने सीता हरण कर स्वच्छन्दता प्रकटको, तो स्वर्णमयी लका का विनाश हुआ । कौरवो ने द्रौपदी के चीरहरण का स्वच्छन्द कृत्य किया, तो महाभारत हुआ। मनु ने इडा से स्वच्छन्द आचरण करना चाहा, तो मनु आहत हुए । इन्दिरा गाँधी ने सत्ता मे स्वच्छन्दता का भोग किया, तो न केवल वे, वल्कि उनकी पार्टी भी सत्ता सुख से वंचित हो गई। १५ अगस्त, १९४७ से पूर्व देश परतंत्र था राजनीतिक परतंत्रता के कारण व्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक और धार्मिक कृत्य विदेशियों के शासन मे कंद थे । अंग्रेजों की इच्छा के बिना यहाँ चिडिया भी पर नहीं मार सकती थी। भारत स्वतंत्र हुआ स्वतंत्रता का पहला वरदान (?) मिला धार्मिक स्वच्छन्दता । मुसलमान हिन्दुओं को गाजर-मूली की तरह काट रहा था, तो प्रतिक्रियाम्वरूप हिन्दू मुसलमानों को मार रहा था। लाखों हिन्दू-मुसलमान इस धार्मिक स्वच्छन्दता पर बलि चढ़ गए। देश ने घोर तपस्या करके आजादी ली थी। आजादी मिली, तो तपम्या विलाम में बदल गई। सत्ता के नशे ने हर कांग्रेसी के मन में स्वच्छन्दता जाप्रत की । देश को लूटने चूसने की होड़ लग गई। सत्ता-भोग का जादू सिर चढ़कर बोलने लगा । चरित्र का घोर पतन हुआ। मान-मर्यादाएँ धूल मे मिल गईं । नव श्रेटी-वर्ग उत्पन्न हुआ, जिसका उद्देश्य ही स्वतंत्रता को स्वच्छन्दता में भोगना था। पलत देश भ्रष्टाचार में डूबने लगा। हर व्यक्ति विकाऊ हो गया । भन्तर केवल व्यक्ति के मूल्य का था, स्तर का था। देश में सामाजिक स्वच्छन्दता ने भी अपने पैर फैलाए। समाज स्वच्छन्दता की ओर बढा, तो सर्वत्र गुंडागर्दी का माम्राज्य स्थापित हुआ। नर-नारी की स्वतंत्रता स्वच्छन्द समाज-द्रोही तत्वों के हाथों गिरवी हो गई। दुर्बल वर्ग से मारपीट, मारी मे बलात्कार और बच्चों को उठा ले जाना उनकी स्वच्छन्दता के प्रतीक है। दूसरी ओर समाज मे दहेज के दानव ने पुरुष की स्वतंत्रता को स्वच्छ न्दता मे बदला और नारी-स्वतंत्रता पोर परतंत्रता में परिवर्तित हुई। परिणामतः यह पुरुष स्वच्छन्दता के सम्मुख पर की जूती बनी; मार-पीट, गाली-गलौज, अपमान, भूघ और उपेक्षा की पीड़ा में उसकी अग्नि-परीक्षा होने लगी। गंमद और विधानसभाओं में पार्टी बहुमत ने सत्ता को स्वच्छन्दता प्रदान कर दी। पाशविक बहुमत के आगे विपक्ष बोना बन गया। श्रीमती इन्दिरा गाँधी का १६ भाग या आपातकाल अर्थात् 'गुलामी' सत्ता की स्वच्छन्दता का होतो स्वच्छन्दता स्वतन्त्रता नही है / ३४३ खुला उपभोग था। 'इन्दिरा इज इन्डिया' का उद्घोष स्वच्छन्द अहम् की पराकाष्ठा हो तो थी । राजनीतिक स्वच्छन्दता का नग्न रूप देखना हो तो राजीव-शासन को देखिए, जहाँ लॉ ऐन्ड आर्डर गुंडों और अराजकतावादी तत्त्वो का पानी भरता है । अराजकता की स्वतंत्रता ने उग्रवादी स्वच्छन्दता का बाना पहन लिया है। पंजाव, बंगाल, उड़ीमा और आंध्र उग्रवाद से मानव जीवन को मूल्यहीन बना रहे हैं, तो काश्मीर पाकिस्तान समर्थकों का गढ़ बन चुका है। दूसरी ओर, विदेशी पूंजी को स्वतंत्रता ने भारत के उद्योगों को स्वायत्तता से स्वच्छन्द कर भारत भू पर जन्म लेने वाले हर नवजात शिशु को विदेशों का ऋऋणी बना दिया है। और इस प्रकार भारतवामी आर्थिक दृष्टि में विदेशों का गुलाम बनता जा रहा है, स्वतंत्र सत्ता की स्वच्छन्दता का यह अभिशाप है। ग्वतंत्रता मे जिम राष्ट्र के मानव या समाज ने स्वच्छन्दता से गुरेज किया वह ऊपर उठता चला गया। जापान और इजराइल का उदाहरण सामने है। इजराइल के सैन्य बल और जापान के औद्योगिक साम्राज्य ने विश्व को चकाचौंध कर दिया है। मुस्लिम समाज और धर्म में स्वतंत्रता को स्थान है, स्वच्छन्दता को नहीं । किमी पीर-पैगम्बर पर उँगली तो उठाकर देखिए, पवित्र कुरान के विरुद्ध कुछ लिखकर देखिए, उसकी कितनी कीमत चुकानी पड़ेगी विरोधी समाज को । इसलिए मुस्लिम धर्म विश्व का दूसरा धर्म बन गया है। तीसरी ओर, पाश्चात्य राष्ट्रों का नागरिक अपने राष्ट्र की स्वतंत्रता का भोग करता है पर नियमानुसार । वह स्वच्छन्दता को राष्ट्र का शत्रु समझता है, इसलिए वह चरित्रवाद है, राष्ट्रीय उन्नति प्रगति का स्तम्भ है। स्वतंत्रता का अर्थ ग्व पर तंत्र रखकर जीवन में विकास करना है, न किम्व को नत्र के बंधन में मुक्त रखकर जीना। स्वतंत्रता परमात्मा की देन है, तो मत्, और चिन् और आनन्द का स्रोत है। इसका उपयोग प्राणि-मात्र का अधिकार है, पर इसका यह अर्थ नही कि उस स्रोत को अवरुद्ध कर दें या भ्रष्ट आचरण से मलिन कर दे । स्वतंत्रता की अति स्वच्छन्दता है। अति की वर्जना में ही मानव जीवन का मंगल है । अतः स्वतंत्रता को स्वच्छन्दता समझना विवेक का विनाश है; स्वतंत्रेसा रूपी गुखद यौवन को त्यागकर म्वच्छन्दता रूपो मृत्यु के प्रति आकृष्ट होना है।
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New Delhi/Alive News : गाजियाबाद शहर के नंदग्राम इलाके में दिल्ली की 38 वर्षीय नर्स के साथ निर्भया जैसी दरिंदगी करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया गया है। वह नंदग्राम में भाई के घर से उसके जन्मदिन समारोह में शामिल होकर दिल्ली अपने घर लौट रही थी। भाई का आरोप है कि चार युवक बहन को 16 अक्तूबर की रात दस बजे स्कार्पियो गाड़ी में डाल जंगल में ले गए। वहां एक और ने मिलकर दुष्कर्म किया और उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे की रॉड डाल दी। उसके हाथ बांधकर 18 की सुबह बोरी में बंद करके आश्रम रोड पर ही उसे सड़क किनारे फेंक दिया गया। पुलिस ने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है लेकिन घटना को संदिग्ध बताया है। इसलिए उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई है। मिली जानकारी के अनुसार नर्स के सड़क किनारे पड़े होने की सूचना पुलिस को राहगीर ने दी, लेकिन उससे पहले ही एक युवक वहां मौजूद था। पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। वह बार-बार बयान बदल रहा है। इससे पुलिस के शक की सुई उसी पर टिक गई है। पुलिस का कहना है कि घटना की सच्चाई का राज उसके सीने में दफन है। यह उसकी जुबां पर आते ही पूरा खुलासा हो जाएगा। यह युवक दिल्ली का रहने वाला बताया गया है। पुलिस ने उसके मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई है। उसकी लोकेशन भी चेक की जा रही है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार उसने पहले बताया कि वह नर्स का परिचित है और उसका नाम आजाद है। घटना का पता चलने पर वह मौके पर पहुंचा था, लेकिन थोड़ी ही देर में इससे पलट गया और बोला कि वह तो मौके पर गया ही नहीं था। पुलिस को सूचना देने वाले राहगीर ने बताया कि पुलिस के आते ही वह युवक वहां से चला गया था। उसके कपड़े खून से सने थे। जैसे ही पुलिस पहुंची, वह सिटी फॉरेस्ट की तरफ चला गया। उसने उसे आवाज भी दी लेकिन वह नहीं आया। तुम मुझे हाथ न लगाओ, पुलिस को बुलाओ, जल्दी करो, देर न हो जाए... कराहने की आवाज में नर्स ने ये बातें उस राहगीर से कीं जिसने पुलिस को सूचना दी। राहगीर ने पुलिस को बताया कि वहां पहले से एक युवक मौजूद था। नर्स से पहले उस युवक ने ही उससे कहा कि तुम पुलिस को फोन करो। उसने युवक से कहा कि तुम फोन क्यों नहीं कर रहे? उसने जवाब दिया कि वह फोन नहीं कर सकता, तुम करो। इसके बाद उसने महिला से कहा कि वह उसके हाथ खोल रहा है लेकिन महिला ने ऐसा करने से मना कर दिया। राहगीर ने पुलिस को बताया कि महिला का चेहरा कपड़े से ढंका था। उसने कपड़ा हटाने को कहा, इससे भी महिला ने इनकार कर दिया। उसने कहा कि तुम पुलिस को फोन करो, खुद हाथ न लगाओ, जल्दी करो, देरी न हो जाए। इस पर उसने पुलिस को 112 पर कॉल करके सूचना दे दी। थोड़ी ही देर में पुलिस आ गई और महिला को अस्पताल के लिए ले गई।
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पटना । लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के तहत बिहार में आठ सीटों पर रविवार को सुबह सात बजे से मतदान शंतिपूर्ण ढंग से जारी है। चुनाव को लेकर सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सातवें चरण में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से आठ सीटों- नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट और जहानाबाद के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इन क्षेत्रों में करीब 1. 52 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के लिए 15,811 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन क्षेत्रों से 157 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस चरण के चुनाव को लेकर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। सभी मतदान केंद्रों पर अर्धसैनिक बलों और बिहार सैन्य बल की तैनाती की गई है। मतदान के लिए 81,000 से ज्यादा मतदानकर्मी लगाए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर इन आठ लोकसभा क्षेत्रों के 10 विधानसभा क्षेत्रों में शाम चार बजे तक ही मतदान होगा जबकि अन्य क्षेत्रों में मतदाता छह बजे तक अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि बिहार के 40 लोकसभा सीटों के लिए सभी सात चरणों में मतदान होना था। अब तक पहले छह चरणों में 32 सीटों पर मतदान हो चुका है। मतगणना 23 मई को होगी।
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आईसीसी ने मंगलवार को टी-20 विश्व कप की तारीख का ऐलान कर दिया है। विश्व कप का आयोजन 17 अक्टूबर से लेकर 14 नवंबर तक यूएई और ओमान में होगा। विश्व कप में 12 टीमें भिड़ेंगी जिन्हें 2 ग्रुप में बांटा गया है। इन 12 टीमों में से 8 टीमों ने सीधे क्वालीफाई किया है जबकि 4 अन्य टीमों को अपनी जगह बनाने के लिए क्वालीफायर मुकाबले जीतने होंगे। खास बात ये है कि भारत और पाकिस्तान की टीमों को एक ही ग्रुप यानी ग्रुप बी में रखा गया है। भारत 24 अक्टूबर को पाकिस्तान के साथ होने वाले मुकाबले से साथ टी 20 विश्व कप अभियान का आगाज करेगा। ये मुकाबला दुबई में खेला जाएगा। बता दें कि लंबे समय से दोनों टीमों में आपस में कोई सीरीज नहीं खेली है। साल 2019 में विश्व कप के दौरान इन दोनों टीमों का मुकाबला हुआ था। ऐसे में लंबे अरसे बाद होने जा रहे इस मुकाबले को लेकर सभी लोगों की निगाहें इस मुकाबले पर टिकी हैं। भारत सुपर 12 स्टेज के अपने दूसरे मैच में न्यूजीलैंड से भिड़ेगा। यह टक्कर 31 अक्टूबर को दुबई में होगी। इसके बाद टीम इंडिया तीसरा मुकाबला अफगानिस्तान के खिलाफ 3 नवंबर को होगा। भारत-अफगानिस्तान का मैच अबुधाबी में होगा। भारतीय टीम का चौथे मैच में सामना 5 नवंबर को दुबई में क्वालीफाई करने वाली बी1 टीम से होगी। वहीं, भारत शुरुआती चरण में अपना आखिरी मैच 8 नवंबर को दुबई में खेलेगा। इसमें भारत का मुकाबला क्वालीफाई करने वाली ए2 टीम से होगा। सुपर 12 स्टेज के सारे मुकाबले 8 नवंबर तक खत्म हो जाएंगे। इसके बाद टूर्नामेंट का सेमीफाइनल खेला जाएगा। पहला सेमीफाइन 10 नवंबर को अबुधाबी में जबकि दूसरा सेमीफाइनल 11 नलंबर को दुबई में होगा। दोनों सेमीफाइनल में रिजर्व डे भी है। टी20 विश्व कप 2021 का फाइनल 14 नवंबर को दुबई में खेला जाएगा। खिताबी मुकाबले के लिए 15 नवंबर को रिजर्व डे के तौर पर रखा गया है।
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लखनऊ/रायबरेली। प्रवासी श्रमिकों के बस मामले में खुद की पार्टी को कठघरे में खड़ा करने वाली रायबरेली में सदर की विधायिका अदिति सिंह की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने के लिए कांग्रेस एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेगी। पार्टी सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि अदिति सिंह के पार्टी विरोधी आचरण से आलाकमान बेहद खफा है। उन्होंने पहले भी अनुशासनहीनता का परिचय दिया है। पिछले साल दो अक्टूबर को उन्होंने पार्टी व्हिप का उल्लघंन करते हुए विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया था जिसके लिए उन्हें नोटिस भी दिया जा चुका है। नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखकर उनकी सदस्यता खत्म करने का निवेदन किया था हालांकि उस याचिका का फालोअप नहीं हुआ। उन्होने बताया कि पार्टी जल्द ही दीक्षित को इस मामले में कार्यवाही का अनुरोध करेगी। दरअसल, पार्टी महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी थी जिस पर राज्य सरकार ने कांग्रेस से बसों के दस्तावेज और चालकों के नाम मांगे थे। कांग्रेस ने बसों की जो सूची सरकार को दी,उसमें सरकार की ओर से कहा गया कि कई नम्बर दो पहिया वाहन और टैक्सी आदि के हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच इसको लेकर तकरार चल ही रही थी कि मंगलवार को सदर विधायिका ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस को निम्न स्तर की राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि पंजाब,राजस्थान के प्रवासियों पर ध्यान देना चाहिए। कांग्रेस के नेता अदिति सिंह को लेकर खुलकर बयान देने से बच रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस के अधिकार वाले इकलौते और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में अदिति सिंह और उनके दिवंगत पिता अखिलेश सिंह का खासा प्रभाव है और शायद यही कारण है कि कांग्रेस उनको निष्कासित करने के बजाय विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की जुगत में है। पिछले साल अदिति सिंह ने पार्टी व्हिप के खिलाफ जाकर दो अक्टूबर को हुए 36 घंटे के विशेष विधानसभा सत्र में हिस्सा लिया था। उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बयान भी दिए थे। जिस दिन राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाया था, उस दिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में शांति यात्रा का नेतृत्व किया था। उससे अदिति नदारद रहीं। तब कांग्रेस की ओर से उन्हें पहला नोटिस भेजा गया था, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया। इसके बाद कांग्रेस ने अदिति सिंह की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दी थी जो कि अभी लम्बित है। गौरतलब है कि अदिति सिंह ने उस दौर में कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली से विधायकी का चुनाव जीता था जब पूरे प्रदेश में धुरन्धर कांग्रेसी धराशायी हो गए थे और कांग्रेस की सीटें दहाई से इकाई में सिमट गई थी। अदिति सिंह ने 2017 में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के शाहबाज़ खान को 90 हज़ार से भी अधिक मतों से पराजित किया था। उधर, अदिति का कहना है कि वह हमेशा देश और समाज की सेवा करना चाहती है।
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भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) में कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल है और वह यात्रा में लोगों की ऊर्जा बनाये रखने के लिए तमाम कोशिश करते रहते हैं। इस यात्रा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) भी शामिल हुए हैं। दिग्विजय सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह भारत जोड़ो यात्रियों (Bharat Jodo Yatra) के साथ डांस करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि दो दिन यात्रा विश्राम के दौरान वहां पर कुछ लोग गाने का रहे हैं और कुछ लोग उस गाने पर थिरक रहे हैं। थिरकने वालों में सबसे फुर्तीले दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) नजर आ रहे हैं। वो अन्य लोगों को अपने साथ डांस करने करने के लिए बुलाते भी हैं जो "ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे" गाने पर नाचते हैं। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है लोग इस पर टिप्पणी कर रहे हैं। खुद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh Twitter) ने इस वीडियो पर लिखा है कि जब आप कई दिनों तक एक साथ चल रहे हों तो क्या हमें आराम के दौरान मस्ती नहीं करनी चाहिए? हमें करना चाहिए और हम करते भी हैं। @RitwikMehta3 यूजर ने लिखा कि दिग्विजय सिंह अपना राज्य और अपनी पार्टी के हराने के बाद इस तरह डांस कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि इतने दिनों की यह यात्रा और इस उम्र में दिग्विजय सिंह की इस उर्जा का कोई जवाब नहीं है। युवा लड़कों के साथ दिग्विजय सिंह को थिरकते देख @ababeelTweeting यूजर ने लिखा कि कांग्रेस के लोग वास्तव में प्रगतिशील मानसिकता के हैं। वे जानते हैं कि आधुनिक समय के साथ कैसे तालमेल बिठाना है। आप बीजेपी में इसकी कल्पना नहीं कर सकते। @devjat007 यूजर ने लिखा कि गुजरात में चुनाव चल रहा है और ये लोग यहां मौज मस्ती कर रहे हैं फिर कह देंगे कि EVM हैक हो गई है। भाजपा नेता राहुल कोठयारी ने लिखा कि ऐसे बहके दिग्विजय सिंह की "'केसरिया' इश्क़ है पिया" पर भी नाच गये। बता दें कि 'भारत जोड़ो यात्रा' महाराष्ट्र (Bharat Jodo Yatra Maharashtra) के बाद अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में पहुंचने वाली है। मध्य प्रदेश में यात्रा में एंटर होने से पहले दिग्विजय सिंह कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। महाराष्ट्र और MP बॉर्डर पर यात्रा को 2 दिन का ब्रेक देकर राहुल गांधी गुजरात चुनाव प्रचार के लिए गए तो यात्री यहां मनोरंजन करते दिखाई दिए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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मई दिवस पर शांति की रैली के बारे में बात करते हुए, नाज़ीवाद पर विजय के दिन के लिए समर्पित, पोरोशेंको ने कहा कि यूक्रेन ने पिछले पांच वर्षों में द्वितीय विश्व युद्ध में विजय दिवस मनाने के लिए अपनी खुद की स्क्रिप्ट और अनुष्ठान विकसित किया था, जो पैन-यूरोपीय परंपरा के करीब है। उनके अनुसार, Ukrainians ने "क्रेमलिन विजय" से खुद को दूर कर लिया, जिसने नाज़ीवाद पर हिटलर-विरोधी गठबंधन की आम जीत को नियुक्त किया। - उसने जोर दिया। पोरोशेंको ने कहा कि Ukrainians की कई पीढ़ियों को "महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के सावधानीपूर्वक पुनर्प्राप्त संस्करण" पर लाया गया था, लेकिन देश में हाल की घटनाओं ने "लोगों को सच्चाई का पता चला", जिसे सोवियत अधिकारियों ने छिपाया था। स्वतंत्र यूक्रेन जानता है कि वास्तव में नाजीवाद को किसने हराया था, हम कुछ भी नहीं भूले हैं और जो कुछ भी सच था उससे कुछ भी नहीं बदला है। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत के दिन, न केवल लाल सेना के सैनिकों का सम्मान करना आवश्यक है, बल्कि यूक्रेनी विद्रोही सेना के सैनिकों (रूस में प्रतिबंधित) - उन्होंने निष्कर्ष निकाला। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अमर रेजिमेंट का अपमान करना पोरोशेंको के लिए पहला नहीं है। पिछले साल, उन्होंने कार्रवाई को "यूक्रेन के खिलाफ रूस का संकर युद्ध" कहा। जाहिर तौर पर पेट्र अलेक्सेविच यूक्रेन में राष्ट्रवादियों द्वारा आयोजित मशाल जुलूस के करीब है। यहाँ वे निश्चित रूप से उसके लिए नहीं हैं।
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Monday September 09, 2019, आज भले ही फैशन एंड लॉन्जरी ब्रांड क्लोविया (Clovia) का नया कैंपेन #HappyIsMySuperpower एसिड अटैक सर्वाइवर अनमोल रोड्रिगेज से प्रेरित हो लेकिन, उनका जीवन संघर्ष और दर्द से भरा रहा है। अनमोल केवल दो महीने की थीं जब उनके पिता ने उनकी मां पर एसिड फेंका था। अनमोल की मां एसिड से जलकर मर गई थीं। बेबी अनमोल, उस समय अपनी मां की गोद में ही थीं जब उनके पिता ने मां पर एसिड फेंका था। एसिड अनमोल के चहरे पर भी पड़ा और उनका चेहरा लगभग पूरी तरह जल गया। उनके चेहरे पर हमेशा के लिए ऐसे निशान पड़ गए जो कभी नहीं जाएंगे। वह कहती हैं, अनमोल का पालन-पोषण श्री मानव सेवा संघ अनाथालय में हुआ, जहाँ उन्होंने बिना किसी भेदभाव के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और देखभाल प्राप्त की। स्कूल खत्म होने के बाद जब उन्होंने एक कॉलेज में एडमिशन लिया, तो चीजें एक अलग मोड़ लेने लगीं। वे याद करते हुए कहती हैं, जब वह कॉलेज के सेकेंड इयर में आईं, तो काफी डिप्रेस रहने लगीं। इसके अलावा वे ज्यादातर अनाथालय में रहने लगीं। वह कहती हैं, "जब अनाथालय के अधिकारियों को मेरे रिजल्ट्स मिले, तो वे बहुत आश्चर्यचकित थे क्योंकि मैं अकैडमिक्स में बहुत अच्छी थी और हमेशा अपने क्लास में टॉप रहती थी। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या दिक्कत है, लेकिन मैं उन्हें अपनी इस समस्या के बारे में नहीं बता सकी।" अनाथालय ने एक ट्यूटर को हायर किया, जिसने न केवल अनमोल को अकैडमिक्स पढ़ाई, बल्कि उन्हें यह एहसास दिलाया कि उन्हें अपने जीवन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए बजाय इसके कि लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं। अनमोल ने अपना बैचलर कंप्यूटर एप्लीकेशन्स में पूरा किया। जिसके बाद उन्हें एक निजी कंपनी में जॉब भी मिल गई। वह कहती हैं, अनमोल ने दूसरी नौकरी पाने की बहुत कोशिश की। इस दौरान, उन्होंने कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइन अप किया और अपनी तस्वीरों को पोस्ट करना शुरू कर दिया, खासकर फेसबुक पर। वह कहती हैं, लोगों ने उनकी ऑनलाइन काफी सराहना की थी, लेकिन ऑफलाइन बहुत ज्यादा काम नहीं हो रहा था। हालाँकि, अनाथालय के लोगों ने उनका सपोर्ट किया, लेकिन वह 18 साल की होने के बाद अब वहां नहीं रह सकती थीं। वह कहती हैं, समाज को कुछ वापस देने के लिए, अनमोल ने एसिड अटैक सर्वाइवर्स की मदद के लिए एक एनजीओ की भी स्थापना की। लेकिन उन्हें अपने पार्टनर्स के साथ मतभेदों के बाद मूव आउट होना पड़ा। आज, वह किनीर (Kineer) नामक एक संगठन के लिए काम करती हैं जो LGTBQ अधिकारों की दिशा में काम करता है। क्लोविया के साथ उनका कैंपन उनके लिए वो एक कदम है जो वह अपने जीवन से चाहती हैं। कई ब्रांडों ने सोशल मीडिया पर अनमोल की उपस्थिति पर ध्यान दिया है और इसका नतीजा ये निकला है कि कुछ ने उन्हें अपने ब्रांड के एंडोर्समेंट के लिए भी साइन किया है। अनमोल क्लोविया की हाल ही में लॉन्च की गई नाइटवियर का चेहरा हैं, जिसके साथ ब्रांड ने एक कोट-प्रिंट किया है "यह आधुनिक भारतीय महिला को उसके वास्तविक स्व को मुक्त करने के लिए प्रेरित करती है"। क्लोविया की संस्थापक और सीआरओ नेहा कांत कहती हैं, "हम मानते हैं कि यह केवल लॉन्जरी बेचने के बारे में नहीं है; हमारे लिए जो मायने रखता है वो है साहसी महिलाओं की पहचान करना और उनकी सराहना करना। हम, क्लोविया में, हमेशा महिलाओं को वर्जनाओं से मुक्त होने और उन्हें वास्तव में गले लगाने के लिए प्रोत्साहित करने में विश्वास करते हैं। इसलिए मुझे लगता कि अनमोल से बेहतर कोई और हमारे आदर्श वाक्य 'हैपीनेस इज माय सुपरपावर' की बेहतर एम्बेसडर नहीं हो सकती है।" अनमोल का मानना है कि समाज से स्वीकृति सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह कहती हैं, "रोजगार के अधिक अवसर होने चाहिए ताकि हम जैसे लोग एक सभ्य जीवन जी सकें। उन्होंने जीवन में बहुत सारे आघात झेले हैं, इसलिए उनके साथ सहानुभूति रखने के बजाय उन्हें अपने पैरों पर खड़े होने में मदद करें।" अनमोल आत्मविश्वास और गरिमा के साथ जीवन व्यतीत करती हैं और आशा है कि एक दिन लोग उन्हें बतौर एक्टर पहचान देंगे। वे कहती हैं, "मुझे उम्मीद है कि लोगों की मानसिकता बदल जाएगी और मैं 70 मिमी स्क्रीन पर खुद को देख सकूंगी।"
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श्रीनगर। सेना ने जम्मू कश्मीर के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तीन आतंकवादियों को मार गिराने के साथ ही घुसपैठ की कोशिश बुधवार को नाकाम कर दी। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सैनिकों ने कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधि देखने के बाद घुसपैठियों को ललकारा। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है। इससे पहले उत्तरी कश्मीर के बांदीपुरा जिले के हज्जन थाने के पास स्थित सेना के एक शिविर पर मंगलवार रात को आतंकवादियों ने हथगोले फेंके। आतंकवादियों ने दो तरफ से थाने से सटे शिविर पर हथगोले फेंके। उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को दो टूक शब्दों में कहा कि रमजान के दौरान अभियान रोकने के सरकार के निर्णय ने सेना के हाथ नहीं बांधे हैं और सीमापार से उकसावे की हर कार्रवाई का करारा जवाब दिया जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय की चार साल की उपलब्धियों की जानकारी देने के लिए बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाबों में कहा कि रक्षा मंत्रालय रमजान के दौरान अभियान रोकने के सरकार के निर्णय का सम्मान करता है और उसका पालन भी करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निर्णय में सेनाओं को सीमाओं की रक्षा करने से नहीं रोका गया है और इसमें यह व्यवस्था है कि यदि उकसावे की कार्रवाई होती है तो उचित जवाबी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि उकसावे की हर कार्रवाई का करारा जवाब दिया जाएगा।
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हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों को हर दो घंटे में भरे हुए और खाली बेड की संख्या अपडेट करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि ऐसा करना मुश्किल नहीं है। हाईकोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के अस्पतालों को हर दो घंटे में भरे हुए और खाली बेड की संख्या अपडेट करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि ऐसा करना मुश्किल नहीं है। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि अस्पताल ऑक्यूपेंसी और दाखिले के रियल टाइम रिकॉर्ड को बनाए रखें और इसलिए उनका दिल्ली सरकार या उसके नोडल अधिकारियों से इस बारे में संवाद करना मुश्किल नहीं होगा। एमिकस क्यूरी और वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव ने कहाकि अस्पताल प्रबंधक स्टॉफ की कमी के चलते खाली बेड के रियल टाइम अपडेट नहीं करने का तर्क रख रहे है। अदालत ने इस तर्क को नकारते हुए कहा कि हम उन्हें हर दो घंटे में अपडेट करने का निर्देश देते हैं। बेड के मुद्दे पर वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा यहां के अस्पतालों में दिए जाने वाले बेड की संख्या 4,091 से घटकर 3,861 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल जब मामलों की संख्या अब की तुलना में चार गुना कम थी, तब केंद्र ने लगभग इतने ही बेड दिए थे। उन्होंने दावा किया कि यहां केंद्र सरकार के अस्पतालों में सैकड़ों बेड ऐसे हैं जो अनुपयोगी पड़े हुए हैं। अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए मुद्दे की जांच करे और दिल्ली के लिए आवंटित बेड की संख्या को श्रेणीनुसार पेश करे। सुनवाई के दौरान राव ने कहा कि दिल्ली में कारोना से निपटने के लिए वेबसाइट पर खाली और कब्जे वाले बेड के डेटा का अपडेशन और संबंधित एप्स को अगर रियल टाइम में नहीं तो दिन में कम से कम तीन बार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपडेट किए गए नंबरों से यह भी बताना चाहिए कि प्रत्येक अस्पताल में वेटिंग लिस्ट में लोगों की संख्या कितनी है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
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बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक अपनी एक्टिंग और खूबसूरती का जलवा बिखेरने वाली एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) अक्सर अपने स्टाइल को लेकर सुर्खियों में रहती हैं. हालांकि, कई बार उन्हें अपने बोल्ड लुक की वजह से सोशल मीडिया पर बुरी तरह से ट्रोल भी किया जाता है. ऐसा ही उनके साथ फिछले साल के बाफ्ता अवॉर्ड के दौरान हुआ था जिसमें पीसी ने एक से बढ़कर एक डिजाइनर ड्रेस पहन फैंस को हैरान कर दिया. वहीं, इस मौके पर प्रियंका ने एक ड्रेस ऐसी भी पहनी जिसके साथ एक्ट्रेस कुछ ज्यादा ही एक्सपेरिमेंटल हो गईं. बिना ब्रा पहने ही पीसी ने इस बोल्ड ड्रेस को कैरी किया. दरअसल, ये वीडियो अप्रैल 2021 बाफ्ता अवॉर्ड की है. इस अवॉर्ड फंक्शन में प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) ने हद से ज्यादा बोल्ड ड्रेस पहनी हुई थी. उस वक्त पीसी की कई हॉट तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. वहीं, फंक्शन में जिसने भी उन्हें देखा वो देखता ही रह गया. लेकिन एक्ट्रेस का लुक उन्हीं पर भारी पड़ गया था. आप वीडियो में देख सकते हैं कि इंटरव्यू के दौरान पूरे टाइम प्रियंका चोपड़ा अपनी ड्रेस की वजह से काफी अनकंफर्टेबल नजर आ रही थीं. उन्होंने बातचीत के वक्त अपने दोनों हाथों से जैकेट संभाली. बात करें प्रियंका चोपड़ा के लुक के बारे में तो उन्होंने एक गुलाबी रंग के बंदगला एंब्रायडरी जैकेट के साथ व्हाइट कलर की धोती पैंट को पेयर किया था. ब्लैक फुटवियर, परफेक्ट मेकअप और हेयर के साथ प्रियंका (Priyanka Chopra) ने इस लुक को पूरा किया था. लेकिन उनकी जैकेट का फ्रंट पोर्शन पूरा खुला हुआ था. भले ही प्रियंका इस लुक में गजब ढा रही थीं लेकिन लोगों ने उन्हें अपने कपड़ों के लिए सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किया. खैर, बात करें पीसी के वर्कफ्रंट की तो एक्ट्रेस जल्द ही कैटरीना कैफ (kATRINA kAIF) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) के साथ फरहान अख्तर की फिल्म 'जी ले जरा' (Jee Le Zaraa) में नजर आएंगी. इस फिल्म पर अगले साल से काम शुरू हो जाएगा.
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में मौज उड़ा रहा है । लक्ष्मण, तुम उसके पास जाओ, क्या वह पुनः हमारे बाणों के तेज से किष्किन्ध्या को चमकाना चाहता है ?" "न स सङ्कुचितः पन्था येन वालो हतो गतः ।" "जिस रास्ते से बाली बघ होकर गया है वह मार्ग बंद नहीं हो गया है । " उससे कहना कि वह समय देखकर काम. करे जिससे बाली के रास्ते होकर न जाना पड़े।" इतना कहकर उन्होंने लक्ष्मण से यह भी कह दिया कि, "सुग्रीव से सूखे और अप्रिय वचन न कह कर मीठी बातें ही करना ।" यथार्थ ही में सुग्रीव ग्राम्य-सुख में आसक हो तारा, रुमा और अन्य ललनाओं से परिवृत हो रहा था । मद से विह्वल अङ्ग और मद्यपान से अरुण नेत्र हुआ सुग्रीव रात को दिन और दिन को रात समझ कर बिता रहा था, यहां तक कि लक्ष्मण के धनुष की भीषण टंकार और बानरों का कोलाहल उसके कानों तक भी नहीं पहुंचा । अङ्गद के सब हाल कहने पर सुग्रीव बोला, "हमने तो कोई बुराई नहीं की है । फिर रामचन्द्र के भाई लक्ष्मण क्यों क्रोध करते हैं ? हम लक्ष्मण वा राम किसी से ज़रा भी नहीं डरते, हमें केवल इस बात की आशङ्का है कि कहीं मित्र का नारा न हो जाय । - "सर्वथा सुकरं मित्र दुष्करं प्रतिपालनम् ।" "मित्रता करना तो सहज है पर निभाता बड़ा कठित है।" किन्तु हनुमान ने सुग्रीव को उसका अपराध इस प्रकार समझा दिया कि- "श्याम सप्तच्छद् के वृक्ष पुष्पिते ओर पल्लवित हो गये हैं और निर्मल आकाश से बकबूटियाँ उड़
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से अध्ययन-मनन किया जायगा तो ज्ञान के कई रत्न उपलब्ध हो सकेंगे। महावीर वाणी अनन्त ज्ञान और अनन्त शक्ति से उद्भूत वाणी है तथा इसको जो भी गभीरतापूर्वक आत्मसात् कर लेता है, वह भी अनन्त ज्ञान एव अनन्त शक्ति का स्वामी बन सकता है। विकास सूत्रो से परिपूरित यह वाणी ऐसी अमूल्य है कि इसे जीवन मे उतार कर आत्मा परमात्म पद तक पहुँच सकती है। आत्म विकास के पथ पर शान्ति और आनन्द कहाँ ? क्या आज की दुनिया सुखी बनना चाहती है ? क्या वह सच्चा आनन्द लेना चाहती है ? ज्ञानी और सन्त जन बतलाते हैं कि इस महावीर वाणी मे अपार आनन्द भरा हुआ है। यह महावीर वाणी ही वीतराग वाणी है - जिन्होने अत्यत कठिनाई से त्याज्य राग को भी समाप्त कर दिया उन आप्त पुरुषो की वाणी है। इस वाणी की - इसके गूढ ज्ञान की क्या किसी से तुलना की जाय ? इस वाणी से जागृति ग्रहण करके जो आत्म विकास के पथ पर चल पडता है, वह उत्कृष्टता की सीमा पर पहुँच कर सच्ची शान्ति और सच्चे आनन्द को प्राप्त कर लेता है। सिवाय वीतराग वाणी के आत्म विकास के पथ पर शान्ति और आनन्द कहाँ ? महावीर वाणी के अमृत को जो अपनी आत्मा के कण-कण मे रमा लेता है, वह एक जन्म के क्या जन्म-जन्मान्तरो के दखों को नष्ट कर देता है। इस बात को लेकर मेरे भाई कभी शास्त्रों को लेकर बैठ जाते हैं और उनका अध्ययन करते उनको कठस्थ भी कर लेते हैं। फिर किसी से पूछे कि क्या तुम्हे शान्ति मिली ? वह उत्तर देगा मैंने शास्त्रो को कठस्थ भी कर लिया, फिर भी जो शान्ति चाहता था वह नही मिली - जिस उल्लास को पाने के लिये मन आतुर था, वह उल्लास नहीं आया। जानते हैं, ऐसा क्यों हुआ ? जिस विधि से शास्त्रों का अध्ययन करना चाहिये, उस विधि से जब तक उनका अध्ययन नहीं किया जायगा, तब तक वाछित शान्ति और उल्लास की प्राप्ति नहीं हो सकेगी। कठस्थ करने से ही शास्त्राध्ययन नहीं हो जाता है। शास्त्रो के अर्थ की गहनता मे जाना चाहिये तथा चिन्तन के माध्यम से खोज करनी चाहिये कि मूल तत्त्व कहाँ और किस रूप में छिपा हुआ है ? यह ज्ञान की ऐसी विशाल निधि है, जिसका उद्घाटन बडे-बडे आचार्य भी नहीं कर पाये। ठाणाग सूत्र की टीका आरम करते हुए टीकाकार ने लिखा है कि मेरे पूर्व पुरुष इस सूत्र का उद्घाटन नहीं कर पाये, वे डरते रहे लेकिन मैं साहस करके घृष्टता करके इसका उद्घाटन कर रहा हूँ। कहने का तात्पर्य यह है कि शास्त्रो का भाव, भाषा व शैली को समझकर उनके गूढार्थ मे गहरे उतरने वाले विरले ही मिलते हैं। इसी कारण सामान्य दृष्टि से शास्त्र दूर पडते जा रहे हैं एवं आत्म अपने को समझे 114 विकास का सच्चा ज्ञान अबोध होता जा रहा है। परिणामस्वरूप जीवन की वृत्तिया बिखर रही है तथा मन चचल बनकर भटक रहा है। सामान्य जन त्राहिमाम् त्राहिमाम् कर रहे हैं। जहाँ कल्पवृक्ष के समान महावीर वाणी है, विधि एव विवेक के अभाव मे उसका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है यह वैसा ही है जैसा कि पानी पास में होते हुए भी प्यासे मरना। महावीर वाणी के अनुसार आत्म विकास के पथ पर चलें तो शान्ति और आनन्द का पार नहीं है। महावीर वाणी के चार मुख्य मुद्दे वैसे तो महावीर प्रभु ने ससार, आत्मा तथा परमात्मा के स्वरूप पर अनेकानेक सिद्धान्तों को स्पष्ट किया है तथा सारी प्रक्रियाओं का सूक्ष्मता से विवेचन किया है, किन्तु यहाँ अति सक्षेप मे चासनी के तौर पर महावीर के चार मुख्य मुद्दों पर हल्की सी रौशनी डाले जिससे यह ज्ञात हो सके कि यह वाणी कितनी रत्नगर्भा है ? ये चार मुख्य मुद्दे ले रहे हैं - कर्मवाद, अपरिग्रह, अहिसा तथा अनेकान्तवाद । कर्मवाद का सिद्धान्त बहुत ही गहरा सिद्धान्त है। इसके माध्यम से ससार मे जड चेतन के स्वरूप, कर्मबध, उदय एव क्षयोपशम की प्रक्रिया तथा मोक्ष के लक्ष्य का गभीर अध्ययन हो जाता है। इसको सरलता से समझिये कि ससार में केवल दो तत्त्व है जड और चेतन - अजीव और जीव । ससार मे जो हलन चलन और रौनक दिखाई देती है वह जड और चेतन के सम्मिलन से । कोरा जड तो निर्जीव होता है लेकिन चेतन के साथ लग कर वह क्रियाशील हो जाता है। कार्मण वर्गणा के पुद्गल - कर्म जड होते हैं जो आत्मा की शुभता और अशुभता के अनुसार उससे सलग्न हो जाते हैं तो उनके फलस्वरूप आत्मा शरीर धारण करती है। जीव और अजीव मिलते हैं तो यह जीव के लिये बन्धन होता है । उनकी सक्रियता से कर्मों का बध होता है। बध शुभ हुआ तो वह पुण्य तथा अशुभ हुआ तो पाप हाता है। आश्रव की प्रक्रिया से कर्म आते हैं तो सवर से वे रोके जा सकते हैं। निर्जरा के माध्यम से कर्मों का उपशम और फिर क्षय भी होता है। कर्मों के सपूर्ण क्षय के साथ ही जड से चेतन मुक्त हो जाता है हो जाता है - बन्धन से बन्धन से छूट जाता है - यही मोक्ष है। मोक्ष को ही आत्मा का लक्ष्य माना गया है तथा जब आत्मा मोक्ष पा लेती है तो वह परमात्मा बन जाती है। आत्मा बन्धनो से छूटेगी तो कैसे ? उसका सबसे बडा बन्धन होता है ममता का । ममता याने मोह और मोहनीय कर्म को आठो कर्मों का राजा कहा है। यही कर्म बहुत चिकना होता है। ममता मूर्छा होती है और मूर्छा का ही नाम परिग्रह है। मुच्छा परिग्गो मूर्छा ही परिग्रह है और अगर मूर्छा न रहे तो सारा द्रव्य परिग्रह सोना चादी धन सम्पत्ति आदि धूल बराबर हो जाता है। इसीलिये अपने को समझे 115
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यमुनानगर - हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवरपाल ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित मोर्चा जिला यमुनानगर द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा का शहीद उधम सिंह को नमन करके व उनकी प्रतिमा पर फूल माला चढ़ाकर शुभारंभ किया। विधानसभा स्पीकर कंवरपाल ने इस अवसर पर कहा कि तिरंगा यात्रा से युवाओं में देशभक्ति की भावना बढ़ती है। भाजपा एक राष्ट्रवादी सोच की पार्टी है और देश के लिए जिन शहीदों ने अपनी शहादत दी है, उनको पूरा हिंदोस्तान नमन कर रहा है। एससी मोर्चा जिला यमुनानगर के अध्यक्ष ऋषिपाल इंजीनियर ने कहा कि पूरे हरियाणा में भाजपा एससी मोर्चा जिला यमुनानगर ने सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली है। जिला अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों की भलाई के लिए कल्याणकारी योजनाएं चलाई हुई हैं। तिरंगा यात्रा पंचायत भवन यमुनानगर से शुरू होकर हुड्डा सेक्टर-17, सेक्टर-18, रामपुर चौंक, अग्रसेन चौंक, बुडि़या चुंगी चौक, समता योग आश्रम, उधमगढ़, मानकपुर, पंजेटों, छछरौली, तीन कोनी चौक, रेस्ट हाउस, दीप मार्केट, शेरपुर मोड़, चुहड़पुर, ऊर्जनी, पिपली माजरा होते हुए खिजराबाद पहुंची। खिजराबाद में तिरंगा यात्रा का भव्य स्वागत आढ़ती अनिल अग्रवाल ने किया व इसके उपरांत तिरंगा यात्रा खिजराबाद से लेदी व बिलासपुर होती हुई जगाधरी में संपंन्न हुई। इस दौरान तिरंगा यात्रा में अशोक गुर्जर, रेणु बाला, मुदित बंसल, काला राम, संजीव फेरुवाला, कुलदीप राणा, कपिल मनीष गर्ग, सोनु मुजाफत, कर्मचंद, धर्मवीर, तारा चंद, रामेश्वर दास व जिला यमुनानगर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे। विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं ? भारत मैट्रीमोनी में निःशुल्क रजिस्टर करें !
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गोंदिया. तहसील के भागोटोला से मुर्री मार्ग का निर्माण 3 वर्ष पूर्व किया गया था. लेकिन देखरेख व मरम्मत के अभाव में यहां सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे होकर पूरा मार्ग गड्ढों में तब्दील होकर इस मार्ग से गुजरने वाले वाहन चालकों को अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है. लेकिन लोक निर्माण विभाग इस मार्ग की मरम्मत की ओर अनदेखी कर रहा है. जिससे नागरिकों में प्रशासन के लचर कामकाज को लेकर भारी रोष व्याप्त है. उल्लेखनीय है कि भागोटोला से मुर्री यह चार किमी का मार्ग है. गत तीन वर्ष पूर्व इस मार्ग का डामरीकरण किया गया था. लेकिन तीन साल में ही सड़क पूरी तरह से उखड़ गई है. चार किमी रास्ते का जगह-जगह डामर निकलकर गड्ढे पड़ गए है. कुछ जगह सड़क की हालत इतनी खराब है कि, वाहन कहां से निकाले? ऐसा प्रश्न उपस्थित हो जाता है. भागोटोला-मुर्री मार्ग से दिन रात भारी वाहनों का आवागमन लगा रहता है. वहीं परिसर के गांवों के लोग भी इसी मार्ग से आवागमन करते है. पिछले माह इस गड्ढों के कारण ट्रक ने दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी. जिसमें तीन लोगो की मौत हो गई थी. इस मार्ग की जल्द से जल्द मरम्मत करने की मांग की जा रही है. चार किमी मार्ग की हालत दयनीय हो गई है. बारिश के दिनों में लोगो की समस्या और बढ़ जाती है. आगामी कुछ दिनों में बारिश शुरू होगी. ऐसे में इस बार भी नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अनेक बार सड़कों पर फिसलन बढ़ जाती है. जिससे हादसों का डर बना रहता हैं.
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भारतीय शेयरों की वैल्यू इस वर्ष अब तक तकरीबन 11% गिरकर 247. 76 लाख करोड़ रुपए रह गई. इस बीच करीब 300 शेयर ऑल-टाइम हाई से 50% नीचे आ गए. वैल्युएशन के हिसाब से दुनिया के टॉप-10 शेयर बाजारों में ये सबसे बड़ी गिरावट है. इसके उलट पूरे विश्व के अन्य बड़े बाजारों का मार्केट-कैप 9% तक बढ़ा है. बीते दो हफ्तों में सेंसेक्स और निफ्टी 5. 5% से अधिक टूटे हैं. फरवरी में भी इन बेंचमार्क सूचकांकों में 6% से अधिक गिरावट आई थी. 2023 में अब तक सेंसेक्स 5. 4% और निफ्टी 6. 3% टूट चुके हैं. इस वर्ष अब तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में करीब 22,200 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं. 2022 में इन्होंने 1. 40 लाख करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की थी. बहरहाल शुक्रवार को सेंसेक्स 355 अंक चढ़कर 57,990 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 114 अंकों की तेजी के साथ 17,100 के स्तर पर रहा. रुपए में मजबूती और कच्चे ऑयल के मूल्य घटने से सेंटिमेंट मजबूत हुआ. - कुछ महीने पहले तक अन्य बाजारों के मुकाबले भारतीय शेयर काफी महंगे थे. ऐसे में शेयर बेचकर विदेशी निवेशकों ने फायदा कमाया. - चीन जैसे दूसरे बाजारों में विदेशी निवेशकों के लिए बड़े पैमाने पर शेयर बेचकर पैसा वापस ले जाना कठिनाई है. हिंदुस्तान में ऐसा नहीं है. - विदेशी प्रमोटर भारतीय कंपनियों में हिस्सा बेच रहे हैं. मसलन मदरसन सुमी के जापानी प्रमोटरों ने इस सप्ताह 40 वर्ष बाद शेयर बेचे. इस वर्ष अब तक 92 शेयरों में ऑल-टाइम हाई से 75% गिरावट आई. 66 शेयर 80% से भी अधिक टूटे हैं. एलकेपी सिक्युरिटीज के मुताबिक, सभी सेक्टरों के शेयर गिरे हैं. पावर सेक्टर अपवाद रहा. एलकेपी सिक्युरिटीज के रिसर्च हेड एस। रंगनाथन ने बोला कि अभी किसी सकारात्मक संकेत की आशा नहीं है. 15 जून से मानसून प्रारम्भ होगा. यदि मौसम अल-नीनो से प्रभावित नहीं हुआ और सामान्य बारिश की आसार बनी तो शेयर बाजार का ट्रेंड पलट सकता है. (मार्केट-कैप लाख करोड़ रुपए में, सोर्सः ब्लूमबर्ग) शुक्रवार (17 मार्च) को भारतीय शेयर बाजार में भी बढ़त देखने को मिली थी. सेंसेक्स 355 अंक या 0. 62% मजबूती के साथ 57,989 पर बंद हुआ. सेंसेक्स के 30 में से 21 शेयरों में बढ़त और 9 में गिरावट रही. वहीं निफ्टी भी 139 अंक से चढ़ा था, यह 17,125 के स्तर पर बंद हुआ.
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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि स्वाईन फ्लू के उपचार के लिये अधिकृत अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में टेमी फ्लू दवाई उपलब्ध करवायी जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने यह निर्देश आज मंत्रालय में स्वाईन फ्लू पर नियंत्रण के लिये गठित समन्वय समिति की बैठक में दिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दवाइयों की उपलब्धता के संबंध में बैठक से ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे. पी. नड्डा से भी बात की। बैठक में मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधिकृत अस्पतालों में स्वाईन फ्लू के इलाज के लिये आने वाले हर मरीज के लिये पुख्ता व्यवस्था हो। यदि मरीज में स्वाईन फ्लू के लक्षण दिखायी दें तो तत्काल उपचार प्रारंभ करें। स्वाईन फ्लू से निपटने के लिये निजी और शासकीय अस्पताल मिलकर एक टीम के रूप में काम करें। मानवीय दृष्टिकोण से काम करें और मिलकर स्थिति पर नियंत्रण रखें। मरीजों के सेम्पल के परिणाम सीधे संबंधित अस्पतालों को भेजे जायें। अस्पतालों में दवाइयों का निर्धारित मात्रा में भंडारण रहे। स्वाईन फ्लू के उपचार की प्रतिदिन समीक्षा की जाये। उपचार में लगे अस्पतालों के सपोर्टिंग स्टाफ को पी. पी. ए. किट और मास्क उपलब्ध करवाये जायें। बैठक में बताया गया कि स्वाईन फ्लू के उपचार के लिये अधिकृत अस्पतालों में टेमी फ्लू दवा पर्याप्त मात्रा में रखवायी जा रही है। सभी अधिकृत केंद्रों पर आने वाले मरीजों का परीक्षण किया जा रहा है। तेज धूप निकलने पर बीमारी का प्रभाव कम होता जायेगा। बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री अजय तिर्की, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित निजी चिकित्सा संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स कॉर्पोरेशन इन दिनों भारत में विस्तार की राह पर है। कंपनी लगातार नए उत्पाद उतार रही है और छोटी कारों के बाजार में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर भी जनरल मोटर्स तमाम चुनौतियों से लड़ने के लिए कई रणनीति अपना रही है। कंपनी के अध्यक्ष और मुख्य परिचालन अधिकारी फ्रित्ज ए हेंडरसन से ऋषभ कृष्ण सक्सेना ने इन्हीं मसलों पर बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश : पिछले दिनों कहा गया था कि जनरल मोटर्स कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी नहीं रहेगी। जापान की कंपनी टोयोटा उससे यह जगह छीनने वाली है। इस बारे में आपने क्या सोचा है? इस तरह की गिनती में हम यकीन नहीं करते। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी होने के बजाय हमें हर देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड बनने में दिलचस्पी है। हम एक के बाद एक बाजार में ज्यादा हिस्सेदारी पर नजर गड़ा रहे हैं। इसलिए टोयोटा या किसी भी दूसरी कंपनी से हमें कोई वास्ता नहीं। आपके कहने का मतलब है कि इस फेहरिस्त में बहुत पिछड़ने पर भी आपको अफसोस नहीं होगा? बाजार में ज्यादा हिस्सेदारी अपने आप हमें पहले नंबर पर कायम रखेगी। दरअसल हम मुनाफा कमाने के लिए बाजार में उतरे हैं। हमें राजस्व, मुनाफा और नकदी प्रवाह से मतलब है। हमारा मकसद किसी फेहरिस्त में पहले नंबर पर रहना नहीं, बल्कि वित्तीय सफलता हासिल करना है और इस मकसद में हम कामयाब हो रहे हैं। लेकिन अमेरिका, जहां आपकी तूती बोलती थी, की हालत तो अच्छी नहीं है। आपको इस बार वहां कितनी बिक्री की उम्मीद है? हाउसिंग, क्रेडिट और तेल संकट के बीच हमें नहीं लगता कि हम 1. 6 या 1. 5 करोड़ वाहन बेच पाएंगे। इस बार बिक्री का आंकड़ा 1. 4 करोड़ के आसपास रहने की उम्मीद है। भारत से आपको इस साल क्या उम्मीद है? हमारे लिए भारत बेहद अहम बाजार है। हमें उभरते बाजारों से बड़ी उम्मीद है। खास तौर पर भारत, चीन, रूस और ब्राजील हमारे लिए ज्यादा महत्त्वपूर्ण हैं। भारत को हम धीरे-धीरे एशिया में अपना बड़ा केंद्र बनाने पर काम कर रहे हैं। यहां के बाजार में हमारी 4 फीसद हिस्सेदारी है और इसमें अच्छा खासा इजाफा किया जाएगा। इसके लिए आप कौन से रास्ते अख्तयार कर रहे हैं? सबसे पहले तो हम भारत के मुताबिक उत्पाद उतार रहे हैं। मिसाल के तौर पर टवेरा को ही लीजिए। यह पूरी तरह भारत की सड़कों के लिए बनाई गई है। तालेगांव का हमारा संयंत्र आप जानते ही हैं। हम उसमें विस्तार भी कर रहे हैं। आने वाले कुछ समय में भारत से हम बड़ी तादाद में कारें निर्यात भी करेंगे। तेल की कीमतें बढ़ रही हैं। ऐसे में कार निर्माताओं के सामने क्या चुनौतियां हैं? सबसे बड़ी चुनौती तो तेल की कीमत ही है। मुझे लगता है कि कीमतों में चढ़ाव का यह दौर लंबा चलेगा। हमें वैकल्पिक ईंधन का सहारा लेना पड़ेगा। इस पर हम शोध कर रहे हैं। आपको भविष्य में किस तरह के वैकल्पिक ईंधन की संभावना नजर आ रही है? जनरल मोटर्स तो तमाम तरह के विकल्पों का एक साथ इस्तेमाल पसंद करती है। हम इलेक्ट्रिक कार के बारे में सोच रहे हैं और एथेनॉल या फ्यूल सेल के बारे में भी। मुझे लगता है कि हर देश में अलग-अलग ईंधन के लिए जगह होगी। मिसाल के तौर पर यूरोप और अमेरिका में एथेनॉल को पेट्रोल की जगह इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन ब्राजील में ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि वहां वहां एथेनॉल गन्ने से बनता है और चीनी भी, जो वहां की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद अहम है। इसी तरह भारत में जैट्रोफा पर काम हो रहा है। हमर ब्रांड की बिक्री की बात कहां तक आगे बढ़ी है? यह सौदा कब तक पूरा हो जाएगा? अभी कई कंपनियों से बात चल रही है। हम यह काम जल्द पूरा करना चाहते हैं, लेकिन कुछ वक्त तो लगेगा। इस ब्रांड को कंपनी क्यों बेचना चाहती है? इससे हमें मुनाफा नहीं हो रहा था और जिससे मुनाफा न हो, जनरल मोटर्स को उससे कोई मतलब नहीं होता। इससे मिली रकम का इस्तेमाल कहीं और होगा और लागत भी कम होगी, जो हमारी प्राथमिकता है। लागत कम करने के लिए आप और क्या कर रहे हैं? हम अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रहे हैं। वेतन और भत्ते कम हुए हैं। प्रौद्योगिकी बेहतर कर लागत कम की जा रही है। इसके जरिये हम 1,000 करोड़ डॉलर बचाएंगे। इसके अलावा हमर ब्रांड और दूसरी संपत्तियों की बिक्री से 500 करोड़ डॉलर बचाए जाएंगे।
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रूस के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पूर्वी दोनेत्स्क क्षेत्र में यूक्रेन के रॉकेट हमले में उसके 63 सैनिक मारे गए हैं। रूस के नियंत्रण वाले दोनेत्स्क क्षेत्र में उस जगह रॉकेट हमला हुआ, जहां रूसी सैनिक तैनात थे। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यूक्रेन की ओर से हिमार्स प्रक्षेपण प्रणाली द्वारा छह रॉकेट दागे गए, जिनमें से दो को रूसी बलों ने नष्ट कर दिया। रूस भी यूक्रेन पर मिसाइलों से जवाब दे रहा है। जानकारी के मुताबिक अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई इस प्रणाली का उपयोग करते हुए हमले कर यूक्रेनी बल प्रमुख लक्ष्यों को निशाना बनाने में सफल हो रहे हैं, जिसे रूस के लिए नया झटका माना जा रहा है। वहीं, रूस ने मिसाइल हमले जारी रखते हुए यूक्रेन के कई इलाकों को निशाना बनाने के लिए बीती रात कई ड्रोन भेजे। यूक्रेनी अधिकारियों ने सोमवार को दावा किया कि कई हमलावर ड्रोन को मार गिराया गया है। इन ड्रोन हमलों के साथ ही क्रेमलिन ने नागरिक बुनियादी ढांचे को लक्षित करने और अपने आक्रमण के लिए यूक्रेनी प्रतिरोध को कम करने के उद्देश्य से बमबारी का उपयोग करने की अपनी रणनीति में कोई कमी नहीं होने का संकेत दिया। ड्रोन हमलों की यह बौछार साल के अंत में लगातार होने वाले हमलों की श्रृंखला में नवीनतम थी। इससे पहले नए साल की पूर्व संध्या पर हमलों में तीन नागरिकों की मौत हो गई थी। कीव के मेयर विटाली क्लिट्सको ने सोमवार सुबह कहा कि वायु रक्षा बलों के अनुसार, 40 विस्फोटक ड्रोन रात में कीव की ओर बढ़े और उन सभी को नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कीव में 22, बाहरी कीव क्षेत्र में तीन और पड़ोसी प्रांतों में 15 ड्रोन नष्ट किए गए। रूस अक्टूबर से लगभग साप्ताहिक रूप से यूक्रेनी बिजली और पानी की आपूर्ति पर हवाई हमले किए हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर ऊर्जा आतंकवाद का आरोप लगाया है क्योंकि हवाई बमबारी ने ठंड के मौसम में ऊर्जा आपूर्ति को बुरी तरह प्रभावित किया है। रूसी सेना द्वारा दागे गए ड्रोन, मिसाइल और तोप के गोले भी यूक्रेन के कई इलाकों में गिरे।
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मुंबई। ओम राउत (Om Raut) अपनी फिल्म 'आदिपुरुष' को जिस तरह की हाइप देना चाहते थे, उसमें वे सफल हो गए हैं। 'आदिपुरुष' का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। फिल्म की रिलीज में अब केवल दिन है और प्रभास के इस मायथोलॉजिकल ड्रामा के लिए दर्शकों में गजब का उत्साह दिख रहा है। फिल्म के टिकट्स के प्री बुकिंग करोड़ों का आंकड़ा छू चुकी है। बड़े मल्टीप्लेक्स में तो 'आदिपुरुष' के टिकट दर (Adipurush Ticket Price) आसमान छू रहे हैं। वहीं, टिकट को लेकर इतनी मारामारी हो रही है कि कई स्थान से बुकिंग साइट क्रैश होने की जानकारी सामने आ रही है। प्रभास, कृति सेनन, सैफ अली खान, सनी सिंह, सोनल चौहान स्टारर 'आदिपुरुष' पहले ही दिन से लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। फिल्म लगातार सभी के बीच टॉकिंग पॉइंट है। यही कारण है कि फिल्म की रिलीज को लेकर अच्छा खास हाइप क्रिएट हो गया है और हर कोई फिल्म को देखना चाह रहा है। फिल्म के टिकट बुकिंग का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और बड़े शहरों के अधिकांश सिनेमाघरों में बुकिंग फुल हो चुकी है। दर्शकों के बीच फिल्म को लेकर कितना क्रेज है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई जगहों से बुकिंग साइट क्रैश होने की खबरें सामने आ रही हैं। वहीं, कई मल्टीप्लेक्स में टिकट प्राइस में मनमाने ढंग से बढ़ोत्तरी भी देखने को मिल रही है। इस कड़ी में आंध्रप्रदेश गवर्नमेंट ने एक नोटिस जारी किया है, जिसके मुताबिक फिल्म के रिलीज होने के दिन तक केवल 50 रुपये टिकट पर बढ़ाया जा सकता है। राजधानी दिल्ली में टिकट प्राइस में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। खबरों की मानें तो दिल्ली एनसीआर में सबसे अधिक टिकट बिके हैं। बुक माय शो के अनुसार, पीवीआर डायरेक्टर्स कट, एम्बिएंस मॉल में 2200 रुपये में टिकट बिके हैं। वहीं, 2डी हिंदी के दिल्ली पीवीआर : वेगास लक्स, द्वारका में टिकट 2000 रुपये में बिके हैं। दिल्ली में सुबह के शो करीब 700 रुपये के टिकट में बिके हैं। दूसरी तरफ हैदराबाद सिल्वर से लेकर प्लेटिनम तक के टिकट दर की बात की जाए तो वह 250 से 400 रुपये तक है। वहीं, दूसरी मेट्रो सिटीज की बात करें तो सभी जगहों पर 400 रुपये के अंदर टिकट बिक रहे हैं, वहीं रेकलाइनर के लिए कुछ जगहों पर 600 रुपये तक का टिकट है।
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थाना जगदीशपुरा बालाजीपुरम निवासी बलवीर सिंह पुत्र फूल सिंह सदर तहसील में स्टाम्प विक्रेता है। वेडनसडे शाम को वह साढ़े पांच बजे तहसील से निकला तो बाइक पंचर खड़ी थी। वह अपने बैग को बाइक के आगे के हेडिंल पर लटका कर पैदल ही पंचर की दुकान तक पहुंच गया। पंचर सही कराने के बाद साढ़े छह बजे रुई की मंडी चौराहे पर गर्म सॉक्स खरीदने के लिए फैशन स्टोर पर पहुंचा। बलवीर स्टाम्प पेपर और कैश से भरे बैग को बाइक की टंकी पर रख शॉप के अंदर चला गया। दस मिनट में बाहर आया तो बाइक से बैग गायब था। उसने तुरंत थाना शाहगंज में जाकर जानकारी दी। एसओ सुनील यादव ने पंचर दुकान और रुई की मंडी चौराहे पर जाकर पूछताछ की, लेकिन बैग का कोई सुराग नहीं मिला। बलवीर सिंह ने बताया कि ट्यूजडे को ही कलक्ट्रेट स्थित ट्रेजरी विभाग से दो लाख पिच्चयासी हजार रुपए के स्टाम्प पेपर लेकर आया था। उसके पास पहले से भी हजार रुपए के स्टाम्प पेपर रखे हुए थे। बैग में कुल पूरे दिन की बिक्री के साढ़े तीन लाख रुपए और पचास हजार रुपए के स्टाम्प पेपर रखे हुए थे। साथ ही मोहर, रजिस्ट्री और कई नौटरी रखी हुई थीं। कस्टमर को अगर बैक डेट में रजिस्ट्री या फिर नोटरी करानी होती है तो ऐसे में पुराने स्टाम्प पेपर की जरूरत पड़ती है। कुछ स्टाम्प पेपर वेंडर खेल करते हैं। चोरी दिखाकर स्टाम्प पेपर को अपने पास दबाकर रखते हैं। रजिस्ट्री और नोटरी करने वाले एडवोकेट को पता होता है कि किसके पास पुराने स्टाम्प पेपर मिल सकते हैं। ऐसे में वेंडर मुंह मांगी कीमत पर स्टाम्प बेचता है। वेंडर को वीक में दो बार ही ट्रेजरी से स्टाम्प पेपर मिलते हैं। वेंडर को सौ रुपए के स्टाम्प पर एक परसेंट ही मिलता है। ये सरकारी मानक है। लेकिन वेंडर कस्टमर से अपनी तरीके से रेट लगाते हैं। शाहगंज थाने में हर तीसरे दिन धोकाधड़ी का मुकदमा दर्ज होता है। आगरा के 42 थानों की बात करें तो अकेले शाहगंज में सन 2013 में पचास के करीब मुकदमे दर्ज हुए हैं। तहसील होने के कारण आए दिन फर्जीवाड़ा होता रहता है। साढ़े तीन लाख रुपए, पचास हजार के स्टाम्प पेपर और जरूरी डकॅक्यूमेंट रखे होने के बाद भी बाइक की टंकी पर रख शॉपिंग करना वेंडर की लापरवाही सामने आ रही है। जांच कराने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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नयी दिल्लीः दिल्ली सरकार ने अंतर मत वाले (इंटरफेथ) और अंतर जातीय (अलग अलग जातियों के) जोड़ों को उत्पीड़न और धमकियों से बचाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है और ऐसे मामलों को देखने के लिए पुलिस उपायुक्तों की अगुवाई में 'विशेष प्रकोष्ठ' गठित करने का निर्देश दिया है।एसओपी के मुताबिक, सरकार ऐसे जोड़ों को अपने 'सुरक्षित गृहों' में आवास मुहैया कराएगी जिनके रिश्तों का उनके परिवार, या स्थानीय समुदाय या खाप विरोध कर रहे हैं।सरकार ने कहा कि दिल्ली महिला आयोग की मौजूदा टॉल फ्री महिला हेल्पलाइन 181 पर ही अंतर-मत वाले और अंतर जातीय जोड़े धमकी और उत्पीड़न की शिकायत कर सकते हैं और उन्हें यहीं से जरूरी सहायता मिलेगी।समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि टेलीकॉलर को परेशानी बताने वाली फोन कॉल का प्रबंध करने में प्रशिक्षित किया गया है और उन्हें जरूरी सेवाओं की जानकारी है जो परेशानी का सामना कर रहे जोड़े को जरूरी सहायता या सलाह के रूप में उपलब्ध कराई जा सकती है।एसओपी के मुताबिक, जरूरत पड़ने पर उन्हें ऐसी कॉल का प्रबंध करने के लिए और प्रशिक्षित किया जा सकता है।उसमें कहा गया है कि जोड़े को सुनने के बाद संबंधित इलाके के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जो 'विशेष प्रकोष्ठ' के प्रमुख के तौर पर काम करेंगे। वह सारे तथ्य जिलाधिकारी के संज्ञान में लेकर आएंगे और 'सुरक्षित घर' के लिए उनकी जरूरत बताएंगे।इस हफ्ते के शुरू में, कथित अंतर मत शादी की वजह से दक्षिण पूर्वी दिल्ली की हरिजन बस्ती में हिंसा भड़क गई थी। दिल्ली पुलिस ने घटना के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।विभाग ने एसओपी में कहा, " जोड़े को पीएसओ के रूप में पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी और 'सुरक्षित गृह' की सुरक्षा संबंधित डीसीपी द्वारा की जाएगी।"उसमें कहा गया है, " जोड़ा धमकी के बारे में उन्हें बताएं।"अगर जोड़ा 'सुरक्षित गृह' में नहीं रहना चाहता है तो विशेष प्रकोष्ठ उनके रहने के स्थान पर उनपर खतरे की धारणा के अनुसार उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगा।यदि शुरुआती जांच में खतरों की सत्यता का पता चलता है, तो संबंधित डीसीपी, सहायक पुलिस आयुक्त एसीपी या उपमंडल पुलिस अधिकारी को निर्देश देगा कि वे जोड़े को धमकी देने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें।विभाग के मुताबिक, सरकार ने उत्तरी दिल्ली के किंग्सवे कैंप में सरकारी आवासीय क्षेत्र में 'सुरक्षित गृह' स्थापित किया है, जिसमें अधिकतम तीन जोड़े रह सकते हैं।
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र ने ईको पार्क सामुदायिक भवन में पहुॅचकर सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया। कानपुर देहातः मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र ने ईको पार्क सामुदायिक भवन में पहुॅचकर सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन पंकज वर्मा, उप जिलाधिकारी अकबरपुर, राजीव राज, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत अकबरपुर, देवहूति पाण्डेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी आदि सम्बन्धित अधिकारियों निर्देशित किया गया कि दिनांक 26 फरवरी को होने वाले मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम की सभी तैयारिया पूर्ण रखें। किसी प्रकार की कोई लापरवाही न की जाये तथा भव्य तरीके से शादी विवाह कार्यक्रम किया जाये। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में बैण्ड बाजे, टेण्ट, सजावट, नाश्ता, भोजन, सैल्फी प्वाइंट आदि की व्यवस्था भी रहेगी। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही /शिथिलता क्षम्य नहीं की जायेगी। उन्होनें कहा कि शासन द्वारा जो योजना के तहत सामग्री दी जानी है उसे पहले से ही रख ले तथा सभी को उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि होर्डिग, बैनर भी प्रचार प्रसार के लिए लगाये जाये। जिलाधिकारी ने कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करने के भी निर्देश दिये। वहीं जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि दिनांक 26 फरवरी को जनपद में करीब 164 शादी होगी। जिसमें ईको पार्क में लगभग 37 जोडों की शादी की जायेगी। इस मौके पर भूमि संरक्षण अधिकारी अशोक कुमार, जिला उद्यान अधिकारी, तहसीलदार अकबरपुर आदि अधिकारीगण व कर्मचारी उपस्थित रहे। विनोद कुमार पाण्डेय पुत्र स्व. शिवाधार पाण्डेय के द्वारा मा0 राजस्व परिषद में ई-मेल के माध्यम से 09 जनवरी 2021 को शिकायत की गयी कि राजस्व अभिलेखों में उसको मृतक दिखाकर वरासत कर दी गयी है। मा0 राजस्व परिषद से 29. 01. 2021 को कार्यवाही हेतु पत्र प्राप्त हुआ जिसके सम्बन्ध में उप जिलाधिकारी भोगनीपुर द्वारा अवगत कराया गया कि चकबन्दी विभाग की आख्या के अनुसार धारा-9 के प्रकाशन के समय दुरूस्त किया जायेगा। जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र के समक्ष प्रकरण संज्ञान आने पर आज दिनांक 24. 02. 2021 को चकबन्दी अधिकारी को बुलाकर उपरोक्त त्रुटि को तत्काल ठीक कराये जाने के निर्देश दिये गये जिस पर चकबन्दी अधिकारी द्वारा तहसील भोगनीपुर जनपद कानपुर देहात के आधार वर्ष खतौनी फसली सन-1422-1427 के खाता संख्या-348 पर अंकित आदेश नायब तहसीलदार प0क0-11ख मृतक वीरेन्द्र कुमार आत्मज शिव अधार का नाम पृथक करके धीरेन्द्र, रवीन्द्र, बबलू पुत्रगण वीरेन्द्र कुमार व सीताश्री पत्नी वीरेन्द्र कुमार निवासी ग्राम त्रुटिपूर्ण होने के कारण निरस्त करते हुए खाता पूर्ववत्/यथावत् का आदेश पारित कर राजस्वअभिलेख में अंकित करा दिया गया। इस प्रकार मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा0 राजस्व परिषद के निर्विवाद उत्तराधिकार अभियान के अन्तर्गत जीवित व्यक्ति को मृतक दर्शाकर त्रुटिपूर्ण किये गये प0क0-11 के आदेश को लगभग 06 वर्षो बाद दुरूस्त करा दिया गया। उप जिलाधिकारी/चकबन्दी अधिकारी को प्रकरण में दोषी कर्मचारियों के विरूद्व कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश दिये गये। वही मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत दिनांक 26. 02. 2021 को सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी डॉक्टर दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय मे बैठक आहूत की गयी जिसमें मुख्य विकास अधिकारी , सौम्या पाण्डेय, जिलाधिकारी प्रशासन, उप जिलाधिकारी, अकबरपुर, खण्ड विकास अधिकारी, सरवनखेड़ा भूमि संरक्षण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी एवं अन्य सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि मा0 मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत आयोजित विवाह कार्यक्रम में निर्गत शासनादेश का पूर्ण पालन किया जाये तथा कोविड-19 की गाइड लाइन्स का अनिवार्य रूप से पालन किया जाये। जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देशित किया गया कि वर्तमान में कोविड-19 के दृष्टिगत वैवाहिक जोड़ों का विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत जनपद के विभिन्न स्थानीय निकायों में कार्यक्रम कराये जाये और प्रत्येक तहसील के मुख्यालय/स्थानीय निकाय से सम्बन्धित मा0 विधायक व अन्य सम्मानित जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाये। इस हेतु विधायक एवं अन्य सम्मानित जनप्रतिनिधियों को निमंत्रण पत्र भेजकर उनसे व्यक्तिगत रूप से अनुरोध किये जाने के भी निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि मुख्य विकास अधिकारी इस कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु नोडल अधिकारी नामित कर दें जिससे समस्त व्यवस्थायें ससमय पूर्ण होकर वैवाहिक कार्यक्रम गरिमापूर्ण ढंग से सम्पन्न हो सके। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा मा0 मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत दिनांक 26. 02. 2021 को विवाह कार्यक्रम के आयोजन से जिलाधिकारी को संज्ञानित न कराये जाने के सम्बन्ध में उनसे स्पष्टीकरण भी प्राप्त किया जा रहा है।
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बीते दिनों पश्चिम बंगाल के तिलजिला में एक 7 वर्षीय बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई थी। शुरुआती तफ्तीश के आधार पर दावा किया गया कि तांत्रिक गतिविधियों के जाल में फंसाकर बच्ची को मौत के मुंह में धकेला गया है, लेकिन इसे अंतिम सच के रूप में नहीं देखा जा रहा है, क्योंकि मामले को लेकर विभिन्न प्रकार के पहलू प्रकाश में आ रहे हैं, जिसकी जांच करने एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियंक कानूनगो बंगाल गए थे। प्रियंक कानूनगो को अपने दौरे के दौरान भीलवाड़ा में कुल 34 बालिकाओं के लापता होने की जानकारी प्रकाश में आई है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि अतिशीघ्र ही सभी को ढूंढ लिया जाएगा। कानूनगो ने इस दौरान सभी लोगों से पूछताछ की। लेकिन कथित तौर पर किसी ने भी संतुष्टिजनक जवाब नहीं दिया। फिलहाल, सभी बालिकाओं को गुमशुदा मानकर सभी के जांच के निर्देश दिए हैं। प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा कि यूं तो दिल्ली सरकार राजधानी में प्रदूषण को खत्म करने की दिशा में कई कदम उठाने के दावे करती हैं, लेकिन इन दावों का जमीन पर कोई असर नहीं दिख रहा है। जिसका दुष्परिणाम किसी और को नहीं, ,सिर्फ और सिर्फ दिल्लीवासियों को बढ़ते प्रदूषण के रूप में झेलना पड़ रहा है। Pollution: इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। डॉक्टरों के मुताबिक हवा का प्रदूषण सबसे ज्यादा बुजुर्गों और बच्चों पर असर डालता है। अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR ने भी इस मामले में दखल दिया है। आयोग ने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को नोटिस भेजा है। अमेजन पर आरोप है कि वह ऑल इंडिया मिशन को आर्थिक मदद कर रहा है। वह अपनी आय का बड़ा हिस्सा अमेजन को दे रहा है। इसी पर आपत्ति जताते हुए एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने अमेजन को समन जारी किया है। दरअसल, ऑल इंडिया मिशन पर आरोप है कि वे अनाथालय और बच्चों के मदद के नाम पर पहले तो आर्थिक सहायता प्राप्त करता है। शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में सरकारी स्कूलों में दाखिले को लेकर अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। तकरीबन 17 लाख छात्रों ने सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया। उधर, सरकारी स्कूलों का प्रधानाचार्य ने कहा कि सरकारी स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति रूझान बढ़ा है। अपने पहले में पत्र में उन्होंने स्कूल में रिक्त पड़े शिक्षकों के पद को अतिशीघ्र भरने की ताकीद की है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि किसी भी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में प्रधानाचार्य की अहम भूमिका होती है। किसी स्कूल में प्रधानाचार्य की अनुपस्थिति उस स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा की दिशा में नकारात्मक असर डालती है। वहीं, प्रियंक कानूनगो से पूछा गया कि दिल्ली सरकार को उक्त नोटिस जारी करने के पीछे की वजह बताते हुए कहा, ' दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल झूठ बोलते हैं। मुख्यमंत्री ने बीते दिनों में अपने बयान में कहा था कि सड़क पर जो बच्चे हैं, उन्हें अमानव्य तरीके से उठा लिया जाता है।
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1.) वैक्सीनेट लोगों को अब सोशल डिस्टैंसिंग की भी जरूरत नहीं होगी. इस बात की जानकारी अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रीवेंशन (CDC) ने दी है. इ स देश में बेशक बड़ी आबादी को वैक्सीन लग गई हो, लेकिन मास्क पहनना अभी तक अनिवार्य ही था. 2.) गौरतलब है कि नेपाली कांग्रेस और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवाद मध्य) का विपक्षी गठबंधन अगली सरकार बनाने के लिए बहुमत हासिल करने में नाकाम रहा जिसके बाद ओली के एक बार फिर देश का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया था. 3.) ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारी बेहद सावधानी से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं तथा अगर जरूरत पड़ी तो और कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे. उन्होंने संकेत दिया कि सभी लॉकडाउन कदमों को हटाने की रूपरेखा का 21 जून को फिर से आकलन किया जा सकता है. 4.) मा चॉ ने बताया कि पहले उसे और उसकी मां को एक स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां दोनों से अलग-अलग पूछताछ की गई. उसने बताया कि एक पुलिसकर्मी ने मुझे छुआ जिसने मुझसे कहा कि वो मुझे मारकर हमेशा के लिए गायब कर सकता है. 5.) अधिकारियों ने गुरुवार को बताया है कि कैप्सूल शाम करीब 7:11 बजे 'टेरर के सात मिनट' से गुजरेगा. बिल्कुल वैसे ही जैसे इस साल के शुरुआत में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के लिए परसिवरेंस रोवर के आखिरी सात मिनट बेहद अहम थे.
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अच्छी गुणवत्ता वाली टेबल टेनिस ब्लेड और रबड़ सस्ते नहीं हैं, इसलिए यह आपके महंगे पिंग-पोंग पैडल को क्षति से बचाने के लिए कदम उठाने के लिए समझ में आता है। मैंने कई तरीकों को सूचीबद्ध किया है जिनका उपयोग आप अपने पैडल को यथासंभव लंबे समय तक अच्छी स्थिति में रखने में मदद के लिए कर सकते हैं। याद रखें, अपने बल्ले को ठीक तरह से देखें, और यह टेबल पर आपकी देखभाल करेगा! - निर्मित रबड़ संरक्षण पत्रक । ये कठोर प्लास्टिक की चादरें हैं जिन्हें धूल और गंदगी को सतह पर आने से रोकने के लिए, अपने रबड़ की खेल सतह पर रखा जाना है। जुला जैसे कुछ निर्माताओं में इन चादरों को उनके रबड़ (जैसे टैंगो) के साथ शामिल किया गया है, जबकि अन्य निर्माता, जैसे तितली, उन्हें अलग-अलग बेचते हैं। कुछ रबड़ सुरक्षा चादरों में एक तरफ होता है जो थोड़ा चिपचिपा होता है, जिससे यह रबर के करीब घूमता है और एक वायुरोधी मुहर बना देता है। कुछ खिलाड़ियों का दावा है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हवा से संपर्क रबड़ को तेजी से खराब कर देता है, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि मैंने कभी यह देखा है। व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगता है कि यह सुरक्षात्मक चादर को कम कठोर रबरों पर रहने में मदद करने के लिए है। इसके साथ एकमात्र समस्या यह है कि चिपचिपा पक्ष भी धूल और गंदगी लेने के लिए जाता है जब तक कि आप इसे संभालने में बहुत सावधान न हों, इस उद्देश्य को किस तरह से हराया जाता है! ग्रेग के फैसले - रबर सुरक्षा चादरें काफी अच्छी तरह से काम करती हैं, भले ही वे चिपचिपा हों या नहीं। यदि वे आपके द्वारा खरीदे गए रबड़ के साथ आते हैं, तो आगे बढ़ें और उनका उपयोग करें। यदि नहीं, तो उन्हें अलग से न खरीदें, क्योंकि मैं आपको एक मिनट में सस्ता विकल्प दिखाऊंगा। - वैकल्पिक रबड़ संरक्षण पत्रक । रबड़ सुरक्षा चादरों के निर्माण के लिए कई सस्ते विकल्प हैं, यदि आपके रबर के पास कोई आपूर्ति नहीं है। इसमें शामिल हैः - ओवरहेड पारदर्शिता पत्रक । इन्हें अपने पैडल के आकार में काटा जा सकता है और एक अच्छा कठोर प्लास्टिक रबर शीट कवर प्रदान किया जा सकता है। - क्लिंग लपेटें । मैंने इसका उपयोग करने वाले खिलाड़ियों के बारे में सुना है, लेकिन मुझे लगता है कि यह व्यावहारिक होने के लिए थोड़ा नाजुक और विचित्र होगा। आप इसका उपयोग करके काफी अच्छी मुहर लेंगे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह बहुत लंबा रहेगा जबतक कि आप अल्ट्रा सावधान नहीं थे। आपको याद है, यह बदलने के लिए सस्ता होगा! - रबर शीट से प्लास्टिक आस्तीन । यह मेरा निजी पसंदीदा है। प्लास्टिक की आस्तीन के शीर्ष और एक तरफ केवल कटौती करने के लिए सावधान रहें कि आपका नया रबड़ आता है, और आपके रैकेट के दोनों किनारों के लिए एक सस्ता और बहुत प्रभावी रबर सुरक्षा शीट है, जिसे आप आसानी से अपने रैकेट में स्लाइड कर सकते हैं। एक और प्लस यह है कि चूंकि आस्तीन अभी भी बरकरार है, जब आप अपने पिंग-पोंग पैडल का उपयोग कर रहे हैं, तो आस्तीन बंद रहेगा, प्लास्टिक पर आने से धूल या गंदगी को बनाए रखा जाएगा। - ज़िप ताला प्लास्टिक थैला । इस विकल्प को कभी-कभी उन खिलाड़ियों द्वारा उपयोग किया जाता है जो उनके रैकेट को गति देते हैं। प्लास्टिक बैग रबड़ की सतह की रक्षा करता है, जबकि बैग को गति गोंद में सॉल्वैंट्स की वाष्पीकरण को कम करने के लिए बंद किया जा सकता है, जिससे गति गोंद प्रभाव जितना संभव हो सके। - पेपर जब यह खुला प्लास्टिक की आस्तीन में होता है तो रबर की खेल सतह की रक्षा के लिए तितली कागज के टुकड़े का उपयोग करने के लिए अच्छी तरह से जाना जाता है। आप रबड़ की रक्षा के लिए इस पेपर शीट का उपयोग कर सकते हैं, हालांकि यह आम तौर पर प्लास्टिक की शीट के साथ नहीं टिकेगा। ग्रेग के फैसले - जब तक आपका रैकेट रबर सुरक्षा शीट के साथ नहीं आता है, तब तक इन विकल्पों में से किसी एक का उपयोग आपके रबड़ को उपयोग में नहीं होने पर अच्छा और साफ रखने में मदद करेगा। मैं खुद प्लास्टिक की आस्तीन की सिफारिश करता हूं - आप इसे अपनी राय में नहीं हरा सकते हैं। - रैकेट केस जब आप इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं तो ये आपके पूरे रैकेट की रक्षा कर रहे हैं। वहां कई प्रकार के रैकेट मामले हैं, लेकिन सिद्धांत समान है - रैकेट केस आपके रैकेट को क्षति से बचाने के लिए है जब आप इसे अपने बैग में ले जा रहे हैं। इसी कारण से, मैं रैकेट मामलों से दूर रहने की सिफारिश करता हूं जो केवल रैकेट के सिर को कवर करता है, जिससे संभाल असुरक्षित हो जाता है। एक रैकेट केस जिसमें दो पैडल हैं, एक अच्छा विचार है, ताकि आप सुनिश्चित हो सकें कि आपके पास मुख्य और बैकअप पैडल हैं। हमारे टेबल टेनिस फोरम में, यह भी उल्लेख किया गया था कि कुछ खिलाड़ी एक बंदूक मामले का उपयोग करते हैं, जो एल्यूमीनियम से बना होता है (इसलिए यह अच्छा और हल्का होता है), फोम के साथ जिसमें आप एक या अधिक रैकेट लगाने के लिए एक छेद काट सकते हैं। बहुत अच्छा लगता है, लेकिन आप अपने टेबल टेनिस बल्ले के साथ उड़ान भरने पर हवाई अड्डे की सुरक्षा से अपेक्षाकृत थोड़ा अधिक ध्यान दे सकते हैं! ग्रेग के फैसले - एक अच्छा रैकेट केस एक निवेश है जो आपके रैकेट को अपने टेबल टेनिस बैग में ले जाने वाले सभी अन्य जंकों से बचाने के लिए खुद का भुगतान करेगा। नितांत जरूरी। - तापमान चरम सीमाएं टेबल टेनिस rubbers गर्मी या ठंड की चरम सीमा पसंद नहीं है। बहुत अधिक गर्मी जल्दी से रबड़ को सेंकने और एंटीस्पीन की चादर में बदल जाएगी , जबकि बहुत अधिक ठंड रबड़ को और अधिक भंगुर बनाती है और स्पंज में वसंत को मार देती है। तो अपनी कार के डैशबोर्ड पर सूरज में बैठे अपने पिंग-पोंग पैडल को न छोड़ें। मैं अपने हाथ के सामान के हिस्से के रूप में हवाई जहाज पर अपना पैडल भी लेता हूं, क्योंकि मुझे नहीं पता कि यह विमान के सामान में कितना ठंडा हो रहा है, और मैं अपने पैडल को कोई नुकसान नहीं उठाना चाहता। चाहे वह ओवरकिल हो, मुझे नहीं पता, लेकिन कम से कम अगर मेरा सामान गुम हो जाए, तो मेरे पास अभी भी मेरा पैडल होगा! ग्रेग के फैसले - जब तक आपके पास जला देने के लिए पैसा नहीं है, तब तक अपने पैडल को उसी तापमान पर रखें जहां आप आरामदायक हैं। बहुत अधिक गर्म या ठंडा और आप अपनी उम्र को कम कर देंगे। - एज टेप । यह कुशन टेप का एक रोल है जिसे आप अपने टेबल टेनिस बल्ले के बाहरी किनारे के आसपास चिपक सकते हैं, जिसे ब्लेड को स्प्लिंटरिंग या दांत से बचाने में मदद के लिए डिज़ाइन किया गया है यदि आप गलती से टेबल के किनारे पर (या मंजिल पर) जैसा कि आप सभी साथी रक्षकों को पता चलेगा! )। कुछ किनारे के टेप संकीर्ण होते हैं, और ब्लेड की रक्षा करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जबकि अन्य व्यापक होते हैं, और रबर शीट को चाप से बचाने या ब्लेड से दूर खींचने में मदद करते हैं। ग्रेग के फैसले - एज टेप एक अच्छा विचार है, और बहुत अच्छी तरह से काम करता है। मेरे लिए, यह उन चीजों में से एक है जो मुझे पता है कि मुझे उपयोग करना चाहिए, लेकिन मैं जितनी बार चाहूं उतनी बार इसके आसपास नहीं आती। यही कारण है कि मेरे ब्लेड के किनारे सभी डेंटेड हैं!
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उद्धव ठाकरे को लगता है शिवसेना की मजबूरी वक्त रहते समझ आ चुकी है. शिवसेना भी बीजेपी के साथ ही मजबूत है. अकेले दम पर सत्ता हासिल करने शिवसेना के वश की फिलहाल तो बात नहीं है. फिर समझौते तो करने ही पड़ेंगे - तभी तो आदित्य ठाकरे के सपनों पर गठबंधन को तरजीह दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोहतक की रैली से पहले महाराष्ट्र के एक दिन के दौरे पर थे. मोदी के मुंबई और औरंगाबाद के कार्यक्रम तो हुए लेकिन खराब मौसम के चलते नागपुर दौरान टाल देना पड़ा. पूरे दौरे में मोदी और उनके साथ साथ देवेंद्र फडणवीस सहित बीजेपी के तमाम नेता केंद्र की बीजेपी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर उपलब्धियां गिनाते रहे - और साथ ही साथ इसरो के किस्से भी सुने और सुनाये जाते रहे. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी ऐसे कई मुद्दों पर बीजेपी की हां में हां मिलाते देखे गये. बाकी चीजों के बीच बात जब बीजेपी और शिवसेना के सियासी गठबंधन पर आयी. उद्धव ठाकरे ने दोनों दलों के गठबंधन को 'अटल' करार दिया है. मतलब, अब बीजेपी और शिवसेना विधानसभा चुनावों में अलग अलग नहीं जाने वाले - बल्कि वैसे ही लड़ेंगे जैसे 2019 का लोक सभा चुनाव लड़ा था. उद्धव ठाकरे का गठबंधन को अटल बताना बीजेपी की राज्य सरकार की वापसी के हिसाब से तो बहुत ही अच्छी बात है - लेकिन आदित्य ठाकरे का क्या होगा? ये तो ऐसा लगता है उद्धव ठाकरे ने बेटे आदित्य ठाकरे के सपनों पर ही पानी फेर दिया है. तो आदित्य ठाकरे CM नहीं बनेंगे! 2019 के आम चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे में संपर्क तो कई बार हुए थे, लेकिन दो मुलाकातें जबरदस्त रहीं. एक संपर्क फॉर समर्थन अभियान के दौरान जब अमित शाह मातोश्री पहुंचे थे और एक बाद में. एक और अहम मुलाकात उद्धव ठाकरे की मोदी के साथ भी हुई - और फिर दोनों की हाथ उठाये तस्वीर आईं. समझो हो ही गया. फाइनल. गठबंधन कायम रहेगा. उससे पहले उद्धव ठाकरे अयोध्या तक यात्रा कर आये थे - और आगे के लिए काशी और मथुरा का वादा भी. उससे पहले उद्धव ठाकरे की ओर से कभी संजय राउत तो कभी सामना का एडिटोरियल - अक्सर राम मंदिर के नाम पर मोदी सरकार 1. 0 पर सवाल उठाते रहे. प्रधानमंत्री मोदी के महाराष्ट्र जाने से पहले तक शिवसेना की ओर से ऐसे तैयारी चल रही थी कि लग रहा था पार्टी लोक सभा चुनाव से अलग रूख अख्तियार करेगी. इसकी एक वजह ठाकरे परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता आदित्य ठाकरे की राजनीतिक सक्रियता रही. पहली बार मातोश्री का कोई सदस्य चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. सर्व साधारण को सूचित भी कर दिया गया है कि आदित्य ठाकरे मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले हैं. आदित्य ठाकरे की चुनावी तैयारियों को उनकी भविष्य की संभावित योजनाओं से जोड़ कर देखा जाने लगा था - क्या ये मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आदित्य ठाकरे को बिठाने की तैयारी चल रही है? राजनीतिक गतिविधियों की जरिये शिवसेना की ओर से रह रह कर मैसेज भी दिये जा रहे थे. काफी दिनों से आदित्य ठाकरे 'आशीर्वाद यात्रा' और 'आदित्य संवाद' जैसे कार्यक्रमों में व्यस्त रहे हैं. आदित्य ठाकरे के इन राजनीतिक गतिविधियों को शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महाजनादेश यात्रा के समानांतर पेश किया जा रहा था. प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी नेतृत्व की तारीफ में तमाम कसीदे पढ़े. बीजेपी के साथ गठबंधन की खासियत भी एक विशेष शब्द के जरिये समझाया - 'अटल'. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महाराष्ट्र दौरे के बाद अब तो कोई चांस नहीं लगता कि आदित्य ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने का अब कोई चांस बचा है - और ऐसी कोई बात भी बीजेपी नेतृत्व की ओर से नहीं कही गयी है. न तो अमित शाह ने ऐसा कुछ कहा है न मोदी ने. बल्कि उद्धव ठाकरे ने ही ऐसा बयान दिया है जिससे लग रहा है कि आदित्य ठाकरे के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के दरवाजे फिलहाल तो बंद हो ही गये हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी की बिहार जैसी कोई मजबूरी नहीं है, इसलिए राजनीति के हर दांव खुल कर खेलती है. अभी तो बीजेपी जैसे खेल रही है - फायदा शिवसेना को भी बराबर हो रहा है. देखना होगा सीटों के बंटवारे की नौबत आने पर बीजेपी शिवसेना के साथ कैसे पेश आती है. महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं और अभी तो यही माना जा रहा है कि 50-50 का बंटवारा लागू होगा. इस बीच कुछ सहयोगी दलों को 18 सीटें देने पर भी विचार विमर्श की चर्चा है. उद्धव ठाकरे का दावा है कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन चुनावों बात एक बार फिर सत्ता में लौटेगा. ठाकरे ने इस बात पर भी खुशी जतायी कि प्रधानमंत्री मोदी महाराष्ट्र में बढ़ती जनसंख्या के लिए सुविधायें भी मुहैया करा रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने एक और खास बात बड़ी ही साफगोई के साथ की - 'हम सत्ता चाहते हैं. . . इसमें कोई शंका नहीं है, लेकिन हम ऐसा राज्य के विकास के लिए चाहते हैं. ' उद्धव ठाकरे का इस बात पर खास जोर भी दिखा. शिवसेना सत्ता चाहती है. बीजेपी महाराष्ट्र में भी शिवसेना को फिलहाल वैसे ही साथ रखती लगती है जैसे केंद्र में NDA के साथी दलों को. कुछ ऐसे जैसे बीजेपी अकेले भी काफी है, लेकिन सबको साथ लेकर चलने के मकसद को पूरा करने के लिए साथ भी जरूरी है. उद्धव ठाकरे अपनी मजबूरी को समझ रहे हैं. उद्धव ठाकरे को लग रहा है कि शिवसेना भी बीजेपी के साथ ही मजबूत है. अकेले दम पर सत्ता हासिल करने शिवसेना के वश की फिलहाल तो बात नहीं है. फिर समझौते तो करने ही पड़ेंगे. कह भी रहे हैं - हम सत्ता चाहते हैं. कहने को तो ये भी कि विकास चाहते हैं इसलिए. अच्छी बात है. लेकिन बीजेपी के साथ समझौते का मतलब भी साफ होता है. मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा - किसी को कोई शक नहीं होना चाहिये. चुनावों में देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री का चेहरा भी होंगे और सत्ता में लौटने पर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी वही बैठेंगे. अब मुख्यमंत्री की कुर्सी तो एक ही है. फिर किसी दूसरे के लिए तो सवाल ही नहीं पैदा होता. हां, अगर दूसरे की इतनी ही दिलचस्पी है और बीजेपी ये समझती है कि राजनीति की मजबूरी है तो बगल वाली कुर्सी को एक विशेष पद तो नवाजा ही जा सकता है - डिप्टी सीएम. उद्धव ठाकरे की सत्ता की चाहते को ऐसे भी समझ सकते हैं कि मुख्यमंत्री की कुर्सी का लालच छोड़ एक तरीके से मन ही मन आदित्य ठाकरे के लिए डिप्टी सीएम की कुर्सी पक्की कर ली है. जब तक मंजिल दूर लगे, पड़ावों पर भी कुछ वक्त तो गुजारे ही जा सकते हैं. चुनावों से ऐन पहले ऐसी बुद्धिमानी दिखाने में उद्धव ठाकरे हाल फिलहाल तो माहिर ही लगते हैं. इन्हें भी पढ़ें :
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बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होते ही राजनीतिक दलों के बीच टिकट बंटवारे को लेकर चल रही लड़ाई और तेज हो सकती है। सरकार चला रहे एनडीए गठबंधन और विपक्षी महागठबंधन दोनों में शामिल बड़े दल अपने लिए ज़्यादा सीटें चाहते हैं और इस पर पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में छोटे दलों के सामने मुश्किलें ज़्यादा हैं और अब इतना वक्त भी नहीं बचा है कि वे खुद के दम पर चुनाव में जा सकें। बिहार की 243 सीटों पर चुनाव तीन चरणों में होगा और 10 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे। पहले चरण में 16 जिलों की 71 सीटों पर, दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर और तीसरे चरण में 15 जिलों की 78 सीटों पर चुनाव होगा। पहले चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, दूसरे चरण का मतदान 3 नवंबर को और तीसरे चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा। पहले चरण के मतदान में एक महीना ही बचा है। पहले बात करते हैं एनडीए की। एनडीए में शामिल दोनों बड़े दल यानी बीजेपी और जेडीयू की कोशिश ज़्यादा सीटें लेने की है। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में जेडीयू आधी सीटें अपने लिए चाहती है। लोकसभा चुनाव में भी यही फ़ॉर्मूला चला था जब बीजेपी-जेडीयू 17-17 सीटों पर लड़े थे। इसके अलावा नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के लिए भी 9-10 सीट चाहते हैं। वह यह भी चाहते हैं कि लोक जनशक्ति पार्टी(एलजेपी) के एनडीए में रहने और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) अगर महागठबंधन छोड़कर आती है, को लेकर बीजेपी ही फ़ैसला ले और सीटों का बंटवारा करे। कुल मिलाकर नीतीश गठबंधन में ख़ुद को अहम भूमिका में रखते हुए मुश्किलें बीजेपी के खाते में डालना चाहते हैं। कुछ दिन पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जब पटना आए थे, तो उस दौरान भी हमेशा की ही तरह एलजेपी मुखिया चिराग पासवान के नीतीश कुमार को लेकर तेवर बेहद सख़्त दिखाई दिए थे। दूसरी ओर, राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते बीजेपी जेडीयू के सामने बहुत ज़्यादा झुकना नहीं चाहती। बीजेपी इस बात को जानती है कि सरकार में भागीदारी चाहिए तो नीतीश के साथ रहना मजबूरी है लेकिन वह ख़ुद के क़द को कम नहीं करना चाहती। ऐसे में देखना होगा कि जीतन राम मांझी से लेकर चिराग पासवान और अगर कुशवाहा एनडीए में आए तो, जिसके उन्होंने संकेत दिए हैं, इन मसलों को एनडीए नेतृत्व जल्द से जल्द कैसे सुलझाता है, क्योंकि अब वक्त बेहद कम बचा है। दूसरी ओर, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे या मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अब तक कोई सहमति नहीं बनी है। कांग्रेस से लेकर मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि को-ऑर्डिनेशन कमेटी बननी चाहिए और इन मसलों पर बात होनी चाहिए। राष्ट्रीय जनता दल का साफ कहना है कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के अलावा किसी और के बारे में चर्चा भी उसे स्वीकार नहीं है। आरजेडी के हठ से नाराज होकर मांझी चले गए और कुशवाहा जाने ही वाले हैं। कुशवाहा साफ-साफ कह चुके हैं कि उन्हें तेजस्वी यादव का नेतृत्व स्वीकार नहीं है और उनके पास सारे विकल्प खुले हैं। कुशवाहा पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले एनडीए छोड़कर महागठबंधन में आए थे। इसके अलावा आरजेडी 243 में से 160 सीटों पर खुद लड़ना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस और दूसरे दलों का नाराज होना लाजिमी है। महागठबंधन में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस का भी कहना है कि मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर अब तक फ़ैसला नहीं हुआ है। इसका मतलब यह है कि इन दलों के बीच में आपस में किसी तरह की बातचीत ही नहीं हो रही है। ऐसे में जब 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होना है, महागठबंधन के भीतर हालात ठीक नहीं होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। एनडीए में रार पर देखिए वरिष्ठ पत्रकार शैलेश की रिपोर्ट। यह साफ है कि कांग्रेस भी तेजस्वी यादव को आसानी से मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। पिछले लोकसभा चुनाव में औंधे मुंह गिर चुके महागठबंधन ने शायद कोई सबक नहीं लिया, वरना उसे अब तक सीटों के बंटवारे और मुख्यमंत्री के चेहरे को बहुत पहले ही सुलझा लेना चाहिए था। इससे विपक्ष के द्वारा नीतीश कुमार के ख़िलाफ़ बनाया गया चुनावी माहौल कमजोर पड़ता दिख रहा है। बिहार में लॉकडाउन के दौरान लौटे मजदूरों के रोज़गार या क्वारेंटीन सेंटर्स की बदहाली, बाढ़ से परेशान लोगों के मुद्दों को उठाकर विपक्ष ने थोड़ा बढ़त बनाने की कोशिश की थी लेकिन इसके साथ ही चुनाव लड़ने के लिए बेहद ज़रूरी कि सीटों के बंटवारे और चेहरे पर फ़ैसला हो, उस पर वह नाकाम रहा। अब वक्त बेहद कम है और ऐसे में वह जल्द से जल्द इन मुद्दों को सुलझा ले तो ठीक है, वरना सत्ता पाने का उसका ख़्वाब अधूरा रह सकता है।
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अहमदाबादः गुजरात के वडोदरा में रेप के मामले में जेल में बंद बगलामुखी मंदिर के संत प्रशांत उपाध्याय की एक शिष्या ने हाल ही में चौकाने वाले राज खोले हैं। जी दरअसल शिष्या का नाम दिशा जॉन बताया जा रहा है और उन्होंने अब कई राज खोलने शुरू कर दिए हैं। हाल ही में पुलिस के सामने खुद दिशा ने इस बात को कबूल किया है कि 'वो लड़कियों को तंत्र साधना के लिए प्रशांत के कमरे में भेजती थी। ' प्रशांत उपाध्याय के बारे में बात करें तो वह खुद को देवी का स्वरूप बताते थे और उनके खिलाफ नाबालिग लड़की का बार बार रेप किए जाने की शिकायत दायर करवाई गई थी। उसके बाद पुलिस हरकत में आई और प्रशांत उपाध्याय को वडोदरा से गिरफ्तार किया गया। अब इस समय प्रशांत की साथी दिशा जॉन की गिरफ्तारी भी हो गई है और कई बड़े राज खुल रहे हैं। हाल ही में दिशा ने पुलिस पूछताछ में यह बात कुबूल कर ली है कि, 'प्रशांत के कहने पर वह बच्ची को उसके बेडरूम में भेजा करती थी। ' हाल ही में दिशा ने बताया कि 'प्रशांत मसाज करवाने का शौकीन था। वह पैर दबाने और मसाज के लिए अलग-अलग लड़कियों को रूम में बुलाता था और उनके वीडियो भी बनाता था। ' वहीं प्रशांत की दूसरी दो साधिका दीक्षा और उन्नति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने दो अलग-अलग टीम बनाई हैं और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्त में ले लिया जाएगा। बताया जा रहा है उन्नति जोशी और दीक्षा दोनों फिलहाल देश के बाहर दुबई में हैं। अमित शाह पर भड़कीं नुसरत जहां, कहा- कब तक करोगे बंगाल के महापुरुषों का अपमान ? Happy Diwali 2020 : दिवाली की Wishes और Quotes की शानदार फोटो, अपने दोस्तों और परिवार वालो के साथ करें शेयर।
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जेल में बंद अमृतपाल सिंह की बढ़ेंगी मुश्किलें (फाइल फोटो- PTI) Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) और उसके साथियों पर पुलिस की कार्रवाई जारी है. अमृतपाल और उसके समर्थकों की मुश्किलें अभी और बढ़ने वाली हैं. अजनाला हिंसा (Ajnala Incident) के मामले में पुलिस ने अमृतपाल के 27 साथियों के खिलाफ अजनाला कोर्ट में चालान पेश किया है. जो चालान पेश किया गया है वो मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह के खिलाफ नहीं है. अमृतपाल के खिलाफ कुछ समय बाद सप्लीमेंट्री चालान पेश किया जाएगा. आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह और उसके करीब 9 साथी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. खालिस्तानी समर्थन अमृतपाल सिंह अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई के लिए अपने समर्थकों के साथ अजनाला थाने पहुंचा था. अमृतपाल ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ में हजारों समर्थकों के साथ गांव जल्लूखेड़ा से जत्था निकाला फिर अजनाला थाने पर हमला कर दिया. इस हमले में 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. वहीं 24 फरवरी 2023 स्थानीय अदालत ने लवप्रीत सिंह को रिहा करने का आदेश दे दिया. पुलिस ने उस समय माहौल को देखते हुए अमृतपाल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. अजनाला पुलिस थाने पर हमले के मामले में 18 मार्च को पंजाब पुलिस अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए पहुंची. लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. जिसके बाद कई जिलों में इंटरनेट बंद किया गया और राज्यभर में अमृतपाल को पकड़ने के लिए अभियान चलाया. अमृतपाल सिंह लगातार पुलिस को चकमा देकर भागता रहा. पुलिस को अमृतपाल के नेपाल या पाकिस्तान भाग जाने का शक था. उसकी तलाश में पंजाब से लेकर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तरप्रदेश में भी छापेमारी की गई. लेकिन 35 दिन तक अमृतपाल पुलिस के सिरदर्द बना रहा. आखिकार 36 दिन बाद मोगा जिले के रोडेवाला गांव के गुरुद्वारे से अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया. अमृतपाल के कई साथियों को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. सभी असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. यह भी पढ़ेंः Lok Sabha Elections 2024: हरियाणा में BJP 'जिताऊ' उम्मीदवारों पर खेलेगी दांव, इन 2 सांसदों का कट सकता है टिकट?
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नवाजुद्दीन के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं. उनके ऊपर हर रोज नए आरोप लगाए जा रहे हैं. उनके भाई शमास सिद्दीकी ने एक बार फिर से नवाज पर धावा बोला है. शमास का बोलना है कि नवाज और दिवंगत अभिनेता इरफान खान के बीच रिश्ता ठीक नहीं था. शमास के मुताबिक, 2009 के इर्द-गिर्द नवाज और इरफान के बीच यूएस की रहने वाली एक लड़की की वजह से टकराव हो गया था. ये टकराव इतना आगे बढ़ गया था कि फिल्म लंच बॉक्स की शूटिंग के समय दोनों के बीच सुलह कराने के लिए डायरेक्टर अनुराग कश्यप को बीच में आना पड़ा. इरफान खान और नवाज ने एक दूसरे के साथ पान सिंह तोमर, द लंच बॉक्स, न्यूयॉर्क और आजा नचले जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया था. दोनों के बीच मनमुटाव था, लेकिन ये बात खुलकर कभी सामने नहीं आ पाई. अब नवाजुद्दीन सिद्दीकी के भाई शमास ने इस टकराव पर खुलकर बात की है. नवाजुद्दीन सिद्दीकी और इरफान खान की 2013 में आई फिल्म 'द लंच बॉक्स'को ऑडियंस और क्रिटिक्स दोनों ने काफी पसंद किया था. हालांकि शमास का बोलना है कि इस फिल्म की शूटिंग के समय भी नवाज और इरफान के बीच में सब कुछ ठीक नहीं था. शमास के मुताबिक, दोनों के बीच वार्ता बंद थी. दोनों का एक ही बोलना था कि वो सेट पर तभी आएंगे जब दूसरा उपस्थित होगा. शमास ने बोला कि ऐसा तभी होता है जब दो लोग एक ही कद के होते हैं. शमास का बोलना है कि फिल्म के सेट पर दोनों का टकराव इतना बढ़ गया कि डायरेक्टर अनुराग कश्यप को बीच में सुलह कराने आना पड़ा. बता दें कि इरफान खान ने 29 अप्रैल 2020 को कैंसर की वजह से दुनिया को अलविदा कह दिया था. शमास सिद्दीकी हाल ही में एक बेटी के पिता बने हैं. उन्होंने बोला है कि बेटी के जन्म के बाद भी नवाज या किसी फैमिली मेंबर्स ने उनके बात नहीं की. शमास का बोलना है कि नवाज ने फैमिली मेंबर्स को साफ हिदायत दी थी कि वो मेरी बेटी से नहीं मिलेंगे. नवाज जो दिखते हैं वो हैं नहीं। । एक फिल्म की वजह से भाइयों में आई दरार। । फिल्म 'बोले चूड़ियां में' नवाजुद्दीन सिद्दीकी लीड रोल में थे. शमास उस फिल्म का डायरेक्शन कर रहे थे. हालांकि फिल्म की मेकिंग के दौरान दोनों भाइयों में अनबन हो गई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म मेकिंग के दौरान दोनों में झगड़ा हो गया था. नवाजुद्दीन ने फिल्म को खराब बोलते हुए प्रमोशन करने से इन्कार कर दिया था. इसी के बाद दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई. नवाजुद्दीन सिद्दीकी और उनकी वाइफ आलिया सिद्दीकी के बीच लड़ाई न्यायालय तक पहुंच गई है. आलिया का बोलना है कि नवाज और उनके पूरे परिवार ने उनका उत्पीड़न किया है. वहीं नवाजुद्दीन का वर्जन है कि आलिया उनसे काफी पहले अलग हो चुकी हैं लेकिन अब प्रॉपर्टी और बंगले पर अवैध रूप से अधिकार जमाना चाहती हैं. आलिया ने हाल ही में एक वीडियो शेयर किया था जिसमें वो नवाज पर भड़ास निकाल रही हैं. आलिया का बोलना है कि नवाज से तलाक के बाद भी दोनों रिलेशनशिप में रहे थे, और दूसरे बच्चे का जन्म भी तलाक के बाद भी हुआ था, लेकिन नवाज ने कभी उनकी इज्जत नहीं की. वहीं नवाज की मां ने आलिया पर आरोप लगाते हुए बोला कि दूसरा बच्चा नवाज का न होकर किसी और का है.
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हिंदू और मोदी विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले इमरान मसूद को कॉन्ग्रेस ने राष्ट्रीय सचिव बनाया है। बतौर ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव उन्हें दिल्ली की जिम्मेदारी दी गई है। गुरुवार 3 जून 2021 को कॉन्ग्रेस ने 5 नामों की घोषणा की जिन्हें AICC सचिव के तौर पर अलग-अलग राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। इनमें एक नाम मसूद का भी है। 2014 के लोकसभा चुनावों से मसूद ने नरेंद्र मोदी की बोटी-बोटी करने की धमकी दी थी। टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना काल में इमरान मसूद के काम को देखते हुए उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। खबर के अनुसार, पार्टी जानती है कि इस नियुक्ति से उनकी आलोचना होगी क्योंकि मसूद हमेशा ही नेगेटिव कारणों से मीडिया चर्चा में रहे हैं। उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया कॉन्ग्रेस कमेटी ने कुछ संगठनात्मक बदलाव किए हैं। इसमें कॉन्ग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन पद जिम्मेदारी इमरान प्रतापगढ़ी को दी गई है। इसके अलावा कुछ AICC सचिवों की भी नियुक्ति हुई है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने इन सचिवों की नियुक्ति की है। सप्तगिरि उलका को छत्तीसगढ़, दीपिका पांडे को उत्तराखंड, संजय दत्त को हिमाचल प्रदेश और ब्रजलाल बिहारी को बिहार की जिम्मेदारी मिली है। बता दें कि इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनावों में इमरान मसूद को कॉन्ग्रेस ने उत्तर प्रदेश की चुनाव समिति का हिस्सा बनाने का निर्णय लिया था। साल 2014 में उन्हें सहारनपुर से प्रत्याशी के तौर पर उतारा था। उस समय मसूद ने सार्वजनिक रैली में घोषणा की थी कि वह 'नरेंद्र मोदी के टुकड़े-टुकड़े कर देगा'। इसके अलावा साल 2019 में ही इमरान मसूद अपनी बीवी के साथ समारो में डांस करने के कारण चर्चा में आए थे। उस समय, इमरान की डांस वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुस्लिम संगठनों और मौलानाओं ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। साथ ही मौलानाओं ने ये भी कहा था कि ये सब इस्लाम के ख़िलाफ़ है इसलिए इमरान को माफी माँगनी चाहिए।
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हरियाणा विधानसभा के गठन के बाद से गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र की राजनीति कांग्रेस पार्टी के ईद-गिर्द घूमती रही है। अब तक 12 बार कराए गए विधानसभा चुनाव में यहां के मतदाताओं ने छह बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों पर अपना प्यार लुटाया है पर भाजपा (पूर्ववर्ती जनसंघ समेत) के भी तीन उम्मीदवार इस सीट से विधानसभा की देहरी को पार किए हैं। इधर भाजपा के गठन के बाद 1987 में पार्टी के टिकट पर सीताराम सिंगला को नेतृत्व देने के बाद मतदाता भाजपा से ऐसे छिटके कि 27 साल बाद 2014 में उमेश अग्रवाल ही पार्टी के टिकट पर विधानसभा पहुंच पाए। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा विधायक उमेश अग्रवाल ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस चुनाव में तीसरे नंबर पर चली गई। इस चुनाव में उमेश अग्रवाल को 55. 86 फीसदी मत मिले। नतीजतन बाकी सभी पार्टियां 44. 14 फीसदी वोट तक ही सिमटकर रह गईं। इस दौरान 1987 से अब तक हुए सात चुनावों कांग्रेस पार्टी ने तीन बार, भाजपा ने दो बार और निर्दलीय ने दो बार गुरुग्राम सीट पर अपना परचम लहराया है। दलों ने उम्मीदवार चयन पर शुरू की कसरत : हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों को लेकर कसरत शुरू कर दी है। हालांकि किसी भी बड़ी पार्टी की ओर से अभी तक गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र के इतिहास पर नजर डाले तो सबसे ज्यादा बार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है। अब तक हरियाणा प्रदेश में 12 बार हुए विधानसभा चुनाव में गुरुग्राम सीट पर कांग्रेस ने छह मर्तबा जीत दर्ज की है। पहले चुनाव में जनसंघ को मिली थी जीत : पहले विधानसभा चुनाव 1967 में यहां से भारतीय जनसंघ के उम्मीदवार के सिर जीत का सेहरा सजा था, लेकिन इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव 1968 और 1972 में कांग्रेस को लोगों का इस सीट पर समर्थन मिला। दोनों मर्तबा यहां से महावीर सिंह विधायक चुने गए थे। इसके बाद जब 1977 के विधानसभा चुनाव हुए तो यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई, जनता पार्टी के प्रताप सिंह ठाकरान विजयी हुए थे, लेकिन 1982 में फिर से इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा हो गया। 49 वर्षीय उमेश अग्रवाल हरियाणा के गुरुग्राम विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। अग्रवाल ने एक छात्र नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। वह एक व्यापारी नेता भी थे। वह 2006 में भाजपा में शामिल हुए और उन्हें हरियाणा का मीडिया प्रभारी नियुक्त किया गया था। वह 2009 के विधानसभा चुनावों में 24,000 वोटों से हार गए, लेकिन 2014 में उन्होंने 84,095 वोटों से जीत हासिल की। वह युवावस्था से ही शतरंज के एक बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। 2009: निर्दलीय उम्मीदवार सुखबीर कटारिया ने कांग्रेस के धर्मबीर गाबा को हराया। भारतीय जनता पार्टी बनने के बाद पहली बार हुए विधानसभा 1987 में सीताराम सिंगला ने पार्टी का परचम गुरुग्राम सीट पर लहराया था। इसके बाद हुए दो विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत का स्वाद चखने को नहीं मिला। 1991-96 में फिर से कांग्रेस इस सीट पर काबिज हो गई। धर्मवीर लगातार दो बार विधायक रहे। हालांकि 2000 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार गोपीचंद्र गहलोत ने दोनों राष्ट्रीय पार्टियों से यह सीट छीन ली थी। यहां उन्होंने दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों को लंबे अंतर से हराया था। इधर केंद्र में भाजपा की सरकार में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव 2014 में भाजपा ने उमेश अग्रवाल को मैदान में उतारा। उमेश ने सभी पार्टियों के उम्मीदवारों को लंबे से अंतर से हराया था। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आईएनएलडी के उम्मीदवार गोपी चंद्र गहलौत को 84095 मतों से करारी शिकस्त दी थी। गुरुग्राम सीट पर सबसे ज्यादा बार धर्मवीर चार बार विधायक चुने गए। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार उमेश अग्रवाल से फाइट में रहे गोपीचंद्र गहलोत भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। वह भाजपा का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। जबिक 2014 में वह उमेश के खिलाफ आईएनएलडी (इंडियन नेशनल लोकदल) से उनके प्रतिद्वंद्वी रहे थे। उन्होंने इस सीट पर उमेश अग्रवाल के मुकाबले 11. 59 फीसदी वोट हासिल किए थे। अभी चुनाव प्रक्रिया अधिक आगे नहीं बढ़ी है, इसके पहले आईएनएलडी बेदम नजर आ रही है। ऐसे में इसका फायदा भी भाजपा व अन्य दलों को मिल सकता है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव 21 अक्टूबर को होंगे। वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी। चुनाव के लिए अधिसूचना 27 सितंबर को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 4 अक्टूबर है, जबकि नामांकन पत्र की जांच 5 अक्टूबर को जांच की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 7 अक्टूबर है। बता दें कि 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल दो नवंबर को खत्म हो रहा है। हरियाणा में 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने 47 सीट, इंडियन नेशनल लोकदल(आईएनएलडी) ने 19 जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थी। वहीं हरियाणा जनहित कांग्रेस(एचजेसी) ने दो सीट, शिरोमणी अकाली दल(शिअद) और बहुजन समाज पाटीर्(बसपा) ने एक-एक सीटें जीती थी। पांच निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी यहां चुनाव में जीत दर्ज की थी।
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मुंबई के एक रेस्टोरेंट को ग्राहक से जबरन सर्विस चार्ज वसूलना महंगा पड़ गया. गुस्साए कस्टमर की शिकायत पर अब रेस्टोरेंट को 10 हजार रुपए चुकाने के का आदेश दिया गया है. मामला मुंबई के बोरीवली क्षेत्र का है. यहां अमेरिकी शैली के रेस्टोरेंट चिली-अमेरिका ग्रिल एंड बार के खिलाफ एक ग्राहक ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकाय की. मामले में आयोग ने रेस्टोरेंट तको खराब व्यवहार करने का दोषी माना. कोर्ट ने रेस्टोरेंट को जुर्माने के रूप में सर्विस टैक्स वापस करने का आदेश दिया. जानकारी के मुताबिक बोरीवली निवासी फ्रैंक मुल्लाकारा 2 मार्च 2019 को मलाड के माइंडस्पेस, इनऑर्बिट मॉल में अपने दोस्तों के साथ डिनर पर गए थे. उन्होंने रात को डिनर के लिए बीयर की बोतलें मंगाई. साथ में उन्होंने क्रिस्पी चिकन भी ऑर्डर किया. ग्राहक फ्रैंक मुल्लाकारा को क्रिस्पी चिकन पसंद नहीं आया. उनके मुताबिक वह बेस्वाद था. रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को जब यह बात बताई गई तो उन्होंने इसे बदलकर दे दिया, लेकिन इस बार भी उन्हें घटिया चिकन ्ही परोसा गया. आखिर में तंग आकर मुल्लाकार ने अपने दोस्तों के साथ कहीं और खाना खाने का प्लान बनाया. जब उन्हें बिल थमाया गया तो रेस्टोरेंट का बिल 1694. 01 था लेकिन इस मूल रकम में 10% सेवा शुल्क या सर्विस चार्ज भी जोड़ दिया गया. नुकसान पहुंचता देख उन्होंने भुगतान किया और चले गए. रेस्टोरेंट ने अपनी सफाई में कहा कि उनके बिलिंग सिस्टम को इसी तरह सेट इसलिए इसे नहीं हटाया जा सकता है. इसके बाद मुल्लाकारा ने आयोग से संपर्क किया और कहा कि रेस्टोरेंट ने सर्विस चार्ज पर सीजीएसटी और एसजीएसटी भी वसूल किया है, जो पुरी तरह से गलत है. हालांकि रेस्टोरेंट कभी अपनी सफाई पेश करने नहीं आया, जिसके कारण एकतरफा आदेश पारित कर दिया गया. मुल्लाकारा ने 2016 में उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के बारे में बताते हुए कहा कि ग्राहक के सर्विस चार्ज का भुगतान करना या न करना स्वैच्छिक है. मामले पर गौर करने के बाद आयोग ने रेस्टोरेंट को मुल्लाकारा को 7% वार्षिक ब्याज के साथ 169. 40 रुपये वापस करने का आदेश दिया. साथ ही एकमुश्त 10,000 रुपए देने का भी आदेश दिया.
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लखनऊः उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक निकाह कार्यक्रम के दौरान DJ पर डांस करने को लेकर दो पक्षों में जमकर बवाल हुआ। इस दौरान लोगों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडे, ईंट पत्थर से हमला किया। अचानक हुई इस घटना से मौके पर भगदड़ की स्थिति बन गई। मारपीट में 15 से ज्यादा लोग जख्मी बताए जा रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, घटना बदोसराय थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले हजरतपुर गाँव का है। यहाँ शुक्रवार को हनीफ और जलील की बेटियों का निकाह था। एक बरात टिकैतनगर थाना के खेमापुर गाँव से और दूसरी बरात सफदरगंज थाना के सैदनपुर गाँव से हनीफ और जलील के घर आई थी। दोनों बरातों में बराती डीजे पर नाचते-गाते हुए जा रहे थे। इसी दौरान गाँव के एक रास्ते पर दोनों बराती एक-दूसरे के सामने से गुजरे। डांस में खलल होने पर दोनों तरफ के बराती भड़क गए। पहले उनमें बहस हुई और फिर धक्का-मुक्की, इसके बाद देखते ही देखते दोनों में ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे चलने लगे। रिपोर्ट के अनुसार, मारपीट के दौरान जब लाठी-डंडे टूट गए, तो बराती आसपास की झाड़ियों को उखाड़कर और पेड़ों की टहनियाँ तोड़कर एक-दूसरे से लड़ने लगे। इस घटना का कुछ लोगों ने वीडियो उतार लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद मामला पुलिस अधीक्षक (SP) के संज्ञान में आया। इसके बाद SP ने मामले की जाँच का आदेश दे दिया है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके पुलिस छानबीन कर रही है।
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दिल्ली महापौर शैली ने कहा, 'MCD के सिविक सेंटर में जितना नुकसान हुआ है, उसका खर्चा वीडियो फुटेज देखकर वसूला जाएगा। 'एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स' (enba) के 15वें एडिशन के तहत अवॉर्ड्स पाने वालों के नाम तय किए जाने के लिए जल्द ही जूरी मीट का आयोजन किया जाएगा। 'एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स' (enba) का यह 15वां एडिशन होगा। इस एडिशन के तहत अवॉर्ड्स पाने वालों के नाम तय किए जाने के लिए जल्द ही जूरी मीट का आयोजन किया जाएगा। देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा इस साल 'इनबा' की जूरी में चेयरपर्सन की भूमिका निभाएंगे। अपने तीन दशक से ज्यादा के कार्यकाल में एस रवि को बैंकिंग और फाइनेंस, फाइनेंसिंग एंड मैनेजमेंट कंसल्टिंग आदि क्षेत्रों में काम करने का काफी अनुभव है। करीब दो दशक से इस अखबार से जुड़ीं प्रियंका मेहता ने कुछ दिनों पहले ही मैनेजमेंट को अपना इस्तीफा दिया है और फिलहाल नोटिस पीरियड पर चल रही हैं। लोकसभा में 'प्रोसीजर एंड कंडक्ट ऑफ बिजनेस के रूल 380' के तहत अगर स्पीकर को लगता है कि ये असंसदीय है तो भाषण के उस अंश को रिकॉर्ड से हटाने का आदेश दे सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इतिहास उठाकर देख लीजिए कि वह कौन सी पार्टी थी, जिसने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन दी गई। दरअसल, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार अच्छे एंकर को अपने पक्ष में कर लेती है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी देश की राष्ट्रीय नीति, समाज व विशेष रूप से बीजेपी के वैचारिक पहलुओं को जोरदार तरीके से जनता के सामने रखते हैं। इसके साथ ही कंपनी ने वर्तमान में डायरेक्टर (SVOD Business) की भूमिका निभा रहे सुशांत श्रीराम को भी प्रमोट कर कंट्री डायरेक्टर (प्राइम वीडियो, इंडिया) का दायित्व सौंपा है। जी20 स्टे सेफ ऑनलाइन कैंपेन के लिए 'मेटा' (Meta) ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की है। वर्ष 2022 को यदि हम मीडिया की दृष्टि से देखें तो मैं ऐसा समझता हूं कि यह सामान्य रहा। असामान्य नहीं था। सामान्य इसलिए था, क्योंकि मीडिया की जो भारत में जरूरत है, उस दृष्टि से कोई नई पहल नहीं हुई है। गुजरात, दिल्ली और हिमाचल के चुनाव परिणामों का सबक क्या है? दिल्ली और हिमाचल में भाजपा हारी है और गुजरात में उसकी ऐतिहासिक विजय हुई है। टीवी इंडस्ट्री में प्रियंका को 27 वर्षों से भी ज्यादा का अनुभव है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को मुख्यधारा की मीडिया से नाराजगी व्यक्त की है। गुजरात विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है। इस बीच तमाम मीडिया घरानों ने भी चुनाव से जुड़ी पल-पल की खबर अपने दर्शकों तक पहुंचाने के लिए कमर कस ली है।
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बर्मिंघम। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क ने तीसरे टेस्ट में मेजबान इंग्लैंड के हाथों आठ विकेट की करारी हार के बाद अपने गेंदबाजों को बेहतर प्रदर्शन करने को कहा है, जबकि अपने स्वयं के प्रदर्शन में और अधिक सुधार की उम्मीद जताई। एजबेस्टन टेस्ट में हार के बाद पांच मैचों की एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया 1-2 से पिछड़ चुका है। इंग्लैंड ने मैच में स्टीवन फिन के आठ और जेम्स एंडरसन के सात विकेट की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 136 और दूसरी पारी में 265 रन पर रोक दिया था। इसके बाद उसे 121 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने सिर्फ दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। क्लार्क ने मैच के बाद कहा, 'गेंदबाजी के लिए शानदार हालात थे। आसमान में बादल छाए थे, थोड़ी बारिश हो रही थी। मैच में गेंद स्विंग और सीम करती रही। हमने जैसा प्रदर्शन किया उससे बेहतर करना होगा। मैच में 10 और 3 रन की पारियां खेलने वाले कप्तान क्लार्क खुद से भी खासा नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि वह अब तक सीरीज की छह पारियों में 94 रन ही बना पाए हैं। समय आ गया है कि कप्तान योगदान दे। दूसरी ओर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट पंडितों को लगता है कप्तान और बल्लेबाज के रूप में क्लार्क का जलवा अब समाप्त होने लगा है। हार के बाद क्रिकेट विशेषज्ञ क्लार्क की जमकर आलोचना कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के लिए था शर्मनाक टेस्ट : इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ज्योफ्री बायकॉट ने कहा है कि एजबेस्टन टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी का बिखर जाना चिंता का विषय है। यह अधिक शर्मनाक भी है। उन्होंने कहा कि स्विंग करती गेंदों को खेलने में कंगारू बल्लेबाजों को दिक्कत हो रही थी। यह ऑस्ट्रेलिया के लिए शर्मनाक टेस्ट था।
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लंदन स्थित एक इमाम ने सऊदी अरब पर आरोप लगाया है कि सऊदी युवराज की आलोचना करने के कारण सऊदी सरकार ने उन्हें मस्जिद से निकलवा दिया है। गूगल स्ट्रीट मस्जिद के पेश इमाम अजमल मसरूर ब्रिटिश मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखने के लिए जाने जाते हैं। इस मस्जिद को मुस्लिम वर्ल्ड लीग संगठन द्वारा संचालित किया जाता है, जिसे सऊदी अरब की ओर से फ़ंड उपलब्ध कराया जाता है। पेश इमाम अजमल मसरूर को मुस्लिम वर्ल्ड लीग के कार्यालय में महीने में एक बार जुमे की नमाज़ पढ़ाने से भी रोक दिया गया है। ग़ौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले मसरूर ने अपने फ़ेसबुक पेज पर मिडिल ईस्ट आई के एक वीडियो को शेयर करते हुए आले सऊद परिवार को भ्रष्ट, अत्याचारी और पूर्ण रूप से इस्लाम विरोधी बताया था। एक दूसरे पोस्ट में उन्होंने सऊदी अरब में कार्यकर्ताओं और इस्लामी विद्वानों को जेलों में ठूंसने के लिए सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान की आलोचना की थी। मिस्जिद से निकालने गए पेश इमाम का कहना था कि मुझे 100 फ़ीसदी विश्वास है कि उन्होंने मुझे मोहम्मद बिन सलमान की ग़लत नीतियों की आलोचना के कारण निकाला है। उन्होंने कहा, पिछले पांच वर्षों में मुझे कम से कम पांच बार सऊदी अरब की नीतियों की आलोचना करने के लिए नोटिस दिया गया।
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शिवपुरी। शहर के डेली पब्लिक स्कूल में पढने वाली छात्राओ के साथ स्कूल डारेक्टर के पिता के द्ववारा ही छेड़छाड़ करने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले का पीडि़त छात्रा के परिजनो ने जनसुनवाई में आवेदन दिया है। बताया गया है कि डारेक्टर के पिता द्वावारा यह पहला मामला नही है और कई मामलो को दबा दिया गया है। जानकारी के अनुसार शहर के बछौरा गांव में रहने वाली एक कक्षा नवीं की छात्रा ने कत्थामिल स्थित डेली पब्लिक स्कूल संचालक बल्लू तोमर के पिता रामगोपाल तोमर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाये है। पीडि़ता ने कहा कि जब इस घटना की शिकायत स्कूल संचालक से की तो उसने टीसी काटकर स्कूल से बाहर निकाल दिया। बाद में 11 अगस्त को कोतवाली में शिकायत की लेकिन पुलिस ने केवल शिकायती आवेदन लेकर चलता कर दिया। पीडि़ता ने बताया कि पुलिस में शिकायत करते ही स्कूल संचालक मेरी माँ को 50 हजार रूपए देने का लालच देकर शिकायत वापस लेने की बात कही। जनसुनवाई में छात्रा की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर राजीव दुबे ने इस मामले को लेकर एसपी मो. युसुफ कुर्रेशी से चर्चा की और इसके बाद कार्रवाई शुरू की दी गई है। पीडि़ता का कहना है कि अकेली वह ऐसी छात्रा नहीं है। जिसके साथ स्कूल संचालक ने छेड़छाड़ की है। जिसके साथ स्कूल संचालक के पिता ने ऐसा किया है। बल्कि दर्जनों भर अन्य छात्राओं के साथ भी यह हरकत की जा चुकी है, लेकिन उन छात्राओं ने अपनी बदनामी के डर से पुलिस में शिकायत नहीं की। पीडि़त छात्रा का कहना है कि स्कूल संचालक पैसे वाला है और उसने पुलिस से सांठगांठ कर ली है। जिसके कारण कार्रवाई नहीं की जा रही है।
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गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को फरियादियों के समस्याओं को सुना। उन्होंने अधिकारियों को जल्द ही सारी समस्याओं को निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री अपने दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर में हैं। हमेशा की तरह शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी परम्परागत दिनचर्या में दिखें। सुबह सबसे पहले उन्होंने बाबा गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन किये। ब्रम्हलीन महंत अवैद्यनाथ की समाधि स्थल पर गए व पूजा अर्चना की। मंदिर परिसर का भ्रमण कर वहां की व्यवस्थाओं का निरिक्षण कर आवश्यक निर्देश दिये। इसके बाद मुख्यमंत्री फरियादियों के बीच पहुंचे और सभी से बारी-बारी से मुलाकात की और उनकी फरियाद सुनकर समाधान का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह गोरखपुर से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो इंवेस्ट- 2020 (थर्ड आरई इंवेस्ट) को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अयोजित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा नीति 2017 शुरू की। इस नीति के तहत वर्ष 2022 तक कुल 10700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं की अधिष्ठापना का लक्ष्य तय है। इसके बाद मुख्यमंत्री एचपी एकेडमी के पूर्व प्रबंधक स्व. टीपी शाही के आवास पर मांगलिक कार्यक्रम के मद्देनजर आशीर्वाद देने जाएंगे। वहां से मंदिर लौट जाएंगे और फिर दोपहर दो बजे वाराणसी के लिए प्रस्थान करेंगे। देश दुनिया की ताजातरीन सच्ची और अच्छी खबरों को जानने के लिए बनें रहें www. dastaktimes. org के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए https://www. facebook. com/dastak. times. 9 और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @TimesDastak पर क्लिक करें। साथ ही देश और प्रदेश की बड़ी और चुनिंदा खबरों के 'न्यूज़-वीडियो' आप देख सकते हैं हमारे youtube चैनल https://www. youtube. com/c/DastakTimes/videos पर। तो फिर बने रहिये www. dastaktimes. org के साथ और खुद को रखिये लेटेस्ट खबरों से अपडेटेड।
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एक हर्बल दवा के रूप में इसका इस्तेमाल डायबिटीज, पीरियड्स क्रैम्प, बढ़े हुए प्रोस्टेट और मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में किया जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि मेथी का उपयोग सदियों से एक ऐसे पदार्थ के रूप में भी किया जाता रहा है, जो ब्रेस्ट फीड कराने वाली माताओं में दूध का उत्पादन बढ़ा सकता है। वैसे तो मेथी खाने से कई फायदे मिलते ही हैं लेकिन माना जाता है इन छोटे-छोटे दानों को भिगोकर खाने से सेहत को ज्यादा फायदा हो सकता है। फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा आपको बता रही हैं कि मेथी के दाने भिगोकर खाने से आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं। अगर आपके पेट में हमेशा गैस बनती है या फूला-फूला रहता है, तो आपको सुबह खाली पेट भीगी हुई मेथी का सेवन करना चाहिए। इससे आपको एसिडिटी से राहत मिल सकती है। (फोटो साभारः TOI) मेथी दाना ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक है। डायबिटीज के रोगियों को मेथी के पानी का सेवन करने से काफी फायदा होता है। अंकुरित मेथी और भी बेहतर है क्योंकि इसमें भीगी हुई मेथी की तुलना में 30-40% अधिक पोषक गुण होते हैं। भीगी हुई मेथी का सेवन पाचन को बढ़ावा देने और गैस्ट्राइटिस को दूर रखने के लिए भी अच्छा है। कब्ज, एसिडिटी, ब्लोटिंग जैसी पेट की समस्याओं से बचने के लिए आपको इसका सेवन करना चाहिए। (फोटो साभारः TOI) मेथी के बीज गर्म प्रकृति के होते हैं। यही वजह है कि यह कफ में लाभदायक हैं। जिन्हें कफ ज्यादा बनता है, वो मेथी दाना किसी भी रूप में खा सकते हैं - पाउडर, भिगोकर, अंकुरित या साबुत। पित्त या अग्नि वाले लोगों को मेथी का पानी पीना चाहिए या बीजों को भिगोकर या अंकुरित करके पीना चाहिए, उन्हें एसिडिटी और पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत मिलेगी। कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ना दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ा सकता है। नसों को साफ रखकर दिल के रोगों से बचने के लिए आपको मेथी के बीजों को भिगोकर या अंकुरित करके खाना चाहिए। (फोटो साभारः TOI) डिस्क्लेमरः यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने एक जून को 12वीं का रिजल्ट जारी किया था। 8 जून को 5वीं और 8वीं के नतीजे भी घोषित किए गए। ऐसे में अब 10वीं के छात्रों को अपने परिणाम का इंतजार है। रिजल्ट जल्द ही जारी होने की बात कही जा रही है। करियर डेस्क : राजस्थान में 10वीं के छात्रों के रिजल्ट का इंतजार जल्द ही खत्म होने जा रहा है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) 13 जून को10वीं क्लास का रिजल्ट जारी कर सकता है। हालांकि बोर्ड की तरफ से अभी तारीख फाइनल होना बाकी है। बोर्ड के सूत्रों की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक RBSE अगले हफ्ते की शुरुआत में नतीजे जारी कर सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन उम्मीद है कि सोमवार को परिणाम जारी किए जा सकते हैं। इस साल RBSE की तरफ से आयोजित 10वीं की परीक्षा में 10 लाख 91 हजार 88 छात्र शामिल हुए। 31 मार्च से 26 अप्रैल के बीच 6,068 केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई थी। पिछले साल की बात करें तो बोर्ड ने 30 जुलाई को 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया था। पिछले साल 99. 56 प्रतिशत छात्र पास हुए थे। 10वीं के छात्र रिजल्ट जारी होने के बाद बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट rajeduboard. rajasthan. gov. in या rajresults. nic. in पर अपना रिजल्ट देख सकेंगे। जैसे ही रिजल्ट जारी होगा, डायरेक्ट लिंक पर जाकर अपना स्कोर चेक कर सकेंगे। अगर ऑफिशियल वेबसाइट ओपन होने में कोई समस्या आए या फिर इंटरनेट कनेक्शन की समस्या है तो छात्रों को घबराने की जरुरत नहीं है। वे SMS के जरिए भी अपने नंबर चेक कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें सबसे पहले मोबाइल के मैसेज बॉक्स में जाना होगा। RJ10S टाइप कर स्पेस दें। रोल नंबर दर्ज कर 5676750 पर सेंड करें। आपके मोबाइल फोन पर कुछ ही सेंकेंड में रिजल्ट आ जाएगा।
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रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा जिले के गोविंदगढ़ थाना अंतरगर्त छुहिया घाटी में दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री के कर्मचारियों को लेकर जा रही बस के ऊपर राखड़ से लोड बल्कर पलट गया। इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई वहीं कई लोग हुए गंभीर रूप से घायल हो गये हैं। घायलों को इलाज के लिए रीवा के संजय गांधी और प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटना रीवा के गोविंदगढ़ थाना अंतरगर्त छुहिया घाटी में गुरूवार की है, जहां स्कूल बस के ऊपर राखड़ से भरा ट्रक गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि इस हादसे में कई लोग घायल हो गए हैं। इस घटना में चार लोगों की मौत की मौके पर ही हो गई थी और एक घायल की इलाज के लिए ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। घायलों को संजय गांधी चिकित्सालय सहित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां पर उनका उपचार चल रहा है। यह सड़क हादसा उस वक्त हुआ जब अल्ट्राटेक सीमेन्ट प्लांट की बस स्कूल के छात्रों और कर्मचारियों को लेकर जा रही थी। पुलिस और प्रशासन के सहयोग से राहत और बचाव कार्य किया गया। बताया जा रहा कि छुहिया घाटी में जैसे ही बस पहुची उसके ऊपर ऊँचाई से राखड़ लोड ट्रक आ गिरा। इसमें स्कूल के बच्चे उनके परिजन और फैक्ट्री के कर्मचारी सवार थे। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुचे पुलिस दल ने बस में फंसे लोगों को बस से निकाला और घायलों को तत्काल संजय गांधी अस्पताल लाया गया, जहां घायलों का उपचार किया जा रहा है। इस घटना के बाद रीवा शहडोल मार्ग पर भीषण जाम लग गया था और आवाजाही रुक गई, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
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इस साल भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जिसके लिए तैयारियां काफी जोरो-शोरों से चल रही हैं। आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर इस बार देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्षगांठ को यादगार बनाने और लोगों में देशभक्ति की भावना को बढ़ाने के लिए हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत भी की है। जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत ने अपनी आजादी के लिए बहुत लंबी लड़ाई लड़ी थी और खूब संघर्ष भी किया था। फिर 15 अगस्त 1947 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था। बता दें कि आजादी के इस दिन काफी कुछ ऐसा भी हुआ था जो कभी इतिहास के पन्नों में दर्ज ही नहीं हुआ था। तो आइए आजादी की इस 75वीं वर्षगांठ पर जानते हैं भारत का इतिहास और कुछ रोचक तथ्य जिससे बहुत कम लोग परिचित हैं। स्वतंत्रता दिवस से जुड़ा इतिहास (History of Independence day of India ) भारत के लिए 15 अगस्त 1947 का दिन सबसे खूबसूरत दिन था। इस दिन हर एक भारतवासी ने अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी पायी थी और हर एक व्यक्ति आजाद भारत के खुली हवा में बिना किसी डर व खौफ के सांस ले रहा था। बता दें कि आजादी की इस लड़ाई में देश ने अपने कई वीर सपूतों और बलिदानियों को भी खोया था। 14 अगस्त की रात को पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की आजादी की घोषणा की थी। 15 अगस्त 1947 की सुबह जवाहर लाल नेहरू ने दिल्ली में स्थित लाल किले के लाहोरी गेट पर पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया था। बिस्मिल्लाह खां की शहनाई की धुन पर हुई थी आजादी की पहली सुबह (Famous musician Bismillah khan sung his raag on first Independence day ) आजादी के मौके पर जवाहर लाल नेहरू की इच्छा थी कि मशहूर शहनाईवादक बिस्मिल्लाह खान को आजादी के इस उत्सव में आमंत्रित किया जाएं। क्योंकि पंडित जवाहर लाल नेहरू को बिस्मिल्लाह खां के राग सुनना बहुत पसंद थे। इसलिए बिस्मिल्लाह खां को दिल्ली बुलाया गया और आजाद भारत में पहली किरण का स्वागत बिस्मिल्लाह खान की शहनाई की धुन पर किया गया था। इसके बाद फिर जवाहर लाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था। स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Interesting facst about independence day ) 15 अगस्त के दिन भारत के अलावा और भी कई देशों को आजादी मिली थी। जिसमें साउथ कोरिया, नार्थ कोरिया, बहरीन आदि देश शामिल हैं। लार्ड माउंटबेटन ने ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में 15 अगस्त का दिन चुना था । आजादी के एक दिन बाद लाल किले पर तिरंगा फहराया गया था क्योंकि उससे पहले तिरंगे के स्थान को लेकर उलझन बनी हुई थी। जब भारत आजाद हुआ था उस समय देश का कोई राष्ट्रगान नहीं था। क्योंकि 'जन गण मन ' को राष्ट्रगान को दर्जा 1950 में मिला था। लेकिन उस समय जवाहर लाल नेहरू द्वारा दिया गया भाषण ही लोगों के लिए राष्ट्रगान के समान था।
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सेंसेक्स और निफ्टी लगातार चौथे कारोबारी सत्र में भी गिरे और यह छह माह के निचले स्तर पर पहुंच गए। अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के बीच चीन ने भारतीय रेपसीड ऑयल मील पर लगे पिछले पांच साल के प्रतिबंध को खत्म कर दिया है। चीन ऑयल मील का सबसे बड़ा उपभोक्ता है। चीन की आर्थिक वृद्धि दर में वर्ष 2018 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सुस्ती देखी गई है। देश का सोना आयात चालू वित्त वर्ष 2018-19 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में लगभग 4 प्रतिशत बढ़कर 17. 63 अरब डॉलर हो गया, चीन एक करार करना चाहता है। चीन समझौता करना पसंद करेगा। मुझे नहीं लगता कि वे अब तक तैयार हुए हैं। ट्रंप प्रशासन की ओर से भारी भरकम शुल्क लगाने के बावजूद अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष सितंबर में बढ़कर 34. 1 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। चीनी दूतावास ने बुधवार को कहा कि चीन और भारत को व्यापार संरक्षणवाद से मुकाबले के लिए अपना सहयोग मजबूत करने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2018 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 7. 3 प्रतिशत पर स्थिर रखा है। चीन और अमेरिका दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार और सैन्य तनाव को कम करने के लिए सोमवार को उच्च-स्तरीय वार्ता की तैयारी में हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत और रूस के बीच व्यापार बढ़ने की उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़कर 2025 तक 30 अरब डॉलर हो जाएगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत मुझे खुश करने के लिए अमेरिका के साथ व्यापार करार करना चाहता है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर माह में भारतीय पूंजी बाजारों से 21,000 करोड़ रुपए (तीन अरब डॉलर) की निकासी की है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने 2018 के लिए व्यापार में वृद्धि के अनुमान को घटाकर 3. 9 प्रतिशत कर दिया। चीन ने अमेरिका के साथ अगले स्पताह होने वाली अपनी व्यापार वार्ता रद्द कर दी है और अपने उप प्रधानमंत्री लियू ही को वार्ता के लिए नहीं भेजने का फैसला किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इस बात का खुलासा किया कि आखिर उन्होंने चीन सहित अन्य देशों के खिलाफ व्यापार युद्ध क्यों छेड़ा। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के लिए अफगानिस्तान व्यापार मार्ग खोलने से साफ इनकार करते हुए अमेरिका के मूहं पर चाटा मारा है। अमेरिकी मीडिया में आई खबरों के अनुसार ट्रंप प्रशासन चीन से आने वाले सामानों पर 200 बिलियन डॉलर से अधिक का टैरिफ लादने की तैयारी में है।
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ऐसा लगता है कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में अपनी सहयोगी पार्टी पीडीपी को जनता की नज़रों में रुस्वा करके छोड़ने की ठान रखी है. 31 जनवरी को विधानसभा में भाषण देते हुए मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केवल इतना कहा था कि 'धारा 370 को ख़त्म करने वाले देश के दुश्मन कहलाए जा सकते हैं. ' बस इतनी सी बात पर भाजपा ने सदन में अपनी सहयोगी पार्टी के साथ पूर्ण मतभेद दिखाया. स्थिति उस समय हास्यास्पद हो गई जब विधानसभा स्पीकर कविंदर गुप्ता (जो भाजपा के सदस्य हैं) ने मुख्यमंत्री की टिप्पणी को रिकार्ड से हटाने का आदेश दिया. ऐसा पहली बार हुआ है कि विधानसभा में सदन के नेता के किसी बयान को रिकार्ड से हटाया गया हो. सहयोगी पार्टियों की इस खींचतान का विपक्ष ने भरपूर फायदा उठाया. विपक्ष के नेताओं ने निरंतर दो दिनों तक सदन में इतना हंगामा किया कि विधानसभा सत्र को 6 दिनों तक रद्द कर दिया गया. फिलहाल घाटी के सियासी और अवामी गलियारों में यह धारणा मजबूत हो रही है कि पीडीपी केवल सत्ता को बहाल रखने के लिए भाजपा के सारे नाज़-नख़रे बर्दाश्त कर रही है. विश्लेषकों के एक बड़े वर्ग का मानना है कि गठबंधन सरकार के गठन के बाद से ही भाजपा जम्मू-कश्मीर में अपने राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने का सफल प्रयास कर रही है. पीडीपी भी हर मामले में भाजपा के सामने आत्म समर्पण करती नज़र आ रही है. इसकी ताज़ा मिसाल 25 जनवरी को उस समय देखने को मिली, जब भाजपा विधायक और महाराजा हरि सिंह के पोते अजातशत्रु ने सदन में एक प्रस्ताव पेश करते हुए मांग की कि उनके दादा महाराजा हरि सिंह की सेवाओं की स्वीकारोक्ति के रूप में उनके जन्मदिन को अधिकारिक रूप से मनाने का सिलसिला शुरू किया जाए. प्रस्ताव में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर के प्रति महाराजा हरि सिंह के योगदान की स्वीकारोक्ति में प्रत्येक वर्ष उनके जन्मदिन पर सरकारी अवकाश मनाया जाना चाहिए. भाजपा सदस्यों ने तो अजातशत्रु के प्रस्ताव का समर्थन किया ही, पीडीपी ने भी इसका पूर्ण समर्थन करके इसे पास कराने में मदद की. अब प्रत्येक वर्ष महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर 23 सितंबर को जम्मू-कश्मीर में सरकारी छुट्टी होगी. महाराजा हरि सिंह कश्मीर पर 100 सालों तक शासन करने वाले डोगरा शासकीय परिवारों के अंतिम राजा थे. हालांकि बीते 70 वर्षों में विधानसभा में पहली बार पास हुआ ऐसा प्रस्ताव राज्य की जनता और सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है. लोगों के बीच ये सवाल उठने लगे हैं कि प्रस्ताव को समर्थन देने वाली पीडीपी, महाराजा हरि सिंह को एक न्यायप्रिय राजा मानती है या एक निरंकुश शासक. क्योंकि पीडीपी भी रियासत के दूसरे दलों की तरह डोगरा शासन को निरंकुशता का दौर मानती रही है. राज्य में प्रत्येक वर्ष 13 जुलाई को अधिकारिक रूप से 'कश्मीर शहीद दिवस' मनाया जाता है. इस दिन सरकारी छुट्टी होती है और मुख्यमंत्री अपने कैबिनेट सदस्यों के साथ उन 22 शहीदों की क़ब्र 'मजार-ए-शोहदा' पर फूल च़ढाते हैं, जिन्हें 13 जुलाई 1931 को श्रीनगर में महाराजा की सेना ने गोलियों से भून डाला था. महाराजा के खिला़फ जनता के विद्रोह का नेतृत्व नेशनल कांन्फ्रेंस के संस्थापक मोहम्मद शेख़ अब्दुल्ला ने किया था. नेशनल कान्फ्रैंस और पीडीपी जैसे दलों का अब तक यही रुख़ रहा है कि महाराजा हरि सिंह के खिला़फ बग़ावत दरअसल 'स्वतंत्रता संघर्ष' था और इसमें मारे जाने वाले लोग शहीद हैं. इन पार्टियों का मानना है कि इस 'स्वतंत्रता संग्राम' का ही नतीजा था कि 1947 में महाराजा का शासन ख़त्म हुआ और राज्य स्वतंत्र हो पाया. यही कारण है कि पिछले 70 वर्षों में कभी भी किसी ने महाराजा हरि सिंह की याद में कोई दिन मनाने की बात या इसकी मांग नहीं की है. विश्लेषक भाजपा के प्रस्ताव पर हैरान नहीं हैं, लेकिन इस प्रस्ताव को पीडीपी के सभी और नेशनल कान्फ्रैंस के भी कुछ सदस्यों के समर्थन पर वे आश्चर्यचकित हैं. मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक ज़री़फ अहमद कहते हैं कि अब तो हमें यह फैसला करना होगा कि मारने वाला कौन है और मरने वाला कौन? पीडीपी और नेशनल कान्फ्रैंस महाराजा हरि सिंह के शासनकाल को कश्मीर की गुलामी का दौर क़रार देती हैं. अगर ऐसा है तो महाराजा का जन्मदिन मनाने का क्या तर्क है. भाजपा तो बहरहाल अपने एजेंडे पर काम कर रही है, लेकिन पीडीपी और नेशनल कांफ्रैंस का रवैया समझ से बाहर है. पीडीपी ने तो सत्ता को बहाल रखने के लिए हर मामले में भाजपा के सामने सरेंडर किया है. पिछले दो वर्षों के हालात और घटनाओं को देखकर ये बात स्पष्ट हो गई है कि मार्च 2015 में भाजपा जम्मू-कश्मीर में पहली बार सत्ता के गलियारों तक पहुंचने के तुरंत बाद राज्य में अपने राजनीतिक एजेंडे को लागू करने के मिशन में लग गई है. विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा एक ओर अपने एजेंडे को लागू कर रही है और दूसरी ओर पीडीपी को डिक्टेट करने में लगी हुई है. पत्रकार तारिक अली मीर कहते हैं कि पीडीपी ने चुनावी मुहिम के दौरान जनता से वादा किया था कि सत्ता में आते ही वो कश्मीर के राजनीतिक कैदियों को रिहा कराएगी, लेकिन भाजपा के दबाव के कारण वो ऐसा नहीं कर सकी. उसने कहा था कि नेशनल हाइड्रो पॉवर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनएचपीसी) अधिग्रहण में राज्यों के पॉवर प्रोजेक्टों के मालिकाना हक उन्हें वापस दिलाए जाएंगे, लेकिन अब तो पीडीपी ने ये मांग ही खारिज कर दी. इसी प्रकार काले क़ानूनों को ख़त्म करने, हुर्रियत और नई दिल्ली के बीच वार्ता कराने जैसे पीडीपी के वादे भी वादे ही साबित हुए. इसके उलट भाजपा अपने एजेंडे को तेज़ी के साथ अमल में ला रही है. ये भाजपा का साहस ही है कि 1970 के बाद राज्य में महाराजा हरि सिंह के नाम से दिवस मनाने की शुरुआत हो चुकी है. कुछ अजीब नहीं कि इसी सरकार में भाजपा धारा 370 को खत्म करने के लिए अधिकारिक शुरुआत कराएगी और पीडीपी सत्ता को क़ायम रखने के लालच में भाजपा का साथ देगी और इसके खिला़फ महज जुबानी तीर चलाएगी. क्योंकि पिछले दो वर्षों के दौरान यही कुछ देखने को मिला. पीडीपी अपनी सहयोगी पार्टी से कितनी डरी हुई है, इसका अंदाजा उस समय भी हुआ था, जब मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि वे संविधान के दायरे में रहते हुए राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ राज्य के ध्व्ज का भी बराबर सम्मान करें, लेकिन भाजपा ने उन्हें इतनी ज़बरदस्त झाड़ लगाई कि मुफ्ती को अपना ये आदेश 24 घंटे के अन्दर ही वापस लेना पड़ा. इस पूरी स्थिति के परिदृश्य में सवाल पैदा होता है कि आख़िर पीडीपी किस हद तक भाजपा के एजेंडे को लागू कराने में उसका साथ देगी. होना तो यह चाहिए था कि जब सदन में भाजपा ने महबूबा मुफ्ती की ओर से धारा 370 पर दिए गए बयान का विरोध किया, तो जवाब में पीडीपी भी एक स्पष्ट रुख के साथ सामने आ जाती. इसी प्रकार जब भाजपा ने महाराजा हरि सिंह का जन्म दिवस सरकारी रूप से मनाने की मांग की, तो पीडीपी इसके जवाब में भाजपा को बताती कि राज्य में एक समय में 'कश्मीर शहीद दिवस' और 'महाराजा दिवस' नहीं मनाया जा सकता. लेकिन पीडीपी भीगी बिल्ली की तरह ख़ामोश है. अगर पीडीपी ये सब कुछ केवल अपनी सत्ता को सुरक्षित रखने के लिए कर रही है, तो भी सवाल यह है कि इस सरकार के ख़ात्मेे के बाद पीडीपी दोबारा अपने मतदाताओं के पास कौन सा मुंह लेकर जाएगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे 31 जुलाई तक 'वन नेशन वन राशन' योजना को लागू करें। अदालत ने कहा कि सभी राज्यों को कोरोना महामारी के ख़त्म होने तक प्रवासी मज़दूरों के लिए कम्युनिटी किचन चलानी होंगी। जस्टिस अशोक भूषण और एमआर शाह की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार को एक पोर्टल तैयार करना चाहिए जिसमें असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले और प्रवासी मज़दूर ख़ुद को रजिस्टर करा सकें और यह काम 31 जुलाई से पहले शुरू हो जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को फटकार लगाते हुए कहा कि उसका लापरवाही भरा रवैया माफ़ करने लायक नहीं है। अदालत ने यह फटकार डाटा को भरने में देर होने पर लगाई। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इस काम में देर होने से पता चलता है कि वह मज़दूरों के लिए चिंतित नहीं है और इस बात को क़तई स्वीकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने केंद्र सरकार से कहा कि वह राज्यों को अतिरिक्त खाद्यान्न भी दे। देश के महानगरों में चाहे कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी, लॉकडाउन का एलान होने के बाद बड़ी तादाद में लोग अपने-अपने गृह नगर लौटने लगे थे। दिल्ली से सटे ग़ाज़ियाबाद, गुड़गांव और मुंबई से भारी तादाद में लोग घरों की ओर चल पड़े थे। बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मज़दूरों ने बड़ी संख्या में पलायन किया था। 'वन नेशन वन राशन' योजना के तहत सभी राशन कार्ड धारकों को देश भर में चाहे वे कहीं भी रहते हों, अपना हक ले सकते हैं। उन्हें यह हक़ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों को राशन देने के लिए राज्य सरकारों को योजना लानी चाहिए और जिन राज्यों में यह योजना लागू नहीं है, वहां 31 जुलाई तक इसे लागू किया जाना चाहिए।
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MSK Prasad on MS Dhoni भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कहा है कि वो भी एमएस धौनी के बहुत बड़े फैन हैं। नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय टीम के मौजूदा मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद का कार्यकाल समाप्त होने को है। एमएसके प्रसाद ने बतौर भारतीय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ के चयनकर्ताओं की समिति के चैयरमैन कई बड़े फैसले लिए। एमएसके प्रसाद ने वर्ल्ड कप 2019 में अंबाती रायुडू की जगह विजय शंकर को मौका दिया था। इसके अलावा उन्होंने मयंक अग्रवाल और पृथ्वी जैसे बल्लेबाजों को टेस्ट के बाद वनडे में भी मौका दिया, लेकिन अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में एमएसके प्रसाद ने ये बात स्वीकार की है कि वे भी एमएस धौनी के बहुत बड़े फैन हैं। साल 1999 से 2000 तक 17 वनडे इंटरनेशल और 6 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने वर्ल्ड कप 2019 के बाद ये साफ कर दिया था कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धौनी टीम के भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं हैं। वर्ल्ड कप 2019 के 7 महीने के बाद भी एमएस धौनी मैदान पर नज़र नहीं आए हैं। वहीं, धौनी की इंटरनेशनल क्रिकेट से अनुपस्थिति और उनके संन्यास को लेकर कहा है कि वे खुद इसका फैसला करेंगे। 44 वर्षीय एमएसके प्रसाद ने कहा है कि चयन समिति इस समय युवाओं को मौका देने पर फोकस कर रही है। स्पोर्टस्टार से बात करते हुए चीफ सलेक्टर एमएसके प्रसाद ने कहा है कि माही खुद अपने ऊपर फैसला लेंगे। चयन समिति के सदस्य होने के इतर एक इंसान के रूप में मैं खुद एमएस धौनी की बहुत बड़ा फैन हूं, जैसे अन्य लोग हैं। उन्होंने कहा, "उन्होंने भारतीय टीम को वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी और टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन का दर्जा दिलवाया है। इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। उनके करियर की बात करें तो वे खुद इस पर फैसला करेंगे। वहीं, चयनकर्ता के तौर पर हमें अपनी जिम्मेदारी निभानी होती है और हमें नई जेनरेशन के खिलाड़ियों को मौका देना होता है। "
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पद्मासन योग मांसपेशियों में तनाव को कम करने के साथ मन को शांत करता है। इससे दिमाग तेज होने के साथ माइंड को स्थिर रखता है। सर्वांगासन फोकस और एकाग्रता बढ़ाता है। ये आसन शरीर के सभी सर्किल और अंगों को जोड़ता है। दिमाग को ताकत देने स्वस्थ रखता है। सभी स्टूडेंट्स को ये योगासन करना चाहिए। नियमित पश्चिमोत्तानासन से कॉसन्ट्रेशन बढ़ता है। स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई के समय कॉन्संट्रेट करना सबसे जरूरी होता है। इस आसन से दिमाग एकाग्र होता हो और पढ़ाई में ध्यान लगता है। हालासन तनाव को कम करता है और दिमाग भी शांत रखता है। यह नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाए रखता है जिससे दिमाग का ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है और मेमोरी पावर बढ़ती है। वीरभद्रासन शरीर की इंटरनल पावर को बढ़ाता है। कंधों और पीठ की नसों को भी खोलता है। देर तक बैठकर पढ़ाई करने वाले स्टू़डेंट्स के लिए यह योग फायदेमंद है। स्वस्तिकासन दिमाग को शांत स्थिर रखने के लिए जरूरी होता है। इस योग में ध्यान लगाने के साथ कॉसंट्रेशन बढ़ता है। स्टूडेंट्स के लिए ये फायदेमंद है। उत्कटासन योग पीठ के निचले हिस्से को मजबूती देता है। बॉडी का बैलेंस बनाए रखता है और आपको अपने टारगेट को पूरा करने के लिए मजबूत बनाता है। रोज प्राणायाम करने से रोग से लड़नी की क्षमता बढ़ने के साथ ही शरीर में नई ऊर्जा आती है। इससे दिनभर व्यक्ति स्वस्थ रहता और कार्य में मन लगता है। सूर्य नमस्कार सभी योग का विकल्प है। इसे करने से मांस पेशियां में दर्द से राहत मिलने के साथा चिंता और तनाव दूर होता है. इसके साथ ही सूर्य नमस्कार से इंट्यूशन डेवलप होता है।
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चतरा के नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की यूनिट टू में लोहे का 56 टन एंगल गिरने से पांच मजदूर दब गए। जिससे दो की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं तीन मजदूरों को गंभीर हालात में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। चतरा के नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के यूनिट टू में लोहे का 56 टन एंगल गिरने से पांच मजदूर चपेट में आ गए। जिससे दो की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। वहां मौजूद अन्य कर्मचारी तीनों जख्मी मजदूर को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी इलाज चल रही है। वहीं एक की हालत नाजुक बनी हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। जिसकी पहचान पलामू के निवासी अर्जुन कुमार यादव और गढ़वा निवासी बाबूलाल चौधरी के रूप में हुई है। वहीं तीन जख्मी मजदूर दीपक कुमार, सुरेंद्र चौधरी और रामानुज रवि का इलाज किया जा रहा है। जबकि सुरेंद्र की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक मजदूरों का कहना है कि एनटीपीसी के यूनिट 2 में ब्वॉयलर का काम चल रहा था। जिसके लिए 56 टन लोहे के एंगल को ऊपर भेजा जा रहा था। इसी दौरान एंगल के एक साइड टुटने से नीचे गिर गया, जिससे पांच मजदूर चपेट में आ गए।
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चाओ फा की जानकारी काफ़ी है? परिवार के लिए जीवन खतरे में डाल रहा है। ऐसे पता है, जानकारी सही है। तुम्हें जेनेवा में चाहते हैं। यहाँ क्यों बुलाया? पूरा ऑपरेशन तुम्हारा होगा। डोमिनिक को खोज रहा हूँ। आप जानते हैं वह घर पर नहीं है। उसका नाम इस्तेमाल कर रहा है। रोशनी लाने में मेरी मदद करोगी। यह सम्मान की बात होगी। तो ये पाँच ट्रिगर हैं? माफ़ करना, सज्जनो। दूसरी तरफ़ क्या है? दुनिया को बदलने का तरीका। कि अगला निशाना हम हैं। यह पैसा नहीं। ये निर्देशांक हैं। हम कहाँ जा रहे हैं? हमें खेप को तेज़ी से भेजना होगा। आपके कूरियर की कहानियाँ सुनी हैं। आपके फेडरेल की कहानियाँ सुनी हैं। अच्छा है कि हम सच को सामने आने दें? पर मुझे अभी तक मंज़िल नहीं पता। एक मंज़िल: सीमा। पैकेजों को वहाँ भेजो। अभी। इसे ऐसे काम नहीं करना था। ट्रिगर कर दूँ तो? ग्वाडलाहारा तक। शायद यह ऐसे काम करना चाहिए। हम तैयार हैं। यह लो। पैसा गँवाने को तैयार एक ग्राहक बनकर। मैं वैसा कर सकता हूँ। उसे बताओ, तुम वहाँ हो। उसके बाद, अगली चाल उसकी होगी। समझ गया। सुनो, चाओ फा जो कर सकता है, करेगा। पर याद रखना, हम उनकी दुनिया में हैं। संभलकर। इससे अच्छा महसूस नहीं हुआ। तुम ठीक रहोगे। हैलो। शुभकामनाएँ। मैं आ रहा हूँ। हे भगवान। यहाँ। हाँ। वुकोंग कैसीनो। क्या शानदार शुरुआत हुई है। घुसपैठ की कोशिश की जाएगी। यह कार चलतीफिरती तोप होनी चाहिए। हर चीज़ के लिए तैयार रहना होगा। तो इसमें जो भर सको, भर लो। पूरे सुरक्षा सिस्टम को अपडेट किया है। इनकी अदलाबदली कर देना। जी, सर। कुछ दिखा? 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उन पहाड़ियों के पार। वहीं से भाग रहा है जहाँ से वह है। पर आप नहीं। आपने लड़ने को चुना। बहुत सही कहा। तुम थक गई होगी। चलो धूप से निकलते हैं। अस्पताल की साइट सड़क पर आगे है। आप ठीक हैं? हाँ, बिल्कुल, गावा। पापा घर कब आएँगे? जल्दी ही। प्लीज़, बैठिए। और यह कौन है? मन। मेरे पापा ने मुझे दिया है। जब तुम बीमार थी? तुम बीमार थी। तुम्हारे डैडी ने बताया। मिस्टर नवंबर। फिर से मिलने की उम्मीद नहीं थी। खुशी है, तुम यहाँ हो। हाँ, मुझे भी। यह जैक रायन है। डॉ. रायन। हाँ। मुझे पता है, तुम कौन हो। यह अक्सर सुनता है। तुम्हें एक ट्रिगर मिला। देख सकता हूँ? ये पाँच थे। अमेरिका के लिए पाँच। रुको, और भी हैं? ओलेफ़स्की एक खरीदार था। उसके पीछे खरीदारों की कतार है। इसलिए तुम यहाँ हो, डॉ. रायन। उन्हें खत्म करने। ये काम कैसे करते हैं? एक अनोखी एंडटूएंड बंद प्रणाली। बस एक ट्रांसमीटर, एक रिसीवर। पुराने ज़माने के संकट संकेत की तरह। ये किससे जुड़े हैं? हम जिससे जोड़ना चाहें, जहाँ जोड़ना चाहें। और इसमें "हम" कौन है? अच्छेबुरे में देखने की सहूलियत है। करने के लिए किसी भी हद तक जाते हैं। कैसीनो की तिजोरी में बाकी ट्रिगर हैं। इनका इस्तेमाल करके सुरक्षा भेद सकते हो। अपने स्तर का एक्सेस दे रहा हूँ। हर दरवाज़ा, हर सिस्टम। उनकी ज़रूरत होगी। सुरक्षित बनाया गया है। पकड़े या मार दिए जाओगे। इन पहुँच बिंदुओं से घुसोगे। इस कैश खिड़की तक। उत्तरपश्चिमी कोने में एक दरवाज़ा है। इससे विद्युत कक्ष में पहुँचोगे। यह तुम पर टिका है। बढ़िया। कोई दबाव नहीं। खत्म करने के उपकरण मिलेंगे। बैकअप सिस्टम 30सेकंड में रीसेट होता है। यह तुम्हें छत पर मिलेगा। बढ़िया। तो तिजोरी में मिलूँगा। हे भगवान। कैसे हो, बेटा? आपको यह करना चाहिए? मुझे? वे तुम्हें दोष देंगे। तुम देखना चाहते थे न कि मैं क्या करता हूँ? यह बकवास इससे ज़्यादा असली नहीं होगी। हे भगवान। हमारी संभावना बढ़ा दी। हाँ। बढ़िया। डॉ. रायन। हम अपना रास्ता नहीं बदल सकते। कहूँगा कि आज बहुत कुछ हो सकता है। तुम्हें कुछ जानना होगा। कैथी म्यूलर यहाँ है। क्या? ज़ेयारा लेमॉस वह नहीं है जो दिखाई देती है। वह इस पूरे ऑपरेशन की सूत्रधार है। इस सबका कैथी से क्या लेनादेना वह उसे चारे के तौर पर लाई थी। मुझे कुछ घंटे पहले पता लगा। वह कहाँ है? कि तुम ट्रिगर्स के बजाय कैथी के पीछे जाओ। तुम वैसा नहीं कर सकते। वह कहाँ है? अगर उसके पीछे गए, तो सब खो दोगे। हम सब। मुझे कैसे पता चलेगा कि वह ठीक है? मुझे कैसे पता चलेगा वह ज़िंदा है? क्योंकि वह बचाव है। जब तक तुम ज़िंदा हो, वह ज़िंदा है। मुझे नहीं पता अब वह कहाँ है। पर मुझे पता है कि वह कहाँ हो सकती है। यह अस्पताल था? नहीं, एक जेल था। इन चिन पहाड़ियों पर विलय के दौरान। पर कोई काम नहीं बना। क्योंकि उन्होंने तय किया था। यह शिविर का हिस्सा होगा? नहीं। नहीं। कोई शिविर नहीं है। और जैक रायन को फ़ोन करो। मिस्टर चावेज़। यह रखो। मेरे कहने पर। तुम्हारे कहने पर। कुछ ही मिनटों में मारे जाओगे। वह उठा नहीं रहा। आपकी मदद कर सकती हूँ? क्या डॉ. थॉन्ग उपलब्ध हैं? ग्रीर। अस्पताल ने फ़ोन किया। क्या कर रहे हो? एलिज़ाबेथ, वह मिल गया। जिसने मुझे मारने की कोशिश की थी। उससे पहले उस तक पहुँचना होगा। हालत में नहीं हो। रुक जाओ। मैं नहीं कर सकता, एलिज़ाबेथ, और न ही तुम। कन्वर्जेन्स असली है। अगर हमने इस खतरे को अभी नहीं रोका। मुझे लगा था, तुम लीडर हो। और मुझे लगा था, तुम दोस्त हो। जी, मैडम। सबकुछ पता लगाओ। एबरडीन, मैरीलैंड। एक कार आ रही है। उसकी जाँच करने को कहो। सबको अलर्ट पर डालो। वे वही हैं। हाँ? वे यहाँ हैं। हे भगवान। वह तुम्हें बचाने नहीं आ रहा है। अपलोड जारी सर, लक्ष्य आगे बढ़ रहा है। सबको मुख्य मंज़िल पर भेजो, अभी। ठीक है। विद्युत कक्ष तैयार है। पोज़ीशन पर जाओ, लड़को। हमारे पास 30 सेकंड हैं। हैलो। आपकी मदद कर सकती हूँ? रोशनी बंद, सज्जनो। धत्। सर? वह तिजोरियों की ओर जा रहा है। चलो। तुम लोगों को ये चाहिए होगा। क्या बकवास चल रही है? हम पर हमला हो रहा है। मैं तिजोरी की ओर जा रहा हूँ। उन्हें कैसे मिला उन्हें एक्सेस कैसे मिला? उन्हें देखते ही मार क्यों नहीं दिया? हम दोनों को अभी ठीक कर देंगे। फिर कभी नहीं। कभी नहीं। तुम्हारा सिर उड़ा दिया था। तुम अकेले नहीं हो। अच्छा है ये काम करते हैं। तुम गलत रास्ते पर जा रहे हो। शर्त लगाओगे? धत्। ठीक है, लड़को। मैं बाहर हूँ। ठीक है। हाँ। कोई तिजोरी में न जा पाए। उन सीढ़ियों से आने वाले हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास खतरनाक हथियार हैं। तो इस दालान में मौका नहीं मिलेगा। हमारा एकमात्र विकल्प कवर लेना है। मुझे एक बंदूक चाहिए। तुम यहीं रुको। ए, वापस आ गए। मैं आ गया। वापस स्वागत है। वह बिज़नेस मिला जिसे खोज रहे थे? मुझे मिल गया। बिल ने अच्छा चकमा दिया। वह बहुत समझदार है। बिल वॉलटर्स? आप बिल को जानते हैं? धत्, हाँ! हम साथ काम करते हैं। आप करते हैं? उनकी बात नहीं कर सकते। बिल्कुल। मैं समझता हूँ। तो, वह यहाँ है? नहीं, मैंने बिल को काफ़ी समय से नहीं देखा। अच्छा? हाँ। मुझसे झूठ बोल रहे हो? क्या? मैंने कहा, मुझसे झूठ बोल रहे हो? नहीं। नहीं, सर। मुझे कुछ नहीं पता। और मुझे बिल को ढूँढ़ना है। और मुझे उसका पता चाहिए। नहीं कर सकता। साझा करने की अनुमति नहीं सुनो, मैं पूछ नहीं रहा हूँ। बिल्कुल। हाँ। आपके लिए निकालता हूँ। रुको। रुको। मुझे बैग दो। सब खत्म हो गया। मेरी बात ध्यान से सुनो। यह सब खत्म होता है। तो तुम कैथी को यहाँ मेरे पास लाओगी। अभी। और मैं ऐसा क्यों करूँगी? हम इस बात को कुछ ज़्यादा बढ़ा देंगे। मर जाएगा। जल्दी करो। जाओ। पीछे हटो! इसे अंदर लेकर जाओ! चाओ फा, हम अभी भी कम्पाउंड में हैं। क्या हुआ? हर निकास पर टिन टन की कारें हैं। मुझे जाना होगा। हमें जाना होगा, अभी। हेलिकॉप्टर और मिस म्यूलर जा चुके हैं। मैडम, यह सुरक्षित नहीं है। उन्हें ढूँढ़ो, और मार डालो। हाँ? सोचो आगे की सीट पर कौन बैठा है? मुझे मिल गई, यार। हमसे एयरफ़ील्ड पर मिलना। हम हवाई जहाज़ की ओर जा रहे हैं। वह सुरक्षित है? वह सुरक्षित है। कहाँ जा रहे हो? हमें एयरफ़ील्ड जाना है। तुम्हें निकालने का यही समय है। मेरे परिवार के पास जाना होगा। हमारे पीछे पूरी सेना लग जाएगी। आपूर्ति मार्ग, पैकेज। सब मेरी पत्नी और बेटी के पास है। पहले मेरे परिवार को बचाओ। आप नीचे साइन कर दीजिए। हाँ, वहीं पर। शुक्रिया। एक छात्रवृत्ति बनाई गई। हाँ। यह बहुत दुखद था। हाँ। आपको प्रायोजक का नाम पता है? वह गुमनाम था, पर उसके पुरस्कार ऊपर हैं। बायीं ओर ट्रॉफ़ी केस। शुक्रिया। गाड़ी यहीं छोड़ देते हैं। की, बेनू! ठीक है। की! बेनू! यहाँ कोई नहीं है। वे यहीं हैं। पापा? गावा! यहाँ आओ। तुम ठीक हो? हाँ। चाओ? चाओ! चाओ। घर के अंदर जाओ। जल्दी से। जाओ। ठीक है। जाओ। यहीं रहना, ठीक है? लगा तुम्हें खो दिया। ठीक है। ठीक है, सुनो। क्या चल रहा है? हम अब जा रहे हैं। कुछ मत लेना। जाओ! चाओ? चाओ! चलो। चलो। यहीं रहना। चलो। मेरे वापस आने तक इसे यहीं रखना। धत्। हमें जाना होगा। तुम यहाँ हो। आप ठीक हैं? बिल्कुल ठीक हूँ, गावा। तुम्हें भूलने नहीं दे सकता था। तुमसे प्यार है। तुमसे प्यार है। चाओ फा, हमें जाना होगा। जाओ। अब जाने का समय है, मेरी परी। पर आप भी आ रहे हैं। हाँ, बिल्कुल। मैं तुम्हारे ठीक पीछे हूँ। गावा अपने सपने याद रखना। तुमसे वहीं मिलूँगा। ठीक है, जाओ। मुझे माफ़ करना। तुमने सब ठीक कर दिया। हम उन्हें बाहर निकाल लेंगे। जेम्स, वह अदे ओसोजी है। क्या? तुम्हारा दानकर्ता। वे शैल कंपनियाँ उसकी हैं। कमीना कहीं का। तो फिर वही मिलर को चला रहा है। और जिसने भी उसे मारा। तुम कहाँ हो? एक पता है। मैं वहीं जा रहा हूँ। मुझे भेजो। तुम अकेले नहीं जाओगे। ठीक है। चलो! तुम्हारे दोस्त छोड़कर चले गए। मेरा परिवार है। वे नहीं पहुँच पाएँगे। कि तुम आखिरी चेहरा मेरा देखोगे। तुम। सबको हवाई पट्टी पर ले जाओ। माफ़ करना। यह सही समय नहीं है। अपने आदमी को फ़ोन करो। इस सबके बाद वह छिपा हुआ है उसे तुरंत फ़ोन करो। संभलकर, ठीक है? भागो! सीधे हवाई जहाज़ में बैठो, ठीक है? सीधे हवाई जहाज़ पर। तुम ठीक हो? मैं ठीक हूँ। मुझे माफ़ करना। चलो घर चलते हैं, ठीक है? चलो घर चलते हैं। जैक। उस हवाई जहाज़ पर बैठो। तुम क्या कर रहे हो? उड़ने का समय मिल जाएगा। तुम मेरे साथ आ रहे हो। ठीक है? मेरी बात सुनो। तुमसे प्यार है। तुमसे प्यार है। मुझे भी तुमसे प्यार है। मैं पीछे ही हूँ, ठीक है? हे भगवान। चलो! निकलो! चलो। यहीं पर। ठीक है। जैक, तुम कहाँ हो? थाईलैंड। शायद। थाईलैंड? तुम जैसे आलसी गधे को छुट्टी नहीं मिल सकती। हेलिकॉप्टर में आग लग गई, ईंधन खत्म हो गया। शायद हम 80 किलोमीटर भी नहीं आ सके। मछुआरों का एक गाँव है। हम शायद वहाँ पहुँच सकते हैं। खैर, क्या हुआ, जैक? हमें चाओ फा मिल गया। वहाँ आ रहे हैं। कैथी के साथ। तुमने अभी कैथी कहा? जैसे ही वे उतरें, उन्हें खोजो। वह तुम्हें परिवार तक ले जाएगी। हर खुफ़िया जानकारी उनके पास है। कौन सी जानकारी? हमने सारे ट्रिगर मिटा दिए। पर वे मूल पाँच पैकेज अब भी बाहर हैं। हे भगवान। वह जानकारी मिलते ही बम मिल जाएँगे। हाँ, मैं देखता हूँ। ठीक है, जैक, मुझे जाना होगा। तुमने कुछ नहीं देखा, तुम कुछ नहीं कहोगे। समझ गया। उसने क्या कहा? कमीने ने फ़ोन काट दिया। वही करता है। अभी भी सो रहा है? हाँ। ठीक है। चलो उसे जगाते हैं। धत्। चलो। चुप! चुप। कुछ मत कहना! तुम ठीक हो। मुझे देखने दो। पीछे से बाहर निकल गई है। तुम ठीक हो जाओगे। मैं ठीक हूँ। ठीक है, मैं आता हूँ। जाओ। धत्। जैक! जैक, ज़ोडिएक! इसे ले जाओ। बिल! इसे ले जाओ! बिल! निकल रहा हूँ! ठीक है, निकलो! इसे उठाओ! अब, कमीने। फिर से कोशिश करते हैं। लक्ष्य सामने है। अब आगे बढ़ रहे हैं। पहले चाओ फा की जानकारी काफ़ी है? परिवार के लिए जीवन खतरे में डाल रहा है। ऐसे पता है, जानकारी सही है। तुम्हें जेनेवा में चाहते हैं। यहाँ क्यों बुलाया? जब हम म्यानमार वापस जाएँगे, पूरा ऑपरेशन तुम्हारा होगा। डोमिनिक को खोज रहा हूँ। आप जानते हैं वह घर पर नहीं है। कोई शैल कंपनियों में उसका नाम इस्तेमाल कर रहा है। मिस म्यूलर। सोच रही थी, क्या तुम म्यानमार के उस हिस्से में थोड़ी रोशनी लाने में मेरी मदद करोगी। यह सम्मान की बात होगी। तो ये पाँच ट्रिगर हैं? माफ़ करना, सज्जनो। दूसरी तरफ़ क्या है? दुनिया को बदलने का तरीका। हमें यह मान लेना चाहिए कि अगला निशाना हम हैं। यह पैसा नहीं। ये निर्देशांक हैं। हम कहाँ जा रहे हैं? टॉम क्लैन्सीज़ जैक रायन अंडमान समुद्र म्यानमार हमें खेप को तेज़ी से भेजना होगा। मैंने क्रोएशिया से आपके कूरियर की कहानियाँ सुनी हैं। और मैंने मेक्सिको से आपके फेडरेल की कहानियाँ सुनी हैं। अच्छा है कि हम सच को सामने आने दें? अमेरिका जा रहे पाँच पैकेज तैयार हैं, पर मुझे अभी तक मंज़िल नहीं पता। एक मंज़िल: सीमा। पैकेजों को वहाँ भेजो। अभी। इसे ऐसे काम नहीं करना था। मान लो कि मैं अभी उन पैकेजों को तुम्हारे डॉक्स पर ट्रिगर कर दूँ तो? हवाओं के हिसाब से, तुम्हारे परिवार के हर सदस्य तक पहुँचेगा, ग्वाडलाहारा तक। शायद यह ऐसे काम करना चाहिए। तचिलीक एयरपोर्ट शन स्टेट, म्यानमार हम तैयार हैं। यह लो। तो सीधे कैसीनो में जाएँ, पैसा गँवाने को तैयार एक ग्राहक बनकर। मैं वैसा कर सकता हूँ। उसे बताओ, तुम वहाँ हो। उसके बाद, अगली चाल उसकी होगी। समझ गया। सुनो, चाओ फा जो कर सकता है, करेगा। पर याद रखना, हम उनकी दुनिया में हैं। संभलकर। इससे अच्छा महसूस नहीं हुआ। तुम ठीक रहोगे। हैलो। कॉल हैरी स्टेट मार्टिन मोरेन बर्नी आगमन शुभकामनाएँ। मैं आ रहा हूँ। हे भगवान। यहाँ। हाँ। वुकोंग कैसीनो। क्या शानदार शुरुआत हुई है। घुसपैठ की कोशिश की जाएगी। यह कार चलतीफिरती तोप होनी चाहिए। हर चीज़ के लिए तैयार रहना होगा। तो इसमें जो भर सको, भर लो। पूरे सुरक्षा सिस्टम को अपडेट किया है। इनकी अदलाबदली कर देना। जी, सर। कुछ दिखा? नहीं, सर। पूरी परिधि का बढ़ा हुआ विवरण है, एयरफ़ील्ड पर निगरानी के साथ। उसे बड़ा करो। युन्नान एयरफ़ील्ड शन स्टेट, म्यानमार विश्व स्वास्थ्य संगठन शुक्रिया। म्यानमार में स्वागत है। मैं यहाँ आने के लिए बहुत शुक्रगुज़ार हूँ। और पहले ही लड़ाई को तैयार। यह ज़्यादा नहीं है। हमारे बात करने के बाद, जो मिला ले आई। खैर, इस साझेदारी को बनने में काफ़ी समय लग गया। और संगठन की ओर से, इसे संभव बनाने के लिए शुक्रिया। आपका दुनिया पर प्रभाव किसी चमत्कार से कम नहीं है। और मुझे लगा कि शुरुआत करने के लिए सबसे अच्छी जगह घर ही है। इस जगह को अक्सर खतरा माना जाता है। पर यह सुंदर भी है। आओ। बहुत कुछ दिखाना है। वुकोंग पैलेस कैसीनो शन स्टेट, म्यानमार डिपॉज़िट अलर्ट 0.21 डॉलर मुझे हिट करो यह लीजिए। शुक्रिया। दाँव, प्लीज़। भाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ। और दाँव नहीं। मैं आ रहा हूँ। पवित्र बाइबिल किंग जेम्स संस्करण पंद्रह। बहुत ज़्यादा हैं। चलो भी। तेईस। बहुत ज़्यादा! जी, सर! सर? बधाई हो। शुक्रिया। मैं चाओ फा सेन हूँ। ऑपरेशन का मुखिया। मिलकर अच्छा लगा। आपको और जीती रकम को निकालने में मदद करता हूँ। मुझे अच्छा लगेगा। डीलर, यह तुम्हारे लिए है। शुक्रिया, सर। शुक्रिया। दिन अच्छा बीते। एक घंटे में मिलेगा। वॉल्टर रीड मेडिकल सेंटर बेथेस्डा, मैरीलैंड हाँ। वह टांटो चाकू? हमने सैन्य डेटाबेस में रक्त का मिलान किया। और? और यह मानते हुए कि इस आदमी का पता लगा सकते हैं, यह बहुत बड़ा "अगर" है... आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि यह पूरी प्रक्रिया सही कानूनी प्रक्रिया के बिना... पैट्रिक, नाम। वह कौन है? विलियम जेम्स टटल। इसका नाम भी कमीने जैसा है। उसके बारे में सबकुछ बताओ। ठीक है। तुम क्या करोगे? अपने डैड के साथ 'ड्राइव' पर चलो। यहाँ से निकल जाऊँगा। शरणार्थी कैंप शन स्टेट, म्यानमार कुपोषण साफ़ तौर पर सबसे बड़ा खतरा है। अनाथ बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। याबा व्यापार कैसे भी तबाह कर सकता है। यह पहले छोटा था, सोने से पहले की कहानी की तरह। पर सभी महत्वाकांक्षाओं की तरह, यह बढ़ गया। मैं उस गंध को कभी नहीं भूल सकती। क्या आप यहाँ बड़ी हुई हैं? उन पहाड़ियों के पार। मुझे लगता है कि हर कोई हमेशा वहीं से भाग रहा है जहाँ से वह है। पर आप नहीं। आपने लड़ने को चुना। बहुत सही कहा। तुम थक गई होगी। चलो धूप से निकलते हैं। अस्पताल की साइट सड़क पर आगे है। द कम्पाउंड शन स्टेट, म्यानमार आप ठीक हैं? 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आपको यह करना चाहिए? मुझे? वे तुम्हें दोष देंगे। तुम देखना चाहते थे न कि मैं क्या करता हूँ? यह बकवास इससे ज़्यादा असली नहीं होगी। हे भगवान। मैं कहूँगा कि चाओ फा ने हमारी संभावना बढ़ा दी। हाँ। बढ़िया। डॉ. रायन। आज चाहे जो हो, हम अपना रास्ता नहीं बदल सकते। इतने सुरक्षा दरवाज़े देखने के बाद कहूँगा कि आज बहुत कुछ हो सकता है। तुम्हें कुछ जानना होगा। कैथी म्यूलर यहाँ है। क्या? ज़ेयारा लेमॉस वह नहीं है जो दिखाई देती है। वह इस पूरे ऑपरेशन की सूत्रधार है। इस सबका कैथी से क्या लेनादेना... वह उसे चारे के तौर पर लाई थी। मुझे कुछ घंटे पहले पता लगा। वह कहाँ है? ज़ेयारा उम्मीद करती है कि तुम ट्रिगर्स के बजाय कैथी के पीछे जाओ। तुम वैसा नहीं कर सकते। वह कहाँ है? अगर उसके पीछे गए, तो सब खो दोगे। हम सब। मुझे कैसे पता चलेगा कि वह ठीक है? मुझे कैसे पता चलेगा वह ज़िंदा है? क्योंकि वह बचाव है। जब तक तुम ज़िंदा हो, वह ज़िंदा है। मुझे नहीं पता अब वह कहाँ है। पर मुझे पता है कि वह कहाँ हो सकती है। लोई सैंग शन स्टेट, म्यानमार यह अस्पताल था? नहीं, एक जेल था। आखिरी बार अंग्रेज़ों ने इस्तेमाल किया था, इन चिन पहाड़ियों पर विलय के दौरान। इसे वापस पाने की कोशिश में तीन युद्ध लड़े गए, पर कोई काम नहीं बना। यह पूरा क्षेत्र लगभग 100 सालों तक ब्रिटिश शासन के अधीन रहा क्योंकि उन्होंने तय किया था। यह शिविर का हिस्सा होगा? नहीं। नहीं। कोई शिविर नहीं है। अपना फ़ोन निकालो और जैक रायन को फ़ोन करो। मिस्टर चावेज़। यह रखो। मेरे कहने पर। तुम्हारे कहने पर। कैथी इसका जवाब दिया तो कुछ ही मिनटों में मारे जाओगे। वह उठा नहीं रहा। आपकी मदद कर सकती हूँ? क्या डॉ. थॉन्ग उपलब्ध हैं? ग्रीर। अस्पताल ने फ़ोन किया। क्या कर रहे हो? एलिज़ाबेथ, वह मिल गया। जिसने मुझे मारने की कोशिश की थी। वह किसी और को मारे उससे पहले उस तक पहुँचना होगा। मेरी बात सुनो। तुम बाहर जाने की हालत में नहीं हो। रुक जाओ। मैं नहीं कर सकता, एलिज़ाबेथ, और न ही तुम। कन्वर्जेन्स असली है। जैक जान जोखिम में डालकर तुम्हें बचा रहा है, जबकि तुम ऐसी नौकरी की पुष्टि चाहती हो जिसका मतलब नहीं होगा अगर हमने इस खतरे को अभी नहीं रोका। मुझे लगा था, तुम लीडर हो। और मुझे लगा था, तुम दोस्त हो। जी, मैडम। डोमिनिक सैंडरसन के बारे में सबकुछ पता लगाओ। एबरडीन, मैरीलैंड। वुकोंग पैलेस कैसीनो शन स्टेट, म्यानमार वुकोंग सर, प्रतिबंधित पार्किंग में एक कार आ रही है। उसकी जाँच करने को कहो। सबको अलर्ट पर डालो। वुकोंग वे वही हैं। हाँ? वे यहाँ हैं। हे भगवान। वह तुम्हें बचाने नहीं आ रहा है। कैसीनो दालान विद्युत कक्ष पैकेज स्थानांतरण अपलोड जारी... सर, लक्ष्य आगे बढ़ रहा है। सबको मुख्य मंज़िल पर भेजो, अभी। ठीक है। विद्युत कक्ष तैयार है। पोज़ीशन पर जाओ, लड़को। हमारे पास 30 सेकंड हैं। हैलो। आपकी मदद कर सकती हूँ? रोशनी बंद, सज्जनो। धत्। सर? वह तिजोरियों की ओर जा रहा है। चलो। अपडेट पूरा सिक्योरिटी लॉकआउट लग गई तुम लोगों को ये चाहिए होगा। क्या बकवास चल रही है? हम पर हमला हो रहा है। मैं तिजोरी की ओर जा रहा हूँ। उन्हें कैसे मिला... उन्हें एक्सेस कैसे मिला? उन्हें देखते ही मार क्यों नहीं दिया? हम दोनों को अभी ठीक कर देंगे। फिर कभी नहीं। कभी नहीं। तुम्हारा सिर उड़ा दिया था। तुम अकेले नहीं हो। अच्छा है ये काम करते हैं। तुम गलत रास्ते पर जा रहे हो। शर्त लगाओगे? धत्। ठीक है, लड़को। मैं बाहर हूँ। ठीक है। हाँ। मिस लेमॉस ने कहा है, कोई तिजोरी में न जा पाए। वे किसी भी मिनट उन सीढ़ियों से आने वाले हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास खतरनाक हथियार हैं। अगर कोई भी विस्फोट हुआ, तो इस दालान में मौका नहीं मिलेगा। हमारा एकमात्र विकल्प कवर लेना है। मुझे एक बंदूक चाहिए। बिज़हब कार्यालय बेथेस्डा, मैरीलैंड तुम यहीं रुको। ए, वापस आ गए। मैं आ गया। वापस स्वागत है। वह बिज़नेस मिला जिसे खोज रहे थे? मुझे मिल गया। बिल ने अच्छा चकमा दिया। वह बहुत समझदार है। बिल वॉलटर्स? आप बिल को जानते हैं? धत्, हाँ! हम साथ काम करते हैं। आप करते हैं? हम जिन चीज़ों में हैं, उनकी बात नहीं कर सकते। बिल्कुल। मैं समझता हूँ। तो, वह यहाँ है? नहीं, मैंने बिल को काफ़ी समय से नहीं देखा। अच्छा? हाँ। मुझसे झूठ बोल रहे हो? क्या? मैंने कहा, मुझसे झूठ बोल रहे हो? नहीं। नहीं, सर। मुझे कुछ नहीं पता। यहाँ कुछ बड़ा हो रहा है, और मुझे बिल को ढूँढ़ना है। और मुझे उसका पता चाहिए। नहीं कर सकता। मतलब, मैं परेशान नहीं करना चाहता, पर लोगों की निजी बातें साझा करने की अनुमति नहीं... सुनो, मैं पूछ नहीं रहा हूँ। बिल्कुल। हाँ। आपके लिए निकालता हूँ। रुको। रुको। मुझे बैग दो। सब खत्म हो गया। मेरी बात ध्यान से सुनो। यह सब खत्म होता है। तो तुम कैथी को यहाँ मेरे पास लाओगी। अभी। और मैं ऐसा क्यों करूँगी? क्योंकि वरना, हम इस बात को कुछ ज़्यादा बढ़ा देंगे। और तुमने जो बनाया है, जो भी मैंने तुम्हारे लिए बनाया है, मर जाएगा। जल्दी करो। जाओ। पीछे हटो! इसे अंदर लेकर जाओ! चाओ फा, हम अभी भी कम्पाउंड में हैं। क्या हुआ? हर निकास पर टिन टन की कारें हैं। मुझे जाना होगा। हमें जाना होगा, अभी। हेलिकॉप्टर और मिस म्यूलर जा चुके हैं। मैडम, यह सुरक्षित नहीं है। हेलिकॉप्टर को ट्रैक करो, उन्हें ढूँढ़ो, और मार डालो। हाँ? सोचो आगे की सीट पर कौन बैठा है? मुझे मिल गई, यार। हमसे एयरफ़ील्ड पर मिलना। हम हवाई जहाज़ की ओर जा रहे हैं। वह सुरक्षित है? वह सुरक्षित है। कहाँ जा रहे हो? हमें एयरफ़ील्ड जाना है। तुम्हें निकालने का यही समय है। मेरे परिवार के पास जाना होगा। चाओ फा, किसी भी समय हमारे पीछे पूरी सेना लग जाएगी। वह डाटा जो तुम्हें चाहिए, आपूर्ति मार्ग, पैकेज। हमने यह कैसे किया, किसने मदद की, सब मेरी पत्नी और बेटी के पास है। अपने देश को बचाना चाहते हो, पहले मेरे परिवार को बचाओ। कार्डोज़ो, वॉशिंगटन डी.सी आप नीचे साइन कर दीजिए। हाँ, वहीं पर। शुक्रिया। मुझे बताया गया कि डोमिनिक सैंडरसन को चोट लगने के बाद उसके लिए एक छात्रवृत्ति बनाई गई। हाँ। यह बहुत दुखद था। हाँ। आपको प्रायोजक का नाम पता है? वह गुमनाम था, पर उसके पुरस्कार ऊपर हैं। बायीं ओर ट्रॉफ़ी केस। शुक्रिया। कम्पाउंड शन स्टेट, म्यानमार गाड़ी यहीं छोड़ देते हैं। की, बेनू! ठीक है। की! बेनू! यहाँ कोई नहीं है। वे यहीं हैं। पापा? गावा! यहाँ आओ। तुम ठीक हो? हाँ। चाओ? चाओ! चाओ। घर के अंदर जाओ। जल्दी से। जाओ। ठीक है। जाओ। यहीं रहना, ठीक है? लगा तुम्हें खो दिया। ठीक है। ठीक है, सुनो। क्या चल रहा है? हम अब जा रहे हैं। कुछ मत लेना। जाओ! चाओ? चाओ! चलो। चलो। यहीं रहना। चलो। मेरे वापस आने तक इसे यहीं रखना। डोनर सर्कल धत्। हमें जाना होगा। तुम यहाँ हो। आप ठीक हैं? बिल्कुल ठीक हूँ, गावा। तुम्हें भूलने नहीं दे सकता था। तुमसे प्यार है। तुमसे प्यार है। चाओ फा, हमें जाना होगा। जाओ। अब जाने का समय है, मेरी परी। पर आप भी आ रहे हैं। हाँ, बिल्कुल। मैं तुम्हारे ठीक पीछे हूँ। गावा... अपने सपने याद रखना। तुमसे वहीं मिलूँगा। ठीक है, जाओ। मुझे माफ़ करना। तुमने सब ठीक कर दिया। हम उन्हें बाहर निकाल लेंगे। जेम्स, वह अदे ओसोजी है। क्या? तुम्हारा दानकर्ता। वे शैल कंपनियाँ उसकी हैं। कमीना कहीं का। तो फिर वही मिलर को चला रहा है। और जिसने भी उसे मारा। तुम कहाँ हो? एक पता है। मैं वहीं जा रहा हूँ। मुझे भेजो। तुम अकेले नहीं जाओगे। ठीक है। चलो! तुम्हारे दोस्त छोड़कर चले गए। उनके पास मेरा परिवार है। वे नहीं पहुँच पाएँगे। मैं चाहता हूँ कि तुम जानो, मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है कि तुम आखिरी चेहरा मेरा देखोगे। और मेरा, तुम। सबको हवाई पट्टी पर ले जाओ। वॉशिंगटन, डी.सी माफ़ करना। यह सही समय नहीं है। अपने आदमी को फ़ोन करो। इस सबके बाद वह छिपा हुआ है... उसे तुरंत फ़ोन करो। संभलकर, ठीक है? भागो! सीधे हवाई जहाज़ में बैठो, ठीक है? सीधे हवाई जहाज़ पर। तुम ठीक हो? मैं ठीक हूँ। मुझे माफ़ करना। चलो घर चलते हैं, ठीक है? चलो घर चलते हैं। जैक। उस हवाई जहाज़ पर बैठो। तुम क्या कर रहे हो? मैं उन्हें रोकूँगा, उड़ने का समय मिल जाएगा। तुम मेरे साथ आ रहे हो। ठीक है? मेरी बात सुनो। तुमसे प्यार है। तुमसे प्यार है। मुझे भी तुमसे प्यार है। मैं पीछे ही हूँ, ठीक है? हे भगवान। चलो! निकलो! चलो। वॉशिंगटन, डी.सी यहीं पर। ठीक है। जैक, तुम कहाँ हो? थाईलैंड। शायद। थाईलैंड? तुम जैसे आलसी गधे को छुट्टी नहीं मिल सकती। हेलिकॉप्टर में आग लग गई, ईंधन खत्म हो गया। शायद हम 80 किलोमीटर भी नहीं आ सके। एक या दो मील दूरी पर मछुआरों का एक गाँव है। हम शायद वहाँ पहुँच सकते हैं। खैर, क्या हुआ, जैक? हमें चाओ फा मिल गया। उसकी पत्नी और बेटी हवाई जहाज़ में वहाँ आ रहे हैं। कैथी के साथ। तुमने अभी कैथी कहा? जैसे ही वे उतरें, उन्हें खोजो। वह तुम्हें परिवार तक ले जाएगी। चाओ फा ने कहा हर खुफ़िया जानकारी उनके पास है। कौन सी जानकारी? हमने सारे ट्रिगर मिटा दिए। पर वे मूल पाँच पैकेज अब भी बाहर हैं। हे भगवान। वह जानकारी मिलते ही बम मिल जाएँगे। हाँ, मैं देखता हूँ। ठीक है, जैक, मुझे जाना होगा। तुमने कुछ नहीं देखा, तुम कुछ नहीं कहोगे। समझ गया। उसने क्या कहा? कमीने ने फ़ोन काट दिया। वही करता है। अभी भी सो रहा है? हाँ। ठीक है। चलो उसे जगाते हैं। धत्। चलो। चुप! चुप। कुछ मत कहना! तुम ठीक हो। मुझे देखने दो। पीछे से बाहर निकल गई है। तुम ठीक हो जाओगे। मैं ठीक हूँ। ठीक है, मैं आता हूँ। जाओ। धत्। जैक! जैक, ज़ोडिएक! इसे ले जाओ। बिल! इसे ले जाओ! बिल! निकल रहा हूँ! ठीक है, निकलो! इसे उठाओ! अब, कमीने। फिर से कोशिश करते हैं। लक्ष्य सामने है। अब आगे बढ़ रहे हैं। संवाद अनुवादक तुषार रचनात्मक पर्यवेक्षक अशोक बक्शी
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रूस में सरकार का क्या स्वरूप है? आदेश, जिसके अनुसाररूस में रूस के देश के सर्वोच्च निकायों (सरकार के रूप) की संस्था और संपर्क की स्थापना विभिन्न कारकों को ध्यान में रखकर की जाती है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक और कानूनी संस्कृति का स्तर है, सामाजिक और राजनीतिक ताकत का संतुलन है, और अन्य। तो रूस में सरकार का क्या स्वरूप है? पहले यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक साथसुविधाओं के साथ कि राष्ट्रपति गणराज्य के पारंपरिक अर्थों में (विशेष रूप से, सरकारी काम पर राष्ट्रपति नियंत्रण के साथ), इस आदेश में संसदीय गणतंत्र की कुछ विशेषताएं हैं ये विशेषताएं हैं कि राज्य ड्यूमा सरकार को अविश्वास व्यक्त कर सकती है, इस तथ्य के बावजूद कि राष्ट्रपति इस मामले पर अंतिम निर्णय लेते हैं। साथ ही, रूस में सरकार के रूप में, कई लेखकों की राय में, यह अलग है कि सत्ता के अलग-अलग शाखाओं के बीच एक निश्चित महत्व है। रूस एक अद्वितीय राज्य है,और रूस में सरकार का रूप मुख्य रूप से संविदात्मक कानूनी आधार पर बनाया गया है। संघीय संबंधों के स्वतंत्र समायोजन और विनियमन के लिए एक तंत्र के रूप में, फेडरेशन के विषयों और राज्य प्राधिकरण के निकायों के बीच द्विपक्षीय प्रकृति के संधियां। यह कहा जाना चाहिए कि रूसी संघ की घटक संस्थाओं की संख्या दुनिया की पहली जगह में है। विकेंद्रीकरण और बढ़ती हुईक्षेत्रों की स्वतंत्रता मूल सिद्धांतों द्वारा संतुलित है जो संविधान में दर्शायी जाती हैं। ये सिद्धांत संघ के सभी सदस्यों की समानता की गारंटी देते हैं, देश के क्षेत्र की अखंडता की अविनाशीता, नींव की एकता जो राज्य व्यवस्था को बनाते हैं। संवैधानिक रूप से देश में, राज्य अधिकारियों के विषय तीन श्रेणियों में विभाजित हैंः विषय जो विषयों के संयुक्त प्रबंधन और संघ, संघ के अलग प्रबंधन, और विषयों का गठन करते हैं।
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पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मान गए हैं। रविवार को कांग्रेस की तरफ से सीएम फेस के एलान से पहले पंजाब कांग्रेस प्रधान और पद के प्रबल दावेदार सिद्धू ने कहा कि हर कोई राहुल गांधी के फैसले का पालन करेगा। एक ट्वीट कर सिद्धू ने कहा कि बिना किसी निर्णय के कभी भी कुछ भी महान हासिल नहीं हुआ. . . पंजाब को स्पष्टता देने आए हमारे अग्रणी प्रकाश राहुल जी का हार्दिक स्वागत.... सब उनके फैसले का पालन करेंगे! ! ! कांग्रेस की तरफ से अगले सीएम चेहरे के लिए मौजूदा सीएम चरणजीत चन्नी और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के नाम पर विचार किया गया था। हालांकि सर्वे में चन्नी सिद्धू से आगे निकल गए। इसके बाद हाईकमान की तरफ से कई तरीकों से चन्नी का नाम फाइनल होने का संकेत दिया। वहीं हाईकमान का रुख भांपते ही प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर भी कड़े हो गए थे। वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब में अपना अगला मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की तैयारी कर ली है। पार्टी की ओर से चन्नी को आगे रखकर मौजूदा विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अलग से भी रणनीति बनाई गई है। Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
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वाशिंगटन, (भाषा)। कैलिफोर्निया की भारतीय मूल की अमेरिकी अटॉर्नी जनरल कमला हैरिस और राज्य के सांसदों ने 140 वर्ष पुराने बलात्कार कानून को बदलने की "ानी है। इस कानून में शामिल बलात्कार की परिभाषा में सिर्फ विवाहित महिला ही बलात्कार पीड़िता हो सकती है। अविवाहितों के साथ होने वाला बलात्कार इस कानून में शामिल नहीं है। लॉस एंजिलिस की एक अदालत ने पिछले सप्ताह कैलिफोर्निया के इस कानून का हवाला देते हुए तीन वर्ष पहले बलात्कार के मामले में हुई दोषसिद्धी को खारिज कर दिया क्योंकि पीड़ित महिला विवाहित नहीं थी। कैलिफोर्निया की पहली महिला तथा भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी जनरल कमला हैरिस ने कहा, यह कानून बहुत पुराना है और मैं विधायिका के साथ मिलकर इसे "ाrक करने की कोशिश करूंगी। उन्होंने कहा, स्पष्ट सबूत हैं कि इस मामले में बिना सहमति के यौन संबंध बनाया गया है जो सामान्य समझ के अनुसार बलात्कार की परिभाषा में फिट बै"ता है। `सीएनएन' से कमला ने कहा कि सांसद अभी तक वर्ष 1872 में बने इस कानून में बदलाव के किसी भी कदम का विरोध करते थे। यह कानून अमेरिकी गृह युद्ध के सात वर्ष बाद ही पारित हुआ था। पहले से ही क्षमता से ज्यादा कैदियों को संभाल रही जेलों में और भीड़ न बढ़े इसलिए सांसदों ने इस कानून में बदलाव का विरोध करते रहे हैं। कमला ने कहा, हम इस समस्या को सुलझा लेंगे। यह एक ऐसी महिला के संबंध में है जिसका बलात्कार हुआ है और उसे न्याय मिलना चाहिए।
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[ खंड ३ : अध्याय ५ ] उपासकों को धन की प्राप्ति करानेवाली, साक्षात्कार करने योग्य परब्रह्म को अपने से श्रम रूप में जाननेवाली तथा पूजनीय देवताओं में प्रधान हूँ। मैं प्रपंच रूप से अनेक भावों में स्थित हूँ । संपूर्ण भूतों में मेरा प्रवेश है। अनेक स्थानों में रहनेवाले देवता जहाँ कहीं जो कुछ भी करते हैं, वह सब मेरे लिये करते हैंः अहं राष्ट्री-संगमनी वसूनां चिकितुषी प्रथमा यशियानाम् । तो मा देवा व्यदधुः पुरुत्रा यह मंत्र स्पष्टरूप से देवी की ता सिद्ध कर रहा है। जगत् के उद्भव, पालन तथा संहार का कार्य शक्ति की ही लीला का विलास है । शक्ति का तत्व नितात व्यापक है । वह पृथ्वी तथा प्रकाश दोनों से परे है - परो दिवा पर एना पृथिव्या । उपनिषदों में भी शक्ति की भावना विकसित रूप में दृष्टिगोचर होती है । केन उपनिषद् में उमा हैमवती ज्ञान की ठिात्री देवी है और उनका प्रादुर्भाव देवताओं को यह शिक्षा देने के लिये होता है कि अपनी तुच्छ शक्ति के ऊपर उन्हें कभी गर्व तथा अभिमान नहीं करना चाहिए, क्योंकि सर्वशक्तिमान् परब्रह्म की ही शक्ति के वे प्रतीकमात्र है। उसी नियंता के शासन में रहकर ही वे अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हैं, अन्यथा नहीं। शक्ति की उपासना के द्योतक अनेक उपनिषद् भी मिलते हैं जिनमें अनेक की प्राचीनता संदेहरहित है। भूरिस्थात्रां भूर्यावेशयन्तीम् ॥ रामायण तथा महाभारत में शक्ति पूजा का अवसरों पर विस्तृत वर्णन है। पुराणों में शक्तिपूजा के प्रचारक अनेक स्वतंत्र पुराण भी हैं। मार्केडेय पुराण में वर्णित दुर्गासप्तशती शक्ति की उपासना का एक महनीय ग्रंथ है जिसका प्रचार श्राज भी हमारे बीच उसी व्यापकता के साथ है। दुर्गासप्तशती में शक्ति के तीन रूप वर्णित है - ( १ ) महाकाली ( प्रथम अध्याय ), ( २ ) महालक्ष्मी ( २ अध्याय से लेकर ४ अध्याय ) तथा ( ३ ) महासरस्वती ( ५ अध्याय - १३ अध्याय ) । इन तीनों रूपों में शक्ति का चरित्र वर्णित है। इस पुराण के अनुसार देवी ही सच प्राणियों में शक्ति, दया, शांति, क्षांति, तुष्टि, बुद्धि तथा माता श्रादि नाना रूपों में विराजमान है। शक्ति ही पृथ्वी रूप से जगत् की श्राधारस्थानीया है। जलरूप से स्थित होकर वह संपूर्ण विश्व को तृप्त करती है। वही बलसंपन्न वैष्णवी शक्ति है । इस विश्व की कारणभूता परा माया वही है। बंधन की तथा मोक्ष की
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टैंक की दुनिया में एफवी 4202 कैसे प्राप्त करें? विश्व के टैंक सबसे लोकप्रिय में से एक है।आधुनिक समय के मल्टीप्लेयर कंप्यूटर गेम। आपको युद्ध के वाहन की यथार्थवादी तकनीकी विशेषताओं के अनुसार टैंक को नियंत्रित करना होगा, और साथ ही असली विरोधियों के साथ लड़ना होगा। इस लेख में, आप सीखेंगे कि कैसे प्राप्त करेंप्रेम एफवी 4202। यह प्रीमियम टैंक बहुत लोकप्रिय है, लेकिन हर कोई इसे प्राप्त नहीं कर सकता है। बेशक, आप इसे हमेशा स्टोर में खरीद सकते हैं, लेकिन यह बहुत महंगा होगा, इसलिए आपको वास्तविक पैसे खर्च करना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करना चाहते हैं, तो आपका रास्ता एक परीक्षण है। सच है, आपको इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि परीक्षणों की शुरुआत से आपके पास पहले से ही टैंक सेंचुरियन एक्शन एक्स उपलब्ध होना चाहिए। और इस मामले में प्रेम एफवी 4202 कैसे मुफ्त में प्राप्त करें? खिलाड़ी को लड़ाकू परीक्षण पास करना होगा, जिनमें से प्रत्येक उसे वांछित ट्रॉफी के करीब एक कदम लाएगा। तो, अगर आप जानना चाहते हैं कि कैसे प्रीमियर प्राप्त करेंएफवी 4202, तो आपको ऊपर वर्णित सेंचुरियन एक्शन एक्स टैंक पर बिल्कुल प्रदर्शन करने की आवश्यकता वाले पहले कार्य से शुरुआत करने की आवश्यकता है। आपको कभी-कभी कम से कम 750 इकाइयों के शुद्ध अनुभव प्राप्त करने के दौरान कभी-कभी युद्ध करना चाहिए, यानी आपके पास मौजूद सभी बोनस खाते पर उपलब्ध है। कृपया ध्यान दें कि यह परीक्षण कर सकता हैदिन में केवल एक बार जाएं, ताकि जैसे ही आप इसे संभाल सकें, निम्न कार्य करने शुरू करें। इससे पहले कि आप एक प्रीमियर एफवी 4202 प्राप्त करें, सड़क पर यह पहला कदम है। पहला कदम खत्म हो गया है, और आप और भी चाहते हैंप्रीपेड एफवी 4202 कैसे प्राप्त करें इसके साथ सौदा करें। लेकिन यदि आप किसी असामान्य और अद्वितीय कार्य की अपेक्षा करते हैं, तो आप निराश होंगे। तथ्य यह है कि अगला कदम ग्यारह बार पहला कार्य करने के लिए होगा। तदनुसार, यदि आप बहुत भाग्यशाली हैं और आप प्रत्येक युद्ध में सही मात्रा में अनुभव प्राप्त कर सकते हैं, तो आपको इन दो चरणों को पूरा करने के लिए बारह दिनों की आवश्यकता होगी। हालांकि, यह मत सोचो कि यह सब कुछ हैसमाप्त हो रहा है यदि आप वास्तव में समझना चाहते हैं कि प्रेम एफवी 4202 कैसे प्राप्त करें, तो आपको परीक्षण के सभी आइटमों से परिचित होना चाहिए। तथ्य यह है कि आपको न केवल अनुभव प्राप्त करने की निगरानी करने की आवश्यकता है, बल्कि नुकसान भी हुआ है। तीसरे बिंदु के मुताबिक, परीक्षण के आखिरी बार आपको 450 हजार यूनिट क्षति पहुंचाने की जरूरत है। स्वाभाविक रूप से, इस खंड में भी अपनी अतिरिक्त स्थितियां हैंः - सबसे पहले, यादृच्छिक लड़ाई में लगाए जाने वाले केवल एक ही पर विचार किया जाएगा। - दूसरा, आठवीं स्तर से ऊपर एक टैंक चलाते समय आपके द्वारा लगाई गई क्षति समग्र स्टैंडिंग में जाती है। जैसा कि आप देख सकते हैं, यह कार्य को पूरा करना उतना आसान नहीं होगा जितना शुरू में लग रहा था। अंतिम चरण इसके बाद से सबसे आसान हैबस सभी परीक्षणों का अंत करता है। पिछले दो हिस्सों की शर्तों को पूरा करने के बाद आपको बस एक और यादृच्छिक लड़ाई खेलने की आवश्यकता है। यही है, आप बारह यादृच्छिक लड़ाई खेलेंगे, जिसमें से ग्यारह में आपको 750 से अधिक अनुभव अंक प्राप्त होंगे, और उनके लिए 450 हजार की क्षति भी होगी।
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एलओसी से महज 10-12 किलोमीटर पर शारदा पीठ स्थित है। यह श्रीनगर से 130 किलोमीटर दूर किशनगंगा नदी के किनारे बना है। शारदा पीठ के बारे में पौराणिक मान्यता है कि इस स्थान पर सती का दाहिना हाथ गिरा था। इसलिए इस जगह जगह को शक्तिपीठों में गिना जाता है। इसके अलावा यह स्थान कश्मीरी पंडितों के प्रमुख तीर्थ स्थानों में से एक है। शारदा पीठ पूर्व काल में अध्ययन का केंद्र हुआ करता था। कहा जाता है कि लगभग 237 ईस्वी पूर्व राजा अशोक के शासन काल में इसे स्थापित किया गया था। कुछ जानकार इस मंदिर को 5 हजार साल पुराना बताते हैं। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद शारदा पीठ में पहली बार साल 2019 में पूजा-अर्चना की गई थी। वर्तमान समय में यह मंदिर खंडहर में तब्दील हो चुका है। पिछले कुछ समय से शारदा पीठ की यात्रा के लिए बातचीत की जा रही है ताकि भारत से जाने वाले श्रद्धालुओं को यहां जाने के लिए अधिक परेशानियों का सामना न करना पड़े। शारदा पीठ को अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र भी कहा जाता है। मान्यता है कि व्याकरण के रचयिता पाणिनी और अन्य विद्वानों द्वारा लिखित ग्रंथ मौजूद थे। इसलिए शारदा पीठ प्राचीन काल में अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र हुआ करता था। इसके अलावा शारदा पीठ अपनी लिपि के लिए भी काफी प्रसिद्ध रहा है। क्योंकि यह पीठ देश के सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय में से एक था। जिसमें तकरीबन 5 हजार विद्वान मौजूद थे। उस समय का सबसे बड़ा पुस्तकालय भी यहां मौजूद था।
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[यतीन्द्र नाथ चतुर्वेदी]_कांग्रेस इतिहास की एक दुर्घटना नहीं है। हजारों बरसों के सचल इतिहास मंथन की प्रक्रिया से करोड़ों तन-मन-धन से टूट चुके, कुचल दिए गए, निस्तेज भारतीयों की आज़ादी के एक ऐतिहासिक प्रयोग के रूप में समय के बियाबान में कांग्रेस की पैदाईश हुई। उन्नीसवीं सदी की घनी काली रात में जन्मी कांग्रेस ने बीसवीं सदी की भोर में उठकर चलना सीखा। कदम दर कदम चलकर कांग्रेस इक्कीसवीं सदी का चेहरा बनी। कांग्रेस की जड़ें भारत के इतिहास की तरह गहरी और शाखाएँ भारत के भूगोल की सरहद तक फैली हैं। तत्कालीन यूरोप की शासन-सभ्यता को शैतानियत का खिताब देकर महात्मा गांधी ने एक नए युग की स्थापना किया। कांग्रेस के चरित्र में इसके नेताओं ने जनवादी, उदार, बौद्धिक तथा विशुद्ध भारतीय उभार भरा। स्वतंत्र भारत में कई राजनीतिक दल अस्तित्व में आए लेकिन विलुप्त हो गए। कोई भी राजनीतिक दल कांग्रेस से कद ऊंचा नहीं उठ सका। बदलते समय के इस मोड़ पर अब एकजुट भारत का विचार इतना विस्तृत और गहन हो चला है जो विकास की नई जमीन देता है तथा अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने का सर्वोत्तम मार्ग है। जो देश के विभिन्न भागों में अपनी तरह से आगे बढऩे का मार्ग प्रशस्त करता है। सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि कैसे फिर से अर्थव्यवस्था पटरी पर लाई जा सके। देश के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा मिल सके, ताकि वह कमजोर और जरूरतमंदों के प्रति उदार रहें तथा दहपट और कुटिल लोगों से सख्त व्यवहार कर सकें। देश आंतरिक और बाह्य चुनौतियों का मुकाबला कर सके। अब एक भी क्षण गंवाने का वक्त नहीं है,हाशिये पर गए लोगों के लिए जरूरत भर भोजन, वस्त्र, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, छत और शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। यह संवेदन शील सम्भावनाओं का समय है।
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लगातार दो हार के बाद राजस्थान रॉयल्स जीत की पटरी पर लौट आई है. IPL 2022 के 52वें मैंच में राजस्थान ने पंजाब को 6 विकेट से हरा दिया है. इस जीत के साथ राजस्थान की टीम अंकतालिका में तीसरे स्थान पर आ चुकी है. आईपीएल 2022 के 52वें मैच में राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) की टीम ने पंजाब किंग्स (Punjab Kings) को 6 विकेट से हरा दिया. इस मैच में पंजाब के गेंदबाजों ने उनकी लुटिया डुबोई जो इतने बड़े लक्ष्य का बचाव भी नहीं सके. टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी पंजाब ने राजस्थान को 190 रनों का लक्ष्य दिया. ये स्कोर और भी बड़ा हो सकता था अगर राजस्थान के लिए एक बार फिर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) की लेग स्पिन का जलवा नहीं दिखता. जवाब में उतरी राजस्थान ने 4 विकेट के नुकसान पर 2 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया. लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान के लिए यशस्वी जायसवाल ने 68 रनों की पारी खेली और अंत में हेटमायर ने टीम को जीत दिलाई है. राजस्थान ने इस जीत के साथ प्लेऑफ के लिए अपनी दावेदारी को और मजबूत किया है. इस मैच का परिणाम देख एक जहां पंजाब के फैंस थोड़े नाराज लग रहे हैं तो वहीं राजस्थान के फैंस काफी खुश नजर आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी #RRvsPBKS टॉप ट्रेंड कर रहा है. दोनों ही टीमों के फैंस इसी हैशटैग के जरिए अपना-अपना रिएक्शन दिए जा रहे हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राजस्थान के 11 मैचों में 7 जीत के साथ 14 अंक हो गए हैं और वह 10 टीमों की अंक तालिका में तीसरे नंबर पर है. दूसरी ओर, पंजाब किंग्स की 11 मैचों में यह छठी हार है. पंजाब को अभी तक 5 मुकाबलों में जीत मिली है.
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मुंबई। पोर्नोग्राफी केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में राज कुंद्रा की हिरासत आज यानी मंगलवार को खत्म हो रही है तो वहीं अब इस मामले अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी भी निशाने पर आ गई हैं। जानकारी के अनुसार राज और शिल्पा के संयुक्त खाते की जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि इस खाते से पोर्न फिल्मों के पैसे की लेन-देन की गई है। इतना ही नहीं इस मामले का खुलासा होते ही राज कुंद्रा ने अपना मोबाइल बदल लिया था। यह खुलासा राज ने मुंबई क्राइम ब्रांच को पूछताछ में हुआ है। संयुक्त खाते की जांच तेजः शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के संयुक्त पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के खाते में करोड़ों रुपये जमा होते रहे हैं। पुलिस को शक है कि हॉट शॉट्स एप और बॉलीफेम एप से काली कमाई की रकम इसी खाते में जमा होती थी। इसलिए क्राइम ब्रांच की चार सदस्यीय टीम इस खाते में हुए लेनदेन की बारीकी से जांच कर रही है। जांच में यह भी सामने आया है कि पंजाब नेशनल बैंक में संयुक्त खाते के अलावा कुंद्रा का एक और खाता भी है लेकिन वर्ष 2016 से इस खाते में एक भी लेनदेन नहीं हुआ है। आश्चर्य यह कि इस खाते में न्यूनतम बैलेंस का भी ध्यान नहीं रखा गया है। बता दें कि अँधेरी ऑफिस में मिले गुप्त अलमारी में पीएनबी में राज और शिल्पा के संयुक्त खाते के दस्तावेज और कई पोर्न फिल्मों की स्क्रिप्ट मिली है। राज के लिए आज का दिन अहमः राज कुंद्रा को मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच के प्रॉपर्टी सेल में लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। राज कुंद्रा की पुलिस हिरासत आज यानी 27 जुलाई को खत्म हो रही है। मुंबई पुलिस के सूत्र के मुताबिक पोर्नोग्राफी मामले में पुलिस राज कुंद्रा की हिरासत बढ़ाना चाहती है। राज कुंद्रा के साथ उनकी कंपनी में आईटी प्रमुख रयान थोर्प की भी पुलिस हिरासत आज खत्म हो रही है। वहीं, राज कुंद्रा ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया है। आज उनकी इस याचिका पर भी सुनवाई होगी। मुंबई। पोर्नोग्राफी केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में राज कुंद्रा की हिरासत आज यानी मंगलवार को खत्म हो रही है तो वहीं अब इस मामले अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी भी निशाने पर आ गई हैं। जानकारी के अनुसार राज और शिल्पा के संयुक्त खाते की जांच की जा रही है। पुलिस को शक है कि इस खाते से पोर्न फिल्मों के पैसे की लेन-देन की गई है। इतना ही नहीं इस मामले का खुलासा होते ही राज कुंद्रा ने अपना मोबाइल बदल लिया था। यह खुलासा राज ने मुंबई क्राइम ब्रांच को पूछताछ में हुआ है।
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भाषा सौष्ठव - सूरदास जी की भाषा विशुद्ध ब्रज है । सूर व्रज भाषा के सर्वप्रथम और सर्वश्रेष्ठ कवि है । सबसे पहले उन्ही के द्वारा बजभाषा का सुदर और सुव्यवस्थित रूप सामने उपस्थित हुआ है। उनकी भाषा मे स्वाभाविकता और व्यावहारिकता की छुटा है । वह चलती हुई है और बोलचाल की भाषा से अपना महत्वपूर्ण सबंध रखती है। सूरदास जी ने अपनी प्रतिभा शक्ति से उसे परिमार्जित करके साहित्यिकता का स्वरूप प्रदान किया है। वह सयत, गठी हुई और प्रवाहपूर्ण है। माधुर्य और प्रसाद उसका गुण है । उसमे अर्थ और भाव-व्यजना की पूर्व शक्ति है । संस्कृत के तत्सम और ब्रज भाषा के ठेठ शब्दो से उसका व गार हुआ है । कही-कही अवधी, फारसी, पजाबी, गुजराती और बु देलखडी के शब्द भी उसमे प्राप्त होते है; किन्तु इन शब्दो के प्रयोग से उसकी प्रवाहशीलता मे कोई बाधा उपस्थित नही होती । फारसी इत्यादि भाषाश्रो के शब्द तद्भव रूप में प्रयुक्त हुए है । कही-कही शब्द तोडे-मरोडे भी गए है, पर शब्दो के तोडने-मरोडने से सौदर्य मे न्यूनता नही आने पाई है। यत्र-तत्र व्याकरण की अशुद्धियाँ भी मिलती है । लोकोक्तियो और मुहाविरो का प्रयोग भी सूरदास जी ने बडी निपुणता के साथ किया है । है सूरदास जी का भाषा पर प्रभुत्व है। उन्होने भावो के अनुरूप ही अपनी भाषा का निर्माण किया है। उनके शब्द उनके भावों को प्रगट करने मे बड़े निपुण और पटु है। उनमे ओजस्विता, माधुर्य और भाव-व्यंजना की पूर्व शक्ति है । चमत्कार - सूरदास जी की शैली गीति-काव्यो की है। उनके पदो का गीति - माधुये ही उनकी सबसे बडी विशेषता है । सूरदास जी इस शैली के प्रथम और अन्तिम श्राचार्य है। प्रथम इसलिए कि सर्वप्रथम उन्होने ही इस शैली के परिष्कृत और परमोज्ज्वल स्वरूप को सामने प्रस्तुत किया, यद्यपि सूरदास जी के बहुत पूर्व लोक-गीतो के रूप मे यह शैली जन-वर्ग में प्रचलित थी । साहित्य मे भी नाथ सम्प्रदाय के साधुओ - जयदेव और विद्यापति इत्यादि - कवियो - के द्वारा इस शैली को स्थान प्राप्त हो चुका था, पर हिन्दी काव्य
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अजमेर। देश में कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन के बीच सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने देश के मुसलमानों से 24-25 अप्रेल से शुरू होने जा रहे रमज़ान के मुबारक महीने के दौरान लोगों से अपने घरों में ही तरवावी पढने और सामूहिक रोज़ा इफ़्तार से बचने की अपील की है। दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान ने मंगलवार को मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे रमज़ान में तरावी के लिए मस्जिदों में ना जाकर अपने घरों में ही पढ़े इस दौरान सोश डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन करें। किसी भी सूरत में सामूहिक रोज़ा इफ़्तार ना करें। सभी अपने घरों में ही रहकर इबादत और इस बीमारी से निजात पाने की दुआ करें। उन्होंने कहा की आज पूरा देश कोरोना वायरस से जंग लड रहा है, केंद्र व राज्य सरकार मिलकर हम सबको इस बीमारी से बचाने का हर सम्भव प्रयास कर रही है। हम केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करें और प्रशासन को सहयोग करें। सामूहिक रोज़ा इफ़्तार की जगह रोजा खोलते समय सिर्फ़ परिवार के लोग निर्धारित फासला रखते हुए रोजा खोलें। दरगाह दीवान ने कहा की रोजे में तरावी का एहतेमाम अपने घरों में ही करें और उसमें भी कम से कम लोग ही जमात में रहें। हर माता पिता यह भी सुनिश्चित करें की रोजा इफ़्तार के बाद या रातों को उन के नौजवान बच्चे घरों में ही रहें, किसी भी क़िस्म से सड़कों या बाज़ारो में ना निकले। उन्होंने कहा की रमज़ान एक मुबारक महीना है। इसमें हम ज्यादा से ज्यादा अल्लाह की रहमत और गुनाहों से बख़्शीश हासिल कर सकते हैं। इसलिए तमाम मुसलमानों से अपील करता हूं कि घरों में रहकर रोजे, नमाज़ की पाबंदी रखें और अल्लाह से दुआ करें कि हम सब और हमारा मुल्क़ इस बीमारी से बचा रहे। दरगाह दीवान ने कहा की हर मुसलमान रमज़ान के महीने मे अपनी ज़कात और फ़ितरा निकाल कर ग़रीबों को देता है। आज समय की आवश्यकता है की हम सब अपनी हैंसियात के अनुसार ज़यादा से ज़यादा ग़रीबों, ज़रूरतमंदों तक उस पैसे को पहुंचाएं ताकि उनकों दो वक़्त की रोटी मिल सके। दरगाह दीवान ने देश की तमाम दरगाहों के सज्जादानशीन और वहां की इंतेजामिया को भी हिदायत दी है की केंद्र व राज्य सरकारों के दिशानिर्देशों का सख़्ती से पालना करते हुए वे देश में, अपने प्रदेशों, अपने शहरों में लोगों को रमज़ान में नमाज़ व तरावी अपने घरो में पढने को कहें और कही भी सामूहिक रोज़ा इफ़्तार ना हो इसके लिए लोगों को जागरुक करें।
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एलन मस्क ने खुद से ब्लू टिक छीनकर रवीश कुमार को बेड़ी से आजाद कर दिया है। लेकिन रवीश कुमार खुद को उस एनडीटीवी से कब जुदा करेंगे जिसमें 'गोदी सेठ' की हिस्सेदारी है। 15 जनवरी, 2021 उन्होंने ट्वीट कर अपने साथ हुए 'गंभीर ऑनलाइन फर्जीवाड़े' का खुलासा किया था तब लोगों ने उनकी मंशा पर शक जाहिर किया था। मीडिया को गोदी मीडिया कहकर दुष्प्रचारित करने वाले कथित निष्पक्ष पत्रकार रवीश कुमार राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। मैं लोकसभा में हूँ उनके सामने. . . . . . रवीश कुमार की उन आकांक्षाओं का प्रस्फुटन हुआ है, जो ब्रजेश पांडेय में पूरा नहीं हो पाया। रवीश कुमार विलायती वेब सीरिज के उस सुरक्षाकर्मी की हालत में जा चुके हैं, जिसे इंतजार है कि वो आए और वे निस्तेज गति को प्राप्त हो जाएँ। सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि एनडीटीवी ने प्राइम टाइम के एंकर के तौर पर रवीश कुमार की जगह संबित पात्रा को रख लिया है। एनडीटीवी मीडिया की अन्य दुकानों की तरह ही है। न पवित्र गाय, न सूअर। वे बस हुनरमंद रहे हैं विष्ठा को भस्म बता बेचने और खुद को बुद्धिजीवी बताने के। NDTV की होल्डिंग कंपनी पर अडानी समूह के नियंत्रण के बाद रवीश कुमार ने चैनल से इस्तीफा दे दिया है। लोगों ने पूछा - 'जात तक' में जाएँगे अब? NDTV की होल्डिंग कंपनी पर अडानी समूह के नियंत्रण के बाद रवीश कुमार ने चैनल से इस्तीफा दे दिया है। जम कर फैलाते थे मोदी विरोधी प्रोपेगंडा। फोर्ड फाउंडेशन और जॉर्ज सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के साथ संबंधों को लेकर रवीश कुमार की डॉक्यूमेंट्री While We Watched सवालों के घेरे में।
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नारायणपुर। कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आईजी, आयुक्त और पुलिस अधीक्षक और कलेक्टरों का कॉन्फ्रेंस आयोजित हुआ था। कॉन्फ्रेंस में समीक्षा के दौरान माननीय मुख्यमंत्री ने क्षेत्र की में शांति और उन्नति के आधार पर जिला नारायणपुर के थाना कोहकमेटा को उत्कृष्ट थाना का दर्जा दिया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा राज्य के केवल 03 पुलिस थाना कोहकामेटा (नारायणपुर), कोतवाली रायगढ़ और पाटन (दुर्ग) को उत्कृष्ट थाना का दर्जा दिया है। थाना कोहकामेटा जिला मुख्यालय नारायणपुर से पश्चिम में करीबन 28 किमी की दूरी पर स्थित अबूझमाड़ के सबसे अंदरूनी थानों में से एक है। विगत कई वर्ष पूर्व करीबन 1983-84 में थाना कोहकामेटा को स्थापित किया गया था, किन्तु नक्सलियों के बढ़ते दबाव तथा सुरक्षागत् कारणों से थाना कोहकामेटा को हटाया गया था। ग्राम कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत माओवादियों की लगातार उपस्थिति, सक्रियता व बढ़ते अपराध को दृष्टिगत् रखते हुये राज्य सर्कार मंशानुरूप दिनांक 29. 11. 2018 को कैम्प स्थापित कर जिला बल व 53वीं वाहिनी आईटीबीपी की कम्पनी को तैनात किया गया तथा दिनांक 01. 01. 2020 को कैम्प को थाना में उन्नत किया गया है। वर्तमान में थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत माओवादियों के माड़ डिवीजन, कुतुल एरिया कमेटी, कोहकामेटा एल. ओ. एस. व कोहकामेटा एल. जी. एस. सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। ग्राम कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत कैम्प व थाना स्थापित होने उपरांत सुरक्षाबलों की उपस्थिति में माओवादियों पर दबाव बढ़ा है, जिससे क्षेत्र रहने वाले आमजनता/ग्रामीणों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास-विकास-सुरक्षा की भावना बढ़ी है। थाना बनने के उपरांत ग्राम कुदला से कोहकामेटा की बीच आर. आर. पी-02 योजनान्तर्गत 08 किमी का रोड़ निमार्ण कार्य सुरक्षा बलों की उपस्थिति में पूर्ण हो चूका है तथा वर्तमान में कोहकामेटा से ईरकभट्टी के बीच का रोड निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही आर. आर. पी-02 योजनान्तर्गत ग्राम किहकाड़ मुरनार, बेचा तथा कोहकामेटा से हतलानार होते हुए जिला मुख्यालय नारायणपुर तक का जी. एस. बी. कार्य पूर्ण हो चूका है मार्ग जल्द ही पूर्ण हो जायेगी। थाना स्थापित होने से सुरक्षा बलो की मौजूदगी में कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत हर गांव में सोलर ड्यूल पम्प, सोलर लाईट्स, बिजली की सुविधाएं निरंतर ग्रामीणों को मिल रही है इससे पूर्व माओवादियों द्वारा आये दिन पेड़ काटकर, गड्डे खोदकर, बिजली पोल गिराकर मार्ग अवरूद्व करने जैसी घटनाएं कारित किया करते थे। कोहकामेटा में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनने से लोगो को चिकित्सीय सुविधा के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर एम्बुलेंस की सुविधाएं भी उपलब्ध हो रही है। ग्राम कोहकामेटा में प्रत्येक शनिवार के दिन साप्ताहिक बाजार रहता है। अबूझमाड़ क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामों के ग्रामीण बाजार आकर वनोपज को उचित दाम पर बेचते है जिससे बाजार की रौनक बढ़ गई है। इससे पूर्व ग्रामीण अपने रोजमर्रा की चीजे खरीदने के लिए जिला मुख्यालय आया करते थे। निरंतर आमजनता व पुलिस के मेल मिलाप होते रहने से ग्रामीणों के मन में विश्वास-विकास-सुरक्षा की भावना बढ़ी है। पहले की तरह पुलिस के प्रति डर की भावना नही है। आवश्यकता होने पर स्वयं ही थाना में आकर अपने समस्या बताते है। थाना बनने से धान खरीदी केन्द्र, बैकिंग सुविधाएं मिलने लगी है साथ ही सुरक्षा बलों की उपस्थिति में जिओ मोबाईल टॉवर लगाया गया है जिसे आगामी 10 दिनों के भीतर शुरू कर दिया जायेगा जिससे अबूझमाड़ के 10 किमी के दायरे में कव्हरेज होने से आसपास के ग्रामीणों को लाभ मिल सकेगा जैसे - ग्राम ईरकभट्टी, कच्चापाल, कानागांव, मुरनार, बेचा, हतलानार, आदि आसपास के ग्रामों तक नेटवर्क आसानी से उपलब्ध हो सकेगा तथा पुलिस को ज्यादा से ज्यादा माओवादियों के गोपनीय सूचना मिल सकेगा। थाना कोहकामेटा क्षेत्रान्तर्गत वर्ष 2022 में 02 आई. ई. डी. बरामद किया जा चूका है।
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नडियाद (गुजरातीःનડીયાદ) गुजरात के खेड़ा जिले का मुख्य शहर है। यहां का संतराम मंदीर के समाजसेवी कार्य सारे चरोतर में प्रशंसापात्र है। नडीयाद के आसपास चिकोरी का खेत उत्पाद होता है वह कोफ़ी के बदलें लोग वापरते हैं। . 5 संबंधोंः महापौर, सांसद, खेड़ा जिला, गुजरात, गुजराती भाषा। महापौर किसी नगर के प्रशासक को कहते हैं। कई बार महापौर का चुनाव उस नगर में रहने वाले लोगों द्वारा किया जाता है और अन्य कई बार, एक केंद्रीय सरकारी समिति यह निर्णय लेती है की किसी नगर का महापौर कौन होगा। बहुत से संघीय देशों जैसे जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका में महापौर नगर-राज्य की सरकार का प्रमुख भी होता है। In श्रेणीःसमाजशास्त्र. सांसद, संसद में मतदाताओं का प्रतिनिधि होता है। अनेक देशों में इस शब्द का प्रयोग विशेष रूप से निम्न सदन के सदस्यों के लिए किया जाता है। क्योंकि अक्सर उच्च सदन के लिए एक अलग उपाधि जैसे कि सीनेट एवं इसके सदस्यों के लिये सीनेटर का प्रयोग किया जाता है सांसद अपनी राजनीतिक पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर संसदीय दल का गठन करते हैं। रोजमर्रा के व्यवहार में अक्सरसांसद शब्द के स्थान पर मीडिया में इसके लघु रूप "MP"का प्रयोग किया जाता है। . खेड़ा भारतीय राज्य गुजरात का एक जिला है। जिले का मुख्यालय खेड़ा है। क्षेत्रफल - 3943 वर्ग कि.मी. गुजरात (गुजरातीःગુજરાત)() पश्चिमी भारत में स्थित एक राज्य है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा जो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा भी है, पाकिस्तान से लगी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश इसके क्रमशः उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित राज्य हैं। महाराष्ट्र इसके दक्षिण में है। अरब सागर इसकी पश्चिमी-दक्षिणी सीमा बनाता है। इसकी दक्षिणी सीमा पर दादर एवं नगर-हवेली हैं। इस राज्य की राजधानी गांधीनगर है। गांधीनगर, राज्य के प्रमुख व्यवसायिक केन्द्र अहमदाबाद के समीप स्थित है। गुजरात का क्षेत्रफल १,९६,०७७ किलोमीटर है। गुजरात, भारत का अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। कच्छ, सौराष्ट्र, काठियावाड, हालार, पांचाल, गोहिलवाड, झालावाड और गुजरात उसके प्रादेशिक सांस्कृतिक अंग हैं। इनकी लोक संस्कृति और साहित्य का अनुबन्ध राजस्थान, सिंध और पंजाब, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के साथ है। विशाल सागर तट वाले इस राज्य में इतिहास युग के आरम्भ होने से पूर्व ही अनेक विदेशी जातियाँ थल और समुद्र मार्ग से आकर स्थायी रूप से बसी हुई हैं। इसके उपरांत गुजरात में अट्ठाइस आदिवासी जातियां हैं। जन-समाज के ऐसे वैविध्य के कारण इस प्रदेश को भाँति-भाँति की लोक संस्कृतियों का लाभ मिला है। . गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। वहीं इसके कई शब्द ब्रजभाषा के हैं ऐसा भी माना जाता है की इसका जन्म ब्रजभाषा में से भी हुआ अर्थात संस्कृत और ब्रजभाषा के मिले जुले शब्दों से गुजरातीे भाषा का जन्म हुआ। दूसरे राज्य एवं विदेशों में भी गुजराती बोलने वाले लोग निवास करते हैं। जिन में पाकिस्तान, अमेरिका, यु.के., केन्या, सिंगापुर, अफ्रिका, ऑस्ट्रेलीया मुख्य है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मातृभाषा गुजराती थी। गुजराती बोलने वाले भारत के दूसरे महानुभावों में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मुहम्मद अली जिन्ना, महर्षि दयानंद सरस्वती, मोरारजी देसाई, नरेन्द्र मोदी, धीरु भाई अंबानी भी सम्मिलित है। .
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गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा, पीएम नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता को सेवा का माध्यम मानकर गरीबों, किसानों, महिलाओं और वंचितों को उनके अधिकार दिए जिससे लोकतंत्र में उनका विश्वास जगा और वो देश की विकास यात्रा में सहभागी बने. केंद्र की मोदी सरकार ने 26 मई 2014 को देश के 15वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी. मोदी सरकार (Modi Government) के 8 साल पूरे हो गए हैं. इस मौके पर गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा, पीएम नरेंद्र मोदी जी ने सत्ता को सेवा का माध्यम मानकर गरीबों, किसानों, महिलाओं और वंचितों को उनके अधिकार दिए जिससे लोकतंत्र में उनका विश्वास जगा और वो देश की विकास यात्रा में सहभागी बने. अनेकों ऐतिहासिक उपलब्धियों से परिपूर्ण इन 8 वर्षों की सभी देशवासियों को बधाई. गत 8 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के हर नागरिक के सपनों और आकांक्षाओं को पंख देकर उनमें नया आत्मविश्वास जगाया है. मोदी जी ने अपने सक्षम नेतृत्व व दृढ़ इच्छाशक्ति से न सिर्फ देश को सुरक्षित करा बल्कि कई ऐसे निर्णय लिए जिससे हर देशवासी का सिर गर्व से ऊँचा उठा. मोदी जी के रूप में आज भारत के पास एक ऐसा नेतृत्व है जिसपर हर वर्ग को विश्वास भी है और गौरव भी. टेक्नोलॉजी हो या खेल, स्वास्थ्य हो या रक्षा, विकास हो या गरीब कल्याण आज @narendramodi जी के नेतृत्व वाले भारत की हर नीति और हर उपलब्धि पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है। अमित शाह ने आगे कहा, अपने अथक परिश्रम से जनता की अपेक्षाओं को पूरा करना इस विश्वास का मजबूत स्तंभ है.130 करोड़ भारतीयों के विश्वास की ये शक्ति आज देश को हर क्षेत्र में आगे ले जा रही है. टेक्नोलॉजी हो या खेल, स्वास्थ्य हो या रक्षा, विकास हो या गरीब कल्याण आज जी के नेतृत्व वाले भारत की हर नीति और हर उपलब्धि पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है. एक सक्षम नेतृत्व से भारत कैसे आपदा को अवसर में बदलता है ये नये भारत ने पूरे विश्व को दिखाया. मैं नए भारत के निर्माण की यात्रा के रूप में देखता हूं. नए भारत का अर्थ एक सशक्त, सक्षम, समर्थ और आत्मनिर्भरता की भावना युक्त भारत है. यह सुखद है कि पिछले आठ वर्षों में इस भारत की आधारशिला रखने का काम मोदी जी ने किया है. इस दौरान देश के समक्ष कोविड संकट सहित अनेक बाधाएं और चुनौतियां आईं, लेकिन मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश ने मजबूती से उनका सामना किया और नए भारत के निर्माण की यात्रा सतत जारी रही.
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दक्षिणा और चढ़ावे की हेराफेरी के नित नए खुलासों के बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के चार पुजारी लखनऊ तलब कर लिए गए हैं। पुजारियों के हड़ताल पर जाने की सुगबुगाहट के बीच शासन ने उन्हें बुलाया है। मंगलवार की शाम सभी पुजारी रवाना हो गए। प्रमुख सचिव (धर्मार्थ कार्य) नवनीत सहगल के सामने उनकी बुधवार की सुबह पेशी होगी। निलंबन और तबादले की कार्रवाई के बाद पुजारियों ने जहां एकजुटता के लिए कई दौर की बैठकें की हैं, वहीं जानकारी मिली थी कि अर्चक किसी भी समय धरना-प्रदर्शन की राह पकड़ सकते हैं। गर्भगृह में दक्षिणा लेने के आरोप में वरिष्ठ अर्चक डॉ. गणपति झा के निलंबन के बाद जहां पुजारी मंदिर प्रशासन के विरोध में मुखर होने लगे थे, वहीं हफ्ते भर बाद ही अर्चक डॉ. श्रीकांत मिश्र का महाकालेश्वर मंदिर सकलडीहा(चंदौली) और दक्षिणा लेने के आरोप में नीरज पांडेय का ब्रह्मेश्वर मंदिर के लिए तबादला किए जाने के बाद प्रशासन और पुजारियों के बीच टकराव बढ़ गया था। इस बीच पुजारियों ने तीन दौर की बैठकें कर मंदिर प्रशासन की कलई खोलने की रणनीति बनाई। कार्यपालक समिति की बैठक में मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण के सामने ही अर्चकों ने सीईओ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे। इस बीच पता चला था कि उत्पीड़न से नाराज पुजारी किसी भी समय धरने पर बैठ सकते हैं। इसकी जानकारी मिलने के बाद विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने दूसरे मंदिरों, मठों से संपर्क कर पुजारियों का विकल्प तैयार करना शुरू कर दिया है, ताकि ऐसी नौबत आने पर बाबा के दरबार में पूजा-पाठ का काम प्रभावित न होने पाए। सोमवार को लखनऊ बुलाए गए सीईओ अजय कुमार अवस्थी ने इन घटनाक्रमों की जानकारी जब प्रमुख सचिव को दी तब उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप किया। प्रमुख सचिव ने कुछ अर्चकों से फोन पर बात भी की। इस मामले में निलंबित अर्चक गणपति झा, नीरज पांडेय और श्रीकांत मिश्र को लखनऊ तलब किया गया है। तीनों देर शाम लखनऊ के लिए रवाना हो गए। इनके साथ अर्चक ओम प्रकाश भी गए हैं। इससे पहले मंदिर में गड़बड़ियों की शिकायत की जांच कर रहे सीडीओ विशाख जी के समक्ष पुजारियों, भंडारियों और एक लिपिक का बयान दर्ज कराया गया था।
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पुलिस के अनुसार, आरोपी नौकरी चाहने वालों को बुलाते थे और पंजीकरण शुल्क जमा करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट का वादा करते थे। पुलिस ने कहा कि वे अक्सर अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेते थे और फेक नियुक्ति पत्र जारी करते थे। Fake call centres busted दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर पर रेड किया है। पुलिस ने ठगी के आरोपी सात लोगों को अरेस्ट किया है। गिरफ्तार लोगों में पांच महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस (Bhikaji Cama Place) के एक महंगे कमर्शियल टॉवर में की है। पुलिस के अनुसार, आरोपी नौकरी चाहने वालों को बुलाते थे और पंजीकरण शुल्क जमा करने के बाद उन्हें प्लेसमेंट का वादा करते थे। पुलिस ने कहा कि वे अक्सर अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लेते थे और फेक नियुक्ति पत्र जारी करते थे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान करण कुमार (24), रोहित कश्यप (21), स्वीटी शर्मा (46), यास्मीन (25), प्रीति (21), आंचल (19) और मुस्कान सिंह (19) के रूप में हुई है। एक महिला द्वारा नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगे जाने की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस हरकत में आई। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसे मुस्कान नामक एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने दावा किया कि एक ऑनलाइन नौकरी के लिए रिक्तियां हैं। जॉब पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है। पोर्टल में आवेदन किए जाने के बाद आवेदनकर्ता से इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था। इंटरव्यू, भीकाजी कामा प्लेस में जॉब कंसल्टेंसी फर्म में लिया जाता था। पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम हर्षवर्धन ने कहा कि उन्होंने शिकायतकर्ता से 3,500 रुपये और 8,500 रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया और उसे एक नियुक्ति पत्र जारी किया, लेकिन यह फर्जी निकला। जांच के दौरान भीकाजी कामा प्लेस स्थित सोमदत्त चैंबर-द्वितीय में छापेमारी की गई और सनशाइन एचआर ग्लोबल सर्विसेज के नाम से फर्जी कॉल सेंटर संचालित पाया गया। डीसीपी ने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सनशाइन एचआर ग्लोबल सर्विसेज के दो लैपटॉप, 16 मोबाइल फोन, कई रजिस्टर और जाली नियुक्ति पत्र पैड बरामद किए गए। वर्धन ने कहा कि आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्होंने लगभग 23 लाख रुपये के लगभग 250 बेरोजगार युवकों को ठगा। यह भी पढ़ेंः
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पेंटागन का बड़ा खुलासा - चीन तेजी से बढ़ा रहा महाविनाशक हथियारों का जखीरा, 2030 तक बना लेगा 1000 परमाणु हथियार! चीन 2030 तक बना सकता है 1000 परमाणु हथियार। नई दिल्ली। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने अपनी ताजा रिपोर्ट में ड्रैगन के नापाक और विनाशकारी इरादों का खुलासा कर दिया है। पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन तेजी से अपनी परमाणु ताकत में बढ़ोतरी कर रहा है। वह 2030 तक परमाणु हथियारों की संख्या 1000 तक पहुंचा लेगा। ऐसा चीन पूरी दुनिया को अपने दबाव में लेने के मकसद से कर रहा है। इतना ही नहीं, 2020 में चीन और भारत के बीच उपजे सीमा विवाद के बाद वहां की सेना ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया है। ताकि इन इलाकों में तेजी से संचार प्रदान किया जा सके और विदेशी इंटरसेप्शन से सुरक्षा की जा सके। ऐसा करने से चीन को सीमा पर खुफिया गतिविधियों, निगरानी और सैन्य गतिविधियों को तेज करने में मदद मिली है। अमरीकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया गया है कि कोरोना वायरस महामारी के बावजूद चीन ने भारत के साथ सीमा तनाव जारी रखा और सीमा पर अपने सैन्य गतिविधियों को तेज किया। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि सीमा तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच हो रहे राजनयिक और सैन्य संवादों के बावजूद चीन अपनी हरकत से बाज नहीं आया। चीन ने एलएएसी पर अपना दवाब बढ़ाने के लिए सैन्य कार्रवाई में कोई कमी नहीं की। यह भारत के खिलाफ उसके नापाक इरादों का संकेत है। इसके अतिरिक्त चीन तेजी से परमाणु हथियार को बढ़ा रहा है। आगामी 6 सालों में चीन के पास परमाणु हथियारों की संख्या 700 हो सकती है और 2030 तक यह आंकड़ा 1000 के पार पहुंच सकता है। रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया कि आज चीन के पास कितने परमाणु हथियार हैं। एक साल पहले अपनी रिपोर्ट में पेंटागन ने दावा किया था कि चीन के पास 200 से कम परमाणु हथियार थे। बता दें कि पिछले चार सालों से भारत और चीन के बीच लगातार गतिरोध जारी है। पहले डोललाम और उसके बाद एलएसी पर जारी सीमा विवादों की वजह से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। साल 2020 के बाद इस बार भी ठंड में लद्दाख की बर्फीली चोटियों पर दोनों देशों के सेनाएं आमने-सामने की स्थिति में होंगी। भारत ने भी चीन के इरादे को देखते हुए अपनी तैयारियां तेज कर दी है। किसी अनहोनी की स्थिति में चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना तैयार हैं।
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शिलांगः मेघालय उच्च न्यायालय ने पश्चिम खासी हिल्स और राज्य के अन्य जिलों में बिना आधिकारिक सहमति के चल रहे में सभी कोयला संयंत्रों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति वानलूरा डेंगदोह की खंडपीठ ने मोनू कुमार द्वारा दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को यह आदेश दिया। अदालत ने मुख्य सचिव को ऐसी स्थिति की पुष्टि करते हुए 19 दिसंबर तक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, "अन्य सभी कोयला संयंत्र, जो भी आकार के हो सकते हैं और जो भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसे नियंत्रित कर रहे हैं, उन्हें आज से ही बंद कर देना चाहिए। "न्यायालय ने यह भी कहा कि पश्चिम खासी हिल्स के उपायुक्त पुलिस अधीक्षक के साथ कारण बताएंगे कि उनके अधिकार क्षेत्र में बिना किसी अधिकार के संचालित कोयला बनाने वाली सभी इकाइयों के खिलाफ कदम उठाने में विफल रहने के लिए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों की जानी चाहिए। इसके अलावा अदालत ने राज्य के अन्य जिलों में सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि संचालन के लिए उचित सहमति प्राप्त बिना उनके अधिकार क्षेत्र में कोयला बनाने वाली कोई भी इकाई संचालित नहीं हो रही है। (वार्ता)
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